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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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भाई ऐसे रोज़ अपडेट मिलते रहें तो मज़ा आ जाये कहानी एकदम ज़बरदस्त है ।
Bahut bahut shukriya bhai
Kosis hai lagatar update dene ki
Bas kuch regular pathak bhi waps a jaye to maja dugna ho jaye
 

TharkiPo

I'M BACK
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UPDATE 122

CHODAMPUR SPECIAL UPDATES



पिछले अपडेट मे जैसा कि आपने पढा एक ओर जहा चमनपुरा से राज जानीपुर आ चुका है ,,वही कमलनाथ की चाची ने घर के चप्पे चप्पे पर ऐसी निगरानी रखी है मानो घर मे हर जगह CCTV और MOTION CENSOR लगे हो । उपर से चाची ने घर का प्रशासन इतना कड़ा किया हुआ कि एंटी रोमियो स्क़ुओड वाले भी क्या निगरानी रखते होगे मनचलो पर ।
अब देखते है आगे क्या होता है क्योकि आगे की कहानी अब राज के हिसाब से ही आगे बढेगी और अपने राज के स्वभावो से वाकिफ तो खैर आप सब हो ही ।

अब आगे

राज की जुबानी

सुबह 11 बजे मै रज्जो मौसी के यहा पहुचा । एक अलग ही खुशी थी ,,क्योकि काफी समय बाद कोई शादी मे आने का मौका मिला था और घर से बाहर घुमने का भी ।
मैने गाडी से समान उतारा और मौसी मौसी चिल्लाते हुए अन्दर घुसा ही था कि एक बुढ़ी औरत के तेज कर्कस तानो ने मेरा सारा जोश और उत्साह मिट्टी मे मिला दिया ।

मुझे अन्दर ही अन्दर बहुत दुख हुआ कि आते ही शुरुवात ऐसी हुई है लेकिन जैसा कि घर के संस्कारो से बंधा हुआ था तो मैने कोई रूखा स्वभाव नही दिखाया उन्हे बल्कि झुक कर उन्के दोनो पाव छुते हुए मुस्कुरा कर उन्हे प्रणाम किया ।

मै - नमस्ते दादी ,,मौसी कहा है
वो बुढ़ी औरत का गुस्सा एक पल मे ही मेरे व्यवहार को देख कर पिघल गया और मानो उन्हे अपनी गलती का अह्सास हुआ हो और अपनी वाणी मे निर्मलता लाते हुए - तू कौन है बिटवा

तभी पीछे से मा बोली - काकी ये मेरा बेटा है ,,नमस्ते
फिर मा ने भी उस औरत के पाव छुए
बुढ़ी हस्ती हुई - हा हा खुश रहो ,,काफी घोड़ा हो गवा है हहाहा

इतने मे रज्जो मौसी उपर से निचे आती हुई ।
रज्जो - अरे लल्ला तू आ गया
मै दौड़ कर मौसी के गले लगते हुए - हा मौसी ,पता है आपकी बहुत याद आ रही थी जिहिहिही और मौसा कहा है ,,रमन भैया अनुज और मेरी दीदी हिहिही कहा है सब

घर मे अचानक से मानो कोई बहार आ गयी ,, मेरे चहकपने और खिलखिलाहट से घर के सभी लोग धीरे धीरे निचे हाल मे आने लगे ।

तभी मुझे सीढियो पर से तेजी से किसी के आने की आहट हुई वो सोनल दीदी थी ।
वो आई तो तेज थी मगर जैसे ही उसने उस बुढ़ी औरत को देखा वो शान्त हो गयी

वो चल कर धीरे से मेरे पास आई और बोली - अरे राज तू कब आया
मै तो फुल मस्ती मे उसके हाथ पकड कर - हिहिही बस अभी आया दिदी ,,अनुज कहा है

सोनल दबी आवाज मे मुस्कुराते हुए - वो रमन भैया के साथ दुकान गया है

इधर मा रज्जो मौसी और वही खड़ी एक और औरत से मिलने लगी ।

तभी मेरी नजर एक गजब सी खुबसूरत और भरे जिस्मो वाली एक लडकी पर गयी ,,जो नजरे घुमा फिरा कर मुझे ही घुरे जा रही थी ।
उसके सीने का उभार उस गुलाबी सूट मे कसा हुआ था और उसके फैले हुए कुल्हे ऐसे ब्या कर रहे थे कि मानो कितने सिद्दत से उन पर मेहनत की गयी थी ।

जैसी ही मेरी नजर उस्स्से टकराई वो मुस्कुरा कर मुह फेर ली
मै धीमे से सोनल के कान मे उस लड़की की ओर इशारा करते हुए - दिदी ये कौन है जो लाईन मार रही है मुझे हिहिहिही

सोनल मेरे हाथ पर पट्ट से मारते हुए धीमी आवाज मे बोली -पागल कही का ,,ये वही है बताया था ना कि चोदमपूर गाव से रमन भैया के बुआ फूफा आये है ।
मै चोदमपूर शब्द सुन कर मुह मे हसा - अच्छा

सोनल - हा ये उनकी बेटी है पल्लवि ,और वो ममता बुआ है
सोनल ने मा से बात करती हूई एक गोरी सी औरत को दिखाया

मै तब जाकर उस औरत के कूल्हो पर नजर मारी और मन ही मन सोचा -साला जैसी मा वैसी ही बेटी भी है हिहिही

फिर मै वहा से चल के उस औरत के पास गया और उसके पाव छुते हुए - नमस्ते बुआ जी

ममता - अर्रे खुश रहो बेटा,,,, रागिनी भाभी आपका बेटा तो बहुत होनहार है

मा हस्ते हुए - हा सो तो है ,,अरे दीदी ये जीजा जी नही दिख रहे

रज्जो - तुझे बडी पडी है अपने जीजा जी से मिलने की
ममता - अरे मिलने दो ना भाभी ,, ना जाने कब से ये जीजा साली तरस रहे होगे मिलने को हिहिही

रज्जो ने तुरंत ममता का हाथ पकड़ते हुए उस औरत की ओर इशारा किया जो सोफे पर बैठी पंखे की हवा मे झपकी ले रही थी ।

रज्जो - पागल है क्या ममता ,,देख नही रही चाची है

ममता खिखियायि तो मै रज्जो मौसी से पुछ पडा आखिर ये है कौन

रज्जो धीमी आवाज ने - बेटा वो ये तेरे मौसा की सगी चाची है ,,गाव मे रहती है शादी के लिए आयी है ।तू थोडा देख समझ कर रहना क्योकि बहुत डांट लगाती है ।


इधर मानो वो चाची जी ने रज्जो की आवाज सुघ लिया हो
चाची जी - अरे खडे खडे अब पंचायत ही करनी है या मेहमानो को पानी भी पुछोगे
चाची के तंज पर घर की सभी महिलाए एक चुप हो गयी ।
फिर रज्जो मौसी ने हमारे कुछ समान लिये और फिर मै भी एक भारी बैग लेके उपर सीढियो से जाने लगा ।

मेरे पीछे मा , मौसी और वो ममता बुआ थी ।
सोनल दिदी उस पल्लवि के साथ किचन मे हमारे लिए पानी लेने चली गयी ।

हम सब मौसी के कमरे मे थे ।

मै ह्सते हुए - अरे मौसी ये दादी जी बहुत कड़क है जैसे अदरक हिहिहिही

रज्जो हस्ते हुए - तुम भी ना लल्ला , अरे कड़क पुछ रहा था अभी जबतक तू नही आया था , लग ही नही रहा था कि घर मे चार लोग है

मै चहक कर - अरे मौसी आप चिंता ना करो हिहिहिही

इतने मे मा मुझे डाटते हुए - क्या तू है तो ,,,अब झगड़ा करेगा काकी से

मै - अरे नही मा , शादी का घर है इतनी शान्ति अच्छी नही कुछ गाना बजाना होना चाहिए ना

इतने मे सोनल और पल्लवि कमरे मे आते है पानी का ट्रे लेके

सोनल - हा भाई सही कह रहा है ,,कल से हम लोगो इतनी घुटन हो रहि है ,लग रहा है अभी से ससुराल मे आ गये है हिहिहिही

तभी मेरी नजर मौसी के कमरे मे उनकी टीवी पास रखे हुए म्यूज़िक सिस्टम पर गयी

मै - अरे ये देखो ,,,बाजा है फिर भी नही बजा रहे हो आप लोग

मौसी - अरे बेटा तुझे लगता है चाची बजाने देंगी

मै कुछ सोच कर - अरे आप टेन्सन ना लो मै कुछ जुगाड़ कर लूंगा

मा - हा लेकिन ध्यान से ,,बहुत उतावला होने की जरुरत नही
ममता - हा बेटा रागिनी भाभी सही कह रही है,,,चाची सच ऐसी ही है कुछ उल्टा सीधा बोल देन्गी तो तेरा मन खराब हो जायेगा

मै उनको निश्चिँत करता हुआ - अरे बुआ परेशान क्यू हो रही हो,,बडी है अगर कुछ बोल देन्गी तो सुन लूंगा हिहिही

ममता मेरी बात पर हसते हुए - क्या खाकर पैदा किया था भाभी इसे हिहिही बड़ा जिद्दी है

मा मुझे दुलारते हुए - धत्त जिद्दी नही है ,,,बहुत समझदार हैं

इनसब के बीच मेरी नजर पल्लवि से कभी कभी टकराती रही ।

मै - तो मौसी मै तो यही रहूंगा इसी कमरे मे आपके साथ

मेरी बात पर सब हस पडे और ममता बोली - आजकल तेरे मौसा ही नही सो पा रहे तो तू कैसे हिहिहिही

फिर मैने कारण पुछा तो रज्जो मौसी ने सारा कुछ बताया और फिर मेरे लिये रमन भैया के साथ फिक्स कर दिया गया ।

मैने जब चाची के विचारो को जाना तो तय किया कि इनको भी इनके ही तरीके से ऐसा उलझाउँगा कि सब कुछ मेरे हिसाब से ही होगा फिर

मै उठा और फिर निचे चला गया और चाची जी के बगल मे बैठ गया

मै मुस्कुरा कर - और दादी आप अकेले आयी है या गाव से और भी कोई आया है ।

चाची जी मेरे सवाल से खुश हुई और बोली - हा बिटवा वो कमल (मौसा) के चाचा भी आये है

मै थोडा जिज्ञासू होकर - अच्छा दादी गाव मे शादिया कैसे होती है ,,,मतलब यहा देखो ना कोई गाना बजाना नही , कोई चहल पहल नही

