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रजिया दौड़ती हुई सुलतान के गले लग गई और सुबक सुबक कर रो पड़ी! सुलतान भी 12 साल के बाद अपनी बीवी को देखकर भावुक हो गया और उसे कसकर अपने गले लगा लिया! सलमा की आंखो से भी आंसू छलक रहे थे और वो हल्की सी मुस्कान के साथ कभी अपनी अम्मी अब्बू को गले मिलते देख रही थी तो कभी विक्रम की तरफ देखती!
रजिया ने सुलतान का चेहरा अपने हाथों हाथो में भर लिया और चूमते हुए बोली:
" खुदा का लाख लाख शुक्र है कि आप जिंदा हैं सुलतान!
सुलतान ने प्यार से उसका माथा चूम लिया और बोला:" बस अल्लाह का ही शुक्र है!
रजिया ने सुलतान से कहा:" देखो हमारे साथ कौन आई है?
इतना कहकर उसने सलमा की तरफ इशारा किया तो सुलतान उसे गौर से देखने के बाद बोला:"
" ये तो सलमा हैं बेगम हमारी लाड़ली बेटी!
सलमा बदहवास सी आगे बढ़ी और सुलतान के लिए लग गई और बोली:" अब्बा हुजूर हम बता नही सकते आज हम कितने खुश हैं! सारी दुनिया की खुशी एक तरफ और आप एक तरफ!
सुलतान ने उसका माथा चूम लिया और बोला;" सलमा मेरी शहजादी बेटी कितनी बड़ी और खूबसूरत हो गई है! अल्लाह तुम्हे बुरी नजर से बचाए! बेगम इनसे मिलिए ये उदयगढ़ के युवराज विक्रम हैं और उन्होंने ही हमें कैद से आजाद कराया है!
रजिया ने विक्रम की तरफ देखा और उसके पा जाकर उसके दोनो हाथो को चूम लिया और बोली:"
" हम आपका ये एहसान कभी नही भूल पाएंगे बेटा!
विक्रम:" बेटा भी कहती है आप और फिर एहसान की बात भी करती हैं! वैसे भी ये तो मेरा फर्ज था क्योंकि एक दाग जो मेरे पिता के ऊपर लगा हुआ था वो भी हट गया अब!
रजिया:" हान बेटा सबकी तरह मैं भी यही मानती थीं कि आपके पिता ने ही मेरे शौहर की हत्या करी थी! लेकिन आज एहसास हुआ कि सच्चाई कुछ भी हैं और आप तो जान बचाने वाले हो लेने वाले नही बेटा!
इतना कहकर रजिया ने उसके माथे को चूम लिया और सलमा ये सब देख मन भी मन मुस्कुरा रही थी! सुलतान रजिया से बोला:"
" बेगम उस रात पिंडारियो ने हमला किया था और युवराज के पिता के बुलावे पर हम साथ आए थे लेकिन धोखा हमें जब्बार ने दिया था! जब्बार की गद्दारी की वजह से इनके पिता और अजय के पिता के मौत हुई थी और अजय के पिता का कातिल जब्बार हैं! जबकि महराज को पिंडाला ने मारा था! हम चाह कर भी कुछ नही कर पाए थे क्योंकि हम कैद कर लिया गया था!
रजिया:" इसका मतलब जब्बार की इस सारे फसाद की असली जड़ हैं! लेकिन आप सुरक्षित कैसे बच पाए ?
विक्रम:" जब्बार की बीवी शमा पिंडारियों की कैद में थी! उसने ही सुलतान को वहां देखा और शहजादे सलीम को खत लिखा कि उसे और सुलतान को बचा ले लेकिन वो खत मुझे मिल गया और मैं बचाने के लिए गया! लेकिन शमा को नही बचा पाया!
रजिया:" हम सुल्तानपुर जाते ही जब्बार को फांसी पर टांग देंगे!
सुलतान:" बिलकुल बेगम! उसके हर एक जुल्म का जवाब दिया जाएगा!
विक्रम:" ऐसे गलती करने की जल्दबाजी मत कीजिए आप क्योंकि आपके राज्य पर अभी पूरी तरह से जब्बार का कब्जा है! जब्बार आपको ढूंढने के लिए दिन रात एक कर देगा! आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप अभी कुछ दिन यही आराम कीजिए और बेहतर मौका देखकर मैं खुद आपके साथ सुल्तानपुर जाऊंगा और जब्बार को उसके कर्मो की सजा मिलेगी!
सलमा:" यही ठीक रहेगा! अभी जब्बार के हाथ में सारी सेना है और वहां आपकी जान को खतरा होगा!
