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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ९०

ओर दोनोही अ‍ेक दुसरेके सामने देखके रहस्यभरी कातील स्माइल करते हसती रही.. उनको पता चल गयाथा की सरलाकी अ‍ैसी हालत देवायतने ही करदी हे.. तब भावना सरमाते हसते हुअ‍े अपने रुममे चली गइ तब लता ये सब देखकर बहुत गरम होगइ.. ओर वो जटसे बहारके बाथरुममे घुस गइ.. उनकी सांसे तेज चलने लगी.. वो देवायतको इमेजींग करते जोरोसे चुतमे उंगली करने लगी.. ओर कुछही देरमे जडकर सांत होगइ.. आज पहेली बार लखनको छोडके देवायतके बारेमे सोचने लगी....अब आग

तो दुसरी ओर देवायतसे बात करके मंजु फोन साइडमे रखते बेडसे खडी होगइ ओर चंदाको मम्मीसे बात करलो मे अभी आती हु.. कहेके पुनमके रुममे चली गइ.. तो पुनम अ‍ेसेही लेटे मंजुका वेइट कर रहीथी जेसेही मंजु आइ वो जटसे अपने बेडपे बेठ गइ.. तब मंजु पुनमके रुममे आतेही उनका दरवाजा अंदरसे बंध करके पुनमके पास आगइ.. ओर उनके पास बेडपे बैठ गइ तब पुनमने लेटते उनकी गोदमे सर रख दीया..

मंजुला : (पुनमके सरको सहेलाते) हां मेरी बच्ची.. बोल तु तेरी सादीकी बातपे परेसान क्यु हो रही हे..?

पुनम : (सरमाते धीरेसे) भाभी.. आपतो सब जानती हो.. बाबाने आपको सबकुछ तो बतादीया हे.. तो आप मेरे ओर भाइके बारेमे भी सब जानती हो.. तभीतो आपने बहार हमारे पती कहा.. क्या मे सही हुनां..?

मंजुला : (हसते सरमे हाथ घुमाते) हां.. तु कोइ संकोच मत करना की भाभीको सब पता चल जाता हे.. बस सीर्फ हम दोनोही तो हे.. जो इस सारे चक्रको जानती हे.. हमे सीर्फ हमारा कर्म करना हे.. हमे तो हमारे वो अंसको इस धरती पे लाना हे.. ओर धिरेनके बारेमे तु ज्यादा मत सोचना.. वो कुछ नही कर सकेगा.. बस हमारा पतीही तुजे सम्हाल लेगा.. वो उन जडीबुटीसे इतने सक्षम होगये हे की अ‍ेक साथ हम जैसी दस कामी ओरोतोको संतुस्ट कर सकता हे.. तो फीर तु क्यु वीचलीत होती हे..?

पुनम : (सरमाते हसते) क्या..? भैयामे इतनी शक्ति आगइ हे..? तो फीर उनको नही पता..? हें..हें..हें..

मंजुला : (हसते) हां लेकीन उनको मत कहेना वरना वोतो कहीभी लगे रहेगे.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाते) भाभी.. मे भैयासे इतना प्यार करती हुकी अब मुजे कीसी ओर से सादी करनेका मन ही नही करता.. पता नही उनको देखकर मुजे क्या होजाता हे.. मे अपने आपको कंट्रोलही नही कर सकती.. क्या इतना आकर्सण कसीसीमे हो सकता हे..?

मंजुला : हां पुनो.. वोभी उनकाही अंस हे.. तो आकर्सणतो होगाही.. ओर हम सब उन्हीकी तो रानीया हे.. पता हे मुजे सायद तेरे गर्भमे उनका बीजभी पल रहा हे.. तो तु खुस रहा कर.. ओर तुजे धिरेनसे सादी करनी ही पडेगी.. वरना दुनीया वालोको तुम क्या कहेगी..? की ये बच्चा कीसका हे.. ओर दुनीयाको क्या पताकी तुमने तेरे भाइसे सादी करली हे.. सब यही समजेगे की तु कही काला मुह करके कुआरी मां बन गइ हे.. तो क्या तुजे अच्छा लगेगा..? ओर लोगतो हमे आजभी अ‍ेक राजाकी फेमीलीकी तराह आदरसे देखते हे.. तो क्या हमारे खानदानपे कोइ तेरी वजहसे थुकेगातो तुजे अच्छा लगेगा..? अ‍ेक बार सोचले..

