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Adultery मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?

Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
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शिखा मेरे यूँ हँसने पे भड़क गयी”क्या पागलो की तरह हँसे जा रहे हैं”

“हा हा हा... राजन सही कहता था, तुमने उसके दिमाग़ को शॉट लगाया हुआ है” मैं मुश्किल से हँसी कंट्रोल करते बोला

“अमन स्टॉप इट” वह चिल्लई”बे सीरीयस”

“योउ अरे ओवर रैक्टिंग शिखा” मैने कहा”तुम जो समझ रही हो वैसा कुछ नही है”

“अब तो तुम यह कहोगे ही” शिखा गुस्से से बोली

“मैं प्रूव कर सकता हूँ” मैने मुस्कुराते कहा

“कैसे? टेल मे” शिखा का मुँह गुस्से से तमतमा उठा था”मैं पूछती हूँ कैसे? कैसे यकीन कर लून की तुम गे नही हो?” वो चीखते बोली

“यूँ ऐसे” कहते हुए मैं उसकी ओर बढ़ा और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया मैं बेतहाशा उसको चूम रहा था, वो अचानक हुए इस हमले से हैरान थी मैं उसके होठों, गालों, आँखों और चेहरे पर अपने प्यार की मुहर लगा रहा था की अचानक उसने मेरे कान पर काट खाया

“आइईई” मैं दर्द से चिल्ला उठा और मेरे बाएँ गाल पर उसका झन्नाटे दर झापड़ पड़ा

“बदतमीज़” वो गुस्से से बोली

“सॉरी शिखा मेरे पास इसके अलावा प्रूव करना का कोई रास्ता नही था” मैं बेशर्मी से हंसते बोला

“मैं दरअसल तुम्हारी झलक पाने के लिए तुम्हारे घर की ओर देखता था, तुम समझी की तुम्हारे पति में मैं इंट्रेस्टेड हूँ”

“ग़लती मेरी थी मुझे समझना चाहिए था” शिखा गुस्से से बड़बड़ा रही थी”आने दो इनको तुम्हारी असलियत इनको बतौँगी”

“ऐसी ग़लती करने की सोचना भी मत शिखा” मैने उसको धमकाते कहा”वरना मैं राजन को सब बता दूँगा की तुम उस के बारे में क्या सोचती हो”

उसका चेहरा सफेद पद गया”और फिर तुम जानती हो वो तुम्हारी कितनी पिटाई करेगा” मैने कहा”हन मैं जनता हूँ जब तुम उसके साथ इंटिमेट होती हो तो उसका रिक्षन क्या रहता है”

“जॅलील इंसान” वो मुझे नोचने आगे बढ़ी

“टेक इट ईज़ी शिखा डार्लिंग” मैने उसके हाथ पकड़े और उसे अपने सीने से लगा लिया और उसके कानो के पास मुँह ले जा कर धीरे धीरे हल्के से उसके कान चाटने लगा”प्राब्लम तुम्हारे पति में है, वो गे है ये तुम भी जानती हो, इसलिए वो तुम्हारे साथ सेक्स नही करता यही तुम्हारे ज़रूरत से ज़्यादा पूजा पाठ करने की वजह है”

“आह नही” वह कसमसाते बोली

“झूठ, और यही तुम्हारे अग्रेशन की वजह है की तुम्हारे पति की पॉल मेरे सामने खुल गयी” मैने कहा

“नही अया अमन मुझे छोड़ो” शिखा दर्द से कराहती बोली इतने में लाइट आ गयी मैने उसको छोड़ दिया,

वह किचन में भाग गयी

 
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Umakant007

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दरवाज़े की बेल बाजी, मैने दरवाज़ा खोला राजन बाहर खड़ा था”सॉरी अमन मुझे ज़रा देर हो गयी”

“नो इश्यूस राजन जी” मैने कहा”अपने खाना नही खाया?” उसने कहा”शिखा?”

