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Erotica रंग -प्रसंग,कोमल के संग

komaalrani

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भाग ६ -

चंदा भाभी, ---अनाड़ी बना खिलाड़ी

Phagun ke din chaar update posted

please read, like, enjoy and comment






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तेल मलते हुए भाभी बोली- “देवरजी ये असली सांडे का तेल है। अफ्रीकन। मुश्किल से मिलता है। इसका असर मैं देख चुकी हूँ। ये दुबई से लाये थे दो बोतल। केंचुए पे लगाओ तो सांप हो जाता है और तुम्हारा तो पहले से ही कड़ियल नाग है…”

मैं समझ गया की भाभी के ‘उनके’ की क्या हालत है?

चन्दा भाभी ने पूरी बोतल उठाई, और एक साथ पांच-छ बूँद सीधे मेरे लिंग के बेस पे डाल दिया और अपनी दो लम्बी उंगलियों से मालिश करने लगी।

जोश के मारे मेरी हालत खराब हो रही थी। मैंने कहा-

“भाभी करने दीजिये न। बहुत मन कर रहा है। और। कब तक असर रहेगा इस तेल का…”

भाभी बोली-

“अरे लाला थोड़ा तड़पो, वैसे भी मैंने बोला ना की अनाड़ी के साथ मैं खतरा नहीं लूंगी। बस थोड़ा देर रुको। हाँ इसका असर कम से कम पांच-छ: घंटे तो पूरा रहता है और रोज लगाओ तो परमानेंट असर भी होता है। मोटाई भी बढ़ती है और कड़ापन भी
 

komaalrani

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होली-प्रसंग

मोहे रंग दे से ( पृष्ठ १४१ )

थोड़ा सा फ्लैश बैक
 

komaalrani

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थोड़ा सा फ्लैश बैक

(स्कूल में होली)

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पहली बार ये अहसास मुझे दसवीं में हुआ , उसी साल बसंत कालेज , बनारस के एक स्कूल में एडमिशन हुआ था
school-girls-stock-photo-varanasi-india-october-school-girls-going-their-homes-from-city-to-village.jpg


आठ तक तो मैंने गाँव के स्कूल में ही पढ़ाई की थी ,

हर बार की तरह होली बोर्ड के एक्जाम के बीच में पड़ रही थी , इसलिए जब स्कूल एक्जाम के पहले दिन बंद हुआ , उस दिन ही लड़कियों ने होली खेलने का प्रोग्राम बनाया , लेकिन स्कूल में बहुत रिस्ट्रिक्शन , सिर्फ अबीर गुलाल , ... और वो भी ज्यादा जबरदस्ती नहीं , बस गाल वाल पे , ...

लेकिन मैं गाँव की लड़की और रीतू भाभी की ननद ,



school-girl-friendsmanianetschoolcollegegirls10.jpg


( पिछले साल की होली रीतू भाभी की ससुराल में पहली होली थी और क्या मस्ती हुयी थी , ... )


तो बिना गीले रंग के और ' इधर उधर रगड़े ' कहाँ से होली पूरी होती ,

रीतू भाभी की जुगत कहीं फेल होती , उन्होंने मुझे गुलाल के बड़े बड़े तीन पैकेट दिए , मेरे और मेरी दो ख़ास सहेलियों के लिए ( लेकिन ये बात उन्होंने सिर्फ मुझे बतायी , उन दोनों से शेयर नहीं करनी थी , २०-८० का रेशियो है यानी २० % गुलाल और ८०% उसमे मुर्गा छाप पक्का रंग मिला है ).


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दूसरा आइडिया मुझे आया , सहेलियों की भांग की गुझिया खिलाने का , लेकिन रीतू भाभी ने तुरंत वीटो कर दिया ,

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स्कूल में एक तो बाहर से खाने का सामान मना है , दूसरे गुझिया देख के लड़कियों को शक होजाता ,
मैंने तुरंत एक कहानी गढ़ी , मेरी बर्थडे ,

guddi-school-3-1.jpg



और रीतू भाभी मुस्कराने लगी , एकदम उनकी असली ननद और उन्होंने फिर एक बात जोड़ी , जो मिठाई तेरे स्कूल की कैंटीन में मिलती हो , ... लाल पेड़ा , ललुआ बहुत मस्त बनाता है , ... बस ये तय हो गया की लाल पेड़ा पूरे एक किलो शुद्ध असली बनारसी भांग की , हर पेड़े में दो दो गोली , रीतू भाभी ने अपने हाथ से बनाया , ... और ये भी उन्ही का आइडिया था कैंटीन के डिब्बे में ही सील बंद , ... भांग वाले पेड़े,

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जबरदस्त होली हुयी , पहले तो सिर्फ गाल और माथे पर , फिर जो लड़कियां सबसे ज्यादा उचकती थीं , होली के नाम पर , मेरी दो सहेलियों ने एक एक हाथ पकड़ लिए , फिर मेरे हाथ गाल से सरक कर ,...



wet-hot-girls-enjoying-holi-4-1.jpg

स्सालियों ने मुझे ही बिग बी की टाइटल दी थी ,

एक हाथ से स्कूल टॉप की बटन खुली , और दूसरे हाथ से नए आते चूजों को दुलराया , सहलाया ,

