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nice updates..!!
बहुत बहुत धन्यवाद दोस्तोंBahut hi mast likha hai bhai
धन्यवाद भाईAnother amazing update. Kya khule vichar hain. Waiting for next village update
क्या शानदार लिखा है भाई । बोहोत अच्छा खूब बेहतरीन लिखा है जुड़े रहने वाला अपडेट थे ।पहला प्यार - विवाह - Update #14
लगभग एक मिनट के बाद, उन्होंने डैड को पुकारते हुए सुना। माँ ने उनकी पुकार के उत्तर में कहा कि वे मेरे कमरे में हैं। इस डर से कि डैड उसको ऐसे नंगा नंगा देख लेंगे, गैबी माँ के स्तनों को छोड़कर खुद को ढँकने लगी। पर माँ ने उसे रोक दिया,
“इट इस ओके, हनी! जस्ट रिलैक्स! रिलैक्स!… ओके…?”
लेकिन गैबी रिलैक्स नहीं कर पा रही थी - उसको बहुत अधिक शरम आ रही थी। इससे पहले वो खुद को ढँकने के बारे में कुछ सोच पाती, या कर पाती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डैड हमारे कमरे के अंदर आ चुके थे। उसने देखा कि माँ और गैबी क्या कर रहे थे, और वो एक पल के लिए झिझके; लेकिन फिर वो कमरे के अंदर आ गए, और उन दोनों के पास बिस्तर पर बैठ गए। अगर वो अंदर आए बिना चले जाते, तो स्थिति सामान्य न होती, और गैबी और भी अधिक लज्जा महसूस करती। गैबी के स्तन तो शॉल में ढके हुए थे, लेकिन उसकी कमर के नीचे उसका सारा नग्न शरीर प्रदर्शित था। कुछ देर तक किसी ने कुछ नहीं कहा।
“सुनिये जी, ज़रा रसोई से नारियल तेल लेते आइएगा!” अंत में माँ ने ही डैड से कहा।
“क्या हो गया?”
“अरे, बिटिया की मालिश कर दूँगी थोड़ा!”
तो डैड कमरे से बाहर चले गए।
“माँ, डैड ने मुझे नंगी देख लिया।” गैबी ने लजाते हुए माँ से शिकायत करी।
“हाँ! तो? तुम तो हम दोनों की ही बेटी हो न! अगर मुझसे नहीं शरमा रही हो, फिर अपने डैड से क्यों?” माँ ने उसे शांत किया, “और फिर हमारी बेटी कितनी खूबसूरत भी तो है। उनको भी पता चले! है न?”
गैबी कुछ कह न सकी। डैड कुछ देर बाद नारियल तेल की बोतल लेकर वापस लौटे।
“बिटिया भी दूध पीती है?” डैड ने कहा; प्रत्यक्ष्य को प्रमाण क्या?
“हाँ! क्यों जी? क्यों ना पिए? मेरी बेटी है।”
“अरे भाग्यवान! मैंने कुछ कहा? बिलकुल पिए! तुम्हारी बेटी है, तो मेरी क्या मेरी बेटी नहीं है?”
“बिलकुल है... लेकिन दूध तो मैं ही पिला सकती हूँ ना!” माँ ने कहा!
“हा हा हा, हाँ, वो बात तो अटल सत्य है!”
