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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
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Fhari

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ७
कहातो चंदा अ‍ेक बार फीर देवायकी बाहोमे समा गइ फीर दोनोके होंठ मील गये तब सामका अंधेरा छाने लगाथा ओर देवायत बहार आगया ओर अपनी कार लेके चला गया तब चंदाभी सब दरवाजा बंध करके उपर सोने चली गइ ओर बेडपे लेटतेही नींदकी आगोसमे चली गइ, जब देवायत हवेलीपे आगया उस रात वो अकेलाथा तब उसने रजीया ओर दयाको अपने कमरेमे देर रात बुला लीया ओर रातमे दोनोको रगड रगडके चोदलीया दोनोकी चुतको अ‍ेक अ‍ेक बार भरके दोनोसे चीपकके ही सो गया उनके बा बापुजीकी उमर हो चुकीथी वो उपर नही आ सकतेथे तब देवायत पुरी रात दोनोको रगडके साथ मेही सो गया....अब आगे

सुबह देर तक सोता रहा जब उठा तभी उसे मंजुलाका फोन आगया ओर उनको लेजानेकी याद दीलाने लगी ओर येभी कहाकी साथमे भानुभाइको भी लेकर आये ताकी उनके बा बापुजी उनको देखले ओर सामको टाइमपे आनेकी अ‍ेक बार फीर बातकी, यही सब बात करके वो फोन रख देती हे तब देवायत सुबह ही अपने यार भानुके घर चला गया, क्युकी अभी तक रीस्तेके बारेमें भानुसे ओर नाही उनकी मां से बात कीथी.., तो वहा दरवाजा बंध था तो उसने धीरेसे खटखटाया तब उनकी मां सरलाने आके दरवाजा खोल दीया..

जेसेही देवायतको देखा आंखोमे चमक आगइ ओर हटते देवायतको अंदर आनेका रास्ता दीया जेसेही देवायत अंदर आया तब उसने वापस गेइटको बंध करदीया ओर देवायतके सामने देखे बीनाही अंदर अपने कमरेकी ओर चल पडी तो देवायत इधर उधर देखने लगा उसे भानु ओर उनकी बहेन लता नजर नही आइ तब वो सरलाके रुमकी ओर बढ गया जेसेही अंदर गया वहा अंधेरा छाया हुआ था तब उनको आवाज आइ..

सरला : (बेडपे पीठके बल लेटे हुअ‍े) भानु ओर लता सहेर गये हे, कुछ लताके कपडे लेने दो पहर तक आजायेगे.., मे अकेलीही हु..आजाओ.., कीतने दीन हो गये.., हम नही मीले..

जब देवायत पासमे गया तब भानुकी मा रसीला अपनी सारी कमर तक उची करके लेटी हुइथी तब देवायतने उनकी रसीली बुर देखली..तो उनका लंड फडफडाके तन गया, उसने कुछ बोले बगैरही पेन्ट नीचे करली ओर अपना लंड नीकालके सीधे रसीलाके पैरके बीच बैठ गया ओर चुतपे घीसके सीधाही रसीलाकी बुरमे घुसा दीया तब रसीलाकी हल्कीसी आवाज आइ ओर देवायत हाथके बल लेटते उसे धनाधन चोदने लगा, रसीलाके दोनो उरोज उछलने लगे..

सरला : (कामुक आवाजमे) सीइइइइइ देवा..तुमतो आते..हहीहीही नही..इइइइइ आह..आह..आइइइइइ धीरे..

देवायत : (जोरोसे सोट मारते) आउगा..बहोत खुजली हो रही हे क्या..? तो बुलाना चाहीयेनां.. आजाता..

सरला: (चुदाइ करवाते) कहासे बुलाती..लता भानु घरपेही होते हे..वहा तो बहुत सारे कमरे हे..कभी मन नही होता..? मे आजाती..बहाना बनाके..थोडा जोरसे करोनां..उइइइइइ सीइइइइइइ आह..फच..फच..फच..

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तब थोडीही देरमे देवायत सरलाकी जबरदस्त चुदाइ कर लेता हे, देवायत उनकी चुतको अपने पानीसे सीच देता हे दोनोही अपने लंड ओर चुत साफ करके बहार आजाते हे तब सरला अपने बालोका जुडा बनाते देवायतको बीठाती हे ओर देवायतको पानी पीलाती हे फीर उनके लीये दुध लेकर आतीहे ओर खुद उनसे चीपकके बेठ जाती हे तब देवायतका लंड अबभी खडा होते हरकत कर रहा था तब सरला उसे देखते खुब सरमाइ ओर देवायतके लंडपे हाथ रखते सहेलाने लगती हे ओर उनकी ओर देखते बात करने लगी..

सरला : (सरमाते हसते) देवा कैसा लगताहे अपनेही दोस्तकी मां को चोदते..मजा आता हेकी नही..

देवायत : (सरमाते हसते) क्या..आपभी इस उमरमे भी आप जवान दीखती हो.., तो कीसीकाभी मन होगा..

रसीला : (हसते) ४४ की हुइ हु, क्या येभी कोइ उमर हे..? मुजे कीसीकाभी नही सीर्फ तेराही लंड चाहीये.., कीतना दमदार हे.., जब पहेली बार तुजे यहा मुतते हुअ‍े देखा तबसे मेने देखलीया था, मेतो इनकी दीवानी होगइ..हुं, ओर तभी मेने ठानलीथी कीसीभी तराह तुमसे चुदवाउगी ओर भगवानने मेरी सुनली.., अब तक कीतनी ओरतोको चोद चुका हे? हें..हें..हें..

देवायत : (जुठ बोलते) बस मेरी बीवी मंजु ओर दुसरी आप..हें..हें..हें..

सरला : (हसते) चल जुठा कहीका..इतनी मस्त बोडी हे.., तुजपेतो कोइभी लटु होजायेगी..मेरी लता छोटी हे वरना उनकी सादी तुमसेही कर देती.., खेर छोडो..ये बता कीस लीये आये थे..,भानुसे मीलने..?

देवायत : हां दरसल मेरी अ‍ेक साली हे.., भावना नाम हे उसका.., सीर्फ दोनो बहेनेही हे.., मे चाहता हु भानुकी सादी इनसे करवादु.., तो भानुको सामको लेके जाना हे..मंजुने बात चलाइ हे..अगर आपको अ‍ेतराज ना होतो.., पहेले भानुको दीखादु.. दोनोने अ‍ेक दुसरेको पसंद कीयातो.. आगे बात करेगे..

सरला: (खुसीसे हसते) अरे..नेकी..ओर पुछ पुछ..लेजा.., मेरे भानुकाभी घर बस जायेगा.., कीतना अच्छा होगा तुम दोनो भाइ.. ओर वो दोनो बहेने..मुजे ये रीस्ता मंजुर हे तुम बातको आगे बढाओ..

देवायत : (उठते) तो चलो मे चलता हु..भानुको तीन बजे मेरे घर भेज देना..

सरला : (उनका हाथ पकडके बीठाते) अरे बैठोना कहा जाना हे.., इतने दीनके बाद आयेहो..,क्या अपनी काकी को अ‍ेसेही छोडके जाओगे.., बैठोना..चलो अंदर अ‍ेक बार ओर करते हे फीर चले जाना..

देवायत : (हसते) काकी तुम कीतनी ठरकी हो गइ हो..अ‍ेक बार मे तेरा दीलही नही भरता..हें..हें..हें..

सरला : (सरमाते हसते) तु आताभी तो कम हे..ओर आताहे तो हमे मौका कहा मीलता.., चलनां..

कहेके देवायतका हाथ पकडके उसे वापस अंदर लेजाती हे ओर खटीयापे हाथ टीकाते अपनी सारी कमर तक उची करते वही जुकके खडी हो जाती हे तब देवायत उनके पीछे चला गया ओर पेन्ट नीचे करते उनकी कमर पकडली ओर पीछेसेही लंडको चुतमे घुसा दीया ओर कमरको जटके मारते उसे धनाधन चोदने लगा जब दोनो जड गये तब सरला अपनी चुतको कपडेसे साफ करते खडी होगइ फीर देवायतको बाहोमे भरके उनके होंठ चुमलीया फीर दोनो बहार आगये..ओर देवायत अपने घर चला गया..

सरला बहुतही कामुक ओरत थी वो अपनी सादीसे पहेले अपने सगे भाइके साथ नाजायज रीस्ता रखते उनसे चुदवाती थी ओर अ‍ेक बार वो प्रेगनेन्ट हो गइ.. जब उसे उल्टीया होने लगी तब उनकी मांको उनपे सक हो गया ओर वो उसे लेकर होस्पीटल चेक करवाने लेगइ तब पता चला वो पेटसे हो गइ हे..धर आके उनकी मांने उसे खुब मारा..लेकीन अपने भाइका नाम नही लीया..,

तब उनकी माने उनका बच्चा गीरवा दीया.. ओर अपने पतीसे कहेके उनकी भानुके पीतासे जल्दी सादी करवादी.., तब सरलाको पहेली रातमे ही पता चल गया उनका पती उसे ठीकसे नही चोद पाता ओर वो उनके पतीके खास दोस्त यानी देवायतके पीतासेही नाजायज सबंध रखलीये.., ओर उनसे आये दीन चुदवाने लगी.., फीर उनसे चुदवाते चुदवाते उन्हीसे प्रेगनेन्ट हो गइ ओर भानुका जन्म हुआ..

