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Incest यह क्या हुआ

Raja1239

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अगली सुबह जब सीमा कालेज जाने के लिए निशा के घर पहुंची।
सुजाता उसी समय ऑफिस जानें के लिए निकल रही थी
सीमा _आंटी, निशा कहा है?
सुजाता _, सीमा बेटा आज निशा की तबियत ठीक नहीं है, पूछने पर कह रही थी कि उसके सिर में दर्द है। वह आज कालेज नही जाऊंगी, बोल रही थी। अपने को में आराम कर रही है।
तुम बात करके देखो आख़िर बात क्या है?
सीमा _ठीक है आंटी।
सीमा, निशा के कमरे में पहुंची।
निशा सो रही थी, किसी सोच में डूबी हुई थी।
सीमा ने आवाज दी, निशा,,,,,,
निशा ने कोई जवाब नही दिया,,
वह निशा के करीब गई।
बेड पर बैठ कर जब उसके सिर पर हाथ रख बोली,
निशा क्या huwa है तुम्हे? कहा खोई हुई हो?
निशा _सीमा तुम कब आई?
सीमा _मैने तुमको आवाज दी तुमने सुना ही नहीं। कहा खोई हुई हो।
आंटी कह रही थी की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं।
निशा _हां, सीमा आज मेरी तबियत ठीक नहीं है, मै आज कालेज नही जा रही।
सीमा _मै तुम्हे अच्छी तरह जानती हूं। तुम्हारी तबियत ठीक न होने पर भी तुम कालेज मिस नही करती,बोलो आख़िर बात क्या है?
तुम्हारी आंखे सूजी हुई लग रही है, जैसे तुम रात भर रोई हो। बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा की आंखो में आंसु आ गए।
निशा _कुछ भी तो नही।
सीमा _निशा तुम रो रही हो, बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा, सीमा के गोद में अपना सिर रखकर रोने लगी।
सीमा _मेरा दिल घबरा रहा है। निशा आख़िर बात क्या है? बताओ मुझे।
निशा _मै तुम्हे नही बता सकती।
सीमा _निशा, ऐसी क्या बात है को मुझे नही बता सकती?अगर तुम मुझे अपनी बहन समझती हो तो बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा _राज किसी और से,,,
सीमा _निशा, ये तुम क्या कह रही हो?
ऐसा नहीं हो सकता। ये तुम्हारा वहम होगा।
क्या ये राज ये बात राज ने तुमसे कहा?
निशा ने न में सिर हिलाया
सीमा _फिर तुम यह कैसे मान ली की वह किसी और से प्यार करता है? मैंने राज की आंखो में तुम्हारे लिए प्यार देखा है?
निशा _मै सच कह रही हूं।
सीमा _कौन है वो?
आख़िर मै भी तो जानू, तुमसे बेहतर राज के लिए।
निशा _मै नही बता सकती?
सीमा _नही सीमा मुझे, बताना ही होगा। मै तुम्हारे आंखो में आंसू नहीं देख सकती बोलो,, कौन है वो, बताओ मुझे।
निशा _नही, सीमा मुझे इस बारे में मत पूछो, मै नही बता सकती।
सीमा _नही निशा मुझे बताना ही होगा तुम्हे तुम्हे, कौन है वो? बोलो
सीमा के बार बार जिद करने पर,,
निशा _पहले तुम वादा करो यह बात किसी को नही बताओगी?
सीमा _क्या मुझ पर भरोसा नहीं?
निशा _, भरोसा नहीं करती तो क्या मैं इतना कुछ बताती।
सीमा _मै हम बचपन की सहेली ही नही बहन जैसी है मै हमेशा तुम्हारी खुशियां ही चाही है। बताओ मुझे कौन है वो?
निशा _मेरी मॉम,,,
सीमा _निशा तुम पागल हो गई हो? तुम्हे पता भी है तुम क्या कह रही हो?
निशा _मै सच कह रही हूं। मैने अपने आंखो से देखा है। दोनो को प्यार,,,,
निशा रोने लगी,,
सीमा _नही ये नही हो सकता !
सीमा भी सोचने में मजबूर हो गई।
सीमा _पर ये सब huwa कैसे?
निशा _शायद, सोनपुर में अकेले रहने के दौरान वे करीब आ गए होंगे।
सीमा _कोई और होता तो मैं तुम्हे कुछ सलाह देती, तुम्हारी मां है, अब आगे जो भी करना है फैसला तुम्हे ही लेना होगा।
निशा _मैने फैसला कर लिया है?
सीमा _कैसा फैसला?
निशा _मै राजेश को अपने दिल से निकाल दूंगी।
सीमा _निशा अगर,आंटी को पता चले की तुम राजेश से प्यार करती हो तो शायद वह राजेश को अपने से अलग कर दे। तुम कहो तो मैं आंटी से बात करू की तुम राज को पसंद करती हो।
निशा _नही, सीमा एसा भूलकर भी न करना, तुम्हे मेरी कसम।
मैं अपनी मॉम से बहुत प्यार करती हूं। डैड के बीमार रहने के बाद, वह जैसे सजना, संवारना, ठीक से हंसना सब भूल चुकी थी।राजेश के आने से उसको पहली बार इतना खुश होते देखा है ।
मैं अपनी मॉम की खुशी के लिए राजेश को अपने दिल से निकाल दूंगी।
सीमा _क्या यह इतना आसान है?
निशा _जानती हूं। राजेश को भूल पाना आसान नहीं इसलिए मैंने एक और फैसला लिया है।
सीमा _कैसा फैसला?
निशा _दो माह बाद एग्जाम खत्म होने के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए अपनी बुआ के पास लंदन चली जाऊंगी।
सीमा _पर तुम्हारा सपना तो आगे अपनी मॉम का सहारा बनने का है न। उसकी कंपनी को आगे बढ़ाने का।
निशा _मै पढ़ाई के बाद वही किसी नई प्रॉजेक्ट पर काम करूंगी। जिससे मॉम की कंपनी और आगे बड़ सके।
सीमा _ओह निशा, ये सब क्या हो गया?
सीमा ने निशा को अपने सीने से लगा लिया। उसकी आंखो से भी आंसू बहने लगी।
कुछ देर बाद सीमा ने कहा,,,
निशा अब आंसू बहाने से अच्छा है हालात से लड़ना, जो होगा ऊपर वाले पे छोड़ दो।
यहां घर में रहेगी तो अकेली घुट घुट कर अपनी हालात और खराब कर लेगी। चलो मेरे साथ कालेज। मै तुम्हे अकेली नहीं छोड़ सकती।
अगर तुम नही जावोगी तो मै भी कालेज नही जाऊंगी।
निशा _सीमा, मुझ अभागन का साथ छोड़ दो, नही तो मेरे साथ तुम्हारी भी किस्मत खराब हो जाएगी।
सीमा _निशा, मै तो तुम्हारी साया हूं, साया। तू जहा जाएगी हमेशा साथ ही रहूंगी। मैने तो बचपन से ही यह फैसला कर लिया है।
निशा _सीमा,,
सीमा _हां, मेरी बहना।
दोनो एक दूसरे को गले लगा कर रोने लगे।
सीमा _अब चलो, तुम फ्रेश होकर जल्दी तैयार हो जाओ।

