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और क्या? मेरा घर कैसे चलेगा फिर?गजब
बहुत पढ़ाई कर रहे हो शर्मा जी
शैफाली के नाम पर गणित का ट्यूशन
थैंक्स आपके रिव्यू के लिए
और क्या? मेरा घर कैसे चलेगा फिर?गजब
बहुत पढ़ाई कर रहे हो शर्मा जी
शैफाली के नाम पर गणित का ट्यूशन
Wonderful start bro, so "supreme" is a ship or cruise which will travel in the sea for 65 days (bahut hi interesting hai 65 din tak duniya ki bhid bhad traffic aur sabse badi baat jamin se dur samandar mein chalte rehna kiski khwahish nahi hogi aisi)
Shaifali blind hai janm se hi par usme kuch special ability hai jisse wo bina dekhe sare kaam kar leti hai sath mein uske sapne (is scene ko padh kar to mai bhi soch mein hoon ki janm se andhe log sapne mein kya dekhte honge agar shaifali ki tarah laher,aag etc ye sab andhe logo ke sapne mein dikhta hoga to iska to ye hi arth hai ki ham humans ke dimag mein har chiz pehle se hi fit karke aati hai bas use trigger karne ki jaroorat hai).
So martha michael shaifali bruno(dog) ye bhi SUPREME par travel kar rahe hai .
Alex ka kuch jyada clear nahi hua is update se par dekh kar ye lag raha hai ki uska interest cryste mein jaroor hai .
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
चलो इस हत्या के कारण थोडे खराब हुए माहौल में एक प्यार भरा पल आ ही गया एलेक्स और क्रिस्टी के बीच
खैर देखते हैं आगे
I'll continue tonight
Ye Cristy to badi shatir nikli ek hi baar mein sorry, phir pyar ka izhaar aur sath hi lips pe kiss bhi kar li.
Dono update mein thoda normal love scene aaya jo mood change karne ke liye thik raha warna ab tak sirf sawal aur clues hi dhunde ja rahe the.
Lovely update brother.
Superb update Bhai
Jo vaykti ship par nakli asalam bankar aaya hai jrur usi new year wale din un sabhi ko wine pila kar ship ko barmuda triangle ke shetr me moda hoga
Haa pr
Haa par aapke update ek saath padh leta hu
Kahani bahut jyada suspense hoti ja rhi
And thanks for two Update in advance
Bahut hi badhiya update he Raj_sharma Bhai,
Ab ye naya character Vyom, intro me to bada hi kabil lag rha he..............
Plan to bahut hi badhiya banakar chalr raha he Vyom, lekin abhi iski manjil dur hi he................
Ye nakli aslam to bilkul hi character me ghusa hua he.............
Ab ye kuan sa naya island mil gaya he inko, jinko dekhkar sabhi hairan he.............
Keep rocking Bro
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
लग गए बेचारों के लगता है घूम फिर कर वापस आ गए हैं ! अब व्योम जी का प्लान कितना अच्छा है यह तो समय ही बताएगा!
बहुत ही जबरदस्त लिख रहे हो आप मित्र !!
लग तो ऐसा रहा है कि सुयश वही देख रहा है जो हीरोइन ने अपने सपने में देखा।
बाकी देखते हैं व्योम बाबू कौन से कद्दू में तीर मारते हैं।
बढ़िया अपडेट भाई
Awesome update bhai ji
Ekdum dhasu
इकतीस दिसम्बर , रात बारह बजे पुरे शिप की लाइट तीस सेकेंड तक गुल हुई थी । बारह बजे के बाद नववर्ष के आगमन पर सिक्यूरिटीज रूम मे सभी स्टाफ ने दारू पार्टी करी । यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि वाइन पार्टी का प्रस्ताव असलम ने दिया था ।
इसी घटना के बाद शिप का रूख अचानक बरमूडा ट्राइंगल की ओर हो गया ।
सुयश साहब की कोशिश से शिप उस क्षेत्र मे समंदर के भंवर मे फंसने से बच तो गया लेकिन शिप का रूख एक अज्ञात आइलैंड की तरफ करने का प्रयास फिर से असलम ने ही किया ।
लेकिन इस काम मे भाजी सुयश साहब ने डाली और जहाज का रूख दूसरी दिशा मे कर दिया गया ।
अब फिर से लगता है कि जहाज घुम फिरकर उसी आइलैंड के नजदीक जा पहुंचा है जिधर वो कुछ घंटे पहले चला गया था ।
इसके पहले यह भी सिद्ध हो चुका है कि इस जहाज पर मौजूद शख्स असलम एक बहुरुपिया है । उसने रियल असलम को चोट पहुंचाई और उसके आई कार्ड एवं दस्तावेज को चोरी कर इस जहाज पर सवार हुआ ।
इसका मतलब , उसे इस अज्ञात आइलैंड पर पहुंचना ही पहुंचना है । उसे किसी भी तरह , कुछ भी कर के , कोई भी गलत सही कार्य कर के इस आइलैंड के जमीन पर अपने पग रखना ही रखना था ।
इस आइलैंड पर जाने का उसका उद्देश्य क्या है , यह वही जानता होगा पर यह श्योर है उद्देश्य कुछ बड़ा और विस्मयकारक ही होगा ।
इधर व्योम साहब जो सी आई ए के एजेंट है , ने इस जहाज के खोजबीन का जिम्मा अपने कंधे पर ले लिया है । यह एक राहत भरी खबर है ।
लेकिन क्या वो इस जहाज के सभी पैसेंजर को सुरक्षित वापस ला पाते है या उनके किस्मत मे इस जहाज के यात्रियों जैसा ही नसीब लिखा हुआ है !
