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Fantasy राजा

Naina

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दोस्तो आखिर बहुत समय के बाद मैं इस कहानी को फिर से सुरु कर रहा हु इसलिए हो सकता है कि कहानी में थोड़ा बदलाव हो तो चलिए सुरु करते है।

Restart update 1
जैसा कि आप लोग जानते है कि सीमा और उसकी माँ ने काली सक्तियो को खुश करके पुत्र के रूप में दानवराज का अंश पाना चाहती है जो कि उनके बदले को पूरा कर सके । जिसमे वह लोग सफल भी होते है और उन्हें उनकी कीमत भी चुकानी पड़ती है जो कि सीमा को अपनी पहचान और माँ दोनो ही खोना पड़ता है ।उसकी माँ ने जो उसे नया चेहरा दिया उसकी मदद से वह अपनी एक नई पहचान बना लेती है ।वही दूसरी तरफ दानवराज के पुत्र को जब यह सूचना मिलती है तो वह अपने पिता को ही बन्दी बना लेता है और पूरे दानव लोक में अपना राज्य कायम कर लेता है इधर दानव रानी को जैसे ही इस बारे में पता चला तो वह दानवराज से मिलने के लिए जाती है ।जंहा पर दानवराज उनको धरती लोक पर भेजते है सीमा की मदद के लिए और सीमा की मदद करके दानवराज के पुत्र के रूप में पहले दानव सम्राट का जन्म होता है जिनके बारे में बहुत कम लोगो को ही मालूम होता है। इधर सीमा और रूपलेखा दोनो ही अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होती है ।इधर रूपलेखा अपनी बेटी एनी को बुला कर सभी बातों से अवगत कराती है और यह भी बोलती है कि वह पहले दानवराज की बीवियों में से एक है और उसे अपने भाई से बचकर ही रहना होगा।।।।।।।।

अब आगे

अपनी माँ से यह सब बातें जानकर राजकुमारी को एक झटका लगता है और वह अपनी माँ से बोलती है
एनी :
माँ मुझे ऐसा लग रहा है कि आपको जरूर कोई गलतफहमी हो रही है वरना भला एक दानव कन्या और एक इंसान में भला कोई संबंध कैसे हो सकता है।

रूपलेखा : पुत्री अब जो सच है वह यही है और भूलो मत दानवराज का जन्म चाहे इन्शान से हो या फिर किसी दानव कन्या के गर्भ से उससे उनकी पहचान नही बदल जाएगी और यह बात तो तुम जानती ही हो कि जब उनका जन्म हो चुका है तो तुम्हरी तीन सौतन ने भी कंही ना कंही जन्म लिया ही होगा इसलिए मैं चाहती हु की तुम उनको खोजो और उनके सुरक्षा की प्रबंध करो ।

अभी वह इसके आगे कुछ और बोलती इससे पहले ही वंहा पर एक साया प्रकट होता है जिसे देखकर रूपलेखा चकित हो जाती है और तुरन्त ही घुटनो के बल बैठ कर प्रणाम करती है और बोलती है

रूपलेखा : गुरुदेव आप यंहा पर आने का कष्ट क्यों किया मुझे बुला लिया होता मैं ही आ गयी होती ।

साया : कोई बात नही महारानी मैं तो बस आपको यह बोलने के लिए आया था कि जो काम आप राजकुमारी को करने को बोल रही है उसे रोक दीजिये क्यूंकि जब तक उनकी बीवियों का मिलन दानवराज से नही होगा तब तक कोई चाह कर उनके बारे में कुछ भी नही पता लगा सकता है और उनकी सुरक्षा का प्रबंध दानवराज ने पहले ही कर दिया था ।राजकुमारी सहित उन पांचो कन्याओ में दानव राज के सक्तियो के अंश है जो की उन्हें हर तरह के मुशीबत से दूर रखेगा और कोई चाह के भी कुछ नही कर सकता है।

एनी : तो गुरुदेव ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए ।

साया : राजकुमारी अभी तो आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप अपने लोक में ही रहकर दानवराज के वंहा पर आने का इन्तजार करे और जब वह अपनी सक्तियो के तलाश में आप से मिलेंगे तो ही दानव लोक का कल्याण होगा।