Holi-1.jpg




और वही रीतू भाभी ब्रांड गुलाल , सिर्फ डाला नहीं कस कस के मला ,

" अरे यार गुलाल ही तो है , लगवा लो , अभी वो तेरा वाला लगाता तो खूब मजे से मिसवाती "

फिर निपल पर पिंच और साथ में उस लड़की के पीछे जो लड़के पड़े थे उनके नाम ले ले कर , और मैं भी नहीं बची , मेरी भी भी खूब रगड़ाई हुयी , और मेरे साथ मेरे भौंरों का नाम ले ले कर , ...
holi-girl-wallpaper.jpg


और स्कूल के गेट के बाहर निकलने के पहले , अपनी वाटर बॉटल से सब लड़कियों के कपडे के ऊपर अंदर , ... अब गुलाल के अंदर के रंग ने असर दिखा दिया , सबके उभार , पिछवाड़ा , कुछ के तो जाँघों के बीच में भी ,
लेकिन सबसे ज्यादा भौंरो को , ..स्साले मवाली बहनचोद , पता नहीं उन्हें कैसे पता चल गया था की आज हम लोगों की होली होगी और रोज तो आठ दस लड़के स्कूल के गेट पर रहते थे , आज तो दर्जन भर से ऊपर , ...



और लगाते समय भी हम लोग अपंनी सहेलीयों को लड़को का नाम ले ले कर , ये चंदू की ओर से ये चुन्नू की ओर से ये टुन्नू की ओर से ,

wet-hot-girls-enjoying-holi-8.jpg



बेचारे रंग तो लगा नहीं सकते हाँ रंगी पुती पुती , भीगी , देह से चिपकी , हर अंग झलकती देख देख कर आँखे खूब सेंकते है , और सिर्फ लड़कियों की ही नहीं , बड़ी उम्र की औरतों की भी होली और होली के बाद रंग से भीगी , देह से चिपकी साडी ब्लाउज से झलकते अंग का मजा लेने वाले कम नहीं होते



लेकिन हम लड़कियां , औरतें भी यही सोचती हैं , ले तो ले , आखिर होली है , मन तो सबका करता है , ...

 
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Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
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Congrats 🎉🎉🎉 Dear lovely 🌹🌹🌹 Komal didi ❤️❤️❤️ for starting a new thread.
Didi Holi par to aapne specialisation kiya hua hai.
Ur writing on festivals especially Holi is just awesome, marvelous fabulous,& what not.


images

200-5
 

komaalrani

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होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ
उड़त गुलाल लाल भए बादर, भर गडुआ रंग को डारूँ
होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला, पाग झगा तरी फारूँ
औचक छतियन हाथ चलाए, तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ।



 

komaalrani

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यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,


आजादी है जिसको चाहो आज उसे वर लो।
होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर को!

निकट हुए तो बनो निकटतर
और निकटतम भी जाओ,
रूढ़ि-रीति के और नीति के
शासन से मत घबराओ,


आज नहीं बरजेगा कोई, मनचाही कर लो।
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो!

प्रेम चिरंतन मूल जगत का,
वैर-घृणा भूलें क्षण की,
भूल-चूक लेनी-देनी में
सदा सफलता जीवन की,



जो हो गया बिराना उसको फिर अपना कर लो।
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!

होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर लो,
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो,
भूल शूल से भरे वर्ष के वैर-विरोधों को,
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!



 

komaalrani

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Thanks so much for gracing this thread,:happy::happy:
 

komaalrani

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Congrats 🎉🎉🎉 Dear lovely 🌹🌹🌹Komal didi ❤️❤️❤️ for starting a new thread.
Didi Holi par to aapne specialisation kiya hua hai.
Ur writing on festivals especially Holi is just awesome, marvelous fabulous,& what not.


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Thanks so much for like and comments, for a fortnight i will share excerpts from my stories, related with HOLI and pictures, poetry but mostly HOLI part of long stories, which are in this forum, thanks again
 
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Rajizexy

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यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,


आजादी है जिसको चाहो आज उसे वर लो।
होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर को!

निकट हुए तो बनो निकटतर
और निकटतम भी जाओ,
रूढ़ि-रीति के और नीति के
शासन से मत घबराओ,


आज नहीं बरजेगा कोई, मनचाही कर लो।
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो!

प्रेम चिरंतन मूल जगत का,
वैर-घृणा भूलें क्षण की,
भूल-चूक लेनी-देनी में
सदा सफलता जीवन की,



जो हो गया बिराना उसको फिर अपना कर लो।
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!

होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर लो,
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो,
भूल शूल से भरे वर्ष के वैर-विरोधों को,
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!



Very well said Komal didi.💋
Komal mam ajj to aapne andar ki poetess ko prakat kar diya hai.
Aapki itni rango mein rangi hui kavita ko aapki Raji behn ka salam
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐


200-43
 
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komaalrani

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Very well said Komal didi.💋
Komal mam ajj to aapne andar ki poetess ko prakat kar diya hai.
Aapki itni rango mein rangi hui kavita ko aapki Raji behn ka salam
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐


200-43
NO, NO poems are not by me, first one is a folk song and second is also by eminent writer, you are correct i must mention the name of author too.
 
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