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Incest मेरा अतीत और वर्तमान, चूत की अनंत प्यास

mastmast123

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सुबह सीमा ने देखा अमित पास ही सो रहा है नंगा और वो भी नंगी ही सो गई थी, उसने अमित को जगाया और बोला भाग यहां से कहीं रेखा ही न आ जाए यहां, अमित हड़बड़ाता हुआ कपड़े पहन कर भाग गया। अब सीमा ने सोचा रात में रेखा कितनी आस लिए खिड़की से देख रही होगी कि मैं कैसे अमित को उसके लिए तैयार करती हूं मगर बेचारी अमित का भाईपन अपने लिए देखकर बहुत मायूस हो गई होगी। चलूं उसको देखूं सबसे पहले।
सीमा ने सिर्फ गाउन डाला और ऊपर गई, रेखा का दरवाजा खुला ही था वो अंदर गई दरवाजा बंद किया देखा रेखा एकदम नंगी करवट लेकर सो रही थी, सीमा ने गाउन उतार कर फेंका और नंगी उसकी पीठ से लगकर सो गई और दूसरा हाथ नीचे से आगे निकले कर उसकी निप्पल और ऊपर से पहले हाथ से ऊपर की निप्पल दोनों को बीच की उंगली के नाखून से कुरेदने लगी, रेखा की चूत ने झटका खाया और और जागी देखा पीछे तो सीमा को पाया, सीमा ने मुंह आगे बढ़ाया रेखा ने गाल चूम लिए, और निप्पल की कुरेदन ने उसकी आह निकाल दी, बोली ooo ओओ भाभी क्यों परेशान करती हो, मेरी प्यास को क्यों बढ़ा रही हो लंड तो हैं नहीं आपके पास, जो है वो तो भाई पन छोड़ने को तैयार नहीं है क्या और कोई लंड है जो मुझे सता रही हो, नहीं नही अब मुझे ये सब नहीं करना , अब तो शादी और पति से ही उम्मीद है मुझे, आप से कुछ नहीं होगा ,, छोड़ो छोड़ो मुझे ,और छूटने के लिए मचलने लगी, सीमा ने छोड़ा नही बल्कि और टाइट पकड़ लिया और ऊपर वाले हाथ को रेखा के चूत पर रखा जो बेहतरीन गोली हुई पड़ी थी, क्योंकि रात को रेखा दुख की मारी बिना झड़े ही सो गई थी, रात की आग और अभी सीमा की हरकतों ने उसकी चूत का पानी निकाल दिया था, सीमा रेखा की चूत के मुंह पर गोल गोल उंगली फिरा रही थी और अंगूठे से चूत के दाने को झिंझोड़ रही थी, रेखा मस्ती में मुंह पीछे तान कर वासना की लहरों पर तैरती हुई थरथराती आवाज में बोली मेरी चूत का क्या भविष्य है सीमा, क्या शादी से पहले इसे कोई दमदार लंड मिलेगा भी या ये ऐसे ही तड़प तड़प कर लंड लंड लंड करती हुई रोती रहेगी, और जोर से uuuiiiiiii मां कहकर चूत की प्यास मारे बुरी तरह मचलने लगी
सीमा बोली थोड़ा तो सब्र रख ना रेखा, कैसा कर रही है यार, मुझे पता है तेरे जैसी बहुत गर्म लड़की या तेरी उम्र अब एक मादक औरत की हो गई है उसकी चूत बिना लंड के रह सकती है अभी तीन दिन ही तो हुए हैं मुझे ये पता चले, थोड़ा तो टाइम दे मेरी बच्ची मुझे , अच्छा दो दिन यानी परसों सुबह या शाम तक अगर मेरे और तेरे पैर पकड़ कर यदि अमित तेरी चूत नहीं मांग रहा होगा तो मेरा नाम बदल देना और हां मैं भी अमित से नहीं चुदुगी कसम खाती हूं तेरी चूत और बोबों की और उसने बोबे वाला हाथ नीचे को लाया और अपने चूत वाली उंगलियों से दूसरे हाथ की उंगली गीली की चूत रस से चूत और दाने को फिर से रगड़ने लगी, अब दूसरे हाथ की उंगली उसने रेखा के गांड के छेद पर रखी और थोड़ा सा अन्दर सरका कर अंदर बाहर करती हुई गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने, सारी औरतें जानती है जब एक हाथ उनकी चूत और चूत के दाने को रगड़ रहा को और एक हाथ उनकी गांड को मथ रहा हो दही बिलोने की तरह तो उनकी क्या हालत होती है और ये करने वाली उनकी अपनी सगी मां भाभी बहन या सास या ननद हो हो तो आपकी क्या हालत होती है, बिलकुल वही