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पहली चुदाई में ही लड़की हो या औरत , पागल बना दे , तेरी गुलाम हो जाए ,
और हां कभी एक बार चोद कर मत छोड़ना , चाहे लड़की हो या औरत , उसके मन में कई बार ये अहसास हो जाता है , की गलत हुआ , आगे से नहीं करवाउंगी , और अगर कुछ देर रुक के उसे दुबारा चोद देगा न तो बस वो अहसास कभी नहीं होगा , उसके मन में खाली मजे का अहसास बचेगा , और हाँ लड़की हो या औरत पहले उसे झड़ना चाहिए ,
खास तौर से गुड्डो की मम्मी को ,
एक दो बार कम से कम उसे झाड़ के झड़ोगे न तो एकदम दीवानी हो जायेगी , खुद तो देगी ही औरों की दिलवाएगी , लेकिन रुक यार , कुछ खाने को लाती हूँ , दो बार तेरी टंकी खाली हो गयी ,
कम्मो भौजी स्टोर से थाली भर कर गुझिया , नमकीन समोसे , और दो बड़े ग्लासों में ठंडाई भर के लायीं और उन की ज्ञान गंगा चालू हो गयी
" देख दो बातें , एक तो गुड्डो के पहले गुड्डो की मम्मी को चोदना , दूसरे पहला मौका पाते ही , वो भी पूरी रात। "
अनुज ने कुछ बोला नहीं , लेकिन उसकी आँखे पूछ रही थीं , " कैसे "
और कम्मो के पास जवाब मौजूद था , जवाब के रूप में सवाल , भांग वाली गुझिया देवर के मुंह में ठेलती , भौजी ने सवाल दाग दिया ,
" गुड्डो तेरी सब बात मानती है न "
किसी तरह गुझिया ख़तम करते , अनुज ने जवाब दिया ,
" एकदम , दिन में पांच छः बार फोन आता है , और जब से पता चला है की मैं बनारस आ रहा हूँ बस पूछो मत , मेरे लिए तो कुछ भी ,... "
" तो बस बनारस जाने से पहले ही उससे सेटिंग कर ले , बस ये बोलना है की इम्तहान में तो तुझे रात रात भर जग के , इसलिए जिस दिन इम्तहान ख़तम होगा , उस दिन रात भर तुझे सोना होगा , और वो घर में होगी तो तेरा मन तो कुछ और ही करने का होगा , और उसके बाद तो चार पांच दिन वहां रही होगी , दिन रात चक्की चलेगी ,....
इसलिए जिस दिन इम्तहान ख़तम होगा उस दिन वो कुछ बहाना कर के , किसी फ्रेंड्स की बर्थडे या कुछ और ,... शाम को ही चली जाए , रात में वहीँ रुकने का बहाना कर के , बस अगले दिन सुबह के बाद ही आये ,... "
कम्मो भौजी ने पूरी ट्रिक समझा दी।
अब अनुज से नहीं रहा गया , उसने और गुड्डो ने बहुत प्लान बनाये होंगे उस रात के लिए , ... वो बोल पड़ा ,
" लेकिन भौजी ऐसे क्यों , उसे क्यों रात भर के लिए ,.. मान तो वो जायेगी , बहाना बना भी लेगी , पर ,... क्यों ,... "
अनुज को बात समझ में भी नहीं आयी और अच्छी भी नहीं लगी ,
" बुद्धू है तू , गुड्डो को तो तू चाहे जब भी , ... अरे उस के घर में कौन कौन है , गुड्डो और उस की मम्मी , बस न ,
तो गुड्डो चली जायेगी तो रात को कौन बचेगा , गुड्डो की मम्मी , बस पकड़ के चाप देना ,
शाम से ही उनके आगे पीछे टहलना , और गुड्डो होगी तो उन की भी हिम्मत नहीं पड़ेगी ,... फिर अगर उन्हें पहले से मालूम होगा की गुड्डो उस दिन नहीं होगी रात के लिए तो उनके मन में अपने आप ,... इसलिए उस दिन छोड़ना मत उनको , कम से कम तीन बार , ये जो सिखाया है तुझे सब का इम्तहान असली वहीँ होगा , और एक बार अगर तूने ढंग से चोद दिया उनको , ... तो फिर तो तेरी , ... अब समझ में आया , तो ये हुआ दूसरा स्टेप ,
