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Incest यह क्या हुआ

Skb21

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होटल के कमरे में राजेश और सुजाता ने करीब एक घंटे तक समय बिताया।
सुजाता की खुबसूरत जिस्म को देखकर राजेश भी उत्तेजित हो गया। उसका land अकड़ गया। रही सही कसर सुजाता की ओंठो ने पूरा कर दिया। जिससे राजेश का land नाग की तरह फंफनाने लगा।
राजेश के जीभ की कमाल से सुजाता की बुर झरने की तरह पानी बहाने लगी।
राजेश ने सुजाता की जमकर chut बजाया। पूरे समय कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजता रहा,,
उई मां,,, आह,, उन,,, आई,,,,
आह,,, ओह मां ,,, मर गई रि,,, आह,, अन उन ई,,,
आई,,, उह,,
राजेश काम की पूरे 64कलाओं का प्रयोग कर। सुजाता को संभोग सुख प्रदान किया।
सुजाता राजेश की बाहों में जन्नत की सैर कर रही थी। उसे राजेश ने संभोग का ऐसा परम सुख प्रदान किया जिसकी कल्पना तक उसने नही की थी।
इधर राजेश भी सुजाता की खुबसूरत जिस्म पाकर बहुत उत्तेजित होकर पूरे जोश के साथ दनादन बुर की chudai करता रहा।
राजेश को सुजाता की chudai करने में परम आनंद मिल रहा था।
इस एक घण्टे की chudai में राजेश ने सुजाता को तीन बार झाड़ा और अंत में,,, आह, आह मां उन,,
आह करके कराहते हुवे सुजाता के बुर में अपना बीज छोड़ दिया।
दोनो बुरी तरह से थक चुके थे।
सुजाता, राजेश की बाहों में अपना सिर रख कर लेट गई।
सुजाता _राजेश तुम खुश तो हो न।
राजेश _मैम ये भी कोई पूछने की बात है। मैं बडा किस्मत वाला हुं ,जो आपका प्यार मिला।
सुजाता _राजेश सन्डे को मैंने यह होटल बुक कर दी है।
राजेश _क्यू मैम? कोई खास वजह?
सुजाता _तुम्हारा बर्थ डे पार्टी के लिए।
राजेश _मैम आपको कैसा पता चला की सन्डे को मेरा बर्थ डे है।
सुजाता _तुम्हारी मां जब घर आई थी तो बातो ही बातो में मैंने पूछ ली थी।

राजेश _मैम इतने बड़े फाइव स्टार होटल में पार्टी देने की क्या आवश्यकता है?
सुनिता _तुम मेरे लिए खास हो, मेरा फर्ज है तुम्हारे जन्म दिन को खास बनाना।
तुम्हारे कालेज के सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को इनवाइट करूंगी।
राजेश _ओह मैम तुम्हे मेरा इतना ख्याल है।
सुजाता _ओह राजेश तुम मुझे अकेले में मैम न कहा करो प्लीज।
सुजाता कहो।
मुझे अच्छा लगेगा।
राजेश _मैम पता नही मुझे क्यू आपका नाम लेना अछा नही लगता।

कुछ देर आराम करने के बाद दोनों अपने कपडे पहने।
सुजाता पहले होटल से बाहर गई। राजेश, सुजाता के जानें के कुछ देर बाद होटल के कमरे से बाहर निकला।

सुजाता ने भगत को काल किया और बताया की उसने राजेश के जन्म दिन पर पार्टी रखी है।
जिसमे राजेश के सारे मित्रो एवम रिस्तेदारो को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
भगत _मैम ये तो बडी खुशी की बात है, राजेश भाई का बर्थ डे में धूम मचाएंगे।
आप निश्चिंत रहिए। मै सबको आमंत्रित कर दूंगा।

भगत , कालेज के सभी दोस्तों एवम रिस्तेदारो को राजेश के बर्थ डे पार्टी का निमंत्रण पत्र बांटने में जुट गया।
सीमा को कालेज में इस बारे में पता चला,,
सीमा _निशा, कल राजेश का बर्थ डे है और आंटी ने होटल में राजेश का बर्थ डे पार्टी रखी है। जिसमे सभी को आमन्त्रित किया जा रहा है। इस बात से तो साबित होता ही है कि आंटी राजेश को चाहती है।

तुमने क्या सोचा है।
निशा _मेरा तो पार्टी में जाने का मन नहीं कर रहा।
सीमा _राजेश हमारा दोस्त हैं। अगर हम नही जाएंगे तो उन्हे बुरा लगेगा।
निशा _मै बहाना बना दूंगी की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं। तुम चली जाना।
सीमा _न, मै अकेली नहीं जाऊंगी।
निशा _सीमा तुम भी नही जावोगी, तो राजेश से मिलने पर क्या जवाब देंगे।
सीमा _अब कल सोचेंगे क्या करना है?
राजेश जब कालेज से घर पहुंचा।
सुनिता _राजेश जरा इधर आना।
राजेश _बोलो मां क्या है?
सुनिता _ये मै कया सुन रही हुं? स्वीटी बता रही थीकि
सुजाता ने कल तुम्हारे लिए फाइव स्टार होटल में पार्टी रखी है।
राजेश _हां मां, मैने मैम को मना किया था पर वह नही मानी, बोल रही थी की हमारे लिए इतना किया है तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है।
आप सभी को पार्टी में आने को कहा है।
सुनिता _पता नही बेटा पर मुझे ये सब कुछ अच्छा नही लग रहा है।
जब रीता को पता चला कि सुजाता ने राजेश के लिए पार्टी रखी है उसने सुजाता को काल की।
रीता _हाई सुजी,,, कैसी है?
सुजाता _हाई रीता, मै तो ठीक हूं तुम सुनाओ कैसे याद की।
रीता _क्या मै अपने सहेली से बात भी नहीं कर सकती।
सुजाता _कर सकती हो बाबा कभी भी।
रीता _तुम्हारी कंपनी पर आई विपत्ति तो टल चुकी हैऔर तुम्हारी कंपनी फिर से उचाइयो को छुने के लिए अग्रसर है, इसके लिए बहुत बहुत बधाई।
सुजाता _ओह, थैंक यू रीता।
रीता _सुना है राजेश के लिए तुमने बर्थ डे पार्टी ऑर्गेनाइज की है।
सुजाता _अब राजेश ने हमारी कंपनी के लिए इतना किया तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है। इसलिए मैंने उसकी बर्थ डे पार्टी को सेलिब्रेट करने के बारे में सोंचा।
रीता _ये तुमने अच्छा की।
पर यार हमे नही बुलाओगी पार्टी में।
सुजाता _अरे एक ही तो मेरी सहेली हो, कैसे भूलूंगी मैं। तुम भी आमंत्रित हो पार्टी में।
रीता _ओह थैंक्स, सुजी।
वैसे क्या गिफ्ट दे रही हो राज को उसके जन्म दिन पर।
सुजाता _इसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
रीता _भई आपका गिफ्ट तो कुछ स्पेशल हो होगा।
जो राजेश के लिए सरप्राईज होगा।
सुजाता हसने लगी।
सुजाता _नही, ऐसा कुछ नहीं है।
रीता _चलो कल पता लग ही जायेगा कि तुमने राजेश को क्या गिफ्ट दिया है?
आख़िर संडे की शाम आ ही गया।
सुजाता ने निशा से कहा,,
बेटा जल्दी तैयार हो जाओ हमे राजेश की पार्टी में चलना है
निशा _मॉम मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं मै आराम करूंगी। आप जाइए।
सुजाता _बेटा राजेश तुम्हारा दोस्त हैं अगर तु नही जाएगी तो उसे बुरा लगेगा।
निशा _मॉम आप राजेश से कह देना न कि मेरी तबियत ठीक नहीं वैसे भी मेरे नही जानें से राजेश को कोई फर्क नहीं पड़ेगा ,मॉम।
सुजाता _ठीक है बेटा अपना ख्याल रखना।
निशा _ओके मॉम।
सुजाता ने भगत को काल किया,,
सुजाता _भगत सारी तैयारी हो चुकी है न।
भगत _जी मैम, आप आ जाइए।
सुजाता _बस अब मै निकल ही रही हूं।
आज सुजाता किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी।
उसने राजेश को काल किया।
सुजाता _राजेश, तुम रेडी हो गए।
राजेश _हा, मैम बस तैयार होने वाला हुं।
सुजाता _ओके, मै तुम्हे लेने आ रही हूं हम साथ ही निकलेंगे।
राजेश _मैम मै अपनी बाइक से आ जाऊंगा ।
सुजाता _अरे नही, हम साथ ही निकलेंगे।
और सुनो मैने तुम्हारे लिए कुछ शूट पसंद किए है वो पहनना।
राजेश _ओह मैम मेरे पास कपडे है।
सुजाता _राजेश मेरे खुशी के लिए इतना नही कर सकते।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता , कुछ ही समय में राजेश के घर पहुंच गई।

सुनिता ने दरवाजा खोला।
सुनिता _सुजाता जी आप।
सुजाता _मै पार्टी के लिए होटल निकल रही थी, तो सोचा राजेश को साथ ले लू। आख़िर पार्टी तो उन्ही का है।
सुनिता _आइए बैठिए न।
सुजाता _दी ज्यादा समय नहीं है अपने पास कुछ ही देर में मेहमान पहुंचने लगेंगे।
सुनिता _सुजाता जी इतनी सब करने की क्या आवश्यकता थी।
सुजाता _दी,राजेश ने हमारे लिए इतना किया है तो क्या उसके लिए मैं एक पार्टी अरेंज नही कर सकती।
कहा है राजेश।
सुनीता_वह अपने कमरे में है। अभी बुलाती हूं।
कुछ ही देर में राजेश आ गया।
सुजाता _चलो राजेश हम लेट हो रहे हैं।
राजेश _मां, आप लोग जल्दी आ जाना हम निकल रहे हैं।
सुनिता _ठीक है बेटा, तुम्हारे पापा के आते ही हम लोग भी पहुंच रहे हैं।
सुजाता और राजेश निकल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _मैम, आज तो आप कमाल की लग रही हो।
सुजाता _ओह सच में,,
राजेश _रियली
मैम निशा कहा है?
सुजाता _मैने उनसे कहा चलने के लिए, पर उसकी तबियत कुछ ठीक नही है, वह नही आ पाएगी।
राजेश _क्या?
राजेश को कुछ अच्छा न लगा,,