“जी नही हम आपकी राह देख रहे थे”

“ओह गुड” उसने कहा,

शिखा अपनी सदी संभालते हुए बोली”अरे आप आ गये मैं खाना लगती हूँ”

हमने खाने के टेबल पर इधर उधर की बातें की, इधर शिखा टीवी देखने चली गयी

“रूको स्पोर्ट्स चॅनेल लगाओ” राजन ने कुर्सी पर बैठे कहा

“मुझे महाभारत देखना है” शिखा ने कहा

“नही मॅच आ रहा है” राजन ने कहा

“शिखा जी आप मेरे घर जा कर टीवी लगा लीजिए, आप हमारी चिंता ना कीजिए हमे कुछ चाहिए होगा तो बुला लेंगे” मैने कहा

“हान शिखा अमन जी के घर जा कर देख लो जो तुम्हे देखना है, हमे यहाँ अकेले छोड़ दो” राजन ने कहा

शिखा समझ गयी की उसका पति मूड में आ गया है, अभी उस से बहस करना का कोई फयडा नही था नही तो उसके साथ मार पीट हो जाती, वह चुपचाप उठ कर मेरे घर चली गयी.



इधर हमारा खाना ख़त्म हुआ और हम टीवी पर मॅच देखने लगे, राजन कहीं से ओल्ड मॉंक की बॉटल ले आया

“अरे? भाभिजी कह रही थी उनको घर में आपका शराब पीना मंजूर नहीं” मैने कहा

“अछा ऐसा कहा उसने?” राजन कुछ सोचते हुए बोला”और क्या कहा उसने?”

“कुछ नही बस इधर उधर की बातें”“लाइए मैं पेग बनता हूँ” मैने कहा

और वो बताने लगा”मेरी और शिखा की लाइफ में ज़रा टेन्षन है, वह बड़ी पोज़ेसिव है”

“अछा?” मैने पेग बनाते हुए उसकी बातें सुन रहा था

“हान, वह समझती नही की मेरा भी फिरेंड सर्कल हो सकता है”

“ये तो कामन बात है शादी के बाद बीवी चाहती है की उसका पति उसको टाइम दे” मैने बात बनाते कहा

इस बीच उसके पेग में मैने नींद की गोली मिला दी क्यूंकी मैं समझ रहा था की शायद वो मुझे अपने गे सेक्स के लिए अप्रोच कर रहा है.

“नही इसकी बात ज़रा अलग है, ऑर्तोडॉक्स फॅमिली को बिलॉंग करती है” उसने पेग हाथ में ले कर कहा”और उसकी अपनी सोच है” राजन कह रहा था

“चियर्स” हमने ग्लास टकराए”छोड़िए राजन साहब भूल जाइए, ड्रिंक का मज़ा लीजिए” मैने कहा

एक तो ओल्ड मॉंक और उपर से नींद की गोली, दोनो ने अपना असर दिखाया और वो वहीं सोफे पर ढेर हो गया

“बच गये आज तो” मैने खुद से कहा और घर आ गया.



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मैं वापस अपने फ्लॅट में लौटा तो देखा, शिखा आराम से सोफे पर सो रही थी उसे देख कर मेरा दिल बल्लियों सा उछलने लगा,

मैने उसको देखा वह अपने सिर को हथेली से ढक कर सोफे के कोने में बैठ कर सो रही थी. कॉटन की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था, इस अंधेरे में मैं उसके जिस्म की सुंदरता को निहार रहा था,

मैं दबे पाँव उसकी ओर बढ़ा और उसके ऊरोज के उभार पर हाथ फेरने लगा,

नींद में भी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और नींद में बोली”आह राजन और करो ना, अच्छा लगता है”

यह सुन कर राजन को मन ही मन माँ की भद्दी ग़ाली देते हुए मैने अपना हाथ छुड़ाया और मैने लाइट का स्विच ऑन किया पूरा कमरा ट्यूब लाइट की दूधिया रोशनी से नहा गया.

