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Adultery शीला की लीला (५५ साल की शीला की जवानी)

sunoanuj

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राजेश और मदन की रसप्रद चर्चा पर.. कॉकटेल और बार्बी के आने से कोई ब्रेक नहीं लगी.. उन्हों ने अपनी बात जारी रखी

राजेश: "मेक.. एक काम करते है.. आज रात हम एक कमरे में ही सोते है.. चुदाई भी साथ में करेंगे"

मदन खुश हो गया "क्या सच में? मज़ा आएगा.. इसी बहाने रीहर्सल भी हो जाएगा.."

शीला और रेणुका के साथ साथ बार्बी भी अब मदन और राजेश के लंड के साथ खेलने लगी..

तभी रोमा ने अपनी पुच्ची में उंगली करते हुए एनाउंस किया "जो जिसके साथ सोना चाहता है वो अब उसे लेकर अपने अपने कमरे में जा सकता है.. इन्जॉय एवरीबड़ी"

मदन और राजेश खड़े थे थे.. वहीं कॉकटेल और बार्बी भी साथ थे.. शीला, रेणुका और बार्बी भी लंड छोड़कर खड़ी हो गई.. तीनों एक दूसरे के कमर में हाथ डालकर चलने लगी.. उस दौरान शीला ने बार्बी के कान में कुछ कहा.. और बार्बी ने जवाब में शीला के गालों को चूम लिया.. वो शीला का हाथ छुड़ाकर चली गई.. और हेमंत को बुला लाई.. हेमंत भी किसी दूसरी पार्टनर के साथ मजे कर रहा था.. मदन और राजेश के लंड मुरझाकर झूल रहे थे..

अब फाइनल जोड़ी बनाकर.. सब अपने अपने कमरे की ओर जाने लगे.. देखते ही देखते हॉल खाली होने लगा..

हॉल में अब सिर्फ इतने लोग बचे थे..

बँटी उर्फ हेमंत और बार्बी..

जो कॉकटेल की बीवी थी और उसका पति उसे स्वेच्छाचार के लिए यहाँ लेकर आया था.. दिखने में मस्त थी.. और शौकीन.. अमरूद जैसी चूचियाँ थी.. खींच मसलकर लंबी की हुई क्लिटोरिस थी.. और मस्त गांड.. कुल मिलाकर चोदने के लिए बढ़िया थी

सुनंदा (शीला) और मेक (मदन)

कामिनी (रेणुका) और कॉकटेल (?)

राजेश अकेला बच गया

परेशान होते हुए राजेश ने कहा "अरे यार.. आप लोगों ने तो मुझे ही बाहर निकाल दिया??" शीला और रेणुका भी अचंभित हो गई.. यहाँ पर सिर्फ कपल को एंट्री थी.. और सब जोड़ियों में बाहर गए थे.. फिर एक चूत कम कैसे पड़ गई?? कहीं कोई ताकतवर लंड दो चूतों को तो साथ नहीं ले गया?? नहीं ऐसा नहीं हो सकता था..

राजेश शर्म से पानी पानी हो रहा था.. क्या करता?? अब पूरी रात खुद ही हिलाना पड़ेगा क्या? इतनी दूर आकर क्या फायदा जब मूठ ही मारना हो..!! निराश हो गया राजेश.. उसका चेहरा देखकर रेणुका को उस पर तरस आ गया.. मेरा पति मूठ मारे और मैं दूसरे कमरे में चुदवाऊँ.. !! ऐसा नहीं हो सकता.. पर करे तो करे क्या.. !! पूरा प्रोग्राम राजेश ने ही बनाया था और अब वही लटक गया.. !! उसका हाल ऐसा हो गया की बाराती सारे बस में बैठ गए और अब दूल्हे के बैठने के लिए ही जगह नहीं बची..

शीला ने सोचा की हेमंत को जरूर पता होगा की कहाँ गड़बड़ हुई है.. उसने तुरंत हेमंत के कान में कहा "भेनचोद.. इसके लिए चूत का बंदोबस्त कर.. नहीं तो ये किसी को चोदने नहीं देगा.. " इतना कहकर शीला वापिस मदन के बगल में आकर खड़ी हो गई.. सब जा चुके थे.. राजेश की वजह से यह छह लोग अटक पड़े थे..

मदन: "तू चिंता मत कर रॉकी.. मेरे साथ चल यार.. इस रांड को तो एक साथ पचास मर्द भी कम पड़ेंगे.. क्यों बेबी..!! ये साथ आए तो तुम्हें कोई एतराज तो नहीं है ना.. !! हम दोनों सेंडविच स्टाइल में तुझे बीच में दबाकर चोदेंगे.. !! पीछे कभी लिया है पहले?"

शीला ने गर्दन हिलाते हुए "हाँ" का इशारा किया.. एक साथ दो मर्दों से.. और वो भी एक उसका पति और दूसरा राजेश.. इस कल्पना मात्र से ही शीला रोमांचित हो गई.. उसे डर सिर्फ एक ही बात का था.. दोनों से चुदवाते वक्त कहीं उसकी असलियत बाहर न आ जाएँ.. पर अब तो उसने हाँ बोल दिया था.. शीला को सकपकाया देख रेणुका बड़ी खुश हुई.. की चलो आज शीला को राजेश का लंड चखने का अवसर मिल ही जाएगा..

लेकिन किसी की खुश ज्यादा देर तक नहीं टिकी.. थोड़ी सी मोटी.. और ४५ के करीब उम्र वाली औरत उनके पास चलते हुए आई.. और बोली

"हाई.. मेरा नाम स्टेफी है.. माफ कीजिएगा.. कन्फ्यूजन की वजह से मैं बाहर निकल गई थी.. फिर पता चला की साथी चुनना तो बाकी था.. चलिए.. कौन आएगा मेरे साथ?"

चरबीदार जिस्म.. और मध्यम कद के स्तनों वाली वह स्त्री ब्रा और पेन्टी पहने हुए थे.. पारदर्शक ब्रा से उसकी बादामी रंग की निप्पलें साफ नजर आ रही थी..

देखकर उसे समझ आया की केवल राजेश ही था जो अकेला था

उसने राजेश से कहा "अब तो आप अकेले नहीं है.. हमारी जोड़ी बन गई है.. आप किस्मत वाले हो.. जो मैं आपको मिली.. मैंने अब तक अपने पति के अलावा किसी को भी अपने शरीर पर हाथ लगाने नहीं दिया है" राजेश को स्टेफी की जिस्म में वैशाली की झलक नजर आई.. और उसने तुरंत उसके आमंत्रण का स्वीकार कर लिया.. और स्टेफी की कमर में हाथ डाल दिया..

अब प्रॉब्लेम सुलझ चुका था.. सब की जोड़ियाँ बन गई थी.. सारे जोड़ें एक दूसरे के साथ छेड़खानियाँ करते हुए हॉल से बाहर निकलकर लॉबी में आ गए.. बेहद उत्तेजक माहोल था..

मदन: "एक घंटे बाद मेरे कमरे में मिलते है"

राजेश स्टेफी को लेकर मदन के साथ वाले कमरे में घुस गया.. और उसकी तरह बाकी जोड़ें भी अपने अपने कमरे में चले गए

शीला और मदन कमरे के अंदर भी मास्क पहने हुए थे.. और चोदने के लिए उतावले हो रहे थे.. कैसी स्थिति थी.. !!! घर की खिचड़ी से परेशान होकर महंगे रेस्टोरेंट में जाएँ.. और वहाँ कोई अटपटे नाम वाली आइटेम ऑर्डर करने के बाद जब वो आए और पता चले की यह भी खिचड़ी ही है..!! तो क्या हाल होगा.. !! बिल्कुल वही हाल मदन का था पर उसे अभी पता नहीं था.. यहाँ पर भी.. आइटम घर वाली ही थी.. सिर्फ नाम अलग था.. फव्वारे का पानी कितना भी उछल ले.. आखिर गिरता वहीं है जहां से वो निकला था.. राजेश के साथ बेंगलोर जाने का झूठ बोलकर वो इस क्लब में नई चूत चोदने आया था.. काफी पैसे खर्च कर भाड़े की रांड भी साथी बनाकर लाया था.. और आखिर उसके हाथ उसकी पत्नी ही लगी.. !!

सच में.. पति और पत्नी का रिश्ता जनम जनम का होता है.. पत्नी को घर छोड़कर रांड को चोदने गए पति को ये पता नहीं होता की वह सिर्फ अपनी पत्नी के शरीर को ही छोड़कर आया है.. उसके दिल-ओ-दिमाग पर तब भी वही छाई हुई रहती है.. रांड की चूत में धक्के लगाते हुए भी बार बार उसी का खयाल दिमाग में आता है.. प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से.. पत्नी कभी पति का साथ छोड़ती ही नहीं है.. उसी रांड को चोदने के बाद जब पानी निकल जाए तब पति सोचता है, यार बेकार में पाँच हजार ले गई.. !! इसे अच्छा तो घर पर ही पत्नी को चोद लेता.. दो हजार की साड़ी लेकर गया होता तो कितना खुश हो जाती?? यह विचार यही दर्शाते है की पत्नियों का कितना प्रभाव होता है अपने पतियों के दिमाग पर.. और बाहर कितना भी मुंह मार लो.. लौटकर आखिर घर पर ही आना पड़ता है.. कितनी भी आकर्षक वेश्या क्यों न हो.. एक बार पानी निकल जाने के बाद पत्नी की ही याद आती है.. इसे चाहें विचारों का ऑर्गेज़्म ही कह लो.. !!

शीला मन ही मन मुस्कुरा रही थी.. वो सोच रही थी की अभी अगर मैं मास्क उतार दूँ.. तो मदन का चेहरा कैसा हो जाएगा?? पर वो ऐसा करना नहीं चाहती थी.. अभी तो मजे लूटने बाकी थे..

नाइटलैम्प की बारीक रोशनी में वो मदन को सहलाती रही.. और मदन के लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मजबूती से हिलाते रही.. अपने उन्नत स्तनों से उसने मदन का इतना बढ़िया ब्रेस्ट-मसाज किया की मदन के मुंह से निकल गया "तुम बिल्कुल मेरी पत्नी की तरह ही सब हरकतें कर रही हो"

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शीला के दिमाग में.. चाबुक जैसे कई सवाल थे.. पर अभी पूछना मुमकिन नहीं था.. इसलिए.. अपने मुंह को बंद रखने के लिए.. मदन का लंड मुंह में ले लिया..

मदन के कूल्हें और जांघों पर शीला काटने लगी.. और उसके आँड़ों को मुठ्ठी में पकड़कर दबाने लगी.. मदन भी शीला की भोस में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. शीला को एक उंगली से फिंगर-फकिंग बिल्कुल पसंद नहीं था.. उसके जननांग की गहराई-चौड़ाई को देखते हुए.. उसे कम से कम तीन उँगलियाँ चाहिए थी.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.. उल्टा वो अपनी सांसें तेज करते हुए ऐसा जताने लगी जैसे उसे बहोत मज़ा आ रहा हो..


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मदन अब उत्तेजित होकर शीला के बदन पर टूट पड़ा.. और दोनों अतिशय कामुक होकर आदर्श संभोग में रत हो गए..

उसी दौरान दरवाजे पर दस्तक पड़ी.. बिना किसी संकोच के मदन नग्नावस्था में ही खड़ा हुआ.. और अपना खड़ा लंड झुलाते हुए दरवाजा खोल दिया.. कॉकटेल और कामिनी (रेणुका) सामने खड़े थे.. और उनके पीछे बँटी(हेमंत) और बार्बी (कॉकटेल की पत्नी) तथा रॉकी (राजेश) और स्टेफी भी खड़े हुए थे.. वह तीनों जोड़ें.. संभोग का एक एक राउन्ड खतम कर.. मदन और शीला के साथ ग्रुप सेक्स के मजे लेने आए थे

मदन ने सब का स्वागत किया.. और सारे लोग अंदर आ गए.. कॉकटेल बेड के साथ लगे सोफ़े पर बैठा.. और नग्न रेणुका उसकी गोद में ही लेट गई.. और उसके मोटे लंड को चाटने लगी.. राजेश भी स्टेफी के गद्देनुमा स्तनों का तकिया बनाकर बैठ गया.. स्टेफी के मांसल स्तन और उसकी गुलाबी निप्पल जबरदस्त लग रहे थे.. स्टेफी भी राजेश के बालों में उँगलियाँ फेरते हुए परिस्थिति का जायजा ले रही थी..


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राजेश और मदन अगल बगल में बैठे थे.. राजेश ने शीला के बोल पकड़कर दबाते हुए कहा "यार मेक.. इस सुनंदा के बूब्स बिल्कुल शीला भाभी जैसे है.. कब से बार बार उस पर ही नजर चली जाती है मेरी.. दबा तो सुनंदा के रहा हूँ मगर दिल में खयाल शीला भाभी का ही है.. उफ्फ़ ऐसा लगता जैसे मेरी शीला भाभी के ही बबले मसल रहा हूँ.. "

राजेश की बात सुनकर शीला की चूत और राजेश का लंड दोनों जबरदस्त प्रभावित हुए.. शीला के चूत ने अपना पानी बहाना शुरू कर दिया और पूरे कमरे में उसके चूत के शहद की मस्की गंध फैलने लगी.. ये देखते ही मदन ने शीला की चूत चाटना शुरू कर दिया.. हालांकि मदन को सुनंदा की भोस की गंध काफी जानी-पहचानी सी महसूस हुई.. पर हवस का सुरूर कुछ ऐसे छाया हुआ था की दिमाग उस बारे में ज्यादा सोच ही नहीं रहा था..

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शीला और मदन की इन हरकतों को देखकर उत्तेजित हेमंत.. बार्बी के बदन पर टूट पड़ा.. तो इस तरफ रेणुका कॉकटेल के साथ मशरूफ़ थी.. उसे यह भी परवाह नहीं थी की राजेश क्या कर रहा था.. राजेश स्टेफी के कामुक जिस्म पर चढ़कर ग़बागब चोदने लगा.. स्टेफी ने अपने जीवन में ऐसा आनंद कभी महसूस नहीं किया था.. आज तक वो यही सोचती रहती थी की आखिर लोग सेक्स के लिए इतने पैसे क्यों खर्च कर रहे होंगे.. !! आज पता चल गया.. !!
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इस रोमांचक माहोल में वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.. ऐसा नहीं था की उसके जिस्म को सिर्फ राजेश ही छु रहा था.. एक कमरे में चार जोड़ें एक साथ जब संभोग में व्यस्त हो.. तब अन्य लोगों का स्पर्श हो जाना सामान्य था.. अन्य साथी भी मौका मिलते ही स्टेफी के गदराए जिस्म का आनंद ले लेते थे.. मदन और हेमंत अब तक कई बार स्टेफी के स्तन युग्म का मर्दन कर चुके थे.. और कॉकटेल ने नजदीक आकर स्टेफी की गुलाबी निप्पल को मुंह में लेकर चूस लिया था..

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अब मदन ने शीला को चार पैरों पर कर दिया.. और अपनी पसंदीदा डोंगी स्टाइल में चोदने के लिए तैयार हो गया.. शीला के विशाल कूल्हों के बीच सेट होकर.. उसने अपने लंड को लार से गीला किया.. फिर अपने सुपाड़े को शीला के भोसड़े के प्रवेशद्वार पर रख दिया.. एक जोरदार धक्का लगाते हुए उसने अपना पूरा लंड अंदर धकेल दिया तब शीला की करारी आह्ह निकल गई.. धनाधन धक्के लगाने लगा मदन.. !! मदन के हर धक्के के साथ शीला के नारियल जैसे स्तन हवा में झूलने लगे..

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जैसे जैसे मदन शॉट लगाता जा रहा था.. वैसे वैसे उसका शक बढ़ रहा था की सुनंदा ही शीला थी.. पर उसका दिमाग यह मानने को तैयार ही नहीं था.. ऐसा कैसे हो सकता है भला.. !! शीला यहाँ कैसे आ सकती थी.. !! इसी सोच के वजह से मदन के दिमाग का शक आगे बढ़ नहीं पा रहा था.. ताज्जुब केवल इस बात का था की शीला और सुनंदा में इतनी समानता कैसे हो सकती है?? इस आसन में वो अनगिनत बार शीला को चोद चुका था.. और सुनंदा को उसी स्टाइल में चोदते वक्त.. अविरत ये महसूस हो रहा था की वह शीला ही थी.. !! दिमाग घूम रहा था मदन का.. !!

कॉकटेल के लंड से अपनी अंगूर जैसी क्लिटोरिस को रगड़ते हुए रेणुका.. मदन के लोड़े को शीला के भोसड़े में अंदर बाहर होते हुए देख रही थी.. थप-थप की आवाज़ें गूंज रही थी.. जब मदन का पूरा लंड शीला की भोस में समा जाता.. तब शीला और मदन की जांघें एक दूसरे से टकरा रही थी.. शीला को देखकर.. रेणुका भी डोंगी स्टाइल में तैयार हो गई.. और पलट कर पीछे खड़े कॉकटेल को.. खुद पर आरूढ़ होने का आमंत्रण देने लगी..


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शीला और रेणुका के स्तनों को लटकते देख.. हेमंत शीला के नीचे लेट गया.. और उसके मदमस्त स्तनों के तले दबने का अनूठा अनुभव करने लगा.. ये देखकर बार्बी भी रेणुका और शीला के बगल में घोड़ी बनकर रेडी हो गई.. फिर स्टेफी क्यों पीछे रहती.. वह भी आकर इन चारों औरतों को कंपनी देने लगी..

एक ही बिस्तर पर चारों औरतें डोंगी स्टाइल में थी.. शीला और रेणुका के पीछे मदन और कॉकटेल लगे हुए थे.. और बार्बी तथा स्टेफी का गेम बजा रहे थे बँटी(हेमंत) और रॉकी (राजेश)

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20 मिनट के भयंकर संभोग के बाद.. सब से पहले बार्बी की चूत में आत्मसमर्पण कर दिया.. वो झड़कर नीचे ढह गई.. पर उसकी चूत में घुसा हुआ हेमंत का लंड अभी भी इस्तीफा देने के मूड में नहीं था.. लेकिन बार्बी अब बेड पर लेट चुकी थी.. और हेमंत का लंड बाहर निकल गया था.. झड़ने के लिए बेकरार हेमंत अपना लंड पकड़कर शीला की अदालत में हाजिर हो गया.. शीला ने बड़े ही प्यार से उसका लंड मुंह में ले लिया और ऐसा चूसा.. जो काम बार्बी की चूत न कर पाई.. वह काम शीला के मुंह ने कर दिखाया.. शीला के मुंह में ही हेमंत के लंड का वीर्य-विसर्जन हो गया.. "आह्ह आह्ह.. " की कराहों के साथ हेमंत थरथराते हुए झड़ रहा था.. आखिर एक दमदार धक्का लगाते हुए हेमंत ने अपना लंड जड़ तक शीला के मुंह में घुसेड़ दिया..

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अब शीला ने मदन के लंड को अपनी चूत के होंठों के बीच दबोचे रखा था.. और हेमंत के लंड को आगे के होंठों से मजे दे रही थी.. एक साथ दो दो लंडों का आनंद लूट कर शीला की हवस बेकाबू हो गई.. अपने चूतड़ को उठाते हुए.. वो जितना हो सकें उतना मदन के लंड को गहराई तक अंदर लेने की भरसक कोशिशें कर रही थी..

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शीला धीरे धीरे अपने ऑर्गेज़्म की ओर बढ़ रही थी.. अमूमन झड़ने के करीब आते ही.. उसे अनाब-शनाब बकने की आदत थी.. पर आज उसे अपने आप पर काबू रखना पड़ा.. क्यों की अगर वो अपना मुंह गलती से भी खोलती.. तो उसका भांडा फूट जाता.. मदन को झड़ते वक्त.. शीला की अश्लील बातें और गालियां सुनने की आदत थी.. उसके लंड ने पिचकारी तो मारी पर शीला के साथ जो मज़ा आता था वो नहीं आया.. ऑर्गेज़्म अधूरा सा लग रहा था शीला के बगैर.. दूसरी तरफ शीला की हालत भी कुछ खास नहीं थी.. बिना चीखें चिलाएं.. चुदने में उसे कुछ मज़ा नहीं आया था.. वो तो मुक्त गगन में उड़ने वाली पंछी थी.. बंधन में रहना उसे कतई पसंद नहीं था..

बार्बी के बगल में शीला भी पस्त होकर गिर गई.. राजेश का लंड अपनी चूत में लेकर बेहद खुश स्टेफी.. समागम की आखिरी क्षणों में चीखते हुए चुदवा रही थी.. क्योंकि राजेश ने उसकी गांड को टारगेट किया था.. चूत को चोदते वक्त उसने अपना अंगूठा उसकी गांड के छेद में घुसा दिया था और उसे चौड़ा कर रहा था.. पहली बार पराए लंड से चुद रही स्टेफी की गांड में जब राजेश ने उंगली की तब वह उत्तेजना के नए शिखरों पर पहुँच गई.. लेकिन उसके बाद... जिस तरह ये नेता लोग.. शुरू शुरू में काफी विनम्र पेश आते है.. और चुनाव खतम होते ही अपना असली रंग प्रकट करते है.. बिल्कुल वैसे ही.. राजेश ने एक ही धक्के में अपना लंड स्टेफी की गांड में डालकर.. उसकी गांड का हजीरा बना दिया..

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बगल में ही कॉकटेल, रेणुका को चोद रहा था.. और राजेश-स्टेफी को देखकर.. उसे भी गांड के टाइट छिद्र का मजे लेने का मन किया.. और थूक लगाकर.. रेणुका की गांड में लंड पेलकर, बेचारी को रुला दिया.. !!

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आँख में आँसू आ जाने के बावजूद.. मास्क के कारण अपनी पीड़ा को छुपने में सक्षम रही रेणुका.. !! मुंह से आवाज निकाल नहीं सकती थी वो.. स्टेफी और कामिनी (रेणुका) के दर्द से अनजान.. दोनों पुरुष सांड की तरह उनकी गांड चोद रहे थे.. कहते है ना "दर्द का हद से गुजर जाना.. खुद ही दवा बन जाता है" उसी नाते कुछ देर पश्चात.. दोनों के छेद.. लंड घुसाई से अनुकूल होकर.. मजे लेने लगे.. और दोनों के गांड के छेद में.. आखिर राजेश और कॉकटेल के लंड.. विसर्जित हो गए.. !!

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स्खलन के बाद.. लंड गांड के छेद में फंस गए थे.. यह तो अच्छा हुआ की स्खलित होकर दोनों के लंड मुरझा गए थे.. और वीर्य छूटने की वजह से.. छेद गीला हो गया था.. इसलिए उनके लंड आसानी से बाहर निकल आयें.. वरना संभोग-रत कुत्ते और कुत्तिया की तरह दोनों के जननांग चिपक जाते.. लंड तो आसानी से निकल गए.. पर फिर भी.. स्टेफी और रेणुका को गांड की दीवारों पर घर्षण के कारण भयंकर जलन हो रही थी..

एक जबरदस्त चुदाई का राउन्ड सम्पन्न हुआ था.. रात के बारह बज रहे थे.. चारों जोड़ें.. स्खलित होकर ऐसे पस्त पड़े थे.. जैसे प्लेन क्रेश होने के बाद.. जमीन पर लाशें बिखरी पड़ी हो.. !!

लगभग आधे घंटे के विराम के बाद.. कॉकटेल ने सिगरेट सुलगाई.. और फिर बाकी लोगों को भी सिगरेट ओफर की.. सब ने पैकेट से एक एक सिगरेट ली और बिंदास फूंकने लगे.. इन सब में.. केवल राजेश और मदन ही एक दूसरे से बातें कर रहे थे.. शीला और रेणुका के लिए आपस में बात करना.. या फिर बार्बी या स्टेफी से बात करना मुमकिन नहीं था.. क्योंकी उनकी पहचान खुल जाने का पूरा डर था.. और इन सब की मौजूदगी में.. हेमंत ने भी चुप रहना ही ठीक समझा.. क्योंकी वैसे देखने जाए तो.. यह सब इस होटल के कस्टमर थे.. और वो केवल एक मुलाजिम था.. !!