फीरभी देवायतके पीतासे सबंध जारी रखा अबतो देवायतके पीताभी सरलाको अपनी रखैलकी तराह इस्तेमाल करने लगे आये दीन भानुके पीताको कामके बहाने दो दो तीन तीन दीन बहार गांव भेजते..ओर उतने दीन वो सरलाके साथ दीन ओर राते रंगीन करते रहे..अ‍ेसा नही थाकी सरला रंडी हो गइथी..ओर रंडीसे कमभी नही थी..बस उनको अब आदतसी हो गइथी की हर दीन अपनी चुतमे लंड चाहीये..

जो जरुरत वो देवायतके पीतासे चुदाइ करवाते पुरी करने लगी.., जब देवायत ओर भानु टीनअ‍ेजर होगये तब देवायतके बापुने सरलाको फीरसे प्रेगनेन्ट करदीया.., तब भानुके पीता कइ महीनोसे सरलाको हाथ तक नही लगाया था तो सरलाके पेटसे होनेपर उन पर सक होगया ओर उनपे नजर रखने लगा तब अ‍ेक दीन सरला ओर उनके दोस्त यानी देवायतके पीताको चुदाइका खेल खेलते अपनी आंखोसे देख लीया..

उनको अपने दोस्तके धोखेसे भारी सदमा लगा ओर पेरेलीसीस हो गया.., जबतक लताका जन्म नही हुआ तबतकत तोवो इस दुनीयासे जा चुके थे.., अबतो सरलाको कीसीकाभी डर नही था देवायतके पीता उनकी मददके बहाने आये दीन सरलाके घर आने लगे ओर दोनोकी चुदाइकी रासलीला चलती रही..जबजक वो बुढे नही होगये तबतक ये सीलसीला चलता रहा.., अब वो सरलाको वो सुख नही देपाते थे..

तब देवायत ओर भानु जवान हो गयेथे..अ‍ेक दीन देवायत उनके गायोकी गमारमे जोरोसे पेसाब लगीथीतो वहा मुतने लगा तब सरला गायोका दुध नीकाल रहीथी उसने तबही देवायतका दमदार ओर मोटा लंड देखलीया ओर हसने लगी.., उसने अब देवायतके लंडसे अपनी प्यास बुजानेकी ठानली..ओर आयेदीन अपनी जवानीका जलवा देवायतके सामने जान बुजके देखाने लगी..

कभी कामके बहाने अपनी सारीका पलु गीरा देती ओर देवायतको अपने उरोजोके दर्शन करवाती, तो कभी उनको कामके बहानेसे छुनेकी कोसीस करती वो देवायतको रीजानेका हर प्रयास करती.., आखीर अ‍ेक दीन देवायतसे रहा नही गया ओर सरलाको मोका देखते कीचनमे ही पकड लीया.. थोडी नानुकुरके बाद वही पहेली बार देवायतने खडे खडे ही सरलाकी चुतमे लंड उतार दीया तब सरलाकी की हालत पतली हो गइ थी..

99 92 97

देवायतकी सादीसे पहेले ही उनसे चुदवाने लगी थी जब देवायतके बापु बुढे हो गये तब सरलाने देवायतको पकड लीया ओर तबसे उनसे चुदवाती हे ये बात सीर्फ वे दोनोही जानते थे.., लेकीन उनको नही पताथा की अ‍ेक बार भानुकी छोटी बहेन जो अभी अभी नइ जवान हुइ हे वो देवायत ओर उनकी मां सरला की चुदाइ देख चुकी हे., तबसे वोभी अपनी मांकी तराह ठरकी होने लगी थी.. उसने देवायतका दमदार लंडभी देखाथा ओर अपने भाइ भानुको अपनी भाभीको चोदते उनकाभी लंड देखलीया था..

तीन बजे भानु देवायतके घर आगया ओर दोनो कार लेके उनके ससुरके घर चले गये दोनोका बहोत अच्छेसे स्वागत हुआ फीर मंजुके बा बापुजीको भानु पसंद आगया ओर भावना ओर भानुकी अकेलेमे बात चीतभी हुइ.. भावनाको तो सीर्फ देवायतसे मतलब था.., ओर अ‍ेक बार सरलासे बात करके सब रीस्तेका तैय होगया तब भावना बहुत सरमा रहीथी.. ओर बार बार देवायतको चोर नजरसे देखती रहेती थी..

उनको अब अपने जीजाजीके करीब रहेनेका मौका मील गयाथा ओर मनही मन काफी कुछ प्लान करके देवायतसे रीस्तेमे आनेका मन बना चुकीथी.. फीर वहा सबने खाना खाया ओर देर साम देवायत मंजुलाको लेके भानुके साथ सीधे उनके घर चले गये तब मंजुलाने सरलाके पैर छुअ‍े ओर उनसे सब बाते करली तब सरला खुस होते देवायतकी ओर देखते हसने लगी ओर दोनोका मुह मीठा करवाया..

फीर कुछ दीनोके बाद भानु ओर भावनाकी सगाइ ओर सादीभी होगइ तब देवायतने खुब दोडधामकी कभी अपने ससुरके घर तो कभी अपने दोस्त भानुके धर.., इसी बीच मौका मीलतेही दो बार सरलाने देवायतसे जबरदस्त चुदाइ करवाली ओर देवायतकी साली भावना आखीर भानुके घर सादी करके आ गइ, ओर उसी रात सुहागरात मेही भानुने उनकी सील तोडदी ओर भावनाकी दो बार जबरदस्त चुदाइ करली भानुने ओर भावनाने तीन महीने तक खुब मजे कीये ओर आखीर भानुने भावनाको प्रेगनेन्ट करदीया..

ओर नौ महीनेके बाद भावेसका जन्मभी हो गया.., ओर इसी बीच आयेदीन देवायत चंदाके घर जाता रहेता ओर उनकी चुदाइ करता रहेता कभी कभीतो दोनो सहेर होटेलमे रुम रखके मीलने लगे.. जबभी मौका मीलता चंदा उसे बुला लेती ओर अपनी जबरदस्त चुदाइ करवा लेती.., यही सब सोचते देवायत आंख बंध करते गहेरी नींदमे चला गया तब कोइ उनको हीलाके उठा रहा था..

(फ्लेसबेक खतम)

रामुकाका : (देवायतको जगाते) देवु बेटा..ओ बेटा..उठो..कीतनी देरसे सोये हो..? इतना काम मत करो.., साम होगइ हे..घ घर नही जाना क्या..?

देवायत : (जागते) जी काका..वो जरा आंख लग गइ थी..क्या सब चले गये..?

रामुकाका : हां बेटा सबतो कबसे चले गये..कीतना सोये तुम..साम होगइ..,थक गये थे क्या..? घर नही जाना..? खानाभी नही खाया होगा..

देवायत : (हसते) नही काका सोचमे डुबा हुआथा कब नींद आ गइ पताही नही चला.., चलो चलता हु.., आपने खाना खा लीया..?

रामुकाका : हां बेटा आज वो दया टीफीन दे गइथी तो खा लीया.., अब तुम घर जाओ..

तब देवायत हवेलीपे आगया तो सामने मंजुला पैट फुलाके उनके सामने हसती हुइ आ रहीथी, तो जातेही वो मंजुलाका हाथ पकडके उसे होलमे जाके बीठा दीया.. ओर खुद फ्रेस होने चला गया तब मंजुलाने दयाको खाना नीकालने कहा जब देवायत आ गया तब देवायत मंजुको लेके डाइनींगपे आ गया ओर रजीयाने दोनोको खाना परोसा..तब मंजुने खाना खाते बात की..

मंजुला : सुनीयेजी..आज मौसीका फोन आया था उनको पता चल गया की मे पेटसे हु.., कीसने बताया होगा..? सायद भावनासे या घरपे बासे बात हुइ होगी.., कही आपनेतो नही बताया..?

देवायत : (हसते खाना खाते) अरे नही.., क्या केह रही हे मौसी.., मंजु मुजे कल सहेर जाना हे..

मंजुला : देवु..क्या आते वक्त आप मौसीको लेकर आओगे..? वो धिरन आज सामको स्कुलके प्रवास गया हे तो मौसी तीन चार दीन अकेली हे..तो यहा आना चाहती हे.., मेरी खबर पुछ लेगी ओर तीन चार दीन इधरही रुकेगी.., कहेतीथी तेरी डीलेवरीमे मे आजाउगी..हें..हें..हें.., मेरी खास सहेली भी हे..

देवायत : (हसते) चलो ठीक हे मेरी टेन्सन खतम.., मौसी आ रहीहे तो कोइ दीकत नही.., होस्पीटलमे उसेही लेजायेगे.., आपकी डीलेवरी तक रहेगीतो कीसीको बुलाना नही पडेगा.., क्या कहेती हो..?

मंजुला : (खुस होते) हां..वोभी यही केह रहीथी..कीतनी अच्छी हे मेरी तो मौसी कम ओर सहेली ज्यादा हे हें..हें..हें.., मेरी बहुत केर करती हे..वहाभी बहुत करती थी..बस बेचारी जवानीमेही विधवा हो गइ..

देवायत : (सीरीयस मुह बनाते) मंजु हम क्या कर सकते हे.., पता नही गावमे ये कैसा रीवाज हे..की विधवा दुसरी सादी नही कर सकती.., उनकीतो रीवाजने ही जींदगी बरबाद करदी..

मंजुला : (गभराते) देवु..अ‍ेक बात कहु..भविस्यमे अगर हमारे बच्चोके साथ अ‍ेसा हुआतो हम क्या करेगे..?

