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Adultery मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?

Umakant007

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मैं खड़ा था और वो बिस्तर पर तकिये के उपर लेती थी, लेकिन उसका दर्द से चीखना जारी था. मैं नीचे झुका और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया

“उन्हूँ” उसने मुँह फेर लिया

“क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?” मैने पूछा

“हाफ़... हाफ़...तुम्हारी जीभ खट्टी है...हाफ़...हाफ़” वो हानफते हुए बोली

“चूसनी तो पड़ेगी” मैने कहा और उसके होठों पर कटा

“ईईए” वह चीलाई”तुम बड़े वो हो”

“वो माने?”

“वो”

“क्या?” मैने उंगली करना रोक कर पूछा

“समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?”

मैने अपना हाथ बाहर निकाला, पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी

“वितड्रॉ क्यों कर लिया?” उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा

“ब्रेक” मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा

“आइसिंग कर रहे हो क्या” उसने तकिये को बाहों भर कर कहा

“नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है” मैने जवाब दिया

“अच्छा?”

“हान”

“एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ”

“लाओ” उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया,

तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा”तुम्ही लगाओ इसको”

“नही”

“क्यों?”

“मुझे घिन आती है” उसने कहा

“अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा”

“ऐसा क्या?” उसने शरारती हँसी हंसते कहा

“और क्या?” मैने आँख मारते कहा

“तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो” वह इठला कर बोली

“अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा” मैने उसे चूमते हुए कहा

“तो तुम मा ही बन लो”

“मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है” वह आँखें छोटी करती बोली

“डॉन'त यू नो?”“उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया, जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी”

“ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे”

“तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लंड का वेलकम करो” मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया, मैं फ्लोर पर गिर पड़ा

और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी”हा हा हा कैसा मज़ा चखाया” वह बोली”मज़ा चखना है तुमको?”

“तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है” वह मुँह चिढ़ा कर बोली

“अब की बार मज़ा दूसरा होगा”

“कैसा?” शिखा अपने बाल ठीक करते बोली

“तीखा” मैने तेज़ आवाज़ में कहा

“लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?” उसने मज़ाक उड़ाया”ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ”, उसने बिस्तर से उठते कहा.
 
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“रूको ठहरो”

मैने उसका हाथ पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा”इतनी जल्दी क्या है शिखा जानेमन”

“हटो छोड़ो मुझे, मुझे देखना है तुम्हारा तीखा टेस्ट” उसने मेरे हाथ पर दाँत गाड़ते कहा

“आअहह” उसके तेज दाँत मेरी बाँह में गड़ रहे थे मैने देखा उसके दाँतों की छाप उभर गयी थी”पिछले जनम में तुम कुतिया थी क्या शिखा?”

“मैं कुतिया तो तू कुत्ता” वो खिलखिला के हंस पड़ी”और तू ऐसा वैसा नही बड़ा हरामी कुत्ता है अमन”

“मैं और कुत्ता?” मैने हैरत से पूछा

“हां कुत्ता है तू मुझ जैसी सीधी साधी लड़की को तू अपने बिस्तर पर खींच लाया” उसने अपने मांसल कूल्हे मेरी जाँघ पर रगड़ते कहा

“हां शिखा तू तो जैसे बड़ी सती सावित्री है, पति के पीछे गैर मर्द से चुद्ति है” मैने उसके मम्मे हाथों में दबा कर बोला

“आअहह अमन” उसने अपने चूतड़ हिला कर धक्का दिया”हर औरत में एक रंडी छुपी होती है, तुमने मेरे भीतर की रंडी को जगा दिया”

मैने उसके मम्मे ज़ोर से मसले और उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फिराई और कंधे के तिल पर काट खाया

“आअहह अया अमन नही, ऐसे मुझे कंधे पर मत काटो” उसने मना करते कहा”राजन तुम्हारे दाँतों की छाप मेरे बदन पर देखेंगे तो क्या कहेंगे?”