कभी कभी स्टेफी बात कर लेती थी मदन और राजेश से.. पता नहीं क्यों.. पर कॉकटेल भी बिल्कुल खामोश था.. उसका व्यक्तित्व शुरू से ही काफी रहस्यमयी था.. वैसे किसी को उसे जानने में खास दिलचस्पी थी भी नहीं.. केवल रेणुका के सिवा.. वो इस कॉकटेल के बारे में जरूर जानना चाहती थी.. जिसने आज पहली बार उसकी गांड छेद दी थी.. वैसे राजेश ने कई बार उसकी गांड मारने का प्रयास किया था.. पर दर्द के चलते वो दोनों आगे बढ़े नहीं थे.. पर आज उसे ये अनोखे एहसास ने उसकी हिम्मत खोल दी थी.. दर्द बहोत हुआ था पर मज़ा भी आया था.. वैसे देखने जाए तो दर्द और आनंद.. एक ही सिक्के के दो पहलू है.. !!

शीला के लिए गांड मरवाना कोई नई बात नहीं थी.. वो अन्य मर्दों से और मदन से काफी बार मरवा चुकी थी.. वो तो अक्सर मदन से कहती "यार, एक ही छेद पर हमेशा क्यों जुल्म करते रहते हो.. !! सभी छेद को बराबर बराबर इस्तेमाल कर.. तो टाइट भी रहेंगे और ज्यादा मज़ा भी आएगा.. !!" मदन और शीला तो कई बार एनल सेक्स का आनंद लेते थे..

अपनी गांड मरवाने के बाद रेणुका को एहसास हुआ की कॉकटेल का लंड राजेश से मोटा तो था ही.. ऑर्गेज़्म से थक कर सब कमरे में रिलेक्स कर रहे थे.. तभी..

कमरे के बाहर लॉबी में.. काफी असामान्य चहल-पहल की आवाज़ें सुनाई देने लगी.. !!! और उन आवाजों में डर और व्यग्रता के भाव स्पष्ट रूप से सुनाई पड़ रहे थे.. सब के चेहरे एकदम से गंभीर हो गए.. एक दूसरे की तरफ देखते हुए.. सब की आँखों में बस एक ही प्रश्न था.. की आखिर ऐसा क्या हो गया था.. !!!!


अचानक बाहर से किसी की चिल्लाने की आवाज आई "भागों... पुलिस की रैड पड़ी है.. !!!!"


Bahut hee jabardast update diya hai lagta hai ab inko police wale bhi bajayenge !

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

Premkumar65

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थोड़ी देर के बाद तीनों ने कपड़े पहन लिए.. साढ़े आठ बज चुके थे..

हेमंत: "मैडम, अब मुझे इजाजत दीजिए.. काउंटर पर सब लोग मेरा इंतज़ार कर रहें होंगे.. आप को किसी भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक मुझे कॉल कीजिएगा.. मैं हाजिर हो जाऊंगा" फिर रेणुका की ओर मुड़कर उसने कहा "मैडम, आपका पार्टनर जैसे ही आएगा.. मैं आपको इन्फॉर्म कर दूंगा.. मगर उसके सामने अभी आपको आने की कोई जरूरत नहीं है.. मैं नहीं चाहता की कोई लफड़ा हो.. जब पार्टी जॉइन करेंगे तभी मैं आपको उससे मिलवाऊँगा.. क्या है की कभी कभी लास्ट मोमेंट पर बड़ी मुसीबतें खड़ी हो जाती है.. तब तक आप आराम कीजिए.. और आपको खाने में क्या पसंद है ये बताइए.. मैं खुद ले कर आऊँगा.. और हम तीनों साथ बैठकर खाएंगे"

रेणुका थोड़ी सी घबरा गई "कैसी मुसीबतें??"

हेमंत: "घबराने की कोई बात नहीं है मैडम.. मैं तो पसंद आने न आने की बात कर रहा हूँ.. और कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. और अगर कुछ प्रॉब्लेम हुआ तो मैं हूँ ना आपके साथ.. !!"

शीला और रेणुका ने खाने का ऑर्डर दिया जो हेमंत ने नोट कर लिया.. हेमंत ने जाते हुए दरवाजे पर खड़े होकर कहा "मैडम, आपको तो पता ही होगा.. पार्टी रूम में मास्क पहनकर जाना होता है.. ताकि हर कोई अपनी पहचान गुप्त रख सकें.. हम दोनों साथ एंट्री करेंगे.. और ये मैडम, अपने पार्टनर के साथ.. ठीक है.. !! कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए.. प्लीज.. !!"

शीला: "थेंकस डीयर.. तूने आज हमारी बहोत बड़ी हेल्प की है.. अगर तुम न होते तो इतनी जल्दी रजिस्ट्रेशन कभी नहीं हो पाता.. और हमें यहीं से वापिस लौट जाना पड़ता.. !!"

हेमू ने शीला को आँख मारी और मुस्कुराता हुआ चला गया.. रेणुका और शीला अब निश्चिंत होकर बैठे.. रेणुका ने सिगरेट सुलगाई.. और दोनों बारी बारी उसे फूंकने लगे

रेणुका: "यार शीला.. गजब का कॉन्फिडेंस है तेरा.. बड़े आराम से तू ऐसे पेश आ रही थी जैसे तुझे सब कुछ पहले से ही पता हो.. !!"

शीला ने जवाब नहीं दिया.. सिगरेट का एक लंबा कश लगाते हुए वो गहन विचारों में खो गई.. और आगे की रणनीति के बारे में सोचने लगी

रेणुका: "क्या सोच रही है?"

शीला: "सोच रही हूँ.. की तुझे उस अनजान शख्स के साथ नही जाना चाहिए.. तुझसे कुछ गलती हो गई तो हम दोनों फंस जाएंगे.. उसके साथ मैं ही चली जाऊँगी.. तू हेमंत के साथ मजे करना"

रेणुका: "पर वो तो तेरे पीछे पागल हो पड़ा है.. उसे तो सिर्फ तू ही चाहिए"

शीला: "हम्म.. मैं भी यही सोच रही हूँ.. वो तो देखा जाएगा जो भी होगा.. !!"

आधे घंटे के बाद वेटेर खाना रख गया.. शीला ने तीन प्लेट परोसी और फिर हेमंत को फोन किया.. हेमंत ने फोन कट कर दिया और तुरंत उनके कमरे में पहुँच गया.. दरवाजा अंदर से लॉक करने के बाद, तीनों ने भरपेट खाना खाया..

हेमंत: "देखिए मैडम, आज यहाँ आप जो कुछ भी करेंगे उसे पूरी तरह से पहचान छुपा कर ही करना है.. किसी को आप की पर्सनल इनफ़ोर्मेशन बिल्कुल भी नहीं देनी है.. आज रात का आप का पार्टनर जो कोई भी हो या आप को उसे साथ चाहे कितना भी मज़ा क्यों न आए और वो आप को कितना भी फोर्स क्यों न करे.. आप अपना मोबाइल नंबर, पता या शहर का नाम, कुछ भी नहीं बताएंगे.. अगर फिर भी आप किसी भी प्रकार की जानकारी देते है तो आगे उसके जिम्मेदार आप खुद ही होंगे"

रेणुका: "ठीक है हेमंत.. हम किसी को अपनी कोई जानकारी नहीं देंगे"

हेमंत: "मैं तो कहता हूँ की ज्यादा बात करने के भी जरूरत नहीं है.. जिस काम के लिए मिले है.. वही काम करके निकल जाना चाहिए.. क्या मालूम वो लोग फोन पर रेकॉर्ड कर रहे हो!! आवाज से भी कभी कभी पहचाना जा सकता है.. सो कीप इट टॉप सीक्रेट.. और सिर्फ मजे करने पर ही ध्यान केंद्रित रखना.. ठीक है.. !!"

शीला: "ठीक है हेमू.. हम समझ गए"

हेमंत: "और ये लीजिए.. आप दोनों के लिए मास्क.. इसे पहन कर ही आप को एंट्री मिलेगी.. और हाँ.. पूरा टॉप फ्लोर इस पार्टी के लिए ही बुक किया गया है.. रात दस बजे के बाद किसी अन्य को ऊपर आने की इजाजत नहीं है.. एक बार ऊपर जाने के बाद आप भी नीचे मत उतरिएगा.. और जहां कहीं भी घूमो.. मास्क पहन कर ही घूमना.. टॉइलेट में जाओ तो भी मास्क पहन कर.. बिना मास्क के बिलकूल भी नहीं.. ठीक है.. !! शीला जी, अब थोड़ी देर मे पार्टी शुरू होगी.. आप ड्रिंक्स पर कंट्रोल रखना.. किसी का दिया हुआ ड्रिंक मत पीना.. !! और हाँ एक खास बात तो भूल ही गया.. वहाँ पर एनाउंसमेंट के लिए आपका क्या नाम रखूँ? यहाँ हर कोई अपना नकली नाम ही बताता है"

शीला: "मेरा नाम सुनंदा रखना"

हेमंत ने नोट करते हुए कहा "सुनंदा... ओके.. और रेणुजी.. आप का क्या नाम रहेगा??"

रेणुका ने थोड़ा सोचकर कहा "कामिनी नाम कैसा रहेगा??"

हेमंत: "एकदम सेक्सी नाम है.. कामिनी.. "

शीला और रेणुका की दिल की धड़कनें धीरे धीरे तेज हो रही थी.. पार्टी शुरू होने की उत्तेजना उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी.. घड़ी में साढ़े नौ का समय हो चुका था.. हेमंत खड़ा हो गया

"शीला जी, आप मेरी पार्टनर है इसलिए आप मेरे साथ चलिए.. और रेणुकाजी आप....!!" हेमंत आगे कुछ बोलता उससे पहले उसका मोबाइल बजा.. हेमंत ने वो शीला-रेणुका के बगल वाले रूम का नंबर फोन पर बताया.. और उसे वहाँ बैठने के लिए कहा.. और साथ ही उस व्यक्ति को कहा की वो फ्रेश होकर बैठे.. उसका पार्टनर पाँच मिनट में उसके कमरे में पहुँच जाएगा.. उस शख्स ने हेमंत को जो कुछ पूछा और हेमंत ने उसके जो जवाब दीये वो सुनकर रेणुका और शीला वासना से तपकर लाल लाल हो गए..

हेमंत: "जी सर.. आप की चॉइस मैं भलीभाँति जानता हूँ.. एकदम कडक माल है.. घरेलू टाइप.. बाजारू नहीं है.. !!.. जी.. जी.. एकदम गोरी चिकनी है.. मस्त माल है सर..पार्टी के लिए आई थी मगर उनके पार्टनर समय पर पहुँच नहीं सके इसलिए वापिस जा रही थी.. जी.. जी.. उनके मतलब.. वो दो है.. और उनके पार्टनर दूसरे शहर से आने वाले थे.. यस यस सर.. जी उनके साथ उनकी एक फ्रेंड भी है.. दोनों एक साथ आई है.. और उनकी फ्रेंड को भी मैंने आप की तरह किसी ओर के साथ बुक कर दी है... अरे सर.. चिंता मत कीजिए.. मैंने आपकी चॉइस को ध्यान में रखकर ही अच्छी वाली आप के लिए रखी है.. हाँ सर.. जी सर.. बहोत बढ़िया साइज़ है सर.. और एकदम टाइट भी है.. ४० से कम का साइज़ नहीं होगा.. इतने बड़े बड़े है.. आप खुश हो जाएंगे सर.. !!"

शीला और रेणुका एक दूसरे के सामने देखने लगे.. वो समझ गए की हेमंत उस आदमी को उनके स्तनों का विवरण दे रहा था.. बात करते करते भी हेमंत रेणुका के स्तनों को मसल रहा था.. तीनों के चेहरे पर उत्तेजक मुस्कान छा गई थी.. ९९ प्रतिशत पुरुषों को स्त्री के बड़े स्तन बेहद पसंद होते है.. सामने से चलकर आ रही किसी भी सुंदर स्तनों वाली स्त्री को केवल नज़रों से ही नाप लेते है..

हेमंत ने उस शख्स के सभी सवालों के संतोषजनक उत्तर दीये.. पर हेमंत के जवाब सुनकर शीला और रेणुका दोनों ही गरम हो रहे थे..

हेमंत: "अरे सर, आप भी कहाँ कम है.. !! आप के पास आके वो भी ट्रेन हो जाएगी सर.. घरेलू है.. इसलिए शायद मुंह में तो नहीं लेगी.. प्रोफेशनल होती तो जरूर लेती.. लेकिन यकीन मानिए.. आप खुश हो जाएंगे सर.. !!"

रेणुका को बाहों में भरकर एक जोरदार लीप किस देते हुए हेमंत ने कहा: "इन्जॉय.. बहुत ही शौकीन है.. खूब चोदेगा आपको.. मजे करना.. आपका पार्टनर आ गया है तो आपकी एंट्री पक्की.." रेणुका ने हेमंत के लंड पर हाथ फेरते हुए कहा "हेमू.. बड़ा ही मस्त लंड है तेरा.. जाने से पहले एक बार इसे जरूर चखूँगी.. कभी मुझे भी उसी तरह चोदना जैसे शीला जी को चोदा है.. ओके.. !! चोदेगा ना.. !! चलो अब मैं चलती हूँ.. बाय शीला.. बाय हेमू.. !!"

तभी हेमंत ने उसका हाथ पकड़कर याद दिलाया "आप मास्क भूल गई अपना.. !!"

"ओह सॉरी डीयर.. लव यू.. याद दिलाने के लिए शुक्रिया.. !!" चेहरे को पूरी तरह ढँक दे ऐसा मास्क पहन कर रेणुका निकल गई.. उसकी चाल में.. अनजान लंड से चुदने की हवस साफ दिख रही थी..

उसके जाते ही हेमंत ने शीला से कहा "आप कपड़े चेंज कर दीजिए.. हो सके तो आप बिना ब्रा के मेरी शर्ट पहन लीजिए.. इसमें आप के बड़े बड़े बूब्स जबरदस्त हॉट दिखेंगे.. और नीचे मिनी-स्कर्ट कैसा रहेगा? ऊपर करते ही चूत के दर्शन हो जाएंगे.. !!"

शीला: "हेमू तू भी पागल है.. मैं ऐसे कपड़े लाई नहीं हूँ.. जो है उसी से काम चलाना पड़ेगा.. और वैसे यहाँ कपड़े पहनेगा कौन?? एक दो मिनट में तो सब के कपड़े उतर जाने वाले है"

हेमंत: "मैडम.. फर्स्ट इंप्रेशन इस धी लास्ट इंप्रेशन.. पहली नजर में अगर आप मर्दों की नज़रों में बस गई तो देखना फिर आप की डिमांड कैसे बढ़ जाएगी.. !! मैं तो कहता हूँ.. आप ही पार्टी में सब से हॉट लगोगी.. एक सीक्रेट बात है.. जो मैं आप को अभी नहीं बताऊँगा.. पर जब आपको पता चलेगा तो आप जरूर चोंक जाओगी.. बस आप सब से हॉट दिखने की कोशिश कीजिए.. वैसे हॉट तो आप पहले से हो.. थोड़े कपड़े ऐसे पहन लीजिए.. काम हो जाएगा"

शीला: "पर डीयर.. मेरे पास ऐसे कपड़े नहीं है यार.. कह तो रही हूँ.. !!"

हेमंत: "डॉन्ट वरी.. एक मिनट रुकिए.. " हेमंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में.. एक बॉक्स लेकर वापिस लौटा

शीला को बॉक्स थमाते हुए हेमंत ने कहा "ये देखिए.. यह जोड़ी कैसी रहेगी??"

बॉक्सस खोलते ही.. उसमें से एक चमकीला गोल्डन कलर का शर्ट निकला.. शीला देखकर खुश होगई.. उसे वो शर्ट इतना पसंद आ गया की उसने तुरंत अपनी साड़ी उतारी.. ब्लाउस और पेटीकोट भी उतार दीये.. और हेमंत के सामने बिल्कुल नंगी हो गई..

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हेमंत: "माय गॉड.. !! आप ने सच ही कहा था.. हॉट दिखने के लिए आपको कपड़ों की कोई जरूरत नहीं है.. बस कपड़े उतारने की जरूरत है.. " शीला के जोबन को दबाते हुए हेमंत सिर्फ इतना ही बोल सका.. उसका लंड फिर से टाइट हो गया.. पर पार्टी के लिए बचाकर रखा हुआ रिजर्व कवॉटा वो अभी इस्तेमाल कर देता तो फिर पार्टी में उसका लंड खड़ा ही न होता.. इसलिए उसने अपने आप को कंट्रोल किया..

शीला ने शर्ट पहन लिया और अपने आप को मिरर में देखने लगी.. आहाहाहा.. गोल्डन चमकीले शर्ट में.. बिना ब्रा के बड़े बड़े बबले.. क्या लग रहे थे.. !! दोनों पॉकेट पर स्तनों के उभार.. और मध्य में नुकीली निप्पल.. स्पष्ट नजर आ रही थी.. शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल दीये शीला ने.. स्तनों की बीच की दरार शीला की कामुकता में चार चाँद लगा रही थी.. बॉक्स में एक मेक्सी भी थी.. जो शीला के घुटनों तक आती थी..

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शीला को इस नए रूप में देखकर उत्साहित हेमंत उसके करीब आया.. मेक्सी को उठाकर उसने शीला की कातिल जांघों के मांस को दबा दिया और कहा "शीला जी.. बस इसी दरार को झुककर दिखाना है.. और स्कर्ट को बार बार उठाकर अपनी मादक जांघों के दर्शन देने है पार्टी में.. इन्हें देखते ही सारे लोड़ो की धज्जियां उड़ जाएगी.. देखना.. आज आपको देखकर ही पार्टी जल्दी शुरू हो जाएगी.. "

हेमंत ने शीला को मास्क पहनाया.. और पार्टी के लिए तैयार कर दिया.. अपने इस नए स्वरूप को आँख भरकर एक बार और आईने में देखकर शीला को पक्का यकीन हो गया की मदन या राजेश.. दोनों में से कोई भी उसे पहचान नहीं पाएगा.. अनजाने में ही सही.. हेमंत ने बहोत बड़ी मदद कर दी थी शीला की.. वरना शीला के गदराए बदन का जलवा ही कुछ ऐसा था की लाखों औरतों के बीच भी कोई उसे पहचान लेता.. हेमंत की दीये हुए कपड़े ऐसे थे की जिससे शरीर ढँक गया था पर फिर भी कामुकता बाहर झलक रही थी..

तभी हेमंत के मोबाइल पर एलार्म बजा..

हेमंत: "चलिए चलते है शीला जी.. अब से आप शीला जी नहीं है और मैं हेमंत नहीं हूँ.. अब आप सुनंदा है.. जैसा नाम वैसा ही बदन है.. क्या लग रही हो आप.. देखकर ही किसी का भी पानी निकल जाए" हेमंत नए सिरे से उत्तेजित होकर शीला के गले लग गया और उसके बड़े बड़े स्तनों को रौंद दिया.. वो इतना उत्तेजित था की अभी शीला को चोदना चाहता था.. पर ना ही उतना समय था और ना ही उसमें उतनी ऊर्जा बची थी

शीला और हेमंत.. मास्क लगाकर बाहर निकले.. शीला ने अपना कमरा लॉक किया और हेमंत का हाथ पकड़ कर.. कपल की तरह चलते चलते लिफ्ट से ऊपर जाकर.. लॉबी से गुजरते हुए एक बड़े हॉल की तरफ आगे बढ़े..

उनके आगे ही.. रेणुका एक अनजान मर्द के साथ जा रही थी.. पर हेमंत ने पहले ही हिदायत दी थी.. की पार्टी में ऐसे ही पेश आना है जैसे हम एक दूसरे को जानते न हो.. !!

अपनी जिज्ञासा को बड़ी मुश्किल से दबाया शीला ने.. फिर भी उसके मन में यह उत्कंठा जरूर थी की देखें वो अनजान मर्द कौन था.. कैसा था.. आखिर वो कौन सा नया लंड है जो आज रात रेणुका की पुच्ची को गीला करेगा.. !!

एक अत्यंत विशाल हॉल था.. जिसे बड़े ही आधुनिक ढंग से सजाया गया था.. अंदर बहोत कम लोग थे अभी.. और ज्यादा चहल-पहल भी नहीं थी.. रेणुका-शीला और उनके साथियों के अलावा और कोई नहीं था..

रेणुका और उसके साथी को देखते ही एनाउंसर ने माइक पर कहा "वेलकम टू अवर फर्स्ट कपल.. कामिनी एंड कॉकटेल.. !!" और पीछे शीला और हेमंत को देखकर कहा "एंड ऑलसों वेलकम टू सुनंदा एंड बँटी"

शीला अचंभित होते हुए हॉल में सजाए गए कामुक आर्टिकल्स को देख रही थी.. हॉल की छत.. रंगबिरंगी कोंडम को फुलाकर गुबारों की तरह सजाई गई थी.. सारी दीवारों पर कामुक अंदाज में चुदाई कर रहें जोड़ों की बड़ी बड़ी तस्वीरें लगी हुई थी.. आसपास कई टेबलों पर सेंकड़ों किस्म के डिल्डो और रबर से बनी चूतें रखी हुई थी.. बीचोंबीच संगेमर्मर से बनी एक कलात्मक नग्न मूर्ति थी.. जिसकी दोनों निप्पलों से सफेद रंग का दूधनुमा प्रवाही बह रहा था.. और चूत से पानी टपक रहा था..

दीवार पर लगी कुछ तस्वीरों में.. लड़की एक साथ दस मर्दों के बीच लैटी हुई थी.. एक ने चूत में लंड पेल रखा था तो एक ने गांड में.. एक लंड मुंह में लिया हुआ था और दो लंड हाथ में थे.. साथ ही दो मर्द उसके एक एक स्तन की निप्पलों को चूस रहे थे.. शेरों का समूह.. हिरनी के शिकार को खा रहा हो ऐसा द्रश्य था.. दूसरी तस्वीर में.. ६ से सात लड़कियां एक मर्द पर टूट पड़ी थी.. सारी तस्वीरों में कुछ न कुछ असामान्य था.. ऐसे तस्वीरें थी जिन्हें बार बार देखने का मन हो जाए

उस दौरान एनाउंसर की उत्तेजक कॉमेंट्री चालू थी

शीला की ओर देखकर उसने कहा "क्या कातिल ड्रेसिंग है इस मैडम की.. सारे मर्दों को अपने स्कर्ट में गायब कर देगी आज.. मिस सुनंदा.. आपके बूब्स का साइज़ ४२ या उससे ज्यादा ही होगा.. क्यों ठीक कहा ना मैंने.. !!"

अपने मास्क पहने सर को हिलाते हुए शीला ने "हाँ" कहा

काफी और जोड़े एक के बाद एक.. हॉल में प्रवेश करने लगे..

एनाउंसर: "हैलो एवरीवन.. मेरा नाम रोमा है.. आज रात मैं आप कोगोन को जी भर के इन्जॉय करने की टिप्स दूँगी.. कृपया मेरे एनाउंसमेंट पर ध्यान दीजिएगा.. प्रोमिस करती हूँ.. आप को बहोत मज़ा आएगा और ये रात आपके लिए यादगार बन जाएगी" कहते हुए उसने अपने वन-पीस ड्रेस की गांठ पीछे से खोल दी.. और उसका ड्रेस उतरकर उसके कदमों पर ढेर हो गया.. उसने न ब्रा पहनी थी और ना पेन्टी.. सुंदर कमसिन सेक्सी बदन देखकर.. हॉल में बैठे लोगों की आहें निकल गई..