इधर राजेश कालेज पहुंचता है।
कैंटीन में,,
भगत _भाई ये पार्टी वाले बार बार काल करके मुझे अपने पार्टी में शामिल होने के लिए फोर्स कर रहे हैं।
राजेश _तुम, उनसे कहो जो भी फैसला लूंगा वह एग्जाम के बाद ही लूंगा।
अभी मुझे अपनी पढ़ाई पर फोकस करना है।
भगत _ठीक है भैया।
राजेश _वैसे तुमने जो फेस बुक और इंस्टाग्राम पर अपना अकाउंट बनाया है उसका क्या हाल चाल है?
भगत _भैया, लाखो फालोवर जुड़ चुके हैं और रोज सैकड़ों नई फालोवर जुड़ रहे हैं। मेरे विचारो को लोग खूब लाइक कमेंट्स और शेयर कर रहे है। अधिकांश लोग तो कह रहे हैं की खुद की नई पार्टी बनाओ। हम आपके साथ है।
राजेश _गुड। फालोवर की संख्या जितनी बड़े अच्छी बात है। तुम उसमे अपनी नई नई विचारो को पोस्ट करते रहा करो।
और अपने फालोवर को अप्रैल तक सब्र रखने बोलो। फिर आगे का प्लान बताया जाएगा।
राजेश _ठीक है भाई।
भगत _आगे कुछ दिनों बाद इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट होना है। इसका आयोजन हमारे ही कालेज में होना है।
इसके लिए आवश्यक तैयारियों पर चर्चा के लिए। छात्र संघ और कालेज प्रशासन के बीच दोपहर में बैठक रखा गया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है। टूर्नामेंट में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। दूसरे कालेज से आने वाले छात्रों की सुविधाओ एवम ठहरने की व्यवस्था उनकी सुरक्षा पर चर्चा करना जरूरी है।
भगत _भाई, मीटिंग में हमारे कॉलेज की फुटबाल टीम के चयन पर भी चर्चा होगी। आपको टीम में कप्तान बनाने के लिए मैं पहल करूंगा। नियम के अनुसार जो स्टूडेंट लोकल टूर्नामेंट में भाग लेता है उसी को उसके परफामेंस के आधार पर टीम में शामिल किया जाता है । आप लोकल टूर्नामेंट में भाग नही ले पाए थे, तो आपका इस बार टीम में चयन के लिए, पुराने नियम पर विचार करना पड़ेगा।
राजेश _नही भगत, टीम मेंमेरा चयन के लिए अनावश्यक दबाव मत बनाना। नियम सबके लिए समान होना चाहिए। मैने लोकल टूर्नामेंट में भाग नही लिया था, तो टीम में मेरा चयन करना, नियम विरुद्ध होगा।
भगत _पर भाई लगातार दो बार हमारे कालेज को आप ही ने चैंपियन बनाया है, इस बार आप नही खेलेंगे तो फिर टूर्नामेंट जीतेंगे कैसे?
राजेश _अरे नही हमारे टीम में सब अच्छे प्लेयर्स है। रोहन में भी काबिलियत है, मुझे यकीन है उसके नेतृत्व में सभी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगें।
भगत _भाई, हम जानते है कि रोहन टूर्नामेंट जीतने के लिए जी जान लूटा देगा, पर उसका इगो, कही टीम पर भारी न पड़ जाए।
राजेश _देखते है, क्या होता है? फिर हाल हमारे कालेज को उस पर विश्वास करना ही पड़ेगा।

दोपहर लंच के समय,,
सीमा _निशा, कैंटीन चले कॉफी पीने।
निशा _नही, सीमा अब मै कभी कैंटीन नही जाऊंगी।
सीमा _निशा, शायद तुम भूल रही हो राज तुम्हारा अभी भी बहुत अच्छा दोस्त हैं। उसका प्यार न मिला तो क्या? दोस्ती थोड़े ही छोड़ देगी।
निशा _मुझे डर है कि राज के सामने आने पर मैं कमजोर न पड़ जाऊं।
सीमा _ऐसा नही होने दूंगी, मै तुम्हारे साथ हूं।
चलो।
दोनो कैंटीन में चले गए।
वहा पर राजेश अकेला मिला।
सीमा _हाय राजेश।
राजेश _हेलो सीमा, हेलो निशा जी।
निशा _हेलो राज ।
सीमा _राज आजआप अकेले है।
राजेश _हां, भगत और कुछ दोस्त आज कालेज प्रशासन के साथ मीटिंग अटेंड कर रहे हैं।
राजेश _काफ़ी लेंगी आप दोनो।
सीमा _क्यू नहीं।
राजेश ने तीन कॉफी मंगाया।
राजेश _निशा जी आज आपके चेहरे में कुछ उदास लग रही है। कुछ बात है क्या?
निशा _नही राजेश, वो आंख में कचड़ा चला गया था न इसलिए आंख कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
राजेश _दिखाओ अपनी आंखे, फुख मारकर कचरा बाहर निकाल दू। तुमको राहत मिलेगी।
निशा _ओह राजेश कचरा निकल चुका है, तुम्हे परेशान होने की जरूरत नहीं।
राजेश _वैसे निशा जी आपने कल बहुत अच्छा पानी पूरी बनाया था। खा कर मजा आ गया।
निशा _thanks राजेश
सीमा _राजेश तुम इतने दिनो तक सोनपुर में रहे, काफ़ी इंजॉय किए होगे वहा। हमें भी तो बताओ कुछ।
राजेश _वहा की वादियां बहुत अच्छी है, अगर तुम लोग होते तो और मजा आता।
निशा _Rajesh, तुमने हमें बुलाया ही नहीं, अगर तुम बुलाते तो हम वहा जरूर पहुंच ,,,
राजेश _वहा तुम लोगो का जाना थोडा रिस्की था न मज़दूर यूनियन वालो से,,
इसलिए तुम लोग न आए तो ही अच्छा था।
सीमा _तुम्हे चोंट लगी तो आंटी ने काफी अच्छी देखभाल की होगी आपका।
राजेश _ओ हां सुजाता मैम की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उसने मेरी दिन रात देखभाल की।
उसके बाद तीनो काफी पीने लगे।
सीमा _जब से आप लोग सोनपुर से आए है। आंटी तो आपकी तारीफ करते नही थक रही। लगता है तुमने आंटी पर भी अपना जादू चला दिया है।
राजेश तुमने फ्यूचर के बारे में क्या सोचा है?
राजेश _सीमा जी आप लोग तो जानते ही हो कि आगे मेरा लक्ष्य क्या है?
सीमा _वो तो जानते ही हैं, और तुम अपने लक्ष्य को भी प्राप्त कर लोगे, हमे यकीन है पर उसके बाद क्या?
राजेश _जी मै समझा नही।
सीमा _भई, जिंदगी जीने के लिए हमसफर भी तो चाहिए उसके बारे में बात कर रही हूं।
राजेश _ओह, उसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
सीमा _पर हमे तो लगा कि तुम अपने लिए हमसफर ढूंढ चुके हो।
कैसा हमसफर चाहिए तुमको, हम तुम्हारे दोस्त हैं, शायद हम कुछ मदद कर सके। तुम्हारे आस पास कोई हो तो बताओ। उदाहरण के लिए।
राजेश _मुझे तो सुजाता मैम की तरह सुंदर,काबिल और मां के समान प्यार करने वाली पत्नी चाहिए।
सीमा _ओह, तो तुम निशा को क्यू पसंद नही कर लेते? वह सुजाता आंटी की परछाई ही है और वह मां की तरह तुमको प्यार करेगी?
राजेश खामोश हो गया,,
निशा चीखी ,,
सीमा, ये तुम क्या बकवास कर रही हो?
सीमा को अपनी गलती का अहसास हो गया,,
सीमा _सॉरी निशा मै तो मजाक कर रही थी।
राजेश तुम क्या सोचने लगें, मै तो सिर्फ मजाक कर रही थी।
निशा _राजेश ये लड़की तो पागल है कुछ भी बोल देती है, तुम इसकी बातो को दिल से न लेना।
अच्छा राजेश अब क्लास का समय हो रहा है, हम चलते हैं।
राजेश ने हां में सिर हिलाया।
राजेश निशा को जाते हुए देखने लगा,,,
निशा _सीमा ये तुमने क्या किया? राज को ये सब बोलने की क्या जरूरत थी।
सीमा _सॉरी निशा पता नही, ये सब मेरे मुंह से कैसे निकल गया?
निशा _राजेश अब मेरे बारे में न सोचें तो ही अच्छा है।
तुमने ये ठीक नहीं किया।
सीमा _सॉरी निशा, माफ कर दो मुझे प्लीज, तुम्हारे आंखो की आंसू मुझे देखे नही जाते।
निशा _सीमा तुम मूझसे वादा करो, राज से तुम कभी भी नहीं बताओगी की मैं उससे प्यार करती हूं।
सीमा _निशा, मै तुमसे वादा करती हूं। मैं ये बात राजेश को कभी नहीं बताऊंगी।

