अब आगे ...
संजय नीरज को अपनी बहन चोदने की अनुमति दे देता है ।
नीरज कोमल को उठा कर अपने कमरे में ले जाता है
संजय सुमन से अपने कमरे में सोने के लिए कहता है ।
वह धीरज के दुबारा चोदने की सम्भावना जताते हुए उसे अपने साथ अपने शयनकक्ष में ले जाता है ।
संजय और राधा बेड के किनारों पे और सुमन उन दोनो के बीच सो जाती है ।
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नीरज और कोमल
नीरज कोमल को अपनी गोद से उतारता है और कोमल के बाल पकड़ कर उसके रशिले होंठ चूसने लगता है ।
कोमल भी अपने भाई की जीभ मुँह में ले कर चूसने लगती है ।
नीरज अपने एक हाथ से अपनी बहन की मोटी गांड दबाता है ।
थोड़ी देर किसिंग के बाद कोमल नीरज को धकेलते हुए बेड पर गिरा देती है ।
नीरज बेड पर गिर जाता है लेकिन उसके पैर बेड के नीचे झूल रहे होते है ।
अब कोमल अपना एक पैर उठा कर नीरज के सीने पर रख देती है ।
धीरे-धीरे कोमल अपना पैर नीरज के मुँह पे ले जाती है ।
नीरज उसके सुंदर पैर चूमने लगता है ।
कोमल अपने पैर चूसवाते हुए अपनी दोनो चूचियों से खेलने लगती है ।
दोनो चूचियों को दबा दबा के सिसकियाँ लेते हुए कोमल अपने पैर नीरज के लोडे पर रख देती है ।
कोमल लोडे को मसलते हुए अपनी जींस में हाथ दे कर अपनी चूत को मसलने लगती है ।
फिर थोड़ी देर में कोमल नीचे बैठ कर नीरज की जींस नीचे खींच देती है ।
नीरज के फ़नफ़नाते लण्ड को देख कर कोमल की आँखे फट जाती है ।
कोमल अपना मूह खोल कर नीरज के लण्ड के टोपे को चूस लेती है ।
थोड़ी देर बाद कोमल लण्ड को मूह में लेकर टोपे को अच्छे से चाटती है ।
नीरज अपनी प्यारी बहन के मुँह की गर्मी का एहसास अपने टोपे पे करता है ।
कोमल टोपे पे २-३ चुस्कियाँ लगाती है जिससे नीरज की सिसकियाँ निकल जाती है ।
नीरज - आऽऽऽऽऽऽह ! ओह दीदी ! चूसो मेरा लण्ड
नीरज अपने चुत्तड ऊपर को उठा कर अपने लण्ड को थोड़ा सा कोमल के मुँह में ठूँस देता है ।
कोमल मुँह खोल कर नीरज के लण्ड का स्वागत करती है ।
नीरज कोमल के सिर को पकड़ कर अपने लण्ड को उसके गले में उतारने लगता है ।
कोमल नीरज के लण्ड को अपने गले तक ले कर उसे वापस निकालती है ।
नीरज फिर से अपने लण्ड को कोमल के मुँह में घुसा देता है ।
कोमल अपना मुँह दबा कर फिर से नीरज का लण्ड गले में लेकर चूसती है ।
यही क्रम ५ मिनट तक चलता है ।
अब नीरज अपनी टी-शर्ट खोल लेता है ।
ये देख कर कोमल लण्ड छोड़ कर खड़ी हो जाती है ।
नीरज झट से अपनी जींस पैरो से निकाल कर फ़ेक देता है ।
और कोमल को अपनी ओर खींच कर नीरज फिर से कोमल के होंठो को चूस लेता है ।
नीरज कोमल के होंठ चूसते हुए उसके स्तनों को टी-शर्ट के ऊपर से ही भींच देता है ।
नीरज अपना एक हाथ नीचे ले जाकर कोमल की जींस में घुसा देता है ।
कोमल की कच्छी के अंदर हाथ देकर नीरज उसकी मखमली गांड को अपनी हथेली से भींचता है ।
और एक झटके के साथ नीचे बैठ कर वह कोमल की जींस और कच्छी एक साथ नीचे खींच देता है ।
अब कोमल नीरज के सामने नंगी हो जाती है और उसकी चूत नीरज के सामने आ जाती है ।
नीरज जीभ निकाल कर अपनी बहन की चूत को चाट लेता है ।
चूत चाटते हुए वह उसकी जींस कच्छी सहित बाहर फ़ैंक़ देता है
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद अब वो कोमल को घुमाता है और उसके बड़े बड़े नितंबो को पकड़ कर ललचाई नज़रों से देखने लगता है ।
नीरज - आऽऽऽह ! कितनी सुंदर गांड है दीदी आपकी । इसका छेद कहाँ है ?