माँ ने अपनी हथेली पर थोड़ा सा नारियल तेल डाला और गेबी की योनि पर उदारतापूर्वक लगाया। माँ के हाथ को समुचित जगह देने के लिए गैबी को अपने पैर खोलने पड़े। डैड को अब गैबी की योनि के होंठ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने भी गैबी के सूजे हुए होंठों को देखा।
“क्या हुआ? दर्द हो रहा है क्या?” उन्होंने पूछा - उनकी आवाज़ में चिंता साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी।
गैबी को याद आया कि कैसे जब तो छोटी थी, तब उसके पिता उसे ‘शील’ में बने रहने के लिए कम से कम अपनी पैंटी पहनने के लिए कहते थे। नग्न रहना तो उसके लिए असंभव था। लेकिन यहाँ तो डैड को गैबी की हालत पर ज़रा भी विरोध नहीं था। बेशक, उनको देख कर वो यह नहीं कह सकती थी, कि उनको उसकी नग्नता के बारे में सोच कर कैसा लग रहा था! कम से कम उन्होंने अपनी भावना किसी स्पष्ट तरीके से दिखाई नहीं। इस बीच माँ ने धीरे धीरे गैबी की योनि की मालिश करनी शुरू कर दी।
“हाँ न! गैबी बिटिया की म्यानी छोटी सी है ना! और आपके बेटे का छुन्नू बड़ा सा है।”
माँ ने अपनी बड़ी मधुरता के साथ कहा। डैड केवल मुस्कुराए। शायद वो अंदर ही अंदर खुश थे कि उनके बेटे का लिंग अपनी पत्नी के लिए समुचित आकार का था।
“अरे, तो सेंकाई कर देती ना!” उन्होंने सुझाया।
“कर तो देती, लेकिन आपकी लाडली को मेरा दूध पीना था…”
“ओह! अच्छी बात है!” पिताजी ने समझते हुए कहा, “फिर दूध पिला के सेंकाई कर दो!”
“जी, ठीक है।”
“गैबी बेटा,” डैड ने गैबी से मुखातिब होते हुए कहा, “अभी तुम छोटी हो, और तुम्हारे पैर की मसल्स भी स्ट्रांग हैं। इसलिए तुम कुछ स्ट्रेच और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइजेज किया करो। उससे फ्लेक्सिबिलिटी भी आती है, और इंटरकोर्स की परेशानियों में हेल्प भी होती है।” उन्होंने बिलकुल प्रोफेशनल तरीके से कहा, और फिर कुछ सोच कर आगे जोड़ा,
“इसके अलावा, अमर से कहो - मैं भी कहूँगा - कि पेनिट्रेशन से पहले फोरप्ले पर अधिक समय बिताए... यू नो, जब पार्टनर अच्छी तरह से उत्तेजित होती है, तो उसको दर्द कम होता है।” उन्होंने गैबी को कुछ इस तरह समझाया जैसे कि उसको सेक्स के बारे में कुछ मालूम ही न हो!
गैबी ने उत्तर में कुछ नहीं कहा, लेकिन वह शर्म से लाल हो गई।
“शरमाओ मत बेटा। जब तुम्हारी माँ और मेरी नई-नई शादी हुई थी, तो मैं तुम्हारी माँ के साथ भी ऐसा ही करता था। बाद में इन्होने लेग स्ट्रेच करना शुरू कर दिया, जिससे इनको काफ़ी आराम मिला। और, बाद में इनको मेरी आदत भी हो गई।”
“हाँ, मैंने भी बिटिया को ये सब बताया है।” माँ ने कहा, और मालिश करना जारी रखा।
गैबी ने अब तक माँ का दूध पीना छोड़ दिया था, और किसी तरह से अपने चेहरे पर धीर गंभीर भाव बनाए रखे हुई थी, जो कि बहुत मुश्किल था - खासकर तब, जब डैड सामने बैठे हुए थे। माँ ने भी अपने स्तन छिपाने की कोई कोशिश नहीं की। गैबी को देखते हुए, डैड के चेहरे पर गंभीर, लेकिन स्नेह के भाव आ गए। उन्होंने कुछ कहने से पहले थोड़ा इंतज़ार किया, और फिर कहा,
“गैबी बेटा, हम - मतलब तुम्हारी माँ और मैं - तुमको अपनी बेटी के रूप में पाकर बहुत खुश हैं... बहुत खुश! अमर के बाद, हमने बड़े लंबे समय तक अपना एक और बच्चा करने के बारे में बहुत सोचा और विचारा... लेकिन फिर हमने उस इच्छा को दबा दिया, ताकि हम अमर का पालन-पोषण कर अच्छी तरह से कर सकें। ताकि हम उसको उसके जीवन के लिए यथासंभव, सबसे अच्छी शुरुवात दे सकें। हम कभी भी उसकी शिक्षा और पालन पोषण में कोई समझौता नहीं करना चाहते थे... और दूसरा बच्चा होने से हमें फाइनेंशियल तनाव तो होता…”
डैड बोलते बोलते काफ़ी सीरियस हो गए थे; उन्होंने अचानक ही यह महसूस किया, और मुस्कुराते हुए बोले, “आई मीन, मैं जो कहने की कोशिश कर रहा हूँ, वो यह है कि हम दोनों को ही हमेशा महसूस होता रहा कि हमारा परिवार अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ था... लेकिन अब, तुम्हारे साथ, तुम्हारे आने के बाद, मेरा परिवार पूरा हो गया है। हमको हमारी बेटी मिल गई!”