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Badhiya update bhai
To sabko bachane ke liye vyom nikal chuka or jaise vyom ke states ha us hisab se to katai sahi banda gaya ha udhar dekhte han ki jahan se koi na aa paya udhar se vyom sabko bachake nikal pata ha ya nahi. Or ye last ne lagta ha ye sab wapas ghumkar Atlantis ki taraf hi jaa rahe han lagta ha. Or ye aslam surprise to aise ho raha ha ki jaise ise pata nahi lagta ha in sabko idhar wapas atlantis ki taraf lane ka kaam is aslam ne hi kiya ha or sabko dikhane ke liye natak kar raha ha ab dekhte han ki is bar ye log Atlantis par uatarte han ya nahi vaise to utarna chahiye tab hi to maja ayega main mystery to udhar hi ha
Are mene thode time ke liye break liya tha. Thoda health issue tha. Nind ki lagi padi thi
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
Nice update....
Badhiya update
Jis tarah se aslam bol raha ha kita excited ha island per jane ke liye ye lara bhi mout ke muh me chala gaya suyesh ne kitni rokne ki koshish ki lekin lara nahi ruka or aslam bhi uska sath deta gaya lekin khud nahi gaya uske sath shayd wo dekhna chahta ho ki kya wo island per pahunch oate ha ya nahi lekin lara bhi mara gaya island tak pahunch nahi pa rahe han ye log kya hoga inka kahin jaa nahi sakte or ye island aane nahi de raha
Awesome update thriller
Ek or Suspence full episode.bhagne wala Albert nahi tha to wo kaun tha or apne kandhe par ky leke khooda samundar me wo
.
Kafi intresting raha ye update Raj_sharma bhai
Awesome update# 35 .
चैपटर-11 4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 22:30;
सुयश ने इस हादसे के बाद शिप को द्वीप की ओर नहीं मुड़वाया। सुप्रीम फिर से एक अंजाने सफर पर चल दिया था।
धीरे-धीरे इस घटना की जानकारी भी लोगों तक पहुंच गई। कई लोगों को तो अब यह विश्वास हो गया था कि उनका अब बच पाना मुश्किल है। बहुत से लोग तो इस गम से बीमार हो गए थे।
डॉक्टर्स व सुप्रीम का स्टाफ अपनी पूरी कोशिश कर रहा था। माइकल भी मारथा के साथ अपने रूम में बैठा हुआ था।
शैफाली इस समय ब्रूनो के साथ दूसरे रुम में थी। माइकल की यही कोशिश थी कि वह शैफाली को शिप के हालात के बारे में ना जानने दे।
“क्या सोच रही हो मारथा ?“ माइकल ने मारथा के माथे पर चुंबन लेते हुए पूछा।
“यही कि अगर हम अपनी सभ्यता तक ना पहुंचे, तो हमारी इस फूल से कोमल बच्ची का क्या होगा ? इसने तो अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी है। अगर हम ना रहे तो इसे भला कौन संभालेगा ?“ मारथा के शब्दों में चिन्ता साफ झलक रही थी।
“तुम भी क्या बेवकूफों जैसी बात करती हो ? हम सिडनी पहुचेंगे और जरुर पहुंचेंगे।“ माइकल ने मारथा को दिलासा देते हुए कहा-
“और वैसे भी हमारी बच्ची आँखों वालों से ज्यादा अच्छा देखती है, वह एक साधारण इंसान से ज्यादा समझदार है। तुमने देखा नहीं कि कैप्टन सुयश और प्रोफेसर अलबर्ट उसकी कैसे तारीफ कर रहे थे।“
“वो तो है लेकिन.........।“ अभी
मारथा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाई थी कि तभी शैफाली ने ब्रूनो के साथ कमरे में प्रवेश किया। मारथा ने शैफाली को आता देख तुरंत अपने आंसू पोंछ लिए, जो कि उसके गालों तक ढुलक आए थे।
“मॉम-डैड, देखिये मैंने गणित की कितनी अच्छी प्रॉब्लम बनाई है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
“क्या बनाया आज मेरी बेटी ने?“ माइकल ने आगे बढ़कर शैफाली के गालों को चूम लिया।