देवायत : तुम क्यु अ‍ैसा उल्टा सीधा सोचती हो..? हम अ‍ेसी परंपराको नही मानेगे, हम रीवाज तोड देगे.. बस.. हम अ‍ैसा कभी नही होने देगे.. देखा नही बाबाने क्या कहाथा..

मंजुला : (खुस होते हसते) गुड बोय..हें..हें..हें., .देवु..हम अ‍ेसे कुरीवाजोको नही मानेगे, अबतो बा बापुजी भी नही हे सब डीसीजन आपको लेना हे, इनसेतो अच्छा वो हीमाचलके राजाथे..वो कीसीभी रीस्तोमे सादीकी परंपरा सुरु कीथी..कास यहाभी अ‍ेसा होता..तो कोइ विधवा या त्यकताही नही रहेती..सब सुहागन..हें..हें..हें..

देवायत : (सीरीयस होते) मंजु..बस वोही राजा हमारे घर हमारे पोतेके रुपमे आने वाला हे.., अ‍ेसा बाबाने मुजसे कहा था.., ओर सायद हमारे घरसेही सब सुरुआत होगी..क्या तुम्हे अच्छा लगेगा..?

मंजुला : (हसते) वो --का अंस भीतो होगा.., पता नही हमने कोनसे पुन्य कीये होगे.., देवु मे सब अ‍ेक्सेप्ट करलुगी.., मुजे कोइ अ‍ेतराज नही.., बस अ‍ेक बार बाबाको मीलना हे..सादीके बाद दो बार ही मीली हु..

देवायत : अब अगली बार जाउगा तब लेकर जाउगा..

मंजुला : (जोरोसे हसते) हें..हें..हें.., इस हालतमे लेजाओगे..? बाबु अब टाइम नजदीक आगया हे.. ओर वो कमीनी भावुको भी लेकर जाना हे, पता नही वो कोनसी रात थी, जो दोनो भाइने अ‍ेक साथही हम दोनो बहेनोको पेटसे करदीया.., मुजसे छोटी हे फीरभी कमीनी दुसरी बार प्रेगनेन्ट हो गइ., पता नही भानुभाइको कीतने बच्चे चाहीये..

देवायत : (हसते) छोड उनको उनकी मां बहुतही पुराने खयालकी हे कहेती हे चार पांच बच्चेतो होनाही चाहीये..हें..हें..हें.., मुजसेभी केह रहीथी अ‍ेक बच्चेसे बच्चे वाले नही कहेलाते कमसे कम चार पांचतो करनाही..

मंजुला : (आस्र्चसे हसते) चार..पांच..? ओ बापरे.., तबतो बेचारी भावनाकी हालत अराब हो जायेगी हें..हें..हें.., देवु हमतो अ‍ेकही करेगे..में इनसब बातोको नही मानती..उसे अच्छेसे पालतो सकेगे..

अ‍ेसीही बाते करते दोनो खाना खाके बहार आंगनमे टहेलने लगे ओर दोनो बाबाकी बाते करने लगे..

मंजुला : देवु..हम दोनोही बाबासे मीलेगे तब मे उनसे सब कुछ खुलके पुछ लुगी..मुजे सब जानना हे..

देवायत : मंजु..देखना तु विचलीत हो सकती हे.., मतलब तब कोइ रीस्ते नातेको नही मानते होगे.., इनका मतलबभी जानती हे..? सब आपसी रीस्तेमेही लगे रहेगे.., पता नही हमे क्या क्या देखनेको मीलेगा..

मंजुला : (हसते) हां..जानती हु..इतनी भी बुध्धु नही हु में.., मेने वो राजाकी बुक पढी हे, कोइ भी कीसीभी रीस्तेमे सादी कर सकता हे.., सपोज..मानलोनां की तुम अपनी बुआसे, मामीसे चाचीसे, यहा तक अपनी बहेनसेभी सादी कर सकते हो.., फीर वो बहेन चाहे कोइभी रीस्तेसे हो..वो बुआकी या मामीकी लडकीभी..

देवायत : (हसते) मतलब तुम सब कुछ जानती हो.., तुजे पता हे अब हमारे घरमे वोही सब होने वाला हे..

मंजुला : (हसते) देवु कीतना रोमांचक होगा.., मेतो सोचके ही..पागल होजाउगी..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) चलो देखते हे.., अब जोभी होगा सब हमे अ‍ेक्सेप्ट करना होगा..,लेकीन अ‍ेक बात हे.. हमारे घर खुद --का अंस आ रहा हे.., पता नही तब हमे सब देख पायेगेकी नही..

मंजुला : देवु जोभी हो.. हमे अबभीसे अ‍ेसे रीस्तेको अपनाना पडेगा..अब हम अ‍ैसा कुछ सुनेतो माइन्ड मे नही लेना.., वेसे तुजे अ‍ेक बात कहु..? पता नही तुम्हे कहेनी चाहीयेकी नही..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) क्या..कुछ सीक्रेट जानती हो क्या..? हें..हें..हें.., कहो क्या बात हे..

मंजुला : (सरमाके हसते) जानु मेने सुना हेकी हमारे बापुजीका नाजायज रीस्ता माजीके साथ.. मतलब हमारे भानुभाइ की मां के साथ था.., सायद लता उनहीकी संतान हे..हें..हें..हें..इसीलीयेतो उनके पीता चल बसे..

देवायत : (हसते) देखा.., तो इस नाते लता हमारी सौतेली बहेन हुइ ओर हमने उनका लखनसे रीस्ता तैय करलीया तो दोनो होगयेने भाइ बहेन.., बाबाने सही कहाथा.. इनकी सुरुआत हमारी पीढीसे ही होगइ.., हें..हें..हें..

मंजुला : (जोरोसे हसते) देवु..जो होता हे होने दे..,देखना हमारा लखन उनकीही बहेनको ठोकेगा..हें..हें..हें..

देवायत ओर मंजुला बाबाकी बाते करते आगेकी प्लानींग करने लगे ओर दोनोने तैय करलीयाकी जोभी होता हे होने दे वो कोइ अ‍ेतराज नही करेगे.., दोनोने मीलके सब अ‍ेक्सेप्ट करनेका फैसला करलीया.., उस दीन मंजुने देवायतको उनके साथ सेक्स ना करपानीके वजहसे दुसरी ओरतसे सेक्स करनेकी परमीशन देदी.., फीर दोनो थोडी देर बाते करते टहेलते रहे फीर अपने कमरेमे सोनेके लीये चले गये..

इस रात मंजुके साथ देवायतने सीर्फ ओरल सेक्सही कीया जब मंजुको जडादीया तब वो देवायतके सीनेमे सर रखके गहेरी नींदमे सो गइ.., तब देवायतभी कल अपनी दुसरी बीवी चंदाके बारेमे सोचते नींदकी आगोसमे चला गया..

तब बाजुके गांवमे भानुकी मां अपने रुममें सो गइथी तब बाजुके रुममे लता भावनाके बच्चे भावेशको जुलेमे डालके सोनेकी तैयारी कर रहीथी अ‍ेसा नही थाकी भानु ओर भावना अपने बच्चेको अपने साथ सुलाना नही चातेथे बस भावेश उनके साथ सोता तो पुरी

रात रोताही रहेता वो लताकोही अपनी मां मानता था ओर उनके साथही सोताथा, लता ओर भानुके रुममें अंदरकी ओर बीचमे अ‍ेक दरवाजा लगा हुआथा जो हमेसा बंधही रहेताथा उनमे अ‍ेक छोटासा छेदभी था जो लता उनमे कइ बार भाइ भाभीकी चुदाइ देखती रहेती थी..

तब उनके बगल वाले रुममें भानु ओर भावना मस्तीया कर रहेथे उनकी आवाज सुनाइ दी तो वो धीरेसे उठके दरवाजेके पास चली गइ ओर उन दोनोकी मस्तीया छेदमे आंख लगाके देखने लगी.., वो कइ बार भानुके खडे लंडको अपनी भाभीकी चुतमे डालते हुअ‍े देख चुकीथी, तब आजभी भानु पीठके बल लेटाथा ओर भावना उनके पैरके पास जुकके भानुके लंडको मुहमें भरके अंदर बहार कर रही थी..

001
तब भानु आंख बंध करते सीसकारीया करताथा थोडीही देरमे भावना के मुहमे जड गया तब भावनाका पुरा मुह भर गया ओर वो उठके बाथरुममें चली गइ तब भानुका लंड अबभी हवामे लेहराते मुरजाने लगा जीसे देखके लता खुब सरमाइ ओर अपनी चुत सहेलाते बेडपे आ गइ.., फीर सलवार नीकालके अपना नीकर नीचे करलीया ओर बेठे बेठेही हाथकी अ‍ेक उंगली अपनी चुतमे घुसादी ओर आंख बंध करते भानुको इमेजींग करते उंगली अंदर बहार करने लगी ओर थोडीही देरमे वो जड गइ..

तबसे लताके लीये ये सब रुटीन हो गया.., फीर अपने आपको साफ करके लेट गइ ओर सोचने लगीकी कास भाइका लंड कभी अपनी चुतमे डलवाती..तो कीतना मजा आता.., जबतक मेरी लखनसे सादी नही होजाती तबतक मुजेही कुछ करना होगा, मां भीतो देवायतभाइसे चुदवाती हे, ओर मुजपे पाबंधी लगाती हे.., मुजे कीसीभी तराह भाइको रीजाना हे.., कोइ भाइ बहेनका रीस्ता नही होता..

