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मैं खड़ा था और वो बिस्तर पर तकिये के उपर लेती थी, लेकिन उसका दर्द से चीखना जारी था. मैं नीचे झुका और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
“उन्हूँ” उसने मुँह फेर लिया
“क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?” मैने पूछा
“हाफ़... हाफ़...तुम्हारी जीभ खट्टी है...हाफ़...हाफ़” वो हानफते हुए बोली
“चूसनी तो पड़ेगी” मैने कहा और उसके होठों पर कटा
“ईईए” वह चीलाई”तुम बड़े वो हो”
“वो माने?”
“वो”
“क्या?” मैने उंगली करना रोक कर पूछा
“समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?”
मैने अपना हाथ बाहर निकाला, पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी
“वितड्रॉ क्यों कर लिया?” उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा
“ब्रेक” मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा
“आइसिंग कर रहे हो क्या” उसने तकिये को बाहों भर कर कहा
“नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है” मैने जवाब दिया
“अच्छा?”
“हान”
“एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ”
“लाओ” उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया,
तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा”तुम्ही लगाओ इसको”
“नही”
“क्यों?”
“मुझे घिन आती है” उसने कहा
“अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा”
“ऐसा क्या?” उसने शरारती हँसी हंसते कहा
“और क्या?” मैने आँख मारते कहा
“तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो” वह इठला कर बोली
“अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा” मैने उसे चूमते हुए कहा
“तो तुम मा ही बन लो”
“मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है” वह आँखें छोटी करती बोली
“डॉन'त यू नो?”“उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया, जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी”
“ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे”
“तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लंड का वेलकम करो” मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया, मैं फ्लोर पर गिर पड़ा
और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी”हा हा हा कैसा मज़ा चखाया” वह बोली”मज़ा चखना है तुमको?”
“तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है” वह मुँह चिढ़ा कर बोली
“अब की बार मज़ा दूसरा होगा”
“कैसा?” शिखा अपने बाल ठीक करते बोली
“तीखा” मैने तेज़ आवाज़ में कहा
“लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?” उसने मज़ाक उड़ाया”ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ”, उसने बिस्तर से उठते कहा.
“उन्हूँ” उसने मुँह फेर लिया
“क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?” मैने पूछा
“हाफ़... हाफ़...तुम्हारी जीभ खट्टी है...हाफ़...हाफ़” वो हानफते हुए बोली
“चूसनी तो पड़ेगी” मैने कहा और उसके होठों पर कटा
“ईईए” वह चीलाई”तुम बड़े वो हो”
“वो माने?”
“वो”
“क्या?” मैने उंगली करना रोक कर पूछा
“समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?”
मैने अपना हाथ बाहर निकाला, पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी
“वितड्रॉ क्यों कर लिया?” उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा
“ब्रेक” मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा
“आइसिंग कर रहे हो क्या” उसने तकिये को बाहों भर कर कहा
“नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है” मैने जवाब दिया
“अच्छा?”
“हान”
“एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ”
“लाओ” उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया,
तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा”तुम्ही लगाओ इसको”
“नही”
“क्यों?”
“मुझे घिन आती है” उसने कहा
“अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा”
“ऐसा क्या?” उसने शरारती हँसी हंसते कहा
“और क्या?” मैने आँख मारते कहा
“तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो” वह इठला कर बोली
“अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा” मैने उसे चूमते हुए कहा
“तो तुम मा ही बन लो”
“मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है” वह आँखें छोटी करती बोली
“डॉन'त यू नो?”“उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया, जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी”
“ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे”
“तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लंड का वेलकम करो” मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया, मैं फ्लोर पर गिर पड़ा
और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी”हा हा हा कैसा मज़ा चखाया” वह बोली”मज़ा चखना है तुमको?”
“तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है” वह मुँह चिढ़ा कर बोली
“अब की बार मज़ा दूसरा होगा”
“कैसा?” शिखा अपने बाल ठीक करते बोली
“तीखा” मैने तेज़ आवाज़ में कहा
“लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?” उसने मज़ाक उड़ाया”ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ”, उसने बिस्तर से उठते कहा.