“कुछ नही कहेगा वो, उसके पास इतना टाइम कहा”

“वह मुझे रंडी समझ लेंगे”

“तू रंडी नही कुतिया है, मेरी पालतू शिखा कुतिया” कहते हुए अपना लंड उसकी गॉंड की दरार में घुसाया मखमली गांड का रेशमी अहसास मुझे पागाल बना रहा था

“आया अमन” आराम से शिखा अपने चारों पैरों पर खड़ी होते बोली

“अब मुझे आराम कहाँ स्खिका डार्लिंग” मैने उसके पीछे घुटनों के बल खड़े होते कहा”चलो अब अपना एस होल फैलाओ”

“पहले वॅसलीन तो लगा लो”

“ज़रूरत नही”

“मतलब?”

“तुम्हारी कुँवारी गांड को ल्यूब्रिकेशन की ज़रूरत नही”

“क्या सच?” उसने चहकते पूछा

“हाँ, गीली गांड में लंड ऐसे ही चला जाता है”

“तुम्हे कैसे मालूम?” उसने बेड पर तकिये रखते हुए कहा

“तुम्हारी गांड में एक बार उंगली की थी” मैने हंसते हुए कहा

“और तुम ये मुझे अब बता रहे हो?” उसने नाराज़ होते हुए पूछा

“तो तुम क्या चाहती हो? तुम्हारी गांड में उंगली करने का मैं रेकॉर्ड पब्लिश करूँ तुम्हारे पति को?” मैने अपना लंड उसकी गांड में घुसते कहा

“अरे कॉंडम तो पहन लो” उसने अपने चेहरे पर आए बलों को सँवरते कहा”तुम्हे इन्फेक्षन हो जाएगा”

“नही होगा, तुम बाद में ब्लो जॉब दे देना”

“ची ची...गांड मरवाने के बाद में अपने मुँह में तुम्हारा बुल्ला नही लूँगी” उसने मना करते कहा

“डॉन'त पुट कंडीशन्स डार्लिंग” मैने अँग्रेज़ी में उंगली दिखाते कहा

“आइ विल, आस इस मिने सो इट्स सोल्ली माइ डिसिशन”

“ओक...देन ई वितड्रॉ” मैने खड़े होते कहा

“नो...नो प्लीज़ वेट” उसने कहा

“आटिट्यूड दे रही थी?”

“तो क्या? मुझे बिना बताए तुम मेरी गांड में उंगली करोगे?” उसने सवाल किया

“बताओ कब मेरी गांड में उंगली की थी?”

“तुम उस दिन फेंट हो गयी थी और तुम्हारे पति ने घर पे मेडिसिन पंहुचने कहा था उस दिन” मैने कहा

“यक” उसने मुँह बनाते हुए कहा”उस दिन तो मेरा पीरियड था”

“तो?”

“तो क्या? सारा दिन सवाल जवाब ही करना है? फ्लाइट नही पकड़नी क्या”मेरी गांड में लंड क्यतुम्हारा बाप आ कर डालेगा?” उसने हाथों से मेरी आरती उतारने का नाटक किया
 
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“तुम मुडोगी तब तो मैं गांड मारूँगा ना” मैने उसको कमर से घूमते कहा”और ये अपने बाल खोल दो”

“वो क्यूँ?” उसने पूछा

“खुले हुए बालों की महक मेरी सेक्स अपेटाइट बढ़ाते हैं” मैने उसकी गर्दन का तिल चाटकर कहा

“अच्छा जी?”

“हां जी” मैने दोबारा लंड उसकी एस में घुसाया, वो झुक कर कुतिया की तरह बैठ गयी और मैं उस पर सवार हो गया”तुम्हारी एस कितनी टाइट है” मैने शिकायत करते बोला

“अमन तुम्हे मेने क्या कहा था?”

