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Incest यह क्या हुआ

Raja1239

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सुद्धिकरण की क्रिया 6दिनो तक चली इस दौरान सुध्धिकरण के बहाने चंदन और उसकी मां कमला ने जमकर संभोग सुख का आनंद लिया।

चंदा भी रोज सुबह चंदन के कमरे से कमला के चले जाने के बाद आती और अपना जिस्म का भूख मिटाती। चंदन दो दो गदराई औरतों का सुख भोग रहा था।

उन लोगो के बीच अब शर्म हया खाफी कम हो गया।

चंदन का land घर में दो दो गदराई मॉल से सुख भोगने के अहसास से उसका land हमेशा तना रहता। अब बाबा के कहे अनुसार सुद्धीकरण की अवधी समाप्त हो गया था।

रात में जब भोजन कर लेने के बाद चंदन सोने के लिए अपने रुम में जाकर सोने की कोशिश करने लगा पर उसे नींद नहीं आ रहा था।

उसका मां और बहन से मिलने वाले संभोग सुख के को याद करने से वह उत्तेजित हो गया था। उसे मालूम था की आज सुबह मां शुद्धिकरण के लिए नही आने वाली अतः वह बेचैन हो गया।

अब उसके लिए रात गुजरना मुस्किल था। वह रात में सोने की कोशिश की पर उसे नींद नहीं आया।

तब वह उठकर अपने मां के कमरे कीओर जानें लगा । कमला ने दरवाजा अंदर से बंद कर दी थीं। चंदन ने धीरे से दरवाज़ा खटखटाया, कमला इस समय सोई नहीं थी। वह किसी के द्वारा दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ सुनकर अपने पलंग से उठी इस समय चन्दन का बापू सो चुका था।

कमला उठकर दरवाजा खोलने चली गई। दरवाजा खोल कर देखा तो चंदन को सामने खड़ा पाया। उसने चंदन से कहा, बेटा तुम इस वक्त यहां,अभी तक सोएनही। कुछ काम था क्या?

चंदन _मां मेरा सिर दर्द कर रहा है। आपके पास बाम है क्या?

कमला _देखती हू बेटे होगा तो?

कमला अपने रुम मे जाकर बाम ढूंढने लगी, पर उसे बाम नही मिला।

कमला _बेटा मेरे पास भी बाम दिख नही रहा। तुम दुकान से बाम लेलो।

चंदन आगे कुछ बोल न सका। की उनके आने का मकसद क्या था? चंदन कमला से झूठ बोला।

चंदन _मां वो दुकान में मैने देखा मुझे वहा भी नही मिला।

कमला _बेटा सुबह तो मेने बाम देखी थी ,सारे बिक गए क्या?

चंदन _नही तो। पर मुझे मिला नही।

कमला _ अ च्छा ठीक है मैं दुकान में देखती हूं।
घर से दुकान में जाने के लिए दरवाजा था।

कमला उस ओर जाने लगीं पिछे पीछे चंदन भी जाने लगा।
दुकान का बल्ब चालू कर अलमारी में बाम ढूंढने लगी तभी चंदन उसके पीछे खड़ा था उसका land अभी तना था वह पीछे से अपनी मां को बाहों में भर लिया।

कमला _बेटा ये क्या कर रहा है?
चंदन अपने land का दबाव कमला के गाड़ में डालकर अपने दोनो हाथों से उसके पेट सहलाने लगा।
चंदन के इस हरकत से कमला के दिल जोरों से धड़कने लगा।

कमला _छोड़ो बेटे क्या कर रहे हों। मै तुम्हारी मां हू ये ठीक नहीं।

चंदन _मां, आओ न मुझसे रहा नही जा रहा। मै सो नही पा रहा हूं।

कमला _नही बेटे, छोड़ो मुझे, मां बेटे के बीच मैं ऐसा रिश्ते पाप है।

चंदन _पर मां हम 6दिन तो सम्बंध बनाए न और तुम भी पूरा साथ दी। अब मना क्यू कर रही।

ऐसा कहते हुवे, चंदन, कमला के चूची को हाथ में लेकर मसलने लगा जिससे कमला सिसकने लगी।

कमला _चंदन छोड़ो बेटे ये ठीक नहीं अभी तक जो भी किया वो मजबूरी थी। अब ऐसा करेंगे तो पाप होगा।

कमला की चूची को मसलते एवम अपने land को उसके गाड़ में दबाते हुए कहा।

चंदन _पर मां तुम्हे भी तो मजा आता था न। आओ न मुझसे रहा नही जा रहा।

कमला जी_ सिसकते हुए बोली।नही बेटे, अगर किसी ने देख लिया तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। और वो चंदा तो हाथ धो के पीछे पड़ी रहती है।

चंदन _मां किसी को कुछ पता नही चलेगा। दीदी तो अभी सो रही है। करने दो ना।


कमला _नही बेटे, छोड़ो मुझे, ये पाप है।

चंदन _मां, मै सो नही पा रहा।

कमला _बेटे, अभी तुम होश में नहीं हो, मां बेटे के बीच ये सब ठीक नहीं।मै तुम्हारी जल्दी शादी करा दूंगी। तब तक तुम अपने पे कंट्रोल रखना होगा।

चंदन लगातार कमला के चूची मसले जा रही थी कमला सिसक रही थी और वह चंदन को छोड़ने बोल रही थी।

चंदन _मां, मै शादी तक इंतजार नही कर सकता।
देखो मेरी हालत।

चंदन ने अपनी मां का हाथ को अपने खड़े land पर रख दिया।

कमला का हाथ जब चंदन के land को महसूस किए उसके शरीर कपकापने लगा।

कमला _नही बेटे, ये ठीक नहीं तुम अपने कमरे में जाओ। और कमला जबरदस्ती अपने को चंदन से छुड़ाकर अपने कमरे में जाने लगी।

चंदन ,कमला से बोला _मां, मै सो नही पाऊंगा, मेरा सिर दुख ने लगा है।

कमला _नही बेटे, ये सब ठीक नहीं, अपने कमरे में जाकर सोने की कोशिश करो। मैं जा रही हूं।

कमला अपने कमरे मे चली गई।

इधर चंदन भी अपने मन को मारते हुवे अपने कमरे में आकर सोने की कोशिश करने लगा। पर उसे नींद नहीं आ पा रहा था।

तब वह चंदा के कमरे की ओर गया, उसका दरवाजा धीरे से खटखटाया। चंपा सो चुकी थी।

चंदन ने दरवाजा जोर से खटखटाना उचित नहीं समझा उसकी मां आवाज़ सुन कर आ सकती थीं।

और चंदन अपने कमरे मे वापस लौट आया।

और सोने की कोशिश करने लगा।

इधर कमला के आंखो से भी नींद गायब थी।

चंदन की हरकतों ने उसे गरम कर दिया था।

वैसे भी पिछले 6दिनो से वह चंदन से chud रही थी। जिससे उसके अंदर छुपी औरत जाग चुकी थी। इन 6दिनो में चंदन से जो शारिरिक सुख मिला था ऐसा सुख उसको उसके पति ने अभी तक नही दिया था।

कमला सोचने लगी कि उसने ठीक किया कि नही, कभी अपने फैसले को सही मानती तो उसके अंदर छुपी औरत सुख प्राप्त करने के लिए उस पर हावी होने लगती।

कभी एक मां की नज़र से सोचती तो उसे सब गलत लगता लेकीन जैसे ही उसे चंदन से प्राप्त सुख को महसूस करती तू उसका शरीर गर्म होने लगता।

कमला सोचने लगी जब मुझे नींद नहीं आ पा रहा है तो चंदन कहा सो पाएगा उसे तो अभी नया नया जवानी चढ़ा है। उसने अपने पति की ओर देखा जो गहरी नींद में सोया था।

इधर कमला की आंखों से नींद गायब थी। उसके मन मस्तिक में कई विचार घूमने के बाद पता नहीं क्या सुझा की वह अपने कमरे से निकलकर सीधे कीचन में गई और एक कटोरी में सरसो तेल गर्म करके चंदन के कमरे की ओर जाने लगीं।

चंदन के कमरे का दरवाजा खटखटाया। चंदन अभी सोया नहीं था वह उठा और दरवाजा खोला । सामने देखा उसकी मां कटोरी लिए खड़ी है।

चंदन _मां, तुम। इस वक्त।

कमला _बेटे मै जानती थी की तुम सोए नही होगे तो मेने सोचा सरसो तेल से तेरी सिर की मालिश कर देती हू जिससे तुम्हे अच्छी नींद आ जायेगी। चलो मैं मालिश कर देती हू।

चंदन _ठिक है मां।

चंदन पलंग पर जाकर लेट गया, कमला उसे बाजू में बैठ गई और अपने हाथ में तेल लेकर चंदन की सिर की मालिश करने लगी

चंदन _मां तुम कितनी अच्छी हो।

कमला मुस्कुराने लगी। अब बाते न करो और सोने की कोशिश करो।

चंदन अपनी मां की आंखों में देखने लगा।

कमला _ शर्मातेहुए , ऐसी क्या देख रहा है अपनी मां को खा जाने वाली नजरो से।

चंदन _क्या अपनी मां को देख भी नहीं सकता।

कमला _मुस्कुराते हुवे, देख सकता है पर ऐसी नजरो से भी क्या कोई अपनी मां को कोई बेटा भला देखता है।

चंदन _मां जब इतनी सुंदर हो तो बेटे का नज़र फिसले गा ही।

कमला _चल हट, तू सुधरेगा नही।

चंदन एक हाथ से अपनी मां की चूची को सहलाते हुए कहा।

चंदन _मां एक चुम्मा दो ना।

कमला _sशर्माते हुवे धत,फिर तेरी बदमाशी शुरू।
चंदन को लगा की मां उसकी मां को भी चूची सहलाना अच्छा लग रहा है। उसका हिम्मत बड़ गया।