हालत अभी मेरी कहानी की नायिका रेखा की हो रही है, वो भाभी सीमा सिम्स भाभो कहकर बुरी तरह तड़प रही है सीमा चूत की उंगली पूरी अंदर बाहर करने लगी और चूत की दाने को अंगूठे से तेजी से मसलने लगी और रेखा की गांड में उंगली धीरे मगर थोड़ा अंदर कर के गोल गोल घुमाने लगी और अंगूठे से गांड की रिंग को धीरे धीरे खुरचने लगी अब रेखा चार सबसे सेक्सुअली हिस्सों पर हो रहे कार्य से सातवें आसमान में उड़ी जा रही थी, ऐसा सुख बहुत कम औरतों को उनके जीवन काल में उनको प्राप्त होता है हमारी रेखा उनमें से एक किस्मत वाली औरत है, और वो लगातार झड़ती रही थोड़ी थोड़ी देर में, अमूमन एक औसत औरत एक या दो बार झड़ कर मैदान छोड़ देती है मगर रेखा रानी पिछले पन्द्रह से मैदान सम्हाले हुए है और सात बार झड़ चुकी है मगर सीमा को रुकने का नहीं बोला है अब सत्रवहे मिनिट में आठवी बार झड़ी और थोड़ा हल्की पड़ी मगर सीमा को रोका नहीं, सीमा का प्रहार रेखा की चूत , चूत के दाने रेखा की गांड के सुराख और गांड की रिंग पर लगातार उसी रफ्तार से जारी है रेखा बहुत जोरों से फड़फड़ा ने लगी और नवीं बार इतनी ज्यादा झड़ी की सीमा का हाथ उसकी कलाई तक रेखा के रस से सराबोर हो गया जैसे उसने शक्कर की चाशनी से भरे बर्तन में हाथ डाल कर भिगोया हो, रेखा बोली अब बस सीमा hhaaayyyy आआआआआआ , मर गैईईई और रेखा ने अपने चुदास का मैदान छोड़ दिया और अधमरी हालत में तेजी से सांसे लेने लगी , सीमा ने अपने हाथ उसके अंगों से हटाए और उसको अपनी तरफ कर के बाहों में भरकर सिर पर हाथ फेरती हुई सांत्वना देने लगी।
 
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malikarman

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सुबह सीमा ने देखा अमित पास ही सो रहा है नंगा और वो भी नंगी ही सो गई थी, उसने अमित को जगाया और बोला भाग यहां से कहीं रेखा ही न आ जाए यहां, अमित हड़बड़ाता हुआ कपड़े पहन कर भाग गया। अब सीमा ने सोचा रात में रेखा कितनी आस लिए खिड़की से देख रही होगी कि मैं कैसे अमित को उसके लिए तैयार करती हूं मगर बेचारी अमित का भाईपन अपने लिए देखकर बहुत मायूस हो गई होगी। चलूं उसको देखूं सबसे पहले।
सीमा ने सिर्फ गाउन डाला और ऊपर गई, रेखा का दरवाजा खुला ही था वो अंदर गई दरवाजा बंद किया देखा रेखा एकदम नंगी करवट लेकर सो रही थी, सीमा ने गाउन उतार कर फेंका और नंगी उसकी पीठ से लगकर सो गई और दूसरा हाथ नीचे से आगे निकले कर उसकी निप्पल और ऊपर से पहले हाथ से ऊपर की निप्पल दोनों को बीच की उंगली के नाखून से कुरेदने लगी, रेखा की चूत ने झटका खाया और और जागी देखा पीछे तो सीमा को पाया, सीमा ने मुंह आगे बढ़ाया रेखा ने गाल चूम लिए, और निप्पल की कुरेदन ने उसकी आह निकाल दी, बोली ooo ओओ भाभी क्यों परेशान करती हो, मेरी प्यास को क्यों बढ़ा रही हो लंड तो हैं नहीं आपके पास, जो है वो तो भाई पन छोड़ने को तैयार नहीं है क्या और कोई लंड है जो मुझे सता रही हो, नहीं नही अब मुझे ये सब नहीं करना , अब तो शादी और पति से ही उम्मीद है मुझे, आप से कुछ नहीं होगा ,, छोड़ो छोड़ो मुझे ,और छूटने के लिए मचलने लगी, सीमा ने छोड़ा नही बल्कि और टाइट पकड़ लिया और ऊपर वाले हाथ को रेखा के चूत पर रखा जो बेहतरीन गोली हुई पड़ी थी, क्योंकि रात को रेखा दुख की मारी बिना झड़े ही सो गई थी, रात की आग और अभी सीमा की हरकतों ने उसकी चूत का पानी निकाल दिया था, सीमा रेखा की चूत के मुंह पर गोल गोल उंगली फिरा रही थी और अंगूठे से चूत के दाने को झिंझोड़ रही थी, रेखा मस्ती में मुंह पीछे तान कर वासना की लहरों पर तैरती हुई थरथराती आवाज में बोली मेरी चूत का क्या भविष्य है सीमा, क्या शादी से पहले इसे कोई दमदार लंड मिलेगा भी या ये ऐसे ही तड़प तड़प कर लंड लंड लंड करती हुई रोती रहेगी, और जोर से uuuiiiiiii मां कहकर चूत की प्यास मारे बुरी तरह मचलने लगी
