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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ५
कहेके कीचनमे चली गइ फीर थोडी देरके बाद सबके लीये पानी लेके आगइ ओर सबने खाना फीनीस कीया फीर मंजु ओर भावना चंदाने मीलके सब काम समेट लीया फीर होलमे सब आके बेठ गये ओर भावनाकी टांग खीचाइ करते रहे भावना वही रुकने वालीथी तब मंजुलाने जानेकी बात कही तब देवायत ओर मंजुला नीकलने लगे तब गले मीलते चंदा ओर देवायतने आंखोसे बहुत सारी बात करली....अब आगे

फीर गाडी लेके मंजुला ओर देवायत देर रात हवेलीपे आगये..आज चंदासे प्यारका इजहार करदीया तबसेही देवायतका लंड खडाथा ओर वो काफी उतेजीत था जब दोनो अपने रुममे गये तब देवायत लगभग मंजुलामे उपर टुटही पडा वो फटाफट खुदके ओर मंजुलाके कपडे नीकालने लगा तब मंजुला सरमाके हसती रही तब देवायत खुद नंगा होगया ओर मंजुलाकोभी पुरी तराह नंगा करके बेडपे सुलाके उपर चड गया

मंजुला : (हसते) थोडातो सबर करलो..कीसको देखके इतने गरम होगये..कही मौसीनेतो कुछ नही कीया..?

देवात : (बात छुपाते) अरे मौसी क्या गरम करेगी..बस मेरे लीयेतो तुही अ‍ेकदम होट चीज हे चल आजा..

कहेके देवायत मंजुके होंठ भीचलेता हे ओर अ‍ेक हाथसे जोरोसे उनके उरोजोको मसलने लगता हे तब मंजुलाभी काफी गरम होगइ..ओर दोनोही प्यारकी गहेराइओमे गोते लगाने लगे पताही नही चला कब देवायतके लंडको मंजुलाने अपनी चुतकी गीरफ्तमे लेलीया मानो कीसी सांपने चुहेको नीगल लीया दोनोही कमर हीला हीलाके चुदाइमे मसगुल हो गये ओर घुआधार चुदाइ होने लगी..

रुममे सीर्फ मंजुकी चुडीयोकी ओर पायलकी आवाज के साथ फच..फच..थप..थप.की आवाज सुनाइ देरहीथी इसी बीच मंजुला अ‍ेक बार जड चुकीथी तब देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचके आपसमे होंठ चीपका लीये तो देवायत समज गयाथाकी मंजु जड रही हे उसे अपने लंडपे मंजुके गरम पानीका अहेसास हुआ ओर थपकीकी आवज फच..फच..फच..आवाजमे बदल चुकी थी तब देवायत जोरोसे मंजुको सोट मारते चोदने लगा

ओर जुकके मंजुलाकी गरदनमे हाथ डाल दीया, मंजुलासे पुरी तराह चीपकके बाहोमे भीच लीया ओर अपनी कमरको जटके मारने लगा तब मंजुलाने दोनो हाथ देवायतकी पीठमे रखते उसे बाहोमे कस लीया तभी उसे अपनी बच्चेदानीपे देवायतका गरम गाढा पानी महेसुस होने लगा ओर देवायत उनके सीनेपे सर रखके ढेर होगया तब मंजुला उनकी पीठ सहेलाती रही ओर दोनो अपनी सांसको दुरस्त करते अ‍ेसेही पडे रहे

मंजुला : जानु..आजतो मजा आगया..कीतना जोरोसे करतेथे आप..अभीभी अंदर गरम लग रहा हे..

देवायत : डार्लींग आजतो पुरी रात मुजे तेरी चुदाइ करनी हे..क्या मस्त चुत हे तेरी..

मंजुला : (हसते) जानु देखना मेरी हालत ना खराब हो जाये..वरना सुबह बा ओर बापुजी देखेगे..हें..हें..हें..

देवायत : बेबी आप भावुकी बात अपनी बासे करलो हमारे भानुके लीये वो बहुतही अच्छी लडकी हे

मंजुला : (हसते उनके सरको सहेलाते) ठीक हे..बाबा मे बा से बात कलुगी..हमारे भानुभाइके लीये मेरी भावुही ठीक हे कीसीभी तराह मे ये रीस्ता करवाउगी..बस..अबतो खुस होजाइअ‍े..हें..हें..हें..

तब हसते वापस देवायत अपनी कमर हीलाने लगता हे ओर अ‍ेक बार फीर दोनोके बीच घमासान चुदाइ होती हे फीर २० मीनीटकी धुआधार चुदाइके बाद दोनोही साथमे जड जाते हे ओर अ‍ेक दुसरेकी आगोसमे चीपकके सो जाते हे अ‍ेसेही दीन नीकलने लगे तब दुसरी ओर चंदाकोभी चेइन नही मीलताथा अब वो हर रात करवटे बदलते रहेतीथी फीर उंगलीसे अपने आपको सांत करके देर रात सो जाती थी

अब उनको देवायतके आगोसकी सख्त जरुरत थी वो धिरेनको दो दीनके लीये बहार भेजनेकी योजना बनाने लगी तभी मंजुलाका फोन आगया वो तीन दीनके लीये मायके जाने वालीथीतो मौसीकोभी बुलानेके लीये फोन करदीया तब चंदाने बडीही सावधानीसे तबीयत खराब होनेका (पीरीयड) बहाना बनादीया ओर धिरेनको भेजनेकी बात करली फीर मनही मन रोमांचीत होते खुस होने लगी..तब धिरेन आता हे..

चंदा : बेटा तेरी मंजु दीदीका फोन आयाथा वो मौसीके घर आ रहीहे तुजे याद कर रहीथी क्या वहा जाना हे..? मेनेतो कहा धिरेन आजायेगा मेरी तबीयत ठीक नही हे..तो चला जा..

धिरेन : (खुस होते) ठीक हे मम्मी..दीदी कब जा रही हे..? मेतो आजही चला जाउगा..

मंजुका कोइ भाइ नहीथा ओर धिरेन उनकी मौसीका अ‍ेक लौता बेटाथा तब मंजुके बा बापुजीभी धिरेनको बहुत प्यार करतेथे ओर उनको अपने बेटेकी तराहही रखते थे तब धिरेनकोभी वहा ज्यादा लाड प्यार मील रहाथा तो वो हमेसा मौसीके घरजानेको रेडीही रहेता था राखीके दीनभी मंजुला ओर भावना धिरेनको ही राखी बांधतीथी ओर धिरेनको अपना सगा भाइ मानके खुब प्यार करती थी

दो बहेने अपनी मौसीको सहेलीकी तराह मानते उनसे सब बाते सैर करती थी तब सामकोही धिरेन अपने तीन चार जोडी कपडे लेके नीकल गया तब चंदा खुसीसे छोटे बच्चेकी तराह अपने रुममे जाके उछलने लगी ओर फोनपे देवायतका फोटो देखते उनसे बाते करने लगी फीर उसने देवायतसे बात करनेकी ठानली पर समजमे नही आताथाकी वो उनसे आनेके लीये केसे कहे फीरभी हीमत करते सरमाते फोन करदीया..

देवायत : (चंदाका फोन देखतेही समइलके साथ) आखीर मेरी होनेवाली बीवीको मेरी याद आही गइ..

चंदा : (सरमाके हसते) सुनीये..वो..मंजुका फोन आयाथा..दीदीके वहा जा रही हे..मुजे केह रहीथी..तो मेने बहाना बनाके मना करदीया..वो..धिरेनको भेजदीया हे..अभी चला गया..तीन चार दीन रुकेगा उधर..तो मे अकेली हु..तीन चार दीन..मंजु कब जा रही हे..?

देवायत : (खुस होते) कल..कल सुबह उसे छोडने जा रहा हु..तो फीर छोडके आजाउगा..कुछ लाना हे..?

चंदा : (सरमाते धीरेसे) जी..वो..वो..दो फुलोका हार..वोही लेआना..बाकी जो आपका मन हो..

देवायत : सुनो..वो कल..सादीका जोडा पहेन लेना..हम कही दुर मंदिरमे जायेगे..समज गइनां..

चंदा : (सरमाते) जी..वो जरा..ध्यान रखके आना..इधर सब होते हे..

देवायत : जी..वो मेरी ब्लेक ग्लास वाली गाडी लेकेही आजाउगा..उसमे नही दीखाइ देता..सीधे अंदरसे ही चले जायेगे..ओर अंदरही आजायेगे..कीसीको नही पता चलेगा..कुछ नही दीखाइ देता उसमे..

चंदा : जी..मे इन्तजार करुगी..रखती हु..

कहेके फोन काट दीया ओर चंदा अपने सीनेपे फोन रखते आंख बंध करते खुस होजाती हे ओर हसने लगती हे वो आज बहुतही रोमांचीत हो रहीथी फीर मोबाइलमे देवायतके फोटोके साथ बच्चेकी तराह बाते करने लगी अ‍ेसेही साम ढल गइ, मंजुला तीन चार दीनके लीये जाने वालीथी तो आज देवायतने रातमे वायग्रा खाली ओर इस रात मंजुलाकी पुरी रात तीन बार जमकर चुदाइ की तब मंजुलाकी हालत खराब हो चुकीथी वो ठीकसे चलभी नही पा रहीथी फीर देवायतने उसे पेइनकीलर देदी ओर दोनो चीपकके सो गये

सुबह तक मंजुला काफी हद तक ठीक होगइ आज वो सादीके बाद पहेली बार अ‍ेसे अपने पतीके साथ जा रहीथी तो सज सवरके तैयार होगइ तब देवायतने फीरसे उसे बाहोमे भीचलीया ओर होंठ चुमने लगा तब वोभी देवायतका साथ देने लगी फीर जटसे अलग होगइ ओर देवायतके सीनेपे मुका मारदीया..

