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Incest मां को अपना बनाया

sunoanuj

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जबरदस्त कामुक अपडेट है ! 👏🏻👏🏻👏🏻
 
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insotter

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अपडेट

अगले दिन सुबह ही और अजय अभी तक सो रहा था।सुनीता उठ करके नहा धो कटके नाश्ता बनाने लगती हैं।सुधा भी अपने बिस्तर पर लेटी हुई थीं उसकी आंख अभी अभी खुली थी और फिर अचानक उसको रात में जो हुआ वो सब याद आ जाता है और सुबह सुबह उसकी बुर पानी छोड़ने लगती है।और फिर वो सोचती है वो अजय का सामना कैसे करेगी वो हवस के आग में इतनी आंधी हो गई कि उसने अपने सगे भाई को भी नहीं छोड़ा उसको अपने आप से बहुत नफरत होने लगी।और दूसरी ओर अजय भी अपने कमरे में उठ चुका था और उसका लन्ड उसके कमरे की छत की दीवार को सलामी दे रहा था।उसके दिमाग में सारा रात का मंज़र घूम रहा था।और इस वजह से उसका लन्ड एकदम खड़ा था।

सुनीता ने नाश्ता बना दिया था।और फिर सुधा और अजय अपना अपना नहा कर नाश्ता करने आते है दोनो में से किसी ने कुछ बात नहीं की और अजय नाश्ता करके दुकान के लिए निकल गया और सुनीता भी नाश्ता करके पड़ोस में चली गई।सुधा भी बर्तन साफ करके अपने कमरे में चली गई।और अपने कमरे में चली गई।और फिर बहुत देर तक कल की हुई घटना के बारे में सोचने लगी।और फिर अपने मन में बोली कि अजय से बात करना पड़ेगा।और तब तक बहुत समय बीत गया और सुनीता भी घास काटने निकल गई।

अजय भी दुकान में बैठ कर सोचा रहा था कि तभी उसकी फोन की घंटी बजती है और उसपे सुधा लिखा हुआ आ रहा था अजय की दिल की धड़कन बढ़ जाती है और वो फोन उठाता है और बोलता है।

अजय:हेलो

सुधा:अजय घर आ सकते हो क्या अभी कुछ बात करनी है और वो फोन काट देती है।

अजय बोलने ही वाला था कि फोन बंद हो जाता है।अजय कुछ देर सोचता है और फिर सविता को दुकान पे बैठा कर घर की तरफ चल देता है।घर में कोई नहीं था और सुनीता भी घास काटने चली गई थी।बस सुधा ही अकेले थी।अजय घर आ जाता है और घर का मैंने गेट खोलता है और उसकी आवाज सुधा के कान में जाती है और उसकी दिल कि धड़कन बढ़ जाती और अजय उसके कमरे में दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।

अजय:हा दीदी बोलो क्या हुआ।

सुधा जैसे ही अजय को देखती है वो फुट फुट कर रोने लगती है।और बोलती है अजय मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया मेरे भाई और वो रोए जा रही थी।अजय पहले उसको चुप करवाता हैं और उसको पानी पिलाता है और फिर बोलता है कुछ गलत नहीं कि हो आप और गलती मेरी भी तो है बहुत देर बात सुधा शांत होती है।और अजय उसको बोलता है दीदी इसमें आपकी कोई गलती नहीं है

सुधा:नहीं गलती मेरी है।मैं गंदी गंदी पिक्चर देखती हु कहानी पढ़ती हु मैं हवस के पागल हु।

अजय:नहीं दीदी ऐसा कुछ नहीं है।और फिर कुछ देर के लिए दोनों कुछ नहीं बोलते है।

फिर कुछ देर बाद अजय बोलता है।दीदी एक बात बोलूं अगर आप बुरा न माने तो

सुधा:हा बोलो

अजय:पर पहले बताओ तुम गुस्सा नहीं करोगी।

सुधा:नहीं मैं नहीं करूंगी।

अजय:दीदी मैं आपको बहुत पसंद करता हूं एक औरत की तरह रात को आपके सपने देखता हु आपकी ब्रा और पैंटी भी लेकर कई बार मैने अपना पानी निकला है।मैं आपको इस हाल में नहीं देख सकता ही सकता है की आपको लगे कि ये तो बस जिस्म से प्यार करता है पर आप जो भी समझो पर मैं आपके बिना नहीं रहा सकता