“क्या?” मैने अंजान बनते हुए पूछा

“वॅसलीन लगाने को कहा था” वह बोली

“नही” मैने मना करते हुए कहा

“तुम्हे नही पसंद तो नारियल तेल ही लगा लो, तुम्हारा करेले जैसा लंड अंदर जाएगा तो मुझे दुखेगा” उसने कहा

“ना, लंड चिकना हो जाता है”

“तुम्हे एनल सेक्स क्या मॅगी 2 मिनिट नूडल लगता है? जो बिना चिकनाई के मेरी गांड लेना चाहते हो?” उसने कहा.

“क्यों? तुम्हारा पति राजन आराम से मिश्रा जी से मरवा लेता है, तुम्हारे ही नखरे हैं” मैने उसे चिढ़ाते हुए कहा

“वो तो है ही गांडू” उसने मुँह बना कर गाली बकते कहा”उसकी बात यहाँ ना करो, जल्दी एक शॉट लगाओ तुम्हारी कॅब आती होगी”
“तुम पहली बीवी होगी जो खुले आम पति को गन्दू गांडू कहती हो” मैने पीछे से धक्का लगते कहा

“आउच” वह दर्द से चिहुन्क उठी”आहिस्ता, धीरे धीरे आराम से” वह बोली

“टाइम नही है जल्दी निबताओ” मैने कहा”देखो अलार्म बजने लगा सुबह के 7:30 बज रहे हैं”

“बस एक शॉट और” वह मिन्नत करते बोली

“ओके डार्लिंग” मैने कहा शिखा की मखमल जैसी गांड को छोड़ कर जाने को जी नही कर रहा था लेकिन अब ड्यूटी पर जाना था.

तीन चार बार धक्कम पेल होने के बाद शिखा बोली”ओक पॅकप”

मैने उसकी गांड से लंड निकालते कहा”पॅकप? खुद को क्या बॉलीवुड हीरोईन समझती हो?”

“और क्या? वरना तुम कितनी शादी शुदा लड़कियों के पीछे लंड हिलाते घूमते थे?” उसने भाव खाते कहा

“एक्सक्यूस मी तुम आई थी मेरे पास” मैने चादर से अपना लंड पोंछते कहा”वो महाभारत की कहानी का प्रिंट आउट निकालने” उसने मुँह बिचका कर कहा

“मैं तो उस दिन प्रिंट आउट निकालने आई थी तुम्हारे पास, तुमने तो मेरे भीतर की रंडी मेरे सामने निकाल कर रख दी”

“तो? तुमको प्रिंट आउट निकलना था तो प्रिंट आउट निकालती मेरे डेस्कटॉप मे हिडन फोल्डर खोलने की क्या ज़रूरत थी?” मैने चड्डी पहनते कहा

“मुझे जिग्यासा हुई थी” उसने चादर समेटते हुए कहा

“क्या हुई थी?” मैने पूछा

“जिग्यासा बाबा” उसने जवाब दिया”क्यूरीयासिटी” उसने मेरे हाथ से अपना गाऊँ खींचते कहा

“तुम इंग्लीश मीडियम में पढ़े लड़कों को तो मैं प्रणाम करती हूँ” उसने हाथ जोड़ कर प्रणाम करते कहा

“हरामी साली नखरा करती है” मैने कहते हुए उसकी हाथ अलग किए

तो उसने दांतो तले जीभ दबाई

“तुम लड़कियों को नंगी लड़कियाँ देखने की क्या क्यूरीयासिटी है?” मैने उसके हाथों को मरोड़ते हुए पूछा

“क्यूरीयासिटी लड़की को देखने की नही, उन पर चढ़ने वाले लड़को को देखने की होती है” उसने एकदम से मुझे दीवार की तरफ धकेलते हुए कहा,और मेरी नंगी छाती चूमने लगी

“अभी तक जिग्यासा शांत नही हुई तुम्हारी?” मैने उसका माथा चूमते कहा

“अभी कहाँ? 4 दिन तक मुझे भूखे रह कर दिन काटने हैं” वह बोली

“आईई” मैं दर्द से चीख उठा उसने मेरी छाती पर काट खाया

“हा हा हा.” वो हंसते बोली”अब पता चला? तुम जब मेरे मम्मे काटते हो मुझे ऐसे ही दर्द होता है”

