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सुधा अपना लैपटॉप खोलती है और उसपे एक वीडियो लगा देती जो कि एक मिनिट का होता है और उसको देखते ही अजय की आंखे फटी रह जाती है।वीडियो में सुनीता अपने बिस्तर पे लेटी हुई होती है और उसकी मैक्सी उसके कमर तक उठी हुई होती है और उसके हाथ में एक खीरा होता है जिसे वो अपने हाथों से अपने चूत में अंदर बाहर कर रही होती है और उसकी आँखें बंद होती और वो पूरा मदहोश होती है वीडियो में और पूरा आनंद ले रही होती है खीरे का।अजय को अभी १५ मिनिट हुए तो जड़े पर सुनीता को देखकर उसका लौड़ा लोहे की तरह सख्त हो जाता है उसके लन्ड की नशें फटने को थी और अभी सुनीता सामने होती तो उसको पटक कर चोद देता।और फिर वीडियो खत्म हो जाती है।
अजय:तूने इसे दिखाकर मेरी आग को और भड़कका दिया है।तुम दोनों मां बेटी को तो मैं इतना चोदूंगा कि दोनों मूत दोगी ।
सुधा:मेरे मालिक उस दिन का इंतजार रहेगा मुझे ।
फिर अजय कुछ देर सुधा के साथ समय बिताने के बाद दुकान पे निकल जाता है। सुनीता भी घास काट कर वापस आ जाती है पर आज उसका बदन थोड़ा गरम था और वो उसके कारण सो जाती और सुधा को खाना बनाने को बोल देती है। रात को अजय घर वापस आता है और खाना खाकर के सोने हीं वाला था कि सुधा से पूछता है कि मम्मी कहा है।
सुधा:मम्मी की तबियत सही नहीं है वो अपने कमरे में है
अजय सीधा अपने मम्मी के कमरे में आता है और सुनीता अंदर कंबल होड़कर लेती हुई अजय उसके सर को हाथ लगता है तो उसका शरीर तप रहा था और उसे बहुत तेज बुखार होता है अजय एक रुमाल को गिला करके उसके माथे पे रख देता है और ऐसे ही हर १५ मिनिट में रुमाल बदलता रहता है और ऐसे ही एक घंटा वो करता है और फिर सुनीत को थोड़ा सा खाना खिलकर उसे बुखार की दवाई खिला देता है।और बोलता है
अजय:आप आराम करो कल सुबह डॉक्टर के पास चलेंगे
सुनीता:नहीं बेटा मैं ठीक हु इसकी कोई जरूरत नहीं है।
अजय:कैसे जरूरत नहीं है आप बीमार हो और आपको दिखाना जरूरी है और घर की जिम्मेदारी मेरी है सुधा दीदी और आपकी जिम्मेदारी मेरी है घर का एकलौता मर्द मैं हु क्या मैं ये नहीं कर सकता
सुनीता:तुम सही कह रहे हो पर बेटा बुखार जायदा नहीं है।
अजय:मैने आप से पूछा नहीं है आप कल सुबह मेरे साथ डॉक्टर के साथ चल रही है बस
और फिर अजय कुछ देर रुककर वो अपने कमरे में चला जाता है।इदार सुनीता को नींद नहीं आ रही होती है और आज पहली बार उसका कोई इतना ख्याल रख रहा होता।उसके पति ने भी उसका इतना ख्याल नहीं रखा वो अपने मन में सोचती काश अजय उसका पति होता वो कितना खयाल रखता है जिस लड़की से भी उसकी शादी होगी वो कितनी खुशनसीब होगी।आज उसे अजय पे बहुत प्यार आ रहा था ।शायद वो भावनाओं में बह गई थी।
सुबह होती है और आज अजय जल्दी उठकर कर कसरत करके नहा धोकर सबके लिए नाश्ता बना देता हैं और फिर सुनीता उठती है और नहा धोकर किचेन में जाती है तो अजय वहां पे था और नाश्ता तैयार था।फिर अजय सुनीता को और खुद नाश्ता करके स्कूटी पे सुनीता को डॉक्टर के पास ले जाता है और वह डॉक्टर चेक करके बोलता है जायदा गंभीर बात नहीं है बस हल्का सा बुखार है और कुछ दवाई देकर उसको आराम करने बोलता हैं दो दिन तक।
फिर अजय सुनीता को घर छोड़कर वापस दुकान के तरफ निकल जाता है और दो दिन तक अजय सुनीता को कुछ काम करने नहीं देता सुनीता को बस दवाई खाकर आराम करने को बोलता है।सुनीता एकदम गदगद हो गईं थीं अजय से वो शायद अब अजय से प्यार करने लगीं थीं पर ये प्यार सिर्फ उसके मन में एक राज था और उसने अभी भी मां बेटे की मर्याद को लांगा नहीं था। उसे वो अभी भी एक बेटे के रुप में ही देखती थी।ऐसे ही तीन दिन बीत गए और सुनीत बिल्कुल ठीक हो गईं।