सुधा:पर ये गलत है अजय हम दोनों भाई बहन है और लोगों का क्या करोगे क्या कहोगे उनसे।और ये समाज उनका क्या।

अजय:कुछ भी कही पर आपसे मैं प्यार करता हु और आप भी तो एक औरत है आपको मन नहीं करता इन आदमी आपकी प्यार करें आपके जिस्म के साथ खेले बताओ

सुधा:सही कह रहे हो तुम दिन रात में तड़पती रहती हु।सारी सहेली मुझसे अपने रात में क्या हुआ सब बताती है कैसे उनका पति उन्हें ठंडा करता है।और तड़प के रह जाती हु।

अजय:इस लिए तो बोल रहा हु किसी को कुछ पता नहीं लगेगा और एक बात बताओ क्या कल रात को जो हुआ किसी को पता चला नहीं ना तो फिर इस चार दिवारी के अंदर हमरा क्या रिश्ता हैं किसको कैसे पता चलेगा।

सुधा भी अजय के बातों में आ जाती और उसको भी एक मर्द की जरूरत थी वो सोचती है कि अगर अजय उसकी आग बुझा देगा तो क्या हो जाएगा और किसी को पता भी नहीं चलेगा और बदनामी भी नहीं होगी और घर का बात घर में रहेगी ।

और फिर अचानक सुधा अजय की तरफ बढ़ती है।और अपने होंठ अजय से मिला देती है पहले तो कुछ पल के लिए अजय कुछ समझ नहीं पता पर फिर वो उसका साथ देने लगता है।और दोनों एकदूरे में मिल जाते है।सुधा बहुत दिनों से प्यासी थीं ऐसा लगा रहा था प्यासे को पानी मिल गया हों।सुधा ने इस टाइम एक मैक्सी पहना हुआ था।अजग भी बहुज अच्छे उसे किस कर रहा था।और अजय का हाथ सीधा उसकी गांड़ पे जाता है और मैक्सी के ऊपर से ही उसके मसल देता है और एक तपड़ उसकी गांड़ पे जड़ता है।

सुधा:आराम से मेरे राजा मैं कही भागी नहीं जा रहीं हु।

अजय:क्या हुआ आपको अच्छा नहीं लगा।

सुधा:अच्छा?बहुत अच्छा लगा और तुम मुझे आप नहीं मेरे नाम से बुलाओ और मेरी कुछ इच्छाएं है क्या तुम उसे पूरा करोगे।

अजय अपना चूमना खत्म करके सुधा के दीवार के सहारे खड़ा कर देता हैआपने हाथों से उसकी मैक्सी को उठाकर उसकी कमर तक ला देता और तीन चार तपड़ मरता है और सुधा की आह निकल जाती है और अजय बोलता है।

अजय:मेरी सुधा रानी तेरी जो भी इच्छा हो बता मैं पूरा करूंगा।

फिर सुधा अजय से अलग होती है और अजय के हाथ में एक कागज का पेपर पकड़ती है और उसमें कुछ लिखा हुआ था

सुधा की कुछ इच्छाएं थी जिसको वो एक पेपर पर लिख कर रखा करतीं थी और ये एक राज था जो सिर्फ सुधा जानती थी पर आज उसका ये राज उसके भाई को भी पता लगने वाला था और सुधा वो आगाज अजय को थामा देती है।और अजय उस आगाज को पकता है और पढ़ने लगता है अजय हर एक लाइन को पढ़ कर सुधा की ओर देखने लगता है।और फिर खामोश हो जाता है।सुधा सहम जाती है की क्या उसकी इच्छा अजय पूरी कर पाएगा या नहीं और फिर अजय के चेहरे पे एक कामिनी मुस्कान आ जाती है।