सीर्फ लंड ओर चुतकाही रीस्ता होता हे.. देवायतभाइका लंडभी भानुभाइके लंडसे बडा हे.., कीतना मोटा ओर लंबा हे, तभीतो मां इनके पीछे लटु हे.., कीसीको इस रीस्तेके बारेमे पता नही.., अच्छा हुआ अ‍ेक बार मुजे देखनेका मोका मील गया, बस इसी बातका फायदा उठाना हे मुजे कीसीभी तराह लंड चाहीये वरना मेरी जवानी युही बरबाद हो जायेगी.., यही सब सोचके लता नींदकी आगोसमे चली गइ....

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ८

सीर्फ लंड ओर चुतकाही रीस्ता होता हे.. देवायतभाइका लंडभी भानुभाइसे बडा लंड हे.., कीतना मोटा ओर लंबा था, तभीतो मां इनके पीछे लटु हे.., कीसीको इस रीस्तेके बारेमे पता नही.., अच्छा हुआ अ‍ेक बार मुजे देखनेका मोका मील गया, बस इसी बातका फायदा उठाना हे मुजे कीसीभी तराह लंड चाहीये वरना मेरी जवानी युही बरबाद हो जायेगी.., यही सब सोचके लता नींदकी आगोसमे चली गइ....अब आगे

सुबह सब जल्दी उठ गये देवायत ओर मंजु तैयार होगये, देवायत दया ओर रजीयाको मंजुलाका खयाल रखनेको कहेके चाइ नास्ता करके अपनी कार लेके सीधेही सहेर चला गया वहा रास्तेमे कुछ नास्ता ओर चंदाके लीये आइपील लेली फीर होस्टेलमे जाके लखन ओर पुनमको मीला तब पुनमतो देवायतको देखतेही उनसे लीपट गइ अब उनकी हाइट बढ गइथी वो काफी जवान दीख रहीथी उनकेभी नींबु जेसे उभार नीकल आयेथे ओर अपनी टाइट टीसर्ट से साफ जलक रहेथे

तब आज पहेली बार देवायतको अपने सीनेपे उनके उभार महेसुस हुअ‍े जीनका अहेसास पुनमकोभी हो गया.., ओर वो सरमाके देवायतसे अलग होगइ..तब देवायतने दोनोको नास्ता दीया ओर हालचाल पुछा तो पता चला दोनोकी अ‍ेक्जाम सुरु होगइ हे ओर अ‍ेक हप्तेमे खतम होजायेगी फीर दोनोही वेकेशनमे घर आने वालेथे, तब पुनमने देवायतको उसे लेने आनेको कहा तो देवायतने हसते हुअ‍े हां केह दीया फीर लखनसेभी बात की..तब पता चला बीचमे अ‍ेक बार उनकी तबीयत खराब हो चुकीथी..अब ठीक हो गयाथा..

देवायत : बेटा तो फोन करना चाहीयेनां..? हम तुजे लेजाते..

पुनम : नही भाइ इतनीभी खराब नही थी बस बुखार था जो ठीक होगया यही दवाइ लेके आयेथे..

देवायत : (हसते) पुनम..सुन..हमने लखनका रीस्ता तैय करलीया हे.., वो लताके साथ..जब दोनो आओगे..तब दोनोकी सगाइ कर देगे.., (लखनकी ओर देखते) लखन..तुजे लता पसंदतो हेनां..?

लखन : (सरमाके हसते) जी..भैया..

पुनम : (सरारतसे हसते लखनको देखते) बडेभैया..लताभाभीका कभी कभी भाइके फोनपे फोन आता हे.., हें..हें..हें.., दोनो खुब बाते करते हे..

लखन : (सरमाते चीडके) जुठी..कब फोन आया..जुठ बोलती हे.., भैया..ये जुठ बोल रही हे..(सरमा गया)

देवायत : (हसते) अरे..तो क्या हुआ..अब तेरी होने वाली बीवी हे..बात करलीया कर.., (पुनमकी ओर देखते हसते) बीटु अब तेरी भी बारी हे..बस आजही बात करने जा रहा हु..फीर तुजे भी फोन आयेगा..हें..हें..हें..

कहातो लखन छोरोसे हसने लगा तब पुनम सरमाते पानीपानी होगइ ओर लखनको अ‍ेक मुका मारदीया तब देवायत हसने लगा.. पुनमने सरमाते देवायतकी ओर देखा..फीर धीरेसे कहा..

पुनम : (सरमाते) भैया..क्या ये जल्दी नही हे..? मुजे ओर पढना हे.., कोलेज मे..

देवायत : (हसते) हां तो पढनां.., कोन मना कर रहा हे..? जबतक मन करे..सादीके बादभी पढना मे उनसे बात करलुगा..वो घरकेही लोग हे.., मना नही करेगे.., अबतो खुस..? अगर वो ना कहेगे तो हम अभी रीस्ता नही करेगे.., मे तुजे पढाउगा..

कहातो पुनम खुस होके देवायतसे लीपटके गले लग गइ..ओर उसने इस बार जोरोसे देवायतको भीच लीया.., तब उसे नीचे कुछ चुभने लगा तो जटसे दुर हट गइ ओर नजर चुराते देवायतके पेन्टकी ओर देखने लगी तब उसे देवायतके पेन्टपे उभार नजर आया तब वो देखके सरमसे पानीपानी होगइ ओर सोचने लगी..


पुनम : (मनमे) ओ माय गोड..क्या भाइको मे गले मीली इसीलीये भाइका खडा होगया..? मेतो इनकी बहेन हु.., ओर पेन्टमे ही कीतना बडा दीखता हे..तब रीयलमे कैसा दिखता होगा..?

देवायत : (हसते) ओ छुटकी.., कहा सोचमे पड गइ.., तु चीन्ता मत कर वो घरकेही लोग हे, तुम भी उनको जानती हे ओर तुने वो लडकेकोभी देखा हे, बस..अ‍ेक बार मे बात करलु फीर तुमको सरप्राइज दुगा..

लखन : (हसते) क्या भैया हम उनको जानते हे..? तो फीर बताओना कोन हे..हमारा..जी..जा..जी..

पुनम : (सरमाते हसते जुठे गुसेसे लखनको मारते) लखनभैया अ‍ेक मारुगी.., मुजे नही करनी सादी..

देवायत : (हसते) चलो ये सब छोड.., बता तुम्हारा वेकेशन कब लग रहा हे..? मुजे फोन करना.. लेने आजाउगा..

लखन : (धीरेसे) भाइ मेरी ये आखरी अ‍ेक्जाम हे..मुजे अब नही पढना.. बस सब हीसाब कीताब सीख लीया मेरे लीये यही काफी हे..अब मुजे खेतीबाडी देखना हे..ओर यहाभी उनके बारेमेही पढ रहा हु..

पुनम : (लखनकी ओर देखते) भैया क्या केह रहे हो..? तबतो मे यहा अकेली रेह जाउगी.., मुजे कोलेजमे पढना हे.., अब मे क्या करुगी..? भाइ आपभी ग्रेज्युअ‍ेशन करलो..

देवायत : छुटकी तु चीन्ता मत कर हम तुजे लेडीस होस्टेलमे भेज देगे..वहीसे पढाइ करना जबतक मन हे..

पुनम : भाइ ठीक हे मुजे ग्रेज्युअ‍ेशन कंपलीट करना हे..देखती हु कहा तक होता हे.., भाइ अ‍ेक हप्तेके बाद फोन करुगी आजाना.., अबतो अकेला यहाभी मन नही करेगा..

लखन : अरे तु ओपन युनीर्वसीटीमे अ‍ेडमीशन लेले..कहा यहा रहेना..घरसेही पढाइ करना..सीर्फ अ‍ेक्जाम देने आना हे..वही गांवमेही ट्युसन रखले.., वहा मास्टरतो आतेही हे..ट्युशन देने.., क्या कहेतेहो भाइ..

देवायत : क्या..छुटकी अ‍ेसा हो सकता हे..?

पुनम : जी..भैया..देखती हु.., अगर वहा अ‍ेडमीशन मील गया तो हम यही करेगे..यहा कहा अकेले रहेना.., कमसे कम आप लोगोके साथतो रहुगी..मुजे आपके बगैर यहाभी अच्छा नही लगता..

देवायत : (हसते पुनमके सरको सहेलाते) चल ठीक हे..अगर अ‍ेसा होताहे तो लखनकाभी अ‍ेडमीनेशन करादेना.. वोभी वहीसे पढाइ करलेगा..

पुनम : (जोरोसे हसते) भैया पहेले इनका रीजल्टतो आने दो..हें..हें..हें..

लखन : (चीडते) चीबावली हस मत..मे पास होजाउगा..

पुनम : (जोरोसे हसते) भाइ पास होजाओ.. हमारे लीये येभी बहुत हे..हें..हें..हें..

देवायत : (कुछ पैसे पुनमको देते) ले ये रखले..काम आयेगे.., फीर अ‍ेक्जामके बाद दोनो कुछ खरीदी बरीदी करलेना.., चलो मे चलता हु..दोनो अच्छेसे परीक्षा देना.., अगर भगवानने चाहा तो दोनोकी साथमेही सगाइ कर देगे.., वो बहुतही अच्छा लडका हे.. वो तुजेभी पहेचानता हे..हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाते हसते) क्या भैया.., चलो मे चलती हु.., बाय भैया..

कहेके सरमाते हसती हुइ दोडके होस्टेलके अंदर भाग गइ तब दोनोभाइ उनको देखते हसने लगे.. तभी लखन ने प्रस्नार्थ भरी नजरोसे देवायतकी ओर देखा तो देवायत समज गया.. ओर हसने लगा..