मंजुला : बस कीजीये आपकोतो बस प्यार करनाही सुजता हे..चलीये बहार..

देवायत : (हसते) डार्लींग क्या कयामत लग रहीहो चलना अ‍ेक राउन्ड फटाफट खडे खडे होजायेगा..

मंजुला : (जुठे गुस्सेसे) कोइ जरुरत नही..पुरी रात सोने नही दीया..हालत खराब करदी..फीरभी जी नही भरा..बाबु तीन दीनकीतो बात हे फीर मे मेरे बेबीको खुब प्यार करुगी चलो मेरे अच्छे बच्चे..हें..हें..हें..

तब देवायत इनकी अ‍ेसी सरारत देखके हसने लगता हे ओर अ‍ेक बार फीरसे उसे बाहोमे भरके होंठ चुमलेता हे फीर दोनो बहार आजातेहे ओर चाइ नास्ता करलेते हे तब मंजुला अपने सरपे पलु रखते अपने सास ससुरके पांव छुती हे फीर बहार जाने लगती हे तब देवायतभी जाते जाते अपने बा बापुजीको कहेता हे की मे इसे छोडके सहेर जा रहा हु वहा दो दीनका काम हे तो मेरी राह मत देखना.. कहेके गाडीमे बेठ जाताहे तब मंजुलाभी साथमे बेठ जातीहे ओर देवायत कार लेके नीकल जाता हे..

मंजुला : (हसते) आज कल बहुत कुछ छुपाते हो..आपने सहेर जानेकी बात क्यु नही की..

देवायत : (हसते) अरे बेबी येतो तुम दो तीन दीनके लीये जा रहीहो तो तीन चार काम बाकी था तो सब नीपटाने जा रहा हु कलतो आजाउगा..तु फोन करना तब लेने आजाउगा..

मंजुला : (हसते) ठीक हे..मे फोन करुगी..तो जल्दी आना फीर वहा खाना खाकेही आजायेगे..बा केह रहीथी..तो परसो सामकोही आजाना..अब आपके बीना मुजेभी वहा अच्छा नही लगेगा..आदतजो पड गइ हे..

देवायत : (हसते) इसीलीये केह रहाथा अ‍ेक राउन्ड करले..हें..हें..हें..

मंजुला : (देवायतको बाजुमे मुका मारते सरमाके हसते) अ‍ेक लगाउयीना..मे वो नही केह रहीथी..बाबु आपका साथ अच्छा लग रहा हे इनकी आदतकी केह रहीथी..हें..हें..हें..

देवायत : सुनो वो बा बापुजीसे भावनाकी बात करके आना..हमारे भानुके लीये..भुलना मत..

मंजुला : (हसते) हां बाबा हां..मुजेभी ये रीस्ता करनाही हे..हमारे भानुभाइ बहुत अच्छे हे..बात करुगी..

तब अ‍ेसीही बाते करते दोनो जा रहेथे तब मंजुलाने सरारतके इरादेसे देवायकी जांगपे हाथ रखदीया ओर उनकी ओर तीरछी नजरोसे देखते जांघको सहेलाने लगी तब देवायतसे कंटड्ढोल नही हुआ ओर गाडी सीधी जंगलमे मोडली तब मंजुला उसे हसते हुअ‍े रोकनेकी कोसीस करती रही ओर अ‍ेक सुमसान जगाह कार रोकके मंजुलाको लेके पीछली सीटपे चला गया

ओर लंड नीकालके बेठ गया ओर मंजुलाकी सारी कमर तक उची करके अपनी जांगोके बीच बीठा दीया ओर लंडको चुतमे सरका दीया ओर उछलते बेठे बेठेही मंजुकी चुदाइ कर डाली जब दोनो जड गये तब मंजु उनके सीनेपे हसपे हुअ‍े मुके मारने लगी फीर दोनोनेही अपने पार्ट साफ करलीये ओर कपडे सही करके चल पडे तब देवायत मंजुकी ओर देखते जोरोसे हसने लगा तो मंजुला ने कहा..

मंजुला : (हसते कातील नजरोसे) तुम बहुतही कमीने हो कोइ अ‍ेसे करता हे..?

देवायत : (हसते) क्या करु डार्लींग..तुम मस्त दीखती हो, तुमने हीतो गरम करदीया था..हें..हें..हें..

मंजुला : (हसते) अरे बाबा अबतो कभी आपको नही छेडुगी..भुगत लीया मेने..हें..हें..हें..

अ‍ेसेही मस्ती मजाक करते दोनो पहोंच गये वहा बडेही उत्साहके साथ दोनोका स्वागत हुआ तब सबसे ज्यादा भावना खुस हुइ देवायतको देखतेही वो कामाग्नीमे जलने लगी ओर अपनी चुत गीली करली तब फटसे बाथरुममे घुस गइ ओर उंगलीसे अपने आपको सात करके वापीस बहार आगइ तब धिरेन ओर देवायत बातोमे मसगुल थे फीर भावना ओर धिरेनने देवायतकी खुब टांग खीचाइ की..

फीर चाइ पानी पीकर देवायत नीकल गया ओर रास्तेसे दो फुलोका हार लेलीया फीर अ‍ेक ज्वेलेरीकी सोपसे मंगलसुत्र ओर अ‍ेक डायमंड नेकलेस भी लेलीया ओर सीधेही चंदाके घर पहोंच गया कार सीधीही अंदर लेली ओर जटसे उतरते आजु बाजु सब देखते अंदर चला गया तब कारकी आवाज सुनके चंदा दरवाजेके पीछेही खडी होगइ जेसेही देवायत अंदर आगया तो चंदाने तुरंतही दरवाजा बंध करदीया

फीर नजर जुकाके वही खडी रही, देवायतने दरवाजेकी आवाज सुनी ओर चार कदम चलके पीछे पलट गया तो वहा चंदा नजर जुकाके खडीथी तब देवायतने दोनो हाथ फैला दीये तब चंदा दोडके देवायतकी बाहोमे समा गइ ओर अपनी सांसे तेज होगइ तब देवायतने उसे कसके बाहोमे भीच लीया..

दोनोही अ‍ेक दुसरेकी बाहोमे काफी देर खडे रहे तब देवायतने अलग होते उनके दोनो हाथ पकड लीये ओर उनकी आंखोमे देखने लगा तब अ‍ेक बार फीर चंदा उनकी बाहोके समा गइ ओर देवायतके सीनेपे सर रखदीया तब देवायत उनकी पीठ सहेलाता रहा चंदा पुरी तराह सादीका जोडा पहेनके आइथी तब देवायतने उनको अपनी गोदमे उठालीया ओर सोफेकी ओर चल पडा तब चंदा अबभी उनके सीनेसे चीपकी थी

देवायत : (सोफेपे बीठाते) तो मेरी बीवी दुल्हन बन ही गइ..चल देर हो रही हे..

चंदा : (सरमाते) बस आपहीका वेइट कर रहीथी..क्या फुलहार लाये हे..? तो फीर कुछ सामान लेनाहे आप बैठो मे अभी आती हुं..

कहेके वो रुममे चली गइ फीर थोडी देरके बाद अ‍ेक केरी बेग लेके आगइ उसमे देवायतने दीया हुआ डड्ढेस ओर सींदुरकी डीबी वगैरे लेलीया तब देवायतभी खडा हो गया ओर दोनोही बहार जाने लये तब पहेले चंदाने बहार सर नीकालके आजु बाजु सब देखलीया जब कोइ नजर नही आया तब देवायतको जटसे कारमे बेठनेको कहा, जब देवायत नीकलके कारमे बेठ रहाथा तब चंदाने फटाफट ताला लगादीया ओर दोडके देवायतकी बाजुकी सीटमे बेठ गइ ओर देवायतने कार तेजीसे जाने दी..

चंदा : (देवायतकी ओर हसते) हम..कीधर जायेगे..आपने कुछ तैय कीया हे..?

देवायत : हां आगे जंगलमे हे अ‍ेक मंदिर वही जाना हे..वहा कोइ नही आता सीर्फ सालमे दो बार कबीलेके लोग आते हे..उनकाही मंदिर हे.., चंदा आज तु मस्त दीखती हे मुजसे पहेले क्यु नही मीली..?

चंदा : जब मेरी सादी हुइ तब आप थोडे छोटे थे नये नये जवान होगे..हें..हें..हें..क्या कीसीको मालुमतो नही हेकी आप इधर आये हो..?

देवायत : (उनकी ओर हसते) नही..सहेरका बोलके आया हु..बस अब ये दो दीन सीर्फ मे मेरी इस बीवीके साथही हु..ये दो दीनमे दुनीयाकी सब खुसीया तुजपे लुटानेको तैयार हु..

चंदा : देवु..पता नही अ‍ेक डरसा लग रहा हे..कही मे मंजुको धोखातो नही दे रही.., देखना उनको हमारे रीस्तेके बारेमे पता ना चले..वरना मे जी नही पाउगी..

देवायत : चंदा फीकर मत करो हमारे रीस्तेके बारेमे सीर्फ हम दोनही जानते होगे कीसीको पता नही चलेगा..