अजय बोलता है वाह सुधा रानी तुम तो बहुत अलग निकली तुम इतनी चुदासी होगी मुझे उम्मीद नहीं थी मुझे नहीं पता था मेरी इतनी शरीफ सुधा रानी इतनी बड़ी रंड निकलेगी मुझे उम्मीद नहीं थी।और वो फिर वही एक सोफे पे बैठ जाता है और सुधा की अपनी ओर बुलाता है एक उंगली दिखाकर और सुधा किसी कुतिया की तरह उसकी तरफ बढ़ती है तभी अजय उसे रोक देता है और बोलता है ऐसे नहीं अपने चार पैरों पे आओ।

और सुधा किसी पालतू कुतिया की तरफ अपने घुटने के सहारे उसके तरफ चल देती है और जब वो उसके पास आती हैं तो अजय उसके बालों को गुच्छा बनाकर उसको बोलता है

अजय:मेरी रानी तेरी हर एक इच्छा पूरी करूंगा तुझे तो मैं रंड की तरह रखूंगा बोल बनेगी मेरी कुतिया।

सुधा:आपकी दासी बनकर रहूंगी मेरे मालिक आपकी कुतिया बनकर जो आप बोलो बस इस आग को ठंडा कर दो मेरे स्वामी

अजय फिर उसके बाल के गुच्छे को थोड़ा कस के पकड़ता हैं जिस से सुधा का सिर थोड़ा पीछे हो जाता है और अजय अपनी एक उंगली से उसके होंठ के चारों तरफ उंगली घूमता रहता है सुधा अपना मुंह खोलकर उस उंगली को चूसना चाह रही थी पर अजय उसे आंखों से मन कर देता है।और सुधा तड़प उठती है।अजय को मजा आ रहा था उसे तड़पने में और फिर कुछ देर बाद अजय अपनी उंगली सुधा के मुंह के अंदर डाल देता है और सुधा बहुत खुश हो जाती है और उसे चूसने लगती है अजय फिर कुछ देर अपनी उंगली चुसवाने के बाद अपनी उंगली से सुधा के मुंह को चोदने लगता है और सुधा के मुंह से थूक उसके होंठों से होकर नीचे गिरने लगता है और वो नीचे देख रहीं होती है तो अजय बोलता है

अजय:साली चिनार आंखों में देख मादरचोद रण्डी की बच्ची आंखों में देख

सुधा जैसे ही अजय की आवाज सुनती है वो ऊपर सीधा अजय की आंखों में आंखे डाल कर उसके उंगली चूसने लगती है।और अजय कुछ देर बाद अपनी उंगली उसके मुंह से निकलता है तो उसके उंगली से उसके होंठों तक एक थूक की लार थी जो जोड़ रही थी और सुधा सूड़क करके वो पूरा थूक अपने अंदर ले लेती है।फिर वो अजय से कहती है

सुधा:मेरे राजा अपने तो मुझे ऐसे ही खुश कर दिया और आपके मुंह से गली बहुत प्यारी लगती है मालिक पर अपने पूरा पेपर पढ़ा नहीं मेरे राजा

अजय फिर उस आगाज को उठाता है और उसको पलटता हैं और फिर पढ़ने लगता है तो वो थोड़ा अजीब महसूस करता है और खुश भी होता और सुधा से पूछता है

अजय:क्या तुम ये सच में चाहती हो

सुधा:हा मेरे राजा मैं सच में ये चाहती हु और ये एक मेरी एक इच्छा है।कि मम्मी और मुझे कोई एक ही आदमी चोदे पहले तो ये इच्छा असंभव लगती थी और अगर कोई मर्द मिलता भी तो बदनामी का डर रहता पर अब तो तुम हो मैं चाहती हु कि ये इच्छा पूरी करदो मेरे राजा