चंदन _मां दो न एक चुम्मा बड़ा मन कर रहा हैं।

कमला _दरवाजा खुला है चंदा आ गई तो,

अपनी मां की बातो को सुनकर चंदन यह जान गया की मां आगे बढ़ने तैयार है। यह सोचकर ही उसका land fir से तनकर खड़ा हो गया।

चंदन _तो दरवाजा बन्द कर दो। दीदी तो सो रही है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।

चंदन से अब रहा न गया और वह पलंग में उठकर बैठ गया। और अपनी मां के होंठो को चुसने के लिऐ आगे बडा की कमला पलंग से उठ कर दरवाजे की ओर जाने लगीं।

चंदन निराश huwa की मां जा रही है।

पर कमला दरवाजे से बाहर न जाकर दरवाजा बन्द कर वापस आने लगी। जिसे देखकर चंदन खुश हो गया।

और उसका land और तन गया।

चंदन पलंग से उतरकर नीचे खडा हो गया और अपनी मां को बाहों मे भरकर उकसे होंठ चुसने लगा।

कमलाबोली_बेटे इन सब के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए।

चंदन _मां तुम बेफिक्र रहो, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
आगे चंदन ने अपनी मां के ब्लाउज खोलने का इशारा किया। कमला अपना ब्लाउज खोल दी।

चंदन उसके चूंचे मसलने एवम पीने लगा जिससे कमला बहुंत अधिक गर्म हो गई।

उसके बाद चंदन अपना कपड़ा निकालकर पूरा नंगा हो गया। और अपने मां को बाहों मे भर लिया।
चंदन ने अपने मां की साड़ी खींचकर उसके शरीर से अलग कर दिया। ब्लाउज भी निकाल दिया।

कमला अब सिर्फ पेटीकोट में थी चंदन अपनी मां को अपने बाहों मे भरकर जी भरकर चूमने चाटने लगा।

फिर उसे पलंग पर पटक कर अपनाland अपने हाथो से सहलाने लागा जोइस समय हवामें लहरा रहाथा । दोनो मां बेटे काफ़ी उत्तेजित हो गए थे। चंदन ने उसका पेटीकोट उपर उठाने का इशारा किया।

कमला अपना पेटिकोट ऊपर उठा कर अपनी टांगे फैला दी। चंदन उसके टांगो के बीच में आ गया।

उसने देखा की कमला की chut काफी गीली हो गई है उससे रस बाहर बह रहा है। चंदन अपना land boor के छेद में सेट कर एक जोर का धक्का लगाया जिससे boor gili होने के कारण एक ही झटके में boor चीरकर आधे से ज्यादा अंदर चला गया।

फिर चंदन अपनी मां की जमकर chudai करने लगा। कमरे में कमला की सिसकने की आवाज़ और fach gach gach की आवाज़ गूंजने लगा। चंदन chudai बंद कर उसके पेटिकोट का नाड़ा खींचकर उसे उसके टांगो से खींचकर अलग कर दिया जिससे कमला पुरी तरह नंगी हो गई चूंकि कमला भी काफ़ी उत्तेजित थी वह ज्यादा विरोध नहीं की। और पुरी तरह नंगी हो गई।

कुछ देर इसी आसन में चोदने के बाद वह कमला को उठाकर पलट कर kutiya बना दिया भी जमकर चोदने लगा। दोनो मां बेटे स्वर्ग में पहुंच गए थे।


अब
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rajesh bhagat

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अपनी मां कमला को चंदन पहली बार पुरी तरह नंगी करके चोद रहा था। कमला घोड़ी बनी थीं और चंदन पीछे खड़े होकर दनादन अपना land कमला के chut me पेले जा रहा था।

अपनी मां की गोरे गोरे बड़ी बड़ी चिकनी कूल्हे को देखकर, चंदन बावरा हो गया वह अपनी मां के चूतड को चूमने चाटने लगा।

कमला _शर्माते एवमसिसकते हुवे बोली, बेटे ये क्या कर रहा है।

चंदन _मां तुम्हारी चूतड कितनी खूबसूरत है। पीछे से चोदने में बड़ा मजा आ रहा है।

और चंदन आपनी मां के चूतड सहलाते हुए जोर जोर से चोदने लगा।

मां बेटे दोनो ही दिन दुनिया से बेखबर किसी दुसरे लोक की सैर कर रहे थे। संभोग के चरम सुख को प्राप्त कर रहे थे।

कमला अपने चूतड को चंदन के land से सटा सटा कर उसका पूरा सहयोग दे रही थी। कमरे में थप थप, कमला की चूड़ी की खन खन खनकने की आवाज़ और कमला की सिसकने की आवाज़ गूंज रहा था। जिससे कमरे का माहौल एक दम गर्म हो गया था।

कमला के योनि से रस झरने की तरह बह रहा था।land उसके योनि में गप अंदर बाहर हो रहा था।

चंदन _आह मां chudai में बडा मजा आ रहा है। अब तो मैं तुम्हे रोज ही चोदूंगा । बोलो मां रोज चोदने दोगी न मुझे।
चंदन जोर जोर से चोदते हुए बोला
मां बोलो न क्या तुम्हे मजा नही आ रहा है,,
मुझे रोज चोदने दोगी ना, रोज मेरे कमरे में आओगी न चुदाने बोलो।

कमला स्वर्ग में थी वह सिसकते हुवे बोली। तुम जब भी बुलाओगी आऊंगी बेटा,, आह,ऊ, उई मां,, आह आह ऊ ह आह,, तू बडा मस्त चोदता है re, तेरे बाप से ऐसा सुख मुझे कभी नही मिला।

कमला आंखें बंद कर chudai का मज़ा ले रही थी।

चंदन _ले मां,ले और मजा ले,ले खा मेरा land
ऐसा बोल बोलकर, दोनो chudai ka मजा लेने लगे।

पर कुछ ही देर बाद दोनो अपने चरम अवस्था में पहुंच गए। चंदन अपने मां की क़मर को अपने land se जोर से सटा लिया और झड़ने लगा ढेर सारा गाड़ा गाड़ा वीर्य अपने मां की योनि में भरने लगा, आह मां आह, आह मां, करके कराहने की आवाज़ से कमरा गूंजने लगा।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता अनुभव कर कमला का शरीर कपकापने लगा और वह भी झड़ने लगी।

चंदन कुछ देर बाद अपना land अपनी मां की योनि से बाहर निकाला वीर्य कमला के योनि से बाहर बहने लगा लगा।

चंदन और कमला जबरदस्त chudai से थक चुके थे दोनो पलंग पर लेट कर सुस्ताने लगे।

कुछ समय बाद जब कमला होस में आई और देखी की वह अपने बेटे के सामने बिल्कुल नंगी है वह शर्म से गड़ गई तुरंत बेड से उठी और अपनी पेटिकोट पहनने लगी।

इधर जब कमला अपने कपड़े पहनने लगी तो चंदन की नज़र उसके चूतड पर गया जिसे देखकर उसके land में फिर तनाव आने लगा।

इधर कमला अपने ब्लाउज पहनने लगी।

चंदन का फिर से खड़ा हो गया था वह अपने मां को वस्त्र पहनता देख। अपने land सहलाने लगा।

जब साड़ी पहनने के लिऐ चंदन की ओर मुड़ी तब कमला की नज़र चंदन के land पर पड़ी। इस वक्त चंदन अपने मां को देख रहा था और अपना land सहला रहा था। उसका land पूरी तरह तना हुवा था। जिसे देखकर कमला मुस्कुराने लगी।
चंदन _मां देखो न ये तो फिर से खड़ा हो गया। आओ न एक बार और करते हैं।

कमला _, मुस्कुराते हुए बोली, न बाबा ना बहुत देर हो गई है। तुमारा तो हमेशा खड़ा ही रहता है।

चंदन _मां आओ न एक बार फिर मजा लेते है। देखो ना कितना लंबा मोटा हो गया है।

कमला अपनी साड़ी पहन चुकी थी। वह पलंग किनारे बैठे गई और चंदन से बोली।

कमला _अब तुम अपने मन पर काबू रखना सीखो जब देखो खड़ा ही कर लेता है। वह चंदन के land को हाथो में लेकर सहलाते हुए बोली अब जो भी करना है कल कर लेना। ऐसा कह कर वह शर्माते हुवे कमरे से बाहर चली गई। और दरवाजा बन्द कर दी।

चंदन अपना land सहलाते लेटा रहा कुछ देर बाद।
कमरे में किसी की आने की आहट हुई चंदन ने देखा।

चंदा ने दरवाजा धकेलकर कमरे के अन्दर आ गई और चंदन, चंदा को देखकर चौकते हुवे बोला दीदी तुम।

चंदा _मुसकुराते हुवे बोली, लगता है मां बेटा दोनो मिलकर chudai का खूब मज़ा लिए हो। मां कैसे चीख एवम सिसक रही थी।

चंदन _दीदी तुम यहां, तुम तो सोई थी।

चंदा _मुझे पेशाब लगी थी तो मैं मूतने उठी थी, बाथरूम जाते समय तुम्हारे कमरे से सिसकने की आवाज़ सुनाई दी तब मुझे पता चला की यहां मां बेटा अपनी राते रंगीन करने में लगे हुए है।

खाफी देर तक चला है re तुम दोनो का खेल।

इस समय चन्दन अपने शरीर के उपर चादर डाल लिया था। अंदर उसका land अभी भी तना huwa था।

चंदन _दीदी तुम मां को ये कभी मत बोलना की हम दोनो को chudai करते हुए देखा है नही तो मां मेरे पास फिर नही आयेगी।

कमला _मुसकुराते हुए बोली, ठीक है पर एक शर्त पर तुम्हे भी मेरी प्यास बुझाना पड़ेगा।

कमला अपनी chut सहलाते हुए बोली तुम दोनो की chudai ka आहट पाकर निगोडी कब से पानी छोड़ रही है। मुझे परेशान करके रखी है।

चंदन _दीदी मैने कब मना किया है तुम्हे मां के जाने के बाद तुम आ जाना मेरे कमरे मे। तुम्हारे इस chut की प्यास बुझा दूंगा, ऐसा कह कर वह चंदा की chut को कपड़े के उपर से सहलाने लगा।

चंदा सिसक उठी।

चंदा भी चादर के उपर से चंदन के land का मुआयना करने लगी।

चंदा _हाय दईया, तुम्हारा तो अभी भी खड़ा है re
मां ने तुम्हारा पानी नहीं झाड़ा है क्या?