पुनम : भाभी मे आपकी सब बाते समजती हु.. मुजेभी पता हे मेरी धिरेनसे सादी जरुरी हे.. लेकीन अ‍ेक नीदोर्षके साथ धोखा..? मुजे अच्छा नही लगता.. ओर चंदा मौसीतो बेचारी इस बारेमे कुछ जानती भी नही हे.. क्या वो ये सदमा बरदास्त करपायेगी..? बस यही सब सोचते दिल गभरा रहा हे.. ओर कुछ नही..

मंजुला : पुनो धिरेनतो मेरा अ‍ेकलौता भाइ भी हे.. तो सोच मुजपे क्या गुजरेगी.. ओर चंदा मौसीकोतो पताभी नही हेकी उनके बेटेकी आयु कम हे.. बस उनकी आयुही कम हेतो हम क्या कर सकते हे.. ओर हो सकता हे ये सब नीर्माण तेरे लीये ही कीया गया हो.. ताकी तुम अपने भाइके साथ रेह सको.. बस इसीलीये तुम्हारी सादी धिरेनसे जरुरी हे.. ओर सोच तुजेतो सीर्फ तेरे बारेमेही पता हे.. ओरोके बारे मे नही.. लेकीन मेतो सबके बारेमे जानती हु तो फीर मुजपे क्या गुजरती होगी.. कभी सोचा हे..?

पुनम : भाभी आइ अ‍ेम सोरी.. मे आपकी सब सीचुअ‍ेशन समजती हु.. अब मुजे कोइ अ‍ेतराज नही.. आपको जो ठीक लगे वोही कीजीये.. अब मे दुखी नही होउगी.. मेभी आपकी तराह स्ट्रोंग बननेकी कोसीस करुगी..

मंजुला : (सर चुमते) पुनो.. आने वाले समयमे तुजेभी बुहत कुछ दीखनेको मीलेगा.. बस अ‍ेक दो दीन ठहेरजा फीर तुजेभी सब ज्ञात होजायेगा.. तब तुजे तेरी अ‍ेक ओर सोतन ओर चंदामौसीको ही मेरे देवुको सम्हालना हे.. बस यही समजले तब सब प्रकृतीके नीयमसे चलता होगा.. बस तु अपना कर्म करतीजा.. मेरे जानेसे पहेले मे तुजे सब ज्ञात करवाके जाउगी.. ताकी तुम सबको सम्हाल सको.. ओर विचलीत ना होसको.. ओर मे तबभी तेरे साथ रहुगी.. तेरी बहु बनकर.. इनसे आगे तुजे मे अभी कुछ नही बता सकती.. अब सोजा.. आज तेरा भाइ यानीकी हमारे पती तेरे बाजुके रुममे अकेला सोयेगा.. समज गइनां.. हें..हें..हें..

पुनम : (अ‍ेकदम सर्मसार होते) भाभी.. क्या आपको बुरा नही लगता..?

मंजुला : (शसते) नही पुनो.. आज अच्छा मौका हे.. आज जी भरके तुम तेरे भाइको प्यार करलो.. फीरतो सादी तक कुछ नही हो सकता.. अब सादीमे दिनही कीतने बचे हे..

पुनम : (हसते) भाभी.. अभी आपने कहा अ‍ेक ओर सौतन ओर चंदामौसी.. मतलब..? ओर कौन आने वाली हे..? हें..हें..हें..

मंजुला : (हसते) बस पुनो सीर्फ कल तक ठहेरजा तुजे सब पता चल जायेगा.. हें..हें..हें.. आज तु अपने भाइको जी भरके लुटले.. हें..हें..हें.. कोइ कशर बाकी मत रखना..

कहेते मंजु पुनमके सरमे चुमी करते जटसे नीकल गइ.. तबतक पुनम मंजुकी लास्ट वाली बात सुनके उसे सोक्ट होते मुह फाडके देखती ही रही.. तब बाजुके रुममे मंजुके बहार जातेही चंदाने अपनी बहेन नीर्मलाको फोन करदीया वहां नीर्मला देवायतके जातेही सोनेकी तैयारीया कर रहीथी तब राजीव सो चुकाथा.. तो चंदाका फोन देखतेही उनके चहेरेपे स्माइल आगइ ओर वो सोफेपे लेटकर धीरेसे चंदासे बाते करने लगी..

चंदा : (सरमाते धीरेसे) हेलो.. दीदी..

नीर्मला : (हसते) हां छोटी.. बोल मे तेरी बडी दी बोल रही हु.. क्या तु वहा अकेली हे..?

चंदा : (हसते धीरेसे) हां दीदी आप कहीये.. भैया कैसे हे..? अब कैसी हे उनकी तबीयत.. सो गये क्या..?