अजय:मैं भी मां को बहुत पसंद करता हु और उसे कुछ देखना चाहता हु और उसे भी एक औरत की तरह प्यार करता हु पर इसके लिए मुझे कुछ समय चाहिए क्योंकि मम्मी को चुदाई के लिए राजी करना होगा और बात सही है बाहर का आदमी से बदनामी होगी और मैं नहीं चाहता कि इतनी कुमुक और चुदासी औरते को कोई बाहर वाला भोगे तुम दोनों रंडियों के लिए मैं ही काफी हु पर मेरी भी कुछ इच्छाएं है।

सुधा:बोलो मेरे राजा बेचिजक बोलो

अजय:मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तुमसे और मां से तुम दोनों को अपनी दुल्हनिया बनाना चाहता हूं भले ही बाहर वाले की लिए भाई बहन और मां और बेटे हो पर इस घर की चार दिवारी के अंदर हमरा रिश्ता पति पत्नी का होना चाहिए।मैं चाहता हूं तुम दोनों मेरे लिए सजो धजो मेक अप करो सिंदूर लगाओ और मेरे नाम का मंगलसूत्र पहनो बोलो क्या मुझसे शादी करोगी

सुधा की आंखों से अंशु बहने लगते है और वो कहती है

सुधा:मेरे राजा तुम्हारे लिए तो मैं जान दे सकती हु एक औरत की इच्छा होती है की वो सजे धजे और अपने पति का इंतजार करती है कि वो जब आएगा तो उसके जिस्म के गर्मी के शांत करेगा उसको तबियत से चोदेगा और उसके हर अंग अंग में दर्द देगा इसी दर्द के लिए तो औरत तड़पती है मेरे राजा।मैं तुम्हे अपने तन मन धन से तुम्हे अपने स्वामी मानती हु और ये जिस्म अब सुधा का नहीं रहा आपका है मेरे मालिक इस अभगन के जीवन में खुशी देने के लिए आपका दिल से शुक्रिया और आपके खुशी के लिए ये सुधा कुछ भी करेगी और आप भी मुझ पर कोई दया या रेहम मत कीजिएगा आप जैसे चाहे मेरे जिस्म को वैसे भोगे ये सुधा अब आपकी दासी है

अजय:अजय इतने सुनने के बाद एक बहुत हीं गहरा किस सुधा को करता है और इसी दौरान दोनों का थूक एक दूसरे पीने लगते है और अजय फिर से उसके बालों को गुच्छा बनकर कस करके पकड़ता है और बोलता है मुंह खोल साली और जीभ बाहर निकल

और सुधा अजय के आज्ञा का पालन करती हुई अपन जीभ बाहर निकलती है।और अजय एक बड़े थूक का लौंद बनकर करके वो सुधा के मुंह के अंदर सीधा थूकता है और सुधा बड़े प्यार से उस थूक को गटक जाती है और जो थूक उसके होंठों पे लगा होता है उसे अपने जीभ से चाट जाती है और अजय से अपनी जीभ निकल कर और थूक की भीख मांगती है।

सुधा:मेरे मालिक आपका थूक और दीजिए बहुत स्वादिश्ट है।

अजय:अजय अपना हाथ मैक्सी के ऊपर से ही उसके बुर पे रखता है और वो जगह पहले से ही गीली होती है और उसे अपने हाथों से कसकर के सहलाने लगता है और सुधा की सांस ऊपर नीचे होने लगती है।

सुधा:आह आह आह आह मेरे मालिक बस ऐसे ही मेरे स्वामी रखिएगा मत आज इस कुतिया को ठंडी कर दो मेरे राजा इस अभगन को तृप्त कर दो ऐसे की सुधा बढ़ बढ़ करने लगती है और जैसे ही उसे महसूस होता है कि वो झड़ने वाली है अजय अपना हाथ उसकी बुर से हटा लेता है और सुधा तड़प के रह जाती है