चंदन _नही दीदी ऐसी बात नहीं है। मां तो आज जमकर chudi है मुझसे और खूब मज़ा दी है मुझे।

उसी पल को याद कर फिर से खड़ा हो गया है।

चंदा_हां भाई, नया नया जोश है। चल अब मेरी प्यास बुझा दे।
चंदा ने चादर को खीच दिया। चंदन इस समय नंगा था। उसके land ko हाथ में लेकर चंदा खेलने लगी।

चंदा की chut तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी उससे रहा ना गया दोनो ही chudai के लिए तैयार थे।

चंदा अपनी चड्डी निकाल दी और बेड पर चढ़ गई और अपनेपेटिकोट साड़ी उठाकर चंदन के कमरे पर बैठ गई।

चंदन का land उसके chut को छू रहा था।

चंदन ने चंदा को अपनी ओर झुका कर उसके चूची को ब्लाउज की उपर से ही मसलने लगा। चंदा अपने ब्लाउज को खोल दी। उसे अपने शरीर से अलग कर दी।

चंदा के सुडौल स्तन को अपने हाथ में लेकर उसका मर्दन करने लगा उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा। मसल मसल कर उसके दूध निकाल कर।

उसके दूध पीने लगा, जिससे चंदा और बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। उससे रहा ना गया और वह चंदन के land को अपने हांथ से पकड़कर उसे अपने chut के छेद पर रख कर धीरे धीरे उस पर बैठने लगी।land उसके chut में समा गया।

फिर चंदा land पर उछल उछल कर chudne लगी। कमरे का माहौल फिर एक बार गर्म हो गया। कमरे में फिर से एक औरत की सिसकने आवास गूंजने लगी। कुछ देर तक इसी पोजीशन में chudne के बाद चंदा land के उपर से उठी और और पीछे घूमकर land के उपर बैठ गई। और क़मर उछाल उछाल कर chudne लगी। चंदन भी अब जोश में आ गया था और चंदा की क़मर को अपने दोनो हाथों से पकड़कर अपने लन्ड में पटक पटक कर चोदने लगा।

Land सीधा chut को दीवारों को जकड़ कर कसा कसा हुआ अंदर बहार आ जा रहा था इस आसन में चंदन को खूब मजा आ रहा था।

वह जोश में आकर चंदा को जोर जोर से चोदने लगा।

चंदा को लगा की इस आसन में और chudi तो land बच्चा दानी को फाड़ देगा और बच्चा अभी बाहर आ जायेगा।

कमला _चंदन रूको रि, कितना जोर जोर से धक्का लगा रहा है। इस आसन में इतना धक्का ठीक नहीं मेरा बच्चादानी फट जायेगा।

चंदन _ chudai रोकते हुए कहा,माफ करना दीदी, मै खाफी जोश में आ गया था।

चंदा अब land से उठी land chut से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया अब चंदा घोड़ी बन गई।

चंदन से बोली _ले अब इस आसन में मार ले chut जितना मारना है ये ज्यादा सुरक्षित हैं।

चंदन उसके पीछे आ गया और चंदा के chut के छेद में अपना लन्ड सेट कर gach से पेल दिया।land एक ही बार में सरसरता huwa अन्दर जा घुसा, इस आसन में चंदन ने चंदन की chut की जमकर कुटाई किया। चंदा बर्दास्त न कर सकी और झड़ गई जबकि चंदा अपनी मां को एक बार चोदकर झड़ चुका था। वह अभी जल्दी झड़ने वाला नही था।

अतः वह आसनों को बदल बदल कर चंदा को चोदता रहा जब तक वह झड़ा नहीं। चंदा दो बार झड़ी थी उसका chut की प्यास बुझ चुकी थी।

कुछ देर रुककर चंदा अपने कमरे मे सोने चली गई।

चंदन का land भी अब ढीला पड़ चुका था। उसे भी शीघ्र नींद आ गई। मां बेटे और बहन तीनो चैन की नींद में सो गए।

इस तरह तीनो अपनी प्यास बुझाने लगे कुछ दिन बाद चंदा ने एक सुंदर स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया उसका पति कुछ दिन बाद चंदा को अपने साथ ले गया।

अब चंदन और कमला, खुलकर खेलने लगे क्यू की कमला को अब किसी के देख लेने की चिंता या डर नहीं था।

1साल बाद चंदन की शादी चम्पा से हो गया, वे दोनो सतर्क रहकर chudai करने लगे। उनके बीच चंपा के आ जाने के बाद chudai बहुत कम हो गया क्यों की उन्हें मौका कम मिलने लगा पर जब चंपा पेट से थी तो चंपा को ने chudai karana बहुत कम कर दिया जिससे चंदन अपनी प्यास अपनी मां से बुझाना शुरू कर दिया।

दोनो के बीच फिर आय दिन chudai होने लगा। इसी बीच एक दिन मां बेटो को chudai करते देख लिया पर यह बात लोकलाज के डर से किसी को बताई नही क्यों की किसी को बताती हैं तो उसके ही घर की बदनामी होनी थी और वह मां भी बनने वाली थीं। ऐसी हालत में वह कहीं जा भी नही सकती थीं इसलिए इस हालात से चंपा ने समझौता कर लिया।

भगत ने राजेश से कहा तो यह कहानी थी चंपा और उनके बेटे चंदन के बीच नाजायज संबंध बनने की।

कहानी सुनने के बाद मेरा उस घर में आना जाना बड़ गया और मैने भी चंपा से सहमति लेकर उसकी सास कमला के शरीर को जी भर कर भोगा।

कमला ही वह पहली औरत थी जिसका मैने पहली बार गाड़ मारा था। और आज भी जब गांव जाता हू तो चंपा और कमला का जमकर लेता हूं।

भगत ने राजेश से कहा _ राजेश भाई तुम मेरे साथ एकात बार गांव क्यू नही चलते दोनो मिलकर मारेंगे कमला और चंपा की।

राजेश_यार स्टोरी तो काफ़ी हॉ, इंटरेस्टिंग और मजेदार था। एक बार तो जरूर जाना पड़ेगा। चंपा, चंदा और चंपा को चखने।

स्टोरी सुनकर राजेश का land तनकर खड़ा हो गया था उसे chudai ka तीव्र इच्छा हो रहा था उसका land उसके पेंट में बुरी तरह अकड़ा huwa था।

उसने अपना मोबाइल देखा, 4से ज्यादा बज चुका था।
राजेश _यार काफ़ी देर हो गई है कालेज में भी छुट्टी हो चुकी होगी अब मैं घर निकलता हू।

भगत _भाई तुम कहो तो कौशिया मां जी को बुला लाऊं। अब यहां आए हो तो गदराई boor का मजा ले लो वो तो तुम्हारे आने का कब से इंतजार कर रही थी।

राजेश _आज नही यार फिर कभी। अभी मुझे जाना होगा।

राजेश अपना बाइक लेकर वहा से निकल गया। रास्ते में उसने अपना मोबाइल देखा सुमन का कई बार मिस कॉल आया था। उसने सुमन को कॉल किया।

सुमन इस समय कॉलेज से घर जा चुकी थीं और वह राजेश को लेकर काफ़ी चिंतित थी राजेश उसका कॉल क्यों नहीं उठा रहा।

जब उसने देखा राजेश का कॉल है वह खुश हो गई।

सुमन _राजेश तुम कहा थे, मैंने तुम्हे कितना कॉल किया? उठाए क्यू नही।

राजेश _जान सॉरी, मै भगत के साथ था , कुछ काम था।

सुमन _जानते हो मै कितनी चिंतित एवम परेशान हो गई थी। कही कल की घटनाओं के कारण तो ये सब नहीं है।

राजेश _नही जान, ऐसा कुछ बात नही है। तुम खमोखा परेशान हो रही थीं।

सुमन _अछा सुनो, तुम आज घरआ रहें हो ना ।

भगत की कहानी सुनकर राजेश को chudai करने की तीव्र इच्छा हो रहा था। वह भी सुमन को भोगना चाहता था घर जायेगा तो वह मां का सामना अभी नही कर ना चाहता था।

इसलिए वह घर न जाकर सुमन के घर जाने का मन बनाया।

वह सुमन से बोला _डार्लिंग मै अभी तुम्हारे घर आ रहा हूं मैं भी तुमसे मिलने तड़प रहा हूं।

सुमन _सच तुम अभी आ रहे हो,,
राजेशा _हा यार अभी आ रहा,,

सुमन बहुत खुश हो गई।

सुमन _अच्छा सुनो नाश्ता में कुछ बना दू। क्या खाओगे।

राजेश _नाश्ता को छोड़ो डियर दूध से काम चला लेंगे।
सुमन समझ गया की राजेश किस दूध की बात कर रहा है वह शर्माते हुवे बोलो।