अ‍ेसीही बाते करते देवायतने कार सीधेही जंगलमे मोडदी जब वहा पहोंचे तब ११ बज चुकेथे पुरे जंगलमे कोइ नही था बस थातो..केवल..सनाटा ओर कुछ पक्षीओके कीलबीलाहट की आवाज, मंदिर बहुतही पुराथा अ‍ेक खंढहरकी तराह अंदर परीसरमे पेडके सुखे पते थे ओर अंदरभी सुखे पते ओर सुखे हुअ‍े फुल नजर आ रहेथे तब देवायतने कुछ पते हाथसे हटाये ओर वहीसे अ‍ेक दीया ओर अगरबती जलाइ

चंदा : देवु लगता हे ये बहुतही पुराना मंदिर हे यहा कोइ आता नही होगा..

देवायत : चंदा..ये कबीले वालोका मंदिर हे वो सालमे सीर्फ दो बारही इधर आते हे या फीर कोइ भागके सादी करना चाहतेहे तभी इधर आके भगवानके सामने सादी करलेते हे तबही उनकी सादी जायज मानी जाती हे..

चंदा : (हसते) आपतो कबीलेके बारेमे काफी कुछ जानते हो..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) हां..उन लोगोकी सब सम्यस्याका मेही समाधान करवाता हु वो मेरी सब सुनते हे..

चंदा : (जोरोसे हसते) तबतो सब कबीलेके सरदार आपही हो हें..हें..हें..

देवायत : (उनकी ओर देखते हसते) तो फीर..,मेडम आप भुल रहीहे अ‍ेक जमानेमे हमारे पुर्खो यहाके राजा हुआ करतेथे तबसेही सब कबीले वाले हमे बहुत मानते हे..उनके लीये हम आजभी उनके राजा हे..

चंदा : (सरारतसे हसते) अच्छा..? तो क्या आज मे इस राजाकी रानी हो जाउगी..हें..हें..हें..?

देवायत : (हसते) अफकोर्स..तुम ओर मंजु इनके लीये रानीही हो..हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते कातील नजरसे) ओर आपके लीये...?

देवायत : (उनके पास आते बाहोमे भीचते) अरे आपतो मेरी रानीतो होही..मेरे जीगरके टुकडेभी हो..

तब चंदा देवायतके सीनेमे सर रखते आंख गीली करलेती हे ओर देवायतकी बाहोमे अ‍ेसेही खडी रहेती हे तब देवायत उनको अलग करता हे ओर जेबसे रुमाल नीकालके उनकी आंख पोजता हे फीर उसे मंदिरके सामने लेजाता हे ओर दोनो अ‍ेक दुसरेके सामने खडे हो जाते हे..तब देवायत दोनो हार नीकालके अ‍ेक चंदाके हाथोमे देता हे ओर चंदाकी ओर धुमके दोनो अ‍ेक दुसरेके सामने खडे होते हे तब देवायत कहेता हे..

देवायत : चंदा आज मेरी जींदगीका सबसे हसीन दीन हे मेरा प्यार पवित्र हे मुजे हार पहेनाके अपनालो..

तब चंदा नजर जुकाके दोनो हाथ उचा करते देवायतके गेलेमे हार पहेना देती हे..तब देवायतभी चंदाको हार पहेना देता हे.. तब देवायत चंदाका हाथ पकडलेता हे ओर उसे मंदिरके बहार लेआते मंदिरकी प्रदक्षीणा करने लगता हे तब चंदा सीर्फ देवायतको देखते उनके पीछे पीछे चलने लगती हे जब तीन प्रदक्षीणा करली तब देवायत चंदाको आगे करदेता हे ओर खुद उनके पीछे चलने लगता हे फीर दोनो अंदर चले जातेहे तब..

देवायत चंदाका हाथ पकडके रखता हे ओर वो सारी कसमे खाता हे जो अभी मंजुके साथ सादीके वक्त खाइथी तब चंदाभी वो सब कसमे दोहराती हे जो मंजुलाने खाइथी ओर देवायतको पतीके रुपमे समर्पीत होनेकी कसमे खातीहे ओर उसे अपना पती मानलेती हे, देवायतभी चंदाको पत्नीके रुपमे स्वीकार कर लेता हे ओर उसे पुर्ण समर्पीत होता हे तब देवायत उसे जेबसे मंगलसुत्र नीकालके पहेनाता हे ओर दोनो हाथ जोडके नमन करते हे

तभी चंदा अपनी केरी बेगसे सींदुरकी डीबी नीकालके देवायतको थमा देती हे तब देवायत अ‍ेक चुटकी भरते चंदाकी मांगको भरने लगता हे तब चंदा आंख बंध करते आंसु बहाने लगती हे तब देवायत उनकी मांगको भरदेता हे तब चंदा आज अपने पुराने पतीके सब बंधनोसे मुक्त होनेका सोचते जोरोसे रोते हुअ‍े देवायतके सीनेपे सर रखते फुटफुटके रोने लगती हे तब देवायत उसे बाहोमे भरते उनकी पीठ सहेलाता हे..

देवायत : (उनके आंसु पोछते) बस..चंदा..सांत होजा..आज मे तुजे पत्नीके रुपमे पाकर धन्य हो गया..

चंदा : (रोते) देवु..आजमे मेरे पतीसे छुटके आजाद होगइ..मेरा पुराना सब अस्तीत्व मीट गया ओर मेने अपने आपको तुम्हे पुर्ण समर्पीत करदीया अब मेरी सब पहेचान आपही हो.. मेने मेरी जी्रदगीका बहुत बडा कदम उठालीया हे मुजे भुलना मत वरना मे नही

जी पाउगी..

देवायत : (आंसु पोछते) बस बेबी कीतना रोयेगी..मेने तुजे अ‍ेसेही अपनी हवसके लीये नही अपनाया मे तुमसे ओर मेरी मंजुको जी जानसे चाहता हु हमारा प्यार पवित्र हे, तु सही मायनोमे मेरी बीवीही रहेगी..बस अभी तुमको सबके सामने नही अपना सकता, ओर वादा करता हु जबभी अ‍ेसी सीचुअ‍ेशन आगइ तब मे दुनीयाके सामने पत्नीके रुपमे अपना लुगा..आइ प्रोमीस..

चंदा : (जटसे देवायतसे अलग होते उनकी आंखोमे देखते) नही देवु..अ‍ेसी गलती कभी मत करना मे अ‍ैसेही रेह लुगी..मुजे सबसे छुपके आपकी बीवी बनके रहेना हे..मे मंजुकी नजरोमे गीरना नही चाहती..

देवायत : (उसे जोरोसे बाहोमे भीचते) चल..ठीक हे मेरी बीवीको मे सबसे छुपाके रखुगा बस..ओर आजसे तेरी हर जरुरतको मे पुरी करुगा, ओर आपके बेटेकोभी अपना लुगा बोलो ओर क्या चाहीये आपको..?

चंदा : (उनका सीना सहेलाते) देवु..आप नही..तुम कहो..आज आपकी आगोसमे बडाही सुकुन मीला हे..

देवायत : चंदा अब कहा जाना हे..? हम ये दो दीन सहेरमे चले जाये..? मेरा मतलब कीसी होटेलमे..

चंदा : (सरमाते धीमेस) नही देवु मेने घरपे सब इन्तजाम करके रखा हे..आप कारको पीछे हमारे आंगनमे रख देना हम दो दीन अंदरही रहेगे..मेरा मतलब..(कहेके सरमा के नजर जुकाली..)

देवायत : चंदा धर जाकेभी वो सब खाना बाना बनाना पडेगा, हम देर साम आजायेगे तबतक सहेरमे जाके पहेले खाना खा लेगे फीर कही घुमके सामका खाना खाके आजायेगे..तबतक गांव वालेभी सो गये होगे..

चंदा : (सरमाते हसते) जेसे आपकी मरजी.. इधर पासके सहेरमे नही..कही हम दुसरे सहेरमे..जायेगे..

देवायत : (हसते हाथ पकडते बहार चलते) चलो..आज मेरी बीवी मेरे साथ घुमने आ रही हे..

चंदा : (हसते सरमाते) देवु आप इधर ठहेरो मे कपडे चेन्च करदु..साथ मे लेके आइथी..

कहेके वो केरी बेग लेके मंदिरके पीछे चली गइ ओर थोडी देरके बाद वो डड्ढेस पहेनके आइ जो मेने उस दिन दीलवाया था तो आके स्माइल करते खडी रही ओर सरमाके कहा..

चंदा : उधर हमे कोइ नही पहेचानेगा..कीतने दीनोके बाद ये पहेना हे..

तब मे उसे देखताही रेह गया वो बीलकुल छोटी लग रहीथी मेरी मंजुकी तराह फीर हम कारमे बेठ गये ओर कार मेने थोडे दुरके बडे सहेरकी ओर लेली रास्तेमे हमने अ‍ेक होटेलमे खाना खाया फीर वापस सहेरकी ओर नीकल गये आज चंदा बहुुत खुस लग रहीथी वो बार बार अपने कानके पीछे बालोकी लटको सही करते मेरी ओर देखते हसती रही ओर वो अपने घरके बारेमे बताती रही..ओर हम सहेर पहोच गये..

देवायत : (सामने देखते) फिल्म देखने चले..? कीतने दीन हो गये..नही देखी..

चंदा : (सरमाते हसते) आपका मन हेतो चलो..देरतो नही होगी..?

देवायत : नही अ‍ेसा हेतो हम आधी छोडके चलेगे..फीर खाना खाके चले जायेगे..