डैड ने गैबी को इतने प्यार से ‘बेटी’ कहा, कि उसकी आँखों में आँसू आ गए।
“ओह डैडी! डैडी! आई लव यू सो वैरी मच!” गैबी ने कहा और माँ की गोदी से कूद कर, डैड को जितना संभव था, उसने उतने मजबूत आलिंगन में उनके गले से लग गई। यह तथ्य कि वो अब डैड के सामने भी पूरी तरह से नग्न थी, अब उसके लिए कोई मायने नहीं रखता था। अब हम उसका परिवार थे; अब माँ और डैड उसके माँ और डैड थे!
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी लकी हूँगी कि आपके इस सुंदर से परिवार का हिस्सा बनूँगी! मैं बहुत लकी हूँ, डैडी... मैं बहुत लकी हूँ! आई फील सो प्राउड एंड ऑनर्ड कि आपने मुझे अपने परिवार में स्वीकार किया।”
डैड ने उसके माथे को चूमा और कहा, “न बेटा, तुम नहीं, हम हैं लकी! तुम्हारे कारण मेरा परिवार पूरा हुआ है! तुम हमारी बेटी की तरह रहोगी… हमारी बहू की तरह नहीं। हम हमेशा तुम दोनों के साथ साथ खड़े मिलेंगे। मुझे पता है कि तुम्हारा जीवन यहाँ आ कर बहुत बदल गया है... और मैं तुमसे वायदा करता हूँ कि हम दोनों तुम्हारे लिए इस बदलाव को थोड़ा आसान करने की कोशिश करेंगे। और, तुमको अपना सारा प्यार देंगे!”
“थैंक यू सो मच, डैडी... थैंक यू सो मच, मम्मी!”
डैड उसे कुछ देर तक अपने आलिंगन में पकड़े रहे, और कई बार गैबी के माथे को चूमते रहे। डैड बहुत ही स्नेही व्यक्ति हैं - लगभग माँ के समान ही, या फिर शायद उनसे भी अधिक। लेकिन जहाँ माँ बहुत खुल कर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन कर देती हैं, डैड उतना खुलकर अपना स्नेह नहीं दिखा पाते। लेकिन फिर आखिरकार उन्होंने गैबी को अपने से अलग किया और कहा,
“नाउ गो... कंटिन्यू ब्रेस्टफीडिंग!”
गैबी फिर से शरमा गई, “डैडी, क्या आपको वाकई इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है?”
“हा हा हा! नहीं बेटा, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। तुम हमारी बेटी हो... और इस घर में हमारे बच्चों का दूध पीना कभी नहीं रुक सकता।” डैड ने बड़े मजे से कहा।
“तुमने कभी बंद किया दूध पीना मिस्टर?” माँ ने डैड को चिढ़ाया।
माँ की इस बात पर गैबी ज़ोर से हँस पड़ी। उसके मानस पटल पर एक मज़ेदार दृश्य खिंच गया - डैड, माँ की गोद में लेटे हुए, उनके स्तनों को पी रहे हैं! उसने कुछ कहा नहीं, और फिर से माँ के स्तन पीने माँ की गोद में लेट गई। डैड ने उसके नग्न शरीर को शॉल से वापस ढँक दिया। लेकिन उनको अपना ‘सीक्रेट’ लीक हो जाने के कारण शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, इसलिए उन्होंने वहाँ से खिसक लेने में ही अपनी भलाई समझी।
“काजल बिटिया कहां है?” उन्होंने वहाँ से निकल लेने के लिए बहाना बनाया, “सवेरे से उसको देखा नहीं। उसकी तबियत तो ठीक है?”
