• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy ससुरजी बन गए मेरे बच्चे

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 3

सुबह मै सास के साथ रसोईघर में चाई ले रही थी। हम सब हमेशा जमीन पर ही बैठते है।सास मुझे बोली,
"कितना काम करती है तू । और फिर इनको भी दूध पिलाना होता है तुझे। "
"इसमें कोई बड़ी बात नहीं है सासुमा। "
"मै सीमा बहू को भी बुला लेती हूं। तुम्हारा काम थोड़ा कम हो जाएगा। "
मै खुश हो गई । सीमा देवरानी लगभग मेरी ही उमर की थी।
"तुम उनको दिन में 4 बार पिलाया करो । ठीक है ?"
"आज से ही पिलादुंगी।"
तब ससुरजी नहा कर रसोईघर में आ गए और बोले,
"क्या बाते हो रही है? "
मै और सास हसने लगे।
"क्या हुआ? हस क्यू रही हो दोनो?"
सास बोली ,
"कुछ नहीं । आपकी ही तबियत की बाते कर रहे थे हम। "
ससुरजी ने चाई मांग ली। सास मुस्कुराते हुए हॉल में चली गई।
मै ससुरजी को बोली ,
"चाई क्यू पीते हो? उससे भी कुछ अधिक सेहतमंद पिलाती हूं। " ऐसा बोलते हुए मैंने अपना पल्लू एक स्तन से थोड़ा हटा दिया। मेरा वो भरा हुए स्तन देखकर ससुरजी के मुंह में तो पानी ही आ गया।
"चलो आओ जल्दी। मुझे बाद में बहुत काम है। "
ससुरजी जल्दी से मेरी गोद में लेट गए।
"मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह अपना दूध पिला दो। "
"आप मेरे बच्चे ही हो। दूध जो पीते हो मेरा। "
मैंने अपने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिए । फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए उनको अपना दूध पिलाने लगी । वो बहुत ही धीरे धीरे चूसते हुए मेरे दूध का आनंद ले रहे थे। मै तो अब सातवे आसमान पर पहुंच गई थी। हॉल में से टीवी का आवाज आ रहा था । पर मै ससुरजी को दूध पिलाने में ही दंग थी। वो लगभग आधा घंटे तक पी रहे थे।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉल में ही सो रहे थे। घर का दरवाजा लगा दिया था। मेरे और सास के बीच ससुरजी लेट गए थे। मै और सास बाते कर रहे थे। एक घंटे बाद ससुरजी उठने की कोशिश करने लगे तो मैंने पूछा,
"किधर जा रहे हो ससुरजी?"
"पानी पीने। बहुत प्यास लगी है। "
मैंने उनके कंधे पर हाथ रखकर उकनो वापस लिटा दिया ।
"क्या कर रही हो।"
मैंने उनको अपनी तरफ मोड़ लिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बेहद नजदीक था। "
"जब में दूध पिला रही हूं तो आपको पानी की क्या जरूरत है?"
मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर अपने ब्लाऊज के ऊपरी बटन खोल दिए। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए उनको स्तनपान करने लगी। सास भी ये सब बहुत आनंदित होकर देख रही थी।
मैंने ससुरजी को प्रोत्साहित किया,
"सब दूध पी जाओ मेरे बच्चे। "
मै उनके पीठ पर अपना हाथ भी फेर रही थी।

रात में जब हम लाईट बंद करके सोने लगे तो मै और सास जानबूझकर बाते करने लगे। ससुरजी हमारे बीच ही सो रहे थे । वो मेरी तरफ बड़ी आशा से देख रहे थे। पर मैंने उनके ऊपर जानबूझकर ध्यान ही नहीं दिया। वो मेरी तरफ पलट गए और उन्होंने मुझे कहा ,
"पिला रही हो ना मुझे?"
मैंने उन्हें ऐसेहिं हा कह दिया और फिर से सास के साथ बाते करने लग गई। ससुरजी अब उतावले हो रहे थे। उन्होंने मेरा पल्लू थोड़ा साइड करके मेरा एक स्तन ब्लाऊज के ऊपर से ही मुंह मै ले लिया । उनकी ये हरकत देखकर हम दोनों उनको हसने लगी। मैंने उनको डाटा,
"दे रही थी ना आपको। इतनी भूख लगी है आपको?"
वो बड़ी ही मासूमियत भरा चेहरा करते बोले,"क्या करू ? भूख तो लगी है। "
हम दोनों फिर हसने लगी । और फिर मै ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी। वो तुरंत पीने लग गए। सासुमा ने मेरी तारीफ करते हुए कहा,
"बहू हो तो ऐसी।"
ह्या कथेचा पुढचा भाग सादर कर..
वाचायला जास्त मज्जा येईल
 

seemachachi

Aunty boob lover
353
830
109
करो
ह्या कथेचा पुढचा भाग सादर कर..
वाचायला जास्त मज्जा येईल
करतो आज
 
  • Like
Reactions: Vivekdaware

seemachachi

Aunty boob lover
353
830
109
Update 4

दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।

शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 4

दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।

शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
मस्त ????
मस्त लिहितो.. वाचायला मजा येते..
Story imagine खुप छान केली..
अप्रतिम..??
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 4

दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।

शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
Nice story..
मस्त है कहाणी ??
आप स्तनपान की कहाणी बहुत ही अच्छे लिखते है.. ????
पढणे मैं माजा आता है..
Bor भी नही होता..
 
