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अजय खुशी खुशी दुकान चला जाता है।और दूसरी ओर सुधा के चेहरे पे एक अलग ही खुशी थी मानो उसे स्वर्ग मिल गया हो।वो बिस्तर पे लेती हुई अपनी मैक्सी ऊपर करती और अपनी बुर को हाथ लगने ही वाली थी कि उसे अजय की बात याद आ जाती हैं कि बुर को हाथ नहीं लगाना है
सुधा अपने बुर से बात करती है और कहती है।
मैं तुझे हाथ नहीं लगा सकती क्योंकि तेरे मालिक का हुकुम है और ये कहकर वो मैक्सी नीचे करके थोड़ा आराम करने लगती है।सुनीत भी घास काट कर घर आ जाती है और खाना बनाने की तैयारी में लग जाती है और सुधा भी थोड़ी देर सोने के बाद उठकर अपनी मां का हाथ बटाने लगती है।
८ बजे तक अजय घर आ जाता है और सब खाना खा कर सो जाते है।सुबह अजय जल्दी उठता है और कसरत करने छत पे चला जाता है तब तक सुनीता भी उठ जाती है और नाश्ता बनाने लगती है और सुधा भी थोड़ी देर बात उठकर अपनी मम्मी की मदद करने लगती है।अजय कुछ कसरत खत्म हो जाती है और उसे पेशाब लगती है तो वो नीचे आ जाता है और देखता है कि सुनीता बाथरूम के अंदर जा रही होती है नहाने के लिए।और अजय फिर पेशाब करके किचेन में जाता है तो देखता है सुधा खड़ी होकर खाना बना रही होती है।सुधा इस टाइम मैक्सी पहनी होती है।अजय सुधा को देखकर अपने लौड़े को बॉक्सर के ऊपर से मसल देता है और सीधा उसके पीछे जाकर खड़ा हो जाता है।और फिर अपना खड़ा लन्ड उसकी गांड़ के दरार में फसा देता है और खिसने लगता है।सुधा को ये महसूस होता है तो पीछे मुड़कर देखती है और बोलती है।
सुधा:आप उठ गए.....आह आह आह आह थोड़ा धीरे मेरे राजा आपका लौड़ा बहुत कड़क है।और आराम से करिए मम्मी घर में हैं अभी।
ये सुनकर कर अजय मैक्सी के ऊपर से ही दो तपड़ जड़ देता है और कहता है मम्मी भी नहाने गई और आधे घंटे बाद ही निकलेगी तू मजे ले मेरी रानी।क्या हुआ पसंद नहीं आया क्या और ऐसा कहते ही अजय तोड़ा पीछे हो जाता है और उसका लन्ड उसकी गांड़ की दरार से निकल जाता है और सुधा चटपटा जाती है
सुधा:मेरे राजा कोई पागल लड़की या औरत ही होगी जिसको आपका लौड़ा पसंद नहीं आयेगा और ऐसा कहते ही वो अजय को वापस अपने पास खींच लेती है और फिर से अजय का लौड़ा उसकी गांड़ के दरार में फंस जाता है
सुधा फिर कहती है आप बस खड़े रहिए मेरे मालिक मैं आपको मजा देती हु और अजय पीछे स्लैब पकड़ के खड़े हो जाता और सुधा उसका लौड़ा अपने गांड़ के दरार में फसा कर अपने गांड़ को गोल गोल खुमाने लगती है अजय सातवे असमान पे था सुधा किसी अश्लील पिक्चर की हीरोइन की तरह अजय को मजा दे रही थी
अजय:वहां मेरी रण्डी तूने तो आज दिल खुश कर दिया इसका इनाम तुझे मिलेगा मेरी चमक छल्लों
और अजय उसकी गांड़ पे तपड़ की बारिश कर देता है और सुधा की आह निकल जाती है और अजय उसके बाल पकड़ कर उसको घूमता हैं और उसको घुटने पे बैठने बोलता है।सुधा के नधुनो में उसके पेशाब की गंद जा रही थीं और उस से वो मदहोश होने लगी और अपनी जीभ निकल कर वो पूरे लौड़े को चाटने लगती है बॉक्सर के ऊपर से जिससे अजय का बॉक्सर पूरा सुधा के थूक से गीला हो जाता है और इसी बीच अजय अपने मुंह से से थूक की लार निकलता है जो नीचे नहीं गिरती और वो थूक अजय के होंठों से अभी भी जुड़ी हुई होती है सुधा तो अभी भी लौड़ा चूसने में मगन थी वो तो अपने नाक को उसके लौड़े पे रख देती और उसकी खुशबू अपने नथुने से खींचने लगती और जैसे ही उसने देखा अजय का थूक नीचे आ रहा है वो किसी सड़क चाप रण्डी की तरह अपना मुंह खोल देती है और वो थूक जो अभी भी अजय के होंठों से लगा हुआ था उस अपने मुंह के अंदर सूड़क लेती है
