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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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राजेश के land में बैठकर सुमन उछल उछल कर chudne लगी, फिर राजेश ने सुमन के मुंह में नमकीन डाल दिया और और उसके मुंह से अपने मुंह में नमकीन लेकर खाने लगा।

फिर अपने दोनो हाथों से सुमन के कूल्हे पकड़कर उसे अपने land पर उछाल उछाल कर चोदने लगता वह सुमन को ऐसे ही चोदता रहा जब तक पूरा नाश्ता खत्म नहीं हो गया। वह पेट की आग और शरीर की भूख दोनो साथ साथ मिटा रहा था।

जब पेट का भूख शांत huwa तब राजेश ने सुमन को land से ऊपर उठने का इशारा किया।

सुमन , राजेश के land से उपर उठा land उसके boor से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया जो सुमन के chut का रस पीकर और मोटा तथा लम्बा हो गया था, रस से सराबोर हो कर चमक रहा था।

राजेश ने सुमन को घुमा दिया और अब सुमन का पीठ राजेश की ओर थी फिर राजेश ने सुमन को land के उपर बिठा दिया।

सुमन एक हाथ नीचे ले जाकर land पकड़कर उसे boor के छेद पे सेट कर land पर बैठ गया।land boor में एक बार फिर से समा गया।

अब सुमन फिर से land पर उछल उछल कर chudne लगी राजेश भी अपने दोनो हाथों से सुमन के क़मर पकड़कर उसे अपने land par पटक पटक कर चोदने लगा।

सुमन land boor में fuch fuch guch guch की आवाज़ करता अंदर बाहर हो रहा था। राजेश का land का टोपा सुमन के बच्चेदानी के मुख को को ठोकने लगा। जिसका एहसास पाकर सुमन को एक अनोखा आनंद मिलने लगा।

वह स्वर्ग में पहुंच गई। उसके मुंह से लगातार कामुक आवाजे निकल रही थी। और अधिक आनद प्राप्त करने वह और तेज तेज उछलकर chudne लगी पर वह अपने को ज्यादा देर तक रोक न सकी और आंखे बंद कर सिसकते हुवे झड़ने लगी। झड़ते समय उछलना बंद कर दी उसके पैर कपकपाने लगे।

राजेश को भी पता चल गया कि सुमन झड़ गई है वह भी chudai रोक कर उसके चूची सहलाते हुए उसके गर्दन पर चूमने चाटने लगा।


कुछ देर आंखें बंद कर सुमन झड़ने का आनंद लेने लगी। फिर जब होश में आई तो वह राजेश के land से उपर उठकर अपना लहंगा उठाई और एक हाथ से अपना चूची को और एक हाथ से अपने chut छिपाते हुवे।

राजेश से शर्माते हुवे बोली इतना आज के लिए काफी है। अब कल करेंगे।

राजेश झड़ा नहीं था उसे उम्मीद नहीं थी कि सुमन ऐसा करेगी। वह सुमन से नाराज होकर बोला।

राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।

सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।

राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।

सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।

राजेश से रहा न गया और वह सोफे से उठकर वह सुमन को पकड़ने उसकी और लपका।

सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।

सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।

राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।

देखो जान आधे में धोखा न दो। दरवाजा खोलो मुझे मेरे बाहों मे आओ।

सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।

जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।

सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।

राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।

सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।

सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।

जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।

सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।

सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।

राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।

उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।

अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।

फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।

सुमन के मुंह से चीख निकल गई।

अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।

और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।

Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।

सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।

कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।

राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।

सुमन तो जैसे किसी और दुनिया में पहुंच गई थीं। उसे संभोग का परम सुख प्राप्त होने लगा। इधर राजेश से अब रहा न गया और जोर जोर से चोदते हुए chudai रोक दिया और आह आह आह करके कराहते हुवे सुमन के chut में झड़ने लगा।

अपने land के पानी से सुमन के boor को पुरी तरह भर दिया।
सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।

राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।

करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।

राजेश तो नंगा ही लेटा हुआ था। सुमन राजेश की ओर देखकर मुस्कुराने लगी।

वह कीचन में गई और बादाम वाली दूध बनाकर बेडरूम आकर ,राजेश से बोली लो पिलो। थक गए होगे मेरे सैया जी ,अपनी बीवी की सेवा करके।