इतना कहकर पापा उठ गए और काजल को देखने के लिए कमरे से बाहर चले गए। जब गैबी का मन भर गया, तो उसने माँ को देखा और मुस्कुराई।
“तुमको यह पसंद आया, बेटा?” माँ ने पूछा।
“माँ! आई लव यू…” गैबी ने बड़ी खुशी से कहा, और माँ के गले से लग गई और उनके होठों को चूमते हुए बोली, “आई लव यू... आई लव यू... आई लव यू! ... आप पूरी दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं! थैंक यू... थैंक यू... थैंक यू... सो सो मच!”
“मेरी बिटिया रानी, अपने बच्चों को प्यार दे पाना, प्यार से पालना पोसना - यह मेरे लिए बड़े सम्मान और खुशी की बात है।” माँ उसकी ओर देखकर मुस्कुराईं और अपने ब्लाउज के बटन लगाने लगीं, “और याद रखना, तुम जब चाहो तब मेरा दूध पी सकती हो!”
“थैंक यू, माँ।”
“हम्म्म! हनी, अब मुझे बताओ... अमर तुम्हें खुश कर पाता है न!”
गैबी फिर से शरमा गई और बोली, “हाँ माँ, बहुत खुश करता है! सच मेर, बहुत खुश! मैं उस भावना की व्याख्या नहीं कर सकती जब वो... हे भगवान! मुझे तो कहते हुए भी बहुत शर्म आ रही है…”
माँ ने कुछ नहीं कहा लेकिन उसकी बात का इंतज़ार करती रहीं। एक संक्षिप्त से विराम के बाद गैबी ने कहना जारी रखा,
“... लेकिन माँ, जब उसका पीनस... जब वो मेरे अंदर - बाहर स्लाइड करता है न! हे भगवान... वो एक बहुत अच्छा एहसास होता है! वो सब याद कर के ही मेरे तन में सिहरन होने लगी!” गैबी मुस्कुराई, “माँ, उसका पीनस बहुत मजबूत है... और इसके लिए मुझे आपको धन्यवाद देना चाहिए!”
“मुझे धन्यवाद? वो क्यों?”
“क्योंकि आपने ही तो उसे इतने सालों तक स्तनपान कराया है।”
“हाँ, तो…?”
“.... मैंने सुना है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से लड़कों का छुन्नू मजबूत हो सकता है…”
“क्या सच में? मुझे नहीं मालूम था ये! अच्छा है! मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुमको अमर का छुन्नू पसंद है... लेकिन क्या अमर उसका ढंग से इस्तेमाल करना जानता है? उसको ठीक से आता नहीं होगा न… जबकि… तुमको…” माँ थोड़ा सा हिचकिचाईं, “तुमको.... कुछ अनुभव तो है?”
गैबी का चेहरा फ़क्क से सफ़ेद हो गया!
‘माँ को कैसे मालूम कि वो शादी से पहले कुंवारी नहीं थी?’
“आपको कैसे…?”
“... मुझको कैसे पता है कि तुम कुंवारी नहीं हो? इजी! अमर ने ही मुझे बताया।” माँ ने सीधा शीशा उसको बता दिया।
गैबी का दिल और भी डूब गया, “क्या आपको यह जान कर बुरा लगा, माँ?”
“क्यों, मेरे बिटिया!? हमको क्यों बुरा लगता? और बुरा लगता तो हम तुम दोनों को इतनी आसानी से मिलने देते?” माँ मुस्कुराईं, और फिर बोलीं, “सबसे पहली बात तो यह है कि न तो अमर को, और न ही हमको इस बात से कोई फर्क पड़ता है। तुम्हारे देश की संस्कृति, हमारे देश की संस्कृति से बहुत अलग है। मुझे पता है कि ब्राजील में, भारतीयों की तुलना में सेक्स के प्रति लोगों का बड़ा खुला हुआ रवैया है। इसलिए, मुझे आश्चर्य नहीं है कि अमर से मिलने से पहले तुमने सेक्स का अनुभव किया है... और वैसे भी, अमर से मिलने से पहले तुमने जो किया, उससे हमारा सरोकार नहीं। हमारे लिए वास्तव में केवल यह मायने रखता है, कि क्या तुम उससे प्यार करती हो, या नहीं! और क्या तुम उसको आगे भी प्यार करती रहोगी, या नहीं?”