आँखों पर रोशनी पड़ते ही वह उबासी लेकर जाग गयी, जब उसने उबासी लेने के लिए मुँह खोला जी किया अपना मुँह उसके मुँह से भिड़ा दूं उसकी जीभ पर काट खाऊँ या अपना लंड ही उसके मुँह में घुसा कर उस से अपनी गोतियाँ चटवा लूँ या लंड ही चुस्वा लूँ.

“ओह आप आ गये मेरी आँख कब लग गयी पता ही नही चला” शिखा उठते हुए बोली

“शिखा बी कूल, बैठ जाओ” मैने कहा

“नही अमन राजन, मुझे यहाँ ऐसे देखेंगे तो नाराज़ हो जाएँगे” वो बोली

“रिलॅक्स शिखा, तुम्हारा पति शराब पी कर बेहोश पड़ा है” मैने कहा”उसे कुछ पता नही चलेगा”

वो नज़रें नीची करते बोली”आई एम सॉरी अमन, मैने शाम में तुम्हे बहुत कुछ कह दिया”

“रिलॅक्स, शिखा आई डिड नोट माइंड इट” मैने माहौल को हल्का बनाते कहा,

वह साड़ी का पल्लू संभाल रही थी.

मैं फ्रिड्ज से पानी की बॉटल निकाल ले आया”पानी पियोगी शिखा?” मैने उसे पूछा

उसने मेरे हाथ से ग्लास लेते कहा”धन्यवाद”, वह एक हाथ से अपनी साड़ी संभाल रही थी और दूसरे हाथ से ग्लास

मन किया महाभारत के दु:शासन की तरह उसकी साड़ी खींच लूँ और यही उसका चीर हरण कर लूँ, लेकिन मैने बड़ी मुश्किल से अपने जस्बात काबू में किए मैने आगे बढ़ कर कहा”तुम अपनी साड़ी संभाल लो मैं ग्लास पकड़ता हूँ, तुम पानी पियो” मैने ग्लास संभाला और वो पानी पी रही थी.

“तुम साड़ी में बहुत प्यारी लगती हो शिखा” मैने कहा

उसने कोई जवाब नही दिया बस गुस्से से देखती रही.

“गुड नाइट” मैने कहा और उसको दरवाज़े तक छोड़ने आया

“गुड नाइट” उसने कहा और मैने दरवाज़ा बंद किया.

 
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लेकिन एक सेकेंड बाद ही दरवाज़े पर दस्तक हुई मैने खोला तो देखा सामने शिखा ही थी

“अमन जी मैं अपनी बुक आपके टेबल पर ही भूल गयी थी”

“ओके बुक ले जाओ” मैने कहा वह बुक उठाने गयी मैने बुक का टाइटल देखा लिखा था”नियोग से संतान प्राप्ति”

“हमम्म” मैने सोचा,”तो ये इसलिए राजन से इतना झगड़ती है”|

“यहाँ बैठो शिखा मुझे कुछ बात करनी है” मैने कहा

“इतनी रात गये आपको मुझ से क्या बात करनी है?” वह परेशन होते बोली

“इस किताब के बारे में” मैने किताब की तरफ उंगली दिखाते कहा

“यह तो बस ऐसे ही” उसने बात बनाते कहा

“मुझसे झूठ मत बोलो शिखा” मैने कहा”तुम माँ बनना चाहती हो?”

उसने अपनी नज़रें नीचे झुका ली

“मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूँ शिखा” मैने कहा

“कौन स्त्री माँ नही बनना चाहती?” उसने कहा

“राजन तुमको माँ नही बना सकता” मैने कमिनि मुस्कान बिखेरी

“मालूम है” वह गुस्से से बोली और उठ कर जाने लगी, अपने पति की मर्दानगी का यूँ गैर मर्द द्वारा मज़ाक उड़ाना उसको बुरा लगा

“लेकिन मैं तुमको माँ बनने का मौका दे सकता हूँ” मैने हंसते हुए कहा

“गलीज़ इंसान” उसने मुझ पर किताब फेंकते हुए कहा, मैने किताब हवा में पकड़ी और टेबल पर रखी, बिजली की तेज़ी से उसकी ओर गया और उसकी बाँह थाम ली

