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Incest यह क्या हुआ

DB Singh

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Mast kahaani hai.. Ek sawaal toh kya sangeeta bhi kahin Jane anjaane me pregnant hone wali hai?... Qki fertile period me hi Rajesh ne maa ke sath sex kiya tha...
 

Premkumar65

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रात में जब चंदन दुकान बन्द करने वाला था। तभी कमला दुकान में पहुंची, और दुकान में कुछ ढूंढने लगी। चंदन ने अपने मां से पूछा मां क्या ढूंढ रही हो?

कमला को चंदन के सामने जाने उनसे बात चीत करने में शर्म तो महसूस हो रही थी फिर भी किसी तरह वह चंदन से बोली, बेटा रेजर कहा है? दिख नही रहा।

रेजर शब्द सुनते ही चंदन के शरीर में एक करेंट सा लगा। वह जान रहा था कि उसकी मां रेजर का क्या करेगी? उसके शरीर के नशों में खून का रफ्तार बड़ गया।

वह अपने मां से बोला रेजर वहा पर रखा हैं मां।

चंदन खुद ही रेजर निकालकर अपनी मां को देने लगा। कमला इस समय शर्म से गड़ी जा रही थी वह अपने सिर को नीचे झुका ली थी।

जैसे ही कमला जाने को हुई तो चंदन ने अपने मां से कहा, मां मां बालो की सफाई के लिए आजकल महिलाएं रेजर का उपयोग नहीं करती कई प्रकार की क्रीम आती है जिससे आजकल महिलाएं उपयोग करती है। हमारे गांव की कई महिलाएं दुकान से क्रीम ले जाती है। रेजर से कटने का डर रहता है।

चंदन दूकान से क्रीम निकालकर अपनी मां को देते हुए कहा मां, इसका उपयोग करके देखो एक बार। कमला शर्म से गड़ी जा रही थी। वह किसी तरह चंदन के हाथों से क्रीम ली और तेजी से वहा से वापस चली गईं।

रात मे खाना खा लेने के बाद जब सभी सोने चले गए तब कमला क्रीम लेकर चंपा के रुम में पहुंच गई।

अपनी मां को अपने कमरे मे देखकर चंपा बोली। मां कुछ काम था क्या?

कमला _ कमला शर्माते हुवे बोली।बेटी मुझे कुछ पूछना था।

चंपा _मां मुझसे क्या शर्माना पूछो क्या पूछना है?

कमला _बेटी मै चंदन से ये रेजर लेने गई थी तो उसने मुझे ये क्रीम थमा दिया और बोला की आजकल की महिलाएं क्रीम से बाल साफ़ करती हैं। मैने तो कभी इसका उपयोग किया नहीं इसलिए तुमसे पूछने चली आई की इसका उपयोग कैसे करना है? वह शर्म से पानी पानी हो रही थी।

चम्पा _ ये हुई ना बात। पर चंदन दुकान में ऐसा क्रीम भी रखता है मुझे तो पता ही नहीं था।

कमला _अरे मुझे भी कहा मालूम था की इस क्रीम का उपयोग बाल साफ़ करने के लिए करते हैं मैं तो इसे चेहरे पर लगाने वाला क्रीम समझती थी।

कमला लजाते हुवे बोली।

चंपा _मां इसे उपयोग करना बहुत आसान है।

चंपा ने अपनी मां को अच्छेसे समझा दिया की क्रीम का उपयोग कैसे करना है? और अपने मां से बोली मां तुम लगा लोगी तो मुझे भी देना। और हसने लगी।

कमला _क्यू तू लगा कर किसको दिखाएगी। दामाद जी तो है नही। मुझे तो तुम पर भरोसा नहीं है कही अपने ही भाई से अपना मुंह काला न करा बैठो। कलमुही कही की।

चंपा _ऐसा हो भी सकता है, जब तुम दिखा सकती हो तो मैं क्यू नही। और चंपा हसने लगी।

कमला _छी कितनी बिगड़ गई है तू। अपने छोटे भाई को अपना boor दिखाएगी निर्लज। देखा था सुबह कैसे अपने भाई से अपनी चूची मसलवा रही थी।

चंपा _वो तो मैं तुम्हारी मदद के लिए कर रही थी। चंपा यह बोलकर हसने लगी।

कमला _अब मै जा रही हूं। और तुम भी सुबह जल्दी उठ जाना।

चंपा _क्यू मां अभी भी मेरी जरूरत नहीं है।

कमला _मै तुम्हारी तरह बेशरम नही कि अपने बेटे के रुम में जाकर बोलूं बेटा मेरा सुद्धिकरण का समय हो गया है। तुम उठ जाना सुबह जल्दी।

चम्पा _ठीक है मां।

अगले दिन सुबह कमला जल्दी उठ गई और बाथरूम में जाकर क्रीम से अपने झांटों की सफाई कर ली। अपने चमकते फुली हुई चिकनी chut को देखकर खुद ही शर्मा गई। पता नही चंदन देखने के बाद क्या रिएक्ट करेगा।

उसके बाद वह चम्पा के रुम में गई और उसे उठा कर दोनो चंदन के रुम मे पहुंच गए।

चंदन तो रात भर ठीक से सोया नहीं था उसे बार बार शुद्धिकरण करने में मिलने वाले मजा याद आ रहा था जिससे उसके धोती में land तना हुवा था।

जब कमला और चंपा दोनो रुम में पहुंचीं तो चंदन का दिल का धड़कन बढ़ गया।

चंपा _चंदन को छेड़ते हुवे कहा अरे चंदनतू तो पहलेसे जगा huwa है । लगता है तू रात भर सोया है कि नही मां का शुद्धिकरण करने बडा उतावला लग रहा है। और वह हसने लगी।

चंदन _ शर्माते हुवे,, नही दीदी ऐसी कोई बात नहीं।

चम्पा _हू, मै सब समझती हूं,,,,, और वह हसने लगी।
फिर बोली मां तुम बेड के किनारे लेट जाओ।

कमला बेड के किनारे पीठ के बल लेट गई।

चंपा _अब देख क्या रहा है चंदन, निकाल अपना धोती और लंगोट। चम्पा मुस्कुराते हुए बोली।

चंपा के कहने पर चंदन अपना धोती और लंगोट निकालने लगा। आज चंदन कल जैसा घबराया हुवा नही था। बल्की आज वह पहले से ही बड़े जोश में था यह सोचकर की कल सुबह की तरह आज भी उसे खूब मजा मिलने वाला है। उसका land फूलकर पहले ही लंबा और मोटा हो गया था। जोश के कारण शर्म भी गायब हो गया था वह सीधा धोती और लंगोट निकालकर नंगा हो गया। उसका land हवा में लहराने लगा।