रूपलेखा : गुरुवर लेकिन अब मुझे नही लगता है कि इसका वंहा पर रहना सुरक्षित होगा क्यूंकि इतने वक्त में तो उन लोगो को यह मालूम हो चुका होगा कि यह वंहा पर नही है तो ऐसे में यह केवल मेरे पास ही आ सकती है तो ऐसे में इसका वंहा पर जाना ठीक नही होगा।

साया :उसकी चिंता आप ना करे महारानी इनकी सक्तियो की वजह से इनके दानव लोक से बाहर आते ही एक प्रतिरूप ने इनका जगह ले लिया था जिसकी वजह से वंहा पर तो किसी को इस बात का एहसास तक नही है कि दानव राजकुमारी अपने लोक में नही है।

इधर सीमा जो कि उसके बॉस ने काम है करके बुलाया था पर जब वह ऑफिस पहुची तो देखा कि आज ऑफिस स्टाफ में से कोई भी नही आया है तो यह देखकर उसको थोड़ा डर भी लगा कि बॉस ने आज उसको अकेले क्यों बुलाया है फिर भी वह उनके केबिन की तरफ जाती है तो उसे अंदर से कुछ आवाजे सुनाई देती है और जो कुछ सुना उसकी वजह से उसका दिमाग हिल गया क्यूंकि उसका बॉस उसके साथ आज जबरदस्ती करने के लिए बुलाया था और उसमें उसका साथ दे रहा था उसका खास आदमी जो कि उसका कुत्ता है। इधर दानव रानी रूपलेखा को इस बात की जानकारी हो जाती है कि सीमा के साथ क्या होने वाला है तो वह तुरन्त खड़ी हो जाती है और उनका पूरा सरीर इस वक्त गुस्से में उबल रहा था तो यह देखकर एनी बोलती है

एनी : क्या हुआ माँ आप इतने गुस्से में क्यों हो और इसका कारण क्या है।

रूपलेखा : बेटी मुझे इस वक्त ही जाना होगा क्यूंकि मैंने तुम्हारे पिता को सीमा और आर्यन की सुरक्षा का वचन दिया है ।

साया यह सब देख रहा था और रूपलेखा को शांत रहने को बोलता है और फिर कहते है कि

साया : महारानी आप को चिंता करने की कोई जरूरत नही है ।उन्हें कुछ भी नही होगा अब वह समय आ गया है जब उसे उसकी सक्तियो का परिचय कराया जाए क्यूंकि अब यह बहुत जरूरी हो चुका है ।दुश्मन अपनी सक्तिया बढ़ा रहा है और ऐसे में अगर उनसे लड़ना है तो केवल मायावी सक्तिया ही नही बल्कि धरतीलोक के इंसानो की तरह हर तरह से पावरफुल होना होगा।

उस साया की बात सुनकर रूपलेखा ने अपना सर हिलाते हुए बोली

रूपलेखा : आप सच कह रहे है गुरुदेव अब अगर यंहा पर इज्जत से जीना है तो खुद को इतना ऊँचा करना होगा कि लोगो की नजर भी ना पहुचे वंहा तक और अब तक इन सबने केवल एक लाचार औरत को देखा है लेकिन अब उनके सामने एक पॉवरफुल लड़की को देखेगा जिसके सामने आंख उठा कर देखना भी मुश्किल हो जाएगा।

इधर सीमा को समझ मे ही नही आ रहा था कि वह क्या करे तभी उसके सामने महारानी रूपलेखा प्रकट हुई और बिना कुछ बोले ही उसका हाथ पकड़ा और गायब होकर यंहा अपने घर पर आ गयी तो सीमा उन्हें हैरत से देख रही थी क्यूंकि आज पहलीबार धरती लोक पर आने के बाद महारानी ने अपनी सक्तियो का प्रयोग किया था तो वह बोली

सीमा : दीदी यह सब क्या है आपने तो बोला था कि आप एक नॉर्मल जीवन जीना चाहती है फिर यह सब क्यों।