 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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राजेश के land में बैठकर सुमन उछल उछल कर chudne लगी, फिर राजेश ने सुमन के मुंह में नमकीन डाल दिया और और उसके मुंह से अपने मुंह में नमकीन लेकर खाने लगा।

फिर अपने दोनो हाथों से सुमन के कूल्हे पकड़कर उसे अपने land पर उछाल उछाल कर चोदने लगता वह सुमन को ऐसे ही चोदता रहा जब तक पूरा नाश्ता खत्म नहीं हो गया। वह पेट की आग और शरीर की भूख दोनो साथ साथ मिटा रहा था।

जब पेट का भूख शांत huwa तब राजेश ने सुमन को land से ऊपर उठने का इशारा किया।

सुमन , राजेश के land से उपर उठा land उसके boor से फुच की आवाज़ के साथ बाहर आया जो सुमन के chut का रस पीकर और मोटा तथा लम्बा हो गया था, रस से सराबोर हो कर चमक रहा था।

राजेश ने सुमन को घुमा दिया और अब सुमन का पीठ राजेश की ओर थी फिर राजेश ने सुमन को land के उपर बिठा दिया।

सुमन एक हाथ नीचे ले जाकर land पकड़कर उसे boor के छेद पे सेट कर land पर बैठ गया।land boor में एक बार फिर से समा गया।

अब सुमन फिर से land पर उछल उछल कर chudne लगी राजेश भी अपने दोनो हाथों से सुमन के क़मर पकड़कर उसे अपने land par पटक पटक कर चोदने लगा।

सुमन land boor में fuch fuch guch guch की आवाज़ करता अंदर बाहर हो रहा था। राजेश का land का टोपा सुमन के बच्चेदानी के मुख को को ठोकने लगा। जिसका एहसास पाकर सुमन को एक अनोखा आनंद मिलने लगा।

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राजेश को भी पता चल गया कि सुमन झड़ गई है वह भी chudai रोक कर उसके चूची सहलाते हुए उसके गर्दन पर चूमने चाटने लगा।


कुछ देर आंखें बंद कर सुमन झड़ने का आनंद लेने लगी। फिर जब होश में आई तो वह राजेश के land से उपर उठकर अपना लहंगा उठाई और एक हाथ से अपना चूची को और एक हाथ से अपने chut छिपाते हुवे।

राजेश से शर्माते हुवे बोली इतना आज के लिए काफी है। अब कल करेंगे।

राजेश झड़ा नहीं था उसे उम्मीद नहीं थी कि सुमन ऐसा करेगी। वह सुमन से नाराज होकर बोला।

राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।

सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।

राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।

सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।

राजेश से रहा न गया और वह सोफे से उठकर वह सुमन को पकड़ने उसकी और लपका।

सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।

सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।

राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।

देखो जान आधे में धोखा न दो। दरवाजा खोलो मुझे मेरे बाहों मे आओ।

सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।

जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।

सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।

राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।

सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।

सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।

जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।

सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।

सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।

राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।

उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।

अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।

फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।

सुमन के मुंह से चीख निकल गई।

अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।

और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।

Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।

सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।

कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।

राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।

सुमन तो जैसे किसी और दुनिया में पहुंच गई थीं। उसे संभोग का परम सुख प्राप्त होने लगा। इधर राजेश से अब रहा न गया और जोर जोर से चोदते हुए chudai रोक दिया और आह आह आह करके कराहते हुवे सुमन के chut में झड़ने लगा।

अपने land के पानी से सुमन के boor को पुरी तरह भर दिया।
सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।

राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।

करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।

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वह कीचन में गई और बादाम वाली दूध बनाकर बेडरूम आकर ,राजेश से बोली लो पिलो। थक गए होगे मेरे सैया जी ,अपनी बीवी की सेवा करके।
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Roy monik

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राजेश के land में बैठकर सुमन उछल उछल कर chudne लगी, फिर राजेश ने सुमन के मुंह में नमकीन डाल दिया और और उसके मुंह से अपने मुंह में नमकीन लेकर खाने लगा।