फिर अजय अपना लौड़ा अपने बॉक्सर से निकलता है और उसका लन्ड अब सुधा के आंखों के सामने था सुधा खुशी के मरे पागल हो जाती है और उसको अपने मुंह में ले लेती है ।उसी टाइम अजय उसके बाल को खींचता है जिससे लौड़ा उसके मुंह से बाहर आ जाता है और बोलता है साली रुक
अजय फिर उसको अपना जीभ निकलने बोलता है और सुधा किसी दासी की तरह अपना मुंह खोल कर पूरा जीभ निकल देती है और अजय अपने हाथ से अपना लौड़ा पकड़ कर उसके जीभ पे अपने लौड़े से तपड़ मरने लगता है।उसके लौड़े की खोने से अभी भी कुछ पेशाब की बूंद आ रही थी जिसे सुधा बड़े चाव से पी जाती है और अजय पूछता है
अजय:सुधा रानी कैसा लगा मेरा पीला शरबत
सुधा:बहुत स्वादिश्ट है आपका शरबत मुझे अब सुबह रोज यही चाहिए।पिलाएंग न अपनी कुतिया को अपना अमृत
अजय:उसके लिए अभी तुझे इंतजार करना पड़ेगा कुतिया और तू अपना पीला शरबत कब पीला रही है।
सुधा:मेरे स्वामी आपको पूछने की जरूर नहीं है मेरे राजा बस आप मैक्सी उठ कर कभी भी पी लीजिए करिए आपकी दासी अब आपके लिए अपना शरबत बचा कर रखेगी।वैसे आप आन दोपहर हो जब मम्मी घास काटने जाए तो घर आ जाना आपको एक मस्त चीज दिखाऊंगी जिससे आप मम्मी को अपनी बनाने में मदद होगी।
और तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुलता है और दोनों एक दूसरे से अलग हो जाते है।सुनीता बाथरूम से नहा कर बाहर निकलती है और उसका पूरा जिस्म चमक रहा था।अजय उसको देखते ही अपना लौड़ा मसल देता है और अपने मन में बोलता है तुझे तो एक दिन अपनी पर्सनल कुतिया बन कर रखूंगा सुनीता रानी
और अजय नहा धो कर नाश्ता करके दुकान के लिए निकल जाता है और अपने मन में सोचता रहता है कि सुधा उसको क्या दिखाने वाली है और फिर वो पांच बाजें घर के लिए निकल जाता है
सुधा भी अपने पड़ोस में गई तो और भी घर वापस आ जाती है और अपनी साड़ी उतर देती है और खाली ब्लाउज और साया में होती है अपने कमरे में ओर तभी अजय दाखिल होता है उसके कमरे में और सुधा मुड़कर देखती है तो उसकी आंखे चमक उठती है और वो दौड़ कर अजय के गले लग जाती है और उसको चूमने लगती है और और अजय भी उसका साथ देता है और साया के ऊपर से उसकी गांड़ दबाने लगता है
अजय:मेरी रानी तेरी इस गांड़ का तो मैं दीवान हु बहुत तड़पाया है तेरी इस गांड़ ने और एक कस का तपड़ उसकी गांड़ पे जड़ देता है।
सुधा की आह निकल जाती है और वो कहती है
सुधा:मेरे मालिक माफ कर दीजिए आपकी सुधा ने आपको इतना तड़पाया कोई रेहम मत कीजिएगा मैं सब कुछ सह लूंगी आपके लिए राजा
और अजय अपना चूमना बंद कर देता है और वही सोफे पे बैठ जाता है और अपना जींस निकल देता है और सुधा को बोलता है मेरी रानी आज तुझे अपने लौड़े का पानी पिलाऊंग चल इधर आ साली और सुधा अपनी गांड़ मटकते हुए उसके कदमों में बैठ जाती है और चड्डी के ऊपर से पहले उसके लौड़े को ऊपर से चुस्ती है और उसकी पूरी चड्डी सुधा के थूक से गीली हो जाती है और अजय उसको इशारे से रुकने बोलता है और अपनी चड्डी निकल कर उसके नाक पे रगड़ने लगता है और सुधा पूरी मदहोश हो जाती है उसके अंदर आ रही खुशबू से वो पागल हो जाती और उसको अपने जीभ से चाटने लगती है।और फिर उसके चड्डी को बगल में रखकर कर उसके लौड़े को पूरा अपने मुंह के अंदर समा लेती है और अपने मुंह को उसके लौड़े पे आगे पीछे करने लगती है।अजय सोफे पे आराम से लेटकर आनंद लेता है।पर अचानक सुधा लौड़ा निकल कर कमरे से बाहर चली जाती है और जब वापस आती है तो उसके हाथ में एक कटोरी होती है और कटोरी नीचे रख कर वो वापस लौड़ा चूसने लगती है।