मानो मैने चाची जी के दुखती रग पर हाथ रख दिया वो भड़के हुए स्वर मे ,- अरे जाये दो बिटवा ये शहर की रहन वालीयो को कहा गीत सोहर आता है ,,, अरे कम से भक्ति भजन तो कर ही सकत है सब लोग बैठ के


मैने बडी बारीकी से चाची जी के विचारो को सुना और समझा तो पाया कि वो भी कुछ उम्मीद और लालसा लिये आयी है इस शादी मे ।
मैने सोचा क्यू ना कुछ इनके मिजाज का ही करवाया जाये ।
इधर थोडी देर मे मौसा और उन्के साथ एक आदमी घर आये ।मै जान गया कि वो चोदमपूर से आये पल्लवि के पापा ही होगे क्योकि और किसी मर्द की चर्चा हुई नही थी अब तक

मै उठ कर मौसा जी के पाव छुए और फिर पल्लवि के पापा राजन के पाव छुए

राजन - अरे बेटा खुश रहो खुश रहो ,,,तू मुझे कैसे जान्ते हो

मै हस कर - वो अभी मौसी ने बताया था थोडी देर पहले
कमलनाथ - और राज बेटा घर का क्या हाल है और रंगीलाल भाई क्यू नही आये

मै - दरअसल मौसा जी वो इन दिनो चोरी की बहुत दिक्कत हो रही है और फिर दो दो दुकाने है , फिर चौराहे वाला नया घर भी

कमलनाथ - अच्छा अच्छा कोई बात नही ,,,और कुछ चाय नासता हुआ

मै मौसा जी को लेके एक तरफ गया
मै - जी मौसा ,, वो पूछना था कि अच्छा पूजा कबसे है

कमलनाथ - बस 3 बजे से है बेटा क्यू
मै - अच्छा आस पास के लोगो को जना दिया गया है ना
मौसा जी मेरी फ़िकरमंदी पर खुश होते हुए -अरे बेटा तू चिंता ना कर अभी ठाकुरायिन आती होगी । फिर तेरी मौसी जहा जहा कहेगी वो बता आयेगी

मै कुछ सोचा - जी ठिक है फिर
फिर बाकी लोग भी अपने अपने कामो मे लग गये ।

करीब 1 बजे वो ठकुरायिन मौसी से मिलने आयी और मै उसी का इन्तजार कर रहा था ।

जैसे ही मौसी ने उसे सब बताया तो
मै - मौसी मै भी इनके जाता हू ,,घर का कोई रहेगा तो ठिक रहेगा

मौसी मुस्कुराई और बोली - अच्छा ठिक है भई जा और जल्दी आना
फिर मै और ठकुरायिन करीब आस पास के 15 20 घरो मे गये । वहा मैने खुद से अगुआई करते हुए घर की सभी बुजुर्ग महिलाओ को आने का निवेदन किया ।

सबके आने के बाद मै किचन मे मौसी के पास गया
मै - हा मौसी वो मैने सबको पूजा के लिए बोल दिया है और आप जरा दो तीन बडी वाली चटाई निकाल देन्गी यहा निचे के हाल मे बिछाना है

मौसी मुस्कुरा कर - अरे परेशान ना हो लल्ला ,,,पूजा उपर ही होगी तो वहा व्यव्स्था कर दी गयी है ।

मै - अच्छा फिर थोडा 10 लोगो के लिए और चाय पानी व्यवस्था हो जायेगी क्या

मौसी - अरे उसकी दिक्कत नही है,,तू बिल्कुल परेशान ना हो सब 10क्या 50 लोगो की व्यवस्था है हिहिही

त्ब तक किचन मे पीछे से अनुज की आवाज आई - तो मौसी मुझे भी दो एक दो गुलाब जामुन

मै अनुज की आवाज सुन कर खुशी से पल्टा - अरे अनुज मेरे भाई हिहिहिही

अनुज मेरे पास आया और मैने उसे गले लगा लिया - अबे कहा था तू
अनुज - वो मै और रमन भैया दुकान पर थे ,,,आप कब आये

मै - बस थोडी देर पहले
फिर मै रमन भैया से मिला और भाभी मिलने की खुशी मे उनको छेडा भी ।

फिर मै उनके साथ कमरे मे गया और उनसे शादी की तैयारियाँ को लेके कुछ जरुरी बाते की ।

थोडी देर मे काफी सारी औरते आ गयी । पूजा मे अभी 1 घन्टा था तो मौसी को समझ नही आ रहा था कि सब लोग पहले क्यू आ गयी ।

पहले तो मौसी ने ममता और मा को उन औरतो की आवभगत का जिम्मा दे दिया और फिर रमन भैया के कमरे मे मुझे खोजती हुई आगयी ।


रज्जो - अरे लल्ला,,तुने कितने बजे बोला था सबको आने को ,,पूजा 3 बजे से है ना

मै हस कर- हा मौसी मैने ही इन्हे बुलाया है पहले आये ।
रज्जो - अरे बेटा क्या करेंगी ये सब अभी से

मै हस कर - अरे अभी देखो तो हिहिही
रज्जो परेशान होकर - पता नही क्या करने की सोच रहा है तू

इधर उपर मा और ममता बुआ ने मिलकर सबको बिठाया और पानी पिलाया

इनसब से बेखबर चाची जी रज्जो मौसी के कमरे मे कुलर की हवा मे सो रही थी ।

थोडी देर बाद रमन भैया के साथ कुछ प्लान किया और फिर उपर छत पर चला गया ।

उपर जाने के बाद मैने एक दो बुजुर्ग महिलाओ से आग्रह किया और बोला कि जिसके लिए वो आयी है वो शुरु करे ।

किसी को समझ नही आ रहा था कि मेरी योजना क्या है

इधर निचे हाल मे मौसा , मौसी, राजन , रमन अनुज थे और किचन मे सोनल और पल्लवि पूजा की तैयारियो मे लगी थी ।

उपर सिर्फ मा ममता और मै थे ।
मै मा से - मा दादी कहा है
मा - वो सोयी है क्या हुआ
मै चहक कर - अरे ऊनको जगाओ ना

मा आंखे बडी करके - तू पागल है मै नही जगाने वाली
इधर मा की बाते पूरी होती उस्से पहले वो सारी औरते एक सुर मे देवीगीत का गान करने लगी ।

मै हस कर - रुको मै ही जगा देता हू

मा मुझे रोकना चाही मगर कि ये सब क्यू करवा रहा हू ,,वैसे ही शोर शराबे से गुस्सा आता है चाची जी को

मै नही रुका और कमरे ने गया और ब्डे प्यार से उनको हिला के उठाया

चाची जी - अरे क्या हुआ बिटवा ,,पंडित जी आ गये का

मै हस कर - अरे दादी चलो तो आप ,,,, आपकी सहेली लोग आयी है

तभी चाची जी के कानो मे देवीगीत के बोल सुनाई दिये और वो हसते हुए बोली - धत्त नटखट कही का

मै हस कर उन्हे उठाते हुए - अब चलो नही तो भाग जायेगी आपकी सहेली लोग हिहिही

वो चाची मुस्कुराई एक खुशी सी थी उनकी आंखो मे और चेहरा पुरा खिला हुआ था ।
एक जोश के साथ मुस्कुराती हू बाहर आयी और पहले हाथ जोड कर मन मे कुछ बुदबुदाइ और फिर वही चटाई पर बैठ गयी ।

इधर मा और ममता बुआ भौछक्के रह गये कि इसका ख्याल उन्हे क्यू नही आया ।

मै मा को हस कर देखा तो मुस्कुरा रही थी और जैसे मुझे शाबाशी दे रही हो ।

वही निचे भी हालत खराब ही थी ,,, मौसा मौसी , राजन रमन भैया ,अनुज सब के सब चुप हो गये थे ।
उन्हे यही लग रहा है कि अब चाची का भडका हुआ स्वरूप ही देखने को मिलेगा ,,अच्छा खासा शादी का माहौल करकच का घर हो जायेगा

क्योकि सबको यही लग रहा था कि चाची जी को शोर शराबा और लोगो का जमावड़ा पसंद नही था
तभी पहला देवीगीत खतम हुआ और एक चुप्पी सी छा गयी । थोडी खुसरफुसर हो रही थी कि तभी चाची जी ने एक देवीगीत के बोल का उच्चारण किया और बाकी की औरते उनको दुहराणे लगी ।


निचे सबके कान खडे हो गये कि ये तो चाची जी की आवाज है और सबके चेहरे पर एक अनपेक्षित खुशी छाने लगी।

मौसी दौड़ते हुए उपर आयी और चाची को गाते हुए देखा ।

मै उन्के पास गया और हस बोला - लो मौसी फसा दिया इनको अब ये किसी को नही कुछ बोलने वाली

रज्जो हसकर - हिहिही बदमाश कही का ,ये था तेरा आइडिया हम्म्म

मै - क्यू सही है ना हिहिही अभी और भी आइडिया है

रज्जो - हा बहुत अच्छा किया ,,पहली बार चाची को खुश देखा इतना ,, नही तो इनकी नाक चढ़ी ही रहती थी हिहिही

मै - चलो इनको बिजी रहने दो , आप और मौसा जी तैयार हो लो।

मौसी ने प्यार से मेरे गालो को छुआ और अपने कमरे मे जाते हुए बोली - ठिक है ,,जरा निचे से अपने मौसा को भेज दे

मै - जी ठिक है
फिर मै निचे चला गया ।
इधर रमन भैया ने सबको मेरे योजना के बारे पहले से ही बता दिया था ती सबने मेरी तारिफ खासकर मौसा जी तो भावुक ही उठे ।

कमलनाथ - बेटा, हमारे खानदान मे मा के तौर पर एक चाची ही थी ,,उसका ऐसे नाराज होना खटक रहा था ,मगर तुने सब ठिक कर दिया

मै हस कर- अरे मौसा जी आप भी ना ,, जाओ मौसी बुला रही है हिहिही

फिर मौसा उपर चले गये और मै रमन अनुज ने रात मे घर को जगमग करने की कुछ प्लानिंग की ।

शाम को बडे अच्छे से पूजा संपन्न हुई और चाची जी सभी औरतो को फिर हल्दी वाले दिन आने को कहा।
हम सब हाल मे साथ मे बैठे हुए थे ,,
मौसी और मा सबको विदा करके हाल मे आती है तो चाची जी उठ के अपने पल्लू से एक गाठ खोलती है और मा के हाथो ने 21 रुपया देती है ।

मा हस कर- अरे काकी ये किस लिये
चाची मा के सर पर हाथ रख कर बोल्ती है -रख ले बहू ,,,तेरे लाड़ले का सगुन है