इधर निशा अपने कमरे में बेड पर लेट कर राजेश की फ़ोटो को देखते हुए,,
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे,,
निशा _सॉरी जान मै आज तुम्हारे खास दिन पर तुम्हारे पास नही हूं। मुझे माफ कर दो। जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे।
वह घर में रखी पियानो बजाने लगी,,,
फिर गाने लगी,,,
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना,
तेरे बिना भी क्या जीना।
फूलो में कलियों में, सपनो की गलियों में
तेरे बिना कुछ कही न
तेरे बिना भी क्या जीना,,

जानें कैसे अनजाने ही, आन बसा कोई प्यासे मन में
अपना सब कुछ खो बैठे है, पागल मन के पागलपन में
दिल के अफसाने,,,
दिल के अफसाने, मै जानू तू जानें और ये जानेकोई न
तेरे बिना भी क्या जीना ,,
ओ साथी रे,,

हर धड़कन में प्यास है तेरी, सांसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक मेरी नजर में तू ही तू है
प्यार ये टूटे न,, तू मूझसे रूठे न साथ ये छूटे कभी न
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे,,
तुझ बिन जोगन मेरी राते, तुझ बिन मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूंदे, बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी, ये जिंदगी जिंदगी न
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे,
तेरे बिना भी क्या जीना,,,
Fir se same update post kiya hai
 
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जैसे कि आपने पढ़ा किस प्रकार एक संस्कारी, धार्मिक एवम पतिव्रता मा हवस के वशीभूत होकर अपने ही सगे बेटे के सामने अपना boor खोलकर लेटी थी।
राजेश तो एक नौजवान था। नया नया जोश था। उसको तो सिर्फ boor चाहिए था।अपनी land की गर्मी शांत करने अब इस उम्र में नौजवान दिल दिमाक से नही land से सोचता हैं,बाद मे परिणाम क्या होगा इसके बारे में नही सोचते।

राजेश यह भी जान चुका था कि जोऔरत इस समय मेरे सामने लेटी हैं यह वो ma सुनिता नही जो हमेशा मुझे मर्यादा की पाठ पढ़ाती हैं । ये तो एक प्यासी जनाना हैं जो कामांध होकर यह भूल चुकी हैं कि वह जिसके नीचे नंगी होकर लेटी हैं ,वह उसका सगा बेटा है।

सुनिता एक गदराई औरत थी। एक गदराया खूबसूरत बदन वाली औरत ,किसी पुरुष को भोगने कहे और वह पुरुष उस औरत को भोगने को छोड़कर उसे सही गलत का ज्ञान कराए तो ,सभी उस पुरुष की पुरुषत्व पर सक करेंगे।

राजेश तो एक मर्द था । नया नया जोश था तो वह भी यह जानते हुवे की, सामने जो औरत लेटी हैं वो उसकी सगी मां हैं ।भूल गया और उसे वह एक गदराया बदन की खूबसूरत औरत नज़र आ रही थी जो उसे जन्नत मे ले जायेगी , परम सुख देगी।

राजेशको इस बात का भय था कि कही मां के ऊपर जो हवस की भूत सवार हैं कही उतर गया। तो फिर से मर्यादा की पाठ पढ़ाना शुरू कर देगी। और वह देर न करते हुवे दो धक्के मे ही अपने आधे से अधिक land ko अपने मां के योनी में उतार दिया था।

इसके बाद राजेश अपनी मां के ऊपर लेट गया और उसके ओंठो को चुसने लगा। एक हांथ से अपने मां के स्तनों का मर्दन करने लगा।

सुनिता राजेश की इन हरकतों से अपने chut se pani बहाने लगी ।

अब राजेश अपने कमर को धीरेधीरे ऊपर नीचे करने लगा । सुनिता के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।
अब राजेश उकडू बैठ गया और अपने मां के स्तनों को दोनों हाथो से मर्दन करने लगा। उससे खेलने और चूसने लगा।

राजेश की इन हरकतों से ,सुनिता के शरीर को अब बर्दाश्त के बाहर हो गया अब वह खुद ही अपने कमर उठा कर राजेश के land को निगलने की कोशिश करने लगी।

राजेश समझ गया की सुनिता तेज chudna चाहती है।
अतः वह अब देर न करते हुए सुनिता के chut चू त पर land ki धक्के की गति को बढ़ाना शुरू कर दिया।

इधर सुनिता भी राजेश का सहयोग land को पूरे अंदर घुसाने मे कर रही थीं जिसका नतीजा यह huwa की लौड़ा कुछ ही पल सुनिता की boor में पूरी तरह समा गया।

अब राजेश अपने land पूरा बाहर खींचकर सुनिताके chut के अंदर डालकर चोदने लगा।

Land सुनिता के chut की रस से सराबोर होकर बड़े आसानी से अन्दर बाहर होने लगा।

Land काफी मोटा होने के कारण boor की पूरी दीवार को अच्छी तरह रगड़ रहा था । जिससे सुनिता जन्नत में पहुंच गई।

वह अपने मुंह से लगातार कामुक आवाजे निकालने लगी।

Land chut me गपागप अन्दर बाहर होने लगा।

सुनिता को आज से पहले चुदाने में इतना आनन्द कभी नही आया था।
Chut का पानी झरने की तरह बाहर आने लगा।

Chut का रस राजेश के land se होता huwa उसके अंडकोस से bed par टपकने लगा।

Rajesh भी अब जन्नत में पहुंच गया।
उसे सुनिता को चोदने में सुमन से भी ज्यादा मजा आ रहा था।

अब वह अपने chudai की गति को लगातार बड़ा रहा था। कमरे में सुनीता की सिसकने और चीखने की आवाज गूंजने लगी।

यदि दरवाजा बंद ना होता तो सुनिता की चीखने कीआवाज सुनकर स्वीटी और राजेश जरूर उठ जाता ।

सुनिता राजेश की कमर को अपने दोनों हाथो से जकड़ लिया । राजेश पूरे जोश में आकर सुनिता की दनादन chudai करने लगा।

सुनिता ज्यादा देर बर्दास्त ना कर सकी और rajhesh कि कमर को जोर से जकड़ कर चीखते हुवे झड़ने लगी।

राजेश समझ गया कि सुनिता झड़ गई है।
वह अच्छी तरह जानता था कि यदि वह ज्यादा देर तक रुका तो उसकी मां के उपर चढ़ा हवस का भूत उतर जायेगा और फिर उसकी मां उसे चोदने नही देगी।

अतः वह chudai की गति कम जरूर कर दिया लेकिन chudai रोका नहीं।

वह अपने मां की चुचियों को मसलना एवम चूसना लगातार जारी रखा जिससे सुनिता फिर गर्म होने लगी।

उसके मुंह से फिर सिसकारी निकलने लगीं।

राजेश को पता चल गया की उसकी मां फिर गरम हो गई है। वह फिर से chudai की गति बड़ा दी।

कुछ ही पल में फिर से सुनिता जन्नत में पहुंच गई वह अत्यंत कामुक आवाजे निकालने लगी।
Rajhesh अब तेज तेज चोदने लगा जिससे कमरे में फाच फ्च की आवाज गूंजने लगा।
सुनिता एकबार फिर झड़ने की स्थिति में पहुंच गई।

वह राजेश के कमर को जोर से जकड़ ली और झड़ने लगी। उसके हांथ पैर कपकाने लगे।

इधर राजेश नही झड़ा था वह नही चाहता था कि उसके झड़ने से पहले उसकी मां होश में आए।

अतः वह chudai जारी रखा।
वह अपने हाथो से अपने मां के गले को सहलाते, होंठो को चूसते, चुचियों को मसलते हुवे chudai जारी रखा। अब सुनिता थकने लगी थी पर राजेश की हरकतों से वह फिर गरम होने लगीं।

राजेश का land अपने मां के boor का पानी पी पीकर खूब मोटा हो था । chut land को puri tarah जकड़ा huwa था। वह कसा कसा अन्दर बाहर हो रहा था।
सुनिता दो बार झड़ चुकी थी, अब वह फिर गरम होकर सिसकारी निकालने लगी।

राजेश जिस chut se बाहर आया था वह उसी के अन्दर समा जाने मा बेटे के बीच फिर से एक बार युद्ध होने लगा, पर पुरुष कितना ही ताकतवार हो अंत में हार तो पुरुष का ही होता है।

अतः राजेश भी अब स्खलन की ओर बढ़ने लगा अब वह अपने कमर को उपर उठा उठाकर जोर जोर से चोदने लगा। पूरे कमरे में fuch fuch guch की आवाज गूंजने लगा।land का टोपा chut के अंतिम छोड़ पर पहुंच कर सुनिता के गर्भाशय को ठोकर मारने लगा जिससे सुनिता को अनोखा आनंद आने लगा ऐसा सुख की कल्पना भी उसने नही की थी।

आनंद के मारे वह अपने आंखे पलटने लगी।

इधर राजेश भी अपने अंतिम अवस्था मे पहुंच गया।

वह अपनी मां को हूमच हुमच कर चोदने लगा। वह जन्नत में था

अब rajhesh अपने को रोक न सका और सुनिता की कमर को जोर से जकड़ कर ,आह मां,,, haah ma h,hh, कर कराहते करते हुवे आंख बंद झड़ने काआनंद लेने लगा।

वह सुनीता के बच्चेदानी मेंअपने land se वीर्य की लम्बी लंबी पिचकारी मारने लगा। पूरे गर्भाशय को अपने बीज से भर दिया।

सुनीता गरम गरम वीर्य को अपने कोख में महसूसकर बर्दास्त ना कर सकी । क्योंकि बरसो बाद यह आनंद उसको मिला था और वह भी चीखते हुवे झड़ने लगी। और वह इस आनंद को बर्दास्त ना कर सकी और वह बेहोश हो गई।


इधर राजेश भी थक कर bed में लेट गया।

कुछ देर बाद राजेश नार्मल huwa वह अपनी मां की ओर देखा मां की आंखे बंद थी।

वह मां को आवाज लगाई । मां ।

उसे हाथो से हिलाया।

सुनिता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया।

राजेश ghabra गया।

वह कमरे में रखे जग से पानी लाया और पानी की छींटे उसके चहरे पर मारा। और बोला उठो मां। क्या होगया आपको।

पानी की छींटे चहरे पर पड़ते ही सुनिता को होश आया। वह अपने हालत को देखा। उसके ऊपर से हवश का भूख उतर चुका था। वह रोने लगी। वह देखी की वह अपने बेटे के सामने नंगी है वह लज्जित होकर जोर जोर से रोने लगी।

वह अपने कपड़े ठीक करते हुवे जोर जोर से रोने लगी।he भगवान मुझसे ये इतना बड़ा पाप कैसे हो गया।

