masterji1970
मम्मी का दीवाना (पागल)
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देवनागरी में पढ़ना मक्खन जैसा आसान है, लेकिन लिखना लोहे के चने चबाने जैसा कठिन।हैलो दोस्तों! इस फ़ोरम पर यह मेरी पहली कहानी है. इसके पहले मैंने xossip पर कई कहानियाँ लिखीं थीं। अभी तक कैसी लगी, बताना ज़रूर! याद रहे, देवनागरी में पढ़ना मक्खन जैसा आसान है, लेकिन लिखना लोहे के चने चबाने जैसा कठिन। थोड़ा प्रोत्साहन और थोड़ी सृजनात्मक आलोचना मेरी कोशिश को सार्थक करेगी! धन्यवाद!
दोस्त, ये कथन तो आपका बिलकुल सत्य है कि "देवनागरी में पढ़ना मक्खन जैसा आसान है, लेकिन लिखना लोहे के चने चबाने जैसा कठिन।"
मुझे भी काफी पहले से लिखने का शौक है जो की मुझे अपने पिता से मिला और थोडा बहुत हिंदी बोलने और लिखने का भी शौक है अर्थात मुझे हिंदी बोलना लिखना प्रिय है / पहले मैं हिंगलिश में लिखता था अब कोशिश होती है की हर प्रकार से हिंदी में ही लिखूं /
आपके हिंदी के समर्पण को प्रणाम //