मा हस कर- हा तो आप इसे राज को दीजिये ना
चाची मुस्कुरा कर- अरे तुम शहर वालियो को कुछ पता भी है ,,जब तक लड़के का शादी न हो जाये तब तक उसके हक सगुन उसकी अम्मा को ही दिया जात है ।

मुझे ये नयी बात जानाने को मिली तो जिज्ञासा वश होकर - अच्छा दादी फिर शादी के बाद

चाची हस के - शादी के बाद लडके की दुल्हीन को

चाची की बात पर सब खिलखिला कर हस पडे ।
मै भी मजाक भरे लहजे मे - मतलब हम लोगो को ठेंगा हिहिहिही

चाची हस कर - अच्छा अब मुह ना बनाओ ये लेओ

मैने भी हाथ बढ़ाया तो उन्होने एक खट्टी मीठी कैंडी थमा दी
जिसे देख के सबने मेरा मजा ले लिया ।

मै भी जबरदस्ती खुद को हसा ही दिया क्योकि माहौल ही हसनुमा था ।

चाची थोडा खुद को स्थिर करते हुए - अब जो हीहीथिथी कर लिये हो तो रात वाला खाना तनिक सवेरे बना लो ,,, आधा रात मे खाना नाही खाया जात है

चाची के तानो से सबकी हवा एक बार फिर से टाइट हुई और धीरे धीरे फुसफुसाते हुए सब लोग निकल लिये ।

इधर मै रमन भैया और अनुज भी बाजार के लिए निकल गये । क्योकि हमे काफी सारे सजावट के समान लेने थे ।
बाजार से हमने काफी सारे रंगीन बलब झालर लाईटस लिये और कुछ चमकीले सजावटी समान भी । फिर वापस आकर 6 बजे से 9 बजे रात कर हम तीनो ने मिल कर पुरा घर सजा दिया ।

पुरा घर रौशनि और रौनक से भर गया और फिर सबने खाना खाया और सोने की योजना हुई ।

तो मुझे पता चला कि सच मे चाची जी इस बात को लेके बहुत सख्त है । उन्होने सारी औरतो को उपर ही सुलाया और हम मरदो को निचे ही सोना पडा ।

रात मे सोने से पहले मा ने मुझे पापा से बात करवाने को बोला ,,,तो वो भी अकेले बेचैन परेशान थे और खाना खा कर सोये थे ।


मै भी बहुत थका था और रमन भैया के कमरे मे सोना था तो उनके बिस्तर पर सो गया ।

सुबह 5 बजे तड़के ही घर मे चहल पहल शुरु हो गयी थी ।
मै उठ कर बाहर आया तो पता चला कि निचे सिर्फ़ एक ही पाखाना है , जिससे सबको समस्या हो रही थी ।

लेकिन अब उसके लिए क्या ही कर सकते थे ।
जैसे तैसे पेट दबा कर और पिछवाडा टाइट रखके सबने निबटारा किया ।

बारी बारी से सारे लोग नहा लिये । मैने भी कपडे बदले और एक टीशर्ट और फुल लोवर पहन लिया,,जैसा कि मौसी ने रात मे समझाया था ।

थोडी देर बाद नास्ते के लिए सब हाल मे बैठे ,,लगभग सब कोई मोबाईल मे व्यस्त था ।
तभी धीरे धीरे एक एक करके घर की पूरी महिला मंडली नहा धो कर निचे आई।

तब जाकर मेरे मन मे वापस से सो चुकी वासना ने एक उबाल लिया ,,क्योकि मै खुद रमन भैया की शादी की तैयारियो मे व्यस्त हो गया था कि इसपे कभी ध्यान नही दे पाया और रात मे रमन भैया से बात करने मे ही सो गया था ।हालाँकि मैने उनके और मौसी के बिच के रिश्तो पर कोई बात नही की , क्योकि मुझे अनुमान था कि शायद मौसी को लेके रमन भैया को उतनी जान्कारि नही है जितनी मुझे है ।


उधर जैसे ही मेरी नजर तीन मोटे हिल्कोरे भरे कूल्हो पर गयी ,,,लण्ड एक बार मे ही टनं हो गया ।
मा मौसी और ममता बुआ ओह्ह्ह ये तीनो कम थी कि सोनल दीदी भी पटियाला सूट मे निचे आयी और उनके पीछे पल्लवि अह्ह्ह यरर कयामत उफ्फ़फ्फ उसके चुचो का उभार तो सोनल दीदी से ज्यादा भरा हुआ लग रहा था और चूड़ीदार सूट सलवार मे बाहर की निकले हुए कूल्हो का उभार

मैने जब पल्लवी पर नजर मारी तो उसने मुझे नही बलकी उसकी नजरे कही और थी । उसकी नजरो का पीछा किया तो देखा अनुज ,,,मेरा अनुज

मै मन मे - अबे साला गजब ,,, लौंडा बड़ा हो गया है ,हिहिहही ,,, देखना है कि बात बस इशारो तक ही है या आगे भी बढ़ी है कुछ

इधर हाल मे बाते शुरु हो गयी और मौसा जी ने बताया कि नाना , गीता बबिता और मामी आ रही है आज ही शाम तक । मुझे खुशी तो हुई लेकिन फिर ये सोच कर मन उदास भी हो गया कि किसी के साथ कोई मजा नही हो पायेगा ।
फिर घर भी तो छोटा है ।

फिर मैने सोचा क्यू ना घर मे भिड़ बढने से पहले ही कुछ जुगाड लगाया जाये । इस माहौल मे अगर कोई राजी हो सकता है तो वो सिर्फ रज्जो मौसी ही है । उन्ही के साथ कोई न कोई जुगाड फिट करता हू ।
थोडी देर बाद सब जेन्स लोगो के लिए नास्ता लगवाया गया ।
इधर नास्तो का दौर जारी था मगर एक ओर जहा मेरी नजरे पल्लवि और अनुज के आंखो के इशारेबाजी पर लगी थी ।
वही दुसरी ओर किचन मे खड़ी मौसी पर थी ,,मुझे उसने बात करनी थी ।

धीरे धीरे सारे लोग अपने अपने कामों में व्यस्त हो गये ।
अनुज रमन भैया जे साथ उनके दुकान चला गया ।
मौसा और राजन फूफा बगल के घर मे कोई काम से गये थे ,,शायद वहा कुछ खाना ब्नाने का और मिठाइया बनवाने का इन्तेजाम करवाना था ।

मै धीरे से रमन भैया के कमरे में चला गया और चाची जी के नासता करके जाने का इन्तजार किया ।

इधर धीरे धीरे करके सारे लोग उपर चले गये । किचन मे मा और मौसी दिखी

मै खुश होकर किचन मे गया

मै मौसी के कन्धे पर हाथ रखते हुए - ये क्या मौसी आपके रहते कोई मस्ती नही कर पा रहा हू मै

मा हस्ते हुए एक नजर हाल मे देखी कि कोई है तो नही और फिर मुझे हल्का मेरे पिछवाड़े पर चपट लगाते हुए - पागल है क्या तू ,,देख नही रहा क्या हालत यहा कि

रज्जो उखड़कर - हा बेटा,,मै तो खुद 2 दिन से परेशान हू ,,चाची जी वजह से घर की हालत देख ही रहा है ना

मै चहक कर - अरे तो रमन भैया के पास दुकान पर चली जाती हिहिहिही कोई बहाना करके हीही

रज्जो ह्स्ते हुए - बदमाश कही का , जबसे तेरे मौसा आये है उसके बाद से रमन और मै दुर दुर ही है समझा

मै - मतलब रमन भैया इतने संतोषी आदमी है
रज्जो तुनकते हुए - संतोषी क्या इसमे ,,जल्द ही उसे अपनी जवाँ बीवी मिलने वाली है तो उसको अपनी बूढ़ी मा की क्या जरुरत

मै मौसी को टोकता हुआ - खबरदार जो मेरी सेक्सी जानू की बुढ़ी बोला तो

मा और मौसी मेरी बात पर हसने लगी

मै थोडा जिद करते हुए - मौसी प्लीज कुछ करो ना ,, बहुत मन है

मेरे इतना बोलने की देरी थी कि चाची जी आवाज आई सीढ़ीओ से जो मौसी को ही बुला रही थी

रज्जो - देखा बेटा, तू समझ और थोडा

मा - हा बेटा यहा उचित जगह नही है और तू जिद ना कर ,,,

इधर इनकी बात खतम होती उससे पहले ही चाची जी किचन के दरवाजे पर आ गयी

चाची - अरे तुम लोगो को कुछ सुनाई देता है या नाही ,,,कबसे चिल्ला रही हू

रज्जो - हा चाची कहिये ,,वो हम लोग समान निकाल रहे थे ।

चाची - जरा एक ग्लास पानी देओ दुल्हीन ,
फिर मौसी ने लपक कर पानी उन्हे दिया

तभी चाची की नजर मुझपे गयी और बोली - अरे बिटवा तुमहू यहा हो ,,आओ जरा तुमसे कुछ काम है

मै चौका ,,मतलब मुझ्से क्या काम होगा इस बुढ़ी को

खैर मैने उनका सम्मान करते हुए उन्के साथ उपर हाल मे गया । फिर जब मैने उनसे बात की तो मुझे बहुत हसी भी आई और थोडा उनके भावनाओ के लिए आदर और बढ गया ।
मगर मैने भी उन्से हसी हसी मे एक शर्त रख दी जिसे उन्होने हसी खुशी कुबुल किया ।

फिर मै रज्जो मौसी को बोल कर निकल गया रमन भैया के पास

लेखक की जुबानी

एक ओर जहा राज अपनी तैयारियो मे व्यस्त था वही चमनपुरा मे रन्गिलाल अपनी दुकान पर बैठा बेचैन हुआ जा रहा था ।

कारण था पिछले 36 घन्टे से चुत का सुख नही मिल पाना ।
ऐसा नही था कि रागिनी के जाने के बाद उसने रात बिताने के लिए इन्तेजाम करने का नही सोचा था ,,,मगर चाहे विमला हो या रंजू ताई सबने मना कर दिया । सब शादियो के सीजन मे व्यस्त ही थे ।

दोपहर का वक़्त हो चला था और दुकानो के ग्राहको के रूप मे आती औरतो के चुचे निहारकर आहे भरने के सिवा कुछ नही कर सकता था । ऐसे बेचैनी के आलम में उसे राहत भरी दो बडी बडी चुचिया हिलती नजर आई और जब चेहरे पे ध्यान दिया तो देखा शकुन्तला खाने का झोला लिये रंगीलाल की दुकान की ओर बढ़ी हुई आ रही थी ।