मै कैसे बहक गई। मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही। ये कैसा अनर्थ हो गया। मै अपने ही बेटे के साथ सो गई।
मै हवस में इतनी अंधी कैसे ho गई, और वह जोर जोर से रोने लगी।

राजेश अपने मां को रोते देख उसे गले लगाकर चुप karnae की ,उसे समझआने की कोशिश करने लगा।

सुनिता राजेश को जोर से धक्का दे देती है और कहती हैं।

मै तो हवस में कामंध हो गई थी।

तुमने मुझे क्यू रोका नहीं।
राजेश अपनी मां से माफी मांगने लगा।

राजेश के गालों पर सुनिता तीन चार चांटे लगा देती है।
तुम तो खुद ही मुझे भोगना चाहते थे। तुमने भी मुझे रोकने के बजाए मौके का अच्छा फायदा उठाया । तुम तो बहुत खुश होगे अपने मां का शील भंग कर मेरी पतिव्रता को भंग कर।
राजेश अपनी मां के पैरो को पकड़कर माफी मांगने लगा। सुनिता ने उसे पैरो से लताड़ लगा कर मुझे मत छु।

सुनिता छोड़ दो मुझे छुओ मत। अगर आज के बाद मुझे कभी छुआ भी तो मेरा मरा मूंह देखोगे। वह कमरे मे अपने हाथो से सिर पकड़कर रोते बैठी रही।

फिर अपने सारे कपडे समेटकर सुबकते हुवे अपने कमरे मे चली गई।

राजेश भी सुबक रहा था।
उसे अपने किए पर पछतावा हो रहा था।
Bahut hi Shandar romantic update
 

rajesh bhagat

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सुजाता और राजेश कुछ ही समय में होटल पहुंच गए। होटल को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया था।
वहा पर भगत और उसके दोस्त पहले से मौजूद थे, जो होटल की साज सज्जा एवम अन्य तैयारियों पे लगे हुए थे।
भगत ने सुजाता से कहा,,
भगत _मैम आपने जैसे कहा था , हमने सारी तैयारी कर रखी है। फिर भी आप देख लीजिए कोई कमी तो नहीं रह गई।
सुजाता _होटल तो बहुत अच्छी सजी है।
राजेश _अरे यार भगत लगता है तुम सुबह से ही तैयारी में लगे हुए हो ,,
भगत _भाई आपका जन्म दिन है, आपके लिए तो मैं अपना पूरा जीवन लगा दू।
सुजाता ने राजेश से कहा,,
सुजाता _राजेश, मैने तुम्हारे लिए शूट कमरे नंबर 24में रखवा दिए हैं, तुम ऊपर जाकर तैयार हो जाओ।
कुछ देर में मेहमान लोगो का आना शुरु हो जायेगा।
मैं यहां की तैयारी देखती हूं।
तुम जाओ,,
राजेश _ठीक है मैम।
राजेश ऊपर रूम 24में चला गया। यह रूम सुजाता ने परमानेंट बुक करा रखी थी। ताकि जब राजेश से मिलने की इच्छा हो मिल सके।
राजेश रूम में जानें के बाद देखा। बेड पर दो तीन शूट पड़ा हुआ है।
राजेश बेड पर लेट गया। जब से सुजाता ने राजेश को बताया था कि निशा नही आ रही पार्टी में।
उसका मन अच्छा नही लग रहा था।
उसे अपनी जन्म दिन पार्टी सेलिब्रेट करने की जरा भी इच्छा नहीं हो रहा था।
वह बालकनी पर खड़े होकर बाहर देखने लगा। और किसी सोच में डूब गया।
निशा मेरे सच्चे दोस्त की तरह हर सुख दुख में साथ रही है, फिर आज क्यू मेरे साथ नहीं। अभी तक मुझे काल भी नही की है।
कही ओ मूझसे नाराज तो नही है।
कही मूझसे कोई गलती तो नही हुई है।
वह सोचने लगा।
निशा की तबियत ठीक नहीं है, वह बीमार है और मैं यहां पार्टी सेलिब्रेट करू?
उसे आज पहली बार निशा की बहुत कमी महसूस हो रही थी।
वह बेड पर रखा एक शूट पहना फिर,
वह नीचे गया।
भगत _भाई, आप इस शूट में एकदम स्मार्ट लग रहे हो।
राजेश _भगत, मैम कहा है?
भगत _भाई, मैम तो खाने पीने की व्यवस्था देख रही है।
राजेश _भगत, तुम अपनी बाइक की चाबी दो।
भगत _भाई कही जाना है क्या?
राजेश _हां, मुझे कुछ काम है?
भगत _भाई कुछ काम हो तो मुझे बता दो, मै कर दूंगा। कुछ ही समय बाद मेहमानो का आना शुरु हो जायेगा, आपका यहां रहना जरूरी है।
राजेश _नही यार, मुझे ही जाना होगा। तुम यहां सम्हाल लेना। बोल देना की मैं ऊपर तैयार हो रहा हूं।
भगत _ठीक है भाई, पर जल्दी आ जाना।
राजेश, भगत की बाइक लेकर निकल गया ।
वह गाड़ी को स्पीड से दौड़ाया। कुछ ही देर में वह वह निशा के घर पहुंच गया। नौकरों से निशा के बारे में पूछा।
नौकरों ने बताया की वह अपने कमरे में है।
राजेश ऊपर निशा के कमरे कीओर चला गया।
वह दरवाज़ा को थोड़ा धकेला, निशा बेड पे लेटी किसी विचारों में डूबी हुई थी।

राजेश ने निशा को आवाज लगाया ।
निशा,,,
निशा का अपने विचारो से बाहर आई।
वह दरवाजे की ओर देखा।
दरवाजे पर राजेश खड़ा था।
निशा ने अपने आंसुओं को पोछा, फिर बेड में उठकर बैठ गई।
निशा _राजेश तुम यहां, तुम यहां क्या कर रहे हो। तुम्हे तो इस समय पार्टी में होना चाहिए। मेहमान तुम्हे पूछ रहे होंगे।
राजेश, निशा के पास आया और बेड पर बैठ गया।
राजेश _निशा, सुजाता मैम ने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं,तुम पार्टी में नही आ रही हो इसलिए मै तुमसे मिलने चला आया।
तुम्हारी तबियत कैसी है?
निशा _थोडा सिर में दर्द है,,
पर तुम फोन पर भी पूछ सकते थे, पार्टी छोड़कर यहां आने की क्या आवश्यकता थी।
राजेश _पता नही, निशा पर तुम्हारे पार्टी में न आने की खबर जब से सुना, मुझे अच्छा नही लग रहा था।
तुम यहां बीमार पड़ी हो और मैं वहां अपना बर्थ डे पार्टी सेलिब्रेट करू। मेरा दिल नही माना।
निशा _राज, मै ठीक हूं, तुम जाओ वहां पार्टी में लोग तुम्हारा तुम्हरा इंतजार कर रहे होंगे।
राजेश _नही, निशा तुम भी चलो मेरे साथ। मुझे तुम्हारे बिना बिल्कुल अच्छा नही लगेगा।
निशा _राज, जिद न करो, मेरी तरफ से तुमको जन्म दिन की ढेरसारी शुभकामनाएं । मै क्या गिफ्ट दू तुम्हे मुझे कुछ समझ नहीं आया। इसलिये मैने सीमा के हाथों कुछ भिजवाई भी नहीं।
राजेश _निशा जी आप मेरे साथ चलो यही मेरे लिए सबसे बडा गिफ्ट होगा।
निशा _राज, मुझे माफ कर दो प्लीज, मै नही आ सकती। अब तुम जाओ, सब पूछ रहे होंगे तुम्हे।
राजेश _ठीक है निशा जी, मैं जा रहा हूं, पर अगर हमारी दोस्ती सच्ची होगी तो तुम जरूर आवोगी।

राजेश, वहा से होटल के लिए निकल गया।
रास्ते में जब वह आ रहा था। तब ट्रैफिक पर रुकना पड़ा। तभी प्रिया की नजर उस पर पड़ी।
दरअसल प्रिया, संजय, और पिंकी कार से होटल जा रहे थे। राजेश की पार्टी में।
प्रिया ने राजेश को आवाज लगाई।
राजेश,,
राजेश ने प्रिया की ओर देखा।
राजेश _दी, आप लोग कहा जा रहे?
प्रिया _पहले ये बता आज तेरी बर्थ डे पार्टी है और तुम बाइक में कहा भटक रहे हो।
प्रिया _ऐसा क्या काम आ गया जो अपनी पार्टी छोड़कर जाना पड़ा। हम लोग तो तुम्हारे पार्टी में ही शमिल होने जा रहे थे, पर तुम इधर ,,
राजेश _दी बात में बताऊंगा, अभी होटल में मिलते हैं।
प्रिया _ओके, बाई।
राजेश कुछ देर में ही होटल पहुंच गया। उसके जाते ही।
सुजाता _राजेश, तुम कहा चले गए थे। मेहमान लोग तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
राजेश _मैम मै कुछ काम से गया था।
सुजाता _ऐसा क्या काम आ गया था, भगत को बोल देता, वह कर देता।
तभी राजेश के कालेज के दोस्तो ने घेर लिया।
दोस्तो ने कहा _अरे यार राजेश हम कब से तुम्हारा वेट कर रहे थे। हमे पार्टी में बुलाकर,कहा रह गए थे?
राजेश _सॉरी दोस्तो कुछ काम से गया था।
सभी दोस्तो ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिया।
सीमा भी पहुंच गई।
सीमा _राज जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
राजेश _, थैंक्स, सीमा जी।
सीमा _सॉरी राज निशा की तबियत ठीक नहीं है वह नही आ सकी। वह भी तुम्हे शुभकामनाएं संदेश भेजी है।
राजेश _सीमा जी ये आप क्या कह रही हो? निशा जी आयेगी?
सीमा _नही राजेश वह नही आयेगी, उसने खुद ही मूझसे ये बात कहीं है?
राजेश _सीमा जी, मैने कहा न निशा जी आयेगी।
सीमा _ये बात तुम इतने विश्वास के साथ क्यू कह सकते हो?
राजेश _क्यू की मेरा दिल कह रहा है की वह आयेगी।