तब चंदाने सरमाते हां मे गरदन हीलाइ तो देवायतने कार अ‍ेक टोकीझमे लेली ओर कार पार्क करके दोनो अंदर चले गये तब देवायतने दो कोर्नरकी टीकीट लेली ओर दोनो अंदर चले गये तब फील्म सुरु हो चुकीथी तब अंदर अंधेरा थातो अंदर जातेही चंदाने देवायतका हाथ पकड लीया ओर उनके पीछे जाने लगी ओर अपनी सीट ढुंढके दोनो बैठ गये चंदाको देवायतने कोर्नरपे बीठाया ओर खुदभी बैठ गया..

देवायत : (धीरेसे कानमे) चंदा तु इस डड्ढेसमे बीलकुल छोटी कुआरी लडकीकी तराह लग रही हो..

चंदा : (सरमसे पानीपानी हो गइ) क्या..आपभी.., मुजेतो बहुत सरम आ रही हे..बहुत दीन हो गये नही पहेना..सादी होगइथी..तो गांवमे नही पहेन सकते..उपरसे मेरे ससुर सरपंच..

देवायत : (हसते) अगर मेरे घरमे मेरी बीवी बनके आती तो तुम्हे बा बापुजेके जानेके बाद अ‍ेसे डड्ढेस पहेनाके रखता..हें..हें..हें.., क्या हमारे यहा आना चाहोगी..मे मंजुको मना लुगा..

चंदा : (सरमाते हसते) नही..जब आप मुजसे मीलने आओगे तब पहेनुगी..सीर्फ घरमेतो रहेना हे..मंजुको कुछ मत कहेना..मे सबसे छुपाके आपकी बीवी बनके रहेना चाहती हु..धिरेनभी अब सब समजने लगा हे..

तब देवायतने चंदाके हाथके उपर अपना हाथ रख दीया फीर आपसमे उंगलीया फसाके हाथको मजबुतीसे पकड लीया तब चंदा खुब सरमाइ ओर दोनो हाथ पकडके फील्म देखने लगे तब थोडी देरके बाद अ‍ेक चुंबनका होंट सीन आया तब देवायतने हाथको जोरोसे मुठीमे दबाव बनाके चंदाकी ओर देखा तब चंदा सरमसे पानीपानी होते हसने लगी ओर देवायतने दुसरा हाथ धीरेसे उनके उरोजो पे रख दीया..

तब चंदा सरसे पांव तक हील गइ ओर फोरन अपना हाथ देवायतके हाथपे रखदीया ओर दबा दीया लेकीन हटानेकी कोसीस नहीकी क्युकी अब वो देवायतकी पत्नीथी तो सोचके देवायतकी हरकतको नही रोक पाइ तब देवायत उसे हल्केसे दबाने लगातो वो उतेजीत होने लगी ओर उनकी चुतमे हरकत होने लगी उनकी सांसे तेज होने लगी ओर थोडा अनकन्फोर्टेबल फील करने लगी, उनकी चुतमे रीसाव सुरु हो गया..

तभी अचानक देवायतने उनकी गरदनमे हाथ डालदीया ओर उनके चहेरेको अपनी ओर खीचलीया तब चंदाने सरमाते देवायतकी ओर देखा तब देवायत उनकी ओर मुह करते तयारही बेठाथा ओर उसने चंदाके होंठोसे अपना होंठ मीला दीया..तब चंदा अ‍ेकदम सरमसे कांप गइ ओर अपनी आंख बंध करली तब देवायत उनके होंठको हल्केसे चुमता रहा तो चंदाभी उतेजीत होगइ ओर देवायतका साथ देने लगी..

तभी उनको अपनी चुतपे देवायतका हाथ महेसुस हुआ जो देवायत धीरे धीरे डड्ढेस के उपरसे ही सहेला रहाथा तब उनकी पुरी पेन्टी गीली होने लगी, तब चंदासे कंट्रोल करना मु्सकील होगया उसने देवायतका हाथ पकडलीया ओर देवायतको रीक्वेस्ट वाले अंदाजमे धीरेसे कहा..

चंदा : (सरमसे) प्लीज..हम घर चलते हेनां..तब आप..प्यार..करलेना..अभी सब हे..सरम आ रहीहे..घर चले?

तब देवायतने उनकी बात मानके हाथ हटालीया फीर दोनोने इन्टरवल तक फील्म देखली ओर चंदाके कहेनेपे दोनो बहार आगये फीर अ‍ेक जगाह दोनोने आसक्रिम खाइ ओर गार्डनमे अ‍ेक दुसरेका हाथ पकडके धुमते रहे तब साम होतेही दोनोने अ‍ेक रेस्टोरन्टमे जाके खाना खालीया ओर फीर कार लेके वापस गांवकी ओर चलने लगे..तब चंदा बार बार देवायतकी ओर देखते हस रहीथी अबवो देवायतसे बात करनेमे काफी खुल गइथी ओर देवायतसे बीन्दास्त बाते करने लगी..

चंदा : (सरमाते हसते) आप अंदर क्या हरकत कर रहेथे..? कीसी जान पहेचान वालेने देखलीया होता तो..?

दुवायत : (हसते) तो क्या हुआ मे मेरी बीवीसे प्यार कर रहाथा कीसी ओरसे नही..हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते हसते) मत भुलो बीवी सीर्फ हम अकेलेहे तब हु..हमारे रीस्तेके बारेके कीसी ओरको नही पता.., कीसी ओरको पता चलातो वहा रहेना मुस्कील हो जाता..हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) तो क्या हुआ..मेरे यहा चली आना..सबके सामने अपना लेता..

चंदा : (तीरछी नजरसे हसते) अच्छा..? इतनी हीमंत हे आपमे.? चलो मे रेडी हु..हें..हें..हें..

देवायत : (उनके सामने देखते) क्या..सचमे आना चाहती हो..? तो बोलो मे तैयार हु..में मंजसे बात करता हु तुम आजाओ..अभीके अभी..हम सीधे मेरे घरही चलते हे..बा बापुजीको मे सम्हाल लुगा वो मना नही करेगे..

चंदा : (जोरोसे हसते) अरे मेतो मजाक कर रही हु..हें..हें..हें..आपतो सीरीयस हो गये..हें..हें..हें..

देवायत : लेकीन बेबी..मे मजाक मे नही केह रहा.., सच केह रहा हु..चलो..हम सीधे हवेली जाते हे..

चंदा : (सीरीयस होते) नही देवु..बरसोके बाद मुजे मेरा प्यार मीला हे..मेरा पहेला प्यार..जो मे अकेले पुरी जींदगी जी लेना चाहती हु..तुम्हारे साथ..सबसे छुपके ओर मे चाहतीहु जब इस दुनीयासे जाउ तब सुहागन बनके जाउ फीर भलेही मेरे रीस्तेके बारेमे सबको पता चले..कास आप मुजसे पहेले मीले होते..

कहेके अपना सर जुकालीया ओर उनकी आंखसे आंसुके दो बुंद टपक गये वो बडीही भावुक होगइ थी तब जाके देवायत उनके प्यारकी गहेरायको महेसुस करने लगा वो बस उसे अ‍ेक नजरसे देखताही रहा..फीर कार चलाते अ‍ेक हाथ उनके हाथके उपर रख दीया तो चंदा जटसे आंसु पोछके देवायतकी तरफ देखके हसने लगी..ओर देवायतका हाथ पकडके उसके हाथमे चुंबन करलीया..

तब देवायतको उनकी आंखमे उनके लीये बेसुमार प्यार महेसुस हुआ..अ‍ेसेही इमोस्नल बाते करते दोनो घर आ गये तब गांवमे काफी अंधेरा छा गयाथा सबलोग अपने घरमे जा चुकेथे देवायतने कार सीधी ही दरवाजेसे उनके आंगनमे लेली तब आगे चंदाको उतारके कार पीछे आंगनमे लेगया ओर वही कार खडी करके वो आगेकी ओर पेदल चला आया तबतक चंदा गेइट बंध करके दरवाजा खोलके अंदर चली गइथी जेसेही देवायत अंदर आया चंदाने जटसे दरवाजा बंध करलीया..ओर दोडके देवायकी बाहोमे समा गइ....

कन्टीन्य
 

Napster

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अब देवायत और चंदा के धमाकेदार सुहागरात का इंतजार रहेगा
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ६

तब देवायतको उनकी आंखमे उनके लीये बेसुमार प्यार महेसुस हुआ..अ‍ेसेही इमोस्नल बाते करते दोनो घर आ गये तब गांवमे काफी अंधेरा छा गयाथा सबलोग अपने घरमे जा चुकेथे देवायतने कार सीधी ही दरवाजेसे उनके आंगनमे लेली तब आगे चंदाको उतारके कार पीछे आंगनमे लेगया ओर वही कार खडी करके वो आगेकी ओर पेदल चला आया तबतक चंदा गेइट बंध करके दरवाजा खोलके अंदर चली गइथी जेसेही देवायत अंदर आया चंदाने जटसे दरवाजा बंध करलीया..ओर देवायकी बाहोमे समा गइ....अब आगे

चंदा : (सरमसे सीनेमे सर रखते) बाबु..आप इधर बेठो मे चेन्ज करके तैयर होजाती हु फीर ठोडी देरके बाद आप उपर आजानां मेरे रुममे.. सब लाइट बंध करके आना मे पानी लेकर जा रही हु..

तब देवायत सोफेपे बेठ गया तो चंदा कीचनमे चली गइ उनकी लंबी चोटी लहेराते देवायत देख रहाथा तब चंदा उनकी ओर स्माल करते सरमाती कीचनमे चली गइ ओर अ‍ेक टड्ढे मे दो ग्लास पानीकी बोटल सब लेके उपर चली गइ ओर देवायतभी रुममे स्वीच बोर्ड ढुंढने लगा तब उसे बोर्ड नजर आया तो वो उठके सब लाइट फीर पंखा चेक करते बंध करने लगा ओर वापस सोफेपे जाके बेठ गया ओरथोडी देरके बाद..