चंपा _हाय दिया, आज तेरा तो पहले से ही खडा है re, मुझे तो आज अपनी दूदू दिखाने की ज़रूरत ही नहीं। देखो तो कैसा हवा में ठुमक रहा है। आज तो तू पहले ही तैयार है। मैने कहा था न कि तू आज मां का शुद्धिकरण करने उतावला लग रहा। चंपा हसने लगी,,,,

चंपा_मां आज चंदन तो पहले से ही तैयार है। चलो अब तुम भी अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे चौड़ी करो। चंदन से रहा नहीं जा रहा। और वह हसने लगी,,

कमला _चुप बेशर्म कही की। कुछ भी बोलती है।

कमला अपनी साड़ी और पेटिकोट ऊपर करके अपनी टांगे खोल कर शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली।

चम्पा _कमला की चिकनी boor देखकर बोली, हाय दईया, अम्मा तुम्हारी बुरिया तो आज कितनी चिकनी और फुल्ली हुई लग रही है। आज तो चंदन को खूब

मजा आने वाला है शुद्धिकरण में।

कमला शर्म से गड़ी जा रही थी।

इधर चंदन ने अपनी मां की फुली हुई चिकनी chut देखा तोबावरा सा हो गया। उसका land लोहे की रॉड की तरह हो गया। जिसे देखकर चंपा बोली। हाय दईया

देखो तो कैसे बिल को देखकर साप फुपकारी मार रहा है । अब देख क्या रहा है शुरू कर अपना काम।

चंदन अब अपने मां के टांगों के बीच आ गया और अपने land को पकड़कर अपनी मां के boor के छेद में रख दिया।
तभी चंपा ने अपने हाथो के उंगलियों से chut की फांकों को फ़ैला दी और बोली लगा धका।

चंदन ने एक जोर का धक्का boor पे मारा land boor को चीरता हुआ आधा से ज्यादा अंदर चला गया। कमला के मुंह से एक दबी हुई चीख निकल गई।

चंपा मुस्कुराते हुए बोली अब अंदर बाहर कर।

चंदन land को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया।

Land boor में अंदर बाहर होने से कमला धीरे धीरे गर्म होने लगी और उसके boor से पानी निकलने लगी जिससे land चिकना हो गया और पूरा land boor me समा गया।

तभी चंदन ने अपनी दीदी के ब्लाउज की ओर देखा उसके कबूतर आज पिंजरे मे कैद था। वह ब्लाउज के उपर से ही चंपा की चूची को मसलने लगा। चंपा भी गर्म हो गई थी। वह अपने ब्लाउज को खोल कर चूची बाहर निकाल ली।

चंपा की सुडौल दूध से भरे बड़ी बड़ी चूची देखकर चंदन और जोश में आ गया और land को तेजी से chut में अंदर बाहर करने लगा।

चंदन चंपा की चूची को चुसने एवम मसलते हुवे land को कमला के boor me गपागप अन्दर बाहर करने लगा। जिससे कमला को स्वर्गीय आनंद आने लगा और वह अपने हाथो से भगत के क़मर को पकड़कर उसका सहयोग करने लगी।

चंपा भी बहुत गर्म हो गई थी। चंपा भी अपने उंगलियों से साड़ी के उपर से ही अपने boor को रगड़ने लगी।
इधर कमला न चाहते हुवे भी झड़ने की स्थिति में आ गई। वह जन्नत में पहुंच गई थी। इधर चंदन भी पूरे जोश में कमला का chut मारने लगा उसका land कमला के boor ras से पुरी तरह भीग गया था। और फैच फच्च की आवाज़ करता huwa land boor me अंदर बाहर हो रहा था। कमरे में मां बेटी की कामुक सितकारे गूंज रही थी।

कमला से बर्दास्त करना muskil हो गया और वह चंदन को को जकड़ कर झड़ने लगी।

इधर चंदन chudai थोड़ा बन्द कर अपने बहन चंपा के ओंठो को चूसना सुरू कर दिया, चंपा को इसकी उम्मीद नहीं थी अचानक से हुवे इस हमले से वह शर्मा गई। एक हाथ से अपने चूची मसलते हुए। चंदन चंपा की कभी ओंठ तो कभी उसके दुदू चुसने लगा जिससे चंपा का शरीर कपकापने लगा।

चंदन काफ़ी जोश में था अब फिर वह कमला के chut me धीरे धीरे land अंदर बाहर करने लगा। और फिर अपना स्पीड बड़ाने लगा जिससे कमला फिर गर्म होने लगी। अब चंदन पूरे जोश में आकर कमला की chudai करने लगा। कमला फिर जन्नत में पहुंच गई उसका chut se रस बहकर चंदन के अंडकोष से टपकने लगा अब चंदन अपने को रोक पाने में असमर्थ था और वह कमला के दोनो कमर को अपने हाथो से पकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा और अपने क़मर से सटाकर आह आह आह कर के कराहते हुवे झरने लगा।

उसके land से वीर्य की लंबी लम्बी पिचकारी निकलकर कमला के गर्भाशय का शुद्धिकरण करने लगा। गर्भाशय पर वीर्य का अहसास पाते ही कमला खुद को न रोक सकी और चंदन को जकड़ कर फिर एक बार झड़ गई इधर चंपा भी झड़ चुकी थी।

हवस का तूफान जाने के बाद तीनों बेड पर लेट कर कुछ समय सुस्ताने लगे।
bahut hi mast Sudhikaran chal raha hai.
 

Enjoywuth

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Bahut badhiya update..

Kahnai maa se suru hui aur ab maa hi gayab se hogayi
 

Premkumar65

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इधर चंदा अपनी मां की आने का इंतजार कर रही थी जब कमला उसके कमरे मे नही आई तब वह खुद ही अपने कमरे से बाहर निकलकर अपने मां को ढूंढने लगी। उसकी मां जब कही नही नज़र आई तब वह चंदन के कमरे की ओर गई कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था तो वह दरवाजे पर कान लगाकर सुनने की कोशिश करने लगी।

उसे उसके मैं की सिसकने की आवाज़ सुनाई पड़ी तो वह समझ गया की मां आज चंदन के कमरे में अकेली ही गई है और चंदन से chud रही है। उसकी मां की सिसकारी सुनकर वह भी काफ़ी गर्म हो गई और अपने उंगली से अपनी chut सहलाने लगी जब अंदर सिसकारी आना बन्द huwa तब वह समझ गई की चंदन झड़ गया है। अब मैं कभी भी बाहर आ सकती है अतः वह अपने कमरे मे जाकर अपने मां का बाहर आने का इंतजार करने लगी।

जब कमला कमरे से निकलकर कर नहाने बाथरूम में चली गईं। तब चंदा चंदन के कमरे में चली गई।

चंदा _क्यू रि आज तो अपनी बहन के बगैर ही मां का शुद्धिकरण करण कर लिया। अब तुम्हे अपनी दीदी की j जरूरत नहीं है क्या?

