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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Awesome update
Safaili ke sab dreams true Hote ja rahe hai
Shayad ab aage shefali ka role badhne wala hai story me
Bilkul badh sakta hai sarkaar:D, auske sapne sach to ho rahe hai, par kya wo sapne hi hai?:hinthint:
Thank you very much for your valuable review and support :hug:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Very well said dear Sharma
Bilkul bhari hai chirag(Raj)❤️💯%
किसी को फूलों में ना बसाओ फूलों में सिर्फ सपने बास्ते है,
अगर बसाना है तो दिल में बसाओ, क्युकी दिल में सिर्फ अपने बसते है!!❣️
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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# 41 .

“क्या मतलब? मैं समझा नहीं।“ जॉनी के चेहरे पर उलझन के भाव आ गये।

“मतलब बिल्कुल साफ है।“ सुयश ने अपनी बात को दोबारा रिपीट करते हुए कहा- “आप आत्माओं के बारे में क्या जानते हैं? यही की आत्माएं कैसी होती हैं? वह क्या कर सकती हैं? वगैरह-वगैरह।“

“आत्माएं........... जितना मैं जानता हूं और मैंने किताबों में पढ़ा है कि आत्माएं शरीर के अंदर होती हैं। वह एक सूक्ष्म ऊर्जा का रुप मात्र होती हैं। वह अपनी ऊर्जा के द्वारा किसी का भी रूप धारण कर सकती हैं। उसमें असीमित ताकत होती है। उन्हें दर्द का एहसास नहीं होता। वह किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर हवा में उड़ कर जा सकती हैं। और.....................।“

“और उनका कोई शरीर नहीं होता।“ सुयश ने जॉनी की बात को बीच से ही पकड़ कर अपने शब्दों में पूरा किया- “क्यों मैंने ठीक कहा ना ?“

“जी !“ जॉनी ने हां में सिर हिलाया।

“अगर आपको मेरी बात से इत्तेफाक है, तो वह लॉरेन और रोजर की आत्माएं तो हो ही नहीं सकती। क्यों कि आपके कहे अनुसार मिस्टर जॉनी, लॉरेन....लोथार का हाथ पकड़े हुए थी और फिर मैंने भी रोजर से हाथापाई की थी। इसका साफ मतलब है कि वह स-शरीर थे।“ सुयश ने लॉजिक देते हुए कहा।

“तो फिर आपका क्या कहना है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा- “कि वह लॉरेन और रोजर ही थे। वह अभी मरे नहीं हैं और जिंदा हैं।“

“नहीं.....मेरा यह कहने का भी मतलब नहीं है।“ सुयश ने फिर से तर्क दिया- “मैं तो सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि वह लॉरेन और रोजर का मेकअप किये हुए कोई अपराधी भी हो सकता है, जो लोगों के दिलों में आत्माओं के नाम पर दहशत फैलाना चाहता हो।“

सुयश ने अपनी बातें कह तो दीं लेकिन सभी के दिमाग अब शक का ऐसा कीड़ा बैठ गया था कि शायद अब उसे निकालना संभव ना था।
कुछ देर के लिए वहां पर सन्नाटा छा गया।


5 जनवरी 2002, शनिवार 21:10;

सभी के दिमाग में उथल-पुथल मच रही थी लेकिन उन्हें पता था कि उनके सवालों का सही जवाब अब किसी के पास नहीं है। इसलिए वह सभी चुप थे।

अभी ये सारे लोग डेक से जाने की बात सोच ही रहे थे कि तभी सबको असलम की आवाज ने हैरान कर दिया-

“कैप्टेन वो समुद्र में क्या है?“ सभी असलम के एका एक इस तरह से बोलने से आश्चर्य से उस दिशा में देखने लगे, जिधर असलम इशारा कर रहा था। समुद्र में बहुत दूर कहीं रोशनी से देख रही थी।

“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ ब्रैंडन ने रोशनी की ओर देखते हुए कहा- “क्या ये हमारी तरह भटका हुआ कोई शिप है? या फिर कोई और अंजानी मुसीबत जो हमारी तरफ बढ़ रही है?“

अब डेक पर खड़े सभी यात्रियों का ध्यान उस रोशनी की तरफ गया। जहां एक तरफ सभी के दिल अंजानी आशंका से धड़क रहे थे, वहीं उनके मन में रोशनी के प्रति एक उत्सुकता भी थी।

“अभी वह इतनी दूर है कि कुछ कहा नहीं जा सकता।“ सुयश ने ध्यान से उस तरफ देखते हुए कहा- “असलम, शिप से तुरंत सिग्नल फ्लेयर आसमान की ओर फिंकवाओ। शायद वह कोई छोटा शिप हो। क्यों कि वह रोशनी चलती हुई सी लग रही है।“

असलम ने तुरंत वॉकी-टॉकी सेट पर ऑर्डर दनदना दिया। मुश्किल से अभी 5 मिनट भी ना बीते होंगे कि आसमान में सिग्नल फ्लेयर फेंके जाने लगे। वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली ‘ या ‘बैस्ताइल डे‘ मनाया जा रहा हो।

