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Incest मुहबोला बेटा से प्यार पार्ट1

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Raaj Avani

Incest Lover
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।। मुहबोला बेटा से प्यार।।
SHOW 01.
INDEX.


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।मुहबोला बेटा से प्यार।।
SHOW 02.
INDEX.

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Going on.....
 
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sunoanuj

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Bahut hee jabardast update..👏🏻👏🏻👏🏻
 
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Raaj Avani

Incest Lover
79
237
34
#UPDATE 4

मुहबोला बेटा से प्यार S1
#update4

आज होली है और सुबह से ही काफी चहल पहल थी चारो ओर।
मैं और मेरी बेटी सौम्या दोनों मिलकर सुबह खाने की तैयारी करने लगे पूआ पकवान बनाने लगे और मेरे दोनों बेटे उठे, मुझे और सौम्या को गले लगाए और Happy holi, बोल कर गाल चूम लिया, फिर होली खेलने के लिए बाहर जाने लगे।


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बाहर काफी शोर सराभा हो रहा था कोई किसी को रंग लगा देता तो कोई बुजुर्ग आदमी उसे गाली देने लगता।

एक बुजुर्ग की आवाज आई। अरे तुम्हारी माइ के बूर चोदो तुम सभी को इधर ही रंग लगाना है।

तभी कुछ लड़के उन्हें बोलते हैं- अरे बाबा बुरा ना मानो होली है।

तभी बुजुर्ग की आवाज आती है- अरे सब रंगवा तोहरी माई के बुरिया में डाल देंगे भागता है कि नहीं साला हमारे संग होली खेलना है तुम सभी को?
मै और सौम्या ये आवाज़ सुनकर हसने लगे।

हमारे मोहल्ले के लड़के काफी बदमाश थे वह लोग किसी को छोड़ते नहीं थे नई नवेली भाभी हो या आंटी हो हर किसी को रंग लगा देते थे यहां तक की कोई आंटी अगर थोड़ी भी शरारत की तो उसकी दोनों चूची और बूर में रंग लगा दिया जाता था।

मैं तो इन शरारती लौंडो से बचकर ही रहती थी। मुझे आज भी पिछले साल की होली याद है। जब मैं इन लड़कों की बीच में फंस चुकी थी।

मुझे याद है कि मैं पूरी रंग से गीली हो चुकी थी और जब अपने घर वापस लौट रही थी तब इन लड़कों की टोली ने मुझे पकड़ लिया और मुझे रंग लगाने लगे मैं उन्हें बोल रही थी कि छोड़ दो मुझे घर जाना है पर

वह लोग बोले कि- कहां आंटी थोड़ा सा तो रंग लगाने दो? वही उसी लड़के में से कोई बोल रहा था यार आंटी तो काफी चिकनी और गोरी है इनके गाल के साथ-साथ पेट और जांघों पर भी लगा दो रंग यार।

मैं भी कहां कम थी मैं पकड़ कर उनके गालों पर रंग लगाने लगी? अभी वो लोग मेरे गालों पर रंग लगा रहे थे साथ ही साथ वह लोग मेरे पेट और गर्दन पर भी रंग लगा रहे थे उनमें से कई लोग तो मेरी चूची को भी दबा चुके थे।
एक लड़के ने शरारत की और उसने मेरी बूर को कपड़े के ऊपर से ही दबा दिया मैं काफी चटपटा गई और तुरंत उन लोगों को एक तरफ कर दी और वहां से भाग निकली।

तभी एक बुजुग बोले अरे बेटा ये तुम लोग से बच गयी।

पिछले साल में किसी तरह मैं लड़कों से अपनी जान बचाकर भाग निकली लेकिन उन लोगों ने जाते-जाते मुझे बोला ओ हमारी चिकनी आंटी अगर आप अगली होली मिलेगी तो हम पक्का आपका उद्घाटन कर ही देंगे।

बुजुर्ग फिर बोले-तुम्लोग् से तो इस मोहल्ले की कोई औरत ना बची पर ये बच गयी।

तभी एक ने बोला-ओ दादा इतनी मस्त माल हमारे मोहल्ले में हो और बच जाए यह तो हो ही नहीं सकता।

मैं तो पिछले साल की सोच सोच कर ही डर रही थी कि इस साल क्या होगा वह चार बंदे बहुत ही खतरनाक थे?
इस मोहल्ले की कई औरतों को वह लोगों ने चोद चुके थे।

तभी हम दोनों मां बेटे का खाना बनाना हो गया और सौम्या मुझे प्यार से बोली कहां खो गई थी मां सपनों में किसके साथ होली खेल रही थी?

