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Tumari nazar bhi gazab hai bulbul sisAwesome Hot erotic update.
Sir Aapki sex likhne ki skill bahut acchi h. Pics selection par bhi aap bahut focus karte h.
Thanks raji.Tumari nazar bhi gazab hai bulbul sis
Khatrnak update brotherमदन: "रेणुका, शीला अभी गई.. हम भी उसके पीछे चलें?"
तमन्ना: "सर, आगे बड़े ग्राउंड पर बहोत सारे स्टॉल लगाए गए है.. शॉपिंग के लिए.. पूरी रात वहाँ आस-पास के टुरिस्ट आते है.. आप भी एक बार जाइए.. शायद कुछ पसंद आ जाए.. यहाँ ऐसी ऐसी चीजें मिलती है जो ओपन मार्केट में आपको कहीं नहीं मिलेगी"
रेणुका: "चल मदन हम भी चलते है.. मुझे पक्का यकीन है की शीला वहीं पर होगी.. "
मदन: "हाँ चल.. मुझे भी उस मादरचोद का चेहरा देखना है जो मेरी बीवी को खुलेआम घोड़ी बनाकर चोद रहा था" रेणुका का हाथ पकड़कर मदन ने अपने साथ लिया और दोनों उस ग्राउन्ड की तरह चल दीये..
रेणुका के स्तन उस पतले टॉप के अंदर, बिना ब्रा के सहारे.. झूल रहे थे.. मदन की कमर में हाथ डालकर दोनों ग्राउन्ड की तरफ जाने लगे..
रास्ते के मोड के पास.. एक बड़ा सा प्लॉट था.. जहां लाइन से स्टॉल लगे हुए थे.. और बड़ी बड़ी फ़्लड लाइट की रोशनी में.. ढेर सारे कपल्स..शॉपिंग का आनंद ले रहे थे.. तो कहीं कहीं जोड़े एक दूसरे के जिस्मों के साथ विकृत हरकतें भी कर रहे थे.. हाथ में बियर के टीन लिए.. शराब के ग्लास लिए.. सब मजे कर रहे थे.. एक स्टॉल पर हुक्का-बार था.. और वहाँ सब मिलकर धुआँ उड़ाते हुए ३१ दिसंबर को अलविदा कहने के लिए आतुर थे.. !! कहीं कोई शराब पी रहा था तो कोई गांजे के कश लगाकर झूम रहा था..
रेणुका के हाथ में सिगरेट थी और मदन के हाथ में बियर की बोतल.. मदन की कमर पर हाथ लपेटे हुए रेणुका आराम से घूम रही थी.. कभी वो खुद सिगरेट का दम लगाती तो कभी मदन के होंठों पर रखकर उसे कश लगाने देती..
दोनों उस छोटे से बाजार में घूमने लगे.. दो सौ के करीब लोग होंगे.. ठंड के बावजूद.. लड़कियां और औरतें न्यूनतम कपड़े पहनकर अपने जिस्म की नुमाइश कर आजादी का आनंद उठा रही थी..
आखिर दोनों ने शीला को पीछे से देखा.. शीला के भारी भरकम चूतड़ों से ही मदन ने उसे पहचाल लीया.. पर वो अकेली क्यों खड़ी थी?? उसका वो आशिक कहाँ गया??
रेणुका: "मदन डार्लिंग, चल हम वहाँ चलते है.. शीला वहाँ है तो उसका वो लंड भी यही कहीं लटक रहा होगा"
मदन: "हाँ, चल वहीं चलते है"
दोनों भीड़ मे छुपते-छुपाते धीरे धीरे उस स्टॉल के करीब जाकर खड़े हो गए जहां शीला खड़ी थी.. मदन की नजर बेसब्री से शीला के आशिक को तलाश रही थी.. उस चक्कर में.. आसपास की अर्ध-नग्न सुंदरियों के जिस्म का आनंद लेने का भी उसे मन नहीं हो रहा था..
"राज डार्लिंग.. !!" शीला ने आवाज लगाई
रेणुका और मदन को वह स्पष्ट सुनाई दिया.. और तभी एक दुकान के पास से आवाज आई "यस डार्लिंग.. आया.. मैं हल्का होकर अभी आया"
"ओके डीयर.. " शीला ने जवाब दिया..
उस पुरुष की आवाज और बोलने के लहजे ने मदन और रेणुका की 90% जिज्ञासा को वहीं खतम कर दिया.. दोनों ने ताज्जुब से एक दूसरे की तरफ देखा.. दोनों की नजरें आपस मे टकराई.. रेणुका मुस्कुराई.. मदन के सवाल का वह जवाब ही था.. पर मदन अब भी थोड़ा सा व्याकुल था..
