सीमाजी आगे क्या होता है.... Next update pleaseUpdate 2
सुबह मै, ससुर जी और सास रसोईघर मे नाश्ता कर रहे थे। ससुर जी को कल दूध पिलाने से अच्छी नींद आ गई थी। वो आज थोड़े अच्छे लग रहे थे। मेरे पास ही बैठे थे। नाश्ता होने के बाद मै उनको बोली,"चलो आपको दूध पिला देती हू ससुरजी। " वो शरमाते हुए बोले," पर बहू ये पाप है ।" मैंने कहा ,"कोई पाप नहीं इसमें। चलो आओ। " मैंने जबरदस्ती उनको मेरे गोद मे लिटा दिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बहुत ही नजदीक था। उन्होंने इतने करीब से किसिके स्तन नहीं देखे होंगे। वो मेरे स्तनों को निहारने लगे। सास हसते हुए बोली ,"मै हॉल मेे टीवी देखती हूं। " सास चली गई। ससुरजी नहीं नहीं बोल रहे थे फिर भी मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिए। फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। वो बिलकुल किसी छोटे बच्चे की तरह पी रहे थे। मैंने उनको आधा घंटे तक स्तनपान किया। फिर मैंने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। उनको मैंने पूछा ,"कैसा लगा दूध आपको?" ससुरजी बोले ,"काफी स्वादिष्ट था। " मै मुस्कुराकर बोली,"आपके अच्छी सेहत के लिए ही तो पिला रही हूं ना । " ससुरजी कुछ नहीं बोले।
शाम को हम सब हॉल मेे टीवी देख रहे थे। मैंने उनको ऐसेही मेरे गोद में लिटाया था। मैंने जानबूझकर मेरे एक मुम्मे से पल्लू हटा दिया था। ससुरजी उसको बारीकी से निहार रहे थे। उनके मुंह मेे से तो लाल टपकना बाकी था। थोड़ी देर उन्होंने मुझे कहा,"मुझे दूध पिलाओ ना बहू। " मै हसते हुए बोली ,"ठीक है। " फिर सास के सामने ही मै ससुरजी को स्तनपान करने लगी। सास भी खुश लग रही थी। हम दोनों बातें भी कर रही थी।
रात को ससुरजी बिना किसी शिकायत लिए मेरा दूध पी रहे थे।
Hi....Update 2
सुबह मै, ससुर जी और सास रसोईघर मे नाश्ता कर रहे थे। ससुर जी को कल दूध पिलाने से अच्छी नींद आ गई थी। वो आज थोड़े अच्छे लग रहे थे। मेरे पास ही बैठे थे। नाश्ता होने के बाद मै उनको बोली,"चलो आपको दूध पिला देती हू ससुरजी। " वो शरमाते हुए बोले," पर बहू ये पाप है ।" मैंने कहा ,"कोई पाप नहीं इसमें। चलो आओ। " मैंने जबरदस्ती उनको मेरे गोद मे लिटा दिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बहुत ही नजदीक था। उन्होंने इतने करीब से किसिके स्तन नहीं देखे होंगे। वो मेरे स्तनों को निहारने लगे। सास हसते हुए बोली ,"मै हॉल मेे टीवी देखती हूं। " सास चली गई। ससुरजी नहीं नहीं बोल रहे थे फिर भी मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिए। फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। वो बिलकुल किसी छोटे बच्चे की तरह पी रहे थे। मैंने उनको आधा घंटे तक स्तनपान किया। फिर मैंने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। उनको मैंने पूछा ,"कैसा लगा दूध आपको?" ससुरजी बोले ,"काफी स्वादिष्ट था। " मै मुस्कुराकर बोली,"आपके अच्छी सेहत के लिए ही तो पिला रही हूं ना । " ससुरजी कुछ नहीं बोले।
शाम को हम सब हॉल मेे टीवी देख रहे थे। मैंने उनको ऐसेही मेरे गोद में लिटाया था। मैंने जानबूझकर मेरे एक मुम्मे से पल्लू हटा दिया था। ससुरजी उसको बारीकी से निहार रहे थे। उनके मुंह मेे से तो लाल टपकना बाकी था। थोड़ी देर उन्होंने मुझे कहा,"मुझे दूध पिलाओ ना बहू। " मै हसते हुए बोली ,"ठीक है। " फिर सास के सामने ही मै ससुरजी को स्तनपान करने लगी। सास भी खुश लग रही थी। हम दोनों बातें भी कर रही थी।
रात को ससुरजी बिना किसी शिकायत लिए मेरा दूध पी रहे थे।
ThanksHi....
Aapki next story kya hua.. aapki story interesting hoti hai..
