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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ४८

देवायत अभीभी पुनमकी चुतमे लंड डालके उनके उपर अ‍ेसेही पडाथा ओर दोनोही बीच बीचमे अ‍ेक दुसरेके होंठ चुमते प्यार भरी बाते करते रहे.. तभी पुनमको अभीभी अपनी बच्चेदानीपे गरम महेसुस हो रहा था.. उनको फीरसे थोडा थोडा जोस बढने लगा तो बीच बीचमे अपनी कमर हीलाने लगी.. तब देवायतभी उनके गले ओर उनके दोनो संतरे जेसे बुब्स बारी बारी चुमने लगा ओर उनका लंड फीरसे पुनमकी चुतमे होते हुअ‍ेभी जटके मारने लगा ओर अ‍ेकदम सख्त होगया.. तब पुनम फीरसे मदहोसीमे छाने लगी....अब आगे

पुनम : (सरमाते धीरेसे) भाइ वापस इच्छा हो रहीहे आप फीरसे धीरे धीरे सुरु करो आज मुजे चोद चोदके नीचोड डालो.. कीतने अरसोके बाद आप मेरे हाथमे आये हो, आज पुरी रात आपसे प्यार (चुदना) करना हे..

देवायत : (कमर हीलाते) हां बेबी.. आजतो तुजे पुरी रात चोदना हे कही आजही तु प्रेगनेन्ट ना होजाये..

पुनम : (सरमाते नजर चुराते) भाइ होभी जाउ तो भी कोइ दीकत नही हे.. मे सबको जवाब दे दुगी आप फीकर मत करना.. मे प्रेगनेन्ट हुइ तो हमारा बच्चा पैदा करुगी.. ओर सच कहुतो मे प्रेगनेन्ट होना चाहती हु..

देवायत : नही बेबी तु अभी आइपील लेती रहेना जब वक्त आयेगा तब प्रेगनेन्ट होना, सब ठीक होजायेगा..

कहेते देवायत पुनमके गलेके नीचे हाथ डाल देता हे ओर उनपे जुकके थोडी स्पीडसे पुनमको चोदने लगता हे.. इस बार पुनमभी देवायतके गलेमे दोनो हाथ डालके खुलके कमर उछाल उछालके पुरे तालमेलमे देवायतसे चुदवाने लगी दोनो ही अ‍ेक बार फीरसे कामातुर होके चुदाइमे मसगुल होगये..

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तभी देवायतने पुनमके गेलेमे मुह डाल दीया ओर उनके गलेको चुमने लगा ओर कमर उछालते पुरा लंड बहार खीचते अ‍ेकही जटकेमे पुरा चुतमे डालते पुनमको जोरोसे चोदने लगा तो पुनमभी खुस होते नसीली आंखोसे देवायतकी कमरपे दोनो पैर डालके मस्तीमे आहे भरते चुदवाने लगी ओर दोनोके बीच धुआधार कामुक भरी चुदाइ होने लगी.. आज पुनम अपने भाइसे चुदवाते जींदगीका वो हर सुख पा रहीथी जीनका वो कही महीनोसे इन्तजार कर रही थी अपने भाइ देवायतसे चुदवाते आज उनका हर सपना पुरा हो रहा था..
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पुनम अपने भाइके साथ पुरी मस्तीमे चुदवाती रही ओर अचानक देवायतको बाहोमे भीचते आंधी आंख चडाते जडने लगी.. तो देवायत अपने लंडपे पुनमका गरम पानी महेसुस करते ओर जोसमे आजाता हे ओर पुनमको जोरोसे चोदने लगता हे ओर अ‍ेक बार फीर दोनोके बीच घमासान चुदाइ होने लगी इस बार देवायत काफी समय पुनमको उछल उछलके चोदता रहा.. तब पुनमको हर धकेके साथ अपनी बच्चेदानीपे देवायतका लंड टकराते महेसुस होने लगा तब उनको दर्द होने लगा ओर उनकी हल्की चीखे नीकलने लगी..

पुनम : (नसेकी हालतमे) बससस बससस बसस नहीइइइ भाइइइइ धीरे चोदोदोदो..दुखखखताताता हेहेहेइइइ सीइइइइ हंमममममउउउउउउउउअअअअअअअ भाभाइइइइइइ बससस मररररजाजाउउउउगीगीगीगी.. यारररर

देवायत : (मदहोसीमे) बच्चाचाचा चाहीहीहीयेयेयेये हंमममममम लेलेअ‍ेअ‍ेअ‍े डाललललदुदुदु हंममममम हांहां बोलललल हंहंममममम बोलललनांनां देदुदुदु बच्चाआआआ हहंममममम..

पुनम : (रोने जेसी आवाजमे) ननहीहीही भाइइइ बससस बससस धीरेरे चोचोदोदोदो हंहंममममउउउउउउ ससससइइइइइइउउउउउ हंमममम देदेदोदोदो..बच्चाचाचा..हंममममममम सीसीइइइइइ मेंममम करदो.. पेटसे..

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तभी देवायत पुनमके होंठ लीपलोक कर लेता हे तो पुनमभी देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचते अपने तनसे चीपका लेती हे तब देवायत अपने लंडको पुनमकी चुतमे जडतक घुसा देता हे ओर धीरे धीरे कमरको जटकते अपना गरम पानी (विर्य) पुनमकी बच्चेदानीपे छोडने लगता हे तो पुनमभी अपनी बच्चेदानीपे देवायतका गरम पानी महेसुस करते उतेजीत होके उनके साथही जडने लगती हे.. ओर थोडीही देरमे दोनो सांत होते अ‍ेक दुसरेसे चीपकते अ‍ेसेही पडे रहेते हे तब दोनोही पुरे पसीनेसे भीग चुके थे ओर पुनम अपनी सांस दुरस्त करते देवायतकी पीठ सहेलाने लगती हे फीर कुछ देर अ‍ेसेही पडे रहेनेके बाद..

पुनम : (सरमाते नजर चुराते) भाइ आज आपने मुजे तृप्त करदीया.. मुजे चोद चोदके पुरी नीचोड डाली.. मेरा अ‍ेक अ‍ेक अंग दर्द कर रहा हे.. आप कीतना जोरोसे चोद रहे थे.. मेरी बच्चेदानीसे टकरा रहाथा.. इतना जोस कहासे आगया..?

देवायत : (होंठ चुमते) बेबी.. तुम सच केह रहीथी.. बहेनको चोदनेमे अ‍ेक अलगही मजा हे.. जब तुजे बहेन मानके चोद रहाथा तब मेरा जोस अ‍ेकदम बढ गया.. तुजे मजा आया..? हंमम..? जी चाहता हे तुजे बीना नीचे उतरे दीन रात अ‍ेसे ही चोदता रहु..

पुनम : (सरमाते हसते) बीलकुल पागल हो.. भाइ मे बहुतही थक गइ हु.. आपका दो बार होगया.. अब चलीयेना बाथरुम.. मुजे बाथरुममे जाना हे.. पुरे पसीनेसे भीग चुकी हु..

देवायत : (हसते) डार्लींग अ‍ेक बार ओर करलु..? हंमम..? पुरी रात करना हे..

पुनम : (सरमसे पानीपानी होते) भाइ.. प्लीज अ‍ेक बार नहा लेते हे.. थकान दुर होजायेगी.. फीर कुछ देर आराम करके फीरसे करते हेनां.. मुजेभी कहा सोना हे.. आज हमे पुरी रात जागते यही तो करना हे.. अबतो मे आपकी अमानत हो गइ हु जबभी जी चाहे मुजे बुला लीजीयेगा..

देवायत : (उपरसे उतरते) अरे मेरी बीवी.. चल नहातेहे.. बस..

कहेते देवायत पुनमकी चुतसे लंड नीकालते बेडसे उतर गया तो लंड नीकलतेही फच..की आवाज आइ तो पुनमकी चुतसे दोनोका कामरस बहेते चदरपे गीरने लगा तब पुनम बेडपे दोनो हाथ टीकाके बेठ गइ ओर बेडसे उतरनेकी कोसीस करने लगी तो उनकी चुतमे बहुतही जलन होने लगी ओर वो वापस बेडपे बेठ गइ.. ओर अ‍ेक नजर अपने बेडकी चदरपे डालके सरमसे पानीपानी होगइ फीर अपनी चुतपे हाथ रखते सर जुकाके देखने लगी.. फीर देवायतकी ओर देखने लगी.. क्युकी बेडके बीचमे अ‍ेक लाल धबा दीखाइ दे रहाथा जो पुनमके कौमार्य भंगकी नीसानी को दर्सा रहाथा तभी धीरेसे सरमाते कहा..

पुनम : भाइ..वहासे मेरा गाउन ओर वो दुसरी चदर नीकालके दो नां.. पुरी चदर खराब होगइ हे.. मुजसे चला नही जाता..

तभी देवायत उनकी अलमारी खोलता हे तब पुनम हाथकी उंगलीसे उनको दीखाती हे तो देवायत उनका गाउन ओर अ‍ेक दुसरी चदर नीकालते पुनमको देता हे तो पुनम बेठेही चदरको साइडमे रखते गाउन पहेन लेती हे ओर देवायतकी ओर हाथ बढाती हे तब देवायत पुनमको अपनी गोदमे उठाते उसे बाथरुमकी ओर ले चलता हे तब पुनम पुरी तराह थकी हुइ लगती हे..

Qlwz
अंदर जातेही देवायत पुनमको अपनी गोदसे उतार देता हे ओर गीजरसे गरम पानी बालटीमे नीकालने लगता हे तब पुनम वही कमोडपे बेठ जातीहे ओर देवायत उनका गाउन नीकालते उनको खीतेपे टांग देता हे.. ओर कम्बलरसे पानी लेते पुनमकी चुतकी गरम पानीसे सीकाइ करने लगता हे तब पुनम जोरोसे सीसकारीया करते देवायतको ही देख रही हे तब जाके थोडी देरके बाद पुनमको राहत महेसुस होने लगती हे..

फीर देवायत पुनमको साबुन लगाते उनके बुब्सको मसलने लगता हे तब पुनम अ‍ेक बार फीरसे मदहोस होने लगती हे ओर आंख बंध करते सीसकारीया करने लगती हे फीर देवायत उनकी चुत पीठ सब जगाह साबुन लगाके उनको पानीसे नहेलाता हे फीर खुद नहा लेता हे देवायत पुनमकी इतनी कैर करता हे तो पुनम मनही मन खुस होजाती हे.. फीर देवायत पुनम ओर खुदको टोवेलसे पोछते पुनमको फीरसे गोदमे उठा लेता हे ओर बहार आके चदर चेन्ज करके उसे बेडपे सुलाके खुद उनकी साइडमे पीछेसे चीपकते सोजाता हे ओर पुनमके बुब्सको पकडते धीरेसे दबाने लगता हे तब पुनमभी पीछे हाथ लेजाते उनके अ‍ेक हाथको तकीया बनाके पेरको सहेलाने लगती हे

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तभी दोनोही थकानकी वजहसे कब नींदकी आगोसमे चले गये पताही नही चला.. तभी दुसरी ओर भानुके गांवमे आज लता ओर लखन सुहागदीन मनाके खाना खा लेते हे फीर लता सब काम नीपटाके भावेसको अपने रुममे दुध पीलाके जुलेमे सुला देती हे धरके सब दरवाजे लाइट अच्छी तराहसे बंध करके अपने रुममे आजाती हे ओर आयनेके सामने बेठते हल्कासा शींगार करने लगती हे ताकी अपने पती लखनको खुस करते रीजा सके..

तभी लखन बेडपे बेठते लताको देखने लगता हे ओर धीरेसे उठते लताके पीछे चला जाता हे ओर उनके गलेमे दोनो हाथ डालके उनके गालोसे अपना गाल रगडते आयनेसे ही लताके सौंदर्यका दीदार करने लगता हे तभी वो अ‍ेक हाथ लताके बुब्सपे रखते उसे दबाने लगता हे तो लता बहुतही सरमाके कामातुर होने लगती हे ओर अ‍ेक बार फीर दोनो सब कपडे नीकालके सुहागरात मनानेकी तैयारीया करने लगते हे..

लता ओर पुनम दोनोकी साथमेही सगाइ हुइथी ओर आज दोनोही अपनी सुहागरात मना रहीथी.. बस फर्कथा तो सीर्फ पुनमके पतीका.. पुनम धिरेनकी जगाह अपने भाइसे सादी करके सुहागरात मना रहीथी.. जो जवानीपे कदम रखतेही अपने भाइको पती मान चुकीथी..तो लताकी भी सब तम्मना आज पुरी हुइ थी..

क्युकी पीछले कइ दीनोसे रोज अपने भाइ भाभीकी चुदाइकी रासलीला देख रहीथी..वोभी कइ दीनोसे कामाग्नीमे जलते अपनी चुतमे कीसीका लंड लेना चाहती थी फीर उनके भाइकाही लंड क्यु नाहो.. लेकीन अब उनकी सगाइ करदी गइ जो आज उनके होनेवाले पती लखनसे सादीसे पहेले अपना कौमार्य भंग करवाते पुरा दीन चुदवा चुकी थी ओर अब सुहागरातमे फीरसे चुदवानेकी तैयारीया कर रही थी..

आज लता ओर लखन दोनोही पहेली बार मील रहेथे तो लखन ओर लता दोनोको नही पताथा की चुदाइके कीतने तरीके हे उनकोतो बस अ‍ेकही सीम्पल तरीका मालुम था तो लखन लताकी उसी तरीकेसे चुदाइ करने लगता हे.. दोनोही चुदाइके मामलेमे काफी खुल चुकेथे तो रातमे लता खुलके लखनसे चुदवाने लगी.. लखन १० मीनीटमे ही लताकी घमासान चुदाइ करके चुतमे पानी डालके ढेर होजाता..वोभी नही देखता की लता जड चुकीहे की नही.. ओर लता हर बार प्यासी रेह जाती.. ओर लखनसे उंगली करवाते सांत हो जाती..

फीर दोनोही अ‍ेक दो घंटे आराम करते..फीर लता लखनको अपनी चुतका जलवा दीखाती ओर लखनके लंडको हीलाके खडा करती ओर मुहमे लेकर चुमते फीरसे दोनो चुदाइ करने लगते.. इसी तराह लखन पुरी रातमे लताको ३ बार चोद चुकाथा ओर फीर दोनोही थकके साथमे नहाके अ‍ेक दुसरेसे चीपकके सो गये..