अजय:चिंता मत कर मेरी रानी तेरा पानी निकल दूंगा मैं पर अभी भी तुझे भी तो थोड़ा तड़पना होगा जैसे मैं तड़पा हु और मैं पहले मम्मी को चोदूंगा फिर तुझे और तब तक तुझे अपनी बुर पे हाथ नहीं लगना है और हाथ लगाया तो एक महीने तक मैं तुझे हाथ नहीं लगने वाला।

सुधा:ऐसा जुल्म मत कीजिए राजा कम से कम बुर को सहला कर पानी तो निकल दीजिए आप भले ही मम्मी को अपना प्यार पहले देना पर इस कुतिया पे रेहम करो मालिक

अजय:नहीं तुझे इतना तो करना पड़ेगा।

सुधा: ठीक है आपके लिए मैं इतना तो कर ही सकती हु

और अजय सोफे से उठता है और सुधा की गांड़ पे तपड़ मारके कमरे से बाहर निकल जाता है।आज अजय बहुत खुश होता है क्योंकि सुधा जिसका वो सपना देखता था अब उसकी पर्सनल कुतिया बन चुकी है और अजय फिर अपने दुकान पे चला जाता है।
Nice update bro 💯
 

vision244

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अजय खुशी खुशी दुकान चला जाता है।और दूसरी ओर सुधा के चेहरे पे एक अलग ही खुशी थी मानो उसे स्वर्ग मिल गया हो।वो बिस्तर पे लेती हुई अपनी मैक्सी ऊपर करती और अपनी बुर को हाथ लगने ही वाली थी कि उसे अजय की बात याद आ जाती हैं कि बुर को हाथ नहीं लगाना है

सुधा अपने बुर से बात करती है और कहती है।

मैं तुझे हाथ नहीं लगा सकती क्योंकि तेरे मालिक का हुकुम है और ये कहकर वो मैक्सी नीचे करके थोड़ा आराम करने लगती है।सुनीत भी घास काट कर घर आ जाती है और खाना बनाने की तैयारी में लग जाती है और सुधा भी थोड़ी देर सोने के बाद उठकर अपनी मां का हाथ बटाने लगती है।

८ बजे तक अजय घर आ जाता है और सब खाना खा कर सो जाते है।सुबह अजय जल्दी उठता है और कसरत करने छत पे चला जाता है तब तक सुनीता भी उठ जाती है और नाश्ता बनाने लगती है और सुधा भी थोड़ी देर बात उठकर अपनी मम्मी की मदद करने लगती है।अजय कुछ कसरत खत्म हो जाती है और उसे पेशाब लगती है तो वो नीचे आ जाता है और देखता है कि सुनीता बाथरूम के अंदर जा रही होती है नहाने के लिए।और अजय फिर पेशाब करके किचेन में जाता है तो देखता है सुधा खड़ी होकर खाना बना रही होती है।सुधा इस टाइम मैक्सी पहनी होती है।अजय सुधा को देखकर अपने लौड़े को बॉक्सर के ऊपर से मसल देता है और सीधा उसके पीछे जाकर खड़ा हो जाता है।और फिर अपना खड़ा लन्ड उसकी गांड़ के दरार में फसा देता है और खिसने लगता है।सुधा को ये महसूस होता है तो पीछे मुड़कर देखती है और बोलती है।

सुधा:आप उठ गए.....आह आह आह आह थोड़ा धीरे मेरे राजा आपका लौड़ा बहुत कड़क है।और आराम से करिए मम्मी घर में हैं अभी।

ये सुनकर कर अजय मैक्सी के ऊपर से ही दो तपड़ जड़ देता है और कहता है मम्मी भी नहाने गई और आधे घंटे बाद ही निकलेगी तू मजे ले मेरी रानी।क्या हुआ पसंद नहीं आया क्या और ऐसा कहते ही अजय तोड़ा पीछे हो जाता है और उसका लन्ड उसकी गांड़ की दरार से निकल जाता है और सुधा चटपटा जाती है