चंदन _नही दीदी ऐसी बात नहीं है मां कह रही थी तुम सो रही थी। तो तुम्हे रोज रोज उन्हें परेशान करना उचित नहीं लगा।

चंदा _हा भई, मां की chut मिलते ही बहन की दुदू भूल गए।

चंदन _दीदी मै तुम्हारे दुदू कैसे भुल सकता हूं। कितने मस्त है आपके दूदू इसमें तो दूध भी भरा huwa hai इसे पीकर chut मारने का अलग ही मजा है।

और चंदन चंदा की दुदू को ब्लाउज के उपर से ही मसलने लगा। इस समय चन्दन नंगा ही बेड पर लेटा था और चंदा उसके पास बैठी थी।

चंदा _बस कर, अब मुझे और न बना। लगता है तुम आज मां के दुदू से खेलो हो।

चंदन मुस्कुराने लगा।
चंदा अपने ब्लाउज के बटन को खोल कर चूची बाहर निकाल दिया।

चंदा _क्या मां के चूची मेरे ज्यादा अच्छे है जो इसे भूल गया।

चंदन अपनी दीदी के मम्मे को मसलते हुवे कहा। नही दीदी तुम्हारे दुदू में तो दुध भरा है न मां के में नही तो तुम्हारा मसलकर चुसने में ज्यादा मज़ा आता है।

ऐसा कहते हुवे चंदन, चंदा की दुदू को मसलकर पीने लगा। दीदी कितना मीठा है आपका दूध।

चंदा की बड़ी बड़ी दूध से भरी चूची को मसलने awam चुसने से चंदा गर्म हो गई और चंदन भी जोश में आ गया और उसका land तनकर फिर से खड़ा हो गया।

चंदा _हाय दईया तुम्हारा तो फिर से खड़ा हो गया रि, क्या मां का शुद्धिकरण करने से तुम्हरा मन नहीं भरा है।

ऐसा बोलकर चंदा, चंदन के land को अपने हाथो में लेकर सहलाने लगा।

चंदा _दीदी ये तो तुम्हारे दूध से भरे दुदू का कमाल है।

चंदा _ क्या तुम्हे फिर से करने का मन कर रहा है क्या?

चंदा _दीदी मां फिर से थोड़े ही देगी।


चंदा _मुझे चोदेगा?

चंदन _दीदी ये क्या कह रही हो? तुम तो अभी पेट से हो, बच्चे को कुछ हो गया तो।

चंदा _अरे नही re थोड़ा सावधानी से करे तो कुछ नहीं होगा। मैने और तुम्हारे जीजा ने पहला बच्चा के समय बच्चा पैदा करने तक मजे लिए।

चंदन _सच दीदी मै तोअब तककुछ करनेसे डररहा था। तुम्हारा पेट इतना बड़ा हो गया है।कुछ करने से कही बच्चा को नुकसान न हो जाए।

चंदन से रहा न गया और वह चंदा के ओंठ चुसने लगा।

चंदाभी चंदन का सहयोग करने लगी और एक हाथ से उसके land सहला रही थी ।

चंदन का land तनकर लोहे के रॉड की तरह हो गया। उसके land का सुपारा खाफी फूल गया था क्योंकि कुछ देर पहले ही वह कमला boor पर डुबकी लगा या था अब उसकी बड़ी बहन चंदा के chut में डुबकी लगाने के अहसास में ही और लंबा और मोटा हो गया।

चंदन _दीदी अब खोलो न बर्दास्त नही हो रहा

चंदा _तू तो बडा उतावला हो गया re अपनी दीदी का लेने। और वह हसने लगी।

इधर चंदा भी काफ़ी दिनो से प्यासी थी और जब से वह चंदन का land देखी थीं वह भी चंदन से chudna चाहती थी।

अब चंदा पीठ के बल लेट गई और अपना चड्डी निकालकर अपने पेटीकोट और साड़ी ऊपर उठा दी जिससे उसका चिकनी chut चंदन के सामने आ गया।

चंदन_दीदी तुम्हारी chut तो एकदम चिकनी है।

चंदा _हा re मै इसे हमेशा चिकना ही रखती हूं।

चंदन एक हाथ से अपने land पकड़ कर दुसरे हाथ से चंदा के chut के को सहलाने लगा।

चंदा सिसकने लगी। चंदा अपने हाथ से चंदन के land को पकड़कर कर हिलाने लगी फिर उसे अपने chut के छेद में रख दी और बोली।

चंदा _चल अब देर न कर डाल दे।

चंदन land ko पकड़कर boor के छेद पर रखा चंदा अपने दोनो हाथो की उंगलियों से उसके फांकों को फ़ैला दी ।

चंदन ने एक हल्का धक्का मारा land का सुपाड़ा योनि के अंदर चला गया। फिर चंदन चंदा के चूची चुसने लगा।

कुछ देर बाद फिर एक जोर का धक्का मारा land boor को चीरकर आधा अंदर घुस गया।

चंदा के मुंह से आह निकल गया।

चंदा _बहुंत बडा है तेरा re आराम से डाल।

चंदन अब चंदा के चूची को मसलते हुए। धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।

चंदा तो पहले से ही काफ़ी गर्म थी उसका chut का पानी बाहर निकलना शुरू हो गई। जिससे चंदन का land गीला हो गया अब land फुच फुच की आवाज़ करता huwa चंदा के योनी के गहराई में उतरने लगा।
चंदन, चंदा के पेट पर दबाव न पड़े इस बात को ध्यान में रखकर अपने हाथो से चंदा के क़मर को पकड़कर land को तेजी से अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया

कई माह बाद चंदा chud रही थी काफ़ी दिनो से प्यासी थी उसे खाने को एक नया land मिला था जो उसके पति से बडा और मोटा था वह बहुत जल्द ही जन्नत में पहुंच गई।

इधर चंदन को भी एक गर्भवती इस्त्री को चोदने का एक नया सुख मिल रहा था। वह भी जोश में आकर चंदा को humach हमच कर चोदने लगा

चंदा को अलग अलग आसान में चुदाने का शौंक था इसलिए वह आसन बदलना चाहती थी। इसलिए वह चंदन से रुकने बोली

चंदन _क्या हुआ दीदी मजा नही आ रहा है क्या?