सीमा बोली थोड़ा तो सब्र रख ना रेखा, कैसा कर रही है यार, मुझे पता है तेरे जैसी बहुत गर्म लड़की या तेरी उम्र अब एक मादक औरत की हो गई है उसकी चूत बिना लंड के रह सकती है अभी तीन दिन ही तो हुए हैं मुझे ये पता चले, थोड़ा तो टाइम दे मेरी बच्ची मुझे , अच्छा दो दिन यानी परसों सुबह या शाम तक अगर मेरे और तेरे पैर पकड़ कर यदि अमित तेरी चूत नहीं मांग रहा होगा तो मेरा नाम बदल देना और हां मैं भी अमित से नहीं चुदुगी कसम खाती हूं तेरी चूत और बोबों की और उसने बोबे वाला हाथ नीचे को लाया और अपने चूत वाली उंगलियों से दूसरे हाथ की उंगली गीली की चूत रस से चूत और दाने को फिर से रगड़ने लगी, अब दूसरे हाथ की उंगली उसने रेखा के गांड के छेद पर रखी और थोड़ा सा अन्दर सरका कर अंदर बाहर करती हुई गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने, सारी औरतें जानती है जब एक हाथ उनकी चूत और चूत के दाने को रगड़ रहा को और एक हाथ उनकी गांड को मथ रहा हो दही बिलोने की तरह तो उनकी क्या हालत होती है और ये करने वाली उनकी अपनी सगी मां भाभी बहन या सास या ननद हो हो तो आपकी क्या हालत होती है, बिलकुल वही हालत अभी मेरी कहानी की नायिका रेखा की हो रही है, वो भाभी सीमा सिम्स भाभो कहकर बुरी तरह तड़प रही है सीमा चूत की उंगली पूरी अंदर बाहर करने लगी और चूत की दाने को अंगूठे से तेजी से मसलने लगी और रेखा की गांड में उंगली धीरे मगर थोड़ा अंदर कर के गोल गोल घुमाने लगी और अंगूठे से गांड की रिंग को धीरे धीरे खुरचने लगी अब रेखा चार सबसे सेक्सुअली हिस्सों पर हो रहे कार्य से सातवें आसमान में उड़ी जा रही थी, ऐसा सुख बहुत कम औरतों को उनके जीवन काल में उनको प्राप्त होता है हमारी रेखा उनमें से एक किस्मत वाली औरत है, और वो लगातार झड़ती रही थोड़ी थोड़ी देर में, अमूमन एक औसत औरत एक या दो बार झड़ कर मैदान छोड़ देती है मगर रेखा रानी पिछले पन्द्रह से मैदान सम्हाले हुए है और सात बार झड़ चुकी है मगर सीमा को रुकने का नहीं बोला है अब सत्रवहे मिनिट में आठवी बार झड़ी और थोड़ा हल्की पड़ी मगर सीमा को रोका नहीं, सीमा का प्रहार रेखा की चूत , चूत के दाने रेखा की गांड के सुराख और गांड की रिंग पर लगातार उसी रफ्तार से जारी है रेखा बहुत जोरों से फड़फड़ा ने लगी और नवीं बार इतनी ज्यादा झड़ी की सीमा का हाथ उसकी कलाई तक रेखा के रस से सराबोर हो गया जैसे उसने शक्कर की चाशनी से भरे बर्तन में हाथ डाल कर भिगोया हो, रेखा बोली अब बस सीमा hhaaayyyy आआआआआआ , मर गैईईई और रेखा ने अपने चुदास का मैदान छोड़ दिया और अधमरी हालत में तेजी से सांसे लेने लगी , सीमा ने अपने हाथ उसके अंगों से हटाए और उसको अपनी तरफ कर के बाहों में भरकर सिर पर हाथ फेरती हुई सांत्वना देने लगी।
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mastmast123

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रेखा ने कोई पंद्रह मिनिट बाद सीमा की ओर देखा सीमा बोली देख रेखा अब मैं जैसा जैसा बोलूं तू वैसा कर देख कैसे अमित कुत्ते की तरह लार टपकाता तेरे पीछे पीछे भागेगा। सुन अभी तू deep गले वाला टॉप बिना ब्रा के पहन के नीचे आ नीचे कैप्री पहन लेना, आगे मैं बताती हूं क्या करना है। फिर वो नीचे अमित के रूम में गई अमित गहरी नींद में था, सीमा ने सारी चेयर्स वहां से उठा ली और बाहर कहीं रख दी।