“छोड़ो अमन मुझे यू आर हरटिंग मी अमन...स्टॉप इट” उसने मिन्नते करते कहा

“नही” मैने कहा और उसकी बाँह मरोड़ दी, छीना झपटी में उसका ब्लाउस फट गया

“देखो तुमने क्या किया” शिखा मुझे अपने ब्लाउस का फटा हिस्सा दिखाते बोली

“अभी तो इसको थोड़ा फादा है, तुम कहो तो पूरा फाड़ दूं?” मैने कहा

“अमन तुमने बहुत पी रखी है, तुम होश में नही हो, वरना ऐसी बात मुझ से कहने की हिम्मत नही करते” उसने गुस्से से कहा”अगर मैं चाहूं तो चिल्ला कर लोगों को बुला लूँगी, फिर तुम्हारा वो क्या हाल करेंगे ये तुम अच्छी तरह जानते हो” उसने मुझे धमकाने वाले अंदाज में कहा

“शिखा... शिखा...शिखा मेरी प्यारी शिखा” मैने उसको बाहों में भर लिया

“क्या कर रहे हो अमन छोड़ो मुझे...मैं चिल्लौंगी” उसने खुद को मुझसे छुड़ाते कहा

“इतनी रात गये मेरे घर में तुम क्या कर रही हो?” मैने उसके गाल चूमते कहा

“क्या मतलब?” उसने सकपकते कहा”तुम मेरे घर महाभारत देखने आई हो यह बात तुम्हारा पति भी जनता है” मैने उसके होठों को चूम कर कहा”और तुम्हारा पति गे है, यह बात मैं जनता हूँ” मैने उसका हेर कलुतचेर खोलते कहा,

उसने खुद को मुझ से छुड़ाने की भरसक कोशिश की लेकिन अब सब फ़िज़ूल था, एक तो मैने शराब पी रखी थी और शबाब मेरी गिरफ़्त में था
 
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“और ये तुम्हारी नियोग से संतान प्राप्ति वाली किताब, यह सब सबूत यह साबित करने के लिए काफ़ी है कि तुम इस वक़्त मेरे साथ मेरे घर में क्या करने आई हो”

“हरामजादे छोड़ जाने दे मुझे”उसने दोबारा खुद को मुझ से छुड़ाने की कोशिश की

लेकिन मैने उसे पीछे से दबोच लिया,

उसने साइड टेबल पर रखा फ्लॉवेर पॉट पकड़ने की कोशिश की लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया”कोई चालाकी नही शिखा डार्लिंग” मैने हौले से उसके कानो में फुसफुसा कर कहा, मेरी नाक में उसके खुले बालों की महेक आई”आज ही बाल धोए हैं क्या शिखा?” मैने उसके बाल सूंघते पूछा

“तुम्हे इस से क्या?” उसने गुस्से से कहा”क्या चाहते हो अमन”

“तुम्हे शिखा” मैने कहा और उसके कान पर काट खाया

“आईए” वह चिल्ला उठी

“चीखो मत शिखा, लोग बाग सो रहे हैं” मैने कहा

“तुम मुझे कभी न पा सकते अमन मैं शादी शुदा हूँ” शिखा मेरी गिरफ़्त में कसमसा कर बोली

“शादी शुदा लोग सेक्स नही करते क्या?” मैने उसको दबाते पूछा”आख़िर तुम्हे मेरी प्यास बुझाने में क्या दिक्कत है?”

“ये ग़लत है अमन, मैं राजन की बीवी हूँ” उसने कहा

“तुम्हारा शास्त्र ही कहता है, समलिंगी पुरुष की पत्नी को पराए पुरुष के साथ संभोग करने की छूट होती है”

मैने कहा”तुम यह सब कैसे जानते हो?” उसने दाँत भींचते हुए कहा मैने उसे जवाब देते कहा”तुम्हारी किताब में ही लिखा है

“मैं चाहे रिक्षेवाले के साथ संभोग कर लूँगी अमन लेकिन तुझ जैसे जलील इंसान से कभी नही” उसने गुस्से से कहा.