रंगीलाल की आंखे चमक उठी और दिल बागबाग हो गया ।
उसने तय किया कि अब एक मात्र सहारा यही है ,,इसे ही निचे लाने का प्रयास करता हू ।

रन्गिलाल उठ कर शकुन्तला के स्वागत मे खड़ा हुआ - अरे भाभी जी आप यहा , अरे फोन कर देती मै किसी को भेज देता टिफ़िन लेने

फिर रंगीलाल उसको अन्दर रेस्टरूम मे आने को बोलता हुआ - आईए आईये अन्दर चलते है ,,,आप भी ना इतनी गर्मी मे
शकुन्तला हस्ते हुए -अरे नही देवर जी ,,घर पर खाली ही थी तो सोचा थोडा टहल लू इसी बहाने वजन कम हो जायेगा हिहिही

रंगीलाल गलियारे मे रुक कर शकुन्तला की ओर घूम कर - क्या बात कर रही है भाभी आप भी ,,, आप तो पहले से ही चुस्त दुरुस्त है फिर आपको क्या जरुरत

शकुन्तला अपनी तारिफ सुन कर थोडा शर्मायी और हस्ते हुए - अरे अब आपको क्या पता मेरे कपडे इस उम्र मे भी छोटे हो रहे है हिहिही

अब तक दोनो रेस्टरूम मे आ चुके थे और रंगीलाल हस कर शकुन्तला को इशारो मे कुछ याद दिलाता हुआ - क्या भाभी मुझे पता है कि कौन से कपडे छोटे हुए थे आपके ,,,आप मेरा मजा ले रही है ना

रन्गिलाल की बात सुन कर शकुन्तला शर्म से झेप सी जाती है और उसे वो शाम याद आती है जब रन्गिलाल ने उसकी पैंटी का लेबल खोजा था ।

शकुन्तला हस कर - धत्त देवर जी आप भी ना , क्या क्या बात लेके शुरु हो गये आप हिहिहिही

रंगीलाल हस कर - मुझे लगा आप ही मुझसे मजाक कर रही थी ,,,,नही तो मेरे हिसाब से आप बहुत फिट और मस्त है

अब तक हसी मजाक के माहौल से शकुन्तला को भी मजा आ रहा था तो उसे लगा रंगीलाल ने कुछ दोहरे मतलब से वो शब्द बोला इसिलिए वो उन्हे दुहराती हुई सवाल कर देती है ।

शकुन्तला - आपके हिसाब से मतलब ???

रंगीलाल हस कर - मतलब मुझे तो लगता है आप बहुत फिट है और सारा काम भागा दौडी कर सकती है तो आपको वजन कम करने की जरुरत नही लगती

शकुन्त्ला मुस्कुरा कर - अच्चा सच मे यही मतलब था या

रंगीलाल - अब और क्या मतलब हो सकता है जो आप सोच रही है ,,,,बताईये

शकुन्तला की हालत अब खराब होने लगी क्योकि रन्गिलाल ने उसे उस्के ही सवालो मे फास दिया ,,,इसिलिए वो जवाब देने के बजाय हस उस बात को टाल दी ।

फिर रंगीलाल ने खाना खाया

रंगीलाल - सच मे भाभी आपके हाथो मे जादू है ,,खाना बहुत ही अच्छा था

शकुन्तला हस कर - फिर तो ये बात मुझे मेरी बहू से कहनी पड़ेगी ,,आखिर खाना उसी ने तो ब्नाया था

रंगीलाल हस कर - जो भी हो लेकिन खाने मे स्वाद आपके हाथ में आने ही बढ गया

शकुन्त्ला समझ गयी कि रंगिलाल उसे लपेट रहा है इसिलिए वो मूद्दे की बात पर आई - अब मक्खन लगाना छोडिए और ये बताईए कि रात के खाने मे क्या बनवाउ

रंगीलाल - अब जो भी लाईये ,,लेकिन मुझे तो आपके हाथ का बना खाना खाने की इच्छा है

शकुन्तला अब तो धर्मसंकट मे पड गयी क्योकि घर पर काजल उसे खाना बनाने नही देती और रन्गिलाल उसके हाथ का ही बना खाना खाएगा

तो मजबुरन माफी मागते हुए शकुन्तला ने अपनी परिस्थिती को रंगीलाल के सामने रखा

रंगीलाल - अरे ऐसी बात है तो आज रात मे आप मेरे घर ही खाना बना दीजिये हिहिहिही

शकुन्त्ला तो विस्मय व्यक्त करते हुए - हा वो तो ठिक है लेकिन क्या ये उचित होगा ,,मतलब आपके घर पर अकेले है इस समय और आप तो जानते ही है मेरे बारे आस पास के लोगो का बाते होती है ।


शकुन्तला की बात सुन कर रंगीलाल ने थोडा विचार किया और बोला - देखीये भाभी जी मुझे नही पता लोग आपको लेके क्या विचार रख रहे है और क्यू??? लेकिन आप मेरे घर आये तो ना मुझे या मेरे परिवार मे किसी को कोई आपत्ति होगी ,, अगर आपको अनुचित लग रहा हो तो मै रागिनी से बोल दूंगा

शकुन्त्ला रन्गिलाल की बाते सुन कर थोडी शांत होती हूइ - अरे नही नही उसकी जरुरत नही है ,,मै आ जाऊंगी

फिर शकुनत्ला अपना झोला लेके घर निकल गयी लेकिन रंगीलाल के दिमाग मे एक सवाल छोड गयी कि इन दिनो शकुन्तला को लेके क्या बाते चल रही है उस मुहल्ले मे और क्यू ? फिर रागिनी ने भी कुछ नही बताया ,,आखिर क्या बात होगी ?

जारी रहेगी
Bahut hi umda update mitra... Raj ke aane se mahaul kafi khushnuma ho gaya hai ab aage dekhte hain kya kya hone wala hai... Baki rangilal ka kya paintara hoga shakuntala ke liye ye bhi dilchasp hoga..
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bahut hi umda update mitra... Raj ke aane se mahaul kafi khushnuma ho gaya hai ab aage dekhte hain kya kya hone wala hai... Baki rangilal ka kya paintara hoga shakuntala ke liye ye bhi dilchasp hoga..
Thank you so much bhai
 

Sanju@

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UPDATE 119

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पिछले अपडेट मे आपने पढा जहा एक ओर पल्लवि ने अनुज से साथ बंद कमरे मे मनमानी कर ली और वही उपर के कमरे मे रज्जो ने भी अपनी योजना मे कामयाबी पाते हुए अपने जीवन के पहले दमदार थ्रीसम का मजा ले लिया । देखते है अब आगे क्या होने वाला है


उपर के कमरे मे टीवी अपने फुल वैलुम पर चल रहा था और रज्जो राजन कमलनाथ फर्श पर बिस्तर का टेक लिये बैठे अपनी सासे बराबर किये जा रहे थे ।

कमलनाथ बगल मे बैठी रज्जो की जांघो पर हाथ घुमात हुआ - तो जान एक और बार

तबतक राजन जिसे कबसे ममता की फ़िकर हो रही थी वो कमलनाथ को रोकता हुआ - नही भाईसाहब आप लोग लगे रहिये हिहिहिही ,,मै जा रहा हू वो ममता पता नही सोई होगी भी या नही

राजन की बात पर कमलनाथ ने सहमती दिखाई और फिर राजन अपना कपड़ा पहन कर अपने कमरे मे चला गया ।

रज्जो मुस्कुरा कर कमलनाथ के कंधे पर अपना सर टिकाते हुए - तो कर ही ली ना अपने मन की आपने हुउउऊ

कमलनाथ हस कर - मै कर ली कि तुने हम्म्म

रज्जो कमलनाथ की बात पर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ - तो मजा आया अपने नंदोई का लण्ड लेके

रज्जो मुस्कुरा कर - क्यू आपको नही मजा आया क्या अपने बन्होई के साथ मुझे चोदने मे हुउऊ

कमलनाथ रज्जो को अपनी बाहो मे कसता हुआ - बहुत ज्यादा मजा आया मेरी जान,,, लेकिन
रज्जो आंखे उपर कर - लेकिन क्या

कमलनाथ - तू तो मन की कर ली अब मेरा भी तो सोच ना

कमलनाथ रज्जो की चुची को सहलाता हुआ बोला
रज्जो सिस्कते हुए- उह्ह्ह मिलेगा ना मेरे राजा थोडा सबर तो करो उम्म्ंम्ं आह्ह

कमलनाथ रज्जो की चुची को मिजता हुआ - सबर ही तो नही हो रहा है मेरी जान,,,इसको देख रही हो न

कमलनाथ रज्जो को अपने खडे होते लण्ड को दिखाता है

रज्जो तुरंत हाथ बढा कर अपने पति के लण्ड को सहलाने लगती है - ओह्ह्ह इसका इलाज तो है ही मेरे पास

ये बोल कर रज्जो कमलनाथ के लण्ड को मुह मे भर लेती है और वो दोनो चुदाई के अगले राउंड की भुमिका लिखने लगते है ।

वही राजन अपने कमरे मे जाता है तो देखता है कि उसकी ममता ब्लाउज पेतिकोट मे टाँगे फेक कर लेती हुई है और उसका हाथ उसकी जांघो पर है और पेतिकोट का चुत के पास वाला हिस्स्सा अभी भी गिला है । जिसे देखकर राजन समझ जाता है कि ममता कीतनी गर्म थी चुदाई के लिए,,,उसे थोडा अफसोस भी होता है कि उस वक़्त वो अपनी बीवी के साथ मौजुद नही था ।। फिर वो मुस्कुरा कर ममता के कप्डे सही करता है और उसके गुलाबी गालो चूम कर उससे चिपक कर सो जाता है ।

सुबह पहले ममता की नीद खुलती है तो वो अपने उपर हाथ फेकर सोये अपने पति को सोता देख मुस्कुराती हुई मन मे बुदबुदाती है - इनको देखो ,,जब चिपकना तब नही आये और अब छोड नही रहे

फिर बडी कसमसा कर ममता राजन के कैद से आजाद होती है और अपनी ब्लाउज पेतिकोट सही करते हुए अपने कपडे लेके उपर चली जाती है ।

इधर थोडी देर बाद रज्जो की नीद खुलती है और वो भी बाथरूम मे ही फ्रेश होने चली जाती है मगर कपडे धुलने और नहाने के लिए उसे उपर ही जाना पड़ता है तो वो भी ब्लाऊज पेतिकोट मे ही अपने कपडे लेके उपर चली जाती है ।