ये कह कर वह कोमल के नितम्ब के दोनो पाटो को विपरीत दिशा में खिंचता है ।
कोमल की गांड का छेद नीरज की आँखो के सामने आ जाता है
कोमल के लुपलुपाते छेद को देख कर नीरज अपना आपा खो बैठता है ।
नीरज अपना मुँह कोमल की गांड की दरार में फँसा देता है ।
थोड़ी देर कोमल की गांड की गंध लेने के बाद नीरज उसमें से अपना मुँह निकाल लेता है ।
नीरज खड़ा हो कर कोमल को बेड पर झुकने का इशारा करता है
कोमल इसे भलीभाँति समझ कर बेड पर झुक जाती है
नीरज झुक कर दोबारा से कोमल की गांड फाड़ता है और लुप-झुप होते उस गांड के छेद में पहले अपनी नाक लगा कर सूंघता है फिर उसमें अपनी जीभ घुसा देता है ।
कोमल सातवें आसमान में झूलने लगती है । उसे अपनी गांड में सरसराहट सी महसूस होती है ।
कोमल - ओह ! आह भाई बहुत अच्छे से चाटो ! आह
नीरज अपनी जीभ कोमल की गांड में पहले क्लॉकवाइज़ फिर ऐंटीक्लॉकवाइज़ घुमाने लगता है
४ मिनट बाद दोनो उठते है तभी कोमल का ध्यान कमरे के खुले दरवाज़े की तरफ़ जाता है ।
वो जा कर उसे बंद करती है ।
नीरज अपनी बहन की हिचकोले मारती गांड को मुठियाते हुए देखता है
कोमल वापस आ कर नीरज को बेड पर लिटा देती है और खुद बेड पर चढ़ कर अपने दोनो पैरों को नीरज के आजु बाजू कर अपनी चूत नीरज के खड़े लण्ड पर टिका देती है ।
नीरज हल्का सा ऊपर हो कर कोमल की चूत के छेद को भेदने का प्रयास करता है ।
उसी समय कोमल नीचे बैठ जाती है , और भाई बहन का मिलन चूत के ज़रिए हो ही जाता है ।
कोमल आगे को झुक कर नीरज के मुँह पे अपना मुँह रख कर उसे चूसती हुई आगे पीछे होने लगती है ।
नीरज भी अपनी बहन की गांड को हाथों में थामे धक्के लगा कर अपनी बहन को चोदने लगता है ।
नीरज धक्के तेज करता हुआ कोमल की चुदाई करने लगता है और उसके हिलते हुए स्तनों को मुँह में लेकर चूसने लगता है ।
कोमल की चुच्ची को चूसते हुए नीरज उसके नितंबो को दोनो हाथों से खोलने लगता है जिससे उसकी गांड का छेद चौड जाता है ।
पूरे कमरे में अब सिर्फ़ चुदाई की चू चा थी और कुछ आवाज़ें बेड के तेज तेज हिलने की थी । कोमल की पलंगतोड़ चुदाई अब पूरे शुरूर में थी ।
लगातार १० मिनट तक ऐसे ही कोमल को चोदने के बाद नीरज कोमल को खुद से उतारता है ।
कोमल अपनी चूत को लण्ड के ऊपर से उठा कर खड़ी हो जाती है और नीरज को देखने लगती है ।
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कोमल की गांड का उद्धघाटन :
नीरज कोमल की चूत चोदने के बाद उसको कुतिया बन ने के लिए कहता है ।
कोमल कोहनी और घुटनो के बल बेड के ऊपर तकिया का सहारा ले कर कुतिया बन जाती है ।
नीरज पीछे से ड्रेसिंग टेबल में से वैसलीन की टूब निकालता है ।
ट्यूब को पीछे से पिचका कर नीरज उसे कोमल की गांड के छेद पर उड़ेल देता है ।
नीरज को वैसलीन की ट्यूब का इश्तेमाल करते देख कोमल को हैरानी होती है ।
कोमल - भाई ! आज वैसलीन लगा कर मेरी चूत मारने का मन है क्या ?
नीरज बिना कुछ बोले बची हुई वैसलीन अपने लण्ड पर उड़ेल लेता है ।
अपने लण्ड को वैसलीन में चुपड़कर नीरज डरते हुए कोमल की गांड के छेद पर रख देता है ।
अपनी गांड के छेद के आस पास नीरज का लण्ड घूमने का अहसास कोमल को हो जाता है ।
कोमल की घबराकर गांड फट जाती है । झटके से खड़े होते हुए कोमल नीरज को आँखे दिखाते हुए बोलती है :
कोमल - ए...... क्या कर रहा था तू ?