तभी दुसरी ओर पुनम अ‍ेक घंटेका आराम करके फीरसे जाग गइ ओर देवायतकी ओर करवट लेते उनके चहेरेको देखती रही.. आज वो पुरी रात अपनी सुहागरातका मजा लेना चाहतीथी तो वो देवायतके उपर जुक गइ ओर देवायतके मुसल लंडको अपनी मुठीमे भरके सहेलाने लगी ओर देवायतके सीनेको चुमती रही..तभी देवायतकी आंखभी खुल गइ ओर अ‍ेक हाथसे पुनमकी पीठको आधी नींदमे ही सहेलाने लगा..

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तभी पुनम देवायतके पैरके बीच आगइ ओर लंडकी ओर जुकते देवायतके लंडको नीचसे उपरकी ओर अपनी जीभसे चाटतने लगी जीसे देवायतके सरीरमे जुनजुनाट होने लगी ओर वो मस्तीमे पुनमकी ओर देखते हसने लगा.. तो पुनमभी मस्तीमे आके बार बार लंडको चाटती रही ओर अंतमे लंड गीला होते सख्त होगया.. तो लंडको धीरेसे अपने मुहमे लेलीया ओर देवायतकी ओर देखते लंडको मुहमे अंदर बहार करते देवायतको ब्लुजोब देने लगी..
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इस हरकतसे देवायतका लंड जटके मारते खडा होने लगा ओर हवामे सख्त होके लहेराने लगा तब पुनमने लंडको मुहसे नीकाल दीया वो पुरी तराह मदहोस होकर काम अग्नीमे जलने लगी.. उनकी आंखमे वासनाके डोरे मंडराने लगे.. ओर आंख लाल होगइ.. तभी देवायतकी कमरके पास आके बेठ गइ ओर अ‍ेक पैर उचा करते लंडको अपनी चुतपे सेट करने लगी तब देवायतकी आंखोमे कामुक नजरोसे देखते लंडपे धीरे धीरे बेठने लगी पुनमकी चुतने पुरा लंड नीगलते अपनी गीरफ्तमे लेलीया..
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ओर आंख बंध करते थोडी देर अ‍ैसेही बैठी रही फीर धीरे धीरे कमरको उपर उठाते वापस कमरपे बेठते लंडको चुतमे अंदर बहार करने लगी अब वो पुरी तराह मदहोसीमे छाने लगी.. पुनम देवायतसे हर तरीकेसे चुदवाना चाहती थी.. आज वो देवायतसे पुरी तराह तन ओर मनसे समर्पीत हो चुकी थी अबतो धिरेनसे सादी सीर्फ औपचारीक रेह गइथी.. उसने पुरी जींदगी अब अपने भाइ देवायतसे चुदवानेका मन बना लीया था.. वो देवायतको बेठे बेठे चोदने लगी.. फीर कुछ देरके बाद वो थक गइ..

तभी अपने दोनो पैर घुटनोसे मोडके देवायतके कंधेके पास हाथ टीकाके उनपे जुक गइ ओर धीरे धीरे कमर हीलाते देवायतको फीरसे चोदने लगी.. अब वो पुरी तराह कामुक होके आंख बंध करते देवायतको चोद रही थी ओर चुदाइका पुरा मजा ले रहीथी.. तब देवायतभी उनकी कमरपे हाथ रखते उनको चोदनेमे मदद करने लगा आज वो हर सुख अपनी बहेनको देना चाहता था दोनोही पुरी तराह कामाग्नीमे जलते चुदाइमे मसगुल होगये थे..

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तभी अचानक पुनम देवायतसे चीपक जाती हे ओर उनके होंठोपे होंठ रखते भीच लेती हे ओर आधी आंख चडाते नसेकी हालतमे अपनी कमरको जटके मारते जडने लगती हे.. तब देवायतभी उसे जोरोसे बाहोमे भीचलेता हे ओर थोडीही देरमे पुनम देवायतके गलेमे मुह डालके सीनेपे ढेर होजाती हे.. तब देवायत उसे बाहोमे भरते पीठ सहेलाने लगता हे फीर कुछ देरके बाद बाहोमे कसके पलट जाता हे ओर दोनो पागलोकी तराह मुह खोलते अ‍ेक दुसरेके होठ चुमने लगते हे..
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तभी देवायत हाथके बल उचा होताहे ओर लंबे लंबे सोट मारते पुनमको चोदने लगता हे तब पुरा लंड पुनमकी चुतमे चला जाता हे तो वो बार बार अपनी बच्चेदानीसे टकराते महेसुस करती हे ओर हर धकेके साथ उनकी आहे नीकलने लगती हे वो अब पुरी तराह कामातुर होके चुदवाने लगी.. ओर दोनोके बीच अ‍ेक बार फीरसे घमासान चुदाइ होने लगी.. तब कमरेमे थपप थपप थपप फचच फचच फचच की आवाजके साथ पुनमकी चुडीतोकी खनखनाहट देवायतको ओर चोदनेको जोस बढा रही थी.. तब पुनमसे देवायतके लंडको बरदास्त करना मुस्कील होने लगा..
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पुनम : (मदहोसीमे) बससस बससस भाइइइ धीरेरे चोदोदो मरररर जाउउउगीगीइइइ नहीइइइ भाइइइइ बससस याररर हंमममअअअअअअ उउउउहहहहहममममम आहहह आहहह आहह सीइइइइइइइइइ मांइइ..

देवायत : (नसेमे) पुरारारा डालललदुदुदु.. हंममममम मजाजाज आरररहाहाहा हेहेहेहंमममममम हंमम..

पुनम : (नसीली आंखोसे देखते) हंमममम उउउउउअअअअअ हांहांहांआआआ बहुउउउततततत मजाजाज..आआरररहाहाहेहेहे.. ओरर चोदो.. मुजे..सीससइइइ आह..आह..आह..आह..

देवायत : (मदहोसीमे) रोजजज चुदददवावावयेयेयेगीगीगी हंममममम बोलललनानां..

पुनम : (आंख चडाके चुदवाते) हंममम हाहाहा..चोददददलेलेनानाना.. रोजजज चुदददवावावउउउगीगीगी..

दोनोही कामुक बाते करते चुदाइका मजा ले रहेथे देवायत काफी देर तक पुनमको चोदता रहा तभी पुनमने अ‍ेक बार फीरसे देवायतको अपनी बाहोमे भीचलीया ओर उनके होठोसे होठ मीलाके लीपलोक करलीया तभी देवायतको अपने लंडपे गरम पानीकी बौछार महेसुस हुइ तो उनके लंडपे सुरसुराहट होने लगी देवायतका पुरा सरीर कांपने लगा ओर उसने पुरा लंड पुनमकी चुतमे घुसा दीया ओर रुक गया..

तभी लंड पुनमकी बच्चेदानीसे टकरा गयातो पुनमकी अ‍ेक हल्की चीख नीकल गइ ओर देवायतके मुहमेही दब गइ तब पुनमकी आंख बडी होगइ ओर वो देवायतकी आंखोमे देखती रही.. तभी उसे अपनी बच्चेदानीपे देवायतका गरम विर्य पीचकारीयो की बोछार करते महेसुस होने लगा ओर वो आधी आंख बंध करते सातवे आसमानपे चली गइ ओर तीलमीलाते दर्र्दसे मुह बीगाडते साथमे जडती रही..

really-painfull-nithya-menon
तभी देवायत उनके होंठ चुमते पुनमके उपर पडा उनका कामुक चहेरेको देखते रहेता हे तब पुनम बहुतही सर्मसार होते नजर चुराते मुहको साइडमे घुमाने लगी.. उन्को अभीभी यकीन नही हो रहाथा की उनकी जबरदस्त चुदाइ अपने भाइने करली थी.. उनको अभी भी अपनी चुतमे देवायतका सख्त लंड महेसुस हो रहाथा ओर वो नैन चुराते देवायतके सरको सहेला रहीथी तभी देवायत उनके चहेरेको अपने दोनो हाथोमे थामके अपनी ओर करता हे ओर उनकी आंखोमे देखते होंठ चुम लेता हे ओर धीरेसे कहेता हे....

कन्टीन्यु
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ४९

तभी देवायत उनके होंठ चुमते पुनमके उपर पडा उनका कामुक चहेरेको देखते रहेता हे तब पुनम बहुतही सर्मसार होते नजर चुराते मुहको साइडमे घुमाने लगी.. उन्को अभीभी यकीन नही हो रहाथा की उनकी जबरदस्त चुदाइ अपने भाइने करली थी.. उनको अभी भी अपनी चुतमे देवायतका सख्त लंड महेसुस हो रहाथा ओर वो नैन चुराते देवायतके सरको सहेला रहीथी तभी देवायत उनके चहेरेको अपने दोनो हाथोमे थामके अपनी ओर करता हे ओर उनकी आंखोमे देखते होंठ चुम लेता हे ओर धीरेसे कहेता हे....अब आगें

देवायत : बेबी तुम मुजे चारुके बारेमे कुछ बताने वालीथी..

पुनम : (सरमाते हसते) हां भाइ वो चारुभाभीके बारेमे नही इनकी बेटी वंदनाके बारेमे मुजे आपसे अ‍ेक बात करनीथी..

देवायत : (उनकी आंखोमे देखते) हां बेबी बोल क्या बात करनी थी.. उन्होने कुछ कहा..? क्युकी उनकी हमारे गांवकी स्कुलमे नोकरी पक्की कर रहा हु..

पुनम : (सरमाते) भाइ वो बात नही हे.., बात दरसल येहे की जब आपकी सादी नही हुइथी तबसे वो आपको चाहती हे.. ओर जब उनके दीलकी बात आप तक पहोचाये उनसे पहेलेही आप ओर भाभीकी लव स्टोरी उनके सामने आगइ ओर आपकी सादीभी होगइ तो उसने अब जींदगीभर सादी नही करनेका फैसला कर लीया हे.. इसीलीये अब वो कीसी ओरसे सादी करनेको तैयार नही हे..

देवायत : (आस्चर्यसे देखते) क्या बात कर रही हे..? बेबी अ‍ैसा नही होता तेरी तो पक्की सहेली हे तुम उसे समजाओ कीसी अच्छे लडकेसे सादी करले.. अकेली जींदगी कैसे काटेगी..?

पुनम : (सरमाते) भाइ मेने उनको बहोत समजाया लेकीन वो माननेको तैयार ही नही हे.. वैसेभी चाहत क्या होती हे वो हमसे बहेतर कौन जानते हे..चाहे में हु या भाभी, या फीर वंदना हो या मेरी सांस.. भाइ हम सभी आपको दीलोजानसे चाहती हे ओर आपको पानेके लीये हम कीसीभी हद तक जानेके लीये तैयार हे..

देवायत : सब पागल हो.. मुजमे अ‍ैसा क्या देखलीया.. जो सब मेरेही पीछे पागल हे.. बेबी तु उसे मेरा नाम लेके अ‍ेक बार ओर समजाओ सायद मान जाये..

पुनम : भाइ मेने बहुत ट्राइ कीया लेकीन वो अब इस बारेमे बात करनेको तैयारही नही हे.. मेरी सगाइमे आइथी तबभी वो सीर्फ आपकोही देख रहीथी ओर बार बार अपनी आंख गीली करती थी..भाइ मेरे खयालसे आप अ‍ेक बार उनसे बात करलो सायद आपकी बात मान जाये.. कहोतो आप दोनोकी मींटींग करवादु..?

देवायत : नही डार्लींग अभी रहेने दे हम मौका मीलतेही बात करलेगे.. वेसेभी उनको लेकर अ‍ेक बार सहेरमे जाना पडेगा क्युकी उनकी नोकरीकी बात पकी करनी हे..

पुनम : भाइ तब आपके पास बात करनेका अच्छा मौका होगा तो आप खुद बात कर लेना..

देवायत : चलो देखते हे मे उनसे बात कर लुगा.. वो बहुतही अच्छी ओर सीधी लडकी हे..

पुनम : (सरमाते हसते सरारतसे) तो फीर भाइ मे कैसी लडकी हु..? हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) अरे तु सीर्फ अच्छी थोडीना हे मेरी डार्लींग बहेन बहुतही अच्छी खुबसुरत ओर सेक्सी हे..

पुनम : (सरमाते हसते) अच्छा..? तभीतो अभी भी मेरे उपर पडे हो.. भाइ अपनी बहेनको चोदकर कैसा लगता हे आपको..?

देवायत : (होंठ चुमते) अरे पुनो बातही मत कर.., अ‍ैसा लगताहे तुजे जींदगीभर चोदताही रहु.. तु तेरी भाभी ओर तेरी सांससे भी बहोत होट हे.. बेबी अ‍ेक बात याद रखना जबतक हम दोनो बुढे नही होजाते ओर हमारी चुदाइकी क्षमता खतम नही होजाती तबतक मे तुजे अ‍ैसेही चोदता रहुगा आइ प्रोमीस.. हें..हें..हें..

पुनम : (बुरी तराह सरमाके हसते) भाइ तबतो मुजे आपका बहोत ख्याल रखना पडेगा..देखना अपने वादेसे मुकर मत जाना.. मेभी आपसे वादा करती हु आपको मे हमेसा अ‍ेसेही प्यार देती रहुगी जैसा अभी दे रही हु..

दोनो अ‍ेसीही कामुक बाते करते फीरसे गरम होने लगते हे तभी पुनम मदहोसीमे नसीली आंख करते देवायतकी आंखोमे देखते उनके होंठ चुमने लगती हे अ‍ेक बार फीर दोनो मुह खोलके अ‍ेक दुसरेके मुहके रसको पीने लगते हे तभी देवायत उनके बुब्सको मुहमे लेके चुसने लगता हे ओर चुसते चुसते बुब्सके नीपलको अपने दातोसे दबाके खीचने लगता हे तब अ‍ेकबार फीर दोनो कामाग्नीमे जलने लगे..