जहा ममता फ्रेश होकर नहाने जा रही थी और कपडे धुल चुकी थी । उसके बदन पर उसका पेतिकोट ही था ।
इधर रज्जो दरवाजे पर आकर अंदर बाथरूम का नाजारा देखकर - हाय्य्य कितनी बडी गाड़ है तेरी ममता ,,काश मेरे पास तेरे भैया जैसा हथियार होता तो अभी चोद देती

ममता अपने भाभी की आवाज सुन कर पहले चौकी और फिर उसके बातो को समझकर हस्ते हुए - छीईई भाभी क्या आप भी सुबह सुबह ,,,लग रहा है भैया ने सुबह वाला नासता कर ही लिया हिहिहिहिही।

रज्जो बाथरूम मे घुसते हुए हस कर - हा री ममता ,,, कसम से ऐसा चोदते है तेरे भैया कि सीढिया चढ़ पाना मुश्किल हो जाता है हिहिहिहिही

ममता हसते हुए अपने कपडे निचोड कर बालटी मे रखते हुए - इसमे भैया का क्या दोष ,,,खुजली तो आपको ही रहती है ना भाभी हिहिहिही

रज्जो - सारा दोष तेरे भैया का ही तो है

ममता ह्स कर - वो क्यू भला
रज्जो - इतना मोटा मुसल होता है किसी का भला ,,,घुस जाये तो भोसडा बना के ही बाहर आता है चाहे चुत हो या गाड

रज्जो की बाते सुन कर ममता मन ही मन अपने भैया के साथ हुई पहली चुदाई को याद करते हुए उसकी चुत कुलबुलाने लगती है
मगर फिर अपने भावो को छुपाते हुए हस कर - फिर तो आप बडी किस्मत वाली हो भाभी हिहिहिही

रज्जो मुस्कुराते हुए - हा किस्मत तो मेरी अच्छी है ही ,,नही तो तुझे पता होता तो तु तो पहले ही कब्जा कर लेती

ममता हस कर - भला मै ऐसा क्यू करती भाभी ,,,वो मेरे भैया है हिहिहिही

रज्जो ने मौका देख के ममता की कुलबुलाती चुत पर पेतिकोट के उपर से हाथ रखते हुए उसे टटोलने लगी ।

रज्जो - इसे थोडी ना पता चलेगा कि भईया का ले रही है कि सईया का

ममता रज्जो के स्पर्श से कसमसाने लगी और सिस्कते हुए हस कर - हा लेकिन भैया का ज्यादा मोटा है ना भाभी उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

रज्जो तुरंत भाप गयी कि ममता पहले ही देख चुकी है अपने भैया का लण्ड तो उसने वापस अपने उंगलियो को उसकी पिच्पिचाती चुत पर फिराया और बोली - मतलब समान पहले ही देख चुकी हो ना ,,

ममता चौकी और समझ गयी कि उसकी चोरी पकड़ी गयी तो मुस्कुरा कर शरमाने लगी
रज्जो ममता के चेहरे के भावो को पढते हुए - ओह्हो फिर तो घोट भी चुकी होगी अपने भैया का लण्ड हम्म्म्म

ममता शर्माते हुए - धत्त भाभी आप भी ना ,,,छोडो मुझे

रज्जो वापस से ममता की बाजू पकड कर उसे बाथरूम के दिवाल से लगाकर उससे सट कर खड़ी हो गयी और अपना हाथ उसके चुत पर अच्छे से घुमाते हुए - अरे सुन तो ,,, कभी देख कर ऊँगली की है या नही ,

ममता रज्जो की बात पर मुह फेर कर हसे जा रही थी
तो रज्जो वापस उस्से कबूलवाते हुए - हे बोल ना ,,,किया है या नही

ममता हसते हुए रज्जो को अपने से दुर करती हुई - ओह्ह्ह भाभी आप भी ना हटो मुझे नहाना

रज्जो शर्त रखते हुए - तू सच बोल दे तो मै छोड दूँगी हिहिहिबी

ममता को पहले से ही रज्जो के गुदाज बदन का भार अपने उपर मह्सुस करके गुदगुदी सी हो रही थी और वही उसकी चुत पर भी रज्जो का कब्जा था तो वो कस्मसा कर - आह्ह भाभी मै अगर नही बोलूंगी तो क्या आप मान जाओगी ,,,,

रज्जो ने मुस्कराते हुए ना मे सर हिलाया
ममता हसकर - तो फिर हा, मैने ऊँगली की है ,,,बस्स खुश हिहिहिहिहिही

ममता के रेस्पोंस पर रज्जो उसे एक टक देख कर मुस्कराने लगी ।
ममता उसकी आँखो मे देखते हुए हसने लगी - हिहिहिही अब क्या भाभी ,,,छोडो ना मुझे

रज्जो मुस्कुरा कर - ऐसे कैसे छोड दू ,,पहले ये तो बताओ कब किया था हिहिहिही

ममता चौकी और हसते हुए रज्जो के सीने पर हाथ रख उसे धकेलने लगी - हिहिही नही भाभी अब और कुछ नही

रज्जो ममता से अलग होकर - ठिक है फिर मै तेरे भैया को बता दूंगी कि उनकी बहन ने क्या क्या किया है उन्के पीठ पीछे ।

ममता तो पहले ही अपने भैया का लण्ड घोट चुकी थी तो वो बेफिकर होकर बोली - हा बोल दो आप हिहिही हा नही तो

ये बोल कर उसने रज्जो को बाथरूम से बाहर किया और फिर नहा कर बाहर निकाली ।
तो छत पर राजन कमलनाथ ब्रश करते हुए रज्जो से बाते कर रहे थे ।

रज्जो ने इस वक्त एक दुपट्टा लिये हुए थी ।
इधर जैसे ही ममता ब्लाऊज पेतिकोट मे बाहर आयी तो रज्जो फौरन बाथरूम की ओर चल दी ।

रज्जो ममता के पास जाकर कमलनाथ को आवाज देते हुए - रमन के पापा ,,,जरा इधर आईयेगा कुछ बताना है आपको

तो कमलनाथ राजन को भी साथ लेके आने लगा
ममता ने जैसे ही राजन को साथ आते देखा वो चौकी ।

ममता रज्जो से ना मे सर हिलाते हुए विनती करने लगी तो रज्जो ने हस कर - फिर सब ब्ताओगी ना मुझे

ममता ने जो बात मजाक मे शुरु की थी अब वो खुद अपने मजाक का शिकार हो चुकी थी । ममता आखिर क्या ही बताती जब उसने ऐसा कुछ किया ही नही ,,,हालकि वो अपने भैया से चुद चुकी थी ।

हार कर ममता ने बचने के लिए हा मे गरदन हिला दिया लेकिन तबतक कमलनाथ और राजन वहा आ गये ।

राजन - हा भाभी जी कहिये
रज्जो हस कर - आप रमन के पापा है हिहिहिही

राजन रज्जो का मजाक समझ गया और हसते हुए कमलनाथ को देखा ।
कमलनाथ - हा बोलो रज्जो क्या हुआ ???

रज्जो एक नजर ममता को देखती है और मुस्कुराते हुए कहती है - वो ममता कह रही थी किईईई

ममता की हालात अब खराब हो चुकी थी क्योकि वो अपने मुह्फट भाभी की हरकतो से वाकिफ थी ।

कमलनाथ - हा क्या बात है ममता बोल

ममता क्या ही बोलती तो रज्जो हस्ते हुए - अरे वो कह रही थी कि दो दिन बाद से सारे मेहमान आने लगेंगे तो इतने ज्यादा लोगो के लिए एक साथ खाना कैसे बनेगा ।

कमलनाथ - हम्म्म फिर
रज्जो - फिर क्या ,,,अरे टेन्ट वालो के यहा से बडे वाले बर्तन मगवा लिजिए आज और चूल्हा भी । फिर मंडी से सब्जी राशन भी तो लाना पडेगा ,,उपर से एक भंडारी भी करना पडेगा क्योकि इतना सारा काम .....


कमलनाथ हस कर - बस बस,मै समझ गया ,,सब यही बाथरूम के बाहर ही डिस्कस कर लो

रज्जो को भी ध्यान आया तो वो नास्ते के बाद बात करने का बोल के बाथरूम में चली गयी ।
इधर ममता भी कपडे डाल कर जैसे ही निचे गयी फौरन कमलनाथ ने दरवाजा खटखटाया

अन्दर रज्जो नंगी होकर कपडे धुल रही थी

रज्जो - हा कौन है
कमलनाथ दरवाजे के पास आकर धीमी आवाज मे - अरे मै हू जानू ,,दरवाजा खोलो

ये बोल कर कमलनाथ ने बगल मे खडे राजन को आंख मारी तो वो भी समझ गया कि क्या प्लान है ।


रज्जो - अरे क्या आप भी सुबह सुबह,,,, मुझे बहुत काम है और आपको वही सूझ रहा है ।

राजन हसकर - अरे भाभी जी हमे कुल्ला करना है ,खोलिये जरा

रज्जो बेबस होकर उथी और तौलिया लपेटकर धीरे से दरवाजे के ओट मे दरवाजा खोला ।

मौका मिलते ही राजन और कमलनाथ बिना कोई देरी के एक साथ बाथरूम मे घुस गये । डर तो उन्हे था ही नही क्योकि जीने का दरवाजा कमल्नाथ पहले ही बंद कर चुका था ।

अन्दर आकर दोनो बेसिन पर कुल्ला कर रहे थे
रज्जो दरवाजे के पीछे खड़ी होकर उन्हे देखे जा रही थी - हो गया आप लोगो का ,,जल्दी जाईये बाहर

दोनो इस वक़्त फुल बनियान और पाजामे मे थे ।
दरवाजे के पास जाते ही कमलनाथ ने झटक कर दरवाजा अंदर से बंद कर दिया ।

रज्जो समझ गयी अब उसकी बजने वाली है ।
रज्जो हस कर - नहीं नही प्लीज रमन के पापा ,, मुझे आज बहुत काम है ।

कमलनाथ अपने खडे होते लण्ड को पाजामे के उपर से भिचते हुए रज्जो के पास जाने लगता है

कमलनाथ - अरे मान जाओ ना मेरी जान,,,देखो सुबह सुबह मना ना करो
ये बोल कर वो रज्जो का तौलिया खिच देता और रज्जो पूरी नंगी हो जाती है ।

मूड तो रज्जो का भी था क्योकि क्या पता रात मे राजन के साथ कोई संयोग बने या ना बने
इसिलिए वो भी अपने हाथ को अपने पति के लण्ड पर रख कर उसे भीचते हुए - ओह्ह्ह मतलब मानोगे नही आप लोग

