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Incest यह क्या हुआ

sunoanuj

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Ek dum adhbhut update hai …
 

Shubhamkumar23942

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इस घटना के बाद से राजेश गुम सुम सा रहने लगा।
उधर निशा की हालात भी कुछ ऐसी ही थी। खाने पीने का उसका मन नही करता।
नौकरानी _निशा बेटा, सुबह से आज कुछ नही खाई है। उधर मालकिन का भी खाने का मन नही है।

पता नही घर को किसकी नजर लग गई है।
मालिक तो बीमार पड़े हुवे है इस बात की जानकारी उन्हें देना उचित भी नहीं।
निशा गुमसुम अपने बेड पर लेटी हुई थी। उनकी आंखों से अब भी आंसू बह रहे थे।
कुछ देर बाद सुजाता आई।
सुजाता _बेटा चलो कुछ खालो। सुबह से कुछ खाई नही है। कब तक आंसू बहाती रहेगी। उस धोखेबाज के लिए।
निशा _मॉम तुमने भी तो अब तक कुछ नहीं खाई है।
सुजाता _मुझे तो भूख ही नहीं लग रही बेटा।
निशा _मॉम मुझे भी भूख नहीं।
उस दिन दोनो मॉ बेटी कुछ खाई ही नहीं।
दूसरे दिन निशा ने जब देखा कि उसकी मां भी भूखी है तो उसने अपनी मॉम को अपने हाथो से खिलाई और आंसू बहाना बंद कर दी।
सुजाता ने भी अपने हाथो से निशा को खाना खिलाया।
सुजाता _बेटा मुझे माफ कर दो मै नही जानती थी कि तुम राजेश से प्यार करती हो, नही तो मैं उसके साथ कभी आगे नहीं बढ़ती।
निशा _मॉम, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। गलती राज की है। वह हवशी निकला। एक औरत से उसका जी नही भरता। वह रण्डी बाज निकला। ऐसे लड़कों से मुझे शख्त नफरत है। अच्छा huwa जो मैने उससे अपनी प्यार का इजहार नही किया। नही तो वह मेरे भी जिस्म से खेल कर छोड़ देता । आई हेट राजेश मां। पता नही वह कितनी औरतों के साथ खेल चुका है।

इधर राजेश गुमसुम सा रहने लगा।
ज्यादा किसी से बातचीत नही करता। ठीक से खाना भी नहीं खाता।
सुनीता को इस बात का अहसास हो गया।
जब राजेश सुबह जिम के लिए निकल रहा था।
सुनीता _बेटा जरा इधर आना।
राजेश _क्या है मां?
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से देख रही हूं। तुम गुमसुम सा रहते हों। खाना भी ठीक से नहीं खा रहें।
तुम पहले से काफी बदले बदले लग रहे हो। बेटा कुछ बात है क्या?
राजेश _नही मां, ऐसे कोई बात नही, आपको कुछ वहम हु़वा है। मै ठीक हू।
अच्छा मां मै जिम जा रहा हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश चला गया।
राजेश के चले जाने के बाद, Sunita सोचने लगती है।
जरूर कोई बात है जो राजेश मुझसे छुपा रहा है।
उसे राजेश की चिंता होने लगती है।