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तब दुसरी ओर काम ओर रतीभी फीरसे दोनोके उपर मदहोसी ओर कामुक्ताके बाणोकी बारीस करने लगे दोनोही फीरसे मदहोसीमे छाने लगे देवायत बारी बारी दोनो बुब्सके नीपलको चुसते उनके होठोसे खीचने लगातो पुनम पुरी तराह पागल जैसे होगइ उनको देवायतकी इस हरकतको बरदास्त करना मुस्कील हो गया..ओर पुरी कामातुर होगइ.. ओर अपनी कमर धीरेसे हीलाने लगी..

तभी पुनमने देवायतके सरके बाल पकडते उसे अपनी मुहकी ओर खीचलीया ओर उनके होंठोसे लीपलोक करते जोरोसे होंठ चुसने लगी..तो देवायतका लंड चुतके अंदरही रहेके जटके मारने लगा..तभी अचानक देवायत पुनमके पैरोके बीच बैठ गया ओर पुनमकी कमरको पकडके अपनी ओर खीचलीया तब पुरा लंड पुनमकी चुतमे जडतक बच्चेदानी तक चला गया ओर पुनमकी अ‍ेक हल्कीसी चीख नीकल गइ..

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ओर पुनमने आंख बंध करते जोरोसे चदरको पकडली.. तभी देवायत कमर हीलाते हल्के हल्के सोट मारते पुनमको चोदने लगा..तब पुनम पुरी तराह कामाग्नीमे जलते चुदाइके नसेमे छा गइ.. वो बस आंख बंध करते अपनी चुदाइका पुरा मजा लेने लगी.. वो यहीतो चाहतीथी की उनका भाइ इनकी इसी तराह पुरी रात चुदाइ करता रहे.. वो देवायतके हर धक्केको आंख बंध करते महेसुस कर रही थी तब उनके गोरे गोरे संतरे जेसे बुब्स देवायतके हर धक्केके साथ तालमेलमे उछल रहेथे.. जो देवायतको कामुक्ताकी ओर धकेल रहेथे..

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देवायत काफी देर अ‍ेसेही पुनमकी चुदाइ करता रहा तभी पुनमने चुदाइ करवाते देवायतकी ओर देखा ओर उसे अ‍ेक हाथ लंबा करते अपने उपर आनेका इसारा कीया तो देवायत बेठे बेठे पुनमको चोद रहाथा ओर वो चुदइ करते करतेही पुनमके उपर जुक गया ओर पुनमने अ‍ेक पैर उपर उठालीया ओर देवायतके कंधेपे रखते देवायतका चहेरा अपने दोनो हाथोसे पकडलीया ओर चुदाइ करवाते लगातार देवायतकी आंखोमे कामुक भरी नजरोसे देखती रही..
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पुनम : (मदहोसीके नसेमे) भाइइइ बससस अ‍ेअ‍ेसेसेसेहीहीही मेरीरीइइइ चुदाइइइइइ करतेअ‍ेअ‍े रहेहेहेनानाना.. क्याआआआ मस्ततत चुदादाइइइइ करररतेतेतेते होहोहोहो..

देवायत : (चुदाइ करते) हंमममम हाहाहा हां क्याआआ मस्ततत चुततत हेहेहे तेरीरीइइइइ तुजेजेजेअ‍ेअ‍े चोदददताताताहीहीहीइइइ रररहुहुउउउउउउ चुददवावायेयेगीगीनानां मुजजजसेसेअ‍ेअ‍े हंमममम..?

पुनम : (नसेकी हालतमे) हंमममहाहाहा.. चुददवावावउउउउउगीगीगीइइइ चोददलोलोलो मुजेजेससइइइइइइ.. जींदगीइइइइ भररर अ‍ेसे हीइइइ चुदवातीइइइ रहुगीइइइ..

दोनोही चुदाइमे इतना मसगुल होगये की वो दोनो क्या बाते कर रहेथे वोभी उनको नही पताथा दोनोही धीरे धीरे करते अ‍ेक बार फीरसे धमासान चुदाइकी ओर बढने लगे.. तभी पुनमने देवायतका चहेरा पकडके रखाथा उसे अपने चहेरेकी ओर खीचते लीपलोक करलीया ओर देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचलीया फीर अपनी कमरको उछालते जटके देने लगी तभी देवायतको अपने लंडपे पुनमका गरम पानी महेसुस हुआ..

तब उनका जोस कइ गुना बढ गया ओर पुनमकी चुतसे लंडको खीचके नीकाल दीया तबभी पुनम कुछ समजती उनसे पहेलेही पुनमको साइडमे करलीया ओर वो उनके पीछे लेट गया ओर पीछेसेही पुनमकी चुतमे अपने लंडको पुरा जडतक उतार दीया तब पुनमकी अ‍ेक हल्की चीख नीकल गइ ओर पीठके बल लेटते अ‍ेक पैर देवायतकी कमरपे डालके चुदवाने लगी तो देवायतभी अपना मुह पुनमके बुब्सपे रखते चुमने लगा ओर अ‍ेक हाथसे पुनमका दुसरा बुब्स जोरोसे मसलते पुनमकी जोरोसे चुदाइ करने लगा..

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जब पुनमसे देवायतकी अ‍ैसी चुदाइ बरदास्त करना मुस्कील होने लगा तो वो साइडमे करवड लेके सोगइ तब देवायत उनके नीतंबको पकडके पुनमको जोरोसे चोदने लगा जो पुनम देवायतका लंड अपनी बच्चेदानीसे टकराते महेसुस करने लगी उनको बहुत दर्द होने लगा वो अपने मुहको खुला रखते देवायतके हर सोटको बरदास्त करते तीलमीलाने लगी.. तभी अचानक देवायत पुनमकी कमर पकडते जोरोसे चोदने लगा..

तब पुनमकी हालत पतली होने लगी अब देवायतके धकेको बरदास्त करना मुस्कील होने लगा ओर देवायतभी अपनी चुदाइके चरम पर पहोंच गया वो पुनमकी कमरको अपने लंडकी ओर खीचते पुरा लंड चुतमे खीच खीचके जडतक घुसाने लगा तब पुनम पुरी तराह कांपने लगी ओर देवायतसे छुटनेकी कोसीस करते तीलमीलाने लगी तभी उनको बच्चेदानीपे देवायतका गरम पानी महेसुस होने लगा तो वोभी तीलमीलाते अ‍ेक बार फीरसे देवायतहे साथ जडने लगी ओर दोनोही साथमे जडते ढेर होगये..

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थोडी देर दोनो अ‍ेसेही बेसुध जेसी हालतमे पडे रहे.. अब तक पुनम देवायतसे चार बार चुदवा चुकीथी ओर इसी बीच ना जाने वो कीतनी बार जड चुकीथी..आज वो थकके चकना चुर हो चुकीथी इनका अ‍ेक अ‍ेक अंग दर्द कर रहा था क्युकी उनकी अभी जो चुदाइ हुइ इनमे देवायतने उनको बहुतही कामुक ओर बुरी तराह चोद लीयाथा.. दोनोही अभीभी अ‍ेसे नीसब्द पडे थे तब उनकी चुतमे अभीभी देवायतका सख्त लंड घुसा हुआथा.. जो मुरजानेका नामही नही ले रहाथा..

तभी पुनमकी चुतसे दोनोका काम रस अपनी जगाह बनाते बहारकी ओर टपकने लगा जो पुनमके पैरोसे होते हुअ‍े उनकी चदरको गीली कर रहाथा लेकीन दोनोही हीलनेकी स्थीती मे नहीथे तब दोनोही अ‍ेसे पडे रहे ओर उनकी कब आंख लग गइ दोनोको पताही नही चला पुनमतो मानो अभीभी बेहोसीकी हालतमे सोइ हुइ थी दोनो काफी देर अ‍ेसेही सोते रहे तभी पुनमको नींदमे अपनी चुतमे कुछ हरकत महेसुस हुइ तब उनकी आंख अचानक खुल गइ ओर वो डरते देखने लगी..

देखा तो देवायत उनको पीठके बल सुलाते उनकी चुतमे लंड घुसा रहाथा.. वो कुछ कहेती समजती उनसे पहेलेही देवायतने उनकी चुतमे पुरे लंडको घुसा दीया ओर पुनमके उपर जुकते लेट गया ओर धीरे धीरे कमर हीलाते पुनमको फीरसे चोदने लगा तब पुनमने अपने दोनो पैर मोडके फैला दीये ओर उनकी कमरपे हाथ रखते अ‍ेसेही पडी रहते देवायतकी आंखोमे देखती रही.. फीर चुदवाते हुअ‍े धीरेसे कहा..

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पुनम : भाइ मे बहोत थक गइ हु.. आप धीरे धीरे करना अबतो हीलनेकी भी ताकात नही हे..

देवायत : (चुदाइ करते) बस बेबी ये आज आखरी बारही हे.. तुजे देखते आज बहुतही प्यार आ रहाहे तेरे जेसी बीवी पाकर मे धन्य होगया अबतो तुजे जींदगीभर मे अ‍ेसेही चोदता रहुगा..

पुनम : (चुदवाते हुअ‍े) भाइ आपसे अ‍ेक बात कहेनी हे..

देवायत : हां डार्लींग बोल.. अबतो तु मेरी बीवीहे जोभी कहेना हो बीन्दास बोला कर..

पुनम : (चुदवाते सरमसे) भाइ..वो..मेरी सादीके बाद मुजे.. ये अ‍ेकही सालमे बच्चा चाहीये..

देवायत : (सोट मारते उसे देखते) बेबी इतनी जल्दी? कुछ सालकातो इन्तजार करती इतनी जल्दी क्यु हे..?

पुनम : (सरमाते हसते) भाइ कुछ बाते मुजतक सीमीत रहेने दीजीये यही समजलो ये बाबाका हुकुम हे..

देवायत : (पुनमकी आंखोमे देखते चोदते) बेबी अ‍ैसी क्या बात हे जो मे नही जानता.. मुजे तुजे बच्चा देनेमे कोइ अ‍ेतराज नही लेकीन बेबी तेरी पढाइ डीस्टर्ब होजायेगी इनके बारेमे कभी सोचा हे..?

पुनम : भाइ वो सब मे मेनेज कर लुगी वो सब मुजे पता हे.. बस.. मे जब कहु मुजे बच्चा चाहीये..

देवायत : (चोदते होठ चुमते) ठीक हे बेबी तुजे जबभी बच्चा चाहीये मुजसे कहेना क्युकी मे तेरी सब बात समज रहा हु मुजे कुछ ओर नही जानना.. मुजे पता हे वो मेरे लीये कीतनी तकलीफ दायक हे..

पुनम : नही भाइ आपको स्ट्रोंग होना पडेगा तब हम दोनोकी स्थीती अ‍ेक जेसी होगी.. लेकीन आप फीकर मत करना मे हुनां.. मे आपको सम्हाल लुगी..

देवायत : (थोडा जोरोसे चोदते) बस..बेबी बाकीकी बाते हम कल फुरसतमे करेगे अभी मुजे मजा करने दे..

कहेते अ‍ेक पैर बेडके कीनारे नीचे रखते दुसरे पैरको मोडके बेडपे रख दीया ओर खडा होके पुनमकी कमरको पकडते उसे अपने पैरोकी ओर खीच लीया ओर पुनमको जोरोसे चोदने लगा तब पुनमने अ‍ेक पैर मोडके अपने हाथोसे पकडलीया ओर अ‍ेसेही थकी हुइ पडी रहेके देवायतसे चुदवाती रही..

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वो आज देवायतसे चुदवाते चुदवाते थकके चकना चुर हो चुकीथी फीरभी देवायतको मना नही कर पा रहीथी चुदवाते वो लगभग बेहोसीकी हालतमे जाने लगी तभी अचानक देवायत बेडसे उतर गया ओर पुनमकी कमरको पकडते खीच लीया ओर पुनमको जोरोसे चोदने लगा तब पुनम बेडके कीनारे पैर मोडके देवायतकी कमरको पकड लेती हे अब उसे देवायतका लंड अपनी चुतमे बरदास्त नही हो रहाथा वो लगभग बेहोस जैसी हो चुकीथी ओर पुनम अ‍ेसेही पडी रहेके देवायतके हर धकेको बरदास्त करती रही.. तभी देवायतने चुतमे जडतक लंडको घुसा दीया ओर धीरे धीरे कमरको जटके देते पुनमको चोदते जडने लगा..
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तब ढेर सारा विर्य पुनकी बच्चेदानीपे पीचकारीया मारते पुनमकी चुतको भरता रहा ओर वो जडके पुनमके उपर ढेर होगया तब पुनम अ‍ेसेही बेहोसीकी हालमे पडी रही.. फीर देवायतने लंडको खीचलीया तो चुतसे फच..की आवाजके साथ बहार आगया ओर देवायत खडा होके पुनमको अपनी गोदमे उठाके बाथरुममे लेगया ओर उसे नहेलाने लगा तब जाके पुनमको होस आया फीर उसनेभी नहा लीया ओर दोनोही तन पोछके बहार आगये..

तभ देवायतने पुनमको गाउन पहेना दीया ओर चदरको अ‍ेक बार फीरसे चेन्ज करलीया ओर पुनमको यही बेडपे सुलाके उनके उपर कंबल डाल दीया.. फीर वोभी अपने कपडे पहेनके बहार जाने लगा तो पुनमने उनका हाथ पकड लीया तो देवायत उनके पास बेडके कीनारे बेठ गया तो पुनमने उनकी गोदमे अपना सर डालदीया ओ देवायतकी आंखोमे देखने लगी फीर देवायतके मुहकी ओर मुह लेजाते देवायतके होंठ चुमलीये ओर मुस्कराते उनकी आंखोमे देखते कहेने लगी..

yes
पुनम : (सरमाते होठ चुमते) भाइ थेन्क्स फोर ब्युटीफुल नाइट.. आपने मेरी हर तम्मना पुरी करदी.. आज आपने मुजे पुरी तराह तृप्त करदीया.. मे हमारी इस सुहागरातको कभी नही भुलुगी..

देवायत : बस बेबी.. अब सोजा तु आइपील लेना मत भुलना ओर बहुत दर्द होतो पेइनकीलर भी लेलेना कल हमे तेरी भाभीको लेने जाना हे हम सामको चलेगे.. चलो गुडनाइट..