लेकिन तीसरे के पहले तेरा इम्तहान लेना पडेगा ,
अगर उसमें पास हो गया तो , पर पहले ये ठंडाई का ग्लास ख़तम कर ,
और समझ ले की मैं गुड्डो की मम्मी हूँ , अगर कम से कम दो बार मुझे झाड़ दिया न तो फिर बताउंगी तीसरा स्टेप। "
और उसके बाद तो कम्मो भौजी पूरे रोल प्ले में आ गयीं , गुड्डो की मम्मी के , देह काठी भी वैसे ही थी , खुल के मजाक करने की आदत भी ,... बस लग गयी वो अनुज की खिंचाई करने में ,
" इतना शर्माते हो , हमको तो शक है की देवर हो की ननद , खोल के देखना पडेगा "
( आधे टाइम वो यानी गुड्डो की मम्मी जब पिछली बार अनुज से मिली थीं तो उसके शर्माने के कारण उसे ननद रानी ही कहती थीं )
" हे पूरा गिलास दूध पी लो , मेरी ननद दूध नहीं पीयेगी तो दूध देने लायक कैसे बनेगी , ... "
" तेरा ये इम्तहान ख़तम हो जाए न तो असली इम्तहान मैं लूंगी , "
और अनुज भी रोल प्ले में शामिल , वैसे ही जवाब दे रहा था ,
" हाँ लेकिन अगर आपके इम्तहान में पास हो गया तो इनाम में क्या मिलेगा , फिर कंजूसी मत करियेगा , पीछे मत हटियेगा "
और पूरे समय उनके उभारों की ओर ललचाते हुए देखता ,और गुड्डो की मम्मी बनी , कम्मो भी उसी तरह जवाब देतीं ,
" पीछे हटनी वाली कोई और होंगी , मैं बनारस वाली हूँ , मैं तो ,... तेरी ही हिम्मत नहीं पड़ती ,... लेकिन अबकी तेर रेप होगा "
और उसके बाद छूना , सहलाना , दबाना , मसलना , जैसे जैसे कम्मो भौजी ने सिखाया था , अपने देवर को
थोड़ी ही देर में देवर ऊपर भौजी नीचे , लेकिन पहले ऊँगली , फिर होंठ और जो बातें कम्मो ने नहीं बतायीं थी वो भी ,
अनुज भी रोल प्ले में शामिल , वैसे ही जवाब दे रहा था , " हाँ लेकिन अगर आपके इम्तहान में पास हो गया तो इनाम में क्या मिलेगा , फिर कंजूसी मत करियेगा , पीछे मत हटियेगा "
और पूरे समय उनके उभारों की ओर ललचाते हुए देखता ,और गुड्डो की मम्मी बनी , कम्मो भी उसी तरह जवाब देतीं ,
" पीछे हटनी वाली कोई और होंगी , मैं बनारस वाली हूँ , मैं तो ,... तेरी ही हिम्मत नहीं पड़ती ,... लेकिन अबकी तेर रेप होगा "
और उसके बाद छूना , सहलाना , दबाना , मसलना , जैसे जैसे कम्मो भौजी ने सिखाया था , अपने देवर को
थोड़ी ही देर में देवर ऊपर भौजी नीचे , लेकिन पहले ऊँगली , फिर होंठ और जो बातें कम्मो ने नहीं बतायीं थी वो भी ,
जबरदस्त चूत चटाई ,
जीभ बुर में डाल कर ,
साथ में दोनों हाथ उभार पर ,
कम्मो मचल रही थी तड़प रही थी ,
जीभ दोनों फांकों के बीच , और बीच बीच में क्लिट पर भी , बस सहला सी देती लेकिन जब अनुज ने होंठों के बोच क्लिट को लेकर चूसना शुरू किया , तो बस लग रहा था कम्मो भौजी अब गयीं तब गयीं ,
और दोनों जाँघे फैलाकर पहला शॉट ही अनुज ने इतजा जबरदस्त मारा की कम्मो की देह की चूल हिल गयी , दो चार धक्के के बाद कम्मो ने झड़ना शुरू कर दिया , पर अनुज रुका नहीं , धक्के पर धक्के