धत पागल।

तुम जल्दी आओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रही।

राजेश _बस मै अभी पहुंचा।

सुमन बहुंत खुश थीं की राजेश आ रहा है। वह अपने काम वाली को छुट्टी देदी।

इस समय वह सलवार शूट में थी जो कॉलेज पहनकर गई थी।

अब वह सलवार सूट निकालकर वह कल वाली शादी का ड्रेस लहंगा चोली पहन ली और चुनरी ओढ़ ली। क्यू की उसे पता था कि राजेश को यह ड्रेस बहुंत पसंद आया था। इसे ड्रेस में देखकर वह काबू में नहीं रह पाएगा। वहा ड्रेस पहनकर सोफे में बैठकर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।

राजेश सुबह से कुछ खाया नही था। उसका जिस्म के भूख के साथ साथ पेट का भूख भी बड़ी हुईं थी।

उसने सोचा कीखाली पेट chudaiमें मजा नही आयेगा क्यों न पहले पेट का भूख मिटा लू। और चौपाटी पर गाड़ी रोकी। वहा काफ़ी भीड़ थी।

फिर उसने सोचा नहीं बाहर कुछ खाना ठीक नहीं मैडम के हाथो से बना आमलेट उसी के हाथों से खाऊंगा तो ज्यादा मजा आयेगा।

और फ़िर वह सीधे गाड़ी को सुमन के घर की ओर आगे बढा दिया।












 

Tiger 786

Well-Known Member
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अभी तक इनके परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा था राजेश और स्वीटी दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे वे प्रातः 10:30 बजे बाइक से रोज एक साथ कॉलेज के लिए जाते थे और शाम को 4:30 बजे कॉलेज से घर वापस आते थे इसी तरह समय निकलता रहा

आज स्वीटी कॉलेज के लिए तैयार हो रही है वह आज शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई है इधर राजेश्वरी कॉलेज जाने के लिए तैयार है

Rajesh- स्वीटी जल्दी करो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं और कितने समय लगाएगी 10:30 हो चुका है

Switi- भैया बस रेडी हो गई मैं आ ही रही हूं अपना बाइक तैयार रखो
राजेश की मम्मी सुनीता स्वीटी की रूम में जाकर देखती है स्वीटी कर क्या रही है
Sunita- स्वीटी कितनी देर तक तैयार होती रहेगी कॉलेज के लिए लेट हो रही है जल्दी करो और यह क्या ड्रेस पहनी है इतनी शॉर्ट ड्रेस

Switi- मम्मी आज मैं कैसी लग रही हूं इस ड्रेस में

Sunita- मुझे तो यह सब अच्छा नहीं लग रहा इस निकालो और कोई दूसरा पहन लो

Switi- मम्मी यह आजकल का फैशन है मेरी कई सहेलियां पहनती है मैं अच्छी लग रही हूं ना

Sunita- सुनीता माथा पकड़ लेती है और कहती है यह लड़की भी ना हमेशा अपने मन की करेगी

Switi- अच्छा मम्मी मैं चलती हूं चलो भैया

स्वीटी इन शॉर्ट ड्रेस में बहुत ही हॉट लग रही थी पर राजेश को यह ड्रेस पसंद नहीं आया था पर स्वीटी को को कुछ बोला नहीं और दोनों भाई-बहन कॉलेज के लिए निकल पड़े

कॉलेज पहुंचने ही वाले थे कॉलेज पहुंचने के पहले एक पान का ठेला रास्ते पर खुला था जहां दो मनचले लड़के खड़े थे जैसे ही राजेश का बाइक वहां से गुजरा लड़कों ने प्रीति को देखा और एक लड़के ने स्वीटी को देख कर सीटी बजा दी और दूसरे लड़के ने बोला क्या माल है यार लड़कों की यह बात है राजेश ने सुन ली वह बाइक रोक दिया और वह बाइक से उतर कर उन लड़कों के पास आया और राजेश बोला क्या बोला बे और एक लड़के का कॉलर पकड़ लिया स्वीटी यह देख कर डर गई थी स्वीटी बोली भैया चलो उन्हें छोड़ो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं

एक लड़के ने कहा हम तो तुम्हारी बहन की तारीफ कर रहे थे तुम्हारी बहन हॉट लग रही है यह सुनकर राजेश का गुस्सा बढ़ गया और वह उस लड़के को एक थप्पड़ लगा दिया इसके बाद दोनों लड़के और राजेश के बीच हाथापाई शुरू हो गया राजेश स्ट्रांग था आता है वह दोनों लड़कों पर भारी पड़ गया और दोनों लड़कों की खूब पिटाई कर दी फिर बाइक लेकर कॉलेज चले गए

इधर लड़के कराह रहे थे और यह लड़के भी कराते हुए अपने घर के तरफ चले गए असल में यह लड़कों का गैंग था जब अपने दोस्तों से मिले तो उन्होंने इस सारी घटना के बारे में बताएं फिर लड़कों ने राजेश को सबक सिखाने की बात कही और वे शाम को कॉलेज की छुट्टी के समय पान ठेले के पास खड़ा होकर राजेश का इंतजार करने लगे

Switi- भैया उन लोगों से झगड़ने की क्या जरूरत थी अगर कुछ हो जाता तो असल में गलती मेरी है मुझे इसतरह के ड्रेस नहीं पहननी चाहिए थी मम्मी ने मना भी की थी पर मैंने नहीं माना
Rajesh- तुम चुप रहो मेरे सामने मेरी बहन का कोई अपमान करें मैं नहीं सह सकता मैंने उन्हें अच्छा सबक सिखाया है

कॉलेज में दिन भर पढ़ाई करने के बाद शाम को 4:30 बजे छुट्टी हो गई दोनों भाई बहन फिर बाइक से घर के लिए निकले

इधर मनचली लड़की अपने गैंग के साथ डंडे लेकर उन दोनों का इंतजार कर कर रहे थे और जैसे ही राजेश का बाइक पान ठेले के पास पहुंचा लड़के रोड पर बाइक के सामने खड़े हो गए राजेश और स्वीटी बाइक से उतरे

एक लड़का ने राजेश का कलर का कर दीजिए अबे साले तेरी इतनी हिम्मत तुमने हमारे दोस्तों की पिटाई की राजेश ने कहा तुम्हारे हैं दोस्त मेरी बहन का अपमान किया क्यों बे ऐसा क्या बोल दिया तेरी बहन को इन्होंने मेरी बहन को माल बोला तेरी बहन तो एक नंबर की माल है माल को माल नहीं बोलेगा तो क्या बोलेगा इतना सुनते ही राजेश को गुस्सा आ गया और वह उस लड़के के घर में एक थप्पड़ मारा इसे देखकर गांव की लड़की राजेश को पीटने लगे राजेश अकेला पड़ गया मूवी 6 लड़के थे साथ में डंडे रखे थे और डंडे से राजेश को पीटने राजेश बुरी तरह घायल हो गया उसके सर से खून निकलने लगा स्वीटी रो रही थी चिल्ला रहे थे लोगों से मदद मांग रही थी तभी कॉलेज के कुछ स्टूडेंट बाइक से उधर आ रहे थे उन्होंने देखा राजेश की पिटाई करते हुए भीड़ इकट्ठा होते देख पिटाई करना बंद कर मनचले लड़के भाग गए इधर राजेश बुरी तरह घायल हो चुका था सर से खून बह रहा था वह खड़ा नहीं हो पा रहा था सिटी रो रही थी कॉलेज के स्टूडेंट उन्हें अपने साथ बाइक पर बिठाकर हॉस्पिटल ले गए स्वीटी इसकी जानकारी अपने मम्मी और पापा को दी घटना की जानकारी होने के बाद सुनीता और शेखर दोनों भागे भागे हॉस्पिटल की ओर दौड़े घर डालो राजेश को इमरजेंसी रूम में ले गए थे और उनका इलाज कर रहे थे बाहर स्वीटी अपने मम्मी पापा के साथ इंतजार कर रहे थे सारी घटना की जानकारी वे अपने मम्मी पापा को बता रहे थे कॉलेज में स्टूडेंट कुछ समय तक वहां रुके थे उसके बाद में अपने घर चले गए
कुछ समय के बाद डॉक्टर रूम से बाहर निकले सुनीता और शेखर डॉक्टर को देख कर पूछने लगे डॉक्टर साहब हमारा बेटा तो ठीक है ना
Docter- देखिए तुम्हारे बेटे को सिर पर और हाथों में काफी चोटें आई हैं उनका दोनों हाथ फैक्चर हो गया है हाथों और सिर पर पट्टी बांध दी है डरने की कोई बात नहीं है हाथ को ठीक होने मैं दो 3 माह का समय लग सकता है
Sunita_ डॉक्टर साहब क्या हम अपने बच्चे को देख सकते हैं
Docter- हां क्यों नहीं कुछ समय के बाद आप हमसे मिल सकते हैं आज हम उसे निगरानी में रखेंगे कल उसे अपने घर भी ले जा सकते हैं

