Ayesha952
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Badi mastikhor nanad hai sabमेरी सारी ननदें
सास ने मेरी ननदों से कहा ,
" हे बहु को ले जाओ , अपने साथ अपने कमरे में , और आराम करने देना ,... तंग मत करना अपनी भाभी को "
मेरी बुआ सास ने भी अबकी मेरा साथ दिया , बोलीं
" हाँ , रात भर तुम्हारा भाई तंग करे उसे , और दिन में तुम लोग ,... ये ठीक थोड़े ही है "
और मैं जब कमरे में पहुंची तो मेरी सारी ननदें , ... इनकी सगी बहन तो कोई थी नहीं , पर ज्वाइंट फेमिली टाइप माहौल में ,... दर्जन भर सेज्यादा ,
कुछ कच्ची अमिया वालीं , कुछ मुझसे थोड़ी छोटी ,
दो तीन शादी शुदा , ...
चचेरी , बुआ और मौसी की ,
सबसे छोटी इनकी वही ममेरी बहन थी , जो इनके घर के पास ही बगल के मोहल्ले में रहती थी।
और उसके बाद तो जो महाभारत में अभिमन्यु की हालत थी , वहां एक किशोर था ,
यहाँ एक किशोरी थी , ननदों के बीच फंसी , और ननदें भी सब एक से एक ,
मैं ठीक से बैठ भी नहीं पायी थी की सब एक साथ , और सवाल भी बस वही ,
' कितनी बार , ... कैसे , कब ,... दर्द हुआ की नहीं। "
और यहां तो घूँघट का कवच भी नहीं था ,
सबसे ज्यादा उनके दांतों और नाखूनों के निशान , मैंने बहुत कवर किये थे
लेकिन तब भी , और बात सिर्फ छेड़खानी तक नहीं थी छूने छाने तक भी ,
एक मेरी ननद , मिली , बी ए में पढ़ती थी , चोली के ऊपर से छू कर बोली ,
" भाभी , मच्छर ने सिर्फ बाहर बाहर काटा है या अंदर भी ,
एक बार ज़रा सा खोल के देख लूँ , ... "
और एक मेरी शादी शुदा ननद , सबसे बड़ी , ... उन्होंने उसे और चढ़ाया
" अरे खोल दे न , तेरे भैया को नहीं मना किया तो तुझे क्यों मना करेंगी , तू तो छोटी ननद है , "
मेरी जेठानी की एक भतीजी , गुड्डो , वो भी हाईस्कूल वाली , जेठानी की भतीजी होने के कारण रिश्ता तो ननद का नहीं था लेकिन उम्र केचक्कर में ननदों की सहेली ,
उसने मिली को चिढ़ाया ,
" मिली दी , अपने भैय्या को आप मच्छर बोलती हैं ,... "
लेकिन तब तक बड़ी ननद मेरी , जो शादीशुदा , मजाक में नम्बरी , वो मेरे पास आ के बैठ गयीं ,
" अरे बता दो न , रात का हाल , चीख तो सबने सुनी थी ,... वो भी एक नहीं दो बार ,... अच्छा इत्ता बता दो चीखी कब थी ,
घुसाते समय या फटते समय ,... ज्यादा खून खच्चर हुआ या थोड़ा , ...
देखो अगर ज्यादा शर्म लगे न तो बस दो पल के लिए आँखे बंद कर लो ,
हम लोग खुद साडी उठा के देखे लेंगें , बुलबुल चारा खाने के बाद कैसे लग रही है , ... "
अब गीता और मीता भी चालु , ...
