Shetan
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Ye khurapati dimag me naya kya plan aaya ri komakiya kahi us buty parlar me chhutki nandiya ko to nahi bhejne valiतेलिन, उनका घर और उनकी बहू,...
" जाने दो, हमारे पास है न हमरे खेत की सरसों का, गाँव में कोल्हू का पेरा कडुआ तेल ,... लेकिन तेल से तेलिनिया की बात याद आ गयी अरे वही तोहरे ननद की गली वाली। "
कम्मो बोली।
और झप्प से मुझे सब बातें याद आ गयीं, तेलिन, उनका घर और उनकी बहू,...
कूंवा झांकने की रसम थी, और वो रसम देवर के साथ होनी थी, मेरा ममेरा देवर, ( सगी न तो कोई ननद न देवर लेकिन ये देवर ननद सगे से बढ़ कर कर थे ) अनुज और बाकी सब झरर मार कर औरतें, मेरी मोहल्ले की ननदें, जेठानियाँ सासें, और जब सिर्फ औरतों का जमावड़ा हो तो मज़ाक भी एकदम खुल के होने लगता है.
जिस गली में गुड्डी रहती है, गधे वाली गली ( गली के शुरू में धोबी रहते थे , उनके गधे बंधे रहते थे तो उसे चिढ़ाने के लिए हम लोग गधे वाली गली कहते थे) के अंत में जहां गली मुड़ती थी वहीँ पर एक पुराना बड़ा सा कूंवा था, और जहाँ से गली मुड़ती बस थोड़े ही आगे एक उषा सिलाई मशीन का ट्रेनिंग वाला स्कूल और उसी के सामने वो तेलिन का घर था, पुराना थोड़ा कच्चा बाकी पक्का।
थोड़ा सा घूंघट, और ननदों के मजाक का जवाब देने का काम अभी भी बहुत कुछ मेरी जेठानियों के जिम्मे था.
तेलिन अब मोहल्ले के रिश्ते से तो मेरी सास लगती थीं, उम्र में मेरी सास से थोड़ी ही कम रही होंगी, देह खूब हट्टी कट्टी, जबरदस्त जोबन, खूब गोरा रंग, नाक में बड़ी सी लौंग, एक ननद ने मुझे उन्हें दिखाते कहा,
" अरे इनका पैर तो ज़रा ठीक से छूना, पहली रात से ही रोज इन्ही के कोल्हू का पेरा पाव भर सरसों का तेल रोज इस्तेमाल कर रही हो."
लेकिन मेरे झुकने के साथ ही उन्होंने मुझे पकड़ के उठा लिया और जिस तरह से उन्होंने मुझे अँकवार में भरा, और उनका ३८ डी डी साइज के बड़े बड़े कड़े कड़े जोबन कस के मेरी ३४ सी को दबाने लगे, मैं समझ गयी ये भी कन्या रस की प्रेमी होंगी, लेकिन बिना मुझे अपनी बाँहों से छोड़े उन्होंने उस ननद को भरपूर जवाब दिया, ...
" अरे तोहार तो इस कुंवे से भी गहरी है, पसेरी भर तेल लगता है, अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर, कुप्पी से भरवाती हो, हमार मुंह जिन खुलवावा, कैसे कैसे कोल्हू चलवाती हो ,... "
उसके बाद तो बाकी मेरी जेठानियाँ भी उस ननद के पीछे,...
तेलिन के घर में एक बड़ा सा कमरा कच्चा था , फर्श सिर्फ और वहीँ पर कोल्हू लगा था, एक जमाने में तो बैलों से चलता था लेकिन अभी भी मोटर लगी थी और उसी से तेल पेरा जाता था,..
उनका एक लड़का था फूलचंद वो चाट का ठेला लगाता था, ...
और उसकी पत्नी, मेरी जेठानी से थोड़ी छोटी होगी, लेकिन वो भी खूब गोरी, और मुंह फट, कभी रतजगा हो, सादी बियाह हो तो ननदों क न सिर्फ गारी सुनाने में बल्कि, सलवार का नाड़ा खोलने में, स्कर्ट उठाने में नंबरी,... और जो लड़कियां ज्यादा छनछनाती थीं उनको तो बिना ऊँगली किये वो छोड़ती नहीं थी,
हाँ याद आ गया चमेली नाम था उसका.