डॉक्टर की बातों को सुनकर शेखर और सुनीता को थोड़ा राहत महसूस हुआ और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगे
फिर दोनों राजेश से मिलने के लिए उसके रूम में चले गए राजेश को देखकर सुनीता रोने लगी बेटा यह क्या हो गया राजेश अपनी मम्मी पापा को देख कर मम्मी मुझे कुछ नहीं हुआ है तुम रो मत सुनीता ने देखा कि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी बंधा है और वह हाथों को उठा नहीं पा रहा है नर्स वहीं पर खड़ी थी उसने सुनीता से कहा आप लोग घबराइए नहीं इनका हाथ फैक्चर है जो दो-तीन माह में ठीक हो जाएगा तब तक यह पट्टी बंधी रहेगी एक दो घंटा रुकने के बाद शेखर ने सुनीता से कहा तुम लोग घर चले जाओ मैं यहां आज रात हॉस्पिटल में यही रुकता हूं सुनीता का जाने का मन नहीं था किंतु साथ में स्वीटी भी थी बतावे जाने को तैयार हो गई गाना मां बेटी घर चले गई इधर शेखर हॉस्पिटल में ही ठहर गया अगली सुबह जब डॉक्टर हॉस्पिटल आया और राजेश का चेकअप किया तो सब कुछ ठीक पाया शेखर ने डॉक्टर से पूछा डॉक्टर साहब राजेश अब कैसा डॉक्टर ने कहा सब कुछ ठीक है आप इसे घर ले जा सकते लेकिन इन्हें जो दवाइयां दी जा रही है उसे निर्देश के अनुसार खिलाते रहेंगे बीच-बीच में सिर्फ एक कराने के लिए हॉस्पिटल ले आना किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो फोन करके जानकारी देना शेखर ने फोन करके सुनीता को इस बात इस बात की जानकारी दे दी की राजेश को छुट्टी मिल गई है अब हम हॉस्पिटल से घर आ रहे हैं सुनीता या सुनकर खुश हो गई और भगवान की शुक्रिया करने लगी

सुबह 10:30 बजे शेखर अपने कार से राजेश को लेकर घर पहुंच गया घर पहुंच गई सुनीता झड़ते हुए दरवाजे के पास आई और राजेश को गले लगा ज़ी स्वीटी भी खड़ी थी वह भी अपने भाई से लिपट गई स्वीटी रोने लगी भैया यह सब मेरे कारण ही हुआ है मुझे माफ कर दो राजेश ने उन्हें चुप रहने को बोला और कहा कि तुम अपने को दोषी मत समझो शेखर राजेश को उसके कमरे में ले गया और राजेश ने अपने पापा से कहां है पापा मुझे कपड़े चेंज करनी है शेखर ने राजेश के कमरे की अलमारी की एक लोवर और टी-शर्ट निकाला और पहना दिया क्योंकि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी होने के कारण वह कपड़ा नहीं पहन सकता था शेखर राजेश फिल्म से बाहर आकर सुनीता को उनके दवाइयों के बारे में सारी जानकारियां बता दिया कब किस समय कौन सी दवाई देना है और खाना में क्या खिलाना है क्योंकि शेखर बैंक मैनेजर था आज बैंक में कोई जरूरी काम भी था तो वह बैंक जाने के लिए तैयार होने लगा वह घर में नहा कर नाश्ता करके बैंक के लिए चला गया स्वीटी का आज का ले जाने का मन नहीं था किंतु सुनीता ने कहा तुम पढ़ाई का नुकसान मत करो और कॉलेज चली जाओ मैं सब संभाल लूंगी मां की बातों को सुनकर ना चाहते हुए भी बे मन से कॉलेज चली गई अब घर में केवल राजेश और उसकी मम्मी सुनीता रह गई सुनीता अपने घर का काम निपट आती है और नाश्ता लेकर राजेश के रूम में चली गई

इधर राजेश अपने कमरे में लेटा था सुनीता कमरे में पहुंच
Sunita- क्या कर रहे हो बेटा मैं नाश्ता लाया हूं चलो नाश्ता कर लो फिर तुम्हें दवाई भी खानी है सुनीता राजेश को बेड से उठाती है क्योंकि दोनों हाथ पर पट्टी बंधी होने के कारण उसे बिस्तर से उठने कठिनाई हो रहा था

सुनीता राजेश को अपने हाथों से नाश्ता कराती है उसे पानी पिलाती है फिर उसे आराम करने को कहती है
वह कमरे से चली जाती है 10 मिनट बाद वह दवाई लेकर राजेश के कमरे में आती है उठो बेटा दवाई खा लो वह राजेश को दवाई खिला देती है और राजेश से कहती है
कि
Sunita- बेटा मैं घर का काम कर रही हूं किसी प्रकार का कोई तकलीफ हो तो मुझे आवाज देना
Rajesh- ठीक है मम्मी

दवाई खिलाकर वह राजेश के रूम से बाहर चली जाती है और घर का काम करने लगती है
आधा घंटा बीत चुका होता है इधर राजेश को जोरों से पेशाब लग रहा होता है वह क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि पेशाब करने के लिए बहुत से लोग और और अंडर वियर नीचे करना पड़ता क्योंकि हाथों में पट्टी बंद है बंधा था और दोनों हाथ गले से पट्टी द्वारा द्वारा लटका हुआ था वह कमरे में ही इधर उधर टहल रहा था

इधर सुनीता घर का काम हटाने के बाद वाह राजेश के कमरे की तरह चली जाती है राजेश किसी चीज की जरूरत तो नहीं है
सुनीता कमरे में आने के बाद देखता है कि राजेश इधर उधर टहल रहा है
Sunita-बेटा तुम आराम क्यों नहीं कर रहे इधर-उधर टहल क्यों रहे हो कुछ परेशान लग रहे हो क्या बात है
Rajesh-. कुछ नहीं मैं बस ऐसे ही

Sunita-नहीं बेटा कुछ तो बात है बताओ क्या परेशानी है
सुनीता बताने के लिए जिद करने लगी मां की जिद करने पर राजेश हकलाआते हुए कहां

Rajhesh - मां मुझे जोरो की पिशाब लगी है
और वह शर्म आने लगा सुनीता राजेश को शर्म आता देख राजेश से मुस्कुराते हुए कहा

sunita- बेटा इसमें शर्माने की क्या बात है मैं तुम्हारी मां हूं मुझसे शर्माने की जरूरत नहीं है कोई भी बात रहती है तो मुझे बता दिया करो चलो बाथरूम मे
दोस्तों अब आगे क्या होगा क्या होने वाला है कहानी में कॉमेंट्स में जरूर बताना
Nice story bro👏👏👏
 

Tiger 786

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दोस्तों पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था कि राजेश को जोरों से पेशाब लगी है उसकी मम्मी सुनीता उसे बाथरूम में जाने के लिए कहती है और साथ ही राजेश के पीछे पीछे सुनीता भी बाथरूम की ओर जाने लगती है

शेखर जब ड्यूटी पर जा रहा था उस समय वह सुनीता को इसके बारे में बताया था तुम्हें राजेश की मदद करनी होगी तब सुनीता ने कहादेखो जी यह मुझसे कैसे हो पाएगा अब राजेश छोटा नहीं है वह बड़ा हो गया है

राजेश ने कहा अब तुम्हें ही मदद करनी होगी तुम उसे छोटा बच्चा ही समझो क्योंकि मुझे ड्यूटी में जाना है घर में रहता तो मैं राजेश का मदद करता अब तुम ही उसकी मदद करनी होगी
सुनीता कहती है जी कोशिश करूंगी

साथ ही शेखर ने ने सुनीता को यह भी बताया था कि जब राजेश को पेशाब लगे तब तुम उसके लोअर और अंडरवियर थोड़ा नीचे कर देना फिर राजेश पेशाब कर लेगा

राजेश बाथरूम के अंदर चला पहुच गया पेशाब करने के लिए यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया सुनीता उसके पीछे खड़ी थी राजेश कुछ बोल नहीं रहा था सुनीता को कुछ अजीब सी लग रही थी पर उसे राजेश की मदद करनी थी तब सुनीता ने शेखर के बताए अनुसार राजेश के लोअर और अंडरवियर को पकड़ के कमर से थोड़ा नीचे किया

सुनीता इस समय राजेश के पीछे खड़ी थी और वह दोनों हाथों से कमर के आजू-बाजू लोअर को पकड़कर थोड़ा नीचे की उसे आभास हो गया कि राजेश कॉलिंग लोअर के बाहर आ गया है तब उसने राजेश से कहा बेटा तुम पेशाब कर लो पर राजेश ऐसे ही खड़ा था क्योंकि उसका लिंग लटका हुआ था अगर वह पेशाब करता तो पेशाब पॉट में न जाकर उसके लोअर में ही गिरता इसलिए वह वैसे ही खड़ा था सुनीता ने जब देखा कि राजेश पेशाब नहीं कर रहा है तो सुनीता राजेश से कहती है
बेटा खड़े क्यों हो पेशाब करो जल्दी
इधर राजेश कुछ कह नहीं पा रहा था राजेश को जोरों से पेशाब लगी थी उसे पेशाब रोक पाना अब संभव नहीं लग रहा था इसलिए वह पेशाब करना शुरू कर दिया जैसे ही राजेश पेशाब शुरू किया पेशाब यूरिनल पाट में ना जाकर उसके लोवर मे में ही गिरने लगा

राजेश पेशाब करना बंद कर दिया

इधर सुनीता को पेशाब गिरने की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी तो वह राजेश को फिर बोला बेटा पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो

राजेश ने कहा मां मेरा लो वर गंदा हो गया पेशाब मेरे लोवर में गिर गया
सुनीता राजेश की बात सुनती है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें

सुनीता राजेश से कहती है बेटा पहले कैसे पेशाब करते थे
राजेश चुप था राजेश को भी यह सब अच्छा नहीं लग रहा था
सुनीता फिर राजेश से पूछती है बेटा कुछ बताते क्यों नहीं