कमलनाथ रज्जो की नंगी चुचीयो को सहलाते हुए - अह्ह्ह जान जाओ ना निचे

फिर रज्जो मुस्कुराते हुए अपने पति के कदमो मे बैठ गयी और उसका पैजमा खोल कर लण्ड चूसने लगी ।

वही राजन खडे अपना पैजामा खोल कर लण्ड सहला रहा था ।
रज्जो की नजर जब उसपे गयी तो वो कमलनाथ का लण्ड मुह से निकालते हुए - अब उतनी दुर नही आने वाली मै ,,,

राजन समझ गया और कमलनाथ के बगल मे खड़ा हो गया ।
रज्जो ने तुरंत उसके लण्ड को मुह मे भर कर उसे चुसते हुए अपने पति का लण्ड सहलाने लगी ।
फिर बारी बारी लंडो की बदली करके चुस्ती रही और फिर दोनो के कल रात की तरह खडे खडे ही चुदवा कर नहा कर निचे चली गयी ।

फिर वो दोनो जीजा साले भी नहा कर निचे नास्ते के लिए
नाश्ते के टेबल पर अलग ही आंख मिचौली हो रही अनुज और पल्लवि मे । कल रात के बाद से अनुज मे अब काफी हिम्मत आ गयी थी और वो अब उसका डर भी कम होने लगा था । फिर वो सतर्क रहने की कोशिस मे था कि कही कोई उसे गलत इशारे या हरकत करते देख ना ले ।
इधर नास्ते के बाद हाल मे सब लोगो ने आपस मे चर्चा करने लगे कि आगे क्या होना ।

रज्जो कमलनाथ से - ऐसा है रमन के पापा ,,आप आज ही जाईये और ये बर्तन चूल्हे मगवा लिजिए ,,,कल सुबह ही मंडी से ताजी सब्जियां आ जायेगी ।
कमलनाथ - हा ठिक है भाई अभी चला जा रहा हू और तुम वो मेहमानो के लिए कमरे बिस्तर की व्यवस्था देख लो ।

रज्जो - उसकी चिंता आप मत करिये ,,बस आज की बात है बाकी कल से सारे मर्द निचे रहेंगे और औरतो के लिए उपर व्यव्स्था कर दी जायेगी

रज्जो की बात पर राजन और कमलनाथ चौके साथ ही अनुज और पल्लवि भी ।
वही ममता की हालत और भी खराब होने लगी क्योकि उसने तो कबसे लण्ड नही लिया था । उसके चुत की कुलबुलाहट और बढ गयी थी ।

मगर बच्चो के सामने किसी ने भी अपने विचार नही रखे और सब चुप रहे ।
इधर थोडी देर बाद कमलनाथ राजन को लिवा कर निकल गया बाजार की ओर । वही अनुज रमन के साथ दुकान चला गया ।

रज्जो - सोनल बेटा हमारी साड़ियो मे फाल लगा दिये तुने की नही

सोनल - अहह नही मौसी ,, अभी कुछ बाकी है आज मै सारा काम कर दूँगी

ममता - अरे तो तू अकेले करती ही क्यू है ,,इस पल्ली को भी तो बोल दे ना ,,बस खा के बैठी रहती है

सोनल हस कर पल्लवि के कन्धे को थामते हुए - अरे नही बुआ ,,,पल्लवि तो मेरी बहुत मदद करती है उसने तो अब सिलाई भी थोडी बहुत सिख ली है हिहिहिही

रज्जो - अच्छा ठिक है तुम दोनो ये काम खतम कर लो फिर दोपहर का खाना भी बनाना ,,,,और ममता आ चल मेरे साथ तू

ममता - हा भाभी चलो
इधर ये दोनो भी उपर चले गये और सभी लोग अपने अपने कामों में लग गए ।
एक तरफ जहा ये सब सुबह सुबह भागा दौडी हो रही थी ,,वही चमनपुरा मे भी एक के बाद एक मस्तिया आगे पीछे रेस लगा रही थी ।


राज की जुबानी

हर सुबह की तरह आज की भी सुबह मेरी बहुत अच्छी हुई । मा के हाथ गरमा गरम नासता और फिर उनके गुदाज बदन को पीछे से पकड कर हग किया और फिर अपने रोज मर्रा के कामो मे व्यस्त हो गया ।

दुकान पर आने के एक घन्टे के बाद ही काजल भाभी का फोन आ गया
मै चहक उठा और तुरंत फोन उठा लिया

फोन पर

मै - गुड मॉर्निंग भाभी ,,कैसी है आप
काजल हसी भरी खनक के साथ - गुड मॉर्निंग बाबू ,, मै अच्छी हू आप बतातिये
मै - मै भी एकदम आपके जैसे हू ,,,एकदम मस्त हिहिहिही

काजल मेरे डबल मिनिंग जोक को समझ गयी और हस्ते हुए - अच्छा मै आप को मस्त दिखती हू हा ,,, शर्म नही आती हीरो, हम्म्म्म , बड़ो से ऐसे बाते करते हुए ,बोलिए

मै - इसमे शर्माना क्या है, अब अपनी भाभी से हसी मजाक ना करू तो किस्से करू ,,बोलो

काजल - बस बस रहने दीजिये ,, अभी मै ग्राहक बन के बात करने आयी हू ,समझे हिहिहिजी

मै भी उनका मतलब समझ गया तो थोडा अपनी पेशेवर शैली का प्रयोग करते हुए - जी मैम, तो कब तक आपका समान लेके आ जाऊ मै

काजल - हम्म्म तो आप 1 बजे के करीब आ जाईये

मै - जी मैम ,, मेरे लिए कोई और सेवा
काजल - जी अभी तो नही ,,हा कुछ जरुरी होगा तो मै बता दूंगी ,,

मै -जी धन्यवाद , तो मै रखू मैम
काजल खिलखिलाती हुई - हा ठिक है रखिये,,, और याद रहे लेट ना करना बाबू , नही तो वो मममी जी आ जायेंगी तोओओ

मै हस कर - तो अभी लेके आ जाऊ क्या
काजल चहक कर - अरे नही नही ,,,अभी तो मम्मी जी है ,,अभी जायेंगी 12 बजे तक फिर मै आपको फोन कर दूँगी

मै हस कर - ओके भाभी जी हिहिहिही
काजल को मेरे हस्ने पर अपने चहकपने का ख्याल आया और शर्माने लगी ,- अच्छा ठिक हसो मत ,,,बाय ओके

मै - हा ओके बाय

मैने वापस फोन रख दिया और दुकान के कामो मे लग गया ।
थोडी देर बाद मा खाना लेके आयी तो मै पहले पापा को खाना दे दिया और फिर खुद भी खा लिया ।

फिर समय देखता रहा और करिब सवा 12 बजे काजल भाभी ने मिस्काल मारा जिससे मेरी छ्टपटाहट बढ गयी कि मुझे जल्द से जल्द चौराहे पर जाना है । पहले तो मैने सोचा कि इसके लिए भी मा से बहाना बना दू कोई मगर दुकान से वो समान और फिर कही मान लो भाभी ने जिक्र कर दिया कि मै आया था उन्के यहा तो मा को बुरा लगेगा ।
इसलिए मै तय किया कि इस मामले पर मै मा से कुछ नही छिपाने वाला हू ।

मै - अच्छा मा मै जरा चौराहे पर से आता हू ,,ये समान काजल भाभी को देना है

मा वो थैली देख कर अचरज से बोली - अरे इसमे क्या है और तू क्यू परेशान हो रहा है मै अभी शाम को जाऊंगी तो दे दूँगी ना

मै हस कर - वो इसी हफते रोहन भैया आ रहे हैं ना तो भाभी जी कुछ स्टाइलिश ब्रा पैंटी ली है ,,, और वो नही चाहती कि ये बात उनकी सास यानी कि बडी मम्मी को पता हो हिहिहिही
मा मुह पर हाथ रख कर हसते हुए - अच्छा वो इतनी शर्मिली है फिर उसने तुझसे ये सब बोल दिया लाने को हम्म्म

मै खड़ा खड़ा खिखियाने लगा
मा - सच सच बोल इसमे भी तेरी ही कोई चाल होगी ,,,, कही तू काजल बहू को लपेट तो नही रहा

मै हस कर - क्या मा आप भी ,,,आप जानती है ना उनको और मै क्यू करूँगा उनपे ट्राई जब मेरे पास घर का इतना मस्त गदराया हुआ माल है
ये बोल कर मैने मा को आंख मारी

मा शर्मा कर - अच्छा ठिक है ,,जा और जल्दी आना , मुझे परसो की तैयारी करनी है

मै - वो किस बात के लिए
मा - भूल गया ,,,परसो मै और तू चल रहे है ना रज्जो दीदी के यहा

मै - हा लेकिन पापा
मा - वो क्या है आजकल चोरिया बहुत हो रही है और एक तो सोनल की शादी की सारी खरीदारी और गहने खरीदे जा चुके है तो डर बना रहेगा ,,,इसिलिए तेरे पापा ने मना कर दिया

मै भी थोडा गम्भीर होकर - अच्छा ठिक है लेकिन पापा के खाने पीने का क्या होगा

मा - वो मैने शकुन्तला जीजी को बोला है ,वो देख लेंगी 3 4 दिनो की बात रहेगी

मै - अच्छा फिर तो ठिक है ,,तो मै जाऊ

मा - हा जल्दी जा ,,, और रिक्शा कर लेना बेटा बहुत धूप है

मै खुश होकर - ठिक है मा ,,आता हू अभी

फिर मै खुशी खुशी निकल गया और मार्केट से बाहर मेन रोड से मैने एक ई-रिक्शा किया और चौराहे की ओर चल दिया ।

मै बहुत ही उत्साह से भरा हुआ था और कौतूहल बश मन मे नये नये विचारो को तैयार कर रहा था कि कैसे भी करके काजल भाभी से सेक्स वाले टोपिक पर बात छेड़नी ही है ।

थोडी देर बाद मै चौराहे वाले घर के पास आ गया और रिक्से से उतर कर पैदल ही काजल भाभी के घर की ओर चल दिया ।
अगले कुछ ही पलो मे मै उनके गेट से होकर दरवाजे पर खड़ा हो गया और बेल बजा दी ।

तभी मुझे पैरो की धम्म धम्म और पायलो की तेज छन छन सुनाई दी । मै समझ गया कि भाभी ही है तो उत्साही होकर तेजी से दरवाजे की ओर भागी आ रही है ।

तभी दरवाजा खुला और सामने काजल भाभी एक जामुनी पिंक साडी मे थी और क्या मस्त दिख रही थी याररर