फिर अपने दोनो हाथों से सुमन के कूल्हे पकड़कर उसे अपने land पर उछाल उछाल कर चोदने लगता वह सुमन को ऐसे ही चोदता रहा जब तक पूरा नाश्ता खत्म नहीं हो गया। वह पेट की आग और शरीर की भूख दोनो साथ साथ मिटा रहा था।

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राजेश को भी पता चल गया कि सुमन झड़ गई है वह भी chudai रोक कर उसके चूची सहलाते हुए उसके गर्दन पर चूमने चाटने लगा।


कुछ देर आंखें बंद कर सुमन झड़ने का आनंद लेने लगी। फिर जब होश में आई तो वह राजेश के land से उपर उठकर अपना लहंगा उठाई और एक हाथ से अपना चूची को और एक हाथ से अपने chut छिपाते हुवे।

राजेश से शर्माते हुवे बोली इतना आज के लिए काफी है। अब कल करेंगे।

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राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।

सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।

राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।

सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।

राजेश से रहा न गया और वह सोफे से उठकर वह सुमन को पकड़ने उसकी और लपका।

सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।

सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।

राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।

देखो जान आधे में धोखा न दो। दरवाजा खोलो मुझे मेरे बाहों मे आओ।

सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।

जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।

सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।

राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।

सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।

सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।

जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।

सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।

सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।

राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।

उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।

अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।

फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।

सुमन के मुंह से चीख निकल गई।

अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।

और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।

Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।

सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।

कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।

राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।

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सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।

राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।

करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।

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सुमन एक हाथ नीचे ले जाकर land पकड़कर उसे boor के छेद पे सेट कर land पर बैठ गया।land boor में एक बार फिर से समा गया।

अब सुमन फिर से land पर उछल उछल कर chudne लगी राजेश भी अपने दोनो हाथों से सुमन के क़मर पकड़कर उसे अपने land par पटक पटक कर चोदने लगा।

सुमन land boor में fuch fuch guch guch की आवाज़ करता अंदर बाहर हो रहा था। राजेश का land का टोपा सुमन के बच्चेदानी के मुख को को ठोकने लगा। जिसका एहसास पाकर सुमन को एक अनोखा आनंद मिलने लगा।

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राजेश _ देखो जान ऐसा न करो देखो मेरे land का क्या हाल है, वह अपने land को सहलाते हुए कहा। अभी ये झड़ा नहीं है। खड़े land पर धोखा न दो।

सुमन _न, मेरा हो गया, अब मुझे शर्म आ रही। अब कल करेंगे।

राजेश _नही जानू ऐसा न करो, आकर मेरे गोद में बैठो।

सुमन _न, मुझे बड़ी शर्म आ रही। अब नंगी नही रह सकती तुम्हारे सामने।

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सुमन तेजी से भागा, राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे भागा।

सुमन राजेश को अंगूठा और जीब दिखाकर राजेश को चिड़ाते हुए अपने बेडरूम की ओर भागी। राजेश भी उसे पकड़ने उसके पीछे पीछे भागने लगा।

राजेश सुमन को पकड़ पाता उससे पहले ही वह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

राजेश दरवाजा पीटते हुए उसे खोलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगा।

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सुमन _न बाबा, आज के लिए हो गया अब कल करना, मुझे बड़ी शर्म आ रही।

जब सुमन दरवाजा न खोली तो राजेश नाराज होकर बोला, तुम दरवाजा नही खोल रही तो ठीक है मैं जा रहा अब तुम्हारे पास कभी नहीं आऊंगा।
राजेश वापस जाने के लिए मुड़ा ही था कि सुमन दरवाजा खोला और पीछे से राजेश को पकड़कर अपने बाहों मे जकड़ लिया।

सुमन _सैय्या जी तुम तो नाराज हो गए। मै तो मजाक कर रही थी। तुम तो अपने बीवी से नाराज हो गए।
मुझे माफ़ कर दो जानू।