फिर चाय बनाने लगी तब तक रेखा भी एक ढीला top पहने आई जिसमे से उसके बॉब्स आधे वैसे ही दिख रहे थे, सीमा बोली ये चाय लेकर जा और अमित को दे, देख वो दो रहा होगा उसे उठा कर देना और उसके पास पलंग पर मत बैठना , नीचे जमीन पर इस तरह बैठना कि वो जब तुझसे बात करे तो उसको दोनों बॉब्स पूरे पूरे दिखे top के अंदर, और उससे डबल मीनिंग में अश्लील बात करना और उसको उकसाना लेकिन तू नॉर्मल और सिंपल ही रहना उसे लगे तू भाई ही मान रही है उसे, ok, now go,
रेखा चाय की ट्रे लेकर अमित के रूम में गई और आवाज लगाई भैया भइया उठो चाय पी लो, अमित आंख मलते उठा देखा रेखा खड़ी है उठकर बैठा और बोला लाओ दो और उसके बैठने की जगह बनाने लगा रेखा बोली आप आराम से बैठो मैं नीचे बैठती हूं ऐसा कह के चाय देकर एकदम अमित के सामने नीचे बैठ गई। अमित चाय की पहली चुस्की लेते हुए बोला और रेखा बहन कैसी हो तुमसे बात ही नहीं हो पाती है।
रेखा हां मैं तो दिन भर घर पर ही रहती हूं आप को ही फुरसत नहीं है अपनी बहन की तरफ देखने की।
अब अमित ने गौर से नीचे बैठी रेखा को देखा वो पलथी मार कर दोनों हाथों को गोद में लिए आगे की ओर झुकी हुई थी , अमित ने देखा उसके टॉप का गला बहुत बड़ा था और झुकने की वजह से नीचे लटक गया था, अब अमित को रेखा के दोनों बॉब्स पूरे नंगे दिखाई दे रहे थे , एकदम सही शेप में मोटे मोटे ब्राउन एरोला से सजे सफेद झक , रेखा के बैठे बैठे आगे पीछे होने से उसके बॉब्स भी मादक रूप से होले होले हील रहे थे, अमित की हालत टाइट होने लगी, उसने दिमाग को झटका और सिर्फ रेखा के चहरे पर फोकस किया रेखा बला की खूबसूरत थी सेक्सी नाक और नशीली आंखें अमित फिर घायल, अब उसने ध्यान हटाने के लिए बात चीत पर फोकस किया और पूछा सीमा दीदी कहां है, रेखा वो खाने की तैयारी में लगी हैं, अच्छा क्या सब्जी बनने वाली है आज।
रेखा पता नहीं, मगर मुझे तो बैगन बहुत पसंद हैं, मगर मुझे मेरी पसंद का बैगन ही नहीं मिल रहा है कितने समय से देख रही हूं कोई तो दे मेरे हिसाब वाला
अमित अच्छा तुझे बैगन पसंद है बता कैसे पसंद है में आज बड़ी मंडी तरफ जा रहा हूं लेकर आऊंगा
सच भैया आप दोगे बैगन मैं तो आपका जरूर ले लूंगी आपका तो अच्छा ही होगा, मेरा मतलब अच्छा ही तो लाओगे,
अमित पर बता तो किस तरह के हैं तुझे पसंद।
अब रेखा चटखारे लेती हुई आगे पीछे इधर उधर होती हुई बोलने लगी, उसके ऐसा करने से उसके बॉब्स सब डायरेक्शन में हिलते हुए तूफान मचा रहे थे, न चाहते हुए भी अमित की नजर उन पर आ ही गई और उसके लंड ने बगावत कर दी और वो उफान पर आने लगा
भैय्या वो बोली मुझे न मोटा ताजा बहुत चिकना चाहे थोड़ा छोटा भी हो तो चलेगा मगर जब चाहे कच्चा भी मुंह में लूं तो फिसल कर सीधा मेरे गले को टच हो ओर आराम से अंदर बाहर फिसलता रहे।
अमित ने सोचा ये क्या बोल रही है बैगन के ही बारे में या कुछ और तो नहीं, उसने पूछा क्या बात कर रही है भला कच्चा बैगन कौन मुंह में लेता है
रेखा अरे नहीं मेरा मतलब है कि जब उसको हाथ में लेकर छुओ तो उसका नाजुक पन उसकी चमक उसका चिकना पन मन को भा जाता है तो अपने आप ही दिल उसको चूमना चाहने लगता है, जो मेरी पसंद है ना उसकी बात कर रहीं हूं मगर अभी तो वैसा मिला ही नहीं, आप देख लो शायद दे सको मेरा वाला।