भगत राजेश को काल करता है।
राजेश _बोलो भगत कैसे काल किए?
भगत _भाई, आपको पता ही है आज agkp वालो ने राजधानी में सभा का आयोजन किया है।
आज पार्टी प्रमुख आने वाले है। उसकी उपस्थित में मै पार्टी ज्वाइन करूंगा।
भाई आपको भी मेरे साथ चलना है।
राजेश _भगत मै सभा में आऊंगा, लेकिन तुम्हारे साथ नही। मै भीड़ में कहीं बैठा रहूंगा।
भगत _भाई आपके मार्ग दर्शन के बिना नहीं हो पाएगा।
राजेश _भगत मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम्हे जब भी मेरी मदद की आवश्यकता पड़े मुझे याद करना।भगत तुम अपने सभी साथियों के साथ।agkp पार्टी ज्वाइन करो।
सभी सभी साथियों को जानकारी तो दे ही दिए होगे।
भगत _हां भाई।
राजेश _भगत आज से तुम अपनी जीवन की नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हो, इसके लिए मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
भगत _धन्यावाद, भाई।
निर्धारित समय अनुसार भगत अपने हजारों प्रसंशको के साथ agkp पार्टी ज्वाइन करने निर्धारित सभा स्थल पर पहुंच गया।
पार्टी के राज्य के अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया।
जब पार्टी प्रमुख दिल्ली से वहा पहुंचा तो भगत को अपने बाजू बिठाया।
पार्टी प्रमुख ने अपने भाषण के बाद लोगो को यह जानकारी दिया की यह हमारे पार्टी के लिए गौरव की बात है की छात्र संघ के नेता, भगत हमारे आज से हमारे पार्टी में शामिल होने जा रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि भगत हमारे पार्टी को इस राज्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। वह इस राज्य के हमारे पार्टी अध्यक्ष प्रमोद जी के साथ मिलकर काम करेगा।
मै भगत को हमारी पार्टी के राज्य के युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुनता हूं। सभी कार्यकर्ताओं ने जमकर ताली बजाया।
पार्टी प्रमुख ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम सबकी परीक्षा होगी। हम सबको कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। भगत के आ जाने के बाद उम्मीद है हम अपने लक्ष्य में जरूर कामयाब होंगे।
पार्टी प्रमुख के भाषण के बाद। भगत को पार्टी का सपथ दिलाया गया।
भगत ने कहा,_मै शपथ लेता हूं की मैं सदा पार्टी हित के लिए काम करूंगा। पार्टी हित ही मेरे लिए सर्वोपरी होगी। मै पार्टी की गोपनीयता को बनाए रखूंगा।
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलाने के लिए पूरी तन मन धन से प्रयास करूंगा।
पार्टी प्रमुख ने जो मुझ पर विश्वास दिखाया है उसकी अपेक्षा पे खरा उतरूंगा। आज मै और मेरे साथी एजीकेपी पार्टी में शामिल होकर अपने को गौरांवित महसूस कर रहे है। क्यू कि इस पार्टी आम गरीबों की हित के लिए कार्य कर रही हैं।
भगत के भाषण के बाद सभी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भर गया।
राजेश भीड़ में बैठ कर भगत का भाषण सुन रहा था।
भाषण खत्म होने के बाद भगत की नजरे राजेश को तलाश कर रहा था। वह इधर उधर ढूंढ रहा था लेकीन मीडिया वाले भगत को घेर लिए और उससे प्रश्न करने लगें।
जिसे टीवी चैनलो पर सीधा प्रसारण किया जा रहा था।
मीडिया से मुक्त होने के बाद राजेश को भगत ने ढूंढा पर वह जा चुका था।
भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई, आप कहा है? आप नही आए क्या? मै इधर उधर काफी ढूंढा।
राजेश _आया था भगत, भीड़ में बैठा था। कार्यकर्ता तुम्हारे पार्टी में शामिल होने से उत्साह में है। देखना तुम जरूर उचाइयो को छुओगे।
भगत _भाई मै तुम्हारे बिना कुछ नही कर पाऊंगा।
राजेश _मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं भगत।
युवा मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त होंने के बाद राज्य के पार्टी अध्यक्ष के कहने पर पार्टी कार्यालय के पास ही उसे रहने के लिए आवास दे दिया गया, जहां भगत सिप्ट हो गया।
अगले दिन सीमा का जन्म दिन था। उसने अपने घर में पार्टी रखी थी। अपने सभी दोस्तो को आमंत्रित किया था।
राजेश, भगत उनके अन्य दोस्तो को भी आमंत्रित की थी।
शाम के समय सुजाता अपने ऑफिस से निशा को काल की।
सुजाता _बेटा तुम तैयार हो न आज सीमा का जन्म दिन है पार्टी में जाना है।
निशा _मां मेरा कही जाने का मन तो नही कर रहा है, पर सीमा का जन्म दिन है तो जाना ही पड़ेगा। तुम उसके लिए कोई अच्छे से गिफ्ट लेते हुए आना।
सुजाता _ठीक है बेटा तुम तैयार रहना।

निशा _ठीक है मॉम
इधर भगत ने राजेश को फोन लगाया,,
भगत _भाई आज सीमा का जन्म दिन है तुम तैयार हो न जाने के लिए।
राजेश _भगत, वहा निशा जी भी होगी, मै उसके सामने नहीं जा पाऊंगा। मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं।