नीरज - कुछ भी तो नही दी ..
( नीरज कोमल से बड़ा था पर दिखने में छोटा लगता था , इसलिए कोमल को दी बोलता था )
कोमल - कुछ नही .... हाँ !
नीरज - दी ..... आप गांड क्यूँ नही मरवाती ?
घर में सब मरवाते है ।
कोमल इठलाते हुए - इसलिए ही नही मरवाती क्यूँकि सब मरवाते है ।
मैं बिलकुल अलग हूँ ।
नीरज - प्लीज़ दी ... आप मुझसे गांड मरवा लो !
मैं किसी से भी नही कहूँगा । प्रॉमिस..
कोमल - पहले ये बता तू मेरी गांड क्यूँ मारना चाहता है ।
मॉम मरवाती तो है , उनकी मार लियो ।
नीरज - दरासल दी ... मॉम की वजह से ही मुझे आपकी गांड मारने का मन कर रहा है ।
कोमल हैरानी से - मॉम की वजह से !! ?
कैसे ?
नीरज - पहले आप भी मेरे से प्रोमिश करो आप ये बात घर में बाक़ियों को नही बताओगी !
प्रोमिस मी
कोमल नीरज के हाथ पे हाथ रखते हुए - प्रोमिस पक्का प्रोमिस ... अब बता !
नीरज - दी आज मेरी एक ही क्लास थी तो में घर जल्दी वापस आ गया ।
बजाने ही वाला था तो अंदर से
थप्प....थप्प की आवाज़ें सुन के मैं रुक गया
जब मैंने की..होल से झांक के देखा तो संतोष चाचू मम्मी को कुर्सी पे बैठ के झूला झूला रहे थे ।
ये देख के मेरा लण्ड खड़ा हो गया । मैं वहीं खड़ा हुआ मूठ मारने लगा ।
मम्मी
उछल उछल के दे रही थी तो उनकी गांड का छेद मुझे दिखा ।
मेरा मन किया कि अंदर घुस जाऊँ और मम्मा की गांड मार लूँ ।
कोमल - ओह तो यानी तूने मम्मा और चाचू की लाईव चुदाई देख ली ।
नीरज - हाँ और मम्मा की
उछलती हुई गांड देख के मैंने फ़ैसला कर लिया कि आज इस गांड का बाजा बजा के रहूँगा ।
कोमल - हो !! तो कहीं तूने अंदर घुसके मम्मा की गांड चाचू के साथ तो नही मार ली !
नीरज - अरे दीदी आप को क्या लगता है । नही !
आपको लगता है कि मैं इस घर के सिखाए संस्कार सब भूल चुका हूँ !!
हाँ बोलिए यही लगता है ना आपको !
कोमल - तो फिर ! फिर क्या किया तूने !
नीरज - मैंने अपने उसी
उछलती हुई गांड के दिए हुए संस्कारो के बारे में सोचा ।
और फ़ैसला किया कि अभी नही तो आज रात को इस गांड को बजाऊँगा ।
कोमल - अच्छा तो मम्मा की गांड के बदले अब तू मेरी गांड मारेगा । हां !!
नीरज - ऐसी बात नही है दी ।
मैंने तो सोचा था सुमन चाची की गांड
मम्मी की गांड समझ कर मार लूँगा लेकिन आपने जब कहा कि वो ३-४ दिन नही चुदवा सकती तो मेरा दिल टूट गया ।
पता है मेरा कितना मन है आज गांड मारने का !
कोमल कुछ सोचते हुए - चल ठीक है ।
तू भी क्या याद रखेगा ..
कैसी सील पैक गांड से पाला पड़ा था तेरा लेकिन अपना प्रोमिस याद रखना ।
किसी को अगर पता चला कि ..