“एक बहुत अच्छी गणित की पजल है।“ शैफाली ने माइकल के हाथों में कॉपी और पेन पकड़ाते हुए कहा।
माइकल भी कॉपी और पेन लेकर, ऐसे जमीन पर बैठ गया, मानो आज उसका गणित का क्लास हो और मास्टर जी हाथ में छड़ी लिए हुए खड़े हों।
“रेडी टू सॉल्व द पजल?“ शैफाली ने भोलेपन से पूछा।
“यस मास्टर जी !“ माइकल अक्सर ही ऐसे शैफाली को खुश करने की कोशिश किया करता था।
“ओ.के. तो अब आप सबसे पहले तीन अंकों की एक संख्या लिखिए।“ शैफाली सच में किसी टीचर की तरह बोलने लगी-
“पर ये ध्यान रहे कि पहला और तीसरा अंक समान नहीं होना चाहिए। मतलब कि ‘646‘ जैसी कोई संख्या नहीं होनी चाहिए।“
माइकल ने धीरे से अपनी कॉपी में एक संख्या ‘348‘ लिख ली।
“लिख लिया ?“ शैफाली ने पूछा।
“जी मास्टर जी !“ माइकल ने भी बच्चों जैसी आवाज में जवाब दिया।
“अब इसी संख्या को दूसरी जगह उलट कर लिख लीजिए। मतलब की पीछे वाली संख्या आगे ले जाइए और आगे वाली संख्या पीछे ले जाइए। बीच वाली संख्या को बीच में ही लिखा रहने दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“हां हो गया।“ माइकल ने दूसरी जगह पर ‘843‘ लिख लिया।
“अब आपके पास दो संख्याएं हो गई। अब दोनों संख्याओं में से जो संख्या बड़ी है, उसमें से छोटी वाली को घटा दीजिए।“
अब माइकल ने ‘843‘ में से ‘348‘ को घटा दिया । उत्तर ‘495‘ आया।
“घटा दिया।......अब क्या करुं मास्टर जी।“
“अब जो भी उत्तर आया है, उसके बाएं साइड की पहली संख्या मुझे बता दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“4“ माइकल ने कहा।
“आपका उत्तर ‘495‘ आया है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
इस बार मारथा व माइकल दोनों हैरान रह गए क्यों कि उत्तर एकदम सही था।
“ये तुमने कैसे जाना कि मेरा उत्तर ‘495‘ ही आया है?“ माइकल ने शैफाली का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए कहा।
“बता दूंगी लेकिन पहले वादा करिये कि आज आप मुझे ‘बर्गर‘ खिलायेंगे।“ शैफाली ने अपनी आंखें गोल-गोल नचाते हुए माइकल को भी ब्लैकमेल किया।
“अरे खिला दूंगा मेरी मां ! बर्गर के साथ ‘पिज्जा ‘ भी खिला दूंगा पर तुम उत्तर तो बताओ।“ माइकल ने बाकायदा शैफाली के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा।
“तो फिर ठीक है सुनिए- जब भी तीन अंकों की किसी भी संख्या को लेकर उसे उलट कर बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटाते हैं तो बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आती है। अब बांए हाथ की जो संख्या मैंने आप से पूछी, उससे मुझे तीसरी संख्या का पता लगाने में आसानी हो गयी। मतलब की बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आएगी और बाएं हाथ की संख्या को ‘9‘ से घटाने पर जो भी आएगा। वही तीसरी संख्या होगी। मान लिया आपने हमें बाएं हाथ की संख्या ‘3‘ बताई होती तो तीसरी संख्या ‘9-3=6‘ होती । अर्थात पूरी संख्या ‘396‘ होती।“
“मार्वलश!“ माइकल ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा।
“वैसे इसी तरह की एक और पजल भी है।“ शैफाली ने पुनः किसी संत की तरह उपदेश दिया।
“वह भी बता दीजिए मास्टर जी।“ माइकल जो की घुटनों के बल शैफाली के आगे बच्चा बनकर खड़ा था, पुनः बोल उठा।
इस बार शैफाली ने माइकल के हाथ से कॉपी लेकर, हाथ से टटोलते हुए ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या लिखी, मगर ‘8‘ को छोड़ दिया। यानी कि वह संख्या थी- ‘12345679‘
अब उसने कॉपी पुनः माइकल के हाथ में पकड़ा दी।
“अब यह बताइए कि आपको ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या में सबसे अच्छी संख्या कौन सी लगती है?“ शैफाली ने पुनः बोलते हुए कहा।
माइकल ने कुछ देर सोचने के बाद कहा- ‘8‘