भगत _भाई सीमा जी हमारी बहुत अच्छी दोस्त हैं। अगर हम नही गए तो वह बुरा मान जायेगी। अगर मै अकेला गया तो तुम्हारे बारे में पूछेगी। मै क्या जवाब दूंगा?
भाई जो हो गया उसे भुल जाओ। हो सकता है निशा जी से आपको माफी मांगने का मौका मिल जाए।
मै आपको लेने आ रहा हूं।
भगत दोस्तोके साथ , राजेश के घर पहुंचा और उसे जिद कर अपने साथ ले गए।
इधर पार्टी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं।
निशा और सुजाता भी पहुंच चूके थे।
केक काटने का समय हो चुका था।
सीमा, राजेश और उसके दोस्तो का ही इन्तजार कर रही थी।
सुजाता _सीमा बेटा, और कोई मेहमान आना बांकी रह गया है क्या?
केक काटने का समय हो गया है।
निशा _हां सीमा चलो केक कांटो।
सीमा को लगा शायद राजेश नही आयेगा।
वह के काटने वालीथीं। तभी राजेश और उसके दोस्त वहा पहुंचे ।
राजेश ने सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
निशा वही खड़ी थीं।
निशा _सीमा, आवारा लोगो को पार्टी में बुलाने की क्या जरूरत थीं?
भगत ने सीमा को बधाई दिया उसके बाद निशा से बात किया।
निशा जी कैसी है आप,
निशा _मुझे आवारा लोगो के दोस्तो से,,
कोई बात नही करनी।
राजेश निशा से अपनी नजरे बचा रहा था।
इधर सीमा ने केक कांटी।
सभी ने ताली बजाकर सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
सभी नाचने गाने लगे।
तभी सीमा ने राजेश से रिक्वेस्ट किया की मेरे जन्म दिन पर कोई गीत सुनाए।
सीमा और भगत के जिद करने पर राजेश ने गीत गाना शुरु किया,,
खीजा के फूल पे आती कभी बहार नहीं,,,,
मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नही,,,,


गाना सुनकर सीमा और भगत भावुक हो गए।
निशा वह पार्टी में और न रुक सकी और भागते हुए।
अपने घर पहुंची सुजाता भी निशा के पीछे पीछे चली आई।
घर आने के बाद निशा अपने कमरे मे आकर, बेड में बैठ कर फूट फूट कर रोने लगी,,,,
सुजाता निशा को गले लगा कर चुप कराने लगी।

सुजाता _बेटा, मुझे लगता है राजेश को तुम्हे एक मौका देना चाहिए।
निशा _नही मां, मेरे दिल में अब उसके लिए कोई जगह नही है।
सुजाता _ तू राजेश के बिना रह पाएगी।
निशा _मॉममै एक आवारा को अपना जीवन साथी कभी नहीं चुन सकती।
मैने फैसला किया है कि मैं हमेशा के लिए लंदन चली जाऊंगी। क्यू की यहां रहूंगी तो,,, राज मुझे कमजोर बना देगा। मै उसे भुल जाना चाहती हूं।
Amazing bro bas please thoda jaldi jaldi post karna
 

Rajpoot MS

I love my family and friends ....
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इस घटना के बाद से राजेश गुम सुम सा रहने लगा।
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नौकरानी _निशा बेटा, सुबह से आज कुछ नही खाई है। उधर मालकिन का भी खाने का मन नही है।

पता नही घर को किसकी नजर लग गई है।
मालिक तो बीमार पड़े हुवे है इस बात की जानकारी उन्हें देना उचित भी नहीं।
निशा गुमसुम अपने बेड पर लेटी हुई थी। उनकी आंखों से अब भी आंसू बह रहे थे।
कुछ देर बाद सुजाता आई।
सुजाता _बेटा चलो कुछ खालो। सुबह से कुछ खाई नही है। कब तक आंसू बहाती रहेगी। उस धोखेबाज के लिए।
निशा _मॉम तुमने भी तो अब तक कुछ नहीं खाई है।
सुजाता _मुझे तो भूख ही नहीं लग रही बेटा।
निशा _मॉम मुझे भी भूख नहीं।
उस दिन दोनो मॉ बेटी कुछ खाई ही नहीं।
दूसरे दिन निशा ने जब देखा कि उसकी मां भी भूखी है तो उसने अपनी मॉम को अपने हाथो से खिलाई और आंसू बहाना बंद कर दी।
सुजाता ने भी अपने हाथो से निशा को खाना खिलाया।
सुजाता _बेटा मुझे माफ कर दो मै नही जानती थी कि तुम राजेश से प्यार करती हो, नही तो मैं उसके साथ कभी आगे नहीं बढ़ती।
निशा _मॉम, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। गलती राज की है। वह हवशी निकला। एक औरत से उसका जी नही भरता। वह रण्डी बाज निकला। ऐसे लड़कों से मुझे शख्त नफरत है। अच्छा huwa जो मैने उससे अपनी प्यार का इजहार नही किया। नही तो वह मेरे भी जिस्म से खेल कर छोड़ देता । आई हेट राजेश मां। पता नही वह कितनी औरतों के साथ खेल चुका है।