" भाभी बस एक छोटी सी सेल्फी , ... इस्तेमाल के बाद वाली , "
तबतक मेरी एक और शादी शुदा ननद ,
( मंझली ननद , इनकी पिछले साल ही शादी हुयी थी , बुआ की लड़की , एकदम नॉन वेज बातों में एक्सपर्ट , कल मैंने देख लिया था , मेरी जेठानी भी इनके आगे पानी मांगती थी , और इनसे बढ़कर , मेरे नन्दोई , एकदम खुल के मजाक )
और मेरे दूसरे और बैठ गयीं , और गीता और मीता को हड़काने लगी ,
" अरे मेरी नयकी भाभी को तुम सब समझती क्या हो , आँखे क्यों बंद करेंगी , अपनी बुलबुल दिखाते ,... कल रात भर भइया के सामने तो क्यों भाभी आँख बंद की था क्या जब सैंया ने धकेला था , ...
एकदम दिखाएगीं अभी ,
और अपने हाथ से अपनी साडी उठा के , ... लेकिन उसके पहले ऊपर वाली मंजिल का हाल चाल तो देख लो , अपना अपना मोबाइल तैयार कर लो ,... "
" हाँ दीदी , वहां बहुत मच्छर काटें हैं सारी रात ,... "
मीता और मिली दोनों साथ बोलीं ,
" ये तो बहुत नाइंसाफी है ननदों के साथ , .... मच्छर को दिखाया भी , कटवाया भी , खोल के , ... और बिचारी ननदों को जरा सा दिखा भी नहींरही हैं "
मंझली ननद ने इशारा किया ,
( और ये इशारा मैं समझती थी , ये खेल तमाशा मैं भाभियों के साथ कई बार कर चुकी थी , दो ननदें , भौजाई का एक एक हाथ पकड़ लेती एकसाथ कस के , और फिर आराम से , बिना किसी जल्दी के चोली के एक एक बटन , ...
जब तक वो भरतपुर के दरसन को राजी नहीं होती ,
ऊपरकी मंजिल तो खुल ही जाती , लेकिन उस समय मोबाइल का खतरा नहीं था लेकिन इस समय एक तो दर्जन भर ननदें और आधी दर्जन से ज्यादा मोबाइल लिए तैयार ,... फिर वो फोटो कहाँ कहाँ व्हाट्सऐप होती )
लेकिन मैं बाल बाल बची , दुहरा एडवांटेज ,...
एक तो दोनों शादी शुदा ननदों का बुलावा आ गया ,
मंझली को ननदोई जी ने बुला लिया , पाजामा ढूंढ रहे थे ,
और बड़ी वाली को सासू जी ने , नाश्ते का इंतजाम देखने को ,...
और ऊपर से मेरी एक जेठानी आ गयीं ,... वो अकेले बाकी ननदों के लिए काफी थीं , ... लगता है बाहर से थोड़ी बहुत उन सबों की बातें सुन रखीथीं ,
" किस किस को मच्छर से कटवाना है , बहुत मन कर रहा है कटवाने का , ... बस हाथ उठाओ , ... अभी इंतजाम का देती हूँ , .... "
गीता ( वही , जो सुबह मुझे बुलाने गयी थी ) के गाल कस के पिंच करते उन्होंने सारी ननदों को चैलेन्ज किया।
और फिर आधे दर्जन लड़कों के नाम ( कुछ उनके मायके के , कुछ जेठानी के , ... जो शादी में आये थे ) लेकर वो बोलीं ,...
" बोलो सब बाहर ही , चक्कर काट रहे हैं ,... कटवाना , मिजवाना , दबवाना रगड़वाना मिसवाना , ... अरे शादी का घर है फायदा उठा लो ,...
हाँ अगर मेरे देवर ,... अपने भाइयों से ,... तो बोलो , उन्ही के साथ ,...