चंदा _मै जैसे कह रही वैसे करो और ज्यादा मजा आयेगा। पहले तुम हठो और मुझे उठने दो।

चंदन अपने land ko पकड़कर कर बाहर निकाल दिया और अलग खडा हो गया।

चंदा पलंग से उठी और पलंग पर चढ गई और घोड़ी बन गई। और अपना साड़ी पेटिकोट ऊपर करके चूतड को चंदन के सामने खोल दी।

चंदा _चंदन तुम मेरे पीछे आओ। और पिछे से डालो।

चंदन _समझ गया की ऐसा तो कुत्ता kutiya को चोदता है। वह पलंग पर चढ गया और और घुटने के बल चंदा के पिछे खड़ा हो गया और उसके chut ka छेद देखने लगा। चंदा के गोरे गोरे भरे हुवे चूतड देखकर चंदन का land ठुमकने लगा।

चंदा _अब देख क्या रहा है डाल न।
चंदन land ko चंदा के योनी में डालने का कोशिश करने लगा पर land अंदर नही जा पा रहा था।

तब चंपा एक हाथ पिछे ले जाकर चंदन के land को पकड़ लिया और उसे अपने chut के छेद में सेट कर दी।

चंदा _अब डालो।

चंदन अब हल्का सा धक्का मारा टोपा योनि के अंदर घुस गया। फिर एक जोर का dhakaa मारा land boor ko फाड़कर सरसराता huwa अंदर घुस गया।

अब चंदन, चंदा के क़मर को अपने हाथो से पकड़ कर अंदर बाहर करना शुरू किया land अब पूरा योनि में समाकर अंदर बाहर होने लगा।
चंदा के गोरे गोरे चूतड को हाथो से सहलाता huwa जोर जोर से धक्का देकर चंदा को चोदने लगा। चूतड का का चंदन के शरीर से टकराने लगा जिससे थप थप थप की आवाज़ गूंजने लगा।

पहले पोजिशन से इस पोजिशन में चोदने में चंदन को ज्यादा मजा आने लागा।

चंदा _क्यू re कैसा लग रहा है?

चंदन _मत पूछो दीदी, क्या गजब का मज़ा आ रहा है? दीदी तुम्हारे चूतड काफ़ी खूबसूरत है।

चंदन काफ़ी जोश में आ गया और वह gach gach करके दनादन चंदा को चोदने लगा चंदा भी स्वर्ग में पहुंच गई थी काफ़ी दिनो बाद उसकी chut की प्यास बुझ रही थी वह भी अपना क़मर हिलाकर चंदन का सहयोग करने लगी ।

चंदन को भी ऐसा मजा पहली बार मिल रहा था। वह भी स्वर्ग में पहुंच गया। और अपना सुध बुध खोकर गचगच चंदा को चोदने लगा चंदा भी सिसकारी निकाल रही थी।

अब चंदन को बर्दास्त ना हुवा और वह जोर जोर से चोदते हुए जोर से अपने दोनो हाथो से अपने चंदा की चूतड को अपने land से सटा लिया और आह आह करके कराहते हुवे झड़ने लगा। वीर्य की पिचकारी उसके land से निकलकर उसके योनि में भरने लगा।

कई दिनों बाद अपने योनि में गर्म गर्म वीर्य का अहसास पाकर चंदा भी खुद को न रोक सकी और झड़ने लगी।

कुछ देर तक दोनो झड़ने का आनंद लेंने लगे। चंदा को भी झड़ने में ऐसा आनद पहली बार मिला था। जो सुख चंदन से मिला था उसकी कल्पना भी उसने नही की थी।

चंदन को भी एक 8माह की गर्भवती स्त्री को इस तरह भोगने का सुख मिला था। ऐसा परमसुख पाकर वह सपने को धन्य समझ रहा था।

आज उसको दो दो स्त्रियों को भोगने का सुख मिला था और दो दो स्त्रियों को सुख दे पाया था । वह गर्व महसूस कर रहा था।

कुछ देर वे दोनो बिस्तर पर लेटे रहे फिर चंदा बोली चलो री अब नहाकर jaldi पूजा रुम मे चलो नहीतो मां पूछेगी अब तक क्या कर रहे थे।
Chandan ki chandi ho gai. chanda aur amma dono mil gai ek sath.
 

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Ajju Landwalia

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राजेश के land में बैठकर सुमन उछल उछल कर chudne लगी, फिर राजेश ने सुमन के मुंह में नमकीन डाल दिया और और उसके मुंह से अपने मुंह में नमकीन लेकर खाने लगा।

फिर अपने दोनो हाथों से सुमन के कूल्हे पकड़कर उसे अपने land पर उछाल उछाल कर चोदने लगता वह सुमन को ऐसे ही चोदता रहा जब तक पूरा नाश्ता खत्म नहीं हो गया। वह पेट की आग और शरीर की भूख दोनो साथ साथ मिटा रहा था।

जब पेट का भूख शांत huwa तब राजेश ने सुमन को land से ऊपर उठने का इशारा किया।

सुमन , राजेश के land से उपर उठा land उसके boor से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया जो सुमन के chut का रस पीकर और मोटा तथा लम्बा हो गया था, रस से सराबोर हो कर चमक रहा था।

राजेश ने सुमन को घुमा दिया और अब सुमन का पीठ राजेश की ओर थी फिर राजेश ने सुमन को land के उपर बिठा दिया।

सुमन एक हाथ नीचे ले जाकर land पकड़कर उसे boor के छेद पे सेट कर land पर बैठ गया।land boor में एक बार फिर से समा गया।

अब सुमन फिर से land पर उछल उछल कर chudne लगी राजेश भी अपने दोनो हाथों से सुमन के क़मर पकड़कर उसे अपने land par पटक पटक कर चोदने लगा।

सुमन land boor में fuch fuch guch guch की आवाज़ करता अंदर बाहर हो रहा था। राजेश का land का टोपा सुमन के बच्चेदानी के मुख को को ठोकने लगा। जिसका एहसास पाकर सुमन को एक अनोखा आनंद मिलने लगा।

वह स्वर्ग में पहुंच गई। उसके मुंह से लगातार कामुक आवाजे निकल रही थी। और अधिक आनद प्राप्त करने वह और तेज तेज उछलकर chudne लगी पर वह अपने को ज्यादा देर तक रोक न सकी और आंखे बंद कर सिसकते हुवे झड़ने लगी। झड़ते समय उछलना बंद कर दी उसके पैर कपकपाने लगे।

राजेश को भी पता चल गया कि सुमन झड़ गई है वह भी chudai रोक कर उसके चूची सहलाते हुए उसके गर्दन पर चूमने चाटने लगा।


कुछ देर आंखें बंद कर सुमन झड़ने का आनंद लेने लगी। फिर जब होश में आई तो वह राजेश के land से उपर उठकर अपना लहंगा उठाई और एक हाथ से अपना चूची को और एक हाथ से अपने chut छिपाते हुवे।