“मैं उसको दिलोजान से प्यार करती हूँ, माँ। मैं खुद से ज्यादा अमर से प्यार करती हूँ… और मैं दूसरे नंबर पर आपसे और डैडी से प्यार करती हूँ।”
“फ़िर? फ़िर हमें किसी बात पर ऐतराज करने का क्या कारण है, मेरे बच्चे?”
“माँ…” गैबी थोड़ा झिझकी और फिर बोली, “... माना कि आप मेरी माँ हैं...लेकिन आप मुझसे ‘उतनी’ बड़ी नहीं हैं!”
“हाँ! मैं जानती हूँ।”
“तो, क्या मैं कभी-कभी आपको अपना दोस्त भी मान सकती हूँ?”
“बिलकुल, बेटा! ज़रूर!” माँ ने कहा, और जोड़ा, “जब बेटी बड़ी हो जाती है, और उसकी शादी हो जाती है, तो वह ख़ुद ही अपनी माँ की दोस्त बन जाती है।”
“थैंक यू, माँ।” गैबी ने माँ को फिर से गले लगाया और चूमा।
माँ ने गैबी के माथे को चूमा और बिस्तर से उठ गईं। कमरे से बाहर जाने से पहले उन्होंने कहा, “मैं तुम्हारे दर्द को कम करने के लिए कुछ गरम पानी ले आती हूँ।”
“माँ, प्लीज़! आप नाहक चिंता न करिए। पानी वानी की ज़रुरत नहीं है। आपकी मालिश से यहाँ का दर्द काफी कम हो गया है... और... और मैं ‘वेट’ भी हो गई हूँ!”
“ओ ओह! ‘वेट’ एंड ‘रेडी’... तो अमर को ढूँढ़ कर लाऊँ? हा हा हा!”
“हा हा हा! माँ, आप बिलकुल नटखट हैं!”
“क्या नटखट? हमारे पवित्र पुस्तकों में भी कहा गया है कि अगर कोई स्त्री यौन संबंध बनाने के लिए उत्सुक है, तो उसकी इच्छा पूरी करनी ही चाहिए।”
“क्या! हा हा हा! न बाबा! अब मैं और नहीं कर पाऊँगी! ... और वैसे भी, आपकी मालिश के कारण मैं पूरी तरह से ‘वेट’ हो गई हूँ!” गैबी थोड़ा सा हिचकिचाई, “माँ, थोड़ी देर और कर दीजिए न?”
“हम्म्म! बिटिया मेरी, ये सब काम अपने हस्बैंड से करवाओ - माँ से नहीं!”
“वो मालिश तो कर देगा, लेकिन फिर उसके बाद जो कुछ करेगा, उसके बाद मुझे फिर से मालिश ही ज़रुरत पड़ जाएगी!”
“हा हा हा! वो भी है!” माँ ने कहा, अपनी हथेली में थोड़ा और तेल डाला और अपने योनि होंठों की मालिश करने लगी, इस बार थोड़ा और अच्छी तरह से, “वैसे अगर तुम चाहो तो मैं रोज़ तुम्हारी म्यानी की मालिश कर सकती हूँ…”
“मैं आपके प्यार भरे स्पर्श का बुरा थोड़े ही मानूँगी…” गैबी ने कहा!