तब तक मेरी जेठानी भी आ गयीं , फिर तो मैं शेर हो गयी ,... ननदों को उन्होंने जबरदस्त ऑफर दिया ,
Thanks ekdam sahi comment kiya aapneBadi mastikhor nanad hai sab
Sirf prem hai yaha pati patni kaबेवक़ूफ़ , पक्का , पैदायशी
कुछ नहीं हुआ तो बत्ती बंद कर दी , रजाई ओढ़ ली।
पर नींद न आनी थी न आयी।
पास के बैंक में कोई चौकीदार घंटा बजाता था , रात में एकदम साफ सुनाई देता था।
ग्यारह का घंटा बजा , ... अभी तक मैं करवट बदल रही थी , लेकिन घंटे की आवाज सुन कर मैं मुस्करायी।
जब वो रहते थे तो अब तक उन का राउंड पूरा हो चूका होता था ,
टाइम एकदम तय था उस दुष्ट का
९. ०० बजे मैं आती थी ,
९. १० तक मैं बिस्तर पर , कपडे जमींन पर , और वो चालू ,
९. ४५ तक वो मेरे अंदर , ...
फिर तो वो मुझे कुचल डालता था , एकदम रगड़ रगड़ के , ...
और मैं भी जैसे कोई धीमी होती आग में घी डाल दे, मैं उस एलवल वाली का नाम लेकर छेड़ देती थी ,
फिर तो मेरी मुसीबत , ... नान स्टॉप ,... कभी भी ४० -४५ मिनट से कम नहीं रगड़ाई होती थी मेरी ,
१०-३० -१०-४० वो ,... खूब देर तक ,.... मैं उसे अपने अंदर बूँद बूँद महसूस करती रहती , रोपती रहती ,...
लेकिन उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे को भींचे ,
इसीलिए उस ग्यारह के घंटे की मुझे ख़ास याद थी , ... ये नहीं की हम लोग सिर्फ लव मेकिंग ही करते रहते थे ,
बोलते बतियाते भी थे , बहुत
लेकिन अक्सर बिना बोले ,
सिर्फ हमारी अंगुलियां , होंठ , देह एक दूसरे से बात करती रहती थीं ,
एक बात उसे बहुत अच्छी लगती थी , मेरे ऊपर लेट कर सीधे मेरी आँखों में झांकना , ...
बिना बोले ,...
मैं लजा कर आँख कभी बंद कर लेती तो वो चिकोटी काट कर , गुदगुदी लगा कर , अपनी कसम धराकर आँख खुलवा ही लेता ,
यही सब सोचते सोचते आँख लग गयी पता ही नहीं चला ,
आज वो सपने में भी नहीं आया ,... और थोड़ी देर बाद जब आँख खुली तो मुझे लगा बहुत देर तक सो चुकी हूँ
जब अपनी कलाई घडी पर निगाह डाली , ...साढ़े ग्यारह बज गए थे ,... आधे घंटे , ...
एक बार फिर सोचा फोन करूं , पर ,... पता नहीं वो प्रजेंटेशन में होंगे ये सोच कर ,...
बड़ी मुश्किल से आँख लगी ,... पूरी रात सात आठ बार इसी तरह सोते जागते , एक बार तो दो बजे के करीब मुझसे नहीं रहा गया , मैंने फोन कर ही दिया , लेकिन घंटी बजते ही काट दिया और और अपने को खूब गाली दी , ... दिन भर क्लास में रहा होगा वो , फिर पता नहीं कब प्रेजेंटेशन से आया होगा , सुबह उठाना पड़ता है साढ़े छह बजे , आठ बजे से क्लास , ... थोड़ी देर तो सो लेने दो ,... मैं भी न सिर्फ अपना सोचती हूँ , ...