रूपलेखा : वह इसलिए क्यूंकि अब मै एक बात जान चुकी हू कि यह दुनिया नॉर्मल लोगो को आसानी से जीने नही देती है इसलिए अब हमे अपने आप को बदलना होगा और वैसे भी तुम्हारे दुश्मन इतने आगे जा चुके है। हमे उनसे टक्कर लेने के लिए उनके बराबर मे जाना ही होगा और जिसमे हमे टाइम लगेगा इसलिए इसकी सुरूवात हमे करनी होगी।

सीमा ने जब रूपलेखा के मुह से अपने परिवार के दुश्मन के बारे मे सुनी तो उसकी सभी घाव ताजे हो गए और उसके आंखो मे अश्रु आ गए जिन्हें देख कर रूपलेखा बोली

रूपा : नही सीमा अब रोने का दिन नही है अगर तुम ऐसे ही खुद को कमजोर कर लिया तो आगे की लड़ाइ कैसे लड़ोगी क्योंकि अब बहुत जल्द हम उन लोगो का सामना भी करेंगे।

सीमा : पर जब तक आर्यन बड़ा होकर यह सब करने के लिए तैयार ना हो जाए तब तक हमे उसे उन लोगो से बचाना होगा।।

रूपलेखा : हा तो सीमा उसकी तैयारी हमे अब शुरू करनी ही होगी और वैसे भी आज से तैयार होगा तभी तो वह अपने मकसद मे कामयाब
Hmm.... so us saaya Matlab gurudev ke paramarsh ke anushar Anee ab danavlok mein jaake rehne wali hai.... Waise kayi saare vichar aur paramarsh vyakt kiye hai unke gurudev ne maa beti ke saamne, taaki aane wale waqt ke liye muskilon ke na kewal khud ko balki aryan ko bhi taiyar kar sake....
wohi udhar seema ke boss ne seema ki ijjat lutne ki planning kar raha tha usko office bulake.... lekin aain mauke par sulekha aake seema ko sath leke mayavi shaktiyo dwara gayab ho gayi aur sidha ghar jaa pahuche... haalaki seema hairan pareshan thi sath hi sawal bhi puche to sulekha ne ushe sari baat batayi aur sath hi is baat ko lekar bhi abhagat karaya ki aane wale bhavishya ke liye khud ke saath sath aaryan ko bhi abhi se taiyar karna hoga taaki har situation ka saamna kar sake aage chalke...

Bahot hi dilchasp update tha sath hi kirdaaro ki bhumika bhi

Let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills Rahularya sahab :applause: :applause:
 

Naina

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Update 2

सीमा रूपलेखा की बातो को समझ नही पाती है तो वह बोलती है कि

सीमा :
दीदी आप क्या बोल रही हो मै कुछ समझ नही पा रही हु आप जरा खुल कर बताएंगी।

रूपलेखा : इसमे ना समझ पाने वाली कौन सी बात है। मै यही कहना चाहती हु कि अब हमको इस गुमशुदा जिंदगी से बाहर आना ही होगा और अब समय आ गया है कि आर्यन की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों ही शुरू कर देना चाहिए। अब आर्यन की स्कूल मे एडमिशन हो गया है और अब मै उसे मॉडर्न फाइट की शिक्षा दूंगी।

सीमा : ठीक है दीदी जी जैसा आपको उचित लगे आप वैसा करिए मैं तो वैसे भी उसकी सिर्फ जननी हूं बाकी तो पूरे मां का फर्ज आप ही निभा रही हो इसलिए सही मायने में उसकी मां आप ही हो और दुनिया की नजर में भी तो आप भी हो मैं तो उसकी होने वाली बीवी हूं ।

अभी तक सीमा की नजर एनी पर नहीं पड़ी थी और रूपरेखा भी जैसे उसको भूल गई थी तो यह देखकर एनी बोली कि

एनी :
अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हो तो क्या हमारे ऊपर भी आप लोग ध्यान दे सकती हो । यहां तो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं यहां पर हूं ही नहीं।
सीमा की नजर जब एनी पर पड़ी तो वह उसकी खूबसूरती देखकर एक बार के लिए तो मोहित ही हो गई । अब एनी थी ही इतनी खूबसूरत की किसी की भी नजर उसके ऊपर से ना हटे। एनी सीमा को इस तरह खुद को अपनी तरफ देखते हुए पा कर बोलती है