सुधा:मेरे राजा कोई पागल लड़की या औरत ही होगी जिसको आपका लौड़ा पसंद नहीं आयेगा और ऐसा कहते ही वो अजय को वापस अपने पास खींच लेती है और फिर से अजय का लौड़ा उसकी गांड़ के दरार में फंस जाता है

सुधा फिर कहती है आप बस खड़े रहिए मेरे मालिक मैं आपको मजा देती हु और अजय पीछे स्लैब पकड़ के खड़े हो जाता और सुधा उसका लौड़ा अपने गांड़ के दरार में फसा कर अपने गांड़ को गोल गोल खुमाने लगती है अजय सातवे असमान पे था सुधा किसी अश्लील पिक्चर की हीरोइन की तरह अजय को मजा दे रही थी

अजय:वहां मेरी रण्डी तूने तो आज दिल खुश कर दिया इसका इनाम तुझे मिलेगा मेरी चमक छल्लों

और अजय उसकी गांड़ पे तपड़ की बारिश कर देता है और सुधा की आह निकल जाती है और अजय उसके बाल पकड़ कर उसको घूमता हैं और उसको घुटने पे बैठने बोलता है।सुधा के नधुनो में उसके पेशाब की गंद जा रही थीं और उस से वो मदहोश होने लगी और अपनी जीभ निकल कर वो पूरे लौड़े को चाटने लगती है बॉक्सर के ऊपर से जिससे अजय का बॉक्सर पूरा सुधा के थूक से गीला हो जाता है और इसी बीच अजय अपने मुंह से से थूक की लार निकलता है जो नीचे नहीं गिरती और वो थूक अजय के होंठों से अभी भी जुड़ी हुई होती है सुधा तो अभी भी लौड़ा चूसने में मगन थी वो तो अपने नाक को उसके लौड़े पे रख देती और उसकी खुशबू अपने नथुने से खींचने लगती और जैसे ही उसने देखा अजय का थूक नीचे आ रहा है वो किसी सड़क चाप रण्डी की तरह अपना मुंह खोल देती है और वो थूक जो अभी भी अजय के होंठों से लगा हुआ था उस अपने मुंह के अंदर सूड़क लेती है

फिर अजय अपना लौड़ा अपने बॉक्सर से निकलता है और उसका लन्ड अब सुधा के आंखों के सामने था सुधा खुशी के मरे पागल हो जाती है और उसको अपने मुंह में ले लेती है ।उसी टाइम अजय उसके बाल को खींचता है जिससे लौड़ा उसके मुंह से बाहर आ जाता है और बोलता है साली रुक

अजय फिर उसको अपना जीभ निकलने बोलता है और सुधा किसी दासी की तरह अपना मुंह खोल कर पूरा जीभ निकल देती है और अजय अपने हाथ से अपना लौड़ा पकड़ कर उसके जीभ पे अपने लौड़े से तपड़ मरने लगता है।उसके लौड़े की खोने से अभी भी कुछ पेशाब की बूंद आ रही थी जिसे सुधा बड़े चाव से पी जाती है और अजय पूछता है

अजय:सुधा रानी कैसा लगा मेरा पीला शरबत

सुधा:बहुत स्वादिश्ट है आपका शरबत मुझे अब सुबह रोज यही चाहिए।पिलाएंग न अपनी कुतिया को अपना अमृत

अजय:उसके लिए अभी तुझे इंतजार करना पड़ेगा कुतिया और तू अपना पीला शरबत कब पीला रही है।

सुधा:मेरे स्वामी आपको पूछने की जरूर नहीं है मेरे राजा बस आप मैक्सी उठ कर कभी भी पी लीजिए करिए आपकी दासी अब आपके लिए अपना शरबत बचा कर रखेगी।वैसे आप आन दोपहर हो जब मम्मी घास काटने जाए तो घर आ जाना आपको एक मस्त चीज दिखाऊंगी जिससे आप मम्मी को अपनी बनाने में मदद होगी।

और तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुलता है और दोनों एक दूसरे से अलग हो जाते है।सुनीता बाथरूम से नहा कर बाहर निकलती है और उसका पूरा जिस्म चमक रहा था।अजय उसको देखते ही अपना लौड़ा मसल देता है और अपने मन में बोलता है तुझे तो एक दिन अपनी पर्सनल कुतिया बन कर रखूंगा सुनीता रानी

और अजय नहा धो कर नाश्ता करके दुकान के लिए निकल जाता है और अपने मन में सोचता रहता है कि सुधा उसको क्या दिखाने वाली है और फिर वो पांच बाजें घर के लिए निकल जाता है

सुधा भी अपने पड़ोस में गई तो और भी घर वापस आ जाती है और अपनी साड़ी उतर देती है और खाली ब्लाउज और साया में होती है अपने कमरे में ओर तभी अजय दाखिल होता है उसके कमरे में और सुधा मुड़कर देखती है तो उसकी आंखे चमक उठती है और वो दौड़ कर अजय के गले लग जाती है और उसको चूमने लगती है और और अजय भी उसका साथ देता है और साया के ऊपर से उसकी गांड़ दबाने लगता है


अजय:मेरी रानी तेरी इस गांड़ का तो मैं दीवान हु बहुत तड़पाया है तेरी इस गांड़ ने और एक कस का तपड़ उसकी गांड़ पे जड़ देता है।

सुधा की आह निकल जाती है और वो कहती है

सुधा:मेरे मालिक माफ कर दीजिए आपकी सुधा ने आपको इतना तड़पाया कोई रेहम मत कीजिएगा मैं सब कुछ सह लूंगी आपके लिए राजा

और अजय अपना चूमना बंद कर देता है और वही सोफे पे बैठ जाता है और अपना जींस निकल देता है और सुधा को बोलता है मेरी रानी आज तुझे अपने लौड़े का पानी पिलाऊंग चल इधर आ साली और सुधा अपनी गांड़ मटकते हुए उसके कदमों में बैठ जाती है और चड्डी के ऊपर से पहले उसके लौड़े को ऊपर से चुस्ती है और उसकी पूरी चड्डी सुधा के थूक से गीली हो जाती है और अजय उसको इशारे से रुकने बोलता है और अपनी चड्डी निकल कर उसके नाक पे रगड़ने लगता है और सुधा पूरी मदहोश हो जाती है उसके अंदर आ रही खुशबू से वो पागल हो जाती और उसको अपने जीभ से चाटने लगती है।और फिर उसके चड्डी को बगल में रखकर कर उसके लौड़े को पूरा अपने मुंह के अंदर समा लेती है और अपने मुंह को उसके लौड़े पे आगे पीछे करने लगती है।अजय सोफे पे आराम से लेटकर आनंद लेता है।पर अचानक सुधा लौड़ा निकल कर कमरे से बाहर चली जाती है और जब वापस आती है तो उसके हाथ में एक कटोरी होती है और कटोरी नीचे रख कर वो वापस लौड़ा चूसने लगती है।

फिर अजय खड़ा होता है और उसके मुंह को चोदने लगता है

सुधा:गु गु गु गु गु गु गु कर रही होती है और लौड़ा बाहर निकल कर उसपे थूकती है और वही थूक वापस चाटने लगती है उसके लौड़े से

अजय: वाह मेरी रंड आज अच्छे से इसकी सेवा कर कुतिया

सुधा:आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी मेरे स्वामी

और सुधा वापस लौड़ा मुंह से बाहर निकलती है और अपनी हथेली सामने रख कर उसपे तीन चार बार थूकती है और वही थूक से अजय के लौड़े की मालिश करने लगती है और उसकी आंखों में देखते हुए वो उसकी मालिश कर रहीं होती है और पूछती है

सुधा:कैसा लग रहा है मेरे मालिक आपकी रंड कैसे आपकी सेवा कर रहा है कोई कमी तो नहीं है न मेरे स्वामी