मैं बोली कहीं नहीं चल तू अपना काम कर।

तभी बाहर से मेरे दोनों बेटे राज और आकाश होली खेल कर आए।
मै देखी कि यह दोनों पूरे लिटाये हुए थे तब मैंने इन्हें कहा अरे बेटा जाओ पहले दोनों अपने आप को साफ करो और खाना खा लो उसके बाद होली खेलना।
सौम्या उन्हे देख कर खूब हस रही थी।

मैं देखी की आकाश से ज्यादा राज लिटाया हुआ था राज को कोई बुरी तरह से पूरा अंदर तक रंग लगाया हुआ था।
तब मैंने कहा आकाश जाओ तुम रंग को साफ करो और राज बेटा तुम मेरी बाथरूम में जा और साफ कर ले।

और सौम्या से कहा- बेटा तुम खाना लगाओ मैं थोड़ा राज को देखकर आती हूं वह ज्यादा लेटाया हुआ है।

सौम्या मुझे देखने लगी तब मैं सौम्या से कहा अरे बेटा क्या हुआ तू खाना लगाना?

और मैं राज के पास चली गई। मैंने देखा राज अपने आप को पूरा साफ करने की कोशिश कर रहा था उसके पूरे अंदर तक कीचड़ भरा हुआ था।

मैं राज को पूरी तरह से नंगा किया और उसे पूरी तरह से साफ करने लगी।

राज ने कहा- मां मैं कर लूंगा।

मैंने कहा चुप कर और मुझे साफ करने दे फिर मैंने उसे पूरी तरह से साफ किया और मैं बाहर आ गई।

बाहर आई तो देखी सौम्या आकाश को खाना परोस रही थी तब मैं सौम्या से कहा कि दूसरा प्लेट भी लगा दे राज आ रहा है वह भी तैयार हो गया।

फिर हम सभी एक साथ खाना खाए और और मैं काम करने लगी
तभी मेरे पास सौम्या और आकाश आए और बोली चलना मां बाहर होली खेलने चलते हैं।

मैं बोली तुम लोग जाओ मुझे बाहर होली खेलने नहीं जाना है मैं यही ठीक हूं।

आकाश राज के पास गया और
बोला- राज चल बाहर चलते हैं होली खेलने

तब राज ने कहा- नहीं भैया मुझे होली नहीं खेलना वह लोग पूरा कीचड़ में मुझे लेटा देते हैं।

तब आकाश और सौम्या दोनों बाहर चले गए होली खेलने के लिए अब घर में सिर्फ मैं और मेरे बेटे राज ही रह गए थे।

फिर मैं बाहर की दरवाजा को बंद की और और अपने बेटे राज से कहा कि बेटा तुम्हें होली नहीं खेलना है क्या?

तब राज ने कहा नहीं मां मुझे होली नहीं खेलना वह लोग मुझे पूरा कीचड़ में लेटा देते हैं मैं यही ठीक हूं। उसकी मासूमियत को देखकर मैं बोली अच्छा मेरे राजा बेटा को होली नहीं खेलना, चल कोई बात नहीं मैं तुम्हें केवल गाल पर गुलाल लगाकर होली खेलती हूं।

मैं गुलाल को अपने हाथ में लगाइ और उसके गालो पर लगाने लगी।
राज ने भी अपने हाथ को मेरे हाथ से मिलाया और मेरे हाथ का लगा हुआ कुछ गुलाल मेरे गाल पर रगड़ने लगा।



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फिर मैंने शरारत की और उसके कपड़े को उठाकर उसके पेट में रंग लगा दी।

तभी राज ने मुझे कस के पकड़ा और दीवाल से चिपकाते हुए अपने गाल को मेरे चूचियों पर रगड़ने लगा।

मैं हंसने लगी वह भी खील खिला रहा था।

हम दोनों मां बेटे एक दूसरे को देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे
तभी राज ने धीरे से अपना होंठ को मेरे होठो पर लाकर रख दिया। मैंने प्यार से उसके होंठ को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगी।

मैं दीवार से सटी हुई थी और वह मेरे से सटा हुआ मेरे होंठ को चूस रहा था।
मैं उसके पीठ को तो कभी उसके बाल को सहला रही थी तो वही मेरे बेटे का हाथ कभी मेरे नाभि में तो कभी मेरे चूची को दबा रहा था।


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मैं अब अपने बेटे के आगोश में बिल्कुल गर्म हो चुकी थी।
बाहर होली का शोर सराभा और गाली सुनाई दे रहा था तो इधर हम दोनों की केवल चुम्मा चाती की आवाज आ रही थी।