राजेश _नाराज होकर, सुमन को छुड़ाने लगा ,छोड़ो मुझे नही करना।

सुमन _ओ हो हो देखो तो अभी कितने तड़प रहे थे मुझे बाहों में भरने। अब इतनी नाराजगी,अछा मै कान पकड़ती हू मुझे माफ़ कर दोसैय्या जी।

सुमन राजेश के सामने गई और फर्श पर बैठ गई और कान पकड़ कर माफी मांगने लगी। मुसकुराते हुए बोली, तुम तो नाराजगी में और प्यारे लगते हो और हसने लगी।
राजेश कुछ न बोला तो,
सुमन राजेश के land को पकड़ कर सहलाने लगी और उसे अपने ओंठ में लेकर चूसने लगी। उसके अंडकोष को सहलाने लगी।

जिससे राजेश फिर गर्म हो ने लगा।

सुमन राजेश के land को मुंह में भरकर गपागप अन्दर बाहर करने लगी। जिससे राजेश फिर उत्तेजित हो गया। अब उससे रहा ना गया और वह सुमन को अपने बाहों मे उठा लिया।

सुमन अपने बाहों को राजेश के गले में डाल दिया दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।

राजेश सुमन को बेडरूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और खुद ऊपर चढ़कर उसके टांगो के बीच आ गया। और सुमन के ऊपर झुककर उसके ओंठो को अपने मुंह में भरकर चुसने लगा।

उसके चूची सहलाते हुवे गर्दन चूमने लगा फिर उसके चूची चूसना शुरु कर दिया। कुछ देर चुसने के बाद वह नीचे जाकर उसके नाभी को चूमने चाटने लगा। जिससे सुमन गर्म होकर सिसकने लगी।

अब राजेश तकिया उठाया और उसे सुमन के चूतड के नीचे रख दिया। उसके पैरो को चूमते चाटते हुए अपने कंधे पर रख दिया।

फिर अपना लेंड पकड़कर सुमन के boor में रखकर एक जोर का धक्का लगाया जिससे land सुमन के boor को चीरकर गहराई तक समा गया।

सुमन के मुंह से चीख निकल गई।

अब राजेश अपने दोनो हाथो से सुमन के चूची को थाम लिया।

और land को boor में अंदर बाहर करने लगा।

Land सुमन के chut के गहराई नापने लगा।

सुमन के चूची को मसलते हुवे राजेश सुमन को दनादन चोदने लगा। जिससे सुमन फिर से जन्नत में पहुंच गई।

कमरे मे सुमन के कामुक सिसकारियां गूंजने लगी।

राजेश अब झड़ना चाहता था वह लगातार chudai जारी रखा। और उसके चूची मसलते हुवे दनादन धक्के मारने लगा।land chut के गहराई में जाकर सुमन के बच्चेदानी को ठोकने लगा।

सुमन तो जैसे किसी और दुनिया में पहुंच गई थीं। उसे संभोग का परम सुख प्राप्त होने लगा। इधर राजेश से अब रहा न गया और जोर जोर से चोदते हुए chudai रोक दिया और आह आह आह करके कराहते हुवे सुमन के chut में झड़ने लगा।

अपने land के पानी से सुमन के boor को पुरी तरह भर दिया।
सुमन भी अपने बच्चेदानी में गर्म वीर्य जाते महसूस कर अपने को रोक न सकी और फिर से झड़ने लगी।

राजेश तो सुमन के ऊपर ही ढेर हो गया, सुमन उसके पीठ को सहलाने लगी।

करीब आधे घण्टे तक एक दूसरे के बाहों मे लेकर लेटे रहे फिर सुमन उठी और बाथरूम में चली गईं जब बाथरूम से निकली तो वह अपने शहरी पे टावेल लपेटी हुई थी।