एनी :
क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो आप मुझे।

सीमा कुछ बोलती नही बस मुस्कुरा के रह जाती है और फिर सवालिया नजरो से रूपलेखा की तरफ देखती है तो रूपलेखा अपनी बेटी का परिचय करवाती है और कुछ देर तक उन तीनो मे कुछ बाते होती है और उसके बाद एनी वापस लौट जाती है। इधर सीमा की ऑफिस मे उसका बॉस सीमा का वेट् कर रहा था पर जब वह नही आयी तो वह सीमा को फोन लगाता है लेकिन रूपा(रूपलेखा) उन्हे उठाने नही देती है। इसके बाद रूपा ने अपने मन मे किसी को याद किया तो कुछ ही देर मे एक आदमी उनके सामने खड़ा था जो महारानी रूपलेखा को देख कर झुक गया और फिर बोला

आदमी :
महारानी आपने इस गुलाम को याद किया। यह तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। आज आपने इस गुलाम का मान बड़ा कर दिया।।

रूपलेखा : मैंने तुम्हे यहा पर जिस काम को करने के लिए भेजा था उसका क्या हुआ।

आदमी : महारानी जी मैंने आपके कहे गए आदेश का पुरा पालन किया है और जैसा आप ने कहा था कि आपको धरती लोक मे अपने आदमी जिसके बारे मे आपके बेटे को ना मालुम हो मैंने वैसा ही किया है और वह सब बहुत ही यकीन के आदमी है और मैंने यहा पर अच्छा खासा बिजनेश् भी खड़ा कर दिया है। अब केवल आपका ही इंतजार है।


इतना सुन कर रूपलेखा बहुत खुश हुई और फिर सीमा का परिचय अपनी धर्म पुत्री के रूप मे करवाती है और बोलती है की

रूपलेखा :
हां तो सुनो अब तुम्हारा यहा का काम खत्म हो चुका है और अब तुम दानव लोक जा कर वंहा पर क्या समाचार है इस बारे मे हमे पूरी जानकारी दोगे पर उसके पहले मेरी बेटी सीमा को उस सब का जो आज तक दुनिया के नजर मे तुम्हारा था उसकी मालकिन घोषित करके जाओ और हा एक बात का खास ध्यान रखना की किसी को भी यह पता ना चले कि तुम हमसे मिले हो कभी वरना तुम्हारी मुस्किल और बढ़ जाएगी। जबसे मैंने पाताल लोक छोड़ कर यहा पर आयी हु तबसे मेरा बेटा मुझे खोज रहा है पर अभी तक उसे सफलता नही मिली है।।।

वह आदमी रूपलेखा की बातो को सुनता है और हा मे सर को हिला देता है और फिर बोलता है
आदमी :
जैसा आप का आदेश महारानी मै वैसा ही करूँगा। मै आज शाम तक सब काम निपटा कर दानव लोक लौट जाऊंगा।

इतना बोल कर वह आदमी गायब हो जाता है तो सीमा उनके तरफ देखती है और पूछती है कि

सीमा :
दीदी आप ने ऐसा क्यू किया आप तो बोलती थी कि यह लोग राजगद्दी के लिए वफादर होते है तो क्या ऐसे मे यह आपके पुत्र को यहा के बारे मे नही बता सकता है।

रूपलेखा : जरूर बता देता पर तुमने सुना नही की वह हर बार मुझे महारानी बोल रहा था इसका मतलब यह है कि मेरे बेटे ने महाराज को बंदी जरूर बना लिया है पर अभी तक उस राजगद्दी प्र बैठने के काबिल नही बन पाया है और उस काबिल होने के लिए अभी उसको अपनी ताकत को बढाने होंगे या फिर पूर्व राजा उसे अपना वारिस घोषित करे जो उन्होंने नही किया या फिर एक और तरीका हैं की राजा को बंदी बना लो जो उसने किया है और जिस किसी को राजा ने वरिश घोषित किया है उसे मार दो तब ही वह उस गद्दी के काबिल होता है और मैंने देवी मा की तप करके कुछ वरदान पाया था जिसका उपयोग मैंने हम तीनो के ऊपर किया है और जिसकी वजह से आर्यन के 18 वर्ष तक होने तक हमारा पता उसे या किसी को नही चलेगा जब तक मै ना चाहू।