“तुम्हारी जहाँ तहाँ काटने की आदत से मैं परेशान हूँ” अपनी छाती सहलाते मैं बोला

“आह अमन” उसने कहा और लंड पर ज़ोर से थप्पड़ मारा

“आईई आहह” मैं दर्द से चीख उठा, वार ज़ोर का था

“क्यों मारा मुझे?” मैने दर्द से बिलबिलाते पूछा

“तुम्हारे लंड पे मच्छर बैठा था, एक मच्छर आदमी को...” उसने डाइयलोग मरते कहा

“बस बस... जाओ जा कर कॉफी बना मैं नहा कर आता हूँ...कॅब कभी भी आ सकती है” मैं बाथरूम जाते बोला
 
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“नही अमन” उसने पीछे से मुझे पकड़ते बोला”मच्छर तुम्हारे लंड को काट रहा था...मेरे होते हुए कोई और तुम्हारे लंड पर कटे मुझे ये मंज़ूर नही” उसने लंड को अपने हाथों से सहलाते कहा

“बहुत हो गया अब देखो फोन वाइब्रट हो रहा है” मैने खुद को उस से छुड़ाते कहा

“मैं देखती हूँ तुम जा कर नहा लो” उसने कहा

उसने फोन रिसीव किया, कॅब ड्राइवर का फोन था”मेडम सर हैं? एरपोर्ट ड्रॉप है” फोन से आवाज़ आई

“हाँ वह नहा रहे है रूको थोड़ी देर” उसने कहा

मैं जब तक तैयार हो कर आया वह डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा रही थी

“शिखा जो तुम्हे राजन के लिए करना चाहिए वह तुम मेरे लिए कर रही हो” मैने आमलेट खाते कहा

“तो? इस वक़्त तुम मेरे पति हो” उसने कॉफी पीते कहा

“पति? आर यू जोकिंग? हमारी शादी कब हुई?” मैने पूछा

“ये अस्थाई विवाह है अमन”उसने कहा

“अस्थाई विवाह?” मैने पूछा

“हाँ बाबा... संतान प्राप्ति के लिए तुमसे संबंध बना रही हूँ” उसने हंसते कहा

“अब ये हाइ लेवेल हिन्दी मत बोलो” मैने झुंझलाते कहा, फोन वापिस बजने लगा”ये कमीना कॅब ड्राइवर...” मैने कहा

“क्यों बेचारे पर नाराज़ हो रहे हो?” उसने पूछा

“मैने संतान वाली बात तुम्हे याद दिलाया इसलिए?” उसने कनखियों से कहा

“तुमसे में बाद में बात करता हूँ” मैने बॅग उठाते कहा”अब यहाँ आओ और मुझे गुड बाइ किस दो शिखा”

वह मेरे करीब आई और मैने उसके होठों पर अपने होंठ टिका दिए .



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मैं नीचे आ कर कॅब में बैठा”चलो भाई जल्दी 08:30 से पहले रिपोर्ट करना है” मैने कहा

“जी साहब” ड्राइवर ने कहा और कॅब एरपोर्ट की ओर चल पड़ी.



##


गाड़ी के पहिए घूम रहे थे और मेरा मन मुझे अतीत की ओर ले गया. मुझे याद आया की कैसे राजन हमेशा बाहरी लोगों के सामने शिखा को जलील करता था और कैसे शिखा अकेले में आँसू बहाया करती.

राजन को काम काज के आगे सोसाइटी में ज़यादा किसी से घुलता मिलता नही था, हालाँकि मेरे यहाँ कभी वीकेंड नाइट पर आ बैठता दरअसल हमारी दोस्ती”दारू” की वजह से हो गयी थी

”दारू” भी बड़ी गजब की चीज़ है दो अलग टेंप्रमेंट के आदमियों को दोस्त बना देती है और दारू पी कर लोग बाग खुल कर बात करते हैं.