और जब रुका भी तो जैसे कम्मो ने सिखाया था लंड के बेस से क्लिट को रगड़ना शुरू कर दिया साथ में कस कस के दोनों जोबन रगड़ मसला रहा था , चूँची चूस रहा था , काट रहा था ,
और अब नीचे से कम्मो भौजी भी धक्के का जवाब धक्के से , दोनों हाथों से उन्होंने अनुज को बाँध लिया था , नाख़ून से नोंच रही थी और गालियों की बहार
" स्साले गुड्डी के भंडुए , जैसे तू मुझे चोद रहा है न , वैसे ही चुदवाूँगी तेरी कोरी बहिनिया को अपने भाइयों से , एक बार में तीन तीन चढ़वाऊंगी , ... ओह्ह चोद साले चोद , रुक क्यों गए , तेरी बहन की चूत नहीं है , जो , ... तेरी भौजी की ,... हाँ हाँ ऐसे ही और जोर से आज स्साले निचोड़ लुंगी तेरा , ओह्ह जो इनाम मांगेगा तेरा , ... "
और अनुज ने फिर से धक्के चालू कर दिए लेकिन मध्यम ताल में , साथ में उसकी उँगलियाँ होंठ , अबकी उसे जल्दी नहीं थी , कम्मो एक बार झड़ गयी थी ,
लेकिन कुछ देर बाद उसने कम्मो को दुहरा कर दिया , ... कम्मो की सिखाई एक एक बात ,.... अब धक्के फिर पूरी तेजी पर थे ,
कम्मो दो बार झड़ी ,
तीसरी बार वो झड़ी , तो अनुज उसके अंदर ,... पूरे २०-२५ मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद , दोनों थेथर हो चुके थे ,
कुछ देर बाद जब उसने अपना खूंटा निकाला , तो भरभरा कर सफ़ेद मलाई , भौजी की बुर से ,...
कम्मो ने उसे फिर भींच लिया और बोलीं , इम्तहान पास , गुड्डो की मम्मी तो तेरी गुलाम हो जाएंगी ,
लेकिन , भौजी आपने बोला था तीसरा स्टेप , अनुज कोई बात जल्दी नहीं भूलता था ,
कम्मो ने कस के उसके गाल मींड़ दिए और बोली ,
असली चीज़ तो वही है , हरदम का इंतजाम ,...
माँ बेटी को एकसाथ चोद देना , एक बिस्तर पर अगल बगल लिटाकर ,
अनुज हक्का बक्का , मुश्किल से बोल फूटे , ... लेकिन कैसे वो मानेगीं ,...
कम्मो खिलखिलाती रही , फिर उसे चूमकर बोली ,
" साले , देवर भी नन्दोई भी , ये सोच तेरा फायदा कितना होगा , ... उस घर में सिर्फ माँ बेटी हैं , तो कब तक माँ से छुप कर बेटी पर चढ़ाई करेगा और बेटी से छुपा के माँ को पेलेगा , अगर मान ले ये हो गया , फिर तो जब चाहो जिस के साथ। और फिर गुड्डो की मम्मी की सहेलियां होंगी , उन की बेटियां , गुड्डी की सहेलियां , ... और जा भी कितने सही मौके पर रहा है , बनारस में होली से ज्यादा रंग पंचमी का हंगामा , फिर रिश्ता ऐसे , तेरा भैया की ससुराल , तेरी ससुराल , कोई सलहज कोई साली , फिर गुड्डो का अलग रिश्ता , तेरे पास तलवार भी जबरदस्त है और तलवार बाजी भी सीख गया है , ... "
अनुज कुछ देर तक सोचता रहा , फिर बड़ी जोर से मुस्कराया ,
" भौजी बात तो आपकी एकदम सही है , फिर अब तो कहीं मेरा सेलेक्शन हो गया तो फिर तो बनारस ,... लेकिन होगा कैसे। "
असली चीज़ तो वही है , हरदम का इंतजाम ,... माँ बेटी को एकसाथ चोद देना , एक बिस्तर पर अगल बगल लिटाकर ,
अनुज हक्का बक्का , मुश्किल से बोल फूटे , ... लेकिन कैसे वो मानेगीं ,...