पुनम : (होंठ चुमते) भाइ आपभी यही सोजाओनां.. सुबह चले जाना..

देवायत : (हसते) बेबी घडीमे देखा हे..? ओल मोस्ट सुबहतो होनेको आइ हे देखो ४ बज गये हे अभी अ‍ेक दोढ घंटेमे दया ओर रजीया जाग जायेगी हमे अ‍ेक साथ देखके क्या सोचेगी..? चल सोजा हम कल मीलतेहे तु अच्छी तराह आराम करले भलेही सुबह उठनेमे देर होजाये.. ओके चल गुड नाइट

कहेते देवायत अ‍ेक बार फीर पुनमके होंठोपे कीस करके अपने रुमकी ओर चला जाता हे ओर अंदर जाके चेन्ज करके वोभी सो जाता हे तब भानुके घरभी लता ओर लखन तीन बार चुदाइ करके अ‍ेसेही नंगे अ‍ेक दुसरेके चीपकके सो गये थे.. आजकी रात लता ओर पुनमके लीये जींदगीकी अनमोल ओर बहेतरीन रात थी जो दोनोही अपना कौमार्य अपने पतीको सोंपके चेइनकी नींद सो रही थी.. लेकीन....

कन्टीन्यु
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ५०

कहेते देवायत अ‍ेक बार फीर पुनमके होंठोपे कीस करके अपने रुमकी ओर चला जाता हे ओर अंदर जाके चेन्ज करके वोभी सो जाता हे तब भानुके घरभी लता ओर लखन तीन बार चुदाइ करके अ‍ेसेही नंगे अ‍ेक दुसरेके चीपकके सो गये थे.. आजकी रात लता ओर पुनमके लीये जींदगीकी अनमोल ओर बहेतरीन रात थी जो दोनोही अपना कौमार्य अपने पतीको सोंपके चेइनकी नींद सोइ थी.. लेकीन....अब आगे

लेकीन उन दोनोको नही पताथा की आने वाले वक्तमे दोनोकी जींदगीमे कैसा भुचाल आने वाला था सुबह छे बजतेही लताकी आंख खुल गइ तो खुदको नंगीही लखनकी बाहोमे सोती हुअ‍े पाया तो वो बहुतकी सर्मसार होके स्माइल करने लगी.. फीर धीरेसे लखनकी बाहोसे बहार आगइ ओर फटाफट नहाने चली गइ फीर नहाके आयनेके सामने कंपलीट तैयार होगइ ओर फटाफट चाइ नास्ता बनालीया ओर लखनको जगाने चली गइ..

लता : (सरमाते) लखन.. ओ लखन.. सुनीये उठ जाइअ‍ेनां.. आपको जाना नही हे क्या..?

लखन : (नींदमे) सोने दोना.. पुरी रात जागे हे यार.. बहोत नींद आ रही हे..

लता : (सरमाते हसते) क्या नींद आ रही हे..? उठीये आपको धर नही जाना क्या..? वहा बडे भैया ओर पुनमदीदी आपको नही देखेगी तो क्या कहेगे.. चलीये उठीये..

तभी लखनको रीयेलाइज हुआकी वो कलसे यही लताके पासही हे ओर वो फटाफट उठ गया फोरन घडीकी मे देखके लताकी ओर देखते स्माइल करने लगा, तब लता उनको बेडसे खीचके बाथरुममे धका मारते हसने लगी ओर वापस कीचनमे चली गइ तब लखन फटाफट नहाके कंपलीट होगया ओर बहार आगया वो सीधेही कीचनमे चला गया तो पुनम उनके लीये नास्ता बना रहीथी तब लखन उनके पीछे चला गया ओर पीछेसे लताको बाहोमे भरलीया ओर उनके गालको चुमने लगा..

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लता : (सरमाते हसते) बस बाबु अब ओर कोइ सरारत नही.. कलसे लगे हो.. अब चाइ नास्ता करलो ओर फटाफट नीकलो यहासे.. वरना आपको पुनमदीदी ओर भाइको जवाब देना पडेगा.. हें..हें..हें..

लखन : (लताके गालको चुमते) बेबी.. मे यहा हु वो सब पुनोदीदीको पता हे उन्होने ही मुजे सब परमीशन दी हे बस सीर्फ भाइको नही पता.. चल नीकलता हु फीर कभी मीलेगे..

लता : (सरमाते) जानु चाइ नास्ता तो करते जाओ.. मेने बनालीया हे फीर चले जाना..

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फीर दोनोही साथमे चाइनास्ता करलेते हे ओर लखन अ‍ेक बार फीर लताको अपनी बाहोमे भरके बेइम्तहा चुमने लगता हे ओर दोनोही अ‍ेक दुसरेके होंठ चुम लेते हे फीर लखन अपनी बाइक लेके वहासे नीकल जाता हे.. उसे अभी घरपे जाना उचीत नही लगा क्युकी सुबह सुबह देवायत के सवालोका जवाब देना पडता इसीलीये वो सीधेही अपने खेतोपे चला गया ओर वही जाके खटीयापे लेट गया..

उधर देवायत ओर पुनमभी देर तक सोते रहे रजीया ओर दयाभी दोनो जब कोइ अपने रुममे होताहे तो वहा अंदर नही जाती उसे जब कहा जाताहे या रुममे कोइ नही होता तबभी वो अंदर जाती हे तो दोनोही भाइ बहेन देरतक सोते रहे लेकीन पुनमकी आंख आठ बजे खुल गइ ओर खीडकीसे सुरजकी रोसनी देखते वो बेठपे फटाकसे बेठ यइ ओर घडीमे देखने लगी तो आठ बज चुकेथे तो वो जटसे बेडसे उतर गइ..

ओर बाथरुमकी ओर जाने लगी तबभी उनको अपनी चुतमे कुछ अजीबसा मीठासा दर्द महेसुस हो रहाथा तो उनकी हसी नीकल गइ.. ओर वो थोडी लडखडाते बाथरुमकी ओर चली गइ फीर अंदर जातेही वो फ्रेस होगइ ओर नहाते अ‍ेक बार फीरसे अपनी चुतकी गरम पानीसे सीकाइ करली, ओर बहार आके तैयार होते पुरी रातके घटनाक्रमके बारेमे सोचती रही.. ओर मनही मन खुस होती रही..क्युकी कलके बीते हुअ‍े दीनकी पुनम ओर आजकी पुनममे काफी फर्क था..

कलकी पुनम अ‍ेक क,लीथी अ‍ेक लडकीथी, ओर कंवारी थी.. जो आज वो कलीसे फुल तो लडकीसे ओरत ओर अपनेही भाइकी सुहागन हो गइथी, आज उसने अ‍ेक सारी पहेनली फीर आयनेके सामने खडी होके सुहागनकी तराह सब शींगार करने लगी.. ओर अपने बालोको थोडा हटाके अपनी मांगमे देवायतके नामका सींदुरभी लगा दीया ओर अपने बालोमे छुपालीया ताकी ओर लोगोकी नजरोमे ना आये..

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फीर उसने अ‍ेक पेइनकीलर ओर आइपीलकी गोलीभी खाली ओर अच्छेसे तैयार होके वो चदरको सम्हालके समेटने लगी जो उनपे अपने ओर देवायतके प्यारके ओर कौमार्य भंगके नीशान मौजुद थे वो उसे लेकर अ‍ेक केरी बेगमे सम्हालके रखती हे फीर अच्छेसे अलमारीमे रख देती हे ओर धीरे धीरे चलते बहारकी ओर आगइ तब दया ओर रजीया दोनोही उपरकी मंजीलमे सफाइ करने मे लगी हुइ थी..

तब वो धीरेसे देवायतके रुममे चली जाती हे ओर दरवाजा बंध करते पलटके देखती हे तो देवायत अभीभी घोडे बेचके सो रहाथाप तो उसे देखके पुनमको हसी आगइ ओर सरमाते बेडकी ओर बढ गइ वहा जाके देवायतके सरके पास बेठ गइ..ओर उनपे जुकके थोडी देर उनका चहेरा देखती रही फीर धीरेसे अपना चहेरा जुकाके देवायतके होठोपे अपने होंठ रख दीये.. तभी देवायतकी आंख खुल गइ तो पुनमकी कमरपे हाथ डालदीया.. ओर उसे अपने उपर खीचते बाहोमे भरलीया तो पुनम सरमाते हसने लगी..

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पुनम : (प्यारसे होंठ चुमते) पतीदेव उठीये.. पता हे कीतने बजे हे..? जाना नही हे क्या..?

देवायत : (होंट चुमते हसते) अरे सुबह सुबह मेरी इस खुबसुरत सेक्सी बीवीका दीदार होगया अब कोन कमबख्त जाना चाहेगा.. पुनो यही मेरे पास सोजाओ हमे फोन आयेगे तब जायेगे..

पुनम : (जुठा गुसा करते बेडसे खडी होते) कोइ जरुरत नही.. वहा आपकी दोनो बीवीया बेचारी अकेली आपका वेइट करती होगी ओर जनाबको अभी इस्क फरमाना हे.. चलीये उठीये मे चाइनास्ता रेडी करवाती हु.. आप फटाफट नहा लीजीये तबतक मे आपके कपडे इधर रख दुगी.. जाइअ‍े.. बडे आये प्यार करने वाले..

कहेते पुनम देवायतका हाथ खीचके उनको खडा कर देती हे ओर सरारतसे मुस्कराते उनको बाथरुमकी ओर धकेल देती हे.. तो देवायतभी हसते हुअ‍े बाथरुममे घुस जाता हे ओर फटाफट नहाने लगता हे, तबतक पुनम बहार कीचनमे चली गइ ओर दयाको आवाज देके चाइनास्ता रेडी करनेको कहेती वापस देवायतके रुममे चली जाती हे ओर देवायतके कपडे नीकालके वही बेडपे रख देती हे.. ओर खुदभी वहा वेइट करते बेठ जाती हे..

तभी देवायत बहार आके फटाफट तैयार होने लगा तब पुनम धीरेसे रुमका दरवाजा बंध करके देवायतके पास चली जाती हे तो देवायत पलटके उसे जोरोसे बाहोमे भीच लेता हे ओर दोनो पागलोकी तराह अ‍ेक दुसरेके होंठ चुमने लगते हे.. फीर काफी देर अ‍ेक दुसरेके आलींगनमे खडे रहे फीर दोनोही अ‍ेक दुसरेकी आंखोमे देखते हे ओर अ‍ेक बार फीर होंठ मीलाके कीस करते हे फीर पुनम नजर जुकाके सरमाती हे ओर कहेती हे..

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पुनम : भाइ थेन्कयु सो मच.. आपने मुजे मेरी राखीका खुबसुरत तोहफा दीया.. मेने उसे सम्हालके रखदीया हे मे उसे जींदगीभर सम्हालके रखुगी, अब भाभीतो आपकी नइ बीवीके वहा कुछ दीन रहेगी.. अबतो यहा मेही आपकी बीवी हु.. आजसे आपका हर काम मुजेही करना हे अब मेही आपका खयाल रखुगी.. ओर हां.. अब हो सकेतो हर रात आप मेरे साथ ही सोना वरना देर रात मे आपके रुममे चली आउगी..

देवायत : लेकीन बेबी इधर दया ओर रजीया.. इन दोनोका खयाल रखना पडेगा मे नही चाहता हमारे नये रीस्तेके बारेमे कीसीको पता चले.. हमे अभी कोइ रीस्क नही लेना.. क्युकी मुजे ये रीस्ता अब जींदगी भर नीभाना हे.. ओर तुमभी सावधानी बरतना बाकी आगे सब देखा जायेगा..

पुनम : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. अब होसके इतनी जल्दी मुजे अ‍ेक काम करना हे जो बाबाने मुजसे कहा हे.. फीर वो काम होजाये फीर हम अपने तरीकेसे खुलके जींदगी जीयेगे..

देवायत : बेबी हमारे पास बहोत टाइम हे चल हम रास्तेमे बाते करेगे हम इतनी देरसे अंदर हे.. वो दोनो खामखा सक करेगी.. चल चाइ नास्ता करके हम नीकलते हे..

कहेते देवायत ओर पुनम दोनोही बहार आगये ओर साथमे चाइ नास्ता करने बेठ गये तब पुनमने लखनको फोन करदीया तो लखन खेतोपे सोया हुआ था ओर वो धर आनेको नीकल गया.. तो इधर पुनम चाइ नास्ता करते दया ओर रजीयाको कुछ कामकी बाते कर लेती हे.. फीर दोनो चाइ नास्ता करके नीकल जाते हे तब पुनम देवायतके बाजुमे बैठ गइ ओर उसने कारको सीधे आश्रममे लेजानेको कहा..

देवायत : बेबी अभी आश्रम जाना हे..? वापसीमे जायेगेनां..

पुनम : हां भाइ वापसीमे तो भाभी ओर मम्मीजी भी साथमे होगी.. फीर उनको घर छोडके जायेगे तो रातमें बहोत देर होजायेगी.. अभी हमारे पास पुरा टाइम हे हम आश्रमसे सीधे होस्पीटल चले जायेगे..

देवायत : हां बेबी येभी सही हे, अब बोल तु क्या केह रहीथी मुजे तेरा कोनसा काम करना हे जो बाबाने तुजे कहा हे..

पुनम : (सरमाते नजर जुकाते) भाइ..वो..वो मेरी सादीसे पहेले मुजे आपको प्रेगनेन्ट करना पडेगा.. मुजे आपका बच्चा चाहीये.. प्लीज आप कुछभी करके मेनेज करलो.. मे हमारा बच्चा चाहती हु..

देवायत : (अ‍ेक नजरसे पुनमको देखते) लेकीन बेबी इतनी जल्दबाजी क्यु..? क्या कोइ खास वजह..?

पुनम : हां भाइ कुछ बाते मे आपको अभी नही बता सकती वो बाते वक्त आनेपे आप खुद समज जायेगे..

देवायत : (हसते) लगता हे तुम ओर बाबाने मीलके काफी कुछ तैय करलीया हे.. कभी कभी मे तेरी ओर मंजुकी बाते समज नही पा रहा हु.. पता नही तुम दोनो कौन हो..

