- 4,190
- 23,418
- 159
Last edited:
हाँ बात एकदम सही हैकाम में बहुत व्यस्त लग रहे हैं आज कल आप!
मेरी तो छोड़िए, आप अपनी कहानी पर भी नहीं आ पाते! खैर!!
हाँ ना रीति ना नीति प्रेम के आगे कुछ भी नहींप्रेम में क्या अनैतिक हो सकता है, मुझे यह समझ नहीं आता।
बस उम्र के कारण? पता नहीं!
भाई इस में ना समझने वाली बात कहाँ से आ गईधन्यवाद! चलो - कुछ पाठकों को तो समझा यह सब!
हाँ तभी तो उस गाने को थोड़ा एडिट कर लिखा है मैंनेलेकिन यह रिश्ते बच कर निकलने वाले में शुमार नहीं है।
काजल सब कुछ छोड़ कर आई है अमर, आभा, और सुमन को सम्हालने।
और अब...
हाँ सकारात्मक ही हैधन्यवाद!
उम्मीद है है कि यह आपने 'सकारात्मक' रूप से कहा है! हा हा
हाँ बात एकदम सही है
जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि मैं एक राष्ट्रायत उद्योग में कार्यरत हूँ
और सितंबर सत्रह तारीख़ को बाबा विश्वकर्मा जी की पूजा है और मैं सेंट्रल पूजा कमेटी मेंबर्स में कंपनी के तरफ से प्रतिनिधि हूँ
जाहिर है कंपनी के काम के साथ साथ कमेटी का काम की देख रेख करना पड़ रहा है l इसलिए थोड़ा व्यस्त भी हूँ l
हाँ ना रीति ना नीति प्रेम के आगे कुछ भी नहीं
वह सोनू निगम का एक गाना है शायद सुनील बार बार अपनी दुल्हनिया को कह रहा है
मज़बूर भी कर रहा है
कुछ तुम सोचो..
कुछ हम सोचें
फिर खुशी का मौसम आए
भाई इस में ना समझने वाली बात कहाँ से आ गई
माना यह थ्रेड कुछ अलग किस्म की है
पर आप जो लिख रहे हो
वह एक क्रांति है
दकियानूसी सोच पर कहीं चोट भी है
पर अच्छा है कम से कम किसी खुनी रिश्ते की झोल नहीं है
हाँ तभी तो उस गाने को थोड़ा एडिट कर लिखा है मैंने
हाँ सकारात्मक ही है
मैंने कहीं पढ़ा था
सेक्स इस द अल्टीमेट डाईमेनशन ऑफ लव
बाकी आप तो जानते हो ऐसे मामलों में कमेंट करने में और लिखने में मेरे हाथ बहुत तंग हैं
आप यह कभी ना भूलें आप मेरे पसंदीदा लेखकों में से एक हैं
प्रतीक्षा रहेगी अगली कड़ी का
avsji bhaiya, agle updates ka intezaar mushkil ho ra, pehle bhi badi mushkil se din guzaare thay jab suman maa ji k blouse khulne ka pata chala hai. Umeed hai ki aap jald hi agli peshkash karenge.