कम्मो खिलखिलाती रही , फिर उसे चूमकर बोली ,
" साले , देवर भी नन्दोई भी , ये सोच तेरा फायदा कितना होगा , ...
उस घर में सिर्फ माँ बेटी हैं , तो कब तक माँ से छुप कर बेटी पर चढ़ाई करेगा और बेटी से छुपा के माँ को पेलेगा , अगर मान ले ये हो गया , फिर तो जब चाहो जिस के साथ।
सोच साले , तेरी बहन की चूत मेरे सारे भाई मारे कित्ता मजा आएगा न भोंसडे और कसी चूत का रस एक साथ , तू माँ की चूत चूसेगा , बेटी तेरा चूसेगी , और सबसे बड़ा मजा तो तब आएगा जब चुदाई के बाद , दोनों मिल के साथ साथ चाट के चूस के तेरा खड़ा करेंगी ,
और फिर गुड्डो की मम्मी की सहेलियां होंगी , उन की बेटियां , गुड्डी की सहेलियां , ...
एक से एक कच्ची कलियाँ , जब गुड्डो की मम्मी को गुड्डो के सामने चोद चूका होगा तो फिर तो जो नहीं माने उस के साथ थोड़ी बहुत जोर जबरदस्ती , लेकिन बिना फाड़े छोड़ना मत सालियों की ,
और जा भी कितने सही मौके पर रहा है , बनारस में होली से ज्यादा रंग पंचमी का हंगामा , फिर रिश्ता ऐसे , तेरा भैया की ससुराल , तेरी ससुराल , कोई सलहज कोई साली , फिर गुड्डो का अलग रिश्ता , तेरे पास तलवार भी जबरदस्त है और तलवार बाजी भी सीख गया है , ... "
अनुज कुछ देर तक सोचता रहा , फिर बड़ी जोर से मुस्कराया ,
" भौजी बात तो आपकी एकदम सही है , फिर अब तो कहीं मेरा सेलेक्शन हो गया तो फिर तो बनारस ,में ही रहूँगा , फिर तो ये ट्रिक बहुत काम आएगी ... लेकिन होगा कैसे। "
उसके थोड़े सोये थोड़े जागे खूंटे को मुठियाते , कम्मो ने समझाया ,
देवर जी बस इसी जादू के डंडे से , हाँ थोड़ी हिम्मत करिये तो बस रस ही रस है , देखिये आपको कुछ नहीं करना , पहली रात गुड्डो अपनी सहेली के घर और आप उसकी मम्मी को खचाखच , दो बार तीन बार , तो बस मांग लीजियेगा , इनाम ,...
और हाँ उस समय बोलियेगा बात में बताऊंगा और फिर गुड्डो को दिखा के , ...
फिर कई तरीके हैं , कभी वो और उनकी बेटी साथ सो रही हों तो बस आप भी , उसकी मम्मी के बगल में , फिर धीमे धीमे गर्म करना और बोलना की गुड्डो तो सो रही है , और पहले तो धीरे धीरे , फिर हचक हचक के , साथ में गुड्डो के भी जोबन पर , जाँघों पर हाथ फेरते रहना , जग तो वो जायेगी ही , लेकिन पहले ये बोल , गुड्डो को तो नहीं बुरा लगेगा , ... "
" अरे नहीं भौजी , गुड्डो को , उसे तो मैं जो भी बोलूं , एकदम आँख मूंदकर ,...