“अब जो संख्या मैंने लि खी है, उस पूरे को 72 से गुणा कर दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“उससे क्या होगा ?“ माइकल ने छोटे बच्चों की तरह सवाल किया।
“आप पहले करिए तो शैफाली ने जिद की।
आखिरकार माइकल की गणित की कैलकुलेशन में जुट गया। कुछ देर के बाद उत्तर उसके सामने था। जिसे देखकर वह दंग रह गया। क्यो कि उत्तर ‘888888888‘ था।
“ये कैसे किया ? बता दो मगर शर्त मत रखना। मैं ब्रूनो को भी कुछ ना कुछ अच्छा अपने आप खिला दूंगा।“
“मैंने जो संख्या लिखी थी, वह एक तरह के कोड को सॉल्व करने वाली डिजिट है। इस डिजिट में ‘8‘ नहीं होता है। उसको लिखने के बाद मैंने आपसे आपका फेवरेट नंबर पूछा। तो आपने मुझे ‘8‘ बताया। तो मैंने ‘8‘ को ‘9‘ से गुणा कर दिया। उत्तर ‘72‘ आया। मैने यही नंबर आपको उस डिजिट से गुणा करने को दे दिया। यदि आप अपना फेवरेट अंक ‘3‘ बताते तो मैं उस संख्या को ‘27‘ से गुणा करने के लिए कहती। इसी तरह मैं ‘6‘ को ‘54‘ से गुणा करवाती और उत्तर ‘9‘ बार ‘6‘ (666666666) आता। है ना सिंपल सा।“ शैफाली ने भोलेपन से कहा।
“हां बहुत सिंपल है।“ इतना कहकर माइकल अपनी खोपड़ी पकड़ कर बैठ गया।
उसकी यह हालत देखकर मारथा जोर-जोर से हंसने लगी।
जारी रहेगा...........
Shefaali ka dimak bohot tej hai rekha ji, waise aap chaho to do o paheliya aajma sakti ho Dono hi real hain, ab ye log yaha se jinda niklenge ya nahi? Yeto abhi nahi bata sakte per itna jaroor kah sakta hu ki waha se nikalna lagbhag asambhav haiAwesome update
Is खतरनाक situation me शेफाली Ki ऐसी नटखट लेकिन। बहुत ही चालाकी भरी गणित की पहेलियां बहुत शानदार थी
शेफाली ही अपने माइंड का प्रयोग करके इस सिचुएशन से निकालेगी लेकिन कैसे उसका इंतजार है
Thank you very much for your amazing review and wonderful support bhai avsji Ye taapu chalta hai ya nahi ye to nahi bata sakta, per ghoom jaroor raha haiIska jabaab sayad vyom ke paas mil sake ganit ki puzzles kafi dimak laga kar banai hui puzzles hai Aap khud bhi try kar ke dekh sakte ho, uttar ekdum shocking aayega, waise review dete raha karo bhai, jisse hosla bana rahe, mujhe lagta hai mujhe ek break le lena chahiye is kahani se, kyu ki kahani bohot badi hai, aur motivation kam hai, isme aapka dosh nahi waise, yaha per aap jaise bas ek do hi hai, baaki jyadatar ek do sabd wali hi bache hai, fir, workload bhi rahta hai, Abhi march financial year end ki taiyari suru ho jayegi agle mahine se, 8-10 khokhe ka purchase ek sath dekhna padega to kahi kuch gadbad na ho jaye, bas isi liye 10-15 update or dunga jyada se jyada, or fir break lunga,मरथा जी अनावश्यक ही परेशान हो रही हैं। सुप्रीम को शायद शेफ़ाली के कारण ही उस द्वीप, अटलांटिस की तरफ़ ले जाया जा रहा है। बहुत पहले असलम पर शक़ हुआ था कि क्यों वो इंजनरूम के सभी स्टाफ़ को मदिरा-पान करने को उकसा रहा है। अब पता चला कि वो असलम है ही नहीं! उसके नाम पर कोई और है। शायद ये ही वो व्यक्ति है जो शेफ़ाली के तकिए पर वो मुद्रा रख कर गया हो।
इस कहानी के इन अपडेट्स को पढ़ कर कुछ सालों पहले एक प्रोग्राम, “लॉस्ट” की याद हो आई। उसमें जो लॉस्ट वाला टापू था, वो चलायमान था। उसमें भी इसी अटलांटिस की ही तरह अद्भुत रहस्य थे। वैसे, कहते हैं कि अगर आँखें बंद कर के कुछ देर चला जाय, तो व्यक्ति सर्कल में घूमने लगता है। सुप्रीम की वही हालत लग रही है - बिना किसी दिशा संकेत के उसकी हालत अंधे व्यक्ति जैसी ही है, और वो शायद सर्कल में घूम रहा है।
गणितीय पज़ल बढ़िया रहीं।
बहुत बहुत बढ़िया और रोचक अपडेट्स रहे भाई!