नीर्मला : (हसते) हां अभी दवाइ पीलाइ हे तो सो गयेहे.. मे अकेली हुं.. सोनेकी तैयारी कर रहीथी.. बोल.. आगइ तु अपने ससुराल..?

चंदा : (सरमाते हसते) हां.. दीदी.. वो..वो.. आज आप लोग आजाते तो.. कल मेरी सादी हे.. क्या आपकी इस बारेमे देवुसे कुछ बात हुइ..?

नीर्मला : (हसते) हां.. लेकीन लगता हे उनकोभी कुछ ज्यादा पता नही होगा.. वो सायद सायद बोल रहेथे.. हें..हें..हें..

चंदा : (सरमाते हसते) हां.. मंजुने उनसे बात छिपाइ हे.. इसीलीये वो स्योर नही थे.. दीदी क्या मे सही कर रही हुनां..? आप हमारी सादीसे खुसतो हेनां..? ओर भैया.. क्या उनको पता हे सब..?

नीर्मला : छोटी मेतो सुनकर बहुत खुस हु.. तु दिल छोटा मतकर.. तेरी उमर बहुतही छोटी हे.. ओर तु खुसनसीब हे की तुजे विधवा होनेके बावजुद अ‍ेक अच्छा लडका मील गया.. ओर तु हमारे भाइका टेन्शन मत ले जब वो बीलकुल ठीक होजायेगे तब मे उनसे बात करलुगी.. देखना वोभी सुनके बहुत खुस होजायेगे..

चंदा : (धीरेसे सरमाते) दीदी क्या आप ओर देवु आपसमे बोलने लगे..? कहेतेथे अब हमारे बीच कोइ गीला सीकवा नही.. क्या आपने उनके साथ कुछ बात की..?

नीर्मला : (खुस होते) हां छोटी.. वो बुहतही अच्छे हे.. मुजे माफ करदीया.. ओर हमने ढेर सारी बातेभी करली.. मे बहुत खुस हु.. कास मे तुम दोनोकी सादीमे होती.. अबतो राजीवभी बहुत खुस होगये थे.. ये बता क्या कर रहीहे मेरी बच्ची.. देखना मे वहा जल्द ही आउगी.. फीर हम ढेर सारी बाते करेगे.. ओर बता कैसाहे मेरा धिरेन.. वो तो तेरी सादीसे खुस हेनां..?

चंदा : (सरमाते) हां दीदी.. मंजुने उसे समजा दीया ओर बात करली.. फीरतो मेने भी उनसे अ‍ेक बार बात करली थी.. वोतो बहुत खुस हे.. बस उनकोतो अभी सीर्फ अपनी बीवी ही दीखती हे.. हें..हें..हें..

नीर्मला : (हसते) हां.. बच्चा जवान होगया हे.. यही वो उमर हे.. जो मौज मस्ती.. सबकुछ.. वो जो करता हे उसे करने दे.. हमनेभी हमारी जवानीमे कम खेल नही खेले थे.. हें..हें..हें.. हमभी समयसे पहेलेही सब कुछ कर चुके हे.. हें..हें..हें..

चंदा : (सरारतसे) नही दीदी सीर्फ आपने.. मेतो तब बहुत छोटीथी.. ओर जब जवानीके दहेलीजपे कदम रखा तो आपने मेरी सादी करवादी.. ओर देखो.. पतीभी दो सालमे चला गया.. मुजे लगता हे अब जाके वो सब सुख मेरे नसीब होगा.. दीदी अ‍ेक बात कहु..? इस मामलेमे आप बहुत लकी हो.. क्या अभीभी आपको भाइ उतनाही प्यार करते हे..? आइ मीन.. वो चीखे.. हें..हें..हें..

नीर्मला : (सरमाते हसते) धत् कैसा सवाल पुछती हे..? सरमभी नही आती.. अपनी बहेनकी चीखे सुननेमे तुजे बहुत मजा आता हे.. अब काहेकी चीख.. लगता हे अब हमारा भाइ बुढा हो चुका हे.. हें..हें..हें..

चंदा : (हसते) बताओना दीदी.. बुहत मजा आता हे सुनके.. अबतो आप मुजसे अ‍ैसी बाते भी नही करती..

नीर्मला : (हसते) पहेले तु बता.. क्या तुम ओर देवुने कुछ प्यार ब्यार कीया.. मतलब.. तु समज गइनां..?