देवायत : सुन लखन..अभी पुनमको मत बताना..बस अ‍ेक बार बात पकी करलु.., तुभी उनको जानता हे..हमारी चंदा मौसीका लडका..धिरेन.., केसा हे..?

लखन : (खुस होते हसते) क्या..? वो धिरेन..? वाव.., भाइ मस्त पढा लीखा लडका हे हमारी पुनमके लीये परफेक्ट हे आप बातको आगे बढाओ.., दोनो मां बेटे अकेले हेनां..? हमारी पुनम राज करेगी..

देवायत : (हसते) हां वोही.., सुन..अभी पुनमको मत बताना.., हम उसे सरप्राइज देगे..

लखन : (हसते) ठीक हे भाइ..हें..हें..हें.. आपभी सरप्राइज देना शीख गये..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) चल ठीक हे चलता हु..ओर सुन..वो लतासे बात करलेना..हें..हें..हें..

लखन : (सरमाते हसते) क्या भाइ..? करलुगा.., चलो बाय..

कहेके लखन अंदर चला गया ओर देवायतभी खुस होते चंदाके गांवकी ओर चल पडा वो कार चलाते पुरे रास्ते चंदा ओर पुनमके बारेमे सोचता रहा.., आज उसे पुनम पुरी तराह जवान दीखने लगी.., जब पुनम उनके गले लगी तब केसे लंड खडा होगया.., क्या ये सहीहे..? पुनमनेभी इनको पुरी तराह भांप लीयाथा तभीतो जटसे मुजसे दुर हट गइ.., पुनम मेरे बारेमे क्या सोच रही होगी..इनको बुरातो नही लगा होगा..?

यही सब सोचते उसे पताही नही चला कब चंदाका गांव आगया कारको सीधेही अंदर लेली..ओर पीछे पार्क करके अंदर चला गया..तो फटसे दरवाजा बंध होनेकी आवाज सुनी पलटके देखातो चंदा सरमाते नजर जुकाके वही दरवाजेसे सटकर खडीथी तब देवायतने अपने दोनो हाथ फैला दीये तब चंदा खुस होते दोडके देवायतकी बाहोमे समा गइ.., आज उसने सब शींगार कीयाथा ओर माथेपे सींदुरभी लगाया था..

3

चंदा : (सरमाते होंठ चुमते) केसे हो मेरे बाबु..? आनेमे कोइ परेसानीतो नही हुइ.., कीसीने देखातो नही..?

देवायत : (चंदाको गोदमे उठाते उपरकी ओर बेडरुम मे चलते) अरे देखभी लीया तो क्या..? हम रीस्तेदार हे..कीसीसे डरना नही.., मे हुनां..

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चंदा : (सीना सहेलाते) बाबु डर नही रही..बस केह रहीथी.., हमे सावधानी रखनी हे.., ओर आप आतेही कहा लेजातेहो..? कुछ खाना पीना नही हे क्या..? कमसे कम पानीतो पी लेते..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) नही आजतो सबसे पहेले मेरी बीवीका रस ही पीउगा..कीतने दीनोके बाद मीली हे..

चंदा : (सरमाते) तो आजाना चाहीयेनां.., मेने थोडी मना कीया था.., आजतो सारी कशर पुरी करुगी..मेने खानाभी बनालीया हे.., आनेमे इतनी देर क्यु की..?

देवायत : (बेडपे सुलाते) बेबी सहेर गयाथा अ‍ेक खास काम था.., फीर तेरी गोलीयाभीतो लेनी थी..

86

चंदा : (देवायतको अपने उपर खीचते) हां बाबु..खलास हो गइथी.., पीछली बार आप आयेथे..तबही खलास हो गइथी..अ‍ेक हप्ते बाद मुजे उलटीया हुइ तब बहुत डर गइथी की कही प्रेगनेन्टतो नही होगइ..? फीर दो दीन बाद पीरीयड हुआ..तब जाके सांती मीली.., बाबा अब मे लापरवाही नही करुगी.., धिरेनको क्या कहेती..

देवायत : (हसते) क्या कहेती..? केह देना तेरा भाइ आने वाला हे हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते सीनेमे मुका मारते) हर वक्त मजाकही सुजता हे.., बाबा अब नही केह सकती.., अब वोभी जवान हो गया हे.., आज कल अपने रुममे बहोत अकेले रहेने लगा हे..हें..हें..हें..

देवायत : बेबी तुम मुजसे कुछ कहेने वाली थी..?

चंदा : हां लेकीन पहेले मेरे बाबुको प्यार करलु..चलो आजाओ..

कहेते चंदा देवायतके सर्टके बटन खोलने लगी तब देवायतभी उनकी आंखोमे देखेही जा रहाथा ओर उनके ब्लाउसके बटन खोलते जा रहाथा..तब चंदा खुब सरमाइ.. ओर अपनी नजर जुकाली..

चंदा : अ‍ेसे क्या देख रहेहे मुजे सरम आती हे..कास सीर्फ मेही आपकी बीवी होती.., ओर हमारा बच्चा पैदा करती.., कीतना प्यार करतेहो मुजसे.., जानु हमे मोका मीलेतो हम तीन चार दीनके लीये हनीमुन मनाने चले जायेगे.. मुजे आपसे बहोत प्यार करना हे.., मे वहा आ रही हु तब मोका देखके मेरे रुममे आजाना..

दोनोही बाते करते अ‍ेक दुसरेके वस्त्र नीकाल रहेथे तब थोडी देरमे दोनोही नंगे हो गये..तब देवायत जुकके चंदाके उपर लेट गया ओर दोनोके होंठ मील गये ओर धीरे धीरे स्मुच करने लगे अब चंदाके बुब्स पहेलेसे काफी भरावदार हो गये थे जीनका कारण सीर्फ देवायतके साथ चुदाइ थी.., उनके चहेरेपे दीन भर दीन नीखार आ रहाथा पुरा चहेरा देवायतके प्यारकी वजहसे चमक रहा था..

तब देवायत चंदाको चुमते चुमते नीचेकी ओर सरकने लगा कभी होंठ तो कभी उनकी गरदन तो कभी दोनो गाल तो कभी चंदाकी खुबसुरत आंखे ओर नीचे सरकते चंदाके भरावदास बुब्स अपने होंठोसे भीचं लीये ओर खेचने लगा तब चंदाकी मस्तीयोमे सीसकारीया नीकलने लगी ओर देवायतके सरमे हाथ खुमाते आंखे नसीली करली ओर देवायतकी ओर कामुक नजरसे देखती रही.. आज प्यार करनेके लीये पुरा दीन था..

38

चंदा : सीइइइइइ..देवु..आज..मुजे नीचोड डालो..ये चुत.., आपके लंडके बगैर बहोते..तंग करती हे,,इनकी प्यास बुजादो..आजाओ आज मुजमे समा जाओ..दे..वु..सीससससइइइइ

तभी देवायत बुब्स चुमते नीचे हाथ लेजाते चंदाकी चुतपे रख देता हे ओर धीरे धीरे सहेलाते हाथकी मध्य उंगली चुतमे सरका देता हे जीसकी वजहसे चंदा जोरोसे सीसकारीया करते दोनो हाथसे चदर पकडके छटपटाने लगती हे तब देवायत उनके दानेको उंगलीसे खरोदने लगता हे जीनकी वजहसे चंदा जोरोसे सीकारीया करने लगी ओर देवायतके बाल खीचते उनको अपने उपर खीचके चडाने लगी..

42

चंदा : (कामुक आवाजमे) बस..बस..बस..दे..वु..मर जाउगी..यार..आजाओ उपर.., नही रहा..जाता..सीइइइ डालदो..नां..क्यु..तडपाते..हो..उइइइइ सीसीसीसीइइइइइइइइ बस..यार..ननननहीहीहीहइइइइ..

देवायत : (बुब्स चुसते लडखडाती आवाजमे) चंदा..मजा नही..आता..हां..बोलनां..हां..बोल..नां..

चंदा : (सरको सहेलाते छटपटाते) आता हे..अ‍ेअ‍ेअ‍े सीइइइ बहोत..ममममजाजाजा आरररहाहाहाहेहेहेहेइइइइ

देवायत : (लडखडाती आवाजमे) चुत में..लं..डडडड..डालदु..हां..बोलनां.. कीतना..डालु..हंहं चंदाअअअ

चंदा : (आधी आंख चडाते) हां..आआआ..डालदो..सीइइइइ पुपुपुपराररारा डा..ल..दो..सीइइइइइ

देवायत : (कामु आवाजमे) चंदा..मुजे..तेरा रस..पीना हेहेहेहे..बोलनां....पीलु..

चंदा : (मादक आवाजमे) हां..सीइइइ पी..लोओओओ..मुजे..भी..पीना..हेहेहेहेह सीइइइइइ

तब देवायत चंदाके उपर अचानक घुम जाता हे ओर सीक्स नाइन पोजीसनमे हो जाता हे तब चंदा फटसे देवायतका लंड मुठीमे पकड लेती हे तो देवायतभी जुकके चंदाकी चुतको अपने मुहकी गीरफ्तमे ले लता हे ओर सीधेही चुतमे जींभ डालके चाटने लगता हे तब चंदा पुरी तराह कांप जाती हे उनके पुरे सरीरमे जुरजुरी होने लगती हे ओर वो देवायतके लंडको जोरोसे चाटके गीला करने लगती हे ओर आखीर पुरे लंडको नीगल जाती हे ओर धीरे धीरे मुहमे अंदर बहार करने लगती हे ओर देवायतभी जीभसे चंदाको चोदने लगता हे..