तभी राज ने मेरे साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और धीरे से मेरी ब्लाउज का बटन खोल दिया और मैं सिर्फ ब्रा में हो गई।

उसने ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को काटना शुरु कर दिया। मेरे पूरे शरीर में बिजलीया दौड़ गई मेरे बेटे के इस तरह काटने से मैं तो पूरी तरह से सिहर उठी थी।

थोड़ी ही देर में मैंने अपने बेटे का पेंट खोल दिया जिससे उसका लोअर पूरा नीचे गिर गया और वह अब केवल चड्डी में था।

मैं उसके मोटे से लन्ड को चढी के ऊपर से ही सहला रही थी और वह मेरी होठों को चूस रहा था और मेरे स्तन को दबा रहा था।

तभी उसने मेरे ब्रा का हूक् खोल दिया और मेरे दोनों चुचिया आजाद हो गई और दोनों चुचिया को उसने अपने हाथों से पकड़ कर दबाने लगा।
मैं पूरी तरह से सीहर उठी अपने बेटे के बाल को सहला रही थी और उसे अपने चूचियों को चूसने को बोल रही थी चूस बेटा अपनी मां की चूचियों को चूस।

मैं वही दीवार से सटे खड़े हुए अपने बेटे के बाल को सहला रही थी और बेटा मेरी चूचियों को कभी चूस रहा था तो कभी काट रहा था।

थोड़ी देर में मेरे बेटा थोड़ा और नीचे गया और अपना जीभ को मेरी नाभि में डालने लगा मैं एकदम से सीहर उठी।

ऊओ बेटा आआह्ह।

फिर मेरे बेटे ने मेरे साड़ी को खोल दिया और धीरे से मेरी साया का डोरी को खींचकर खोल दिया और साया एकदम से नीचे गिर गई मैं अब केवल पैन्टी में थी कि तभी उसने पैंटी को जबान से काटा और दांत से खींच कर नीचे उतार दिया थोड़ी ही देर में मैं उसके सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी।

फिर उसने अपने चड्डी को भी नीचे सरका दिया और उसका लंड एकदम से हवा में लहराने लगा मैं उसके लंड को हाथ में लेकर खड़ी थी कि वह मेरे मुंह के सामने आया और मेरे मुंह में अपना जबान डालकर चूसने लगा।

मैं उसको लन्ड को हिला रही थी और वह मेरी बूर को सहला रहा था और हम दोनों मिलकर एक दूसरे के मुंह मे जीभ डाले हुए थे। कभी वह मेरे मुंह में अपना जीभ् डालकर पेलता तो कभी मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चुसता हम दोनों की यह होली काफी मजेदार हो रही थी।

फिर राज ने-अपने लंड को मेरे बूर पर सेट करने लगा मैं अपने टांग को थोड़ी सी फैला दी और दीवाल से सटे खड़े हुए उसने अपने लंड को मेरे बूर में डालने लगा,


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मैं उसके बाहों में पड़ी हुई थी।
वह मुझे दीवार से सटाये खड़ा किया था और अपना लंड को एक तेज झटका के साथ मेरे बुरे में घुसा दिया आआहहह की आवाज हुई


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तभी उसने मुझे अपने बाहों में पकड़े हुए अपने होंठ से मेरे होंठ को दबा दिया और फिर धीरे-धीरे वह धक्के लगाने शुरू किया ऐसे ही करते हैं वह मुझे खड़े-खड़े ही पेलने लगा और

बोलने लगा -ओह्ह्ह मां तुम्हारी कितनी मस्त बूर है मेरा तो लंड जैसे स्वर्ग में जा रहा है आआह्ह्ह मां और कभी मेरी गाल को काटता तो कभी होंठ को काटता तो कभी गार्डन को चूमता था आआह्ह मां और पेलते रहता
उसकी हर एक धक्को से मेरी चूचियां ऊपर नीचे होती।


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हम दोनों मां बेटे इस चुदाई का आनंद होली में खड़े-खड़े ही ले रहे थे कि तभी