इधर राजेश गुमसुम सा रहने लगा।
ज्यादा किसी से बातचीत नही करता। ठीक से खाना भी नहीं खाता।
सुनीता को इस बात का अहसास हो गया।
जब राजेश सुबह जिम के लिए निकल रहा था।
सुनीता _बेटा जरा इधर आना।
राजेश _क्या है मां?
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से देख रही हूं। तुम गुमसुम सा रहते हों। खाना भी ठीक से नहीं खा रहें।
तुम पहले से काफी बदले बदले लग रहे हो। बेटा कुछ बात है क्या?
राजेश _नही मां, ऐसे कोई बात नही, आपको कुछ वहम हु़वा है। मै ठीक हू।
अच्छा मां मै जिम जा रहा हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश चला गया।
राजेश के चले जाने के बाद, Sunita सोचने लगती है।
जरूर कोई बात है जो राजेश मुझसे छुपा रहा है।
उसे राजेश की चिंता होने लगती है।

भगत राजेश को काल करता है।
राजेश _बोलो भगत कैसे काल किए?
भगत _भाई, आपको पता ही है आज agkp वालो ने राजधानी में सभा का आयोजन किया है।
आज पार्टी प्रमुख आने वाले है। उसकी उपस्थित में मै पार्टी ज्वाइन करूंगा।
भाई आपको भी मेरे साथ चलना है।
राजेश _भगत मै सभा में आऊंगा, लेकिन तुम्हारे साथ नही। मै भीड़ में कहीं बैठा रहूंगा।
भगत _भाई आपके मार्ग दर्शन के बिना नहीं हो पाएगा।
राजेश _भगत मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम्हे जब भी मेरी मदद की आवश्यकता पड़े मुझे याद करना।भगत तुम अपने सभी साथियों के साथ।agkp पार्टी ज्वाइन करो।
सभी सभी साथियों को जानकारी तो दे ही दिए होगे।
भगत _हां भाई।
राजेश _भगत आज से तुम अपनी जीवन की नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हो, इसके लिए मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
भगत _धन्यावाद, भाई।
निर्धारित समय अनुसार भगत अपने हजारों प्रसंशको के साथ agkp पार्टी ज्वाइन करने निर्धारित सभा स्थल पर पहुंच गया।
पार्टी के राज्य के अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया।
जब पार्टी प्रमुख दिल्ली से वहा पहुंचा तो भगत को अपने बाजू बिठाया।
पार्टी प्रमुख ने अपने भाषण के बाद लोगो को यह जानकारी दिया की यह हमारे पार्टी के लिए गौरव की बात है की छात्र संघ के नेता, भगत हमारे आज से हमारे पार्टी में शामिल होने जा रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि भगत हमारे पार्टी को इस राज्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। वह इस राज्य के हमारे पार्टी अध्यक्ष प्रमोद जी के साथ मिलकर काम करेगा।
मै भगत को हमारी पार्टी के राज्य के युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुनता हूं। सभी कार्यकर्ताओं ने जमकर ताली बजाया।
पार्टी प्रमुख ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम सबकी परीक्षा होगी। हम सबको कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। भगत के आ जाने के बाद उम्मीद है हम अपने लक्ष्य में जरूर कामयाब होंगे।
पार्टी प्रमुख के भाषण के बाद। भगत को पार्टी का सपथ दिलाया गया।
भगत ने कहा,_मै शपथ लेता हूं की मैं सदा पार्टी हित के लिए काम करूंगा। पार्टी हित ही मेरे लिए सर्वोपरी होगी। मै पार्टी की गोपनीयता को बनाए रखूंगा।
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलाने के लिए पूरी तन मन धन से प्रयास करूंगा।
पार्टी प्रमुख ने जो मुझ पर विश्वास दिखाया है उसकी अपेक्षा पे खरा उतरूंगा। आज मै और मेरे साथी एजीकेपी पार्टी में शामिल होकर अपने को गौरांवित महसूस कर रहे है। क्यू कि इस पार्टी आम गरीबों की हित के लिए कार्य कर रही हैं।
भगत के भाषण के बाद सभी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भर गया।
राजेश भीड़ में बैठ कर भगत का भाषण सुन रहा था।
भाषण खत्म होने के बाद भगत की नजरे राजेश को तलाश कर रहा था। वह इधर उधर ढूंढ रहा था लेकीन मीडिया वाले भगत को घेर लिए और उससे प्रश्न करने लगें।
जिसे टीवी चैनलो पर सीधा प्रसारण किया जा रहा था।
मीडिया से मुक्त होने के बाद राजेश को भगत ने ढूंढा पर वह जा चुका था।
भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई, आप कहा है? आप नही आए क्या? मै इधर उधर काफी ढूंढा।
राजेश _आया था भगत, भीड़ में बैठा था। कार्यकर्ता तुम्हारे पार्टी में शामिल होने से उत्साह में है। देखना तुम जरूर उचाइयो को छुओगे।
भगत _भाई मै तुम्हारे बिना कुछ नही कर पाऊंगा।
राजेश _मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं भगत।
युवा मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त होंने के बाद राज्य के पार्टी अध्यक्ष के कहने पर पार्टी कार्यालय के पास ही उसे रहने के लिए आवास दे दिया गया, जहां भगत सिप्ट हो गया।
अगले दिन सीमा का जन्म दिन था। उसने अपने घर में पार्टी रखी थी। अपने सभी दोस्तो को आमंत्रित किया था।
राजेश, भगत उनके अन्य दोस्तो को भी आमंत्रित की थी।
शाम के समय सुजाता अपने ऑफिस से निशा को काल की।
सुजाता _बेटा तुम तैयार हो न आज सीमा का जन्म दिन है पार्टी में जाना है।
निशा _मां मेरा कही जाने का मन तो नही कर रहा है, पर सीमा का जन्म दिन है तो जाना ही पड़ेगा। तुम उसके लिए कोई अच्छे से गिफ्ट लेते हुए आना।
सुजाता _ठीक है बेटा तुम तैयार रहना।

