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Adultery शीला की लीला (५५ साल की शीला की जवानी)

Ek number

Well-Known Member
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आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया

रेणुका: "ओके मदन.. मैं अब निकलती हूँ.. बहुत मज़ा आया, यार.. !! टाइम नहीं था.. वरना सुबह सुबह एक और राउन्ड करने की इच्छा थी.. "

मदन: "यार, मेरा भी बड़ा मन था की तुझे एक दिन और शीला बनाकर रखू.. वैशाली भी लौटी नहीं होगी.. मेरा यह लंड, एक बार और तेरी चूत मारना चाहता है.. पर क्या करे??"

रेणुका: "मैं तो तैयार हूँ.. पर शीला घर पर आ चुकी होगी.. जब हम निकले तब उनका कॉटेज खाली था.. मतलब वो दोनों कब के निकल चुके थे और घर पर पहुँच भी चुके होंगे.. "

दोनों बातें कर रहे थे तब रेणुका पर राजेश का फोन आया.. उसने रेणुका से कहा की वह दोनों चाहे तो वही रुक जाए.. क्योंकि राजेश और शीला एक दिन और साथ रहने वाले थे.. मदन चाहे तो शीला से बात कर सकता है.. !!

यह सुनते ही रेणुका और मदन के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई..

मदन ने तुरंत शीला को फोन लगाया..

मदन: "शीला, मेरा इंतज़ार मत करना.. हम दोनों कल ही आएंगे"

शीला: "ओके.. " कहते हुए शीला ने फोन काट दिया

मदन मुस्कुराते हुए बोला "रेणुका, कभी सपने भी नहीं सोचा था की अपने ही शहर मे हम इस तरह अपने पार्टनर बदल पाएंगे"

रेणुका: "वो तो ठीक है मदन.. पर यहाँ शहर मे.. कोई हमे देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.. उससे अच्छा तो वही होता की हम रिसॉर्ट मे रुक जाते.. यार मुझे तो उस जंगल मे ही चुदवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था"

मदन: "सही कहा रेणु.. पर कोई बात नहीं.. अब चांस मिला ही है तो हम उसे जाया नहीं होने देंगे.. हम घर पर नहीं जाएंगे.. किसी अच्छी होटल मे जाकर.. पहले लंच लेते है.. फिर कोई मूवी देखेंगे.. और रात को मस्त चुदाई करेंगे..!!"

जवाब मे रेणुका ने मदन के कंधे पर अपना सिर रखकर अनुमति दे दी

रेणुका ड्राइविंग सीट से उठ गई और गाड़ी मदन को चलाने दे दी.. मदन तेजी से गाड़ी चलाते हुए अपने और रेणुका के घर के इलाके से दूर जाने लगा.. करीब पंद्रह मिनट बाद वो दोनों एक बढ़िया सी रेस्टोरेंट मे बैठे था.. खाना खाने के बाद.. दोनों करीब के एक पार्क मे जा बैठे और प्रेमी-युगलों की तरह काफी देर तक बाते करते रहे.. फिर दोनों एक मॉल मे गए और एक घंटे तक, हाथ मे हाथ डालकर घूमते रहे..

आखिर एक मल्टीप्लेक्स के पास जाकर मदन ने गाड़ी रोकी.. रात के नौ बजे का शो था.. शो शुरू होने मे देर थी पर यहाँ मल्टीप्लेक्स मे सब की नज़रों के सामने रहने मे खतरा था.. इसलिए रेणुका चलते हुए बाहर आ गई.. और मदन भी बाहर जाकर दूर एक टपरी पर खड़े खड़े सिगरेट फूंकने लगा..

जब शो का टाइम हुआ और सारी ऑडियंस अंदर चली गई उसके बाद दोनों अंदर गए और अपनी सीट पर बैठ गए..

सिनेमा हॉल के अंधेरे मे हीरोइन के लटके-झटके देखते हुए रेणुका के कामुक हाथ मदन के लंड पर पहुँच गए.. और उसे रात की चुदाई के लिए तैयार करने लगे.. पूरा दिन इतनी मस्ती से बीता था की वह दोनों शीला-राजेश को भूल ही गए थे..


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इंटरवल के दौरान रेणुका ने मदन से कहा "यार, उन दोनों को फोन तो लगा.. और पूछ.. की वह लोग कहाँ है.. !!"

मदन ने राजेश को फोन लगाया तब रात के ग्यारह बज चुके थे..

राजेश ने फोन उठाकर बिना हैलो कहे.. फोन चालू रखकर बाजू मे रख दिया.. क्योंकि तब राजेश और शीला के बीच घमासान चुदाई चल रही थी.. मूवी फिर से शुरू हो चुका था.. लेकिन रेणुका और मदन तो फोन को कान पर लगाकर... साथ मे सुनने लगे थे.. गरम होकर मदन रेणुका के स्तनों को दबा रहा था और रेणुका मदन के लंड को मसल रही थी.. और साथ ही साथ दोनों राजेश-शीला की चुदाई के लाइव-अपडेट को सुन रहे थे

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शीला: "ओह्ह राजेश.. फक मी हार्ड.. आह.. तेरे साथ इतना मज़ा आ रहा है.. अब तो मैं उसे ढीले मदन के पास जाने ही नहीं वाली.. मुझे तो अब सिर्फ तू ही चाहिए.. ओह्ह.. !!"

राजेश: "क्या बॉडी है तेरा, शीला... !!! ये तेरे बड़े बड़े बॉल... ओहोहओहो.. रेणुका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है इनके सामने.. कितनी गरम है तू, मेरी जान.. !! और तेरे भोसड़े मे ऐसी गर्मी है की लंड बाहर निकालने का मन ही नहीं करता.. !! काश रेणुका के बदले तू मेरी पत्नी होती.. !!"

फोन पर कान लगाकर रेणुका और मदन लाइव कमेंटरी सुन रहे थे.. और सिनेमा-हॉल मे ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को मदहोश होकर सहला रहे थे..

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रात के एक बजे मूवी खत्म हुआ..

मदन: "यार माँ चुदाने गई सारी दुनियादारी.. अब मुझे शीला क्या सोचेगी उसकी कोई फिक्र नहीं है.. होटल छोड़.. हम दोनों मेरे घर ही चलते है.. शीला आ जाएगी तो देख लेंगे"

रेणुका; "ठीक है.. जैसा तुम ठीक समझो.. !!"

दोनों गाड़ी मे मदन के घर की तरफ निकल गए.. मदन गाड़ी चला रहा था और रेणुका झुककर उसका लंड चूस रही थी.. बीच बीच मे मदन उसकी पीठ पर हाथ फेर लेता तो कभी नीचे हाथ डालकर उसका बबला दबा देता.. !!

करीब डेढ़ बजे दोनों मदन के घर के पास पहुंचे.. इतनी ठंड थी की पूरी सोसायटी मे सन्नाटा छाया हुआ था..

मदन का लंड छोड़कर रेणुका गाड़ी से उतरी और मदन के घर का मैन गेट खोलकर बरामदे के अंदर जाने से पहले वही रुक गई.. अपना जीन्स और पेन्टी घुटनों तक उतारकर.. वह अपनी गोरी गांड हिलाकर मदन को आमंत्रित करने लगी.. मदन का लंड यह द्रश्य देखकर ही पागलों की तरह उछलने लगा..

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मदन तुरंत गाड़ी से उतरा और रेणुका के करीब पहुंचकर अपनी पेंट की चैन खोलने लगा.. रेणुका के मस्त गोरे चूतड़ों को सहलाते हुए उसने कूल्हों को फैलाकर रेणुका की गुलाबी चूत को उजागर कर दिया.. !! अपने स्तनों को दबाते हुए रेणुका और झुक गई ताकि योनि-प्रवेश मे आसानी हो.. चूत की फाँकों पर रगड़ते हुए मन तो मदन का भी कर रहा था की लंड अंदर डाल दे.. आसपास भले ही सन्नाटा था पर यहाँ खतरा मोड़कर चुदाई करने मे मज़ा नहीं आता..

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वो रेणुका को खींचकर घर के अंदर ले गया.. और दोनों बिस्तर पर जा गिरे.. !!

मदन बोला "बाहर बड़ी गर्मी दिखा रही थी.. देखता हूँ की अब कितनी गर्मी बची है..!!"

अपने दोनों मम्मे टॉप के अंदर दबाते हुए रेणुका ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा: "यह तो अंदर डालकर जाँचने से ही पता चलेगा..!!"

मदन बेड पर आ कर बैठ गया.. रेणुका उसके पास खिसक आई.. मदन ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसके माथे पर चुम्बन ले लिया.. इस से रेणुका का चेहरा लाल हो गया.. उसके शरीर में करंट दौड़ गया.. रेणुका के होंठ मदन के होंठों से चिपक गए.. दोनों गहरे चुम्बन में डुब गए..

पिछले दिन इतनी धुआंधार चूदाइयाँ होने के बावजूद दोनों का जैसे मन ही नहीं भरा था.. असल में, शीला और राजेश को एक साथ देखकर.. थोड़ी सी ईर्ष्या और थोड़ी सी उत्तेजना के चलते, दोनों की भूख और तीव्र हो चली थी.. कुछ देर बाद दोनों सांस फुलने के कारण अलग हो गए .. दोनों की सांस बहोत तेज चल रही थी..

मदन ने रेणुका को अपने शरीर से चिपका लिया.. रेणुका ने अपना चेहरा उसकी छाती में छुपा लिया.. उसके हाथ रेणुका की पीठ को सहलाने लगे.. रेणुका उसके हाथों से पिघलती सी गई.. वह भी मदन की पीठ सहलाने लगी.. दोनों के शरीर में काम की आग लगनी शुरु हो गई थी.. मदन ने उसके टॉप को सर के ऊपर से उतार दिया.. उम्र के साथ रेणुका के उरोज ढ़ल भले गया थे लेकिन उसकी पुष्टता कम नहीं हुई थी.. मदन के हाथों द्वारा सहलाये जाने से वह उत्तेजित हो कर कठोर हो गया थे.. निप्पल फुल कर लंबें हो गया..

मदन निप्पलों को अपनी ऊंगलियों के बीच लेकर दबाते रहे.. रेणुका आहहहहहहहहहहहह करने लग गई.. इस के बाद मदन ने गरदन झुका कर निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया और उसको चुसने लगे.. इस से रेणुका की उत्तेजना और बढ़ गई.. पहले एक निप्पल चुसा गया और फिर दूसरे का नंबर आया.. इस से रेणुका का सारा शरीर अकड़ने लगा.. उसने मदन का कुर्ता उतार दिया.. अब उसके हाथ मदन के नंगें शरीर पर घुम रहे थे.. मदन के निप्पल भी उसकी ऊंगलियों में आ गया.. वह उसे मसलने लगी.. इस से मदन के शरीर में उत्तेजना की लहरें उठने लग गई.. काफी देर तक दोनों एक दूसरे के शरीर में वासना की आग भड़काते रहे..

जब आग भड़क गई तो मदन ने रेणुका का जीन्स भी उतार दिया.. वह भी अपने कपड़ें उतार कर नंगा हो गया.. रेणुका का शरीर अभी भी उम्र को छुपाने में सफल हो रहा था.. शरीर में भरपुर कसाब मौजूद था.. कही पर फालतु मांस नहीं था.. मदन ने उसकी जाँघों पर हाथ फिरा कर उसे और उत्तेजित करना शुरु कर दिया.. इस के बाद वह उसे लिटा कर उसके सारे शरीर को चुमने लग गया.. स्तनों को दबाने और चुमने के बाद वह उसकी कमर को चुम कर उसकी नाभी को गिला कर के उसकी जाँघों के मध्य में उतर गया.. बिना बालों वाली चूत की मादक सुगंध उसकी नाक में आने लग गई.. उसकी ऊंगली रेणुका की चूत में घुस गई, वहाँ नमी तो थी लेकिन कम थी.. उसनें अपनी ऊंगली को चूत के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया.. रेणुका आहहहह उहहहहहहहह करने लग गई.. कुछ देर बाद ही रेणुका ने उत्तेजित हो कर उसके होंठ अपने होंठों में ले कर काटना शुरु कर दिया..

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मदन 69 की पोजिशन में आ गया और उसका लंड अब रेणुका के चेहरे पर लहरा रहा था.. रेणुका ने उसे अपने मुँह में ले लिया.. मुँह की नमी और जीभ का स्पर्श पा कर मदन का लंड और तनाव लेने लगा.. रेणुका उसे अपने मुँह से अंदर बाहर करने लगी..

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कुछ देर बाद मदन को लगा कि वह रेणुका के मुँह में ना स्खलित हो जाये यही सोच कर वह रेणुका के ऊपर से उठ गया और उसकी जाँघों को चौड़ा करके उसके बीच में बैठ गया.. रेणुका ने भी अपनी टाँगें फैला ली.. मदन ने अपने तने लंड को रेणुका की चूत पर रख कर दबाया तो लंड अंदर तो गया लेकिन वहाँ पर नमी की कमी होने के कारण आगे नहीं खिसका.. मदन ने दूबारा प्रयास किया, मदन ने थोड़ा सा थूक लेकर अपने सुपाड़े पर मल दिया और उसने अपने लंड को रेणुका की चूत के मुँह पर लगाया और जोर डाला तो लंड आसानी से चूत में समा गया..

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दूसरी बार धक्का देने से मदन का लंड अंडकोष तक चूत में समा गया.. रेणुका दर्द से कराही.. मदन रुका और फिर उसंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये.. रेणुका के हाथ मदन की पीठ पर पहुँच गए.. रेणुका की भरी जाँघों के बीच मदन का लंड पुरा समा रहा था.. रेणुका इस का पुरा आनंद उठा रही थी.. आनंद के कारण उसकी आँखें बंद हो गई थी.. काफी देर तक मदन धक्कें लगाता रहा फिर थक कर रेणुका के ऊपर से उतर कर बगल में लेट गया.. कुछ देर आराम करने के बाद वह फिर से रेणुका में समा गया और उसकी चूत पर प्रहार करने लगा.. रेणुका ने अपनी बांहें मदन की गरदन में डाल कर उसे झुकाया और उसके होंठ चुम कर कहा "यार मदन, कल पूरा दिन चुदाई करने के बाद अब भी तुम्हारा दम कायम है..!!"

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रेणुका ने अपनी चूत को कसना और मथना शुरु कर दिया था.. मदन समझ गया थे कि अब वह दोनों स्खलित होने वाले है.. रेणुका भी स्खलित हो चुकी थी उसकी टाँगें मदन की पीठ पर आ गई.. मदन ने बड़े जोर से पिचकारी मारी और रेणुका के ऊपर लेट गया.. उसकी सांस बड़े जोर से चल रही थी.. वह लुढक कर रेणुका की बगल में आ गया..