मैं आपके breastfeeding story का बहुत बडा fan हू
Sexy storyUpdate 1
अब मेरा बेटा लगभग 2 साल का हो चुका था। उसको में रोज स्तनपान करती थी। अब उसने दूध पीना काफी कम कर दिया था। मुझे अब ससुर जी और सास के सामने स्तनपान करने की आदत पड़ गई थी। मै बिना परेशानी के उनके सामने स्तनपान करती थी। अब ससुरजी बीच बीच में मुझे स्तनपान करते देखते रहते थे। फिर भी मुझे उसमें कोई गलत नहीं लगता था। मै बच्चे का सर ढक जो लेती थी।
कुछ दिन बाद मेरे ससुरजी हमेशा की तरह बीमार पड़ गए। सास बोली कि ,"अब उनकी उमर हो गई है तो कमजोरी भी आएगी ना । " मै उनकी अच्छी सेवा करती थी । मैंने सास से पूछा ,"ससुरजी की हड्डियां बहुत कमजोर हो चुकी है। उनको रोज दूध पीने को दू क्या ? " सास बोली ," इस गाव में रोज दूध कहा से लाओगी?" मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।
रात को ससुरजी को नींद भी नहीं आती थी। मै सास से पूछा ,"मै उनको सुलाऊ क्या ? " सास बोली," ठीक है। कितना खयाल रखेगी अपने ससुरजी का ?" मैंने कहा,"ये तो मेरा कर्तव्य ही है ना। " इस रात मै ससुरजी के बाजु में सो गई। सास उनके दूसरे बाजु सो गई। मैंने बच्चे को स्तनपान कर दिया और फिर ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनके पीठ पर एक हाथ रख दिया और उनको मेरी बाहों में लेकर मै उनको सुलाने लगी। सास भी जगी हुई थी। वो हस्ते हुए बोली ,"गलती से अपने ससुर को स्तनपान ना कर देना ।" मै भी हस पड़ी।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। मै सास ने को कहा था उसके ऊपर विचार करने लगी । उस रात को तो मैंने उसे मजाक समझ कर छोड़ दिया था । पर अब मुझे ऐसे लगने लगा कि क्यों ना में ससुरजी को अपना दूध पिलादू। मैंने इंटरनेट पर कुछ जानकारी देखी । मुझे पता चला कि बड़े लोग भी स्तनपान करते है और उनके सेहत के लिए ये बहुत अच्छा होता है।
अगले ही दिन जब हम सब दोपहर का खाना खा रहे थे तो मैंने सास को पूछा," क्यू ना में ससुरजी को स्तनपान करू। उससे उनकी तबीयत सुधर जाएगी। " ससुरजी बोले ," ये क्या बोल रही हो बहू ? कोई अपने बहू का दूध पीता है क्या ? " सास बोली ," उनको स्तनपान करने में कोई दिक्कत नहीं। पर तुझे कितनी परेशानी होगी। " मैंने कहा ,"कोई परेशानी नहीं मुझे। उनके सेहत का ध्यान रखना मेरा काम ही है। " सास बोली ,"तेरे जैसी बहू तो लाखो में एक ही होती है। " मै खुश हो गई।
उस रात मैंने बच्चे को दूध पिलाया और ससुरजी की तरफ पलट गई। मैंने उनको कहा," आओ ससुरजी । आपको दूध पिलाती हू। " ससुरजी बोले,"ये पाप है। ईश्वर मुझे माफ नहीं करेगा। " मैंने कहा ,"आप गाय का दूध पीते हो। तो मेरा पीने में क्या बुराई है। दूध तो दूध होता है। " सास भी जगी हुई थी। मैंने ससुरजी को अपने करीब लिया। फिर पल्लू थोड़ा बाजु करते हुए ब्लाउस के ऊपरी बटन खोल दिए। ससुर अभी भी ना ना कर रहे थे। मैंने मेरा एक स्तन बाहर निकाल दिया और उनके मुंह में घुसा दिया। सुरुवात को तो ससुरजी पीने को तैयार नहीं थे। पर मैंने मेरा स्तन उनके मुंह में दबा कर रखा था। थोड़ी देर बाद वो धीरे धीरे चूसने लगे। मुझे इतना आनंद हो गया कि पूछो ही मत। अपने ससुरजी को स्तनपान करने का आनंद ही कुछ और होता है । ससुरजी अब किसी बच्चे की तरह मेरा दूध पी रहे थे। 20 मिनट बाद मेरा स्तन खाली हो गया तो मैंने झट से उनको दूसरा स्तन पीने को दे दिया। सास हसते हुए बोली ,"वा बहू। तुने तो तेरे ससुर को अपना बच्चा ही बना दिया। " मै भी हसने लगी।
Nice update..Update 3
सुबह मै सास के साथ रसोईघर में चाई ले रही थी। हम सब हमेशा जमीन पर ही बैठते है।सास मुझे बोली,
"कितना काम करती है तू । और फिर इनको भी दूध पिलाना होता है तुझे। "
"इसमें कोई बड़ी बात नहीं है सासुमा। "
"मै सीमा बहू को भी बुला लेती हूं। तुम्हारा काम थोड़ा कम हो जाएगा। "
मै खुश हो गई । सीमा देवरानी लगभग मेरी ही उमर की थी।
"तुम उनको दिन में 4 बार पिलाया करो । ठीक है ?"