अमित अभी भी कंफ्यूज था, उसे लगा जरूर ये लंड की बात कर रही है और मुझे seduce करना चाह रही है, उसकी नज़र अब रेखा के बूब्स पर जम गई थी, रेखा ने अमित की ओर देखा अभी तक वो इधर उधर या नीचे देखकर ही बात कर रही थी , वो जान चुकी थी अमित उसके बूब्स ताड़ रहा है इसलिए ज्यादा ही हिचकोले दे रही थी उनको, ओर खुश भी थी, मगर अब उसे अमित को जताना था कि वो उसकी बहन है और वो उसका भाई, अमित की ओर देखते हुए बोली ये क्या देख रहे हो आप भइया इतने गौर से आपको शर्म नहीं आती है क्या आप मेरे बड़े भाई हो , बेशर्म कहीं के , अभी भाभी से जाकर कहती हूं, और गुस्से से उठकर चली गई।
अमित अब शॉक में , साला ये क्या हो गया, मगर करूं भी तो क्या, कयामत है रेखा के बूब्स, साली क्या जवानी चढ़ी है इस पर, लेकिन ये तो गड़बड़ ही हो गई।
इतने में सीमा कमरे में आई और गुस्से से उसके कान को मरोडती हुई बोली कमीने रात को मैं बोली तो बहन बहन कर रहा था और अब मेरे पीछे अपनी बहन को ताड़ रहा है, वो तो तुझे भाई ही मानती है ना, दुष्ट मान क्यों नही जाता, अब अगर खुद को ठीक नहीं किया तो फिर देखना।
अमित बोला मैं फिर चला जाता हूं अपने घर
सीमा अब राखी आई है मम्मी पापा राखी के दिन ही आ रहे है मम्मी जाते जाते बोल गई हैं बहु अमित को रोकना राखी तक अपने सामने रखी बंधवाऊंगी दोनो भाई बहन को। तब तक रुक फिर चाहे चला जाना।
और गुस्से से पैर पटकती हुई चली गई।
अमित अब डबल माइंड हो रहा था एक तरफ सोचता रेखा बहिन है और एक तरफ सोचता कातिल जवानी लंड खड़ा करती रेखा , पूरा नग्न देख लूं तो शायद लंड ही फट जाए पटाखे की तरह, असमंजस की स्थिति, वो जानता था सीमा कितना भी गुस्सा करे मगर नाराज नहीं होगी और मेरी बात जरूर मानेगी।
 

mastmast123

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अमित सोच रहा था, अरे यार ये तो बड़ी गलती हो गई , रेखा को सीमा वैसे ही परोस रही थी, मैने ही आगे होकर बहिन माना और भावना में बह कर उसको दिल से बहन मान लिया , नहीं मैं गलत सोच रहा हूं क्यों अपनी मौसी की बेटी को एक तरह से सगी बहन है, नहीं मैने गलत किया है वो बहन है अब चाहे जो हो जाए, में उसे वासना की नजर से नहीं देखूंगा। मन में दृढ़ निश्चय कर के वो अपने काम पर खाना खा कर निकल गया।
इधर सीमा रेखा से बोली बहुत सही किया तूने क्या लोड़ा खड़ा किया साले का सब बहनापा लंड में पहुंच गया भाई साहेब, क्या बिलबिला रहा था तेरे इन चूचों के साक्षात दर्शन कर के। देख लेना तेरे पैरों में न गिरे और तेरी बाहों में आने के लिए न तड़पे तो मारा नाम नहीं, तू बस ऐसी ही रहना इग्नोर मारना but seduce पूरा पूरा करना। और मैं चांटा दिखाती रहूंगी उसको, तब जाके अक्ल ठिकाने आयेगी।
अब सुन जब शाम को आए तो क्या करना है, रेखा को पूरा प्लान समझाया, और फिर काम में लग गए।
शाम को अमित आया उसके रूम में सीमा बैठी कुछ काम रही थी, वो बोला रेखा ने बैगन मंगाए थे लाया हूं लो, सीमा बोली जिसका माल है उसको दो, ऐसा कहकर वो बाहर निकली और रेखा को आवाज दी ,,, रेखा देख ये अमित कुछ लाया है तेरे लिए, ले ले। इतना कहकर वो किचन में चली गई, रेखा आई , अभी उसने लोअर और टॉप पहना था मगर वह पूरा गले तक था बूब्स को देखने का कोई चांस नहीं था, वो आकर सामने चेयर पर बैठ गई जिसे सीमा ने प्लान के हिसाब से सेट किया था सामने टी टेबल रखी थी , अमित तब तक चेंज कर के पलंग पर रेखा के एकदम सामने बैठ गया, रेखा का पहनावा देख कर बहुत खुश हुआ चलो अभी इसने ढंग के कपड़े पहने हैं बहकने का कोई खतरा नहीं है, रेखा बोली भाभी बोल रही थी कुछ लाए हो भैय्या आप मेरे लिए , अमित ने गोल गोल बड़े बड़े बैंगन निकाल कर टेबल पर रखे, ये लो रेखा तुम जैसा चाह रही थी वैसे मोटे गोल गोल चिकने मन को भाने वाले बैगन।