सुनीता के बार बार पूछने पर राजेश अपनी मम्मी से हकलाते हुए कहती है
मम्मी नन्नू को पकड़ना पड़ता है तब पेशाब यूरिनल पाट मे जाएगा

सुनीता क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था सुनीता का दिल धड़कने लगा था उसे बहुत गंदा फीलिंग हो रहा था वह सोचती है अब क्या करूं मुझे राजेश की मदद करनी पड़ेगी उसने जोरों की पेशाब लगी है पर मुझे उसके नन्नू को पकड़ना होगा हे भगवान अब मैं क्या करूं कुछ देर सोचती रहती है फिर वह अपने मन मे कहती है यहां पर और कोई है भी नहीं जो राजेश की मदद करें मुझे ही करना पड़ेगा और ना चाहते हुए वह अपने दाहिने हाथ को धीरे धीरे राजेश के लिंग की ओर आगे बढ़ाई

सुनीता राजेश के पीछे खड़ी थी वह लिंग को नहीं देख रही थी वह अपने ने हाथ धीरे धीरे लिंग की ओर बढ़ाने लगी उसका उसका हाथ कापने ने लगा दिल धक धक करने लगा उसका हाथ लिंग से टच हुआ

राजेश कॉलिंग जो लटका हुआ था उसे वह हाथों से हल्का पकड़ ली और उसे उठाकर सीधा कर ली

इधर राजेश को बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका दिल भी धड़क रहा था सुनीता राजेश से कहती है लो बेटा अब जल्दी पेशाब करो

राजेश अपने लिंग पर दबाव डालता है राजेश के लिंग से पेशाब निकल करें यूरिनल पाटमें जाने लगता है पेशाब करने की आवाज आने लगती है साथ ही पेशाब की गंध उड़ने लगती है आवाज सुनीता सुनती है उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रही थी

पेशाब की गंध सुनीता के नाक तक पहुंचती है सुनीता को अजीब सा लगने लगता है सुनीता का दिल जोरों से धड़क रहा था

इधर राजेश को भी अजीब लग रहा था उसे भी बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका भी दिल धड़क रहा था राजेश ने पेशाब करना बंद कर दिया

सुनीता राजेश से कहती है बेटा हो गयाक्या

तब राजेश अपने मां से कहती है हां मां हो गया

सुनीता राजेश के लिंग को थोड़ा हिलाती है ताकि पेशाब के बुंदे लोअर में ना गिरे बची हुई बुंदे भी यूरिनल पाट में चली जाए

राजेश को बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था और उसका दिल भी जोरों से धड़क रहा था

सुनीता राजेश के लिंग को छोड़ देती है और उसके लोवर को ऊपर उठा देती है
राजेश अपने मां से कहता है मालोवर गंदा हो गया है इस पर पेशाब लगी है इसको बदलना पड़ेगा

सुनीता कहती है ठीक है बेटा तुम्हारे पास और भी अंडरवियर और लोअर होगा इसे तुम बदल लो कहां रखते हो तुम अपने लोअर और अंडरवियर

राजेश ने कहा मां अलमारी में होगा

दोनों मां-बेटे बाथरूम से बाहर आ जाते हैं

राजेश पलंग किनारे बैठ जाता है सुनीता लोअर और अंडरवियर ढूंढने लगती हैं उसे अलमारी में लोअर और अंडरवियर मिल जाता है

सुनीता लोअर और अंडरवियर लेकर राजेश के पास आती है वह राजेश से कहती है बेटा यह रहा तुम्हारा लोअर और अंडरवियर और वह राजेश को खड़ा होने के लिए कहती है

राजेश का दिल फिर धड़कने लगता है सुनीता दोनों हाथों से राजेश के लोअर को पकड़कर नीचे खींचती है और लोअर को निकाल देती है

अब राजेश केवल अंडरवियर में था उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था
सुनीता को भी बहुत शर्म महसूस हो रही थी दोनों मां-बेटे अजीब से सिचुएशन में फंस गए थे

सुनीता ना चाहते हुए भी अपने बेटे के अंडर वियर को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी अंडर वियर नीचे होने पर राजेश कॉलिंग सुनीता के आंखों के सामने आ गया सुनीता उससे नजरें चुराने लगी फिर भी वाह उसे तिरछी नजरों से देखने लगी राजेश का लिंग इस समय लटका हुआ था

राजेश कालिंग काफी लंबा था उसका अंडकोष भी काफी बड़ा था उसके लिंग और अंडकोष पर काले काले बाल थे

सुनीता तुरंत अपनी नजरें हटा ली राजेश के अंडरवियर को हुआ पैरों से अलग कर बोली लो बेटा अब अंडरवियर को पहन लो

राजेश अंडरवियर पहनने के लिए अपने पैर को उठाया और अंडरवियर में पैर डाला
सुनीता अंडरवियर को राजेश के पैरों के ऊपर खींचने लगी
Superb update
 

Tiger 786

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सुनीता जैसे ही अंडरवियर को पैरों क् ऊपर की ओर खींची एक बार फिर राजेश का लिंग सुनीता के नजरों के सामने आ गया

सुनीता फिर से ना चाहते हुए भी उसे देखने लगी

राजेश कॉ लिंग काफी लंबा था एकदम गोरा था काले काले घने बालों से घिरा हुआ था वह इस समय लटका हुआ था

राजेश अपनी मां को अपने लिंग को देखते हुए पाया

उसे बहुत शर्म महसूस होने लगा

सुनीता राजेश की ओर देखा राजेश अपनी मां की और ही देख रहा था दोनों की नजरें मिली

सुनीता ने अपनी नजरें झुका ली और शर्म महसूस करने लगी सुनीता जल्दी से राजेश को लोअर पहना दी और निकाले हुए अंडर वियर और लोवर को उठाकर उसे धोने के लिए अपने साथ ले गई

जाते हुए वह राजेश से बोली ठीक है बेटा अब तुम आराम करो किसी चीज की कोई जरूरत हो तो मुझे आवाज देना

उसके मां के जाने के बाद राजेश सोचने लगा यह क्या हो गया उसे अभी भी शर्म महसूस हो रहा था

राजेश अभी तक अपने मां के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था और अभी जो हादसा हुआ उसे भी एक मजबूरी ही समझ रहा था

इधर सुनीता अपने रूम में जाकर थोड़ा आराम करने लगी और वह सोचने लगी हे भगवान यह क्या हो गया मुझे राजेश का लिंग को हाथ लगाना पड़ा और राजेश अभी मुझे उसके लिंग की ओर देखते हुए देख लिया वह बहुत ही गिल्टी फील कर रही थी

फिर वह सोचती है मैं उसकी मां हूं मैं मदद भी करूंगी तो और कौन करेगी औरयह सब सोंचते उसकी आंख लग गई कुछ समय के बाद उसकी आंख खुली फिर वह किचन में चले गई और खाना बनाने लगी

खाना बनाने के बाद वह खाना लेकर राजेश के कमरे की ओर चल दी
राजेश इस समय सो रहा था

सुनीता ने राजेश को आवाज देकर उठाई बेटा उठो खाना खा लो फिर तुम्हें दवाई भी खानी है

राजेश अपनी मां की आवाज सुनकर उठ जाता है सुनीता राजेश को खाना खिलाती हैं उसे पानी पिलाती है और उसे आराम करने के लिए कहती है

सुनीता कमरे से जाते समय राजेश से कहती है बेटा मै10 मिनट के बाद दवाई लेकर आऊंगी

सुनीता किचन में जाकर स्वयं खाना खाती हैउसके बाद फिर दवाई लेकर वहां राजेश के कमरे में आती है

सुनीता राजेश को दवाई खिलाकर कमरे से चली जाती है जाते हुए राजीव से कहती है कि बेटा किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे आवाज देना
सुनीता कमरे चली जाती है और वह अपने कमरे में जाकर आराम करने लगती है दोपहर 3:30 बजे उसकी नींद खुलती है नींद खुलने के बाद उसे राजेश की याद आती है उसे किसी चीज की जरूरत नहीं है

वह राजेश के कमरे की ओर चली जाती है इधर राजेश अपनी पलंग पर बैठा हुआ था सुनीता कमरे के अंदर आती है

राजेश से कहती है कैसे हो बेटे

राजेश कहता है ठीक हूं मम्मी

राजेश के शरीर में अभी भी दर्द था क्योंकि लड़कों ने उसे बुरी तरह से पीटा था वह दर्द अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था