तभी मंच पर राजेश को बधाई देने,रीता पहुंची।
रीता _जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं राजेश।
राजेश _ओह थैंक यू रीता मैम।
रीता _राजेश इस शूट में बड़े स्मार्ट लग रहे हो।
राजेश _थैंक यू ।
राजेश अपना हाथ आगे करो।
राजेश ने हाथ आगे किया।
रीता _मेरे तरफ से ये घड़ी जो मैने विदेश से मंगाया है करोड़ों की है।
रीता ने अपनी हाथों से घड़ी पहनाया।
राजेश _मैम, इतनी महंगी गिफ्ट देने की क्या आवश्यकता थी।
रीता _राजेश मैने पहलेभी तुम्हे कुछ देना चाही थी पर तुमने ठुकरा दिया। आज मौका मिला है कुछ भेट करने का आज तुम मना नही कर सकते।
सुजाता _क्या बात है? बडी महंगी गिफ्ट दिया है,राजेश को मुझे तुम्हारा इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा।
रीता _इरादा तो मुझे तुम्हारा ठीक नही लग रही है। कितनी सजी संवरी है सभी लौंडे तुम्हे ही देख रहे हैं, और तुम राजेश के आगे पीछे मंडरा रही हो।
सुजाता _वैसे तू भी बहुत हॉट लग रही हो। लगता है किसी पर बिजली गिराना चाहती हो।
रीता _हाय, काश तुम्हारी बाते सच हो जाय।
आखिर हमें भी तो पता चले कि हममें भी कुछ कशिश बाकी है कि नही।
सुजाता _हाय, किसी लौंडे को इशारा करके तो देखो भागा भागा चला आएगा।
रीता _चल झूठी कही की।
रीता ने अपने मन में कहा,,
जिसको मैं अपना बनाना चाहती हूं वो तो घास नहीं डाल रहा।
उसके बाद होटल में बाबा चरमानंद और उसके शिष्य लोग, भीम और उसके दोस्त प्रवेश किए।
सभी लोग बाबा को प्रणाम करने लगें क्यू की बाबा ने अब तक बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली थी।
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति पार्टी रूम में रह होगा जो बाबा को न जानता, और मानता हो।
पार्टी में देखकर सभी लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे थे।
लोगो ने बाबा का आशीर्वाद लेकर पूछा _बाबा आप यहां ।
बाबा _राजेश हमारा प्रिय शिष्य है। उसके जन्म दिन पर आशीर्वाद देने, आना ही था।
राजेश, बाबा के पास आकार उसका पैर छू कर प्रणाम किया।
बाबा _जीते रहो राजेश। जीवन में सफलता की ऊंचाइयां प्राप्त हो। मेरा आशिर्वाद सदा तुम्हारे साथ रहेगा।
उसके बाद उनके शिष्यों, भीमा और उसके साथियों ने बधाई दिया।
भीमा _जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई भाई।
राजेश _धन्यवाद भीमा। और कैसे हो भीम। आश्रम का काम कैसा चल रहा है?
भीमा _सब अच्छा चल रहा है,बस आप ही की कृपा है भैया।
इसके बाद मंच पर सुमन और सौरभ पहुंचे।
राजेश _मैम आप, ऐसी हालत में आने की क्या आवश्यकता थी।
सुमन 6माह की प्रेगनेंट थी।
सुमन _राजेश, जब मैने सुना की तुम्हारा जन्म दिन है तो खुद को आने से रोक न सकी।
सुमन और सौरभ दोनो ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिए।
रीता की नजर सुमन पर पड़ी।
रीता अपने मन में _ओहो, तो वे है सुमन, केमेस्ट्री टीचर,जो राजेश को अपने जाल में फांस रखी है। लगता है इसके पेट का बच्चा भी राजेश का ही है कब से मिलना चाहती थी।
वह सुमन के पास गई।
रीता _हेलो सुमन जी।
सुमन _नमस्ते रीता जी।
रीता _, आप मुझे जानती है।
सुमन _, जी आपको कौन नही जानता। यहां की नंबर वन उद्योगपति महिला।
रीता _ओह क्यू शर्मिंदा कर रही हो,
नंबर वन तो वहां खड़ी है जिसने राजेश के लिए पार्टी रखी है।
सुमन _फिर हाल अभी तो आप नंबर वन पर है।
रीता _खैर इन बातों को छोड़िए, ये बताइए हमे खुशखबरी कब सुना रही हो।
सुमन _अभी तो ढाई माह का समय है।
रीता _ओह, जब बच्चे की जन्म की पार्टी हो तो हमे जरूर बुलाइए गा।
सुमन _जी जरूर।
राजेश की आंखे निशा की आने का इंतजार कर रही थी।
उसका दिल कह रहा था कि निशा जरूर आएगी।
राजेश के बधाई देने कौशल्या देवी, भीमा की मां मालती और अन्य स्त्री भी राजेश को जन्म दिन की बधाई देने पहुंची।
कालेज का चौकीदार और उसकी बीवी भी राजेश को बधाई दिया।
राजेश ने भगत से कहां _अबे तुमने तो किसी को नही छोड़ा सबको बुला लाया।
भगत _भाई मैने तो इन लोगो को आपके जन्म दिन की जानकारी दिया था। येसभी लोग खुशी से उत्साहित होकर यहां आए हैं।
तभी राजेश की मां सुनिता और उसके पापा शेखर और स्वीटी भी पहुंच गई।
राजेश ने अपनी मां और पापा के पैर छू कर आशीर्वाद लिया।
सुनिता और शेखर ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिया।
स्वीटी _जन्म दिन मुबारखो भैया।
राजेश _, ओह थैंक यू, मेरे प्यारी बेबी।
रीता _हेलो, सुनिता जी।
सुनिता _नमस्ते रीता जी।
रीता _आप मुझे पहचानती है।
जी समाचार और टीवी में तो आप और आपकी कंपनी की खबर चलती रहती है।
कौन नही पहचानेगा आपको।
रीता _ओह थैंक।
सुनिता ने मन ही मन रीता को गाली दी,kutiya कही की तुम्हारे कारण ही तो मेरे बेटे ने कालेज के लोकल टूर्नामेंट में भाग नही लिया।
कालेज के प्रोफेसर और कमेटी के लोग भी राजेश को बधाई दिए।
प्रिया और संजय ने भी मंच पर जाकर राजेश को बधाई दिया ।
संजय _अरे साले साहब जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।
राजेश _ओह थैंक क्यू जीजू।
प्रिया_मेरे गोलू भाईकी जन्म दिन कीढेर सारीशुभकामनाएं ।
राजेश_ थैंक यू दी।
पिंकी _जन्म दिन मुबारखो मामू।
राजेश _ओह मेरी प्यारी भांजी थैंक यू।
प्रिया _राजेश मै कब से देख रही हूं तुम्हारी आंखे कब से किसी को ढूंढ रही है?
बोलो तुम निशा का इंतजार कर रहे हो न।
राजेश _हा दी, सभी आ गए पर निशा नही आई,पता नही वो आयेगी भी कि नही।
प्रिया _तुम्हरा दिल क्या कहता है?
राजेश _मेरा दिल कह रहा है कि वह जरूर आएगी।
सुजाता _राजेश सभी मेहमान आ चुके है अब केक कांटो।
राजेश _मैम थोड़ी देर और रुकते हैं।
रीता _क्यू राजेश कोई ओर आने वाला है क्या?
प्रिया _थोडा और रुक जाओ,हो सकता है कोई आ जाए।
थोड़ी देर और इंतजार करने के बाद राजेश निराश हो गया।
सुजाता_राजेश अब कोई नही आयेगा, केक कांटो।
राजेश केक काटने ही वाला था कि,,
प्रिया _राजेश, उधर देखो।
राजेश ने सामने देखा। निशा आ रही थी।
राजेश के आंखो में खुशी के आंसू भर गए।
सुजाता_अरे निशा बेटा तुम्हारी तबीयत तो ठीक नही थी। फिर तुम कैसे सा गई?
निशा _ओ मॉम, तबीयत ठीक लगी तो आ गई सोचा जाऊंगी तो राजेश को अच्छा लगेगा।
सुजाता _ओह, अच्छा की मेरी प्यारी बेटी।
जाओ राजेश को बधाई दो।
निशा _जन्म दिन मुबारखो राज,,
राजेश _थैंक क्यू निशा ज? यहां आने के लिए !
राजेश ने केक काटा और सबसे पहले निशा को खिलाया, यह टुकड़ा मेरी प्यारी दोस्त के लिए।

सीमा _निशा को देखकर बहुत खुश हुई। वह उसे गले से लगा ली।
इधर राजेश ने निशा के बाद सुजाता को केक खिलाया रीता ने तो जबरदस्ती राजेश के हाथ से केक छीनकर खा ली।
केक काटने के बाद, नाचने गाने का प्रोग्राम शुरु huwa ।
राजेश के कालेज के स्टूडेंट्स नाचने गाने लगे।
प्रिया ने निशा से कहा,,
प्रिया _निशा, मै Rajesh की दीदी हूं।
मैं तुमसे कब से मिलना चाहती थी।
निशा ने प्रिया की पैर छू ली।
प्रिया _सदा खुश रहो। तुम कितनी सुंदर हो।
पता है जाब तुम यहां नही आई थीं तो राजेश की आंखे हर पल तुम्हे ही खोज रह था। क्यू राजेश?
राजेश और निशा एक दूसरे की आंखो में देखने लगे।


तभी भगत ने अलाउंस किया।
यहां पर उपस्थित लेडीज एंड जेंटल मेन हम सब राजेश से अनुरोध करते है कि अपने जन्म दिन पर हमे कोई गीत सुनाकर इस पार्टी को यादगार बनाए।
सभी लोग राजेश राजेश चिल्लाने लगे।
राजेश ने गिटार बजाना शुरू किया।

ये हमने सोच रखा था, मोहब्बत न करेंगे हम,
किसी को फील नही देंगे, किसी पे न मरेंगे हम

तुम्हारी मस्त आंखो ने ये कैसा हाल कर डाला
की ये दिल चीज क्या है, मांग लो तो जान दे देंगे।
पलट के इस्क की गलियों से जाना है बडी मुस्किल
दिल गलती कर बैठा है, गलती कर बैठा है दिल
दिल गलती कर बैठा है गलती कर बैठा है दिल
दिल गलती कर बैठा अब बोल हमारा क्या होगा?
बोल हमारा, बोल hamara क्या होगा?