इधर राजेश के मन में सीमा की बात ने काफ़ी गहरा प्रभाव डाला था।
कालेज के छुट्टी के बाद राजेश जब घर पहुंचा,,
वह किचन में जाकर, सुनिता को पीछेसे अपनी बाहों में भर लिया ।
सुनिता _आ गया मेरा बेटा।
राजेश _हां, मां।
राजेश ने सुनिता की गालों को चूमने चाटने लगा।
सुनिता _अरे क्या कर रहा है तुमने फिर शैतानी शुरू कर दी।
राजेश _अपनी मां से प्यार कर रहा हूं, इसमें शैतानी क्या?
इधर राजेश सुनिता को और जकड़ लिया, उसका land उसकी गाड़ में धस गया।
जिससे सुनिता सिसक उठी।
राजेश _क्या huwa मां?
सुनिता _अपना छोटू को सम्हालो, गलत जगह जानें की कोशिश कर रहा है।
राजेश _तो सही जगह पहुंचा दो न अपने छोटे बेटे को।
सुनिता _चल हट बदमाश कही का जब देखो तब मस्ती सूझी रहती हैं।
राजेश _थोडा दुदू ही पीला दो ।
सुनिता_जानती हूं, दुदू पीने के बहाने मुझे गर्म करता है ताकि आसानी से तुम्हारी बातो में आ जाऊं।
चल हट, मुझे काम करना है। जाओ अपने कमरे में।
राजेश ने सुनिता की ओंठ को मुंह में भरकर चूस दिया फिर अपने कमरे में भाग गया।
सुनिता _बेशरम कही का, बिल्कुल आवारा बन गया है, और मुस्कुराने लगी।
राज अपने कमरे में जानें के बाद, फ्रेश होकर बेड पार आराम करने लगा।
वह सीमा द्वारा कही गई बातों के बारे में सोचने लगा,,
निशा, सुजाता की परछाई है उसे क्यू पसंद नही कर लेते। वह तुम्हे मां जैसे प्यार भी करेगी।
फिर उसे याद आया,किस प्रकार जब वह निराश हो गया था, तब निशा ने उसे इससे उबारा।
निशा के साथ जो उसने कालेज फंक्शन में परफार्म किया था, वह याद आने लगा।
प्राय के द्वारा कही गई बाते,,
निशा तुम पर मरती है,, इसका तुम्हे अहसास नही। तुम दोनो की जोड़ी सबसे बेस्ट होगी।

फिर उसे अपनी मां की कही बाते याद आया कि तुम अमीर घर की लड़कियों से दूर ही रहना।
राजेश उलझन में फस गया,,
वह मोबाइल में कैद निधा की फ़ोटो निकाल कर देखने लगा।
तभी उसकी मां कमरे में आई।
सुनिता _बेटा क्या कर रहा है?
राजेश _कुछ नही मां, बस आराम कर रहा था।
सुनिता _चलो भोजन के लिए तुम्हारे पापा वेट कर रहे हैं।
राजेश _ठीक है मां, मै अभी आया।
कुछ देर बाद राजेश, भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर उपस्थिति दे दिया था।
शेखर _सुनिता, गांव से भैया ने फ़ोन किया था। बोल रहा था की उसकी बहू को लडकी हुई है। जिसका नामकरण संस्कार अगले संडे को है। हमे निमंत्रण दिया है।
सुनिता _ये तो खुशी की बात है। काश हम जा पाते।
राजेश _मां आख़िर बात क्या है? आप लोग गांव जाते क्यू नही हो? पूछने पर भी आप लोग कुछ बताते नही। वहा ताऊ, ताई, चाचा चाची और भाई बहन सब है, मेरा उनसे मिलने का कितना मन है पर न तुम लोग जाते हो न मुझे जानें देते। आख़िर क्यू?
सुनिता _बेटा, वह बहुत पिछडा गांव है वहा किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। इसलिए हम वहा नही जाते।
राजेश _मां तुम न जाती हो वह समझ आता है पर पापा भी नहीं जाते। जबकि उनके बड़े और छोटे भाई वहा रहते हैं। क्या सुविधा के अभाव होने से कोई अपने भाईयो को भूल सकता है l
शेखर _बेटा, मुझे भी याद आता है मेरे भाईयो का पर हमारा वहा न जानें में भलाई है।
राजेश _पापा आख़िर बात क्या है?
सुनिता _राजेश, कितने बार कहा है? तुम इस बारे में मत पूछा करो।
राजेश _सॉरी मॉम।

रात को सुजाता ने राजेश को काल किया।
सुजाता _क्या कर रहे हो जनाब?
राजेश _मैम आप। कुछ नही सोने की कोशिश कर रहा था।
सुजाता _क्यू नींद नहीं आ रही क्या?
राजेश _हां, किसी के खयालों में खोया था।
सुजाता _कौनहै वह खुशनसीब मै भी तो जानू?
राजेश _आप के शिवा कौन हो सकता है?
सुजाता _अच्छा, तो अभी तक काल क्यू नही किया।
राजेश _अब मुझे क्या पता आप कहा पर हो।
सुजाता _चल झूठा कही का।
अच्छा सुनो, आई मिस यू सो मच
मैं कल शाम को होटल में एक कमरा बुक कर दी हूं।
तुम कालेज से सीधा वही आ जाना, मै वही मिलूंगी।
तुम्हारे बिना रह पाना मुस्किल है मेरे लिए।
राजेश _किसी को पता चल गया तो।
सुजाता _तुम उसकी चिंता मत करो किसी को पता नहीं चलेगा।
अच्छा अब मै रखती हूं बाई।
राजेश _ओके बाई।

अगले दिन सुजाता ने अपने कंपनी के अधिकारियो की मीटिंग रखी थी। कंपनी के अधिकारियो से कंपनीकी स्थिति पर जानकारी लेने।
अधिकारियो ने बताया कि कंपनी के सारे प्रॉजेक्ट फिर से शुरू हो गए है।
हमारे निवेशक फिर से हमारी कंपनी पर भरोसा जता रहे हैं। कंपनी के शेयर में लगातार तेजी बना huwa है। हम बहुत जल्द पुरानी स्थिति को प्राप्त कर लेंगे।

सुजाता ने खुशी जाहिर की।
शाम को 4बजे सुजाता ने राजेश को काल कर होटल के बारे में जानकारी देकर जल्द पहुंचने को कहा।
सुजाता जल्द ऑफिस से निकल कर होटल मे पहुंच चुकी थी।
राजेश कालेज से छुट्टी के बाद फाइव स्टार होटल पहुंचा।
मैनेजर ने राजेश को देखते ही पहचान लिया।सुजाता ने मैनेजर को पहले ही राजेश का फ़ोटो mobile पर सेंड कर दिया था। और कह दिया था की जब वह आए तो मेरे कमरे में बिना किसी पूछताछ के भेज देना ।
जब मैनेजर ने राजेश को देखा,,
मैनेजर _आप राजेश है।
राजेश _जी।
आप मेरे साथ आइए।
राज मैनेजर के पीछे चला गया।
मैनेजर ने राजेश को रूम के बाहर छोड़ कर आया।
राजेश ने सुजाता को काल किया,,मैम मै रूम नंबर 24 के बाहर खड़ा हूं।
सुजाता ने दरवाज़ा खोला। और राजेश कमरे के अन्दर प्रवेश किया।
सुजाता ने दरवाज़ा बंद कर राजेश के गले में अपनी बाहें डाल दिया।
सुजाता _मै कब से वेट कर रही थी।
राजेश ने सुजाता के अपने बाहों मे जकड़ लिया।
आज तो आप बहुत हॉट लग रही हो,,
राजेश ने सुजाता को अपनी गोद में उठा लिया।
वे एक दूसरे की आंखो में देखने लगे।
राजेश ने सुजाता को बेड पे लिटा दिया।
सुजाता उठ कर बैठ गई, और राजेश के ओंठ चूसने लगी।
फिर वह गीत गाने लगी,,,

चलो प्यार मुझे करो,,,
अंग से अंग लगाके, प्रेम सुधा बरसादे,,
दासी तेरी प्यासी रही कितनी जनम,,,