अजय:" आप अभी यहीं आराम कीजिए और फिर हम सब आपके साथ है! जैसे आप चाहोगे वैसे जब्बार से बदला लिया जायेगा! मैं कसम खाता हूं कि जब्बार से मैं अपने पिता के खून का बदला ज़रूर लूंगा!
रजिया: ठीक हैं हम आप दोनो की बात से पूरी तरह से सहमत हैं
विक्रम:" भूलकर भी किसी को ये बात बता नही लगनी चाहिए कि आप सुलतान से मिले हो खासतौर से शहजादे सलीम से छिपा कर रखना क्योंकि वो जब्बार के हाथो की कठपुतली बना हुआ है!
रजिया:" आप बेफिक्र रहो युवराज! मैं सुलतान को फिर से खोना नहीं चाहती! अच्छा मुझे अब वापिस जाना होगा क्योंकि जब्बार को खबर हो गई तो दिक्कत होगी!
विक्रम:" आप निश्चित रहे क्यूंकि जब्बार आज राज्य में नही बल्कि पिंडाल गढ़ गया होगा!
अजय:" बिलकुल आप आज यही रुकिए! हमे भी मेहमान नवाजी का मौका मिलेगा!
सुलतान:" ठीक हैं बेगम आप हमारे साथ ही रुक जाए!
सीमा:" अगर आपकी इजाजत हो तो मैं और शहजादी उदयगढ़ घूम लेते हैं! थोड़ा मन भी बहल जाएगा!
रजिया:" ठीक हैं बेटी! आप दोनो घूम आओ! अजय और विक्रम के होते हमे कोई दिक्कत नहीं है!
विक्रम;" ठीक हैं मैं वैद्य जी को बोलकर आप सभी के यही रुकने की व्यवस्था करा देता हूं!
विक्रम बाहर गया और वैद्य जी के साथ अंदर आ गया और बोला:"
" वैद्य जी हमारे कुछ मेहमान भी आज आपके घर पर रुकेंगे! इनके रुकने और खाने की व्यवस्था कीजिए!
वैद्य:" ये तो मेरी किस्मत हैं युवराज कि आपके काम आ रहा हूं! आप निश्चित रहे मैं कोई शिकायत का मौका नही दूंगा आपको!
विक्रम:" हमे आप पर पूरा विश्वास है वैद्य जी! अच्छा मैं अब चलता हु! बाद में आऊंगा!
इतना कहकर विक्रम और अजय जाने लगे तो सलमा बोली:
" आप दोनो भी बात कीजिए! तब तक मैं भी उदयगढ़ देखकर आती हु!
सुलतान;" ठीक हैं बेटी! अपना ध्यान रखना!
सलमा हल्की सी मुस्कान के साथ बोली:" आप मेरी चिंता मत कीजिए युवराज हैं न मेरा ध्यान रखने के लिए!
इतना कहकर सलमा सबके साथ बाहर निकल गई! रजिया सुल्तान से बाते करती रही और सुलतान उसे पिंडारियो के जुल्म के बारे में बताता रहा कि किस तरह उन्हे सताया गया और जब्बार के बारे में भी सब कुछ बताया!
दूसरी तरफ विक्रम सीमा और सलमा को साथ लेकर महल में आ गया तो सलमा अजय से बोली:"
" आप सीमा को महल घुमा दो बेचारी का बड़ा मन हैं महल देखने के लिए!
उसकी बात सुनकर सीमा शरमा गई और बोली:" सब समझती हूं मैं कि क्यों मुझे बहाने से भेज रही हो आप !
अब सलमा का चेहरा गुलाबी हो गया और अजय सीमा को साथ लेकर बाहर निकल गया और उसके जाते ही सलमा विक्रम के गले लग गई और उसके चेहरे को चुम्बनो से भर दिया! विक्रम ने भी उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो एक दूसरे से लिपट गए! सलमा उसके गाल को चूमते हुए बोली:"
" हम बता नही सकते कि आज हम कितने खुश हैं युवराज! आज आपने हमे वो तोहफा दिया हैं आप मेरी जान भी मांगो तो हंसकर कुर्बान कर दूंगी!
विक्रम ने उसके खूबसूरत चेहरे को हाथो में भर लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए बोला:"
" शहजादी मुझे बस आपका प्यार चाहिए और कुछ नही!
सलमा ने उसके होंठो को हल्का सा चूमा और उसकी गर्दन में अपनी बांहों का हार पहनाते हुए बोली:" करो ना प्यार हमे विक्रम! जितना मन करे उतना प्यार करो जैसे मन करे वैसे प्यार करो!
