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सुबह सीमा ने देखा अमित पास ही सो रहा है नंगा और वो भी नंगी ही सो गई थी, उसने अमित को जगाया और बोला भाग यहां से कहीं रेखा ही न आ जाए यहां, अमित हड़बड़ाता हुआ कपड़े पहन कर भाग गया। अब सीमा ने सोचा रात में रेखा कितनी आस लिए खिड़की से देख रही होगी कि मैं कैसे अमित को उसके लिए तैयार करती हूं मगर बेचारी अमित का भाईपन अपने लिए देखकर बहुत मायूस हो गई होगी। चलूं उसको देखूं सबसे पहले।
सीमा ने सिर्फ गाउन डाला और ऊपर गई, रेखा का दरवाजा खुला ही था वो अंदर गई दरवाजा बंद किया देखा रेखा एकदम नंगी करवट लेकर सो रही थी, सीमा ने गाउन उतार कर फेंका और नंगी उसकी पीठ से लगकर सो गई और दूसरा हाथ नीचे से आगे निकले कर उसकी निप्पल और ऊपर से पहले हाथ से ऊपर की निप्पल दोनों को बीच की उंगली के नाखून से कुरेदने लगी, रेखा की चूत ने झटका खाया और और जागी देखा पीछे तो सीमा को पाया, सीमा ने मुंह आगे बढ़ाया रेखा ने गाल चूम लिए, और निप्पल की कुरेदन ने उसकी आह निकाल दी, बोली ooo ओओ भाभी क्यों परेशान करती हो, मेरी प्यास को क्यों बढ़ा रही हो लंड तो हैं नहीं आपके पास, जो है वो तो भाई पन छोड़ने को तैयार नहीं है क्या और कोई लंड है जो मुझे सता रही हो, नहीं नही अब मुझे ये सब नहीं करना , अब तो शादी और पति से ही उम्मीद है मुझे, आप से कुछ नहीं होगा ,, छोड़ो छोड़ो मुझे ,और छूटने के लिए मचलने लगी, सीमा ने छोड़ा नही बल्कि और टाइट पकड़ लिया और ऊपर वाले हाथ को रेखा के चूत पर रखा जो बेहतरीन गोली हुई पड़ी थी, क्योंकि रात को रेखा दुख की मारी बिना झड़े ही सो गई थी, रात की आग और अभी सीमा की हरकतों ने उसकी चूत का पानी निकाल दिया था, सीमा रेखा की चूत के मुंह पर गोल गोल उंगली फिरा रही थी और अंगूठे से चूत के दाने को झिंझोड़ रही थी, रेखा मस्ती में मुंह पीछे तान कर वासना की लहरों पर तैरती हुई थरथराती आवाज में बोली मेरी चूत का क्या भविष्य है सीमा, क्या शादी से पहले इसे कोई दमदार लंड मिलेगा भी या ये ऐसे ही तड़प तड़प कर लंड लंड लंड करती हुई रोती रहेगी, और जोर से uuuiiiiiii मां कहकर चूत की प्यास मारे बुरी तरह मचलने लगी
सीमा बोली थोड़ा तो सब्र रख ना रेखा, कैसा कर रही है यार, मुझे पता है तेरे जैसी बहुत गर्म लड़की या तेरी उम्र अब एक मादक औरत की हो गई है उसकी चूत बिना लंड के रह सकती है अभी तीन दिन ही तो हुए हैं मुझे ये पता चले, थोड़ा तो टाइम दे मेरी बच्ची मुझे , अच्छा दो दिन यानी परसों सुबह या शाम तक अगर मेरे और तेरे पैर पकड़ कर यदि अमित तेरी चूत नहीं मांग रहा होगा तो मेरा नाम बदल देना और हां मैं भी अमित से नहीं चुदुगी कसम खाती हूं तेरी चूत और बोबों की और उसने बोबे वाला हाथ नीचे को लाया और अपने चूत वाली उंगलियों से दूसरे हाथ की उंगली गीली की चूत रस से चूत और दाने को फिर से रगड़ने लगी, अब दूसरे हाथ की उंगली उसने रेखा के गांड के छेद पर रखी और थोड़ा सा अन्दर सरका कर अंदर बाहर करती हुई गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने, सारी औरतें जानती है जब एक हाथ उनकी चूत और चूत के दाने को रगड़ रहा को और