भरो मांग मेरी भरो,,
चलो प्यार मुझे करो,,

बिन तेरे मेरा कोई और नहीं
मेरे प्यार की कच्ची डोर नही
पिया लेके मन की कली
तेरी पूजा करने चली प्रियतमा

चलो प्यार मुझे करो,,
भरो मांग मेरी भरो,,

दिल मेरा है तेरा ये जान ले
मेरी दीवानगी पहचान ले
सांस रुक भी गई जो सनम
लेके आऊंगा फिर मैं जनम प्रियतमा,

चलो प्यार मुझे करो,,
भरो मांग मेरी भरो,,
अंग से अंग लगाके प्रेम सुधा बरसादे
तेरे लिए बेचैन था कितने जनम,,

इधर निशा घर आने के बाद अपने कमरे में आकार राजेश को याद कर गीत गाने लगी,,,

शिकवा नहीं किसी से,,,
किसी से गिला नहीं,,,
नसीब में नहीं था,,
हमको मिला नहीं,,
Lagta hai ki Sujata aur Rajesh ko ek dusre ki lat lag gayi. Bechari Nisha
 

Lord xingbie

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अगली सुबह जब सीमा कालेज जाने के लिए निशा के घर पहुंची।
सुजाता उसी समय ऑफिस जानें के लिए निकल रही थी
सीमा _आंटी, निशा कहा है?
सुजाता _, सीमा बेटा आज निशा की तबियत ठीक नहीं है, पूछने पर कह रही थी कि उसके सिर में दर्द है। वह आज कालेज नही जाऊंगी, बोल रही थी। अपने को में आराम कर रही है।
तुम बात करके देखो आख़िर बात क्या है?
सीमा _ठीक है आंटी।
सीमा, निशा के कमरे में पहुंची।
निशा सो रही थी, किसी सोच में डूबी हुई थी।
सीमा ने आवाज दी, निशा,,,,,,
निशा ने कोई जवाब नही दिया,,
वह निशा के करीब गई।
बेड पर बैठ कर जब उसके सिर पर हाथ रख बोली,
निशा क्या huwa है तुम्हे? कहा खोई हुई हो?
निशा _सीमा तुम कब आई?
सीमा _मैने तुमको आवाज दी तुमने सुना ही नहीं। कहा खोई हुई हो।
आंटी कह रही थी की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं।
निशा _हां, सीमा आज मेरी तबियत ठीक नहीं है, मै आज कालेज नही जा रही।
सीमा _मै तुम्हे अच्छी तरह जानती हूं। तुम्हारी तबियत ठीक न होने पर भी तुम कालेज मिस नही करती,बोलो आख़िर बात क्या है?
तुम्हारी आंखे सूजी हुई लग रही है, जैसे तुम रात भर रोई हो। बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा की आंखो में आंसु आ गए।
निशा _कुछ भी तो नही।
सीमा _निशा तुम रो रही हो, बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा, सीमा के गोद में अपना सिर रखकर रोने लगी।
सीमा _मेरा दिल घबरा रहा है। निशा आख़िर बात क्या है? बताओ मुझे।
निशा _मै तुम्हे नही बता सकती।
सीमा _निशा, ऐसी क्या बात है को मुझे नही बता सकती?अगर तुम मुझे अपनी बहन समझती हो तो बताओ मुझे आख़िर बात क्या है?
निशा _राज किसी और से,,,
सीमा _निशा, ये तुम क्या कह रही हो?
ऐसा नहीं हो सकता। ये तुम्हारा वहम होगा।
क्या ये राज ये बात राज ने तुमसे कहा?
निशा ने न में सिर हिलाया
सीमा _फिर तुम यह कैसे मान ली की वह किसी और से प्यार करता है? मैंने राज की आंखो में तुम्हारे लिए प्यार देखा है?
निशा _मै सच कह रही हूं।
सीमा _कौन है वो?
आख़िर मै भी तो जानू, तुमसे बेहतर राज के लिए।
निशा _मै नही बता सकती?
सीमा _नही सीमा मुझे, बताना ही होगा। मै तुम्हारे आंखो में आंसू नहीं देख सकती बोलो,, कौन है वो, बताओ मुझे।
निशा _नही, सीमा मुझे इस बारे में मत पूछो, मै नही बता सकती।
सीमा _नही निशा मुझे बताना ही होगा तुम्हे तुम्हे, कौन है वो? बोलो
सीमा के बार बार जिद करने पर,,
निशा _पहले तुम वादा करो यह बात किसी को नही बताओगी?
सीमा _क्या मुझ पर भरोसा नहीं?
निशा _, भरोसा नहीं करती तो क्या मैं इतना कुछ बताती।
सीमा _मै हम बचपन की सहेली ही नही बहन जैसी है मै हमेशा तुम्हारी खुशियां ही चाही है। बताओ मुझे कौन है वो?
निशा _मेरी मॉम,,,
सीमा _निशा तुम पागल हो गई हो? तुम्हे पता भी है तुम क्या कह रही हो?
निशा _मै सच कह रही हूं। मैने अपने आंखो से देखा है। दोनो को प्यार,,,,
निशा रोने लगी,,
सीमा _नही ये नही हो सकता !
सीमा भी सोचने में मजबूर हो गई।
सीमा _पर ये सब huwa कैसे?
निशा _शायद, सोनपुर में अकेले रहने के दौरान वे करीब आ गए होंगे।
सीमा _कोई और होता तो मैं तुम्हे कुछ सलाह देती, तुम्हारी मां है, अब आगे जो भी करना है फैसला तुम्हे ही लेना होगा।
निशा _मैने फैसला कर लिया है?
सीमा _कैसा फैसला?
निशा _मै राजेश को अपने दिल से निकाल दूंगी।
सीमा _निशा अगर,आंटी को पता चले की तुम राजेश से प्यार करती हो तो शायद वह राजेश को अपने से अलग कर दे। तुम कहो तो मैं आंटी से बात करू की तुम राज को पसंद करती हो।
निशा _नही, सीमा एसा भूलकर भी न करना, तुम्हे मेरी कसम।
मैं अपनी मॉम से बहुत प्यार करती हूं। डैड के बीमार रहने के बाद, वह जैसे सजना, संवारना, ठीक से हंसना सब भूल चुकी थी।राजेश के आने से उसको पहली बार इतना खुश होते देखा है ।
मैं अपनी मॉम की खुशी के लिए राजेश को अपने दिल से निकाल दूंगी।
सीमा _क्या यह इतना आसान है?
निशा _जानती हूं। राजेश को भूल पाना आसान नहीं इसलिए मैंने एक और फैसला लिया है।
सीमा _कैसा फैसला?
निशा _दो माह बाद एग्जाम खत्म होने के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए अपनी बुआ के पास लंदन चली जाऊंगी।
सीमा _पर तुम्हारा सपना तो आगे अपनी मॉम का सहारा बनने का है न। उसकी कंपनी को आगे बढ़ाने का।
निशा _मै पढ़ाई के बाद वही किसी नई प्रॉजेक्ट पर काम करूंगी। जिससे मॉम की कंपनी और आगे बड़ सके।
सीमा _ओह निशा, ये सब क्या हो गया?
सीमा ने निशा को अपने सीने से लगा लिया। उसकी आंखो से भी आंसू बहने लगी।
कुछ देर बाद सीमा ने कहा,,,
निशा अब आंसू बहाने से अच्छा है हालात से लड़ना, जो होगा ऊपर वाले पे छोड़ दो।
यहां घर में रहेगी तो अकेली घुट घुट कर अपनी हालात और खराब कर लेगी। चलो मेरे साथ कालेज। मै तुम्हे अकेली नहीं छोड़ सकती।
अगर तुम नही जावोगी तो मै भी कालेज नही जाऊंगी।
निशा _सीमा, मुझ अभागन का साथ छोड़ दो, नही तो मेरे साथ तुम्हारी भी किस्मत खराब हो जाएगी।
सीमा _निशा, मै तो तुम्हारी साया हूं, साया। तू जहा जाएगी हमेशा साथ ही रहूंगी। मैने तो बचपन से ही यह फैसला कर लिया है।
निशा _सीमा,,
सीमा _हां, मेरी बहना।
दोनो एक दूसरे को गले लगा कर रोने लगे।
सीमा _अब चलो, तुम फ्रेश होकर जल्दी तैयार हो जाओ।