  • Like
Reactions: seemachachi

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 4

दूसरे दिन सिमा जेठानी शहर से आ गयी। उसकी उमर लगभग मेरे इतनी ही थी इसलिए हमारा खूब जमता था। जब की अब हम तीन औरते थी तो घर का काम बहुत जल्दी हो जाता था। मुझे इससे बहुत राहत मिलने लगी। दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉलमें सो रहे थे। ससुरजी मेरे पास ही सोये थे। ये देखकर सिमा बोली,
"अब क्या ससुरजी को तुम लगती हो क्या संजना ?"
"हा बिलकूल यही बात है।"
मैं ससुरजी के तरफ पलट गई और मैंने उनको अपने करीब ले लिया। मेरी पीठ सिमा की तरफ थी इसलिए उसको कुछ दिख नही रहा था। ससुरजी अभीतक जागे हुए ही थे। मैंने उनका सर अपने पल्लू से ढक लिया और फिर मैं उनको स्तनपान करने लगी। सिमा यात्रा से थक चुकी थी और जल्दी सो गई। पर मैं तो ससुरजी को थोड़ी देर दूध पिलाती रही।
रात को भी ठीक ऐसे ही हुआ। ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए मैं उनकी पीठ थपथपा रही थी। फिर भी वो हलचल करते रह गए। तो मै उनको अपना दूध पिलाने लगी। तब जाके उनको नींद आने लगी।
सुबह मेरी आँखें खुल गयी और मैं बिस्तर पे ही थोड़ी देर बैठ गयी। सिमा तो पहले ही जाग गयी थी । उसके सामने ही मैंने मेरे ब्लाउज के हुक लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। ये देखकर वो अचंभित हो गयी।
"तेरे ब्लाउज के हुक कैसे खुल गए?"
"ससुरजी को नींद नही आ रही थी इसलिए उनको दूध पिला रही थी।"
सिमा को बहुत हसी आने लगी।
"क्या बोल रही हो तुम? ससुरजी तुम्हारा दूध पीते है? "
"हा । सच बोल रही हु मैं। "
"ससुरजी भी ना ! अब बहुत ही बचकानी हरकते करने लगे है ! "
बाद में हम सब रसोईघर में चाय नाश्ता कर रहे थे तो सिमा ने ससुरजी को ताना मारा,
"आपको तो दूध पसंद है ना ससुरजी ? तो चाय क्यू पी रहे हो? "
बेचारे ससुरजी शरम से लाल हो गए। मैंने उनको कहा,
"सिमा को पता चल गया अब की आप स्तनपान करते हो ।"
सासु माँ बोली,
"अच्छा हो गया सिमा तुम्हे मालूम हो गया अब ?"
मैं सबको बोली ,
"अब ससुरजी का दूध पीने का वक्त है।"
सासु माँ सिमा को बोली,
"सिमा बहु , चलो हम हॉलमे जाते है अभी। उनको बिना किसी परेशानी से दूध पीने दो। "
वो दोनों चली गयी। सिमा हमारे तरफ देखते हुए हस रही थी। मैंने ससुरजी को कहा,
"आप उनके ऊपर ध्यान मत दो। आओ अब ।"
वो मेरे पास आ गए। मैंने उनको अपनी गोद मे लिटा दिया। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए मैं उनको किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। क्या मजा आ रहा था मुझे ! वो तो बहुत धीरे धीरे पी रहे थे। उनसे मेरा निप्पल चूसने से मेरा तो पूरा शरीर ही रोमांचित हो रहा था। उनको मैं बहुत देर दूध पिला रही थी।

शाम को जब हम सब टिवी देख रहे थे तो ससुरजी सिमा के पास ही बैठे थे। थोड़ी देर बाद सिमा उनको बोली ,
"चलो मैं आपको दूध पिलाती हु अब ।"
ससुरजी डर गए और नही नही बोलने लगे। पर सिमा ने उनका कोई कहना नही माना फिर उसने उनको जबरदस्ती से उसकी गोद मे सुला दिया।
"मुझे संजना का दूध पीना है।"
"मेरा पी लोगे तो क्या बीमार पड़ जाओगे आप?"
"पर बहु..।" उन्होंने बोलने की कोशिश की। पर सिमा ने जल्दी से ससुरजी का सर उसके पल्लू से ढक दिया और उनको फिर वो जबरदस्ती से स्तनपान करने लगी। ससुरजी थोड़ी देर उससे झुंज रहे थे। पर फिर कुछ ही देर बाद बिना कोई शिकायत से दूध पीने लगे। सिमा के चेहरे के भाव से पता चल रहा था की उसे कितना आनंद मिल रहा था। सिमा ने पूरा ध्यान रखते हुए ससुरजी को अपना पूरा दूध पिला दिया। उनका दूध पीके होने के बाद उसने उनके सर से पल्लू हटा दिया और अपना ब्लाउज ठीक कर लिया।
"क्या ससुरजी। अब तो मेरा दूध पिओगे ना रोज ? "
ससुरजी शरमाते हुए बोले,
"क्यू नही पिऊंगा बहु ? इतना मीठा लग रहा था। "
इसपर हम सब औरते हँसने लगी।
Apane sasuma ko bhi dhood pila do
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
स्तनपान करने वाले आदमी aad करो
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,402
9,048
159
अब कहानी को थोड़ी मज़ेदार करो , दुध तोह बहुत पिला दिया
 
Top