चंदा : (सर्मसार होते हसते) क्या दीदी.. बस इतना बता सकतीहु.. हम दोनो अ‍ेक दुसरेको बहुत प्यार करते हे.. सायद इसीलीये मे उनसे सादी करनेको तैयार होगइ.. वरना कोइ इतना बडा लडका होनेके बावजुद सादी करती हे..? सच कहुतो मुजेभी देवुसे प्यार होगया हे.. बस.. इतनाही केह सकती हु.. आप बताओ..

नीर्मला : हां राजीव आजभी मुजे इतना प्यार करते हे.. लेकीन सायद अब वो प्यार मेरे नसीबमे नही होगा.. क्युकी अब राजीवके लीये ये सब करना जोखीम भरा हे.. बस तु खुस रहे.. वोही हम सब चाहते हे.. मेरी मंजु बहुत अच्छी हे.. ओर मे उनकी भी उतनी ही गुनहगार हु.. तभी तो मेरे साथ कम बोलती हे..

चंदा : नही दीदी.. हमारी मंजु बहुत अच्छी हे.. बस मुजे इतना पता हे वो कोइ सामान्य ओरत नही हे.. ओर आपतो बीलकुल चीन्ता मत करना.. उन्होने ही देवुको आपको माफ करनेके लीये कहाथा.. दीदी वो दोनो अ‍ेक दुसरेको बहुत प्यार करते हे.. कास अ‍ैसा प्यार मे देवुसे करपाती..

नीर्मला : (हसते) हां.. कल तेरी सादी हे.. तो फीर तुम दोनोकी सुहागरातभी होगी.. तो तुजेभी कल पता चल जायेगा देवु तुजे कीतना प्यार करता हे.. कास मे वहा होती.. तो जरुर तुमसे बदला लेती.. तेरी चीखे सुननेके लीये तेरे कमरेके पास खडी रहेती.. जेसे तुम हमारे कमरेके पास खडी रहेती थी.. हें..हें..हें..

चंदा : (सर्मसार होते हसते) धत्.. दीदी क्या आजभी तुमको वो सब बाते याद हे..? तब मे छोटीथी इस बारेमे कुछ ज्यादा नही जानती थी.. ओर आप चीलाती तो मुजे दुख होताथा की आपको किशन अंकल रातमे अपने कमरेमे बुलाकर क्यु मारते हे.. जो आप इतना चीलाती थी.. तब मेरी समजमे कुछभी नही आता था.. फीर तो हम वहा आगये ओर आपने भाइसे सादी करली.. फीरतो वहाभी आप भाइके साथ कमरेमे जातेही चीलातीथी.. हें..हें..हें..

नीर्मला : (गहेरी सांस लेते) हाये.. चंदा वोभी क्या दिन थे.. मेने जवानी मे हर तरहके मजे कीये हे.. ओर मत भुल देवु उनकाही बेटा हे.. तो उन्हीकी तराह होगा.. तु समज रही हेनां..? मुजे आसा हे तुजेभी अब वो हर सुख मीलेगा.. ओर हां.. अ‍ेक बात ओर.. अगर बाय चान्स देवुसे तु प्रेगनेन्ट होजाये तो तु बच्चा मत गीरवाना.. उनके बच्चेको पैदा करना.. बस इतनाही तुजे कहेना हे.. बाकी तु खुद समजदार हे.. बडे नसीब वाली होती हे.. जो उनके बच्चे पैदा करती हे..

चंदा : (सरमाते हसते) ठीक हे दीदी.. लेकीन क्या आपको अब ये सब पोसीबल लगता हे..? वोभी इस उमरमे.. धिरेन क्या सोचेगा..? मुजेतो बडी सर्म आरही हे..

नीर्मला : छोटी इसमे सरमाना क्या..? अगर अ‍ैसा होता हेतो तु बहुतही खुसनसीब होगी.. इस बारेमे अभी ज्यादा मत सोच.. चल अब बहुत बाते करली.. कभी कभी फोन करलीया कर.. समजी..?

चंदा : दीदी मेरा दिल कहेता हे.. देखना देवु आप दोनोको यही बुला लेगे.. तो आप ना नुकुर मत करना..

नीर्मला : नही छोटी.. वो हमारी बेटीओका घर हे.. ओर अबतो वहा मेरी दो दो बेटीया हे.. तो हम वहा कैसे आसकते हे.. हम दोनो यही ठीक हे.. हां कभी कभी दो तीन दिनके लीये आजायेगे.. बस..?

चंदा : (हसते) ठीक हे दीदी वो सब बाद मे देखेगे.. चलो बाय.. ओर भाइको मेरी ओर से प्यार देनां..

नीर्मला : (हसते) हंमम.. चलो फोन रखती हु नींद आ रही हे.. बाय..