वो थोड़ा आगे बढ़ा.. और एक पेड़ के तने के पीछे छुपकर मर्दों के टॉइलेट की तरफ देखने लगा.. डब्बे जैसे अस्थायी टॉइलेट से निकले शख्स की शक्ल देखकर दंग रह गया मदन.. वो राजेश ही था..!!!! रेणुका का पति और मदन का दोस्त.. !!!
कुछ पल तक स्तब्ध रहने के बाद.. जैसे ही मदन सोचता गया.. उतना ही रोमांचित होता गया.. थोड़ी देर पहले का जो गुस्सा और ईर्ष्या के भाव थे.. वो अब ओजल हो चुके थे.. और अपनी पार्टनर बदलने की विकृत इच्छा को परोक्ष रूप से पूर्ण होता देख, वह एक अकथित सा आनंद महसूस कर रहा था..
मदन चलते हुए रेणुका के पास आया.. और उसके कंधों पर हाथ रखकर अपनी ओर ऐसे खींच लिया जैसे वो उसकी आधिकारिक पत्नी हो.. और उसी तरह वो राजेश-शीला के सामने पेश आना चाहते थे.. रेणुका को कोई हर्ज नहीं था क्योंकि उसका खुद का पति ही परस्त्री के साथ रंगरेलियाँ मना रहा था..
रात के साढ़े ग्यारह बज गए थे और ३१ दिसंबर खत्म होने को थी.. सारा माहोल अपने सुरूर पर था.. लोग नशे मे चूर होकर डी.जे. के ताल पर झूम रहे थे.. लड़कियां अपने अंग उछलते हुए ऐसे नाच रही थी जैसे बारह बजे दुनिया का नाश हो जाने वाला हो.. और यह उनकी आखिरी पार्टी हो.. !!!
शराब की बौछारों और सिगरेट की धुएं के बीच जवानी मदहोश होकर नाच रही थी.. पर इन तमाम लोगों मे दो जोड़ें ऐसे थे जिनके लिए आज की रात कुछ ज्यादा ही खास थी.. !! उन्हें कुछ ऐसा हासिल हुआ था जो अक्सर लोग चाहकर भी नहीं पा सकते...
पार्टनर स्वेपिंग... यौन-साथी/पति या पत्नी की दो जोड़ों के बीच अदलाबदली... !!!
विकृत पर बेहद उत्तेजना प्रदान करने वाला साहस.. !! जिसे करने के लिए.. सामाजिक बंधनों को तोड़ने की हिम्मत चाहिए.. और साथ ही साथ अपने साथी को गैर की बाहों मे देख पाने की ताकत भी होनी चाहिए.. वही लोग इस साहस को अंजाम दे पाते है.. !!
दोनों जोड़ें अपने नए अंदाज मे.. एक दूसरे के सामने प्रकट होने वाले थे..!! रेणुका ने मदन के कान मे कुछ कहा और वह सुनकर मदन ने हंसकर रेणुका के गालों पर हल्की सी पप्पी दे दी.. बियर का घूंट मारते हुए मदन सीधे वहाँ जाकर खड़ा हुआ जहां राजेश और शीला खड़े खड़े शॉपिंग कर रहे थे.. !!!
बोलते वक्त लहराती और चलते वक्त ठोकरे खा रही शीला को देखकर ही मदन समझ गया की आज उसकी पत्नी सारी सीमाएं पार कर चुकी थी.. भयंकर मात्रा मे शराब पी रखी थी शीला ने जो देखकर ही प्रतीत हो रहा था
रेणुका और मदन, शीला-राजेश के एकदम बगल मे ही खड़े थे पर अब भी शीला या राजेश का ध्यान उन दोनों पर नहीं गया था
रेणुका: "डार्लिंग, मुझे वो बेल्ट पसंद आ गया.. मेरे लिए खरीद लोगे, प्लीज??"
रेणुका की आवाज सुनते ही, चोंककर शीला और राजेश ने रेणुका की ओर देखा.. पर रेणुका ने शीला या राजेश की तरफ देखा ही नहीं.. और मदन को अपनी तरफ खींचकर उससे चिपकते हुए.. स्टॉल मे लगे कपड़े दिखाती रही
मदन: "अरे मेरी जान.. तेरे पास कितने सारे बेल्ट है फिर भी तुझे नया बेल्ट चाहिए.. !! ओके, ले लेता हूँ.. अब खुश.. !!"
रेणुका: "ओह.. यू आर सच ए स्वीटहार्ट.. आई लव यू डार्लिंग"
मदन: "आई लव यू टू, जानेमन.. !!"