राजेश से शर्माते हुवे बोली इतना आज के लिए काफी है। अब कल करेंगे।

राजेश झड़ा नहीं था उसे उम्मीद नहीं थी कि सुमन ऐसा करेगी। वह सुमन से नाराज होकर बोला।

राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।

सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।

राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।

सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।

राजेश से रहा न गया और वह सोफे से उठकर वह सुमन को पकड़ने उसकी और लपका।

सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।

सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।

राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।

देखो जान आधे में धोखा न दो। दरवाजा खोलो मुझे मेरे बाहों मे आओ।

सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।

जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।

सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।

राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।

सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।

सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।

जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।

सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।

सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।

राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।

उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।

अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।

फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।

सुमन के मुंह से चीख निकल गई।

अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।

और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।

Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।

सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।

कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।

राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।

सुमन तो जैसे किसी और दुनिया में पहुंच गई थीं। उसे संभोग का परम सुख प्राप्त होने लगा। इधर राजेश से अब रहा न गया और जोर जोर से चोदते हुए chudai रोक दिया और आह आह आह करके कराहते हुवे सुमन के chut में झड़ने लगा।

अपने land के पानी से सुमन के boor को पुरी तरह भर दिया।
सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।

राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।

करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।

राजेश तो नंगा ही लेटा हुआ था। सुमन राजेश की ओर देखकर मुस्कुराने लगी।

वह कीचन में गई और बादाम वाली दूध बनाकर बेडरूम आकर ,राजेश से बोली लो पिलो। थक गए होगे मेरे सैया जी ,अपनी बीवी की सेवा करके।


Wah rajesh bhagat Bhai, kya mast kamuk aur uttejna se paripurn update di he.................Rajesh aur Suman ke sex ka bahut hi sunder chitran kiya he aapne

Keep posting Bhai
 

king1969

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Vishalji1

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चम्पा _लगता है तुम्हारा हथियार काफ़ी बड़ा है। जरा मै भी तो देखूं कितना बड़ा है तुम्हारा।

चंदन _दीदी, ये क्या कह रही हो? मुझे शर्म आयेगी।

चम्पा _अरे अब मुझसे क्या शर्माना, मैने भी तो अपना ब्लाउज खोलकर तुम्हें अपना दुद्दू दिखाया ना।
चलो अब तुम भी अपनी धोती से अपना नुनु बाहर निकालो मैं भी तो देखूं तुम्हारा हथियार कैसा है?

चंदन _नही दीदी मुझे शर्म आयेगी। रहने दो ना।

चम्पा जी_अरे अभी तो सिर्फ मैं हू सुबह तो तुम्हें मां और मैं दोनो के सामने नंगा होना पड़ेगा तब क्या करेगा? अभी दिखा देगा तो कल सुबह तुम्हे दिक्कत नहीं होगी। चलो खोलो।

चंदन _दीदी, तुम भी ना।

अब चंदन शर्माते हुवे अपना धोती अपनी क़मर से निकाल फेका अब वह अंडर वियर और बनियान में था। अंडर वियर के सामने का हिस्सा काफ़ी उपर उठा हुआ था जिसपर चम्पा की नज़र पड़ते ही समझ गई कि चन्दन का हथियार काफ़ी बड़ा है। चंदन शर्मा रहा था वह अंडर वियर को कमर से नीचे सरका नही रहा था।

चंपा समझ गई कि चन्दन खुद नही उतारे गा अपना अंडरवियर तो उसने खुद ही अपना हाथ आगे बढाया और चंदन के अंडर वियर को अपने दोनो हाथो से पकड़ कर क़मर से नीचे खींच दिया।

अंडर वियर के नीचे खिसकते ही चंदन का land नाग की तरह फुफकार मारते हुवे चंपा के सामने हवा में लहराने लगा जैसे वह चंपा को डसने के लिए तैयार हो।

चंपा _हाय दईया कितना बडा है रि तेरा।

चन्दर शर्माकर अपने दोनो हाथो से अपने land ko छिपाने लगा।
चम्पा हसने लगी।
चंपा _अरे अब काहे शर्माना, अब तो तुम्हारा नुनु देख ही लिया, तुम्हारा नुनु तो land बन चुका है। कितना लंबा और मोटा है?

चंदन _छी दीदी तुम कितनी गंदी बातें करती हो। मुझे बहुत शर्म आ रहा। क्या जीजा जी का इससे छोटा है?

चम्पा _अरे, तुम्हारा जीजा जी का इतना लंबा तो है पर तुम्हारा उससे कुछ ज्यादा मोटा है।

चंदन _दीदी आपके दूदू भी काफ़ी अच्छे और बड़े बड़े है।

चम्पा _ क्या तुम्हे पसंद आया मेरा दूदू?

चंदन _हा, दीदी बड़े मस्त है आपके दूदू।

चम्पा _अच्छा,सुन कभी किसी औरत या लड़की के साथ कुछ किया है कि नही।

चंदन शर्माते हुवे _नही,दीदी।

चम्पा _अपनी दीदी से झूठ तो नही बोल रहा न।

चंदन _दीदी मै सच कह रहा हूं। मुझे तुम्हारी कसम।

चंपा _अच्छा ठीक है, पर मूठ तो मारता होगा न।

चंदन _ दीदी मै समझा नही।

चंपा मुस्कुराते हुवे _अरे बुद्धू, अपने नुनु को हिलाकर अपना पानी तो निकलता होगा न, जब ये खड़ा होता होगा।

चंदन _छी दीदी तुम कैसी बाते करती हो,,

चंपा _अरे कब तक शर्माएगा, अपना हाथ हटा मै भी तो देखूं छूकर इसे।

और चम्पा चंदन का हाथ land पर से हटाकर उसे अपने हाथो में लेकर सहलाने लगी, जिससे चंदन के मुंह से सिसक निकल गया।
चंदन_दीदी ये क्या कर रही हो छोड़ो न, मुझे शर्म आ रही।

चंपा_शर्माना छोड़ और बता मुझे,अपना land तो हिलाता है की नही।

चंदन _ओ दीदी कभी कभार हिला लेता हू जब ये ज्यादा परेशान करता है।

चंपा _अच्छा सुन आज इसे हिलाकर अपना पानी मत निकालना कल सुबह तुम्हे मां की सुद्धिकरण करना है। नही तो पता चला की तुम्हारा नुनु खड़ा ही न huwa
तो सब गड़बड़ हो जायेगी।

चंदन _ठीक है दीदी।

चंपा _अच्छा मै अब चलती हू। कल सुबह मैं और मां तुम्हारे कमरे मे आयेंगे तुम दरवाजा खुला ही रखना।

चंपा अपना ब्लाउज पहन ली, चंदन भी अपना धोती पहन लिया।

चंपा, चंदन के रुम से चली गई। कमला चंपा के रूम में उसके आने का इंतजार कर रही थी। जब चम्पा अपने कमरे में पहुंची तब कमला ने चंपा से कहा _

कमला _क्या जुड़ा हुआ बेटी, चंदन तैयार हुवा की नही।

चंपा मुस्कुराते हुवे बोली _हा मां मैने चंदन को सारी बातें अच्छे समझाया तो ओ तैयार हो गया। पर मां

कमला _पर, क्या बेटी? कोई समस्या है क्या?