अब वह रोशनी थोड़ा स्पष्ट दिखना शुरू हो गई थी। बड़ी अजीब सी सुनहरी रोशनी थी, जो हर पल पास आती जा रही थी।

“यह तो कोई छोटी मोटर बोट जैसी चीज प्रतीत हो रही है।“ ऐलेक्स बोल उठा।

“हाँ ! और अब लगता है कि उसने हमें देख लिया है, क्यों कि अब वो हमारी ही तरफ आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।
तब तक वह अजीब सी रोशनी थोड़ा और पास आ गई।

“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ असलम आंखें फाड़-फाड़ कर उस रोशनी को देख रहा था- “यह तो मोटर बोट जैसी नहीं लग रही है। यह तो ऐसा लगता है जैसे कोई चीज पानी पर दौड़ रही हो।“

अब धीरे-धीरे सभी को यह विश्वास होने लगा था कि यह कोई नई मुसीबत है। अब वह रोशनी शिप से कुछ ही दूरी पर थी। सभी उस रोशनी को भौचक्के से देख रहे थे, क्यों कि वह रोशनी का प्रकाश पुंज अब एक मानव आकृति ले रहा था।

“यह क्या......? यह तो पानी पर दौड़ता हुआ कोई सुनहरा मानव लग रहा है।“ तौफीक के शब्दों में इस समय पूरी दुनिया जहान का आश्चर्य दिखने लगा।

“सुनहरा मानव!“ सुयश के दिमाग में यह शब्द लगातार किसी घंटे के समान चोट कर रहा था। उसे रह-रहकर शैफाली के सपने की याद आ रही थी-
“मैंने देखा एक सुनहरा मानव, जो हमें किसी दिशा में जाने के लिए इशारा कर रहा था “

“तो क्या शैफाली ने जो सपने देखे थे, वह सारे सच होंगे...... क्यों कि उसने अपने सपने में भविष्य में घटने वाले सारे दृश्य देखे थे?“ सुयश होंठो ही होंठो में बड़बड़ाया।

तब तक वह सुनहरा मानव शिप के बिल्कुल पास आ चुका था। उसके शरीर से इतनी तेज सुनहरी रोशनी निकल रही थी कि उसका चेहरा तक नहीं दिख पा रहा था।

वह पानी पर खड़ा होकर एकटक शिप के यात्रियों को घूरने लगा। असलम ने धीरे से एक गार्ड से रिवाल्वर ले ली। ब्रैंडन भी किसी खतरे से निपटने के लिए तैयार हो गया।

लेकिन सुयश ने हाथ के इशारे से सबको रोका। वह सुनहरे मानव के अगले कदम का इंतजार करने लगा। एक क्षण के लिए मानो समय रुक सा गया। डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे।

किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था। सुनहरे मानव की निगाह अब लगातार सुयश पर थीं। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।

अच्छा ही हुआ कि सुनहरे मानव के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी शक्ल देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश हो कर गिर जाते और सबसे ज्यादा अचंभा तो सुयश को होता।

अचानक जैसे सुनहरे मानव को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फिर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया। और इससे पहले की कोई कुछ और समझ पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिए सबकी आंखें बंद हो गईं।

जब सबकी आंखें खुलीं तो दूर-दूर तक वही अंधकार नजर आया। वह रहस्यमय सुनहरा मानव अपनी जगह से गायब था।

“कहां गया..? कहां गया वह सुनहरा मानव?“ जॉनी ने डरते-डरते कहा।

“जहां से आया था, वहीं चला गया।“ सुयश ने जॉनी के डरे हुए चेहरे को देखते हुए जवाब दिया।

“कैप्टन यह क्या चीज थी ?“ तौफीक ने आश्चर्य भरे स्वर में सुयश से पूछा ।

“पता नहीं, देखने से तो कोई ऊर्जा मानव लग रहा था। पर यह समझ में नहीं आया कि वह उस दिशा में इशारा क्यों कर रहा था ?“ सुयश ने उस दिशा की ओर उंगली उठायी, जिधर अभी वह सुनहरा मानव इशारा कर रहा था।

“यह भी तो हो सकता है कि वह हमें भटका हुआ जानकर सही दिशा दिखा रहा हो। या फिर हमें किसी रहस्य की तह तक ले जाना चाहता हो।“ ब्रैंडन ने कहा।

“अब हमें क्या पता कि वह हमें सही दिशा दिखा रहा था या फिर से हमें भटका कर कहीं और ले जाना चाहता था ?“ ऐलेक्स के विचार सुन, सभी दहशत से भर उठे।

“मुझे तो वह कोई शैतानी आत्मा जैसा लग रहा था।“ जॉनी के विचार सबसे अलग थे- “और वह हम सब को मौत के मुंह में ले जाना चाहता था।“

“आप तो कम से कम अपने विचार अपने ही पास रखें।“ जेनिथ ने जॉनी की बात सुनकर फिर बुरा सा मुंह बनाया- “आत्मा के सिवा अब दिखता ही क्या है आपको ?“