कहेते चंदाने हसते हुअ‍े फोन साइडमे रख दिया ओर सोनेकी तैयारीया करने लगी.. तभी मंजुभी पुनमसे बात करके रुमका दरवाजा बंध करके आगइ ओर दोनो सोने लगी.. ओर कुछही देरमे दोनो नींदकी आगोसमे चली गइ.. तब थोडीही देरमे देवायत भी आगया..

ओर फ्रेस होकर पुनमके बाजुके कमरमे चला गया.. ओर उसने रुमकी लाइट जलादी.. तो आस्चर्यसे देखताही रेह गया.. क्युकी मंजुके जातेही पुनम अपने रुममे सब लाइट दरवाजा बंध करके देवायतके रुममे चली गइ थी ओर अपने सब कपडे नीकालके तनपे चदर डालके बेडपे लेटी देवायतका इन्तजार कर रहीथी..

पुनम : (धीरेसे) भाइ लाइट बंध करदो.. ओर आजाओ.. आज आपको अपनी बीवीओके साथ नही अपनी बहेनके साथ सोना हे.. दरवाजा अच्छेसे लोक करदो..

देवायत : (दरवाजा लाइट बंध करते) पुनो.. लेकीन उन दोनोको पतातो नही की तु यहा हे..?

पुनम : नही भाइ.. सीर्फ भाभीको पता हे.. ओर उन्होने मुजे कहा हे आज आप वहा अकेले सोने वाले हो.. उसीने मुजे आपके साथ सोनेके लीये कहा हे..

देवायत : (हसते) अच्छा..? तो आज मंजुने खुद तुम्हे मेरे साथ सोनेके लीये भेजा हे..? बेबी ध्यान रखना वो तेरी सासभी इधर हे.. तुजे खयाल रखना पडेगा..

पुनम : (हसते) भाइ उनकी चीन्ता मत करो.. मे सुबह जल्दी चली जाउगी.. ओर वो सब भाभी देखलेगी..

तभी देवायत खुस होते अपने सब कपडे नीकालने लगता हे.. तबतक पुनम उनको कपडे नीकालते देख रहीथी जैसेही देवायतने अपनी चडी नीकाली उनका तगडा लंड हवामे उपरकी ओर खडा होगया ओर फनफनाते लहेराने लगा.. जीसे देखकर पुनम सर्मसार होके मुस्कराने लगी..

ओर उनकी आंखोमे वासनाके डोरे मंडराने लगे.. वो लंडको अ‍ेक प्यासी नजरसे देखती ही रही.. तभी देवायत उनके पास आगया ओर पुनमके साथ चदरमे घुसकर लेट गया.. तब पुनमने उसे कसके अपनी बाहोमे भीचलीया ओर उनके होंठ चुमलीया.. फीर उनकी आंखोमे देखते..

पुनम : भाइ आज आप जी भरके अपनी इस बहेनको प्यार करलो.. फीर पता नही अ‍ैसा मौका हमे कब दुबारा मीले.. अगर बच्चा ठहेरनेमे कोइ कशर बाकी रेह गइ होतो आज मौका हे करदो मुजे गर्भवती.. आज अपनी इस बहेनको लुटलो.. मुजपे कोइ रहेम मत करना.. आज आपको जैसे मरजीमे आये मुजे प्यार करलो..

देवायत : (बाहोमें प्यारसे सरको सहेलाते) पुनो.. मुजे मेरी मंजुपे पुरा भरोसा हे.. उसने कहाहे.. हमारा बच्चा तेरे गर्भमे पल रहा हे.. तो समजले तेरा काम होगया हे.. अब तुम कोइ टेन्शन मत रखना..

पुनम : (सरमाते मुस्कराते) भाइ पता नही जैसे जैसे हम प्यार (चुदाइ) करते हे आपके प्रेती मेरी चाहत बढती ही जा रही हे.. आज आप कोइ कशर मत छोडना.. आपको जीस तराह अपनी बहेनको प्यार करना हे ओर जैसे करना हे करना.. आप आज मेरी परवाह बीलकुल मत करना.. भाभीने कहाहे अब आपको मुजे ओर मेरी सासको ही सम्हालना हे.. भाइ अ‍ैसा उसने क्यु कहा..?

देवायत : पुनो तुमभी सब जानती हो.. ओर वो तुजे सबकुछ बता देती हे.. तोफीर उनसेही पुछ लेना.. अभी तो मुजे मेरी बहेनसे प्यार करने दे.. फीर पता नही हमे कब मौका मीलेगा.. चल आजा..