निशा _ठीक है मॉम
इधर भगत ने राजेश को फोन लगाया,,
भगत _भाई आज सीमा का जन्म दिन है तुम तैयार हो न जाने के लिए।
राजेश _भगत, वहा निशा जी भी होगी, मै उसके सामने नहीं जा पाऊंगा। मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं।

भगत _भाई सीमा जी हमारी बहुत अच्छी दोस्त हैं। अगर हम नही गए तो वह बुरा मान जायेगी। अगर मै अकेला गया तो तुम्हारे बारे में पूछेगी। मै क्या जवाब दूंगा?
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निशा और सुजाता भी पहुंच चूके थे।
केक काटने का समय हो चुका था।
सीमा, राजेश और उसके दोस्तो का ही इन्तजार कर रही थी।
सुजाता _सीमा बेटा, और कोई मेहमान आना बांकी रह गया है क्या?
केक काटने का समय हो गया है।
निशा _हां सीमा चलो केक कांटो।
सीमा को लगा शायद राजेश नही आयेगा।
वह के काटने वालीथीं। तभी राजेश और उसके दोस्त वहा पहुंचे ।
राजेश ने सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
निशा वही खड़ी थीं।
निशा _सीमा, आवारा लोगो को पार्टी में बुलाने की क्या जरूरत थीं?
भगत ने सीमा को बधाई दिया उसके बाद निशा से बात किया।
निशा जी कैसी है आप,
निशा _मुझे आवारा लोगो के दोस्तो से,,
कोई बात नही करनी।
राजेश निशा से अपनी नजरे बचा रहा था।
इधर सीमा ने केक कांटी।
सभी ने ताली बजाकर सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
सभी नाचने गाने लगे।
तभी सीमा ने राजेश से रिक्वेस्ट किया की मेरे जन्म दिन पर कोई गीत सुनाए।
सीमा और भगत के जिद करने पर राजेश ने गीत गाना शुरु किया,,
खीजा के फूल पे आती कभी बहार नहीं,,,,
मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नही,,,,


