आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद! काफी कम पाठक कहानी का इतना बारीक विश्लेषण करने का कष्ट लेते है..अमेज़िंग... कमुख्ता की मानो हद ही पर हो गई हो. बिना कोई सेक्स पढ़े बस कन्वर्सेशन ही एक अलग कमुख्ता को जन्म दे रहा है. यहाँ बहोत कम ऐसे राइटर है. जो इस तरह की कल्पना लिख सकते है. राज माता ने ऐसी शर्त क्यों रखी. वो पद के बिच उच नीच का भेद कायम रखना चाहती है.
पर एक बात और भी है. बादशाह ने ताज महल बनवाने के बाद कारीगरों के हाथ काट दिये थे.
आपकी टिप्पणी ने मुझे बहुत खुशी दी। मेरे लेखन के प्रति आपके सकारात्मक विचारों को जानकर मैं अत्यंत आभारी हूँ।
धन्यवाद और शुभकामनाएँ!!!
वखारिया
Shetan
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