मै एक नजर निचे से उपर की ओर मारा और फिर उसके मुस्कुराते चेहरे को देख के - नमस्ते भाभी

भाभी मुस्कुराते हुए - नम्स्ते बाबू ,,,आईये अंदर आईये

मै भी खुशी खुशी अन्दर जाता हू । मै पहली बार काजल भाभी के घर मे घुसा था ।
गलियारे से होकर लगातार दो कमरे पास करने के बाद हम एक हालनुमा आँगन मे पहुचे , जहा एक ओर जीना लगा उपर जाने के लिए, वही जीने के निचे ही छोटा सा आँगन था । एक तरफ चौकी लगी थी ।
भाभी ने मुझे उसी चौकी पर बैठने को कहा और खुद हाल से लगे एक कमरे मे चली गयी जो शायद किचन था ।

जब तक वो आती तब तक मै नजरे घुमा कर उनके घर का जायजा लेने लगा ।
फिर भाभी एक ट्रे मे पानी और काजू कतली वाली मिठाई लेके आयी

हालांकि काजू कतली देख के मुह में लार भरने लगा लेकिन फिर भी नैतिकता के नाते मैने उन्हे टोका - अरे भाभी आप क्यू परेसान हो रही है इसके लिए ,,,मै तो अभी खाना खा कर ही आ रहा हू

भाभी मुस्कुरा कर चौकी पर ही मेरे बगल मे ट्रे रखते हुए - अरे ऐसे कैसे ,,,पहली बार हमारे घर आये हैं तो खातिरदारि करनी ही पड़ेगी ना हिहिहिही ,,,लिजिए पानी पिजिये ।

मै भी हस्ते हुए एक काजू कतली उठाया और बातो ही बातो मे 4 पिस कब मुह मे घुल गये पता ही नही चला ।
पानी पीने के बाद मैने थैली से भाभी का पैकेट निकाल कर उन्हे देते हुए

मै - हा लिजिए भाभी जी आपका सामान
एक बार चेक कर लिजिए
भाभी मुस्कुरा कर - अरे कोई बात नही मै बाद मे देख लूंगी

काजल के मना करने पर मैने एक दाव खेला और उनहे बातो मे उलझाने की कोसिस की
मै - अरे भाभी एक बार चेक कर लिजिए ,,नही तो कही साइज़ का दिक्क.... और फिर बडी मम्मी भी तो आ जायेगी ना

भाभी मेरी बातो को सोच कर अपनी झिझक को कम करते हुए मेरे सामने ही पैकेट खोल कर ब्रा पैंटी बाहर निकाली

अपनी मनपसंद ब्रा पैंटी देख कर काजल की आंखे चमक उठी, उसने बारी बारी से एक एक ब्रा पैंटी को अच्छे से देखा और फिर भाग कर एक कमरे मे गयी और वापस एक ब्रा लेके आयी

पहले तो मै कुछ समझ नही पाया ,,मगर अगले ही पल सब क्लियर हो गया । भाभी वो ब्रा इसिलिए लाई थी ताकी उसकी साइज़ माप सके ।

मुझे आभास हो गया कि बाकी लोगो की तरह यहा दाल नही गल्ने वाली मेरी ,, यहा मै काजल को ब्रा पैंटी ट्राई करने के लिए कहने वाला था ,,,मगर वो मुझसे भी एक कदम आगे निकली

भाभी - सब सही ही तो है, देखा बुद्दु कही के हिहिहिही

मै - अरे अच्छा हुआ ना ,,नही तो आपको परेशान होना पड़ता ,,, अच्छा ठिक तो मै चलू

काजल - अरे बैठे ना बाबू ,,, खाना खा लो फिर जाना
मै - अरे नही नही भाभी जी मै खा के आया हू ,,,मै अब चलता हू और हा !!!

मै - अगर आपको और कुछ चाहिये होगा तो बता दीजिये ,,, मार्केट से या फिर ऑनलाइन कोई समान ,,,मै ला दूँगा

काजल मेरी बात सुन कर मुस्कुराते हुए - नही बाबू अभी कुछ नही चाहिये ,,,हा लेकिन एक सामान था जो मुझे मगाना था । मगर

मै - अरे आप बोलिए ना मै लेते आऊंगा

काजल - वो एक ऑनलाइन प्रॉडक्ट था ,,क्या आप उसे अपने पते पर मागा लेंगे ,, वो क्या है कि अगर मै घर पर मागा लूंगी तो मा जी है वो जरा पुछेगी ना इसिलिए


मै कुछ सोचा और मुस्कुरा कर - अच्छा कोई स्पैशल ड्रेस व्रेस है क्या हिहिहिही

भाभी मुस्कुरा कर थोडा हिचक कर - हा मतलब ऐसा ही कुछ है , तो मै ऑर्डर कर दू ,कल शाम को आ जायेगा

मै - हा हा क्यू नही ,,, मेरा नम्बर डाल दीजियेगा , बाकी पता तो यही ही रहेगा हिहिहिही आस पास ही तो है हम लोग

काजल मुस्कुराकर - अरे हा
मै - तो ठिक है ,,अब मै चलता हू , मा दुकान पर अकेली है

फिर मै वहा से विदा होकर निकल गया दुकान की ओर


लेखक की जुबानी

एक ओर जहां चमनपुरा मे राज काजल भाभी से नजदीकिया बढ़ाने मे लगा था ,,,वही जानीपुर मे रज्जो ममता से उसके किस्से उगलवाने मे लगी थी ।

उपर स्टोर रूम मे रज्जो और ममता कुछ बिछावन , तकिये निकाल रहेथे ,,जिन्हे धुप मे डाल कर उनका ऊमस और महक दुर की जा सके ।

रज्जो कुछ बिस्तर लेके जीने की सीढि से उपर जाने लगी और ममता उसके पीछे पीछे कुछ तकिये बिछावन लेके चल रही थी । सीढिया चढ़ते वक़्त उसकी नजर हिच्कोले खाती रज्जो की बडी बडी चुतडो पर गयी तो उसे एक शरारत सुझी

उसने सर पर रखे तकिये के कोने से रज्जो की गाड़ पर कोचा और खिलखिलाने लगी

रज्जो समझ गयी की ममता मस्ती के मूड मे है ।

रज्जो - ओह्ह हो क्या कर रही हैं ममता तू ,,

ममता हस्ते हुए - सोच रही हू आपके इस लचकते कुल्हे को देख के जब मेरा मन मचल गया तो मेरे भैया का क्या हाल होता होगा

रज्जो तो मानो इसी मौके की तालाश मे थी उसने मानो अपना जवाब तैयार ही रखा था ।
रज्जो - अरे लचक मटक तो रहेगी ही ना ,,,जब तेरे भैया रोज मेरी मारते समय तेरा ही नाम लेते है ,,,अह्ह्ह ममता ,,उह्ह्ह्ं ममता तेरी गाड अह्ह्ह ,,,हिहिहिजिही
ये बोल कर रज्जो खिलखिलाई और उपर छत पर आ गयी थी

ममता हस्ते हुए रज्जो के पीछे भागी - भाआभीईईई रुको मै बताती हू आपको हिहिहिही
रज्जो सारा बिस्तर फर्श पर ही फेक कर बाथरूम की ओर भागी तो ममता भी सारा तकिया बिस्तर फेक कर एक तकिया लेके रज्जो के पीछे भागी
बाथरूम के दिवाल पर आकर आखिर रज्जो को रुकना ही पडा और मौका पाते ही ममता ने उस तकिये से रज्जो की गाड़ पर पिटना शुरु कर दिया
रज्जो ममता की गुदाज मार से खिलखिलाए जा रही थी
ममता हसते हुए - आपको बड़ा मजा आता है मेरे नाम से अपनी ये गाड फड़वाने मे ना ,,,,हम्म्म बोलिए

रज्जो फिर से इठलायी - अह्ह्ह ममता उह्ह्ह्ह सीई अह्ह्ह्ह
रज्जो की बात पर ममता थोडा रिझी और हस्ते हुए तकिया फेक पर रज्जो की गाड की दरार पर साडी के उपर से ऊँगली फसाते हुए - बहुत मजा आ रहा है आपको हा बहुत,,,,हिहिहिही कितना लण्ड लोगि इसमे हम्म्म्म बोलो

रज्जो ममता के हाथो का अह्सास अपनी गाड के दरारो मे पाते ही चिहुकने लगी और खिलखिलाते हुए - जितना तू अपने भैया से दिला दे अह्ह्ह ममता हिहिहिही

ममता समझ गयी कि रज्जो तो है एकदम बेशर्म वो कहा ढील होने वाली है इसिलिए वो अपनी पकड ढीली कर दी

रज्जो ने जब हल्का मह्सूस किया तो हस्ते हुए बोली - अरे मेरी लाडो रानी उदास ना हो ,,, तुझे भी दिला दूँगी हिहिहिही

ममता चिढ़ कर - भाभीईईई आप नही मानने वाली ना
रज्जो हस कर - तुने बताया ही नही सुबह तो क्या करु मै

ममता चौक कर - अब क्या बाकी है
रज्जो हस्ते हुए -अरे वही कि कब देखा था अपने भैया का लण्ड,हम्म्म बोल

ममता की हालत अब खराब होने लगी वो क्या कहानी बनाये अब
ममता हिचकते हुए - क्याआ भाभी रहने दो ना बकक्क

रज्जो ममता को परेशान होता देख उसकी ओर गयी और बोली - अरे बता दे ना ,,मै कौन सा किसी को बताने जा रही हू ,,अगर तू ये ब्तायेगी तो मै भी कुछ बताऊंगी अपने बारे मे पक्का

ममता ने जैसे ही रज्जो की बात सुनी ना जाने उसके दिल मे कैसा कौतूहल मचा और उसे रज्जो के दिल मे दबे उस रहस्य के बारे मे जानने की चुल होने लगी ।

ममता चहक कर - क्या भाभी बताओ ना हिहिही

रज्जो - ऐसे नही भई,,पहले तुम बताओ फिर मै
ममता ने मन में कुछ सोचा और निचे कमरे मे चलने का आग्रह किया ।
इधर रज्जो भी उत्साही मे जल्दी जल्दी सारे बिस्तर फैला कर ममता के साथ निचे जाने लगी
इसी दौरान ममता लगातार अपने दिमाग पर जोर लगा कर कुछ कहानी बनाने लगी ,,तभी उसे ध्यान आया कि उस रात जब उसकेभैया नशे मे सोये थे तब उसी रात उसने भैया का लण्ड चूसा भी था ।