तूने मेरी सील पैक गांड खोली है तो , तू मेरी गांड फाड़े ना फाड़े .. मैं तेरी गांड ज़रूर फाड़ दूँगी
नीरज कोमल की गांड मारने की बात से सहमत होता देख ख़ुशी में नाचने लगता है ।
उसका लण्ड नाचने के साथ ऊपर नीचे हिलने लगता है ।
कोमल भी नंगी ही खड़ी हो कर नीरज के साथ नाचने लग जाती है ।
चिनाल कोमल एक रंडी की तरह अपनी गांड को एक लय में हिलाने लगती है ।
अपनी बहन की नंगी नाचती गांड देख नीरज का लण्ड अब पूरा तन जाता है ।
जिसे देखकर कोमल नीरज को आँख मारती है और जा कर बेड पर घोड़ी बन जाती है ।
ये एक आमंत्रण था शायद कोमल की गांड की सवारी करने का
नीरज झट से वैसलीन की ट्यूब उठाता है और कोमल के लुपलुपाते छेद पर उड़ेल देता है ।
अब वो अपनी बहन की वो गांड मारने जा रहा है जो इस घर में किसी दूसरे को अब तक नसीब नही हुई ।
यही सोचकर नीरज का लोड़ा पूरे होश ओ हवास में खड़ा हो गया
नीरज ने अच्छे से कोमल की गांड थपथपाई जिससे कि वो तैयार हो जाए ।
कोमल तकिए में सिर देकर पड़ी थी उसे पता था पहली बार गांड मरवाने में वो फटती ही है ।
अब कोमल की गांड तो बहुत बड़ा बोम्ब था ।
डर तो बस इस बात का था कि इस बोम्ब के फटने से ये घर तहस नहस ना हो जाए ।
नीरज अपनी मिसाइल जैसा खड़ा लण्ड लेके कोमल की बोम्ब जैसी गांड के पीछे खड़ा हो गया ।
अब वक्त आ चुका था मिसाइल से बोम्ब फोड़ने का
तो नीरज ने अपना चिकना टोपा कोमल की गांड के छेद पे रख दिया और एक हल्का सा झटका दिया ।
टोपा गांड में हल्का सा घुसा । कोमल ने अपने दांत भींच कर अपनी गांड को सहलाया
कोमल ने अपने दाँतो से तकिया दबा लिया ।
नीरज ने देखा कि गांड का छेद हल्का सा खुला है तो उसने हल्का सा झटका फिर मारा ।
इस बार टोपा पूरा अंदर घुसा । कोमल की आँख बड़ी हो गयी । उसे हल्का सा दर्द हुआ ।
नीरज ने सोचा जब तांतिया टोपे अंदर चले ही गए है तो फ़ौज को भी बुला लेना चाहिए ।
उसने एक करारा झटका मारा
जिससे लोड़ा रिपटता हुआ कोमल की सील पैक गांड की जड़ तक घुस गया ।
कोमल की आँखे जैसे बाहर को निकल आयी और मुँह खुल्ला का खुल्ला रह गया ।
उसने मुट्ठी से तकिया ज़ोर से पकड़ लिया और अपने सर को बाहर निकाल कर ज़ोर से चिल्लाई ।
नीरज ने आगे बढ़ कर उसके मुँह पर हाथ रख लिया
मुँह पर हाथ रख कर नीरज कोमल की बेरहमी से गांड मारने लगा
ऐसा करने से इस बार कोमल की गांड फट गयी । वो बेहोशी की हालत में पड़े पड़े अपने भाई से गांड मरवाती रही ।
नीरज भी बिना रुके कोमल की गांड मारता रहा । अपनी बहन की सील पैक गांड खोलने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था ।
नीरज १० मिनट तक कोमल की गांड मारता रहा । कोमल को होश आता है तो वो देखती है कि नीरज अभी भी उसकी गांड को तबियत से बजा रहा था ।
कोमल भी अब मज़े ले कर अपनी गांड मरवाने लगती है ।
थोड़ी देर बाद नीरज झट से कोमल की गांड से लण्ड बाहर निकालता है ।
और कोमल को उठा कर उसके मुँह पे ४-५ पिचकारी मार देता है
कोमल आँखे बंद कर लेती है । नीरज के मूठ से कोमल का चेहरा भर जाता है
नीरज का गरम मूठ उसके मुँह से बहता हुआ उसके बड़े बड़े चुच्चो पे गिरने लगता है ।
कोमल अपनी आँखे खोल कर देखती है । सामने नीरज लण्ड पकड़े मुस्कुरा रहा था ।
कोमल अपनी फटी गांड के नीचे हाथ दे कर छेद पर उँगली लगा कर देखती है ।
फिर सामने नीरज को ग़ुस्से से देखते हुए कहती है :
कोमल - आह ! कमीने ! कोई अपनी बहन की पहली बार में इतनी बुरी तरह गांड फाड़ता है क्या ?
नीरज - सॉरी दी ..
कोमल खड़ी हो कर तौलिए से पहले अपनी गांड और फिर चेहरे को पोंछती है ।
नीरज अपनी नंगी बहन को घूर के देखता रहता है ।
कोमल नीरज को डाँट लगा देती है और उसे जल्द से जल्द सोने के लिए कहती है ।
नीरज चद्दर ओढ़ कर कब सो जाता है उसे पता ही नही चलता । वैसे भी उसे आज रात अपनी बहन की गांड सपने में जो दिखने वाली थी ।
थोड़ी देर बाद फ़्रेश हो कर कोमल भी नीरज का खड़ा लण्ड पकड़ कर उसके पास ही सो जाती है ।
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