शिखा को राजन का मेरे साथ बैठकर दारू पीना पसंद नही था, खास तौर से मेरे जैसे बॅच्लर्स के साथ. उसके मुताबिक बॅच्लर्स निहायत ही गैर ज़िम्मेदार होते हैं और पड़ोस में रहने वाली लॅडीस के साथ फ्लर्ट करते हैं.



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past of me & Shikha



ऐसे ही एक दिन मैं ड्रॉयिंग रूम में बैठ कर शाम के वक़्त बियर पी रहा था, दरवाज़ा खुला हुआ था. मैं टीवी पर फुटबॉल का मॅच देख रहा था, की मैने दरवाज़े पेर राजन को खड़ा देखा

“अरे राजन जी, प्लीज़ कम” मैने कहा

“ओह अमन जी सॉरी... आइ सॉ यू वाचिंग फुटबॉल मॅच” उसने मुस्कुराते कहा”सो आइ थॉट इफ़ आइ कॅन जाय्न यू”

“ओह शुवर राजन जी, प्लीज़ कम इन” मैने हंसते हुए कहा

“थॅंक यू” उसने कहा”लेट मी टेक अ वॉश आंड देन आइ विल जाय्न यू शॉर्ट्ली”

“शुवर राजन जी टेक युवर टाइम” मैने कहा वह मूड कर फ्लॅट की ओर गया और बेल बजाई,

मैने देखा उसकी पत्नी शिखा ने दरवाज़ा खोला और वह अंदर चली गयी उसने अपने जूते उतार कर रॅक में रखे और दरवाज़ा खुला ही छोड़ कर अंदर गया

“अरे... अरे... दरवाज़ा तो बंद करना था” अंदर से आती शिखा बोली

“रूको... मुझे पड़ोस में जाना है” अंदर बाथरूम से राजन की आवाज़ आई

“अभी तो आएँ है अभी जाएँगे क्या?” शिखा परेशान होते बोली

“हाँ...पड़ोस में अमन के घर जा रहा हूँ फुटबॉल मॅच देखने” राजन से मुँह धोते कहा

“लेकिन आज गुरुवार है, हमे मंदिर जाना है” शिखा ने कहा

“तुम चली जाओ, मुझे मॅच देखना है” राजन मना करते बोला

“आज आपने मुझे वादा किया था कि मंदिर जाएँगे” शिखा उसे याद दिलाते बोली

“देखो मुझे मंदिर वंडिर में इंटेरेस्ट नही, तुम्हे है तो तुम चली जाओ” राजन नाराज़ होते बोला

उनके घर रोना धोना शुरू हो गया

मैने बियर की बॉटल खोली और घूँट लेते हुए मॅच देखने लगा हालाँकि मेरे कान उन्ही के घर की तरफ थे.

कुछ देर बाद राजन मेरे ड्रॉयिंग रूम में आते बोला”सॉरी, मुझे थोड़ी देर हो गयी आक्च्युयली वाइफ थोड़ी अपसेट हो गयी”

“इट्स ओके” मैने कहा”एनितिंग सीरीयस?”

“नो नो” वह बोला”शी गॉट अपसेट एज़ आइ चेंज्ड प्लान” वह हंसते बोला

“ओह आइ सी” मैने पॉपकॉर्न खाते बोला

“यॅ यू नो दीज़ वाइव्स” वह बोला

“ड्रिंक?” मैने उसके सामने बियर की बॉटल बढ़ाते कहा

उसने इधर उधर देखा दरवाज़ा खुला था वह बोला”लेट मी क्लोज़ डोर फर्स्ट” और दरवाज़े की तरफ बढ़ गया

“थॅंक्स फॉर ड्रिंक” उसने कहा और दांतो से बॉटल की सील तोड़ते कहा”चियर्स”

हमने बॉटल टकराई और सीप लिए”यॅ... गोल” वह चीखा, मॅच में गोल हो गया था और हाफ टाइम हो गया था
 