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रोमा : "ये देखिए.. अब मैं आप सब के सामने बिल्कुल नंगी होकर बैठी हूँ.. आप में से जो चाहें मुझे आकर चोद सकता है.. इस वक्त मैं देख रही हूँ की मिस्टर कॉकटेल.. सुनंदा के बड़े बड़े बूब्स को एन्जॉय करना चाहते है.. कब से घूर रहे है.. डरिए मत.. मिस्टर कॉकटेल.. ये सुनंदा भी आपका लँड चूसने के लिए बेकरार है.. जाईए और दबा लीजिए.. उस रंडी के बूब्स.. और हाँ.. जरा जोर से दबाना वरना वो नाराज हो जाएगी"

रोमा की बातें सुनकर शीला रोमांचित हो गई..

रोमा: "इस हॉल में.. कोई भी.. किसी को भी छु सकता है.. जो चाहें कर सकता है.. इस फकिंग क्लब का यह पहला रूल है.. आपका जिस्म.. सब के लिए है..!! आप किसी को मना नहीं कर सकते.. ओके??"

रेणुका का साथी कॉकटेल.. शीला के करीब आकर उसके स्तनों पर हाथ फेरने लगा.. ऊपर के बटनों को खोलकर शीला ने एक स्तन बाहर निकालकर उसे सहूलियत कर दी.. तुरंत ही कॉकटेल ने मास्क में बने छेद से निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.. शीला उसके पेंट के ऊपर से ही लंड को नापने लगी.. और फिर उसकी ठुड्डी पकड़कर उसके मुंह से निप्पल छुड़ाते हुए चूम लिया.. शीला ने उस शख्स का हाथ पकड़ कर मेक्सी के अंदर इस तरह डाल दिया की जिससे वो शीला की चूत को महसूस कर सकें.. कॉकटेल ने कलाई पर राडो की अत्यंत महंगी गोल्डन घड़ी पहनी हुई थी.. जो शीला को बेहद पसंद आ गई..

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शीला के भोसड़े को कुरेदते हुए कॉकटेल ने उसे जबरदस्त गरम कर दिया.. दूसरी तरफ बैठा हेमंत भी कहाँ कम था.. !! वो पहुँच गया रेणुका के पास.. और उसके स्तनों को दबाने लगा.. एकदम धीमी आवाज में उसने रेणुका के कानों में कहा "कॉकटेल बहुत ही मालदार पार्टी है.. खुश हो गया तो मालामाल कर देगा.. नई नई गिफ्ट्स देने का उसे बहोत शौक है.. उसका एक बार दिल आ गया तो फिर पैसों के सामने नहीं देखता"

रेणुका ने भी उतनी ही धीमी आवाज में हेमंत से कहा "मुझे तो तगड़ा मूसल मिल जाएँ.. वहीं सब से बड़ी गिफ्ट होगी.. और किसी गिफ्ट का मैं क्या करूंगी भला.. !!"

रोमा की कामुक कॉमेंट्री और एक के बाद एक नए मेम्बरो की एंट्री से पार्टी का माहोल जमने लगा था.. रोमा हर नए व्यक्ति की पहचान एनाउंस करते हुए देती.. सब को एक सा महत्व दे रही थी.. जैसे जैसे मेम्बर आते गए वैसे वैसे शीला और रेणुका.. बड़ी ही बेसब्री से अपने पतियों के चेहरे ढूंढ रही थी.. चारों तरफ अब काफी भीड़ सी हो रही थी.. और सारे लोग अस्तव्यस्त खड़े थे.. ऊपर से सब ने मास्क पहन रखा था.. इस जमावड़े में उन दोनों को ढूँढना बेहद कठिन था.. सिर्फ शरीर को देखकर ही अनुमान लगाना था.. हालांकि शीला और रेणुका के अलावा.. कोई भी.. किसी दूसरे को पहचान ने की कोशिश नहीं कर रहा था..

सेंट्रली ए.सी. कॉनफरंस हॉल में अब धीरे धीरे माहोल बनता जा रहा था.. रोमा की शरारती उद्घोषणाएं वातावरण को और रंगीन बना रही थी.. शीला के कपड़े और उसका शरीर सौष्ठव.. सब के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.. !! कई औरतें ऊपरी वस्त्र के नाम पर.. केवल एक छोटे से रुमाल से अपने स्तन ढँककर आई थी.. पुरुष वर्ग भी रंगबिरंगी कपड़ों में सज्ज था.. काफी लोगों के हाथों में सिगार थी.. क्यूबन सिगार के धुएं की मदहोश खुश्बू सारे हॉल में फैल रही थी.. उन पुरुषों के प्रभावशाली व्यक्तित्व में, आसपास की स्त्रीयों को प्राप्त कर.. भोगने की लालसा स्पष्ट नजर आ रही थी.. तमाम मर्दों को अपनी पत्नी को प्रदर्शित करने में उतनी दिलचस्पी नहीं थी.. जितनी दिलचस्पी वो दूसरों की बीवियों को ताड़ने में दिखा रहे थे.. पराई स्त्री के देह का रसपान करने में सारे मर्द इतने मशरूफ़ हो चलें थे.. की अपनी खुद की पत्नी को कोई दबोचकर चोद दे तो उन्हें पता भी नहीं चलता.. वैसे वो आए भी उसी आशय से थे.. की अपनी पत्नी को किसी और को सौंप सकें.. और खुद किसी और की बीवी की टांगें चौड़ी कर अंदर लंड घुसेड़ सकें.. !!

शीला और रेणुका की उत्तेजना पराकाष्ठा पर थी.. दोनों पार्टी में आए लोगों की हरकतों को देखकर गरमा चुकी थी.. शीला ने देखा.. बगल में खड़े कपल की स्त्री के स्तनों को उसके पति/पुरुषमित्र के सामने ही दूसरा एक मर्द दबाकर चूस रहा था.. वो स्त्री अपने पति की नज़रों के सामने ही उस अनजान शख्स का लंड हिला रही थी.. बीच मैं बने छोटे से स्टेज पर बैठकर.. नग्न रोमा.. चारों और का द्रश्य देखते हुए.. बीभत्स और शरारती कमेंट्स किए जा रही थी..

एक आदमी शीला के बगल में आकर खड़ा हो गया.. शीला की गोरी गर्दन पर हाथ फेरते हुए वो मुस्कुराने लगा.. कॉकटेल को छोड़कर यह पहला व्यक्ति था जसिने शीला के बदन का स्पर्श किया था.. धीमी आवाज में रोमेन्टीक जैज़ म्यूज़िक वातावरण को मदहोश बना रहा था.. शीला के बदन पर अब हवस का खुमार छाने लगा था.. क्योंकि हॉल के सभी मर्दों के लिए.. और कुछ औरतों के लिए भी.. शीला आकर्षण का केंद्र बन चुकी थी.. थोड़ी ही देर में.. शीला के इर्दगिर्द मर्दों का ऐसा जमावड़ा हो गया जैसे मधूमक्खियों का छत्ता हो.. सब मिलकर शीला के अलग अलग अंगों को सहला रहे थे.. शीला को खुद अंदाजा नहीं था की उस व्यक्त कितने लोगों के हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे.. उसके दोनों स्तनों को जैसे सजा-ए-मौत का फरमान मिला हो.. वैसे रोंदा जा रहा था.. एक के बाद एक.. शीला सब के स्पर्श को महसूस करने के लिए तत्पर थी.. क्योंकि वही एक तरीका था जिससे वो मदन को पहचान सकती थी..

शीला ने हेमंत के कानों में कहा "बँटी बेटा.. इन सब लोगों से कह दो की सुनंदा बारी बारी सब का लंड चूसना चाहती है.. सब एक लाइन में खड़े हो जाए"


हेमंत ने तुरंत ही सब को संबोधित करते हुए कहा "हैलो एव्रीबडी.. मैं देख रहा हूँ की आप सब मेरी पत्नी के पीछे पागल हुए जा रहे है.. आई डॉन्ट माइंड.. मुझे तो मज़ा आ रहा है ये सब देखकर.. वो भी चाहती है आप सब के साथ इन्जॉय करना.. वो आप सब के लंड चूसना चाहती है.. प्लीज आप सब एक लाइन में आ जाइए.. ताकि वो एक के बाद एक आप सब के लंड चूस सकें.. एक बार अनुभव कीजिए तब आप को पता चलेगा की मेरी बीवी कितना अच्छा चूसती है.. !!"

यह सुनते ही सारे मर्दों में खुशी की लहर दौड़ उठी.. हेमंत का आमंत्रण सुनते ही सब कतार में खड़े हो गए.. और शीला एक के बाद एक.. उनके लंड बाहर निकालकर चूसने लगी.. सब मिलाकर ५० के करीब पुरुष थे.. बारी बारी लंड चूसते हुए.. शीला ने ४ शकमंदों को तलाश लिया.. जिनका लंड बिल्कुल मदन जैसा था.. अब शीला का ध्यान केवल उन चार पुरुषों पर ही था..

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शीला के सुनहरे शर्ट में थिरकता हुआ उसका मदमस्त जोबन.. शर्ट को फाड़ने की तैयारी में था.. इतने सख्त हो गए थे उसके बबले.. !! तमाम मर्द शीला के बबलों का हुस्न देखकर पगला रहे थे... उसका एक स्पर्श पाने के लिए सारे लंड फड़फड़ा रहे थे.. पूरी पार्टी का केंद्र बिन्दु बन चुकी थी शीला.. !! हेमंत ने आसपास नजरें फेरते हुए सारी औरतों के देह-लालित्य पर एक कामुक नजर डाली.. कुछ औरतें आपस में ही एक दूसरे के जिस्म से खेल रही थी.. तो कुछ स्त्रीयां अपने स्तन खोलकर.. खुद ही दबाते हुए पूरे हॉल में घूम रही थी और माहोल की गर्मी को बढ़ा रही थी..

हेमंत एक स्त्री के पास गया और उसके स्तनों को छेड़ने लगा.. तभी उस स्त्री के पार्टनर ने हेमंत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा "यार, गजब का पटाखा है तेरी बीवी.. किसी भी कीमत पर आज रात को मैं उसे चोदना चाहता हूँ.. हम आपस में समझौता कर लेते है.. आप मेरी वाइफ को सिलेक्ट कर लो.. और मुझे आप की वाइफ दे दो..!!" शीला की जानकारी के बाहर ही सेटिंग होने लगी थी

हेमंत: "सर, बेशक मुझे कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. लेकिन इसके लिए आपको मुझ से नहीं.. सुनंदा से ही बात करनी होगी.. क्योंकि आखिर जो होगा उसकी मर्जी से ही होगा.. सिर्फ मेरे चाहने से क्या होगा??"

उस शख्स ने कहा "पर आप तो उसे राजी कर सकते है ना??.. मैं उसे आज रात जी भरकर चोदना चाहता है.. क्या जालिम माल है यार.. !! ऐसी औरत बिस्तर पर साथ नंगी पड़ी हो.. तो जीवन में और कुछ नहीं चाहिए.. !! उसके दोनों बबलों के बीच लंड घुसाकर चोदना है एक बार.. !!" और फिर अपना कडा लंड दिखाते हुए वो बोला "देखो यार.. क्या हाल हो गया है इसका.. आपकी वाइफ को देखकर.. !!"

उसकी पत्नी ने उस शख्स का लंड पकड़ लिया.. और साथ ही हेमंत के लंड को पकड़कर बोली "मुझे तो दो दो लंड से एक साथ करवाना है.. मेरी हमेशा यह फेंटसी रही है की मुझे दो मर्द एक साथ बेरहमी से चोदे.. !!" इतना बोलते ही वो घुटनों के बल बैठकर बारी बारी से दोनों लंड को चूसने लगी..

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हेमंत बड़ी मस्ती से लंड चुसाई का आनंद ले रहा था.. उसने शीला की तरफ देखा.. और स्तब्ध हो गया.. शीला के चेहरे का मास्क.. कई मर्दों के वीर्य से भर चुका था.. वीर्य की धाराएं बहकर उसके शर्ट पर भी गिर रही थी.. उसका शर्ट कई जगहों से फट चुका था.. पराकाष्ठा पर पहुंचकर कई मर्द काफी आक्रामक हो जाते है.. एक साथ २० मर्दों के बीच.. शीला उनकी विकृतियों को शांत करने का साधन बने बैठी थी.. उसके हावभाव से प्रतीत हो रहा था की उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि वो जानती थी की ऐसा समय उसके जीवन में फिर दोबारा लौटकर नहीं आने वाला था..

उन चार मर्दों में से.. शीला को एक मर्द पकड़ में आ गया.. जो उसके हिसाब से मदन ही था.. मन ही मन खुश होते हुए वो बार बार उसी मर्द को टारगेट बना रही थी.. और उसके इर्दगिर्द ही घूमती रही.. शीला को शक तो पूरा था.. पर उस शक को यकीन में बदलने के लिए क्या किया जाएँ.. यह उसके दिमाग में नहीं आ रहा था.. मदन ने पार्टी में अपना क्या नाम रखा था.. वो भी उसे पता नहीं था

तभी रेणुका शीला के करीब आई और उसका हाथ पकड़कर कोने में ले गई.. और धीरे से उसके कान में फुसफुसाई "शीला, मैंने राजेश को ढूंढ लिया है.. देख.. वो सामने खड़ा है" इशारे से रेणुका ने शीला को दिखाया

"पर तुझे कैसे पता चला की वो राजेश ही है?"

रेणुका: "जब भी रोमा का फोन आता था.. तब वह राजेश को रॉकी के नाम से संबोधित करती थी.. यहाँ भी जब वो अंदर आया तब रोमा ने उसे रॉकी के नाम से ही वेलकम किया था"

शीला: "अच्छा.. !! वैसे मैंने भी मदन को लगभग पहचान ही लिया है.. अब मेरी बात सुन.. जिसे मैं मदन समझ रही हूँ.. तू उसके साथ जाकर थोड़ा इन्जॉय कर ले.. तब तक मैं राजेश का लंड चख लेती हूँ.. ठीक है.. !! उन दोनों को पता भी नहीं चलेगा और हम दोनों को एक दूसरे के पति के लंड को चखने का अनमोल मौका मिल जाएगा"

रेणुका: "तेरा आइडिया तो जबरदस्त है यार.. तू जा.. और राजेश के लंड को चेक कर.. अगर उसके सुपाड़े पर छोटा सा तिल हुआ तो वो यकीनन राजेश ही है..!! और हाँ.. मदन भैया के जिस्म पर ऐसी कोई निशानी है क्या?" शीला के गले पर लगे किसी के वीर्य को चाटते हुए रेणुका ने उसे चूम लिया

शीला सोच में पड़ गई और फिर बोली "नहीं यार.. ऐसा तो कुछ याद नहीं आ रहा.. पर मुझे पक्का यकीन है की वो मदन ही है"

मदन और राजेश अपनी मस्ती में मस्त थे.. उन्हों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की उनकी पत्नियाँ यहाँ मौजूद थी..

रेणुका घूमते घूमते उस पुरुष के पास पहुँच गई.. जो शीला के हिसाब से.. मदन था.. !! रेणुका ने उसे पीछे से बाहों में भर लिया.. और अपने स्तनों को उसकी पीठ पर रगड़ते हुए उसके लंड को पकड़कर हिलाने लगी.. उस पुरुष के मुंह से कामुक सिसकी निकल गई.. और उसकी आवाज सुनकर रेणुका को ५० प्रतिशत यकीन हो गया की वो मदन ही था.. अभी पूरी तसल्ली करना बाकी था

शीला भी चलते चलते राजेश के पास पहुँच गई.. उसे देखकर रोमा ने माइक पर कहा "लगता ही की अब सुनंदा रॉकी का लंड चूसने का इरादा बनाकर आई है.. यू आर वेरी लकी रॉकी जी.. !!" यह सुनते ही शीला ने झुककर रॉकी/राजेश के लंड को हाथ में लिया.. जैसा रेणुका ने कहा था बिल्कुल वैसा ही तिल.. उसके फुले हुए सुपाड़े पर नजर आया.. कनफर्म हो गया.. वह राजेश ही था.. रोमांचित होकर शीला ने तुरंत सुपाड़े को अपने मुंह में डाल दिया.. और उत्तेजना से चूसने लगी..

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राजेश का लंड चूसते हुए वो यही सोच रही थी.. की अब मदन की पहचान को कैसे कनफर्म करें?? दिमाग को काफी कसने के बाद भी जब कोई रास्ता न सुझा.. तब उसने हेमंत को अपने करीब बुलाया.. और कहा "बँटी.. मेरा दिल उस शख्स पर आ गया है.. तू जा और उससे बात कर.. और मेरी चूत के लिए उसके लंड का जुगाड़ कर"

हेमंत: "मगर सुनंदा.. तुमने तो वादा किया था की रात मेरे साथ गुजारोगी.. !! मैं तुम्हें किसी और को नहीं दूंगा.. आज रात तुम बस मेरे लंड की रानी बनकर रहोगी.. मेरी सुनंदा को मेरी नज़रों के सामने कोई चोदे.. ये मैं होने नहीं दूंगा.. !!"

शीला: "अरे मेरी जान.. मैं तो तुझे मिलूँगी हाइ.. लेकिन आज रात नहीं.. आज रात मुझे मेरी पसंद का लंड लेने डे.. तेरे लंड का तो मैं फुर्सत से हिसाब करूंगी.. !! ठीक है.. !! अब जो मैंने किया है वो कर.. अगर मुझे फिर से पाना चाहता है तो"

हेमंत लाचार था, उसने कहा "ठीक है.. मैं उस आदमी से बात करता हूँ"

जैसे ही हेमंत उस आदमी के पास जाने लगा.. तभी रोमा ने माइक पर कहा "लेडिज एंड जेन्टलमेन.. अब टाइम आ गया है हम जोड़ियाँ बना ले.. आज तक हम जिस रूल से जोड़ी बनाते आए है.. उस रूल में हमने इसबार थोड़ी सी तबदीली की है.. जैसा की आप सब जानते है.. इस काउंटर पर सभी मर्दों की चाबियाँ है.. सभी लेडिज यहाँ आकर एक के बाद एक चूज़ करती थी और पार्टनर का चयन हो जाता था.. लेकिन हमारे पास कई नए नए सुझाव आए है... जिन में से ज्यादातर लेडिज के थे.. जिनका कहना है की इस तरह उन्हें पसंद करने का योग्य अवसर नहीं मिलता.. और किस्मत से मिलें लंड से.. मतलब की अपने पति से... तो वो पहले ही घर पर चुदवा ही रही है.. तो ऐसा करने से रोमांच कम हो जाता है.. इसलिए हम ने यह फैसला किया है की आज सब से पहले हम आप को पार्टनर चुनने का मौका देंगे.. सब से पहले हर मर्द अपनी पसंदीदा औरतों के पास जाकर खड़ा हो जाएँ.. !!"


पचास में से लगभग पैंतीस पुरुष शीला की बगल में खड़े हो गए..
Bahut hi kamuk update. Sheela ki leela ab suru hogi.
 
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थोड़ी देर के बाद तीनों ने कपड़े पहन लिए.. साढ़े आठ बज चुके थे..

हेमंत: "मैडम, अब मुझे इजाजत दीजिए.. काउंटर पर सब लोग मेरा इंतज़ार कर रहें होंगे.. आप को किसी भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक मुझे कॉल कीजिएगा.. मैं हाजिर हो जाऊंगा" फिर रेणुका की ओर मुड़कर उसने कहा "मैडम, आपका पार्टनर जैसे ही आएगा.. मैं आपको इन्फॉर्म कर दूंगा.. मगर उसके सामने अभी आपको आने की कोई जरूरत नहीं है.. मैं नहीं चाहता की कोई लफड़ा हो.. जब पार्टी जॉइन करेंगे तभी मैं आपको उससे मिलवाऊँगा.. क्या है की कभी कभी लास्ट मोमेंट पर बड़ी मुसीबतें खड़ी हो जाती है.. तब तक आप आराम कीजिए.. और आपको खाने में क्या पसंद है ये बताइए.. मैं खुद ले कर आऊँगा.. और हम तीनों साथ बैठकर खाएंगे"

रेणुका थोड़ी सी घबरा गई "कैसी मुसीबतें??"

हेमंत: "घबराने की कोई बात नहीं है मैडम.. मैं तो पसंद आने न आने की बात कर रहा हूँ.. और कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. और अगर कुछ प्रॉब्लेम हुआ तो मैं हूँ ना आपके साथ.. !!"

शीला और रेणुका ने खाने का ऑर्डर दिया जो हेमंत ने नोट कर लिया.. हेमंत ने जाते हुए दरवाजे पर खड़े होकर कहा "मैडम, आपको तो पता ही होगा.. पार्टी रूम में मास्क पहनकर जाना होता है.. ताकि हर कोई अपनी पहचान गुप्त रख सकें.. हम दोनों साथ एंट्री करेंगे.. और ये मैडम, अपने पार्टनर के साथ.. ठीक है.. !! कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए.. प्लीज.. !!"

शीला: "थेंकस डीयर.. तूने आज हमारी बहोत बड़ी हेल्प की है.. अगर तुम न होते तो इतनी जल्दी रजिस्ट्रेशन कभी नहीं हो पाता.. और हमें यहीं से वापिस लौट जाना पड़ता.. !!"

हेमू ने शीला को आँख मारी और मुस्कुराता हुआ चला गया.. रेणुका और शीला अब निश्चिंत होकर बैठे.. रेणुका ने सिगरेट सुलगाई.. और दोनों बारी बारी उसे फूंकने लगे

रेणुका: "यार शीला.. गजब का कॉन्फिडेंस है तेरा.. बड़े आराम से तू ऐसे पेश आ रही थी जैसे तुझे सब कुछ पहले से ही पता हो.. !!"

शीला ने जवाब नहीं दिया.. सिगरेट का एक लंबा कश लगाते हुए वो गहन विचारों में खो गई.. और आगे की रणनीति के बारे में सोचने लगी

रेणुका: "क्या सोच रही है?"

शीला: "सोच रही हूँ.. की तुझे उस अनजान शख्स के साथ नही जाना चाहिए.. तुझसे कुछ गलती हो गई तो हम दोनों फंस जाएंगे.. उसके साथ मैं ही चली जाऊँगी.. तू हेमंत के साथ मजे करना"

रेणुका: "पर वो तो तेरे पीछे पागल हो पड़ा है.. उसे तो सिर्फ तू ही चाहिए"

शीला: "हम्म.. मैं भी यही सोच रही हूँ.. वो तो देखा जाएगा जो भी होगा.. !!"

आधे घंटे के बाद वेटेर खाना रख गया.. शीला ने तीन प्लेट परोसी और फिर हेमंत को फोन किया.. हेमंत ने फोन कट कर दिया और तुरंत उनके कमरे में पहुँच गया.. दरवाजा अंदर से लॉक करने के बाद, तीनों ने भरपेट खाना खाया..

हेमंत: "देखिए मैडम, आज यहाँ आप जो कुछ भी करेंगे उसे पूरी तरह से पहचान छुपा कर ही करना है.. किसी को आप की पर्सनल इनफ़ोर्मेशन बिल्कुल भी नहीं देनी है.. आज रात का आप का पार्टनर जो कोई भी हो या आप को उसे साथ चाहे कितना भी मज़ा क्यों न आए और वो आप को कितना भी फोर्स क्यों न करे.. आप अपना मोबाइल नंबर, पता या शहर का नाम, कुछ भी नहीं बताएंगे.. अगर फिर भी आप किसी भी प्रकार की जानकारी देते है तो आगे उसके जिम्मेदार आप खुद ही होंगे"

रेणुका: "ठीक है हेमंत.. हम किसी को अपनी कोई जानकारी नहीं देंगे"

हेमंत: "मैं तो कहता हूँ की ज्यादा बात करने के भी जरूरत नहीं है.. जिस काम के लिए मिले है.. वही काम करके निकल जाना चाहिए.. क्या मालूम वो लोग फोन पर रेकॉर्ड कर रहे हो!! आवाज से भी कभी कभी पहचाना जा सकता है.. सो कीप इट टॉप सीक्रेट.. और सिर्फ मजे करने पर ही ध्यान केंद्रित रखना.. ठीक है.. !!"

