अपडेट - 39
मैने लंड पे ज़ोर डाला , लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया.
पंकज को दर्द नही हुआ. फिर एक जोरदार झटका मारा कि 4 इंच तक लंड अंदर गया.
मै पूरी तरह से पंकज के उपर आ कर अपने हाथ बूब्स पे रख कर पंकज के होंटो को चूसने लगा.
वो ये 3 तरफ का हमला झेल नही पाई, और वो सेक्स के नशे मे डूब कर पूरा मज़ा लेने लगी...
पंकज को नशे मे देख कर मैं ने आख़िरी झटका मारा . पूरा लंड अंदर चला गया. वो पहले से मदहोश थी जिस की वजह से दर्द कम हुआ. और होन्ट चूसने और बूब्स दबाने से उसको ज़्यादा दर्द नही हुआ.
मैने थोड़ी देर अपने लंड को इसी तरह चूत मे रहने दिया.
फिर मैं ने किस करना बंद कर दिया. और लंड को हल्का सा बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. उसके मूह से आहह निकल गयी.
मैंने होंठो को आज़ाद कर दिया था .अब सिर्फ़ बूब्स को दबा रहा था. फिर आधा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया. फिर से आधा लंड बाहर कर अंदर डाल दिया. फिर पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल दिया.
अब उनको मज़ा आ रहा था.इस तरह धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने से वो लंड को अच्छे से फील कर रही थी.
फिर मैं ने धक्के लगाना शुरू किया.पहले धीरे धीरे फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा. हर धक्के के साथ उनके मुंह से आहह निकलती...
अब उन्हें पुरा मजा आने लगा वो कहती और ज़ोर से मारो.फिर मैं ज़ोर से धक्के मारता. फिर से कहती और ज़ोर से मारो.
हमारा यही खेल चलता रहा .मैं धक्के मारता वो ज़ोर से मारने को कहती.
इसी तरह चुदाई करने के बाद मैं ने अपना वीर्य पंकज की चूत मे डाल दिया. वो 3 बार झाड़ चुकी थी.
हम दौनो ने चुदाई का भरपूर मज़ा लिया, हम दोनो हाँफने लगे.
थोड़ी देर बाद हम नॉर्मल हो गये.
मै- अब तो खुश हो मेरी जान.
पंकज - बहुत - बहुत खुश हूँ.
फिर हम दोनों एक -दुसरे से लिपट कर लेट गये...मैने अपने हाथ उसकी गांड पर रख दिये और धीरे -2 दोनो चुतडो को सहलाने लगा...
मै- मुझे तुम्हारी ये गांड मारनी है...
पंकज - वो गंदी जगह है, वहाँ पर कौन करता है...
मै- गांड तो बहुत रसीली होती है, गांड मारने का तो अलग ही मजा है.. बहुत मजा आता है. मुझे मारनी है.
पंकज - ठीक है अगर आपका मन है तो कर लीजिए. मेरा सबकुछ आपका ही है...
मै- मेरी रानी...
पंकज - पर आराम से करिएगा, और आप अपना पानी मेरी चुत मे ही छोड़ना...
मै-ठीक है मेरी रानी...
मैने पंकज के होंठों को चूसना सुरू किया. और पंकज को बेड पर लिटा दिया. मैने पंकज के नीचे पिल्लो रख दिया, जिस से कि उसकी की गांड उपर हो गयी.
मैं पंकज के उपर आकर पहले उनको गरम करना चाहता था.मैंने उसको किस करना शुरू किया. किस करने के बाद मैं निपल के साथ खेलने लगा.
निपल को जीभ से चाटने लगा. निपल टाइट हो गये. फिर बूब्स को मूह मे लेकर चूसने लगा. बूब्स चूसते समय मैं ने एक उंगली चूत मे डाल कर आगे पीछे करने लगा.
अब वो पूरी तरह से गरम हो गयी...
फिर मैं ने लंड को गांड की छेद पे रखा
पंकज - पहले थोड़ा तेल लगा लीजिए...
मै-कहाँ है तेल
पंकज - वो टेबल पे रखा है
मैंने तेल को अपने लंड पे लगा लिया. बाकी तेल को उनकी गांड मे डाल दिया. गांड पर तेल लगते समय मैंने उंगली को गांड मे डाल दिया. जिस से गंद मे तेल अच्छे से लग गया.
मै उंगली को अंदर बाहर करने लगा....
फिर मैंने लंड को गांड पर रख दिया...
पंकज - थोड़ा धीरे करना...
एक बार मैने पंकज की तरफ देखा .उन्होंने अपनी आँखे बंद कर दी और अपने होंटो को दबा दिया.
मैं एक ज़ोर का झटका मारा मेरा आधा लंड गंद मे चला गया. पंकज की चीख निकल गयी.
पंकज - आअहह आराम से करिए.... आहह दर्द हो रहा है.
मैंने बूब्स को दबाना सुरू किया. बूब्स दबाने से पंकज को अच्छा लग रहा था.
मैने पंकज के होंठों पर अपने होन्ठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिस से पूरा लंड अंदर चला गया. भाभी की चीख निकल गयी. उनकी चीख मेरे मूह मे दब गयी. मैने बूब्स को दबाना जारी रखा.
और होंटो को चूसने लगा. और लंड को वैसे ही गंद मे रहने दिया.
पंकज की आंखों मे आंसू आ गये...
पंकज - आपने तो मेरी गांड फाड ही दी आआहह...
5 मिनट तक मैं ऐसा ही पड़ा रहा .
जब उनको थोड़ा अच्छा लगने लगा तब मैं ने लंड को हिलाना सुरू किया.
मैं धीरे -2 धक्के मारने लगा .मेरे धक्को की वजह से उसकी गांड लाल हो गयी.
लंड अंदर बाहर करने से पंकज को दर्द हो रहा था.
पर जैसे जैसे लंड अंदर बाहर हो रहा था वैसे वैसे उसका दर्द कम हो रहा था.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हो गया. मैं धक्के लगाता गया वो मज़े लेती गयी. कमरे मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़ आ रही थी.
अब भाभी को भी मजा आने लगा था...
मैं धक्के मारने लगा और चूत को अपने हाथो से मसल्ने i लगा .लगभग 20-25 मिनट तक मैं भाभी की गांड मारता रहा.
मेरा लावा छूटने वाला था तो मैने अपना लंड गांड से निकाल कर चुत मे डाल दिया, और जोर जोर से धक्के मारने लगा...
पंकज जोर -2 से सिसकियां लेने लगी...
15-20 धक्को के बाद लंड ने अपना लावा उगल दिया... मेरे गरम माल को चुत मे महसूस करते ही पंकज भी एक बार फिर झड़ गई...
मैने लंड को चुत से बाहर निकाल लिया. और बेड पर लेट कर सासे लेने लगा.
पंकज भी मेरे पास लेट गई, हम दोनों ने एक बार और खेल खेला, फिर हम दोनो नंगे ही एक - दुसरे की बांहो मे सो गये...