सुनीता राजेश से पूछती है शरीर का दर्द कम हुआ

राजेश कहता है पहले से थोड़ा कम हुआ ना राजेश को इसमें भी पेशाब लग लग रहा था उसे पेशाब करने जाना था पर वह मां को कह नहीं पा रहा था सुनीता राजेश से कहती है ठीक है बेटा कुछ काम हो तो मुझे बताना अब मैं जा रही हूं घर के काम करने हैं हरवा कमरे से जाने लगी ठीक उसी समय राजेश ने अपने मां को आवाज दी मां सुनीता अपने को पुकारते हुए सुनकर रुक गई और बोली क्या है बेटा कुछ काम था क्या राजेश ने हक लाते हुए कहा ना वह पेशाब आ रही सुनीता आया सुनकर उसके पास आती है और कहती है बेटा इसमें शर्माते क्या पहले बताना था चलो बाथरूम में राजेश बाथरूम में चला गया उसके साथ सुनीता भी उसके पीछे-पीछे चली गई राजेश वीर नल पाठ के सामने खड़ा हो गया सुनीता अब जानती थी कि उसे क्या करना है वाह राजेश के पीछे खड़ी हो गई और दोनों हाथों से उसके लोगों और अंडरवियर को नीचे किसका दी इस समय राजेश का दिल जोरों से धड़क रहा था इधर सुनीता का भी यही हाल था सर्व कुछ कम हो गया था सुनीता अपने दाएं हाथ राजू के लिंग की ओर ले गई और वह राजू के लिंग को अपने दाएं हाथ से अच्छे से पकड़ ली लिंग अभी भी लटका हुआ था सुनीता उसे अपने हाथों से पकड़ कर सीधा कर ली और और राजेश से बोली लो बेटा अब पेशाब करो सुनीता राजीव के लिंग को अच्छे से पकड़ी थी और सावधानी भी रख रही थे कहीं पेशाब लो वरना गिर जाए और वह लिंग को पीछे से देखने लगी राजू अपने लिंग पर दबाव डाला पेशाब की तेज धार यूरिनल पोट फॉर जाने लगा पेशाब के गिरने की आवाज आने लगी इधर सुनीता राजू के लिंग को ही देख रही थी और पेशाब कहीं इधर-उधर ना गिरने लगे अच्छे से पकड़े हुई थी इस समय सुनीता को बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था राजू राजेश की पेशाब की गन सुनीता के नाक तक पहुंची उसे अजीत सा महसूस होने लगा राजेश ने पेशाब करना बंद कर दिया राजेश ने मां से कहा हां हो गया तब सुनीता ने राजू के लिंग पर थोड़ा दबाव बनाया और लिंक को दबाकर थोड़ा आगे पीछे किया उसे ही माया ताकि पेशाब के बुंदे लिंग के अंदर हो हुआ अभी बाहर आ जाए उसके बाद युवकों अंडर वियर को ऊपर खींच दी और दोनों मां-बेटे बाथरूम से से बाहर आ गए इस बार दोनों को इतना ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुआ सुनीता राजू से गोली ठीक है बेटा अब मैं चलती हूं और कुछ काम हो तो बताना राजेश ने कहा ठीक है मां
Nice update
 

Ajju Landwalia

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अपनी मां कमला को चंदन पहली बार पुरी तरह नंगी करके चोद रहा था। कमला घोड़ी बनी थीं और चंदन पीछे खड़े होकर दनादन अपना land कमला के chut me पेले जा रहा था।

अपनी मां की गोरे गोरे बड़ी बड़ी चिकनी कूल्हे को देखकर, चंदन बावरा हो गया वह अपनी मां के चूतड को चूमने चाटने लगा।

कमला _शर्माते एवमसिसकते हुवे बोली, बेटे ये क्या कर रहा है।

चंदन _मां तुम्हारी चूतड कितनी खूबसूरत है। पीछे से चोदने में बड़ा मजा आ रहा है।

और चंदन आपनी मां के चूतड सहलाते हुए जोर जोर से चोदने लगा।

मां बेटे दोनो ही दिन दुनिया से बेखबर किसी दुसरे लोक की सैर कर रहे थे। संभोग के चरम सुख को प्राप्त कर रहे थे।

कमला अपने चूतड को चंदन के land से सटा सटा कर उसका पूरा सहयोग दे रही थी। कमरे में थप थप, कमला की चूड़ी की खन खन खनकने की आवाज़ और कमला की सिसकने की आवाज़ गूंज रहा था। जिससे कमरे का माहौल एक दम गर्म हो गया था।

कमला के योनि से रस झरने की तरह बह रहा था।land उसके योनि में गप अंदर बाहर हो रहा था।

चंदन _आह मां chudai में बडा मजा आ रहा है। अब तो मैं तुम्हे रोज ही चोदूंगा । बोलो मां रोज चोदने दोगी न मुझे।
चंदन जोर जोर से चोदते हुए बोला
मां बोलो न क्या तुम्हे मजा नही आ रहा है,,
मुझे रोज चोदने दोगी ना, रोज मेरे कमरे में आओगी न चुदाने बोलो।

कमला स्वर्ग में थी वह सिसकते हुवे बोली। तुम जब भी बुलाओगी आऊंगी बेटा,, आह,ऊ, उई मां,, आह आह ऊ ह आह,, तू बडा मस्त चोदता है re, तेरे बाप से ऐसा सुख मुझे कभी नही मिला।

कमला आंखें बंद कर chudai का मज़ा ले रही थी।

चंदन _ले मां,ले और मजा ले,ले खा मेरा land
ऐसा बोल बोलकर, दोनो chudai ka मजा लेने लगे।

पर कुछ ही देर बाद दोनो अपने चरम अवस्था में पहुंच गए। चंदन अपने मां की क़मर को अपने land se जोर से सटा लिया और झड़ने लगा ढेर सारा गाड़ा गाड़ा वीर्य अपने मां की योनि में भरने लगा, आह मां आह, आह मां, करके कराहने की आवाज़ से कमरा गूंजने लगा।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता अनुभव कर कमला का शरीर कपकापने लगा और वह भी झड़ने लगी।

चंदन कुछ देर बाद अपना land अपनी मां की योनि से बाहर निकाला वीर्य कमला के योनि से बाहर बहने लगा लगा।

चंदन और कमला जबरदस्त chudai से थक चुके थे दोनो पलंग पर लेट कर सुस्ताने लगे।

कुछ समय बाद जब कमला होस में आई और देखी की वह अपने बेटे के सामने बिल्कुल नंगी है वह शर्म से गड़ गई तुरंत बेड से उठी और अपनी पेटिकोट पहनने लगी।

इधर जब कमला अपने कपड़े पहनने लगी तो चंदन की नज़र उसके चूतड पर गया जिसे देखकर उसके land में फिर तनाव आने लगा।

इधर कमला अपने ब्लाउज पहनने लगी।

चंदन का फिर से खड़ा हो गया था वह अपने मां को वस्त्र पहनता देख। अपने land सहलाने लगा।

जब साड़ी पहनने के लिऐ चंदन की ओर मुड़ी तब कमला की नज़र चंदन के land पर पड़ी। इस वक्त चंदन अपने मां को देख रहा था और अपना land सहला रहा था। उसका land पूरी तरह तना हुवा था। जिसे देखकर कमला मुस्कुराने लगी।
चंदन _मां देखो न ये तो फिर से खड़ा हो गया। आओ न एक बार और करते हैं।

कमला _, मुस्कुराते हुए बोली, न बाबा ना बहुत देर हो गई है। तुमारा तो हमेशा खड़ा ही रहता है।

चंदन _मां आओ न एक बार फिर मजा लेते है। देखो ना कितना लंबा मोटा हो गया है।

कमला अपनी साड़ी पहन चुकी थी। वह पलंग किनारे बैठे गई और चंदन से बोली।

कमला _अब तुम अपने मन पर काबू रखना सीखो जब देखो खड़ा ही कर लेता है। वह चंदन के land को हाथो में लेकर सहलाते हुए बोली अब जो भी करना है कल कर लेना। ऐसा कह कर वह शर्माते हुवे कमरे से बाहर चली गई। और दरवाजा बन्द कर दी।

चंदन अपना land सहलाते लेटा रहा कुछ देर बाद।
कमरे में किसी की आने की आहट हुई चंदन ने देखा।

चंदा ने दरवाजा धकेलकर कमरे के अन्दर आ गई और चंदन, चंदा को देखकर चौकते हुवे बोला दीदी तुम।

चंदा _मुसकुराते हुवे बोली, लगता है मां बेटा दोनो मिलकर chudai का खूब मज़ा लिए हो। मां कैसे चीख एवम सिसक रही थी।

चंदन _दीदी तुम यहां, तुम तो सोई थी।

चंदा _मुझे पेशाब लगी थी तो मैं मूतने उठी थी, बाथरूम जाते समय तुम्हारे कमरे से सिसकने की आवाज़ सुनाई दी तब मुझे पता चला की यहां मां बेटा अपनी राते रंगीन करने में लगे हुए है।

खाफी देर तक चला है re तुम दोनो का खेल।

इस समय चन्दन अपने शरीर के उपर चादर डाल लिया था। अंदर उसका land अभी भी तना huwa था।

चंदन _दीदी तुम मां को ये कभी मत बोलना की हम दोनो को chudai करते हुए देखा है नही तो मां मेरे पास फिर नही आयेगी।

कमला _मुसकुराते हुए बोली, ठीक है पर एक शर्त पर तुम्हे भी मेरी प्यास बुझाना पड़ेगा।

कमला अपनी chut सहलाते हुए बोली तुम दोनो की chudai ka आहट पाकर निगोडी कब से पानी छोड़ रही है। मुझे परेशान करके रखी है।

चंदन _दीदी मैने कब मना किया है तुम्हे मां के जाने के बाद तुम आ जाना मेरे कमरे मे। तुम्हारे इस chut की प्यास बुझा दूंगा, ऐसा कह कर वह चंदा की chut को कपड़े के उपर से सहलाने लगा।

चंदा सिसक उठी।

चंदा भी चादर के उपर से चंदन के land का मुआयना करने लगी।

चंदा _हाय दईया, तुम्हारा तो अभी भी खड़ा है re
मां ने तुम्हारा पानी नहीं झाड़ा है क्या?