bhai aapne meri reader ke taur pe sarahna ki bahot achha laga..dil se aapka shukriya..!! aur rahi meri baat toh mai iss kahani se dil se jud gaya hu..muze amar aur suman ke characters pehle se hi dilchasp aur pasandida lage hai..mai pehle se yahi sochta aaya tha ki inn dono ke bich kuchh aisa rishta hai jo aage chalkar dekhne ko milega..amar aur suman ka bond incest ban jata isliye mai aisa bol raha hu aisi baat nahi hai..mai incest bhi padhta hu aur adultery bhi..lekin aapne bhi padha hai starting se aur dekha bhi hoga ki amar aur suman ka bond hamesha maa bete se badhkar lagta hai..yeh meri iss kahani ko lekar soch hai..mai aapse yeh nahi kahunga ki aapki bhi yahi soch ho..!! lekin ab yeh sunil aaagya hai aur achanak se pyar ka ijhar kar raha hai aur sab suman ke dimag me shaadi ki baat daal rahe hai..yeh muze pasand nahi aaya..kyunki mai amar aur suman ke bich yeh bond dekhna chahta tha..lekin yeh maeri khwahish ya kaho soch hosakti hai aur maine amar aur suman ke liye comments iss part me hi kiye hai kyunki yaha sunil ka pehla pyaar ka part suru kar diya suman ke sath isliye..aur maine jo bhi comments kiye hai woh uss update ko madde najar rakhte huye hi kiye hai..lekin mai yeh kabhi nahi chahunga ki meri wajah se writer sahab pe koi pressure bane..matlab mai unpe apni marji thopne ka koi prayas nahi kar raha hu..mai bas apne vichar rakh raha hu..aur mai apni marji thopna kabhi nahi chahunga..aur agar writer sahab ko lag raha hai ki mai unpar apni marji thopne ka prayas kar raha hu toh mai yeh sunil wala part skip kar deta hu..mera amar ki tarah hi suman ke character se bahot lagav tha lekin ab suman aur sunil ke bich jo horaha hai uss wajah se suman ke character se woh lagav nahi raha hai..isliye mai iss part se dur hi rahunga kyunki writer sahab ko lag raha hai ki mai behes kar raha hu toh fir muzse kuchh galat ho raha hai..lekin mai bas itna kehna chahunga ki maine kabhi bhi unse behes karne ke liye comments nahi kiye hai..maine update ke anusar aur dil jo iss story se lagaw hai uss wajah se comments kiye hai..isliye ab jab tak yeh sunil ka chapter chalega tab tak story se duri banana hi achha hai..kyunki muze malum hai ki writer sahab suman aur sunil ko ek karne ka hi soch rahe hai..toh ab yeh muzse padha nahi jayega..iska matlab yeh nahi hai ki writer sahab achha nahi likhte..writer sahab bahot achha likhte hai aur unki likhne ki shaili bahot hi umda hai..bas ab majburi hai ki mai suman aur sunil ka rishta nahi padh paunga..isliye jab yeh khatam hoga tab padhna firse start kar dunga..lekin usme agar firse sunil aur suman ka jikr aaye toh firse duri bana lunga..!!सुमन शायद अमर की मां है और सुनील शायद काजल का पुत्र ।
मैं अभी तक कहानी के इस पड़ाव तक नहीं पहुंच पाया हूं इसलिए कहानी और इन दोनों के सम्बन्धों पर अपनी कोई राय नहीं दे सकता ।
लेकिन अगर इन दोनों के बीच कोई रोमांस वगैरह हो रहा है तो क्या बुरा है ! प्रेम उम्र के दायरों में बंधी नहीं होती ।
और अगर दोनों के दरम्यान सिर्फ हवस ही है तो भी हमें क्या ! दो बालिग लोग अपने मर्जी से कुछ भी करें । हमें सिर्फ पढ़ना है और अपडेट्स के अनुसार अपनी राय देना है ।