चंदा : (उपर सीडीयोसे) देवु..बस दो मीनीट फीर आप आजाना..

तो देवायतके दीलकी धडकन बढ गइ क्युकी आज अ‍ेकही महीनेमे उनकी दुसरी सुहागरात होने वाली थी वोभी दुसरी बीवीके साथ..वेसेतो देवायत कीतनी ओरतोको चोद चुकाथा उनके कइ अ‍ेसे रीस्तेथे जो उनका दोस्त भानुभी नही जानता था.., देवायत अ‍ैसे रीस्तेका बहुतही सौकीन था ओर कुछ रीस्ते मेतो ओरत सामनेसे देवायतसे सबंध रखनेको राजीथी इनमे रजीया दया जमीला भानुकी मां ओर सरपंचकी बीवीभी थी..

तब देवायत भारी धडकनके साथ धीरे धीरे उपरकी ओर सीडीया चडने लगा ओर पहेली बार चंदाने उनको बेडरुम दीखाया था जहा उसने चंदाको पहेली बार कीस कीयाथा वही रुमकी ओर जाने लगा पुरे बंगलेमे अंधेरा छाया हुआथा ओर वो दरवाजेके पास जाके दरवाजेको हल्कासा धका देदीया तो दरवाजा धीरेसे खुल गया तो रुममे अंधेरा छाया हुआथा ओर नाइट बल्ब जल रहाथा..अंदर जाके देखातो..

चंदा अपने बेडके बीच घुंघट डालके बेठीथी ओर पुरा बेड फुलोसे सजा हुआथा साइडमे टेबलपे दो दुधके ग्लास ढकके रखेथे तब देवायत समज गयाकी चंदाने सुबह सेही सब तैयारीया करके रखीथी..वो जाके बेडपे बैठ गया, चंदा घुंघटमे दोनो पैर मोडके अपने दोनो हाथ अपने घुटनोपे रखके बेठीथी तब जाके देवायतने धीरेसे उनका घुंघट उठालीया तो देवायत देखके दंग रेह गया..

क्युकी चंदा पुरी तराह दुल्हनके लीबासमे सजी हुइ थी ओर अपनी नजर जुकाये देवायतका इन्तजार कर रहीथी..जेसेही देवातके कदमोकी आवाज सुनी उनके दीलकी धडकन बढ गइ ओर आने वाले पलको महेसुस करते बडीही रोमांचीत होगइ जब देवायतने घुंघट उठाया तब उनकी सांसे तेज चलने लगी..तभी देवायतने जेबसे डायमंडका नेकलेस नीकाला ओर चंदाको पहेनाने लगा..तब चंदा बडीही खुस होगइ..

ओर देवातके आगे जुक गइ तब देवायत समज गयाकी चंदा उसे खुद पहेनानेको केह रही हे..तब देवायतने चंदाके कंधेकी ओर मुख करलीया ओर पीछे नेकलेस पहेना दीया फीर चंदाके गालोपे दोनो हाथ रखके सहेला दीया तो चंदाने आंख बंध करली..

देवायत : बहुतही खुबसुरत लग रही हो..देखके पागल हो गया मे..जेसे भगवानने तुजे सीर्फ मेरे लीयेही बनाया हे.., क्या हम जनमो जनम नही मील सकते..?

चंदा : (सरमसे पानीपानी होते) जी..हम मीलके भगवानसे प्रार्थना करेगे..मेभी मीलना चाहती हु..

तभी देवायत उसरे अचानक बाहोमे भरलेता हे तो चंदाभी आंख बंध करते देवायतकी बाहोमे समा जाती हे दोनोही काफी देर अ‍ेक दुसरेकी आगोसमे बेठे रहे तब देवायत उसे बाहोसे अलग करता हे ओर उनके चहेरेको पकडके अपने चहेरेकी ओर करने लगता हे तब चंदा समज जाती हे ओर अपनी आंख जुकाके बंध करलेती हे तभी उसे अपने होठोपे देवायतके होंठ महसुस हुअ‍े ओर वो मदहोसीके आलमकी ओर ढलने लगी..

उनकी आंखे नसीली होने लगी बंध आंखमेही अपनी आंख उपरकी ओर चढाली..आज वो पुरी तराह देवायतकी हो जाना चाहती थी आज अपना सबकुछ देवायतपे लुटाना चाहती थी इतना प्यारा अहेसास तो उनको अपनी पहेली सुहागरातमेभी नही होरहा था क्युकी वो अपने मा बापकी चोइसका लडका था जो दोनोकी अ‍ेरेन्ज मेरेज हुइथी ओर आज वो अपना यार अपने प्रेमीके साथ मीलन करने जा रही थी..

दोनोही अ‍ेक दुसरेके होंठ हल्के हल्के चुस रहेथे तब देवायतका हाथ उनके बुब्सपे चला गया जो ब्लाउसके उपरसेही हल्कासा दबा रहाथा तब चंदा सरसे पांव तक कांपने लगी ओर बरदास्त नही करपाइ तो अचानकही देवायतको अपनी बाहोमे भीचलीया ओर देवायतके चहेरेको पागलकी तराह चुमने लगी उनके दोनो गाल, गरदन, होंठ उनका सर, उनकी आंख, अ‍ेकभी जगाह नही छोडी बस उसे चुमेही जा रहीथी..

चंदा : (मदहोसीमे लडखडाती आवाजमे) दे..वु..प्लीज..मुजे पुरी तराह अपनी..बनालो..सीइइइइ

तब देवायत उनसे अलग होतेही उनकी सारीके पलुको हटाके ब्लाउसका बटन खोलने लगा तब चंदानेभी हीमत करते देवायतके सर्टके बटन खोल दीये ओर नजर जुकाके बैठी रही ओर देवायतको अपने कपडे नीकालनेमे सहायता करती रही तभी देवायत बेडसे उतर गया ओर अपनी पेन्ट नीकालने लगा तब चंदा पेटीकोट ओर सीर्फ ब्रा पहेनकेही बेठीथी ओर तीरछी नजर करते देवायतके पेन्टके उभारकी ओर देखने लगी..

जब देवायतने पेन्ट नीकाली तब उनके नीकरमे बडासा उभार दीखने लगा तो चंदा सरमसे पानीपानी होते उनके बडे लंडका अनुमान करते तीरछी नजरोसे देखती रही ओर आखीर देवायतने नीकर नीकाल दीया तब उनका लंबा ओर बडा लंड सीधेही उपरकी ओर हवामे लहेराने लगा तो चंदा देखतेही सरमसे पानीपानी होने लगी ओर अपनी नजर दुसरी ओर मुह करते हटाली, मनमे बहुतही खुस होते सरमसे मुस्कराने लगी..

क्युकी देवायतका लंड सामान्यसे थोडा लंबा ओर मोटा था बस यही कारण था जब कोइभी ओरत उनसे चुदाइ करवा लेतीथी तो बार बार उनसे चुदनेकी ख्वाहीस रखने लगती यही कारणथा रजीया दया ओर सरपंचकी बीवी ओर दो बडी उमरकी ओरते..जो हम इनके बारेमे बादमे बात करेगे..हर वक्त देवायतसे चुदनेको तैयार रहेती जीनके बारेमे कीसीकोभी नही मालुम था..वो वापस बेडपे बेठ गया..

तब चंदाके दीलकी धडकन अ‍ेकदम बढ गइ ओर उनकी सांसे तेज चलने लगी तभी उसने अपने पेटीकोटपे खीचाव महेसुस कीया तो देखने लगी तब देवायत उनकी पेटीकोटका नाडा खीच रहाथा ओर उसने जटसे देवायतका हाथ पकड लीया तो देवायतने उनके चहेरेकी ओर देखा तब सरमके मारे हाथ हटालीया ओर सरमाते मंद मंद मुस्कराती रही..

देवायतने उनको दोनो बाजुसे पकडलीया ओर धीरेसे चंदाको बेडपे सुला दीया तब चंदा कोइ वीरोधके बगैर पीठके बल लैट गइ ओर मुह दुसरी ओर करते देवायतसे आंख चुराके सरमाती रही, देवायतने उनका पेटीकोट खीचलीया तब उनकी कमर उची करते देवायतका साथ देने लगी..
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अब चंदा सीर्फ अपनी पेन्टी ओर ब्रामेही सोइथी तभी देवायत बाजुमे लेटके चंदाके उपर जुक गया ओर अ‍ेक हाथसे चंदाका चहेरा अपनीओर करलीया फीर उनकी आंखोमे देखने लगा तब अ‍ेक बार चंदाने सरमके मारे उनकी आंखोमे देखा फीर नजर जुकाली ओर बेवायतने उनके होठोपे अपना होंठ रख दीया तो चंदाने अपनी आंख आधी चढाली ओर नसीली करली, तब दोनोही अ‍ेक दुसरेके होंठ चुमते स्मुच करने लगे..

तभी देवायतने उसे बाहोमे भीचलीया ओर खुद पीठके बल लैटके चंदाको अपने उपर खीच लीया तो चंदाकी लंबी चोटी देवायतके चहेरे छागइ जीसे देवायतने पकडली ओर चंदाके चहेरेपे घुमाने लगा तो चंदा सरमसे पानी पानी होते मंद मंद मुस्कराते अपना चहेरा इधर उधर करने लगी..