रेणुका की छातियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी.. वह भी चरम के आनंद में डुबी हुई थी.. कुछ देर तक दोनों अपनी सांसों को सहेजते रहे.. जब दोनों कुछ नॉर्मल हुए तो रेणुका बोली "आज भी मेरी कमर का दम निकल गया.."

दोनों के निजी अंग पानी छोड़ रहे थे.. और काफी थक चुके थे..

रात के दो बजे से लेकर जो सेक्स का सिलसिला चला वो साढ़े तीन तक जारी रहा.. प्यास तो कम नहीं हुई.. पर दोनों की ऊर्जा खतम हो चुकी थी.. एक दूसरे की बाहों मे बाहें डालकर मदन और रेणुका गहरी नींद सो गए..

नींद तब खुली जब सुबह साढ़े पाँच बजे डोरबेल बजी.. रेणुका ने उठकर पास पड़ा शीला का गाउन पहन लिया और झटपट दरवाजा खोला

सामने रसिक खड़ा था

रसिक: "आप अभी तक यहीं हो?? शीला भाभी कहाँ है??" रसिक की आँखें शीला के मांसल बदन को ढूंढ रही थी.. कई दिनों हो गए थे भाभी के गूँदाज बबलों को दबाए हुए..

रेणुका ने हंसकर चुटकी लेते हुए कहा "नहीं, अब मैं ही मदन भैया के साथ रहूँगी.. शीला का मेरे पति के साथ ब्याह हो गया है.. अब से मैं ही रोज दूध लेने आऊँगी.. और तू शीला के साथ जो जो करता था.. वो सब मेरे साथ करना होगा.. समझा.. !!" आँख मारकर कातिल मुस्कान के साथ रेणुका ने कहा

रेणुका किचन से दूध भरने के लिए पतीला लेकर आई

रसिक: "क्या भाभी आप भी.. !! भाभी का गाउन क्या पहन लिया.. आप तो साहब की बीवी बन गई.. !!"

अपने दोनों स्तनों को गाउन के ऊपर से... दोनों हाथों से एक कर दबाते हुए रेणुका ने अत्यंत कामुक अंदाज मे कहा "ओह्ह.. !! रसिक.. क्या फ़र्क है मुझ मे और शीला मे??"

रसिक ने रेणुका के बॉल पकड़कर दबाते हुए कहा "सब से पहला फ़र्क तो इसका ही है.. शीला भाभी के बबले इतने बड़े है की एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाते है"

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रेणुका ने रसिक का लंड पाजामे के ऊपर से पकड़कर दबा दिया.. लंड एकदम टाइट हो गया

रेणुका: "तेरे पास तो बहोत सारी भेस होगी.. ये बता.. तू सिर्फ ज्यादा दूध देने वाली भेस को ही चारा देता है क्या?? कम दूध देने वाली भेस को कुछ नहीं खिलाता?"

रसिक: "कैसी बात कर रही हो भाभी.. !! दूध ज्यादा दे या कम.. चारा तो सब को डालना ही पड़ता है"

रेणुका: "बिल्कुल वैसे ही.. देख.. मेरे चाहे शीला जीतने बड़े न हो.. फिर भी ये तेरा खड़ा तो हो ही गया ना.. !!!"

रसिक: "उसका तो काम ही है खड़ा होने का.. कही भी खड़ा हो जाता है.. आखिर मर्द का लंड है.. भेस के थन देखकर भी खड़ा हो जाता है.. तो यहाँ आपकी चूचियाँ देखकर तो खड़ा हो ही जाएगा..!! चलिए, अब उलटे हो जाइए.. ताकि मैं घुसा दूँ... मुझे देर हो रही है.. "

"रसिक मादरचोद.. तू दूध देने आता है या लंड घुसाने??" पीछे से मदन की आवाज आई

मदन ने बाहर आकर कहा "तुम दोनों अपना खेल अंदर आकर करो.. बाहर कोई देख लेगा..

मदन के पीछे पीछे रेणुका और रसिक घर के अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया

रेणुका: "साले, परसो तो मुझे चोद चोदकर रुला दिया था.. फिर भी तेरा मन नहीं भरा.. !! चल अब बाहर निकाल इसे.. थोड़ा चूस लेती हूँ.. !!" कहते हुए रेणुका घुटनों पर बैठकर उसके पाजामे का नाड़ा खोलने लगी.. "कितना बांध कर रखता है इसे.. !! अंदर दम घुट जाएगा इसका"

रसिक ने रेणुका के गाउन मे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी लंगोट के साइड से.. अपना गधे जैसा लंबा मोटा और काला लंड बाहर निकाला.. रेणुका ने तुरंत लंड का हवाला ले लिया.. और उस काले नाग के सुपाड़े को चूमते हुए बोली "बाप रे.. !! इसे तो देखकर ही कुछ कुछ होने लगता है"

रेणुका ने तुरंत उसके सुपाड़े को मुंह मे भरकर गीला कर दिया.. और फिर आराम से नीचे बैठकर चूसने लगी.. वो चूसने मे मगन थी तभी मदन भी अपना लोडा खोलकर रेणुका के सामने खड़ा हो गया

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मदन: "एक से तेरा क्या होगा रेणुका.. !! आज तो तू दो दो लंड एक साथ चूस"

रेणुका ने रसिक का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ से मदन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. अब वो बारी बारी से दोनों लंड चूस रही थी.. कभी मदन के लंड को चूसती तो कभी रसिक के.. दोनों लंड रेणुका के मुख की लार से लिप्त होकर.. टाइट हो गए थे.. !!

अब रेणुका को मदन का लंड चूसने देकर.. रसिक उसके पीछे खड़ा हो गया.. और उसकी कमर उचककर एक ही धक्के मे अपना लंड अंदर घुसेड़ दीया...

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रेणुका के मुंह से मदन का लंड छूट गया और वो दर्द से कराह उठी.. "ऊईईई माँ.. साले धीरे से डाल.. मेरी चूत है.. कोई सार्वजनिक कुआं नहीं.. जिसमे जो चाहा डाल दिया.. "

रसिक ने रेणुका की बात अनसुनी कर धक्के लगाना शुरू कर दिया.. रेणुका भी अपनी चूत मे धक्के लेते लेते मदन का लंड चूसती रही.. रसिक ने गति बढ़ाई और रेणुका का बदन अकड़ने लगा... और रसिक के डंडे ने जैसे ही अंदर गरम वीर्य की बौछार की.. रेणुका की चूत ने भी भरपूर मात्रा मे पानी छोड़ दिया.. अपना काम खतम कर रसिक ने फटाफट पाजामा पहन लिया.. और फिर दरवाजा खोलकर भाग गया.. !!

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रेणुका की चूत से रसिक का वीर्य बाहर निकलकर फर्श पर गिर रहा था.. उसे साफ करना जरूरी था.. वो उठकर बाथरूम की तरफ गई.. पीछे पीछे मदन भी गया.. शावर ऑन कर.. दोनों ने साथ मे ही नहाते नहाते जबरदस्त चुदाई की.. !! तृप्त होकर दोनों बाहर निकले

रेणुका कपड़े पहन रही थी तब तक मदन ने झोमेटो से नाश्ता ऑर्डर कर दिया... थोड़ी ही देर मे लड़का पार्सल दे गया.. डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे..

मदन: "रेणुका, वाकई पिछले दो दिन.. मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे.. अगर फिर कभी ऐसा मौका मिला तो मैं छोड़ूँगा नहीं"

रेणुका: "मदन, मैं तो सोच रही हूँ.. की अगर पूरी ज़िंदगी ही ऐसे रहना पड़ा तो मुझे कोई हर्ज न होगा.. तेरे साथ मुझे उतना ही मज़ा आता है जितना राजेश के साथ.. हाँ, मुझे संतुष्ट करने का तेरा तरीका मुझे जरूर ज्यादा पसंद है.. !! फिर से मौका जरूर ढूँढेंगे.. तेरे घर पर तो वैशाली के कारण कुछ मुमकिन नहीं होगा.. हाँ, जब राजेश शहर से बाहर होगा तब मैं तुझे जरूर बुला लूँगी.. "

मदन: "वैसे अब राजेश हो न हो, क्या फरक पड़ता है?"

रेणुका: "हाँ, वो भी है.. मेरे कहने का मतलब यह था की मैं यहाँ शायद न आ पाउ.. पर तुम मेरे घर कभी भी आ सकते हो"

मदन: "रेणुका, आई लव यू यार"

रेणुका ने मुस्कुराकर मदन के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा "आई लव यू टू, मदन.. !!"

तभी घर की डोरबेल बजी...


डाइनिंग टेबल के पास की खिड़की से रेणुका ने देखा.. वैशाली थी.. !!! अच्छा हुआ जो तुरंत दरवाजा नहीं खोल दिया.. वरना मुसीबत हो जाती.. !!!
Awesome update
 

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18,317
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आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया

रेणुका: "ओके मदन.. मैं अब निकलती हूँ.. बहुत मज़ा आया, यार.. !! टाइम नहीं था.. वरना सुबह सुबह एक और राउन्ड करने की इच्छा थी.. "

मदन: "यार, मेरा भी बड़ा मन था की तुझे एक दिन और शीला बनाकर रखू.. वैशाली भी लौटी नहीं होगी.. मेरा यह लंड, एक बार और तेरी चूत मारना चाहता है.. पर क्या करे??"

रेणुका: "मैं तो तैयार हूँ.. पर शीला घर पर आ चुकी होगी.. जब हम निकले तब उनका कॉटेज खाली था.. मतलब वो दोनों कब के निकल चुके थे और घर पर पहुँच भी चुके होंगे.. "

दोनों बातें कर रहे थे तब रेणुका पर राजेश का फोन आया.. उसने रेणुका से कहा की वह दोनों चाहे तो वही रुक जाए.. क्योंकि राजेश और शीला एक दिन और साथ रहने वाले थे.. मदन चाहे तो शीला से बात कर सकता है.. !!

यह सुनते ही रेणुका और मदन के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई..

मदन ने तुरंत शीला को फोन लगाया..

मदन: "शीला, मेरा इंतज़ार मत करना.. हम दोनों कल ही आएंगे"

शीला: "ओके.. " कहते हुए शीला ने फोन काट दिया

मदन मुस्कुराते हुए बोला "रेणुका, कभी सपने भी नहीं सोचा था की अपने ही शहर मे हम इस तरह अपने पार्टनर बदल पाएंगे"

रेणुका: "वो तो ठीक है मदन.. पर यहाँ शहर मे.. कोई हमे देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.. उससे अच्छा तो वही होता की हम रिसॉर्ट मे रुक जाते.. यार मुझे तो उस जंगल मे ही चुदवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था"

मदन: "सही कहा रेणु.. पर कोई बात नहीं.. अब चांस मिला ही है तो हम उसे जाया नहीं होने देंगे.. हम घर पर नहीं जाएंगे.. किसी अच्छी होटल मे जाकर.. पहले लंच लेते है.. फिर कोई मूवी देखेंगे.. और रात को मस्त चुदाई करेंगे..!!"

जवाब मे रेणुका ने मदन के कंधे पर अपना सिर रखकर अनुमति दे दी

रेणुका ड्राइविंग सीट से उठ गई और गाड़ी मदन को चलाने दे दी.. मदन तेजी से गाड़ी चलाते हुए अपने और रेणुका के घर के इलाके से दूर जाने लगा.. करीब पंद्रह मिनट बाद वो दोनों एक बढ़िया सी रेस्टोरेंट मे बैठे था.. खाना खाने के बाद.. दोनों करीब के एक पार्क मे जा बैठे और प्रेमी-युगलों की तरह काफी देर तक बाते करते रहे.. फिर दोनों एक मॉल मे गए और एक घंटे तक, हाथ मे हाथ डालकर घूमते रहे..

आखिर एक मल्टीप्लेक्स के पास जाकर मदन ने गाड़ी रोकी.. रात के नौ बजे का शो था.. शो शुरू होने मे देर थी पर यहाँ मल्टीप्लेक्स मे सब की नज़रों के सामने रहने मे खतरा था.. इसलिए रेणुका चलते हुए बाहर आ गई.. और मदन भी बाहर जाकर दूर एक टपरी पर खड़े खड़े सिगरेट फूंकने लगा..

जब शो का टाइम हुआ और सारी ऑडियंस अंदर चली गई उसके बाद दोनों अंदर गए और अपनी सीट पर बैठ गए..

सिनेमा हॉल के अंधेरे मे हीरोइन के लटके-झटके देखते हुए रेणुका के कामुक हाथ मदन के लंड पर पहुँच गए.. और उसे रात की चुदाई के लिए तैयार करने लगे.. पूरा दिन इतनी मस्ती से बीता था की वह दोनों शीला-राजेश को भूल ही गए थे..


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मदन ने राजेश को फोन लगाया तब रात के ग्यारह बज चुके थे..

राजेश ने फोन उठाकर बिना हैलो कहे.. फोन चालू रखकर बाजू मे रख दिया.. क्योंकि तब राजेश और शीला के बीच घमासान चुदाई चल रही थी.. मूवी फिर से शुरू हो चुका था.. लेकिन रेणुका और मदन तो फोन को कान पर लगाकर... साथ मे सुनने लगे थे.. गरम होकर मदन रेणुका के स्तनों को दबा रहा था और रेणुका मदन के लंड को मसल रही थी.. और साथ ही साथ दोनों राजेश-शीला की चुदाई के लाइव-अपडेट को सुन रहे थे

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शीला: "ओह्ह राजेश.. फक मी हार्ड.. आह.. तेरे साथ इतना मज़ा आ रहा है.. अब तो मैं उसे ढीले मदन के पास जाने ही नहीं वाली.. मुझे तो अब सिर्फ तू ही चाहिए.. ओह्ह.. !!"

राजेश: "क्या बॉडी है तेरा, शीला... !!! ये तेरे बड़े बड़े बॉल... ओहोहओहो.. रेणुका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है इनके सामने.. कितनी गरम है तू, मेरी जान.. !! और तेरे भोसड़े मे ऐसी गर्मी है की लंड बाहर निकालने का मन ही नहीं करता.. !! काश रेणुका के बदले तू मेरी पत्नी होती.. !!"

फोन पर कान लगाकर रेणुका और मदन लाइव कमेंटरी सुन रहे थे.. और सिनेमा-हॉल मे ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को मदहोश होकर सहला रहे थे..

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रात के एक बजे मूवी खत्म हुआ..

मदन: "यार माँ चुदाने गई सारी दुनियादारी.. अब मुझे शीला क्या सोचेगी उसकी कोई फिक्र नहीं है.. होटल छोड़.. हम दोनों मेरे घर ही चलते है.. शीला आ जाएगी तो देख लेंगे"

रेणुका; "ठीक है.. जैसा तुम ठीक समझो.. !!"