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“आप फुटबॉल काफ़ी एंजाय करते हैं राजन जी” मैने कहा

“हाँ आइ एंजाय अलॉट” उसने कहा”आक्च्युयली मेरी वाइफ स्टुपिड टीवी सीरियल्स की वजह से मुझे मॅच देखने नही देती” उसने शिखा की शिकायत करते कहा

“आब्वियस्ली” मैने पॉपकॉर्न मुँह में डालते कहा”टीवी का रिमोट तो लॅडीस के हाथ में ही होता है”

“एग्ज़ॅक्ट्ली” उसने कहा और पॉपकॉर्न की ट्रे की तरफ हाथ बढ़ाया लेकिन वह ख़त्म हो गये थे

“आइ आम सॉरी पोप कॉर्न ख़त्म हो गये, मैं कुछ ऑर्डर करता हूँ” कहते हुए मैने फोन हाथ में लिए

“अरे अमन प्लीज़” उसने कहा की इतने में बेल बजी

“लेट मी सी कौन आया है” मैं उठते बोला

“में देखता हूँ” उसने कहा और दरवाज़ा खोला बाहर पंजाबी सूट में उसकी बीवी शिखा खड़ी थी, उसने उसके हाथ चाभी थमाते कहा”मैं मंदिर जा रही हूँ”

“सुनो बाहर से ज़रा पॉपकॉर्न, सॉल्टेड काजू और पीनिट्स ले आना” उसने हुकुम दिया”ये लो पैसे” उसने 1000 का नोट शिखा को दिया

“ठीक है” कह कर वह अपनी चुन्नी संभालते हुए नीचे गयी

“अमन मैने कुछ चखना मँगवाया है” उसने मेरी ओर मूड कर कहा

“अरे राजन जी मेरे पास कुछ नमकीन है अपने क्यों तकलीफ़ की” मैने कहा

“इट्स ओक यार” वह बोला”अब मॅच का माहौल है रत 10 बजे दूसरा मॅच है, इफ़ यू डॉन'त माइंड”

“अरे राजन जी प्लीज़...मैं भी फुटबॉल का शौकीन हूँ”



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रात के 8 बाज चुके थे डोर बेल बाजी राजन ने दरवाज़ा खोला उसकी बीवी शिखा चखना ले आई थी

“तुम घर जाओ में बाद में आता हूँ” उसने समान लेते कहा

“खाना तो खा लीजिए” उसने कहा

“खाना तुमने बना लिया क्या?” उसने सवाल किया

“सुबह का है, गर्म कर देती हूँ” उसने कहा

“तुम ही खाओ, सुबह का खाना” उसने नाराज़ होते कहा

“मैं सब्जी बना देती हूँ... थोड़ा रुकिये” उसने राजन को मनाते कहा

“ठीक है जब खाना रेडी हो जाए मुझे आवाज़ दे देना, मैं यहीं मॅच देख रहा हूँ” उसने कहा

“ठीक है” शिखा बोली और दरवाज़ा खोल कर अपने घर चली गयी.

“ये सला राजन तो हरामी है, इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़ कर ये चूतिया मॅच देख रहा है” मैने सोचा

राजन मेरे सामने बैठते हुए बोला”सॉरी अमन, ये बीवियाँ भी यू नो ज़रा भी प्राइवसी नही देती”

“आइ कॅन अंडरस्टॅंड” मैने मुस्कुराते कहा”क्या बीवियाँ इतनी पस्सेसिव होती हैं?” मैने पूछा

उसने मेरी और देखा

“आइ आम सॉरी राजन” मैने बात को समहालते कहा

“अरे डॉन'त बी फॉर्मल” उसने हंसते कहा”शादी के बाद तो बीवी जीना हराम कर देती है”

“हा हा हा” मैने हंसते हुए कहा की मेरे फोन की रिंग बाजी”एक्सकूज़ मी” मैने कहा और फोन ले कर गॅलरी में आ गया मैने फोन पर बात करते हुए देखा, साइड के गॅलरी में शिखा भी फोन पर किसी से बात कर रही थी, मैने देखा उसकी साइड ही चाँदनी खिली थी, पूनम का चाँद आसमान में अपनी चाँदनी बिखेर रहा था.

