Update 20
अब आगे
राजा विक्रम अपनी बहन की कमर में हीरो का बड़ा हार पहना कर बोलते हैं
ये रक्षा बंधन का उपहार तुम्हारी योनी का ही है, देखो तो कितनी सुंदर लग रही है तुम्हारी योनि।
इस पर नंदिनी शर्मा जाती है और बोलती है
आपने मेरी योनि के लिए उपहार लाया है और मेरा क्या।
वो भी तुम्हारा ही है दीदी ।
इस पर नंदिनी भी मुस्कुरा देती है।
तब राजा विक्रम कहते हैं
तुम जानती हो बहन रक्षाबंधन मेरा पसंदीदा त्यौहार है, जिसमें मैं अपनी बहन को प्यार कर सकता हु
मैं तो हमेशा से तुम्हारी हूं विक्रम और हमेशा रहूंगी, लेकिन एक बात का डर है, अब 2 माह में ही तुम्हारी शादी हो जायेगी, फिर मैं तो प्यासी ही रह जाऊंगी
और ऐसा बोलकर नंदिनी उदास हो जाती है। तब राजा विक्रम बोलते हैं
मेरे रहते मेरी बहन उदास हो ऐसा नहीं हो सकता। मेरे उपर सबसे पहला हक तुम्हारा ही है। मुझे जीवन का पहला यौन सुख तुमने ही दिया है। इसलिए मैं सबसे आगे तुम्हे ही रखता हूं मेरी बहन। तुम्हारे लिए मेरा लिंग हमेशा खड़ा ही रहता है।
ऐसा कहते हुए विक्रम आगे बढ़ते हैं और नंदिनी का हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख देते है जिससे वो गन गना जाती है और उसे सहलाने लगती है और बोलती है
विक्रम तुम वादा करो की तुम जिंदगी भर मुझे प्यार करते रहोगे, ऐसे ही जैसे अभी कर रहे हो। शादी के बाद मुझे भूलोगे तो नहीं।
नही पगली, मैं आपको भूल सकता हूं क्या। तुम्हें भूलना मेरे लिए मरने के समान होगा बहन।
इस पर नंदिनी राजा विक्रम के मुंह पर अपना हाथ रख देती है
ऐसा न कहो भ्राते, तुम जानते हो की मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगी। ऐसी बाते ना किया करो।
और ये कह कर नंदिनी विक्रम को गले लगा लेती हैं और विक्रम उसे गोद में उठा कर शैय्या पर ले जाते हैं और उसकी योनि को चूसने लगते हैं जिससे नंदिनी मदहोश होने लगती है और कहती है
चाटो भाई चाटो, अपनी बहन की योनि चाटो, उसे खुश कर दी। आह कितना मजा आ रहा है।
इधर राजा विक्रम नंदिनी की योनि के फांकों को थोड़ा सा फैला देते हैं और जीभ को अंदर डाल डाल कर उसकी योनि चाटने लगते हैं जिससे नंदिनी की योनि पानी छोड़ देती है जिसे राजा विक्रम नंदिनी की योनि रस पी जाते हैं और कहते हैं
बहन आपकी योनि रस का स्वाद तो अमृत तुल्य है, कितना अद्भुत स्वाद है इसका !!!