शीला और राजेश स्तब्ध होकर उन दोनों को देखते रहे.. !! और वही तो यह दोनों चाहते थे.. उन्हें झटका देना.. !!! नशे मे धूत शीला को पता ही नहीं था की उसने फोन पर इस रिसॉर्ट का नाम रेणुका को बता दिया था.. !!! वो तो ईसी असमंजस में थी की रेणुका और मदन आखिर यहाँ पहुंचे कैसे??
अब राजेश और शीला ने एक दूसरे के सामने देखा.. और मन ही मन समझ गए.. की कोई किसी को कुछ भी कहने की परिस्थिति मे नहीं था.. इस हमाम मे सब नंगे थे.. इसलिए शीला ने भी रेणुका और मदन के सामने बगैर देखे बातें करना जारी रखा
शीला: "राज डार्लिंग.. आज तो मज़ा आ गया.. ज़िंदगी मे ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया.. तूने आज इतने जबरदस्त स्ट्रोक्स लगाए की अब तक उसका नशा नीचे मेरे छेद पर छाया हुआ है.. सचमुच.. तुम वाकई एक जानदार मर्द हो.. आज से मैं तुम्हारी ग़ुलाम हो गई..!!"
रेणुका: "मदन.. जानु, चलो यहाँ से.. शायद कुछ बाजारू रंडियाँ पार्टी मे आ गई है.. कहीं तुम्हें चुरा न ले.. तुम्हें सतर्क रहना चाहिए.. देखो, वो शॉप है वहाँ चलते है.. और वहाँ एक रेस्टोरेंट भी है.. भूख भी लगी है.. चलो कुछ खाते है"
मदन: "ओह स्योर डार्लिंग.. चलो.. वैसे तुमने आज मुझे इतना थका दिया है की मुझे भी ज़ोरों की भूख लगी है"
रेणुका: "हाँ.. आज रोज के मुकाबले कुछ ज्यादा ही खा लेना क्योंकि आज तो मैं तुम्हारी छुट्टी कर देने वाली हूँ.. बहोत काम बाकी है अभी"
दोनों चलते चलते उस रेस्टोरेंट मे घुसे और एक टेबल पर जा बैठें.. राजेश और शीला भी उनके पीछे पीछे आ गए और बगल वाले टेबल पर बैठ गए.. अब भी दोनों जोड़ें आपस मे बात नहीं कर रहे थे.. रेस्टोरेंट मे काफी अंधेरा था.. मदन ने तीरछी नज़रों से देखा.. शीला राजेश की शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसके लंड से खेल रही थी.. और राजेश खुलेआम शीला के बबले दबा रहा था..
यह देखकर रेणुका ने अपना टॉप उठाकर एक स्तन को बाहर निकाला और मदन को चूसने के लिए कहा..
रेणुका: "आह्ह यार.. बड़े टाइट हो गए है.. जरा चूस कर उन्हें ढीला कर दो.. कितने दिन हो गए किसी ने दबाए ही नहीं ठीक से इन्हें"
मदन: "क्यों, तेरा हसबंड नहीं दबाता तेरा??"
रेणुका: "वो दबाता तो तुम से क्यों दबवाने पड़ते मुझे.. !! अब उस निकम्मे को याद कर मेरा मूड मत खराब करो.. और चूसना शुरू करो"
मदन: "ओके डार्लिंग.. तुम समोसे खाओ.. तब तक मैं तुम्हारा दूध चूसकर तरोताजा हो जाता हूँ"
राजेश की नज़रों के सामने ही मदन रेणुका का स्तन पकड़कर चूसने लगा.. उन्हें दिखाने के लिए.. शीला अब टेबल से नीचे झुकी और राजेश का लंड शॉर्ट्स के बाहर निकालकर चूसने लगी.. दोनों कपल्स आपसी नोंक-झोंक का मज़ा ले रहे थे.. !!
अचानक पूरे रिसॉर्ट मे अंधेरा छा गया.. डीजे की तेज आवाज बंद हो गई.. घनघोर जंगल के बीच बना यह प्राइवेट रिसॉर्ट कुछ समय के लिए सन्नाटे से भर गया.. फिर लोगों की घबराहट भरी अफरातफरी की आवाज़ें आने लगी.. लोग अपने साथियों को ढूँढने के लिए आवाज लगाने लगे.. एकदम से क्या हो गया?? लगता है पावर-कट हुआ था..
फिर से अचानक लाइट आ गई.. लेसर की लाइटें आसमान मे अपना जलवा बिखेरने लगी.. और आतशबाजी के धमाकों से सारे माहोल गूंजने लगा.. तब पता चला की १२ बज चुके थे और नए साल के स्वागत के लिए लाइट बंद की गई थी.. फिर से डीजे की कान फाड़ देने वाली ध्वनि से माहोल थिरकने लगा.. लोग नाचने लगे.. मस्ती से चिल्लाने लगे.. कही शेंपेईन की बोतलें खुली तो कही लोग कपल डांस करने लगे..