रीडर्स का काम कहानी पढ़ना और गलत सही पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना होता है । अपनी इच्छानुसार कहानी को बदलने के लिए राइटर्स पर अपनी मर्जी थोपना नहीं ।
अगर कोई सीन्स हमें पसंद नहीं तो हम उसे स्किप कर सकते हैं । मैंने कई बार ऐसा किया है । लेकिन कहानी का स्क्रिप्ट बदलने के लिए राइटर्स पर हमारा कोई अधिकार नहीं है । और होना भी नहीं चाहिए ।
A.A.G. भाई बहुत अच्छे रीडर है । उनका रिव्यू मुझे बहुत पसंद हैं । और मैं यह भी जानना हूं कि वो बहुत ज्यादा संवेदनशील इंसान भी हैं । कहानी के पात्रों के साथ गहराई से जुड़ जाते हैं । अगर किसी किरदार के कैरेक्टर में सच्चाई देखते हैं तो उसके लिए कभी बुरा नहीं सोचते है । बहुत सारे राइटर्स को अपने रिव्यू से मोटिवेट करते आए हैं । इसीलिए तो इन्हें बेस्ट रीडर्स का अवार्ड भी इस साल का मिल चुका है ।
मुझे विश्वास है वो एक राइटर्स के नजरिए से सोचेंगे तो उन्हें तस्वीर का दूसरा पहलू भी समझ में आ जायेगा ।
दुनिया विभिन्नताओं और विचित्रताओं से भरा हुआ है । यहां वो वो भी हो सकता है जिसके बारे में हम सपनों में भी नहीं सोच सकते । सुमन और सुनील का सम्बन्ध तो फिर भी समझने लायक है ।
अध्याय - ४....... प्रकरण ४.२ विवाह ।
अंतिम तीन चैप्टर को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी चैप्टर्स अमर और देवयानी के विवाह और हनीमून पर ही आधारित था । आखिरी तीन चैप्टर्स में कुछ ऐसा था जिसका परिकल्पना हमने की ही नहीं थी ।
सबसे पहले तो बिजेंद्र लाल राय की बंगाली कविता से हमारा मन ही मोह लिया आपने ।
चूंकि लतिका बंगाली परिवार से ताल्लुक रखती थी तो उसका बंगला में ज्ञान अर्जित करना स्वाभाविक ही था ।
शादी बहुत ही सिंपल और साधारण तरीके से हुई जो मुझे बहुत पसंद आया । शादी ब्याह पर बेफिजूल खर्चे बहुत ज्यादा होते हैं । मध्यमवर्गीय परिवारों में लड़की वालों को इस खर्च से फाइनेंशियल प्रोब्लम तो होती ही होती है लड़कों वालों का भी अनाप शनाप खर्चा हो जाता है ।
मेरा भी यही मानना है शादी सिम्पल और साधारण तरीके से की जाए और बाद में एक भव्य रिसेप्शन आयोजित कर दिया जाए जिसका खर्चा लड़की और लड़का वाले आपसी सहमति से मिल बांट कर कर लें । कोर्ट मैरिज और फिर मंदिर में शादी सबसे बेहतर तरीका है आज के महंगाई के दौर में ।
मुझे यह भी बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने शादी पिछली बार की तरह गांव में न करके शहर में ही करने का निर्णय किया । गैबी की यादें शादी के माहौल को गमगीन कर सकती थी ।
बहुत ही खूबसूरत तरीके से शादी वाला अध्याय लिखा था आपने । सुमन , जयंती और काजल का ड्रेस कोड एक ही था । वैसे भी तीनों हमउम्र ही तो थी ।
मुझे पता है पंजाबी फेमिली में शादी के अवसरों पर वाइन एक पसंदीदा पेय पदार्थ होता है । लड़कियां भी बड़े चाव से पीती है । जयंती का वाइन पीना मुझे जरा भी हैरान नहीं किया । मुझे विश्वास है देवयानी भी जरूर कभी कभार ड्रींक करती होगी ।
सुहागरात का भी अच्छा खासा शमां बांधा आपने । खासकर देवयानी का अपने पति का चरण स्पर्श करना । उम्र बड़ा होने का यह मतलब नहीं कि हम अपने संस्कार और परम्पराओं से दूरियां बना लें । महिलाओं का धर्म होता है अपने हसबैंड की इज्जत करना । बशर्ते पति भी अपना धर्म निभा रहा हो ।
" कभी कभी " मूवी यश चोपड़ा की एक बेहतरीन मूवी थी । मैंने यह फिल्म रिलीज के समय ही देखा था । सभी गीत शानदार थे खासकर" कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है ।"
उन दिनों फिल्मों में फुहड़ता नहीं होती थी । अश्लिलता भी यदि होता था तो वो सभ्य तरीके से । शशि कपूर और राखी जी का सुहागरात सीन्स उस दृश्य को सभ्य तरीके से दिखाने का उदाहरण मात्र ही था ।