इधर उस आदमी ने जाकर सभी बोर्ड ऑफ मेम्बर की मीटिंग बुला कर यह बोल दिया की आज D GRUP OF COMPANY की असली मालकिन आ रही है। दोस्तो यह वही कंपनी है जिसमे सीमा वंहा पर मैनेजर जूनियर असिस्टेंट के रूप मे काम करती थी और आज वह उसी कंपनी की मालकिन की मालकिन बन चुकी थी। यह कंपनी देश के टॉप पांच मे से एक थी लेकिन अभी भी रणजीत सिंह से बहुत ही पीछे थी। उसकी कंपनी internetionl थी और यह अभी उतनी नही फैल पाई थी पर भारत के हर बड़े सहर मे इसका ब्रांच हो गया था और ऐसे ही एक ब्रांच मे सीमा काम कर रही थी। ऐसे ही करीब दो दिन बीत गए और वह समय भी आ गया जब सीमा अपने नये आवतार मे सबके सामने आने वाली थी। वैसे तो उसे बहुत लोग जानते नही थे पर जो जानते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका सबित होने वाली थी।
seema ghar aane ke baad ruplekha ne Anee se parichay karwayi uski... kuch Der baad Anee chali gayi danav lok..
Hmm.. so us vardaan ke chalte ruplekha beta ab tak dhundh na paya... aur shayad hi aage dhundh paaye un logo ko.. Waise uska kissa Aryan hi khatam karega aage chalke... lekin abhi ushe taiyar hona hai sampoorn roop se...
So us gulam danav ne apna kaam kar diya hai.. aur danav lok chala gaya.. ab se D GRUP OF COMPANY ki ek lauti malkin seema hogi.... Waise sabse bada shock us boss ko lagne wala hai jab ye baat saamne aayegi....
bahot hi dilchasp update tha sath hi kirdaaro ki bhumika bhi..... lage ki bahot twists aane wale hai story mein...

really.. magical story ka ehsaas dilaye ye story....
Khair..
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
 

Nevil singh

Well-Known Member
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Update 2

सीमा रूपलेखा की बातो को समझ नही पाती है तो वह बोलती है कि

सीमा :
दीदी आप क्या बोल रही हो मै कुछ समझ नही पा रही हु आप जरा खुल कर बताएंगी।

रूपलेखा : इसमे ना समझ पाने वाली कौन सी बात है। मै यही कहना चाहती हु कि अब हमको इस गुमशुदा जिंदगी से बाहर आना ही होगा और अब समय आ गया है कि आर्यन की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों ही शुरू कर देना चाहिए। अब आर्यन की स्कूल मे एडमिशन हो गया है और अब मै उसे मॉडर्न फाइट की शिक्षा दूंगी।

सीमा : ठीक है दीदी जी जैसा आपको उचित लगे आप वैसा करिए मैं तो वैसे भी उसकी सिर्फ जननी हूं बाकी तो पूरे मां का फर्ज आप ही निभा रही हो इसलिए सही मायने में उसकी मां आप ही हो और दुनिया की नजर में भी तो आप भी हो मैं तो उसकी होने वाली बीवी हूं ।

अभी तक सीमा की नजर एनी पर नहीं पड़ी थी और रूपरेखा भी जैसे उसको भूल गई थी तो यह देखकर एनी बोली कि

एनी :
अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हो तो क्या हमारे ऊपर भी आप लोग ध्यान दे सकती हो । यहां तो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं यहां पर हूं ही नहीं।
सीमा की नजर जब एनी पर पड़ी तो वह उसकी खूबसूरती देखकर एक बार के लिए तो मोहित ही हो गई । अब एनी थी ही इतनी खूबसूरत की किसी की भी नजर उसके ऊपर से ना हटे। एनी सीमा को इस तरह खुद को अपनी तरफ देखते हुए पा कर बोलती है