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आज चंदाके बंगलोपे उनके बेडरुममे वासनाका तुफान भवंडर बनके ताडव मचा रहा था तब दुसरी ओर आज सहेरमे पुनम अंदर जातेही अपने रुममे पेटके बल उलटी लेट गइ ओर तकीयेपे मुह रखते गहेरी सोचमे डुब गइ आज उसे देवायतसे आंलींगन करते वक्त उनका हथीयार चुभ रहा था उनकी जींदगीका ये पहेला अनुभव था जीनके बारेमे आंख बंध करते सोचते वो लेटी हुइथी तब उनकी चुतमे हल्कासा गीलापन लगा..

तब वो बेचेन होगइ ओर उठके बाथरुममे घुस गइ फीर वो आयनेके सामने खडी होके अपने आपको देखने लगी उनके बुब्स कडक होते कठोर हो गये.., तब उसने अपनी टीसर्ट नीकाल दी तो उनके संतरे छेसे दोनो बुब्स बहार उछलके आ गये.. ओर वो आयनेके सामने अपने बुब्सको देखने लगी..

94

अ‍ेक हाथ अनायासही उसके बुब्सपे चला गया ओर हल्कासा दबाने लगी ओर दुसरा हाथ उनकी चुतपे लेजाते वो धीरे धीरे सहेलाते आंख बंध करते खडी रही ओर अपने भाइके पेन्टके उभारको याद करने लगी.. केसे तंबु बनके उनकी चुतपे चुभ रहा था.. वो मनही मन आंख बंध करके देवायतको अपने बेडपे उनके साथ प्यारके अहेसासकी इमेजींग करते धीरे धीरे चुतको सहेलाने लगी..

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वो लखनसे ज्यादा देवायतको पसंद करती थी ओर उनकी हर बाते मानती थी ओर देवायतभी उनका बरोबर खयाल रखता था उनकी हर जरुरतको बीना बोलेही पुरी करता था, पुनमने जबसे जवाके दहेलीजपे कदम रखा वो देवायतको अपने भाइकी नजरसे नही अ‍ेक मर्दकी नजरसे इमेजींग करने लगी थी तब उनकी नीकरमे गीलापन महेसुस हुआ.. ओर वो सलवारका नाडा खोलके चेक करने लगी जब नीकरकी ओर जुकके देखातो पुरा नीकर गीला हो गयाथा

वो वहा उंगली रखके चेक करने लगी फीर उंगलीको नाके पास लेजाते उसे सुंघने लगी तब उसकी मादक खुस्बुसे वो मदहोस होने लगी ओर दुसरे हाथसे धीरे धीरे चुतको सहेलाने लगी तब वो उतेजीत होते सीसकारीया करने लगी, अचानक अपनी सलवार कमीज नीकालके नंगी होगइ ओर नीकरभी नीकाल दीया फीर कमोडपे बेठ गइ ओर आंख बंध करते देवायतके साथ चुदाइकी इमेजींग करते धीरेसे अपनी चुतको सहेलाते उनमे मे उंगली घुसाने लगी..

5

आज ये प्यारा अहेसास पहेली बार महेसुस कर रही थी ओर उंगलीको धीरे धीरे अंदर बहार करने लगी ओर वो सातवे आसमानमे पहोंच गइ, उनको नही पता थाकी वो लडका कोन हे जीनके साथ आज उनके भाइ रीस्तेकी बात कर रहेथे बस उनकोतो अपने बडे भाइका चहेराही दीख रहाथा जो उनका डिड्ढमबोय था जो इनकी हर जरुरतको पुरी करता था, उनको सब लेटेस्ट ड्रेस दीलवाता था, वो देवायतको इमेजींग करते जोरोसे उंगलीको अंदर बहार करते चुतको चोदने लगी..आज उनका पहेलीबार अनुभव था

तभी उनके सरीरमे हजारो चीटीया रेगंती महेसुस करने लगी ओर वो स्वर्गमे पहोच गइ तो अचानक उनकी चुतसे अ‍ेक सफेद फवारा नीकला जीनकी वजहसे वो पुरी कांप गइ ओर हांफने लगी..फीर जुकके चुतकी ओर देखते सरमा गइ ओर मुस्कराते चुतको पानीसे साफ करने लगी फीर अपनी पेन्टी नही पहेनी ओर कपडे पहेनके बहार आगइ ओर मुस्कराती रही.., उनका आज देवायतकी ओर जुकाव बढ गया था....

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पुनम का अपने भाई देवायत की ओर वासनात्मक झुकाव हो रहा है और उसके नाम से अपनी चुद में उंगली कर पहली बार चरम सुख को प्राप्त करी
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पुनम का अपने भाई देवायत की ओर वासनात्मक झुकाव हो रहा है और उसके नाम से अपनी चुद में उंगली कर पहली बार चरम सुख को प्राप्त करी
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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ९

तभी उनके सरीरमे हजारो चीटीया रेगंती महेसुस करने लगी ओर वो स्वर्गमे पहोच गइ तो अचानक उनकी चुतसे अ‍ेक सफेद फवारा नीकला जीनकी वजहसे वो पुरी कांप गइ ओर हांफने लगी..फीर जुकके चुतकी ओर देखते सरमा गइ ओर मुस्कराते चुतको पानीसे साफ करने लगी फीर अपनी पेन्टी नही पहेनी ओर कपडे पहेनके बहार आगइ ओर मुस्कराती रही.., उनका आज देवायतकी ओर जुकाव बढ गया था....अब आगे

तब दुसरी ओर देवायत ओर चंदा दोनोही बहुत कामुक होते अ‍ेक दुसरेके लंड चुतको सीक्स नाइन पोजीसनमे होते अपने मुहसे खरोद रहेथे तब चंदाकी चुतने थोडीही देरमे जवाब देदीया ओर देवायतके मुहमे पानीका फवारा छोड दीया तो देवायत चाटके उसको साफ करने लगा, चंदाके लीये कीतना प्यारा अहेसास था वो अ‍ेसा देवायतके साथ कइ बार कर चुकी थी..उनको देवायतका पानी बहुतही अच्छा लगता था....
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तब देवायतने कमरके जटके मारने सुरु करदीये ओर पीचकारीया छोडके चंदाके मुहको भरने लगा तब देवायतजे पुरी ताकतसे कमरको चंदाके मुहमे दबा दीया ओर पानी सीधाही चंदाके हलकमे उतर गया, चंदाने देवायतके लंडको मुहसे नीकाल दीया ओर देवायतकी पीठमे मुका मारने लगी.. तब देवायत उनके उपरसे हसते हुअ‍े उतर गया.. तब चंदाभी जटसे बेटसे उतर गइ ओर बाथरुमकी ओर भागने लगी..

चंदा : (बाथरुमकी ओर भागते) कीतने कमीने हो.., उब..उआ..उ..आ..उउउउ..

करते चंदा बाथरुममे घुस गइ ओर उलटीया करने लगी तब देवायत उनके पीछे हसते हुअ‍े आ गया ओर उनकी पीठ सहेलाता रहा फीर चंदाने मुह साफ करलीया तो देवायतभी अपना मुह साफ करने लगा तब चंदाने हसते हुअ‍े उनकी पीठमे मुका मारदीया ओर पीछेसे पकडके अपनी बाहोमे भरलीया.. तब देवायत पलटके चंदाको अपनी गोदमे उठालेता हे बहारकी ओर चलते चंदाको बेडपे पटक देता हे.. ओर खुद उनके उपर लेटता हे तब चंदा..

चंदा : (सरमाके जोरोसे हसते) बेडबोय.., मुजेतो मारही डाला था..पुरा घुसा दीया..सांसभी अटक गइथी..

देवायत : (हसते चुमते) अरे डार्लींग अ‍ेसे थोडी मरने देता..तुमसे पहेले मे मर जाता..

तब चंदा देवायतके मुहपे हाथ रख देती हे ओर अ‍ेक तमाचा देवायतके गालमे जड देती हे.., उनके आंसु आजाते हे तब देवायत गालपे हाथ रखते उनकी ओर देखते रहेता हे तो चंदा देवायतको कसके बाहोमे भीच लेती हे ओर उनके चहेरेको पागलकी तराह चुमने लगती हे फीर रुकके उनकी आंखोमे देखते कहेती हे..

चंदा : (रुहांसी आवाजमे) देवु..आजके बाद अ‍ेसी बात कभी मत करना..मे तेरे बगैर जी नही पाउगी..

देवायत : (उनके आंसु पोछते) बस..सांत..सांत होजा, बेबी..आइ अ‍ेम सोरी, कभी नही कहुगा..

चंदा : (आंसु बहाते) देवु पता हे मे तुमसे कीतना प्यार करती हु..? भगवानसे तुजे हर जन्मके लीये मांगती हु मे रोज यही इश्वरसे प्रार्थना करती हुकी मेरा देवु ही मुजे पतीके रुपमे मीले..

देवायत : (उनके गाल सहेलाते) हां चंदा..जीस तराह तुम मुजे प्यार करतीहे उसी तराह मंजुभी करती हे वोभी मुजे हर जन्मके लीये मांगती हे.. मेभी प्रर्थना करता हु हर जन्ममे मुजे तुम दोनोही मीलो..क्या अपनी सौतनको स्वीकार करोगी..हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते सीनेमे मुका मारते) कीतने कमीने हो.., चलो ठीक हे.., अ‍ेक सौतन बरदास्त करलुगी.. हें..हें..हें..