सलमा ने उसे अपनी तरफ से पूरी छूट दे दी तो विक्रम के होंठो पर मुस्कान आ गई और उसे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसके पास लेटते हुए बोला:"
" आप हमे गलत समझ रही हो शहजादी! हमें वैसा प्यार नही चाहिए! बस आप हमारे साथ हो इतना काफी हैं मेरे लिए!
विक्रम की बात ने सलमा के दिल पर गहरा असर किया और बोली:" मैं तो हमेशा से आपकी ही हू युवराज! बस अब पूरी तरह से आपकी हो जाना चाहती हू!
विक्रम ने उसके बालो को सहलाया और प्यार से उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आप मेरी ही हो सलमा हमेशा के लिए! सुलतान को मैने बचाया तो वो मेरा फर्ज था क्योंकि आपके अब्बा मेरे लिए भी तो पिता ही हुए ना! आप इसे एहसान न समझे और न ही इसकी कीमत चुकाने की बात करे!!
सलमा को अपनी गलती का एहसास हुआ तो बोली:"
" बात एहसान की नही हैं युवराज! दर असल हम खुशी में पागल हो गए हैं तो जो मन किया वो बोल दिया!
विक्रम:" मैं समझ सकता हु शहजादी क्योंकि पिता का प्यार एक बेटी के लिए बेहद अहम मायने रखता है!
सलमा:" आप सच में बेहद अच्छे हो युवराज! मैंने तो आज ही मन से आपको अपना शौहर मान लिया! मेरे तन मन पर पूरी तरह से आपका अधिकार हैं! आप मुझे मेरे शौहर के रूप में कुबूल हो कुबूल हो कुबूल हो!
विक्रम के होंठो पर मुस्कान आ गई और उसके होंठ चूम कर बोला:" आप भी मुझे मेरी बेगम के रूप में कुबूल हो कुबूल हो कुबूल हो! बस अब खुश!
सलमा ने अपने होंठो को उसके होंठो से जोड़ दिया और उसके होंठो को चूसने लगीं! विक्रम भी उसका साथ देने लगा और सलमा ने मदहोशी में अपना मुंह खोल दिया और अपनी रसीली जीभ को उसके मुंह में सरका दिया और विक्रम उसकी जीभ को चूसने लगा!एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और विक्रम बोला:"
" अच्छा शहजादी अब हमे चलना चाहिए ताकि आप अपने पिता के साथ रह सको!
सलमा उससे और ज्यादा जोर से लिपट गई और बोली:"
" हम आज रात आपके साथ रहना हैं युवराज आपकी बांहों में!
विक्रम ने प्यार से उसके गाल को चूस लिया और बोला:"
" मेरे साथ तो आपको पूरी जिंदगी गुजारनी हैं शहजादी! आज आपको सुलतान के साथ ही रहना चाहिए!
सलमा उसकी बात सुनकर अंदर ही अंदर खुशी से झूम उठी क्योंकि ऐसे ही समझदार प्रेमी की कल्पना हर औरत करती हैं! सलमा बोली:"
" ठीक हैं फिर तो मुझे जाना होगा! सीमा को भी ले चलती हु अपने साथ ही!
विक्रम:" अरे सीमा को आज अजय के पास ही रहने दो ना! बेचारे नए नए प्रेमी हैं दोनो!
सलमा उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और बोली:"
" तभी तो कर रही हु कि कहीं जोश जोश मे कुछ कर बैठे दोनो तो गजब हो जायेगा!
विक्रम उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया और बोला:"
" होने दो ना आप क्यों घबरा रही हो शहजादी! सीमा भी कोई छोटी बच्ची नही हैं! जवान हो गई है!
सलमा:" वो जाने उनका काम! मैं अब चलती हु अपने अब्बा के पास!
विक्रम सलमा को साथ लेकर वैद्य जी के घर की तरफ चल दिया! सलमा बेहद खुशी थी कि आज कल लोग इतने मतलबी हैं कि बिना बात के औरत को अपने नीचे लाने के लिए पागल रहते हैं और एक विक्रम हैं जो उससे सच्चा प्यार करता है!
वैद्य जी के घर जाकर सलमा अपनी अम्मी अब्बू से बात करने लगी और विक्रम भी उनके साथ ही बैठा हुआ था! वैद्य जी ने खाना तैयार करा दिया था तो सबने साथ में खाना खाया और उसके बाद विक्रम सबसे विदा लेकर राजमहल में आ गया!
