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Incest शक या अधूरा सच( incest+adultery)

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Rekha rani

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अध्याय - 47


"अगर रेखारानी आराम से चुदवाने पर राज़ी हो गई तो ठीक, वरना आज जबर्जस्ती उसे चोद कर ज़रूर अपनी और उस के प्यासे जिस्म की प्यास बुझा लूँगा" सुनील ने अपनी दिल ही दिल में ये फ़ैसला कर लिया।


सुनील के लिए अपनी बहन के अंदर से लॉक हुए रूम में दाखिल होना कोई मुश्किल बात नहीं थी। साथ साथ उस को ये भी पता था। कि उस की मम्मी दर्शना देवी एक दफ़ा सोने के बाद उनको को दूसरी सुबह तक कोई होश नहीं रहता था।


इसीलिए सुनील इस बात से निश्चिंत था।कि रात के इस पहर अपने भाई को अपने कमरे में देख कर अगर रेखा ने शोर भी मचाया। तो उस की मम्मी का जाग जाना बहुत मुश्किल बात होती। ये सब सोचते हुए सुनील अपने बिस्तर से उठ खड़ा हुआ।और अपने लंड को मसलता हुआ अपनी बहन के कमरे की तरफ़ चला आया।


अपनी बहन के कमरे के बाहर कुछ देर खड़ा हो कर उस ने कमरे के अंदर किसी क़िस्म की हरकत की आवाज़ सुनने की कोशिश की। ताकि उसे अंदाज़ा हो सके कि वाकई ही रेखाराणी सो भी चुकी है या नही।


जब सुनील ने अपनी तसल्ली कर ली। तो उस ने बहुत खामोशी और अहतियात से दरवाज़ा खोल कर बहन के कमरे में दाखिल हो गया। ज़ाहिद ज्यों ही दबे पावं बहन के कमरे में एंटर हुआ। तो सामने का नज़ारा देख कर उस का दिल और लंड दोनों ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगे।


रेखा अपने बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी। उस की पतली शलवार उस की मोटी गुदाज गान्ड पर इस तरह कसी हुई थी। कि शलवार में से रेखा की भारी गान्ड की पहाड़ियाँ साफ़ तौर पर नज़र आ रही थी।
पेट के बल इस तरह लेटने की वज़ह से रेखा के चूतड़ो का उभार बहुत ही जान लेवा था।





अपनी बहन की गान्ड का ये नज़ारा देख कर सुनील की आँखें फटी रह गईं।


आँगन के बल्ब से आती हल्की रोशनी में रेखा की उठी हुई गान्ड को देख-देख कर उस का दिल और लंड अपनी पूरी मस्ती में आ चुका था। आज रात सुनील अपनी बहन की जवानी का ज़ायक़ा चखने के पूरे मूड में था।


मगर अपनी बहन के बदन को छूने से पहले वह यक़ीन करना चाहता था। कि उस की बहन वाकई ही अपनी गहरी नींद में सो रही है कि नही। क्यों कि सुनील को ये तो पता था। कि उस के हाथों की छेड़ छाड़ से रेखा उठ तो यक़ीनन जाएगी।


मगर वह ये ज़रूर चाहता था। कि रेखा उस वक़्त ही अपनी नींद से जागे जब उस की फुद्दि इतनी गरम हो चुकी हो। कि फिर उस के लिए अपने भाई के लंड को अपनी फुद्दि में लेने में कोई शरम महसूस ना हो।इसीलिए सुनील ने अपनी बहन के गान्ड के पीछे खड़े हो कर रेखा को हल्के से पुकारा "रेखड़ी, ओ लाडली, सो गयी क्या?" ।


जब रेखा ने कोई जवाब नहीं दिया। तो सुनील को यक़ीन हो गया कि रेखा पूरे सकून से नींद में डूबी हुई है। अपनी बहन को सोता पा कर अब सुनील की हिम्मत बढ़ गयी। अब उस से बिल्कुल सबर नहीं हो रहा था। इसीलिए उस ने अपना खेल शुरू कर दिया।