पुनम : (हसते) भाइ अब आप मेरी सादी धिरेनसे करवा रहे हो.. तो सादीके बाद मे उनको दुरतो नही रख सकती.. वोभी सबकुछ करेगा जो हमने हमारी सुहागरातमे कीया हे.. तो मे चाहती हु मेरा ओर धीरेनका मीलन होनेसे पहेलेही आपका बीज मेरे गर्भमे स्थापीत होजाये.. ताकी मुजे तसली मील जाये की ये बच्चा हम दोनोका ही हे.. फीर मुजेभी धिरेनसे मीलनेका कोइ अफसोस ना रहे..ओर बाबाका कामभी हो जाये..

19
कहेते पुनम देवायतके सामने देखती रहेती हे.. तो देवायत अ‍ेक बार फीरसे पुनके होठ चुम लेता हे फीर पुनम उनके कंधेपे सर रख देती हे ओर देवायत कारको तेजीसे आश्रमकी ओर दोडाने लगता हे.. दोनोही खामोस बेठे आने वाले वक्तके बारेमे सोचते रहेते हे.. अब पुनमकोभी गोली खानेकी वजहसे अपनी चुतमे काफी राहत महेसुस हो रहीथी.. जब दोनो आश्रममे पहोचे तब पुनम काफी हद तक ठीक हो चुकीथी ओर वो देवायतका हाथ पकडकते अ‍ेक बीवीकी भांती साथमे चलने लगी..

अब पुनम ठीकसे चल रही थी.. दोनोही अंदर आगये तो बाबा कुछ सेवकोके साथ बेठेथे.. जो ठाकुर देवायतको देखतेही सब खडे होगये ओर उनसे नमस्कार करके अंदरकी ओर जाने लगे.. तब देवायत ओर पुनम अपने सरपे सारी ढकके बाबाके पैर छुके वही बेठ गये..तब बाबाने हसके पुनमको अखंड सौभाग्यके आशीर्वााद दीये.. ओर देवायतके सामने देखके हसते रहे.. तब पुनमभी मुस्कराते सर्मीन्दा होते हसने लगी..

बाबा : (हसते) कहो बेटा..दोनो मीया बीवी होस्पीटल जा रहे हो..?

देवायत : हां बाबा पुनमको इधर आनाथा.. तो सोचा यहा होते हुअ‍े जायेगे तो आगये..

पुनम : (सरमाते हसते) बाबा क्या आप मेरी वो सादी टाल नही सकते..? मुजे हमेसाके लीये भाइके साथ रहेना हे.. अब इनके बीना रहेना मुस्कील लगने लगा हे.. बाबा इनके प्रती मेरा प्यार ओर बढ गया हे.. ओर बढताही जा रहा हे.. आप कुछ कीजीयेनां..

बाबा : (हसते सरपे हाथ रखते) मेरी बच्ची.. बेटी में तेरी सादी जरुर टाल सकता हु.. लेकीन तु दुनीयाको क्या कहेती फिरेगी..? भुल मत तेरी सादीके बारेमे सीर्फ हम तीनोही जानते हे.. दुनीयाकी नजरमे तु आजभी अ‍ेक कुंआरी लडकी हे.. दुनीयाकी नजरमें तु बीना सादीके अपने घरमे रहेगी तो लोग तुजे ओर ये तेरे पतीकोही ताने मारेगे की बहेनकी सादी नही करवाइ.. तु यकीन कर.. तुजे उन (धिरेनसे) सादीसे कोइ फर्क नही पडेगा.. तु सादीके बाद तेरे भाइके यानी ये तेरे पतीके साथही रहेगी, तो कमसे कम येतो केह सकेगीकी तुम विधवा होके आइ हो.. तब लोग कुछ नही कहेगे.. ओर तुम अपने भाइके साथ उनकी सुहागन बनके खुलके जी सकोगी.. ओर जींदगीका आंनद लेते वो सब कार्य करती रहोगी.. जीसके लीये तुम्हारा जन्म हुआ हे..

देवायत : (सोक्ट होते) क्या..? मतलब बाबा वो धिरेन भी.. लेकीन क्यु..?

बाबा : बेटा ये बात अभी कीसीको नही बताना.. वो लडका बहुतही अल्प आयु वाला हे.. ये उनसे सादी नही करती तबभी वो अपने समयपे चला जाता.. तभीतो तेरी इस बहेनकी सादी इनसे करवा रहा हु.. ताकी तुम दोनो फीरसे मील सको ओर तबतक तुम दोनोकी बच्चीभी इस दुनीयामे आचुकी होगी.. जो लोग यही समजेगे की ये बच्ची वो लडके ओर इनकी हे.. तु मेरी बात समज रहा हेनां..?

देवायत : जी बाबा अब काफी कुछ समजमे आ रहा हे.. तो ये बात मंजु ओर आप दोनोही जानते हे.. मुजे अ‍ैसे खुलके बात क्यु नही बताते..?

बाबा : (हसते) बेटा.. तुम सीर्फ अ‍ेक महान कार्यके लीये आयेहो.. तभीतो मेने तुजे वो हर छुट दे रखी हे.. तेरे ही कारण कही कोखसे वो सब जन्म लेगी.. जीसके लीये काम ओर रतीने तुजे चुना हे.. ओर ये सब बाते मेरी मंजु बेटी ओर कुछ बाते मेरी इस बेटीभी जानती हे.. तु फीरक मत कर तुजे जो मनमे आये करता जा.. वरना सोच.. कोइ महात्मा कीसीको अ‍ैसा कार्य करनेके लीये थोडीनां कहेते हे.. मे जोभी कर रहा हु बहुत कुछ सोच समजके कर रहा हु..

पुनम : (सरमाते) हां भाइ बाबाने मुजे सबकुछ बता दीया हे तभीतो मे सादीसे पहेलेही आपसे..वो बच्चा..

बाबा : (सीरीयस होते) बेटा तु इनसे कोइ सवाल मत कर.. जो तेरी इस बीवी कहे वो सब कार्य करता जा.. सही समय आयेगा तब तुजे सब ज्ञात होजायेगा.. तुम अभी इतना स्ट्रंोंग नहीहो की सब रीस्ते स्वीकार कर लोगे.. तभीतो मुजे इन दोनोका सहारा लेना पडता हे.. जैसे जैसे समय बीतता जायेगा तुजे बहुत सारे रीस्तोके बारेमे ज्ञात होजायेगा.. तब तुम विचलीत मत होनां.. क्युकी जीस तराह उस हिमाचलके राजाके खानदानमे जो हो रहाथा वोही सब पीछली कइ पीढीयोसे तुम्हारे खानदानमे भी हो रहा हे.. समज गयानां..?

देवायत : (हसते) जी बाबा.. अब काफी कुछ समजमे आ गया.. मतलब अब जोभी हो रहा हे या आगे जोभी होगा वो सब होने देना हे.. क्युकी मुजे लगता हे हमारा जीवन हमारे हाथमे हे ही नही.. ये कोइ ओरही चला रहा हे.. अ‍ेसा मुजे लगने लगा हे.. क्या मे सही हु नां बाबा..

बाबा : (जोरोसे हसते) हां अब जाके समजा.. बेटा तुम सब केवल अ‍ेक माध्यम हो.. जो उन शक्तिको इस दुनीयामे लानेमे भागीदार बन रहे हो.. बस मुजे तुमको इतनाही कहेना हे.. बाकी तुम दोनो अपने तरीकेसे जींदगी जीओ.. सब उन्हीकी मरजीसे होगा.. ओर तुम दोनो कोइ संकोच मत करना की हम दोनो रीस्तेमे क्या हे ओर क्या होगये.. इनसे आगेभी तुजे बहुत कुछ ज्ञात होगा.. ओर पीछली पीढीके बारेमें भी बहुत कुछ ज्ञात होजायेगा जो तुम दोनोको पताभी नही हे.. बस तुम सब अपनी जींदगी मजेसे जीओ..

पुनम : (सरमाके हसते) बाबा अब आप इनकी फीकर मत करो.. मे इनको सम्हाल लुगी.. मे आपकी सब बाते समज गइ.. अब मेभी कीसी रीस्तेसे विचलीत नही होउगी.. मुजेभी अब काफी बाते समजमे आ रही हे..

बाबा : (हसते) हां बेटी अब तुजेही इनको सम्हालना हे.. तु ओर तुम्हारी सास दोनोही इनको सम्हाल लोगी..

अ‍ेसेही कुछ बाते करते दोनो वहासे नीकल गये ओर जंगलसे होते गुजर रहेथे तब देवायतने कारको वही खंडहरकी ओर मोडदी तो पुनम सब समज गइ ओर सरमसे पानीपानी होने लगी.. तब देवायत कार चलाते पुनमकी ओर कामुक नजरोसे हसने लगा.. तो पुनमभी नजरे जुकाते सरमाते मुस्कराते रही.. ओर देवायतने कारको घने जंगलमे लेजाकर रोकदी.. फीर पुनमकी ओर कामुक नजरोसे देखने लगा....

कन्टीन्यु
बहुत ही मस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ९६

तब नीलम गभराकर जटसे धिरेनसे दुर होगइ.. फीर धीरेसे अपने कपडे सही करते लताके पास जाकर बैठने लगी तो लखनभी खडा होते धिरेनके साथ बैठ गया.. तब धिरेन अपने आपको सही करते काफी नीरास होगया.. ओर वो फीकी मुस्कानके साथ लखनकी ओर देखते हसने लगा.. तो लखन भी धिरेनकी ओर देखते कातील स्माइल करने लगा....अब आगे

तभी आगेकी ओर चंदाभी आज देवायतके साथ मस्ती करनेके मुडमे थी.. वो बार बार देवायतकी ओर देखते कामुक इसारा करते देवायतको छेड रहीथी.. कभी देवायतकी जागोको सहेलाती तो कभी उनके सामने देखकर आंख मार देती ओर हसने लगती.. तब देवायतभी उनकी ये सब हरकतोसे बहुत गरम हो गया था.. ओर चंदा यही तो चाहतीथी की देवायत आज बहुतही कामुक होकर सुहागरातमे उनकी जमकर चोदाइ करले..

जबसे सादी हुइ ओर दोनो मार्केटमे खरीदी करने गये.. तबसे चंदा बीनदास्त देवायतके साथ पत्नी जैसा व्यवहार करने लगीथी.. अब उनको देवायतसे बात करनेमे कीसीकी सरम नही रही.. वो देवायतके साथ हस हसके बाते कर रहीथी.. जब दोनो चलते तबभी वो देवायतका हाथ पकडकर उनके सटकर चलती थी.. ओर पत्नी होनेका हक जताते वो देवायतसे हसी मजाक भी करती रही.. जैसे वो अपने बेटे धिरेनको जता रही हो की देखो अब मे उनकी बीवी होगइ हु.. अब उसे धिरेनकाभी डर नही था..

इसी व्यवहारको देखते धिरेनभी आज देवायतसे काफी जलन महेसुस कर रहाथा.. जो उनकी मां जैसा व्यावहार देवायतकी बहेन पुनम उनके साथ नही कर रहीथी.. जबसे पुनमको पहेली बार देखा तबसेही वो पुनमके पीछे पागल था.. ओर उनको चोदनेकी फीराकमे था.. वो समजता था की पुनम सहेरमे पढी लीखी हे इसीलीये सादीसे पहेले उसे सेक्स करने देगी.. लेकीन पुनमने उसे कीस से ज्यादा आगे बढने नही दीया..

क्युकी उनको क्या पताकी उनकी हमसफर पुनम अपने भाइ देवायतकी अमानत होगइ हे.. ओर देवायतके साथ सादी करके सुहागरात मानाकर उनके साथ कइ राते रंगीन करचुकी हे.. ओर नतीजेके फल स्वरुप उनका बच्चाभी अपने पेटमे पाल रही हे.. ओर पुनमका मक्सदभी तो अपने भाइके बच्चेको पैदा करना था.. जबसे जवानीके दहेलीजपे कदम रखा तबसेही पुनम अपने भाइको मनसे पतीके रुपमे अपना चुकी थी..

पुनमभी आज अपनी सासके देवायतके साथ व्यवहारसे बहुतही जलने लगी थी.. तब बीचमे मंजु अपने उरोजको बार नीकालकर विजयको दुध पीला रहीथी तो पुनम मंजुके उरोज देखते उनके सामने देखकर मुस्करा रही थी.. तो मंजुभी पुनमकी मनोदसा भलीभांती जान चुकीथी.. ओर वो पुनमके सामने देखकर नैन नचाते मुस्कराने लगी.. ओर दोनो अ‍ेक दुसरेके नजदीक मुह लाते धीरेसे बाते करने लगी..

पुनम : (धीरेसे) भाभी.. मुजे आपसे कुछ बात करनी हे.. आज मुजे कुछ अजीबसा लग रहा हे.. मेने सृती दीदीको कहा तो बोलीकी मे वहा आउगी तब तुजे चेक कर लुगी.. उसने कहाहे अभी मंजुके पास जो टेबलेट हे उसे ले लेना.. क्या आपके पास कोइ टेबलेट हे..? मुजे घर जातेही देना..

मंजुला : (मुस्कुराते) पुनो तु घर चल.. आज मे तेरे साथ सोउगी.. तब लेकर आउगी तु खा लेना.. क्या बैचेनी लगती हेनां..? ओर कोइ बोलेतो भी अच्छा नही लगता.. क्या अ‍ैसा कुछ होता हे..?

पुनम : (धीरेसे) हां भाभी.. बस अ‍ैसाही लगता हे.. जबसे बाबाको मीलकर आये तबसे कही चेइन ही नही मीलता.. ओर उपरसे वो धिरेन.. अब आपसे मे क्या कहु.. वोभी मेरे पीछे पडा हे.. आप समज गइनां..?

मंजुला : (हसते धीरेसे) क्यु..? अभीसे हींमत हार गइ..? जो चीजसे तु भाग रहीहे वो चीजसे तुजे अ‍ेक दीनतो फेस करनाही पडेगा.. पुनो तुजेतो आगे बहुत कुछ देखना हे.. आज मे तुजे सबकुछ बता दुगी.. जो मे जानती हु.. तु जानती हे वोभी ओर तु जो नही जानती वोभी.. ताकी तुजे बार बार अ‍ैसी सीचुअ‍ेशन देखके तकलीफ ना हो.. तुजेतो आगे जाके बहुत कुछ देखना हे ओर सम्हालना हे.. तब तुजे ओर सृतीकोही सब देखना पडेगा..