तीनों बैठे हुए बाते कर रहे थे और
सुलतान बोले:" बेटी लेकिन आपको मेरे यहां होने का कैसा पता चला?
सलमा:" वो मैं युवराज को पहले से ही जानती हूं! उनका घोड़ा मैने पकड़ लिया था तो तब से हम एक दूसरे को जानते हैं!
सुलतान:" सच मे उदयगढ़ का राजघराना अपनी इम्मादारी और अच्छाई के लिए जाना जाता हैं! इसके पिता भी मेरे बेहद अच्छे दोस्त थे! हमे जल्दी ही अपने राज्य वापिस जाकर सब कुछ ठीक करना होगा!
सलमा:" आप जल्दी न कीजिए क्योंकि वहां अभी सब कुछ जब्बार के हाथ में ही हैं! हमे युवराज के अनुसार चलना चाहिए क्योंकि वही हमे सही राह बता सकते हैं इस स्थिति में!
रजिया:" मैं आपकी बात से सहमत हु बेटी! जिसने आपके पिता को पिंडरियो से बचाया वो यकीनन काफी कुछ जानता होगा!
सुलतान:" ठीक हैं जैसे आप सबको ठीक लगे क्योंकि मुझे तो अभी राज्य के बारे में कुछ भी नही पता हैं! लेकिन देखना जब्बार की मौत मेरे हाथो होगी!
उसके बाद तीनों बाते करते रहे और उसके बाद नींद के आगोश में चले गए! दूसरी तरफ जब्बार शाम होते ही पिंडालगढ़ पहुंच गया और जैसे ही उसने वहां पिंडारियो की लाशे देखी तो उसे समझ आया कि हुआ क्या हैं!
जब्बार:" वो सुना हैं कि सुलतान को कैद से आजाद हो गया है!
पिंडाला की आंखो से चिंगारी सी निकल रही थी और जब्बार से बोला:" जब्बार सुलतान अपनी मां चुदाए! हमारे इतने साथी मारे गए हम आग लगा देंगे! सब कुछ जला कर राख कर देंगे!
जब्बार:" लेकिन ये सब हुआ कैसे हैं? क्या वो खुद ही भागा या फिर कोई उसे बचाकर ले गया ?
पिंडाला:" कोई बचा कर ले गया उसे! रस्सी बंधी हुई मिली हैं हमे वहां! साला कौन ऐसा पैदा हो गया जो हमारे राज्य में घुस कर हमारे ही आदमियों को मारे!
जब्बार:" आप बेफिक्र रहिए ! मैं पता करता हु! अगर सुलतान को सुल्तानपुर से किसी ने बचाया होता तो अब तक मेरे उपर मुसीबत आ जाती लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ हैं तो जरूर किसी और का काम हो सकता हैं!
पिंडाला:" पता करो! जिसने भी ये सब किया हैं उसे ऐसी सजा मिलेगी कि लाश भी कांप उठेगी!
जब्बार:" आप बेफिक्र रहे! शमा के क्या हाल हैं?
पिंडाला हंस पड़ा और बोला:"
" शमा कमजोर साबित हुई और मर गई साली! लंड नही झेल पाई मेरा वो!
एक पल के लिए जब्बार के चेहरे पर निराशा आई लेकिन कुछ नही बोला तो पिंडाला बोला:"
" छोड़ ना शमा को! तुझे हम राजा बना देंगे! फिर जी भरकर मजे करना! बस ये पता कर कि किसने ये सब किया हैं!
जब्बार:" ठीक हैं मैं आपको जल्दी ही सब बता दूंगा!
वहीं दूसरी तरफ राधिका आज पूरी तरह से फ्री थी और उसे आज कोई चिंता नहीं थी क्योंकि रात के 11 बजे तक भी सीमा नही आई तो वो समझ गई कि अब वो नही आयेगी और उसके कमरे में घुसकर तलाशी लेने लगी! सब कपड़े और सामान देखा नही कुछ हाथ नही लगा! वो उदास होकर जाने ही वाली थी कि उसकी नजर मेज पर पड़ी और उसने एक बैग देखा जो साइड से लटक रहा था! राधिका ने बैग को खोला और ढूढने लगी तो उसे हीरे जड़ी एक कीमती अंगूठी मिल गई! राधिका की आंखे फटी की फटी रह गई क्योंकि ये वही अंगूठी थी जो युवराज विक्रम ने उसे बतौर गिफ्ट दी थी!
सीमा के पास ये कीमती मर्दानी अंगूठी क्या कर रही है! जरूर कोई न कोई बात तो जरूर हैं!