फिर अजय खड़ा होता है और उसके मुंह को चोदने लगता है
सुधा:गु गु गु गु गु गु गु कर रही होती है और लौड़ा बाहर निकल कर उसपे थूकती है और वही थूक वापस चाटने लगती है उसके लौड़े से
अजय: वाह मेरी रंड आज अच्छे से इसकी सेवा कर कुतिया
सुधा:आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी मेरे स्वामी
और सुधा वापस लौड़ा मुंह से बाहर निकलती है और अपनी हथेली सामने रख कर उसपे तीन चार बार थूकती है और वही थूक से अजय के लौड़े की मालिश करने लगती है और उसकी आंखों में देखते हुए वो उसकी मालिश कर रहीं होती है और पूछती है
सुधा:कैसा लग रहा है मेरे मालिक आपकी रंड कैसे आपकी सेवा कर रहा है कोई कमी तो नहीं है न मेरे स्वामी
अजय उसको रोकते हुए अपना लौड़ा उसके हाथ से छुड़ा कर उसको बोलता है
अजय:जीभ बाहर कर चिनार
और सुधा उसकी आवाज सुनकर एकदम के आज्ञाकारी कुतिया की तरह अपना जीभ लपलपने लगती है जैसे कोई कुत्ता खाना देखकर अपनी जीभ से लार छुआने लगता है वैसे ही सुधा भी अपने जीभ से अपने थूक की लार रोक नहीं पाती और वो नीचे गिरने लगती है और अजय उसके जीभ पे थूक देता है और अपने लौड़े से उसके जीभ पे मरने लगता है और फिर पूरा लौड़ा उसके मुंह में ठुस देता है और सुधा की आंख बाहर निकल आती है
अजय:ले साली चिनार बहन की लौड़ी साली दो टके की रंड है तू मेरी सुधा रानी
पूरे कमरे में सुधा की गु गु गु गु गु गु की आवाज आने लगती है
सुधा भी कोई रोक टोक नहीं करती है वो भी आनंद ले रही होती है वो तो कब से तरस रही थी ऐसी चुदाई के लिए। वो भी चाहती थी कोई उसे तबियत से चोदे।सुधा के मुंह से उसके थूक की लार उसके होंठों से गिरकर जमीन पे गिर रही थी और अजय ने तभी वो कटोरी सीधा उसके मुंह के नीचे रख दिया जिस से सारा थूक ठीक उस कटोरी में गिरने लगा और फिर अजय बहुत तेजी से उसका बाल को गुच्छा बनाकर उसके मुंह को चोदने लगा और
अजय:ये ले मेरी रानी एक बूंद भी बेकार नहीं जाना चाहिए
और अपना लौड़ा निकल कर अपना सारा पानी उसके मुंह के ऊपर गिरा देता है और कुछ पानी वो कटोरी में गिरा देता है
सुधा अपने उंगली से पूरा पानी अपने मुंह से साफ करके वो उंगली पूरा अंदर अपने मुंह में ले लेती है और अपनी उंगली वो चूसने लगती है और इस दौरान उसकी आंखे सीधा अजय के आंखों से मिलकर अपनी उंगली चूस रही होती है और फिर सुधा वो कटोरी अपने हाथ में लेती है और एक ही बार में पूरा थूक और अजय के वीर्य से भरी कटोरी को पी जाती है अजय इसे देकर खुश हो जाता है
अजय: दीदी अगर आपको जायद तकलीफ हुई तो माफ कर देना
अजय बहुत समय बाद सुधा को दीदी बोल रहा था
और तभी सुधा बोलती है
सुधा:नहीं मेरे भाई मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई और हर एक औरत की इच्छा होती है की उसे ऐसे प्यार करें। बहुत बहुत खुशनसीब हु जो मुझे ऐसा मर्द मिला है जो मेरी सारी इच्छा पूरी कर रहा हो और अगर कोई बाहर का आदमी होता तो बदनामी का डर अलग से .....और अब मुझे दीदी नहीं बुलाओ मेरे राजा भाई मुझे सुधा या फिर जो तुम्हारा मन करें मेरे स्वामी
अजय:ठीक है दीदी....अरे नहीं मेरी सुधा अच्छा ये बताओ तुम मुझे क्या दिखाने वाली
और तभी सुधा अपना लैपटॉप चालू करती है और एक फोल्डर खोलती है और फिर एक वीडियो चालू करती है जो कि एक मिनिट का था जब अजय उसे देखता है तो उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है और उसके चेहरे पे एक कामिनी मुस्कान आ जाती है।