गाना सुनकर सीमा और भगत भावुक हो गए।
निशा वह पार्टी में और न रुक सकी और भागते हुए।
अपने घर पहुंची सुजाता भी निशा के पीछे पीछे चली आई।
घर आने के बाद निशा अपने कमरे मे आकर, बेड में बैठ कर फूट फूट कर रोने लगी,,,,
सुजाता निशा को गले लगा कर चुप कराने लगी।

सुजाता _बेटा, मुझे लगता है राजेश को तुम्हे एक मौका देना चाहिए।
निशा _नही मां, मेरे दिल में अब उसके लिए कोई जगह नही है।
सुजाता _ तू राजेश के बिना रह पाएगी।
निशा _मॉममै एक आवारा को अपना जीवन साथी कभी नहीं चुन सकती।
मैने फैसला किया है कि मैं हमेशा के लिए लंदन चली जाऊंगी। क्यू की यहां रहूंगी तो,,, राज मुझे कमजोर बना देगा। मै उसे भुल जाना चाहती हूं।
❤️q♥️♥️shandar mod diya he kahani ko 💙💙next kya hota he maja ayega ya dukh hoga ye dono fir milenge ya alag alag rasto pe chalenge
Bahut kuch hona baki he
Thanks bro.. Ek mast kahani ke liye 💙💙💙💙♥️♥️❤️
 

sunoanuj

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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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इस घटना के बाद से राजेश गुम सुम सा रहने लगा।
उधर निशा की हालात भी कुछ ऐसी ही थी। खाने पीने का उसका मन नही करता।
नौकरानी _निशा बेटा, सुबह से आज कुछ नही खाई है। उधर मालकिन का भी खाने का मन नही है।

पता नही घर को किसकी नजर लग गई है।
मालिक तो बीमार पड़े हुवे है इस बात की जानकारी उन्हें देना उचित भी नहीं।
निशा गुमसुम अपने बेड पर लेटी हुई थी। उनकी आंखों से अब भी आंसू बह रहे थे।
कुछ देर बाद सुजाता आई।
सुजाता _बेटा चलो कुछ खालो। सुबह से कुछ खाई नही है। कब तक आंसू बहाती रहेगी। उस धोखेबाज के लिए।
निशा _मॉम तुमने भी तो अब तक कुछ नहीं खाई है।
सुजाता _मुझे तो भूख ही नहीं लग रही बेटा।
निशा _मॉम मुझे भी भूख नहीं।
उस दिन दोनो मॉ बेटी कुछ खाई ही नहीं।
दूसरे दिन निशा ने जब देखा कि उसकी मां भी भूखी है तो उसने अपनी मॉम को अपने हाथो से खिलाई और आंसू बहाना बंद कर दी।
सुजाता ने भी अपने हाथो से निशा को खाना खिलाया।
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निशा _मॉम, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। गलती राज की है। वह हवशी निकला। एक औरत से उसका जी नही भरता। वह रण्डी बाज निकला। ऐसे लड़कों से मुझे शख्त नफरत है। अच्छा huwa जो मैने उससे अपनी प्यार का इजहार नही किया। नही तो वह मेरे भी जिस्म से खेल कर छोड़ देता । आई हेट राजेश मां। पता नही वह कितनी औरतों के साथ खेल चुका है।

इधर राजेश गुमसुम सा रहने लगा।
ज्यादा किसी से बातचीत नही करता। ठीक से खाना भी नहीं खाता।
सुनीता को इस बात का अहसास हो गया।
जब राजेश सुबह जिम के लिए निकल रहा था।
सुनीता _बेटा जरा इधर आना।
राजेश _क्या है मां?
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से देख रही हूं। तुम गुमसुम सा रहते हों। खाना भी ठीक से नहीं खा रहें।
तुम पहले से काफी बदले बदले लग रहे हो। बेटा कुछ बात है क्या?
राजेश _नही मां, ऐसे कोई बात नही, आपको कुछ वहम हु़वा है। मै ठीक हू।
अच्छा मां मै जिम जा रहा हूं।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश चला गया।
राजेश के चले जाने के बाद, Sunita सोचने लगती है।
जरूर कोई बात है जो राजेश मुझसे छुपा रहा है।
उसे राजेश की चिंता होने लगती है।