ये सब सोचकर उसने सब कुछ पहले जैसा किया और अंगूठी को लेकर अपने रूम में आ गई! दूसरी तरफ सीमा पूरी रात अपने प्रेमी अजय की बांहों में रही और अगली सब सलमा और रजिया के साथ वापिस लौट आई!
रजिया ने सुलतान का चेहरा अपने हाथों हाथो में भर लिया और चूमते हुए बोली:
" खुदा का लाख लाख शुक्र है कि आप जिंदा हैं सुलतान!
सुलतान ने प्यार से उसका माथा चूम लिया और बोला:" बस अल्लाह का ही शुक्र है!
रजिया ने सुलतान से कहा:" देखो हमारे साथ कौन आई है?
इतना कहकर उसने सलमा की तरफ इशारा किया तो सुलतान उसे गौर से देखने के बाद बोला:"
" ये तो सलमा हैं बेगम हमारी लाड़ली बेटी!
सलमा बदहवास सी आगे बढ़ी और सुलतान के लिए लग गई और बोली:" अब्बा हुजूर हम बता नही सकते आज हम कितने खुश हैं! सारी दुनिया की खुशी एक तरफ और आप एक तरफ!
सुलतान ने उसका माथा चूम लिया और बोला;" सलमा मेरी शहजादी बेटी कितनी बड़ी और खूबसूरत हो गई है! अल्लाह तुम्हे बुरी नजर से बचाए! बेगम इनसे मिलिए ये उदयगढ़ के युवराज विक्रम हैं और उन्होंने ही हमें कैद से आजाद कराया है!
रजिया ने विक्रम की तरफ देखा और उसके पा जाकर उसके दोनो हाथो को चूम लिया और बोली:"
" हम आपका ये एहसान कभी नही भूल पाएंगे बेटा!
विक्रम:" बेटा भी कहती है आप और फिर एहसान की बात भी करती हैं! वैसे भी ये तो मेरा फर्ज था क्योंकि एक दाग जो मेरे पिता के ऊपर लगा हुआ था वो भी हट गया अब!
रजिया:" हान बेटा सबकी तरह मैं भी यही मानती थीं कि आपके पिता ने ही मेरे शौहर की हत्या करी थी! लेकिन आज एहसास हुआ कि सच्चाई कुछ भी हैं और आप तो जान बचाने वाले हो लेने वाले नही बेटा!
इतना कहकर रजिया ने उसके माथे को चूम लिया और सलमा ये सब देख मन भी मन मुस्कुरा रही थी! सुलतान रजिया से बोला:"
" बेगम उस रात पिंडारियो ने हमला किया था और युवराज के पिता के बुलावे पर हम साथ आए थे लेकिन धोखा हमें जब्बार ने दिया था! जब्बार की गद्दारी की वजह से इनके पिता और अजय के पिता के मौत हुई थी और अजय के पिता का कातिल जब्बार हैं! जबकि महराज को पिंडाला ने मारा था! हम चाह कर भी कुछ नही कर पाए थे क्योंकि हम कैद कर लिया गया था!
रजिया:" इसका मतलब जब्बार की इस सारे फसाद की असली जड़ हैं! लेकिन आप सुरक्षित कैसे बच पाए ?
विक्रम:" जब्बार की बीवी शमा पिंडारियों की कैद में थी! उसने ही सुलतान को वहां देखा और शहजादे सलीम को खत लिखा कि उसे और सुलतान को बचा ले लेकिन वो खत मुझे मिल गया और मैं बचाने के लिए गया! लेकिन शमा को नही बचा पाया!
रजिया:" हम सुल्तानपुर जाते ही जब्बार को फांसी पर टांग देंगे!
सुलतान:" बिलकुल बेगम! उसके हर एक जुल्म का जवाब दिया जाएगा!
विक्रम:" ऐसे गलती करने की जल्दबाजी मत कीजिए आप क्योंकि आपके राज्य पर अभी पूरी तरह से जब्बार का कब्जा है! जब्बार आपको ढूंढने के लिए दिन रात एक कर देगा! आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप अभी कुछ दिन यही आराम कीजिए और बेहतर मौका देखकर मैं खुद आपके साथ सुल्तानपुर जाऊंगा और जब्बार को उसके कर्मो की सजा मिलेगी!
सलमा:" यही ठीक रहेगा! अभी जब्बार के हाथ में सारी सेना है और वहां आपकी जान को खतरा होगा!
अजय:" आप अभी यहीं आराम कीजिए और फिर हम सब आपके साथ है! जैसे आप चाहोगे वैसे जब्बार से बदला लिया जायेगा! मैं कसम खाता हूं कि जब्बार से मैं अपने पिता के खून का बदला ज़रूर लूंगा!