चंपा _मां, चंदन तो अभी तक किसी लडकी या महिला के साथ कुछ किया नहीं है।

कमला _बेटी मुझे मालूम था मेरा बेटा अभी भोला है। अब क्या करेंगे। मै उसके सामने जाकर नंगी नही हो पाऊंगी। यह सोचकर ही मै शर्म से गड़ी जा रही। ये सब मुझसे नही हो पायेगा।

चंपा _मां तुम चिंता न करो मैं रहूंगी न साथ में चंदन भी अकेला कुछ कर नहीं पाएगा मुझे ही बताना होगा कि क्या करना है।

कमला _बेटी तुम्हे ही सब संभालना होगा।

चम्पा मुस्कुराते हुवे बोली _मां तुम चिंता न करो सब अच्छे से हो जायेगा।
कमला _अच्छा बेटी, अब मैं चलती हू तुम भी कल सुबह 4बजे उठ जाना।

चंपा _ठीक है मां, मै दरवाज़ा खुला ही रखूंगी, तुम पहले मेरे रूम में आना फिर हम चंदन के कमरे मे जायेंगे।

तभी चंपा कि छोटी बच्ची जो बेड पर सो रही थी, उठ गई और रोने लगी। चंपा उसे प्यार से दुलारते हुए। अपना ब्लाउज खोलकर उसे दूध पिलाने लगी।

चंपा _अरे मेरे प्यारी गुड़िया उठ गई लो दूदू पी लो।

कमला मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चली गई।

कमला की आंखों में आज नींद नहीं आ रही थी। वह सारी रात यही सोचती रही की पता नही कल वह चंदन के साथ अपने सगे बेटे के सामने नंगी कैसे हो पाएगी। उसका पति श्यामलाल इन सब बातो से बेखबर, सो रहा था।
और सोचते सोचते कमला को पता नही चला की कब उसकी आंख लगी।

सुबह जब नींद खुली तो देखा की भोर हो चुका है सुबह का 4बज चुका है। वह अपने बेड से उठी। अपने कपड़े ठीक की और चंपा के कमरे में चली गई।
चंपा उठी नही थी।

कमला ने चंपा को आवाज़ लगाई, बेटी चम्पा उठो भोर हो गई है।

चंपा मैं की आवाज़ सुनकर उठ गई उसने देखा उसकी मां उसके सामने ही खड़ी थीं। चंपा अपनी बच्ची को दूध पिलाते पिलाते ही सो गई थी। उसने अपना ब्लाउज का बटन लगाया।
चंपा बोली मां मै पेशाब करके आती हू तुम रुको फिर चंदन के कमरे मे चलते हैं।

कमला _ठीक हैं बेटी।

कुछ देर बाद चम्पा अपने कमरे मे लौटी फिर अपने मां से बोली चलो मां चंदन के कमरे मे तुम्हारा सुद्धीकरण के लिए और वह हसने लगी।

कमला _चुप बेशरम कही की यहां मेरी जान पे पड़ी है और तुम मेरी मजाक उड़ा रही हू।

चम्पा मुंह बन्द कर हसने लगी।

दोनो चंदन के कमरे मे पहुंच गए।

चंदन भी उन दोनो के आने का इंतजार कर रहा था। चंपा ने आवाज़ लगाई, चंदन उठो भाई भोर हो गया है।
अपने दीदी की आवाज़ सुनकर वह बेड से उठ गया।
चंपा _चंदन तुम्हे पता है न आज क्या करना है फिर भी बेखबर होकर सो रहा था।

चंदन _नही दीदी मै तो काफ़ी पहले ही उठ गया था आपके आने का ही इंतजार कर रहा था।

चंपा _अच्छा ठीक है जाओ तुम्हे फ्रेस वगेरा होना हो तो जल्दी हो आओ।

चंदन _न दीदी मै तो पहले ही फ्रेस हो चुका हूं।

चंपा मुस्कुराते हुए बोली मतलब तुम पहले ही तैयार होकर बैठा है। बड़ा उतावला लग रहा है मां का शुद्धिकरण करने, वह हसने लगी।

चंदन अपने मां के सामने शर्मिन्दा हो गया।

चंपा_अब देखो कैसे शर्मा रहा है? चल अब तू बेड से उठ और मां को लेटने दे।

चंपा अपनी मां कमला से बोली , मां तुम बेड के किनारे लेट जाओ। कमला शर्म से गड़ी जा रही थी वह बिना कुछ बोले बेड के किनारे पीठ के बल लेट गईं उसके दोनो पैर फर्श पर थे।

चंपा _चंदन अब तुम्हे पता है न क्या करना है? चलो अपना धोती उतारो।
चंदन अपने मां के सामने शर्म महसूस कर रहा था, वह घबराया हुवा था। वह मुंह से कुछ न बोलते हुए अपने दीदी के कहे अनुसार अपना धोती बाहर निकाल दिया अब वह बनियान और अंडरवियर में था।

चंपा _अब देख क्या रहा है? चल अपनी चड्डी भी उतार।

चंदन अपनी मां के सामने नंगा होने में शर्मा एवम घबरा रहा था।

चंपा समझ गई वह मुस्कुराते हुवे बोली, हू, मां के सामने शर्मा रहा है। चल मै ही उतार देती हू तेरा चड्डी।

चंपा अपने दोनो हाथो को आगे बढ़ा कर चंदन का अंडर वियर पकड़ा और नीच खीच दी।

इस समय चन्दन अपने मां के सामने होने से घबराया हुवा था। उसका land खड़ा होने के बजाए लटका हुवा था।

चंपा _ये क्या री? तुम्हारा तो लटका हुवा है। तुमने इसे रात में हिलाकर इसका पानी तो नही निकाल दिया।

चंदन _नही दीदी मैने कुछ नही किया। चंपा _फिर ये लटका हुवा क्यू है।

कमला _मन में सोचने लगी हे भगवान अब क्या होगा चंदन का तो खडा ही नहीं है। अब सुद्धिकरण कैसे होगा। वह निराश होने लगी।

चम्पा _ मां लगता है चंदन तुम्हारे पास होने से घबरा गया है,मुझे ही कुछ करना पड़ेगा।