रेखा अरे आप तो गोल गोल ले आए ये आप के काम के हो सकते है आपकी पसंद के, आपको इनको हथेली में भरकर दबाने से मजा आ सकता होगा, इनका चिकना पन आपको अपने सीने से लगाने के लिए मजबूर कर सकता होगा,
इतनी बात कहते कहते उसने अपने पैर टेबल पर रख दिए और दोनो घुटने आपस में जोड़ कर अमित से आगे बोली आपके लायक हैं ये तो मुझे तो लंबा चाहिए आप ये क्या ले आए, मैने पहले ही कहा था मेरी पसंद का मिलता ही नहीं है, और उसने दोनों घुटनों को चौड़ा किया, अमित एकदम सामने था जैसे ही उसने घुटने खोले अमित की सांस रुक गई सामने रेखा का लोअर बीच में से फटा हुआ था और उसकी चूत ऊपर से लेकर नीचे तक साफ दिखाई दे रही थी, रेखा नॉर्मल बिहेव कर रही थी मतलब उसको पता नहीं था कि उसका पजामा फटा हुआ है उसने टेबल पर रखी मैगजीन उठाई और पढ़ने लगी, उसका चेहरा बुक के पीछे छुप गया था, अब अमित आंखे फाड़े चूत को देखने लगा, रेखा धीरे धीरे दोनों घुटनों को पास लाती फिर खोल देती, अमित देख रहा था कुंवारी चूत के दोनों होंठ आपस में चिपके हुए थे, फूली फूली चूत पर एक भी बाल नहीं था शायद सुबह ही चमकाई थी एकदम गोरी लश्कारे मारती हुई, खुल और बंद हो रही थी रेखा के घुटने अंदर बाहर करने से, अमित की धड़कन रूक गई उसने दो चूत देखी थी सीमा और नीता की, मगर उनसे कई गुना खूबसूरत ये रेखा की चूत उसकी आंखों के सामने ता थैया कर रही थी, मानों एक स्पेशल शो चूत एग्जिबिशन का आयोजित किया गया हो सिर्फ और सिर्फ अमित के लिए, ये शो तकरीबन पांच से छह मिनिट चला होगा कि अचानक रेखा ने दोनों घुटने झटके से खोले, कमसिन चूत के होंठ खुले और, और अंदर का गहरा गुलाबी चूत द्वार दिखने लगा, कोई दो इंच अंदर तक छोटे सा सुराख हल्की नमी से चमकता हुआ और चूत लप लप मूवमेंट से खुल और बंद हो रही थी, रेखा ने पैर पूरे चौड़े कर लिए थे और बहुत देर तक खोले ही रखे थे, लप लप जारी था चूत के उस खुलने बंद होने के दृश्य को अपनी आंखों में कैद कर लिया था कुछ इस कदर कि जैसे वो इसे जीवन में कभी भी लाइव शो की तरह देख सके,अमित अब अपने जीवन के सर्वोत्तम पलों को जी रहा था, शायद इतना आनंद वो अपनी होने वाली पत्नी से भी नहीं पा सकेगा क्योंकि ये लुका छिपी पत्नी के साथ भला किसी पति को नसीब होती है, कुल मिला कर अमित की जान ही नहीं निकली उसका लवड़ा अब full pop up कर के एकदम टन टना टन हो कर अकड़ गया, उसके मुंह से लार टपकने ही वाली थी, की अचानक रेखा उठ खड़ी हुई भैय्या आपके बैगन से आप ही खेलो, उसका मतलब उसके लंड से था, मगर बैगनो की तरफ उंगली दिखाते हुए बोली,ये गोल तो आपको खुशी दे सकते होंगे, मुझे तो लंबा मोटा ताजा ही पसंद है। इतना कहकर बाहर चली गई, जैसे ही बाहर निकली सीमा खड़ी थी छुपकर अंदर देख रही थी, वो रेखा का हाथ पकड़ कर किचन में ले गई और बोली, क्या प्लान execute हुआ है रेखा रानी , तेरा पजामा मैने बीच से फाड़ कर मैदान मार लिया है, तूने तो नहीं देखी है उसकी हालत, मैं सब देख रही थी, बस पागल ही नहीं हुआ बेचारा, उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया था, उसके बदन में ऐसी लहर उठी कि वो सिहर गया और कांपने लगा था, और और उसका लंड हाय दैय्या चूत देखते ही लपालप उछलने लगा था, सही समय पर तू उठकर, आ गई।