वैसे बड़ी साली जयंती जी ने काफी बढ़िया नेग मांगा अमर बाबू से । जरूर इनके मन में भी कुछ रंगीन सपने पनप रहे होंगे ।
शादी के तुरंत बाद ही वो हनीमून मनाने अंडमान द्वीप चले गए । जगह , नो डाउट , काफी खूबसूरत है । यह जगह अंग्रेज सरकार के जमाने में काला पानी सजा काटने के लिए फेमस था । हनीमून और उनके सेक्सुअल सम्बन्ध बहुत ही बढ़िया रहा । इसी दरम्यान उनकी मुलाकात एक फ्रैंच जोड़े से होती है । मरी और गेल । एक मिडिल एज एंड स्मार्ट पेयर्स । गेल को देखते ही देवयानी की एक दबी हुई सेक्सुअल फैंटेसी जागृत हो जाती है । किसी दूसरे मर्द के साथ सेक्सुअल सम्बन्ध बनाना । भले ही सिर्फ एक बार के लिए क्यों न हो ।
यह आसान नहीं होता किसी भी पति पत्नी के लिए कहना कि वो दूसरे के साथ सेक्सुअल सम्बन्ध बनाना चाहते हैं । फैंटेसी पालना अलग बात है पर उस फैंटेसी का उजागर करना अलग ।
शायद यह इसलिए सम्भव हो पाया कि अमर और देवयानी के बीच कुछ भी पर्सनल छुपा हुआ नहीं था । एक दूसरे के सेक्सुअल रिलेशन का भी भान था उन्हें । सेक्स के बारे में उनकी सोच दकियानूसी नहीं थी ।
कुछ क्षण के लिए अमर भले ही असमंजस एवं उहापोह अवस्था में रहा लेकिन बाद में खुद को तैयार कर लिया । एक कारण यह भी था कि बदले में उसे गेल की खुबसूरत पत्नी मरी प्राप्त हो रही थी ।
पर जो भी हो शादी के तुरंत बाद ही ऐसा फैसला काफी डेयरिंग और रिस्की भरा था ।
वाइफ स्वैपिंग आधुनिक खयालात की पैदावार है । हो सकता है कि आज से हजारों लाखों साल पहले मनुष्य काफी स्वछंद और खुलेपन माहौल में अपनी जिंदगी गुजर बसर करते होंगे । लेकिन आज के तारिख में यह अब भी अवैध और असंवैधानिक माना जाता है । इसलिए ऐसे सम्बन्ध चोरी चुपके फलते फुलते है ।
एक जगह आपने अपने रिव्यू में ऋषि श्वेत केतु का जिक्र किया था । यह दिखाता है कि आप को पौराणिक कथाओं और धर्म के बारे में अच्छी खासी जानकारी है ।
आप ने सच कहा था कि ऋषि श्वेत केतु की वजह से ही सभ्य समाज पनपना शुरू किया और परिवारवाद का जन्म हुआ ।
सभी अपडेट्स बेहद ही खूबसूरत थे अमर भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट एंड
जगमग जगमग ।
bhai please suman sunil ko mayawati aur pradyuman ki kahani se compare na hi karo toh achha hai yaar..sunil sirf mouke ka fayda utha raha hai..aur suman ke dimag se itne logo ne khela hai ki woh sunil ko fayda uthane de rahi hai..mai aisa isliye kahunga ki amar ke maa baap ne sunil ko bete ki tarah hi bada kiya lekin sunil suman ko nangi dekhne ke baad hi uske vichar suman ke prati badal aur amar ke baap ke marne ke baad usse suman ke sath hone ka chance mil gaya..aur iss chance ka woh fayda utha raha hai..yaha pe aap suman aur sunil ka blood relation nahi hai isliye inka rishta dikha rahe hai..lekin agar sunil ko bete ki tarah pala hai toh woh bhi amar ki tarah beta hi huva na..blood relation ka yaha koi role hi nahi hota fir beta beta hota hai..waise dekha jaye toh suman amar ki taraf pehle ek aurat ki tarah attract bhi hochuki thi jab gaby thi..sunil ko toh suman hamesha beta hi manti aayi thi..lekin ab achanak se aap sunil aur suman ke bich dikha rahe hai toh unko mayawati-pradyuman se compare na kare toh achha hai..kyunki koi comparison banta hi nahi..sunil ka pehla pyaar bolkar suman pe yeh rishta thopa ja raha hai aur suman bhi itni logo ki baate sunkar ab usne bhi virodh karna band kar diya hai..!!A.A.G. भाई के objection को आपने देखा ही।
लेकिन हमारी प्राचीन कथाओं में सुमन-सुनील से मिलती कहानी है। मायावती और प्रद्युम्न की।