राज ने बोला- मां मैं सोफे पर बैठता हूं तुम मेरी ऊपर आ जाओ


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फिर राज सोफे पर बैठ गया और मैं उसके ऊपर आ गई और लंड को अपने बुरे में ले ली। फिर मैं ऊपर से उछालना शुरू की और मेरी चूचियों को उसके मुंह में दे दी वह बड़े प्यार से मेरी चूचियों को चूस रहा था और मैं बड़े प्यार से उसके लंड को अपने भीतर ले रही थी कभी उसके माथे को चूमती तो कभी उसके बाल को सहलाती वह तो बस मेरी चूचियों को चूसते जा रहा था। मेरी बूर में उसके लंड के धक्को से काफी हलचल मच रही थी एकदम से मेरी चुत पानी पानी हो रही थी फिर उसने मेरी चूचियों को छोड़ा और मेरे मुंह को चूमते हुए बोला मां तुम सोफे पर झुक जाओ मैं तुम्हें पीछे से चोदता हूं।

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फिर मैं उसके ऊपर से उठी जैसे ही उठी उसके लंड गप्प् से मेरे बुर से बाहर निकली और मैं सोफे पर झुक गई वह मेरे पीछे आया और लंड को बूर में घुसा दिया मैं एकदम से सीहर उठी वह मेरे ऊपर झुक गया और मेरे गालों को काटते हुए कभी मेरे पीठ को चुमते हुए पीछे से धक्के लगना शुरू किया एकदम से धक्के लगा रहा था मैं आआआह्ह ओह्ह्ह की आवाज कर रही थी कि

तभी डोर बेल बजी पर हम दोनों मां बेटे को कोई शुद्ध नहीं रही और राज धक्के लगाता रहा और मैं उसे चुदवाती रही उसके लंड की हर एक धक्का के साथ मेरे मुंह से एक जोर की आआह्ह निकलती और वह लगातार धक्के लगाते जा रहा था।

हम दोनों चरम सीमा पर थे वह मुझे पकड़ कर मेरे गालों को चुमते हुए। चोदते जा रहा था। फिर एक आखिरी धक्का लगाया और बोला आआअह्ह्ह मां।
राज मेरे ऊपर निदाल हो गया। फिर से डोर बेल बजी।

हम दोनों मां बेटा उठै और अपने-अपने कपड़े पहनने लगे। मैं अपने कपड़े लेकर रूम में चली गई और राज यहीं पर कपड़े पहन कर डोर खोलने लगा। डोर खोलते ही सौम्या आई और बोली क्या कर रहे थे तुम दोनों इतनी देर से की डोर खोल नहीं पाए?

तभी मैं भी कपड़े पहन कर बाहर आई और बोली अरे बेटी तू तो पूरी तरह से लेटा गई है कहां इतनी होली खेली?

तभी राज यहां से निकल गया। और बाहर होली खेलने चला गया।

तभी सौम्या मेरे पास आई और बोली अरे मां तुम अभी तक क्या कर रही थी?

तब मैं बोली की क्या करूं बस सो रही थी? शायद हम दोनों में जो कुछ भी हुआ था सौम्या थोड़ा बहुत समझ रही थी।

तब सौम्या बोली अरे माँ चिंता मत कर मेरा बॉयफ्रेंड आने ही वाला है वह तो बहुत उतावला है बोल रहा था सबसे पहले तुझे ही रंग लगाएगा उसके बाद ही मुझे लगाएगा।

मैं बोली -मैं क्यों तेरे बॉयफ्रेंड से रंग लगाऊं तू लगवाओ?

तब सौम्या बोली अरे मां वह तो तेरे मालपुआ खाने के लिए बेचैन है।
आज होली है आज तो किसी को मना नहीं करते जो मालपुआ मांगते हैं उसे चखा ही दिया जाता है।

मैं बोली चल चुप कर बहुत बदमाश हो गई है।

फिर सौम्या बोली- अरे मां तुझे तो शीला चाची बुला रही थी होली खेलने के लिए चलो ना उनके घर में।

तब मैं बोली अच्छा ठीक है चलती हूं पहले तैयार तो हो जाऊं।

तब सौम्या बोली -अरे माँ यार क्यों तैयार होना है वहां तो आपकी साड़ी खोल ही दिया जाएगा?

मैं बोली क्या बकवास कर रही है मैं नहीं जाती फिर?

अरे मां मैं तो मजाक कर रही थी चलो ना ऐसे ही।
वैसे भी तो वहां लेटा ही जाओगी।

और यह राज का बच्चा कहां चला गया आज तो उसे छोडूंगी नहीं पूरा रंग लगाऊंगी मेरा लाडला भाई जो है और मेरे माँ का लाडला बेटा उसे तो रंग लगाए बिना मैं कैसे छोड़ सकती हूं?