एक हाथ उनकी गांड को मथ रहा हो दही बिलोने की तरह तो उनकी क्या हालत होती है और ये करने वाली उनकी अपनी सगी मां भाभी बहन या सास या ननद हो हो तो आपकी क्या हालत होती है, बिलकुल वही हालत अभी मेरी कहानी की नायिका रेखा की हो रही है, वो भाभी सीमा सिम्स भाभो कहकर बुरी तरह तड़प रही है सीमा चूत की उंगली पूरी अंदर बाहर करने लगी और चूत की दाने को अंगूठे से तेजी से मसलने लगी और रेखा की गांड में उंगली धीरे मगर थोड़ा अंदर कर के गोल गोल घुमाने लगी और अंगूठे से गांड की रिंग को धीरे धीरे खुरचने लगी अब रेखा चार सबसे सेक्सुअली हिस्सों पर हो रहे कार्य से सातवें आसमान में उड़ी जा रही थी, ऐसा सुख बहुत कम औरतों को उनके जीवन काल में उनको प्राप्त होता है हमारी रेखा उनमें से एक किस्मत वाली औरत है, और वो लगातार झड़ती रही थोड़ी थोड़ी देर में, अमूमन एक औसत औरत एक या दो बार झड़ कर मैदान छोड़ देती है मगर रेखा रानी पिछले पन्द्रह से मैदान सम्हाले हुए है और सात बार झड़ चुकी है मगर सीमा को रुकने का नहीं बोला है अब सत्रवहे मिनिट में आठवी बार झड़ी और थोड़ा हल्की पड़ी मगर सीमा को रोका नहीं, सीमा का प्रहार रेखा की चूत , चूत के दाने रेखा की गांड के सुराख और गांड की रिंग पर लगातार उसी रफ्तार से जारी है रेखा बहुत जोरों से फड़फड़ा ने लगी और नवीं बार इतनी ज्यादा झड़ी की सीमा का हाथ उसकी कलाई तक रेखा के रस से सराबोर हो गया जैसे उसने शक्कर की चाशनी से भरे बर्तन में हाथ डाल कर भिगोया हो, रेखा बोली अब बस सीमा hhaaayyyy आआआआआआ , मर गैईईई और रेखा ने अपने चुदास का मैदान छोड़ दिया और अधमरी हालत में तेजी से सांसे लेने लगी , सीमा ने अपने हाथ उसके अंगों से हटाए और उसको अपनी तरफ कर के बाहों में भरकर सिर पर हाथ फेरती हुई सांत्वना देने लगी।
सीमा ने सिर्फ गाउन डाला और ऊपर गई, रेखा का दरवाजा खुला ही था वो अंदर गई दरवाजा बंद किया देखा रेखा एकदम नंगी करवट लेकर सो रही थी, सीमा ने गाउन उतार कर फेंका और नंगी उसकी पीठ से लगकर सो गई और दूसरा हाथ नीचे से आगे निकले कर उसकी निप्पल और ऊपर से पहले हाथ से ऊपर की निप्पल दोनों को बीच की उंगली के नाखून से कुरेदने लगी, रेखा की चूत ने झटका खाया और और जागी देखा पीछे तो सीमा को पाया, सीमा ने मुंह आगे बढ़ाया रेखा ने गाल चूम लिए, और निप्पल की कुरेदन ने उसकी आह निकाल दी, बोली ooo ओओ भाभी क्यों परेशान करती हो, मेरी प्यास को क्यों बढ़ा रही हो लंड तो हैं नहीं आपके पास, जो है वो तो भाई पन छोड़ने को तैयार नहीं है क्या और कोई लंड है जो मुझे सता रही हो, नहीं नही अब मुझे ये सब नहीं करना , अब तो शादी और पति से ही उम्मीद है मुझे, आप से कुछ नहीं होगा ,, छोड़ो छोड़ो मुझे ,और छूटने के लिए मचलने लगी, सीमा ने छोड़ा नही बल्कि और टाइट पकड़ लिया और ऊपर वाले हाथ को रेखा के चूत पर रखा जो बेहतरीन गोली हुई पड़ी थी, क्योंकि रात को रेखा दुख की मारी बिना झड़े ही सो गई थी, रात की आग और अभी सीमा की हरकतों ने उसकी चूत का पानी निकाल दिया था, सीमा रेखा की चूत के मुंह पर गोल गोल उंगली फिरा रही थी और अंगूठे से चूत के दाने को झिंझोड़ रही थी, रेखा मस्ती में मुंह पीछे तान कर वासना की लहरों पर तैरती हुई थरथराती आवाज में बोली मेरी चूत का क्या भविष्य है सीमा, क्या शादी से पहले इसे कोई दमदार लंड मिलेगा भी या ये ऐसे ही तड़प तड़प कर लंड लंड लंड करती हुई रोती रहेगी, और जोर से uuuiiiiiii मां कहकर चूत की प्यास मारे बुरी तरह मचलने लगी
