Hum sbko tumhari story read krne ko bolte hThanks, it was a very important part of the story, thanks that not only you enjoyed it but flagged it it is linked with the Reet and return of Reet
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Thanks so much,Hum sbko tumhari story read krne ko bolte h
ननदों के अगवाड़े पिछवाड़े में फरक करना सही नहीं है , वो भी फटेगा और धूम धाम से फटेगा,...पिछवाड़े की ही बात हो रही थी।
Kya kahu ya likhu apki lekhni ki tareef mai
Shabd bi kam pad jate hai.
Aaj tak sex seen jitni bi store main pade hai vo lund chut vale hote hai.
Par aap to bohot hi kamuk or erotic bana dete ho sex seen ko
Nice updateचाट पार्टी
जैसे मैं फ्रेश होकर निकली , गुड्डो आ गयी ,...
थोड़ा उसने मुझे तैयार होने में मदद की , मैंने एक टाइट कोर्सेट पहन रखी थी , खूब डीप , मेरे उभार कस कस के बाहर छलक रहे थे , पर उसेपीछे से कस के बांधता कौन , ...
घर पे तो मेरी बहनें थी , मम्मी थी ,... लेकिन यहाँ गुड्डो थी ,।
और मैं भी उसे खूब उकसा रही थी ,
उस का भी मैंने खूब हॉट हॉट मेकअप किया , ... उकसाया , दुपट्टा एकदम गले तक ,...
साढ़े छह बजे तक मेरी दो ननदें भी , बाहर चाट पार्टी शुरू हो गयी थी ,...
……………………….
बाहर निकल के मैंने सबसे पहले अपनी सास का पैर छुआ ...
और डांट भी पड़ी मुस्कान के साथ ,...
अपने हाथ से मेरा घूंघट उन्होंने उठा के , सर के भी थोड़ा सा ,...
अरे बहुत पर्दा हो गया , तुम सबसे मिल तो चुकी हो , तेरी ननदें , देवर , नन्दोई है , ... जेठानी हैं , किससे पर्दा ,... ज़रा मिलो जुलो , ... औरअपनी ननदों की नन्दोई की बात का जवाब खुल के दो , उन्हें लगे तो सही मेरी बहू कितनी ,...
और एक बार मुझे सास से ग्रीन सिंग्नल मिल गया , तो फिर ,..
नन्दोई जी एकदम मेरे पीछे पड़े थे ,... मैंने बताया था न कैसे उन्हें मैंने गुड्डो से सेट कराया ,... उसके बाद मैं उन्हें छोड़कर अपने देवरों की औरबेचारे सुबह से ललचा रहे थे।
ससुराल का मज़ा , देवर ,ननद और नन्दोई का है।
नन्दोई से तो मैं अब एकदम खुल गयी थी , आज दिन में ननदों के साथ भी कमरे में, देवर ज्यादा नहीं चार पांच ही थे , एक दो आलमोस्ट मेरीउम्र के बाकी छोटे ,हाईस्कूल ... कुछ तो बहुत शर्मीले ,
सिर्फ एक अनुज , एकदम खुल के बात कर रहा था ,...
मुझे याद आया इसी के बारे में तो गुड्डो ने बताया था की उससे लसने की बहुत कोशिश कर रहा था , ... और लग भी मुझे थोड़ा चालू लग रहाथा , ...
थोड़ी देर में बाकी देवर किसी किसी काम से , लेकिन वो अनुज लसा रहा , ... मैंने उससे साफ़ साफ़ पूछ लिया
" कोई गर्ल फ्रेंड वेंड बनायी है या अभी ऐसे ही , ... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
" कहाँ भाभी ,... "
बुरा सा मुंह बनाया उसने।
" कोई हो तो बताओ , मैं हेल्प करा दूँ तुम्हारी , ....इस सब काम में भाभी ही हेल्प करती है ,... "
मैंने उसे और उकसाया ,
उसकी निगाहें बार बार गुड्डो की ओर जा रही थी , और आज वो लग भी हॉट रही थी , जिस तरह मैंने उसकी चुन्नी गले से एकदम चिपका करसेट कराई थी ,
कच्चे टिकोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे , लिपस्टिक भी खूब डार्क रेड , ..
उसके गोरे रंग पर , काजल भी बड़ी बड़ी आँखों में खूब तीखा ,
और गुड्डो नन्दोई जी के साथ ,...
" वो कैसी लग रही है , चलेगी। "
मैंने अनुज से गुड्डो की ओर इशारा कर के पूछा।
" चलेगी , नहीं भाभी दौड़ेगी ,... " हंस के अनुज बोला , लेकिन फिर उसने जोड़ दिया ,
" लेकिन , भाभी वो भाव नहीं देती ,... "
" अरे देवर जी सिर्फ भाव नहीं वो सब कुछ देगी , अब तुम्हारी भाभी तेरे साथ है , ... लेकिन मेरी नाक मत कटाना ऐन मौके पर ,... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
तब तक मिली दिख गयी मेरी ननद , नन्दोई जी की फेवरिट साली ,... मैंने उसे अपने पास बुलाया ,
" यार ये गुड्डो बड़ी देर से तेरे जीजू को बोर कर रही है , ज़रा जा के अपने जीजू के पास ,... और गुड्डो को बोल देना मैंने बुलाया है। "
कुछ देर में एक्सचेंज प्रोग्राम हो गया , गुड्डो इधर और अब नन्दोई जी का एक हाथ अपनी साली , मिली के कंधे पर और दूसरा पिछवाड़े ,...
गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,
Thanks, this part has some nice tease and dialogues, thanks for appreciatingNice update
Awesome upsateगुड्डो - अनुज
गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा
अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,
" यार सुन , ... एक काम करेगी मेरा , ... जिस कमरे में हम लोग सोए थे न दुपहर में ,... तुम तो मेरे ठीक बगल में ही लेटी थी "
मैंने गुड्डो को समझाया।
" हाँ याद है मुझे ,... "
वो बोल मुझसे रही थी लेकिन निगाहें अनुज के साथ कबड्डी खेल रही थीं ,...
" तो बस वही , शायद मेरे बाल का एक काँटा वहीँ तकिये के नीचे ,
हो सकता है न भी हो , ... पर अच्छी तरह देख लेना ,.. "
फिर मैंने अनुज को बोला
" यार तू भी न ज़रा इसके साथ चले जाओ , नीचे एकदम सन्नाटा होगा ,
सब लोग तो ऊपर हैं , ... मैं जेठानी जी से चाभी उस कमरे की मांग के दे देती हूँ , "
" अब भाभी कोई बात कहें तो देवर की हिम्मत टालने की ,... "
वो मुस्कराया , बात वो अच्छी तरह समझ गया था ,
तभी उन दोनों का और फायदा हो गया , लाइट चली गयी ,
ऊपर तो जेनरेटर था नीचे घुप्प अँधेरा ,...
" अँधेरे में कैसे ,... " मैंने पूछा तो अनुज ने अपने मोबाइल की टार्च दिखा दी।
दोनों नीचे जा रहे थे की मैंने गुड्डो को बुला लिया ,...
और फुसफुसा के बोली
" दुलारी की बात याद रखना , उस कमरे में गद्दे भी है तकिया भी
और अगर तुमने जरा भी ना नुकुर किया न , ... और पौन घंटे से पहले ऊपर आयी तो समझ लेना , वैसलीन तो तेरी चुनमुनिया में मैंने शाम को लगा ही दिया था अच्छी तरह , क्या पता कब गुलाबो की लाटरी खुल जाए ,... "
वो मुस्करा रही थी ,
लेकिन उसके चलने के पहले मैंने उसे फिर रोक लिया
और अपने बाल में से काँटा निकाल के दे दिया ,
" यही कांटा है , बहुत ढूंढना पड़ा तुझे तब मिला , आधे घंटे के बाद ,...
और अब शलवार का नाड़ा न खुला न तो ,... "
मैंने उसे हड़काया।
जेनरेटर चलने में तो टाइम लगता है ,
जब तक छत पर लाइट आयी गुड्डो और अनुज नीचे ,... अँधेरे कमरे में ,...
मैं अपनी बाकी नंदों के साथ उन्हें छेड़ती , ... नन्दोई जी भी आ गए थे ,... खूब मस्ती ,...
लेकिन पौन घंटे नहीं , पूरे एक घण्टे बाद गुड्डो आयी , एकदम थकी , मेकअप हलका सा उतरा , ... टाँगे फैली ,... और उसने मेरा कांटा दे दिया।
अनुज और बाद में आया , खूब खुश ,
लेकिन तबतक मेरी सासु जी ने एक बार फिर हड़का लिया ,
मुझे नहीं ननदों जेठानियों को।
" अरे बहू को थोड़ा आराम करने दो , नौ कब का बज गया , ...जाओ बहू तुम आराम करो ,... और तुम लोग अपनी भाभी से बाकी गप्प कल मार लेना , कल वैसे भी रसोई छूने की रस्म दिन में ,... और रात में गाना बजाना , यहीं छत पर ,.. "
नौ बजने में पूरे बीस मिनट बाकी थे ,
सास की आँखे बहुत तेज थीं , नौ बजने के पहले ही वो मुझे मेरे कमरे में भेज देती थी , जब तक मैं ससुराल में रही ,...
ये भी नहीं दिख रहे थे।
मैं कमरे में घुसी तो , ...
ये पहले से रजाई में घुसे ,...
शाम की तरह इन्हे दिखा के मैंने दरवाजा अच्छी तरह अंदर से बंद किया , चूनर हटाई , मेरे दोनों जोबन कोर्सेट से बाहर छलक रहे थे।
Awesome updateदूसरी रात
नौ बजने में पूरे बीस मिनट बाकी थे , सास की आँखे बहुत तेज थीं , नौ बजने के पहले ही वो मुझे मेरे कमरे में भेज देती थी , जब तक मैं ससुराल में रही ,...
