प्रिय पाठकों
धन्यबाद अब तक साथ देने के लिए l वास्तव में मैं इस फोरम का एक मूक पाठक ही था l कुछ लेखकों के अद्भुत व चामत्कारिक रचनाओं ने मुझे बाध्य किया इस फोरम की सदस्यता लेने के लिए l बहुत दुख होता था, जब कोई लेखन के जरिए हमे अपने कल्पनाओं की दुनिया में ले जाने वाले जब लेखन को आधे अधूरे पर छोड़ जाते थे l मुझे बहुत बुरा लगता था l और जो लेखक अपनी धारावाहिक रचना से हमे बांधे रखे हुए हैं, उनकी लेखन की आनंद लेने में बहुत खुशी होती थी l पर उनके अपडेट की प्रतीक्षा ने मुझे इस फोरम से जुड़े रहने के लिए अपनी लेखन आरंभ किया। यह केवल अपनी समय अविवाहित करने के लिए, पर जब समीक्षकों के समीक्षा ने मुझे आगे बढ़ते रहने के लिए बाध्य करता रहा l कहानी को सोच लेना और उसे लेखन में उतरना वाकई बहुत ही मुश्किल भरा काम है l फिर भी मेरा यह वचन है मैं इस कहानी को अवश्य पूरा करूंगा l अभी कहानी आधे सफर तक भी नहीं पहुंची है l मैं अभी से थकने लगा हूँ l उन लेखकों को हाथ जोड़ कर नमस्कार करता हूँ, जो कहानी लिख कर पूरा कर पाते हैं l ख़ैर आज उनतीसवां अपडेट आयेगा l कोर्ट रूम ड्रामा लिखना वाकई बहुत ही टेढ़ी खीर है l पर मेरा हर संभव प्रयत्न रहेगा मैं आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूं l
धन्यबाद और आभार