तभी नंदिनी कामुक होकर पीछे घूमकर विक्रम के होंठ चूस लेती है ।
विक्रम फिर नंदिनी को उल्टा लिटा कर अपनी जीभ से पूरे शरीर को चाटने लगते हैं और अपनी एक उंगली नंदिनी के नितंब में डाल देते हैं जिससे नंदिनी चिहुक जाती है। और आहें भरने लगती है। कहती है
नहीं भाई, उस सुराख में उंगली मत डालो, अजीब सा लगता है।
तभी राजा नंदिनी के नितंब के भूरे छेद को जीभ से चाटने लगते हैं। नंदिनी चिल्लाती है
नही ये गंदी जगह है विक्रम, उसे मत चाटो।
लेकिन विक्रम उसकी गांड़ जीभ से चोदते रहते है
जिससे अब नंदिनी को भी मजा आने लगता है।
नंदिनी कहती है
आह आज रक्षाबंधन के दिन तो मजा आ गया भाई और चाटो मेरी गान्ड
फिर विक्रम अपना एक हाथ आगे ले जाकर अपनी बहन की चूची को मसलने लगते हैं जिससे नंदिनी मदहोश होने लगती है और अपना हाथ पीछे ले जाकर विक्रम के लंद को पकड़ लेती है और सहलाते हुए कहती है
अब और मत तड़पाओ अपनी बहन को, चोद दे भाई, अब रहा नहीं जा रहा
इस पर विक्रम नंदिनी से चिपक जाते हैं और नंदिनी को घोड़ी बना कर पीछे से अपना लिंग अपनी बहन की योनि में डाल देते हैं। नंदिनी पूरी गरम थी और इसीलिए योनि एकदम चिकनी हो गई थी, सो लिंग सरसराते हुए नंदिनी की योनि में घुस कर उसकी बच्चेदानी में समा गया।
नंदिनी के आनंद की कोई सीमा नही थी और कहती हैं
चोदो विक्रम चोदो, तुम्हारा लिंग मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा है, बहुत मजा आ रहा है, लगता है इस रक्षाबंधन मैं गर्भवती ही हो जाऊंगी। विक्रम मुझे अपने बच्चे की मां बना दे भाई। आह आह और चोद भाई और।
लो दीदी, लो मेरा लैंड अपनी योनि मैं। हां मैं तुम्हे अपने बच्चे की मां बनाऊंगा। तू मेरी है बहन भले ही हो, भले ही मेरी शादी हो जाए, पर मैं तुम्हे चोदता रहूंगा।
और विक्रम धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था जिससे नंदिनी मस्त हो गई थी और धीरे धीरे उसका शरीर अकड़ने लगा और वह चिलाती हुई झड़ गई
लेकिन राजा विक्रम अभी नही झड़े थे । उन्होंने कहा अभी मेरा नही हुआ है बहन। और ऐसा कहकर अपने लंद का सुपाड़ा नंदिनी के गाड़ की भूरी सुराख में डाल देते है तो नंदिनी चिहुंक जाती है और बोलती है
नही, भाई नहीं, वहा मत डालो , वो सुराख पतली है और तुम्हारा लिंग मोटा। नही घुस पाएगा। निकालो इसे।
कुछ नही होगा दीदी। थोड़ा दर्द होगा फिर मजा आयेगा । एक बार करवा के तो देखो।
और घी लगाकर लिंग नंदिनी की सुराख में अपना मोटा लन्ड डाल देता है जिससे नंदिनी बिलबिला जाती है और कहती हैं
निकाल अपना लौड़ा बहनचोद , निकाल । मैं मर ही जाऊंगी।
लेकिन विक्रम ने उसकी एक न सुनी और अपना लौड़ा नंदिनी की गांड़ में अंदर बाहर करने लगता है।
राजा विक्रम अपने हाथ आगे ले जाकर नंदनी की चूची को मसलने लगते हैं, जिससे उसे थोड़ा मजा आने लगे। वह सी सी करने लगती हैं।
राजा एक तरफ नंदिनी के नितम्ब को अपने मोटे लौड़े से चोद रहे थे उधर उसके स्तन मसल रहे थे जिससे नंदिनी को भी मजा आने लगा था। लौड़ा फच फाच की आवाज़ निकालते हुए अंदर बाहर हो रहा था।
नंदिनी कहती हैं
बहुत मजा आ रहा है भाई , चोदो और चोदो मुझे।
मुझे भी बहुत मजा आ रहा है बहन। तुम्हारी गांड़ बड़ी कसी हुई है। आह आह ओह ओह,,,,मेरा भी निकलने वाला है दीदी।
आआह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह्हह,
और ये बोलते बोलते राजा विक्रम का शरीर भी अकड़ने लगा और झटके देते हुए अपना वीर्य अपनी बहन नंदिनी के गांड़ में डाल दिया और नंदिनी के शरीर पर ही निढाल हो गए । और धीरे धीरे उसकी गर्दन चूमने लगे और बोले
मजा आया दीदी
बहुत मजा आया भाई, मुझे पता ही भी नहीं था कि गांड़ चोदवाने में इतना मजा आता है।
और ऐसे ही बोलते बोलते दोनो भाई बहन एक दूसरे से चिपके पड़े रहते हैं