देवायत : बेबी मुजे आपको अ‍ेक बात कहेनी हे..हां आपभी मुजे कुछ कहेने वाली थी..

चंदा : (सीरीयस होते) बाबु मुजे लगता हे अब मेरा यहा रहेना मु्स्कील लगता हे..वो गांवके लोग मेरे बारेमे तराह तराहकी बाते उडाने लगे हे..मुजे नही रहेना सरपंच.., जीनको सरपंच बनान हे वोही बाते फैलाता हे.., अबतो धिरेनभी जवान हो गया हे..वो सारा दीन रुममे पडा रहेता हे ओर पता नही मोबाइलमे क्या देखते रहेता हे..स्वभावभी बहुत चीडचीडा हो गया हे.., लगता हे गांव वालोकी बाते वोभी सुन चुका हे..

देवायत : कोन हे वो कमीना तुम सीर्फ नाम बताओ.., आजही उसे ठीक करदुगा.., ओर रही बात धिरेनकी तो.. (हसते) हां जवानीमे अ‍ेसा होता हे मेरा लखनभी अ‍ेसा हो गया हे.., इसीलेतो उनका रीस्ता तैय करदीया हे.. बस इसी सीलसीलेमे धिरेनकी तुमसे बात करनी थी..

चंदा : (हसते) क्या धिरेनके बारेमे..? कोनसी बात..?

देवायत : (चंदाके होंठको चुमते) बेबी..अब मेरी बहेन पुनमभी जवानीके दहेलीजपे कदम रख चुकी हे..ओर मे चाहता हु हमारे धीरेनसे उनकी सादी होजाये..क्या कहेती हो..? सीर्फ बता रह हु फोर्स नही करता.., पसंद ना होतो मना करदेना मेरे व्यवहारमे कोइ फर्क नही पडेगा.., क्या कहेती हो..?

चंदा : (खुसीसे हसते) कीतने कमीने हो..अरे बाबु पुनम जेसी लडकी मुजे कहा मीलेगी..? बस अ‍ेक बार धीरेनसे पुछलु.., मुजे कोइ अ‍ेतराज नही मेरी ओरसे रीस्ता पका हें..हें..हें.., चलो मुह मीठा करवाओ.. हें..हें..हें..

देवायत : (होंठ चुमते) मुं...हां.....लो हो गया अब चुतभी मीठी करवाता हु चल तैयार होजा..

चंदा : (जोरोसे हसते) कीतने कमीने हो.., रीस्ता पका करने आयेहो मेरे बेटेका वोभी उनकी मां चोदते हुअ‍े.., हें..हें..हें..चलो आजाओ..आज रीस्ता पका करही लेते हे..

तब देवायत चंदाके पैरके बीच चला जाता हे तो चंदा अपना दोनो पैर घुटनोसे मोडके फैला देती हे ओर देवायतकी ओर कामुक नजरसे देखते हसती रहेती हे, देवायत लंडको पकडके चंदाकी चुतपे घीसने लगता हे तब चंदा आधी नसीली आंख करते सीसकारीया करने लगती हे तभी लंड गीला होतेही देवायत चुतके लव होलमे लंडके टोपेको फसा देता हे ओर चंदाके उपर लेट जाताहे तब चंदा उसे कसके बाहोमे भीच लेती हे..ओर जोरोसे सीसकारीया करते देवायतके होंठ भीचलेती हे फीर उनकी ओर सरमाते देखती हे..
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देवायत : (कामुक आवाजमे) चंदा.. डालदु..? हं.. बोलनां..तेरी चुत आजभी कसी हुइ हे..हां..बोलनां..

चंदा : (मादक आवाजमे) हांआआआ..डालदो..क्यु तडपाते हो..सीइइइइ दे..वु..प्लीज...

देवायत : (मदहोसीमे) कीतना..? पुरा डालदु..? हां..बोल..बोलनां..

चंदा : हां..पुरा डालदो.., मत तडपाओ..बच्चा देदो..भरदो मेरी ..चुतको..डालोनां.. सीसीसीइइइइइअअअससस

तब देवायत चंदाके बुब्सकी नीपलको अपने होंठोसे दबाके खीचता हे तो चंदा पागल जेसी होजाती हे ओर देवायतके नींतबपे दोनो हाथ रखके देवायतकी कमरको अपनी चुतपे दबाने लगती हे तब देवायतने अ‍ेकही जटकेमे पुरा लंड चंदाकी चुतमे घुसा दीया.., चंदाकी चीख नीकल गइ ओर अपने पैर बेटपे पटकते आंसु बहाने लगी..क्युकी देवायतने अ‍ेकही बारमे पुरा लंड घुसा दीयाथा तो वो बरदास्त नही करपाइ

चंदा : (रोते) देवु..प्लीज. प्लीज..रुको..बहुत जलन होती हे..यार..अ‍ेकही बार मे घुसा दीया..

देवायत : सोरी बेबी तुजे देखतेही जोस चडा हुआथा..नही रोक पाया..अभी ठीक होजायेगा..

देवायत थोडी देर अ‍ेसेही रहेता हे तब चंदाको राहत महेसुस हुइ तब उनकी दर्द भरी सीसकारीया कामुक सीसकारीयामे तबदील होगइ ओर अपनी कमर धीरे धीरे हीलाने लगी तो देवायतभी समज जाता हे ओर वो धीरे धीरे कमर हीलाते जटके मारने लगता हे ओर चंदाकी चुदाइ करने लगता हे, वो बीच बीचमे चंदाके होंठ ओर बुब्सको चुसता रहेता हे तब चंदा अ‍ेकदम मदहोस हो चुकीथी ओर देवायतका साथ दे रही थी.. वो दोनो हाथसे चदर पकडके लगातार चुदते हुअ‍े देवायतकी आंखोमेही देख रही थी..
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चंदा : सीइइइइ जानु..थोडा जोरोसे..ब..हु..त..म..जा..आ..र..हा..हे..अ‍ेअ‍ेअ‍ेअसीइइइ आह..आह..आह..

देवायत : (जोरोसे चोदते) पुरा..डालदु..हां..बोलना..देदु बच्चा..हं..तु मस्त..चीज..हे..बोलना..बच्चा..देदु..

चंदा : (नसीली आधी बंध आंखोसे) नही..पता..सीइइइ आह..उइइइ ओह..ओह..ओह.इइइ गगगइइइइइइ..

कहेते चंदा देवायतको कसके बाहोमे भीचलेती हे ओर जडने लगतीहे..,तब नीढाल होके चुदवाती रहेती हे उनके दोनो बुब्स जोरोसे चुदाइकी वजहसे उछल रहेथे.., देवायत अबभी जोरोसे चोदेअी जा रहाथा दोनोही चुदाइ करते कामुक बाते करते चुदाइ कर रहेथे तब देवायत अकडके कमरको जटके मारने लगा तो चंदाने कसके बाहोमे भीचलीया ओर होंठोको लीपलोक करलीया तभी देवायका लावा छुटके चंदाकी चुतको भरता रहा

जब तुफानका भवंडर चंदाकी चुतको भरके सांत हो गया तब देवायत चंदाके उपर ढेर होगया तब चंदा उनकी पीठ सहेलाती रही ओर दोनोही अपनी सांस कंटड्ढोल करते रहे थोडी देर दोनोही बीना कुछ बोले अ‍ेसेही अ‍ेक दुसरोकी आगोसमे पडे रहे तब देवायतका लंड अबभी चंदाकी चुतमे मुरजा हुआ पडा था तब चंदाको अपनी चुतके अंदर चीपचीपासा लग रहाथा तो देवायतको अपने उपरसे हटनेको कहेने लगी..

चंदा : (धीरेसे थकी हुइ आवाजमे) देवु..दे..वु.., हटोनां..बाथरुम जाना हे..

देवायत : (सर उचा करते) हां हां..रहेने देना..अंदर अबभी गरम भठी जेसा लग रहा हे..मुजे अ‍ेक बार ओर करना हे..अ‍ेसेही रहेने देना..

चंदा : क्या रहेने देनां.., देखो कीतने बजे हे..खाना नही खाना क्या..? फीर कर लेना..साम तक उपरसे नही उतरने दुगी बस.., चलना भुख लगी हे..पता नही कीतना पानी नीकालतेहो पुरी चुत भरी हे.., तुमनेतो अ‍ेकही बारमे थका दीया.. पता हे मुजे तीन बार जडा दीया हे..हीलनेकी ताकात नही हे..मुजे ले चलोनां..