पुनम : (धीरेसे) भाभी क्या आपको पता हे.. मे क्या कहेना चाहती हु..? आपतो सब जानती हे..?

मंजुला : (मुस्कुराते धीरेसे कानमे)) पुनो.. देख अब तु चीन्ता मत कर.. तु जो चाहतीथी वो सबतो होगया हे.. तेरे भाइका बच्चा तेरे पेटमे पल रहा हे.. तो अब धिरेनके साथ तुजे सेक्स करनेमे क्या प्रोबलेम..? ओर अबतो वैसेभी ये सब सादीके बादही होने वाला हे.. अब टाइमही कीतना बचा हे..?

पुनम : (अ‍ेकदम सर्मसार होते धीरेसे) भाभी.. वो सबतो ठीक हे.. लेकीन मे कुछ ओरही बात केह रही हु.. मुजे अब मेरी चीन्ता नही हे.. आपभी मीररसे पीछे देखो.. वहा सब क्या चल रहा हे..

मंजुला : (हसते धीरेसे) हां पुनो.. तु धिरेन ओर नीलमके बारेमे जानकर चींता करती हेनां..? तुम मुजसे उनके बारेमे बात करना चाहती हेनां..? तो सुन.. अभीसे दोनोके बीच प्यारका बीज बो चुका हे.. फीरभी तुजे उनसे सादी करनी हे.. ताकी तु तेरे भाइके साथ आरामसे रेह सके..

बाकी वो नीलमकी जींदगीसे खीलवाड करके ही रहेगा.. तब तुजे ही सब सम्हालना हे.. पता नही इस मासुमकी जींदगीसे क्यु खेल रहा हे.. सायद सब तेरी वजहसे.. क्युकी तुमने उसे अभी तक सेक्स करने नही दियानां.. तो वो सेक्सके लीये पागल होगया हे..

पुनम : (सरर्मसार होते धीरेसे) हां भाभी.. आपने सही कहा.. इनमेभी सायद वोही रीजन लगता हे.. वो मेरे साथ सेक्स करना चाहता हे.. लेकीन मेने सादी तक उसे मना करदीया हे.. सायद इसीलीये वो अभी नीलमके पीछे पडे हे.. ओर आप जानती हे.. मे अभी कोइ रीस्क लेना नही चाहती थी.. क्युकी रीजन आपको पता हे..

मंजुला : (धीरेसे पुनमको समजाते) पुनो.. अब तुजे इन सब चीजोकी आदत डालनी पडेगी.. आगे अ‍ैसा बहुत कुछ होने वाला हे.. तुजे अ‍ैसे बहुत कुछ रीस्ते दिखनेको मीलेगे.. जो तुम सोचभी नही सकती.. तु कीस कीसका ध्यान रखेगी..? देखती नही हमारा लखनभी कुछ कम नही हे..

अब आगे जाकरतो वोभी नीलमके साथ रीलेशनमे होगा.. पुनो.. सब रीस्ते नातेही खतम होजायेगे.. जो जीसकी मरजीमे आये उनके साथ सेक्स करेगे.. तो तुम कीसका ध्यान रखोगी..? ओर यही सबतो होने ही वाला हे.. बस हमे हमारी जींदगी हमारे तरीकेसे जीनी हे.. मे तुजे आज अ‍ेक बहुत बडी जीम्वेवारी सोंपने वाली हु.. तु बस उसे मत भुलना..

पुनम : (धीरेसे हसते) भाभी.. आप सबके बारेमे जानती हे.. फीरभी सांत होकर हसती रहेती हे जैसे आपको कुछ पताही नही हो.. हें..हें..हें.. मेभी आपहीकी तराह स्ट्रंोग बननेकी कोसीस करुगी.. क्या आप मुजे अभी इस बारेमे कुछ बता सकती हो..?

मंजुला : (मुस्कुराते) नही पुनो.. हम इस बारेमे रातमे आरामसे बात करेगे.. आज हमारे पास अच्छा मौका हे.. आज हम दोनोके पास वक्त ही वक्त हे.. मुजे तुमसे बहुत कुछ बताना हे.. तु सीर्फ यही मत मानना की जो लडकीकी सादी जीनके साथ होगी वो उनकीही बीवी बनकर रहेगी.. हम कुछभी नही केह सकते की कीसका कीसीसे कब रीलेशन चेन्ज होजाये.. ओर आज गांवमेभी अ‍ैसा बहुत कुछ होगा.. बस मे अभी सीर्फ इतनाही बता सकती हु..

पुनम : (आस्चर्यसे) हमारे गांवमें..? भाभी आपतो सब जानती हो बताओना क्या होने वाला हे..

मंजुला : पुनो.. बस.. अभी सीर्फ इतना जानले.. आज गांवमे सब रीस्ते उजागर होने वाले हे.. तुजे पताही नही हे की हमारे गांवमे अ‍ैसे कीतने नाजायज रीस्ते पल रहे हे.. बस आज रात तक इन्तजार करले.. ओर कुछ नही.. गांवमे सीर्फ तुमही नहीहो.. जो अपने भाइके साथ रीलेशनमे हो..

हमारे गांवमेभी कइ अ‍ैसे भाइ बहेन हे.. जो सबसे छुपकेसे अपनी जींदगी अ‍ेक पती पत्नीकी तराह जी रहे हे.. आज हमारे गांवमे हमारे स्वामी स्वयंम अपनी मौजुदीका अहेसास करवायेगे.. जीनकी वजहसे पुरे गांवमे वासनाका तांडव मचेगा.. तब कुछही दिनोके बाद अ‍ेक अ‍ेक करके बहुत सारे रीस्ते उजागर होने लगेगे..

पुनम : (आस्चर्यसे धीरेसे) भाभी.. क्या बात कर रही हो..? हमारे गांवमे भी..? ओर वोभी भाइ बहेनके बीच नाजायज रीस्ते..?

मंजुला : (धीरेसे हसते कानमें) हां पुनो.. तुम गांवमे अ‍ैसे कइ नाजायज रीस्तेको देखोगी.. सीर्फ भाइ बहेनके बीच नही.. अ‍ैसे कइ रीस्ते पनप रहे हे जीनके बारेमे हम सोचभी नही सकते.. बस कुछ दिनो इन्तजार करले.. वो सब रीस्ते खुदबखुद हमारे सामने आजायेगे..

दोनो धीमी आवाजमे बाते कर रहीथी.. तब पीछे धिरेन नीलमके लताके पास जानेसे थोडा गुसे ओर नीरास होगया था.. वो बार बार चोर नजरसे नीलमकी ओर देखता रहा.. तो नीलमभी धीरेनकी ओर पुरी ढल चुकीथी.. तो वो भी नीरास होते बार बार धिरेनकी ओर देखने लगी.. तभी अचानक धिरेनका गांव आगया.. तो धिरेनने कारको रोकनेके लीये कहा.. तब सबने उसे साथमे चलनेको कहा..

लेकीन कल धिरेनको जोबमे जानाथा.. ओर उपरसे नीलमके साथ छेडखानी करते बहुत गरम हो गयाथा.. तो वो जल्दसे जल्द अपने आपको हल्का करना चाहताथा.. इसीलीये सबको मना करते उतर गया.. ओर अ‍ेक नजर नीलमपे डालके बीना कुछ बोलेही कारसे उतर गया.. ओर आगे जाकर कारका दरवाजा खोलकर अपनी मम्मीके पैर छुने लगा.. तब लता ओर नीलम उसे देखती ही रही.. तभी..

चंदा : (आंखमे आंसुके साथ आशीर्वाद देते) जीते रहो बेटा.. बस अपना खयाल रखना.. ओर टाइमपे खाते पीते रहेना.. वरना तुम अपनी सादी तक उधरही आजा.. वहीसे जोबपे चले जाना..

धिरेन : नही मोम.. आप मेरी फीकर मत करो.. आप अपना खयाल रखना.. जीलो अपनी जींदगी.. ओर अ‍ैसेही खुस रहो.. आपकी खुसीमे ही मेरी खुसी हे.. ओर बातभी कीतने दिनोकी हे.. सीर्फ तीन चार दिनही तो नीकालने हे.. फीर मेभी उधर आजाउगा..

ओर उसने पुनमकी ओर अ‍ेक नजर डाली.. फीर सबको बाय बोलकर बीना सबके सामने देखे ही अपने घरकी ओर चलने गया.. तो सबको धिरेनके इस बेरुखी व्यवहारसे थोडा अजीब लगा.. लेकीन इस बातको पुनम ओर नीलम अच्छी तराह जान गइथी की धिरेन सीर्फ उनकी वजहसेही नाराज हे..

ओर वो मनही मन दुखी होने लगी.. तभी नीलमने मनमे धिरेनसे फोनपे बात करनेकी ठानली.. ओर यही उनकी सबसे बडी भुल साबीत होगी.. आज अ‍ेक बार फीर धिरेनका के.अ‍ेल.पी.डी. होगया था.. तब वो नीरास होकर घरमे चला गया..

ओर सीधा बाथरुममे घुसकर नीलमके साथ की हुइ छेडखानीको याद करते उनको इमेजींग करते अपना लंड नीकालकर जोरोसे हीलाने लगा.. तब कुछ ही देरमे अ‍ेक तेज सफेद धारकी पीचकारी छुटकर सामनेकी दीवालपे चीपकने लगी.. ओर धिरेन सांत मनसे वही लंड पकडकर खडा रहेते नीलमके बारेमे सोचने लगा.. उनको यकीन थाकी कल जरुर नीलमका फोन आयेगा.. क्युकी नीलमभी उनको प्यार करने लगी थी.. तब दुसरी ओर धिरेनके जातेही देवायतने कार अपने गांवकी ओर जाने दी..

तब नीलम बहुतही नीरास होगइ.. ओर धिरेनकी नाराजगी देखकर मनही मन अपने आपको कोसने लगी.. तब २० २५ मीनीटकी ड्राइवके बाद सब हेलीपे पहोंच गये.. सभी लोग कारसे सामान लेकर उतरने लगे.. तब पुनमने उतरकर बच्चेको अपने हाथमे लेलीया तब मंजुभी उतर गइ.. ओर सब घरमे आगये.. तभी दया ओर रजीयाभी सबको पानी देने लगी.. ओर सभी होलमे आकर सोफेपे बेठ गये..

तब रजया लखनको पानी देते उनके सामने देखकर कातीलाना मुस्कराने लगी.. तो लखननेभी हसते हुअ‍े पानी लेलीया.. तब उनको दो आंखे देख रहीथी.. जो उनपे कबसे नजर रख रहीथी.. वो थी पुनम.. आज पुनमकोभी लखन ओर धिरेनमे कुछ ज्यादा फर्क नजर नही लगा.. वो अब अ‍ैसे रीस्तोको बहुतही हल्केमे लेना चाहती थी.. आज उनकी मंजुके साथ इस बारेमे बहुत कुछ बाते हो चुकीथी.. तभी..

दया : (मंजुको) दीदी क्या सब खाना खाकर आये हे..? यहा आपने जोभी कहाथा सब कंपलीट हे..

मंजुला : (हसते) हां दया.. हम सभी खाकर आये हे क्या तुम दोनोने खा लीया..?

दया : (हसते) हां दीदी जब आपका फोन आयातो आपनेही कहाथाकी हम सब खाना खाकर आयेगे.. तो मेने ओर रजीयाने भी खा लीया हे.. ओर आपके कहेनेके मुताबीक सब कंपलीट हे.. हें..हें..हें..

मंजुला : (हसते) ठीक हे दया.. अगर सब काम होगया हेतो अब तुम दोनोभी जाकर सो जाओ.. हम सभी आज थक गये हे.. तो हमभी सब अभी सोजायेगे.. तु सब दरवाजा अच्छेसे बंध करलेना.. ओर हां.. सायद हम सब कल देरसे उठेंगे.. तो तुम दोनोभी अपना सब काम बादमे आरामसे नीपटालेना..

दया : (हसते जाते हुअ‍े) जी दीदी..

तब दयाके पीछे रजीयाभी लखनकी ओर सरमाते देखते जाने लगी.. तब लखनने सबकी नजर बचाते रजीयाको नामे गरदन हीलाके लताकी ओर इसारा करदीया.. तो रजीयाभी सरमाते हसती हुइ चली गइ.. लखनभी खडा होकर उपर सोनेके लीये जाने लगा.. तभी वो लताकी ओर देखकर कुछ इसारा करता हे तब लता सरमके मारे कुछ बोल नही पाइ.. ओर आंखोके इसारोसे उसने मना करदीया.. तो लखन चला गया तब नीलमने लताके इसारोको नोटीस करलीया.. ओर वो भी सरमाकर मनही मन हसने लगी..

तभी मंजुने पुनमको कुछ इसारा कीया तो पुनमभी खडी होगइ.. ओर चंदाको इसारा करते अपने साथ चलनेको कहा.. तब चंदा सरमके मारे पानीपानी होने लगी ओर वो सरमाते पुनमके पीछे जाने लगी.. तब पुनम चंदाको देवायतके रुममे लेगइ.. तो अंदर जातेही दोनो खुसीके मारे सोक्ट होगइ.. ओर चंदा खुब सरमाने लगी.. क्युकी दया ओर रजीयाने मंजुके फोन आतेही पुरा बेड फुलोसे सजा दीया था.. तभी..

पुनम : (सरारतसे हसते आज पहेली बार) भाभी.. आइअ‍े.. अब मे आपको भाभीही कहुगी.. आजसे आप मेरी बाकायदा भाभी हो.. मम्मी सीर्फ हमारे उस घरमे आओगी तबही कहुगी.. आइअ‍े.. में आपको थोडासा मेकअप करके ठीक करदेती हु.. आप आज भाइको खुस कर देना हें..हें..हें..

चंदा : (सरमसे पानीपानी होते) पुनो.. तुमभीनां.. मुजे कोइ अ‍ेतराज नही.. तुम वहाभी मुजे भाभी कहके बुला सकती हो.. ओर आज मुजे तेरे मुहसे भाभी सुनकर बहुत अच्छा लगा.. अब तुम मुजे भाभी कहेकर ही बुलाना.. मुजे तेरी सास बनकर नही तेरी भाभी होकर रहेना हे..