अब शीला राजेश के साथ और मदन रेणुका के साथ ठुमकने लगा.. एक दूसरे को जलाने की जैसे होड सी लग चुकी थी दोनों जोड़े मे.. राजेश शीला के बबलों पर आफ़रीन था तो रेणुका मदन के लोड़े की आशिक थी.. डांस के दौरान उनकी बेशर्म हरकतों को अब आसपास के लोग भी देख रहे थे.. और सारे लोग चिल्लाकर शीला को अपने बबले खोलने के लिए उकसा रहे थे.. नशे मे नाच रही शीला अपने शरीर को भी ठीक से संतुलित नहीं रख पा रही थी.. मदहोश होकर.. चिल्ला रहे लोगों की एक के बाद एक फरमाइशें पूरी करती जा रही थी..
अब डांस-फ्लोर पर कई लोग शीला के आसपास नाचते हुए पहुँच गए.. और टोली बनाकर वो सब शीला के जिस्म को नोच रहे थे.. कुछ नटखट लोगों ने शीला के बूब्स पर ही शेंपेईन और बियर गिराना शुरू कर दिया था.. शीला अब शराब से पूरी तरह भीग चुकी थी.. और थिरकते हुए नाचे जा रही थी..
गीले वस्त्रों वाली स्त्री वैसे भी बेहद कामुक लगती है.. ऊपर से उसमे शीला के गदराए मांसल शरीर का नशा भी जुड़ चुका था.. शराब और शबाब दोनों आपस मे मिल चुके थे.. शराब से भीगकर शीला के कपड़े उसके जिस्म पर चिपक गए थे.. नाचते नाचते जिसका जहां मन चाहता वहाँ शीला को छू रहा था.. लगभग तमाम लोग शीला के बदन को सारी गलत जगहों पर छु चुके थे.. मदन के सामने ही लोग उसकी पत्नी के बारे मे गंदी गंदी कमेंट्स कर रहे थे.. लेकिन मदन बेबस था.. क्योंकि फिलहाल शीला राजेश की पार्टनर थी..
राजेश बेफिक्र होकर शीला के इस मुक्त-व्यापार का मज़ा लेते हुए बियर पी रहा था.. यहाँ पब्लिक पर शीला के जिस्म का नशा चढ़ चुका था.. तमाम लोग शीला के बदन को दबाने और नोचने के लिए बेकरार थे.. शीला किसी को रोक नहीं रही थी और आराम से नशे मे धूत होकर म्यूज़िक के ताल पर नाचे जा रही थी..
यह सिलसिला एक घंटे तक चला.. एक बज चुका था.. डीजे का संगीत बंद हुआ.. और एक के बाद एक लोग लौटने लगे.. शराब का नशा इतना भारी हो गया था की शीला-राजेश और रेणुका-मदन भी लड़खड़ाते हुए अपने कॉटेज पर चले गए और सो गए
सुबह पाँच बजे राजेश और शीला चुपके से निकल गए.. !!
साढ़े पाँच बजे रेणुका की आँख खुली.. उसने जागकर देखा तो वह नंगे बदन मदन के बगल मे पड़ी हुई थी.. पिछली रात की बातें याद आते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई.. उसकी नजर सो रहे मदन के लंड पर गई.. जो बेचारा रात के ओवर-टाइम के बाद लाश बनकर पड़ा हुआ था..
रेणुका ने बैठे बैठे अपने बालों को जोड़े मे बांधा.. और मदन के लोड़े को हल्के से सहलाया.. फिर झुककर उसे चूम लिया.. मन ही मन वह मदन के लंड का आभार प्रकट कर रही थी.. जीतने ऑर्गैज़म मदन के लंड ने दीये थे वो आज से पहले, एक रात मे, उसे कभी नहीं मिले थे..
हाथों की गर्मी और होंठों के स्पर्श से मदन और उसका का लंड अंगड़ाई लेकर जागने लगा..
मदन: "गुड मॉर्निंग हनी.. !!" कहते हुए मदन ने नंगी रेणुका की गोद मे अपना सर रख दिया.. रेणुका मदन की बालों भरी छाती मे अपनी उँगलियाँ फेरने लगी.. अपना चेहरा मदन के होंठों पर दबाते हुए उसने कहा "गुड मॉर्निंग.. मदन.. !! ३१ दिसंबर खत्म हो गई.. मुझे लगता है की अब हमें चलना चाहिए.. "
रेणुका के स्तनों के नरम स्पर्श से मदन का लंड नींद से जाग रहे सांप की तरह उठ चुका था.. पर अभी उसके फुँकारने पर ध्यान देने का समय नहीं था रेणुका के पास.. वह जल्दी से जल्दी घर पहुँच जाना चाहती थी
आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया
Awesome updateमदन: "रेणुका, शीला अभी गई.. हम भी उसके पीछे चलें?"