चार बजे , पौने पांच बजे , साढ़े पांच ,.... मैं उठती थी , देर तक फोन लिए रहती थी , और रख देती थी . साढ़े पांच बजे जाकर थोड़ी नींद लगी और
साढ़े छह बजे फोन घनघनाया , ... इन्ही का फोन था , मुझे बस रुलाई आ गयी।
घंटी घनघनाती रही , मैं फोन देखती रही , फिर मैं हड़बड़ाकर , ... कैसी पागल हूँ मैं , रात भर ,... इसी फोन के लिए
और उनकी आवाज , बस मैं सुनती रही , सुनती रही , ... बड़ी मुश्किल से आवाज मेरी निकली ,
" प्रेजेंटेशन कैसा हुआ , ... "
" बहुत अच्छा , खूब ताली बजी , पैनल ने भी खूब अप्रीशिएट किया , मेरा नंबर साढ़े ग्यारह बजे के करीब आया , ऑलमोस्ट एन्ड में , एक सवा एक बजे मैं कमरे में लौटा , ... "
" और ,... " मैं समझ नहीं पा रही थी क्या बोलूं।
" सोचा तुम्हे फोन करूँ , ... पर लगा तुम सो रही होगी , बहुत मन कर रहा था तुझे बताने को , ... एक बार दो बजे भी ,.... लेकिन बस मैं सोच रहा था सो लेने दो बेचारी को , ... रोज तो तुमसे बात होती है , ... आज नहीं हुयी तो नींद भी नहीं आयी रात भर , ... "
वो बोल रहे थे।
मेरी आँख डबडबा रही थी , मैं उन्हें रोक कर बोली ,
"एक बात कहनी थी , ... "
" बोल न ,... "
कहना तो बहुत कुछ था , पर मन से जबान की यात्रा कई बार बहुत लम्बी हो जाती है। बस मुँह से यही निकला ,
" अपना ख्याल रखना , ... "'
लेकिन तब तक शायद इनका रूम पार्टनर जग गया था , बाहर से भी किसी के नॉक करने की आवाज आ रही थी ,
" हे उठ , योगा के लिए देर हो जाएगी , ... "
और फोन कट गया।
लेकिन मैं भी न , चुपचाप फोन देखती रही , मुस्कराती रही , सोचती रही ,
ये भी न एकदम बेवकूफ , असली वाले , सिर्फ पढ़ने लिखने टॉप करने से थोड़े ही बुद्धि आ जाती है , ... सच्च में ऐसा बेवकूफ लड़का , ...
तभी तो इनसे आज तक एक लड़की नहीं पटी , मैंने ही आकर नथ उतारी ,...
बुद्धू , एकदम असली वाला , रात भर जागते रहे और एक फोन नहीं हुआ , ...
सिर्फ मेरा ख्याल कर के ,...
बेवक़ूफ़ , पक्का , पैदायशी , ...
मैं फोन में उनकी फोटो देख कर मुस्कराती रही , फिर झुक कर चूम लिया और उठ कर बाथरूम की ओर चल दी , फ्रेश होने।
………………….
Or viyog ki peedaSirf prem hai yaha pati patni ka
बेसबरा
तब तक मेरी जेठानी भी आ गयीं , फिर तो मैं शेर हो गयी ,...
ननदों को उन्होंने जबरदस्त ऑफर दिया ,
" मेरे भाइयों के साथ मेरे देवर भी ,... अरे पूछने में क्या रखा है , करवा के देख लो न खुद ही , न तुम्हारे पास ओखल की कमी , न बाहर मूसल की ,... एक से एक , मेरे भाई तो हैं ही , मेरे देवर भी एक के साथ एक फ्री ,... और बस दो तीन दिन की बात ,... चौथी में तो नयकी भाभी के भी भैया लोग आएंगे , बरात में तो तुम सबों ने भेंट मुलाकात कर ही ली होगी अच्छी तरहनाप जोख करवा भी लिया हो , कर भी लिया होगा ,... लेकिन उस के लिए तुम लोगों की बुकिंग तेरी नयकी भौजी ही करेंगी। "
उन्होंने सब को बाहर खदेड़ा , बाहर नाश्ता लग गया है , चलो जल्दी नाश्ता कर के तैयार हो जाओ।
लेकिन गीता और मीता को मेरे काम पर लगा दिया ,
" सुनो तुम दोनों , इतनी मीठी मीठी भाभी मिली है तुम दोनों को खाली तंग करने के लिए ,
जाके हम दोनों के लिए नाश्ता ले आओ , ... जलेबी , मूंग का हलवा ,.. मैं भी अपनी देवरानी के साथ ,... "
और बड़ी जेठानी सारी ननदों को हाँक कर बाहर ले गयीं , और अब कमरे में सिर्फ मैं और जेठानी बैठीं थी।
जब मेरी ननदें मुझे छेड़ रही थीं , मेरे कान तो उनकी रसीली बातें सुनने में लगे थे ,
लेकिन कनखियों से , ... मुझे लग रहा था ,
उढ़काये हुए दरवाजे के बाहर , ... एक दो बार ,... शायद 'ये ' ....