भगत राजेश को काल करता है।
राजेश _बोलो भगत कैसे काल किए?
भगत _भाई, आपको पता ही है आज agkp वालो ने राजधानी में सभा का आयोजन किया है।
आज पार्टी प्रमुख आने वाले है। उसकी उपस्थित में मै पार्टी ज्वाइन करूंगा।
भाई आपको भी मेरे साथ चलना है।
राजेश _भगत मै सभा में आऊंगा, लेकिन तुम्हारे साथ नही। मै भीड़ में कहीं बैठा रहूंगा।
भगत _भाई आपके मार्ग दर्शन के बिना नहीं हो पाएगा।
राजेश _भगत मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम्हे जब भी मेरी मदद की आवश्यकता पड़े मुझे याद करना।भगत तुम अपने सभी साथियों के साथ।agkp पार्टी ज्वाइन करो।
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भगत _हां भाई।
राजेश _भगत आज से तुम अपनी जीवन की नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हो, इसके लिए मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
भगत _धन्यावाद, भाई।
निर्धारित समय अनुसार भगत अपने हजारों प्रसंशको के साथ agkp पार्टी ज्वाइन करने निर्धारित सभा स्थल पर पहुंच गया।
पार्टी के राज्य के अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया।
जब पार्टी प्रमुख दिल्ली से वहा पहुंचा तो भगत को अपने बाजू बिठाया।
पार्टी प्रमुख ने अपने भाषण के बाद लोगो को यह जानकारी दिया की यह हमारे पार्टी के लिए गौरव की बात है की छात्र संघ के नेता, भगत हमारे आज से हमारे पार्टी में शामिल होने जा रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि भगत हमारे पार्टी को इस राज्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। वह इस राज्य के हमारे पार्टी अध्यक्ष प्रमोद जी के साथ मिलकर काम करेगा।
मै भगत को हमारी पार्टी के राज्य के युवा मोर्चा का अध्यक्ष चुनता हूं। सभी कार्यकर्ताओं ने जमकर ताली बजाया।
पार्टी प्रमुख ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हम सबकी परीक्षा होगी। हम सबको कठिन परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। भगत के आ जाने के बाद उम्मीद है हम अपने लक्ष्य में जरूर कामयाब होंगे।
पार्टी प्रमुख के भाषण के बाद। भगत को पार्टी का सपथ दिलाया गया।
भगत ने कहा,_मै शपथ लेता हूं की मैं सदा पार्टी हित के लिए काम करूंगा। पार्टी हित ही मेरे लिए सर्वोपरी होगी। मै पार्टी की गोपनीयता को बनाए रखूंगा।
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत दिलाने के लिए पूरी तन मन धन से प्रयास करूंगा।
पार्टी प्रमुख ने जो मुझ पर विश्वास दिखाया है उसकी अपेक्षा पे खरा उतरूंगा। आज मै और मेरे साथी एजीकेपी पार्टी में शामिल होकर अपने को गौरांवित महसूस कर रहे है। क्यू कि इस पार्टी आम गरीबों की हित के लिए कार्य कर रही हैं।
भगत के भाषण के बाद सभी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भर गया।
राजेश भीड़ में बैठ कर भगत का भाषण सुन रहा था।
भाषण खत्म होने के बाद भगत की नजरे राजेश को तलाश कर रहा था। वह इधर उधर ढूंढ रहा था लेकीन मीडिया वाले भगत को घेर लिए और उससे प्रश्न करने लगें।
जिसे टीवी चैनलो पर सीधा प्रसारण किया जा रहा था।
मीडिया से मुक्त होने के बाद राजेश को भगत ने ढूंढा पर वह जा चुका था।
भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई, आप कहा है? आप नही आए क्या? मै इधर उधर काफी ढूंढा।
राजेश _आया था भगत, भीड़ में बैठा था। कार्यकर्ता तुम्हारे पार्टी में शामिल होने से उत्साह में है। देखना तुम जरूर उचाइयो को छुओगे।
भगत _भाई मै तुम्हारे बिना कुछ नही कर पाऊंगा।
राजेश _मै हमेशा तुम्हारे साथ हूं भगत।
युवा मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त होंने के बाद राज्य के पार्टी अध्यक्ष के कहने पर पार्टी कार्यालय के पास ही उसे रहने के लिए आवास दे दिया गया, जहां भगत सिप्ट हो गया।
अगले दिन सीमा का जन्म दिन था। उसने अपने घर में पार्टी रखी थी। अपने सभी दोस्तो को आमंत्रित किया था।
राजेश, भगत उनके अन्य दोस्तो को भी आमंत्रित की थी।
शाम के समय सुजाता अपने ऑफिस से निशा को काल की।
सुजाता _बेटा तुम तैयार हो न आज सीमा का जन्म दिन है पार्टी में जाना है।
निशा _मां मेरा कही जाने का मन तो नही कर रहा है, पर सीमा का जन्म दिन है तो जाना ही पड़ेगा। तुम उसके लिए कोई अच्छे से गिफ्ट लेते हुए आना।
सुजाता _ठीक है बेटा तुम तैयार रहना।