इधर राजेश कालेज पहुंचता है।
कैंटीन में,,
भगत _भाई ये पार्टी वाले बार बार काल करके मुझे अपने पार्टी में शामिल होने के लिए फोर्स कर रहे हैं।
राजेश _तुम, उनसे कहो जो भी फैसला लूंगा वह एग्जाम के बाद ही लूंगा।
अभी मुझे अपनी पढ़ाई पर फोकस करना है।
भगत _ठीक है भैया।
राजेश _वैसे तुमने जो फेस बुक और इंस्टाग्राम पर अपना अकाउंट बनाया है उसका क्या हाल चाल है?
भगत _भैया, लाखो फालोवर जुड़ चुके हैं और रोज सैकड़ों नई फालोवर जुड़ रहे हैं। मेरे विचारो को लोग खूब लाइक कमेंट्स और शेयर कर रहे है। अधिकांश लोग तो कह रहे हैं की खुद की नई पार्टी बनाओ। हम आपके साथ है।
राजेश _गुड। फालोवर की संख्या जितनी बड़े अच्छी बात है। तुम उसमे अपनी नई नई विचारो को पोस्ट करते रहा करो।
और अपने फालोवर को अप्रैल तक सब्र रखने बोलो। फिर आगे का प्लान बताया जाएगा।
राजेश _ठीक है भाई।
भगत _आगे कुछ दिनों बाद इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट होना है। इसका आयोजन हमारे ही कालेज में होना है।
इसके लिए आवश्यक तैयारियों पर चर्चा के लिए। छात्र संघ और कालेज प्रशासन के बीच दोपहर में बैठक रखा गया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है। टूर्नामेंट में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। दूसरे कालेज से आने वाले छात्रों की सुविधाओ एवम ठहरने की व्यवस्था उनकी सुरक्षा पर चर्चा करना जरूरी है।
भगत _भाई, मीटिंग में हमारे कॉलेज की फुटबाल टीम के चयन पर भी चर्चा होगी। आपको टीम में कप्तान बनाने के लिए मैं पहल करूंगा। नियम के अनुसार जो स्टूडेंट लोकल टूर्नामेंट में भाग लेता है उसी को उसके परफामेंस के आधार पर टीम में शामिल किया जाता है । आप लोकल टूर्नामेंट में भाग नही ले पाए थे, तो आपका इस बार टीम में चयन के लिए, पुराने नियम पर विचार करना पड़ेगा।
राजेश _नही भगत, टीम मेंमेरा चयन के लिए अनावश्यक दबाव मत बनाना। नियम सबके लिए समान होना चाहिए। मैने लोकल टूर्नामेंट में भाग नही लिया था, तो टीम में मेरा चयन करना, नियम विरुद्ध होगा।
भगत _पर भाई लगातार दो बार हमारे कालेज को आप ही ने चैंपियन बनाया है, इस बार आप नही खेलेंगे तो फिर टूर्नामेंट जीतेंगे कैसे?
राजेश _अरे नही हमारे टीम में सब अच्छे प्लेयर्स है। रोहन में भी काबिलियत है, मुझे यकीन है उसके नेतृत्व में सभी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगें।
भगत _भाई, हम जानते है कि रोहन टूर्नामेंट जीतने के लिए जी जान लूटा देगा, पर उसका इगो, कही टीम पर भारी न पड़ जाए।
राजेश _देखते है, क्या होता है? फिर हाल हमारे कालेज को उस पर विश्वास करना ही पड़ेगा।

दोपहर लंच के समय,,
सीमा _निशा, कैंटीन चले कॉफी पीने।
निशा _नही, सीमा अब मै कभी कैंटीन नही जाऊंगी।
सीमा _निशा, शायद तुम भूल रही हो राज तुम्हारा अभी भी बहुत अच्छा दोस्त हैं। उसका प्यार न मिला तो क्या? दोस्ती थोड़े ही छोड़ देगी।
निशा _मुझे डर है कि राज के सामने आने पर मैं कमजोर न पड़ जाऊं।
सीमा _ऐसा नही होने दूंगी, मै तुम्हारे साथ हूं।
चलो।
दोनो कैंटीन में चले गए।
वहा पर राजेश अकेला मिला।
सीमा _हाय राजेश।
राजेश _हेलो सीमा, हेलो निशा जी।
निशा _हेलो राज ।
सीमा _राज आजआप अकेले है।
राजेश _हां, भगत और कुछ दोस्त आज कालेज प्रशासन के साथ मीटिंग अटेंड कर रहे हैं।
राजेश _काफ़ी लेंगी आप दोनो।
सीमा _क्यू नहीं।
राजेश ने तीन कॉफी मंगाया।
राजेश _निशा जी आज आपके चेहरे में कुछ उदास लग रही है। कुछ बात है क्या?
निशा _नही राजेश, वो आंख में कचड़ा चला गया था न इसलिए आंख कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
राजेश _दिखाओ अपनी आंखे, फुख मारकर कचरा बाहर निकाल दू। तुमको राहत मिलेगी।
निशा _ओह राजेश कचरा निकल चुका है, तुम्हे परेशान होने की जरूरत नहीं।
राजेश _वैसे निशा जी आपने कल बहुत अच्छा पानी पूरी बनाया था। खा कर मजा आ गया।
निशा _thanks राजेश
सीमा _राजेश तुम इतने दिनो तक सोनपुर में रहे, काफ़ी इंजॉय किए होगे वहा। हमें भी तो बताओ कुछ।
राजेश _वहा की वादियां बहुत अच्छी है, अगर तुम लोग होते तो और मजा आता।
निशा _Rajesh, तुमने हमें बुलाया ही नहीं, अगर तुम बुलाते तो हम वहा जरूर पहुंच ,,,
राजेश _वहा तुम लोगो का जाना थोडा रिस्की था न मज़दूर यूनियन वालो से,,
इसलिए तुम लोग न आए तो ही अच्छा था।
सीमा _तुम्हे चोंट लगी तो आंटी ने काफी अच्छी देखभाल की होगी आपका।
राजेश _ओ हां सुजाता मैम की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उसने मेरी दिन रात देखभाल की।
उसके बाद तीनो काफी पीने लगे।
सीमा _जब से आप लोग सोनपुर से आए है। आंटी तो आपकी तारीफ करते नही थक रही। लगता है तुमने आंटी पर भी अपना जादू चला दिया है।
राजेश तुमने फ्यूचर के बारे में क्या सोचा है?
राजेश _सीमा जी आप लोग तो जानते ही हो कि आगे मेरा लक्ष्य क्या है?
सीमा _वो तो जानते ही हैं, और तुम अपने लक्ष्य को भी प्राप्त कर लोगे, हमे यकीन है पर उसके बाद क्या?
राजेश _जी मै समझा नही।
सीमा _भई, जिंदगी जीने के लिए हमसफर भी तो चाहिए उसके बारे में बात कर रही हूं।
राजेश _ओह, उसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
सीमा _पर हमे तो लगा कि तुम अपने लिए हमसफर ढूंढ चुके हो।
कैसा हमसफर चाहिए तुमको, हम तुम्हारे दोस्त हैं, शायद हम कुछ मदद कर सके। तुम्हारे आस पास कोई हो तो बताओ। उदाहरण के लिए।
राजेश _मुझे तो सुजाता मैम की तरह सुंदर,काबिल और मां के समान प्यार करने वाली पत्नी चाहिए।
सीमा _ओह, तो तुम निशा को क्यू पसंद नही कर लेते? वह सुजाता आंटी की परछाई ही है और वह मां की तरह तुमको प्यार करेगी?
राजेश खामोश हो गया,,
निशा चीखी ,,
सीमा, ये तुम क्या बकवास कर रही हो?
सीमा को अपनी गलती का अहसास हो गया,,
सीमा _सॉरी निशा मै तो मजाक कर रही थी।
राजेश तुम क्या सोचने लगें, मै तो सिर्फ मजाक कर रही थी।
निशा _राजेश ये लड़की तो पागल है कुछ भी बोल देती है, तुम इसकी बातो को दिल से न लेना।
अच्छा राजेश अब क्लास का समय हो रहा है, हम चलते हैं।
राजेश ने हां में सिर हिलाया।
राजेश निशा को जाते हुए देखने लगा,,,
निशा _सीमा ये तुमने क्या किया? राज को ये सब बोलने की क्या जरूरत थी।
सीमा _सॉरी निशा पता नही, ये सब मेरे मुंह से कैसे निकल गया?
निशा _राजेश अब मेरे बारे में न सोचें तो ही अच्छा है।
तुमने ये ठीक नहीं किया।
सीमा _सॉरी निशा, माफ कर दो मुझे प्लीज, तुम्हारे आंखो की आंसू मुझे देखे नही जाते।
निशा _सीमा तुम मूझसे वादा करो, राज से तुम कभी भी नहीं बताओगी की मैं उससे प्यार करती हूं।
सीमा _निशा, मै तुमसे वादा करती हूं। मैं ये बात राजेश को कभी नहीं बताऊंगी।