फिर ममता एक नये आत्मविश्वास से भर गयी और मुस्कुराने लगी । साथ ही उसने मन ही मन तय कर लिया कि क्या बताना है रज्जो को
थोडी देर बाद दोनो ननद भौजाई रज्जो के कमरे मे थी । कुलर की तेज हवा खाने और देह को ताजगी देने के बाद रज्जो ने फिर से पहल शुरु की

रज्जो ममता के बगल मे सोफे पर बैठी उसके हाथ को अपने हाथो मे लेके उसे सहलाते हुए बोली - बोल ना ममता तुने कब देखा था

ममता थोडा हिचकते हुए - भाभी आप नाराज नही होगी ना तो मै बताऊंगी

रज्जो हस कर - अरे मुझे तो खुशि होगी जानकर की मजे लेने मे मेरी ननदरानी आगे है हिहिहिही ,,चल बोल ना अब

ममता थोडा हसी और बोली - वो याद है आपको उस दिन जब भैया ने दारु पी ली थी और नशे मे सो गये थे ,,,और मै उनके लिए खाना देने गयी थी

रज्जो को वो पहली रात याद आ जाती है और वो मुस्कुरा कर ममता को आगे बढ़ने को कहती है - हम्म्म हा याद है तो
ममता अटकते हुए - वो उस दिन जब मै खाना देने के लिये भैया को जगाने लगी तो उन्होने समझा कि आप हो और फिर

ये बोल कर ममता थोडा शर्माने लगी
रज्जो उसके गाल को अपनी ओर करके - अरे बोल ना फिर क्या

रज्जो का दिल अभी तेजी से धडक रहा था वो ममता के मुह से वही सब सुनना चाहती थी और वो हर घड़ी बेचैन हुए जा रही थी ।

ममता भी उस रात की यादे ताजा करके सिहर उठी थी
और कुछ बातो को जोडते हुए बोली - फिर उन्होने जबरदस्ती मुझे पकड कर अपनी गोद मे खिच लिया और

ममता की बात सुन के रज्जो की आंखे बडी हो गयी और उसकी दिल की धडकनें तेज होने लगी ,,उसके मन कयी सारे कल्पनाए बनने बिगड़ने लगी ।
ममता ने जब नोटिस किया कि उसकी बातो को रज्जो बहुत ही सम्वेदना से ले रही है तो उसने भी मजे लेने के लिए बातो को और बढा चढा कर बोलने की ठानी

ममता - और उन्होने मेरे दूध दबाने शुरु कर दिये और अपनी गोद मे बिठाये बिठाये ही अपना वो निकाल कर मेरे हाथ मे जबरदस्ती पकडवाने लगे

रज्जो की आंखे फैल गयी और उसे ममता की बात पर यकीन होना जायज लग रहा था क्योकि उस दिन कमलनाथ नशे में बार बार उसे चोदने का आग्रह कर रहा था और फिर अगली सुबह उसका लण्ड पाजामे के बाहर था ,,
रज्जो - क्या सच तुने उनका वो मतलब अपने भैया का लण्ड पकड़ा

ममता सर निचे किये शर्माए जा रही थी - हम्म्म्म भाभी ,,, उन्होने जबरदस्ती थमा दिया ,,,पता है कितना डर गयी थी मै

इधर ममता की बाते सुन कर उसकी चुत रिसने लगी थी और उसकी तलब बढती ही जा रही थी
रज्जो मुस्कुरायी और ममता के करीब होकर उसके कान मे बोली - पागल डर क्यू रही थी ,,, मै होती तो तुंरत अपनी बुर मे भर ले लेती

रज्जो ने ये बात ममता के कान मे इतनी नशीली आवाज मे कही कि ममता रज्जो के नशीली आवाज की गरमाहट भर से सिस्क पडी और उसकी दबी हुई भावना छलक उठी

ममता आंखे बंद करके अपने बदन मे हो रही सिहरन को मह्सुस करते हुए - उम्म्ंम्ं भाभीईई मै कैसे ले लेती वो मेरे भैया है

रज्जो ने जैसे ही मह्सूस किया कि उसका दाव चल गया वो मुस्कुरा कर एक कदम आगे बढ़ी और हल्का सा ममता की जांघो पर हाथ घुमाया।
रज्जो - क्यू तुझे तेरे भईया का लण्ड अच्छा नही लगा क्या ???

ममता रज्जो की बात सुन कर अपने भैया के मोटे लण्ड की तस्वीरे मन मे गढ़ने लगी ।
रज्जो ने आगे बढ कर अपने हाथो को उसकी चुत के आस पास घुमाना शुरु कर दिया ।

ममता - अह्ह्ह भाभी उससे क्या होगा ,,मिल थोडी जायेगा उम्म्ंम सीई आह्ह
ममता के इस जवाब से रज्जो की आंखे चमक उठी और उसने अगले हि पल उसकी चुत पर कब्जा कर लिया । जिससे ममता सिस्क पडी

रज्जो ने हौले से ममता का पल्लू उसकी छाती से सरकाया और उसके ब्लाऊज के उपर से उसकी कड़क और नरम चुचियो को सहलाते हुए धिमे से उसके कान मे बोली - जानती है ममता ,,,तेरे भैया भी तेरे लिए तडप रहे है ।

रज्जो की बाते सुन कर ममता की चुचिया रज्जो के हाथ मे फूलने लगी

रज्जो - हर रोज मुझे चोदते हुए तेरा नाम लेते है ,,,जानती है क्या बोलते है

ममता बन्द आंखो से तेज सासे लेते हुए रज्जो के हाथो को अपनी चुचियो पर मह्सूस करती हुई उसकी बातो से पिघली जा रही थी ।
ममता सिहर कर अटकते हुए - क क क्याआआ बोलते है भाभी उह्ह्ह्ज उम्म्ंम

रज्जो ममता के चुचे पर हथेली घुमाती हुई - मुझे तेरे नाम से पुकारते है और खुब हच्क कर चोदते है और इसिलिए मै भी ,,,,उम्म्ंम्ं

ममता थोडा रुकी और बोली - मै भी क्या भाभी ,,,बताओ ना उम्म्ंम्म्ं
रज्जो अपने जीभ को ममता के गरदन पर फिराया और उसके मुलायम गालो को अपने होठो से काटते हुए पूरी मदहोशि मे बोली - इसिलिए मै भी उनको भैया भैया बोल के चुदवाति हू और वो बहुत हचक हचक कर पेलते है ।

ममता रज्जो की बाते सुन कर पागल सी होने लगी और उसका हाथ रज्जो के हाथ पर चला गया जो उसकी चुचियो को सहलाए जा रहा था ।

रज्जो का हाथ को अपने सीने पर और बेरहमी से रगड़ते हुए ममता सिस्कने लगी - ओह्ह्ह भाभीईईई अह्ह्ज उम्म्ंम

रज्जो आगे बोलते हुए ममता की चुत को टटोलने लगी - तो बता लेगी अपने भैया का मोटा लण्ड अपनी बुर मे ,,,उम्म्ं बोल ना

ममता तो मानो रज्जो के कामुक बातो और उसके स्पर्शो से पागल हुई जा रही थी । सब कुछ अब रज्जो के मुताबिक ही चल रहा था ,,, रज्जो ने जैसे कमलनाथ को ममता के लिए पागल किया ठिक वैसे ही उसने ममता को भी कमलनाथ से पागल किये जा रहो थी ।
मगर उसे ये तो पता ही नही था कि दोनो भाई बहन पहले ही आगे बढ़ चुके है । बस वो एक नये अह्सास के लिए उतावाले और उत्तेजित हो रहे थे कि रज्जो की उपस्तिथि या उसकी रजामन्दी मे वो खेल खेलने मे कितना मजा आयेगा ।
रज्जो ने जब दो बार ममता को उसके भैया का मोटा लण्ड लेने की बात कही तो ममता ने भी ठान लिया कि ऐसे छिप छिप कर कब तक अपने भैया के मोटे लण्ड के तरस्ती रहेगी ,,,एक बार खुल कर रज्जो के सामने चुद गयी तो जब भी आयेगी अपने भैया से चुद लेगी ।

ममता ने सारी बाते सोची और फिर सिस्कते हुए अपनी दिल की बात कह दी - उम्म्ं हा भाभी मुझे चाहिये भैया का मोटा लण्ड,,मै भी उस्से खेलना चाहती हू

रज्जो ने जैसे अपने मुताबिक ममता का जवाब पाया उसने तेजी से ममता की चुचिय भिची और बोली - अरे सीधा सीधा बोल ना मेरे लाडो रानी की अपने भैया से अपनी चुत चुदवानी है उम्म्ंम बोल

ममता चीखी और दर्द से आहे भरते हुए -अह्ह्ह्ह मुम्मीईईई उह्ह्ह हा भाभीई खुद चुदवाना है भैया से उम्म्ं अह्ह्ह

इधर रज्जो ने ममता के चुत पर हमला कर दिया ,,ममता पहले से ही नशे मे थी और बार बार अपने भैया से चुदवाने का अह्सास पाकर ,साथ ही रज्जो के हाथो व बदन का स्पर्श उसे चरम पे ले गया था ।। नतिजन ममता की जाघे हिचकने लगी और ममता झडने लगी ।

रज्जो ने जब सिस्कती हुई ममता के चेहरे के भाव पढे तो वो भी मुस्कुरा कर अपनी जीत का जश्न मना लिया ।
बस उसे अब कमलनाथ के बाजार से आने का इन्तजार था । क्योकि वो ये काम आज के आज ही करना चाह रही ,,नही तो कल से धीरे धीरे सारे मेहमान आने वाले थे ।
इधर ममता थक कर सो गयी और वही रज्जो ने उसे वैसे ही सोफे पर छोड कर निचे चली गयी ।
फिर दोपहर के खाना ब्नाने की तैयारिया होने लगी ।

जारी रहेगी
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है रज्जो की तो राजन और कमलनाथ ने आगे पीछे से दमदार चूदाई की है और रज्जो ममता से सच उगलवा ही लेती हैं लेकिन रज्जो को क्या पता कि ममता पहले ही अपने भाई से दमदार चूद चुकी है देखते हैं आगे क्या होता है
 

DREAMBOY40

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बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है रज्जो की तो राजन और कमलनाथ ने आगे पीछे से दमदार चूदाई की है और रज्जो ममता से सच उगलवा ही लेती हैं लेकिन रज्जो को क्या पता कि ममता पहले ही अपने भाई से दमदार चूद चुकी है देखते हैं आगे क्या होता है
Bahut bahut shukriya bhai ji

Aage ki kahaani
Update 120 121 122 me post ki ja chuki hai
Padh kar uska v revo jarur kare .
 

DREAMBOY40

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Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki
Thnxxx bhai ji
 
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