शीला: "ठीक है हेमू.. हम समझ गए"

हेमंत: "और ये लीजिए.. आप दोनों के लिए मास्क.. इसे पहन कर ही आप को एंट्री मिलेगी.. और हाँ.. पूरा टॉप फ्लोर इस पार्टी के लिए ही बुक किया गया है.. रात दस बजे के बाद किसी अन्य को ऊपर आने की इजाजत नहीं है.. एक बार ऊपर जाने के बाद आप भी नीचे मत उतरिएगा.. और जहां कहीं भी घूमो.. मास्क पहन कर ही घूमना.. टॉइलेट में जाओ तो भी मास्क पहन कर.. बिना मास्क के बिलकूल भी नहीं.. ठीक है.. !! शीला जी, अब थोड़ी देर मे पार्टी शुरू होगी.. आप ड्रिंक्स पर कंट्रोल रखना.. किसी का दिया हुआ ड्रिंक मत पीना.. !! और हाँ एक खास बात तो भूल ही गया.. वहाँ पर एनाउंसमेंट के लिए आपका क्या नाम रखूँ? यहाँ हर कोई अपना नकली नाम ही बताता है"

शीला: "मेरा नाम सुनंदा रखना"

हेमंत ने नोट करते हुए कहा "सुनंदा... ओके.. और रेणुजी.. आप का क्या नाम रहेगा??"

रेणुका ने थोड़ा सोचकर कहा "कामिनी नाम कैसा रहेगा??"

हेमंत: "एकदम सेक्सी नाम है.. कामिनी.. "

शीला और रेणुका की दिल की धड़कनें धीरे धीरे तेज हो रही थी.. पार्टी शुरू होने की उत्तेजना उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी.. घड़ी में साढ़े नौ का समय हो चुका था.. हेमंत खड़ा हो गया

"शीला जी, आप मेरी पार्टनर है इसलिए आप मेरे साथ चलिए.. और रेणुकाजी आप....!!" हेमंत आगे कुछ बोलता उससे पहले उसका मोबाइल बजा.. हेमंत ने वो शीला-रेणुका के बगल वाले रूम का नंबर फोन पर बताया.. और उसे वहाँ बैठने के लिए कहा.. और साथ ही उस व्यक्ति को कहा की वो फ्रेश होकर बैठे.. उसका पार्टनर पाँच मिनट में उसके कमरे में पहुँच जाएगा.. उस शख्स ने हेमंत को जो कुछ पूछा और हेमंत ने उसके जो जवाब दीये वो सुनकर रेणुका और शीला वासना से तपकर लाल लाल हो गए..

हेमंत: "जी सर.. आप की चॉइस मैं भलीभाँति जानता हूँ.. एकदम कडक माल है.. घरेलू टाइप.. बाजारू नहीं है.. !!.. जी.. जी.. एकदम गोरी चिकनी है.. मस्त माल है सर..पार्टी के लिए आई थी मगर उनके पार्टनर समय पर पहुँच नहीं सके इसलिए वापिस जा रही थी.. जी.. जी.. उनके मतलब.. वो दो है.. और उनके पार्टनर दूसरे शहर से आने वाले थे.. यस यस सर.. जी उनके साथ उनकी एक फ्रेंड भी है.. दोनों एक साथ आई है.. और उनकी फ्रेंड को भी मैंने आप की तरह किसी ओर के साथ बुक कर दी है... अरे सर.. चिंता मत कीजिए.. मैंने आपकी चॉइस को ध्यान में रखकर ही अच्छी वाली आप के लिए रखी है.. हाँ सर.. जी सर.. बहोत बढ़िया साइज़ है सर.. और एकदम टाइट भी है.. ४० से कम का साइज़ नहीं होगा.. इतने बड़े बड़े है.. आप खुश हो जाएंगे सर.. !!"

शीला और रेणुका एक दूसरे के सामने देखने लगे.. वो समझ गए की हेमंत उस आदमी को उनके स्तनों का विवरण दे रहा था.. बात करते करते भी हेमंत रेणुका के स्तनों को मसल रहा था.. तीनों के चेहरे पर उत्तेजक मुस्कान छा गई थी.. ९९ प्रतिशत पुरुषों को स्त्री के बड़े स्तन बेहद पसंद होते है.. सामने से चलकर आ रही किसी भी सुंदर स्तनों वाली स्त्री को केवल नज़रों से ही नाप लेते है..

हेमंत ने उस शख्स के सभी सवालों के संतोषजनक उत्तर दीये.. पर हेमंत के जवाब सुनकर शीला और रेणुका दोनों ही गरम हो रहे थे..

हेमंत: "अरे सर, आप भी कहाँ कम है.. !! आप के पास आके वो भी ट्रेन हो जाएगी सर.. घरेलू है.. इसलिए शायद मुंह में तो नहीं लेगी.. प्रोफेशनल होती तो जरूर लेती.. लेकिन यकीन मानिए.. आप खुश हो जाएंगे सर.. !!"

रेणुका को बाहों में भरकर एक जोरदार लीप किस देते हुए हेमंत ने कहा: "इन्जॉय.. बहुत ही शौकीन है.. खूब चोदेगा आपको.. मजे करना.. आपका पार्टनर आ गया है तो आपकी एंट्री पक्की.." रेणुका ने हेमंत के लंड पर हाथ फेरते हुए कहा "हेमू.. बड़ा ही मस्त लंड है तेरा.. जाने से पहले एक बार इसे जरूर चखूँगी.. कभी मुझे भी उसी तरह चोदना जैसे शीला जी को चोदा है.. ओके.. !! चोदेगा ना.. !! चलो अब मैं चलती हूँ.. बाय शीला.. बाय हेमू.. !!"

तभी हेमंत ने उसका हाथ पकड़कर याद दिलाया "आप मास्क भूल गई अपना.. !!"

"ओह सॉरी डीयर.. लव यू.. याद दिलाने के लिए शुक्रिया.. !!" चेहरे को पूरी तरह ढँक दे ऐसा मास्क पहन कर रेणुका निकल गई.. उसकी चाल में.. अनजान लंड से चुदने की हवस साफ दिख रही थी..

उसके जाते ही हेमंत ने शीला से कहा "आप कपड़े चेंज कर दीजिए.. हो सके तो आप बिना ब्रा के मेरी शर्ट पहन लीजिए.. इसमें आप के बड़े बड़े बूब्स जबरदस्त हॉट दिखेंगे.. और नीचे मिनी-स्कर्ट कैसा रहेगा? ऊपर करते ही चूत के दर्शन हो जाएंगे.. !!"

शीला: "हेमू तू भी पागल है.. मैं ऐसे कपड़े लाई नहीं हूँ.. जो है उसी से काम चलाना पड़ेगा.. और वैसे यहाँ कपड़े पहनेगा कौन?? एक दो मिनट में तो सब के कपड़े उतर जाने वाले है"

हेमंत: "मैडम.. फर्स्ट इंप्रेशन इस धी लास्ट इंप्रेशन.. पहली नजर में अगर आप मर्दों की नज़रों में बस गई तो देखना फिर आप की डिमांड कैसे बढ़ जाएगी.. !! मैं तो कहता हूँ.. आप ही पार्टी में सब से हॉट लगोगी.. एक सीक्रेट बात है.. जो मैं आप को अभी नहीं बताऊँगा.. पर जब आपको पता चलेगा तो आप जरूर चोंक जाओगी.. बस आप सब से हॉट दिखने की कोशिश कीजिए.. वैसे हॉट तो आप पहले से हो.. थोड़े कपड़े ऐसे पहन लीजिए.. काम हो जाएगा"

शीला: "पर डीयर.. मेरे पास ऐसे कपड़े नहीं है यार.. कह तो रही हूँ.. !!"

हेमंत: "डॉन्ट वरी.. एक मिनट रुकिए.. " हेमंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में.. एक बॉक्स लेकर वापिस लौटा

शीला को बॉक्स थमाते हुए हेमंत ने कहा "ये देखिए.. यह जोड़ी कैसी रहेगी??"

बॉक्सस खोलते ही.. उसमें से एक चमकीला गोल्डन कलर का शर्ट निकला.. शीला देखकर खुश होगई.. उसे वो शर्ट इतना पसंद आ गया की उसने तुरंत अपनी साड़ी उतारी.. ब्लाउस और पेटीकोट भी उतार दीये.. और हेमंत के सामने बिल्कुल नंगी हो गई..

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हेमंत: "माय गॉड.. !! आप ने सच ही कहा था.. हॉट दिखने के लिए आपको कपड़ों की कोई जरूरत नहीं है.. बस कपड़े उतारने की जरूरत है.. " शीला के जोबन को दबाते हुए हेमंत सिर्फ इतना ही बोल सका.. उसका लंड फिर से टाइट हो गया.. पर पार्टी के लिए बचाकर रखा हुआ रिजर्व कवॉटा वो अभी इस्तेमाल कर देता तो फिर पार्टी में उसका लंड खड़ा ही न होता.. इसलिए उसने अपने आप को कंट्रोल किया..

शीला ने शर्ट पहन लिया और अपने आप को मिरर में देखने लगी.. आहाहाहा.. गोल्डन चमकीले शर्ट में.. बिना ब्रा के बड़े बड़े बबले.. क्या लग रहे थे.. !! दोनों पॉकेट पर स्तनों के उभार.. और मध्य में नुकीली निप्पल.. स्पष्ट नजर आ रही थी.. शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल दीये शीला ने.. स्तनों की बीच की दरार शीला की कामुकता में चार चाँद लगा रही थी.. बॉक्स में एक मेक्सी भी थी.. जो शीला के घुटनों तक आती थी..

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शीला को इस नए रूप में देखकर उत्साहित हेमंत उसके करीब आया.. मेक्सी को उठाकर उसने शीला की कातिल जांघों के मांस को दबा दिया और कहा "शीला जी.. बस इसी दरार को झुककर दिखाना है.. और स्कर्ट को बार बार उठाकर अपनी मादक जांघों के दर्शन देने है पार्टी में.. इन्हें देखते ही सारे लोड़ो की धज्जियां उड़ जाएगी.. देखना.. आज आपको देखकर ही पार्टी जल्दी शुरू हो जाएगी.. "

हेमंत ने शीला को मास्क पहनाया.. और पार्टी के लिए तैयार कर दिया.. अपने इस नए स्वरूप को आँख भरकर एक बार और आईने में देखकर शीला को पक्का यकीन हो गया की मदन या राजेश.. दोनों में से कोई भी उसे पहचान नहीं पाएगा.. अनजाने में ही सही.. हेमंत ने बहोत बड़ी मदद कर दी थी शीला की.. वरना शीला के गदराए बदन का जलवा ही कुछ ऐसा था की लाखों औरतों के बीच भी कोई उसे पहचान लेता.. हेमंत की दीये हुए कपड़े ऐसे थे की जिससे शरीर ढँक गया था पर फिर भी कामुकता बाहर झलक रही थी..

तभी हेमंत के मोबाइल पर एलार्म बजा..

हेमंत: "चलिए चलते है शीला जी.. अब से आप शीला जी नहीं है और मैं हेमंत नहीं हूँ.. अब आप सुनंदा है.. जैसा नाम वैसा ही बदन है.. क्या लग रही हो आप.. देखकर ही किसी का भी पानी निकल जाए" हेमंत नए सिरे से उत्तेजित होकर शीला के गले लग गया और उसके बड़े बड़े स्तनों को रौंद दिया.. वो इतना उत्तेजित था की अभी शीला को चोदना चाहता था.. पर ना ही उतना समय था और ना ही उसमें उतनी ऊर्जा बची थी

शीला और हेमंत.. मास्क लगाकर बाहर निकले.. शीला ने अपना कमरा लॉक किया और हेमंत का हाथ पकड़ कर.. कपल की तरह चलते चलते लिफ्ट से ऊपर जाकर.. लॉबी से गुजरते हुए एक बड़े हॉल की तरफ आगे बढ़े..

उनके आगे ही.. रेणुका एक अनजान मर्द के साथ जा रही थी.. पर हेमंत ने पहले ही हिदायत दी थी.. की पार्टी में ऐसे ही पेश आना है जैसे हम एक दूसरे को जानते न हो.. !!

अपनी जिज्ञासा को बड़ी मुश्किल से दबाया शीला ने.. फिर भी उसके मन में यह उत्कंठा जरूर थी की देखें वो अनजान मर्द कौन था.. कैसा था.. आखिर वो कौन सा नया लंड है जो आज रात रेणुका की पुच्ची को गीला करेगा.. !!

एक अत्यंत विशाल हॉल था.. जिसे बड़े ही आधुनिक ढंग से सजाया गया था.. अंदर बहोत कम लोग थे अभी.. और ज्यादा चहल-पहल भी नहीं थी.. रेणुका-शीला और उनके साथियों के अलावा और कोई नहीं था..

रेणुका और उसके साथी को देखते ही एनाउंसर ने माइक पर कहा "वेलकम टू अवर फर्स्ट कपल.. कामिनी एंड कॉकटेल.. !!" और पीछे शीला और हेमंत को देखकर कहा "एंड ऑलसों वेलकम टू सुनंदा एंड बँटी"

शीला अचंभित होते हुए हॉल में सजाए गए कामुक आर्टिकल्स को देख रही थी.. हॉल की छत.. रंगबिरंगी कोंडम को फुलाकर गुबारों की तरह सजाई गई थी.. सारी दीवारों पर कामुक अंदाज में चुदाई कर रहें जोड़ों की बड़ी बड़ी तस्वीरें लगी हुई थी.. आसपास कई टेबलों पर सेंकड़ों किस्म के डिल्डो और रबर से बनी चूतें रखी हुई थी.. बीचोंबीच संगेमर्मर से बनी एक कलात्मक नग्न मूर्ति थी.. जिसकी दोनों निप्पलों से सफेद रंग का दूधनुमा प्रवाही बह रहा था.. और चूत से पानी टपक रहा था..

दीवार पर लगी कुछ तस्वीरों में.. लड़की एक साथ दस मर्दों के बीच लैटी हुई थी.. एक ने चूत में लंड पेल रखा था तो एक ने गांड में.. एक लंड मुंह में लिया हुआ था और दो लंड हाथ में थे.. साथ ही दो मर्द उसके एक एक स्तन की निप्पलों को चूस रहे थे.. शेरों का समूह.. हिरनी के शिकार को खा रहा हो ऐसा द्रश्य था.. दूसरी तस्वीर में.. ६ से सात लड़कियां एक मर्द पर टूट पड़ी थी.. सारी तस्वीरों में कुछ न कुछ असामान्य था.. ऐसे तस्वीरें थी जिन्हें बार बार देखने का मन हो जाए

उस दौरान एनाउंसर की उत्तेजक कॉमेंट्री चालू थी

शीला की ओर देखकर उसने कहा "क्या कातिल ड्रेसिंग है इस मैडम की.. सारे मर्दों को अपने स्कर्ट में गायब कर देगी आज.. मिस सुनंदा.. आपके बूब्स का साइज़ ४२ या उससे ज्यादा ही होगा.. क्यों ठीक कहा ना मैंने.. !!"

अपने मास्क पहने सर को हिलाते हुए शीला ने "हाँ" कहा

काफी और जोड़े एक के बाद एक.. हॉल में प्रवेश करने लगे..

एनाउंसर: "हैलो एवरीवन.. मेरा नाम रोमा है.. आज रात मैं आप कोगोन को जी भर के इन्जॉय करने की टिप्स दूँगी.. कृपया मेरे एनाउंसमेंट पर ध्यान दीजिएगा.. प्रोमिस करती हूँ.. आप को बहोत मज़ा आएगा और ये रात आपके लिए यादगार बन जाएगी" कहते हुए उसने अपने वन-पीस ड्रेस की गांठ पीछे से खोल दी.. और उसका ड्रेस उतरकर उसके कदमों पर ढेर हो गया.. उसने न ब्रा पहनी थी और ना पेन्टी.. सुंदर कमसिन सेक्सी बदन देखकर.. हॉल में बैठे लोगों की आहें निकल गई..

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रोमा : "ये देखिए.. अब मैं आप सब के सामने बिल्कुल नंगी होकर बैठी हूँ.. आप में से जो चाहें मुझे आकर चोद सकता है.. इस वक्त मैं देख रही हूँ की मिस्टर कॉकटेल.. सुनंदा के बड़े बड़े बूब्स को एन्जॉय करना चाहते है.. कब से घूर रहे है.. डरिए मत.. मिस्टर कॉकटेल.. ये सुनंदा भी आपका लँड चूसने के लिए बेकरार है.. जाईए और दबा लीजिए.. उस रंडी के बूब्स.. और हाँ.. जरा जोर से दबाना वरना वो नाराज हो जाएगी"

रोमा की बातें सुनकर शीला रोमांचित हो गई..

रोमा: "इस हॉल में.. कोई भी.. किसी को भी छु सकता है.. जो चाहें कर सकता है.. इस फकिंग क्लब का यह पहला रूल है.. आपका जिस्म.. सब के लिए है..!! आप किसी को मना नहीं कर सकते.. ओके??"

रेणुका का साथी कॉकटेल.. शीला के करीब आकर उसके स्तनों पर हाथ फेरने लगा.. ऊपर के बटनों को खोलकर शीला ने एक स्तन बाहर निकालकर उसे सहूलियत कर दी.. तुरंत ही कॉकटेल ने मास्क में बने छेद से निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.. शीला उसके पेंट के ऊपर से ही लंड को नापने लगी.. और फिर उसकी ठुड्डी पकड़कर उसके मुंह से निप्पल छुड़ाते हुए चूम लिया.. शीला ने उस शख्स का हाथ पकड़ कर मेक्सी के अंदर इस तरह डाल दिया की जिससे वो शीला की चूत को महसूस कर सकें.. कॉकटेल ने कलाई पर राडो की अत्यंत महंगी गोल्डन घड़ी पहनी हुई थी.. जो शीला को बेहद पसंद आ गई..

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शीला के भोसड़े को कुरेदते हुए कॉकटेल ने उसे जबरदस्त गरम कर दिया.. दूसरी तरफ बैठा हेमंत भी कहाँ कम था.. !! वो पहुँच गया रेणुका के पास.. और उसके स्तनों को दबाने लगा.. एकदम धीमी आवाज में उसने रेणुका के कानों में कहा "कॉकटेल बहुत ही मालदार पार्टी है.. खुश हो गया तो मालामाल कर देगा.. नई नई गिफ्ट्स देने का उसे बहोत शौक है.. उसका एक बार दिल आ गया तो फिर पैसों के सामने नहीं देखता"

रेणुका ने भी उतनी ही धीमी आवाज में हेमंत से कहा "मुझे तो तगड़ा मूसल मिल जाएँ.. वहीं सब से बड़ी गिफ्ट होगी.. और किसी गिफ्ट का मैं क्या करूंगी भला.. !!"

रोमा की कामुक कॉमेंट्री और एक के बाद एक नए मेम्बरो की एंट्री से पार्टी का माहोल जमने लगा था.. रोमा हर नए व्यक्ति की पहचान एनाउंस करते हुए देती.. सब को एक सा महत्व दे रही थी.. जैसे जैसे मेम्बर आते गए वैसे वैसे शीला और रेणुका.. बड़ी ही बेसब्री से अपने पतियों के चेहरे ढूंढ रही थी.. चारों तरफ अब काफी भीड़ सी हो रही थी.. और सारे लोग अस्तव्यस्त खड़े थे.. ऊपर से सब ने मास्क पहन रखा था.. इस जमावड़े में उन दोनों को ढूँढना बेहद कठिन था.. सिर्फ शरीर को देखकर ही अनुमान लगाना था.. हालांकि शीला और रेणुका के अलावा.. कोई भी.. किसी दूसरे को पहचान ने की कोशिश नहीं कर रहा था..

सेंट्रली ए.सी. कॉनफरंस हॉल में अब धीरे धीरे माहोल बनता जा रहा था.. रोमा की शरारती उद्घोषणाएं वातावरण को और रंगीन बना रही थी.. शीला के कपड़े और उसका शरीर सौष्ठव.. सब के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.. !! कई औरतें ऊपरी वस्त्र के नाम पर.. केवल एक छोटे से रुमाल से अपने स्तन ढँककर आई थी.. पुरुष वर्ग भी रंगबिरंगी कपड़ों में सज्ज था.. काफी लोगों के हाथों में सिगार थी.. क्यूबन सिगार के धुएं की मदहोश खुश्बू सारे हॉल में फैल रही थी.. उन पुरुषों के प्रभावशाली व्यक्तित्व में, आसपास की स्त्रीयों को प्राप्त कर.. भोगने की लालसा स्पष्ट नजर आ रही थी.. तमाम मर्दों को अपनी पत्नी को प्रदर्शित करने में उतनी दिलचस्पी नहीं थी.. जितनी दिलचस्पी वो दूसरों की बीवियों को ताड़ने में दिखा रहे थे.. पराई स्त्री के देह का रसपान करने में सारे मर्द इतने मशरूफ़ हो चलें थे.. की अपनी खुद की पत्नी को कोई दबोचकर चोद दे तो उन्हें पता भी नहीं चलता.. वैसे वो आए भी उसी आशय से थे.. की अपनी पत्नी को किसी और को सौंप सकें.. और खुद किसी और की बीवी की टांगें चौड़ी कर अंदर लंड घुसेड़ सकें.. !!

शीला और रेणुका की उत्तेजना पराकाष्ठा पर थी.. दोनों पार्टी में आए लोगों की हरकतों को देखकर गरमा चुकी थी.. शीला ने देखा.. बगल में खड़े कपल की स्त्री के स्तनों को उसके पति/पुरुषमित्र के सामने ही दूसरा एक मर्द दबाकर चूस रहा था.. वो स्त्री अपने पति की नज़रों के सामने ही उस अनजान शख्स का लंड हिला रही थी.. बीच मैं बने छोटे से स्टेज पर बैठकर.. नग्न रोमा.. चारों और का द्रश्य देखते हुए.. बीभत्स और शरारती कमेंट्स किए जा रही थी..

एक आदमी शीला के बगल में आकर खड़ा हो गया.. शीला की गोरी गर्दन पर हाथ फेरते हुए वो मुस्कुराने लगा.. कॉकटेल को छोड़कर यह पहला व्यक्ति था जसिने शीला के बदन का स्पर्श किया था.. धीमी आवाज में रोमेन्टीक जैज़ म्यूज़िक वातावरण को मदहोश बना रहा था.. शीला के बदन पर अब हवस का खुमार छाने लगा था.. क्योंकि हॉल के सभी मर्दों के लिए.. और कुछ औरतों के लिए भी.. शीला आकर्षण का केंद्र बन चुकी थी.. थोड़ी ही देर में.. शीला के इर्दगिर्द मर्दों का ऐसा जमावड़ा हो गया जैसे मधूमक्खियों का छत्ता हो.. सब मिलकर शीला के अलग अलग अंगों को सहला रहे थे.. शीला को खुद अंदाजा नहीं था की उस व्यक्त कितने लोगों के हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे.. उसके दोनों स्तनों को जैसे सजा-ए-मौत का फरमान मिला हो.. वैसे रोंदा जा रहा था.. एक के बाद एक.. शीला सब के स्पर्श को महसूस करने के लिए तत्पर थी.. क्योंकि वही एक तरीका था जिससे वो मदन को पहचान सकती थी..