सुनील ने बहुत आहिस्ता से हाथ बढ़ा कर अपनी बहन के चूतड़ पर हाथ फेरना शुरू किया। अपनी बहन की मांसल भरी गान्ड को छूते ही उस के दिल की धड़कन तेज़ होने लगी। रेखा के भारी चूतड़ पर आहिस्ता-आहिस्ता हाथ फेरते हुए सुनील ने हल्के से अपनी एक उंगली को रेखा के चूतड़ो की दरार में फेरा।

लेकिन रेखा जिस पोज़िशन में सो रही थी। इस पोज़िशन में उस की गान्ड का सुराख रेखा की गान्ड की दोनों पहाड़ियों में डूबा हुआ था।इसीलिए चाहने के बावजूद सुनील अपनी बहन की गान्ड की मोरी को छू ना सका। इस के बावजूद कि रेखा की गान्ड का हिस्सा उस की आँखों और हाथों से भरा था।

मगर फिर भी सुनील ने हल्का से नीचे झुक कर अपना मुँह अपनी बहन की गान्ड के पीछे रखा और अपनी बहन की गान्ड की महक को अपनी सांसो में महसूस कर के अपने लंड से खेलने लगा।

बहन की गान्ड की खुसबू ने उस को इतना गरम कर दिया कि सुनील अब अपने होश हवास खो बैठा था। उस के लंड में आग लग चुकी थी। उस की चड्डी में उस का लौडा कसमसा रहा था।

उसने अपनी लोअर का नाडा खोला और अपनी लोवर को मय चड्डी से पकड़ कर अपनी टाँगों से अलग कर के आधा नंगा हो गया और अपनी बहन की गुदाज गान्ड को देख कर अपने मोटे लंड की मूठ लगाने लगा।

सुनील अपने काम में लगा हुआ था। कि अचानक रेखा करवट बदलते हुए सीधी हो कर लेट गई। रेखा के यूँ एक दम करवट लेने से मूठ लगाता सुनील डर गया। कि कहीं रेखा की अचानक आँख ही ना खुल जाए।

मगर जब उस ने देखा कि करवट बदलने के बावजूद रेखा की नींद से आँख नहीं खुली तो उसे सकून-सा आ गया। वो अपनी बहन के बिस्तर के पास खड़ा हो कर बड़े ग़ौर और प्यार से अपनी बहन का चेहरा देखने लगा।

रेखा सोते हुए बहुत ही मासूम और प्यारी लग रही थी। अपनी बहन के सोते हुए चेहरे की मासूमियत सुनील को पागल करने के लिए काफ़ी थी। रेखा के चेहरे को देखते-देखते सुनील की नज़र अपनी बहन की भारी-भारी छातियों पर चली गई. जो कि बहन के साँस लेने की वज़ह से उस के सीने की ताल से ताल मिलाते हुए बहुत दिलकश अंदाज़ में उपेर नीचे हो रही थी।

अपनी बहन की छातियो का ये "दिल फ़रैब डॅन्स" देख कर उस का लंड भी अपनी बहन की छातियों की तरह उस के हाथ में उछल कूद करने लगा। उस के लंड के अंदर बैठा शैतान उसे बार-बार उकसा रहा था। कि वह क्यों देर कर रहा है। आज मोका है आगे बढ़ो और अपनी नींद में मदहोश बहन के बदन पर चढ़ कर चोद दो अपनी बहन को।

आज कुछ भी हो जाए सुनील इस मोके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।
उस ने आहिस्ता-आहिस्ता अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की तनी हुई छाती पर रखा और उसे सहलाने लगा।

"उफफफफफफफफफफफ्फ़! मेरी बहन की चुचियाँ पत्थर की तरह सख़्त हैं, लगता है जिजा (अंजू के पति) ने मेरी बहन की छातियो का सही इस्तेमाल नहीं किया, इसी वज़ह से मोटी और भारी होने के बावजूद ये अभी तक ढीली नहीं पड़ी" सुनील ने अपनी बहन की छाती पर अपना हाथ फेरते हुए अपने आप से कहा।

सुनील अपनी बहन से इस तरह की छेड़ छाड़ तो दो दफ़ा पहले भी कर चुका था। इसीलिए आज उस का दिल इस किसम की हरकत से नहीं भर रहा था। उस का दिल चाह रहा था। कि आज जिस मकसद के लिए वह रात की अंधेरी में अपनी बहन के बेड रूम में घुसा है।वो मकसद अब ज़रूर पूरा करे और ज़ाहिर-सी बात है वह मकसद था अपनी सग़ी बहन की चूत का "उद्घाटन" ।