इधर राजेश के मन में सीमा की बात ने काफ़ी गहरा प्रभाव डाला था।
कालेज के छुट्टी के बाद राजेश जब घर पहुंचा,,
वह किचन में जाकर, सुनिता को पीछेसे अपनी बाहों में भर लिया ।
सुनिता _आ गया मेरा बेटा।
राजेश _हां, मां।
राजेश ने सुनिता की गालों को चूमने चाटने लगा।
सुनिता _अरे क्या कर रहा है तुमने फिर शैतानी शुरू कर दी।
राजेश _अपनी मां से प्यार कर रहा हूं, इसमें शैतानी क्या?
इधर राजेश सुनिता को और जकड़ लिया, उसका land उसकी गाड़ में धस गया।
जिससे सुनिता सिसक उठी।
राजेश _क्या huwa मां?
सुनिता _अपना छोटू को सम्हालो, गलत जगह जानें की कोशिश कर रहा है।
राजेश _तो सही जगह पहुंचा दो न अपने छोटे बेटे को।
सुनिता _चल हट बदमाश कही का जब देखो तब मस्ती सूझी रहती हैं।
राजेश _थोडा दुदू ही पीला दो ।
सुनिता_जानती हूं, दुदू पीने के बहाने मुझे गर्म करता है ताकि आसानी से तुम्हारी बातो में आ जाऊं।
चल हट, मुझे काम करना है। जाओ अपने कमरे में।
राजेश ने सुनिता की ओंठ को मुंह में भरकर चूस दिया फिर अपने कमरे में भाग गया।
सुनिता _बेशरम कही का, बिल्कुल आवारा बन गया है, और मुस्कुराने लगी।
राज अपने कमरे में जानें के बाद, फ्रेश होकर बेड पार आराम करने लगा।
वह सीमा द्वारा कही गई बातों के बारे में सोचने लगा,,
निशा, सुजाता की परछाई है उसे क्यू पसंद नही कर लेते। वह तुम्हे मां जैसे प्यार भी करेगी।
फिर उसे याद आया,किस प्रकार जब वह निराश हो गया था, तब निशा ने उसे इससे उबारा।
निशा के साथ जो उसने कालेज फंक्शन में परफार्म किया था, वह याद आने लगा।
प्राय के द्वारा कही गई बाते,,
निशा तुम पर मरती है,, इसका तुम्हे अहसास नही। तुम दोनो की जोड़ी सबसे बेस्ट होगी।

फिर उसे अपनी मां की कही बाते याद आया कि तुम अमीर घर की लड़कियों से दूर ही रहना।
राजेश उलझन में फस गया,,
वह मोबाइल में कैद निधा की फ़ोटो निकाल कर देखने लगा।
तभी उसकी मां कमरे में आई।
सुनिता _बेटा क्या कर रहा है?
राजेश _कुछ नही मां, बस आराम कर रहा था।
सुनिता _चलो भोजन के लिए तुम्हारे पापा वेट कर रहे हैं।
राजेश _ठीक है मां, मै अभी आया।
कुछ देर बाद राजेश, भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर उपस्थिति दे दिया था।
शेखर _सुनिता, गांव से भैया ने फ़ोन किया था। बोल रहा था की उसकी बहू को लडकी हुई है। जिसका नामकरण संस्कार अगले संडे को है। हमे निमंत्रण दिया है।
सुनिता _ये तो खुशी की बात है। काश हम जा पाते।
राजेश _मां आख़िर बात क्या है? आप लोग गांव जाते क्यू नही हो? पूछने पर भी आप लोग कुछ बताते नही। वहा ताऊ, ताई, चाचा चाची और भाई बहन सब है, मेरा उनसे मिलने का कितना मन है पर न तुम लोग जाते हो न मुझे जानें देते। आख़िर क्यू?
सुनिता _बेटा, वह बहुत पिछडा गांव है वहा किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। इसलिए हम वहा नही जाते।
राजेश _मां तुम न जाती हो वह समझ आता है पर पापा भी नहीं जाते। जबकि उनके बड़े और छोटे भाई वहा रहते हैं। क्या सुविधा के अभाव होने से कोई अपने भाईयो को भूल सकता है l
शेखर _बेटा, मुझे भी याद आता है मेरे भाईयो का पर हमारा वहा न जानें में भलाई है।
राजेश _पापा आख़िर बात क्या है?
सुनिता _राजेश, कितने बार कहा है? तुम इस बारे में मत पूछा करो।
राजेश _सॉरी मॉम।

रात को सुजाता ने राजेश को काल किया।
सुजाता _क्या कर रहे हो जनाब?
राजेश _मैम आप। कुछ नही सोने की कोशिश कर रहा था।
सुजाता _क्यू नींद नहीं आ रही क्या?
राजेश _हां, किसी के खयालों में खोया था।
सुजाता _कौनहै वह खुशनसीब मै भी तो जानू?
राजेश _आप के शिवा कौन हो सकता है?
सुजाता _अच्छा, तो अभी तक काल क्यू नही किया।
राजेश _अब मुझे क्या पता आप कहा पर हो।
सुजाता _चल झूठा कही का।
अच्छा सुनो, आई मिस यू सो मच
मैं कल शाम को होटल में एक कमरा बुक कर दी हूं।
तुम कालेज से सीधा वही आ जाना, मै वही मिलूंगी।
तुम्हारे बिना रह पाना मुस्किल है मेरे लिए।
राजेश _किसी को पता चल गया तो।
सुजाता _तुम उसकी चिंता मत करो किसी को पता नहीं चलेगा।
अच्छा अब मै रखती हूं बाई।
राजेश _ओके बाई।

अगले दिन सुजाता ने अपने कंपनी के अधिकारियो की मीटिंग रखी थी। कंपनी के अधिकारियो से कंपनीकी स्थिति पर जानकारी लेने।
अधिकारियो ने बताया कि कंपनी के सारे प्रॉजेक्ट फिर से शुरू हो गए है।
हमारे निवेशक फिर से हमारी कंपनी पर भरोसा जता रहे हैं। कंपनी के शेयर में लगातार तेजी बना huwa है। हम बहुत जल्द पुरानी स्थिति को प्राप्त कर लेंगे।