शीला ने हेमंत के कानों में कहा "बँटी बेटा.. इन सब लोगों से कह दो की सुनंदा बारी बारी सब का लंड चूसना चाहती है.. सब एक लाइन में खड़े हो जाए"


हेमंत ने तुरंत ही सब को संबोधित करते हुए कहा "हैलो एव्रीबडी.. मैं देख रहा हूँ की आप सब मेरी पत्नी के पीछे पागल हुए जा रहे है.. आई डॉन्ट माइंड.. मुझे तो मज़ा आ रहा है ये सब देखकर.. वो भी चाहती है आप सब के साथ इन्जॉय करना.. वो आप सब के लंड चूसना चाहती है.. प्लीज आप सब एक लाइन में आ जाइए.. ताकि वो एक के बाद एक आप सब के लंड चूस सकें.. एक बार अनुभव कीजिए तब आप को पता चलेगा की मेरी बीवी कितना अच्छा चूसती है.. !!"

यह सुनते ही सारे मर्दों में खुशी की लहर दौड़ उठी.. हेमंत का आमंत्रण सुनते ही सब कतार में खड़े हो गए.. और शीला एक के बाद एक.. उनके लंड बाहर निकालकर चूसने लगी.. सब मिलाकर ५० के करीब पुरुष थे.. बारी बारी लंड चूसते हुए.. शीला ने ४ शकमंदों को तलाश लिया.. जिनका लंड बिल्कुल मदन जैसा था.. अब शीला का ध्यान केवल उन चार पुरुषों पर ही था..

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शीला के सुनहरे शर्ट में थिरकता हुआ उसका मदमस्त जोबन.. शर्ट को फाड़ने की तैयारी में था.. इतने सख्त हो गए थे उसके बबले.. !! तमाम मर्द शीला के बबलों का हुस्न देखकर पगला रहे थे... उसका एक स्पर्श पाने के लिए सारे लंड फड़फड़ा रहे थे.. पूरी पार्टी का केंद्र बिन्दु बन चुकी थी शीला.. !! हेमंत ने आसपास नजरें फेरते हुए सारी औरतों के देह-लालित्य पर एक कामुक नजर डाली.. कुछ औरतें आपस में ही एक दूसरे के जिस्म से खेल रही थी.. तो कुछ स्त्रीयां अपने स्तन खोलकर.. खुद ही दबाते हुए पूरे हॉल में घूम रही थी और माहोल की गर्मी को बढ़ा रही थी..

हेमंत एक स्त्री के पास गया और उसके स्तनों को छेड़ने लगा.. तभी उस स्त्री के पार्टनर ने हेमंत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा "यार, गजब का पटाखा है तेरी बीवी.. किसी भी कीमत पर आज रात को मैं उसे चोदना चाहता हूँ.. हम आपस में समझौता कर लेते है.. आप मेरी वाइफ को सिलेक्ट कर लो.. और मुझे आप की वाइफ दे दो..!!" शीला की जानकारी के बाहर ही सेटिंग होने लगी थी

हेमंत: "सर, बेशक मुझे कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. लेकिन इसके लिए आपको मुझ से नहीं.. सुनंदा से ही बात करनी होगी.. क्योंकि आखिर जो होगा उसकी मर्जी से ही होगा.. सिर्फ मेरे चाहने से क्या होगा??"

उस शख्स ने कहा "पर आप तो उसे राजी कर सकते है ना??.. मैं उसे आज रात जी भरकर चोदना चाहता है.. क्या जालिम माल है यार.. !! ऐसी औरत बिस्तर पर साथ नंगी पड़ी हो.. तो जीवन में और कुछ नहीं चाहिए.. !! उसके दोनों बबलों के बीच लंड घुसाकर चोदना है एक बार.. !!" और फिर अपना कडा लंड दिखाते हुए वो बोला "देखो यार.. क्या हाल हो गया है इसका.. आपकी वाइफ को देखकर.. !!"

उसकी पत्नी ने उस शख्स का लंड पकड़ लिया.. और साथ ही हेमंत के लंड को पकड़कर बोली "मुझे तो दो दो लंड से एक साथ करवाना है.. मेरी हमेशा यह फेंटसी रही है की मुझे दो मर्द एक साथ बेरहमी से चोदे.. !!" इतना बोलते ही वो घुटनों के बल बैठकर बारी बारी से दोनों लंड को चूसने लगी..

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हेमंत बड़ी मस्ती से लंड चुसाई का आनंद ले रहा था.. उसने शीला की तरफ देखा.. और स्तब्ध हो गया.. शीला के चेहरे का मास्क.. कई मर्दों के वीर्य से भर चुका था.. वीर्य की धाराएं बहकर उसके शर्ट पर भी गिर रही थी.. उसका शर्ट कई जगहों से फट चुका था.. पराकाष्ठा पर पहुंचकर कई मर्द काफी आक्रामक हो जाते है.. एक साथ २० मर्दों के बीच.. शीला उनकी विकृतियों को शांत करने का साधन बने बैठी थी.. उसके हावभाव से प्रतीत हो रहा था की उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि वो जानती थी की ऐसा समय उसके जीवन में फिर दोबारा लौटकर नहीं आने वाला था..

उन चार मर्दों में से.. शीला को एक मर्द पकड़ में आ गया.. जो उसके हिसाब से मदन ही था.. मन ही मन खुश होते हुए वो बार बार उसी मर्द को टारगेट बना रही थी.. और उसके इर्दगिर्द ही घूमती रही.. शीला को शक तो पूरा था.. पर उस शक को यकीन में बदलने के लिए क्या किया जाएँ.. यह उसके दिमाग में नहीं आ रहा था.. मदन ने पार्टी में अपना क्या नाम रखा था.. वो भी उसे पता नहीं था

तभी रेणुका शीला के करीब आई और उसका हाथ पकड़कर कोने में ले गई.. और धीरे से उसके कान में फुसफुसाई "शीला, मैंने राजेश को ढूंढ लिया है.. देख.. वो सामने खड़ा है" इशारे से रेणुका ने शीला को दिखाया

"पर तुझे कैसे पता चला की वो राजेश ही है?"

रेणुका: "जब भी रोमा का फोन आता था.. तब वह राजेश को रॉकी के नाम से संबोधित करती थी.. यहाँ भी जब वो अंदर आया तब रोमा ने उसे रॉकी के नाम से ही वेलकम किया था"

शीला: "अच्छा.. !! वैसे मैंने भी मदन को लगभग पहचान ही लिया है.. अब मेरी बात सुन.. जिसे मैं मदन समझ रही हूँ.. तू उसके साथ जाकर थोड़ा इन्जॉय कर ले.. तब तक मैं राजेश का लंड चख लेती हूँ.. ठीक है.. !! उन दोनों को पता भी नहीं चलेगा और हम दोनों को एक दूसरे के पति के लंड को चखने का अनमोल मौका मिल जाएगा"

रेणुका: "तेरा आइडिया तो जबरदस्त है यार.. तू जा.. और राजेश के लंड को चेक कर.. अगर उसके सुपाड़े पर छोटा सा तिल हुआ तो वो यकीनन राजेश ही है..!! और हाँ.. मदन भैया के जिस्म पर ऐसी कोई निशानी है क्या?" शीला के गले पर लगे किसी के वीर्य को चाटते हुए रेणुका ने उसे चूम लिया

शीला सोच में पड़ गई और फिर बोली "नहीं यार.. ऐसा तो कुछ याद नहीं आ रहा.. पर मुझे पक्का यकीन है की वो मदन ही है"

मदन और राजेश अपनी मस्ती में मस्त थे.. उन्हों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की उनकी पत्नियाँ यहाँ मौजूद थी..

रेणुका घूमते घूमते उस पुरुष के पास पहुँच गई.. जो शीला के हिसाब से.. मदन था.. !! रेणुका ने उसे पीछे से बाहों में भर लिया.. और अपने स्तनों को उसकी पीठ पर रगड़ते हुए उसके लंड को पकड़कर हिलाने लगी.. उस पुरुष के मुंह से कामुक सिसकी निकल गई.. और उसकी आवाज सुनकर रेणुका को ५० प्रतिशत यकीन हो गया की वो मदन ही था.. अभी पूरी तसल्ली करना बाकी था

शीला भी चलते चलते राजेश के पास पहुँच गई.. उसे देखकर रोमा ने माइक पर कहा "लगता ही की अब सुनंदा रॉकी का लंड चूसने का इरादा बनाकर आई है.. यू आर वेरी लकी रॉकी जी.. !!" यह सुनते ही शीला ने झुककर रॉकी/राजेश के लंड को हाथ में लिया.. जैसा रेणुका ने कहा था बिल्कुल वैसा ही तिल.. उसके फुले हुए सुपाड़े पर नजर आया.. कनफर्म हो गया.. वह राजेश ही था.. रोमांचित होकर शीला ने तुरंत सुपाड़े को अपने मुंह में डाल दिया.. और उत्तेजना से चूसने लगी..

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राजेश का लंड चूसते हुए वो यही सोच रही थी.. की अब मदन की पहचान को कैसे कनफर्म करें?? दिमाग को काफी कसने के बाद भी जब कोई रास्ता न सुझा.. तब उसने हेमंत को अपने करीब बुलाया.. और कहा "बँटी.. मेरा दिल उस शख्स पर आ गया है.. तू जा और उससे बात कर.. और मेरी चूत के लिए उसके लंड का जुगाड़ कर"

हेमंत: "मगर सुनंदा.. तुमने तो वादा किया था की रात मेरे साथ गुजारोगी.. !! मैं तुम्हें किसी और को नहीं दूंगा.. आज रात तुम बस मेरे लंड की रानी बनकर रहोगी.. मेरी सुनंदा को मेरी नज़रों के सामने कोई चोदे.. ये मैं होने नहीं दूंगा.. !!"

शीला: "अरे मेरी जान.. मैं तो तुझे मिलूँगी हाइ.. लेकिन आज रात नहीं.. आज रात मुझे मेरी पसंद का लंड लेने डे.. तेरे लंड का तो मैं फुर्सत से हिसाब करूंगी.. !! ठीक है.. !! अब जो मैंने किया है वो कर.. अगर मुझे फिर से पाना चाहता है तो"

हेमंत लाचार था, उसने कहा "ठीक है.. मैं उस आदमी से बात करता हूँ"

जैसे ही हेमंत उस आदमी के पास जाने लगा.. तभी रोमा ने माइक पर कहा "लेडिज एंड जेन्टलमेन.. अब टाइम आ गया है हम जोड़ियाँ बना ले.. आज तक हम जिस रूल से जोड़ी बनाते आए है.. उस रूल में हमने इसबार थोड़ी सी तबदीली की है.. जैसा की आप सब जानते है.. इस काउंटर पर सभी मर्दों की चाबियाँ है.. सभी लेडिज यहाँ आकर एक के बाद एक चूज़ करती थी और पार्टनर का चयन हो जाता था.. लेकिन हमारे पास कई नए नए सुझाव आए है... जिन में से ज्यादातर लेडिज के थे.. जिनका कहना है की इस तरह उन्हें पसंद करने का योग्य अवसर नहीं मिलता.. और किस्मत से मिलें लंड से.. मतलब की अपने पति से... तो वो पहले ही घर पर चुदवा ही रही है.. तो ऐसा करने से रोमांच कम हो जाता है.. इसलिए हम ने यह फैसला किया है की आज सब से पहले हम आप को पार्टनर चुनने का मौका देंगे.. सब से पहले हर मर्द अपनी पसंदीदा औरतों के पास जाकर खड़ा हो जाएँ.. !!"


पचास में से लगभग पैंतीस पुरुष शीला की बगल में खड़े हो गए..
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जैसे ही हेमंत उस आदमी के पास जाने लगा.. तभी रोमा ने माइक पर कहा "लेडिज एंड जेन्टलमेन.. अब टाइम आ गया है हम जोड़ियाँ बना ले.. आज तक हम जिस रूल से जोड़ी बनाते आए है.. उस रूल में हमने इसबार थोड़ी सी तबदीली की है.. जैसा की आप सब जानते है.. इस काउंटर पर सभी मर्दों की चाबियाँ है.. सभी लेडिज यहाँ आकर एक के बाद एक चूज़ करती थी और पार्टनर का चयन हो जाता था.. लेकिन हमारे पास कई नए नए सुझाव आए है... जिन में से ज्यादातर लेडिज के थे.. जिनका कहना है की इस तरह उन्हें पसंद करने का योग्य अवसर नहीं मिलता.. और किस्मत से मिलें लंड से.. मतलब की अपने पति से... तो वो पहले ही घर पर चुदवा ही रही है.. तो ऐसा करने से रोमांच कम हो जाता है.. इसलिए हम ने यह फैसला किया है की आज सब से पहले हम आप को पार्टनर चुनने का मौका देंगे.. सब से पहले हर मर्द अपनी पसंदीदा औरतों के पास जाकर खड़ा हो जाएँ.. !!"

पचास में से लगभग पैंतीस पुरुष शीला की बगल में खड़े हो गए..

रोमा: "वाऊ.. व्हॉट ए सरप्राइज़ .. !! मुझे यह जानना है की बाकी पंद्रह मर्दों ने इस सेक्स बॉम्ब को क्यों नहीं चुना?? यह एक पेचीदा सवाल है.. मुझे भी इसका जवाब जानने में दिलचस्पी है.. !! उन लोगों से मैं गुजारिश करूंगी.. की आप के बाद एक आकर.. मेरे कान में इसका कारण बताएं.. ताकि मैं डिक्लेर कर सकूँ.. और सारी बातें सीक्रेट भी रहेगी"

सभी मर्द एक के बाद एक.. रोमा के कानों में कहकर गए.. रोमा को इतनी हंसी आई की वो अपना पेट पकड़कर लेट गई.. अब सब को यह जानना था की आखिर ऐसे कौन से कारण थे.. !!

अपने आप को संभालकर रोमा ने माइक पर कहा "मेरे प्यारे चुदक्कड़ों.. सभी पंद्रह मर्दों ने जो कारण दीये उसका निष्कर्ष यही निकलता है.. उनका मानना है की इतनी हॉट गदराई माल को बेड पर ले जाकर सेक्स करने से पहले ही उनका डिस्चार्ज हो जाएगा.. और फिर वो बिस्तर पर इस लेडी को अपना मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचेंगे.. इसी कारणवश उन्हों ने सिलेक्ट नहीं किया.. शाबाश सुनंदा.. !! जलवा है आपका तो.. !!"

तमाम लोगों ने शीला के जोरदार तालियाँ बजाई.. शीला की नजर उस मर्द पर थी.. जिसे वो मदन समझ रही थी.. वह व्यक्ति निरुत्साह होकर खड़ा था.. देखकर शीला को बड़ा ताज्जुब हुआ

रोमा: "चलिए.. बाकी की जोड़ियाँ तो बन गई मगर प्रॉब्लेम यह है की अब इन पैंतीस लोगों के बीच.. सुनंदा का बंटवारा कैसे करें??" थोड़ी देर खामोश रहने के बाद रोमा ने बड़े ही नटखट अंदाज में कहा "एक काम करते है.. हम सुनंदा की बोली लगाते है.. देखते है की कौन सब से ज्यादा पैसे लुटाने के लिए तैयार है इसके बबलों पर.. !! जिसकी जेब में ज्यादा गर्मी होगी.. उसी का लंड लेगी सुनंदा.. आर यू रेडी, सुनंदा??"

शीला ने अपने दोनों हाथों से शर्ट को फाड़कर.. मदमस्त विशाल चूचियों का प्रदर्शन करते हुए सब का अभिवादन किया.. और फिर शर्ट से उन्हें ढँक दिया..

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पूरे हॉल में खलबली मच गई..!! सब के सब पागल हुए जा रहे थे.. सब की आँखों के सामने ही.. शीला ने अपनी चूत खुजाई.. और चुटकी में अपनी निप्पल दबाकर खींचते हुए.. सब के सामने देखकर.. मदहोश अंगड़ाई लेते हुए आँख मारी.. !! उसकी इन कामुक हरकतों को देखकर.. सारे लंड उसे सलामी देने लगे.. और सब लोड़ो ने शीला को स्टैन्डींग ओवेशन दिया.. !!

रोमा भी अपने नंगे स्तनों को झुलाते हुए उत्साह में आ गई क्यों की शीला ने आज की पार्टी को चार चाँद लगा दीये थे.. मर्दों को बावरा बना दिया था

रोमा: "सुनंदा के साथ रात गुजारने का मतलब है.. ज़िंदगी की सब से यादगार रात.. !! एक के बाद एक लोग इसके जिस्म की बोली लगाएंगे.. जो ज्यादा पैसे लुटाएगा.. सुनंदा आज रात के लिए उसकी हो जाएगी.. चलिए लगाइए बोली.. शुरुआत होगी एक लाख रुपये से.. !!"

एक के बाद एक बोली लगती गई.. और रकम साढ़े चार लाख पर पहुँच गई.. !!

"पाँच लाख.. !!" कोने में से आवाज आई तब सब चोंक गए.. क्योंकि वह आवाज किसी महिला की थी.. !!

रोमा: "बाप रे.. !! सुनंदा ने तो सिर्फ मर्दों को ही नहीं.. औरतों को भी पागल कर रखा है.. !! मुझे यह जानने में बड़ी दिलचस्पी है की एक औरत हो कर उसने सुनंदा के लिए इतनी बड़ी बोली आखिर क्यों लगाई.. !! जब की सुनंदा के पास.. उसे ठंडा करने के लिए जरूरी औज़ार भी नहीं है.. !!"

बोली लगाने वाली औरत.. बड़े ही आत्मविश्वास के साथ चलते चलते रोमा के पास आई.. रोमा की चुची को दबाकर उसके हाथ से माइक ले लिया और फिर बोली "हाई.. मेरा नाम केटरीना है.. मैं एक लेस्बियन हूँ.. मुझे लोडे की भूख नहीं है.. लोडा तो मैं घर से लेकर आई हूँ.. ये देखिए.. " कहते हुए उसने अपने हाथ में पकड़े सफेद रंग का डिल्डो दिखाया.. "मैं तो सुनंदा के बदन की कायल हो चुकी हूँ.. आज रात को, मैं सुनंदा के गदराए बदन का मज़ा लूटना चाहती हूँ.. उन्हें ये डिल्डो पहनाकर पूरी रात चुदना चाहती हूँ.. अगर उन्हें मंजूर हो तो.. !!"

शीला और रेणुका को तो ये बाद में पता चला की फकिंग क्लब में एंट्री पाने के लिए जोड़ी होना आवश्यक था.. पर जरूरी नहीं था की जोड़ी मर्द और महिला की ही हो.. दो महिला भी जोड़ी बनाकर दाखिल हो सकती थी.. अगर ये पहले पता होता.. तो उन्हें बेकार में ये सारे जुगाड़ न करने पड़ते..

शीला अब असमंजस में थी.. इतने सारे असली लंड छोड़कर.. वो अपनी कमर पर नकली लॅंड बांधकर.. इस औरत को चोदना तो नहीं चाहती थी.. पर पाँच लाख रुपये.. बहोत बड़ी रकम होती है.. शीला को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करें.. तभी हेमंत उसके पास आया

हेमंत: "मैडम.. ये बड़ी ही बेरहम औरत है.. और बहोत विकृत भी है.. उसके साथ एक रात बिताने वाली लड़की दोबारा उससे नहीं मिलती.. आप उसकी ओफर को ठुकरा दीजिए.. "

अचंभित होकर शीला हेमंत की बात सुनती रही.. अब उसे वाकई उस स्त्री में दिलचस्पी जाग उठी.. पर फिलहाल वो ऐसा जोखिम उठाना नहीं चाहती थी..

शीला ने हेमंत से कहा "मैंने तुझे वो आदमी दिखाया ना.. !! मैं उसी के साथ सोऊँगी.. मुझे और कोई नहीं चाहिए.. !! जाओ उसे तैयार करके मेरे पास ले आओ.. !!"

जाने से पहले हेमंत एक बार फिर शीला के बदन से अजगर की तरह लिपट गया.. और बोला "आप के लिए तो मै कुछ भी करने को राजी हूँ.. !!"

शीला ने हेमंत के लंड को हथेली से सहलाया.. और उसके लाल सुपाड़े को झुककर चूम लिया.. हेमंत ने उत्तेजित होकर.. शीला के भोसड़े में तीन उँगलियाँ डालकर अंदर बाहर करते हुए.. उसकी निप्पल को चूस लिया..



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रोमा: "मुझे लगता है की सुनंदा जी खुद तय करेगी की उन्हें किसके साथ सोना है.. प्लीज सुनंदा.. यहाँ आओ.. और मुझे बताओ.. की आज रात के लिए तुम कीसे अपना यार बनाना चाहती हो.. !!"

अपने विराट कूल्हों को मटकाते हुए शीला चलकर स्टेज पर आई.. सब से पहले तो उसने रोमा के साथ थोड़ा रोमांस किया.. उसके होंठों को चूमकर.. उसकी चूचियों को दबाया.. और उसका हाथ लेकर अपनी चूत पर दबा दिया.. देखकर ही सारे मर्दों की आह्ह निकल गई..

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शीला ने रोमा को चैर पर बिठाया.. और उसके हाथ में माइक थमा दिया.. फिर खुद नीचे बैठकर.. रोमा की टांगें फैलाकर उसकी चूत चाटने लगी.. !! माइक पर रोमा की मादाक सिसकियाँ सुनाई देने लगी.. जैसे जैसे शीला की जीभ चूत के अंदरूनी हिस्सों को कुरेदने लगी.. वैसे वैसे ही रोमा के सर पर पागलपन सवार हो गया.. और वो कुछ भी बड़बड़ाने लगी..

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शीला की चूत चटाई.. और रोमा की सिसकियों ने सब का भरपूर मनोरंजन किया.. थोड़ी ही देर में रोमा एक पतली चीख के साथ झड़ गई.. और कुर्सी पर झुककर हांफने लगी.. शीला अब उठकर रोमा के गालों को और कानों को चाट रही थी.. बड़ी ही मुश्किल से रोमा ने अपने आप को संभाला.. और कुर्सी पर ठीक से बैठी.. शीला ने दूर से उंगली का इशारा करते हुए मदन को दिखाया और रोमा से बोली "मुझे उसके साथ सोना है"

रोमा ने चोंककर कहा "सुनंदा मिस्टर मेक के साथ सोना चाहती है.. यार.. आज रात के लिए मैंने भी उसे ही चुना था.. !!"

तो नाम पता चल गया.. मदन का नाम मिस्टर मेक था.. रोमा ने तुरंत उसके नाम की घोषणा माइक पर कर दी

अपना नाम सुनकर मदन चोंक गया.. खुश होकर उसने दूर से ही रोमा को अंगूठा दिखाया.. उसके शरीर के हाव भाव देखकर शीला को पूरी तसल्ली हो गई की वह मदन ही था.. शीला रोमांचित हो उठी.. शीला को यह अफसोस नहीं था की इतना दूर.. इतना जोखिम उठाने के बाद भी वो नया लंड नहीं ले पाई.. बल्कि इस बात की खुशी थी की उससे झूठ बोलकर.. इतने दूर आने के बाद भी मदन को पराई चूत नसीब नहीं होने दी.. इसे कहते है किस्मत का खेल.. !!

शीला और मदन.. दोनों धीरे धीरे करीब आने लगे.. शीला अब स्टेज से उतरकर राजेश उर्फ रॉकी के पास जाकर खड़ी हो गई और उसके लंड से खेलने लगी.. रोमांचित होकर मदन चलते चलते शीला और राजेश के पास आया.. और धीरे से बोला "मुझे सिलेक्ट करने के लिए आपका शुक्रिया.. अगर आप चाहों तो मैं आपका लाइफ पार्टनर भी बनने के लिए तैयार हूँ.. इतनी खूबसूरत हो आप.. !! आप जैसी बीवी मिल जाएँ.. तो ऐसी क्लब जॉइन करने की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी.. !!"

