Update 3
सुबह मै सास के साथ रसोईघर में चाई ले रही थी। हम सब हमेशा जमीन पर ही बैठते है।सास मुझे बोली,
"कितना काम करती है तू । और फिर इनको भी दूध पिलाना होता है तुझे। "
"इसमें कोई बड़ी बात नहीं है सासुमा। "
"मै सीमा बहू को भी बुला लेती हूं। तुम्हारा काम थोड़ा कम हो जाएगा। "
मै खुश हो गई । सीमा देवरानी लगभग मेरी ही उमर की थी।
"तुम उनको दिन में 4 बार पिलाया करो । ठीक है ?"
"आज से ही पिलादुंगी।"
तब ससुरजी नहा कर रसोईघर में आ गए और बोले,
"क्या बाते हो रही है? "
मै और सास हसने लगे।
"क्या हुआ? हस क्यू रही हो दोनो?"
सास बोली ,
"कुछ नहीं । आपकी ही तबियत की बाते कर रहे थे हम। "
ससुरजी ने चाई मांग ली। सास मुस्कुराते हुए हॉल में चली गई।
मै ससुरजी को बोली ,
"चाई क्यू पीते हो? उससे भी कुछ अधिक सेहतमंद पिलाती हूं। " ऐसा बोलते हुए मैंने अपना पल्लू एक स्तन से थोड़ा हटा दिया। मेरा वो भरा हुए स्तन देखकर ससुरजी के मुंह में तो पानी ही आ गया।
"चलो आओ जल्दी। मुझे बाद में बहुत काम है। "
ससुरजी जल्दी से मेरी गोद में लेट गए।
"मुझे किसी छोटे बच्चे की तरह अपना दूध पिला दो। "
"आप मेरे बच्चे ही हो। दूध जो पीते हो मेरा। "
मैंने अपने ब्लाऊज के निचले कुछ बटन खोल दिए । फिर ससुरजी का सर पल्लू से ढकते हुए उनको अपना दूध पिलाने लगी । वो बहुत ही धीरे धीरे चूसते हुए मेरे दूध का आनंद ले रहे थे। मै तो अब सातवे आसमान पर पहुंच गई थी। हॉल में से टीवी का आवाज आ रहा था । पर मै ससुरजी को दूध पिलाने में ही दंग थी। वो लगभग आधा घंटे तक पी रहे थे।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम सब हॉल में ही सो रहे थे। घर का दरवाजा लगा दिया था। मेरे और सास के बीच ससुरजी लेट गए थे। मै और सास बाते कर रहे थे। एक घंटे बाद ससुरजी उठने की कोशिश करने लगे तो मैंने पूछा,
"किधर जा रहे हो ससुरजी?"
"पानी पीने। बहुत प्यास लगी है। "
मैंने उनके कंधे पर हाथ रखकर उकनो वापस लिटा दिया ।
"क्या कर रही हो।"
मैंने उनको अपनी तरफ मोड़ लिया। अब उनका सर मेरे स्तनों के बेहद नजदीक था। "
"जब में दूध पिला रही हूं तो आपको पानी की क्या जरूरत है?"
मैंने पल्लू के नीचे हाथ डालकर अपने ब्लाऊज के ऊपरी बटन खोल दिए। फिर उनका सर पल्लू से ढकते हुए उनको स्तनपान करने लगी। सास भी ये सब बहुत आनंदित होकर देख रही थी।
मैंने ससुरजी को प्रोत्साहित किया,
"सब दूध पी जाओ मेरे बच्चे। "
मै उनके पीठ पर अपना हाथ भी फेर रही थी।
रात में जब हम लाईट बंद करके सोने लगे तो मै और सास जानबूझकर बाते करने लगे। ससुरजी हमारे बीच ही सो रहे थे । वो मेरी तरफ बड़ी आशा से देख रहे थे। पर मैंने उनके ऊपर जानबूझकर ध्यान ही नहीं दिया। वो मेरी तरफ पलट गए और उन्होंने मुझे कहा ,
"पिला रही हो ना मुझे?"
मैंने उन्हें ऐसेहिं हा कह दिया और फिर से सास के साथ बाते करने लग गई। ससुरजी अब उतावले हो रहे थे। उन्होंने मेरा पल्लू थोड़ा साइड करके मेरा एक स्तन ब्लाऊज के ऊपर से ही मुंह मै ले लिया । उनकी ये हरकत देखकर हम दोनों उनको हसने लगी। मैंने उनको डाटा,
"दे रही थी ना आपको। इतनी भूख लगी है आपको?"
वो बड़ी ही मासूमियत भरा चेहरा करते बोले,"क्या करू ? भूख तो लगी है। "
हम दोनों फिर हसने लगी । और फिर मै ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी। वो तुरंत पीने लग गए। सासुमा ने मेरी तारीफ करते हुए कहा,
"बहू हो तो ऐसी।"