वो ये भी जानता था। कि उस का ये मकसद उस वक़्त तक नहीं पूरा हो सकता।जब तक वह अपनी सोई हुई बहन के जिस्म के ऊपर चढ़ कर उस की गरम फुद्दि से अपने जवान मोटे लंड को रगड़-रगड़ कर अपनी बहन की चूत को गीला ना कर दे। ये ही सोचते हुए सुनील ने अपनी नींद में मदहोश बहन के जिस्म का दोबारा से जायज़ा लिया।
 

Rekha rani

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सुनील की हवस अब क्राइम की ओर जाते दिख रही है। रजामंदी से अगर कुछ अमर्यादित भी हो तब भी बात समझ मे आती है लेकिन जोर - जबरदस्ती और इच्छा के विरुद्ध किया गया सेक्सुअल हरकत बलात्कार कहलाती है। क्राइम कहलाती है।
शायद रेखा ने सही सोचा था कि उसे संजय साहब के साथ तुरंत शादी कर के उनके घर चला जाना चाहिए । पर प्रॉब्लम यह थी कि रेखा उसे पुरी तरह सच्चाई बता नही सकती थी। यही कारण था कि संजय साहब ने रेखा को वापस उसके घर छोड़ दिया।
हालात रेखा के लिए ठीक नही लग रहे है । देखते है , रेखा कैसे खुद को सुनील के हाथों से सुरक्षित कर पाती है !
बहुत ही बेहतरीन अपडेट रेखा जी।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग।
( फिलहाल कुछ पर्सनल काम का चक्कर और कुछ फोरम के इलेक्शन के चक्कर की वजह से स्टोरी सेक्शन पर ध्यान केंद्रित नही कर पा रहा हूं। लेकिन भले ही कुछ देर हो जाए , थ्रीड पर मौजूद हो ही जाऊंगा )
Update bahut late aate hai aapke
Hot and seductive update
Keep Going
Waiting For Next Update
Update posted
 

Rekha rani

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Maidam Ji party ki taraf dhyan jruri hai lekin plz update par bhi hona chahiye, sunil aur rekha aur darshana teno bekarar hai , chudayi ko,
Nice start
Update posted
 

Sanjuhsr

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अध्याय - 47


"अगर रेखारानी आराम से चुदवाने पर राज़ी हो गई तो ठीक, वरना आज जबर्जस्ती उसे चोद कर ज़रूर अपनी और उस के प्यासे जिस्म की प्यास बुझा लूँगा" सुनील ने अपनी दिल ही दिल में ये फ़ैसला कर लिया।


सुनील के लिए अपनी बहन के अंदर से लॉक हुए रूम में दाखिल होना कोई मुश्किल बात नहीं थी। साथ साथ उस को ये भी पता था। कि उस की मम्मी दर्शना देवी एक दफ़ा सोने के बाद उनको को दूसरी सुबह तक कोई होश नहीं रहता था।


इसीलिए सुनील इस बात से निश्चिंत था।कि रात के इस पहर अपने भाई को अपने कमरे में देख कर अगर रेखा ने शोर भी मचाया। तो उस की मम्मी का जाग जाना बहुत मुश्किल बात होती। ये सब सोचते हुए सुनील अपने बिस्तर से उठ खड़ा हुआ।और अपने लंड को मसलता हुआ अपनी बहन के कमरे की तरफ़ चला आया।


अपनी बहन के कमरे के बाहर कुछ देर खड़ा हो कर उस ने कमरे के अंदर किसी क़िस्म की हरकत की आवाज़ सुनने की कोशिश की। ताकि उसे अंदाज़ा हो सके कि वाकई ही रेखाराणी सो भी चुकी है या नही।


जब सुनील ने अपनी तसल्ली कर ली। तो उस ने बहुत खामोशी और अहतियात से दरवाज़ा खोल कर बहन के कमरे में दाखिल हो गया। ज़ाहिद ज्यों ही दबे पावं बहन के कमरे में एंटर हुआ। तो सामने का नज़ारा देख कर उस का दिल और लंड दोनों ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगे।