सीमा बोली थोड़ा तो सब्र रख ना रेखा, कैसा कर रही है यार, मुझे पता है तेरे जैसी बहुत गर्म लड़की या तेरी उम्र अब एक मादक औरत की हो गई है उसकी चूत बिना लंड के रह सकती है अभी तीन दिन ही तो हुए हैं मुझे ये पता चले, थोड़ा तो टाइम दे मेरी बच्ची मुझे , अच्छा दो दिन यानी परसों सुबह या शाम तक अगर मेरे और तेरे पैर पकड़ कर यदि अमित तेरी चूत नहीं मांग रहा होगा तो मेरा नाम बदल देना और हां मैं भी अमित से नहीं चुदुगी कसम खाती हूं तेरी चूत और बोबों की और उसने बोबे वाला हाथ नीचे को लाया और अपने चूत वाली उंगलियों से दूसरे हाथ की उंगली गीली की चूत रस से चूत और दाने को फिर से रगड़ने लगी, अब दूसरे हाथ की उंगली उसने रेखा के गांड के छेद पर रखी और थोड़ा सा अन्दर सरका कर अंदर बाहर करती हुई गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने, सारी औरतें जानती है जब एक हाथ उनकी चूत और चूत के दाने को रगड़ रहा को और एक हाथ उनकी गांड को मथ रहा हो दही बिलोने की तरह तो उनकी क्या हालत होती है और ये करने वाली उनकी अपनी सगी मां भाभी बहन या सास या ननद हो हो तो आपकी क्या हालत होती है, बिलकुल वही हालत अभी मेरी कहानी की नायिका रेखा की हो रही है, वो भाभी सीमा सिम्स भाभो कहकर बुरी तरह तड़प रही है सीमा चूत की उंगली पूरी अंदर बाहर करने लगी और चूत की दाने को अंगूठे से तेजी से मसलने लगी और रेखा की गांड में उंगली धीरे मगर थोड़ा अंदर कर के गोल गोल घुमाने लगी और अंगूठे से गांड की रिंग को धीरे धीरे खुरचने लगी अब रेखा चार सबसे सेक्सुअली हिस्सों पर हो रहे कार्य से सातवें आसमान में उड़ी जा रही थी, ऐसा सुख बहुत कम औरतों को उनके जीवन काल में उनको प्राप्त होता है हमारी रेखा उनमें से एक किस्मत वाली औरत है, और वो लगातार झड़ती रही थोड़ी थोड़ी देर में, अमूमन एक औसत औरत एक या दो बार झड़ कर मैदान छोड़ देती है मगर रेखा रानी पिछले पन्द्रह से मैदान सम्हाले हुए है और सात बार झड़ चुकी है मगर सीमा को रुकने का नहीं बोला है अब सत्रवहे मिनिट में आठवी बार झड़ी और थोड़ा हल्की पड़ी मगर सीमा को रोका नहीं, सीमा का प्रहार रेखा की चूत , चूत के दाने रेखा की गांड के सुराख और गांड की रिंग पर लगातार उसी रफ्तार से जारी है रेखा बहुत जोरों से फड़फड़ा ने लगी और नवीं बार इतनी ज्यादा झड़ी की सीमा का हाथ उसकी कलाई तक रेखा के रस से सराबोर हो गया जैसे उसने शक्कर की चाशनी से भरे बर्तन में हाथ डाल कर भिगोया हो, रेखा बोली अब बस सीमा hhaaayyyy आआआआआआ , मर गैईईई और रेखा ने अपने चुदास का मैदान छोड़ दिया और अधमरी हालत में तेजी से सांसे लेने लगी , सीमा ने अपने हाथ उसके अंगों से हटाए और उसको अपनी तरफ कर के बाहों में भरकर सिर पर हाथ फेरती हुई सांत्वना देने लगी।
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