चंपा _चंदन के land जो इस समय लुल्ली बना था को अपने हाथो मे लेकर सहलाने लगी।
कुछ देर तक सहलाने से भी बात न बनी तब वह बोली _हाय दईया ये तो अभी तक लुल्ली का लुल्ली है।
मुझे कुछ और करना पड़ेगा।

कमला लेटे लेटे चंपा की हरकतों को देख रहि थी वह भी निराश होने लगी थी।

इधर चंपा अब अपने ब्लाउज के बटन को खोल कर अपने चूंची बाहर निकाल कर चंदन को दिखाते हुवे बोली। देखो मेरे दूदू, तुम बोल रहे थे तुम्हे पसंद है।

लो इसे छू कर देखो। और वह चंदन के हाथों को अपने मम्मे पर रखकर चंदन के लुल्ली को सहलाने लगी।

चंदन का हाथ में चंपा का चूची पड़ते ही उसका शरीर गर्म होना शुरू हो गया।

चंदन का शरीर में खून का रफ्तार बड़ने लगा। इधर चंपा अपने हाथो से land को सहला रहा था और चंदन चंपा की चूंची को सहलाने लगा।

चंदन पहली बार किसी औरत की चूची को पकड़ा था। दूध से भरा सुडौल एवम बड़े बड़े चूची को देखकर उसके शरीर में जोश भरने लगा। अब वह भूलने लगा की कमरे में कौन है। जिसका परिणाम ये हुआ की कुछ ही पल में चंदन का लुल्ली लौड़ा बनकर तनकर खड़ा हो गयाऔर चम्पा के हाथों में झटके मारने लगा।

चंपा मुस्कुराने लगी।

चंपा _मुझे पता था तुम्हारा नुनु मेरे दूदू देखकर जरुर खड़ा होगा। लो मां चंदन तो तैयार हो गया तुम्हारा सुद्धीकरण करने के लिए। और वह हसने लगी।

कमला जो अभी तक मूक दर्शक बनी थीं वह बोली।

कमला _चुप बेशरम कही की और चंपा के पीठ पर हल्का सा चिकोटी कांट दी।
चंपा अपना मुंह बन्द कर हसने लगी। इधर चंदन जोश में आ गया था वह चंपा की चुचियों को मसलने का मजा ले रहा था।

चंपा _चंदन लगता है तुम्हारी दीदी के दूदू तुम्हे कुछ ज्यादा ही पसंद है अब इसे छोड़ो मां के सुद्धिकरण में ध्यान दो इससे बाद में खेल लेना। मै कही भागी तो नही जा रही। चंपा की बात सुनकर चंदन शर्मा गया।

चंपा अपनी मां से बोली।
चंपा _मां अब तुम अपना पैर उपर कर अपना साड़ी और पेटिकोट अपने टांगो तक चढ़ा दो।

कमला _शर्म से पानी पानी होने लगी।

चंपा _मां अब शर्माना छोड़ो सुद्धीकरण कराना है की नही चंदन से।

कमला अब अपने पैर को ऊपर उठाकर, उसे मोड़कर बेड किनारे पीठ के बल लेट गई।और अपना साड़ी और पेटिकोट थोडा टांगो तक उठा दी अभी उसका boor दिखाई नही दे रहा था।

चंदन और चंपा की नज़र उसके टांगो पर टिक गया।
इधर कमला शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर चुपचाप लेटी रही।

चंपा _मां पेटी कोट थोडा और उपर करो तभी तो चंदन शुद्धिकरण की प्रक्रिया कर पाएगा।

कमला _चल हट बेशरम मुझसे नही होगा। इधर चंदन का land हवा में लहरा रहा था। अपनी मां के गोरे गोरे टांगो और चंपा के बड़े बड़े चूचे,उसके आंखो के सामने थे। वह पुरी तरह जोश में आ गया था।

अब चंपा समझ गई की उसकी मां अपना पेटिकोट और आगे नही उठाएगी, तब वह खुद ही अपने हाथो से अपने मां ki साड़ी और पेटिकोट कमला के टांगों से उपर उठा कर उसके पेट पर रख दी । जिससे कमला की boor चंपा और चंदन के सामने नंगी हो गई।

कमला शर्म के मारे अपनी आंखें बन्द कर चुप छाप अपने हाथो से मुंह छिपाकर लेटी रही।

इधर चंपा की नज़र कमला के दोनो टांगो के बीच गई तो उसने देखा की उसकी मां का boor तो दिखाई ही नहीं दे रहा है। सिर्फ झांटे ही झांटे दिखाई दे रहे थे।boor को बालो ने पुरी तरह ढक दिया था।
जिसे देख कर चम्पा कमला से बोली।

चंपा _ये क्या मां तुम तो पुरा जंगल उगा रखी हो। तुम्हारा गुफा का द्वार तो दिखाई ही नहीं दे रहा है। पता नही कितने दिनों से अपने झांटे नही बनाई हो।

तुम्हे अपने झांटों को साफ रखना था।

कमला _चुप होजा बेहया कही की। नही तो मर खायेगी।
कमला पहले से ही काफ़ी लज्जित महसूस कर रही थी। चंपा की बातो से वह और शर्म से पानी पानी होने लगी।

चम्पा _मां आजकल के लडको को चिकनी boor पसंद होती है। तुम्हे अपने झांटे बना लेनी थीं। अब चंदन का ये पहलीबार है वो तो इन जंगलों में खो जायेगा। और तुम्हारे गुफा का द्वार ढूंढता ही रह जायेगा। किस रास्ते पर जाना है उसे क्या मालूम।

मां सुद्धिकरण के बाद तुम नहाने से पहले अपना झांटे बना लेना अगर तुमसे नही होगा तो मैं बना दूंगी।

चंपा मुंह बन्द कर हसने लगी।

कमला शर्म के मारे गड़ी जा रही थी उसने सोचा नहीं था की बेटे के सामने ये सब बातें चंपा करेगी।

कमला _अब बस भी कर बेशरम, कितना गंदी गंदी बाते करती है तू पूरा बिगड़ गई है। और अपने भाई को भी बिगाड़ेगी । निर्लज कही की।

चंपा मुस्कुराने लगीऔर कमला से बोली।

चंपा _मां मैंने क्या गलत कह दिया जो मुझ पर इतना नाराज हो रही। अब देखो चंदन का लुल्ली तुम्हारे झांटों में फसकर कही कट गया तो इसका जवाबदार कौन होगा।

कमला _मन में सोचने लगी, चंपा ठीक कह रही है मुझे chut की सफाई कर लेनी चाहिए थी। पर अब क्या कर सकते हैं।

कमला _बेटी समय निकला जा रहा है अब जल्दी करो। इन बालों को बाद में देख लेंगे।

चंपा _ठीक है मां आज का शुद्धीकरण ऐसे ही कर लेते है पर कल ये साफ़ होना चाहिए।

अब चंपा अपने हाथो से अपनी मां के chut ke baal को हटाते उसके छेद को ढूंढने लगी। जब उसका छेद मिल गया तो वह अपना अपने उंगलियों से उसके chut के द्वार को चौड़ी कर दी और चंदन से बोली।