पुनम : (सरमाते हसते) भाइ मेतो रेडी ही हु आप आजाओ.. ओर सुरु करो..

तभी देवायत पुनमके सरके पास घुटनोके बल बेठ जाताहे ओर पुनमकी चुतको हाथसे सहेलाने लगताहे तो पुनमभी देवायतके लंडको अपनी मुठीमे भर लेती हे ओर होले होले सहेलाने लगती हे.. तब अचानक देवायत चुत सहेलाते अ‍ेक उंगली पुनमकी चुतमे घुसा देता हे तब पुनम मदहोस होते अपनी कमर उछालते सीसकारीया करने लगती हे ओर देवायतके लंडको जोरोसे हीलाने लगती हे.. जबसे मंजुसे बात हुइ तबसे पुनमकी चुत पानी छोडने लगीथी.. ओर वो बहुतही चुदासी हो गइ थी..

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फीर पुनम बेडपे बेठ जाती हे ओर देवायतको हाथ खीचके उसे पीठके बल सुला देती हे ओर खुद उनके पैरोके बीच चली जाती हे.. फीर जुककर देवायतका तगडा लंड चाटते मुहमे लेनेकी कोसीस करने लगती हे.. ओर धीरे धीरे करते देवायतका लंड मुहमे भरलीया ओर देवायतकी ओर वासना भरी नजरोसे देखते लंडको लोलीपोपकी तराह चुसने लगी.. फीर लंडको मुहमे अंदर बहार करते मुहसे ही चोदने लगी.. आज पुनम देवायतके साथ खुलकर चुदवानेके मुडमे थी..
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पुनमकी इस हरकातको जब देवायतसे बरदास्त करना मुस्कील होगया, तो वो पुनमको अपने उपर खीचलेता हे तो पुनम मुस्कराते देवायतकी कमरपे दोनो पैर फैलाके बेठ जाती हे ओर थोडी उची होकर देवायतके लंडको पकडते अपनी चुतपे सेट करते धीरेसे आंख बंध करते बैठने लगती हे.. तो लंडभी काफी गीला हो गयाथा.. ओर पुनमकी चुतमे जानेके लीये बेकरार होने लगा.. ओर पुनमकी चुतने धीरे धीरे करते पुरा लंड नीगल लीया ओर पुनमकी चुतमे समा जाता हे..
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फीर पुनम देवायतके कंधेके पास हाथ रखते थोडी जुककर होले होले अपनी कमरको हीलाने लगती हे.. तब देवायत सर उचा करके उनके बुब्सको अपने मुहमे लेकर चुमने लगता हे.. तो पुनम सीसकारीया करते मदहोसीमे देवायतको कमर हीलाके चोदने लगती हे.. मानो वो चुदाइ करते सातवे आसमानमे पहोंच गइ हो.. वो अांख बंध करते देवायतकी कमरपे उछलते चुदाइका पुरा मजा लेने लगी.. ओर देवायतभी उनके बुब्सके साथ खेलने लगा.. कभी हाथसे मसलने लगता तो कभी बुब्सकी नीपलको मुहमे लेकर चुसने लगता..
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तभी पुनम चुदाइ करते देवायतपे जुक जातीहे ओर कमर हीलाते देवायतके होठोको चुमने लगती हे.. तो देवायतभी पुनमके गलेमे हाथ डालके उनके होठोका रसपान करते वो पुनमकी आंखोमे देखने लगता हे.. क्युकी वो ये मानके पुनमको चोद रहाथाकी आज उनके साथ उनकी बीवी नही उनकी छोटी बहेन पुनम हे..

ओर वो अपनी बहेनको चोद रहा हे.. ये सब सोचते पुनमको नीचेसे कमर उछालते जोरोसे चोदने लगता हे.. तब पुनमका तन अकडने लगा.. ओर वो देवायतको जोरोसे बाहोमे भीच लेती हे तभी अचानक अपनी कमरको जटके मारते जडने लगती हे.. ओर कुछही देरमे देवायतके सीनेपे सर रखके ढेर होजाती हे..

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पुनम : (सीनेपे सर रखते देवायतके बाल सहेलाते) भाइ.. मे आपको ज्यादा देर तक बरदास्त नही करपाती.. आपका लंड कीतना बडा हे.. बस अंदर होता हे तो अ‍ेक सुकुन मीलता हे.. अ‍ैसा लगता हे मे स्वर्गमे चली गइ हु.. जी चाहता हे इसे पुरा दिन अंदरही रखु..