एनी :
क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो आप मुझे।

सीमा कुछ बोलती नही बस मुस्कुरा के रह जाती है और फिर सवालिया नजरो से रूपलेखा की तरफ देखती है तो रूपलेखा अपनी बेटी का परिचय करवाती है और कुछ देर तक उन तीनो मे कुछ बाते होती है और उसके बाद एनी वापस लौट जाती है। इधर सीमा की ऑफिस मे उसका बॉस सीमा का वेट् कर रहा था पर जब वह नही आयी तो वह सीमा को फोन लगाता है लेकिन रूपा(रूपलेखा) उन्हे उठाने नही देती है। इसके बाद रूपा ने अपने मन मे किसी को याद किया तो कुछ ही देर मे एक आदमी उनके सामने खड़ा था जो महारानी रूपलेखा को देख कर झुक गया और फिर बोला

आदमी :
महारानी आपने इस गुलाम को याद किया। यह तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। आज आपने इस गुलाम का मान बड़ा कर दिया।।

रूपलेखा : मैंने तुम्हे यहा पर जिस काम को करने के लिए भेजा था उसका क्या हुआ।

आदमी : महारानी जी मैंने आपके कहे गए आदेश का पुरा पालन किया है और जैसा आप ने कहा था कि आपको धरती लोक मे अपने आदमी जिसके बारे मे आपके बेटे को ना मालुम हो मैंने वैसा ही किया है और वह सब बहुत ही यकीन के आदमी है और मैंने यहा पर अच्छा खासा बिजनेश् भी खड़ा कर दिया है। अब केवल आपका ही इंतजार है।


इतना सुन कर रूपलेखा बहुत खुश हुई और फिर सीमा का परिचय अपनी धर्म पुत्री के रूप मे करवाती है और बोलती है की

रूपलेखा :
हां तो सुनो अब तुम्हारा यहा का काम खत्म हो चुका है और अब तुम दानव लोक जा कर वंहा पर क्या समाचार है इस बारे मे हमे पूरी जानकारी दोगे पर उसके पहले मेरी बेटी सीमा को उस सब का जो आज तक दुनिया के नजर मे तुम्हारा था उसकी मालकिन घोषित करके जाओ और हा एक बात का खास ध्यान रखना की किसी को भी यह पता ना चले कि तुम हमसे मिले हो कभी वरना तुम्हारी मुस्किल और बढ़ जाएगी। जबसे मैंने पाताल लोक छोड़ कर यहा पर आयी हु तबसे मेरा बेटा मुझे खोज रहा है पर अभी तक उसे सफलता नही मिली है।।।

वह आदमी रूपलेखा की बातो को सुनता है और हा मे सर को हिला देता है और फिर बोलता है
आदमी :
जैसा आप का आदेश महारानी मै वैसा ही करूँगा। मै आज शाम तक सब काम निपटा कर दानव लोक लौट जाऊंगा।

इतना बोल कर वह आदमी गायब हो जाता है तो सीमा उनके तरफ देखती है और पूछती है कि

सीमा :
दीदी आप ने ऐसा क्यू किया आप तो बोलती थी कि यह लोग राजगद्दी के लिए वफादर होते है तो क्या ऐसे मे यह आपके पुत्र को यहा के बारे मे नही बता सकता है।

रूपलेखा : जरूर बता देता पर तुमने सुना नही की वह हर बार मुझे महारानी बोल रहा था इसका मतलब यह है कि मेरे बेटे ने महाराज को बंदी जरूर बना लिया है पर अभी तक उस राजगद्दी प्र बैठने के काबिल नही बन पाया है और उस काबिल होने के लिए अभी उसको अपनी ताकत को बढाने होंगे या फिर पूर्व राजा उसे अपना वारिस घोषित करे जो उन्होंने नही किया या फिर एक और तरीका हैं की राजा को बंदी बना लो जो उसने किया है और जिस किसी को राजा ने वरिश घोषित किया है उसे मार दो तब ही वह उस गद्दी के काबिल होता है और मैंने देवी मा की तप करके कुछ वरदान पाया था जिसका उपयोग मैंने हम तीनो के ऊपर किया है और जिसकी वजह से आर्यन के 18 वर्ष तक होने तक हमारा पता उसे या किसी को नही चलेगा जब तक मै ना चाहू।