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....# 35 .
चैपटर-11 4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 22:30;
सुयश ने इस हादसे के बाद शिप को द्वीप की ओर नहीं मुड़वाया। सुप्रीम फिर से एक अंजाने सफर पर चल दिया था।
धीरे-धीरे इस घटना की जानकारी भी लोगों तक पहुंच गई। कई लोगों को तो अब यह विश्वास हो गया था कि उनका अब बच पाना मुश्किल है। बहुत से लोग तो इस गम से बीमार हो गए थे।
डॉक्टर्स व सुप्रीम का स्टाफ अपनी पूरी कोशिश कर रहा था। माइकल भी मारथा के साथ अपने रूम में बैठा हुआ था।
शैफाली इस समय ब्रूनो के साथ दूसरे रुम में थी। माइकल की यही कोशिश थी कि वह शैफाली को शिप के हालात के बारे में ना जानने दे।
“क्या सोच रही हो मारथा ?“ माइकल ने मारथा के माथे पर चुंबन लेते हुए पूछा।
“यही कि अगर हम अपनी सभ्यता तक ना पहुंचे, तो हमारी इस फूल से कोमल बच्ची का क्या होगा ? इसने तो अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी है। अगर हम ना रहे तो इसे भला कौन संभालेगा ?“ मारथा के शब्दों में चिन्ता साफ झलक रही थी।
“तुम भी क्या बेवकूफों जैसी बात करती हो ? हम सिडनी पहुचेंगे और जरुर पहुंचेंगे।“ माइकल ने मारथा को दिलासा देते हुए कहा-
“और वैसे भी हमारी बच्ची आँखों वालों से ज्यादा अच्छा देखती है, वह एक साधारण इंसान से ज्यादा समझदार है। तुमने देखा नहीं कि कैप्टन सुयश और प्रोफेसर अलबर्ट उसकी कैसे तारीफ कर रहे थे।“
“वो तो है लेकिन.........।“ अभी
मारथा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाई थी कि तभी शैफाली ने ब्रूनो के साथ कमरे में प्रवेश किया। मारथा ने शैफाली को आता देख तुरंत अपने आंसू पोंछ लिए, जो कि उसके गालों तक ढुलक आए थे।
“मॉम-डैड, देखिये मैंने गणित की कितनी अच्छी प्रॉब्लम बनाई है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
“क्या बनाया आज मेरी बेटी ने?“ माइकल ने आगे बढ़कर शैफाली के गालों को चूम लिया।
“एक बहुत अच्छी गणित की पजल है।“ शैफाली ने माइकल के हाथों में कॉपी और पेन पकड़ाते हुए कहा।
माइकल भी कॉपी और पेन लेकर, ऐसे जमीन पर बैठ गया, मानो आज उसका गणित का क्लास हो और मास्टर जी हाथ में छड़ी लिए हुए खड़े हों।
“रेडी टू सॉल्व द पजल?“ शैफाली ने भोलेपन से पूछा।
“यस मास्टर जी !“ माइकल अक्सर ही ऐसे शैफाली को खुश करने की कोशिश किया करता था।
“ओ.के. तो अब आप सबसे पहले तीन अंकों की एक संख्या लिखिए।“ शैफाली सच में किसी टीचर की तरह बोलने लगी-
“पर ये ध्यान रहे कि पहला और तीसरा अंक समान नहीं होना चाहिए। मतलब कि ‘646‘ जैसी कोई संख्या नहीं होनी चाहिए।“
माइकल ने धीरे से अपनी कॉपी में एक संख्या ‘348‘ लिख ली।
“लिख लिया ?“ शैफाली ने पूछा।
“जी मास्टर जी !“ माइकल ने भी बच्चों जैसी आवाज में जवाब दिया।
“अब इसी संख्या को दूसरी जगह उलट कर लिख लीजिए। मतलब की पीछे वाली संख्या आगे ले जाइए और आगे वाली संख्या पीछे ले जाइए। बीच वाली संख्या को बीच में ही लिखा रहने दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“हां हो गया।“ माइकल ने दूसरी जगह पर ‘843‘ लिख लिया।
“अब आपके पास दो संख्याएं हो गई। अब दोनों संख्याओं में से जो संख्या बड़ी है, उसमें से छोटी वाली को घटा दीजिए।“
अब माइकल ने ‘843‘ में से ‘348‘ को घटा दिया । उत्तर ‘495‘ आया।
“घटा दिया।......अब क्या करुं मास्टर जी।“
“अब जो भी उत्तर आया है, उसके बाएं साइड की पहली संख्या मुझे बता दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“4“ माइकल ने कहा।