रेखा अपने बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी। उस की पतली शलवार उस की मोटी गुदाज गान्ड पर इस तरह कसी हुई थी। कि शलवार में से रेखा की भारी गान्ड की पहाड़ियाँ साफ़ तौर पर नज़र आ रही थी।
पेट के बल इस तरह लेटने की वज़ह से रेखा के चूतड़ो का उभार बहुत ही जान लेवा था।





अपनी बहन की गान्ड का ये नज़ारा देख कर सुनील की आँखें फटी रह गईं।


आँगन के बल्ब से आती हल्की रोशनी में रेखा की उठी हुई गान्ड को देख-देख कर उस का दिल और लंड अपनी पूरी मस्ती में आ चुका था। आज रात सुनील अपनी बहन की जवानी का ज़ायक़ा चखने के पूरे मूड में था।


मगर अपनी बहन के बदन को छूने से पहले वह यक़ीन करना चाहता था। कि उस की बहन वाकई ही अपनी गहरी नींद में सो रही है कि नही। क्यों कि सुनील को ये तो पता था। कि उस के हाथों की छेड़ छाड़ से रेखा उठ तो यक़ीनन जाएगी।


मगर वह ये ज़रूर चाहता था। कि रेखा उस वक़्त ही अपनी नींद से जागे जब उस की फुद्दि इतनी गरम हो चुकी हो। कि फिर उस के लिए अपने भाई के लंड को अपनी फुद्दि में लेने में कोई शरम महसूस ना हो।इसीलिए सुनील ने अपनी बहन के गान्ड के पीछे खड़े हो कर रेखा को हल्के से पुकारा "रेखड़ी, ओ लाडली, सो गयी क्या?" ।


जब रेखा ने कोई जवाब नहीं दिया। तो सुनील को यक़ीन हो गया कि रेखा पूरे सकून से नींद में डूबी हुई है। अपनी बहन को सोता पा कर अब सुनील की हिम्मत बढ़ गयी। अब उस से बिल्कुल सबर नहीं हो रहा था। इसीलिए उस ने अपना खेल शुरू कर दिया।


सुनील ने बहुत आहिस्ता से हाथ बढ़ा कर अपनी बहन के चूतड़ पर हाथ फेरना शुरू किया। अपनी बहन की मांसल भरी गान्ड को छूते ही उस के दिल की धड़कन तेज़ होने लगी। रेखा के भारी चूतड़ पर आहिस्ता-आहिस्ता हाथ फेरते हुए सुनील ने हल्के से अपनी एक उंगली को रेखा के चूतड़ो की दरार में फेरा।

लेकिन रेखा जिस पोज़िशन में सो रही थी। इस पोज़िशन में उस की गान्ड का सुराख रेखा की गान्ड की दोनों पहाड़ियों में डूबा हुआ था।इसीलिए चाहने के बावजूद सुनील अपनी बहन की गान्ड की मोरी को छू ना सका। इस के बावजूद कि रेखा की गान्ड का हिस्सा उस की आँखों और हाथों से भरा था।

मगर फिर भी सुनील ने हल्का से नीचे झुक कर अपना मुँह अपनी बहन की गान्ड के पीछे रखा और अपनी बहन की गान्ड की महक को अपनी सांसो में महसूस कर के अपने लंड से खेलने लगा।

बहन की गान्ड की खुसबू ने उस को इतना गरम कर दिया कि सुनील अब अपने होश हवास खो बैठा था। उस के लंड में आग लग चुकी थी। उस की चड्डी में उस का लौडा कसमसा रहा था।

उसने अपनी लोअर का नाडा खोला और अपनी लोवर को मय चड्डी से पकड़ कर अपनी टाँगों से अलग कर के आधा नंगा हो गया और अपनी बहन की गुदाज गान्ड को देख कर अपने मोटे लंड की मूठ लगाने लगा।

सुनील अपने काम में लगा हुआ था। कि अचानक रेखा करवट बदलते हुए सीधी हो कर लेट गई। रेखा के यूँ एक दम करवट लेने से मूठ लगाता सुनील डर गया। कि कहीं रेखा की अचानक आँख ही ना खुल जाए।