अजय उसको रोकते हुए अपना लौड़ा उसके हाथ से छुड़ा कर उसको बोलता है

अजय:जीभ बाहर कर चिनार

और सुधा उसकी आवाज सुनकर एकदम के आज्ञाकारी कुतिया की तरह अपना जीभ लपलपने लगती है जैसे कोई कुत्ता खाना देखकर अपनी जीभ से लार छुआने लगता है वैसे ही सुधा भी अपने जीभ से अपने थूक की लार रोक नहीं पाती और वो नीचे गिरने लगती है और अजय उसके जीभ पे थूक देता है और अपने लौड़े से उसके जीभ पे मरने लगता है और फिर पूरा लौड़ा उसके मुंह में ठुस देता है और सुधा की आंख बाहर निकल आती है

अजय:ले साली चिनार बहन की लौड़ी साली दो टके की रंड है तू मेरी सुधा रानी

पूरे कमरे में सुधा की गु गु गु गु गु गु की आवाज आने लगती है

सुधा भी कोई रोक टोक नहीं करती है वो भी आनंद ले रही होती है वो तो कब से तरस रही थी ऐसी चुदाई के लिए। वो भी चाहती थी कोई उसे तबियत से चोदे।सुधा के मुंह से उसके थूक की लार उसके होंठों से गिरकर जमीन पे गिर रही थी और अजय ने तभी वो कटोरी सीधा उसके मुंह के नीचे रख दिया जिस से सारा थूक ठीक उस कटोरी में गिरने लगा और फिर अजय बहुत तेजी से उसका बाल को गुच्छा बनाकर उसके मुंह को चोदने लगा और

अजय:ये ले मेरी रानी एक बूंद भी बेकार नहीं जाना चाहिए

और अपना लौड़ा निकल कर अपना सारा पानी उसके मुंह के ऊपर गिरा देता है और कुछ पानी वो कटोरी में गिरा देता है

सुधा अपने उंगली से पूरा पानी अपने मुंह से साफ करके वो उंगली पूरा अंदर अपने मुंह में ले लेती है और अपनी उंगली वो चूसने लगती है और इस दौरान उसकी आंखे सीधा अजय के आंखों से मिलकर अपनी उंगली चूस रही होती है और फिर सुधा वो कटोरी अपने हाथ में लेती है और एक ही बार में पूरा थूक और अजय के वीर्य से भरी कटोरी को पी जाती है अजय इसे देकर खुश हो जाता है

अजय: दीदी अगर आपको जायद तकलीफ हुई तो माफ कर देना

अजय बहुत समय बाद सुधा को दीदी बोल रहा था

और तभी सुधा बोलती है

सुधा:नहीं मेरे भाई मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई और हर एक औरत की इच्छा होती है की उसे ऐसे प्यार करें। बहुत बहुत खुशनसीब हु जो मुझे ऐसा मर्द मिला है जो मेरी सारी इच्छा पूरी कर रहा हो और अगर कोई बाहर का आदमी होता तो बदनामी का डर अलग से .....और अब मुझे दीदी नहीं बुलाओ मेरे राजा भाई मुझे सुधा या फिर जो तुम्हारा मन करें मेरे स्वामी

अजय:ठीक है दीदी....अरे नहीं मेरी सुधा अच्छा ये बताओ तुम मुझे क्या दिखाने वाली

और तभी सुधा अपना लैपटॉप चालू करती है और एक फोल्डर खोलती है और फिर एक वीडियो चालू करती है जो कि एक मिनिट का था जब अजय उसे देखता है तो उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है और उसके चेहरे पे एक कामिनी मुस्कान आ जाती है।
 
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vision244

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माफ करना भाई पर मैं चाहता हु मेरे पाठक खुद इमेजिन करें मैं क्या लिखा रहा ही।माफ करना भाई पर मैं ऐसे ही कहानी लिखता हु।हो सकता है आप जो बोल रहे है वो सही हो।पर मैं भी तो अपनी जगह सही हु न मेरे बड़े भाई
 
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