पूजा पाठ करने के बाद जब कमला आरती लेकर अपने पति के पास गई तो उसका पति सोया huwa था वह अपने पति को उठाकर उसको आरती दिखाई। उसके पति आरती लेने की कौशिश की और कमाल हो गया था उसका पति आरती ले पाया यह देखकर कमला का आश्चर्य से देखने लगी वह खुशी से फूला न समाई।
उसके पति के हालात में आश्चर्य जनक सुधार हो रहा था यह बाते जब कमला ने चंदा को बताई तो वह भी बहुंत खुश हो गई।
कमला _ये सब देवी मां की कृपा है।
चंदा _हा मां सब देवी मां की कृपा से बापू जल्दी ठीक हो जाएगा। पर चंदन न होता तो तुम पूजा पाठ नही कर पाती। और पता नही क्या होता।
कमला _हा बेटी तुम सच कह रही हो चंदन ने अनर्थ होने से बचा लिया।
मां बेटी दोनों खुश थे।
इधर चंदन दिन भर दुकान में जब खाली होता तो अपने मां और बहन के साथ प्राप्त किए संभोग सुख को ही महसूस करने लगता जिससे उसके land me तनाव हमेशा बना रहता वह अपने land ko सहलाने लगता। अब उसे कमला और चंदा को देखने का नजरिया बदल चुका था उसे अब मां और बहन गदरई मॉल नज़र आता।
जबकी कमला का व्यवहार सामान्य ही था पर उसे चंदन के सामने खड़ा होने में लज्जा महसूस होती थी।
चंदा _तो प्यासी थी जब से चंदन ने उसकी प्यास बुझाया। था उसका chut की प्यास बुझने के बजाए और बड़ गई उसके chut चंदन के द्वारा की गई chudai को याद करने से उसके chut गीली हो जाती थी जिसके कारण उसकी chut kujane लगती थीं जिसे बीच बीच में वो खुजाने लगती थीं।
रात को भोजन करने के दौरान चंदन ने देखा कि उसके बापू अब अपने हाथो से खाना भी खा रहा है। उसने अपनी मां से कहा की मां बापू की स्थिति में काफ़ी सुधार आ गया है।
कमला रसोई में बर्तन साफ कर रही थी।
इस समय चंदा अपने कमरे में अपनी बच्ची को दूध पिला रही थी।
चंदन अपने रुम मे जाने के पहले रसोई में जाकर अपने मां से कहा, मां बापू तो अपने हाथ से भोजन कर पा रहा है। उसकी हालत में काफ़ी सुधार हो गया है।
कमला _हा बेटा ये सब देवी मां की कृपा है। और तुम्हारी भी।
चंदन _पर मां मेरे कारण क्यू बापू ठीक हो पा रहा, मैने ऐसा क्या कर दिया।
कमला _बेटा अगर तुम मेरी मदद न करते तो मैं पूजा पाठ नही कर पाती पता नही क्या अनर्थ हो जाता।
चंदन _मां कल सुबह तुम आ रही हो न मेरे कमरे में शुद्धिकरण के लिए।
कमला शर्मा गई। वह लजा गई।
मां कुछ बताई नही सुबह तुम आओगी न मेरे कमरे में।
कमला शर्माते हुवे बोली, बेटा बाबा के कहे अनुसार मुझे तीन दिन और शुद्धिकरण कराने होंगे।
कमला के ऐसे बोलते ही चंदन का land तनकर खड़ा हो गया। वह अपने land मसलने लगा।
कमला ने चंदन को खामोश पाकर कहा।
कमला _क्यू तुम्हे suddhikarn करने में कोई कोई परेशानी तो नहीं है न।
चंदन _नही मां कैसी बाते कर रही हो मुझे भला मां की मदद करने में क्या परेशानी होगी। और वह पीछे से अपने मां को पीछे से अपने बाहों में भर लिया।
मां मुझे तो आपकी मदद करके बहुत अच्छा लगता है।
चंदन का शरीर कमला के शरीर से चिपकने से उसका land कमला के गाड़ में महसूस होने लगा।
जिसे महसूस कर कमला का शरीर सिहर उठी। बेटा क्या कर रहा है छोड़ो मुझे चंदा आ जायेगी। वह देखेगी तो क्या समझेगी वह फिर से मजाक बनाएगी।
चंदन _क्यू मां मै अपनी मां को प्यार भी नहीकर सकताआना है तो आ जानें दोदीदी को।
और ऐसा बोलकर चंदन फिर से अपनी मां को कस लिया।
कमला _ लजाते हुवे बोली।अब बस भी कर सुबह कर लेना अपनी मां को प्यार तब तक अपना प्यार बचा के रख।
चंदन _सच मां, मुझे सुबह तुम्हारेआने का बेसब्री से इंतजार रहेगा। तब तक एक चुम्मा तो dede।
कमला _चल हट बदमाश अब तू भी अपनी बहन की तरह बदमाशी करने लगा है मैं तुम्हारी मां हूंबीबी नही जो छुम्मामांग रहा है।
चंदन _अरे मां तुम हो ही इतनी खूबसूरत की chhumaa लेने का मन कर रहा अब de भी दो।
कमला _छी मुझे शर्म आती है। जो करना है सुबह कर लेना। अब छोड़ मुझे चंदा आ जायेगी।
चंदन _ठीक है मां सुबह का मुझे इंतज़ार रहेगा।
और चंदन अपनी मां को छोड़कर अपने कमरे मे सोने चला गया।
इधर अब कमला को भी चंदन की हरकते न चाहते हुए भी अच्छा लगने लगा।
और यह सोचकर की वह सुबह अपने बेटे से फिर चुदेगी।