“आपका उत्तर ‘495‘ आया है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
इस बार मारथा व माइकल दोनों हैरान रह गए क्यों कि उत्तर एकदम सही था।
“ये तुमने कैसे जाना कि मेरा उत्तर ‘495‘ ही आया है?“ माइकल ने शैफाली का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए कहा।
“बता दूंगी लेकिन पहले वादा करिये कि आज आप मुझे ‘बर्गर‘ खिलायेंगे।“ शैफाली ने अपनी आंखें गोल-गोल नचाते हुए माइकल को भी ब्लैकमेल किया।
“अरे खिला दूंगा मेरी मां ! बर्गर के साथ ‘पिज्जा ‘ भी खिला दूंगा पर तुम उत्तर तो बताओ।“ माइकल ने बाकायदा शैफाली के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा।
“तो फिर ठीक है सुनिए- जब भी तीन अंकों की किसी भी संख्या को लेकर उसे उलट कर बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटाते हैं तो बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आती है। अब बांए हाथ की जो संख्या मैंने आप से पूछी, उससे मुझे तीसरी संख्या का पता लगाने में आसानी हो गयी। मतलब की बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आएगी और बाएं हाथ की संख्या को ‘9‘ से घटाने पर जो भी आएगा। वही तीसरी संख्या होगी। मान लिया आपने हमें बाएं हाथ की संख्या ‘3‘ बताई होती तो तीसरी संख्या ‘9-3=6‘ होती । अर्थात पूरी संख्या ‘396‘ होती।“
“मार्वलश!“ माइकल ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा।
“वैसे इसी तरह की एक और पजल भी है।“ शैफाली ने पुनः किसी संत की तरह उपदेश दिया।
“वह भी बता दीजिए मास्टर जी।“ माइकल जो की घुटनों के बल शैफाली के आगे बच्चा बनकर खड़ा था, पुनः बोल उठा।
इस बार शैफाली ने माइकल के हाथ से कॉपी लेकर, हाथ से टटोलते हुए ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या लिखी, मगर ‘8‘ को छोड़ दिया। यानी कि वह संख्या थी- ‘12345679‘
अब उसने कॉपी पुनः माइकल के हाथ में पकड़ा दी।
“अब यह बताइए कि आपको ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या में सबसे अच्छी संख्या कौन सी लगती है?“ शैफाली ने पुनः बोलते हुए कहा।
माइकल ने कुछ देर सोचने के बाद कहा- ‘8‘
“अब जो संख्या मैंने लि खी है, उस पूरे को 72 से गुणा कर दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“उससे क्या होगा ?“ माइकल ने छोटे बच्चों की तरह सवाल किया।
“आप पहले करिए तो शैफाली ने जिद की।
आखिरकार माइकल की गणित की कैलकुलेशन में जुट गया। कुछ देर के बाद उत्तर उसके सामने था। जिसे देखकर वह दंग रह गया। क्यो कि उत्तर ‘888888888‘ था।
“ये कैसे किया ? बता दो मगर शर्त मत रखना। मैं ब्रूनो को भी कुछ ना कुछ अच्छा अपने आप खिला दूंगा।“
“मैंने जो संख्या लिखी थी, वह एक तरह के कोड को सॉल्व करने वाली डिजिट है। इस डिजिट में ‘8‘ नहीं होता है। उसको लिखने के बाद मैंने आपसे आपका फेवरेट नंबर पूछा। तो आपने मुझे ‘8‘ बताया। तो मैंने ‘8‘ को ‘9‘ से गुणा कर दिया। उत्तर ‘72‘ आया। मैने यही नंबर आपको उस डिजिट से गुणा करने को दे दिया। यदि आप अपना फेवरेट अंक ‘3‘ बताते तो मैं उस संख्या को ‘27‘ से गुणा करने के लिए कहती। इसी तरह मैं ‘6‘ को ‘54‘ से गुणा करवाती और उत्तर ‘9‘ बार ‘6‘ (666666666) आता। है ना सिंपल सा।“ शैफाली ने भोलेपन से कहा।
“हां बहुत सिंपल है।“ इतना कहकर माइकल अपनी खोपड़ी पकड़ कर बैठ गया।
उसकी यह हालत देखकर मारथा जोर-जोर से हंसने लगी।
जारी रहेगा...........
Badhiya update# 35 .