रजिया: ठीक हैं हम आप दोनो की बात से पूरी तरह से सहमत हैं
विक्रम:" भूलकर भी किसी को ये बात बता नही लगनी चाहिए कि आप सुलतान से मिले हो खासतौर से शहजादे सलीम से छिपा कर रखना क्योंकि वो जब्बार के हाथो की कठपुतली बना हुआ है!
रजिया:" आप बेफिक्र रहो युवराज! मैं सुलतान को फिर से खोना नहीं चाहती! अच्छा मुझे अब वापिस जाना होगा क्योंकि जब्बार को खबर हो गई तो दिक्कत होगी!
विक्रम:" आप निश्चित रहे क्यूंकि जब्बार आज राज्य में नही बल्कि पिंडाल गढ़ गया होगा!
अजय:" बिलकुल आप आज यही रुकिए! हमे भी मेहमान नवाजी का मौका मिलेगा!
सुलतान:" ठीक हैं बेगम आप हमारे साथ ही रुक जाए!
सीमा:" अगर आपकी इजाजत हो तो मैं और शहजादी उदयगढ़ घूम लेते हैं! थोड़ा मन भी बहल जाएगा!
रजिया:" ठीक हैं बेटी! आप दोनो घूम आओ! अजय और विक्रम के होते हमे कोई दिक्कत नहीं है!
विक्रम;" ठीक हैं मैं वैद्य जी को बोलकर आप सभी के यही रुकने की व्यवस्था करा देता हूं!
विक्रम बाहर गया और वैद्य जी के साथ अंदर आ गया और बोला:"
" वैद्य जी हमारे कुछ मेहमान भी आज आपके घर पर रुकेंगे! इनके रुकने और खाने की व्यवस्था कीजिए!
वैद्य:" ये तो मेरी किस्मत हैं युवराज कि आपके काम आ रहा हूं! आप निश्चित रहे मैं कोई शिकायत का मौका नही दूंगा आपको!
विक्रम:" हमे आप पर पूरा विश्वास है वैद्य जी! अच्छा मैं अब चलता हु! बाद में आऊंगा!
इतना कहकर विक्रम और अजय जाने लगे तो सलमा बोली:
" आप दोनो भी बात कीजिए! तब तक मैं भी उदयगढ़ देखकर आती हु!
सुलतान;" ठीक हैं बेटी! अपना ध्यान रखना!
सलमा हल्की सी मुस्कान के साथ बोली:" आप मेरी चिंता मत कीजिए युवराज हैं न मेरा ध्यान रखने के लिए!
इतना कहकर सलमा सबके साथ बाहर निकल गई! रजिया सुल्तान से बाते करती रही और सुलतान उसे पिंडारियो के जुल्म के बारे में बताता रहा कि किस तरह उन्हे सताया गया और जब्बार के बारे में भी सब कुछ बताया!
दूसरी तरफ विक्रम सीमा और सलमा को साथ लेकर महल में आ गया तो सलमा अजय से बोली:"
" आप सीमा को महल घुमा दो बेचारी का बड़ा मन हैं महल देखने के लिए!
उसकी बात सुनकर सीमा शरमा गई और बोली:" सब समझती हूं मैं कि क्यों मुझे बहाने से भेज रही हो आप !
अब सलमा का चेहरा गुलाबी हो गया और अजय सीमा को साथ लेकर बाहर निकल गया और उसके जाते ही सलमा विक्रम के गले लग गई और उसके चेहरे को चुम्बनो से भर दिया! विक्रम ने भी उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो एक दूसरे से लिपट गए! सलमा उसके गाल को चूमते हुए बोली:"
" हम बता नही सकते कि आज हम कितने खुश हैं युवराज! आज आपने हमे वो तोहफा दिया हैं आप मेरी जान भी मांगो तो हंसकर कुर्बान कर दूंगी!
विक्रम ने उसके खूबसूरत चेहरे को हाथो में भर लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए बोला:"
" शहजादी मुझे बस आपका प्यार चाहिए और कुछ नही!
सलमा ने उसके होंठो को हल्का सा चूमा और उसकी गर्दन में अपनी बांहों का हार पहनाते हुए बोली:" करो ना प्यार हमे विक्रम! जितना मन करे उतना प्यार करो जैसे मन करे वैसे प्यार करो!