फिर बोली तू रुक मैं एक मिनिट में आई उसको देखकर।

जब वो अमित के कमरे में गई, चूंकि घर में सिर्फ ये तीन ही लोग थे तो अमित ने दरवाजा बंद नहीं किया था सिर्फ भिड़ा दिया था क्योंकि रेखा तो वापस आने से रही और सीमा से वो डरता नहीं था। सीमा ने हल्का सा धक्का दिया वो खुल गया और देखा, अमित रेखा रेखा तेरी चूत के लप लप ने क्या हाल कर दिया है मेरा आ ना देख न रेखा हाय मेरी रेखा अब तेरी चूत मुझे परोस दे मेरी रानी, यूं बड़बड़ाता हुआ तेजी से मुठ मार रहा था, सीमा अंदर गई और बोली अच्छा तो अब भाई बहनचोद बनने की प्रैक्टिस कर रहा है, अमित ने सीमा को देखा उसको पकड़ कर पास बिठा लिया और चूमते हुए बोला सीमा pls pls मूझे रेखा की चूत दिलवा दे, मैं जो तू कहेगी सब करूंगा, सीमा ने अमित का हाथ झिड़क दिया और जोर से बोली ये नहीं हो सकेगा, तू ही कह रहा था न कि रेखा तो तेरी सही बहन है जब मैं पेश कर रही थी उसे, अब हिला उसको सोच के, वो तेरी सिर्फ बहन है और तू उसको राखी ही बांधेगा उसके अलावा और कुछ नहीं।
 
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mastmast123

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सीमा वापस रेखा के पास आई और बोली 90% काम हो गया है, अब तू उसके सामने ही आती जाती रह और अपने शरीर को जितना हो सके उतने सेक्सी तरीके से दिखाती रह मगर facial expressions सिर्फ बहन वाले ही होना चाहिए, उसको लगना चाहिए कि उसकी dream girl उसके सामने है
अब रेखा का शो चलता रहा जनाब का temprature बढ़ता रहा। राखी के एक दिन पहले सुबह सुबह अमित की आंख कुछ खटर पटर से, जो कि सीमा ने छुप कर जान बुझ कर की थी, ताकि वो जल्दी उठ जाए, वो उठ कर सीमा के रूम में गया देखा वो वहां नहीं थी, वो ऊपर छत पर गया देखा सीमा वहां बैठी थी और रेखा छत पर बनी लंबी चौड़ी कोई चार फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर excercise कर रही थी, वो गुड मॉर्निंग बोलकर सीमा के पास बैठ गया, सीमा मॉर्निंग न्यूज़ पेपर ले कर गई थी उसने अमित पर कोई ध्यान नहीं दिया और पेपर ही पढ़ती रही, अमित अब रेखा को देखने लगा, रेखा ने बहुत छोटा जींस का शॉर्ट पहना था जो सिर्फ उसके चूतड को ही ढक रहा था और उसकी केले के तने जैसी मांसल और चिकनी टांगे पूरी की पूरी नंगी थी, उसका टॉप भी बहुत छोटा सा था सिर्फ breast की lower line Tak और बहुत ढीला, excercise करने में ऊपर नीचे बैठने से उसका टॉप हवा से ऊपर की और उठ जा रहा था उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी और अमित को रेखा के विशाल बूब्स हिलते हुए साफ साफ दिख रहे थे, अमित वैसे ही कल के शो के बाद लंड की अकड़न से पल पल मर रहा था, और अब ये उससे भी ज्यादा जान लेवा एक्शन सामने था, उसके बर्दास्त के बाहर कोई दस मिनिट बूब्स का अलग अलग एंगल से अमित को दर्शन कराने के बाद रेखा पीछे घूम गई और पैरों को चौड़ा करने वाली excercise करने लगी, शॉर्ट टाइट थी जैसे ही वो नीचे झुकी उसके टांके उधड़ गए, ये सीमा का कमाल था, और रेखा गांड पूरी ओपन अमित के सामने थी, गांड की गोलाई और भराव हाय क्या कातिलाना सीन था, उसकी गांड का छोटा सा गुलाबी काला पन लिए छेद अमित के सामने था, जो रेखा के ऊपर नीचे बैठने से सिकुड़ने और फैलने लगा था, सीमा पेपर पढ़ रही थी रेखा का मुंह पीछे की तरफ था और अमित पूरी तन्मयता से रेखा की गांड का छेद और भारी चूतड को देख कर अजीब सी गुदगुदी लंड में महसूस कर रहा था, अब रेखा थोड़ी नीचे को झुकी तो अमित को रेखा की चूत साफ साफ दिखाई दी,उसके मुंह से सिसकी निकल गई, सीमा ने सुन ली वो मन ही मन हंसी और सोचने लगी अब तो जाल में फंसी मछली पूरी तरह, और रेखा को आवाज लगा कर बोली चल रेखा बहुत हुआ अब, और दोनों अमित को हक्की बक्की अवस्था में छोड़ कर सीढियां उतरने लगी, अमित हाय हाय करता हुआ छत पर ही लेट गया, और आंखें मींच कर अभी जो देखा था उसे दोहराने लगा।
 