“तुम्हारे पति की असलियत जानने के बाद तो रिक्षेवाले भी तुमको नही चोदेन्गे, कोई कुत्ता तुम्हे नही पूछेगा”

“हटो मुझे जाने दो” उसने कहा

“तुम्हे नही का मतलब समझ में नही आता क्या शिखा?”

“प्लीज़”

“नो” घड़ी ने”टन...टन” कर 12 बजाए मैं उसको उठा कर बेडरूम ले गया”शिखा मैं तुमसे प्यार करता हूँ” उसको बिस्तर पर लिटा कर बोला

“अमन जो तुम कर रहे हो यह प्यार नही”

“जानता हूँ”

“फिर भी”

“तुम्हारी किताब कहती है, प्यार और व्यापार में सब क्षमा है”

“व्यापार कैसा व्यापार?” उसने हैरत से आँखें बड़ी करते हुए पूछा

“मैं तुम्हे माँ बनाऊंगा, बदले में तुम मेरी भूख मिटा दो”

“नही”

“तुम्हारे पास और कोई चारा नही है शिखा कब तक तुम यूँ घुट घुट कर जियोगि?”

वह पसीने पसीने हो गयी, मैने एसी चला दिया

“मुझे थोड़ा वक़्त दो अमन” वह बात बनाने लगी

“तुम्हारे पास पूरी रात पड़ी है शिखा, आराम से सोचो” मैने उसी के सामने स्टूल खींच कर उस पर बैठते कहा

“क्यो कर रहे हो मेरे साथ ऐसा, क्या बिगाड़ा है मैने तुम्हारा?”

वह रोते बोली”तुमने मेरा सुख चैन छीन लिया है शिखा, और मैं तुम्हे रोते हुए नही देख सकता” मैने कहा

“जाने दो मुझे फिर” उसने कहा

“इसके अलावा भी कुछ बोलो शिखा, मेरे पास वक़्त नही है, बोलो हाँ या ना” मैने कड़क होते कहा

“ठीक है” उसने इधर उधर देखते कहा”मेरे पास चारा भी तो क्या है इधर कुँआ उधर खाई”

“रिलॅक्स शिखा” मैने कहा”यह सब मैं सिर्फ़ माँ बनने के लिए कर रही हूँ अमन... ना मुझे राजन की परवाह है और ना तुम्हारी” उसने अपनी भडास निकालते कहा और रोने लगी

“शिखा धीरे धीरे तुम मेरी परवाह करना भी सीख जाओगी” मैने कहा और बत्ती बुझा दी



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:flamethrower:


“हॉर्न”

“हॉर्न” की आवाज़ से मैं वर्तमान में आया देखा गाड़ी एक ट्रक के पीछे खड़ी है और ड्राइवर हॉर्न बजाए जा रहा है मैने टाइम देखा 08:15 बाज रहे थे

“क्या हुआ” मैने ड्राइवर से पूछा,

“आयेज जाम लगा है साहब जी” ड्राइवर ने कहा,

तभी मेरा फोन बजा, मैने फोन रिसीव किया मीठी सी आवाज़ में लेडी बोली”नमस्कार अमन जी हमे बताते हुए खेद हो रहा की आपकी बंगलोरे जाने वाली फ्लाइट 1 घंटे देरी से आ रही है, आपको हुई असुविधा के लिए खेद है”

“थॅंक यू” कहते हुए मैने फोन कटा,

इधर गाड़ी चल पड़ी और मेरा मन वापस अतीत में हिलोरे लेने लगा



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मुझे याद आया कि बाद के दिनों में शिखा का पति राजन बेंद्रे अपनी बाइसेक्षुयल आक्टिविटी के चलते करियर में नुकसान उठाया था, उसका ट्रान्स्फर अब बॅंक के काल सेंटर में बतौर सीनियर मॅनेजर कर दिया गया था, और इसी के चलते उसकी नाइट शिफ्ट्स लगती इस दौरान उसका झुकाव भी उसके साथ काम करने वाले कलिग्स की तरफ हो गया था, कॉल सेंटर में वर्क कल्चर ही अलग होता है, जानने वाले जानते हैं क्या मर्द क्या औरत उनमें कोई फ़र्क नहीं किया जाता और वेस्टर्न कल्चर हावी होता है उनमें, तो सेक्षुयल ओरियेंटेशन भी वैसा ही रहता है.