निशा _ठीक है मॉम
इधर भगत ने राजेश को फोन लगाया,,
भगत _भाई आज सीमा का जन्म दिन है तुम तैयार हो न जाने के लिए।
राजेश _भगत, वहा निशा जी भी होगी, मै उसके सामने नहीं जा पाऊंगा। मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं।

भगत _भाई सीमा जी हमारी बहुत अच्छी दोस्त हैं। अगर हम नही गए तो वह बुरा मान जायेगी। अगर मै अकेला गया तो तुम्हारे बारे में पूछेगी। मै क्या जवाब दूंगा?
भाई जो हो गया उसे भुल जाओ। हो सकता है निशा जी से आपको माफी मांगने का मौका मिल जाए।
मै आपको लेने आ रहा हूं।
भगत दोस्तोके साथ , राजेश के घर पहुंचा और उसे जिद कर अपने साथ ले गए।
इधर पार्टी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं।
निशा और सुजाता भी पहुंच चूके थे।
केक काटने का समय हो चुका था।
सीमा, राजेश और उसके दोस्तो का ही इन्तजार कर रही थी।
सुजाता _सीमा बेटा, और कोई मेहमान आना बांकी रह गया है क्या?
केक काटने का समय हो गया है।
निशा _हां सीमा चलो केक कांटो।
सीमा को लगा शायद राजेश नही आयेगा।
वह के काटने वालीथीं। तभी राजेश और उसके दोस्त वहा पहुंचे ।
राजेश ने सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
निशा वही खड़ी थीं।
निशा _सीमा, आवारा लोगो को पार्टी में बुलाने की क्या जरूरत थीं?
भगत ने सीमा को बधाई दिया उसके बाद निशा से बात किया।
निशा जी कैसी है आप,
निशा _मुझे आवारा लोगो के दोस्तो से,,
कोई बात नही करनी।
राजेश निशा से अपनी नजरे बचा रहा था।
इधर सीमा ने केक कांटी।
सभी ने ताली बजाकर सीमा को जन्म दिन की बधाई दिया।
सभी नाचने गाने लगे।
तभी सीमा ने राजेश से रिक्वेस्ट किया की मेरे जन्म दिन पर कोई गीत सुनाए।
सीमा और भगत के जिद करने पर राजेश ने गीत गाना शुरु किया,,
खीजा के फूल पे आती कभी बहार नहीं,,,,
मेरे नसीब में ऐ दोस्त तेरा प्यार नही,,,,


गाना सुनकर सीमा और भगत भावुक हो गए।
निशा वह पार्टी में और न रुक सकी और भागते हुए।
अपने घर पहुंची सुजाता भी निशा के पीछे पीछे चली आई।
घर आने के बाद निशा अपने कमरे मे आकर, बेड में बैठ कर फूट फूट कर रोने लगी,,,,
सुजाता निशा को गले लगा कर चुप कराने लगी।

सुजाता _बेटा, मुझे लगता है राजेश को तुम्हे एक मौका देना चाहिए।
निशा _नही मां, मेरे दिल में अब उसके लिए कोई जगह नही है।
सुजाता _ तू राजेश के बिना रह पाएगी।
निशा _मॉममै एक आवारा को अपना जीवन साथी कभी नहीं चुन सकती।
मैने फैसला किया है कि मैं हमेशा के लिए लंदन चली जाऊंगी। क्यू की यहां रहूंगी तो,,, राज मुझे कमजोर बना देगा। मै उसे भुल जाना चाहती हूं।
Shaandar jabardast Romanchak Emotional update 💓 💓 🔥
Bhagat apne career me safal ho gaya 😊
Rajesh Nisha dono Udashi se bahar nahi nikal paye hai 😏 Nisha ko to bilkul Nafrat ho gayi ab dekhte hai unka kya hoga 😏
 
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