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ठंडाई
मैं काउंट कर रही थी , दो गोलियां , हर गुझिया में तो ये छह गोली , कुछ देर में ही इस स्साले की सारी सरम झिझक इसके पिछवाड़े घुस जायेगी
लेकिन मेरी सास न , वो दूर बैठी सुपाड़ी क़तर रही थीं , उनकी आँखे हम भौजाइयों की हरकतों पर चिपकी थीं ,
और उन्हें इतने से संतोष नहीं मिला , समझ तो वो भी रही थीं ये तीनो गुझिया नहीं भांग के गोले थे , पर ,...
मुझे उकसाया उन्होंने
,
" अरे दुल्हिन ( मुझे पहले दिन से ही वो सिर्फ दुल्हिन कहती थीं और आज तक वही ) खाली तुम सब खिलाये जा रही हो , कुछ पिलाओ तो ठंडाई थोड़ी सी "
पर मं कुछ बोलूं , उसके पहले वो स्साला उचक गया , मेरे हाथ जोड़ते हुए बोला ,
" प्लीज भाभी , ठंडाई नहीं , इसमें जरूर भांग मिली होगी और ,... "
" अच्छा चलो देवर जी तेरी बात ही सही , बल्कि तेरी बुआ जी कह रही थीं , लेकिन दहीबड़ा तो खा लो , पक्की कसम से इसमें जरा भी भांग नहीं पड़ी है , मैंने खुद बनाई है , मेरी कसम , गारण्टी ,... "
सच में उसमें भाग नहीं पड़ी थी , पर उसमे क्या पड़ा था सिर्फ कोमल को मालूम था , कम्मो को भी नहीं , ...
उसने हाथ बढ़ाया , तो मैंने उसका हाथ पकड़ के रोक दिया ,
" ये न सब एलवल वाले , वालियों की बुरी आदत है , अपना हाथ इस्तेमाल करने की , अरे तीन तीन भौजाइयां सामने खड़ी हैं , फिर भी अपना हाथ ,"...
" और हाथ इस्तेमाल करना है तो भौजाई के साथ , बहुत चीज है बहुत जगह करो न कौन मना करता है , ... "
कम्मो बोली और उस का आँचल ढलक गया ,
३८ डी डी के कड़े बड़े बड़े चोली फाड़ते जोबन , मैंने बताया था न ब्रा पैंटी वो पहनती नहीं थी , और आज तो ब्लाउज भी एकदम लो कट ,... जोबन से चिपका ,
और कल यही जोबन देवर जी ने जम के ब्लाउज फाड़ के असली देवर की तरह जम के मसला रगड़ा था
अनुज का मुंह खुला रह गया और मेरी उँगलियों में फंसा दहीबड़ा देवर जी के मुंह में , एक बार में पूरा ,
बस एक पल
और वो चीख भी नहीं पा रहा था आँखे लाल , पानी निकल रहा था , बस बार बार मुंह खुल रहा ,
न सिर्फ उसकी भौजाइयो बल्कि मेरी सास भी मुस्कान रोक नहीं पा रही थीं ,
" अच्छा है न देवर जी , गुड्डी के गाल ऐसा मुलायम , .... और चाहिए , ... "
अब सब को पता चल गया था , दहीबड़े का कमाल
कोमल का कमाल , ...
उसमें भांग नहीं पड़ी थी , लेकिन खूब तेज लाल कटी मिर्चें पांच पूरी की पूरी , ..आधी ही काफी होती थी और ऊपर से लाल मिर्च भी मैंने छिड़क दिया था ,
वो ग्लास की ओर इशारा कर रहा था बार बार ,
"अच्छा ठंडाई पीने का मन कर रहा है तो लीजिये न , मैं तो देने को तैयार थी आप ही मना कर रहे थे "
बड़े भोले पन से आँख नचाते मैं बोली,
और ग्लास भी जो गन्ने के रस की दूकान पर अमिताभ बच्चन के नाम से मिलता है न वो वाला
चुहुक चुहुक कर वो पी रहे थे और मैं कम्मो की ओर देख कर मुस्करा रही थी ,
दहीबड़ा तो मैंने बनाया था लेकिन ठण्डाई कम्मो की करामात थी ,
जितनी तीन गुझिया में उसने भांग घोंटी थी , उससे ज्यादा कम्मो स्पेशल में थी , मेरे सामने ही तो डाली थी उसने।
मैंने आखिरी बूँद तक पिला के ही ठंडाई का ग्लास हटाया , ....
" क्यों देवर जी मिर्च थोड़ी ज्यादा हो गयी थी क्या मैंने तो सिर्फ पांच ही डाली थी ,... "
बड़े भोलेपन से ही आँखे नचाते मैं बोली ,
ठंडाई से मिर्चों का असर तो ख़तम हो गया था और भांग का असर शुरू होने में पंद्रह बीस मिनट लगता है जबतक आंगन में देवर भाभी की होली शुरू होती।
और भांग खाली उस चिकने ने नहीं खायी थी ,
उसके पहले हम सबने , ... हालांकि उतनी नहीं , उसने तीन भांग की गुझिया और तीन भांग की गुझिया के बराबर , भांग पड़ी कम्मो भौजी स्पेशल ठंडाई पी थी।
सुबह सुबह , और कौन मेरी सासू जी , इनकी माँ , ...
लेकिन उनको काहें दूँ , गलती मेरी ही थी , सुबह सुबह फगुआहट चढ़ी थी , उन्होंने पूछा दुल्हिन गुझिया ज़रा चिखाओ और मैंने मुस्कराते हुए वही डबल भांग वाली उन्हें थमा दी , पर मेरी सास , पुरानी खिलाड़न , चखते ही उन्हें अंदाज़ हो गया , खोआ कितना और भांग कितनी , और बड़े दुलार से अधखायी , आधी गुझिया मेरे मुंह में ,
और मैंने जेठानी जी के साथ भी यही ट्रिक अपनायी तो उन्होंने भी आधी मेरे मुंह में , कम्मो ने तो बिना ना नुकुर के , तो मैं , मेरी जेठानी और कम्मो तीनों पर थोड़ी बहुत , जेठानी जी को सास जी ने भी ,
और फिर जब हम देवर राजा को पकड़ के आँगन में ले गए तो वो ऐसा चिल्ला रहा था जैसे किसी नयी नवेली का गैंग बैंग होने वाला ,
ये स्साले एलवल वाले , इनके ननिहाल वाले , चाहे वाले या वालियां ऐसे चीखते /चीखती हैं ,
लेकिन चीखने से छोड़ दें , डालने वाले , तो किसी कुँवारी की चूत फटे , न किसी लौंडे की गाँड़ मारी जाए , ...
और हम भी छोड़ने वाले नहीं थे , ...
Komal Ji
Story waise to acchi hai, par Aap Khas-khas Masti wale PAL ko bahut hi short me nipta dete hai,.... 1 Din pahle Dever ANUJ ne Dono BHABHI ke sath 3-4 Ghante tak sirf uper-uper hi MAZA liya hoga ?
Aisa lagta to nahi hai, Lakin Aapne sab GAYAB kar diya.......
Abhi bhi 3 Bhabhiya Bhang ke Nashe me aur Dever ANUJ to Bhang ke Nashe me CHOOR....
Kya Ab bhi sirf uper-uper se hi sab hoga...... Kuch bhi agar ho raha hai us khas Moment ko Details me dikhayengi to aur bhi Behtareen hoga....
Baki Aapki Marzi hai.....