तमन्ना: "सर, आगे बड़े ग्राउंड पर बहोत सारे स्टॉल लगाए गए है.. शॉपिंग के लिए.. पूरी रात वहाँ आस-पास के टुरिस्ट आते है.. आप भी एक बार जाइए.. शायद कुछ पसंद आ जाए.. यहाँ ऐसी ऐसी चीजें मिलती है जो ओपन मार्केट में आपको कहीं नहीं मिलेगी"
रेणुका: "चल मदन हम भी चलते है.. मुझे पक्का यकीन है की शीला वहीं पर होगी.. "
मदन: "हाँ चल.. मुझे भी उस मादरचोद का चेहरा देखना है जो मेरी बीवी को खुलेआम घोड़ी बनाकर चोद रहा था" रेणुका का हाथ पकड़कर मदन ने अपने साथ लिया और दोनों उस ग्राउन्ड की तरह चल दीये..
रेणुका के स्तन उस पतले टॉप के अंदर, बिना ब्रा के सहारे.. झूल रहे थे.. मदन की कमर में हाथ डालकर दोनों ग्राउन्ड की तरफ जाने लगे..
रास्ते के मोड के पास.. एक बड़ा सा प्लॉट था.. जहां लाइन से स्टॉल लगे हुए थे.. और बड़ी बड़ी फ़्लड लाइट की रोशनी में.. ढेर सारे कपल्स..शॉपिंग का आनंद ले रहे थे.. तो कहीं कहीं जोड़े एक दूसरे के जिस्मों के साथ विकृत हरकतें भी कर रहे थे.. हाथ में बियर के टीन लिए.. शराब के ग्लास लिए.. सब मजे कर रहे थे.. एक स्टॉल पर हुक्का-बार था.. और वहाँ सब मिलकर धुआँ उड़ाते हुए ३१ दिसंबर को अलविदा कहने के लिए आतुर थे.. !! कहीं कोई शराब पी रहा था तो कोई गांजे के कश लगाकर झूम रहा था..
रेणुका के हाथ में सिगरेट थी और मदन के हाथ में बियर की बोतल.. मदन की कमर पर हाथ लपेटे हुए रेणुका आराम से घूम रही थी.. कभी वो खुद सिगरेट का दम लगाती तो कभी मदन के होंठों पर रखकर उसे कश लगाने देती..
दोनों उस छोटे से बाजार में घूमने लगे.. दो सौ के करीब लोग होंगे.. ठंड के बावजूद.. लड़कियां और औरतें न्यूनतम कपड़े पहनकर अपने जिस्म की नुमाइश कर आजादी का आनंद उठा रही थी..
आखिर दोनों ने शीला को पीछे से देखा.. शीला के भारी भरकम चूतड़ों से ही मदन ने उसे पहचाल लीया.. पर वो अकेली क्यों खड़ी थी?? उसका वो आशिक कहाँ गया??
रेणुका: "मदन डार्लिंग, चल हम वहाँ चलते है.. शीला वहाँ है तो उसका वो लंड भी यही कहीं लटक रहा होगा"
मदन: "हाँ, चल वहीं चलते है"
दोनों भीड़ मे छुपते-छुपाते धीरे धीरे उस स्टॉल के करीब जाकर खड़े हो गए जहां शीला खड़ी थी.. मदन की नजर बेसब्री से शीला के आशिक को तलाश रही थी.. उस चक्कर में.. आसपास की अर्ध-नग्न सुंदरियों के जिस्म का आनंद लेने का भी उसे मन नहीं हो रहा था..
"राज डार्लिंग.. !!" शीला ने आवाज लगाई
रेणुका और मदन को वह स्पष्ट सुनाई दिया.. और तभी एक दुकान के पास से आवाज आई "यस डार्लिंग.. आया.. मैं हल्का होकर अभी आया"
"ओके डीयर.. " शीला ने जवाब दिया..
उस पुरुष की आवाज और बोलने के लहजे ने मदन और रेणुका की 90% जिज्ञासा को वहीं खतम कर दिया.. दोनों ने ताज्जुब से एक दूसरे की तरफ देखा.. दोनों की नजरें आपस मे टकराई.. रेणुका मुस्कुराई.. मदन के सवाल का वह जवाब ही था.. पर मदन अब भी थोड़ा सा व्याकुल था..