राजन एक ही वक्त में अपनी स्क्रेटरी और अपने बॉस मिश्रा जी के साथ लिंक्ड था. उसकी सेक्रेटरी नव्या उसकी प्यास बुझाती थी और वह खुद अपने बॉस मिश्रा की जांघें गरम करता, ऐसा न था कि वह यह सब अपनी मर्ज़ी से करता

लेकिन रात भर मिश्रा साहब उसकी वह मारे रखते कि वह शिखा को वक्त न दे पाता. पति पत्नी में अंतर बढ़ता ही गया और इसी का फायदा मैने उठाया. शिखा जिसे मैने अपनी हवस मिटाने का साधन बनाया था, उसकी सरलता और सुंदरता से मैं उससे प्यार कर बैठा. मैं उसे उसकी किताब का डर दिखा कर एक्सप्लाय्ट करता था लेकिन बात चुम्मा चाटी से आगे न बढ़ सकी.

असल में जब तक कोई स्त्री न चाहे तब तक उससे कोई मर्द इंटिमेट हो ही नही सकता, और शिखा को ऐसे ब्लॅकमेल करते हुए मुझे मेरा जमीर गालियाँ देता हालाँकि मैं मौके देख कर शिखा के साथ अपने जिस्म की प्यास बुझाता लेकिन वह सेक्स के दौरान एकदम चुपचाप पड़ी रहती, मेरा मन अंदर ही अंदर मुझे खाए जा रहा था लेकिन जल्दी ही मुझे इस एहसास से छुटकारा मिल गया

 
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एक दिन उसे संस्कृत श्लोकों के प्रिंट लेना था वो अपने ऑफीस जाते पति राजन से बोली”सुनिए इस पेन ड्राइव में मेरी कुछ फाइल्स हैं उनको प्रिंट कर ले आइए”

“ऑफीस में मैं घर के काम नही कर सकता, साइबर केफे जाओ और वहाँ से प्रिंट आउट ले लो” उसका पति राजन बड़ा ही रुखाई से बोला

मैं सुबह की चाय पी रहा था जब उनकी यह बात चीत मेरे कानो में पड़ी, मैने शिखा के फोन पर मिस कॉल दिया यह मेरा कोड वर्ड था, मुझे जब भी शिखा की तलब लगती मैं उसके मोबाइल पर मिस कॉल दिया करता, और शिखा बनसंवर कर मेरे पास आ जाती.

मिस कॉल दिए मुझे 10 मिनिट हो गये थे कि मेरे मोबाइल पास मेसेज फ्लॅश हुआ,

यह शिखा का मेसेज था”आज नही बाई छुट्टी पर है”

मैने उसको फोन लगाया, उसने रिसीव किया और गुर्राते हुए पूछा”क्या है? क्यों सुबह सुबह परेशान कर रहे हो? बाई नही आई आज, मुझे टाइम नही है बहुत सारा काम पड़ा है

“बर्तन राजन को धोनेके लिए कह देना रात में अभी मैं तुम्हारे काम की ही बात कर रहा हूँ, पेन ड्राइव ले कर यहाँ आओ, प्रिंट आउट ले लो” मैने कहा और फोन काट दिया



5 मिनिट में ही वो हाज़िर हुई, उसने मुझे पेन ड्राइव दी मैने उसको पेन ड्राइव वापस करते कहा”बेडरूम के कोने में मेरा लॅपटॉप है, जा कर प्रिंट ले लो”