पर अब जब सिर्फ मैं और जेठानी जी थी , मैंने देखा की , यही थे दरवाजे के बाहर , ...हलके से झाँक रहे थे ,
चोरी चोरी ,...
पर उसी समय गीता और मीता हम लोगों के लिए ब्रेकफास्ट ले कर आ रही थीं , तो वो हट गए।
पर उन दोनों के बाहर निकलने के बाद ,...
फिर एक बार उनकी झलक ,...
मैं मुस्कराये बिना न रह सकी।
बेसबरा ,
गनीमत थी जेठानी जी ने नहीं देखा , हम दोनों जलेबी , मूंग का हलवा और पकौड़ी उड़ाने में बिज़ी थे , ...
तबतक उनसे नहीं रहा गया ,
कुछ देर तो बाहर से ताक झाँक फिर धीरे से आस पास उन्होंने देखा कोई नहीं था , वो अंदर आ गए , ...
और जेठानी के बगल में बैठ गए , बोले
" भाभी अकेले अकेले ,.... "
" एकदम नहीं , मेरी देवरानी है न साथ ,... तुम नजर मत लगाओ ,... चाहिए तो बोलो ,... "
उनकी भाभी ने भी उसी तरह जवाब दिया।
" एकदम भाभी , नेकी और पूछ पूछ ,... "
वो लिबराते हुए मुझे देख रहे थे। लालची।
समझ मैं भी रही थी , उनकी भाभी भी ,...
उनके देवर को क्या चाहिए था , क्या देख के वो ललचा रहे थे।
भाभी उनकी , उन्होंने एक जलेबी उठायी और मेरे मुँह में ,... मैंने आधी काट के गप्प कर ली ,
मेरी जूठी अधखायी जलेबी अपने देवर के मुंह में , झट्ट से उन्होंने गप्प कर ली। पूरी की पूरी।
इसके बाद मूंग का हलवा भी , चम्मच मेरी जेठानी ने पहले मेरे मुंह में फिर उन्हें मेरा जूठा ,...
उन्होंने हलके से अपने देवर के कान में बोला , लेकिन मैं साफ़ साफ़ सुन रही थी ,
' रात भर दावत उड़ाई , ... और सुबह सुबह फिर ,... '
वो बेचारे जोर से ब्लश करने लगे ,
इतना जो मुझसे मेरी ननदें मेरी रात का हाल चाल पूछ रही थीं , मैं नहीं शरमा रही थी।
लेकिन उनकी किस्मत गड़बड़ , जबतक हम लोगों ने नाश्ता खतम किया ,
मेरी जेठानियाँ , इनकी भावजें , मेरी ननदें ,...
और साथ में बताया था न वो नाउन की बहू , जो रिश्ते में इनकी भाभी लगती थी ,
और मेरी ननदों की रगड़ाई करने , खुल के गाली देने में ,...
और उसी ने नोटिस किया , ...
" अरे देवर जी ई तोहरे माथे में महावर कैसे इतना चाकर लगी है , ...