मैं कान दे कर उसकी बातें सुनने लगा”हां मा, मैं मंदिर जा कर आई...नही राजन नही आए वो टीवी पर मॅच देख रहे थे...मा उनको क्या पता गुरु पूर्णिमा के बारे में” वह शायद अपनी मा से बात कर रही थी

“हाँ मा मैं नवमी की दिन उपवास करूँगी और रात में राजन के साथ...” उसने मुझे बाल्कनी में उसकी ओर देखते हुए पाया, वह अंदर चली गयी

“शिट साला”मैं अपने आप से बोला”उसको देखने का चान्स चला गया”

मैं वापस ड्रॉयिंग रूम में आया, राजन चखने का पॅकेट खोल चुका था|

मुझे गॅलरी से ड्रॉयिंग रूम में आते देख राजन बोला”अरे अमन जी आइए सुअरेज़ ने क्या गोल किया है मज़ा आ गया”

“आज तो जर्मनी की हालत पतली लगती है”

“देखते हैं अभी तो 10 मिनिट बाकी हैं” राजन ने टीवी देखते कहा मॅच अब एकदम रोचक मोड़ पर आ चुका था कि बत्ती गुल हो गयी

“शीट” हम दोनो एकसाथ चिल्ला उठे.
 
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एक तो लाइट चली गयी और शिखा को ताकने का चान्स जाने की वजेह से मेरा मूड खराब हो गया था, मैं अपनी किस्मत को कोस रहा था की अंधेरे में चौखट पर मुझे कोई खड़ा दिखाई दिया.

“खाना बन गया है, चलिए” ये शिखा थी अपने पति राजन को बुला रही थी.

“तुम चलो मैं आता हूँ” राजन ने कहा, शिखा जाने को मूडी

“अरे अमन जी आप भी आइए ना” राजन ने कहा

“नो थॅंक्स राजन जी...में कुछ ऑर्डर कर लूँगा आप तकलीफ़ ना कीजिए” मैने कहा

“नो वे अमन जी...आज तो आपको हमारे घर चलना ही होगा” राजन ने इन्सिस्ट किया तो मैं राज़ी हो गया.

हम उनके घर पंहुचे, में ड्रॉयिंग रूम में बैठा मग से बियर पी रहा था`, राजन् ने बियर उसके घर ले चलने के लिए कहा था

हालाँकि शिखा को यह बात पसंद नही आई.

राजन मेरे सामने आ बैठा और हममे इधर उधर की बातें हो रही थी,

खाना लगने में थोड़ा टाइम था कि राजन को किसी का फोन आया वह फोन रिसीव करने गॅलरी गया.

शिखा इतने में सूप ले आई और बोल मेरे सामने रखा”ये कहाँ गये?” उसने पूछा

“उन्हे फोन आया था” मैने जवाब दिया

“मैं अभी आती हूँ”कहकर वो जाने को मूडी की इतने में राजन वापस आया

“मैं आपको ढूँढ रही थी कहाँ गये थे” उसने राजन से पूछा

“ऑफीस से फोन आया था, ख़ान को फाइल देनी है मैं ऑफीस में में देना भूल गया” राजन ने जूते पहनते कहा

“खाना खा कर जाइए, खाना रेडी है” शिखा ने उसे कहा

“नही ज़रा अर्जेंट है मैं ख़ान को फाइल दे कर आता हूँ” राजन ने कहा

“अमन जी प्लीज़ डॉन'त माइंड मैं अभी 15 मिनिट में आया” राजन ने मुझसे कहा और चला गया



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शिखा उसको यूँ जाते हुए देखती रही, उसकी आँखों में आँसू भर आए.