दोनों गाड़ी मे मदन के घर की तरफ निकल गए.. मदन गाड़ी चला रहा था और रेणुका झुककर उसका लंड चूस रही थी.. बीच बीच मे मदन उसकी पीठ पर हाथ फेर लेता तो कभी नीचे हाथ डालकर उसका बबला दबा देता.. !!

करीब डेढ़ बजे दोनों मदन के घर के पास पहुंचे.. इतनी ठंड थी की पूरी सोसायटी मे सन्नाटा छाया हुआ था..

मदन का लंड छोड़कर रेणुका गाड़ी से उतरी और मदन के घर का मैन गेट खोलकर बरामदे के अंदर जाने से पहले वही रुक गई.. अपना जीन्स और पेन्टी घुटनों तक उतारकर.. वह अपनी गोरी गांड हिलाकर मदन को आमंत्रित करने लगी.. मदन का लंड यह द्रश्य देखकर ही पागलों की तरह उछलने लगा..

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मदन तुरंत गाड़ी से उतरा और रेणुका के करीब पहुंचकर अपनी पेंट की चैन खोलने लगा.. रेणुका के मस्त गोरे चूतड़ों को सहलाते हुए उसने कूल्हों को फैलाकर रेणुका की गुलाबी चूत को उजागर कर दिया.. !! अपने स्तनों को दबाते हुए रेणुका और झुक गई ताकि योनि-प्रवेश मे आसानी हो.. चूत की फाँकों पर रगड़ते हुए मन तो मदन का भी कर रहा था की लंड अंदर डाल दे.. आसपास भले ही सन्नाटा था पर यहाँ खतरा मोड़कर चुदाई करने मे मज़ा नहीं आता..

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वो रेणुका को खींचकर घर के अंदर ले गया.. और दोनों बिस्तर पर जा गिरे.. !!

मदन बोला "बाहर बड़ी गर्मी दिखा रही थी.. देखता हूँ की अब कितनी गर्मी बची है..!!"

अपने दोनों मम्मे टॉप के अंदर दबाते हुए रेणुका ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा: "यह तो अंदर डालकर जाँचने से ही पता चलेगा..!!"

मदन बेड पर आ कर बैठ गया.. रेणुका उसके पास खिसक आई.. मदन ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसके माथे पर चुम्बन ले लिया.. इस से रेणुका का चेहरा लाल हो गया.. उसके शरीर में करंट दौड़ गया.. रेणुका के होंठ मदन के होंठों से चिपक गए.. दोनों गहरे चुम्बन में डुब गए..

पिछले दिन इतनी धुआंधार चूदाइयाँ होने के बावजूद दोनों का जैसे मन ही नहीं भरा था.. असल में, शीला और राजेश को एक साथ देखकर.. थोड़ी सी ईर्ष्या और थोड़ी सी उत्तेजना के चलते, दोनों की भूख और तीव्र हो चली थी.. कुछ देर बाद दोनों सांस फुलने के कारण अलग हो गए .. दोनों की सांस बहोत तेज चल रही थी..

मदन ने रेणुका को अपने शरीर से चिपका लिया.. रेणुका ने अपना चेहरा उसकी छाती में छुपा लिया.. उसके हाथ रेणुका की पीठ को सहलाने लगे.. रेणुका उसके हाथों से पिघलती सी गई.. वह भी मदन की पीठ सहलाने लगी.. दोनों के शरीर में काम की आग लगनी शुरु हो गई थी.. मदन ने उसके टॉप को सर के ऊपर से उतार दिया.. उम्र के साथ रेणुका के उरोज ढ़ल भले गया थे लेकिन उसकी पुष्टता कम नहीं हुई थी.. मदन के हाथों द्वारा सहलाये जाने से वह उत्तेजित हो कर कठोर हो गया थे.. निप्पल फुल कर लंबें हो गया..

मदन निप्पलों को अपनी ऊंगलियों के बीच लेकर दबाते रहे.. रेणुका आहहहहहहहहहहहह करने लग गई.. इस के बाद मदन ने गरदन झुका कर निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया और उसको चुसने लगे.. इस से रेणुका की उत्तेजना और बढ़ गई.. पहले एक निप्पल चुसा गया और फिर दूसरे का नंबर आया.. इस से रेणुका का सारा शरीर अकड़ने लगा.. उसने मदन का कुर्ता उतार दिया.. अब उसके हाथ मदन के नंगें शरीर पर घुम रहे थे.. मदन के निप्पल भी उसकी ऊंगलियों में आ गया.. वह उसे मसलने लगी.. इस से मदन के शरीर में उत्तेजना की लहरें उठने लग गई.. काफी देर तक दोनों एक दूसरे के शरीर में वासना की आग भड़काते रहे..

जब आग भड़क गई तो मदन ने रेणुका का जीन्स भी उतार दिया.. वह भी अपने कपड़ें उतार कर नंगा हो गया.. रेणुका का शरीर अभी भी उम्र को छुपाने में सफल हो रहा था.. शरीर में भरपुर कसाब मौजूद था.. कही पर फालतु मांस नहीं था.. मदन ने उसकी जाँघों पर हाथ फिरा कर उसे और उत्तेजित करना शुरु कर दिया.. इस के बाद वह उसे लिटा कर उसके सारे शरीर को चुमने लग गया.. स्तनों को दबाने और चुमने के बाद वह उसकी कमर को चुम कर उसकी नाभी को गिला कर के उसकी जाँघों के मध्य में उतर गया.. बिना बालों वाली चूत की मादक सुगंध उसकी नाक में आने लग गई.. उसकी ऊंगली रेणुका की चूत में घुस गई, वहाँ नमी तो थी लेकिन कम थी.. उसनें अपनी ऊंगली को चूत के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया.. रेणुका आहहहह उहहहहहहहह करने लग गई.. कुछ देर बाद ही रेणुका ने उत्तेजित हो कर उसके होंठ अपने होंठों में ले कर काटना शुरु कर दिया..

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मदन 69 की पोजिशन में आ गया और उसका लंड अब रेणुका के चेहरे पर लहरा रहा था.. रेणुका ने उसे अपने मुँह में ले लिया.. मुँह की नमी और जीभ का स्पर्श पा कर मदन का लंड और तनाव लेने लगा.. रेणुका उसे अपने मुँह से अंदर बाहर करने लगी..

69

कुछ देर बाद मदन को लगा कि वह रेणुका के मुँह में ना स्खलित हो जाये यही सोच कर वह रेणुका के ऊपर से उठ गया और उसकी जाँघों को चौड़ा करके उसके बीच में बैठ गया.. रेणुका ने भी अपनी टाँगें फैला ली.. मदन ने अपने तने लंड को रेणुका की चूत पर रख कर दबाया तो लंड अंदर तो गया लेकिन वहाँ पर नमी की कमी होने के कारण आगे नहीं खिसका.. मदन ने दूबारा प्रयास किया, मदन ने थोड़ा सा थूक लेकर अपने सुपाड़े पर मल दिया और उसने अपने लंड को रेणुका की चूत के मुँह पर लगाया और जोर डाला तो लंड आसानी से चूत में समा गया..

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दूसरी बार धक्का देने से मदन का लंड अंडकोष तक चूत में समा गया.. रेणुका दर्द से कराही.. मदन रुका और फिर उसंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये.. रेणुका के हाथ मदन की पीठ पर पहुँच गए.. रेणुका की भरी जाँघों के बीच मदन का लंड पुरा समा रहा था.. रेणुका इस का पुरा आनंद उठा रही थी.. आनंद के कारण उसकी आँखें बंद हो गई थी.. काफी देर तक मदन धक्कें लगाता रहा फिर थक कर रेणुका के ऊपर से उतर कर बगल में लेट गया.. कुछ देर आराम करने के बाद वह फिर से रेणुका में समा गया और उसकी चूत पर प्रहार करने लगा.. रेणुका ने अपनी बांहें मदन की गरदन में डाल कर उसे झुकाया और उसके होंठ चुम कर कहा "यार मदन, कल पूरा दिन चुदाई करने के बाद अब भी तुम्हारा दम कायम है..!!"

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रेणुका ने अपनी चूत को कसना और मथना शुरु कर दिया था.. मदन समझ गया थे कि अब वह दोनों स्खलित होने वाले है.. रेणुका भी स्खलित हो चुकी थी उसकी टाँगें मदन की पीठ पर आ गई.. मदन ने बड़े जोर से पिचकारी मारी और रेणुका के ऊपर लेट गया.. उसकी सांस बड़े जोर से चल रही थी.. वह लुढक कर रेणुका की बगल में आ गया..

रेणुका की छातियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी.. वह भी चरम के आनंद में डुबी हुई थी.. कुछ देर तक दोनों अपनी सांसों को सहेजते रहे.. जब दोनों कुछ नॉर्मल हुए तो रेणुका बोली "आज भी मेरी कमर का दम निकल गया.."

दोनों के निजी अंग पानी छोड़ रहे थे.. और काफी थक चुके थे..

रात के दो बजे से लेकर जो सेक्स का सिलसिला चला वो साढ़े तीन तक जारी रहा.. प्यास तो कम नहीं हुई.. पर दोनों की ऊर्जा खतम हो चुकी थी.. एक दूसरे की बाहों मे बाहें डालकर मदन और रेणुका गहरी नींद सो गए..

नींद तब खुली जब सुबह साढ़े पाँच बजे डोरबेल बजी.. रेणुका ने उठकर पास पड़ा शीला का गाउन पहन लिया और झटपट दरवाजा खोला

सामने रसिक खड़ा था

रसिक: "आप अभी तक यहीं हो?? शीला भाभी कहाँ है??" रसिक की आँखें शीला के मांसल बदन को ढूंढ रही थी.. कई दिनों हो गए थे भाभी के गूँदाज बबलों को दबाए हुए..

रेणुका ने हंसकर चुटकी लेते हुए कहा "नहीं, अब मैं ही मदन भैया के साथ रहूँगी.. शीला का मेरे पति के साथ ब्याह हो गया है.. अब से मैं ही रोज दूध लेने आऊँगी.. और तू शीला के साथ जो जो करता था.. वो सब मेरे साथ करना होगा.. समझा.. !!" आँख मारकर कातिल मुस्कान के साथ रेणुका ने कहा

रेणुका किचन से दूध भरने के लिए पतीला लेकर आई

रसिक: "क्या भाभी आप भी.. !! भाभी का गाउन क्या पहन लिया.. आप तो साहब की बीवी बन गई.. !!"

अपने दोनों स्तनों को गाउन के ऊपर से... दोनों हाथों से एक कर दबाते हुए रेणुका ने अत्यंत कामुक अंदाज मे कहा "ओह्ह.. !! रसिक.. क्या फ़र्क है मुझ मे और शीला मे??"

रसिक ने रेणुका के बॉल पकड़कर दबाते हुए कहा "सब से पहला फ़र्क तो इसका ही है.. शीला भाभी के बबले इतने बड़े है की एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाते है"

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रेणुका ने रसिक का लंड पाजामे के ऊपर से पकड़कर दबा दिया.. लंड एकदम टाइट हो गया

रेणुका: "तेरे पास तो बहोत सारी भेस होगी.. ये बता.. तू सिर्फ ज्यादा दूध देने वाली भेस को ही चारा देता है क्या?? कम दूध देने वाली भेस को कुछ नहीं खिलाता?"

रसिक: "कैसी बात कर रही हो भाभी.. !! दूध ज्यादा दे या कम.. चारा तो सब को डालना ही पड़ता है"

रेणुका: "बिल्कुल वैसे ही.. देख.. मेरे चाहे शीला जीतने बड़े न हो.. फिर भी ये तेरा खड़ा तो हो ही गया ना.. !!!"

रसिक: "उसका तो काम ही है खड़ा होने का.. कही भी खड़ा हो जाता है.. आखिर मर्द का लंड है.. भेस के थन देखकर भी खड़ा हो जाता है.. तो यहाँ आपकी चूचियाँ देखकर तो खड़ा हो ही जाएगा..!! चलिए, अब उलटे हो जाइए.. ताकि मैं घुसा दूँ... मुझे देर हो रही है.. "

"रसिक मादरचोद.. तू दूध देने आता है या लंड घुसाने??" पीछे से मदन की आवाज आई

मदन ने बाहर आकर कहा "तुम दोनों अपना खेल अंदर आकर करो.. बाहर कोई देख लेगा..

मदन के पीछे पीछे रेणुका और रसिक घर के अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया

रेणुका: "साले, परसो तो मुझे चोद चोदकर रुला दिया था.. फिर भी तेरा मन नहीं भरा.. !! चल अब बाहर निकाल इसे.. थोड़ा चूस लेती हूँ.. !!" कहते हुए रेणुका घुटनों पर बैठकर उसके पाजामे का नाड़ा खोलने लगी.. "कितना बांध कर रखता है इसे.. !! अंदर दम घुट जाएगा इसका"

रसिक ने रेणुका के गाउन मे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी लंगोट के साइड से.. अपना गधे जैसा लंबा मोटा और काला लंड बाहर निकाला.. रेणुका ने तुरंत लंड का हवाला ले लिया.. और उस काले नाग के सुपाड़े को चूमते हुए बोली "बाप रे.. !! इसे तो देखकर ही कुछ कुछ होने लगता है"

रेणुका ने तुरंत उसके सुपाड़े को मुंह मे भरकर गीला कर दिया.. और फिर आराम से नीचे बैठकर चूसने लगी.. वो चूसने मे मगन थी तभी मदन भी अपना लोडा खोलकर रेणुका के सामने खड़ा हो गया

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मदन: "एक से तेरा क्या होगा रेणुका.. !! आज तो तू दो दो लंड एक साथ चूस"

रेणुका ने रसिक का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ से मदन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. अब वो बारी बारी से दोनों लंड चूस रही थी.. कभी मदन के लंड को चूसती तो कभी रसिक के.. दोनों लंड रेणुका के मुख की लार से लिप्त होकर.. टाइट हो गए थे.. !!

अब रेणुका को मदन का लंड चूसने देकर.. रसिक उसके पीछे खड़ा हो गया.. और उसकी कमर उचककर एक ही धक्के मे अपना लंड अंदर घुसेड़ दीया...

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रेणुका के मुंह से मदन का लंड छूट गया और वो दर्द से कराह उठी.. "ऊईईई माँ.. साले धीरे से डाल.. मेरी चूत है.. कोई सार्वजनिक कुआं नहीं.. जिसमे जो चाहा डाल दिया.. "

रसिक ने रेणुका की बात अनसुनी कर धक्के लगाना शुरू कर दिया.. रेणुका भी अपनी चूत मे धक्के लेते लेते मदन का लंड चूसती रही.. रसिक ने गति बढ़ाई और रेणुका का बदन अकड़ने लगा... और रसिक के डंडे ने जैसे ही अंदर गरम वीर्य की बौछार की.. रेणुका की चूत ने भी भरपूर मात्रा मे पानी छोड़ दिया.. अपना काम खतम कर रसिक ने फटाफट पाजामा पहन लिया.. और फिर दरवाजा खोलकर भाग गया.. !!