फिर ठीक होने के बाद सुनीता वापस घर का सारा काम करने लगी ।ऐसे ही एक दोपहर को अजय जब खान खाकर दुकान चला जाता है और सुधा अपने कमरे में सो रही थी तो सुनीता अजय के कमरे में जाती है और सफाई करने लगती है।उसके बिस्तर को बनती है झाड़ू पोछा करती है गंदे कपड़े को एकतरफ करती है और तभी उसके हाथ से कपड़े में से पेन गिरकर अलमारी के अंदर जाली जाती है और उसे उठाने के लिए सुनीता झुकती है तो उसे काले रंग का एक कपड़ा नजर आता हैं वो उसे हाथ से बाहर निकलती तो उसे अपने आंखों पे यकीन नहीं हो रहा था।ये तो उसकी कच्ची थी जो पिछले हफ्ते वो ढूंढ रही थी।और फिर उसने अच्छे से देखा तो उसपे सफेद गड़ा कुछ लगा हुआ और जब सुनीता ने उसे हाथ लगाया तो उसे ये समझते देर नहीं लगी कि वो सफेद चीज क्या है।फिर सुनीता ने अजय की अलमारी खोली और उसमें से उसे उसके बहुत सारे ब्रा और चड्डी मिली जो उसे लगा खो गई है पर ये यह है।उसे समझने में देर नहीं लगी और फिर उसने पूरे कमरे की तलाशी ली और उसे और भी चड्डी और ब्रा मिली।सुनीता बहुत गुस्से में थी।
फिर उसने अजय के बिस्तर की उठा कर देखा तो बहुत सारे कागज दिखे और उसपे हिंदी पे कुछ लिखा हुआ था l सुनीता को हिंदी पढ़ना आता था तो उसने पढ़ना चालू किया आर उसमें मां और बेटे की खूब गंदी गंदी चुदाई की कहानियां थी कि कैसे एक बेटा अपनी मां को चोदता है।और कभी कभी तो मां बेटे और बहन तीनों मिल कर चुदाई करते है।चुदाई बहुत ही अश्लील और गंदी होती है और खूब गलियां होती है जिसमें एक बेटा अपनी मां को खूब गंदी गालियां दे रहा होता और मां गुस्सा होने के बदले वो उसको और उकसा रही होती है।उसे उस कहानी में ऐसे ऐसे चुदाई के किस्से पढ़ने मिलते है जो उसे पहली बार सुना था।उसमें यह तक थूक और पेशाब का इस्तेमाल का भी ज़िक्र हुआ और सुनीता ये सब पढ़ कर बहुत गुस्से से लाल थी उसने कभी नहीं सोचा था अजय ऐसे सोचता है उसके बारे में।
तभी उसे किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती है और वो कोई और नहीं सुधा होती है तब तक सुनीत सारे कागज वापस बिस्तर के अंदर रख देती है।
सुधा: अरे मम्मी आप यह आपको पूरे घर में ढूंढ रही हु
सुनीता:अरे मैने सोचा थोड़ा साफ सफाई कर दु तो तभी यह आई।बोल क्या हुआ
सुधा:अरे मैं थोड़ा मौसी के घर जा रही हु आती ही कुछ देर में
सुनीत:ठीक है जा
सुधा के जाते ही सुनीता अजय को फोन लगाती है और बोलती है।
सुनीता:अजय घर आ जा कुछ काम है और फोन कट कर देती है।
अजय बहुत हैरान होता है और जब तक वो कुछ बोलना चाह रहा था तब तक फोन कट हों जाता है।और फिर अजय घर की तरफ निकल जाता है।घर पहुंच कर वो सीधा अपने कमरे में जाता है और वह सुनीता को पता है।
अजय:क्या हुआ मम्मी
और जैसे ही अजय उसके पास पहुंचता है उसके गाल पे कस के एक तमाचा लगता है और वो सदमे में खड़े खड़े सुनीता को देखने लगता है।
सुनीता फिर सारी ब्रा और चड्डी निकल कर दिखाती है और पूछती है
सुनीता:क्या है ये सब अजय
अजय को सब समझ आ जाता है और वो रंगे हाथो पकड़ा जाता है और अब उसके पास कोई जवाब नहीं था।वो चुप चाप बस सुनीता को सुनता रहता है।
सुनीता फिर वो सारे आगाज अजय के ऊपर फेक देती है और बोलती है कि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि उसका बेटा कितना घटिया होगा।और वो बहुत कुछ अजय को सुनती है।और तभी अजय से रहा नहीं जाता और वो एकदम गुस्से में आ जाता है और सुनीता को दीवार के सहारे ढकेल कर उसके उल्टा कर देता है और उसको बोलता है।
अजय:सुनीता रानी एक मौका दो तुम्हे ठंडा कर दूंगा पूरा पानी निकल दूंगा तेरा
सुनीता ये सुन कर और गुस्सा हो जाती है और उस से अपने आप को छुड़ाकर उसके गाल पे एक और तमाचा जड़ देती है
अजय:कितना अपने आप को तकलीफ दोगी मम्मी और फिर अपना मोबाइल निकल कर वो वीडियो चालू कर देता है जो सुधा ने उसे दिखाया था
सुनीता वो वीडियो वो देखकर उसके पैरो से जमीन खिसक जाती है और उसके पास अब कोई जवाब नहीं था वीडियो खत्म होते ही अजय बोलता है
अजय:मम्मी ऐसे कब तक अपनी आग को शांत करोगी ।मुझे बोलो मैं तुम्हे एक ही बार में ठंडा कर दूंगा। तुम्हारी सारी गर्मी निकल दूंगा।
और फिर सुनीता उसको एक आखिरी बार देखती है और तपड़ मर के कमरे से बाहर निकल जाती है।और अजय उसको खड़े खड़े देखता रहता है