मगर जब उस ने देखा कि करवट बदलने के बावजूद रेखा की नींद से आँख नहीं खुली तो उसे सकून-सा आ गया। वो अपनी बहन के बिस्तर के पास खड़ा हो कर बड़े ग़ौर और प्यार से अपनी बहन का चेहरा देखने लगा।

रेखा सोते हुए बहुत ही मासूम और प्यारी लग रही थी। अपनी बहन के सोते हुए चेहरे की मासूमियत सुनील को पागल करने के लिए काफ़ी थी। रेखा के चेहरे को देखते-देखते सुनील की नज़र अपनी बहन की भारी-भारी छातियों पर चली गई. जो कि बहन के साँस लेने की वज़ह से उस के सीने की ताल से ताल मिलाते हुए बहुत दिलकश अंदाज़ में उपेर नीचे हो रही थी।

अपनी बहन की छातियो का ये "दिल फ़रैब डॅन्स" देख कर उस का लंड भी अपनी बहन की छातियों की तरह उस के हाथ में उछल कूद करने लगा। उस के लंड के अंदर बैठा शैतान उसे बार-बार उकसा रहा था। कि वह क्यों देर कर रहा है। आज मोका है आगे बढ़ो और अपनी नींद में मदहोश बहन के बदन पर चढ़ कर चोद दो अपनी बहन को।

आज कुछ भी हो जाए सुनील इस मोके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।
उस ने आहिस्ता-आहिस्ता अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की तनी हुई छाती पर रखा और उसे सहलाने लगा।

"उफफफफफफफफफफफ्फ़! मेरी बहन की चुचियाँ पत्थर की तरह सख़्त हैं, लगता है जिजा (अंजू के पति) ने मेरी बहन की छातियो का सही इस्तेमाल नहीं किया, इसी वज़ह से मोटी और भारी होने के बावजूद ये अभी तक ढीली नहीं पड़ी" सुनील ने अपनी बहन की छाती पर अपना हाथ फेरते हुए अपने आप से कहा।

सुनील अपनी बहन से इस तरह की छेड़ छाड़ तो दो दफ़ा पहले भी कर चुका था। इसीलिए आज उस का दिल इस किसम की हरकत से नहीं भर रहा था। उस का दिल चाह रहा था। कि आज जिस मकसद के लिए वह रात की अंधेरी में अपनी बहन के बेड रूम में घुसा है।वो मकसद अब ज़रूर पूरा करे और ज़ाहिर-सी बात है वह मकसद था अपनी सग़ी बहन की चूत का "उद्घाटन" ।

वो ये भी जानता था। कि उस का ये मकसद उस वक़्त तक नहीं पूरा हो सकता।जब तक वह अपनी सोई हुई बहन के जिस्म के ऊपर चढ़ कर उस की गरम फुद्दि से अपने जवान मोटे लंड को रगड़-रगड़ कर अपनी बहन की चूत को गीला ना कर दे। ये ही सोचते हुए सुनील ने अपनी नींद में मदहोश बहन के जिस्म का दोबारा से जायज़ा लिया।
Short but hot update
 
10,224
42,995
258
Short but good update.
Filhaal to yahi lag raha hai ki Sunil jo kuchh karega wo rape hi hoga kyunki Rekha ke dil me Sunil ke liye koi bhi sexual feeling nahi hai.
Aur agar aisa hua to ye sarasar galat hoga.
Bty without any conversation kisi ghatna ko realistic show karna koi choti baat nahi hai.

Bahut badhiya likha aapne.
Update was again outstanding & Amazing Rekha ji.
 

Rekha rani

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Short but good update.
Filhaal to yahi lag raha hai ki Sunil jo kuchh karega wo rape hi hoga kyunki Rekha ke dil me Sunil ke liye koi bhi sexual feeling nahi hai.
Aur agar aisa hua to ye sarasar galat hoga.
Bty without any conversation kisi ghatna ko realistic show karna koi choti baat nahi hai.

Bahut badhiya likha aapne.
Update was again outstanding & Amazing Rekha ji.
Bahut bahut dhanyavaad, update deri se post hone ki wajh se reedar kahani se chale gye, I think kahani ko ab jyda lamba na kheechte huye end ki or le jaana theek rahega. Pls sugest.
 