“मुझे विंडोस 7 नही आता, राजन ने कभी सिखाया नही” वह झेपते हुए बोली

“विंडोस एक्स पी आता है?” मैने पूछा

“हाँ” उसने कॉन्फिडेन्स से कहा,

मुझे हँसी आ गयी”विंडोस 7 वैसा ही है जाओ जा कर प्रिंट आउट ले लो” मैने कहा और पेपर पढ़ने लगा

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काफ़ी देर बाद भी जब वो मेरे बेडरूम से बाहर नही निकली तो मैं उसे देखने अंदर गया, मैने देखा शिखा पेट के बल लेट कर अपने खुले हुए बालों को अपनी उंगलियों में लपेट कर खेलती हुई मेरे लॅपटॉप में सेव की हुई हार्डकोर सेक्स वीडियोस देख रही थी|

“अच्छा तो यह वजह है इसके बाहर ना आने की” मैने सोचा और दबे पाँव उसकी ओर आ कर टाँग से बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया, आवाज़ हुई लेकिन वह अभी भी इस सब से बेख़बर सेक्स वीडियो देख रही थी वह अब उंगलियों के नाख़ून चबाने लगी थी

मैने देखा वीडियो में काले आदमी को गोरी औरत ब्लोवजोब दे रही थी और वह आदमी गंदी आवाज़ें निकाल रहा था मैं उसके उपर पीछे से चढ़ गया और उसके ऊरोज को पीछे से हाथों में भरते बोला”अकेले...अकेले? ज़रा मुझे भी दिखाओ क्या देख रही हो”

अचानक से मुझे अपने उपर पा कर वह घबरा गयी, लेकिन ज्यों ही उसने चीखने के लिए अपना मुँह खोला त्यों ही मैने उसके मुँह में अपना मुँह डाल दिया, मेरी ज़बान और उसकी ज़बान में जंग छिड़ गयी,



15 मिनिट बाद मुझे उसके दो पाँवो के बीच गीलापन महसूस हुआ, मैं उस से दूर खड़ा हुआ और कहा”तुम्हे पीरियड तो नही आ गये?”

वह मुझे अचानक बिदकते हुए देख कर ज़ोर से हँसे लगी”ये पीरियड नही है अमन”

“फिर क्या तुमने मूत दिया”“हा हा हा नही” अमन

मैने उसकी ओर देखा, पहली बार सेक्स के दौरान आज उसने पॉज़िटिव्ली रेस्पॉंड किया था”फिर यह ज़रूर तुम्हारे ऑर्गॅज़म का पानी होगा” मैने तुक्का लड़ाया

“हां” वो मुँह छुपा कर शरमाते बोली”तुम्हारे लॅपटॉप के गंदे वीडियोस देख कर मैं बहुत गरमा गयी थी” वह अभी भी शर्मा रही थी,

उसकी इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया

“अभी तो मैं तुम्हे और शर्मिंदा करूँगा शिखा” मैने कहा और अपना पयज़ामा उतार दिया

“अमन नही प्लीज़” उसने अपने चेहरे को हाथों से ढकते बोला

“नही अब तुम्हें शर्मिंदा होना पड़ेगा शिखा” मुझ पर सेक्स का भूत सवार हो गया था, मैने उसकी सलवार खींच ली वह बिस्तर से उठने लगी लेकिन मैने उसे अपने नीचे दबा लिया.

“अया अमन छोड़ो ना मुझे” उसने कहा

“पहले शर्मिंदा तो होलो मेरी जान” मैने कहा और एक गंदा सा वीडियो खोल लिया जहाँ दो काले लोग एक सुनहरे बालों वाली गोरी लड़की को आगे और पीछे से चोद रहे थे

“छी कितना गंदा है” उसने वीडियो देखते कहा”आइईई” वह दर्द से चीखी, मैने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी थी

“धीरे अमन... देखो मुझे वीडियो देखने दो”

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“वीडियो से कुछ सीखो शिखा कैसे वो लड़की उन दोनो से चुद्वा कर भी हंस रही है, सेक्स के दौरान तुम अपना मुँह फुलाती हो”मैने उसकी चूत में उंगली डालते कहा

“वो बेशरम लड़की है” उसने तेज आवाज़ में कहा”ऐसा थोड़े न होता है कहीं”

“क्यों” मैने पूछा”तुम्हें क्या तकलीफ़ है?”