देवायत : पुनो मुजेभी तेरी चुतमे लंड होताहे तो बहुत मजा आता हे अ‍ैसा लगताहे कीसी गरम भठीमे डाला हो.. इसे बहार नीकालनेका मनही नही करता.. क्या मस्त चुत हे तेरी.. तेरी साससे भी होट.. तुमभी मस्त दीखती हो मेतो तेरा दिवाना हो चुका हु.. तुजे सारी जींदगी मे चोदता रहुगा.. आइ प्रोमीस..

पुनम : (कामुक मुस्कानके साथ) भाइ.. मेभी अपसे वादा करती हु.. में जींदगीभर आपको यही सुख देती रहुगी.. आपसे कभी अलगही नही होउगी.. भाइ.. आप मेरी सासको कीतनी बार चोद चुके हो..? भाइ वो अभीभी क्या मस्त ओर सेक्सी दीख रही हे.. जब आप दोनोकी सुहागरात हो तब मेरीही तराह बीना लंड बहार नीकाले उनको चोदते रहेना.. सुबह उनकी हालत खराब होजानी चाहीये.. हें..हें..हें..

देवायत : (हसते) बेचारीको क्यु सजा दीलवा रही हो.. हें..हें..हें..

पुनम : भाइ वो आप अभी नही समजेगे.. मेने कुछ प्लान कीया हे.. क्या आप हम सास बहुको अ‍ेक साथ चोदना चाहते हे..? तो फीर मेजो कहु वो करते जाइअ‍े.. आगे जाकर आपही को काम आयेगा.. हें..हें..हें..

देवायत : (होंट चुमते) अरे मेरी डार्लींग बहेनका तेरा दिमागतो बडा चलने लगा हे.. चल ठीक हे आजा.. आजतो तुजे पुरी रात तुजे चोदना हे.. क्या मस्त माल दीखती हे तु..

पुनम : (हसते) भाइ.. मे इतनाही मस्त माल हु तो आप मेरे प्यार कबुल करनेमे इतने नखरे क्यु कर रहथे..? तबही प्यार कबुल करके मुजे चोद लेना चाहीयेनां.. मे तबभी आपसे चुदनेके लीये रेडी थी..

देवायत : अरे.. तु मेरी बहेन थी.. तो फीर मे तुजे कैसे चोदलेता.. तब बाबाकी बात मालुम नही थी.. वरना तुजे कबका चोद चुका होता.. ओर अब तक हमारा बच्चाभी आ चुका होता.. मुजे क्या पताथा की बहेनको चोदनेमे इतना मजा आता हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (हसते) भाइ.. मुजेतो सब पता था.. की अ‍ेक दिन आपको मुजे चोदनाही पडेगा.. ओर मे आपका बच्चाभी पैदा करुगी.. बस जबसे ये सब मालुम हुआ तबसेही मे आपके पीछे लग गइथी.. चाहे कुछभी हो.. मे आपसे चुदवाकर ही रहुगी.. आप मुजे इतने अच्छे लगते थे.. जब मे वेकेशनमे घर आइथी तबही सब तैयारी करके आइथी.. कास आपने तब मुजे चोद लीया होता..

देवायत : डार्लींग अब बाते बादमे करलेना.. अभीतो मुजे मेरी बहेनको चोदने दे, तु बहुतही होट ओर सेक्सी हे.. अब में तेरी सारी कशर पुरी करदुगा.. देखना तेरी ससुरालमे आकरभी तेरी खुब चुदाइ करुगा..

पुनम : (सरमाते हसते) हां भाइ.. मेने सब जानकारीया लेकर सारे प्रबंध करलीये हे.. मे आपको टाइम बता दुगी.. इसी बीच आकर आप मेरी खुब चुदाइ कर सकते हो..

देवायत : (होंठ चुमते) अरे बेबी तुतो मुजे बातोसेही गरम करदेती हे.. चल आजा..

कहेते देवायत पुनमको जोरोसे अपनी बाहोमे भीचलेता हे ओर पलट जाता हे तब पुनम देवायतके नीचे आगइ.. तब पुनम देवायतको जोरोसे बाहोमे भीचलेती हे ओर उनका सर पकडके अपने गलेमे छुपालेती हे.. तब देवायत उनके गलेको चुमने लगता हे.. तो पुनम आंख बंध करते मदहोसीकी आलममे चली जाती हे.. ओर देवायतके सरको सहेलाने लगती हे.. तब उनकी चुत फीरसे पानी छोडने लगी..

