Update 2
सीमा रूपलेखा की बातो को समझ नही पाती है तो वह बोलती है कि
सीमा : दीदी आप क्या बोल रही हो मै कुछ समझ नही पा रही हु आप जरा खुल कर बताएंगी।
रूपलेखा : इसमे ना समझ पाने वाली कौन सी बात है। मै यही कहना चाहती हु कि अब हमको इस गुमशुदा जिंदगी से बाहर आना ही होगा और अब समय आ गया है कि आर्यन की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों ही शुरू कर देना चाहिए। अब आर्यन की स्कूल मे एडमिशन हो गया है और अब मै उसे मॉडर्न फाइट की शिक्षा दूंगी।
सीमा : ठीक है दीदी जी जैसा आपको उचित लगे आप वैसा करिए मैं तो वैसे भी उसकी सिर्फ जननी हूं बाकी तो पूरे मां का फर्ज आप ही निभा रही हो इसलिए सही मायने में उसकी मां आप ही हो और दुनिया की नजर में भी तो आप भी हो मैं तो उसकी होने वाली बीवी हूं ।
अभी तक सीमा की नजर एनी पर नहीं पड़ी थी और रूपरेखा भी जैसे उसको भूल गई थी तो यह देखकर एनी बोली कि
एनी : अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हो तो क्या हमारे ऊपर भी आप लोग ध्यान दे सकती हो । यहां तो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं यहां पर हूं ही नहीं।
सीमा की नजर जब एनी पर पड़ी तो वह उसकी खूबसूरती देखकर एक बार के लिए तो मोहित ही हो गई । अब एनी थी ही इतनी खूबसूरत की किसी की भी नजर उसके ऊपर से ना हटे। एनी सीमा को इस तरह खुद को अपनी तरफ देखते हुए पा कर बोलती है
एनी : क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो आप मुझे।
सीमा कुछ बोलती नही बस मुस्कुरा के रह जाती है और फिर सवालिया नजरो से रूपलेखा की तरफ देखती है तो रूपलेखा अपनी बेटी का परिचय करवाती है और कुछ देर तक उन तीनो मे कुछ बाते होती है और उसके बाद एनी वापस लौट जाती है। इधर सीमा की ऑफिस मे उसका बॉस सीमा का वेट् कर रहा था पर जब वह नही आयी तो वह सीमा को फोन लगाता है लेकिन रूपा(रूपलेखा) उन्हे उठाने नही देती है। इसके बाद रूपा ने अपने मन मे किसी को याद किया तो कुछ ही देर मे एक आदमी उनके सामने खड़ा था जो महारानी रूपलेखा को देख कर झुक गया और फिर बोला
आदमी : महारानी आपने इस गुलाम को याद किया। यह तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। आज आपने इस गुलाम का मान बड़ा कर दिया।।
रूपलेखा : मैंने तुम्हे यहा पर जिस काम को करने के लिए भेजा था उसका क्या हुआ।
आदमी : महारानी जी मैंने आपके कहे गए आदेश का पुरा पालन किया है और जैसा आप ने कहा था कि आपको धरती लोक मे अपने आदमी जिसके बारे मे आपके बेटे को ना मालुम हो मैंने वैसा ही किया है और वह सब बहुत ही यकीन के आदमी है और मैंने यहा पर अच्छा खासा बिजनेश् भी खड़ा कर दिया है। अब केवल आपका ही इंतजार है।
इतना सुन कर रूपलेखा बहुत खुश हुई और फिर सीमा का परिचय अपनी धर्म पुत्री के रूप मे करवाती है और बोलती है की
रूपलेखा : हां तो सुनो अब तुम्हारा यहा का काम खत्म हो चुका है और अब तुम दानव लोक जा कर वंहा पर क्या समाचार है इस बारे मे हमे पूरी जानकारी दोगे पर उसके पहले मेरी बेटी सीमा को उस सब का जो आज तक दुनिया के नजर मे तुम्हारा था उसकी मालकिन घोषित करके जाओ और हा एक बात का खास ध्यान रखना की किसी को भी यह पता ना चले कि तुम हमसे मिले हो कभी वरना तुम्हारी मुस्किल और बढ़ जाएगी। जबसे मैंने पाताल लोक छोड़ कर यहा पर आयी हु तबसे मेरा बेटा मुझे खोज रहा है पर अभी तक उसे सफलता नही मिली है।।।
वह आदमी रूपलेखा की बातो को सुनता है और हा मे सर को हिला देता है और फिर बोलता है
आदमी : जैसा आप का आदेश महारानी मै वैसा ही करूँगा। मै आज शाम तक सब काम निपटा कर दानव लोक लौट जाऊंगा।
इतना बोल कर वह आदमी गायब हो जाता है तो सीमा उनके तरफ देखती है और पूछती है कि
सीमा : दीदी आप ने ऐसा क्यू किया आप तो बोलती थी कि यह लोग राजगद्दी के लिए वफादर होते है तो क्या ऐसे मे यह आपके पुत्र को यहा के बारे मे नही बता सकता है।
रूपलेखा : जरूर बता देता पर तुमने सुना नही की वह हर बार मुझे महारानी बोल रहा था इसका मतलब यह है कि मेरे बेटे ने महाराज को बंदी जरूर बना लिया है पर अभी तक उस राजगद्दी प्र बैठने के काबिल नही बन पाया है और उस काबिल होने के लिए अभी उसको अपनी ताकत को बढाने होंगे या फिर पूर्व राजा उसे अपना वारिस घोषित करे जो उन्होंने नही किया या फिर एक और तरीका हैं की राजा को बंदी बना लो जो उसने किया है और जिस किसी को राजा ने वरिश घोषित किया है उसे मार दो तब ही वह उस गद्दी के काबिल होता है और मैंने देवी मा की तप करके कुछ वरदान पाया था जिसका उपयोग मैंने हम तीनो के ऊपर किया है और जिसकी वजह से आर्यन के 18 वर्ष तक होने तक हमारा पता उसे या किसी को नही चलेगा जब तक मै ना चाहू।
इधर उस आदमी ने जाकर सभी बोर्ड ऑफ मेम्बर की मीटिंग बुला कर यह बोल दिया की आज D GRUP OF COMPANY की असली मालकिन आ रही है। दोस्तो यह वही कंपनी है जिसमे सीमा वंहा पर मैनेजर जूनियर असिस्टेंट के रूप मे काम करती थी और आज वह उसी कंपनी की मालकिन की मालकिन बन चुकी थी। यह कंपनी देश के टॉप पांच मे से एक थी लेकिन अभी भी रणजीत सिंह से बहुत ही पीछे थी। उसकी कंपनी internetionl थी और यह अभी उतनी नही फैल पाई थी पर भारत के हर बड़े सहर मे इसका ब्रांच हो गया था और ऐसे ही एक ब्रांच मे सीमा काम कर रही थी। ऐसे ही करीब दो दिन बीत गए और वह समय भी आ गया जब सीमा अपने नये आवतार मे सबके सामने आने वाली थी। वैसे तो उसे बहुत लोग जानते नही थे पर जो जानते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका सबित होने वाली थी।