तब देवायत उनके उपरसे हट जाता हे तब लंड नीकतेही फच..की आवाज आती हे तो देवायत हसने लगता हे तो चंदा सरमा गइ ओर अ‍ेसेही पडी रही तब उनकी चुतसे दोनोका कामरस चुतसे बहारकी ओर टपकने लगा.., तब चंदा हाथके बल उची होगइ ओर चुतमे दबाव बनाते पुरे रसको बहारकी ओर उडेलनेकी कोसीस करती रही.., वो प्रेगनेन्ट होना नही चाहतीथी सब रस नीकल गयातो चुतको अपनी पेन्टीसे साफ करलीया..
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फीर देवायतकी ओर हसते हुअ‍े हाथ लंबा करदीया तो देवायत उसे गोदमे उठा लेता हे ओर बाथरुमे लेजाता हे तब दोनोही नहाने लगतेहे तब चंदाके लंबे खुले बाल देखते देवायत फीरसे गरम हो जाता हे ओर नहाते नहाते चंदाकी मस्ती करते छेडछाड करने लगता हे तब अ‍ेकबार फीरसे दोनो गरम होके उतेजीत हो गये.. तभी देवायतने चंदाको पीछेसे बाहोमे भीचलीया ओर पीछेसे ही खडेखडे लंको चंदाकी चुतमे घुसा दीया
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दोनोही खडे खडे चुदाइ करने लगे जब दोनो जड गये तो चंदा देवायतसे छुटके मुका मारते हसती हुइ बहार भाग गइ..फीर दोनोही तैयार होके नीचे आगये, चंदाने अपने बालोका ढीला जुडा बनालीया ओर खाना गरम करके नीकालने लगी जब खाना नीकालके बहार आइ तो देवायतने उसे अपनी जांगोपे गोदमे बीठा दीया ओर अपने हाथोसे खीलाने लगा तो चंदाभी देवायतको खीलाती रही दोनोही प्यारकी भावनामे बहेकते अ‍ेक दुसरेको खीलाने लगे ओर खाना खा लीया तब चंदाने सब बरतन धोके रखदीये..

जब चंदा सब काम नीपटाके बहार आइ तो देवायतने उसे फीरसे गोदमे उठालीया ओर उपर बेडरुममे लेगया फीर दोनो प्यारकी आगोसमे चले गये ओर दो जीस्म अ‍ेक जान होगये साम ६ बजे तब बीना नीचे उतरे ही देवायत चंदाकी जमकर चुदाइ करता रहा, तब चंदाभी देवायतका पुरा साथ देती रही, आखीर उनका पतीजो था, साम तक देवायत चंदाकी चुतको चार बार भर चुका था फीर दोनो नहाके तैयार हो गये..

चंदाने अपने कपडे पेक करलीये वो आज अच्छेसे तैयार हुइथी बस उसने सामको अपनी मांग नही भरी, क्युकी वो देवायतके घर जा रही थी वहा मंजुको पता चल जाता.., बाकी जबभी घरमे अकेली होतीथी वो देवायतके नामकी मांग भरना नही भुलती थी, चंदाने घरको ठीकसे ताला लगादीया.. तबतक देवायत कार के बहार खडा रहा फीर चंदाने गेइटभी अच्छेसे बंध कीया ओर आकर देवायतकी बगल वाली सीटमे बेठ गइ..

चंदा : (हसते) तो मजनुजी चले..? आजतो मेरी सारी कशर पुरी करदी.. अभीभी नीचे हल्का दर्द हो रहा हे.., देखना वहाभी मेरा खयाल रखना पडेगा.. अभीसे केह देती हु.. हें..हें..हें..

देवायत : (कार चलाते) अरे चलोतो सही..वहा अ‍ेसी बजाउगाकी ठीकसे चलभी नही सकोगी..

चंदा : (सरमाते हसते) ना बाबा नां देखना..हमारी फजीहत ना होजाये.., अगर मंजुको सक हो गयातो दोनो गये कामसे..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) अरे नही..मेरी मंजुतो खुस होजायेगी..हें..हें..हें.., तुजे पता हे मंजु अब नही कर सकती..तो उसने मुजे पुरी छुट दे रखी हे..

चंदा : (जोरोसे हसते) क्या..मंजुने छुट देदी..? इम्पोसीबल..वो तुमसे बहुत प्यार करती हे..कभी छुट नही देगी.., अगर मे होतीतो तुजे कच्चा ही चबा जाती..हें..हें..हें..

देवायत : (गंभीर होते) चंदा मुजे अ‍ेसा क्यु लग रहा हे..अ‍ेक दीन मे सबके सामने तुजे अपनाउगा..

चंदा : (सीरीयस होते) देवु.., ये क्या बोल रहेहो तुम..लोग क्या कहेगे..अ‍ेसा कभी नही होता..

देवायत : चंदा अगर तुजे सरपंच नही रहेना तो वहा रहेके क्या करोगी..? वहा सब बेचके धरही रहेने आजाओ.., यहा सब जमीन बाडी मकान खरीद लेना.. बाकी वहा उन लोगोको मे देख लुगा..

चंदा : नही देवु..कीसीसे जगडा नही करना.., बस हमारे धिरेनकी सादी तक उधरही रहेना हे, मे सब सम्हाल लुगी..अगर तुम्हारी जरुरत पडी तो फोन करदुगी आजाना.., कमीना.. खुद उनकी भाभीको ठोकता हे ओर मुजे बदनाम करता हे..

देवायत : (हसते) क्या उनके भाइको सब पता हे..? कोन हे वो..?

चंदा : भवान नाम हे उनका.., वोही अब सरपंच होना चाहता हे..इसीलीये मेरी जुठी बात फेलाता हे..

देवायत : कोन..वो भवान..भीमाका छोटा भाइ.., क्या ये वोहीतो नही..?

चंदा : (उनकी ओर देखते) हां..वोही.., क्या तुम जानतेहो उसे..?

देवायत : (कातील मुस्कानके साथ) हां..जानता हु उनका भाइ भीमा मेरा दोस्त हे.., हम स्कुलमे साथ पढते थे.., क्या वो कमीना भीमाकी बीवीकोही चोदता हे..

चंदा : (जुठा मुह बनाते देवायतको मुका मारते) हंहंहं.. छी.., कीतना गंदा बोलते हो.., सरमभी नही आती.. हां वोही हे.. अभी तक कोइ बच्चा नही हुआ..तो दोनो लगे होगे..हें..हें..हें.., देवु उनके भाइके बारेमे अ‍ेक बात बताउ..? जब उनकी सादी नही हुइथी तब वो खुद अपनी बहेनसेही..मतलब सब कुछ करते थे..,अब उनकी बहेनकीभी सादी हो गइ हे.. वो अब यहा कभी नही आती..घरमे सबको पता चल गया था.., हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) देखा ये कमीनी आगही अ‍ेसी हे.. कोइ रीस्ते नाते नही देखते..

चंदा : (गंभीर होते) जानु..क्या अ‍ेसे रीस्ते जाइज होते हे..? जेसे हमारा.., मेभीतो आपकी मौसीजी हुं..

देवायत : (कार चलाते) नही चंदा हमने सच्चे दीलसे प्यार कीया हे, ओर तुजे अ‍ेक बातभीतो बतानी हे.., हमारे रीस्तेके बारेमे सीर्फ अ‍ेकही आदमीको पता हे..

चंदा : (चोंकते) कोन..हे..? कीसको पता हे..?

देवायत : (हसते) तु टेन्शन मत ले..वो त्रिकाल ज्ञानी हे.., उनको सब पता चल जाता हे.., हमारे गुरुबाबा.. वो सबकुछ हमारे बारेमे जानते हे.., बस वोही सब बाते मे तुमको बताने वाला था.., बेबी अब हमारे घरमे बहुत कुछ होने वाला हे.., वहा तुजे अकेलेमे फुरसतमे बताउगा..

चंदा : देवु अ‍ेसी क्या बात हे जो तु इतना चीतांमे दीख रहा हे..

देवायत : नही बेबी कोइ चीन्ता नही.. बस हम अकेले होगे तब तुजे सबकुछ बताउगा.., अभी उचीत वक्त नही हे.., बस तु अ‍ेक बार धिरेनसे पुछले.., मेरी मंजु सुनेगीतो बहुत खुस होजायेगी मेने उनसे बात छीपाइहे उनको सरप्राइज देने.., हें..हें..हें..

चंदा : (हसते) ओ..हो.., तो ये बात हे.. चलो मेभी मेरी भांजीकी खुसी देख सकुगी.., क्या पुनमको पता हे..?

देवायत : (हसते) नही..उनको सीर्फ इतना पता हे मे रीस्तेकी बात करने जा रहाहु..कहा कीसके साथ वो नही बताया.., बस उनकोभी सरप्राइज देनी हे.., हें..हें..हें..

चंदा : (जोरोसे हसते) ये सरप्राइज देना कहासे सीखके आये हे.., मुजे जातेही आइपील लेनी हे.., आपके प्यार करनेके चकरमे भुल गइ.., वरना कुछ दीनके बाद आपकोभी सरप्राइज मीलेगी हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) तो अच्छा हेनांं.. करलेती हमारा अ‍ेक बच्चा..

चंदा : दे..वु.., आ..यु सीरीयस..? क्या सचमे आप बच्चा चाहते हो..? बाबु मेरीतो बहुत इच्छा हे.. पर नही कर सकती.. मजबुरी हे.. आपभी जानते हो.. सोरी यार.. फीरभी आप चाहतेहो तो मे कुछ सोचती हु..

देवायत : (हसते) नही बेबी..मेतो मजाकमे केह रहा हु.., कास हम पहेले मीले होते.. मे आपकी सारी तम्मना पुरी करदेता.. चलो हमारा गांव आगया.., हम इस बारेमे फीर कभी बात करेगे..

दोनोही अपने गांव आगये देवायतने कारको सीधेही हवेलीमे लेली ओर आंगनमे खडी करदी.. कारकी आवाज सुनतेही मंजु जटसे हसती हुइ आने लगी.., उनको पताथा उनकी खास सहेली ओर अ‍ेक लौती मौसीजो आने वालीथी, तब चंदा कारसे उतरतेही हसती हुइ मंजुकी ओर दोड पडी ओर उसे जोरोसे गले लग गइ तब उनके पेटका खयाल रखा.. फीर दुर हटके दोनो हाथ मंजुके गालपे रखदीया ओर हसते उनकी ओर देखती रही....

कन्टीन्यु
 
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