सुनकर शीला मन ही मन गुस्से से लाल हो गई.. भोसड़ीवाले.. भड़वे.. मादरचोद.. अभी मेरा मास्क उतारूँगी.. तो एक ही पल में तेरी सारी आशिकी उतर जाएगी.. बड़ा आया रोमांस करने वाला..!! अबे घोंचू, ऐसी पटाखा बीवी घर पर होने की बावजूद यहाँ ऐयाशी करने आया है और अब मुझ ही से यह कह रहा है.. !!

शीला के भारी भरकम खुले बबलों को दोनों हाथों में पकड़कर वज़न चेक करते हुए.. बड़े ही अहोभाव और अचरज से देखते हुए मदन के होश उड़ रहे थे.. मदन को शीला की याद आ गई.. सैम टू सैम शीला जैसे ही बबले है इसके भी.. !!

पति परमेश्वर नहीं.. पत्नी ही परमेश्वर होती है.. अत्र तत्र सर्वत्र व्याप्त होती है ये भार्या.. रांड के भोसड़े में लंड डालकर उछलते वक्त भी बीवी याद आ जाती है... और आठ पेग पीने के बाद नशे में धूत होने के बाद भी..!! जैसे, सूखा हो या बाढ़.. पानी की याद आती है.. बिलकूल वैसे ही.. !!

शीला कुछ नहीं बोली.. अगर वो बोलती तो उसकी आवाज से मदन पहचान लेता.. और सारा खेल अभी समाप्त हो जाता.. मदन को जवाब न देना पड़े इसलिए उसने आँखें बंद कर ली.. और ऐसे सिहरने का नाटक करने लगी जैसे मदन के स्पर्श ने उसे पागल कर दिया हो.. !! जैसे उसका रोम रोम मदन को देखकर खिल उठा हो.. मदन ने शीला की गर्दन पर अपनी जीभ फेर दी.. शीला के जिस्म में एक ठंडी सुरसुरी दौड़ गई.. ये वही स्पर्श था जो पिछले ३२ सालों से उसके बदन को उत्तेजित और ठंडा करता आया था.. अगर वो चाहती तो बड़ी ही आसानी से किसी अन्य पुरुष के साथ जोड़ी बना सकती थी.. और नए लंड के मजे पूरी रात लूट सकती थी.. पर ऐसा करती तो मदन को भी कोई नई रांड मिल जाती.. और ऐसा वो होने देना नहीं चाहती थी.. !!

रेणुका भी अब शीला, राजेश और मदन के पास आकर खड़ी हो गई.. मदन और राजेश को अब भी कोई अंदाजा नहीं था की वह दोनों अपनी पत्नियों के सामने ही खड़े थे.. अपने पति का लंड शीला के हाथ में देखकर रेणुका बेहद गरम हो गई.. बिना समय गँवाएं.. उसने मदन का लोडा पकड़ लिया.. दोनों ने आपस में ही पति बदल लिए थे फिलहाल..!!

अब दोनों घुटनों के बल बैठ गई.. और एक दूसरे के पतियों के लिंग चूसने लगी.. राजेश और मदन दोनों एक दूसरे के सामने देखकर.. मुसकुराते हुए इस अनोखे मुख-मैथुन का आनंद ले रहे थे..

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राजेश: "मज़ा आ रहा है ना तुझे, मेक??"

मदन : "अरे पूछ मत यार.. कुछ भी कहों.. अपनी बीवियों के साथ ऐसा मज़ा कभी नहीं आ सकता.. देख तो सही.. क्या बढ़िया चूस रही है.. !! आह्ह.. आह्ह.. चूसो और अंदर तक लेकर.. !!"

मदन: "साली ये सुनंदा ने सिलेक्ट मुझे किया.. और लोडा तेरा चूस रही है.. "

राजेश: "कसम से यार.. एक रात के लिए अगर इसे चकले पर खड़ा कर दिया जाए.. तो पैसों के ढेर लग जाए.. इतना कमाल का चूसती है यह.. इसकी चुसाई ही इतनी जबरदस्त है की लगता है शायद चुदाई की जरूरत ही न पड़ें.. !!"

मदन: "अरे यार.. उसे मेरे पास भी भेज.. सुनंदा.. बेबी.. मेरा भी चूस दो प्लीज" सिगरेट का कश लेकर धुआँ शीला के नंगे बदन पर छोड़ते हुए मदन ने कहा

मदहोश अंगड़ाई लेते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में.. राजेश के लँड को एक आखिरी बार चूसकर बाहर निकाल दिया शीला ने.. उसकी लार से सने हुए राजेश के लंड को अपने हाथ से मुठियाते हुए शीला मदन के लंड के करीब पहुँच गई.. रेणुका तब मदन के आँड़ों को चाट रही थी.. रेणुका और शीला ने पहले तो मदन को छेडना शुरू किया.. उसका लंड मुंह में लिया है नहीं.. और बारी बारी सिर्फ राजेश का लंड चूसते रहे.. शीला के उन्नत स्तन रेणुका के बबलों से टकराकर दब गए.. उस द्रश्य को देखकर रोमा ने तुरंत कमेन्ट किया इस बारे में..

रोमा की कमेन्ट सुनते ही.. वो लेस्बियन औरत.. जिसने शीला के लिए पाँच लाख की बोली लगाई थी.. वो अपनी कमर पर सफेद डिल्डो बांधकर आ गई.. उसके दोनों पैरों के बीच असली लंड से भी बड़ा लंड झूल रहा था.. सामान्य लंड से दोगुना बड़ा और तीन गुना मोटा था.. वो शीला के करीब लंड झुलाते हुए खड़ी हो गई.. और शीला के बबलों पर उसे रबड़ के लंड से चपेटें मारने लगी.. रेणुका ने राजेश और मदन का लंड शीला के हवाले छोड़.. उस डिल्डो के टोपे को चूम लिया.. दोनों हाथों से पकड़ने के बावजूद वह उस पूरे लंड को पकड़ न पाई.. आँखें बंद कर उस विकराल लंड को रेणुका चाटने लगी.. उसे चाटता देख ऐसा लग रहा था मानों किसी घोड़े का लंड चूस रही हो..

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वो लेस्बियन औरत अब मदन और राजेश के बीच खड़ी हो गई.. और अपने बेढंग पिचके हुए स्तन को जबरदस्ती मदन को चूसने देने लगी.. फिर मदन के लंड को पकड़कर बोली "इतना छोटा?? मेरा देख.. कितना बड़ा है.. !!" कहते हुए हंसने लगी.. मदन ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया.. और वो चली गई

शीला बड़ी ही मस्ती से राजेश के गोटों को चाट रही थी.. उसका पति मदन वहीं खड़ा था और इसी कारण उसे चूसने में और मज़ा आ रहा था.. थोड़ी देर के बाद शीला खड़ी हुई और मदन को अपनी बाहों में दबा दिया.. हर बार जब शीला मदन के करीब आती थी तब मदन को कुछ जाना पहचाना एहसास होता और वो सहम जाता.. और फिर वो पार्टी के रंग में फिर से विलीन हो जाता.. अपनी हर हरकत के बाद शीला ये चेक करती की मदन को शक हो रहा है या नहीं.. पर उसके आश्चर्य के बीच.. उसकी पत्नी ने बाहों में भर लिया फिर भी उस बेवकूफ को पता नहीं चला..!!!

शीला के स्तनों का उसकी छाती से घर्षण होने पर इतनी उत्तेजक अवस्था हो गई थी की मदन मदहोश होकर किसी अलौकिक दुनिया में खो सा गया था..

मदन: "रॉकी.. यार दिल करता ही की इस रंडी को अपने साथ घर ले चलूँ.. एकदम घरेलू माल है.. दोनों साथ मिलकर इसे जमकर चोदेंगे..!!"

राजेश: "हाँ यार.. घर पर रेणुका न होती तो जरूर मैं इसे साथ ले जाता.. !!"

मदन: "तो रेणुका को इसके हसबंड के पास भेज दे..!! क्या मज़ा आ जाएगा.. रेणुका को भी नया लंड मिल जाएगा.. यार तेरी बीवी वैसे है बड़ी ही मस्त.. सच में.. मैंने उसे वैसे नजर से पहले कभी देखा नहीं है.. लेकिन एक रात उसका विचार दिमाग में आ गया था.. तब मेरा लोडा इतना टाइट हो गया था की मुझे फिर शीला को दबाकर चोदना पड़ा था.. !!"

राजेश: "साले, अपने दोस्त की बीवी को गंदी नज़रों से देखता है??"

शीला ने रेणुका को कुहना मारकर इशारा किया.. जवाब में रेणुका ने उसे आँख मार दी

राजेश: "तेरा तो केवल टाइट हुआ था.. मेरा तो पानी ही निकाल दिया था तेरी सेक्सी बीवी ने.. !! वैसे तो रेणुका भी काफी मस्त है.. लेकिन तेरी वाइफ में जो सेक्स अपील है उसका कोई जवाब नहीं.. और उसके बॉल तो क्या गजब के बड़े बड़े है.. !!"

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मदन: "रॉकी, तूने गौर से देखा.. ?? यह सुनंदा के बबले भी कुछ कुछ शीला जैसे नहीं लग रहे?"

राजेश: "अबे चूतिये.. तूने मुझे भाभीजी के बबले दिखाए ही कब.. ?? जो मुझे पता चलें.. हा साइज़ और शेप काफी मिलते झूलते है.. मुझे तो हिप्स भी उनके जैसे ही लग रहे है"

मदन: "यार, मैं भी कब से हैरान हूँ.. कितना मिलता झूलता फिगर है सुनंदा और शीला का.. ?? इसीलिए तो मैंने उसे पसंद नहीं किया था.. सब इसके पीछे पागल है पर मैं आज किसी अलग टाइप के फिगर का स्वाद लेना चाहता था.. लेकिन इसी ने मुझे चुन लिया.. चलो.. मुझे कोई नुकसान नहीं है.. यह भी कुछ कम नहीं है... साली गजब की चुदक्कड़ पटाखा है.. !!"

राजेश: "मेक, यार एक बार अगर तू राजी हो तो मैं भाभी जी को नंगी देखना चाहता हूँ"

राजेश का लंड चूस रही शीला ने यह सुनकर अपने दांत लंड पर दबा दीये..

राजेश: "ओह्ह क्या किया तूने हरामजादी.. खा जाएगी क्या मेरे लंड को.. जरा धीरे धीरे कर यार.. !!"

फिर मदन की ओर मुड़कर राजेश ने बात आगे बढ़ाई "बदले में.. मैं भी तुझे रेणुका को नंगी दिखाऊँगा"

मदन: "सिर्फ देखने से ही पेट थोड़े ही भरता है रॉकी.. !! देखने के बाद अगर चखने का मन किया तो??"

राजेश: "तो चख लेंगे.. कौन सी बड़ी बात है.. !! हम दोनों के अलावा यह बात कोई और जानेगा नहीं.. मेरी तो कब से पार्टनर चेंज करने की तमन्ना है.. लेकिन किसके साथ करता..!! उसी चक्कर मे तो यह क्लब जॉइन किया था.. !!"

शीला और रेणुका अपने अपने पतियों की इस तैयारी की बातें सुन रही थी.. और साथ ही साथ उनके लंड भी चूस रही थी

मदन: "हाँ यार.. मेरी और शीला की भी एक अधूरी इच्छा है.. जिसकी बातें अक्सर हम चुदाई करते वक्त करते है"

राजेश: "कौन सी इच्छा?"

मदन: "ग्रुप सेक्स करने की.. एक ही कमरे में.. दो कपल साथ में सेक्स करें.. ऐसी इच्छा.. !!"

राजेश: "ओह.. ये तो कुछ भी नहीं है.. रेणुका तो कपल बदलने की बातें भी करती है कभी कभी.. "

मदन: "तो क्या हम आपस में ऐसा कर सकते है?"

रेणुका ने शीला को मदन का लंड दिखाया.. यह सब बातें करते हुए उसका लंड गन्ने जैसा सख्त हो गया था.. शीला ने भी यह महसूस किया की राजेश का लंड पहले के मुकाबले काफी कडक हो गया था..

राजेश: "तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली यार.. मगर हमारी बीवियों को इस बात के लिए कैसे राजी करेंगे??"

मदन: "हाँ यार.. वो तो एक बड़ा प्रॉब्लेम है.. साली गरम होती है तब तो कुछ भी करने को तैयार हो जाती है.. लेकिन ठंडा होते ही तुरंत सति-सावित्री का रूप धारण कर लेती है.. तू रेणुका को तैयार कर पाएगा?"

राजेश: "कोशिश करता हूँ.. वो भी जब एक्साइट होती है तब ऐसी बातों में दिलचस्पी दिखाती है.. लेकिन उसके बाद कुछ भी नहीं.. पर मैंने एक बात नोट की है.. जब जब में उसे चोदते वक्त उसके साथ किसी तीसरे आदमी का जिक्र करता हूँ तब उसकी उत्तेजना आश्चर्यजनक रूप से बढ़ जाती है.. आई मीन.. आह.. अब तुझे कैसे समझाऊँ यार.. !! अभी परसों हम चुदाई कर रहे थे.. तब मैंने वो पीयूष की बात की तो क्या गजब के झटके खाने लगी.. साली.. मुझे तो शक है की कहीं मुझसे चोरी छुपे उससे चुदवाती न हो.. !! कभी कभी लगता है की वो तैयार है और कभी लगता है की नहीं है"

मदन: "तो फिर क्या करेगा??"

राजेश: "तू ये बता.. तू शीला भाभी को कैसे तैयार करेगा?"

मदन: "वो तो मैं कर लूँगा.. यार मेरा दिल तो हमारी दूध वाली पर आ गया है.. साली क्या माल है यार.. !!"

राजेश: "कौन दूधवाली यार??"

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मदन: "अरे है एक गदराई ग्वालिन.. हमारे घर दूध देने आता है उस आदमी की बीवी.. अभी अभी बच्चा पैदा किया है.. लेकिन तू मानेगा नहीं.. ऐसी जालिम कयामत है की क्या बताऊँ.. तुझे पता है.. एक दिन वो घर पर आई तब तेरी भाभी घर पर नहीं थी.. उस वक्त मैंने उसे पकड़ कर चोद डाला था"

राजेश ने चोंककर पूछा "क्या बात कर रहा है यार.. !!! अपने ही घर पर तूने उसे जबरदस्ती चोद दिया??"

मदन: "अभी तूने उसे देखा ही कहाँ है..!! एक बार तू उसे देख ले.. तो खड़े खड़े पानी निकल जाएगा तेरा.. आहाहाहा बड़े बड़े दूध से भरे उसके मम्मे.. ओह.. और जालिम जवानी.. !! मुझे तो लगा था की मेरे घर वो आई ही थी चुदवाने के लिए शायद.. ऐसी पतली सी चोली पहन रखी थी.. और अंदर ब्रा तो पहनती ही नहीं है.. घर पर आई तब अपना जोबन छुपाने की कोई कोशिश नहीं कर रही थी.. उल्टा सब कुछ उछाल उछालकर मुझे दिखा रही थी.. साली ने मेरा लोडा टाइट कर दिया.. पटक कर वहीं चोद दिया मैंने.. उसने थोड़े बहोत नखरे तो किए.. लेकिन एक बार गरम हो गई उसके बाद.. हुमच हुमचकर चुदवाया साली ने.. एक बार मैंने जबरदस्ती की और दूसरी बार उसने.. !!"

राजेश: "उसने कैसे की?"

मदन: "अरे यार.. तू तो जानता है ना.. एक बार हम लोगों का निकल जाए उसके बाद.. कितनी सुस्ती आ जाती है!! और शीला मार्केट गई थी.. उसके आने का वक्त भी हो गया था तो मैंने कहा की अब वो चली जाएँ.. तो साली मुझ से बोली "बाबूजी..एक बार और कीजिए ना.. एक बार से मन नहीं भरता मेरा.. " मैंने लाख इनकार किया की मादरचोद अभी तेरी माँ यहाँ आ जाएगी तो गांड फाड़ देगी हम दोनों की.. लेकिन वो माने तब ना.. !!"

राजेश: "वेरी इंटरेस्टिंग.. फिर क्या हुआ?"

मदन: "होना क्या था.. वही हुआ जिसका डर था.. तेरी भाभी आ गई और हम दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया.. !!"

राजेश: "अरे बाप रे.. तब तो तेरी गांड फट गई होगी"

मदन: "अरे यार.. बड़ी मुश्किल से समझा पाया उसे.. तुझे पता है ना.. औरतों को समझाना कितना मुश्किल होता है!!

राजेश: "एक बार तेरी इस दूधवाली को देखना पड़ेगा यार.. लेकिन यार.. तू बात को कहाँ से कहाँ ले गया.. !! तू कह रहा था की क इस तरह तू शीला भाभी को राजी करेगा.. !!"

मदन: "यार ट्राय करूंगा.. लेकिन मुझे तो लगता है की शायद तू रेणुका को राजी नहीं कर पाएगा..!!"

राजेश: "यार, मैं भी सिर्फ कोशिश कर सकता हूँ"

मदन: "यार रॉकी.. ये बीवी बदलने की बात सुनकर.. मेरा तो लोडा फटा जा रहा है"

उसी दौरान.. कॉकटेल चलते चलते किसी और औरत को लेकर रेणुका के पास आया और उसकी पहचान कराने लगा.. "ये है मेरी बीवी.. !!" कॉकटेल की अमीरियत देखकर रेणुका पानी पानी हो गई.. कॉकटेल की बीवी ने हंसकर रेणुका को फ्लाइंग किस दी और कहा "हाई.. तुम्हारा साथी जबरदस्त है.. एक काम करो.. तुम मेरा पति ले जाओ और मुझे तुम्हारा पार्टनर दे दो.. !!"

रेणुका सुनकर मुस्कुराने लगी.. और फिर नीचे बैठ गई.. लंड चूसने.. !! कॉकटेल के दोनों हाथों को पकड़कर घुटनों के बल बैठकर उसका लंड चूसते हुए रेणुका ने उसकी घड़ी में समय देखा.. ग्यारह बज रहे थे.. शीला ने तो कॉकटेल की या उसकी बीवी की तरफ देखा तक नहीं.. पर रेणुका ने कॉकटेल की बीवी के कान में कहा "मेरा नाम कामिनी है..!!" जवाब में उसने कहा "नाइस नेम.. आई एम बार्बी.. " देखते ही देखते बार्बी भी रेणुका और शीला के संग जुड़ गई..

राजेश और मदन की रसप्रद चर्चा पर.. कॉकटेल और बार्बी के आने से कोई ब्रेक नहीं लगी.. उन्हों ने अपनी बात जारी रखी

राजेश: "मेक.. एक काम करते है.. आज रात हम एक कमरे में ही सोते है.. चुदाई भी साथ में करेंगे"


मदन खुश हो गया "क्या सच में? मज़ा आएगा.. इसी बहाने रीहर्सल भी हो जाएगा.. शीला और रेणुका के साथ साथ बार्बी भी अब मदन और राजेश के लंड के साथ खेलने लगी..
great update.
 
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राजेश और मदन की रसप्रद चर्चा पर.. कॉकटेल और बार्बी के आने से कोई ब्रेक नहीं लगी.. उन्हों ने अपनी बात जारी रखी

राजेश: "मेक.. एक काम करते है.. आज रात हम एक कमरे में ही सोते है.. चुदाई भी साथ में करेंगे"

मदन खुश हो गया "क्या सच में? मज़ा आएगा.. इसी बहाने रीहर्सल भी हो जाएगा.."

शीला और रेणुका के साथ साथ बार्बी भी अब मदन और राजेश के लंड के साथ खेलने लगी..

तभी रोमा ने अपनी पुच्ची में उंगली करते हुए एनाउंस किया "जो जिसके साथ सोना चाहता है वो अब उसे लेकर अपने अपने कमरे में जा सकता है.. इन्जॉय एवरीबड़ी"

मदन और राजेश खड़े थे थे.. वहीं कॉकटेल और बार्बी भी साथ थे.. शीला, रेणुका और बार्बी भी लंड छोड़कर खड़ी हो गई.. तीनों एक दूसरे के कमर में हाथ डालकर चलने लगी.. उस दौरान शीला ने बार्बी के कान में कुछ कहा.. और बार्बी ने जवाब में शीला के गालों को चूम लिया.. वो शीला का हाथ छुड़ाकर चली गई.. और हेमंत को बुला लाई.. हेमंत भी किसी दूसरी पार्टनर के साथ मजे कर रहा था.. मदन और राजेश के लंड मुरझाकर झूल रहे थे..

अब फाइनल जोड़ी बनाकर.. सब अपने अपने कमरे की ओर जाने लगे.. देखते ही देखते हॉल खाली होने लगा..

हॉल में अब सिर्फ इतने लोग बचे थे..

बँटी उर्फ हेमंत और बार्बी..

जो कॉकटेल की बीवी थी और उसका पति उसे स्वेच्छाचार के लिए यहाँ लेकर आया था.. दिखने में मस्त थी.. और शौकीन.. अमरूद जैसी चूचियाँ थी.. खींच मसलकर लंबी की हुई क्लिटोरिस थी.. और मस्त गांड.. कुल मिलाकर चोदने के लिए बढ़िया थी

सुनंदा (शीला) और मेक (मदन)

कामिनी (रेणुका) और कॉकटेल (?)

राजेश अकेला बच गया

परेशान होते हुए राजेश ने कहा "अरे यार.. आप लोगों ने तो मुझे ही बाहर निकाल दिया??" शीला और रेणुका भी अचंभित हो गई.. यहाँ पर सिर्फ कपल को एंट्री थी.. और सब जोड़ियों में बाहर गए थे.. फिर एक चूत कम कैसे पड़ गई?? कहीं कोई ताकतवर लंड दो चूतों को तो साथ नहीं ले गया?? नहीं ऐसा नहीं हो सकता था..

राजेश शर्म से पानी पानी हो रहा था.. क्या करता?? अब पूरी रात खुद ही हिलाना पड़ेगा क्या? इतनी दूर आकर क्या फायदा जब मूठ ही मारना हो..!! निराश हो गया राजेश.. उसका चेहरा देखकर रेणुका को उस पर तरस आ गया.. मेरा पति मूठ मारे और मैं दूसरे कमरे में चुदवाऊँ.. !! ऐसा नहीं हो सकता.. पर करे तो करे क्या.. !! पूरा प्रोग्राम राजेश ने ही बनाया था और अब वही लटक गया.. !! उसका हाल ऐसा हो गया की बाराती सारे बस में बैठ गए और अब दूल्हे के बैठने के लिए ही जगह नहीं बची..

शीला ने सोचा की हेमंत को जरूर पता होगा की कहाँ गड़बड़ हुई है.. उसने तुरंत हेमंत के कान में कहा "भेनचोद.. इसके लिए चूत का बंदोबस्त कर.. नहीं तो ये किसी को चोदने नहीं देगा.. " इतना कहकर शीला वापिस मदन के बगल में आकर खड़ी हो गई.. सब जा चुके थे.. राजेश की वजह से यह छह लोग अटक पड़े थे..

मदन: "तू चिंता मत कर रॉकी.. मेरे साथ चल यार.. इस रांड को तो एक साथ पचास मर्द भी कम पड़ेंगे.. क्यों बेबी..!! ये साथ आए तो तुम्हें कोई एतराज तो नहीं है ना.. !! हम दोनों सेंडविच स्टाइल में तुझे बीच में दबाकर चोदेंगे.. !! पीछे कभी लिया है पहले?"

शीला ने गर्दन हिलाते हुए "हाँ" का इशारा किया.. एक साथ दो मर्दों से.. और वो भी एक उसका पति और दूसरा राजेश.. इस कल्पना मात्र से ही शीला रोमांचित हो गई.. उसे डर सिर्फ एक ही बात का था.. दोनों से चुदवाते वक्त कहीं उसकी असलियत बाहर न आ जाएँ.. पर अब तो उसने हाँ बोल दिया था.. शीला को सकपकाया देख रेणुका बड़ी खुश हुई.. की चलो आज शीला को राजेश का लंड चखने का अवसर मिल ही जाएगा..