वो थोड़ा आगे बढ़ा.. और एक पेड़ के तने के पीछे छुपकर मर्दों के टॉइलेट की तरफ देखने लगा.. डब्बे जैसे अस्थायी टॉइलेट से निकले शख्स की शक्ल देखकर दंग रह गया मदन.. वो राजेश ही था..!!!! रेणुका का पति और मदन का दोस्त.. !!!
कुछ पल तक स्तब्ध रहने के बाद.. जैसे ही मदन सोचता गया.. उतना ही रोमांचित होता गया.. थोड़ी देर पहले का जो गुस्सा और ईर्ष्या के भाव थे.. वो अब ओजल हो चुके थे.. और अपनी पार्टनर बदलने की विकृत इच्छा को परोक्ष रूप से पूर्ण होता देख, वह एक अकथित सा आनंद महसूस कर रहा था..
मदन चलते हुए रेणुका के पास आया.. और उसके कंधों पर हाथ रखकर अपनी ओर ऐसे खींच लिया जैसे वो उसकी आधिकारिक पत्नी हो.. और उसी तरह वो राजेश-शीला के सामने पेश आना चाहते थे.. रेणुका को कोई हर्ज नहीं था क्योंकि उसका खुद का पति ही परस्त्री के साथ रंगरेलियाँ मना रहा था..
रात के साढ़े ग्यारह बज गए थे और ३१ दिसंबर खत्म होने को थी.. सारा माहोल अपने सुरूर पर था.. लोग नशे मे चूर होकर डी.जे. के ताल पर झूम रहे थे.. लड़कियां अपने अंग उछलते हुए ऐसे नाच रही थी जैसे बारह बजे दुनिया का नाश हो जाने वाला हो.. और यह उनकी आखिरी पार्टी हो.. !!!
शराब की बौछारों और सिगरेट की धुएं के बीच जवानी मदहोश होकर नाच रही थी.. पर इन तमाम लोगों मे दो जोड़ें ऐसे थे जिनके लिए आज की रात कुछ ज्यादा ही खास थी.. !! उन्हें कुछ ऐसा हासिल हुआ था जो अक्सर लोग चाहकर भी नहीं पा सकते...
पार्टनर स्वेपिंग... यौन-साथी/पति या पत्नी की दो जोड़ों के बीच अदलाबदली... !!!
विकृत पर बेहद उत्तेजना प्रदान करने वाला साहस.. !! जिसे करने के लिए.. सामाजिक बंधनों को तोड़ने की हिम्मत चाहिए.. और साथ ही साथ अपने साथी को गैर की बाहों मे देख पाने की ताकत भी होनी चाहिए.. वही लोग इस साहस को अंजाम दे पाते है.. !!
दोनों जोड़ें अपने नए अंदाज मे.. एक दूसरे के सामने प्रकट होने वाले थे..!! रेणुका ने मदन के कान मे कुछ कहा और वह सुनकर मदन ने हंसकर रेणुका के गालों पर हल्की सी पप्पी दे दी.. बियर का घूंट मारते हुए मदन सीधे वहाँ जाकर खड़ा हुआ जहां राजेश और शीला खड़े खड़े शॉपिंग कर रहे थे.. !!!
बोलते वक्त लहराती और चलते वक्त ठोकरे खा रही शीला को देखकर ही मदन समझ गया की आज उसकी पत्नी सारी सीमाएं पार कर चुकी थी.. भयंकर मात्रा मे शराब पी रखी थी शीला ने जो देखकर ही प्रतीत हो रहा था
रेणुका और मदन, शीला-राजेश के एकदम बगल मे ही खड़े थे पर अब भी शीला या राजेश का ध्यान उन दोनों पर नहीं गया था
रेणुका: "डार्लिंग, मुझे वो बेल्ट पसंद आ गया.. मेरे लिए खरीद लोगे, प्लीज??"
रेणुका की आवाज सुनते ही, चोंककर शीला और राजेश ने रेणुका की ओर देखा.. पर रेणुका ने शीला या राजेश की तरफ देखा ही नहीं.. और मदन को अपनी तरफ खींचकर उससे चिपकते हुए.. स्टॉल मे लगे कपड़े दिखाती रही
मदन: "अरे मेरी जान.. तेरे पास कितने सारे बेल्ट है फिर भी तुझे नया बेल्ट चाहिए.. !! ओके, ले लेता हूँ.. अब खुश.. !!"
रेणुका: "ओह.. यू आर सच ए स्वीटहार्ट.. आई लव यू डार्लिंग"
मदन: "आई लव यू टू, जानेमन.. !!"
शीला और राजेश स्तब्ध होकर उन दोनों को देखते रहे.. !! और वही तो यह दोनों चाहते थे.. उन्हें झटका देना.. !!! नशे मे धूत शीला को पता ही नहीं था की उसने फोन पर इस रिसॉर्ट का नाम रेणुका को बता दिया था.. !!! वो तो ईसी असमंजस में थी की रेणुका और मदन आखिर यहाँ पहुंचे कैसे??