सुजाता ने खुशी जाहिर की।
शाम को 4बजे सुजाता ने राजेश को काल कर होटल के बारे में जानकारी देकर जल्द पहुंचने को कहा।
सुजाता जल्द ऑफिस से निकल कर होटल मे पहुंच चुकी थी।
राजेश कालेज से छुट्टी के बाद फाइव स्टार होटल पहुंचा।
मैनेजर ने राजेश को देखते ही पहचान लिया।सुजाता ने मैनेजर को पहले ही राजेश का फ़ोटो mobile पर सेंड कर दिया था। और कह दिया था की जब वह आए तो मेरे कमरे में बिना किसी पूछताछ के भेज देना ।
जब मैनेजर ने राजेश को देखा,,
मैनेजर _आप राजेश है।
राजेश _जी।
आप मेरे साथ आइए।
राज मैनेजर के पीछे चला गया।
मैनेजर ने राजेश को रूम के बाहर छोड़ कर आया।
राजेश ने सुजाता को काल किया,,मैम मै रूम नंबर 24 के बाहर खड़ा हूं।
सुजाता ने दरवाज़ा खोला। और राजेश कमरे के अन्दर प्रवेश किया।
सुजाता ने दरवाज़ा बंद कर राजेश के गले में अपनी बाहें डाल दिया।
सुजाता _मै कब से वेट कर रही थी।
राजेश ने सुजाता के अपने बाहों मे जकड़ लिया।
आज तो आप बहुत हॉट लग रही हो,,
राजेश ने सुजाता को अपनी गोद में उठा लिया।
वे एक दूसरे की आंखो में देखने लगे।
राजेश ने सुजाता को बेड पे लिटा दिया।
सुजाता उठ कर बैठ गई, और राजेश के ओंठ चूसने लगी।
फिर वह गीत गाने लगी,,,

चलो प्यार मुझे करो,,,
अंग से अंग लगाके, प्रेम सुधा बरसादे,,
दासी तेरी प्यासी रही कितनी जनम,,,

भरो मांग मेरी भरो,,
चलो प्यार मुझे करो,,

बिन तेरे मेरा कोई और नहीं
मेरे प्यार की कच्ची डोर नही
पिया लेके मन की कली
तेरी पूजा करने चली प्रियतमा

चलो प्यार मुझे करो,,
भरो मांग मेरी भरो,,

दिल मेरा है तेरा ये जान ले
मेरी दीवानगी पहचान ले
सांस रुक भी गई जो सनम
लेके आऊंगा फिर मैं जनम प्रियतमा,

चलो प्यार मुझे करो,,
भरो मांग मेरी भरो,,
अंग से अंग लगाके प्रेम सुधा बरसादे
तेरे लिए बेचैन था कितने जनम,,

इधर निशा घर आने के बाद अपने कमरे में आकार राजेश को याद कर गीत गाने लगी,,,

शिकवा नहीं किसी से,,,
किसी से गिला नहीं,,,
नसीब में नहीं था,,
हमको मिला नहीं,,
niec update bro
nisha ka dukh sirf nisha hi samjh aur jhel rahi hai
rajesh ko to andaza hi nahi hai
sima ne ek tarah se rajesh ko keh to diya aur rajesh k dil me baat bhi aayi
par sujata ka pyar aur sunita ki baat ko lekar tension me ayega rajesh agar nisha ko accept karta hai to
ya fir dono maa beti ko samjhuta karna padega rajesh ke liye
nisha sujata ki khushi ke liye rajesh door ho rahi ye baat sujata ko pata chalegi to kya hoga
idhar sunita ko bhi pata nahi hai rajesh aur sujata ke baare me ye tehlka machayega kahi agar uski behen ne bata diya to
keep writing
 

sunoanuj

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Bhaut hee behtarin updates…

Nisha ke liye dukh ho raha hai is par dono ki sachai ka bahut asar pada hai…

Bahut hi gajab likh rahe ho…
 

rajesh bhagat

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Nice update
Dukh ki sima nahi hoti jab Aisa hota hai
Jisko AAP pyar Karo wo kisi aur ko kare usse bada dukh ki wo aapke hi jannewale k saath hai to aur bhi dukh hota hai
Par ek baat hai Nisha ko apni baat rakh deni chahiye Rajesh ke samne taki use ye afsos na rahe ki usne Rajesh ko batya hi nahi
Par Nisha ko apni maa ki Khushi ki chinta hai isliye shayd nahi bata paa Rahi hai
Rajesh to shayad abhi kisi ko pyar ho nahi karta shyad dekhte hai shayad sujata se pyar karta ho

Keep writing 👍
बहुत सुन्दर विश्लेषण
 

rajesh bhagat

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niec update bro
nisha ka dukh sirf nisha hi samjh aur jhel rahi hai
rajesh ko to andaza hi nahi hai
sima ne ek tarah se rajesh ko keh to diya aur rajesh k dil me baat bhi aayi
par sujata ka pyar aur sunita ki baat ko lekar tension me ayega rajesh agar nisha ko accept karta hai to
ya fir dono maa beti ko samjhuta karna padega rajesh ke liye
nisha sujata ki khushi ke liye rajesh door ho rahi ye baat sujata ko pata chalegi to kya hoga
idhar sunita ko bhi pata nahi hai rajesh aur sujata ke baare me ye tehlka machayega kahi agar uski behen ne bata diya to
keep writing
बहुत सुंदर विश्लेषण,,👍
 

rajesh bhagat

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होटल के कमरे में राजेश और सुजाता ने करीब एक घंटे तक समय बिताया।
सुजाता की खुबसूरत जिस्म को देखकर राजेश भी उत्तेजित हो गया। उसका land अकड़ गया। रही सही कसर सुजाता की ओंठो ने पूरा कर दिया। जिससे राजेश का land नाग की तरह फंफनाने लगा।
राजेश के जीभ की कमाल से सुजाता की बुर झरने की तरह पानी बहाने लगी।
राजेश ने सुजाता की जमकर chut बजाया। पूरे समय कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजता रहा,,
उई मां,,, आह,, उन,,, आई,,,,
आह,,, ओह मां ,,, मर गई रि,,, आह,, अन उन ई,,,
आई,,, उह,,
राजेश काम की पूरे 64कलाओं का प्रयोग कर। सुजाता को संभोग सुख प्रदान किया।
सुजाता राजेश की बाहों में जन्नत की सैर कर रही थी। उसे राजेश ने संभोग का ऐसा परम सुख प्रदान किया जिसकी कल्पना तक उसने नही की थी।
इधर राजेश भी सुजाता की खुबसूरत जिस्म पाकर बहुत उत्तेजित होकर पूरे जोश के साथ दनादन बुर की chudai करता रहा।
राजेश को सुजाता की chudai करने में परम आनंद मिल रहा था।
इस एक घण्टे की chudai में राजेश ने सुजाता को तीन बार झाड़ा और अंत में,,, आह, आह मां उन,,
आह करके कराहते हुवे सुजाता के बुर में अपना बीज छोड़ दिया।
दोनो बुरी तरह से थक चुके थे।
सुजाता, राजेश की बाहों में अपना सिर रख कर लेट गई।
सुजाता _राजेश तुम खुश तो हो न।
राजेश _मैम ये भी कोई पूछने की बात है। मैं बडा किस्मत वाला हुं ,जो आपका प्यार मिला।
सुजाता _राजेश सन्डे को मैंने यह होटल बुक कर दी है।
राजेश _क्यू मैम? कोई खास वजह?
सुजाता _तुम्हारा बर्थ डे पार्टी के लिए।
राजेश _मैम आपको कैसा पता चला की सन्डे को मेरा बर्थ डे है।
सुजाता _तुम्हारी मां जब घर आई थी तो बातो ही बातो में मैंने पूछ ली थी।

राजेश _मैम इतने बड़े फाइव स्टार होटल में पार्टी देने की क्या आवश्यकता है?
सुनिता _तुम मेरे लिए खास हो, मेरा फर्ज है तुम्हारे जन्म दिन को खास बनाना।
तुम्हारे कालेज के सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को इनवाइट करूंगी।
राजेश _ओह मैम तुम्हे मेरा इतना ख्याल है।
सुजाता _ओह राजेश तुम मुझे अकेले में मैम न कहा करो प्लीज।
सुजाता कहो।
मुझे अच्छा लगेगा।
राजेश _मैम पता नही मुझे क्यू आपका नाम लेना अछा नही लगता।

कुछ देर आराम करने के बाद दोनों अपने कपडे पहने।
सुजाता पहले होटल से बाहर गई। राजेश, सुजाता के जानें के कुछ देर बाद होटल के कमरे से बाहर निकला।

सुजाता ने भगत को काल किया और बताया की उसने राजेश के जन्म दिन पर पार्टी रखी है।
जिसमे राजेश के सारे मित्रो एवम रिस्तेदारो को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
भगत _मैम ये तो बडी खुशी की बात है, राजेश भाई का बर्थ डे में धूम मचाएंगे।
आप निश्चिंत रहिए। मै सबको आमंत्रित कर दूंगा।