लेकिन किसी की खुश ज्यादा देर तक नहीं टिकी.. थोड़ी सी मोटी.. और ४५ के करीब उम्र वाली औरत उनके पास चलते हुए आई.. और बोली

"हाई.. मेरा नाम स्टेफी है.. माफ कीजिएगा.. कन्फ्यूजन की वजह से मैं बाहर निकल गई थी.. फिर पता चला की साथी चुनना तो बाकी था.. चलिए.. कौन आएगा मेरे साथ?"

चरबीदार जिस्म.. और मध्यम कद के स्तनों वाली वह स्त्री ब्रा और पेन्टी पहने हुए थे.. पारदर्शक ब्रा से उसकी बादामी रंग की निप्पलें साफ नजर आ रही थी..

देखकर उसे समझ आया की केवल राजेश ही था जो अकेला था

उसने राजेश से कहा "अब तो आप अकेले नहीं है.. हमारी जोड़ी बन गई है.. आप किस्मत वाले हो.. जो मैं आपको मिली.. मैंने अब तक अपने पति के अलावा किसी को भी अपने शरीर पर हाथ लगाने नहीं दिया है" राजेश को स्टेफी की जिस्म में वैशाली की झलक नजर आई.. और उसने तुरंत उसके आमंत्रण का स्वीकार कर लिया.. और स्टेफी की कमर में हाथ डाल दिया..

अब प्रॉब्लेम सुलझ चुका था.. सब की जोड़ियाँ बन गई थी.. सारे जोड़ें एक दूसरे के साथ छेड़खानियाँ करते हुए हॉल से बाहर निकलकर लॉबी में आ गए.. बेहद उत्तेजक माहोल था..

मदन: "एक घंटे बाद मेरे कमरे में मिलते है"

राजेश स्टेफी को लेकर मदन के साथ वाले कमरे में घुस गया.. और उसकी तरह बाकी जोड़ें भी अपने अपने कमरे में चले गए

शीला और मदन कमरे के अंदर भी मास्क पहने हुए थे.. और चोदने के लिए उतावले हो रहे थे.. कैसी स्थिति थी.. !!! घर की खिचड़ी से परेशान होकर महंगे रेस्टोरेंट में जाएँ.. और वहाँ कोई अटपटे नाम वाली आइटेम ऑर्डर करने के बाद जब वो आए और पता चले की यह भी खिचड़ी ही है..!! तो क्या हाल होगा.. !! बिल्कुल वही हाल मदन का था पर उसे अभी पता नहीं था.. यहाँ पर भी.. आइटम घर वाली ही थी.. सिर्फ नाम अलग था.. फव्वारे का पानी कितना भी उछल ले.. आखिर गिरता वहीं है जहां से वो निकला था.. राजेश के साथ बेंगलोर जाने का झूठ बोलकर वो इस क्लब में नई चूत चोदने आया था.. काफी पैसे खर्च कर भाड़े की रांड भी साथी बनाकर लाया था.. और आखिर उसके हाथ उसकी पत्नी ही लगी.. !!

सच में.. पति और पत्नी का रिश्ता जनम जनम का होता है.. पत्नी को घर छोड़कर रांड को चोदने गए पति को ये पता नहीं होता की वह सिर्फ अपनी पत्नी के शरीर को ही छोड़कर आया है.. उसके दिल-ओ-दिमाग पर तब भी वही छाई हुई रहती है.. रांड की चूत में धक्के लगाते हुए भी बार बार उसी का खयाल दिमाग में आता है.. प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से.. पत्नी कभी पति का साथ छोड़ती ही नहीं है.. उसी रांड को चोदने के बाद जब पानी निकल जाए तब पति सोचता है, यार बेकार में पाँच हजार ले गई.. !! इसे अच्छा तो घर पर ही पत्नी को चोद लेता.. दो हजार की साड़ी लेकर गया होता तो कितना खुश हो जाती?? यह विचार यही दर्शाते है की पत्नियों का कितना प्रभाव होता है अपने पतियों के दिमाग पर.. और बाहर कितना भी मुंह मार लो.. लौटकर आखिर घर पर ही आना पड़ता है.. कितनी भी आकर्षक वेश्या क्यों न हो.. एक बार पानी निकल जाने के बाद पत्नी की ही याद आती है.. इसे चाहें विचारों का ऑर्गेज़्म ही कह लो.. !!

शीला मन ही मन मुस्कुरा रही थी.. वो सोच रही थी की अभी अगर मैं मास्क उतार दूँ.. तो मदन का चेहरा कैसा हो जाएगा?? पर वो ऐसा करना नहीं चाहती थी.. अभी तो मजे लूटने बाकी थे..

नाइटलैम्प की बारीक रोशनी में वो मदन को सहलाती रही.. और मदन के लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मजबूती से हिलाते रही.. अपने उन्नत स्तनों से उसने मदन का इतना बढ़िया ब्रेस्ट-मसाज किया की मदन के मुंह से निकल गया "तुम बिल्कुल मेरी पत्नी की तरह ही सब हरकतें कर रही हो"

shaking-dick


शीला के दिमाग में.. चाबुक जैसे कई सवाल थे.. पर अभी पूछना मुमकिन नहीं था.. इसलिए.. अपने मुंह को बंद रखने के लिए.. मदन का लंड मुंह में ले लिया..

मदन के कूल्हें और जांघों पर शीला काटने लगी.. और उसके आँड़ों को मुठ्ठी में पकड़कर दबाने लगी.. मदन भी शीला की भोस में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. शीला को एक उंगली से फिंगर-फकिंग बिल्कुल पसंद नहीं था.. उसके जननांग की गहराई-चौड़ाई को देखते हुए.. उसे कम से कम तीन उँगलियाँ चाहिए थी.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.. उल्टा वो अपनी सांसें तेज करते हुए ऐसा जताने लगी जैसे उसे बहोत मज़ा आ रहा हो..


ff

मदन अब उत्तेजित होकर शीला के बदन पर टूट पड़ा.. और दोनों अतिशय कामुक होकर आदर्श संभोग में रत हो गए..

उसी दौरान दरवाजे पर दस्तक पड़ी.. बिना किसी संकोच के मदन नग्नावस्था में ही खड़ा हुआ.. और अपना खड़ा लंड झुलाते हुए दरवाजा खोल दिया.. कॉकटेल और कामिनी (रेणुका) सामने खड़े थे.. और उनके पीछे बँटी(हेमंत) और बार्बी (कॉकटेल की पत्नी) तथा रॉकी (राजेश) और स्टेफी भी खड़े हुए थे.. वह तीनों जोड़ें.. संभोग का एक एक राउन्ड खतम कर.. मदन और शीला के साथ ग्रुप सेक्स के मजे लेने आए थे

मदन ने सब का स्वागत किया.. और सारे लोग अंदर आ गए.. कॉकटेल बेड के साथ लगे सोफ़े पर बैठा.. और नग्न रेणुका उसकी गोद में ही लेट गई.. और उसके मोटे लंड को चाटने लगी.. राजेश भी स्टेफी के गद्देनुमा स्तनों का तकिया बनाकर बैठ गया.. स्टेफी के मांसल स्तन और उसकी गुलाबी निप्पल जबरदस्त लग रहे थे.. स्टेफी भी राजेश के बालों में उँगलियाँ फेरते हुए परिस्थिति का जायजा ले रही थी..


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राजेश और मदन अगल बगल में बैठे थे.. राजेश ने शीला के बोल पकड़कर दबाते हुए कहा "यार मेक.. इस सुनंदा के बूब्स बिल्कुल शीला भाभी जैसे है.. कब से बार बार उस पर ही नजर चली जाती है मेरी.. दबा तो सुनंदा के रहा हूँ मगर दिल में खयाल शीला भाभी का ही है.. उफ्फ़ ऐसा लगता जैसे मेरी शीला भाभी के ही बबले मसल रहा हूँ.. "

राजेश की बात सुनकर शीला की चूत और राजेश का लंड दोनों जबरदस्त प्रभावित हुए.. शीला के चूत ने अपना पानी बहाना शुरू कर दिया और पूरे कमरे में उसके चूत के शहद की मस्की गंध फैलने लगी.. ये देखते ही मदन ने शीला की चूत चाटना शुरू कर दिया.. हालांकि मदन को सुनंदा की भोस की गंध काफी जानी-पहचानी सी महसूस हुई.. पर हवस का सुरूर कुछ ऐसे छाया हुआ था की दिमाग उस बारे में ज्यादा सोच ही नहीं रहा था..

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शीला और मदन की इन हरकतों को देखकर उत्तेजित हेमंत.. बार्बी के बदन पर टूट पड़ा.. तो इस तरफ रेणुका कॉकटेल के साथ मशरूफ़ थी.. उसे यह भी परवाह नहीं थी की राजेश क्या कर रहा था.. राजेश स्टेफी के कामुक जिस्म पर चढ़कर ग़बागब चोदने लगा.. स्टेफी ने अपने जीवन में ऐसा आनंद कभी महसूस नहीं किया था.. आज तक वो यही सोचती रहती थी की आखिर लोग सेक्स के लिए इतने पैसे क्यों खर्च कर रहे होंगे.. !! आज पता चल गया.. !!
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इस रोमांचक माहोल में वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.. ऐसा नहीं था की उसके जिस्म को सिर्फ राजेश ही छु रहा था.. एक कमरे में चार जोड़ें एक साथ जब संभोग में व्यस्त हो.. तब अन्य लोगों का स्पर्श हो जाना सामान्य था.. अन्य साथी भी मौका मिलते ही स्टेफी के गदराए जिस्म का आनंद ले लेते थे.. मदन और हेमंत अब तक कई बार स्टेफी के स्तन युग्म का मर्दन कर चुके थे.. और कॉकटेल ने नजदीक आकर स्टेफी की गुलाबी निप्पल को मुंह में लेकर चूस लिया था..

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अब मदन ने शीला को चार पैरों पर कर दिया.. और अपनी पसंदीदा डोंगी स्टाइल में चोदने के लिए तैयार हो गया.. शीला के विशाल कूल्हों के बीच सेट होकर.. उसने अपने लंड को लार से गीला किया.. फिर अपने सुपाड़े को शीला के भोसड़े के प्रवेशद्वार पर रख दिया.. एक जोरदार धक्का लगाते हुए उसने अपना पूरा लंड अंदर धकेल दिया तब शीला की करारी आह्ह निकल गई.. धनाधन धक्के लगाने लगा मदन.. !! मदन के हर धक्के के साथ शीला के नारियल जैसे स्तन हवा में झूलने लगे..

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जैसे जैसे मदन शॉट लगाता जा रहा था.. वैसे वैसे उसका शक बढ़ रहा था की सुनंदा ही शीला थी.. पर उसका दिमाग यह मानने को तैयार ही नहीं था.. ऐसा कैसे हो सकता है भला.. !! शीला यहाँ कैसे आ सकती थी.. !! इसी सोच के वजह से मदन के दिमाग का शक आगे बढ़ नहीं पा रहा था.. ताज्जुब केवल इस बात का था की शीला और सुनंदा में इतनी समानता कैसे हो सकती है?? इस आसन में वो अनगिनत बार शीला को चोद चुका था.. और सुनंदा को उसी स्टाइल में चोदते वक्त.. अविरत ये महसूस हो रहा था की वह शीला ही थी.. !! दिमाग घूम रहा था मदन का.. !!

कॉकटेल के लंड से अपनी अंगूर जैसी क्लिटोरिस को रगड़ते हुए रेणुका.. मदन के लोड़े को शीला के भोसड़े में अंदर बाहर होते हुए देख रही थी.. थप-थप की आवाज़ें गूंज रही थी.. जब मदन का पूरा लंड शीला की भोस में समा जाता.. तब शीला और मदन की जांघें एक दूसरे से टकरा रही थी.. शीला को देखकर.. रेणुका भी डोंगी स्टाइल में तैयार हो गई.. और पलट कर पीछे खड़े कॉकटेल को.. खुद पर आरूढ़ होने का आमंत्रण देने लगी..


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शीला और रेणुका के स्तनों को लटकते देख.. हेमंत शीला के नीचे लेट गया.. और उसके मदमस्त स्तनों के तले दबने का अनूठा अनुभव करने लगा.. ये देखकर बार्बी भी रेणुका और शीला के बगल में घोड़ी बनकर रेडी हो गई.. फिर स्टेफी क्यों पीछे रहती.. वह भी आकर इन चारों औरतों को कंपनी देने लगी..

एक ही बिस्तर पर चारों औरतें डोंगी स्टाइल में थी.. शीला और रेणुका के पीछे मदन और कॉकटेल लगे हुए थे.. और बार्बी तथा स्टेफी का गेम बजा रहे थे बँटी(हेमंत) और रॉकी (राजेश)

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20 मिनट के भयंकर संभोग के बाद.. सब से पहले बार्बी की चूत में आत्मसमर्पण कर दिया.. वो झड़कर नीचे ढह गई.. पर उसकी चूत में घुसा हुआ हेमंत का लंड अभी भी इस्तीफा देने के मूड में नहीं था.. लेकिन बार्बी अब बेड पर लेट चुकी थी.. और हेमंत का लंड बाहर निकल गया था.. झड़ने के लिए बेकरार हेमंत अपना लंड पकड़कर शीला की अदालत में हाजिर हो गया.. शीला ने बड़े ही प्यार से उसका लंड मुंह में ले लिया और ऐसा चूसा.. जो काम बार्बी की चूत न कर पाई.. वह काम शीला के मुंह ने कर दिखाया.. शीला के मुंह में ही हेमंत के लंड का वीर्य-विसर्जन हो गया.. "आह्ह आह्ह.. " की कराहों के साथ हेमंत थरथराते हुए झड़ रहा था.. आखिर एक दमदार धक्का लगाते हुए हेमंत ने अपना लंड जड़ तक शीला के मुंह में घुसेड़ दिया..

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अब शीला ने मदन के लंड को अपनी चूत के होंठों के बीच दबोचे रखा था.. और हेमंत के लंड को आगे के होंठों से मजे दे रही थी.. एक साथ दो दो लंडों का आनंद लूट कर शीला की हवस बेकाबू हो गई.. अपने चूतड़ को उठाते हुए.. वो जितना हो सकें उतना मदन के लंड को गहराई तक अंदर लेने की भरसक कोशिशें कर रही थी..

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शीला धीरे धीरे अपने ऑर्गेज़्म की ओर बढ़ रही थी.. अमूमन झड़ने के करीब आते ही.. उसे अनाब-शनाब बकने की आदत थी.. पर आज उसे अपने आप पर काबू रखना पड़ा.. क्यों की अगर वो अपना मुंह गलती से भी खोलती.. तो उसका भांडा फूट जाता.. मदन को झड़ते वक्त.. शीला की अश्लील बातें और गालियां सुनने की आदत थी.. उसके लंड ने पिचकारी तो मारी पर शीला के साथ जो मज़ा आता था वो नहीं आया.. ऑर्गेज़्म अधूरा सा लग रहा था शीला के बगैर.. दूसरी तरफ शीला की हालत भी कुछ खास नहीं थी.. बिना चीखें चिलाएं.. चुदने में उसे कुछ मज़ा नहीं आया था.. वो तो मुक्त गगन में उड़ने वाली पंछी थी.. बंधन में रहना उसे कतई पसंद नहीं था..

बार्बी के बगल में शीला भी पस्त होकर गिर गई.. राजेश का लंड अपनी चूत में लेकर बेहद खुश स्टेफी.. समागम की आखिरी क्षणों में चीखते हुए चुदवा रही थी.. क्योंकि राजेश ने उसकी गांड को टारगेट किया था.. चूत को चोदते वक्त उसने अपना अंगूठा उसकी गांड के छेद में घुसा दिया था और उसे चौड़ा कर रहा था.. पहली बार पराए लंड से चुद रही स्टेफी की गांड में जब राजेश ने उंगली की तब वह उत्तेजना के नए शिखरों पर पहुँच गई.. लेकिन उसके बाद... जिस तरह ये नेता लोग.. शुरू शुरू में काफी विनम्र पेश आते है.. और चुनाव खतम होते ही अपना असली रंग प्रकट करते है.. बिल्कुल वैसे ही.. राजेश ने एक ही धक्के में अपना लंड स्टेफी की गांड में डालकर.. उसकी गांड का हजीरा बना दिया..

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बगल में ही कॉकटेल, रेणुका को चोद रहा था.. और राजेश-स्टेफी को देखकर.. उसे भी गांड के टाइट छिद्र का मजे लेने का मन किया.. और थूक लगाकर.. रेणुका की गांड में लंड पेलकर, बेचारी को रुला दिया.. !!

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आँख में आँसू आ जाने के बावजूद.. मास्क के कारण अपनी पीड़ा को छुपने में सक्षम रही रेणुका.. !! मुंह से आवाज निकाल नहीं सकती थी वो.. स्टेफी और कामिनी (रेणुका) के दर्द से अनजान.. दोनों पुरुष सांड की तरह उनकी गांड चोद रहे थे.. कहते है ना "दर्द का हद से गुजर जाना.. खुद ही दवा बन जाता है" उसी नाते कुछ देर पश्चात.. दोनों के छेद.. लंड घुसाई से अनुकूल होकर.. मजे लेने लगे.. और दोनों के गांड के छेद में.. आखिर राजेश और कॉकटेल के लंड.. विसर्जित हो गए.. !!

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स्खलन के बाद.. लंड गांड के छेद में फंस गए थे.. यह तो अच्छा हुआ की स्खलित होकर दोनों के लंड मुरझा गए थे.. और वीर्य छूटने की वजह से.. छेद गीला हो गया था.. इसलिए उनके लंड आसानी से बाहर निकल आयें.. वरना संभोग-रत कुत्ते और कुत्तिया की तरह दोनों के जननांग चिपक जाते.. लंड तो आसानी से निकल गए.. पर फिर भी.. स्टेफी और रेणुका को गांड की दीवारों पर घर्षण के कारण भयंकर जलन हो रही थी..

एक जबरदस्त चुदाई का राउन्ड सम्पन्न हुआ था.. रात के बारह बज रहे थे.. चारों जोड़ें.. स्खलित होकर ऐसे पस्त पड़े थे.. जैसे प्लेन क्रेश होने के बाद.. जमीन पर लाशें बिखरी पड़ी हो.. !!

लगभग आधे घंटे के विराम के बाद.. कॉकटेल ने सिगरेट सुलगाई.. और फिर बाकी लोगों को भी सिगरेट ओफर की.. सब ने पैकेट से एक एक सिगरेट ली और बिंदास फूंकने लगे.. इन सब में.. केवल राजेश और मदन ही एक दूसरे से बातें कर रहे थे.. शीला और रेणुका के लिए आपस में बात करना.. या फिर बार्बी या स्टेफी से बात करना मुमकिन नहीं था.. क्योंकी उनकी पहचान खुल जाने का पूरा डर था.. और इन सब की मौजूदगी में.. हेमंत ने भी चुप रहना ही ठीक समझा.. क्योंकी वैसे देखने जाए तो.. यह सब इस होटल के कस्टमर थे.. और वो केवल एक मुलाजिम था.. !!

कभी कभी स्टेफी बात कर लेती थी मदन और राजेश से.. पता नहीं क्यों.. पर कॉकटेल भी बिल्कुल खामोश था.. उसका व्यक्तित्व शुरू से ही काफी रहस्यमयी था.. वैसे किसी को उसे जानने में खास दिलचस्पी थी भी नहीं.. केवल रेणुका के सिवा.. वो इस कॉकटेल के बारे में जरूर जानना चाहती थी.. जिसने आज पहली बार उसकी गांड छेद दी थी.. वैसे राजेश ने कई बार उसकी गांड मारने का प्रयास किया था.. पर दर्द के चलते वो दोनों आगे बढ़े नहीं थे.. पर आज उसे ये अनोखे एहसास ने उसकी हिम्मत खोल दी थी.. दर्द बहोत हुआ था पर मज़ा भी आया था.. वैसे देखने जाए तो दर्द और आनंद.. एक ही सिक्के के दो पहलू है.. !!

शीला के लिए गांड मरवाना कोई नई बात नहीं थी.. वो अन्य मर्दों से और मदन से काफी बार मरवा चुकी थी.. वो तो अक्सर मदन से कहती "यार, एक ही छेद पर हमेशा क्यों जुल्म करते रहते हो.. !! सभी छेद को बराबर बराबर इस्तेमाल कर.. तो टाइट भी रहेंगे और ज्यादा मज़ा भी आएगा.. !!" मदन और शीला तो कई बार एनल सेक्स का आनंद लेते थे..

अपनी गांड मरवाने के बाद रेणुका को एहसास हुआ की कॉकटेल का लंड राजेश से मोटा तो था ही.. ऑर्गेज़्म से थक कर सब कमरे में रिलेक्स कर रहे थे.. तभी..

कमरे के बाहर लॉबी में.. काफी असामान्य चहल-पहल की आवाज़ें सुनाई देने लगी.. !!! और उन आवाजों में डर और व्यग्रता के भाव स्पष्ट रूप से सुनाई पड़ रहे थे.. सब के चेहरे एकदम से गंभीर हो गए.. एक दूसरे की तरफ देखते हुए.. सब की आँखों में बस एक ही प्रश्न था.. की आखिर ऐसा क्या हो गया था.. !!!!


अचानक बाहर से किसी की चिल्लाने की आवाज आई "भागों... पुलिस की रैड पड़ी है.. !!!!"
Wowwww KLPD at the end.
 
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राजेश: "मेक.. एक काम करते है.. आज रात हम एक कमरे में ही सोते है.. चुदाई भी साथ में करेंगे"

मदन खुश हो गया "क्या सच में? मज़ा आएगा.. इसी बहाने रीहर्सल भी हो जाएगा.."

शीला और रेणुका के साथ साथ बार्बी भी अब मदन और राजेश के लंड के साथ खेलने लगी..

तभी रोमा ने अपनी पुच्ची में उंगली करते हुए एनाउंस किया "जो जिसके साथ सोना चाहता है वो अब उसे लेकर अपने अपने कमरे में जा सकता है.. इन्जॉय एवरीबड़ी"

मदन और राजेश खड़े थे थे.. वहीं कॉकटेल और बार्बी भी साथ थे.. शीला, रेणुका और बार्बी भी लंड छोड़कर खड़ी हो गई.. तीनों एक दूसरे के कमर में हाथ डालकर चलने लगी.. उस दौरान शीला ने बार्बी के कान में कुछ कहा.. और बार्बी ने जवाब में शीला के गालों को चूम लिया.. वो शीला का हाथ छुड़ाकर चली गई.. और हेमंत को बुला लाई.. हेमंत भी किसी दूसरी पार्टनर के साथ मजे कर रहा था.. मदन और राजेश के लंड मुरझाकर झूल रहे थे..

अब फाइनल जोड़ी बनाकर.. सब अपने अपने कमरे की ओर जाने लगे.. देखते ही देखते हॉल खाली होने लगा..

हॉल में अब सिर्फ इतने लोग बचे थे..

बँटी उर्फ हेमंत और बार्बी..

जो कॉकटेल की बीवी थी और उसका पति उसे स्वेच्छाचार के लिए यहाँ लेकर आया था.. दिखने में मस्त थी.. और शौकीन.. अमरूद जैसी चूचियाँ थी.. खींच मसलकर लंबी की हुई क्लिटोरिस थी.. और मस्त गांड.. कुल मिलाकर चोदने के लिए बढ़िया थी

सुनंदा (शीला) और मेक (मदन)

कामिनी (रेणुका) और कॉकटेल (?)

राजेश अकेला बच गया

परेशान होते हुए राजेश ने कहा "अरे यार.. आप लोगों ने तो मुझे ही बाहर निकाल दिया??" शीला और रेणुका भी अचंभित हो गई.. यहाँ पर सिर्फ कपल को एंट्री थी.. और सब जोड़ियों में बाहर गए थे.. फिर एक चूत कम कैसे पड़ गई?? कहीं कोई ताकतवर लंड दो चूतों को तो साथ नहीं ले गया?? नहीं ऐसा नहीं हो सकता था..