तब मैंने कहा- अच्छा ठीक है जिसे रंग लगाना हो लगा लेना पहले चल उसके यहां चलते हैं।

मैं सब तैयारी करके अब शीला के घर जाने लगी।

धन्यवाद अंत तक बने रहने के लिए।
होली की आश्लि खेल अभी बाकी है।
तो मिलते है अगले भाग मे।🙏
 

Raaj Avani

Incest Lover
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आज होली है और सुबह से ही काफी चहल पहल थी चारो ओर।
मैं और मेरी बेटी सौम्या दोनों मिलकर सुबह खाने की तैयारी करने लगे पूआ पकवान बनाने लगे और मेरे दोनों बेटे उठे, मुझे और सौम्या को गले लगाए और Happy holi, बोल कर गाल चूम लिया, फिर होली खेलने के लिए बाहर जाने लगे।


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बाहर काफी शोर सराभा हो रहा था कोई किसी को रंग लगा देता तो कोई बुजुर्ग आदमी उसे गाली देने लगता।

एक बुजुर्ग की आवाज आई। अरे तुम्हारी माइ के बूर चोदो तुम सभी को इधर ही रंग लगाना है।

तभी कुछ लड़के उन्हें बोलते हैं- अरे बाबा बुरा ना मानो होली है।

तभी बुजुर्ग की आवाज आती है- अरे सब रंगवा तोहरी माई के बुरिया में डाल देंगे भागता है कि नहीं साला हमारे संग होली खेलना है तुम सभी को?
मै और सौम्या ये आवाज़ सुनकर हसने लगे।

हमारे मोहल्ले के लड़के काफी बदमाश थे वह लोग किसी को छोड़ते नहीं थे नई नवेली भाभी हो या आंटी हो हर किसी को रंग लगा देते थे यहां तक की कोई आंटी अगर थोड़ी भी शरारत की तो उसकी दोनों चूची और बूर में रंग लगा दिया जाता था।

मैं तो इन शरारती लौंडो से बचकर ही रहती थी। मुझे आज भी पिछले साल की होली याद है। जब मैं इन लड़कों की बीच में फंस चुकी थी।

मुझे याद है कि मैं पूरी रंग से गीली हो चुकी थी और जब अपने घर वापस लौट रही थी तब इन लड़कों की टोली ने मुझे पकड़ लिया और मुझे रंग लगाने लगे मैं उन्हें बोल रही थी कि छोड़ दो मुझे घर जाना है पर

वह लोग बोले कि- कहां आंटी थोड़ा सा तो रंग लगाने दो? वही उसी लड़के में से कोई बोल रहा था यार आंटी तो काफी चिकनी और गोरी है इनके गाल के साथ-साथ पेट और जांघों पर भी लगा दो रंग यार।

मैं भी कहां कम थी मैं पकड़ कर उनके गालों पर रंग लगाने लगी? अभी वो लोग मेरे गालों पर रंग लगा रहे थे साथ ही साथ वह लोग मेरे पेट और गर्दन पर भी रंग लगा रहे थे उनमें से कई लोग तो मेरी चूची को भी दबा चुके थे।
एक लड़के ने शरारत की और उसने मेरी बूर को कपड़े के ऊपर से ही दबा दिया मैं काफी चटपटा गई और तुरंत उन लोगों को एक तरफ कर दी और वहां से भाग निकली।

तभी एक बुजुग बोले अरे बेटा ये तुम लोग से बच गयी।

पिछले साल में किसी तरह मैं लड़कों से अपनी जान बचाकर भाग निकली लेकिन उन लोगों ने जाते-जाते मुझे बोला ओ हमारी चिकनी आंटी अगर आप अगली होली मिलेगी तो हम पक्का आपका उद्घाटन कर ही देंगे।

बुजुर्ग फिर बोले-तुम्लोग् से तो इस मोहल्ले की कोई औरत ना बची पर ये बच गयी।

तभी एक ने बोला-ओ दादा इतनी मस्त माल हमारे मोहल्ले में हो और बच जाए यह तो हो ही नहीं सकता।

मैं तो पिछले साल की सोच सोच कर ही डर रही थी कि इस साल क्या होगा वह चार बंदे बहुत ही खतरनाक थे?
इस मोहल्ले की कई औरतों को वह लोगों ने चोद चुके थे।

तभी हम दोनों मां बेटे का खाना बनाना हो गया और सौम्या मुझे प्यार से बोली कहां खो गई थी मां सपनों में किसके साथ होली खेल रही थी?