इधर उस आदमी ने जाकर सभी बोर्ड ऑफ मेम्बर की मीटिंग बुला कर यह बोल दिया की आज D GRUP OF COMPANY की असली मालकिन आ रही है। दोस्तो यह वही कंपनी है जिसमे सीमा वंहा पर मैनेजर जूनियर असिस्टेंट के रूप मे काम करती थी और आज वह उसी कंपनी की मालकिन की मालकिन बन चुकी थी। यह कंपनी देश के टॉप पांच मे से एक थी लेकिन अभी भी रणजीत सिंह से बहुत ही पीछे थी। उसकी कंपनी internetionl थी और यह अभी उतनी नही फैल पाई थी पर भारत के हर बड़े सहर मे इसका ब्रांच हो गया था और ऐसे ही एक ब्रांच मे सीमा काम कर रही थी। ऐसे ही करीब दो दिन बीत गए और वह समय भी आ गया जब सीमा अपने नये आवतार मे सबके सामने आने वाली थी। वैसे तो उसे बहुत लोग जानते नही थे पर जो जानते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका सबित होने वाली थी।
Beautifull update dost
 

andyking302

Well-Known Member
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सीमा रूपलेखा की बातो को समझ नही पाती है तो वह बोलती है कि

सीमा :
दीदी आप क्या बोल रही हो मै कुछ समझ नही पा रही हु आप जरा खुल कर बताएंगी।

रूपलेखा : इसमे ना समझ पाने वाली कौन सी बात है। मै यही कहना चाहती हु कि अब हमको इस गुमशुदा जिंदगी से बाहर आना ही होगा और अब समय आ गया है कि आर्यन की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों ही शुरू कर देना चाहिए। अब आर्यन की स्कूल मे एडमिशन हो गया है और अब मै उसे मॉडर्न फाइट की शिक्षा दूंगी।

सीमा : ठीक है दीदी जी जैसा आपको उचित लगे आप वैसा करिए मैं तो वैसे भी उसकी सिर्फ जननी हूं बाकी तो पूरे मां का फर्ज आप ही निभा रही हो इसलिए सही मायने में उसकी मां आप ही हो और दुनिया की नजर में भी तो आप भी हो मैं तो उसकी होने वाली बीवी हूं ।

अभी तक सीमा की नजर एनी पर नहीं पड़ी थी और रूपरेखा भी जैसे उसको भूल गई थी तो यह देखकर एनी बोली कि

एनी :
अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हो तो क्या हमारे ऊपर भी आप लोग ध्यान दे सकती हो । यहां तो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं यहां पर हूं ही नहीं।
सीमा की नजर जब एनी पर पड़ी तो वह उसकी खूबसूरती देखकर एक बार के लिए तो मोहित ही हो गई । अब एनी थी ही इतनी खूबसूरत की किसी की भी नजर उसके ऊपर से ना हटे। एनी सीमा को इस तरह खुद को अपनी तरफ देखते हुए पा कर बोलती है

एनी :
क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो आप मुझे।

सीमा कुछ बोलती नही बस मुस्कुरा के रह जाती है और फिर सवालिया नजरो से रूपलेखा की तरफ देखती है तो रूपलेखा अपनी बेटी का परिचय करवाती है और कुछ देर तक उन तीनो मे कुछ बाते होती है और उसके बाद एनी वापस लौट जाती है। इधर सीमा की ऑफिस मे उसका बॉस सीमा का वेट् कर रहा था पर जब वह नही आयी तो वह सीमा को फोन लगाता है लेकिन रूपा(रूपलेखा) उन्हे उठाने नही देती है। इसके बाद रूपा ने अपने मन मे किसी को याद किया तो कुछ ही देर मे एक आदमी उनके सामने खड़ा था जो महारानी रूपलेखा को देख कर झुक गया और फिर बोला

आदमी :
महारानी आपने इस गुलाम को याद किया। यह तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। आज आपने इस गुलाम का मान बड़ा कर दिया।।

रूपलेखा : मैंने तुम्हे यहा पर जिस काम को करने के लिए भेजा था उसका क्या हुआ।

आदमी : महारानी जी मैंने आपके कहे गए आदेश का पुरा पालन किया है और जैसा आप ने कहा था कि आपको धरती लोक मे अपने आदमी जिसके बारे मे आपके बेटे को ना मालुम हो मैंने वैसा ही किया है और वह सब बहुत ही यकीन के आदमी है और मैंने यहा पर अच्छा खासा बिजनेश् भी खड़ा कर दिया है। अब केवल आपका ही इंतजार है।