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Mass

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Bhai, doctor waali story kaa bhi updates do pls..thx
mastmast123
 

malikarman

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सीमा वापस रेखा के पास आई और बोली 90% काम हो गया है, अब तू उसके सामने ही आती जाती रह और अपने शरीर को जितना हो सके उतने सेक्सी तरीके से दिखाती रह मगर facial expressions सिर्फ बहन वाले ही होना चाहिए, उसको लगना चाहिए कि उसकी dream girl उसके सामने है
अब रेखा का शो चलता रहा जनाब का temprature बढ़ता रहा। राखी के एक दिन पहले सुबह सुबह अमित की आंख कुछ खटर पटर से, जो कि सीमा ने छुप कर जान बुझ कर की थी, ताकि वो जल्दी उठ जाए, वो उठ कर सीमा के रूम में गया देखा वो वहां नहीं थी, वो ऊपर छत पर गया देखा सीमा वहां बैठी थी और रेखा छत पर बनी लंबी चौड़ी कोई चार फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर excercise कर रही थी, वो गुड मॉर्निंग बोलकर सीमा के पास बैठ गया, सीमा मॉर्निंग न्यूज़ पेपर ले कर गई थी उसने अमित पर कोई ध्यान नहीं दिया और पेपर ही पढ़ती रही, अमित अब रेखा को देखने लगा, रेखा ने बहुत छोटा जींस का शॉर्ट पहना था जो सिर्फ उसके चूतड को ही ढक रहा था और उसकी केले के तने जैसी मांसल और चिकनी टांगे पूरी की पूरी नंगी थी, उसका टॉप भी बहुत छोटा सा था सिर्फ breast की lower line Tak और बहुत ढीला, excercise करने में ऊपर नीचे बैठने से उसका टॉप हवा से ऊपर की और उठ जा रहा था उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी और अमित को रेखा के विशाल बूब्स हिलते हुए साफ साफ दिख रहे थे, अमित वैसे ही कल के शो के बाद लंड की अकड़न से पल पल मर रहा था, और अब ये उससे भी ज्यादा जान लेवा एक्शन सामने था, उसके बर्दास्त के बाहर कोई दस मिनिट बूब्स का अलग अलग एंगल से अमित को दर्शन कराने के बाद रेखा पीछे घूम गई और पैरों को चौड़ा करने वाली excercise करने लगी, शॉर्ट टाइट थी जैसे ही वो नीचे झुकी उसके टांके उधड़ गए, ये सीमा का कमाल था, और रेखा गांड पूरी ओपन अमित के सामने थी, गांड की गोलाई और भराव हाय क्या कातिलाना सीन था, उसकी गांड का छोटा सा गुलाबी काला पन लिए छेद अमित के सामने था, जो रेखा के ऊपर नीचे बैठने से सिकुड़ने और फैलने लगा था, सीमा पेपर पढ़ रही थी रेखा का मुंह पीछे की तरफ था और अमित पूरी तन्मयता से रेखा की गांड का छेद और भारी चूतड को देख कर अजीब सी गुदगुदी लंड में महसूस कर रहा था, अब रेखा थोड़ी नीचे को झुकी तो अमित को रेखा की चूत साफ साफ दिखाई दी,उसके मुंह से सिसकी निकल गई, सीमा ने सुन ली वो मन ही मन हंसी और सोचने लगी अब तो जाल में फंसी मछली पूरी तरह, और रेखा को आवाज लगा कर बोली चल रेखा बहुत हुआ अब, और दोनों अमित को हक्की बक्की अवस्था में छोड़ कर सीढियां उतरने लगी, अमित हाय हाय करता हुआ छत पर ही लेट गया, और आंखें मींच कर अभी जो देखा था उसे दोहराने लगा।
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