मैं बोली कहीं नहीं चल तू अपना काम कर।

तभी बाहर से मेरे दोनों बेटे राज और आकाश होली खेल कर आए।
मै देखी कि यह दोनों पूरे लिटाये हुए थे तब मैंने इन्हें कहा अरे बेटा जाओ पहले दोनों अपने आप को साफ करो और खाना खा लो उसके बाद होली खेलना।
सौम्या उन्हे देख कर खूब हस रही थी।

मैं देखी की आकाश से ज्यादा राज लिटाया हुआ था राज को कोई बुरी तरह से पूरा अंदर तक रंग लगाया हुआ था।
तब मैंने कहा आकाश जाओ तुम रंग को साफ करो और राज बेटा तुम मेरी बाथरूम में जा और साफ कर ले।

और सौम्या से कहा- बेटा तुम खाना लगाओ मैं थोड़ा राज को देखकर आती हूं वह ज्यादा लेटाया हुआ है।

सौम्या मुझे देखने लगी तब मैं सौम्या से कहा अरे बेटा क्या हुआ तू खाना लगाना?

और मैं राज के पास चली गई। मैंने देखा राज अपने आप को पूरा साफ करने की कोशिश कर रहा था उसके पूरे अंदर तक कीचड़ भरा हुआ था।

मैं राज को पूरी तरह से नंगा किया और उसे पूरी तरह से साफ करने लगी।

राज ने कहा- मां मैं कर लूंगा।

मैंने कहा चुप कर और मुझे साफ करने दे फिर मैंने उसे पूरी तरह से साफ किया और मैं बाहर आ गई।

बाहर आई तो देखी सौम्या आकाश को खाना परोस रही थी तब मैं सौम्या से कहा कि दूसरा प्लेट भी लगा दे राज आ रहा है वह भी तैयार हो गया।

फिर हम सभी एक साथ खाना खाए और और मैं काम करने लगी
तभी मेरे पास सौम्या और आकाश आए और बोली चलना मां बाहर होली खेलने चलते हैं।

मैं बोली तुम लोग जाओ मुझे बाहर होली खेलने नहीं जाना है मैं यही ठीक हूं।

आकाश राज के पास गया और
बोला- राज चल बाहर चलते हैं होली खेलने

तब राज ने कहा- नहीं भैया मुझे होली नहीं खेलना वह लोग पूरा कीचड़ में मुझे लेटा देते हैं।

तब आकाश और सौम्या दोनों बाहर चले गए होली खेलने के लिए अब घर में सिर्फ मैं और मेरे बेटे राज ही रह गए थे।

फिर मैं बाहर की दरवाजा को बंद की और और अपने बेटे राज से कहा कि बेटा तुम्हें होली नहीं खेलना है क्या?

तब राज ने कहा नहीं मां मुझे होली नहीं खेलना वह लोग मुझे पूरा कीचड़ में लेटा देते हैं मैं यही ठीक हूं। उसकी मासूमियत को देखकर मैं बोली अच्छा मेरे राजा बेटा को होली नहीं खेलना, चल कोई बात नहीं मैं तुम्हें केवल गाल पर गुलाल लगाकर होली खेलती हूं।

मैं गुलाल को अपने हाथ में लगाइ और उसके गालो पर लगाने लगी।
राज ने भी अपने हाथ को मेरे हाथ से मिलाया और मेरे हाथ का लगा हुआ कुछ गुलाल मेरे गाल पर रगड़ने लगा।



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फिर मैंने शरारत की और उसके कपड़े को उठाकर उसके पेट में रंग लगा दी।

तभी राज ने मुझे कस के पकड़ा और दीवाल से चिपकाते हुए अपने गाल को मेरे चूचियों पर रगड़ने लगा।

मैं हंसने लगी वह भी खील खिला रहा था।

हम दोनों मां बेटे एक दूसरे को देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे
तभी राज ने धीरे से अपना होंठ को मेरे होठो पर लाकर रख दिया। मैंने प्यार से उसके होंठ को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगी।

मैं दीवार से सटी हुई थी और वह मेरे से सटा हुआ मेरे होंठ को चूस रहा था।
मैं उसके पीठ को तो कभी उसके बाल को सहला रही थी तो वही मेरे बेटे का हाथ कभी मेरे नाभि में तो कभी मेरे चूची को दबा रहा था।


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मैं अब अपने बेटे के आगोश में बिल्कुल गर्म हो चुकी थी।
बाहर होली का शोर सराभा और गाली सुनाई दे रहा था तो इधर हम दोनों की केवल चुम्मा चाती की आवाज आ रही थी।

तभी राज ने मेरे साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और धीरे से मेरी ब्लाउज का बटन खोल दिया और मैं सिर्फ ब्रा में हो गई।

उसने ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को काटना शुरु कर दिया। मेरे पूरे शरीर में बिजलीया दौड़ गई मेरे बेटे के इस तरह काटने से मैं तो पूरी तरह से सिहर उठी थी।