चैपटर-11 4 जनवरी 2002, शुक्रवार, 22:30;
सुयश ने इस हादसे के बाद शिप को द्वीप की ओर नहीं मुड़वाया। सुप्रीम फिर से एक अंजाने सफर पर चल दिया था।
धीरे-धीरे इस घटना की जानकारी भी लोगों तक पहुंच गई। कई लोगों को तो अब यह विश्वास हो गया था कि उनका अब बच पाना मुश्किल है। बहुत से लोग तो इस गम से बीमार हो गए थे।
डॉक्टर्स व सुप्रीम का स्टाफ अपनी पूरी कोशिश कर रहा था। माइकल भी मारथा के साथ अपने रूम में बैठा हुआ था।
शैफाली इस समय ब्रूनो के साथ दूसरे रुम में थी। माइकल की यही कोशिश थी कि वह शैफाली को शिप के हालात के बारे में ना जानने दे।
“क्या सोच रही हो मारथा ?“ माइकल ने मारथा के माथे पर चुंबन लेते हुए पूछा।
“यही कि अगर हम अपनी सभ्यता तक ना पहुंचे, तो हमारी इस फूल से कोमल बच्ची का क्या होगा ? इसने तो अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी है। अगर हम ना रहे तो इसे भला कौन संभालेगा ?“ मारथा के शब्दों में चिन्ता साफ झलक रही थी।
“तुम भी क्या बेवकूफों जैसी बात करती हो ? हम सिडनी पहुचेंगे और जरुर पहुंचेंगे।“ माइकल ने मारथा को दिलासा देते हुए कहा-
“और वैसे भी हमारी बच्ची आँखों वालों से ज्यादा अच्छा देखती है, वह एक साधारण इंसान से ज्यादा समझदार है। तुमने देखा नहीं कि कैप्टन सुयश और प्रोफेसर अलबर्ट उसकी कैसे तारीफ कर रहे थे।“
“वो तो है लेकिन.........।“ अभी
मारथा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाई थी कि तभी शैफाली ने ब्रूनो के साथ कमरे में प्रवेश किया। मारथा ने शैफाली को आता देख तुरंत अपने आंसू पोंछ लिए, जो कि उसके गालों तक ढुलक आए थे।
“मॉम-डैड, देखिये मैंने गणित की कितनी अच्छी प्रॉब्लम बनाई है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
“क्या बनाया आज मेरी बेटी ने?“ माइकल ने आगे बढ़कर शैफाली के गालों को चूम लिया।
“एक बहुत अच्छी गणित की पजल है।“ शैफाली ने माइकल के हाथों में कॉपी और पेन पकड़ाते हुए कहा।
माइकल भी कॉपी और पेन लेकर, ऐसे जमीन पर बैठ गया, मानो आज उसका गणित का क्लास हो और मास्टर जी हाथ में छड़ी लिए हुए खड़े हों।
“रेडी टू सॉल्व द पजल?“ शैफाली ने भोलेपन से पूछा।
“यस मास्टर जी !“ माइकल अक्सर ही ऐसे शैफाली को खुश करने की कोशिश किया करता था।
“ओ.के. तो अब आप सबसे पहले तीन अंकों की एक संख्या लिखिए।“ शैफाली सच में किसी टीचर की तरह बोलने लगी-
“पर ये ध्यान रहे कि पहला और तीसरा अंक समान नहीं होना चाहिए। मतलब कि ‘646‘ जैसी कोई संख्या नहीं होनी चाहिए।“
माइकल ने धीरे से अपनी कॉपी में एक संख्या ‘348‘ लिख ली।
“लिख लिया ?“ शैफाली ने पूछा।
“जी मास्टर जी !“ माइकल ने भी बच्चों जैसी आवाज में जवाब दिया।
“अब इसी संख्या को दूसरी जगह उलट कर लिख लीजिए। मतलब की पीछे वाली संख्या आगे ले जाइए और आगे वाली संख्या पीछे ले जाइए। बीच वाली संख्या को बीच में ही लिखा रहने दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“हां हो गया।“ माइकल ने दूसरी जगह पर ‘843‘ लिख लिया।
“अब आपके पास दो संख्याएं हो गई। अब दोनों संख्याओं में से जो संख्या बड़ी है, उसमें से छोटी वाली को घटा दीजिए।“
अब माइकल ने ‘843‘ में से ‘348‘ को घटा दिया । उत्तर ‘495‘ आया।
“घटा दिया।......अब क्या करुं मास्टर जी।“
“अब जो भी उत्तर आया है, उसके बाएं साइड की पहली संख्या मुझे बता दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“4“ माइकल ने कहा।
“आपका उत्तर ‘495‘ आया है।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
इस बार मारथा व माइकल दोनों हैरान रह गए क्यों कि उत्तर एकदम सही था।
“ये तुमने कैसे जाना कि मेरा उत्तर ‘495‘ ही आया है?“ माइकल ने शैफाली का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए कहा।
“बता दूंगी लेकिन पहले वादा करिये कि आज आप मुझे ‘बर्गर‘ खिलायेंगे।“ शैफाली ने अपनी आंखें गोल-गोल नचाते हुए माइकल को भी ब्लैकमेल किया।