“दो लोग एक साथ करेंगे तो तकलीफ़ होगी ही” उसने शरमाते कहा”और वह लड़की बहुत गंदी है”

“जो भी है तुम से अच्छी है” मैने उसको चिढ़ाते कहा”और अपनी उंगली निकालने लगा”

“आ अमन नही”, उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया”प्लीज़ वहाँ से अपनी उंगली मत निकालना बहुत अच्छा लगता है”

“तुम कहो तो कुछ और भी वहाँ डाल सकता हूँ शिखा” मैने हंसते हुए कहा

“शुभस्य शीघ्रम” उसने कहा

“क्या कहा?” मैने पूछा

“शुभ काम में देरी कैसी? पागल?” उसने मुझे चिकोटी काटते कहा यह पहली बार था जब वो मेरे साथ सेक्स में इतना इंटेरेस्ट ले रही थी वरना वह हमेशा सेक्स के नाम पर टेन्षन में रहती या नखरे दिखती, शायद वीडियोस देख कर उसकी सेक्स की आग भड़क गयी थी,

जो भी था मैने सोच लिया था आगे से उसको सेक्स वीडियोस दिखा दिखा कर ही चोदा करूँगा

“आह जल्दी करो न”उसने कहा जब आपकी सेक्स पार्ट्नर आपकी हौसला अफजाई करे तो माहौल ही बदल जाता है, मैने उसकी गर्दन अपने बाएँ हाथ से पकड़ी दाएँ हाथ से उसकी टाँग फैलाई और अपना लंड पीछे से उसकी योनि में डालने लगा, उसकी योनि का गढ्ढा मुझे महसूस हुआ

“अया अमन, ज़रा और अंदर आओ ना कुछ फील ही नही हो रहा है” शिखा अपनी टाँगें दबाते बोली

मैने ज़ोरों से अंदर एक धक्का लगाया

“हां अमन वहीं वहीं एक और बार उंगली करो ना प्लीज़” शिखा अपनी आँखें बंद करते बोली

“मैने आगे से अपनी उंगली भी डाल दी”

“यह क्या शिखा, तुम्हारे जैसी सुंदर सुशील गृहिणी अपने कामेच्छा की पूर्ति हेतु एक पर पुरुष को आदेश दे रही है?” मैने उसको चिढ़ाते कहा

उसने हौले से आँखें खोली”शट उप अमन...सेक्स के टाइम पर बेकार की बकवास क्यों कर रहे हो?” वो बोली

“हा हा हा...मैं तो तुम्हे चिढ़ा रहा था” मैने हंसते कहा

“ह्म्*म्म्मम” वो आँखें मूंद कर किसी अलग ही जहाँ में खो गयी,

स्पष्ट था अपनी योनि में मेरा उंगलियाँ घुमा कर गुदगुदी करना उसे बहुत भा रहा था”आहह अमन, इसी प्यार के लिए मैं तड़पति थी...लेकिन राजन ने कभी मुझे नही समझा” वाह लरजती आवाज़ में बोली

“भूल जाओ उसे, और इस पल का मज़ा लो” मैने उसकी योनि के अप्पर लिप्स को अपने इंडेक्स फिंगर और अंगूठे से चिमटा लेते कहा

“आआईई” शिखा ने रिक्ट किया”क्यों चिंता ले रहे हो वहाँ पर?”

“ऐसे ही” मैने बोला”तुम्हे तंग करने में मज़ा आता है”

“मैं लून?” उसने भोले पन से कहा

“ले कर बताओ” मैने कहाँ

वो पलटी और मेरे खड़े हुए लंड की गोतिया पकड़ कर मसालने लगी

“आह ओफफफ्फ़” मेरी जान ही निकल गयी, और वह पागलो की तरह हँसे जा रही थी

मैने उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और हम एकदुसरे के होठों का शहद चाटने चूसने में मशगूल हो गये.



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