राजेश शर्म से पानी पानी हो रहा था.. क्या करता?? अब पूरी रात खुद ही हिलाना पड़ेगा क्या? इतनी दूर आकर क्या फायदा जब मूठ ही मारना हो..!! निराश हो गया राजेश.. उसका चेहरा देखकर रेणुका को उस पर तरस आ गया.. मेरा पति मूठ मारे और मैं दूसरे कमरे में चुदवाऊँ.. !! ऐसा नहीं हो सकता.. पर करे तो करे क्या.. !! पूरा प्रोग्राम राजेश ने ही बनाया था और अब वही लटक गया.. !! उसका हाल ऐसा हो गया की बाराती सारे बस में बैठ गए और अब दूल्हे के बैठने के लिए ही जगह नहीं बची..

शीला ने सोचा की हेमंत को जरूर पता होगा की कहाँ गड़बड़ हुई है.. उसने तुरंत हेमंत के कान में कहा "भेनचोद.. इसके लिए चूत का बंदोबस्त कर.. नहीं तो ये किसी को चोदने नहीं देगा.. " इतना कहकर शीला वापिस मदन के बगल में आकर खड़ी हो गई.. सब जा चुके थे.. राजेश की वजह से यह छह लोग अटक पड़े थे..

मदन: "तू चिंता मत कर रॉकी.. मेरे साथ चल यार.. इस रांड को तो एक साथ पचास मर्द भी कम पड़ेंगे.. क्यों बेबी..!! ये साथ आए तो तुम्हें कोई एतराज तो नहीं है ना.. !! हम दोनों सेंडविच स्टाइल में तुझे बीच में दबाकर चोदेंगे.. !! पीछे कभी लिया है पहले?"

शीला ने गर्दन हिलाते हुए "हाँ" का इशारा किया.. एक साथ दो मर्दों से.. और वो भी एक उसका पति और दूसरा राजेश.. इस कल्पना मात्र से ही शीला रोमांचित हो गई.. उसे डर सिर्फ एक ही बात का था.. दोनों से चुदवाते वक्त कहीं उसकी असलियत बाहर न आ जाएँ.. पर अब तो उसने हाँ बोल दिया था.. शीला को सकपकाया देख रेणुका बड़ी खुश हुई.. की चलो आज शीला को राजेश का लंड चखने का अवसर मिल ही जाएगा..

लेकिन किसी की खुश ज्यादा देर तक नहीं टिकी.. थोड़ी सी मोटी.. और ४५ के करीब उम्र वाली औरत उनके पास चलते हुए आई.. और बोली

"हाई.. मेरा नाम स्टेफी है.. माफ कीजिएगा.. कन्फ्यूजन की वजह से मैं बाहर निकल गई थी.. फिर पता चला की साथी चुनना तो बाकी था.. चलिए.. कौन आएगा मेरे साथ?"

चरबीदार जिस्म.. और मध्यम कद के स्तनों वाली वह स्त्री ब्रा और पेन्टी पहने हुए थे.. पारदर्शक ब्रा से उसकी बादामी रंग की निप्पलें साफ नजर आ रही थी..

देखकर उसे समझ आया की केवल राजेश ही था जो अकेला था

उसने राजेश से कहा "अब तो आप अकेले नहीं है.. हमारी जोड़ी बन गई है.. आप किस्मत वाले हो.. जो मैं आपको मिली.. मैंने अब तक अपने पति के अलावा किसी को भी अपने शरीर पर हाथ लगाने नहीं दिया है" राजेश को स्टेफी की जिस्म में वैशाली की झलक नजर आई.. और उसने तुरंत उसके आमंत्रण का स्वीकार कर लिया.. और स्टेफी की कमर में हाथ डाल दिया..

अब प्रॉब्लेम सुलझ चुका था.. सब की जोड़ियाँ बन गई थी.. सारे जोड़ें एक दूसरे के साथ छेड़खानियाँ करते हुए हॉल से बाहर निकलकर लॉबी में आ गए.. बेहद उत्तेजक माहोल था..

मदन: "एक घंटे बाद मेरे कमरे में मिलते है"

राजेश स्टेफी को लेकर मदन के साथ वाले कमरे में घुस गया.. और उसकी तरह बाकी जोड़ें भी अपने अपने कमरे में चले गए

शीला और मदन कमरे के अंदर भी मास्क पहने हुए थे.. और चोदने के लिए उतावले हो रहे थे.. कैसी स्थिति थी.. !!! घर की खिचड़ी से परेशान होकर महंगे रेस्टोरेंट में जाएँ.. और वहाँ कोई अटपटे नाम वाली आइटेम ऑर्डर करने के बाद जब वो आए और पता चले की यह भी खिचड़ी ही है..!! तो क्या हाल होगा.. !! बिल्कुल वही हाल मदन का था पर उसे अभी पता नहीं था.. यहाँ पर भी.. आइटम घर वाली ही थी.. सिर्फ नाम अलग था.. फव्वारे का पानी कितना भी उछल ले.. आखिर गिरता वहीं है जहां से वो निकला था.. राजेश के साथ बेंगलोर जाने का झूठ बोलकर वो इस क्लब में नई चूत चोदने आया था.. काफी पैसे खर्च कर भाड़े की रांड भी साथी बनाकर लाया था.. और आखिर उसके हाथ उसकी पत्नी ही लगी.. !!

सच में.. पति और पत्नी का रिश्ता जनम जनम का होता है.. पत्नी को घर छोड़कर रांड को चोदने गए पति को ये पता नहीं होता की वह सिर्फ अपनी पत्नी के शरीर को ही छोड़कर आया है.. उसके दिल-ओ-दिमाग पर तब भी वही छाई हुई रहती है.. रांड की चूत में धक्के लगाते हुए भी बार बार उसी का खयाल दिमाग में आता है.. प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से.. पत्नी कभी पति का साथ छोड़ती ही नहीं है.. उसी रांड को चोदने के बाद जब पानी निकल जाए तब पति सोचता है, यार बेकार में पाँच हजार ले गई.. !! इसे अच्छा तो घर पर ही पत्नी को चोद लेता.. दो हजार की साड़ी लेकर गया होता तो कितना खुश हो जाती?? यह विचार यही दर्शाते है की पत्नियों का कितना प्रभाव होता है अपने पतियों के दिमाग पर.. और बाहर कितना भी मुंह मार लो.. लौटकर आखिर घर पर ही आना पड़ता है.. कितनी भी आकर्षक वेश्या क्यों न हो.. एक बार पानी निकल जाने के बाद पत्नी की ही याद आती है.. इसे चाहें विचारों का ऑर्गेज़्म ही कह लो.. !!

शीला मन ही मन मुस्कुरा रही थी.. वो सोच रही थी की अभी अगर मैं मास्क उतार दूँ.. तो मदन का चेहरा कैसा हो जाएगा?? पर वो ऐसा करना नहीं चाहती थी.. अभी तो मजे लूटने बाकी थे..

नाइटलैम्प की बारीक रोशनी में वो मदन को सहलाती रही.. और मदन के लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मजबूती से हिलाते रही.. अपने उन्नत स्तनों से उसने मदन का इतना बढ़िया ब्रेस्ट-मसाज किया की मदन के मुंह से निकल गया "तुम बिल्कुल मेरी पत्नी की तरह ही सब हरकतें कर रही हो"

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शीला के दिमाग में.. चाबुक जैसे कई सवाल थे.. पर अभी पूछना मुमकिन नहीं था.. इसलिए.. अपने मुंह को बंद रखने के लिए.. मदन का लंड मुंह में ले लिया..

मदन के कूल्हें और जांघों पर शीला काटने लगी.. और उसके आँड़ों को मुठ्ठी में पकड़कर दबाने लगी.. मदन भी शीला की भोस में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. शीला को एक उंगली से फिंगर-फकिंग बिल्कुल पसंद नहीं था.. उसके जननांग की गहराई-चौड़ाई को देखते हुए.. उसे कम से कम तीन उँगलियाँ चाहिए थी.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.. उल्टा वो अपनी सांसें तेज करते हुए ऐसा जताने लगी जैसे उसे बहोत मज़ा आ रहा हो..


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मदन अब उत्तेजित होकर शीला के बदन पर टूट पड़ा.. और दोनों अतिशय कामुक होकर आदर्श संभोग में रत हो गए..

उसी दौरान दरवाजे पर दस्तक पड़ी.. बिना किसी संकोच के मदन नग्नावस्था में ही खड़ा हुआ.. और अपना खड़ा लंड झुलाते हुए दरवाजा खोल दिया.. कॉकटेल और कामिनी (रेणुका) सामने खड़े थे.. और उनके पीछे बँटी(हेमंत) और बार्बी (कॉकटेल की पत्नी) तथा रॉकी (राजेश) और स्टेफी भी खड़े हुए थे.. वह तीनों जोड़ें.. संभोग का एक एक राउन्ड खतम कर.. मदन और शीला के साथ ग्रुप सेक्स के मजे लेने आए थे

मदन ने सब का स्वागत किया.. और सारे लोग अंदर आ गए.. कॉकटेल बेड के साथ लगे सोफ़े पर बैठा.. और नग्न रेणुका उसकी गोद में ही लेट गई.. और उसके मोटे लंड को चाटने लगी.. राजेश भी स्टेफी के गद्देनुमा स्तनों का तकिया बनाकर बैठ गया.. स्टेफी के मांसल स्तन और उसकी गुलाबी निप्पल जबरदस्त लग रहे थे.. स्टेफी भी राजेश के बालों में उँगलियाँ फेरते हुए परिस्थिति का जायजा ले रही थी..


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राजेश और मदन अगल बगल में बैठे थे.. राजेश ने शीला के बोल पकड़कर दबाते हुए कहा "यार मेक.. इस सुनंदा के बूब्स बिल्कुल शीला भाभी जैसे है.. कब से बार बार उस पर ही नजर चली जाती है मेरी.. दबा तो सुनंदा के रहा हूँ मगर दिल में खयाल शीला भाभी का ही है.. उफ्फ़ ऐसा लगता जैसे मेरी शीला भाभी के ही बबले मसल रहा हूँ.. "

राजेश की बात सुनकर शीला की चूत और राजेश का लंड दोनों जबरदस्त प्रभावित हुए.. शीला के चूत ने अपना पानी बहाना शुरू कर दिया और पूरे कमरे में उसके चूत के शहद की मस्की गंध फैलने लगी.. ये देखते ही मदन ने शीला की चूत चाटना शुरू कर दिया.. हालांकि मदन को सुनंदा की भोस की गंध काफी जानी-पहचानी सी महसूस हुई.. पर हवस का सुरूर कुछ ऐसे छाया हुआ था की दिमाग उस बारे में ज्यादा सोच ही नहीं रहा था..

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शीला और मदन की इन हरकतों को देखकर उत्तेजित हेमंत.. बार्बी के बदन पर टूट पड़ा.. तो इस तरफ रेणुका कॉकटेल के साथ मशरूफ़ थी.. उसे यह भी परवाह नहीं थी की राजेश क्या कर रहा था.. राजेश स्टेफी के कामुक जिस्म पर चढ़कर ग़बागब चोदने लगा.. स्टेफी ने अपने जीवन में ऐसा आनंद कभी महसूस नहीं किया था.. आज तक वो यही सोचती रहती थी की आखिर लोग सेक्स के लिए इतने पैसे क्यों खर्च कर रहे होंगे.. !! आज पता चल गया.. !!
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इस रोमांचक माहोल में वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.. ऐसा नहीं था की उसके जिस्म को सिर्फ राजेश ही छु रहा था.. एक कमरे में चार जोड़ें एक साथ जब संभोग में व्यस्त हो.. तब अन्य लोगों का स्पर्श हो जाना सामान्य था.. अन्य साथी भी मौका मिलते ही स्टेफी के गदराए जिस्म का आनंद ले लेते थे.. मदन और हेमंत अब तक कई बार स्टेफी के स्तन युग्म का मर्दन कर चुके थे.. और कॉकटेल ने नजदीक आकर स्टेफी की गुलाबी निप्पल को मुंह में लेकर चूस लिया था..

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अब मदन ने शीला को चार पैरों पर कर दिया.. और अपनी पसंदीदा डोंगी स्टाइल में चोदने के लिए तैयार हो गया.. शीला के विशाल कूल्हों के बीच सेट होकर.. उसने अपने लंड को लार से गीला किया.. फिर अपने सुपाड़े को शीला के भोसड़े के प्रवेशद्वार पर रख दिया.. एक जोरदार धक्का लगाते हुए उसने अपना पूरा लंड अंदर धकेल दिया तब शीला की करारी आह्ह निकल गई.. धनाधन धक्के लगाने लगा मदन.. !! मदन के हर धक्के के साथ शीला के नारियल जैसे स्तन हवा में झूलने लगे..

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जैसे जैसे मदन शॉट लगाता जा रहा था.. वैसे वैसे उसका शक बढ़ रहा था की सुनंदा ही शीला थी.. पर उसका दिमाग यह मानने को तैयार ही नहीं था.. ऐसा कैसे हो सकता है भला.. !! शीला यहाँ कैसे आ सकती थी.. !! इसी सोच के वजह से मदन के दिमाग का शक आगे बढ़ नहीं पा रहा था.. ताज्जुब केवल इस बात का था की शीला और सुनंदा में इतनी समानता कैसे हो सकती है?? इस आसन में वो अनगिनत बार शीला को चोद चुका था.. और सुनंदा को उसी स्टाइल में चोदते वक्त.. अविरत ये महसूस हो रहा था की वह शीला ही थी.. !! दिमाग घूम रहा था मदन का.. !!

कॉकटेल के लंड से अपनी अंगूर जैसी क्लिटोरिस को रगड़ते हुए रेणुका.. मदन के लोड़े को शीला के भोसड़े में अंदर बाहर होते हुए देख रही थी.. थप-थप की आवाज़ें गूंज रही थी.. जब मदन का पूरा लंड शीला की भोस में समा जाता.. तब शीला और मदन की जांघें एक दूसरे से टकरा रही थी.. शीला को देखकर.. रेणुका भी डोंगी स्टाइल में तैयार हो गई.. और पलट कर पीछे खड़े कॉकटेल को.. खुद पर आरूढ़ होने का आमंत्रण देने लगी..


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शीला और रेणुका के स्तनों को लटकते देख.. हेमंत शीला के नीचे लेट गया.. और उसके मदमस्त स्तनों के तले दबने का अनूठा अनुभव करने लगा.. ये देखकर बार्बी भी रेणुका और शीला के बगल में घोड़ी बनकर रेडी हो गई.. फिर स्टेफी क्यों पीछे रहती.. वह भी आकर इन चारों औरतों को कंपनी देने लगी..

एक ही बिस्तर पर चारों औरतें डोंगी स्टाइल में थी.. शीला और रेणुका के पीछे मदन और कॉकटेल लगे हुए थे.. और बार्बी तथा स्टेफी का गेम बजा रहे थे बँटी(हेमंत) और रॉकी (राजेश)

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20 मिनट के भयंकर संभोग के बाद.. सब से पहले बार्बी की चूत में आत्मसमर्पण कर दिया.. वो झड़कर नीचे ढह गई.. पर उसकी चूत में घुसा हुआ हेमंत का लंड अभी भी इस्तीफा देने के मूड में नहीं था.. लेकिन बार्बी अब बेड पर लेट चुकी थी.. और हेमंत का लंड बाहर निकल गया था.. झड़ने के लिए बेकरार हेमंत अपना लंड पकड़कर शीला की अदालत में हाजिर हो गया.. शीला ने बड़े ही प्यार से उसका लंड मुंह में ले लिया और ऐसा चूसा.. जो काम बार्बी की चूत न कर पाई.. वह काम शीला के मुंह ने कर दिखाया.. शीला के मुंह में ही हेमंत के लंड का वीर्य-विसर्जन हो गया.. "आह्ह आह्ह.. " की कराहों के साथ हेमंत थरथराते हुए झड़ रहा था.. आखिर एक दमदार धक्का लगाते हुए हेमंत ने अपना लंड जड़ तक शीला के मुंह में घुसेड़ दिया..

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अब शीला ने मदन के लंड को अपनी चूत के होंठों के बीच दबोचे रखा था.. और हेमंत के लंड को आगे के होंठों से मजे दे रही थी.. एक साथ दो दो लंडों का आनंद लूट कर शीला की हवस बेकाबू हो गई.. अपने चूतड़ को उठाते हुए.. वो जितना हो सकें उतना मदन के लंड को गहराई तक अंदर लेने की भरसक कोशिशें कर रही थी..

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शीला धीरे धीरे अपने ऑर्गेज़्म की ओर बढ़ रही थी.. अमूमन झड़ने के करीब आते ही.. उसे अनाब-शनाब बकने की आदत थी.. पर आज उसे अपने आप पर काबू रखना पड़ा.. क्यों की अगर वो अपना मुंह गलती से भी खोलती.. तो उसका भांडा फूट जाता.. मदन को झड़ते वक्त.. शीला की अश्लील बातें और गालियां सुनने की आदत थी.. उसके लंड ने पिचकारी तो मारी पर शीला के साथ जो मज़ा आता था वो नहीं आया.. ऑर्गेज़्म अधूरा सा लग रहा था शीला के बगैर.. दूसरी तरफ शीला की हालत भी कुछ खास नहीं थी.. बिना चीखें चिलाएं.. चुदने में उसे कुछ मज़ा नहीं आया था.. वो तो मुक्त गगन में उड़ने वाली पंछी थी.. बंधन में रहना उसे कतई पसंद नहीं था..

बार्बी के बगल में शीला भी पस्त होकर गिर गई.. राजेश का लंड अपनी चूत में लेकर बेहद खुश स्टेफी.. समागम की आखिरी क्षणों में चीखते हुए चुदवा रही थी.. क्योंकि राजेश ने उसकी गांड को टारगेट किया था.. चूत को चोदते वक्त उसने अपना अंगूठा उसकी गांड के छेद में घुसा दिया था और उसे चौड़ा कर रहा था.. पहली बार पराए लंड से चुद रही स्टेफी की गांड में जब राजेश ने उंगली की तब वह उत्तेजना के नए शिखरों पर पहुँच गई.. लेकिन उसके बाद... जिस तरह ये नेता लोग.. शुरू शुरू में काफी विनम्र पेश आते है.. और चुनाव खतम होते ही अपना असली रंग प्रकट करते है.. बिल्कुल वैसे ही.. राजेश ने एक ही धक्के में अपना लंड स्टेफी की गांड में डालकर.. उसकी गांड का हजीरा बना दिया..

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बगल में ही कॉकटेल, रेणुका को चोद रहा था.. और राजेश-स्टेफी को देखकर.. उसे भी गांड के टाइट छिद्र का मजे लेने का मन किया.. और थूक लगाकर.. रेणुका की गांड में लंड पेलकर, बेचारी को रुला दिया.. !!

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आँख में आँसू आ जाने के बावजूद.. मास्क के कारण अपनी पीड़ा को छुपने में सक्षम रही रेणुका.. !! मुंह से आवाज निकाल नहीं सकती थी वो.. स्टेफी और कामिनी (रेणुका) के दर्द से अनजान.. दोनों पुरुष सांड की तरह उनकी गांड चोद रहे थे.. कहते है ना "दर्द का हद से गुजर जाना.. खुद ही दवा बन जाता है" उसी नाते कुछ देर पश्चात.. दोनों के छेद.. लंड घुसाई से अनुकूल होकर.. मजे लेने लगे.. और दोनों के गांड के छेद में.. आखिर राजेश और कॉकटेल के लंड.. विसर्जित हो गए.. !!

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स्खलन के बाद.. लंड गांड के छेद में फंस गए थे.. यह तो अच्छा हुआ की स्खलित होकर दोनों के लंड मुरझा गए थे.. और वीर्य छूटने की वजह से.. छेद गीला हो गया था.. इसलिए उनके लंड आसानी से बाहर निकल आयें.. वरना संभोग-रत कुत्ते और कुत्तिया की तरह दोनों के जननांग चिपक जाते.. लंड तो आसानी से निकल गए.. पर फिर भी.. स्टेफी और रेणुका को गांड की दीवारों पर घर्षण के कारण भयंकर जलन हो रही थी..

एक जबरदस्त चुदाई का राउन्ड सम्पन्न हुआ था.. रात के बारह बज रहे थे.. चारों जोड़ें.. स्खलित होकर ऐसे पस्त पड़े थे.. जैसे प्लेन क्रेश होने के बाद.. जमीन पर लाशें बिखरी पड़ी हो.. !!

लगभग आधे घंटे के विराम के बाद.. कॉकटेल ने सिगरेट सुलगाई.. और फिर बाकी लोगों को भी सिगरेट ओफर की.. सब ने पैकेट से एक एक सिगरेट ली और बिंदास फूंकने लगे.. इन सब में.. केवल राजेश और मदन ही एक दूसरे से बातें कर रहे थे.. शीला और रेणुका के लिए आपस में बात करना.. या फिर बार्बी या स्टेफी से बात करना मुमकिन नहीं था.. क्योंकी उनकी पहचान खुल जाने का पूरा डर था.. और इन सब की मौजूदगी में.. हेमंत ने भी चुप रहना ही ठीक समझा.. क्योंकी वैसे देखने जाए तो.. यह सब इस होटल के कस्टमर थे.. और वो केवल एक मुलाजिम था.. !!

कभी कभी स्टेफी बात कर लेती थी मदन और राजेश से.. पता नहीं क्यों.. पर कॉकटेल भी बिल्कुल खामोश था.. उसका व्यक्तित्व शुरू से ही काफी रहस्यमयी था.. वैसे किसी को उसे जानने में खास दिलचस्पी थी भी नहीं.. केवल रेणुका के सिवा.. वो इस कॉकटेल के बारे में जरूर जानना चाहती थी.. जिसने आज पहली बार उसकी गांड छेद दी थी.. वैसे राजेश ने कई बार उसकी गांड मारने का प्रयास किया था.. पर दर्द के चलते वो दोनों आगे बढ़े नहीं थे.. पर आज उसे ये अनोखे एहसास ने उसकी हिम्मत खोल दी थी.. दर्द बहोत हुआ था पर मज़ा भी आया था.. वैसे देखने जाए तो दर्द और आनंद.. एक ही सिक्के के दो पहलू है.. !!

शीला के लिए गांड मरवाना कोई नई बात नहीं थी.. वो अन्य मर्दों से और मदन से काफी बार मरवा चुकी थी.. वो तो अक्सर मदन से कहती "यार, एक ही छेद पर हमेशा क्यों जुल्म करते रहते हो.. !! सभी छेद को बराबर बराबर इस्तेमाल कर.. तो टाइट भी रहेंगे और ज्यादा मज़ा भी आएगा.. !!" मदन और शीला तो कई बार एनल सेक्स का आनंद लेते थे..

अपनी गांड मरवाने के बाद रेणुका को एहसास हुआ की कॉकटेल का लंड राजेश से मोटा तो था ही.. ऑर्गेज़्म से थक कर सब कमरे में रिलेक्स कर रहे थे.. तभी..

कमरे के बाहर लॉबी में.. काफी असामान्य चहल-पहल की आवाज़ें सुनाई देने लगी.. !!! और उन आवाजों में डर और व्यग्रता के भाव स्पष्ट रूप से सुनाई पड़ रहे थे.. सब के चेहरे एकदम से गंभीर हो गए.. एक दूसरे की तरफ देखते हुए.. सब की आँखों में बस एक ही प्रश्न था.. की आखिर ऐसा क्या हो गया था.. !!!!


अचानक बाहर से किसी की चिल्लाने की आवाज आई "भागों... पुलिस की रैड पड़ी है.. !!!!"
Rocking update
 
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