“अरे खिला दूंगा मेरी मां ! बर्गर के साथ ‘पिज्जा ‘ भी खिला दूंगा पर तुम उत्तर तो बताओ।“ माइकल ने बाकायदा शैफाली के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा।
“तो फिर ठीक है सुनिए- जब भी तीन अंकों की किसी भी संख्या को लेकर उसे उलट कर बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटाते हैं तो बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आती है। अब बांए हाथ की जो संख्या मैंने आप से पूछी, उससे मुझे तीसरी संख्या का पता लगाने में आसानी हो गयी। मतलब की बीच की संख्या हमेशा ‘9‘ ही आएगी और बाएं हाथ की संख्या को ‘9‘ से घटाने पर जो भी आएगा। वही तीसरी संख्या होगी। मान लिया आपने हमें बाएं हाथ की संख्या ‘3‘ बताई होती तो तीसरी संख्या ‘9-3=6‘ होती । अर्थात पूरी संख्या ‘396‘ होती।“
“मार्वलश!“ माइकल ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा।
“वैसे इसी तरह की एक और पजल भी है।“ शैफाली ने पुनः किसी संत की तरह उपदेश दिया।
“वह भी बता दीजिए मास्टर जी।“ माइकल जो की घुटनों के बल शैफाली के आगे बच्चा बनकर खड़ा था, पुनः बोल उठा।
इस बार शैफाली ने माइकल के हाथ से कॉपी लेकर, हाथ से टटोलते हुए ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या लिखी, मगर ‘8‘ को छोड़ दिया। यानी कि वह संख्या थी- ‘12345679‘
अब उसने कॉपी पुनः माइकल के हाथ में पकड़ा दी।
“अब यह बताइए कि आपको ‘1‘ से लेकर ‘9‘ तक की संख्या में सबसे अच्छी संख्या कौन सी लगती है?“ शैफाली ने पुनः बोलते हुए कहा।
माइकल ने कुछ देर सोचने के बाद कहा- ‘8‘
“अब जो संख्या मैंने लि खी है, उस पूरे को 72 से गुणा कर दीजिए।“ शैफाली ने कहा।
“उससे क्या होगा ?“ माइकल ने छोटे बच्चों की तरह सवाल किया।
“आप पहले करिए तो शैफाली ने जिद की।
आखिरकार माइकल की गणित की कैलकुलेशन में जुट गया। कुछ देर के बाद उत्तर उसके सामने था। जिसे देखकर वह दंग रह गया। क्यो कि उत्तर ‘888888888‘ था।
“ये कैसे किया ? बता दो मगर शर्त मत रखना। मैं ब्रूनो को भी कुछ ना कुछ अच्छा अपने आप खिला दूंगा।“
“मैंने जो संख्या लिखी थी, वह एक तरह के कोड को सॉल्व करने वाली डिजिट है। इस डिजिट में ‘8‘ नहीं होता है। उसको लिखने के बाद मैंने आपसे आपका फेवरेट नंबर पूछा। तो आपने मुझे ‘8‘ बताया। तो मैंने ‘8‘ को ‘9‘ से गुणा कर दिया। उत्तर ‘72‘ आया। मैने यही नंबर आपको उस डिजिट से गुणा करने को दे दिया। यदि आप अपना फेवरेट अंक ‘3‘ बताते तो मैं उस संख्या को ‘27‘ से गुणा करने के लिए कहती। इसी तरह मैं ‘6‘ को ‘54‘ से गुणा करवाती और उत्तर ‘9‘ बार ‘6‘ (666666666) आता। है ना सिंपल सा।“ शैफाली ने भोलेपन से कहा।
“हां बहुत सिंपल है।“ इतना कहकर माइकल अपनी खोपड़ी पकड़ कर बैठ गया।
उसकी यह हालत देखकर मारथा जोर-जोर से हंसने लगी।
जारी रहेगा...........
बिल्कुल लीजिए ब्रेक!Thank you very much for your amazing review and wonderful support bhai avsji Ye taapu chalta hai ya nahi ye to nahi bata sakta, per ghoom jaroor raha haiIska jabaab sayad vyom ke paas mil sake ganit ki puzzles kafi dimak laga kar banai hui puzzles hai Aap khud bhi try kar ke dekh sakte ho, uttar ekdum shocking aayega, waise review dete raha karo bhai, jisse hosla bana rahe, mujhe lagta hai mujhe ek break le lena chahiye is kahani se, kyu ki kahani bohot badi hai, aur motivation kam hai, isme aapka dosh nahi waise, yaha per aap jaise bas ek do hi hai, baaki jyadatar ek do sabd wali hi bache hai, fir, workload bhi rahta hai, Abhi march financial year end ki taiyari suru ho jayegi agle mahine se, 8-10 khokhe ka purchase ek sath dekhna padega to kahi kuch gadbad na ho jaye, bas isi liye 10-15 update or dunga jyada se jyada, or fir break lunga,
Aapka bohot bohot aabhaar