थोड़ी ही देर में मैंने अपने बेटे का पेंट खोल दिया जिससे उसका लोअर पूरा नीचे गिर गया और वह अब केवल चड्डी में था।

मैं उसके मोटे से लन्ड को चढी के ऊपर से ही सहला रही थी और वह मेरी होठों को चूस रहा था और मेरे स्तन को दबा रहा था।

तभी उसने मेरे ब्रा का हूक् खोल दिया और मेरे दोनों चुचिया आजाद हो गई और दोनों चुचिया को उसने अपने हाथों से पकड़ कर दबाने लगा।
मैं पूरी तरह से सीहर उठी अपने बेटे के बाल को सहला रही थी और उसे अपने चूचियों को चूसने को बोल रही थी चूस बेटा अपनी मां की चूचियों को चूस।

मैं वही दीवार से सटे खड़े हुए अपने बेटे के बाल को सहला रही थी और बेटा मेरी चूचियों को कभी चूस रहा था तो कभी काट रहा था।

थोड़ी देर में मेरे बेटा थोड़ा और नीचे गया और अपना जीभ को मेरी नाभि में डालने लगा मैं एकदम से सीहर उठी।

ऊओ बेटा आआह्ह।

फिर मेरे बेटे ने मेरे साड़ी को खोल दिया और धीरे से मेरी साया का डोरी को खींचकर खोल दिया और साया एकदम से नीचे गिर गई मैं अब केवल पैन्टी में थी कि तभी उसने पैंटी को जबान से काटा और दांत से खींच कर नीचे उतार दिया थोड़ी ही देर में मैं उसके सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी।

फिर उसने अपने चड्डी को भी नीचे सरका दिया और उसका लंड एकदम से हवा में लहराने लगा मैं उसके लंड को हाथ में लेकर खड़ी थी कि वह मेरे मुंह के सामने आया और मेरे मुंह में अपना जबान डालकर चूसने लगा।

मैं उसको लन्ड को हिला रही थी और वह मेरी बूर को सहला रहा था और हम दोनों मिलकर एक दूसरे के मुंह मे जीभ डाले हुए थे। कभी वह मेरे मुंह में अपना जीभ् डालकर पेलता तो कभी मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चुसता हम दोनों की यह होली काफी मजेदार हो रही थी।

फिर राज ने-अपने लंड को मेरे बूर पर सेट करने लगा मैं अपने टांग को थोड़ी सी फैला दी और दीवाल से सटे खड़े हुए उसने अपने लंड को मेरे बूर में डालने लगा,


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मैं उसके बाहों में पड़ी हुई थी।
वह मुझे दीवार से सटाये खड़ा किया था और अपना लंड को एक तेज झटका के साथ मेरे बुरे में घुसा दिया आआहहह की आवाज हुई


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तभी उसने मुझे अपने बाहों में पकड़े हुए अपने होंठ से मेरे होंठ को दबा दिया और फिर धीरे-धीरे वह धक्के लगाने शुरू किया ऐसे ही करते हैं वह मुझे खड़े-खड़े ही पेलने लगा और

बोलने लगा -ओह्ह्ह मां तुम्हारी कितनी मस्त बूर है मेरा तो लंड जैसे स्वर्ग में जा रहा है आआह्ह्ह मां और कभी मेरी गाल को काटता तो कभी होंठ को काटता तो कभी गार्डन को चूमता था आआह्ह मां और पेलते रहता
उसकी हर एक धक्को से मेरी चूचियां ऊपर नीचे होती।


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हम दोनों मां बेटे इस चुदाई का आनंद होली में खड़े-खड़े ही ले रहे थे कि तभी

राज ने बोला- मां मैं सोफे पर बैठता हूं तुम मेरी ऊपर आ जाओ


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फिर राज सोफे पर बैठ गया और मैं उसके ऊपर आ गई और लंड को अपने बुरे में ले ली। फिर मैं ऊपर से उछालना शुरू की और मेरी चूचियों को उसके मुंह में दे दी वह बड़े प्यार से मेरी चूचियों को चूस रहा था और मैं बड़े प्यार से उसके लंड को अपने भीतर ले रही थी कभी उसके माथे को चूमती तो कभी उसके बाल को सहलाती वह तो बस मेरी चूचियों को चूसते जा रहा था। मेरी बूर में उसके लंड के धक्को से काफी हलचल मच रही थी एकदम से मेरी चुत पानी पानी हो रही थी फिर उसने मेरी चूचियों को छोड़ा और मेरे मुंह को चूमते हुए बोला मां तुम सोफे पर झुक जाओ मैं तुम्हें पीछे से चोदता हूं।