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रेणुका की चूत से रसिक का वीर्य बाहर निकलकर फर्श पर गिर रहा था.. उसे साफ करना जरूरी था.. वो उठकर बाथरूम की तरफ गई.. पीछे पीछे मदन भी गया.. शावर ऑन कर.. दोनों ने साथ मे ही नहाते नहाते जबरदस्त चुदाई की.. !! तृप्त होकर दोनों बाहर निकले

रेणुका कपड़े पहन रही थी तब तक मदन ने झोमेटो से नाश्ता ऑर्डर कर दिया... थोड़ी ही देर मे लड़का पार्सल दे गया.. डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे..

मदन: "रेणुका, वाकई पिछले दो दिन.. मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे.. अगर फिर कभी ऐसा मौका मिला तो मैं छोड़ूँगा नहीं"

रेणुका: "मदन, मैं तो सोच रही हूँ.. की अगर पूरी ज़िंदगी ही ऐसे रहना पड़ा तो मुझे कोई हर्ज न होगा.. तेरे साथ मुझे उतना ही मज़ा आता है जितना राजेश के साथ.. हाँ, मुझे संतुष्ट करने का तेरा तरीका मुझे जरूर ज्यादा पसंद है.. !! फिर से मौका जरूर ढूँढेंगे.. तेरे घर पर तो वैशाली के कारण कुछ मुमकिन नहीं होगा.. हाँ, जब राजेश शहर से बाहर होगा तब मैं तुझे जरूर बुला लूँगी.. "

मदन: "वैसे अब राजेश हो न हो, क्या फरक पड़ता है?"

रेणुका: "हाँ, वो भी है.. मेरे कहने का मतलब यह था की मैं यहाँ शायद न आ पाउ.. पर तुम मेरे घर कभी भी आ सकते हो"

मदन: "रेणुका, आई लव यू यार"

रेणुका ने मुस्कुराकर मदन के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा "आई लव यू टू, मदन.. !!"

तभी घर की डोरबेल बजी...


डाइनिंग टेबल के पास की खिड़की से रेणुका ने देखा.. वैशाली थी.. !!! अच्छा हुआ जो तुरंत दरवाजा नहीं खोल दिया.. वरना मुसीबत हो जाती.. !!!
Awesome update
 

Ek number

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आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया

रेणुका: "ओके मदन.. मैं अब निकलती हूँ.. बहुत मज़ा आया, यार.. !! टाइम नहीं था.. वरना सुबह सुबह एक और राउन्ड करने की इच्छा थी.. "

मदन: "यार, मेरा भी बड़ा मन था की तुझे एक दिन और शीला बनाकर रखू.. वैशाली भी लौटी नहीं होगी.. मेरा यह लंड, एक बार और तेरी चूत मारना चाहता है.. पर क्या करे??"

रेणुका: "मैं तो तैयार हूँ.. पर शीला घर पर आ चुकी होगी.. जब हम निकले तब उनका कॉटेज खाली था.. मतलब वो दोनों कब के निकल चुके थे और घर पर पहुँच भी चुके होंगे.. "

दोनों बातें कर रहे थे तब रेणुका पर राजेश का फोन आया.. उसने रेणुका से कहा की वह दोनों चाहे तो वही रुक जाए.. क्योंकि राजेश और शीला एक दिन और साथ रहने वाले थे.. मदन चाहे तो शीला से बात कर सकता है.. !!

यह सुनते ही रेणुका और मदन के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई..

मदन ने तुरंत शीला को फोन लगाया..

मदन: "शीला, मेरा इंतज़ार मत करना.. हम दोनों कल ही आएंगे"

शीला: "ओके.. " कहते हुए शीला ने फोन काट दिया

मदन मुस्कुराते हुए बोला "रेणुका, कभी सपने भी नहीं सोचा था की अपने ही शहर मे हम इस तरह अपने पार्टनर बदल पाएंगे"

रेणुका: "वो तो ठीक है मदन.. पर यहाँ शहर मे.. कोई हमे देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.. उससे अच्छा तो वही होता की हम रिसॉर्ट मे रुक जाते.. यार मुझे तो उस जंगल मे ही चुदवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था"

मदन: "सही कहा रेणु.. पर कोई बात नहीं.. अब चांस मिला ही है तो हम उसे जाया नहीं होने देंगे.. हम घर पर नहीं जाएंगे.. किसी अच्छी होटल मे जाकर.. पहले लंच लेते है.. फिर कोई मूवी देखेंगे.. और रात को मस्त चुदाई करेंगे..!!"

जवाब मे रेणुका ने मदन के कंधे पर अपना सिर रखकर अनुमति दे दी

रेणुका ड्राइविंग सीट से उठ गई और गाड़ी मदन को चलाने दे दी.. मदन तेजी से गाड़ी चलाते हुए अपने और रेणुका के घर के इलाके से दूर जाने लगा.. करीब पंद्रह मिनट बाद वो दोनों एक बढ़िया सी रेस्टोरेंट मे बैठे था.. खाना खाने के बाद.. दोनों करीब के एक पार्क मे जा बैठे और प्रेमी-युगलों की तरह काफी देर तक बाते करते रहे.. फिर दोनों एक मॉल मे गए और एक घंटे तक, हाथ मे हाथ डालकर घूमते रहे..

आखिर एक मल्टीप्लेक्स के पास जाकर मदन ने गाड़ी रोकी.. रात के नौ बजे का शो था.. शो शुरू होने मे देर थी पर यहाँ मल्टीप्लेक्स मे सब की नज़रों के सामने रहने मे खतरा था.. इसलिए रेणुका चलते हुए बाहर आ गई.. और मदन भी बाहर जाकर दूर एक टपरी पर खड़े खड़े सिगरेट फूंकने लगा..

जब शो का टाइम हुआ और सारी ऑडियंस अंदर चली गई उसके बाद दोनों अंदर गए और अपनी सीट पर बैठ गए..

सिनेमा हॉल के अंधेरे मे हीरोइन के लटके-झटके देखते हुए रेणुका के कामुक हाथ मदन के लंड पर पहुँच गए.. और उसे रात की चुदाई के लिए तैयार करने लगे.. पूरा दिन इतनी मस्ती से बीता था की वह दोनों शीला-राजेश को भूल ही गए थे..


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इंटरवल के दौरान रेणुका ने मदन से कहा "यार, उन दोनों को फोन तो लगा.. और पूछ.. की वह लोग कहाँ है.. !!"

मदन ने राजेश को फोन लगाया तब रात के ग्यारह बज चुके थे..

राजेश ने फोन उठाकर बिना हैलो कहे.. फोन चालू रखकर बाजू मे रख दिया.. क्योंकि तब राजेश और शीला के बीच घमासान चुदाई चल रही थी.. मूवी फिर से शुरू हो चुका था.. लेकिन रेणुका और मदन तो फोन को कान पर लगाकर... साथ मे सुनने लगे थे.. गरम होकर मदन रेणुका के स्तनों को दबा रहा था और रेणुका मदन के लंड को मसल रही थी.. और साथ ही साथ दोनों राजेश-शीला की चुदाई के लाइव-अपडेट को सुन रहे थे

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शीला: "ओह्ह राजेश.. फक मी हार्ड.. आह.. तेरे साथ इतना मज़ा आ रहा है.. अब तो मैं उसे ढीले मदन के पास जाने ही नहीं वाली.. मुझे तो अब सिर्फ तू ही चाहिए.. ओह्ह.. !!"

राजेश: "क्या बॉडी है तेरा, शीला... !!! ये तेरे बड़े बड़े बॉल... ओहोहओहो.. रेणुका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है इनके सामने.. कितनी गरम है तू, मेरी जान.. !! और तेरे भोसड़े मे ऐसी गर्मी है की लंड बाहर निकालने का मन ही नहीं करता.. !! काश रेणुका के बदले तू मेरी पत्नी होती.. !!"

फोन पर कान लगाकर रेणुका और मदन लाइव कमेंटरी सुन रहे थे.. और सिनेमा-हॉल मे ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को मदहोश होकर सहला रहे थे..

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रात के एक बजे मूवी खत्म हुआ..

मदन: "यार माँ चुदाने गई सारी दुनियादारी.. अब मुझे शीला क्या सोचेगी उसकी कोई फिक्र नहीं है.. होटल छोड़.. हम दोनों मेरे घर ही चलते है.. शीला आ जाएगी तो देख लेंगे"

रेणुका; "ठीक है.. जैसा तुम ठीक समझो.. !!"

दोनों गाड़ी मे मदन के घर की तरफ निकल गए.. मदन गाड़ी चला रहा था और रेणुका झुककर उसका लंड चूस रही थी.. बीच बीच मे मदन उसकी पीठ पर हाथ फेर लेता तो कभी नीचे हाथ डालकर उसका बबला दबा देता.. !!

करीब डेढ़ बजे दोनों मदन के घर के पास पहुंचे.. इतनी ठंड थी की पूरी सोसायटी मे सन्नाटा छाया हुआ था..

मदन का लंड छोड़कर रेणुका गाड़ी से उतरी और मदन के घर का मैन गेट खोलकर बरामदे के अंदर जाने से पहले वही रुक गई.. अपना जीन्स और पेन्टी घुटनों तक उतारकर.. वह अपनी गोरी गांड हिलाकर मदन को आमंत्रित करने लगी.. मदन का लंड यह द्रश्य देखकर ही पागलों की तरह उछलने लगा..

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मदन तुरंत गाड़ी से उतरा और रेणुका के करीब पहुंचकर अपनी पेंट की चैन खोलने लगा.. रेणुका के मस्त गोरे चूतड़ों को सहलाते हुए उसने कूल्हों को फैलाकर रेणुका की गुलाबी चूत को उजागर कर दिया.. !! अपने स्तनों को दबाते हुए रेणुका और झुक गई ताकि योनि-प्रवेश मे आसानी हो.. चूत की फाँकों पर रगड़ते हुए मन तो मदन का भी कर रहा था की लंड अंदर डाल दे.. आसपास भले ही सन्नाटा था पर यहाँ खतरा मोड़कर चुदाई करने मे मज़ा नहीं आता..

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वो रेणुका को खींचकर घर के अंदर ले गया.. और दोनों बिस्तर पर जा गिरे.. !!

मदन बोला "बाहर बड़ी गर्मी दिखा रही थी.. देखता हूँ की अब कितनी गर्मी बची है..!!"

अपने दोनों मम्मे टॉप के अंदर दबाते हुए रेणुका ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा: "यह तो अंदर डालकर जाँचने से ही पता चलेगा..!!"

मदन बेड पर आ कर बैठ गया.. रेणुका उसके पास खिसक आई.. मदन ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसके माथे पर चुम्बन ले लिया.. इस से रेणुका का चेहरा लाल हो गया.. उसके शरीर में करंट दौड़ गया.. रेणुका के होंठ मदन के होंठों से चिपक गए.. दोनों गहरे चुम्बन में डुब गए..

पिछले दिन इतनी धुआंधार चूदाइयाँ होने के बावजूद दोनों का जैसे मन ही नहीं भरा था.. असल में, शीला और राजेश को एक साथ देखकर.. थोड़ी सी ईर्ष्या और थोड़ी सी उत्तेजना के चलते, दोनों की भूख और तीव्र हो चली थी.. कुछ देर बाद दोनों सांस फुलने के कारण अलग हो गए .. दोनों की सांस बहोत तेज चल रही थी..

मदन ने रेणुका को अपने शरीर से चिपका लिया.. रेणुका ने अपना चेहरा उसकी छाती में छुपा लिया.. उसके हाथ रेणुका की पीठ को सहलाने लगे.. रेणुका उसके हाथों से पिघलती सी गई.. वह भी मदन की पीठ सहलाने लगी.. दोनों के शरीर में काम की आग लगनी शुरु हो गई थी.. मदन ने उसके टॉप को सर के ऊपर से उतार दिया.. उम्र के साथ रेणुका के उरोज ढ़ल भले गया थे लेकिन उसकी पुष्टता कम नहीं हुई थी.. मदन के हाथों द्वारा सहलाये जाने से वह उत्तेजित हो कर कठोर हो गया थे.. निप्पल फुल कर लंबें हो गया..

मदन निप्पलों को अपनी ऊंगलियों के बीच लेकर दबाते रहे.. रेणुका आहहहहहहहहहहहह करने लग गई.. इस के बाद मदन ने गरदन झुका कर निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया और उसको चुसने लगे.. इस से रेणुका की उत्तेजना और बढ़ गई.. पहले एक निप्पल चुसा गया और फिर दूसरे का नंबर आया.. इस से रेणुका का सारा शरीर अकड़ने लगा.. उसने मदन का कुर्ता उतार दिया.. अब उसके हाथ मदन के नंगें शरीर पर घुम रहे थे.. मदन के निप्पल भी उसकी ऊंगलियों में आ गया.. वह उसे मसलने लगी.. इस से मदन के शरीर में उत्तेजना की लहरें उठने लग गई.. काफी देर तक दोनों एक दूसरे के शरीर में वासना की आग भड़काते रहे..

जब आग भड़क गई तो मदन ने रेणुका का जीन्स भी उतार दिया.. वह भी अपने कपड़ें उतार कर नंगा हो गया.. रेणुका का शरीर अभी भी उम्र को छुपाने में सफल हो रहा था.. शरीर में भरपुर कसाब मौजूद था.. कही पर फालतु मांस नहीं था.. मदन ने उसकी जाँघों पर हाथ फिरा कर उसे और उत्तेजित करना शुरु कर दिया.. इस के बाद वह उसे लिटा कर उसके सारे शरीर को चुमने लग गया.. स्तनों को दबाने और चुमने के बाद वह उसकी कमर को चुम कर उसकी नाभी को गिला कर के उसकी जाँघों के मध्य में उतर गया.. बिना बालों वाली चूत की मादक सुगंध उसकी नाक में आने लग गई.. उसकी ऊंगली रेणुका की चूत में घुस गई, वहाँ नमी तो थी लेकिन कम थी.. उसनें अपनी ऊंगली को चूत के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया.. रेणुका आहहहह उहहहहहहहह करने लग गई.. कुछ देर बाद ही रेणुका ने उत्तेजित हो कर उसके होंठ अपने होंठों में ले कर काटना शुरु कर दिया..

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मदन 69 की पोजिशन में आ गया और उसका लंड अब रेणुका के चेहरे पर लहरा रहा था.. रेणुका ने उसे अपने मुँह में ले लिया.. मुँह की नमी और जीभ का स्पर्श पा कर मदन का लंड और तनाव लेने लगा.. रेणुका उसे अपने मुँह से अंदर बाहर करने लगी..