अब राजेश और शीला ने एक दूसरे के सामने देखा.. और मन ही मन समझ गए.. की कोई किसी को कुछ भी कहने की परिस्थिति मे नहीं था.. इस हमाम मे सब नंगे थे.. इसलिए शीला ने भी रेणुका और मदन के सामने बगैर देखे बातें करना जारी रखा
शीला: "राज डार्लिंग.. आज तो मज़ा आ गया.. ज़िंदगी मे ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया.. तूने आज इतने जबरदस्त स्ट्रोक्स लगाए की अब तक उसका नशा नीचे मेरे छेद पर छाया हुआ है.. सचमुच.. तुम वाकई एक जानदार मर्द हो.. आज से मैं तुम्हारी ग़ुलाम हो गई..!!"
रेणुका: "मदन.. जानु, चलो यहाँ से.. शायद कुछ बाजारू रंडियाँ पार्टी मे आ गई है.. कहीं तुम्हें चुरा न ले.. तुम्हें सतर्क रहना चाहिए.. देखो, वो शॉप है वहाँ चलते है.. और वहाँ एक रेस्टोरेंट भी है.. भूख भी लगी है.. चलो कुछ खाते है"
मदन: "ओह स्योर डार्लिंग.. चलो.. वैसे तुमने आज मुझे इतना थका दिया है की मुझे भी ज़ोरों की भूख लगी है"
रेणुका: "हाँ.. आज रोज के मुकाबले कुछ ज्यादा ही खा लेना क्योंकि आज तो मैं तुम्हारी छुट्टी कर देने वाली हूँ.. बहोत काम बाकी है अभी"
दोनों चलते चलते उस रेस्टोरेंट मे घुसे और एक टेबल पर जा बैठें.. राजेश और शीला भी उनके पीछे पीछे आ गए और बगल वाले टेबल पर बैठ गए.. अब भी दोनों जोड़ें आपस मे बात नहीं कर रहे थे.. रेस्टोरेंट मे काफी अंधेरा था.. मदन ने तीरछी नज़रों से देखा.. शीला राजेश की शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसके लंड से खेल रही थी.. और राजेश खुलेआम शीला के बबले दबा रहा था..
यह देखकर रेणुका ने अपना टॉप उठाकर एक स्तन को बाहर निकाला और मदन को चूसने के लिए कहा..
रेणुका: "आह्ह यार.. बड़े टाइट हो गए है.. जरा चूस कर उन्हें ढीला कर दो.. कितने दिन हो गए किसी ने दबाए ही नहीं ठीक से इन्हें"
मदन: "क्यों, तेरा हसबंड नहीं दबाता तेरा??"
रेणुका: "वो दबाता तो तुम से क्यों दबवाने पड़ते मुझे.. !! अब उस निकम्मे को याद कर मेरा मूड मत खराब करो.. और चूसना शुरू करो"
मदन: "ओके डार्लिंग.. तुम समोसे खाओ.. तब तक मैं तुम्हारा दूध चूसकर तरोताजा हो जाता हूँ"
राजेश की नज़रों के सामने ही मदन रेणुका का स्तन पकड़कर चूसने लगा.. उन्हें दिखाने के लिए.. शीला अब टेबल से नीचे झुकी और राजेश का लंड शॉर्ट्स के बाहर निकालकर चूसने लगी.. दोनों कपल्स आपसी नोंक-झोंक का मज़ा ले रहे थे.. !!
अचानक पूरे रिसॉर्ट मे अंधेरा छा गया.. डीजे की तेज आवाज बंद हो गई.. घनघोर जंगल के बीच बना यह प्राइवेट रिसॉर्ट कुछ समय के लिए सन्नाटे से भर गया.. फिर लोगों की घबराहट भरी अफरातफरी की आवाज़ें आने लगी.. लोग अपने साथियों को ढूँढने के लिए आवाज लगाने लगे.. एकदम से क्या हो गया?? लगता है पावर-कट हुआ था..
फिर से अचानक लाइट आ गई.. लेसर की लाइटें आसमान मे अपना जलवा बिखेरने लगी.. और आतशबाजी के धमाकों से सारे माहोल गूंजने लगा.. तब पता चला की १२ बज चुके थे और नए साल के स्वागत के लिए लाइट बंद की गई थी.. फिर से डीजे की कान फाड़ देने वाली ध्वनि से माहोल थिरकने लगा.. लोग नाचने लगे.. मस्ती से चिल्लाने लगे.. कही शेंपेईन की बोतलें खुली तो कही लोग कपल डांस करने लगे..