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फिर मैं उसके ऊपर से उठी जैसे ही उठी उसके लंड गप्प् से मेरे बुर से बाहर निकली और मैं सोफे पर झुक गई वह मेरे पीछे आया और लंड को बूर में घुसा दिया मैं एकदम से सीहर उठी वह मेरे ऊपर झुक गया और मेरे गालों को काटते हुए कभी मेरे पीठ को चुमते हुए पीछे से धक्के लगना शुरू किया एकदम से धक्के लगा रहा था मैं आआआह्ह ओह्ह्ह की आवाज कर रही थी कि

तभी डोर बेल बजी पर हम दोनों मां बेटे को कोई शुद्ध नहीं रही और राज धक्के लगाता रहा और मैं उसे चुदवाती रही उसके लंड की हर एक धक्का के साथ मेरे मुंह से एक जोर की आआह्ह निकलती और वह लगातार धक्के लगाते जा रहा था।

हम दोनों चरम सीमा पर थे वह मुझे पकड़ कर मेरे गालों को चुमते हुए। चोदते जा रहा था। फिर एक आखिरी धक्का लगाया और बोला आआअह्ह्ह मां।
राज मेरे ऊपर निदाल हो गया। फिर से डोर बेल बजी।

हम दोनों मां बेटा उठै और अपने-अपने कपड़े पहनने लगे। मैं अपने कपड़े लेकर रूम में चली गई और राज यहीं पर कपड़े पहन कर डोर खोलने लगा। डोर खोलते ही सौम्या आई और बोली क्या कर रहे थे तुम दोनों इतनी देर से की डोर खोल नहीं पाए?

तभी मैं भी कपड़े पहन कर बाहर आई और बोली अरे बेटी तू तो पूरी तरह से लेटा गई है कहां इतनी होली खेली?

तभी राज यहां से निकल गया। और बाहर होली खेलने चला गया।

तभी सौम्या मेरे पास आई और बोली अरे मां तुम अभी तक क्या कर रही थी?

तब मैं बोली की क्या करूं बस सो रही थी? शायद हम दोनों में जो कुछ भी हुआ था सौम्या थोड़ा बहुत समझ रही थी।

तब सौम्या बोली अरे माँ चिंता मत कर मेरा बॉयफ्रेंड आने ही वाला है वह तो बहुत उतावला है बोल रहा था सबसे पहले तुझे ही रंग लगाएगा उसके बाद ही मुझे लगाएगा।

मैं बोली -मैं क्यों तेरे बॉयफ्रेंड से रंग लगाऊं तू लगवाओ?

तब सौम्या बोली अरे मां वह तो तेरे मालपुआ खाने के लिए बेचैन है।
आज होली है आज तो किसी को मना नहीं करते जो मालपुआ मांगते हैं उसे चखा ही दिया जाता है।

मैं बोली चल चुप कर बहुत बदमाश हो गई है।

फिर सौम्या बोली- अरे मां तुझे तो शीला चाची बुला रही थी होली खेलने के लिए चलो ना उनके घर में।

तब मैं बोली अच्छा ठीक है चलती हूं पहले तैयार तो हो जाऊं।

तब सौम्या बोली -अरे माँ यार क्यों तैयार होना है वहां तो आपकी साड़ी खोल ही दिया जाएगा?

मैं बोली क्या बकवास कर रही है मैं नहीं जाती फिर?

अरे मां मैं तो मजाक कर रही थी चलो ना ऐसे ही।
वैसे भी तो वहां लेटा ही जाओगी।

और यह राज का बच्चा कहां चला गया आज तो उसे छोडूंगी नहीं पूरा रंग लगाऊंगी मेरा लाडला भाई जो है और मेरे माँ का लाडला बेटा उसे तो रंग लगाए बिना मैं कैसे छोड़ सकती हूं?

तब मैंने कहा- अच्छा ठीक है जिसे रंग लगाना हो लगा लेना पहले चल उसके यहां चलते हैं।

मैं सब तैयारी करके अब शीला के घर जाने लगी।

धन्यवाद अंत तक बने रहने के लिए।
होली की आश्लि खेल अभी बाकी है।
तो मिलते है अगले भाग मे।🙏
UPDATE 4 is ready to ready 😘😘

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Vishalji1

I love women's @ll body part👅lick(peelover)
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Super update
Raj ne apni muhboli maa ke sath Holi ke din apne lode ki pichkari ki safed rang se holi khel li
 
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