 

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होटल के कमरे में राजेश और सुजाता ने करीब एक घंटे तक समय बिताया।
सुजाता की खुबसूरत जिस्म को देखकर राजेश भी उत्तेजित हो गया। उसका land अकड़ गया। रही सही कसर सुजाता की ओंठो ने पूरा कर दिया। जिससे राजेश का land नाग की तरह फंफनाने लगा।
राजेश के जीभ की कमाल से सुजाता की बुर झरने की तरह पानी बहाने लगी।
राजेश ने सुजाता की जमकर chut बजाया। पूरे समय कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजता रहा,,
उई मां,,, आह,, उन,,, आई,,,,
आह,,, ओह मां ,,, मर गई रि,,, आह,, अन उन ई,,,
आई,,, उह,,
राजेश काम की पूरे 64कलाओं का प्रयोग कर। सुजाता को संभोग सुख प्रदान किया।
सुजाता राजेश की बाहों में जन्नत की सैर कर रही थी। उसे राजेश ने संभोग का ऐसा परम सुख प्रदान किया जिसकी कल्पना तक उसने नही की थी।
इधर राजेश भी सुजाता की खुबसूरत जिस्म पाकर बहुत उत्तेजित होकर पूरे जोश के साथ दनादन बुर की chudai करता रहा।
राजेश को सुजाता की chudai करने में परम आनंद मिल रहा था।
इस एक घण्टे की chudai में राजेश ने सुजाता को तीन बार झाड़ा और अंत में,,, आह, आह मां उन,,
आह करके कराहते हुवे सुजाता के बुर में अपना बीज छोड़ दिया।
दोनो बुरी तरह से थक चुके थे।
सुजाता, राजेश की बाहों में अपना सिर रख कर लेट गई।
सुजाता _राजेश तुम खुश तो हो न।
राजेश _मैम ये भी कोई पूछने की बात है। मैं बडा किस्मत वाला हुं ,जो आपका प्यार मिला।
सुजाता _राजेश सन्डे को मैंने यह होटल बुक कर दी है।
राजेश _क्यू मैम? कोई खास वजह?
सुजाता _तुम्हारा बर्थ डे पार्टी के लिए।
राजेश _मैम आपको कैसा पता चला की सन्डे को मेरा बर्थ डे है।
सुजाता _तुम्हारी मां जब घर आई थी तो बातो ही बातो में मैंने पूछ ली थी।

राजेश _मैम इतने बड़े फाइव स्टार होटल में पार्टी देने की क्या आवश्यकता है?
सुनिता _तुम मेरे लिए खास हो, मेरा फर्ज है तुम्हारे जन्म दिन को खास बनाना।
तुम्हारे कालेज के सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को इनवाइट करूंगी।
राजेश _ओह मैम तुम्हे मेरा इतना ख्याल है।
सुजाता _ओह राजेश तुम मुझे अकेले में मैम न कहा करो प्लीज।
सुजाता कहो।
मुझे अच्छा लगेगा।
राजेश _मैम पता नही मुझे क्यू आपका नाम लेना अछा नही लगता।

कुछ देर आराम करने के बाद दोनों अपने कपडे पहने।
सुजाता पहले होटल से बाहर गई। राजेश, सुजाता के जानें के कुछ देर बाद होटल के कमरे से बाहर निकला।

सुजाता ने भगत को काल किया और बताया की उसने राजेश के जन्म दिन पर पार्टी रखी है।
जिसमे राजेश के सारे मित्रो एवम रिस्तेदारो को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
भगत _मैम ये तो बडी खुशी की बात है, राजेश भाई का बर्थ डे में धूम मचाएंगे।
आप निश्चिंत रहिए। मै सबको आमंत्रित कर दूंगा।

भगत , कालेज के सभी दोस्तों एवम रिस्तेदारो को राजेश के बर्थ डे पार्टी का निमंत्रण पत्र बांटने में जुट गया।
सीमा को कालेज में इस बारे में पता चला,,
सीमा _निशा, कल राजेश का बर्थ डे है और आंटी ने होटल में राजेश का बर्थ डे पार्टी रखी है। जिसमे सभी को आमन्त्रित किया जा रहा है। इस बात से तो साबित होता ही है कि आंटी राजेश को चाहती है।

तुमने क्या सोचा है।
निशा _मेरा तो पार्टी में जाने का मन नहीं कर रहा।
सीमा _राजेश हमारा दोस्त हैं। अगर हम नही जाएंगे तो उन्हे बुरा लगेगा।
निशा _मै बहाना बना दूंगी की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं। तुम चली जाना।
सीमा _न, मै अकेली नहीं जाऊंगी।
निशा _सीमा तुम भी नही जावोगी, तो राजेश से मिलने पर क्या जवाब देंगे।
सीमा _अब कल सोचेंगे क्या करना है?
राजेश जब कालेज से घर पहुंचा।
सुनिता _राजेश जरा इधर आना।
राजेश _बोलो मां क्या है?
सुनिता _ये मै कया सुन रही हुं? स्वीटी बता रही थीकि
सुजाता ने कल तुम्हारे लिए फाइव स्टार होटल में पार्टी रखी है।
राजेश _हां मां, मैने मैम को मना किया था पर वह नही मानी, बोल रही थी की हमारे लिए इतना किया है तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है।
आप सभी को पार्टी में आने को कहा है।
सुनिता _पता नही बेटा पर मुझे ये सब कुछ अच्छा नही लग रहा है।
जब रीता को पता चला कि सुजाता ने राजेश के लिए पार्टी रखी है उसने सुजाता को काल की।
रीता _हाई सुजी,,, कैसी है?
सुजाता _हाई रीता, मै तो ठीक हूं तुम सुनाओ कैसे याद की।
रीता _क्या मै अपने सहेली से बात भी नहीं कर सकती।
सुजाता _कर सकती हो बाबा कभी भी।
रीता _तुम्हारी कंपनी पर आई विपत्ति तो टल चुकी हैऔर तुम्हारी कंपनी फिर से उचाइयो को छुने के लिए अग्रसर है, इसके लिए बहुत बहुत बधाई।
सुजाता _ओह, थैंक यू रीता।
रीता _सुना है राजेश के लिए तुमने बर्थ डे पार्टी ऑर्गेनाइज की है।
सुजाता _अब राजेश ने हमारी कंपनी के लिए इतना किया तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है। इसलिए मैंने उसकी बर्थ डे पार्टी को सेलिब्रेट करने के बारे में सोंचा।
रीता _ये तुमने अच्छा की।
पर यार हमे नही बुलाओगी पार्टी में।
सुजाता _अरे एक ही तो मेरी सहेली हो, कैसे भूलूंगी मैं। तुम भी आमंत्रित हो पार्टी में।
रीता _ओह थैंक्स, सुजी।
वैसे क्या गिफ्ट दे रही हो राज को उसके जन्म दिन पर।
सुजाता _इसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
रीता _भई आपका गिफ्ट तो कुछ स्पेशल हो होगा।
जो राजेश के लिए सरप्राईज होगा।
सुजाता हसने लगी।
सुजाता _नही, ऐसा कुछ नहीं है।
रीता _चलो कल पता लगा लग ही जायेगाकि तुमने राजेश को क्या गिफ्ट दिया है?
आख़िर संडे की शाम आ ही गया।
सुजाता ने निशा से कहा,,
बेटा जल्दी तैयार हो जाओ हमे राजेश की पार्टी में चलना है
निशा _मॉम मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं मै आराम करूंगी। आप जाइए।
सुजाता _बेटा राजेश तुम्हारा दोस्त हैं अगर तु नही जाएगी तो उसे बुरा लगेगा।
निशा _मॉम आप राजेश से कह देना न कि मेरी तबियत ठीक नहीं वैसे भी मेरे नही जानें से राजेश को कोई फर्क नहीं पड़ेगा ,मॉम।
सुजाता _ठीक है बेटा अपना ख्याल रखना।
निशा _ओके मॉम।
सुजाता ने भगत को काल किया,,
सुजाता _भगत सारी तैयारी हो चुकी है न।
भगत _जी मैम, आप आ जाइए।
सुजाता _बस अब मै निकल ही रही हूं।
आज सुजाता किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी।
उसने राजेश को काल किया।
सुजाता _राजेश, तुम रेडी हो गए।
राजेश _हा, मैम बस तैयार होने वाला हुं।
सुजाता _ओके, मै तुम्हे लेने आ रही हूं हम साथ ही निकलेंगे।
राजेश _मैम मै अपनी बाइक से आ जाऊंगी।
सुजाता _अरे नही, हम साथ ही निकलेंगे।
और सुनो मैने तुम्हारे लिए कुछ शूट पसंद किए है वो पहनना।
राजेश _ओह मैम मेरे पास कपडे है।
सुजाता _राजेश मेरे खुशी के लिए इतना नही कर सकते।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता , कुछ ही समय में राजेश के घर पहुंच गई।

सुनिता ने दरवाजा खोला।
सुनिता _सुजाता जी आप।
सुजाता _मै पार्टी के लिए होटल निकल रही थी, तो सोचा राजेश को साथ ले लू। आख़िर पार्टी तो उन्ही का है।
सुनिता _आइए बैठिए न।
सुजाता _दी ज्यादा समय नहीं है अपने पास कुछ ही देर में मेहमान पहुंचने लगेंगे।
सुनिता _सुजाता जी इतनी सब करने की क्या आवश्यकता थी।
सुजाता _दी,राजेश ने हमारे लिए इतना किया है तो क्या उसके लिए मैं एक पार्टी अरेंज नही कर सकती।
कहा है राजेश।
सुनीता_वह अपने कमरे में है। अभी बुलाती हूं।
कुछ ही देर में राजेश आ गया।
सुजाता _चलो राजेश हम लेट हो रहे हैं।
राजेश _मां, आप लोग जल्दी आ जाना हम निकल रहे हैं।
सुनिता _ठीक है बेटा, तुम्हारे पापा के आते ही हम लोग भी पहुंच रहे हैं।
सुजाता और राजेश निकल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _मैम, आज तो आप कमाल की लग रही हो।
सुजाता _ओह सच में,,
राजेश _रियली
मैम निशा कहा है?
सुजाता _मैने उनसे कहा चलने के लिए, पर उसकी तबियत कुछ ठीक नही है, वह नही आ पाएगी।
राजेश _क्या?
राजेश को कुछ अच्छा न लगा,,

इधर निशा अपने कमरे में बेड पर लेट कर राजेश की फ़ोटो को देखते हुए,,
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे,,
निशा _सॉरी जान मै आज तुम्हारे खास दिन पर तुम्हारे पास नही हूं। मुझे माफ कर दो। जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे।
वह घर में रखी पियानो बजाने लगी,,,
फिर गाने लगी,,,
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना,
तेरे बिना भी क्या जीना।
फूलो में कलियों में, सपनो की गलियों में
तेरे बिना कुछ कही न
तेरे बिना भी क्या जीना,,

जानें कैसे अनजाने ही, आन बसा कोई प्यासे मन में
अपना सब कुछ खो बैठे है, पागल मन के पागलपन में
दिल के अफसाने,,,
दिल के अफसाने, मै जानू तू जानें और ये जानेकोई न
तेरे बिना भी क्या जीना ,,
ओ साथी रे,,