राजेश तो नंगा ही लेटा हुआ था। सुमन राजेश की ओर देखकर मुस्कुराने लगी।

वह कीचन में गई और बादाम वाली दूध बनाकर बेडरूम आकर ,राजेश से बोली लो पिलो। थक गए होगे मेरे सैया जी ,अपनी बीवी की सेवा करके।
Shandaar update
 

niku310

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hot update bro
 
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Premkumar65

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आपने लोगों ने पढ़ा राजेश का आज कालेज में मन नहीं लगा तो वह भगत के साथ उसके घर चला गया वहां भगत ने अपनी और चंदा की मिलन की कहानी राजेश को सुनाने लगा और राजेश को पता चला की चंदा का पति चंदन अपनी ही मां के साथ रिलेशनशिप मेंहै, चूंकि राजेशभी अपनी जिंदगी में इसी परिस्थितिसे गुजर रहा था। अतः वह यह जानने उत्सुक था की वह अकेला तो नही जो यह पाप कर डाला है। जब राजेश को भगत ने बताया की चंदा का पति चंदन और उसकी मां कमला के बीच भी नाजायज संबंध है। तो वह यह जानने को उत्सुक था कि आखिर चन्दन और उसकी मां के बीच शारिरिक संबंध बने कैसे?

राजेश का अंतर मन यह निर्णय नहीं कर पा रहा था कि कल रात उसके और उसके मां के बीच जो huwa वह अच्छा huwa की बहुत गलत। उसकी मां सुनिता ने तो कलरात जो भी huwa उसके लिए सारा दोष उसी पर लगा दिया था। इसलिए वह काफ़ी दुखी था और उसे लगने लगा था की उसने सचमुच बहुत बडी गलती कर दी है। वह चाहता तो अपने मां के साथ हुए घटना को रोक सकता था। और वह स्वयं को दोषी स्वीकार लिया था।

पर कमला और चंदन की कहानी से उसके मन को थोड़ा सकून मिलने लगा था कि ऐसा पाप करने वाला वह अकेला नहीं है दुनिया में और भी है।

इधर कालेज में जब सुमन क्लास लेने पहुंची तो उसकी आंखे राजेश को ढूंढने लगी। उसने देखा राजेश क्लास में है नही। उसने राजेश को कॉल किया। राजेश ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था।

सुमन ने जब देखा की राजेश का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है। उसके मन में कई प्रश्न उठने लगे। राजेश कहा होगा?

उससे रहा न गया उसने सुनिता को कॉल की, सुनिता ने कॉल रिसीव कि,

सुमन_ चरणस्पर्श मां जी,

सुनिता _जीते रहो, पुत्र वती भव बहु।

सुमन_आज राजेश कालेज नही आया क्या?

सुनिता _ राजेश तो कालेज गया है सुमन। क्या वो कालेज में नही है?

सुमन_ नही मां जी, वह क्लास में नही है। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ बता रहा।

सुनिता मन में सोचने लगी कि कल रात की घटना के बाद शायद राजेश भी नार्मल नही होगा, हो सकता है उसका कालेज में मन न लगा हो और चला गया हो।

सुनिता _सुमन क्या? भगत वहा है?

सुमन _नही मां जी वह भी क्लास में नही है।

सुनिता _देखो सुमन तुम चिंता न करो वह भगत के santh कही गया होगा।

सुमन _वो तो ठीक है मां जी पर उसे मोबाइल बंद करके नही रखना था।

सुनिता _तुम्हारा कहना भी सही है, पर तुम चिंता मत करो।

सुमन _मां जी घर में कल की घटना के बाद कुछ huwa तो नही न, सब सामान्य तो है ना। मेरी और राजेश की शादी फिर जो कुछ huwa उसको लेकर।

सुनिता _नही बहु तुम ख।मोखा परेशान हो रही हो सब नार्मल है। राजेश अपने दोस्तो के साथ कही गया होगा। तुम चिंता न करो।

सुमन _ठीक है मां जी, राजेश का कॉल आए तो मुझे खबर करना।

सुनिता _ठीक है सुमन, मैं तुम्हे खबर करूंगी।

काल रखने के बाद सुनीता सोचने लगी आखिर राजेश गया कहा होगा जरुर कल रात मेरे और उनके बीच,जो घटना huwa है, उसे लेकर परेशान होगा। कही कल की घटना का जिक्र किसी से कर दिया तो।

हे भगवान अगर ऐसा huwa तो अनर्थ हो जायेगा। वैसे तो मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि वह ऐसा नहीं करेगा, फिर भी मुझे राजेश से इस सम्बंध में बात करनी होगी? अगर कल रात वाली बात भूलकर भी किसी को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा।

पर कल रात में हुई घटना के बाद उससे बात करने की हिम्मत अभी मुझमें नहीं है। मै कितनी ग्लानि महसूस कर रही हूं। मै उसका सामना करूंगी कैसे। उससे बात करूंगी कैसे?