इतना सुन कर रूपलेखा बहुत खुश हुई और फिर सीमा का परिचय अपनी धर्म पुत्री के रूप मे करवाती है और बोलती है की

रूपलेखा :
हां तो सुनो अब तुम्हारा यहा का काम खत्म हो चुका है और अब तुम दानव लोक जा कर वंहा पर क्या समाचार है इस बारे मे हमे पूरी जानकारी दोगे पर उसके पहले मेरी बेटी सीमा को उस सब का जो आज तक दुनिया के नजर मे तुम्हारा था उसकी मालकिन घोषित करके जाओ और हा एक बात का खास ध्यान रखना की किसी को भी यह पता ना चले कि तुम हमसे मिले हो कभी वरना तुम्हारी मुस्किल और बढ़ जाएगी। जबसे मैंने पाताल लोक छोड़ कर यहा पर आयी हु तबसे मेरा बेटा मुझे खोज रहा है पर अभी तक उसे सफलता नही मिली है।।।

वह आदमी रूपलेखा की बातो को सुनता है और हा मे सर को हिला देता है और फिर बोलता है
आदमी :
जैसा आप का आदेश महारानी मै वैसा ही करूँगा। मै आज शाम तक सब काम निपटा कर दानव लोक लौट जाऊंगा।

इतना बोल कर वह आदमी गायब हो जाता है तो सीमा उनके तरफ देखती है और पूछती है कि

सीमा :
दीदी आप ने ऐसा क्यू किया आप तो बोलती थी कि यह लोग राजगद्दी के लिए वफादर होते है तो क्या ऐसे मे यह आपके पुत्र को यहा के बारे मे नही बता सकता है।

रूपलेखा : जरूर बता देता पर तुमने सुना नही की वह हर बार मुझे महारानी बोल रहा था इसका मतलब यह है कि मेरे बेटे ने महाराज को बंदी जरूर बना लिया है पर अभी तक उस राजगद्दी प्र बैठने के काबिल नही बन पाया है और उस काबिल होने के लिए अभी उसको अपनी ताकत को बढाने होंगे या फिर पूर्व राजा उसे अपना वारिस घोषित करे जो उन्होंने नही किया या फिर एक और तरीका हैं की राजा को बंदी बना लो जो उसने किया है और जिस किसी को राजा ने वरिश घोषित किया है उसे मार दो तब ही वह उस गद्दी के काबिल होता है और मैंने देवी मा की तप करके कुछ वरदान पाया था जिसका उपयोग मैंने हम तीनो के ऊपर किया है और जिसकी वजह से आर्यन के 18 वर्ष तक होने तक हमारा पता उसे या किसी को नही चलेगा जब तक मै ना चाहू।

इधर उस आदमी ने जाकर सभी बोर्ड ऑफ मेम्बर की मीटिंग बुला कर यह बोल दिया की आज D GRUP OF COMPANY की असली मालकिन आ रही है। दोस्तो यह वही कंपनी है जिसमे सीमा वंहा पर मैनेजर जूनियर असिस्टेंट के रूप मे काम करती थी और आज वह उसी कंपनी की मालकिन की मालकिन बन चुकी थी। यह कंपनी देश के टॉप पांच मे से एक थी लेकिन अभी भी रणजीत सिंह से बहुत ही पीछे थी। उसकी कंपनी internetionl थी और यह अभी उतनी नही फैल पाई थी पर भारत के हर बड़े सहर मे इसका ब्रांच हो गया था और ऐसे ही एक ब्रांच मे सीमा काम कर रही थी। ऐसे ही करीब दो दिन बीत गए और वह समय भी आ गया जब सीमा अपने नये आवतार मे सबके सामने आने वाली थी। वैसे तो उसे बहुत लोग जानते नही थे पर जो जानते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका सबित होने वाली थी।
शानदार जबरदस्त भाई
 

Rahularya

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Intezar agle update ke liye

Naina ji Aaj se onam ki leave hai to raat tak dono story me update dunga. Do dino se work load onam ki wajah se jyada ho gaya tha isliye abhi update nahi de paa rha hu
 

Bunny..

🅒︎🅞︎🅞︎🅛︎
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waiting for next update........
 
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