हर धड़कन में प्यास है तेरी, सांसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक मेरी नजर में तू ही तू है
प्यार ये टूटे न,, तू मूझसे रूठे न साथ ये छूटे कभी न
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे,,
तुझ बिन जोगन मेरी राते, तुझ बिन मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूंदे, बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी, ये जिंदगी जिंदगी न
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे,
तेरे बिना भी क्या जीना,,,
Nice update
 

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होटल के कमरे में राजेश और सुजाता ने करीब एक घंटे तक समय बिताया।
सुजाता की खुबसूरत जिस्म को देखकर राजेश भी उत्तेजित हो गया। उसका land अकड़ गया। रही सही कसर सुजाता की ओंठो ने पूरा कर दिया। जिससे राजेश का land नाग की तरह फंफनाने लगा।
राजेश के जीभ की कमाल से सुजाता की बुर झरने की तरह पानी बहाने लगी।
राजेश ने सुजाता की जमकर chut बजाया। पूरे समय कमरे में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजता रहा,,
उई मां,,, आह,, उन,,, आई,,,,
आह,,, ओह मां ,,, मर गई रि,,, आह,, अन उन ई,,,
आई,,, उह,,
राजेश काम की पूरे 64कलाओं का प्रयोग कर। सुजाता को संभोग सुख प्रदान किया।
सुजाता राजेश की बाहों में जन्नत की सैर कर रही थी। उसे राजेश ने संभोग का ऐसा परम सुख प्रदान किया जिसकी कल्पना तक उसने नही की थी।
इधर राजेश भी सुजाता की खुबसूरत जिस्म पाकर बहुत उत्तेजित होकर पूरे जोश के साथ दनादन बुर की chudai करता रहा।
राजेश को सुजाता की chudai करने में परम आनंद मिल रहा था।
इस एक घण्टे की chudai में राजेश ने सुजाता को तीन बार झाड़ा और अंत में,,, आह, आह मां उन,,
आह करके कराहते हुवे सुजाता के बुर में अपना बीज छोड़ दिया।
दोनो बुरी तरह से थक चुके थे।
सुजाता, राजेश की बाहों में अपना सिर रख कर लेट गई।
सुजाता _राजेश तुम खुश तो हो न।
राजेश _मैम ये भी कोई पूछने की बात है। मैं बडा किस्मत वाला हुं ,जो आपका प्यार मिला।
सुजाता _राजेश सन्डे को मैंने यह होटल बुक कर दी है।
राजेश _क्यू मैम? कोई खास वजह?
सुजाता _तुम्हारा बर्थ डे पार्टी के लिए।
राजेश _मैम आपको कैसा पता चला की सन्डे को मेरा बर्थ डे है।
सुजाता _तुम्हारी मां जब घर आई थी तो बातो ही बातो में मैंने पूछ ली थी।

राजेश _मैम इतने बड़े फाइव स्टार होटल में पार्टी देने की क्या आवश्यकता है?
सुनिता _तुम मेरे लिए खास हो, मेरा फर्ज है तुम्हारे जन्म दिन को खास बनाना।
तुम्हारे कालेज के सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को इनवाइट करूंगी।
राजेश _ओह मैम तुम्हे मेरा इतना ख्याल है।
सुजाता _ओह राजेश तुम मुझे अकेले में मैम न कहा करो प्लीज।
सुजाता कहो।
मुझे अच्छा लगेगा।
राजेश _मैम पता नही मुझे क्यू आपका नाम लेना अछा नही लगता।

कुछ देर आराम करने के बाद दोनों अपने कपडे पहने।
सुजाता पहले होटल से बाहर गई। राजेश, सुजाता के जानें के कुछ देर बाद होटल के कमरे से बाहर निकला।

सुजाता ने भगत को काल किया और बताया की उसने राजेश के जन्म दिन पर पार्टी रखी है।
जिसमे राजेश के सारे मित्रो एवम रिस्तेदारो को आमन्त्रित करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
भगत _मैम ये तो बडी खुशी की बात है, राजेश भाई का बर्थ डे में धूम मचाएंगे।
आप निश्चिंत रहिए। मै सबको आमंत्रित कर दूंगा।

भगत , कालेज के सभी दोस्तों एवम रिस्तेदारो को राजेश के बर्थ डे पार्टी का निमंत्रण पत्र बांटने में जुट गया।
सीमा को कालेज में इस बारे में पता चला,,
सीमा _निशा, कल राजेश का बर्थ डे है और आंटी ने होटल में राजेश का बर्थ डे पार्टी रखी है। जिसमे सभी को आमन्त्रित किया जा रहा है। इस बात से तो साबित होता ही है कि आंटी राजेश को चाहती है।

तुमने क्या सोचा है।
निशा _मेरा तो पार्टी में जाने का मन नहीं कर रहा।
सीमा _राजेश हमारा दोस्त हैं। अगर हम नही जाएंगे तो उन्हे बुरा लगेगा।
निशा _मै बहाना बना दूंगी की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं। तुम चली जाना।
सीमा _न, मै अकेली नहीं जाऊंगी।
निशा _सीमा तुम भी नही जावोगी, तो राजेश से मिलने पर क्या जवाब देंगे।
सीमा _अब कल सोचेंगे क्या करना है?
राजेश जब कालेज से घर पहुंचा।
सुनिता _राजेश जरा इधर आना।
राजेश _बोलो मां क्या है?
सुनिता _ये मै कया सुन रही हुं? स्वीटी बता रही थीकि
सुजाता ने कल तुम्हारे लिए फाइव स्टार होटल में पार्टी रखी है।
राजेश _हां मां, मैने मैम को मना किया था पर वह नही मानी, बोल रही थी की हमारे लिए इतना किया है तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है।
आप सभी को पार्टी में आने को कहा है।
सुनिता _पता नही बेटा पर मुझे ये सब कुछ अच्छा नही लग रहा है।
जब रीता को पता चला कि सुजाता ने राजेश के लिए पार्टी रखी है उसने सुजाता को काल की।
रीता _हाई सुजी,,, कैसी है?
सुजाता _हाई रीता, मै तो ठीक हूं तुम सुनाओ कैसे याद की।
रीता _क्या मै अपने सहेली से बात भी नहीं कर सकती।
सुजाता _कर सकती हो बाबा कभी भी।
रीता _तुम्हारी कंपनी पर आई विपत्ति तो टल चुकी हैऔर तुम्हारी कंपनी फिर से उचाइयो को छुने के लिए अग्रसर है, इसके लिए बहुत बहुत बधाई।
सुजाता _ओह, थैंक यू रीता।
रीता _सुना है राजेश के लिए तुमने बर्थ डे पार्टी ऑर्गेनाइज की है।
सुजाता _अब राजेश ने हमारी कंपनी के लिए इतना किया तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है। इसलिए मैंने उसकी बर्थ डे पार्टी को सेलिब्रेट करने के बारे में सोंचा।
रीता _ये तुमने अच्छा की।
पर यार हमे नही बुलाओगी पार्टी में।
सुजाता _अरे एक ही तो मेरी सहेली हो, कैसे भूलूंगी मैं। तुम भी आमंत्रित हो पार्टी में।
रीता _ओह थैंक्स, सुजी।
वैसे क्या गिफ्ट दे रही हो राज को उसके जन्म दिन पर।
सुजाता _इसके बारे में तो कुछ सोचा ही नहीं।
रीता _भई आपका गिफ्ट तो कुछ स्पेशल हो होगा।
जो राजेश के लिए सरप्राईज होगा।
सुजाता हसने लगी।
सुजाता _नही, ऐसा कुछ नहीं है।
रीता _चलो कल पता लग ही जायेगा कि तुमने राजेश को क्या गिफ्ट दिया है?
आख़िर संडे की शाम आ ही गया।
सुजाता ने निशा से कहा,,
बेटा जल्दी तैयार हो जाओ हमे राजेश की पार्टी में चलना है
निशा _मॉम मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं मै आराम करूंगी। आप जाइए।
सुजाता _बेटा राजेश तुम्हारा दोस्त हैं अगर तु नही जाएगी तो उसे बुरा लगेगा।
निशा _मॉम आप राजेश से कह देना न कि मेरी तबियत ठीक नहीं वैसे भी मेरे नही जानें से राजेश को कोई फर्क नहीं पड़ेगा ,मॉम।
सुजाता _ठीक है बेटा अपना ख्याल रखना।
निशा _ओके मॉम।
सुजाता ने भगत को काल किया,,
सुजाता _भगत सारी तैयारी हो चुकी है न।
भगत _जी मैम, आप आ जाइए।
सुजाता _बस अब मै निकल ही रही हूं।
आज सुजाता किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी।
उसने राजेश को काल किया।
सुजाता _राजेश, तुम रेडी हो गए।
राजेश _हा, मैम बस तैयार होने वाला हुं।
सुजाता _ओके, मै तुम्हे लेने आ रही हूं हम साथ ही निकलेंगे।
राजेश _मैम मै अपनी बाइक से आ जाऊंगा ।
सुजाता _अरे नही, हम साथ ही निकलेंगे।
और सुनो मैने तुम्हारे लिए कुछ शूट पसंद किए है वो पहनना।
राजेश _ओह मैम मेरे पास कपडे है।
सुजाता _राजेश मेरे खुशी के लिए इतना नही कर सकते।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता , कुछ ही समय में राजेश के घर पहुंच गई।

सुनिता ने दरवाजा खोला।
सुनिता _सुजाता जी आप।
सुजाता _मै पार्टी के लिए होटल निकल रही थी, तो सोचा राजेश को साथ ले लू। आख़िर पार्टी तो उन्ही का है।
सुनिता _आइए बैठिए न।
सुजाता _दी ज्यादा समय नहीं है अपने पास कुछ ही देर में मेहमान पहुंचने लगेंगे।
सुनिता _सुजाता जी इतनी सब करने की क्या आवश्यकता थी।
सुजाता _दी,राजेश ने हमारे लिए इतना किया है तो क्या उसके लिए मैं एक पार्टी अरेंज नही कर सकती।
कहा है राजेश।
सुनीता_वह अपने कमरे में है। अभी बुलाती हूं।
कुछ ही देर में राजेश आ गया।
सुजाता _चलो राजेश हम लेट हो रहे हैं।
राजेश _मां, आप लोग जल्दी आ जाना हम निकल रहे हैं।
सुनिता _ठीक है बेटा, तुम्हारे पापा के आते ही हम लोग भी पहुंच रहे हैं।
सुजाता और राजेश निकल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _मैम, आज तो आप कमाल की लग रही हो।
सुजाता _ओह सच में,,
राजेश _रियली
मैम निशा कहा है?
सुजाता _मैने उनसे कहा चलने के लिए, पर उसकी तबियत कुछ ठीक नही है, वह नही आ पाएगी।
राजेश _क्या?
राजेश को कुछ अच्छा न लगा,,