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कुछ देर बाद मदन को लगा कि वह रेणुका के मुँह में ना स्खलित हो जाये यही सोच कर वह रेणुका के ऊपर से उठ गया और उसकी जाँघों को चौड़ा करके उसके बीच में बैठ गया.. रेणुका ने भी अपनी टाँगें फैला ली.. मदन ने अपने तने लंड को रेणुका की चूत पर रख कर दबाया तो लंड अंदर तो गया लेकिन वहाँ पर नमी की कमी होने के कारण आगे नहीं खिसका.. मदन ने दूबारा प्रयास किया, मदन ने थोड़ा सा थूक लेकर अपने सुपाड़े पर मल दिया और उसने अपने लंड को रेणुका की चूत के मुँह पर लगाया और जोर डाला तो लंड आसानी से चूत में समा गया..

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दूसरी बार धक्का देने से मदन का लंड अंडकोष तक चूत में समा गया.. रेणुका दर्द से कराही.. मदन रुका और फिर उसंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये.. रेणुका के हाथ मदन की पीठ पर पहुँच गए.. रेणुका की भरी जाँघों के बीच मदन का लंड पुरा समा रहा था.. रेणुका इस का पुरा आनंद उठा रही थी.. आनंद के कारण उसकी आँखें बंद हो गई थी.. काफी देर तक मदन धक्कें लगाता रहा फिर थक कर रेणुका के ऊपर से उतर कर बगल में लेट गया.. कुछ देर आराम करने के बाद वह फिर से रेणुका में समा गया और उसकी चूत पर प्रहार करने लगा.. रेणुका ने अपनी बांहें मदन की गरदन में डाल कर उसे झुकाया और उसके होंठ चुम कर कहा "यार मदन, कल पूरा दिन चुदाई करने के बाद अब भी तुम्हारा दम कायम है..!!"

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रेणुका ने अपनी चूत को कसना और मथना शुरु कर दिया था.. मदन समझ गया थे कि अब वह दोनों स्खलित होने वाले है.. रेणुका भी स्खलित हो चुकी थी उसकी टाँगें मदन की पीठ पर आ गई.. मदन ने बड़े जोर से पिचकारी मारी और रेणुका के ऊपर लेट गया.. उसकी सांस बड़े जोर से चल रही थी.. वह लुढक कर रेणुका की बगल में आ गया..

रेणुका की छातियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी.. वह भी चरम के आनंद में डुबी हुई थी.. कुछ देर तक दोनों अपनी सांसों को सहेजते रहे.. जब दोनों कुछ नॉर्मल हुए तो रेणुका बोली "आज भी मेरी कमर का दम निकल गया.."

दोनों के निजी अंग पानी छोड़ रहे थे.. और काफी थक चुके थे..

रात के दो बजे से लेकर जो सेक्स का सिलसिला चला वो साढ़े तीन तक जारी रहा.. प्यास तो कम नहीं हुई.. पर दोनों की ऊर्जा खतम हो चुकी थी.. एक दूसरे की बाहों मे बाहें डालकर मदन और रेणुका गहरी नींद सो गए..

नींद तब खुली जब सुबह साढ़े पाँच बजे डोरबेल बजी.. रेणुका ने उठकर पास पड़ा शीला का गाउन पहन लिया और झटपट दरवाजा खोला

सामने रसिक खड़ा था

रसिक: "आप अभी तक यहीं हो?? शीला भाभी कहाँ है??" रसिक की आँखें शीला के मांसल बदन को ढूंढ रही थी.. कई दिनों हो गए थे भाभी के गूँदाज बबलों को दबाए हुए..

रेणुका ने हंसकर चुटकी लेते हुए कहा "नहीं, अब मैं ही मदन भैया के साथ रहूँगी.. शीला का मेरे पति के साथ ब्याह हो गया है.. अब से मैं ही रोज दूध लेने आऊँगी.. और तू शीला के साथ जो जो करता था.. वो सब मेरे साथ करना होगा.. समझा.. !!" आँख मारकर कातिल मुस्कान के साथ रेणुका ने कहा

रेणुका किचन से दूध भरने के लिए पतीला लेकर आई

रसिक: "क्या भाभी आप भी.. !! भाभी का गाउन क्या पहन लिया.. आप तो साहब की बीवी बन गई.. !!"

अपने दोनों स्तनों को गाउन के ऊपर से... दोनों हाथों से एक कर दबाते हुए रेणुका ने अत्यंत कामुक अंदाज मे कहा "ओह्ह.. !! रसिक.. क्या फ़र्क है मुझ मे और शीला मे??"

रसिक ने रेणुका के बॉल पकड़कर दबाते हुए कहा "सब से पहला फ़र्क तो इसका ही है.. शीला भाभी के बबले इतने बड़े है की एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाते है"

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रेणुका ने रसिक का लंड पाजामे के ऊपर से पकड़कर दबा दिया.. लंड एकदम टाइट हो गया

रेणुका: "तेरे पास तो बहोत सारी भेस होगी.. ये बता.. तू सिर्फ ज्यादा दूध देने वाली भेस को ही चारा देता है क्या?? कम दूध देने वाली भेस को कुछ नहीं खिलाता?"

रसिक: "कैसी बात कर रही हो भाभी.. !! दूध ज्यादा दे या कम.. चारा तो सब को डालना ही पड़ता है"

रेणुका: "बिल्कुल वैसे ही.. देख.. मेरे चाहे शीला जीतने बड़े न हो.. फिर भी ये तेरा खड़ा तो हो ही गया ना.. !!!"

रसिक: "उसका तो काम ही है खड़ा होने का.. कही भी खड़ा हो जाता है.. आखिर मर्द का लंड है.. भेस के थन देखकर भी खड़ा हो जाता है.. तो यहाँ आपकी चूचियाँ देखकर तो खड़ा हो ही जाएगा..!! चलिए, अब उलटे हो जाइए.. ताकि मैं घुसा दूँ... मुझे देर हो रही है.. "

"रसिक मादरचोद.. तू दूध देने आता है या लंड घुसाने??" पीछे से मदन की आवाज आई

मदन ने बाहर आकर कहा "तुम दोनों अपना खेल अंदर आकर करो.. बाहर कोई देख लेगा..

मदन के पीछे पीछे रेणुका और रसिक घर के अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया

रेणुका: "साले, परसो तो मुझे चोद चोदकर रुला दिया था.. फिर भी तेरा मन नहीं भरा.. !! चल अब बाहर निकाल इसे.. थोड़ा चूस लेती हूँ.. !!" कहते हुए रेणुका घुटनों पर बैठकर उसके पाजामे का नाड़ा खोलने लगी.. "कितना बांध कर रखता है इसे.. !! अंदर दम घुट जाएगा इसका"

रसिक ने रेणुका के गाउन मे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी लंगोट के साइड से.. अपना गधे जैसा लंबा मोटा और काला लंड बाहर निकाला.. रेणुका ने तुरंत लंड का हवाला ले लिया.. और उस काले नाग के सुपाड़े को चूमते हुए बोली "बाप रे.. !! इसे तो देखकर ही कुछ कुछ होने लगता है"

रेणुका ने तुरंत उसके सुपाड़े को मुंह मे भरकर गीला कर दिया.. और फिर आराम से नीचे बैठकर चूसने लगी.. वो चूसने मे मगन थी तभी मदन भी अपना लोडा खोलकर रेणुका के सामने खड़ा हो गया

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मदन: "एक से तेरा क्या होगा रेणुका.. !! आज तो तू दो दो लंड एक साथ चूस"

रेणुका ने रसिक का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ से मदन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. अब वो बारी बारी से दोनों लंड चूस रही थी.. कभी मदन के लंड को चूसती तो कभी रसिक के.. दोनों लंड रेणुका के मुख की लार से लिप्त होकर.. टाइट हो गए थे.. !!

अब रेणुका को मदन का लंड चूसने देकर.. रसिक उसके पीछे खड़ा हो गया.. और उसकी कमर उचककर एक ही धक्के मे अपना लंड अंदर घुसेड़ दीया...

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रेणुका के मुंह से मदन का लंड छूट गया और वो दर्द से कराह उठी.. "ऊईईई माँ.. साले धीरे से डाल.. मेरी चूत है.. कोई सार्वजनिक कुआं नहीं.. जिसमे जो चाहा डाल दिया.. "

रसिक ने रेणुका की बात अनसुनी कर धक्के लगाना शुरू कर दिया.. रेणुका भी अपनी चूत मे धक्के लेते लेते मदन का लंड चूसती रही.. रसिक ने गति बढ़ाई और रेणुका का बदन अकड़ने लगा... और रसिक के डंडे ने जैसे ही अंदर गरम वीर्य की बौछार की.. रेणुका की चूत ने भी भरपूर मात्रा मे पानी छोड़ दिया.. अपना काम खतम कर रसिक ने फटाफट पाजामा पहन लिया.. और फिर दरवाजा खोलकर भाग गया.. !!

cum-on-ass
रेणुका की चूत से रसिक का वीर्य बाहर निकलकर फर्श पर गिर रहा था.. उसे साफ करना जरूरी था.. वो उठकर बाथरूम की तरफ गई.. पीछे पीछे मदन भी गया.. शावर ऑन कर.. दोनों ने साथ मे ही नहाते नहाते जबरदस्त चुदाई की.. !! तृप्त होकर दोनों बाहर निकले

रेणुका कपड़े पहन रही थी तब तक मदन ने झोमेटो से नाश्ता ऑर्डर कर दिया... थोड़ी ही देर मे लड़का पार्सल दे गया.. डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे..

मदन: "रेणुका, वाकई पिछले दो दिन.. मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे.. अगर फिर कभी ऐसा मौका मिला तो मैं छोड़ूँगा नहीं"

रेणुका: "मदन, मैं तो सोच रही हूँ.. की अगर पूरी ज़िंदगी ही ऐसे रहना पड़ा तो मुझे कोई हर्ज न होगा.. तेरे साथ मुझे उतना ही मज़ा आता है जितना राजेश के साथ.. हाँ, मुझे संतुष्ट करने का तेरा तरीका मुझे जरूर ज्यादा पसंद है.. !! फिर से मौका जरूर ढूँढेंगे.. तेरे घर पर तो वैशाली के कारण कुछ मुमकिन नहीं होगा.. हाँ, जब राजेश शहर से बाहर होगा तब मैं तुझे जरूर बुला लूँगी.. "

मदन: "वैसे अब राजेश हो न हो, क्या फरक पड़ता है?"

रेणुका: "हाँ, वो भी है.. मेरे कहने का मतलब यह था की मैं यहाँ शायद न आ पाउ.. पर तुम मेरे घर कभी भी आ सकते हो"

मदन: "रेणुका, आई लव यू यार"

रेणुका ने मुस्कुराकर मदन के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा "आई लव यू टू, मदन.. !!"

तभी घर की डोरबेल बजी...


डाइनिंग टेबल के पास की खिड़की से रेणुका ने देखा.. वैशाली थी.. !!! अच्छा हुआ जो तुरंत दरवाजा नहीं खोल दिया.. वरना मुसीबत हो जाती.. !!!
Awesome update
 

Ajju Landwalia

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आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया

रेणुका: "ओके मदन.. मैं अब निकलती हूँ.. बहुत मज़ा आया, यार.. !! टाइम नहीं था.. वरना सुबह सुबह एक और राउन्ड करने की इच्छा थी.. "

मदन: "यार, मेरा भी बड़ा मन था की तुझे एक दिन और शीला बनाकर रखू.. वैशाली भी लौटी नहीं होगी.. मेरा यह लंड, एक बार और तेरी चूत मारना चाहता है.. पर क्या करे??"

रेणुका: "मैं तो तैयार हूँ.. पर शीला घर पर आ चुकी होगी.. जब हम निकले तब उनका कॉटेज खाली था.. मतलब वो दोनों कब के निकल चुके थे और घर पर पहुँच भी चुके होंगे.. "

दोनों बातें कर रहे थे तब रेणुका पर राजेश का फोन आया.. उसने रेणुका से कहा की वह दोनों चाहे तो वही रुक जाए.. क्योंकि राजेश और शीला एक दिन और साथ रहने वाले थे.. मदन चाहे तो शीला से बात कर सकता है.. !!

यह सुनते ही रेणुका और मदन के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई..

मदन ने तुरंत शीला को फोन लगाया..

मदन: "शीला, मेरा इंतज़ार मत करना.. हम दोनों कल ही आएंगे"

शीला: "ओके.. " कहते हुए शीला ने फोन काट दिया

मदन मुस्कुराते हुए बोला "रेणुका, कभी सपने भी नहीं सोचा था की अपने ही शहर मे हम इस तरह अपने पार्टनर बदल पाएंगे"

रेणुका: "वो तो ठीक है मदन.. पर यहाँ शहर मे.. कोई हमे देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.. उससे अच्छा तो वही होता की हम रिसॉर्ट मे रुक जाते.. यार मुझे तो उस जंगल मे ही चुदवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था"

मदन: "सही कहा रेणु.. पर कोई बात नहीं.. अब चांस मिला ही है तो हम उसे जाया नहीं होने देंगे.. हम घर पर नहीं जाएंगे.. किसी अच्छी होटल मे जाकर.. पहले लंच लेते है.. फिर कोई मूवी देखेंगे.. और रात को मस्त चुदाई करेंगे..!!"

जवाब मे रेणुका ने मदन के कंधे पर अपना सिर रखकर अनुमति दे दी

रेणुका ड्राइविंग सीट से उठ गई और गाड़ी मदन को चलाने दे दी.. मदन तेजी से गाड़ी चलाते हुए अपने और रेणुका के घर के इलाके से दूर जाने लगा.. करीब पंद्रह मिनट बाद वो दोनों एक बढ़िया सी रेस्टोरेंट मे बैठे था.. खाना खाने के बाद.. दोनों करीब के एक पार्क मे जा बैठे और प्रेमी-युगलों की तरह काफी देर तक बाते करते रहे.. फिर दोनों एक मॉल मे गए और एक घंटे तक, हाथ मे हाथ डालकर घूमते रहे..

आखिर एक मल्टीप्लेक्स के पास जाकर मदन ने गाड़ी रोकी.. रात के नौ बजे का शो था.. शो शुरू होने मे देर थी पर यहाँ मल्टीप्लेक्स मे सब की नज़रों के सामने रहने मे खतरा था.. इसलिए रेणुका चलते हुए बाहर आ गई.. और मदन भी बाहर जाकर दूर एक टपरी पर खड़े खड़े सिगरेट फूंकने लगा..

जब शो का टाइम हुआ और सारी ऑडियंस अंदर चली गई उसके बाद दोनों अंदर गए और अपनी सीट पर बैठ गए..

सिनेमा हॉल के अंधेरे मे हीरोइन के लटके-झटके देखते हुए रेणुका के कामुक हाथ मदन के लंड पर पहुँच गए.. और उसे रात की चुदाई के लिए तैयार करने लगे.. पूरा दिन इतनी मस्ती से बीता था की वह दोनों शीला-राजेश को भूल ही गए थे..


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इंटरवल के दौरान रेणुका ने मदन से कहा "यार, उन दोनों को फोन तो लगा.. और पूछ.. की वह लोग कहाँ है.. !!"

मदन ने राजेश को फोन लगाया तब रात के ग्यारह बज चुके थे..

राजेश ने फोन उठाकर बिना हैलो कहे.. फोन चालू रखकर बाजू मे रख दिया.. क्योंकि तब राजेश और शीला के बीच घमासान चुदाई चल रही थी.. मूवी फिर से शुरू हो चुका था.. लेकिन रेणुका और मदन तो फोन को कान पर लगाकर... साथ मे सुनने लगे थे.. गरम होकर मदन रेणुका के स्तनों को दबा रहा था और रेणुका मदन के लंड को मसल रही थी.. और साथ ही साथ दोनों राजेश-शीला की चुदाई के लाइव-अपडेट को सुन रहे थे

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शीला: "ओह्ह राजेश.. फक मी हार्ड.. आह.. तेरे साथ इतना मज़ा आ रहा है.. अब तो मैं उसे ढीले मदन के पास जाने ही नहीं वाली.. मुझे तो अब सिर्फ तू ही चाहिए.. ओह्ह.. !!"

राजेश: "क्या बॉडी है तेरा, शीला... !!! ये तेरे बड़े बड़े बॉल... ओहोहओहो.. रेणुका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है इनके सामने.. कितनी गरम है तू, मेरी जान.. !! और तेरे भोसड़े मे ऐसी गर्मी है की लंड बाहर निकालने का मन ही नहीं करता.. !! काश रेणुका के बदले तू मेरी पत्नी होती.. !!"

फोन पर कान लगाकर रेणुका और मदन लाइव कमेंटरी सुन रहे थे.. और सिनेमा-हॉल मे ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को मदहोश होकर सहला रहे थे..

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रात के एक बजे मूवी खत्म हुआ..

मदन: "यार माँ चुदाने गई सारी दुनियादारी.. अब मुझे शीला क्या सोचेगी उसकी कोई फिक्र नहीं है.. होटल छोड़.. हम दोनों मेरे घर ही चलते है.. शीला आ जाएगी तो देख लेंगे"

रेणुका; "ठीक है.. जैसा तुम ठीक समझो.. !!"

दोनों गाड़ी मे मदन के घर की तरफ निकल गए.. मदन गाड़ी चला रहा था और रेणुका झुककर उसका लंड चूस रही थी.. बीच बीच मे मदन उसकी पीठ पर हाथ फेर लेता तो कभी नीचे हाथ डालकर उसका बबला दबा देता.. !!

करीब डेढ़ बजे दोनों मदन के घर के पास पहुंचे.. इतनी ठंड थी की पूरी सोसायटी मे सन्नाटा छाया हुआ था..

मदन का लंड छोड़कर रेणुका गाड़ी से उतरी और मदन के घर का मैन गेट खोलकर बरामदे के अंदर जाने से पहले वही रुक गई.. अपना जीन्स और पेन्टी घुटनों तक उतारकर.. वह अपनी गोरी गांड हिलाकर मदन को आमंत्रित करने लगी.. मदन का लंड यह द्रश्य देखकर ही पागलों की तरह उछलने लगा..

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मदन तुरंत गाड़ी से उतरा और रेणुका के करीब पहुंचकर अपनी पेंट की चैन खोलने लगा.. रेणुका के मस्त गोरे चूतड़ों को सहलाते हुए उसने कूल्हों को फैलाकर रेणुका की गुलाबी चूत को उजागर कर दिया.. !! अपने स्तनों को दबाते हुए रेणुका और झुक गई ताकि योनि-प्रवेश मे आसानी हो.. चूत की फाँकों पर रगड़ते हुए मन तो मदन का भी कर रहा था की लंड अंदर डाल दे.. आसपास भले ही सन्नाटा था पर यहाँ खतरा मोड़कर चुदाई करने मे मज़ा नहीं आता..

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वो रेणुका को खींचकर घर के अंदर ले गया.. और दोनों बिस्तर पर जा गिरे.. !!

मदन बोला "बाहर बड़ी गर्मी दिखा रही थी.. देखता हूँ की अब कितनी गर्मी बची है..!!"

अपने दोनों मम्मे टॉप के अंदर दबाते हुए रेणुका ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा: "यह तो अंदर डालकर जाँचने से ही पता चलेगा..!!"

मदन बेड पर आ कर बैठ गया.. रेणुका उसके पास खिसक आई.. मदन ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसके माथे पर चुम्बन ले लिया.. इस से रेणुका का चेहरा लाल हो गया.. उसके शरीर में करंट दौड़ गया.. रेणुका के होंठ मदन के होंठों से चिपक गए.. दोनों गहरे चुम्बन में डुब गए..

पिछले दिन इतनी धुआंधार चूदाइयाँ होने के बावजूद दोनों का जैसे मन ही नहीं भरा था.. असल में, शीला और राजेश को एक साथ देखकर.. थोड़ी सी ईर्ष्या और थोड़ी सी उत्तेजना के चलते, दोनों की भूख और तीव्र हो चली थी.. कुछ देर बाद दोनों सांस फुलने के कारण अलग हो गए .. दोनों की सांस बहोत तेज चल रही थी..

मदन ने रेणुका को अपने शरीर से चिपका लिया.. रेणुका ने अपना चेहरा उसकी छाती में छुपा लिया.. उसके हाथ रेणुका की पीठ को सहलाने लगे.. रेणुका उसके हाथों से पिघलती सी गई.. वह भी मदन की पीठ सहलाने लगी.. दोनों के शरीर में काम की आग लगनी शुरु हो गई थी.. मदन ने उसके टॉप को सर के ऊपर से उतार दिया.. उम्र के साथ रेणुका के उरोज ढ़ल भले गया थे लेकिन उसकी पुष्टता कम नहीं हुई थी.. मदन के हाथों द्वारा सहलाये जाने से वह उत्तेजित हो कर कठोर हो गया थे.. निप्पल फुल कर लंबें हो गया..

मदन निप्पलों को अपनी ऊंगलियों के बीच लेकर दबाते रहे.. रेणुका आहहहहहहहहहहहह करने लग गई.. इस के बाद मदन ने गरदन झुका कर निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया और उसको चुसने लगे.. इस से रेणुका की उत्तेजना और बढ़ गई.. पहले एक निप्पल चुसा गया और फिर दूसरे का नंबर आया.. इस से रेणुका का सारा शरीर अकड़ने लगा.. उसने मदन का कुर्ता उतार दिया.. अब उसके हाथ मदन के नंगें शरीर पर घुम रहे थे.. मदन के निप्पल भी उसकी ऊंगलियों में आ गया.. वह उसे मसलने लगी.. इस से मदन के शरीर में उत्तेजना की लहरें उठने लग गई.. काफी देर तक दोनों एक दूसरे के शरीर में वासना की आग भड़काते रहे..

जब आग भड़क गई तो मदन ने रेणुका का जीन्स भी उतार दिया.. वह भी अपने कपड़ें उतार कर नंगा हो गया.. रेणुका का शरीर अभी भी उम्र को छुपाने में सफल हो रहा था.. शरीर में भरपुर कसाब मौजूद था.. कही पर फालतु मांस नहीं था.. मदन ने उसकी जाँघों पर हाथ फिरा कर उसे और उत्तेजित करना शुरु कर दिया.. इस के बाद वह उसे लिटा कर उसके सारे शरीर को चुमने लग गया.. स्तनों को दबाने और चुमने के बाद वह उसकी कमर को चुम कर उसकी नाभी को गिला कर के उसकी जाँघों के मध्य में उतर गया.. बिना बालों वाली चूत की मादक सुगंध उसकी नाक में आने लग गई.. उसकी ऊंगली रेणुका की चूत में घुस गई, वहाँ नमी तो थी लेकिन कम थी.. उसनें अपनी ऊंगली को चूत के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया.. रेणुका आहहहह उहहहहहहहह करने लग गई.. कुछ देर बाद ही रेणुका ने उत्तेजित हो कर उसके होंठ अपने होंठों में ले कर काटना शुरु कर दिया..

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मदन 69 की पोजिशन में आ गया और उसका लंड अब रेणुका के चेहरे पर लहरा रहा था.. रेणुका ने उसे अपने मुँह में ले लिया.. मुँह की नमी और जीभ का स्पर्श पा कर मदन का लंड और तनाव लेने लगा.. रेणुका उसे अपने मुँह से अंदर बाहर करने लगी..

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कुछ देर बाद मदन को लगा कि वह रेणुका के मुँह में ना स्खलित हो जाये यही सोच कर वह रेणुका के ऊपर से उठ गया और उसकी जाँघों को चौड़ा करके उसके बीच में बैठ गया.. रेणुका ने भी अपनी टाँगें फैला ली.. मदन ने अपने तने लंड को रेणुका की चूत पर रख कर दबाया तो लंड अंदर तो गया लेकिन वहाँ पर नमी की कमी होने के कारण आगे नहीं खिसका.. मदन ने दूबारा प्रयास किया, मदन ने थोड़ा सा थूक लेकर अपने सुपाड़े पर मल दिया और उसने अपने लंड को रेणुका की चूत के मुँह पर लगाया और जोर डाला तो लंड आसानी से चूत में समा गया..

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दूसरी बार धक्का देने से मदन का लंड अंडकोष तक चूत में समा गया.. रेणुका दर्द से कराही.. मदन रुका और फिर उसंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये.. रेणुका के हाथ मदन की पीठ पर पहुँच गए.. रेणुका की भरी जाँघों के बीच मदन का लंड पुरा समा रहा था.. रेणुका इस का पुरा आनंद उठा रही थी.. आनंद के कारण उसकी आँखें बंद हो गई थी.. काफी देर तक मदन धक्कें लगाता रहा फिर थक कर रेणुका के ऊपर से उतर कर बगल में लेट गया.. कुछ देर आराम करने के बाद वह फिर से रेणुका में समा गया और उसकी चूत पर प्रहार करने लगा.. रेणुका ने अपनी बांहें मदन की गरदन में डाल कर उसे झुकाया और उसके होंठ चुम कर कहा "यार मदन, कल पूरा दिन चुदाई करने के बाद अब भी तुम्हारा दम कायम है..!!"

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रेणुका ने अपनी चूत को कसना और मथना शुरु कर दिया था.. मदन समझ गया थे कि अब वह दोनों स्खलित होने वाले है.. रेणुका भी स्खलित हो चुकी थी उसकी टाँगें मदन की पीठ पर आ गई.. मदन ने बड़े जोर से पिचकारी मारी और रेणुका के ऊपर लेट गया.. उसकी सांस बड़े जोर से चल रही थी.. वह लुढक कर रेणुका की बगल में आ गया..

रेणुका की छातियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी.. वह भी चरम के आनंद में डुबी हुई थी.. कुछ देर तक दोनों अपनी सांसों को सहेजते रहे.. जब दोनों कुछ नॉर्मल हुए तो रेणुका बोली "आज भी मेरी कमर का दम निकल गया.."

दोनों के निजी अंग पानी छोड़ रहे थे.. और काफी थक चुके थे..

रात के दो बजे से लेकर जो सेक्स का सिलसिला चला वो साढ़े तीन तक जारी रहा.. प्यास तो कम नहीं हुई.. पर दोनों की ऊर्जा खतम हो चुकी थी.. एक दूसरे की बाहों मे बाहें डालकर मदन और रेणुका गहरी नींद सो गए..

नींद तब खुली जब सुबह साढ़े पाँच बजे डोरबेल बजी.. रेणुका ने उठकर पास पड़ा शीला का गाउन पहन लिया और झटपट दरवाजा खोला

सामने रसिक खड़ा था

रसिक: "आप अभी तक यहीं हो?? शीला भाभी कहाँ है??" रसिक की आँखें शीला के मांसल बदन को ढूंढ रही थी.. कई दिनों हो गए थे भाभी के गूँदाज बबलों को दबाए हुए..

रेणुका ने हंसकर चुटकी लेते हुए कहा "नहीं, अब मैं ही मदन भैया के साथ रहूँगी.. शीला का मेरे पति के साथ ब्याह हो गया है.. अब से मैं ही रोज दूध लेने आऊँगी.. और तू शीला के साथ जो जो करता था.. वो सब मेरे साथ करना होगा.. समझा.. !!" आँख मारकर कातिल मुस्कान के साथ रेणुका ने कहा

रेणुका किचन से दूध भरने के लिए पतीला लेकर आई

रसिक: "क्या भाभी आप भी.. !! भाभी का गाउन क्या पहन लिया.. आप तो साहब की बीवी बन गई.. !!"

अपने दोनों स्तनों को गाउन के ऊपर से... दोनों हाथों से एक कर दबाते हुए रेणुका ने अत्यंत कामुक अंदाज मे कहा "ओह्ह.. !! रसिक.. क्या फ़र्क है मुझ मे और शीला मे??"

रसिक ने रेणुका के बॉल पकड़कर दबाते हुए कहा "सब से पहला फ़र्क तो इसका ही है.. शीला भाभी के बबले इतने बड़े है की एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाते है"

tt

रेणुका ने रसिक का लंड पाजामे के ऊपर से पकड़कर दबा दिया.. लंड एकदम टाइट हो गया

रेणुका: "तेरे पास तो बहोत सारी भेस होगी.. ये बता.. तू सिर्फ ज्यादा दूध देने वाली भेस को ही चारा देता है क्या?? कम दूध देने वाली भेस को कुछ नहीं खिलाता?"

रसिक: "कैसी बात कर रही हो भाभी.. !! दूध ज्यादा दे या कम.. चारा तो सब को डालना ही पड़ता है"

रेणुका: "बिल्कुल वैसे ही.. देख.. मेरे चाहे शीला जीतने बड़े न हो.. फिर भी ये तेरा खड़ा तो हो ही गया ना.. !!!"

रसिक: "उसका तो काम ही है खड़ा होने का.. कही भी खड़ा हो जाता है.. आखिर मर्द का लंड है.. भेस के थन देखकर भी खड़ा हो जाता है.. तो यहाँ आपकी चूचियाँ देखकर तो खड़ा हो ही जाएगा..!! चलिए, अब उलटे हो जाइए.. ताकि मैं घुसा दूँ... मुझे देर हो रही है.. "

"रसिक मादरचोद.. तू दूध देने आता है या लंड घुसाने??" पीछे से मदन की आवाज आई

मदन ने बाहर आकर कहा "तुम दोनों अपना खेल अंदर आकर करो.. बाहर कोई देख लेगा..

मदन के पीछे पीछे रेणुका और रसिक घर के अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया

रेणुका: "साले, परसो तो मुझे चोद चोदकर रुला दिया था.. फिर भी तेरा मन नहीं भरा.. !! चल अब बाहर निकाल इसे.. थोड़ा चूस लेती हूँ.. !!" कहते हुए रेणुका घुटनों पर बैठकर उसके पाजामे का नाड़ा खोलने लगी.. "कितना बांध कर रखता है इसे.. !! अंदर दम घुट जाएगा इसका"

रसिक ने रेणुका के गाउन मे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी लंगोट के साइड से.. अपना गधे जैसा लंबा मोटा और काला लंड बाहर निकाला.. रेणुका ने तुरंत लंड का हवाला ले लिया.. और उस काले नाग के सुपाड़े को चूमते हुए बोली "बाप रे.. !! इसे तो देखकर ही कुछ कुछ होने लगता है"

रेणुका ने तुरंत उसके सुपाड़े को मुंह मे भरकर गीला कर दिया.. और फिर आराम से नीचे बैठकर चूसने लगी.. वो चूसने मे मगन थी तभी मदन भी अपना लोडा खोलकर रेणुका के सामने खड़ा हो गया

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मदन: "एक से तेरा क्या होगा रेणुका.. !! आज तो तू दो दो लंड एक साथ चूस"

रेणुका ने रसिक का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ से मदन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. अब वो बारी बारी से दोनों लंड चूस रही थी.. कभी मदन के लंड को चूसती तो कभी रसिक के.. दोनों लंड रेणुका के मुख की लार से लिप्त होकर.. टाइट हो गए थे.. !!

अब रेणुका को मदन का लंड चूसने देकर.. रसिक उसके पीछे खड़ा हो गया.. और उसकी कमर उचककर एक ही धक्के मे अपना लंड अंदर घुसेड़ दीया...

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रेणुका के मुंह से मदन का लंड छूट गया और वो दर्द से कराह उठी.. "ऊईईई माँ.. साले धीरे से डाल.. मेरी चूत है.. कोई सार्वजनिक कुआं नहीं.. जिसमे जो चाहा डाल दिया.. "

रसिक ने रेणुका की बात अनसुनी कर धक्के लगाना शुरू कर दिया.. रेणुका भी अपनी चूत मे धक्के लेते लेते मदन का लंड चूसती रही.. रसिक ने गति बढ़ाई और रेणुका का बदन अकड़ने लगा... और रसिक के डंडे ने जैसे ही अंदर गरम वीर्य की बौछार की.. रेणुका की चूत ने भी भरपूर मात्रा मे पानी छोड़ दिया.. अपना काम खतम कर रसिक ने फटाफट पाजामा पहन लिया.. और फिर दरवाजा खोलकर भाग गया.. !!

cum-on-ass
रेणुका की चूत से रसिक का वीर्य बाहर निकलकर फर्श पर गिर रहा था.. उसे साफ करना जरूरी था.. वो उठकर बाथरूम की तरफ गई.. पीछे पीछे मदन भी गया.. शावर ऑन कर.. दोनों ने साथ मे ही नहाते नहाते जबरदस्त चुदाई की.. !! तृप्त होकर दोनों बाहर निकले

रेणुका कपड़े पहन रही थी तब तक मदन ने झोमेटो से नाश्ता ऑर्डर कर दिया... थोड़ी ही देर मे लड़का पार्सल दे गया.. डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे..

मदन: "रेणुका, वाकई पिछले दो दिन.. मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे.. अगर फिर कभी ऐसा मौका मिला तो मैं छोड़ूँगा नहीं"

रेणुका: "मदन, मैं तो सोच रही हूँ.. की अगर पूरी ज़िंदगी ही ऐसे रहना पड़ा तो मुझे कोई हर्ज न होगा.. तेरे साथ मुझे उतना ही मज़ा आता है जितना राजेश के साथ.. हाँ, मुझे संतुष्ट करने का तेरा तरीका मुझे जरूर ज्यादा पसंद है.. !! फिर से मौका जरूर ढूँढेंगे.. तेरे घर पर तो वैशाली के कारण कुछ मुमकिन नहीं होगा.. हाँ, जब राजेश शहर से बाहर होगा तब मैं तुझे जरूर बुला लूँगी.. "

मदन: "वैसे अब राजेश हो न हो, क्या फरक पड़ता है?"

रेणुका: "हाँ, वो भी है.. मेरे कहने का मतलब यह था की मैं यहाँ शायद न आ पाउ.. पर तुम मेरे घर कभी भी आ सकते हो"

मदन: "रेणुका, आई लव यू यार"

रेणुका ने मुस्कुराकर मदन के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा "आई लव यू टू, मदन.. !!"

तभी घर की डोरबेल बजी...


डाइनिंग टेबल के पास की खिड़की से रेणुका ने देखा.. वैशाली थी.. !!! अच्छा हुआ जो तुरंत दरवाजा नहीं खोल दिया.. वरना मुसीबत हो जाती.. !!!

Bahut hi dhamakedar update he vakharia Bhai,

Uttejna aur Kamukta ki sabhi ucchaiyo ko chhoo rahi he ye story.............

Keep rocking Bro
 

pussylover1

Milf lover.
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आधे घंटे मे मदन और रेणुका तैयार होकर निकल गए.. रास्ते मे शीला और राजेश के बारे मे बातें करते हुए दोनों कुछ घंटों मे अपने शहर पहुँच गए.. रेणुका ने मदन के घर से थोड़े दूर गाड़ी रोकी और मदन उतर गया

रेणुका: "ओके मदन.. मैं अब निकलती हूँ.. बहुत मज़ा आया, यार.. !! टाइम नहीं था.. वरना सुबह सुबह एक और राउन्ड करने की इच्छा थी.. "

मदन: "यार, मेरा भी बड़ा मन था की तुझे एक दिन और शीला बनाकर रखू.. वैशाली भी लौटी नहीं होगी.. मेरा यह लंड, एक बार और तेरी चूत मारना चाहता है.. पर क्या करे??"

रेणुका: "मैं तो तैयार हूँ.. पर शीला घर पर आ चुकी होगी.. जब हम निकले तब उनका कॉटेज खाली था.. मतलब वो दोनों कब के निकल चुके थे और घर पर पहुँच भी चुके होंगे.. "

दोनों बातें कर रहे थे तब रेणुका पर राजेश का फोन आया.. उसने रेणुका से कहा की वह दोनों चाहे तो वही रुक जाए.. क्योंकि राजेश और शीला एक दिन और साथ रहने वाले थे.. मदन चाहे तो शीला से बात कर सकता है.. !!

यह सुनते ही रेणुका और मदन के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई..

मदन ने तुरंत शीला को फोन लगाया..

मदन: "शीला, मेरा इंतज़ार मत करना.. हम दोनों कल ही आएंगे"

शीला: "ओके.. " कहते हुए शीला ने फोन काट दिया

मदन मुस्कुराते हुए बोला "रेणुका, कभी सपने भी नहीं सोचा था की अपने ही शहर मे हम इस तरह अपने पार्टनर बदल पाएंगे"

रेणुका: "वो तो ठीक है मदन.. पर यहाँ शहर मे.. कोई हमे देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी.. उससे अच्छा तो वही होता की हम रिसॉर्ट मे रुक जाते.. यार मुझे तो उस जंगल मे ही चुदवाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था"

मदन: "सही कहा रेणु.. पर कोई बात नहीं.. अब चांस मिला ही है तो हम उसे जाया नहीं होने देंगे.. हम घर पर नहीं जाएंगे.. किसी अच्छी होटल मे जाकर.. पहले लंच लेते है.. फिर कोई मूवी देखेंगे.. और रात को मस्त चुदाई करेंगे..!!"

जवाब मे रेणुका ने मदन के कंधे पर अपना सिर रखकर अनुमति दे दी

रेणुका ड्राइविंग सीट से उठ गई और गाड़ी मदन को चलाने दे दी.. मदन तेजी से गाड़ी चलाते हुए अपने और रेणुका के घर के इलाके से दूर जाने लगा.. करीब पंद्रह मिनट बाद वो दोनों एक बढ़िया सी रेस्टोरेंट मे बैठे था.. खाना खाने के बाद.. दोनों करीब के एक पार्क मे जा बैठे और प्रेमी-युगलों की तरह काफी देर तक बाते करते रहे.. फिर दोनों एक मॉल मे गए और एक घंटे तक, हाथ मे हाथ डालकर घूमते रहे..

आखिर एक मल्टीप्लेक्स के पास जाकर मदन ने गाड़ी रोकी.. रात के नौ बजे का शो था.. शो शुरू होने मे देर थी पर यहाँ मल्टीप्लेक्स मे सब की नज़रों के सामने रहने मे खतरा था.. इसलिए रेणुका चलते हुए बाहर आ गई.. और मदन भी बाहर जाकर दूर एक टपरी पर खड़े खड़े सिगरेट फूंकने लगा..

जब शो का टाइम हुआ और सारी ऑडियंस अंदर चली गई उसके बाद दोनों अंदर गए और अपनी सीट पर बैठ गए..

सिनेमा हॉल के अंधेरे मे हीरोइन के लटके-झटके देखते हुए रेणुका के कामुक हाथ मदन के लंड पर पहुँच गए.. और उसे रात की चुदाई के लिए तैयार करने लगे.. पूरा दिन इतनी मस्ती से बीता था की वह दोनों शीला-राजेश को भूल ही गए थे..


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इंटरवल के दौरान रेणुका ने मदन से कहा "यार, उन दोनों को फोन तो लगा.. और पूछ.. की वह लोग कहाँ है.. !!"

मदन ने राजेश को फोन लगाया तब रात के ग्यारह बज चुके थे..

राजेश ने फोन उठाकर बिना हैलो कहे.. फोन चालू रखकर बाजू मे रख दिया.. क्योंकि तब राजेश और शीला के बीच घमासान चुदाई चल रही थी.. मूवी फिर से शुरू हो चुका था.. लेकिन रेणुका और मदन तो फोन को कान पर लगाकर... साथ मे सुनने लगे थे.. गरम होकर मदन रेणुका के स्तनों को दबा रहा था और रेणुका मदन के लंड को मसल रही थी.. और साथ ही साथ दोनों राजेश-शीला की चुदाई के लाइव-अपडेट को सुन रहे थे

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शीला: "ओह्ह राजेश.. फक मी हार्ड.. आह.. तेरे साथ इतना मज़ा आ रहा है.. अब तो मैं उसे ढीले मदन के पास जाने ही नहीं वाली.. मुझे तो अब सिर्फ तू ही चाहिए.. ओह्ह.. !!"

राजेश: "क्या बॉडी है तेरा, शीला... !!! ये तेरे बड़े बड़े बॉल... ओहोहओहो.. रेणुका का तो कोई मुकाबला ही नहीं है इनके सामने.. कितनी गरम है तू, मेरी जान.. !! और तेरे भोसड़े मे ऐसी गर्मी है की लंड बाहर निकालने का मन ही नहीं करता.. !! काश रेणुका के बदले तू मेरी पत्नी होती.. !!"

फोन पर कान लगाकर रेणुका और मदन लाइव कमेंटरी सुन रहे थे.. और सिनेमा-हॉल मे ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को मदहोश होकर सहला रहे थे..

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रात के एक बजे मूवी खत्म हुआ..

मदन: "यार माँ चुदाने गई सारी दुनियादारी.. अब मुझे शीला क्या सोचेगी उसकी कोई फिक्र नहीं है.. होटल छोड़.. हम दोनों मेरे घर ही चलते है.. शीला आ जाएगी तो देख लेंगे"

रेणुका; "ठीक है.. जैसा तुम ठीक समझो.. !!"

दोनों गाड़ी मे मदन के घर की तरफ निकल गए.. मदन गाड़ी चला रहा था और रेणुका झुककर उसका लंड चूस रही थी.. बीच बीच मे मदन उसकी पीठ पर हाथ फेर लेता तो कभी नीचे हाथ डालकर उसका बबला दबा देता.. !!

करीब डेढ़ बजे दोनों मदन के घर के पास पहुंचे.. इतनी ठंड थी की पूरी सोसायटी मे सन्नाटा छाया हुआ था..

मदन का लंड छोड़कर रेणुका गाड़ी से उतरी और मदन के घर का मैन गेट खोलकर बरामदे के अंदर जाने से पहले वही रुक गई.. अपना जीन्स और पेन्टी घुटनों तक उतारकर.. वह अपनी गोरी गांड हिलाकर मदन को आमंत्रित करने लगी.. मदन का लंड यह द्रश्य देखकर ही पागलों की तरह उछलने लगा..

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मदन तुरंत गाड़ी से उतरा और रेणुका के करीब पहुंचकर अपनी पेंट की चैन खोलने लगा.. रेणुका के मस्त गोरे चूतड़ों को सहलाते हुए उसने कूल्हों को फैलाकर रेणुका की गुलाबी चूत को उजागर कर दिया.. !! अपने स्तनों को दबाते हुए रेणुका और झुक गई ताकि योनि-प्रवेश मे आसानी हो.. चूत की फाँकों पर रगड़ते हुए मन तो मदन का भी कर रहा था की लंड अंदर डाल दे.. आसपास भले ही सन्नाटा था पर यहाँ खतरा मोड़कर चुदाई करने मे मज़ा नहीं आता..

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वो रेणुका को खींचकर घर के अंदर ले गया.. और दोनों बिस्तर पर जा गिरे.. !!

मदन बोला "बाहर बड़ी गर्मी दिखा रही थी.. देखता हूँ की अब कितनी गर्मी बची है..!!"

अपने दोनों मम्मे टॉप के अंदर दबाते हुए रेणुका ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा: "यह तो अंदर डालकर जाँचने से ही पता चलेगा..!!"

मदन बेड पर आ कर बैठ गया.. रेणुका उसके पास खिसक आई.. मदन ने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसके माथे पर चुम्बन ले लिया.. इस से रेणुका का चेहरा लाल हो गया.. उसके शरीर में करंट दौड़ गया.. रेणुका के होंठ मदन के होंठों से चिपक गए.. दोनों गहरे चुम्बन में डुब गए..

पिछले दिन इतनी धुआंधार चूदाइयाँ होने के बावजूद दोनों का जैसे मन ही नहीं भरा था.. असल में, शीला और राजेश को एक साथ देखकर.. थोड़ी सी ईर्ष्या और थोड़ी सी उत्तेजना के चलते, दोनों की भूख और तीव्र हो चली थी.. कुछ देर बाद दोनों सांस फुलने के कारण अलग हो गए .. दोनों की सांस बहोत तेज चल रही थी..