चंदा : (सरमाके हसते) रहेने दीजीये.. पलीज..गुदगुदी हो रही हे..प्लीज..हें..हें..हें..

तब देवायतने उनका चहेरा पकडलीया ओर अपने चहेरेपे जुकाके कीस करने लगा तब चंदाभी धीरे धीरे मदहोस होने लगी तभी देवायतने हाथ पीछे लेजाके ब्राका हुक खोल दीया तो चंदाकी ब्रा सरकके उनके हाथमे गीरके अटक गइ तब चंदाने हाथ हटाके नीकालके ब्राको साइडमे रखदी, उनके गोरे गोरे बडे बुब्स बहार लहेराने लगे तो देवायतने दोनो बुब्स अपनी मुठीमे लेलीया ओर हल्केसे दबाने लगा तो चंदाने सरमके मारे देवायतकी गरदमे मुह छुपलीया

वो पुरी तराह देवायतसे चीपक गइथी तभी देवायतने फीरसे बाहोमे भीचलीया ओर वापस पलट गया तब चंदा देवायतके नीचे लेटीथी ओर देवायत उनके उपर चडके उनको चुमेही जा रहाथा ओर उनके बुब्स हल्केसे मसल रहाथा तब चंदा काफी उतेजीत हो चुकीथी तब देवायत चुमते चुमते नीचेकी ओर सरकने लगा तब चंदाने उनके सरको पकड लीया ओर मुह इधर उधर करने लगी उनकी चुत लगातार पानी छोड रहीथी..

तभी अचानक देवायतने उनकी पेन्टीमेपे हाथ रखदीया ओर चुतको सहेलाने लगा तब चंदा कांपने लगी ओर आंख बंध करते कुहको इधर उधर करते दोनो हाथसे चदर पकडली ओर जोरोसे सीसकारीया करने लगी, चुतको सहेलाते सहेलाते देवायतने उनकी पेन्टीमे उंगली फसादी ओर नीचेकी ओर खीचली तब चंदाने दोनो पैर मोडके भीचलीये तब देवायतने पेन्टीको सरकाके नीकालदी..

तभी चंदाने अ‍ेक हाथ अपनी चुतपे रखदीया तब देवायत वापस चंदाके उपर छा गया ओर उनके होंठ चुमते अ‍ेक हाथ नीचे लेगया तब चंदाने उसे जोरोसे बाहोमे भीच लीया उसे अपनी चुतमे देवायतकी उंगली महेसुस हुइ ओर वो होंठ चुमते चुमते मु..मु..करने लगी ओर देवायतसे मुह छुडाके जोरोसे सीसकारीया करते देवायतके सरपे हाथ घुमाने लगी तब देवायत धीरे धीरे उनकी चुतमे उंगली डालके चुतके दानेको सहेलाने लगा..

तब चंदा पागल जेसी होगइ ओर आंख बडी करते देवायतका चहेरा पकडलीया ओर उनके होंठपे चुमते होंठ भीचलीया ओर बडी आंख करते देवायतकी आंखोमे देखने लगी तो देवायत चुतके अंदर जोरसे उंगलीको अंदर बहार करने लगा तो चंदा कमर उची करते बेडपे पटकने लगी ओर जोरोसे सीसकारीया करने लगी ..

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देवायत अचनाक नीचेकी ओर सरक गया ओर दोनो पेरके बीच आगया तब चंदाने दोनो पैर मोडके फैलादीये ओर जोरोसे दोनो हाथसे चदरको पकडली तभी देवायतने चंदाकी कमरको पकडली ओर थोडी उची करके अपनी जांगोपे रखदी ओर अपना मुह चुतपे लगा दीया इस अचानक हमलेसे चंदा कांपने लगी..

चंदा : सीइइइ..नही..नही..नही..वहा नही..प्लीज प्लीज..कुछ हो रहा हे..ओह..मां..सीइइइइइइ दे..वु..सीइइइइ बस..बस..मां..इइ .ओह...बस..दे..वु..छोड..दे..मर..गइ..

कहते चंदा बरदास्त नही कर पाइ क्युकी उनके पतीने अ‍ैसा उनके साथ कभी नही कीया था ओर वो जबसे गुजर गया तबसे चंदाने अपनी चुतमे कोइ लंड नही लीयाथा, ओर अपनी कमर उची करते बेडपे पटकने लगी ओर सरीर अकडने लगा तब कमरको जटके मारने लगी ओर चुतने फवारा छोड दीया फीर कमरको बेटपे पटकके सांत होगइ ओर अपनी तेज चलती सांसको कंटड्ढोल करते लंबी लंबी सांसे लेने लगी..

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तब देवायत बेडसे उतरके बाथरुमकी ओर भाग गया ओर अपना मुह साफ करके फ्रेस हो गया फीर नंगाही बहार आके बेडपे चंदाके साथ उनपे जुकके लेट गया तब चंदा सरमके मारे उनसे नजरे नही मीला पा रहीथी वो मुहको इधर उधर करते देवायतसे नजरे चुरा रहीथी तब देवु उनके बुब्सको मुहमे लेके चुसते हुअ‍े कीस करने लगा तो चंदा सरमके मारे मुहको दुसरी ओर करते उनके सरमे हाथ घुमाने लगी ओर हल्कीसी सीसकारीया करने लगी आज वो देवायतसे नजर नही मीला पा रहीथी..

देवायत : क्या हुआ बेबी..मजा आयाकी नही..ये सीलसीलातो कल साम तक चलने वाला हे..

चंदा : (सरमाते हसते) पता..नही..तबतकतो मेरी हालत केसी होगी.., देवु पता हे..आज अ‍ेसे मे पहेली बार जडी..मेने आज तक अ‍ेसा अनुभव नही कीयाथा..थेन्कयु सो मच..

देवायत : (उनके उपर लेटते) तो क्या तेरे पहेले पतीके साथ अ‍ैसा नही कीया..?

चंदा : (सरमाके हसते) नही..वोतो बीलकुल अनाडी था..सबकुछ मुजे सीखाना पडा..पता नही मेरे धिरनको कैसे पैदा करलीया..आप असली मर्द हो..कास हम पहेले मीले होते..भलेही उमरका फर्कहो..आपको लेके मे भाग जाती..हें..हें..हें..बाबु उपरसे हटो मे आपको दुध पीलाती हु..बस अ‍ेसेही पडा हे..आतेही सुरु होगये..

देवायत : (कीस करते) बेबी अभी कहा हमने महेनत की हे..बादमे पीलेगे.., चलो आजाओ आज असली सुख देता हु आपको.., क्या मस्त चुतहे आपकी बीलकुल कुआरी लडकीकी तराह..जेसे मेरी मंजुकी थी..

चंदा : (सरमाते) देवु..ध्यान रखना..बहुत बडा हे..कुछ होगातो नही..? इतना बडा नही देखा कभी..

देवायत : (होंठ चुमते) कुछ नही होगा बेबी मे हुनां.., क्या तेरी भांजीको कुछ हुआ..? वोतो इनकी दीवानी हो गइ हे उसे हरदीन मेरा लंड चाहीये..तुभी अ‍ेसी होजायेगी..हें..हें..हें..

चंदा : (सरमसे हसते) छी..कीतना गंदा बोलते हो..हें..हें..हें..बेड बोय..

देवायत : (उठते पैरके बीच जाते) अच्छा बेड बोय..अब देखना ये बेड बोय क्या करता हे.., बस थोडासा सहेन करलेना..फीरतो मजेही मजे..

तब चंदा आने वाले पलके लीये तैयार होगइ उनको पताथा उनके पहेले पतीसे देवायतका बहुत बडाहे तो इसे जेलना कीतना मुस्कील होगा, उसने दोनो हाथसे चदरको कसके पकड लीया ओर आंख बंध करते मुहको अ‍ेकसाइड करलीया तभी इनको अपनी चुतपे देवायतका लंड महेसुस हुआ जो देवायत हाथसे पकडके चुतपे रगड रहाथा ताकी लंड गीला होजाये तब चंदा उतेजनासे सीसकारीया करने लगी..

तभी देवायतने धीरेसे लंडको फसा दीया ओर हाथके दबावसे लंडको अंदर धकेलने लगा तब चंदाको अ‍ेसा महेसुस हुआ जेसे उनकी चुतमे कोइ बडा डंडा घुसा रहा हो उनको हल्कासा दर्द महेसुस होने लगा तो उसने जोरोसे चदर पकडली ओर मुह बीगाडते अपनी आंख बंध करके भीचली, तब देवायत उनके उपर जुकके धीरेसे लेट गया ओर चंदाके बुब्सको मुहमे लेके चुसने लगा तब चंदाने आंख खोलते उनकी ओर नजरे चुराते देखा..बस अब उनके साथ कुछभी हो सकता हे.., ओ होने वाले हमेलेको बरदास्त करनेके लीये अपने आपको तैयार करने लगी.., उनके मनमे अ‍ेक डरका भाव आने लगा वो देवायतको रीक्वेस्टके लहेजेमे कहेने लगी..

103
चंदा : दे..वु..प्लीज..धीरेसे..करना..थोडी जलन होती हे.., सीइइइ उइ..मां..सीसससइइइइइ

तब देवायत समज गयाकी चंदा डर रही हे तो वो बुब्सको छोडके उनके होंठ चुमने लगा ओर अचानक होंठ भीचते कमरको अ‍ेक जटका मारदीया तो लंड चंदाकी चुतको चीरते हुअ‍े अंदर थोडा घुस गया तब चंदाकी चीख देवुके मुहमे समा गइ ओर अपने दोनो पैर बेडपे पटकते अ‍ेकही जटकेमे मुह छुडाके चीलाने लगी.., उनकी आंखमे आंसुकी धारा बहेने लगी..

चंदा : (बेडपे पैर पटकते) नही नही नही.., बहार नीकालो..प्लीज..मर गइ..मां..प्लीज..प्लीज..प्लीज. मे मर जाउगी..यार.. बहुत जलन होती हे.., देवु..प्लीज..मां...मरगइ.., सीइइइइइ आइइइइइ मुं..सससस देवु...

देवायत : (होंठको चुमते) कुछ नही होगा बेबी अभी दर्द चला जायेगा..बस मुजे कीस करती रहे..

देवायत अ‍ेसेही रहा ओर चंदाके बुब्स ओर होंठ चुमता रहा तभी थोडी देरके बाद चंदाकी दर्द भरी सीसकारीया कामुक सीकारीयोमे तबदील होने लगी तब देवायत समज गयाकी दर्द कम होगया हे, तभी अ‍ेक हाथसे उनके बुब्स मसलते चंदाके होठोको चुमने लगा तब चंदाभी उनकी पीठ ओर सरको सहेलाते साथ देने लगी, देवायत धीरे धीरे कमर हीलाने लगा तो चंदा मदहोस होने लगी..ओर आधी आंख चडाली..

चंदा : बस..अ‍ेसेही धीरे धीरे करना..सीइइइ आह..आह..आह..सीइइइइइ उइइइइ मां..येस..सइइइइइइइइ जा...नु...चो..दो..मु..जे.. बस..अ‍ेसे.ही..बहुत..म..जा..आ..रहा..हेहेहे..आह..इइइइइसससस मांमांमांआआअ..

तब देवु धीरे धीरे सोट मारते लंडको चुतकी ओर धकेलता रहा ओर अ‍ेसेही करते पुरा लंड चंदाकी चुतमे उतार दीया तब चंदाकोभी अपनी बच्चेदानीपे देवायतका लंड महेसुस होने लगा ओर हर धकेके साथ उनकी आहे नीकलने लगी चंदा बहुतही कामुक हो चुकीथी अब वो देवुको थोडा जोरसे चोदनेके लीये कहेती थी वोभी कमर उछालते देवायतका साथ देने लगी मानो वो स्वर्गकी सैर कर रही हो..वो पुरी मदहोस हो चुकी थी

101
तब चंदाने अचानक देवायको बाहोमे भीचलीया ओर कमरको जटके मारने लगी ओर जडती रही फीरभी देवायतने चुदाइ जारी रखी पुरे रुममे सनाटेके बीच फच..फच..फच..की आवाज आ रहीथी ओर बीचबीचमे चंदाकी चुडीयोकी खनखनाहट ओर पायइकी छनछनाहटकी आवाज आ रहीथी दोनोही कामाग्नीमे जलते चबरदस्त चुदाइमे मसगुल होगये थे आज चंदा सही मायनेमे अ‍ेक मर्दसे चुदाइ करवा रहीथी जीसे सोचते वो बहुतही खुस थी..ओर देवायतसे जी भरके चुदाइ करवानेकी ठानली..

काफी देर धमाकेदार चुदाइके बाद देवायत चंदासे चीपक जाताहे ओर उनके होंठ भीच लेता हे तब चंदाभी समज गइकी देवायत जडने वाला हे.., तब देवायतको कसके बाहोमे भीचलीया ओर आंख बडी करते देवातकी आंखोमे देखने लगी तभी देवायत कमरको जटके मारने लगा ओर चंदाकी चुतको अपने गरम विर्यसे पीचकारीया मारते भरने लगा तो चंदाकोभी अपने बच्चेदानीपे देवायतका गरम विर्य महेसुस होने लगा..तो साथमे वोभी उतेजीत होते अ‍ेक बार फीसे देवायतके साथ जडने लगी..

जब दोनोही साथमे जड गये तब देवायत चंदाके उरोजोपे सर रखके ढेर होगया ओर चंदा उनकी पीठ सहेलाती रही आज वो पहेली बार चुदाइके वक्त दो बार जडीथी, ओर मनही मन खुस हो रहीथी की उनकी आज अ‍ेक असली मर्दसे चुदाइ हो चुकीथी, तभी वो मनही मन देवायतको आजीवन समर्पीत होगइ.., ओर हमेसा देवायतसे चुदाइ करवानेकी ठानली..

चंदा : (सांस कंटड्ढोल करते थकी हुइ आवाजमे) सुनीयेजी..हटीयेना बाथरुम जाना हे..साफ करने..

देवायत : नही चंदा अंदरही रहेने दे मुजे अ‍ेक बार ओर करना हे फीर जायेगे..

चंदा : (सरमाते) अरे..नीचे सब गंदा हो गया हे.. पहेले साफ करले..फीर करेगे..

देवायत : नही बेबी जीतो चाहता हे इसे पुरी रात अंदर ही रखु..ओर तुजे चोदता रहु..हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते हसते) बीलकुल पागल हो.., यार..तबतो मेरी हालत खराब हो जायेगी..

बेबी : थोडी देर रहोनां..बस अभी करलेगे..

कुछ देर आराम करनेके बाद देवायत चंदाको चुमने लगता हे तब चंदाभी सरमाते उनका साथ देने लगी, वोभी यही चाहतीथी की देवायत उनके उपरही पडा रहे वो आज जी भरके इनसे चुदवा लेना चाहतीथी इतने बरसोसे प्यासीजो थी, वो चाहतीथी देवायत उनको कल साम तक प्यार करता रहे वो इतने बरसोकी सारी कशर देवायतसे चुदाइ करवाके पुरी करना चाहती थी तो ज्यादा नही बोली ओर देवायतका साथ देने लगी ओर दोनोही फीरसे गरम हो गये..

तब थोडी देरके बाद अ‍ेक बार फीर घमासान चुदाइका दोर चल पडा, इस बार चंदा थोडा खुलके देवायतका साथ देने लगी ओर उसे जोरोसे चोदनेके लीये उक्साती रही तो देवायत हाथके बल उचा होके उनकी दोनो टांगे अपने पैरपे फसाके जोरोसे सोट मारते चंदाकी चुदाइ कर रहाथा इसी बीच चंदाको अ‍ेकबार फीरसे जडादीया तबभी देवायत उसे जोरोसे चोदेही जा रहाथा चंदाके बुब्स चुदाइकी वजहसे उछल रहेथे देवायतके हर धके के साथ उनकी आहे नीकलती रही.., चंदाकी हालत पतली होने लगी..

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चंदा : (मुह बीगाडते) बस..बस..बस..देवु..प्लीज..जलन होतीहे..उइइइइ मां मरगइइइइइ नही..नही..नही.. यार.., मर जाउगी..सीइइइ उइइइइ..मां..चोद..लीया..मुजे..बस..बस..यार..

फीरभी देवायत उनकी अ‍ेकना सुनते जोरोसे चोदेही जा रहाथा तब चंदाके दोनो बुब्स उछल रहेथे चंदाके बाल चोटी होनेके बादजुद बीखर चुकेथे जो आज चंदाने रातमे शींगार कीयाथा सब बीखरके उनके चहेरेपे छा गयाथा लीपस्टीकका कही नामो नीशान नहीथा चंदाकी हालत अ‍ेसी हो गइथी जेसे कोइ जानवरने पंखीको पकडके पीख दीया हो, तब अचानक देवायतने लीपलोक करलीया तो चंदानेभी उनको कसके बाहोमे भीचलीया ओर दोनोही साथमे जडने लगे.. ओर तुफान का भवंडर चंदाकी चुतको भरके सांत हो गया..

जब देवायतने उनके सीनेमे सर रखके ढेर होगया तब चंदा ओर देवायत दोनोही अपनी सांस दुरस्त करते लेटे रहे, चंदा देवायतका सर सहेलाती रही, उनकी पुरी चुत देवायतके पानीसे लबालब भरी हुइथी, उसे आज नीचे कुछ अजीब फील हो रहाथा जो बेहद सु:खद् था, आज चंदाको पुर्ण ओरत होनेका अ‍ेहसास हो रहाथा, आज देवायतके साथ चुदाइ करवाते अ‍ेसी सुहागरात मनाइथीकी उनका पुरा तन दर्द कर रहा था..

चंदा : (सरमाते धीरेसे) जानु..अब मुजे बाथरुम ले चलो बहुत दर्द हो रहा हे मे चलनेकी स्थीतीमे नही हु..

देवायत : (सर उचा करते होंठ चुमते) अरे मेरी..बीवी..थक गइ क्या..? चल ले जाता हु..

कहेके देवायत उनके उपरसे उतर गया तब लंड चुतसे फच..की आवाजके साथ बहार नीकल गया तो चंदा आवाज सुनके सरमसे पानीपानी होगइ ओर देवायतके सामने दोनो हाथ करदीये तब देवायतने उसे गोदमे उठालीया ओर बाथरुम में चला गया तो चंदा वहा पीसाब करने बेठ गइ तब पीसाब करते उसे चुतमे बहुतही जलन महेसुस हुइ ओर वो दर्दसे मुह बीगाडने लगी, फीर दोनो साथमे नहाये ओर देवायत उसे गोदमे ही बहार लेकर आगया..

तब चंदाने अ‍ेक अलमारी से नइ चदर लेनेको कहा तो देवायत चंदर नीकालके चेन्ज करने लगा तभी चंदाभी वही खडे खडे उनकी मदद करती रही ओर देवायत बेडपे पीठके बल लेट गया..तो चंदाभी उनके पास लेटते देवायतके सीनेपे सर रख दीया ओर अ‍ेक हाथसे सीनेको सहेलाते देवायतकी आंखोमे प्यार भरी नजरोसे देखती रही तब देवायतने अ‍ेक हाथ उनके पीछे लेजाते उसे कसके बाहोमे भीच लीया..

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चंदा : (सीना सहेलाते) जानु..मुजे कभी मत छोडना..अब मे आपके बीना नही जी पाउगी.., आजसे आपकी ये चंदा आपको पुर्ण समर्पीत हो गइहे..मेरा पुरा जीवन अब मेने आपके नाम करदीया हे..

देवायत : (उनके सरको सहेलाते) पागलहो क्या..? मे क्यु छोडुगा तुजे..? मेने तुमसे सादी अ‍ेसेही नही की.., तुम ओर मंजु मेरे आधा अंग हो..येतो धिरेन बडा होगया वरना हम हमारा बच्चाभी पैदा करते ओर मे उसे अपना नामभी देता.., ओर इनके लीये मे अभीभी तैयार हु..धिरेनकोभी अपना नाम दुगा..

चंदा : (मनमे खुस होते हसते) कास..अ‍ैसा होपाता..क्या आप सचमे मुजसे बच्चा चाहते हो..?

देवायत : हा चदा.. मे तुजे पत्नीका हर सुख देना चाहता हु..बस तेरी कुछ मजबुरी सामने आजाती हे..

चंदा : देवु..अगर अ‍ेसा हेतो मे कही दुर चली जाउगी वही हमारा बच्चा पैदा करलुगी..बस तुम धिरेनको सम्हाल लेना..वो अभी छोटा हे..फीर हम दोनोही उसे मना लेगे..क्या कहेते हो..?

देवायत : नही चंदा मुजे मेरे बच्चेसे ज्यादा मेरी इस बीवीकी इज्जत प्यारी हे..बच्चेके लीये अभी बहुत समय हे..वोतो हम कभी भी कर सकते हे..बस मेतो चाहता हु तेरी इस गांवमे जो सरपंचकी इज्जत हे वो बरकरार रहे

चंदा : (जोरोसे बाहोमे भीचते) ओह..देवु..आइ लव यु..सो मच..तुम कीतने अच्छे हो.., मेतो आपको पाकर धन्य होगइ..

दोनोही अ‍ेसी प्यारभरी बाते करते कब नींदकी आगोसमे चले गये पताही नही चला, चंदा अभीभी देवायतके सीनेमे सर रखते सोइथी ओर देवायतभी उसे बाहोमे भरके सो गया..अगली सुबह दोनो देर तक सोते रहे.., तब चंदाकी आंख खुल गइतो खुदको देवायतकी बाहोमे पाकर सरमा गइ..ओर नजर उची करते देवायतकी ओर देखने लगी तब सोता हुआ देवायतका चहेरा बडेही मासुम लग रहाथा..

वो अपने आपको रोक नही पाइ ओर देवायतके होंठ हल्कासा चुम लीया तब इस हरकतकी वजहसे देवायतकी आंखभी खुल गइ ओर उसने चंदाको जोरोसे बाहोमे भीचलीया ओर होंठ चुमलीये..

चंदा : (सरमाके हसते) गुड मोर्नींग बाबु..चलो उठना नही हे क्या..?

देवायत : (हसते) अरे गुड मोर्नींग.., सुबह सुबह अ‍ेसी प्यारी खुबसुरत बीवीका दीदार हो गयातो कोन कमबख्त उठेगा..,मुजेतो मेरी बीवीसे प्यार करना हे..

चंदा : (सरमसे हसते) चलो नौटंकी बाज कहीके.., उठो..देखो कीतने बज गये हे..चाइ नास्ता नही करना..?

देवायत : (होंठ चुमते) अरे मेरीतो चाइभी आप हो ओर नास्ताभी आप हो..चलो अ‍ेक राउन्ड हो जाये..

चंदा : (सरमाते हसते बाहोसे छुटनेकी कोसीस करते) नही..सुबह सुबह कोइ सरारत नही..हें..हें..हें..

तब देवायत उसे बाहोमे भीचके पलट जाता हे ओर उनके उपर चडजाता हे तब चंदा जोरोसे हसते उनसे छुटनेकी नाकाम कोसीस करती रही, दोनोही नंगे सोयेथे तो दोनो उतेजीत होके प्यारकके खेलमे डुबकीया मारने लगे तब देवायतके सांप जेसे लंडने अपने बीलका रास्ता अपने आप ढुंढ लीया..

ओर वो बीलमे चला गया तब थोडीही देरमे दोनोके बीच घमासान चुदाइ होने लयी इस बारभी देवायतने चंदाको दो बार जडा दीया ओर खुद उनकी चुत भरते ढेर हो गया.. तब दोनोही पसीने पसीने हो गयेथे चंदा उनकी पीठको सहेलाती रही.., थोडी देरके बाद देवायत चंदाको गोदमे उठाके बाथरुममे ले गया अंदर वहा दोनोने मस्ती करते अ‍ेक दुसरेको नहेलाया फीर बहार आके दोनोही तैयार होगये..

देवायत चंदाको गोदमेही नीचे लेकर आ गया तब दोनोही कीचनमे चले गये तो चंदा चाइ नास्ता बनाती रही ओर बीच बीचमे देवायत उनकी मस्ती करते पीछेसे बाहोमे भरलेता ओर उनके दोनो बुब्स पकडके मसलने लगता तब चंदाभी उतेजीतहोके मदहोस होने लगती ओर पलटके देवायतको बाहोमे भीचते होंठ चुम लेती इसी तराह देवायत सरारत करते रहेता था फीर दोनोने चाइ नास्ता करलीया..

सब काम समेटके दोनोही वापस उपर चले गये तब दोनोने सब कपडे नीकाल दीये ओर अ‍ेक बार फीर दोनो प्यार करने लगे.., आज चंदा जी भरके देवायतसे प्यार (चुदाइ) कर लेना चाहती थी..वो देवायतको पत्नीका हर अधीकार उसे देना चाहती थी.., बस उसे सीर्फ उनके बच्चे पेदा ना करनेका गम था..

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ओर साम पांच बजे तक पुरे दीन वोही प्यारका खेल हुआ.., तबतक देवायत पुरे दीनमे चार बार चंदाकी चुतको भर चुकाथा, तब उनकी हालत बहुतही पतली हो चुकीथी मानो वो बेहोसीकी हालतमे चली गइ हो, उनकी चाल बदल चुकीथी वो चलतीथी तोभी लडखडाके चलती थी, फीर सामको दोनो नहाके कंपलीट हो गये ओर नीचे आगये अब देवायतके जानेका वक्त होगया.. तब चंदा जटसे देवायतकी बाहोमे समा गइ ओर देवायतको कसके बाहोमे भीच लीया, फीर उसके सीनेमे सर रखते आंसु बहाने लगी..

चंदा : (आंसु बहाते) जानु मत जाओ..में आपके बगैर जी नही पाउगी..प्लीज..

देवायत : (उनके सरको सहेलाते) बस..बेबी..सांत..होजा..क्या मुजे कमजोर करना चाहती हे..? तु कहेतो रुक जाता हु..फीर मंजुको क्या कहेगे.., कल उसे लेनेभी जाना हे..ओर घरपे बा बापुजीभी अकेले हे..

चंदा : (रोते हुअ‍े) बाबु आप वादा करो मुजे हर रोज अ‍ेक फोन करोगे..ओर मे जब कहु मुजसे मीलने आओगे..,यार अपने प्यारसे बीछडना बहुत मुस्कील हे..मे नही रेह सकती..मे आपको मीलने वहा आजाउगी..

देवायत : (हसते) हां..आजाना वेसेभी तेरी भांजीका घर हे तु वहा कभी भी आ जा सकती हे..

चंदा : (सरमाते) देवु आजकी रात रुक जाओ..प्लीज..भलेही मेरी हालत इससेभी खराब हो जाये..

दंवायत : नही बेबी तु कोइ मशीन नही हे तेरी सहेतकाभी खयाल रखना हे तु पेइनकीलर ओर आइपील ले लेना वरना तुजे सहेरसे लाकर देता हु..

चंदा : (सरमाते) नही.., मेरे पास हे.., आप आने वालेथे..तो सब लेलीया था..

देवायत : (हसते माथेपे कीस करते) चलो मे चलता हु सब अच्छेसे बंध करलेना ओर पुरा दीन आराम करना..मे आजाउगा, जब तुजे मीलनाहो तो उधर आजाना..दो तीन दीन रुकना..
कहातो चंदा अ‍ेक बार फीर देवायकी बाहोमे समा गइ फीर दोनोके होंठ मील गये तब सामका अंधेरा छाने लगाथा ओर देवायत बहार आगया ओर अपनी कार लेके चला गया तब चंदाभी सब दरवाजा बंध करके उपर सोने चली गइ ओर बेडपे लेटतेही नींदकी आगोसमे चली गइ, तब देवायत हवेलीपे आ गया उस रात वो अकेलाथा तब उसने रजीया ओर दयाको अपने कमरेमे देर रात बुला लीया ओर रातमे दोनोको रगड रगड के चोदलीया दोनोकी चुतको अ‍ेक अ‍ेक बार भरके दोनोसे चीपकके सो गया उनके बा बापुजीकी उमर हो चुकीथी वो उपर नही आ सकतेथे देवायत पुरी रात दोनोको रगडके साथ मेही सो गया....

कन्टीन्यु
 
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