और उसे उसकी मम्मी का नाम लेकर रो मैं चिढ़ाता ही रहता हूँ ,कभी बनारस आऊंगा तो जिस जगह से इतनी बढ़िया मिठाई निकली है उसे भी चखूँगा , तो वो बोलती है , चख लेना , मेरी मम्मी सहेली ज्यादा हैं , बल्कि सहेली से भी बढ़कर , लेकिन बच के रहना , तेरी ले लेंगी वो अच्छे से ,... मेरी इतनी सीधी नहीं है , तो उसका डर तो बिलकुल नहीं "
" फिर क्या , तो एक दो बार ऐसे ,... फिर कभी जब उसकी मम्मी पर चढ़ाई करो तो गुड्डो को बोलना की अचानक आ जाए , फिर इस नाम पर की वो सबको बता देगी , उसको भी वहीँ ,... बस एक बार तुम मन बना लो तो सब हो जाएगा , लेकिन मैं सच बोल रही हूँ , एक बार तुमने माँ बेटी को साथ चोद दिया न तो तेरी वो सात करोड़ वाली लाटरी लग जायेगी , और उसके बाद रस की कोई कमी नहीं। "
अनुज के चेहरे से लग रहा था , उसका इरादा पक्का है , गुड्डो का और उसकी मम्मी का साथ साथ ,
कम्मो ने अब और मजे दिखाए ,
" देखो तुम कह रहे क्या पता बनारस के इंजिनयरिंग कालेज में हो जाए , फिर तो चार पांच साल ,... इसलिए जो कच्ची कलियाँ हो न , बस मटर की छिमी की तरह चूँचिया उठान हो रहा हो , भूरी सुनहली छोटी छोटी झांटे आ रही हों , उनका भी , कपडे के ऊपर से ही हाथ फिराना , रंग अंदर हाथ डाल के और उनके सामने उनकी बड़ी बहनों के साथ , असली मजा तो आएगा , गुड्डो की मम्मी की ऊपर वालों के साथ , लेकिन छोड़ना किसी को मत ,...और हाँ गाँड़ जरूर मारना गुड्डो की मम्मी की पहले फिर गुड्डो की भी उन्ही के सामने , उन से बोल के , हाँ एक टोटका बता रही हूँ , ये गुड्डो की मम्मी के साथ इस्तेमाल करना , गाँड़ हचक के मारने के बाद जो गाँड़ में मलाई निकले न , मक्खन मलाई दोनों मिली जुली , बस वो गुड्डो की मम्मी को जरूर चिखाना , बस एकदम तेरी हर बात मानेगी , एकदम कोरी कोरी खुद फंसाएगी तेरे लिए "
एकदम भौजी , अनुज बोला , लेकिन तब तक उसकी निगाह घडी पर पड़ गयी , तिझरिया हो रही थी ,
वो जोर से चिल्लाया ,
" अरे बस दो घंटे बचे हैं बनारस की बस में , अभी घर जा के सब पैकिंग करनी है , मैं चलता हूँ , भाभी को बोल दीजियेगा , "
लेकिन तब तक मेरा फोन आ गया था , मैंने कम्मो को बोल दिया था मुझे अभी और टाइम लगेगा , अनुज को बोल दीजियेगा , मैं उससे उसके घर पर मिलूँगी ,
रास्ते में हम दोनों अनुज के घर रुके , वो एकदम तैयार था , मैंने सबके सामने तो उसे बेस्ट ऑफ़ लक कहा , लेकिन कान में बोला , बनारस में हम लोगों की नाक मत कटवाना , तेरी पिचकारी का असर नौ महीने बाद पता चलना चाहिए , छोड़ना मत किसी को ,... "
जब घर लौट के आयी तो बाद में कम्मो ने उसकी और देवर की होली , सारी बातें बतायीं , जो मैंने अभी शेयर की।