फिर सोचने लगी, नही मुझे इस सम्बंध में राजेश से बात करना ही होगा चाहे मै कितनी ही लज्जित महसूस करू। नही तो अनर्थ हो सकता है। जब वह घर आएगा तो मुझे उससे बात करना होगा।

उधर राजेश बेड पर लेटकर सिगरेट का कश लगाते हुए। भगत से कहा, अबे कमला के सुध्धिकरण के बाद क्या huwa आगे बता।

क्या शुद्धिकरण के बाद भी दोनो मां बेटे शारीरिक सम्बंध बनाते रहे?

भगत _भाई असली कहानी तो शुद्धिकरण की बाद शुरू होती है?

कमला ने आगे जो आपबीती भगत को बताया उसे भगत ने राजेश को सुनना फिर से शुरू किया।

भगत ने बताया की सुबह पूजा पाठ कर लेने के बाद। कमला अन्य दिनों की तरह अपने काम में लग गई। पर चंदन दुकान में जब ग्राहक नही होता तोआज सुबह मां के शुद्धिकरण करने में जो मजा उसको मिला था।
वह उसे महसूस करने लगा। वह उस पल को याद करने लगा। जिससे उसका शरीर गर्म हो जाता था और उसके land में तनाव आ जाता था।

न चाहते हुवे भी उस पल को याद करने लगता था कि तरह उसका land उसकी मां की योनि में गपागप आ जा रहा था। और जब उसके लिंग से पानी निकला तो जैसे वह स्वर्ग में पहुंच गया था।

इन बातो को याद कर उसका land land तनकर खड़ा हो जाता था।

उधर कमला सुबह की घटना को याद करके बहुंत शर्मिंदगी महसूस करने लगती थी। वह चंदन के आस पास जाने से बच रही थी। वह यह सोचकर कि कैसे शुद्धिकरण के समय वह भी गर्म हो गई थी और जोश में आकर चंदन का सहयोग करने लगी थी। छी और कैसे न चाहते हुवे भी झड़ गई। इन सब बातो को याद कर वह बहुत हि लज्जित महसूस करने लगी। चंदन न जाने मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा?

सुनिता _कीचन का काम कर रही थी तभी चंपा उसके पास आया और अपने मां से मुस्कुराते हुए बोली।

चम्पा _मां मैने सुबह तुमसे जो करने बोली थी वो की कि नही।

कमला _क्या बोली थी री? मै समझी नहीं।

चंपा _मां के कानो में धीरे से बोली! अपनी झांटों की सफ़ाई,,,,,,,
और वह हसने लगी।
कमला यह सुनकर लज्जित होकर बोली,,,,

चुप बेशरम कही की अपनी मां की मजाक बनाती है।तू सुधरेगी नही अपनी मां से ऐसी बाते करती है।

चंपा _मां मै तो चंदन के भलाई के लिऐ कह रहा था।

कमला _ओ कैसे?

चंपा _मां सोंचो तुम्हारे इतनी घनी और लंबी लम्बी झांटे है सुध्धीकरण करते करते कही चंदन का नुनु कट गया तो, लेने के देने पड़ जायेंगे। मै तो कह रही हूं उसे साफ़ कर लो अभी तो 5दिन और करने है सुध्धिकरण जब तक तुम्हारे गर्भाशय से रक्त स्राव पुरी तरह बंद नहीं हो जाता ।

कमलासोचने लगी चंपा ठीक कह रही है उसे झांटे साफ़ कर लेनी चाहिए।j

झांटे बनाए उसे पता नहीं कितने दिन हो गए थे।

चंपा _मां क्या सोचने लगी, तुम कहो तो मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी।

कमला _चुप निर्लज कही की। मां की झांटे झांटे बनाएगी। मै इतनी बेहया नही जो अपनी ही बेटी से अपनी झांटे बनवाऊ। मै खुद बना लूंगी।

चम्पा हसने लगी,,,
great update.
 
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