"आज से ही पिलादुंगी।"
तब ससुरजी नहा कर रसोईघर में आ गए और बोले,
"क्या बाते हो रही है? "
मै और सास हसने लगे।
"क्या हुआ? हस क्यू रही हो दोनो?"
सास बोली ,
"कुछ नहीं । आपकी ही तबियत की बाते कर रहे थे हम। "
ससुरजी ने चाई मांग ली। सास मुस्कुराते हुए हॉल में चली गई।
मै ससुरजी को बोली ,
"चाई क्यू पीते हो? उससे भी कुछ अधिक सेहतमंद पिलाती हूं। " ऐसा बोलते हुए मैंने अपना पल्लू एक स्तन से थोड़ा हटा दिया। मेरा वो भरा हुए स्तन देखकर ससुरजी के मुंह में तो पानी ही आ गया।
"चलो आओ जल्दी। मुझे बाद में बहुत काम है। "
ससुरजी जल्दी से मेरी गोद में लेट गए।
"मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह अपना दूध पिला दो। "
"आप मेरे बच्चे ही हो। दूध जो पीते हो मेरा। "
मैंने अपने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिए । फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए उनको अपना दूध पिलाने लगी । वो बहुत ही धीरे धीरे चूसते हुए मेरे दूध का आनंद ले रहे थे। मै तो अब सातवे आसमान पर पहुंच गई थी। हॉल में से टीवी का आवाज आ रहा था । पर मै ससुरजी को दूध पिलाने में ही दंग थी। वो लगभग आधा घंटे तक पी रहे थे।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉल में ही सो रहे थे। घर का दरवाजा लगा दिया था। मेरे और सास के बीच ससुरजी लेट गए थे। मै और सास बाते कर रहे थे। एक घंटे बाद ससुरजी उठने की कोशिश करने लगे तो मैंने पूछा,
"किधर जा रहे हो ससुरजी?"
"पानी पीने। बहुत प्यास लगी है। "
मैंने उनके कंधे पर हाथ रखकर उकनो वापस लिटा दिया ।
"क्या कर रही हो।"
मैंने उनको अपनी तरफ मोड़ लिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बेहद नजदीक था। "
"जब में दूध पिला रही हूं तो आपको पानी की क्या जरूरत है?"
मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर अपने ब्लाऊज के ऊपरी बटन खोल दिए। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए उनको स्तनपान करने लगी। सास भी ये सब बहुत आनंदित होकर देख रही थी।
मैंने ससुरजी को प्रोत्साहित किया,
"सब दूध पी जाओ मेरे बच्चे। "
मै उनके पीठ पर अपना हाथ भी फेर रही थी।
रात में जब हम लाईट बंद करके सोने लगे तो मै और सास जानबूझकर बाते करने लगे। ससुरजी हमारे बीच ही सो रहे थे । वो मेरी तरफ बड़ी आशा से देख रहे थे। पर मैंने उनके ऊपर जानबूझकर ध्यान ही नहीं दिया। वो मेरी तरफ पलट गए और उन्होंने मुझे कहा ,
"पिला रही हो ना मुझे?"
मैंने उन्हें ऐसेहिं हा कह दिया और फिर से सास के साथ बाते करने लग गई। ससुरजी अब उतावले हो रहे थे। उन्होंने मेरा पल्लू थोड़ा साइड करके मेरा एक स्तन ब्लाऊज के ऊपर से ही मुंह मै ले लिया । उनकी ये हरकत देखकर हम दोनों उनको हसने लगी। मैंने उनको डाटा,
"दे रही थी ना आपको। इतनी भूख लगी है आपको?"
वो बड़ी ही मासूमियत भरा चेहरा करते बोले,"क्या करू ? भूख तो लगी है। "
हम दोनों फिर हसने लगी । और फिर मै ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी। वो तुरंत पीने लग गए। सासुमा ने मेरी तारीफ करते हुए कहा,
"बहू हो तो ऐसी।"