कतो रात भर दुल्हिन के पैर तो नहीं पड़ रहे थे , ... "
लेकिन अभी ननदें भी थी , मेरी खिचाई करने के लिए , एक बोली ,
" अरे भइया , भाभी के पैरों के बीच की कोई चीज मांग रहे होंगे , इसी लिए पैर छुलवाया होगा ,...
क्यों भाभी दिया की नहीं ,... "
" भाभी से काहें पूछ रही हो , अपने भैया से पूछो न , महावर तो उनके माथे पर लगा है ,... "
एक जेठानी ने उसे रगड़ा।
बेचारे इतने शरमा रहे थे , और उनकी भाभियाँ अब निकलने भी नहीं दे रही थीं।
और मुझे भी समझ में आगया की क्यों कल रात को सुहाग रात में जाते समय,
क्यों मेरी ननदों ने नाउँ को उकसा कर , खूब चौड़ी और गीली महावर लगाई गयी थी ,
मेरे पैर जब इनके कंधे पर हों तो महावर तो इनके माथे पर लगनी ही थी।
लेकिन ननदें इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थी , मिली मुझे चिढ़ाते बोली ,
" भाभी बता दीजिये न , ... क्या है आपकी टांगों के बीच जसिके लिए आपने भइया से पैर भी छुलवा लिया। "
लेकिन उसका खामियाजा उठाना पड़ा मेरी सबसे छोटी ननद , ...
वो इनकी अकेली कजिन थी जो इनके शहर में ही रहती थी , इनके घर के पास के मोहल्ले में
बस एक जेठानी ने उसका गाल मींड़ते हुए कहा ,
" अरे वही चीज तो तुम्हारी टांगों के बीच भी है , ज़रा देखा दो न अपने भैया को ,... "
और मजाक अब शब्दों से ऐक्शन में आ गया , एक जेठानी ने उस बछेड़ी के दोनों हाथ पीछे से कस के पकडे और दूसरे ने उसकी फ्राक उठा दी।
मेरी बड़ी जेठानी जो मज़ाक़ में एकदम मुंह फ़ट इनसे , अपने देवर से बोलीं , ...
" अरे लाला बचपन में तो बहुत डाक्टर नर्स खेले होंगे , ननदों के साथ , ... अब काहें लजा रहे हो ,... देख लो न ,... "
फ्राक उठाने पर उस किशोरी की गोरी गोरी चिकनी जाँघे , और एक छोटी सी सफ़ेद चड्ढी ,...
उसकी चुनमुनिया को छिपाए ,...
वो बिचारी कसमसा रही थी , छटपटा रही थी , लेकिन मेरी जेठानी की पकड़ , ...
पर मेरी ननद से ज्यादा वो शर्मा रहे थे ,
" अरे इहे देखने बार बार चक्कर काट रहे थे न ,... "
एक जेठानी बोलीं और थोड़ा सा चड्ढी सरका दी ,
चुनमुनिया तो नहीं दिखी लेकिन नयी नयी आती रेशम क्यारी ,...
और फिर वो नाउन की बहू , ( जिसने मेरी सास की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा था की
यहाँ ननदों की झांटे बाद में आती हैं , पर वो मोटा औजार पहले ढूंढने लगती हैं ) एकदम चालू हो गयी , कान में ऊँगली डालनी पड़े ,
ऐसी बातें ,...
" अरे झांट तो बड़ी प्यारी आ रही है , अभिन कुछ गया की नहीं अंदर , की खाली मोमबत्ती और बैगन से काम चलाती हो ,... इतने लड़के हैं शादी का घर घोंट लो गप्पागप्प।
मौके का फायदा उठा के ये बेचारे बाहर सरक लिए।
Thanks, this is the one post which still gives me goosebumps. soft, subtle but very natural nothing contrived. and these posts in this story make me yearn that more and more readers if read it, i am sure they will enjoy it much more than the routine incest being churned out on industrial scale. Thanks so much for not only enjoying it but expressing your views.Sirf prem hai yaha pati patni ka