इधर निशा अपने कमरे में बेड पर लेट कर राजेश की फ़ोटो को देखते हुए,,
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे,,
निशा _सॉरी जान मै आज तुम्हारे खास दिन पर तुम्हारे पास नही हूं। मुझे माफ कर दो। जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
उसकी आंखो से आंसू बहने लगे।
वह घर में रखी पियानो बजाने लगी,,,
फिर गाने लगी,,,
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना,
तेरे बिना भी क्या जीना।
फूलो में कलियों में, सपनो की गलियों में
तेरे बिना कुछ कही न
तेरे बिना भी क्या जीना,,

जानें कैसे अनजाने ही, आन बसा कोई प्यासे मन में
अपना सब कुछ खो बैठे है, पागल मन के पागलपन में
दिल के अफसाने,,,
दिल के अफसाने, मै जानू तू जानें और ये जानेकोई न
तेरे बिना भी क्या जीना ,,
ओ साथी रे,,

हर धड़कन में प्यास है तेरी, सांसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक मेरी नजर में तू ही तू है
प्यार ये टूटे न,, तू मूझसे रूठे न साथ ये छूटे कभी न
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे,,
तुझ बिन जोगन मेरी राते, तुझ बिन मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूंदे, बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी, ये जिंदगी जिंदगी न
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे,
तेरे बिना भी क्या जीना,,,
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सुजाता और राजेश कुछ ही समय में होटल पहुंच गए। होटल को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया था।
वहा पर भगत और उसके दोस्त पहले से मौजूद थे, जो होटल की साज सज्जा एवम अन्य तैयारियों पे लगे हुए थे।
भगत ने सुजाता से कहा,,
भगत _मैम आपने जैसे कहा था , हमने सारी तैयारी कर रखी है। फिर भी आप देख लीजिए कोई कमी तो नहीं रह गई।
सुजाता _होटल तो बहुत अच्छी सजी है।
राजेश _अरे यार भगत लगता है तुम सुबह से ही तैयारी में लगे हुए हो ,,
भगत _भाई आपका जन्म दिन है, आपके लिए तो मैं अपना पूरा जीवन लगा दू।
सुजाता ने राजेश से कहा,,
सुजाता _राजेश, मैने तुम्हारे लिए शूट कमरे नंबर 24में रखवा दिए हैं, तुम ऊपर जाकर तैयार हो जाओ।
कुछ देर में मेहमान लोगो का आना शुरु हो जायेगा।
मैं यहां की तैयारी देखती हूं।
तुम जाओ,,
राजेश _ठीक है मैम।
राजेश ऊपर रूम 24में चला गया। यह रूम सुजाता ने परमानेंट बुक करा रखी थी। ताकि जब राजेश से मिलने की इच्छा हो मिल सके।
राजेश रूम में जानें के बाद देखा। बेड पर दो तीन शूट पड़ा हुआ है।
राजेश बेड पर लेट गया। जब से सुजाता ने राजेश को बताया था कि निशा नही आ रही पार्टी में।
उसका मन अच्छा नही लग रहा था।
उसे अपनी जन्म दिन पार्टी सेलिब्रेट करने की जरा भी इच्छा नहीं हो रहा था।
वह बालकनी पर खड़े होकर बाहर देखने लगा। और किसी सोच में डूब गया।
निशा मेरे सच्चे दोस्त की तरह हर सुख दुख में साथ रही है, फिर आज क्यू मेरे साथ नहीं। अभी तक मुझे काल भी नही की है।
कही ओ मूझसे नाराज तो नही है।
कही मूझसे कोई गलती तो नही हुई है।
वह सोचने लगा।
निशा की तबियत ठीक नहीं है, वह बीमार है और मैं यहां पार्टी सेलिब्रेट करू?
उसे आज पहली बार निशा की बहुत कमी महसूस हो रही थी।
वह बेड पर रखा एक शूट पहना फिर,
वह नीचे गया।
भगत _भाई, आप इस शूट में एकदम स्मार्ट लग रहे हो।
राजेश _भगत, मैम कहा है?
भगत _भाई, मैम तो खाने पीने की व्यवस्था देख रही है।
राजेश _भगत, तुम अपनी बाइक की चाबी दो।
भगत _भाई कही जाना है क्या?
राजेश _हां, मुझे कुछ काम है?
भगत _भाई कुछ काम हो तो मुझे बता दो, मै कर दूंगा। कुछ ही समय बाद मेहमानो का आना शुरु हो जायेगा, आपका यहां रहना जरूरी है।
राजेश _नही यार, मुझे ही जाना होगा। तुम यहां सम्हाल लेना। बोल देना की मैं ऊपर तैयार हो रहा हूं।
भगत _ठीक है भाई, पर जल्दी आ जाना।
राजेश, भगत की बाइक लेकर निकल गया ।
वह गाड़ी को स्पीड से दौड़ाया। कुछ ही देर में वह वह निशा के घर पहुंच गया। नौकरों से निशा के बारे में पूछा।
नौकरों ने बताया की वह अपने कमरे में है।
राजेश ऊपर निशा के कमरे कीओर चला गया।
वह दरवाज़ा को थोड़ा धकेला, निशा बेड पे लेटी किसी विचारों में डूबी हुई थी।

राजेश ने निशा को आवाज लगाया ।
निशा,,,
निशा का अपने विचारो से बाहर आई।
वह दरवाजे की ओर देखा।
दरवाजे पर राजेश खड़ा था।
निशा ने अपने आंसुओं को पोछा, फिर बेड में उठकर बैठ गई।
निशा _राजेश तुम यहां, तुम यहां क्या कर रहे हो। तुम्हे तो इस समय पार्टी में होना चाहिए। मेहमान तुम्हे पूछ रहे होंगे।
राजेश, निशा के पास आया और बेड पर बैठ गया।
राजेश _निशा, सुजाता मैम ने बताया की तुम्हारी तबियत ठीक नहीं,तुम पार्टी में नही आ रही हो इसलिए मै तुमसे मिलने चला आया।
तुम्हारी तबियत कैसी है?
निशा _थोडा सिर में दर्द है,,
पर तुम फोन पर भी पूछ सकते थे, पार्टी छोड़कर यहां आने की क्या आवश्यकता थी।
राजेश _पता नही, निशा पर तुम्हारे पार्टी में न आने की खबर जब से सुना, मुझे अच्छा नही लग रहा था।
तुम यहां बीमार पड़ी हो और मैं वहां अपना बर्थ डे पार्टी सेलिब्रेट करू। मेरा दिल नही माना।
निशा _राज, मै ठीक हूं, तुम जाओ वहां पार्टी में लोग तुम्हारा तुम्हरा इंतजार कर रहे होंगे।
राजेश _नही, निशा तुम भी चलो मेरे साथ। मुझे तुम्हारे बिना बिल्कुल अच्छा नही लगेगा।
निशा _राज, जिद न करो, मेरी तरफ से तुमको जन्म दिन की ढेरसारी शुभकामनाएं । मै क्या गिफ्ट दू तुम्हे मुझे कुछ समझ नहीं आया। इसलिये मैने सीमा के हाथों कुछ भिजवाई भी नहीं।
राजेश _निशा जी आप मेरे साथ चलो यही मेरे लिए सबसे बडा गिफ्ट होगा।
निशा _राज, मुझे माफ कर दो प्लीज, मै नही आ सकती। अब तुम जाओ, सब पूछ रहे होंगे तुम्हे।
राजेश _ठीक है निशा जी, मैं जा रहा हूं, पर अगर हमारी दोस्ती सच्ची होगी तो तुम जरूर आवोगी।

राजेश, वहा से होटल के लिए निकल गया।
रास्ते में जब वह आ रहा था। तब ट्रैफिक पर रुकना पड़ा। तभी प्रिया की नजर उस पर पड़ी।
दरअसल प्रिया, संजय, और पिंकी कार से होटल जा रहे थे। राजेश की पार्टी में।
प्रिया ने राजेश को आवाज लगाई।
राजेश,,
राजेश ने प्रिया की ओर देखा।
राजेश _दी, आप लोग कहा जा रहे?
प्रिया _पहले ये बता आज तेरी बर्थ डे पार्टी है और तुम बाइक में कहा भटक रहे हो।
प्रिया _ऐसा क्या काम आ गया जो अपनी पार्टी छोड़कर जाना पड़ा। हम लोग तो तुम्हारे पार्टी में ही शमिल होने जा रहे थे, पर तुम इधर ,,
राजेश _दी बात में बताऊंगा, अभी होटल में मिलते हैं।
प्रिया _ओके, बाई।
राजेश कुछ देर में ही होटल पहुंच गया। उसके जाते ही।
सुजाता _राजेश, तुम कहा चले गए थे। मेहमान लोग तुम्हारे बारे में पूछ रहे हैं।
राजेश _मैम मै कुछ काम से गया था।
सुजाता _ऐसा क्या काम आ गया था, भगत को बोल देता, वह कर देता।
तभी राजेश के कालेज के दोस्तो ने घेर लिया।
दोस्तो ने कहा _अरे यार राजेश हम कब से तुम्हारा वेट कर रहे थे। हमे पार्टी में बुलाकर,कहा रह गए थे?
राजेश _सॉरी दोस्तो कुछ काम से गया था।
सभी दोस्तो ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिया।
सीमा भी पहुंच गई।
सीमा _राज जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
राजेश _, थैंक्स, सीमा जी।
सीमा _सॉरी राज निशा की तबियत ठीक नहीं है वह नही आ सकी। वह भी तुम्हे शुभकामनाएं संदेश भेजी है।
राजेश _सीमा जी ये आप क्या कह रही हो? निशा जी आयेगी?
सीमा _नही राजेश वह नही आयेगी, उसने खुद ही मूझसे ये बात कहीं है?
राजेश _सीमा जी, मैने कहा न निशा जी आयेगी।
सीमा _ये बात तुम इतने विश्वास के साथ क्यू कह सकते हो?
राजेश _क्यू की मेरा दिल कह रहा है की वह आयेगी।