“एनी प्राब्लम?” मैने बियर पीते कहा”शिखा जी?”

वह मेरी ओर मूड कर बोली”नतिंग” उसने मेरे हाथ में बियर का मग देखा और गुस्से से बोली”यह ब्राह्मण का घर है यहाँ यह सब नही चलेगा”

“ओह आइ अम सॉरी” मैने माफी माँगते हुए कहा”लेकिन मुझे तो आप के पति ही लेकर आए और वह भी तो पी रहे थे” मैने मग टेबल पर रखते कहा

“वो सब मैं नही जानती, वो आपके यहाँ पी रहे थे आप जाने, यहाँ में रोज पूजा पाठ करती हूँ ये सब नही चलेगा” उसने मुझे सुनाते कहा

“ओक शिखा जी अब चलूँगा” इतनी बेइज़्ज़ती के बाद अब वहाँ मुझे रुकने की इच्छा नही थी

“खाना खा कर जाइएगा” शिखा ने कहा

“नो थॅंक्स, मैं तो आना ही नही छ्च रहा था आपके पति ने ज़ोर दिया” मैने उसको जवाब दिया

“देखिए” उसने कहा”आपको समझना चाहिए की आपका मेरे पति के साथ उतना बैठना मुझे पसंद नही”

“क्यों?” मैने हैरत से पूछा

“आप उन्हे गंदी आदतें लगा रहे हैं” उसने कहा

“राजन क्या इतना मासूम है जो अपना भला बुरा ना जनता हो?” मैने पूछा

“आप उन्हे शराब की लत क्यों लगा रहे हैं?” उसने बात को बदलते कहा

“वो खुद शराब पीने घर आया था मेरे” मैने कहा

“ग़लत वो सिर्फ़ मॅच देखने आए थे शराब अपनी पिलाई” उसने कहा

“मॅच सिर्फ़ बहाना था असल में उसको शराब ही पीने थी” मैने तर्क लाढ़ाया

“आप कहना क्या चाहते हैं?” उसने ज़रा गुस्से से पूछा

“यही की आपके पति शराब पीते हैं, मच्योर हैं अपना भला बुरा समझते हैं और मैं उन्हे कोई बुरी आदत नही लगा रहा” मैं एक सांस में कह गया

“फिर वो आपके यहाँ क्यों पड़े रहते हैं वीकेंड में?” उसने सवाल पूछा

“ये बात आप अपने पति से कीजिए, अगर वो आपको टाइम नही देते ये मेरा क्न्सर्न नही देते” मैने उसको सुनाया

“हान जाहिर है...आप जैसे बॅच्लर्स के क्या कन्सर्न्स हैं ये मुझे मालूम है” वो गुस्से से फुफ्कर्ती बोली

“वॉट दो योउ मीन?” मैने तेज आवाज़ में पूछा

“योउ अरे होमे सेक्षुयल” उसने कहा”आप जैसे बचलोर्स राजन जैसे शादीशुदा लोगों की जिंदगी खराब करते हैं” उसने कहना जारी रखा”क्या मैं नही जानती की आप अंडरवेर पहने रत दिन हमारी खिड़की की तरफ क्या देखते हैं? मैने राजन को आपको इशारे करते भी देखा है”

“तो आपने अपने पति राजन से यह जानना ज़रूरी नही समझा की बात क्या है?” मैने कहा

“उनसे क्या पूछना है, उन्होने मुझसे साफ कह दिया है की उनका ओरियेंटेशन होमो है” उसने रोते कहा

यह सुन कर मेरा दिमाग़ तेज़ी से दौड़ने लगा”ये समझती है की मैं और राजन गे कपल हैं, और इसलिए ये मुझसे इतनी अपसेट रहती है... इसको यह भी मालूम है की मैं इनकी घर के तरफ ताकता हूँ ये समझती है मैं इसके पति को देखता हूँ जबकि मैं तो इसकी झलक पाने के लिए यह सब करता हूँ” मैने सोचा और हँसने लगा
 
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