भगत , कालेज के सभी दोस्तों एवम रिस्तेदारो को राजेश के बर्थ डे पार्टी का निमंत्रण पत्र बांटने में जुट गया।
सीमा को कालेज में इस बारे में पता चला,,
सीमा _निशा, कल राजेश का बर्थ डे है और आंटी ने होटल में राजेश का बर्थ डे पार्टी रखी है। जिसमे सभी को आमन्त्रित किया जा रहा है। इस बात से तो साबित होता ही है कि आंटी राजेश को चाहती है।

तुमने क्या सोचा है।
निशा _मेरा तो पार्टी में जाने का मन नहीं कर रहा।
सीमा _राजेश हमारा दोस्त हैं। अगर हम नही जाएंगे तो उन्हे बुरा लगेगा।
निशा _मै बहाना बना दूंगी की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं। तुम चली जाना।
सीमा _न, मै अकेली नहीं जाऊंगी।
निशा _सीमा तुम भी नही जावोगी, तो राजेश से मिलने पर क्या जवाब देंगे।
सीमा _अब कल सोचेंगे क्या करना है?
राजेश जब कालेज से घर पहुंचा।
सुनिता _राजेश जरा इधर आना।
राजेश _बोलो मां क्या है?
सुनिता _ये मै कया सुन रही हुं? स्वीटी बता रही थीकि
सुजाता ने कल तुम्हारे लिए फाइव स्टार होटल में पार्टी रखी है।
राजेश _हां मां, मैने मैम को मना किया था पर वह नही मानी, बोल रही थी की हमारे लिए इतना किया है तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है।
आप सभी को पार्टी में आने को कहा है।
सुनिता _पता नही बेटा पर मुझे ये सब कुछ अच्छा नही लग रहा है।
जब रीता को पता चला कि सुजाता ने राजेश के लिए पार्टी रखी है उसने सुजाता को काल की।
रीता _हाई सुजी,,, कैसी है?
सुजाता _हाई रीता, मै तो ठीक हूं तुम सुनाओ कैसे याद की।
रीता _क्या मै अपने सहेली से बात भी नहीं कर सकती।
सुजाता _कर सकती हो बाबा कभी भी।
रीता _तुम्हारी कंपनी पर आई विपत्ति तो टल चुकी हैऔर तुम्हारी कंपनी फिर से उचाइयो को छुने के लिए अग्रसर है, इसके लिए बहुत बहुत बधाई।
सुजाता _ओह, थैंक यू रीता।
रीता _सुना है राजेश के लिए तुमने बर्थ डे पार्टी ऑर्गेनाइज की है।
सुजाता _अब राजेश ने हमारी कंपनी के लिए इतना किया तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है। इसलिए मैंने उसकी बर्थ डे पार्टी को सेलिब्रेट करने के बारे में सोंचा।
रीता _ये तुमने अच्छा की।
पर यार हमे नही बुलाओगी पार्टी में।
सुजाता _अरे एक ही तो मेरी सहेली हो, कैसे भूलूंगी मैं। तुम भी आमंत्रित हो पार्टी में।
रीता _ओह थैंक्स, सुजी।
वैसे क्या गिफ्ट दे रही हो राज को उसके जन्म दिन पर।
सुजाता _इसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
रीता _भई आपका गिफ्ट तो कुछ स्पेशल हो होगा।
जो राजेश के लिए सरप्राईज होगा।
सुजाता हसने लगी।
सुजाता _नही, ऐसा कुछ नहीं है।
रीता _चलो कल पता लगा लग ही जायेगाकि तुमने राजेश को क्या गिफ्ट दिया है?
आख़िर संडे की शाम आ ही गया।
सुजाता ने निशा से कहा,,
बेटा जल्दी तैयार हो जाओ हमे राजेश की पार्टी में चलना है
निशा _मॉम मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं मै आराम करूंगी। आप जाइए।
सुजाता _बेटा राजेश तुम्हारा दोस्त हैं अगर तु नही जाएगी तो उसे बुरा लगेगा।
निशा _मॉम आप राजेश से कह देना न कि मेरी तबियत ठीक नहीं वैसे भी मेरे नही जानें से राजेश को कोई फर्क नहीं पड़ेगा ,मॉम।
सुजाता _ठीक है बेटा अपना ख्याल रखना।
निशा _ओके मॉम।
सुजाता ने भगत को काल किया,,
सुजाता _भगत सारी तैयारी हो चुकी है न।
भगत _जी मैम, आप आ जाइए।
सुजाता _बस अब मै निकल ही रही हूं।
आज सुजाता किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी।
उसने राजेश को काल किया।
सुजाता _राजेश, तुम रेडी हो गए।
राजेश _हा, मैम बस तैयार होने वाला हुं।
सुजाता _ओके, मै तुम्हे लेने आ रही हूं हम साथ ही निकलेंगे।
राजेश _मैम मै अपनी बाइक से आ जाऊंगी।
सुजाता _अरे नही, हम साथ ही निकलेंगे।
और सुनो मैने तुम्हारे लिए कुछ शूट पसंद किए है वो पहनना।
राजेश _ओह मैम मेरे पास कपडे है।
सुजाता _राजेश मेरे खुशी के लिए इतना नही कर सकते।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता , कुछ ही समय में राजेश के घर पहुंच गई।

सुनिता ने दरवाजा खोला।
सुनिता _सुजाता जी आप।
सुजाता _मै पार्टी के लिए होटल निकल रही थी, तो सोचा राजेश को साथ ले लू। आख़िर पार्टी तो उन्ही का है।
सुनिता _आइए बैठिए न।
सुजाता _दी ज्यादा समय नहीं है अपने पास कुछ ही देर में मेहमान पहुंचने लगेंगे।
सुनिता _सुजाता जी इतनी सब करने की क्या आवश्यकता थी।
सुजाता _दी,राजेश ने हमारे लिए इतना किया है तो क्या उसके लिए मैं एक पार्टी अरेंज नही कर सकती।
कहा है राजेश।
सुनीता_वह अपने कमरे में है। अभी बुलाती हूं।
कुछ ही देर में राजेश आ गया।
सुजाता _चलो राजेश हम लेट हो रहे हैं।
राजेश _मां, आप लोग जल्दी आ जाना हम निकल रहे हैं।
सुनिता _ठीक है बेटा, तुम्हारे पापा के आते ही हम लोग भी पहुंच रहे हैं।
सुजाता और राजेश निकल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _मैम, आज तो आप कमाल की लग रही हो।
सुजाता _ओह सच में,,
राजेश _रियली
मैम निशा कहा है?
सुजाता _मैने उनसे कहा चलने के लिए, पर उसकी तबियत कुछ ठीक नही है, वह नही आ पाएगी।
राजेश _क्या?
राजेश को कुछ अच्छा न लगा,,

इधर निशा अपने कमरे में बेड पर लेट कर राजेश की फ़ोटो को देखते हुए,,
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे,,
निशा _सॉरी जान मै आज तुम्हारे खास दिन पर तुम्हारे पास नही हूं। मुझे माफ कर दो। जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे।
वह घर में रखी पियानो बजाने लगी,,,
फिर गाने लगी,,,
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना,
तेरे बिना भी क्या जीना।
फूलो में कलियों में, सपनो की गलियों में
तेरे बिना कुछ कही न
तेरे बिना भी क्या जीना,,

जानें कैसे अनजाने ही, आन बसा कोई प्यासे मन में
अपना सब कुछ खो बैठे है, पागल मन के पागलपन में
दिल के अफसाने,,,
दिल के अफसाने, मै जानू तू जानें और ये जानेकोई न
तेरे बिना भी क्या जीना ,,
ओ साथी रे,,

हर धड़कन में प्यास है तेरी, सांसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक मेरी नजर में तू ही तू है
प्यार ये टूटे न,, तू मूझसे रूठे न साथ ये छूटे कभी न
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे,,
तुझ बिन जोगन मेरी राते, तुझ बिन मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूंदे, बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी, ये जिंदगी जिंदगी न
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे,
तेरे बिना भी क्या जीना,,,
 
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