तभी मंच पर राजेश को बधाई देने,रीता पहुंची।
रीता _जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं राजेश।
राजेश _ओह थैंक यू रीता मैम।
रीता _राजेश इस शूट में बड़े स्मार्ट लग रहे हो।
राजेश _थैंक यू ।
राजेश अपना हाथ आगे करो।
राजेश ने हाथ आगे किया।
रीता _मेरे तरफ से ये घड़ी जो मैने विदेश से मंगाया है करोड़ों की है।
रीता ने अपनी हाथों से घड़ी पहनाया।
राजेश _मैम, इतनी महंगी गिफ्ट देने की क्या आवश्यकता थी।
रीता _राजेश मैने पहलेभी तुम्हे कुछ देना चाही थी पर तुमने ठुकरा दिया। आज मौका मिला है कुछ भेट करने का आज तुम मना नही कर सकते।

सुजाता _क्या बात है? बडी महंगी गिफ्ट दिया है,राजेश को मुझे तुम्हारा इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा।
रीता _इरादा तो मुझे तुम्हारा ठीक नही लग रही है। कितनी सजी संवरी है सभी लौंडे तुम्हे ही देख रहे हैं, और तुम राजेश के आगे पीछे मंडरा रही हो।
सुजाता _वैसे तू भी बहुत हॉट लग रही हो। लगता है किसी पर बिजली गिराना चाहती हो।
रीता _हाय, काश तुम्हारी बाते सच हो जाय।
आखिर हमें भी तो पता चले कि हममें भी कुछ कशिश बाकी है कि नही।
सुजाता _हाय, किसी लौंडे को इशारा करके तो देखो भागा भागा चला आएगा।
रीता _चल झूठी कही की।
रीता ने अपने मन में कहा,,
जिसको मैं अपना बनाना चाहती हूं वो तो घास नहीं डाल रहा।
उसके बाद होटल में बाबा चरमानंद और उसके शिष्य लोग, भीम और उसके दोस्त प्रवेश किए।
सभी लोग बाबा को प्रणाम करने लगें क्यू की बाबा ने अब तक बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली थी।
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति पार्टी रूम में रह होगा जो बाबा को न जानता, और मानता हो।
पार्टी में देखकर सभी लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे थे।
लोगो ने बाबा का आशीर्वाद लेकर पूछा _बाबा आप यहां ।
बाबा _राजेश हमारा प्रिय शिष्य है। उसके जन्म दिन पर आशीर्वाद देने, आना ही था।
राजेश, बाबा के पास आकार उसका पैर छू कर प्रणाम किया।
बाबा _जीते रहो राजेश। जीवन में सफलता की ऊंचाइयां प्राप्त हो। मेरा आशिर्वाद सदा तुम्हारे साथ रहेगा।
उसके बाद उनके शिष्यों, भीमा और उसके साथियों ने बधाई दिया।
भीमा _जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई भाई।
राजेश _धन्यवाद भीमा। और कैसे हो भीम। आश्रम का काम कैसा चल रहा है?
भीमा _सब अच्छा चल रहा है,बस आप ही की कृपा है भैया।
इसके बाद मंच पर सुमन और सौरभ पहुंचे।
राजेश _मैम आप, ऐसी हालत में आने की क्या आवश्यकता थी।
सुमन 6माह की प्रेगनेंट थी।
सुमन _राजेश, जब मैने सुना की तुम्हारा जन्म दिन है तो खुद को आने से रोक न सकी।
सुमन और सौरभ दोनो ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिए।
रीता की नजर सुमन पर पड़ी।
रीता अपने मन में _ओहो, तो वे है सुमन, केमेस्ट्री टीचर,जो राजेश को अपने जाल में फांस रखी है। लगता है इसके पेट का बच्चा भी राजेश का ही है कब से मिलना चाहती थी।
वह सुमन के पास गई।
रीता _हेलो सुमन जी।
सुमन _नमस्ते रीता जी।
रीता _, आप मुझे जानती है।
सुमन _, जी आपको कौन नही जानता। यहां की नंबर वन उद्योगपति महिला।
रीता _ओह क्यू शर्मिंदा कर रही हो,
नंबर वन तो वहां खड़ी है जिसने राजेश के लिए पार्टी रखी है।
सुमन _फिर हाल अभी तो आप नंबर वन पर है।
रीता _खैर इन बातों को छोड़िए, ये बताइए हमे खुशखबरी कब सुना रही हो।
सुमन _अभी तो ढाई माह का समय है।
रीता _ओह, जब बच्चे की जन्म की पार्टी हो तो हमे जरूर बुलाइए गा।
सुमन _जी जरूर।
राजेश की आंखे निशा की आने का इंतजार कर रही थी।
उसका दिल कह रहा था कि निशा जरूर आएगी।
राजेश के बधाई देने कौशल्या देवी, भीमा की मां मालती और अन्य स्त्री भी राजेश को जन्म दिन की बधाई देने पहुंची।
कालेज का चौकीदार और उसकी बीवी भी राजेश को बधाई दिया।
राजेश ने भगत से कहां _अबे तुमने तो किसी को नही छोड़ा सबको बुला लाया।
भगत _भाई मैने तो इन लोगो को आपके जन्म दिन की जानकारी दिया था। येसभी लोग खुशी से उत्साहित होकर यहां आए हैं।
तभी राजेश की मां सुनिता और उसके पापा शेखर और स्वीटी भी पहुंच गई।
राजेश ने अपनी मां और पापा के पैर छू कर आशीर्वाद लिया।
सुनिता और शेखर ने राजेश को जन्म दिन की शुभकामनाएं दिया।
स्वीटी _जन्म दिन मुबारखो भैया।
राजेश _, ओह थैंक यू, मेरे प्यारी बेबी।
रीता _हेलो, सुनिता जी।
सुनिता _नमस्ते रीता जी।
रीता _आप मुझे पहचानती है।
जी समाचार और टीवी में तो आप और आपकी कंपनी की खबर चलती रहती है।
कौन नही पहचानेगा आपको।
रीता _ओह थैंक।
सुनिता ने मन ही मन रीता को गाली दी,kutiya कही की तुम्हारे कारण ही तो मेरे बेटे ने कालेज के लोकल टूर्नामेंट में भाग नही लिया।
कालेज के प्रोफेसर और कमेटी के लोग भी राजेश को बधाई दिए।
प्रिया और संजय ने भी मंच पर जाकर राजेश को बधाई दिया ।
संजय _अरे साले साहब जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।
राजेश _ओह थैंक क्यू जीजू।
प्रिया_मेरे गोलू भाईकी जन्म दिन कीढेर सारीशुभकामनाएं ।
राजेश_ थैंक यू दी।
पिंकी _जन्म दिन मुबारखो मामू।
राजेश _ओह मेरी प्यारी भांजी थैंक यू।
प्रिया _राजेश मै कब से देख रही हूं तुम्हारी आंखे कब से किसी को ढूंढ रही है?

बोलो तुम निशा का इंतजार कर रहे हो न।
राजेश _हा दी, सभी आ गए पर निशा नही आई,पता नही वो आयेगी भी कि नही।
प्रिया _तुम्हरा दिल क्या कहता है?
राजेश _मेरा दिल कह रहा है कि वह जरूर आएगी।
सुजाता _राजेश सभी मेहमान आ चुके है अब केक कांटो।
राजेश _मैम थोड़ी देर और रुकते हैं।
रीता _क्यू राजेश कोई ओर आने वाला है क्या?
प्रिया _थोडा और रुक जाओ,हो सकता है कोई आ जाए।
थोड़ी देर और इंतजार करने के बाद राजेश निराश हो गया।
सुजाता_राजेश अब कोई नही आयेगा, केक कांटो।
राजेश केक काटने ही वाला था कि,,
प्रिया _राजेश, उधर देखो।
राजेश ने सामने देखा। निशा आ रही थी।
राजेश के आंखो में खुशी के आंसू भर गए।
सुजाता_अरे निशा बेटा तुम्हारी तबीयत तो ठीक नही थी। फिर तुम कैसे सा गई?
निशा _ओ मॉम, तबीयत ठीक लगी तो आ गई सोचा जाऊंगी तो राजेश को अच्छा लगेगा।
सुजाता _ओह, अच्छा की मेरी प्यारी बेटी।
जाओ राजेश को बधाई दो।
निशा _जन्म दिन मुबारखो राज,,
राजेश _थैंक क्यू निशा ज? यहां आने के लिए !
राजेश ने केक काटा और सबसे पहले निशा को खिलाया, यह टुकड़ा मेरी प्यारी दोस्त के लिए।

सीमा _निशा को देखकर बहुत खुश हुई। वह उसे गले से लगा ली।
इधर राजेश ने निशा के बाद सुजाता को केक खिलाया रीता ने तो जबरदस्ती राजेश के हाथ से केक छीनकर खा ली।
केक काटने के बाद, नाचने गाने का प्रोग्राम शुरु huwa ।
राजेश के कालेज के स्टूडेंट्स नाचने गाने लगे।
प्रिया ने निशा से कहा,,
प्रिया _निशा, मै Rajesh की दीदी हूं।
मैं तुमसे कब से मिलना चाहती थी।
निशा ने प्रिया की पैर छू ली।
प्रिया _सदा खुश रहो। तुम कितनी सुंदर हो।
पता है जाब तुम यहां नही आई थीं तो राजेश की आंखे हर पल तुम्हे ही खोज रह था। क्यू राजेश?
राजेश और निशा एक दूसरे की आंखो में देखने लगे।


तभी भगत ने अलाउंस किया।
यहां पर उपस्थित लेडीज एंड जेंटल मेन हम सब राजेश से अनुरोध करते है कि अपने जन्म दिन पर हमे कोई गीत सुनाकर इस पार्टी को यादगार बनाए।
सभी लोग राजेश राजेश चिल्लाने लगे।
राजेश ने गिटार बजाना शुरू किया।

ये हमने सोच रखा था, मोहब्बत न करेंगे हम,
किसी को फील नही देंगे, किसी पे न मरेंगे हम

तुम्हारी मस्त आंखो ने ये कैसा हाल कर डाला
की ये दिल चीज क्या है, मांग लो तो जान दे देंगे।
पलट के इस्क की गलियों से जाना है बडी मुस्किल
दिल गलती कर बैठा है, गलती कर बैठा है दिल
दिल गलती कर बैठा है गलती कर बैठा है दिल
दिल गलती कर बैठा अब बोल हमारा क्या होगा?
बोल हमारा, बोल hamara क्या होगा?





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sunoanuj

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Bahut hi behtarin updates… jabardast dil se mazboor hoke Nisha bhi party main aa gayi …. Bahut hi behtarin likh rahe ho mitr 👏🏻👏🏻😂
 

sunoanuj

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Waiting for next blockbuster update…
 
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Behtreen update hai
 
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KGB

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Superb update! Superb and stunning writings!
 
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