ये भी नहीं दिख रहे थे।
मैं कमरे में घुसी तो , ... ये पहले से रजाई में घुसे ,... शाम की तरह इन्हे दिखा के मैंने दरवाजा अच्छी तरह अंदर से बंद किया , चूनर हटाई , मेरे दोनों जोबन कोर्सेट से बाहर छलक रहे थे।
और आज मैं आराम से पहले अच्छी तरह फ्रेश हुयी , मान गयी मैं इन्हे , मेरे आने के पहले इन्होने गीजर आन कर दिया था , फ्रेश टॉवल्स ,...
अच्छी तरह मेकअप उतार के , ज्वेलरी , सब कुछ, और मैं जानती थी मैं कुछ भी पहनूंगी ये लड़का पांच मिनट के अंदर उतार कर ,...
एक छोटी सी पिंक कलर की नाइटी , स्ट्रिंग वाली कंधे पर , बस सरका दो ,...
और ब्रा भी नहीं पहनी ,...
क्यों उस बेचारे से इतनी मेहनत करवाऊं , हाँ एक छोटी सी थांग ,...
जब मैं कमरे में पहुंची तो छत पर भी हंगामा ख़तम हो गया था ,सब लोग नीचे ,...
मैंने दीवाल की और मुड़ कर सब लाइटें बंद की पर नाइट लैम्प ,...
( फुट लाइट्स थी , सिर्फ फर्श पर पसरी ,... लेकिन बिस्तर पर भी हलकी हलकी ,... )
और जब मैंने मुड़ कर उन्हें देखा तो ,.. वो जल्दी से कोई डायरी सी बिस्तर के अंदर छुपा रहे थे।
" दिखाइए न ' मैं उनकी बगल में बैठ कर उनसे बोल रही थी , मेरे बार बार कहने पर भी जब वो नहीं माने तो मैंने खुद गद्दे के अंदर हाथ डालने की कोशिश की पर उन्होंने मेरी कलाई कस के पकड़ ली , मैं उनसे लाख छुड़ाने की कोशिश करती रही पर उनके आगे मेरी क्या चलती , ...
' क्या है ' मैंने जिद पकड़ ली थी।
" कुछ नहीं है , ऐसे ही तुम्हारे काम का नहीं है। "
वो भी जिद पकडे थे , और अब मुझे डर लगने लगा था ,
कहीं इनका कोई बचपन का चक्कर , कोई रहा हो , उसकी कोई चिट्ठी विट्ठी , फोटो ,... और आज अचानक उनका मन , उसकी याद ,...
मेरा सीना धक् धक् करने लगा ,
आज मेरी शादी के बाद की दूसरी रात है और आज के ही दिन,
शायद मुझे इतनी ज़िद नहीं करनी चाहिए थी। , पर मन का दूसरा कोना पीछे पड़ा हुआ था।
" मान जाओ न यार , मेरी पर्सनल डायरी है , और कुछ नहीं है उसमें खास ,... "
वो भी मुझे मना रहे थे और एकदम जिद्द पकडे थे।
" नहीं , मुझे देखना है , ...अच्छा बस एक पेज , फर्स्ट पेज ,... आप और मुझमें अब क्या परसनल ,.. प्लीज देखने दो न "
मैंने भी हार नहीं मानी।
" नहीं तुम समझती नहीं हो ,... तुम गुस्सा हो जाओगी , तुम्हे बहुत बुरा लगेगा। "
वो डर कर सहमते बोले।
अब तो मेरा शक्क और पक्का होने लगा , जरूर कोई लड़की है , मैं घबड़ा रही थी , ...
कौन होगी ,...
कोई इनकी रिलेटिव , कजिन ,... साथ पढ़ने वाली।
मेरे मुंह से निकल गया ,
" कोई लड़की है क्या "
बहुत धीरे से डरते सहमते ,
और मुझसे भी ज्यादा डरते सहमते , उन्होंने हाँ में सर हिलाया और बड़ी मुश्किल से उनके मुंह से आवाज निकली ,
" मैं कह रहा था न तुम गुस्सा हो जाओगी , मेरे ऊपर बहुत नाराज होओगी ,.... लेकिन ,... "
मेरी आवाज नहीं निकल पा रही थी , तब भी मैंने जिद कर के बोला ,
" नहीं गुस्सा नहीं होउंगी , बस एक पेज फर्स्ट पेज ,... "
किसी तरह मेरी आवाज निकल पा रही थी और फिर मैंने लड़कियों का आखिरी हथियार इस्तेमाल किया ,
" प्लीज मेरी क़सम ,... "
और उनकी पकड़ मेरी कलाई पर थोड़ी ढीली हई तो मैंने गद्दे के अंदर हाथ डाला , ... पर उन्होंने खुद निकाल कर ,
मेरा शक ठीक था , एक डायरी थी खूब चौड़ी सी , बड़ी।
आनेवाले तूफ़ान के डर से उन्होंने एकदम सहम कर आँख बंद कर लिया , ...चारों ओर एकदम सन्नाटा था , ... मैं अपने दिल की धड़कन सुन सकती थी ,
मैंने बड़ी हिम्मत कर पहला पन्ना , खोला
और मुझे बहुत जोर का गुस्सा लगा , बस धड़कन नहीं रुकी ,
सच में एक लड़की थी ,... ,...