10,224
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Bahut bahut dhanyavaad, update deri se post hone ki wajh se reedar kahani se chale gye, I think kahani ko ab jyda lamba na kheechte huye end ki or le jaana theek rahega. Pls sugest.
कहते हैं कि अगर आपको अपना दुख असहनीय लगने लगे तो आपको उन लोगों को देखना चाहिए जो आपसे भी कहीं अधिक दुखी है। यह खुद के दुःखों को कम करता है और आपको लड़ने की हौसला देता है।

आप इसलिए नही लिखना चाहती कि आपकी स्टोरी पसंद नही की जा रही है , रीडर्स आपके थ्रीड पर अधिक नही है , रीडर्स का रिस्पांस ढंग से नही आ रहा है ।

इसके लिए आपको सिर्फ कुछ बेहतरीन राइटर्स के नाम की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा ।
harshit1890 भाई और Milan2010 भाई , ये दोनो USC के विनर्स हैं । दोनो की राइटिंग नए राइटर्स के लिए प्रेरणादायक है । इनकी लेखनी ऐसी है कि क्रिटिक्स तक कोई खामी न निकाल पाए ।
लेकिन क्या आप यह जानती है कि इनकी लेटेस्ट स्टोरी पर कितने रीडर्स है ? कितने लोग इनकी स्टोरी पढ़ रहे है और कितने लोग कमेन्ट कर रहे है ? एक की स्टोरी पर सिर्फ मै रीडर हूं और एक की स्टोरी पर सिर्फ तीन ।
लेकिन फिर भी इन्होने कम रीडर्स का अफसोस नही जताया । कभी भी किसी रीडर्स को नही कहा कि आप मेरी स्टोरी पढ़िए । कभी भी नही कहा कि रीडर्स की कमी की वजह से अपनी स्टोरी क्लोज कर रहा हूं ।

मनुष्य अपनी सोच की वजह से नेगेटिव या पोजिटिव भावना पालता है ।
कर्म प्रधान विश्व करी राखा ।
 
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Rekha rani

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कहते हैं कि अगर आपको अपना दुख असहनीय लगने लगे तो आपको उन लोगों को देखना चाहिए जो आपसे भी कहीं अधिक दुखी है। यह खुद के दुःखों को कम करता है और आपको लड़ने की हौसला देता है।

आप इसलिए नही लिखना चाहती कि आपकी स्टोरी पसंद नही की जा रही है , रीडर्स आपके थ्रीड पर अधिक नही है , रीडर्स का रिस्पांस ढंग से नही आ रहा है ।

इसके लिए आपको सिर्फ कुछ बेहतरीन राइटर्स के नाम की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा ।
harshit1890 भाई और Milan2010 भाई , ये दोनो USC के विनर्स हैं । दोनो की राइटिंग नए राइटर्स के लिए प्रेरणादायक है । इनकी लेखनी ऐसी है कि क्रिटिक्स तक कोई खामी न निकाल पाए ।
लेकिन क्या आप यह जानती है कि इनकी लेटेस्ट स्टोरी पर कितने रीडर्स है ? कितने लोग इनकी स्टोरी पढ़ रहे है और कितने लोग कमेन्ट कर रहे है ? एक की स्टोरी पर सिर्फ मै रीडर हूं और एक की स्टोरी पर सिर्फ तीन ।
लेकिन फिर भी इन्होने कम रीडर्स का अफसोस नही जताया । कभी भी किसी रीडर्स को नही कहा कि आप मेरी स्टोरी पढ़िए । कभी भी नही कहा कि रीडर्स की कमी की वजह से अपनी स्टोरी क्लोज कर रहा हूं ।

मनुष्य अपनी सोच की वजह से नेगेटिव या पोजिटिव भावना पालता है ।
कर्म प्रधान विश्व करी राखा ।
Thank you so much, sir ... आपके इन शब्दों से ही मै तीसरी बार निराशा के भाव त्याग कर आशा के साथ कहानी में निरंतरता लाने की प्रयास करूँगी। फिर से मेरा आत्मविश्वास जगाने के लिए :thanks:
 
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