चंदन _नही दीदी ऐसी बात नहीं है। मां तो आज जमकर chudi है मुझसे और खूब मज़ा दी है मुझे।

उसी पल को याद कर फिर से खड़ा हो गया है।

चंदा_हां भाई, नया नया जोश है। चल अब मेरी प्यास बुझा दे।

चंदा ने चादर को खीच दिया। चंदन इस समय नंगा था। उसके land ko हाथ में लेकर चंदा खेलने लगी।

चंदा की chut तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी उससे रहा ना गया दोनो ही chudai के लिए तैयार थे।

चंदा अपनी चड्डी निकाल दी और बेड पर चढ़ गई और अपनेपेटिकोट साड़ी उठाकर चंदन के कमरे पर बैठ गई।

चंदन का land उसके chut को छू रहा था।

चंदन ने चंदा को अपनी ओर झुका कर उसके चूची को ब्लाउज की उपर से ही मसलने लगा। चंदा अपने ब्लाउज को खोल दी। उसे अपने शरीर से अलग कर दी।

चंदा के सुडौल स्तन को अपने हाथ में लेकर उसका मर्दन करने लगा उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा। मसल मसल कर उसके दूध निकाल कर।

उसके दूध पीने लगा, जिससे चंदा और बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। उससे रहा ना गया और वह चंदन के land को अपने हांथ से पकड़कर उसे अपने chut के छेद पर रख कर धीरे धीरे उस पर बैठने लगी।land उसके chut में समा गया।

फिर चंदा land पर उछल उछल कर chudne लगी। कमरे का माहौल फिर एक बार गर्म हो गया। कमरे में फिर से एक औरत की सिसकने आवास गूंजने लगी। कुछ देर तक इसी पोजीशन में chudne के बाद चंदा land के उपर से उठी और और पीछे घूमकर land के उपर बैठ गई। और क़मर उछाल उछाल कर chudne लगी। चंदन भी अब जोश में आ गया था और चंदा की क़मर को अपने दोनो हाथों से पकड़कर अपने लन्ड में पटक पटक कर चोदने लगा।

Land सीधा chut को दीवारों को जकड़ कर कसा कसा हुआ अंदर बहार आ जा रहा था इस आसन में चंदन को खूब मजा आ रहा था।

वह जोश में आकर चंदा को जोर जोर से चोदने लगा।

चंदा को लगा की इस आसन में और chudi तो land बच्चा दानी को फाड़ देगा और बच्चा अभी बाहर आ जायेगा।

कमला _चंदन रूको रि, कितना जोर जोर से धक्का लगा रहा है। इस आसन में इतना धक्का ठीक नहीं मेरा बच्चादानी फट जायेगा।

चंदन _ chudai रोकते हुए कहा,माफ करना दीदी, मै खाफी जोश में आ गया था।

चंदा अब land से उठी land chut से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया अब चंदा घोड़ी बन गई।

चंदन से बोली _ले अब इस आसन में मार ले chut जितना मारना है ये ज्यादा सुरक्षित हैं।

चंदन उसके पीछे आ गया और चंदा के chut के छेद में अपना लन्ड सेट कर gach से पेल दिया।land एक ही बार में सरसरता huwa अन्दर जा घुसा, इस आसन में चंदन ने चंदन की chut की जमकर कुटाई किया। चंदा बर्दास्त न कर सकी और झड़ गई जबकि चंदा अपनी मां को एक बार चोदकर झड़ चुका था। वह अभी जल्दी झड़ने वाला नही था।

अतः वह आसनों को बदल बदल कर चंदा को चोदता रहा जब तक वह झड़ा नहीं। चंदा दो बार झड़ी थी उसका chut की प्यास बुझ चुकी थी।

कुछ देर रुककर चंदा अपने कमरे मे सोने चली गई।

चंदन का land भी अब ढीला पड़ चुका था। उसे भी शीघ्र नींद आ गई। मां बेटे और बहन तीनो चैन की नींद में सो गए।

इस तरह तीनो अपनी प्यास बुझाने लगे कुछ दिन बाद चंदा ने एक सुंदर स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया उसका पति कुछ दिन बाद चंदा को अपने साथ ले गया।

अब चंदन और कमला, खुलकर खेलने लगे क्यू की कमला को अब किसी के देख लेने की चिंता या डर नहीं था।

1साल बाद चंदन की शादी चम्पा से हो गया, वे दोनो सतर्क रहकर chudai करने लगे। उनके बीच चंपा के आ जाने के बाद chudai बहुत कम हो गया क्यों की उन्हें मौका कम मिलने लगा पर जब चंपा पेट से थी तो चंपा को ने chudai karana बहुत कम कर दिया जिससे चंदन अपनी प्यास अपनी मां से बुझाना शुरू कर दिया।

दोनो के बीच फिर आय दिन chudai होने लगा। इसी बीच एक दिन मां बेटो को chudai करते देख लिया पर यह बात लोकलाज के डर से किसी को बताई नही क्यों की किसी को बताती हैं तो उसके ही घर की बदनामी होनी थी और वह मां भी बनने वाली थीं। ऐसी हालत में वह कहीं जा भी नही सकती थीं इसलिए इस हालात से चंपा ने समझौता कर लिया।

भगत ने राजेश से कहा तो यह कहानी थी चंपा और उनके बेटे चंदन के बीच नाजायज संबंध बनने की।

कहानी सुनने के बाद मेरा उस घर में आना जाना बड़ गया और मैने भी चंपा से सहमति लेकर उसकी सास कमला के शरीर को जी भर कर भोगा।

कमला ही वह पहली औरत थी जिसका मैने पहली बार गाड़ मारा था। और आज भी जब गांव जाता हू तो चंपा और कमला का जमकर लेता हूं।

भगत ने राजेश से कहा _ राजेश भाई तुम मेरे साथ एकात बार गांव क्यू नही चलते दोनो मिलकर मारेंगे कमला और चंपा की।

राजेश_यार स्टोरी तो काफ़ी हॉ, इंटरेस्टिंग और मजेदार था। एक बार तो जरूर जाना पड़ेगा। चंपा, चंदा और चंपा को चखने।

स्टोरी सुनकर राजेश का land तनकर खड़ा हो गया था उसे chudai ka तीव्र इच्छा हो रहा था उसका land उसके पेंट में बुरी तरह अकड़ा huwa था।

उसने अपना मोबाइल देखा, 4से ज्यादा बज चुका था।
राजेश _यार काफ़ी देर हो गई है कालेज में भी छुट्टी हो चुकी होगी अब मैं घर निकलता हू।

भगत _भाई तुम कहो तो कौशिया मां जी को बुला लाऊं। अब यहां आए हो तो गदराई boor का मजा ले लो वो तो तुम्हारे आने का कब से इंतजार कर रही थी।

राजेश _आज नही यार फिर कभी। अभी मुझे जाना होगा।

राजेश अपना बाइक लेकर वहा से निकल गया। रास्ते में उसने अपना मोबाइल देखा सुमन का कई बार मिस कॉल आया था। उसने सुमन को कॉल किया।

सुमन इस समय कॉलेज से घर जा चुकी थीं और वह राजेश को लेकर काफ़ी चिंतित थी राजेश उसका कॉल क्यों नहीं उठा रहा।

जब उसने देखा राजेश का कॉल है वह खुश हो गई।

सुमन _राजेश तुम कहा थे, मैंने तुम्हे कितना कॉल किया? उठाए क्यू नही।

राजेश _जान सॉरी, मै भगत के साथ था , कुछ काम था।

सुमन _जानते हो मै कितनी चिंतित एवम परेशान हो गई थी। कही कल की घटनाओं के कारण तो ये सब नहीं है।

राजेश _नही जान, ऐसा कुछ बात नही है। तुम खमोखा परेशान हो रही थीं।

सुमन _अछा सुनो, तुम आज घरआ रहें हो ना ।

भगत की कहानी सुनकर राजेश को chudai करने की तीव्र इच्छा हो रहा था। वह भी सुमन को भोगना चाहता था घर जायेगा तो वह मां का सामना अभी नही कर ना चाहता था।

इसलिए वह घर न जाकर सुमन के घर जाने का मन बनाया।

वह सुमन से बोला _डार्लिंग मै अभी तुम्हारे घर आ रहा हूं मैं भी तुमसे मिलने तड़प रहा हूं।

सुमन _सच तुम अभी आ रहे हो,,
राजेशा _हा यार अभी आ रहा,,

सुमन बहुत खुश हो गई।

सुमन _अच्छा सुनो नाश्ता में कुछ बना दू। क्या खाओगे।

राजेश _नाश्ता को छोड़ो डियर दूध से काम चला लेंगे।
सुमन समझ गया की राजेश किस दूध की बात कर रहा है वह शर्माते हुवे बोलो।

धत पागल।

तुम जल्दी आओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रही।

राजेश _बस मै अभी पहुंचा।

सुमन बहुंत खुश थीं की राजेश आ रहा है। वह अपने काम वाली को छुट्टी देदी।

इस समय वह सलवार शूट में थी जो कॉलेज पहनकर गई थी।

अब वह सलवार सूट निकालकर वह कल वाली शादी का ड्रेस लहंगा चोली पहन ली और चुनरी ओढ़ ली। क्यू की उसे पता था कि राजेश को यह ड्रेस बहुंत पसंद आया था। इसे ड्रेस में देखकर वह काबू में नहीं रह पाएगा। वहा ड्रेस पहनकर सोफे में बैठकर राजेश का आने का इंतजार करने लगी।

राजेश सुबह से कुछ खाया नही था। उसका जिस्म के भूख के साथ साथ पेट का भूख भी बड़ी हुईं थी।

उसने सोचा कीखाली पेट chudaiमें मजा नही आयेगा क्यों न पहले पेट का भूख मिटा लू। और चौपाटी पर गाड़ी रोकी। वहा काफ़ी भीड़ थी।

फिर उसने सोचा नहीं बाहर कुछ खाना ठीक नहीं मैडम के हाथो से बना आमलेट उसी के हाथों से खाऊंगा तो ज्यादा मजा आयेगा।

और फ़िर वह सीधे गाड़ी को सुमन के घर की ओर आगे बढा दिया।


Bahut hi shandar update he rajesh bhagat Bhai,

Keep posting
 
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