अब शीला राजेश के साथ और मदन रेणुका के साथ ठुमकने लगा.. एक दूसरे को जलाने की जैसे होड सी लग चुकी थी दोनों जोड़े मे.. राजेश शीला के बबलों पर आफ़रीन था तो रेणुका मदन के लोड़े की आशिक थी.. डांस के दौरान उनकी बेशर्म हरकतों को अब आसपास के लोग भी देख रहे थे.. और सारे लोग चिल्लाकर शीला को अपने बबले खोलने के लिए उकसा रहे थे.. नशे मे नाच रही शीला अपने शरीर को भी ठीक से संतुलित नहीं रख पा रही थी.. मदहोश होकर.. चिल्ला रहे लोगों की एक के बाद एक फरमाइशें पूरी करती जा रही थी..
अब डांस-फ्लोर पर कई लोग शीला के आसपास नाचते हुए पहुँच गए.. और टोली बनाकर वो सब शीला के जिस्म को नोच रहे थे.. कुछ नटखट लोगों ने शीला के बूब्स पर ही शेंपेईन और बियर गिराना शुरू कर दिया था.. शीला अब शराब से पूरी तरह भीग चुकी थी.. और थिरकते हुए नाचे जा रही थी..
गीले वस्त्रों वाली स्त्री वैसे भी बेहद कामुक लगती है.. ऊपर से उसमे शीला के गदराए मांसल शरीर का नशा भी जुड़ चुका था.. शराब और शबाब दोनों आपस मे मिल चुके थे.. शराब से भीगकर शीला के कपड़े उसके जिस्म पर चिपक गए थे.. नाचते नाचते जिसका जहां मन चाहता वहाँ शीला को छू रहा था.. लगभग तमाम लोग शीला के बदन को सारी गलत जगहों पर छु चुके थे.. मदन के सामने ही लोग उसकी पत्नी के बारे मे गंदी गंदी कमेंट्स कर रहे थे.. लेकिन मदन बेबस था.. क्योंकि फिलहाल शीला राजेश की पार्टनर थी..
राजेश बेफिक्र होकर शीला के इस मुक्त-व्यापार का मज़ा लेते हुए बियर पी रहा था.. यहाँ पब्लिक पर शीला के जिस्म का नशा चढ़ चुका था.. तमाम लोग शीला के बदन को दबाने और नोचने के लिए बेकरार थे.. शीला किसी को रोक नहीं रही थी और आराम से नशे मे धूत होकर म्यूज़िक के ताल पर नाचे जा रही थी..
यह सिलसिला एक घंटे तक चला.. एक बज चुका था.. डीजे का संगीत बंद हुआ.. और एक के बाद एक लोग लौटने लगे.. शराब का नशा इतना भारी हो गया था की शीला-राजेश और रेणुका-मदन भी लड़खड़ाते हुए अपने कॉटेज पर चले गए और सो गए
सुबह पाँच बजे राजेश और शीला चुपके से निकल गए.. !!
साढ़े पाँच बजे रेणुका की आँख खुली.. उसने जागकर देखा तो वह नंगे बदन मदन के बगल मे पड़ी हुई थी.. पिछली रात की बातें याद आते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई.. उसकी नजर सो रहे मदन के लंड पर गई.. जो बेचारा रात के ओवर-टाइम के बाद लाश बनकर पड़ा हुआ था..
रेणुका ने बैठे बैठे अपने बालों को जोड़े मे बांधा.. और मदन के लोड़े को हल्के से सहलाया.. फिर झुककर उसे चूम लिया.. मन ही मन वह मदन के लंड का आभार प्रकट कर रही थी.. जीतने ऑर्गैज़म मदन के लंड ने दीये थे वो आज से पहले, एक रात मे, उसे कभी नहीं मिले थे..
हाथों की गर्मी और होंठों के स्पर्श से मदन और उसका का लंड अंगड़ाई लेकर जागने लगा..
मदन: "गुड मॉर्निंग हनी.. !!" कहते हुए मदन ने नंगी रेणुका की गोद मे अपना सर रख दिया.. रेणुका मदन की बालों भरी छाती मे अपनी उँगलियाँ फेरने लगी.. अपना चेहरा मदन के होंठों पर दबाते हुए उसने कहा "गुड मॉर्निंग.. मदन.. !! ३१ दिसंबर खत्म हो गई.. मुझे लगता है की अब हमें चलना चाहिए.. "
रेणुका के स्तनों के नरम स्पर्श से मदन का लंड नींद से जाग रहे सांप की तरह उठ चुका था.. पर अभी उसके फुँकारने पर ध्यान देने का समय नहीं था रेणुका के पास.. वह जल्दी से जल्दी घर पहुँच जाना चाहती थी
आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया