• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance श्राप [Completed]

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
4,210
23,501
159
Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28, Update #29, Update #30, Update #31, Update #32, Update #33, Update #34, Update #35, Update #36, Update #37, Update #38, Update #39, Update #40, Update #41, Update #42, Update #43, Update #44, Update #45, Update #46, Update #47, Update #48, Update #49, Update #50, Update #51, Update #52.

Beautiful-Eyes
* इस चित्र का इस कहानी से कोई लेना देना नहीं है! एक AI सॉफ्टवेयर की मदद से यह चित्र बनाया है। सुन्दर लगा, इसलिए यहाँ लगा दिया!
 
Last edited:

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
4,210
23,501
159
Awesome
Erotic
Fantastic update
मीना और जय की सुहागरात का जो चित्रण किया है वह बहुत ही शानदार लाज़वाब और कबीले तारीफ है है

बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है
मीना और जय के लिए यह पल बहुत ही सुखद होगा जब वो मां बाप बनेंगे। यह एक ऐसा ऐहसास है जिसको शब्दो में बया नही किया जा सकता है यक्लेयर ने मीना को देवरानी न मानकर एक मां के साथ एक बहन का फर्ज बखूबी निभाया है मीना को मां के अभी तक दर्शन नही हुए हैं

Nice update
मीना इस एक्सीडेंट के लिए खुद की किस्मत को दोषी मान रही है लेकिन मां से बात करने पर अपने ऊपर का बोझ कम हुआ है उसे एक अच्छा परिवार मिला है उसकी खुशियां ऐसे ही बनी रहे

धन्यवाद संजू भाई! :)
मीना को जल्दी ही माता जी के दर्शन हो जाएँगे।
उसी पर काम चल रहा है!
साथ बने रहें...
 

Sanju@

Well-Known Member
4,835
19,511
158
Update #37


“क्या?!” आज जब भारत से टेलीफोन आया, तब उधर से कही गई बात को सुन कर आदित्य का दिल धक् हो गया, “क्या कह रहे हैं काका आप?”

“...”

“कैसे...”

“...”

“कब हुआ?”

“...”

“माँ कैसी हैं?”

“...”

“किस हॉस्पिटल में हैं?”

“...”

“उनके पास कौन है अभी?”

“...”

“ये ठीक नहीं है काका,” आदित्य ने उद्विग्नता से कहा, “मैं आता हूँ, जल्दी ही!”

“...”

“नहीं नहीं... ऐसे कैसे रुक जाऊँगा? आता हूँ, जो फ्लाइट मिलती है, उसे ले कर...”

“...”

“जी काका, मैं आपको फ़ोन करता रहूँगा...”

“...”

“नहीं मैं खुद ही आ जाऊँगा...”

“...”

“हाँ, हम सभी आ जाएँगे...”

“...”

“वो भी ठीक है!”

“...”

“ये माँ ने कहा है?”

“...”

“हाँ... मीना को इस समय ट्रेवल तो नहीं करना चाहिए!”

“...”

“जी ठीक है!”

“...”

“जी काका!”

“...”

“प्रणाम काका,” आदित्य बोला, “आप माँ का ध्यान रखिए... क्लेयर और मैं आते हैं जल्दी ही!”

“...”

“जी काका, मिलते हैं!”

“...”

“प्रणाम काका!”

“...”

क्लेयर जो आदित्य की उद्विग्नता भरी आवाज़ सुन कर उसके पास ही चली आई थी, बोली, “क्या हुआ आदि?”

“माँ की कार का एक्सीडेंट हो गया है...”

“क्या? कैसी हैं वो अब?”

“काका बता रहे थे कि कोई सीरियस चोट नहीं लगी है... लेकिन उनके पैर और हाथ में फ्रैक्चर हो गया है... प्लास्टर भी चढ़ाया गया है।”

“ओह गॉड!” वो चिंतित होती हुई बोली, “पक्का न, और कोई चोट नहीं है?”

“काका ने और तो कुछ भी नहीं बताया।”

“हमको जाना चाहिए! तुरंत!”

“हाँ!”

“कब निकलना है?”

“जो भी फ्लाइट मिले! टाइम भी तो लगेगा ही!”

“हाँ! लेकिन जाना है!”

“हाँ क्लेयर! सोच रहा हूँ कि कौन कौन जाएगा!”

“हम सभी, और कौन कौन?”

“मीना कैसे जाएगी? शी इस ओन्ली इन हर फर्स्ट ट्राईमेस्टर... इट इस नॉट सेफ़ फॉर हर टू ट्रेवल, हनी!”

“अच्छा, लेकिन जय तो आ सकता है, न?”

“अगर जय इंडिया चला आया हमारे साथ, तो फिर मीना को कौन देखेगा? वो पूरी तरह अकेली हो जाएगी यहाँ... और बच्चे? उनके भी तो एक्साम्स आने वाले हैं न! व्ही कांट डिस्टर्ब देम!”

“यस... आई ऍम सॉरी! यू आर राइट! नर्वसनेस में आ कर दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। ... ओके, तो केवल हम दोनों चलते हैं, फिलहाल?”

“हाँ, यही ठीक रहेगा! ... वैसे भी, माँ ने जय और मीना को न लाने को कहा है।”

“वो क्यों?”

“एक तो प्रेग्नेंसी, और दूसरी बात... वो कह रही थीं कि नई बहू अपने घर तब आएगी, जब वो खुद उसको लिवाने दरवाज़े पर खड़ी होंगी!”

“ओह्हो! माँ भी कभी कभी ज़िद्दी हो जाती हैं!”

“नहीं नहीं... इट इस फेयर! बेचारी, न उनकी शादी में शामिल हो पाईं और अब ये सब... छोटी छोटी ख़्वाहिशें हैं उनकी! कुछ तो पूरी हों! ... बहू को ले कर वो कितनी एक्साइटेड थीं...”

“आई नो,” क्लेयर दुःखी होती हुई बोली, “आई ऍम सॉरी, लव!”

“नहीं नहीं! ऐसे मत सोचो। ... अभी हम दोनों चलते हैं... जय और मीना बच्चों को देख लेंगे!”

“हम्म्म ओके! लेकिन मीना सुनेगी, तो बहुत बुरा मानेगी!”

“ऑब्वियसली...”


*


जय और मीना ने जब माँ के एक्सीडेंट के बारे में सुना तो वाकई उन दोनों को बहुत बुरा लगा। वो दोनों तुरंत ही भारत आने को राज़ी हो गए, लेकिन क्लेयर ने साफ़ मना कर दिया।

“बट व्हाई, भाभी?” जय ने प्रतिकार किया।

“वो इसलिए बेटू, क्योंकि एक तो मीना का पहला ट्राईमेस्टर चल रहा है, एंड व्ही मस्ट अवॉयड एनी लॉन्ग, स्ट्रेनुअस जर्नीस... डॉक्टर्स ऑर्डर्स! समझे? और सेकंड, ये खुद माँ का हुकुम है कि वो मीना का बहू के रूप खुद स्वागत करना चाहती हैं!”

“लेकिन भाभी,”

“यू काँट डिप्राइव हर ऑफ़ दैट सिंपल हैप्पीनेस, कैन यू?”

इस बात से जय निरुत्तर हो गया।

“सॉरी भाभी,”

“बेटा, माँ ने ही हमको मना किया है... वो बोलीं हैं कि छोटी बहू को यात्रा न करने देना!” आदित्य ने समझाया।

“आपने उनसे बात करी क्या?” मीना का चेहरा उदासी से उतर गया था।

“नहीं मीना... लेकिन, काका से बात हुई, तो उन्होंने ही बताया... और काका को माँ ने ऐसा कहने को बोला था।”

“मेरी किस्मत ही खराब है...” मीना ने रुआँसी होते हुए कहा।

“हे... मीना... क्या बकवास बोल रही हो! हाँ?” क्लेयर ने उसको प्यार से झिड़का, “ऐसे क्यों कह रही हो?”

“और नहीं तो क्या! ... लाइफ में पहली बार माँ का प्यार मिला, और वो भी...”

“ओह मीना,” क्लेयर ने मीना को अपने आलिंगन में प्यार से भरते हुए, और स्वांत्वना देते हुए कहा, “माँ को कुछ नहीं हुआ है... ठीक हैं वो... बस उनको थोड़ी चोट लगी है... और कुछ नहीं हुआ। ऐसा वैसा मत सोचो... ओके? ... और वैसे भी फ़ोन पर बात तो हो ही सकती है न उनसे... दो तीन दिन में? ठीक है?”

क्लेयर उसको समझा तो रही थी, लेकिन मीना का रोना रुक ही नहीं रहा था। गर्भावस्था में स्त्रियाँ वैसे भी अधिक भावुक हो जाती हैं। मीना के मामले में बात यह हुई थी कि इतने समय के बाद अब उसको माँ से मिलने का अवसर मिल रहा था - लेकिन अब उस पर भी झाड़ू चल गया था।

ये सब रोना धोना चलता रहता, इसलिए आदित्य ने जय से कहा,

“और भी एक रीज़न है... अजय और अमर के एक्साम्स पास आ रहे हैं। वो दोनों तुम दोनों की निगरानी में रहेंगे, तो ठीक रहेगा! ... और किस पर भरोसा करें हम? ... फुल टाइम नैनी मिलना बहुत मुश्किल है फिलहाल तो!”

“नहीं, नैनी क्यों चाहिए...” मीना ने रोने के बीच हिचकियाँ लेते हुए कहा।

“ठीक है भैया! ... आई डोंट लाइक इट... लेकिन क्या करें!” जय बोला।

“नो वन लाइक्स इट मेरे भाई,” आदित्य ने उसको समझाते हुए कहा, “... बट दैट इस लाइफ! कहाँ माँ दो हफ़्ते में यहाँ आने वाली थीं, और कहाँ ये सब...”

“माँ ठीक तो हैं न?” मीना ने रोते रोते, हिचकियाँ भरते हुए कहा, “कुछ छुपाया तो नहीं जा रहा है न हमसे?”

“काका ऐसा करेंगे तो नहीं... लेकिन जब तक हमारी खुद माँ से बात नहीं हो जाती, कुछ कह नहीं सकते!”


*


माँ से उसकी बात दो दिनों बाद ही हो पाई।

उन्होंने अपनी दुर्घटना को एक मज़ाक के तौर पर लिया था और उसकी गंभीरता को हँसी में उड़ा रही थीं।

“जानती है बहू,” वो मीना से मज़ाक करती हुई बोलीं, “बचपन में मेरा बड़ा मन होता था कि मेरा भी हाथ टूट जाए और उस पर प्लास्टर चढ़ जाए!”

“वो क्यों माँ!”

“वो इसलिए कि एक बार मेरी क्लास की एक लड़की का हाथ टूटा था, और वो जब प्लास्टर बंधवा के आई, तब हमने रंग-बिरंगी पेन्सिल से उस पर खूब चित्रकारी करी... हा हा हा!”

“आप भी न माँ!” मीना उनकी बात पर हँसना चाहती थी, लेकिन हँस न सकी, “जाईए हम आपसे बात नहीं करेंगे!”

“अरे! अब अपने बच्चे ही रूठ जायेंगे, तो कैसे चलेगा?”

“कैसे क्या चलेगा माँ? परेशानी में ही तो अपने काम आते हैं! ... और इस समय मैं आपके पास ही नहीं हूँ!”

“अरे, जब तू यहाँ आएगी न, तब अपनी हर बात मानवाऊँगी तुझसे! सास वाले सारे हुकुम चलाऊंगी... हाँ नहीं तो!” माँ ने बड़े लाड़ से कहा, “अब तो मेरे आराम करने और सासू माँ बन के हुकुम चलाने के दिन हैं...”

“आई विल होल्ड यू टू इट...” मीना ने बच्चों के जैसे ठुनकते हुए कहा।

“हा हा... कैसी किस्मत वाली माँ हूँ मैं... दोनों बहुएँ कितनी अच्छी हैं!”

“लव यू माँ,”

“लव यू सो मच, बेटे!”

“माँ आप किसको अधिक प्यार करती हैं? मुझे या क्लेयर को?” उसने किसी बच्चे जैसी चंचलता से पूछा।

मीना भी जानती थी कि मूर्खतापूर्ण सवाल है उसका - लेकिन न जाने कैसे, वो माँ के सामने ऐसी मूर्खताएँ कर सकती थी। और माँ भी उसके हर बचपने को बड़े प्यार से स्वीकार लेती थीं।

“तुझसे बेटू... तू तो मेरी छोटी बहू है न! वो तो घर में सबसे अधिक दुलारी होती है!”

“सच में माँ?”

“सच में... लेकिन मुझे क्लेयर से भी तेरे जितना ही प्यार है... उसने हमारे परिवार को बहुत ठहराव दिया है... बहुत सारे त्याग किये हैं उसने...”

“हाँ... मुझे भी क्लेयर बहुत अच्छी लगती है...” मीना सोचती हुई बोली, “बहुत अच्छी है वो...”

“तुम दोनों ही बहुत अच्छी हो... आई ऍम वैरी लकी मदर इन लॉ!”

“माँ, अब चलिए! बहुत बातें हो गई आज... अब आराम कीजिए!” मीना खुश होती हुई बोली, “कल दोपहर में आदि और क्लेयर जा रहे हैं इंडिया!”

“हाँ रे! देख न... उन दोनों से मिले हुए भी कितने ही दिन हो गए!”

“आप जल्दी से ठीक हो जाइए... फिर मुझको भी देख लीजिए... मुझसे भी मिल लीजिए!”

“अरे तेरी सब तस्वीरें मेरे पास हैं... तेरा जय मुझे भेजता रहता है सब!”

माँ की बात सुन कर मीना की मुस्कान बढ़ गई - सच में, अपनी सासू माँ में उसको जैसे अपनी माँ मिल गई थी!

“आई नो... मैं उसको मेरी बेस्ट फ़ोटोज़ सेलेक्ट कर के आपको भेजने को देती हूँ।”

“हा हा... खुश रह बच्चे!”

“लव यू माँ!”


*


अगली दोपहर आदित्य और क्लेयर भारत जाने की फ्लाइट में बैठ गए। भारतीय दूतावास से वीसा इत्यादि लेने में दो दिनों का समय लग गया था, नहीं तो वो दोनों उसी दिन निकल जाने वाले थे। चौबीस घंटे की थकाऊ यात्रा पूरी करने के बाद दोनों उस अस्पताल में पहुँचे जहाँ जय और आदित्य की माँ भर्ती थीं।

माँ को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था और वो अपने दिल्ली वाले आवास में ही थीं। डॉक्टरों ने उनको जबरदस्ती कर के ही दो दिन भर्ती कर रखा था कि दुर्घटना के कारण उनके सर के अंदर कहीं कोई चोट न लग गई हो। लेकिन जब सारे टेस्ट्स नकारात्मक आए, तब वो स्वयं भी अस्पताल में रुकने वाली नहीं थीं। वैसे भी उनके बच्चे आ रहे थे, ऐसे में वो अस्पताल में रह ही नहीं सकती थीं।

माँ को अपेक्षाकृत सुरक्षित और स्वस्थ देख कर दोनों की जान में जान आई। हाँलाकि पैर टूटने के कारण वो चलने फिरने में असमर्थ हो गई थीं, लेकिन इसका एक लाभ भी था - कम से कम अब वो जबरदस्ती ही सही, आराम करतीं। हाथ की हड्डी भी चटक गई थी, इसलिए उसमें भी प्लास्टर चढ़ा हुआ था। बढ़िया बात यह थी कि माँ की चोटें गंभीर नहीं थीं। चार पाँच महीनों में उनके लगभग पूरी तरह से स्वस्थ होने की सम्भावना थी।

*
Nice update
मीना इस एक्सीडेंट के लिए खुद की किस्मत को दोषी मान रही है लेकिन मां से बात करने पर अपने ऊपर का बोझ कम हुआ है उसे एक अच्छा परिवार मिला है उसकी खुशियां ऐसे ही बनी रहे
 

park

Well-Known Member
11,674
13,920
228
waiting for the next update....
 
  • Like
Reactions: avsji

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
4,210
23,501
159
GBym30-Ub-IAEp-Hl-T
 

Bittoo

Member
319
434
63
Divine providence है संजू भाई!
जब universe ही आपके पीछे हाथ पैर धो कर पड़ जाए, तो क्या कर सकते हैं!हाँ न!309891485-425263803079115-4152781433233548367-nधन्यवाद भाई!
साथ बने रहें... काला नाग भाई जैसे सस्पेंस तो बना नहीं सकता!
और आप पाठकों ने मिल कर इस कहानी की सिलाई बुनाई उधेड़ दी है।
कैसे सम्हालूँ इसको! 😂
 

parkas

Well-Known Member
28,220
62,414
303
avsji bhai next update kab tak aayega?
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
4,210
23,501
159
Top