सलमा ने उसे अपनी तरफ से पूरी छूट दे दी तो विक्रम के होंठो पर मुस्कान आ गई और उसे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसके पास लेटते हुए बोला:"
" आप हमे गलत समझ रही हो शहजादी! हमें वैसा प्यार नही चाहिए! बस आप हमारे साथ हो इतना काफी हैं मेरे लिए!
विक्रम की बात ने सलमा के दिल पर गहरा असर किया और बोली:" मैं तो हमेशा से आपकी ही हू युवराज! बस अब पूरी तरह से आपकी हो जाना चाहती हू!
विक्रम ने उसके बालो को सहलाया और प्यार से उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आप मेरी ही हो सलमा हमेशा के लिए! सुलतान को मैने बचाया तो वो मेरा फर्ज था क्योंकि आपके अब्बा मेरे लिए भी तो पिता ही हुए ना! आप इसे एहसान न समझे और न ही इसकी कीमत चुकाने की बात करे!!
सलमा को अपनी गलती का एहसास हुआ तो बोली:"
" बात एहसान की नही हैं युवराज! दर असल हम खुशी में पागल हो गए हैं तो जो मन किया वो बोल दिया!
विक्रम:" मैं समझ सकता हु शहजादी क्योंकि पिता का प्यार एक बेटी के लिए बेहद अहम मायने रखता है!
सलमा:" आप सच में बेहद अच्छे हो युवराज! मैंने तो आज ही मन से आपको अपना शौहर मान लिया! मेरे तन मन पर पूरी तरह से आपका अधिकार हैं! आप मुझे मेरे शौहर के रूप में कुबूल हो कुबूल हो कुबूल हो!
विक्रम के होंठो पर मुस्कान आ गई और उसके होंठ चूम कर बोला:" आप भी मुझे मेरी बेगम के रूप में कुबूल हो कुबूल हो कुबूल हो! बस अब खुश!
सलमा ने अपने होंठो को उसके होंठो से जोड़ दिया और उसके होंठो को चूसने लगीं! विक्रम भी उसका साथ देने लगा और सलमा ने मदहोशी में अपना मुंह खोल दिया और अपनी रसीली जीभ को उसके मुंह में सरका दिया और विक्रम उसकी जीभ को चूसने लगा!एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और विक्रम बोला:"
" अच्छा शहजादी अब हमे चलना चाहिए ताकि आप अपने पिता के साथ रह सको!
सलमा उससे और ज्यादा जोर से लिपट गई और बोली:"
" हम आज रात आपके साथ रहना हैं युवराज आपकी बांहों में!
विक्रम ने प्यार से उसके गाल को चूस लिया और बोला:"
" मेरे साथ तो आपको पूरी जिंदगी गुजारनी हैं शहजादी! आज आपको सुलतान के साथ ही रहना चाहिए!
सलमा उसकी बात सुनकर अंदर ही अंदर खुशी से झूम उठी क्योंकि ऐसे ही समझदार प्रेमी की कल्पना हर औरत करती हैं! सलमा बोली:"
" ठीक हैं फिर तो मुझे जाना होगा! सीमा को भी ले चलती हु अपने साथ ही!
विक्रम:" अरे सीमा को आज अजय के पास ही रहने दो ना! बेचारे नए नए प्रेमी हैं दोनो!
सलमा उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और बोली:"
" तभी तो कर रही हु कि कहीं जोश जोश मे कुछ कर बैठे दोनो तो गजब हो जायेगा!
विक्रम उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया और बोला:"
" होने दो ना आप क्यों घबरा रही हो शहजादी! सीमा भी कोई छोटी बच्ची नही हैं! जवान हो गई है!
सलमा:" वो जाने उनका काम! मैं अब चलती हु अपने अब्बा के पास!
विक्रम सलमा को साथ लेकर वैद्य जी के घर की तरफ चल दिया! सलमा बेहद खुशी थी कि आज कल लोग इतने मतलबी हैं कि बिना बात के औरत को अपने नीचे लाने के लिए पागल रहते हैं और एक विक्रम हैं जो उससे सच्चा प्यार करता है!
वैद्य जी के घर जाकर सलमा अपनी अम्मी अब्बू से बात करने लगी और विक्रम भी उनके साथ ही बैठा हुआ था! वैद्य जी ने खाना तैयार करा दिया था तो सबने साथ में खाना खाया और उसके बाद विक्रम सबसे विदा लेकर राजमहल में आ गया!
तीनों बैठे हुए बाते कर रहे थे और
सुलतान बोले:" बेटी लेकिन आपको मेरे यहां होने का कैसा पता चला?
सलमा:" वो मैं युवराज को पहले से ही जानती हूं! उनका घोड़ा मैने पकड़ लिया था तो तब से हम एक दूसरे को जानते हैं!