तब देवायतको अपने लंडपे गरम महेसुस होताहे तो वो आधी आंख चडाते नसेकी हालतमे चला जाता हे.. ओर अपना चहेरा बीलकुल पुनमके चहेरेके नजदीक लेजाता हे तब दोनोके होठोके बीच नाके बरारबका फासला रेह गया.. ओर दोनोही नसे जेसी हालतमे अ‍ेक दुसरेकी आंखोमे देखते रहे ओर देवायत होले होले कमर हीलाकर पुनमको चोदने लगा.. ओर दोनोही जैसे स्वर्गमे चले गयेहो.. अ‍ेक दुसरेको आंखदमे देखते रहे.. ओर होले होले चुदाइ करने लगे..

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पुनम : (आंखोमे देखते मदहोसीमे धीरेसे) भाइ.. कैसा लग रहा हे अपनी इस बहेनको चोदते हुअ‍े..?

देवायत : (आंखोमे दखते) डार्लींग पुछोही मत.. बस अ‍ैसा लगता हे.. बीना लंड बहार नीकाले दिन रात तुजे चोदताही रहु.. ओर हमारी चुदाइ कभी खत्मही ना हो.. पुनो मे तुमसे बहुत प्यार करने लगा हु.. आइ लव यु..

पुनम : (आंखोमे देखते) भाइ.. लव यु टु.. मेरीभी हालत आपहीकी तराह हे.. अ‍ैसा लगता हे आपसे में अ‍ेसेही दीन रात चुदवाती ही रहु.. ओर आपको कभीभी मेरे उपर से उतरने नही दु..

तब देवायत पुनमके उपर पुरी तराह उनसे चीपक जाता हे ओर उनके गलेको चुमते पुनमको चोदने लगता हे तब पुनमभी पुरी तराह कामातुह होके वासनाकी आगमे जलने लगी.. कभी दोनो अपने होंठ मीलाते स्मुच करने लगते तो कभी देवायत पुनमको चोदते हुअ‍े उनके बुब्सको मुहमे लेकर चुसने लगता ओर बुब्सको मसलने लगता.. तो कभी देवायत पुनमको चोदते हुअ‍े उनके गलेमे मुह डालते उनकी गरदनको चुमता..

तब पुनम पुरी तराह मदहोस होजाती ओर दोनोके बीच धीरे धीरे करते धमाकेदार चुदाइ होने लगी.. जबभी पुनम जडनेको आती तब देवायतको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लेतीथी.. ओर उनसे होंठ लीपलोक करते कमरको जटके देते जडने लगती.. पुनम देवायतके लंडको भीगोते जडजाती.. तब देवायतको अपने लंडपे गरम महेसुस होता ओर वो पुरे जोसमे हाथके बल उचा होकर फीरसे पुनमको जोरोसे चोदने लगता..

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आज अ‍ेक बार फीर भाइ बहेनके बीच चुदाइका तुफान भवंडर बनके बंध कमरमे तांड मचा रहाथा.. अ‍ैसेही धमाकेदार चुदाइ करते देवायतने पुनमको तीन बार जडा दीया.. ओर देवायत हाथके बल थोडा उचा होगया.. ओर पुनमपे जुकते जोरोसे कमर हीलाते पुनमको चोदने लगा..

तो पुनमको अपनी बच्चेदानीपे देवायतका लंड टकराते महेसुस होने लगा ओर वो दर्दके मारे छटपटाने लगी.. ओर दोनो हाथसे चदर पकडके सीसकारीया करने लगी.. तभी देवायत उनपे जुक गयातो पुनमने उनके गलेमे दोनो हाथ डालके उसे जोरोसे अपने तनसे चीपकालीया ओर अपने दोनो पैर देवायतकी कमरमे आंटी लगाके उसे अपनी चुतपे दबा दीया..

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तब पुनमको अपनी बच्चेदानीपे देवायतका गरम विर्य महेसुस हुआ.. वो उतेजनाकी वजहसे कांपने लगी.. ओर वोभी उनके साथ जडने लगी.. फीब देवायत पुनमके सीनेपे सर रखते ढेर हो जाता हे.. तब पुनम उनको बाहोमे भीचते उनकी पीठ सहेलाती रही.. तब दोनोही पसीनेसे भीग चुके थे..

तबभी देवायतका लंड पुनमको चुतमे सख्त महेसुस हो रहाथा.. पुनमने अपने दोनो पैर अभीभी देवायतकी कमरमे आंटी लगाके रखाथा.. ताकी देवायत अपने लंडको उनकी चुतसे बहार ना नीकाले.. ओर वो देवायतके होंठोको चुमने लगी.. ओर देवायतकी आंखोमे वासना भरी नसीली नजरोसे देखते....

कन्टीन्यु
 
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