लेकिन तभी कम्मो ने मुझे अपडेट किया,
बहुत बदल गया था वहां, तेलिन, चमेली की सास, फूलचंद की माँ अब गाँव चली गयी थी, वहां कुछ खेती बाड़ी थी उनकी। अब कोई कोल्हू का तेल पिरवाने आता नहीं था, बहोत लोग तो ऑनलाइन वो भी ब्रांडेड,... फूलचंद का कोई दोस्त था कतर में उसने वहीँ उसको बुला लिया था, तीन साल का कांट्रैक्ट, लेकिन डेढ़ दो साल बाद ही छुट्टी मिलने वाली थी और अब तेलिन की बहू अकेली,
तो उसने एक पार्लर खोल लिया, कुछ थोड़ी बहुत ट्रेनिंग उसने अपने मायके में भी किया था , एक छह महीने का कोर्स, लेकिन तीन चार लड़कियां भी उसने रख ली थीं,
अचानक मेरी याद की खिड़की खुली , रेनू ने बताया तो था, वो भी तो गुड्डी के हो मोहल्ले में रहती थी , हाँ क्या नाम था, हाँ चांदनी पार्लर, लेडीज ओनली,...
मैंने जब बोला तो कम्मो खिलखिला के हंसी, चमेली कम्मो की सिर्फ पक्की सहेली ही नहीं थी बल्कि राजदार भी थी,... और दोनों के शौक भी एक ही तरह के कम उम्र के लड़के और लड़कियां,..
चोदानी पार्लर, हँसते हुए वो बोली,
फिर जोड़ा,
" असल में बड़ी उम्र की औरतें भी आती हैं ज्यादा,... तो फेसियल, मेनिक्योर पेडिक्योर के बाद मसाज, लेकिन कुछ ख़ास गिनी चुनी पैसे वाली या उसकी ख़ास को, ... बस जो लड़कियां उसने रखी हैं , उनकी उँगलियाँ होंठ, जो बेचारियाँ महीनों एक बार झड़ने के लिए तरसती रहती है, वो लड़कियां तीन चार बार कम से कम पानी गिरवा के थेथर कर देती हैं,... और जिसने एक बार उन कच्ची कलियों के साथ मस्ती कर ली, वो दुबारा,...
तो असली आमदनी तो उस खेल में है,...
और लड़कियां भी सब उसने चुन चुन के छांटी है और सब की ट्रेनिंग भी, फेशियल करते भी वो कंधो और पीठ की मालिश के नाम पर बूब्स मसाज तो कर ही देती हैं, और पेडिक्योर में भी घुटने तक तो कभी जाँघों तक,... ऐसे गर्म करती है,... "
लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आयी तो क्या वो लड़कों वाला,.. मैंने पूछना शुरू ही किया था की कम्मो ने बात काट दी और बोली
" अरे साफ़ साफ़ काहें नहीं कहती चुदाई वाली बात,... "
नहीं नहीं वो डरती है की उसमें बहुत डर है , एक तो पुलिस का , दूसरे वो लड़का कहीं उस उस लेडीज को ब्लैक मेल
न करे , फिर उस उमर तक आते आते बहुत सी औरतों का मर्दों का शौक कम हो जाता है, लेकिन एक दो बार करवाया भी है उसने उसकी कुछ ख़ास जानने वालियां थी और लड़का भी चमेली का ख़ास था,...
बात मैं समझ रही थी।
कम्मो एक मिनट के लिए रुकी फिर बोली, उसने एक ख़ास कमरा भी ऊपर की मंजिल पर बेडरूम, बाथ.दीवाल के बराबर शीशा और खूब बड़ा सा पुराने ज़माने के एंटीक पलंग की तरह, उसी में,...
लेकिन चमेली का इस्तेमाल कम्मो किस तरह करना चाहती है ये मेरी समझ में नहीं आ रहा था और ये कम्मो ने बड़े विस्तार से समझाया , और मान गयी मैं उसकी प्लानिंग।
तिहरा फायदा