सुलतान:" सच मे उदयगढ़ का राजघराना अपनी इम्मादारी और अच्छाई के लिए जाना जाता हैं! इसके पिता भी मेरे बेहद अच्छे दोस्त थे! हमे जल्दी ही अपने राज्य वापिस जाकर सब कुछ ठीक करना होगा!
सलमा:" आप जल्दी न कीजिए क्योंकि वहां अभी सब कुछ जब्बार के हाथ में ही हैं! हमे युवराज के अनुसार चलना चाहिए क्योंकि वही हमे सही राह बता सकते हैं इस स्थिति में!
रजिया:" मैं आपकी बात से सहमत हु बेटी! जिसने आपके पिता को पिंडरियो से बचाया वो यकीनन काफी कुछ जानता होगा!
सुलतान:" ठीक हैं जैसे आप सबको ठीक लगे क्योंकि मुझे तो अभी राज्य के बारे में कुछ भी नही पता हैं! लेकिन देखना जब्बार की मौत मेरे हाथो होगी!
उसके बाद तीनों बाते करते रहे और उसके बाद नींद के आगोश में चले गए! दूसरी तरफ जब्बार शाम होते ही पिंडालगढ़ पहुंच गया और जैसे ही उसने वहां पिंडारियो की लाशे देखी तो उसे समझ आया कि हुआ क्या हैं!
जब्बार:" वो सुना हैं कि सुलतान को कैद से आजाद हो गया है!
पिंडाला की आंखो से चिंगारी सी निकल रही थी और जब्बार से बोला:" जब्बार सुलतान अपनी मां चुदाए! हमारे इतने साथी मारे गए हम आग लगा देंगे! सब कुछ जला कर राख कर देंगे!
जब्बार:" लेकिन ये सब हुआ कैसे हैं? क्या वो खुद ही भागा या फिर कोई उसे बचाकर ले गया ?
पिंडाला:" कोई बचा कर ले गया उसे! रस्सी बंधी हुई मिली हैं हमे वहां! साला कौन ऐसा पैदा हो गया जो हमारे राज्य में घुस कर हमारे ही आदमियों को मारे!
जब्बार:" आप बेफिक्र रहिए ! मैं पता करता हु! अगर सुलतान को सुल्तानपुर से किसी ने बचाया होता तो अब तक मेरे उपर मुसीबत आ जाती लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ हैं तो जरूर किसी और का काम हो सकता हैं!
पिंडाला:" पता करो! जिसने भी ये सब किया हैं उसे ऐसी सजा मिलेगी कि लाश भी कांप उठेगी!
जब्बार:" आप बेफिक्र रहे! शमा के क्या हाल हैं?
पिंडाला हंस पड़ा और बोला:"
" शमा कमजोर साबित हुई और मर गई साली! लंड नही झेल पाई मेरा वो!
एक पल के लिए जब्बार के चेहरे पर निराशा आई लेकिन कुछ नही बोला तो पिंडाला बोला:"
" छोड़ ना शमा को! तुझे हम राजा बना देंगे! फिर जी भरकर मजे करना! बस ये पता कर कि किसने ये सब किया हैं!
जब्बार:" ठीक हैं मैं आपको जल्दी ही सब बता दूंगा!
वहीं दूसरी तरफ राधिका आज पूरी तरह से फ्री थी और उसे आज कोई चिंता नहीं थी क्योंकि रात के 11 बजे तक भी सीमा नही आई तो वो समझ गई कि अब वो नही आयेगी और उसके कमरे में घुसकर तलाशी लेने लगी! सब कपड़े और सामान देखा नही कुछ हाथ नही लगा! वो उदास होकर जाने ही वाली थी कि उसकी नजर मेज पर पड़ी और उसने एक बैग देखा जो साइड से लटक रहा था! राधिका ने बैग को खोला और ढूढने लगी तो उसे हीरे जड़ी एक कीमती अंगूठी मिल गई! राधिका की आंखे फटी की फटी रह गई क्योंकि ये वही अंगूठी थी जो युवराज विक्रम ने उसे बतौर गिफ्ट दी थी!
सीमा के पास ये कीमती मर्दानी अंगूठी क्या कर रही है! जरूर कोई न कोई बात तो जरूर हैं!
ये सब सोचकर उसने सब कुछ पहले जैसा किया और अंगूठी को लेकर अपने रूम में आ गई! दूसरी तरफ सीमा पूरी रात अपने प्रेमी अजय की बांहों में रही और अगली सब सलमा और रजिया के साथ वापिस लौट आई!