मदन ने रेणुका को अपने शरीर से चिपका लिया.. रेणुका ने अपना चेहरा उसकी छाती में छुपा लिया.. उसके हाथ रेणुका की पीठ को सहलाने लगे.. रेणुका उसके हाथों से पिघलती सी गई.. वह भी मदन की पीठ सहलाने लगी.. दोनों के शरीर में काम की आग लगनी शुरु हो गई थी.. मदन ने उसके टॉप को सर के ऊपर से उतार दिया.. उम्र के साथ रेणुका के उरोज ढ़ल भले गया थे लेकिन उसकी पुष्टता कम नहीं हुई थी.. मदन के हाथों द्वारा सहलाये जाने से वह उत्तेजित हो कर कठोर हो गया थे.. निप्पल फुल कर लंबें हो गया..

मदन निप्पलों को अपनी ऊंगलियों के बीच लेकर दबाते रहे.. रेणुका आहहहहहहहहहहहह करने लग गई.. इस के बाद मदन ने गरदन झुका कर निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया और उसको चुसने लगे.. इस से रेणुका की उत्तेजना और बढ़ गई.. पहले एक निप्पल चुसा गया और फिर दूसरे का नंबर आया.. इस से रेणुका का सारा शरीर अकड़ने लगा.. उसने मदन का कुर्ता उतार दिया.. अब उसके हाथ मदन के नंगें शरीर पर घुम रहे थे.. मदन के निप्पल भी उसकी ऊंगलियों में आ गया.. वह उसे मसलने लगी.. इस से मदन के शरीर में उत्तेजना की लहरें उठने लग गई.. काफी देर तक दोनों एक दूसरे के शरीर में वासना की आग भड़काते रहे..

जब आग भड़क गई तो मदन ने रेणुका का जीन्स भी उतार दिया.. वह भी अपने कपड़ें उतार कर नंगा हो गया.. रेणुका का शरीर अभी भी उम्र को छुपाने में सफल हो रहा था.. शरीर में भरपुर कसाब मौजूद था.. कही पर फालतु मांस नहीं था.. मदन ने उसकी जाँघों पर हाथ फिरा कर उसे और उत्तेजित करना शुरु कर दिया.. इस के बाद वह उसे लिटा कर उसके सारे शरीर को चुमने लग गया.. स्तनों को दबाने और चुमने के बाद वह उसकी कमर को चुम कर उसकी नाभी को गिला कर के उसकी जाँघों के मध्य में उतर गया.. बिना बालों वाली चूत की मादक सुगंध उसकी नाक में आने लग गई.. उसकी ऊंगली रेणुका की चूत में घुस गई, वहाँ नमी तो थी लेकिन कम थी.. उसनें अपनी ऊंगली को चूत के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया.. रेणुका आहहहह उहहहहहहहह करने लग गई.. कुछ देर बाद ही रेणुका ने उत्तेजित हो कर उसके होंठ अपने होंठों में ले कर काटना शुरु कर दिया..

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मदन 69 की पोजिशन में आ गया और उसका लंड अब रेणुका के चेहरे पर लहरा रहा था.. रेणुका ने उसे अपने मुँह में ले लिया.. मुँह की नमी और जीभ का स्पर्श पा कर मदन का लंड और तनाव लेने लगा.. रेणुका उसे अपने मुँह से अंदर बाहर करने लगी..

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कुछ देर बाद मदन को लगा कि वह रेणुका के मुँह में ना स्खलित हो जाये यही सोच कर वह रेणुका के ऊपर से उठ गया और उसकी जाँघों को चौड़ा करके उसके बीच में बैठ गया.. रेणुका ने भी अपनी टाँगें फैला ली.. मदन ने अपने तने लंड को रेणुका की चूत पर रख कर दबाया तो लंड अंदर तो गया लेकिन वहाँ पर नमी की कमी होने के कारण आगे नहीं खिसका.. मदन ने दूबारा प्रयास किया, मदन ने थोड़ा सा थूक लेकर अपने सुपाड़े पर मल दिया और उसने अपने लंड को रेणुका की चूत के मुँह पर लगाया और जोर डाला तो लंड आसानी से चूत में समा गया..

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दूसरी बार धक्का देने से मदन का लंड अंडकोष तक चूत में समा गया.. रेणुका दर्द से कराही.. मदन रुका और फिर उसंने धक्कें लगाने शुरु कर दिये.. रेणुका के हाथ मदन की पीठ पर पहुँच गए.. रेणुका की भरी जाँघों के बीच मदन का लंड पुरा समा रहा था.. रेणुका इस का पुरा आनंद उठा रही थी.. आनंद के कारण उसकी आँखें बंद हो गई थी.. काफी देर तक मदन धक्कें लगाता रहा फिर थक कर रेणुका के ऊपर से उतर कर बगल में लेट गया.. कुछ देर आराम करने के बाद वह फिर से रेणुका में समा गया और उसकी चूत पर प्रहार करने लगा.. रेणुका ने अपनी बांहें मदन की गरदन में डाल कर उसे झुकाया और उसके होंठ चुम कर कहा "यार मदन, कल पूरा दिन चुदाई करने के बाद अब भी तुम्हारा दम कायम है..!!"

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रेणुका ने अपनी चूत को कसना और मथना शुरु कर दिया था.. मदन समझ गया थे कि अब वह दोनों स्खलित होने वाले है.. रेणुका भी स्खलित हो चुकी थी उसकी टाँगें मदन की पीठ पर आ गई.. मदन ने बड़े जोर से पिचकारी मारी और रेणुका के ऊपर लेट गया.. उसकी सांस बड़े जोर से चल रही थी.. वह लुढक कर रेणुका की बगल में आ गया..

रेणुका की छातियाँ जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी.. वह भी चरम के आनंद में डुबी हुई थी.. कुछ देर तक दोनों अपनी सांसों को सहेजते रहे.. जब दोनों कुछ नॉर्मल हुए तो रेणुका बोली "आज भी मेरी कमर का दम निकल गया.."

दोनों के निजी अंग पानी छोड़ रहे थे.. और काफी थक चुके थे..

रात के दो बजे से लेकर जो सेक्स का सिलसिला चला वो साढ़े तीन तक जारी रहा.. प्यास तो कम नहीं हुई.. पर दोनों की ऊर्जा खतम हो चुकी थी.. एक दूसरे की बाहों मे बाहें डालकर मदन और रेणुका गहरी नींद सो गए..

नींद तब खुली जब सुबह साढ़े पाँच बजे डोरबेल बजी.. रेणुका ने उठकर पास पड़ा शीला का गाउन पहन लिया और झटपट दरवाजा खोला

सामने रसिक खड़ा था

रसिक: "आप अभी तक यहीं हो?? शीला भाभी कहाँ है??" रसिक की आँखें शीला के मांसल बदन को ढूंढ रही थी.. कई दिनों हो गए थे भाभी के गूँदाज बबलों को दबाए हुए..

रेणुका ने हंसकर चुटकी लेते हुए कहा "नहीं, अब मैं ही मदन भैया के साथ रहूँगी.. शीला का मेरे पति के साथ ब्याह हो गया है.. अब से मैं ही रोज दूध लेने आऊँगी.. और तू शीला के साथ जो जो करता था.. वो सब मेरे साथ करना होगा.. समझा.. !!" आँख मारकर कातिल मुस्कान के साथ रेणुका ने कहा

रेणुका किचन से दूध भरने के लिए पतीला लेकर आई

रसिक: "क्या भाभी आप भी.. !! भाभी का गाउन क्या पहन लिया.. आप तो साहब की बीवी बन गई.. !!"

अपने दोनों स्तनों को गाउन के ऊपर से... दोनों हाथों से एक कर दबाते हुए रेणुका ने अत्यंत कामुक अंदाज मे कहा "ओह्ह.. !! रसिक.. क्या फ़र्क है मुझ मे और शीला मे??"

रसिक ने रेणुका के बॉल पकड़कर दबाते हुए कहा "सब से पहला फ़र्क तो इसका ही है.. शीला भाभी के बबले इतने बड़े है की एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ जाते है"

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रेणुका ने रसिक का लंड पाजामे के ऊपर से पकड़कर दबा दिया.. लंड एकदम टाइट हो गया

रेणुका: "तेरे पास तो बहोत सारी भेस होगी.. ये बता.. तू सिर्फ ज्यादा दूध देने वाली भेस को ही चारा देता है क्या?? कम दूध देने वाली भेस को कुछ नहीं खिलाता?"

रसिक: "कैसी बात कर रही हो भाभी.. !! दूध ज्यादा दे या कम.. चारा तो सब को डालना ही पड़ता है"

रेणुका: "बिल्कुल वैसे ही.. देख.. मेरे चाहे शीला जीतने बड़े न हो.. फिर भी ये तेरा खड़ा तो हो ही गया ना.. !!!"

रसिक: "उसका तो काम ही है खड़ा होने का.. कही भी खड़ा हो जाता है.. आखिर मर्द का लंड है.. भेस के थन देखकर भी खड़ा हो जाता है.. तो यहाँ आपकी चूचियाँ देखकर तो खड़ा हो ही जाएगा..!! चलिए, अब उलटे हो जाइए.. ताकि मैं घुसा दूँ... मुझे देर हो रही है.. "

"रसिक मादरचोद.. तू दूध देने आता है या लंड घुसाने??" पीछे से मदन की आवाज आई

मदन ने बाहर आकर कहा "तुम दोनों अपना खेल अंदर आकर करो.. बाहर कोई देख लेगा..

मदन के पीछे पीछे रेणुका और रसिक घर के अंदर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया

रेणुका: "साले, परसो तो मुझे चोद चोदकर रुला दिया था.. फिर भी तेरा मन नहीं भरा.. !! चल अब बाहर निकाल इसे.. थोड़ा चूस लेती हूँ.. !!" कहते हुए रेणुका घुटनों पर बैठकर उसके पाजामे का नाड़ा खोलने लगी.. "कितना बांध कर रखता है इसे.. !! अंदर दम घुट जाएगा इसका"

रसिक ने रेणुका के गाउन मे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी लंगोट के साइड से.. अपना गधे जैसा लंबा मोटा और काला लंड बाहर निकाला.. रेणुका ने तुरंत लंड का हवाला ले लिया.. और उस काले नाग के सुपाड़े को चूमते हुए बोली "बाप रे.. !! इसे तो देखकर ही कुछ कुछ होने लगता है"

रेणुका ने तुरंत उसके सुपाड़े को मुंह मे भरकर गीला कर दिया.. और फिर आराम से नीचे बैठकर चूसने लगी.. वो चूसने मे मगन थी तभी मदन भी अपना लोडा खोलकर रेणुका के सामने खड़ा हो गया

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मदन: "एक से तेरा क्या होगा रेणुका.. !! आज तो तू दो दो लंड एक साथ चूस"

रेणुका ने रसिक का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ से मदन का लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. अब वो बारी बारी से दोनों लंड चूस रही थी.. कभी मदन के लंड को चूसती तो कभी रसिक के.. दोनों लंड रेणुका के मुख की लार से लिप्त होकर.. टाइट हो गए थे.. !!

अब रेणुका को मदन का लंड चूसने देकर.. रसिक उसके पीछे खड़ा हो गया.. और उसकी कमर उचककर एक ही धक्के मे अपना लंड अंदर घुसेड़ दीया...

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रेणुका के मुंह से मदन का लंड छूट गया और वो दर्द से कराह उठी.. "ऊईईई माँ.. साले धीरे से डाल.. मेरी चूत है.. कोई सार्वजनिक कुआं नहीं.. जिसमे जो चाहा डाल दिया.. "

रसिक ने रेणुका की बात अनसुनी कर धक्के लगाना शुरू कर दिया.. रेणुका भी अपनी चूत मे धक्के लेते लेते मदन का लंड चूसती रही.. रसिक ने गति बढ़ाई और रेणुका का बदन अकड़ने लगा... और रसिक के डंडे ने जैसे ही अंदर गरम वीर्य की बौछार की.. रेणुका की चूत ने भी भरपूर मात्रा मे पानी छोड़ दिया.. अपना काम खतम कर रसिक ने फटाफट पाजामा पहन लिया.. और फिर दरवाजा खोलकर भाग गया.. !!

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रेणुका की चूत से रसिक का वीर्य बाहर निकलकर फर्श पर गिर रहा था.. उसे साफ करना जरूरी था.. वो उठकर बाथरूम की तरफ गई.. पीछे पीछे मदन भी गया.. शावर ऑन कर.. दोनों ने साथ मे ही नहाते नहाते जबरदस्त चुदाई की.. !! तृप्त होकर दोनों बाहर निकले

रेणुका कपड़े पहन रही थी तब तक मदन ने झोमेटो से नाश्ता ऑर्डर कर दिया... थोड़ी ही देर मे लड़का पार्सल दे गया.. डाइनिंग टेबल पर बैठकर दोनों बातें करते हुए नाश्ता करने लगे..

मदन: "रेणुका, वाकई पिछले दो दिन.. मेरी ज़िंदगी के सबसे यादगार दिन थे.. अगर फिर कभी ऐसा मौका मिला तो मैं छोड़ूँगा नहीं"

रेणुका: "मदन, मैं तो सोच रही हूँ.. की अगर पूरी ज़िंदगी ही ऐसे रहना पड़ा तो मुझे कोई हर्ज न होगा.. तेरे साथ मुझे उतना ही मज़ा आता है जितना राजेश के साथ.. हाँ, मुझे संतुष्ट करने का तेरा तरीका मुझे जरूर ज्यादा पसंद है.. !! फिर से मौका जरूर ढूँढेंगे.. तेरे घर पर तो वैशाली के कारण कुछ मुमकिन नहीं होगा.. हाँ, जब राजेश शहर से बाहर होगा तब मैं तुझे जरूर बुला लूँगी.. "

मदन: "वैसे अब राजेश हो न हो, क्या फरक पड़ता है?"

रेणुका: "हाँ, वो भी है.. मेरे कहने का मतलब यह था की मैं यहाँ शायद न आ पाउ.. पर तुम मेरे घर कभी भी आ सकते हो"

मदन: "रेणुका, आई लव यू यार"

रेणुका ने मुस्कुराकर मदन के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा "आई लव यू टू, मदन.. !!"

तभी घर की डोरबेल बजी...


डाइनिंग टेबल के पास की खिड़की से रेणुका ने देखा.. वैशाली थी.. !!! अच्छा हुआ जो तुरंत दरवाजा नहीं खोल दिया.. वरना मुसीबत हो जाती.. !!!
Great update swapping ka plot ready ho gya hau
 

SKYESH

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congratulation for triple century ................. :vhappy1:
 
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