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तब पुनम उनके गले लग गइ तब चंदाने जोरोसे पुनमको अपनी बाहोमे भीच लीया ओर पुनमके गालको चुमते उनका सरभी चुमलीया तब पुनम सरमाकर हसती रही.. तभी पुनम चंदाको बाथरुममे लेगइ वहा चंदाको फ्रेस करवाया फीर बहार आकर सीसेके सामने लेगइ ओर चंदाका शींगार करने लगी.. तब चंदा बहुतही सरमाइ ओर मेकअप होतेही चंदा दुल्हनकी तराह दिखने लगी.. पुनम चंदाको बेडकी ओर लेगइ.. फीर चंदाको बेडके बीच घुंघट नीकालके अच्छेसे बीठा दीया तब चंदा खुब सरमाइ.. ओर सरमके मारे पुनमसे नजरे चुराने लगी.. तब..

पुनम : भाभी.. आप बैठो यहा दयाने सब कंपलीट करके रखा हे मे इस दुबको गरम करके लाती हु..

चंदा : (सरमाते धीरेसे) पुनो वो.. जरा मंजुको इधर बुलादोनां..

पुनम : (दोनो ग्लास उठाते) नही भाभी.. आज मंजु भाभी मेरे साथही सोयेगी.. आज सीर्फ भाइ ओर आप दोनोकोही इधर सोना हे.. भाभी आज आपकी सुहागरात हे.. आप दोनो खुब मजे करना.. हम बगल वाले रुममे ही सोइ हे.. (हसते) देखतेहे आज आप कीतना चीलाती हे.. हें..हें..हें.. बस अब आपभी मुजे अ‍ेक भतीजा या भतीजी दे दीजीये.. हें..हें..हें..

चंदा : (अ‍ेकदम सर्मसार होते हसते) पुनोदीदी.. प्लीज.. मुजे बहुत सरम आ रही हे..

पुनम : (हसते) अरे वाह.. अपनी बहुको दीदी.. हें..हें..हें.. अब ननंदसे क्या सरमाना.. ओर सरमाओगी तो मेरे भाइको प्यार कैसे करोगी.. हें..हें..हें.. आप बैठो मे अभी आइ..

कहेते पुनम चली गइ तब चंदा अ‍ेकदम सर्मसार होगइ ओर मुस्कराने लगी.. आज उनकी बहु.. उनकी नंनद होकर उनसे मस्तीया करके गइथी.. ओर चीलानेकी बात सुनकर उनको देवायतके साथ की हुइ हर चुदाइ याद आने लगी.. तब उनकी चुत हरकतमे आने लगी ओर फडफडाते पानी छोडने लगी.. वो चाहतीथी की देवायत आज उनको जी भरके चोदले.. क्युकी अबतक वो देवायतसे जीतनी बार चुदवातीथी उनके मनमे अ‍ेक डरसा लगा रहेता था.. की कही कीसीको दोनोके रीस्तोके बारेमे पता ना चल जाये..

ओर आज वो बाकायदा देवायतकी पत्नी हो गइथी.. ओर आज वो देवायतसे बीना डरके खुलकर चुदवाने वाली थी.. यही सब सोचते वो घुंघटमे खुब सरमाने लगी.. आज वो पुरा दिन देवायतके साथ मस्तीया कर रहीथी ओर आखीर वो पलभी आगया.. जीस पलके लीये वो पुरे दिन इन्तजार करते मचल रही थी.. ओर वो पल था देवायतका लंड जटसे अपनी चुतमे डलवानेका.. तभी कुछ ही देरमे पुनम दुधका ग्लास रखके जाते धीरेसे चंदाको कहेती गइ..

पुनम : भाभी आप रेडी होकर बैठो मे भैयाको अंदर भेजती हु.. बेस्ट ओफ लक.. हें..हें..हें..

कहके पुनम बहार चली गइ.. तब चंदाके दिलकी धडकर बढने लगी.. आज वो दुसरी बार अपनी सुहागरात मना रही थी.. जब पहेली बार अपने पहेले पतीसे सुहागरात मनाइ तब उनको कुछ पताही नही थाकी सुहागरातमे क्या होता हे.. ओर आज वो इस मामलेमे काफी अनुभवी होगइ थी.. ओर बहार पुनम देवायतकी ओर मुस्कुराते मंजुके पास बेठ गइ.. तब मंजु लता ओर नीलमको कुछ केह रही थी.. तब पुनम उनके पास बेठे देवायतकी ओर कामुक नजरोसे देखते कुछ इसारा करने लगी.. तब मंजुने कहा..

मंजुला : लता.. तुम ओर नीलम आज यही नीचे पुनोके बगल वाले रुममे सोजाओ.. जाओ.. सुबह तेरे जेठजी तुम दोनोको अपने गांव छोड जायेगे.. ओर देवु आपभी अब सो जाओ.. कल इन दोनोको आपकोही छोडने जाना हे.. ओर भानुभाइसे सब बातभी कर लेना.. वो लोग दो तीन दिन पहेलेही यहा आजाये.. फीर वहीसे आप मम्मी पापाके पास चले जाना.. ओर हो सकेतो उन दोनोकोभी कलही इधर लेके आना..

तभी लता ओर नीलम खडी होकर पुनमके बगल वाले रुममे चली जाती हे.. तभी नीलमका दिल जोरोसे धडकने लगता हे.. उनको डर थाकी कही धिरेनके साथ मस्तीया करते लतादीदीने उसे दखतो नही लीया..? ओर नीलमके अंदर आतेही लताने दरवाजा खाली बंध करलीया ओर नीलमके सामने दैखे बगैरही वो बाथरुममे धुस गइ.. तबभी नीलम डर रहीथी ओर वो लताके बहार नीकलनेका इन्तजार करने लगी.. तभी बहार..

देवायत : (खडा होते) मंजु तुभी आ रही हेनां.. चलना..

मंजुला : (हसते धीरेसे) नही देवु.. आज आप जाओ.. आज आप ओर दीदीकी सुहागरात हे.. मे पुनोके साथ ही सो जाती हु.. मुजे इनसे बुछ जरुरी बाते भी करनी हे.. प्लीज.. (पुनमकी ओर देखते) पुनो क्या तुजे साथमे जाना हे..? हें..हें..हें.. जा.. तो तेरी ओर तेरी सास दोनोकी सुहागरात साथमे होजायेगी.. हें..हें..हें..

पुनम : (अ‍ेकदम सर्मसार होते पीठमे मुका मारते मुस्कुराते) क्या भाभी आपभी.. मुजे नही जाना.. हें..हें..हें.. मेरा कामतो हो गया हे.. बस अब मेरी नइ भाभीकी बारी हे.. हें..हें..हें..

कहातो मंजु ओर देवायत दोनोही हसने लगे ओर देवायत ने पुनमको बाजुसे पकडकर अपने आपसे चीपका लीया तब पुनम सरमसे पानी पानी होगइ.. ओर सरमाते हसते हुअ‍े मंजुकी पीठमे अ‍ेक ओर मुका जड दीया.. ओर वो देवायतकी ओर कातील स्माइल करते हसती रही.. तब देवायत पुनमकी ओर देखते अ‍ेक आंख मार देता हे ओर हसने लगता हे तब मंजु ओर पुनमभी हसते हुअ‍े खडी होगइ.. तभी देवायतने मंजुको अपनी बाहोमे भरते भीचलीया तो मंजुने पुनमकोभी हाथ खीचकर अपने साथ सामील करलीया..

मंजु ओर पुनम दोनोही देवायतकी बाहोमे खडी रही.. तब देवायतने दोनोके होंठ बारी बारी चुमलीया तो दोनोही खुब सरमाइ ओर देवायत अपने रुमकी ओर जाने लगा.. तब पुनम बच्चेको सोफेसे उठाने लगी.. ओर मंजु पुनमभी अपने रुममे चली गइ.. ओर दरवाजा बंध करके बेडकी ओर चली गइ तब मंजुने बच्चेको वही रखे जुलेमे डाल दीया.. जो दयाने पहेलेही पुनमके रुममे रख दीया था..

तब दुसरी ओर देवायत जेसेही अपने रुममे गया तो रुममे हल्की रोसनी जल रहीथी.. ओर उनका पुरा बेड फुलोसे सजा हुआथा.. ओर बीचमे चंदा घुंघट डालके घुटनोसे पैर मोडके बैठी थी.. जीसे देखतेही देवायतकी खुसीके मारे हसी नीकल गइ.. ओर वो दरवाजा बंध करके बेडकी ओर बढने लगा.. तब देवायतको आते देखकर चंदाके दीलकी धडकन बढने लगी.. ओर वो सरमसे पानी पानी होने लगी.. आखीर वो दीन आही गया.. जो चंदा कबसे इस दिनका इन्तजार कर रही थी..

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देवायत धीरेसे बेडपे बेठ गया.. ओर चंदाका घुंघट उठाने लगा तब चंदा सरमसे पानीपानी होने लगी.. ओर अपनी नजर जुकाते मुस्कराती रही.. आज उनका चांदसा मुखडा कुछ अलगही लग रहाथा.. जैसे आसमानसे कोइ परी उतरके आइ हो.. ओर देवायतने जेबसे अ‍ेक डायमंड नेकलेस नीकालके चंदाको दे दीया.. तब चंदाने नजर जुकाते सरमाते वो नेकलेस अपने हाथोमे लेलीया..

ओर बोक्षमेसे नीकालकर वापस बीना कुछ कहे देवायतके हाथोमे वापस थमा दीया.. तब देवायतभी समज गया ओर हसते हुअ‍े चंदाके नजदीक बेठ गया ओर चंदाके मुहकी ओर जुकते नेकलेस चंदाको गलेमे पहेनाने लगा.. तब चंदा अ‍ेक लडकीकी तराह खुब सरमाते हसती रही.. ओर देवायतने नेकलेस पहेना दीया..

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देवायत : चंदा आज तुम बहोत खुबसुरत लग रही हो.. जी चाहताहे तुजे सुबह तक अ‍ैसेही देखता रहु..

चंदा : (सरमाते धीरेसे) देवु.. अब मे बाकायदा आपकी अमानत होगइ हु.. आपको जैसा ठीक लगे अ‍ैसा व्यवहार मेरे साथ कीजीये.. क्युकी मेने पुनमकोभी अपनी बहु नही अपनी ननंद मानलीया हे.. मे अपने आपको बदलनेकी पुरी कोसीस करुगी.. ताकी मे इस हवेलीकी बहु बन सकु.. मेरा बरसोका सपना आज पुरा हो गया हे..

देवायत : नही चंदा तुम जैसी थी उसीमे मेने तुजे स्वीकार कीया हे.. तुजे बदलनेकी कोइ जरुरत नही.. मुजे मेरी वोही चंदा चाहीये.. जो मुजे बहुत सरमाती भी हे ओर मुजसे खुलके प्यारभी करती हे.. आइ लव यु चंदा..
चंदा : (सरमाते हसते) देवु.. आइ लव यु टु..

कहातो चंदाने बेठेही देवायतको जोरोसे अपनी बाहोमे भीचलीया ओर उनके कंधेपे सर रखके बेठ गइ.. तब देवायतनेभी चंदाको बाहोमे भरलीया ओर अ‍ेक हाथसे चंदाकी पीठ सहेलाने लगा.. दोनो काफी देर अ‍ैसेही अ‍ेक दुसरोकी बाहोमे खामोस बैठे रहे.. जब देवायतने चंदाको अपने आपसे अलग कीया तब चंदाकी आंखोमें आंसु बेह रहे थे.. तो देवायतने अपनी जेबसे रुमाल नीकालकर चंदाके आंसु पोछ दीये.. ओर सवालीया नजरोसे चंदाको देखने लगा..

चंदा : (आंसु पोछते हसते) सोरी.. देवु.. मे भावनाओने बहेक गइ थी.. येतो खुसीके आंसु हे.. आपको पता हे मेरा बचपन इसी हवेलीमे गुजरा हे.. ओर आज इसी हवेलीमे बहु बनकर आगइ.. मुजेतो अभीभी यकीन नही हो रहाकी हमारी सादी सबके सामने होगइ हे.. ओर मे आपकी अर्धांगीनी होगइ हु..

देवायत : (हसते) हां चंदा.. आखीर मेने तुजे पा ही लीया.. मेरी मंजुने सही फैसला लीया हे.. मुजे गर्वहे मेरी मंजुपे.. जो मुजे इस खुबसुरत बीवी दे दी.. आजा.. आज हम पुरी रात प्यार करेगे.. तुजे सुबह तक सोने ही नही दुंगा.. आज तुजपे इतना प्यार आ रहा हे.. आज मे सारा प्यार तुजपे लुटा देना चाहता हु..

चंदा : (सर्मसार होते धीरेसे) जानु.. आपतो मुजे अ‍ेकही बारमे थका देते हो.. तो मे पुरी रात आपको कैसे जेल पाउगी..? हम दो बार प्यार करेगेनां.. प्लीज..

देवायत : (बाहोमे भरते) नही मतलब नही.. आज हमारी सुहागरात हे.. मे इसे यादगार बनाना चाहता हु.. ओर ये मेरी मंजुका भी ओर्डर हे..

चंदा : (सरमाते हसते) सुबह मे चलने फीरने.. लायक ही नही रहुगी.. तो वैसेभी ये यादगार होजायेगी.. देखोना आपकी लाडली.. ओर मंजु मेरी कैसी मस्तीया करेगी.. अभी अभी आपकी लाडली ओर मेरी प्यारी ननंद मेरी मस्ती करके गइ हे.. कहेती थी.. हम सुनेगी की आप कीतना चीलाती हे.. हें..हें..हें.. कहेके गइ हे मुजे अ‍ेक भतीजा या भतीजी देदो.. देवु मुजेतो बहुत सरम आइ..

देवायत : (हसते) हां तो सहीतो कहा उसने.. चल आज तेरी कोख भरही देता हु.. हें..हें..हें..

चंदा : (अ‍ेकदम सर्मसार होते) देवु.. प्लीज.. हम कुछ दिन ठहेर जाते हेनां.. फीर मे सामनेसे कहुगी.. प्लीज.. अभी नही.. कुछ महीनो मे आपके साथ अ‍ैसेही मजे करना चाहती हु.. प्ली..ज..

देवायत : (हसते) चल ठीक हे.. जैसी तेरी मरजी.. लेकीन अ‍ेक बात पकी हे.. मुजे तुमसे अ‍ेक बच्चा चाहीये..

चंदा : (सर्मसार होते धीरेसे) देवु.. मेरीभी यही तम्मना हे.. लेकीन अभी नही.. मुजे मंजुसे इस बारेमे बुछ बात करनी हे.. फीर हम दोनो प्लानींग करेगेंनां..

दोनोही बाते करते प्यार करने लगे.. ओर कब दोनोके होंठ मील गये पताही नही चला.. तब चंदाकी आंखोमे नसा छाने लगा वो आंधी आंख चडाके देवायतके होठोका रसपान करने लगी.. तब देवायत उनके उरोजोको मुहमे लेकर चुम रहाथा तब चंदा अ‍ेकदम गरम होकर काम अग्नीमे जलने लगी.. ओर धीरे धीरे करते दोनोके तनसे कपडे हटने लगे.. आज चंदा खुद नसीली आंखोसे देखते देवायतके कपडे नीकाल रहीथी..

चंदाके उपर पुरी तराह वासना हावी हो चुकी थी.. ओर वोभी पुरी तराह नंगी होगइ.. बस तनपे सीर्फ ब्रा ओर पेन्टी ही रेह गइ.. ओर देवायत पुरी तराह नंगा होगया.. उनका लंड चंदाका अ‍ैसा रुप देखकर हवामे लहेराते जटके पे जटका मार रहाथा.. जीसे देखकर चंदा सर्मसार होते बार बार चोर नजरसे लंडको देखती रही..

जीस लंडको वो कइ बार अपनी चुतमे ले चुकीथी.. वोही लंड आज चंदाको कुछ ज्यादा ही बडा दीख रहा था.. ओर वो थोडा गभरा रही थी.. क्युकी कुछही देरमे वो ही लंड उनकी चुतकी धजीया उडाने वाला था..

तभी देवायतने चंदाको बेडपे धीरेसे पीठके बल लीटा दीया ओर अ‍ेक पैर चंदाके उपर डालते उनके उपर चड गया.. तब चंदाने देवायतको अपनी बाहोमे भीचलीया.. ओर दोनोके होंठ अ‍ेकबार फीरसे मील गये.. ओर अ‍ेक दुसरेके होठोका रसपान करने लगे.. तभी देवायतने चंदाकी ब्रा खीचके नीकालदी तब उनके दोनो कठोर उरोज उछलकर बहार आगये.. तब देवायतने दोनो बुब्सको अपनी मुठीकी गीरफ्तमे लेलीया..

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ओर वो उसे मसलने लगा.. तब चंदा जोरोसे सीसकारीया करने लगी.. ओर वो सरमके मारे देवायतसे नजरे चुराने लगी.. देवायत उनके उरोजोको मसलते कभी हल्कासा दबा देता तो कभी बुब्सकी नीपलको अपने दातोसे दबाकर हल्कासा खीच लेता.. तो कभी नीपलको चुसने लगता.. तो कभी जुकते चंदाके गलेको चुमलेता.. चंदा देवायतकी अ‍ैसीही हरकतोसे पागल होने लगी.. ओर उनकी चुतसे पानी नीकलने लगा..
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तभी देवायत चंदाके पैरोके बीच बैठ गया ओर पेन्टीमे दोनो ओर उगलीया फसाकर पेन्टीको खीचकर नीकालने लगा तब चंदा अ‍ेकदम सर्मसार होगइ ओर अपनी कमर उची करते दोनो पैर घुटनोसे मोडकर देवायतको पेन्टी नीकालनेमे साथ देने लगी.. ओर देवायत पेन्टीको नीकालकर वही रखते चंदाकी चुतपे जुक गया.. तब चंदा होनेवाली हरकतसे बीलकुल वाकेफ होगइ..

चंदा : (सरमाते धीरेसे) देवु.. नही.. प्लीज.. वहा नही.. उपर आजाओनां.. अब बरदास्त नही होता.. मुजे बुछ होने लगता हे.. मे ज्यादा बरदास्त नही करपाउगी.. आप मुजे अ‍ैसे ही जडा देते हो..

देवायत : (कामुक्त होकर) बस.. चंदा अ‍ेक बार.. अ‍ेक बार मुजे इसे छु लेनेदे.. फीर सुबह तक मुजे तेरे उपरसे उतरना ही नही.. आज तुजे सुबह तक खुब प्यार दुगा.. मे हमारी इस रातको यादगार बनाना चाहता हु..

कहातो चंदा सर्मसार होते मुस्कराने लगी.. ओर अपना मुह दुसरी ओर करते देवायतसे नैन चुराते दोनो हाथोसे चदरको पकडली.. क्युकी उसे पता था अब आगे क्या होने वाला हे.. तभी चंदाको अपनी चुतपे देवायतका मुह महेसुस हुआ ओर वो नजरको नीचेकी ओर टेडी करते देखने लगी तब देवायत उनकी कमरको पकडते अपनी जीभको चंदाकी चुतमे घुसानेके लीये तैयार था.. ओर अचानक देवायतने चंदाकी चुतमे जीभ घुसादी.. ओर चंदाकी चुतके दानेको अपनी जीभसे छेडने लगा..

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तब चंदाने जोरोसे अपनी आंख भीचली ओर उनके मुहसे अ‍ेक हल्की चीख नीकल गइ.. वो अ‍ेकदम कामुक होकर छटपटाने लगी.. अ‍ैसा नही थाकी वो ये सब पहेली बारही कर रही थी.. देवायत ओर चंदा दोनो इस खेलको कइ बार खेल चुके थे.. लेकीन चंदाको मालुम थाकी आगे क्या होने वाला हे.. देवायत चंदाको इस खेलमे कइ बार बीना चोदेही अ‍ैसे जडा देता हे.. ओर आज चंदा अ‍ैसेही जडना नही चाहती थी..

वो आज नही चाहती थीकी दोनोका कामरस अ‍ेसेही बहार व्यर्थ जाये.. ना देवायतका ओर नाही खुदका.. वो दोनोका कामरस आज अपनी चुतमे भरकर महेसुस करना चाहती थी.. क्युकी अब उसे कीसी बातका कोइ डर नही था.. उनके मनके अ‍ेक कोनेमे देवायतसे मां बननेका ख्वाब देख रहीथी.. इसीलीये वो चाहती थीकी वो देवायतके बच्चेकी मां बने इसीलीये देवायत उनकी चुतको पुरी रात भरता रहे..

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हालाकी वो अभी देवायतके बच्चेकी मां बनना नही चाहती थी.. लेकीन फीरभी वो आइपील लेकर इनसे बचना चाहती थी.. चंदाने जबसे पहेली बार देवायतको देखा तबसेही वो देवायतके लीये सारी हदे पार करना चाहती थी.. वो देवायतके व्यक्तीत्वसे बहुतही आकर्सीत हो चुकीथी.. सीर्फ चंदाही नही इस गांवमे अ‍ैसी कइ ओरते ओर लडकीयाथी जो देवायतके नीचे लेटनेको आजभी आसानीसे तैयार थी..

जब चंदासे बरदास्तसे बहार होने लगा वो अचानक बैठ गइ.. ओर देवायतके सरको पकडते अपनी ओर खीचलीया ओर वो लेट गइ.. ओर देवायतकोभी खीचकर अपने उपर लीटा दीया.. ओर उनके गलेमे दोनो हाथ डालमे अपने तनसे जोरोसे चीपकालीया तब देवायत उनके गलेको चुमने लगा.. तो चंदा ओर मदहोस होने लगी.. ओर आधी आंख चडाते देवातके सरको सहेलाती रही.. वो चाहती थी देवायत जटसे जट अपना लंड उनकी चुतमे घुसादे..

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तभी उसे अपनी चुतपे देवायतका लंड ठोकर मारते महेसुस हुआ.. जो अपने बीलमे जानेका रास्ता ढुंढ रहाथा.. उनका लंडभी चंदाकी चुतके बीलमे कइ बार जाकर उल्टीया कर चुकाथा.. तो इस चुतको वो कैसे नही पहेचाने.. उनको चंदाकी चुत जानी पहेचानी लगी..

ओर वो चंदाकी चुतमे घुसनेके लीये कामयाब होगया.. जैसेही लंड चुतमे घुस गया तब चंदाकी आंख खुलके बडी होगइ.. ओर वो देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचते आह.. कहेते आहे भरने लगी.. आज उसे देवायतका लंड कुछ जरुरतसे ज्यादाही मोटा फील हो रहाथा..

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तो दुसरी ओर चंदाकी चुतकोभी देवायतका लंड जाना पहेचाना लगा तो वोभी अपनी दोनो होठ जैसी नाजुक पंखडीयोसे देवायतके लंडको फडफडाते नीगलने लगी.. जैसे कोइ सांप चुहेको नीगल रहा हो.. देवायत ओर चंदा दोनोही मदहोस होकर चुदाइमे मसगुल होगये.. आज दो जीस्म अ‍ेक जान होगये.. ओर देवायतने पुरा लंड चंदाकी चुतमे उतार दीया.. तब जाके चंदाने राहतकी सांस ली.. ओर उनके चहेरेपे राहतकी मुस्कान आगइ.. जैसे उसने कोइ कीला फतेह करलीया हो.. चंदाने देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचलीया..

तभी इस गांवसे दुर आज अ‍ेक ओर सुहागरात चल रही थी.. जीहां.. भानु ओर उनकी मामी रमाकी.. जो आज भानुकी बीवी होगइ थी.. रमाने भावनाको बहुत साथ आनेका आग्रह कीया लेकीन भावनाने बडी सीफततासे उनकी सुहागरातका हवाला देकर मना करदीया.. ओर वो अपनी बच्चीको लेकर बाजुवाले लताके रुममे सोने चली गइ.. ओर रुमके बीच अ‍ेक दरवाजा लगा हुआ था.. ओर भावना बच्चीको लेकर लताके बेडपे सो गइ.. जहासे दोनोकी आवाजे साफ सुनाइ दे रहीथी..

तब दश पंद्गह मीनीटके बादही बाजुके रुमसे भावनाको अ‍ेक तेज चीखकी आवाज सुनाइ दी.. तब वो समज गइकी भानु ने अपना लंड रमाकी चुतमे उतार दीया हे.. ओर वो रमाको चोद रहा हे.. ओर इतनी उमर होनेके बावजुद रमाकी चीख सुनकर उसे जरासीभी समजनेमे देर नही लगीकी भानु उसे कामोतेजक गोली खाकर चोद रहा हे.. तब वो खडी होकर दरवाजेके पास चली गइ ओर वहा कोइ छेद देखनेकी कोसीस करने लगी..

तभी वहा अ‍ेक कपडा लडकता नजर आया ओर उसने कपडेको हटाया तो वहा उसे बडा छेद नजर आया ओर वो वहा आंख लगाकर अपने रुमका नजारा देखनेकी कोसीस करने लगी.. तभी वो चोंक गइ.. क्युकी वहीसे उनका पुरा बेड उसे दीखाइ दे रहाथा.. रमा पुरी नंगी होकर भानुके नीचे लेटी हुइथी.. उनको दोनो पैर घुटनोसे मुडे फैले हुअ‍े थे.. ओर भानु रमाको पैरोके बीच बैठेही तेजीसे अपनी कमर हीलाते रमाको चोद रहाथा..

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भावना छेदसे देखने लगी तब भानु बडेही जोरोसे कमर हीला हीलाकर रमाकी चुदाइ कर रहाथा ओर रमा अपने बेडकी चदर पकटते अपना मुह इधर उधर करते छटपटा रहीथी ओर भानुके हर धकेको चीखते ओर आहे भरते जेल रहीथी.. तब भानुभी रमाको बडी बेहरेहमीसे चोद रहाथा.. तो रमाभी चुदवाते चीखती चीलाती रही.. ओर भावना कातील मुस्कान करते फीरसे बेडपे आकर सोगइ..

तभी उसे खयाल आयाकी ये रुमतो लताका हे.. तो क्या लताभी उनकी ओर भानुकी चुदाइ हर दिन देखती हे..? यही सब सोचकर वो सरमसे पानी पानी होने लगी.. ओर मुस्कुराते मनही मन लताको गालीया देने लगी.. लेकीन अबतो लता उनकी ओर देवायतके प्रेमकी राजदार होगइ थी.. तब उनको लताकी अ‍ैसी हरकतोपे हसी आगइ.. तब बाजुके रुममे चुदाइका भवंडर तुफान बनकर तांडव मचा रहाथा..

काफी देर तक भानु रमाकी चुदाइ करता रहा.. इसी बीच रमा भी दो बार जड चुकीथी.. फीरभी भानु उसे चोदेही जा रहाथा.. तब रमाको आज भानुकी इतनी चोदनेकी स्टेमीना देखकर समज गइकी भानु कोइ कामोतेजक गोली खाकर उसे चोद रहा हे.. तब कुछ पलके लीयेतो वोभी खुस होगइ.. लेकीन जैसे जैसे भानु उसे उछल उछलकर चोदने लगा तब रमासेभी चुदावाना बरदास्तसे बहार होने लगा..

अभी तब रमा तीनसे चार बार जड चुकीथी.. तो उनकी चुतमेभी जलन महेसुस होने लगी.. तकरीबन २५ मीनीटकी धका पैनी जबरदस्त चुदाइके बाद भानुके लंडने भी जवाब देना मुनासीब समजा.. ओर भानु रमाकी चुतमे जडतक लंड घुसाके जडने लगता हे.. तब रमाभी भानुको जोरोसे अपनी बाहोमे भीचलेती हे.. तभी जडतेही भानु रमाके सीनेपे सर रखते ढेर हो गया.. ओर रमा उनकी पीठ सहेलाते भानुसे नजरे चुराने लगी.. ओर उसने राहतकी सांस ली.. तबतक भावना भी नींदकी आगोसमे चली गइ थी....

कन्टीन्यु
 

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Romanchak. Do do suhagraato n ka varnan Badhya raha.Pratiksha agle rasprad update ki
 

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