चंपा _चंदन लाओ अपना लुल्ली यहां रखो।

चंदन अपने land ko एक हाथ से पकड़ कर अपने मां के टांगों के बीच आ गया।

कमला तो शर्म के मारे आंखें बन्द कर चुपचाप लेटी रही।

इधर चंपा एक हाथ से चंदन के land को पकड़कर एक हाथ की उंगलियों से अपनी मां के boor ke द्वार को चौड़ी कर दी थीं। वह चंदन के land को कमला के chut के द्वार पर रख दी और चंदन से कहा।

चम्पा _चंदन अब हल्के से धक्का लगा और अपना लुल्ली अंदर डाल।

इस समय चंपा कमला के chut के फांकों को अपने उंगली से फैलाकर रखी थी और एक हाथ से चंदन के land ko पकड़कर chut के फांकों के बिच रखी थी।

अब चंदन हल्का सा दबाव डालकर chut के अंदर डालने की कोशिश किया जिससे land का टोपा chut के अंदर चला गया। अब चंपा ने थोडा ज़ोर का धक्का लगाने को कहा, चंदन ने एक जोर का धक्का लगाया, उसका chut को चीरता हुआ आधा land chut me समा गया। कमला के मुंह से दर्द में चीख निकल गई।

चंपा यह देखकर हसने लगी।

चंपा ने कुछ देर चंदन को ऐसे ही रुकने कहा फिर एक जोर का धक्का लगाने बोला।

चंदन ने एक जोर का प्रहार अपने land se कमला के boor में किया। चंदन का land गप की आवाज़ के साथ पूरा boor में समा गया। कमला के मुंह से फिर चीख निकल गई।


चंपा ने चंदन को कुछ देर ऐसे ही रहने को कहा फिरफिर land को आधा बाहर खींचने बोला।

चंदन ने वैसा ही किया, वह अपने land को boor से आधा बाहर निकाल लिया। फिर चंपा के बताएं अनुसार फिर उसे धीरे से अंदर कर दिया। अब चंपा ने चंदन को land को boor में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने के कहा।

चंदन अब अपने land ko dhire dhire अंदर बाहर करने लगा। कमला पता नही कब की chudi थी उसे अपने पति से चूदे हुवे एक अरसे बीत गए थे।
Land boor me अन्दर बाहर होते ही कमला भी न चाहते हुवे गर्म होने लगी और उसके chut se पानी रिसने लगी जिससे land ab आसानी से chut के अंदर बाहर होने लगा।

चंदन का ये पहली बार था। उसे खूब मजा आने लगा। उसकी नज़र बाजू में बैठी अपने दीदी के चूची पर पढ़ी उसके बड़े बड़े मम्मे देखकर उससे रहा न गया और अपने एक हाथ ले जाकर चंपा के चूची को पकड़कर मसलने लगा।

चंपा भी चंदन और कमला की chudai देखकर गर्म हो गई। उपर से चंदन द्वारा उसका मम्मे मसलने से और ज्यादा गर्म होने लगी।
उसके chut se भी पानी बहने लगा।

इधर चंदन पूरा जोश में आ गया और वह जोर जोर से धक्का मारते हुवे अपने land से कमला की boor chodne लगा। चूंकि कमला की माहवारी चल रही थीं। उसने चंदन के कमरे मे आने से पहले chut ki अच्छे से सफाई जरुर की थी।

पर land का chut में जाने और उसके दीवारों को रगड़ने से रक्त स्राव बड़ गया जिससे चन्दन के land par चारो और खून की लालिमा दिखाई देने लगी।

इधर कमला को भी chudai में मजा आने लगा था। वह बरसों बाद chud रही थी। वह झडने के करीब पहुंचने लगी।

इधर चंदन का land कमला के bur में गपा गप अंदर बाहर होने लगा। चंदन तो जन्नत में पहुंच गया।

इस
इधर चंपा का भी हालत खराब हो गया था मां बेटे की chudai देखकर उसके chut से लगातार पानी बह रहा था वह साड़ी के उपर से ही अपने boor के भगनसे को अपने उंगलियों से रगड़ने लगी जिससे वह भी झड़ने की स्थिति में आ गई थी।

इधर कमला को भी बहुंत मजा आने लगा अब उससे रहा न गया और वह अपने दोनो हाथों से चंदन के क़मर को पकड़कर उसका सहयोग करने लगी। अब वह ज्यादा देर तक बर्दास्त ना कर सकी और चंदन के क़मर को जोर से जकड़ कर झड़ने लगी।

इधर चंदन भी जोर जोर से चोदने लगा पुरे कमरे में फ़च फाच गच गछ की आवाज़ गूंजने लगी। चंदन भी अब ज्यादा देर तक टिका न रह सका यह उसका पहली बार था और वह भी आह आह करके कराहते हुवे झडने लगा। वीर्य की लंबी लम्बी पिचकारी कमला के गर्भाशय में छोड़ने लगा।

चांपा भी मां बेटे को झड़ते देख अपने को न रोक सकी और अपने bhagnase को जोर जोर से रगड़ते हुए झड़ने लगी। कुछ समय के बाद तीनों को जब होस आया तो तीनो ही शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पा रहे थे और तीनो अपने अपने कपड़े ठीक करने लगे।

कमला तो शर्म के मारे किसी से आंख नही मिला पाई और चुपचाप कमरे से बाहर चली गई।

चंपा _चंदन कैसा लगा रि, मां का शुद्धिकरण करने में मजा आया की नही।ये तो तुम्हारा पहली बार था। बडा जोश में आकर मा की ले रहा था। और वह हसने लगी।

चंदन_शर्म के मारे चुप ही रहा।

चंपा _अच्छा मां के नहाने के बाद तुम भी नहा लेना और अपने लुल्ली को अच्छे से धो कर सफाई करना लेना, इसमें मां के माहवारी का खून लगा लगा huwa होगा।

इधर कमला बाथरूम में जाकर बाबा के कहे अनुसार बाल्टी के पानी में गंगा जल डालकर नहाने लगी। और अपने शरीर की अच्छे से सफाई करने लगी।

फिर पीली साड़ी पहनकर पूजा पाठ करने लगी।
मां के नहा लेने के बाद चंदन भी नहाकर शरीर की अच्छे से सफाई कर वह भी पूजा रूम में जाकर पूजा में शामिल हो गया।


आगे की कहानी अगले अपडेट मे, कहानी कैसा लगा जरुर कमेंट्स कीजिएगा,,,,,,,,,,,
Superrrrr
 
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