“ठीक है,” माँ ने कहा, और फिर मुस्कुराते हुए बोलीं, “बहुत सुंदर है, बेटा ये!” माँ ने बड़ी कोमलता से गैबी की योनि की पंखुड़ियों को इस तरह से छेड़ा कि वे कुछ देर बाहर दिखने लगीं, “गुलाब की पंखुड़ियों की तरह... नाज़ुक... अमर बहुत भाग्यशाली है।”
माँ ने कहा और धीरे से अपनी तर्जनी उसके अंदर डाल दी। गैबी ने अपने होंठ काट लिए; एक स्वतः प्रेरणा से उसकी योनि की सुरंग ने माँ की पतली सी उंगली को भी मज़बूती से पकड़ लिया। माँ हैरान हो गईं।
“तेरी म्यानी तो वकाई बहुत छोटी है, बेटा! इसकी झिर्री तो लंबी है, लेकिन छेद छोटा सा है! कैसे ले पाती है तू उसे अंदर?” माँ ने गैबी की योनि के होंठों की अंदर बाहर मालिश करते हुए कहा। मालिश से उसको आराम तो मिला - कुछ समय बाद दर्द लगभग न के बराबर था। इसी बीच गैबी को एक छोटा सा, अस्वैच्छिक ओर्गास्म भी मिल गया। माँ को यह बात दिख गई, और वो मुस्कुराई। जब गैबी थोड़ा संयत हुई तो बोली,
“थैंक यू, माँ।”
“कोई बात नहीं, बेटा! मैं जानती हूँ कि तुमको अभी तकलीफ़ है, लेकिन जब भी पॉसिबल हो तुम सेक्स कर लेना। कम से कम आगे चल कर तकलीफ कम होगी, या नहीं होगी। और वैसे भी बहुत टाइट है - थोड़ा ढीली हो जाएगी, तो कोई परेशानी नहीं है! हा हा हा!"
“हा हा हा - बदमाश मम्मी!” गैबी भी इस हँसी मज़ाक में शामिल हो गई, “माँ?”
“हाँ बेटा?”
“आप कैसी हो... उम्म्म... मेरा मतलब... नीचे?”
“तू तो इसे पहले ही देख चुकी है न।”
“हाँ, लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह आपने मुझे देखा है।”
“ठीक है! देख ले!”
माँ ने गैबी को अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा कर एक बार फिर से मेरी जन्मभूमि देखने की अनुमति दी। साड़ी पहनते समय माँ ने कभी पैंटी नहीं पहनती थीं। गैबी को योनि के बालों को हटाने की ‘ग्रामीण प्रक्रिया’ पर थोड़ा संदेह था, इसलिए माँ ने उसके पहले खुद ही उस प्रक्रिया का उपयोग किया। नतीजतन, माँ और गैबी, दोनों की ही योनि पूरी तरह से बाल रहित थी। गैबी ने उसे छुआ।
“माँ, आपके होंठ कितने कोमल हैं।”
“सभी स्त्रियों के होंठ कोमल होते हैं!”
गैबी मुस्कुराई, “आप मुझको बोलती हैं, लेकिन आपकी योनि भी तो छोटी सी ही है!”
“हा हा! हो सकती है! लेकिन मेरे हस्बैंड के हिसाब से इसका साइज ठीक है!”
“मतलब... अमर का साइज... डैड से....?”
“हाँ, बड़ा है!”
“बाप रे!”
“हाँ, बाप रे! लेकिन वो तुम्हारी चिंता का विषय है, मेरी नहीं! हा हा हा हा!”
“हा हा हा! बदमाश मम्मी!” गैबी ने हँसते हुए कहा, “लेकिन माँ, सच में - मुझे आपकी योनि बहुत पसंद है! ये मेरे हस्बैंड का जन्मस्थान है... इसलिए मेरे लिए ये दुनिया का सबसे सुंदर और पवित्र स्थान है!” उसने कहा और माँ की योनि को चूम लिया।
माँ केवल मुस्कुराई।
“माँ,” गैबी ने कहा, “क्यों न हम सभी - सिर्फ आज के लिए - हम सभी नंगे नंगे रहें?”
“इस ठंडक में?”
“हम्म! वो भी ठीक है। चलो, कम से कम रात में तो हम सब एक साथ नंगे नंगे सो सकते हैं...?”
“हा हा हा! देखेंगे... देखेंगे!”
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क्या शानदार लिखा है भाई । बोहोत अच्छा खूब बेहतरीन लिखा है जुड़े रहने वाला अपडेट थे ।
Koi na bhai mujhe bhi read karne ka waqt nehi milta he kabhi kabhi kisi tarah se waqt leke ata hoonबहुत बहुत धन्यवाद भाई!
कुछ दिनों से हमारा दुराव हो गया है!
लेकिन जल्दी ही आपकी कहानी के सभी नए अपडेट (52 से आगे) पढ़ कर बताता हूँ
साथ में बने रहें![]()