जॉनी ने सुनकर एक गहरी सांस ली- “मत मानो मेरी बात, पर देखना एक दिन सब मरोगे।“

“आप बताइए कैप्टेन, कि हम क्या करें?“ ब्रैंडन ने सुयश को सोचते देख पूछ लिया- “क्या हमें शिप को सुनहरे मानव के कहने वाली दिशा में मुड़वाना चाहिए? या फिर हम जिस दिशा में चल रहे हैं, उसी दिशा में चलते रहना चाहिए।“

“मेरे ख्याल से वह सुनहरा मानव हमें सही दिशा में जाने के लिए कह रहा था, क्यों कि उसे अगर हमें किसी मुसीबत में ही फंसाना होता तो वह यहां भी ऐसा कर सकता था। और वैसे भी हम पूरी तरह रास्ता भटक चुके हैं। बार-बार उस रहस्यमय द्वीप का हमारे रास्ते में पड़ना, यह बात साबित करता है। तो फिर क्यों ना एक बार उस सुनहरे मानव के कहने के हिसाब से भी चल कर देख लिया जाए, शायद हम सही रास्ते पर आ ही जाएं।“

सुयश का यह तर्क सभी को सही लगा। और अब शिप को पुनः स्टार्ट कर उस दिशा में मोड़ लिया गया, जिधर उस सुनहरे मानव ने इशारा किया था।

धीरे-धीरे डेक पर खड़े सभी लोग अपने-अपने दिल में घूम रहे सैकड़ों प्रश्नों में से कुछ और प्रश्नों का इजाफा कर के अपने-अपने कमरों की ओर चल दिए। जब डेक पर सिर्फ स्टाफ के आदमी बचे तो सुयश ने ब्रैंडन की ओर घूमकर कहा-

“हां तो ब्रैंडन, मुझे लग रहा है कि आप बड़ी देर से मुझसे शायद कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, पर पूछ नहीं पा रहे हो। क्या बात है? आप क्या पूछना चाहते हो ?“ अब बताओ।“

ब्रैंडन ने तारीफ भरी नजरों से सुयश को देखा। कितनी आसानी से सुयश ने उसके मन की बात जान ली थी।

“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं वास्तव में बहुत देर से आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता था। पर यात्रियों की वजह से पूछ नहीं पा रहा था। आप यह बताइए कि शैफाली के सपने के बारे में आपका क्या ख्याल है? क्यों कि अब हम अगर उसके सपने को एक साधारण सपना समझें, तो यह हमारी भूल होगी। क्यों कि उसके द्वारा बताई गई एक-एक बात अब सच हो रही है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए कहा।


ब्रैंडन ने एक क्षण रुककर वहां खड़े सभी के चेहरे को देखा और फिर पुनः बोलना शुरू कर दिया-
“तो क्या उसके द्वारा कही गई अब बाकी सारी बातें भी सच होंगी ?“

“कुछ कह नहीं सकते पर फिलहाल जो घटनाएं घट रही हैं उसको देखकर तो यही लगता है कि अब उसके द्वारा कही गई बाकी सारी बातें भी सच होंगी।“ सुयश ने एक गहरी साँस छोड़ते हुए कहा।

“वैसे कैप्टेन, शैफाली की बातों से एक पॉजिटिव प्वाइंट भी निकल कर सामने आता है।“ असलम ने कहा।

“वो क्या ?“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से पूछा।





जारी रहेगा_________✍️

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Ab ship ko us golden man ke batayi direction me mudwa to diya he suyash ne...................

Lekin abhi tak vo khud 100% sure nahi he ki uska ye faisla sahi he ya nahi............

Brandon ne sahi sawal kiya..............ab shaifali ki kahi huyi sabhi baate sach hoti dikh rahi he............

Keep posting Bro
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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मैं कतरा हो के भी दरिया से जंग लड़ता हूं, मुझे बचाना समन्दर की ज़िम्मेदारी है, दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत , ये चराग कई आंधियों पे भारी है । :smarty:

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किसी को फूलों में ना बसाओ फूलों में सिर्फ सपने बास्ते है,
अगर बसाना है तो दिल में बसाओ, क्युकी दिल में सिर्फ अपने बसते है!!❣️
Bahut khoob Raj_sharma bhai
Kya bat hai aaj Romantic mod me 😉😉
 

Raj_sharma

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Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Ab ship ko us golden man ke batayi direction me mudwa to diya he suyash ne...................

Lekin abhi tak vo khud 100% sure nahi he ki uska ye faisla sahi he ya nahi............

Brandon ne sahi sawal kiya..............ab shaifali ki kahi huyi sabhi baate sach hoti dikh rahi he............

Keep posting Bro
Sunahre manav ki batai disha me ship 🚢 mod diya hai, aur mujhe lagta hai ki direction bhi sahi hi hoga, rahi baat shefaali ki to uski bataai hui baate galat nahi hongi, ye apun bolta hai :declare: Bas se socho ki kaise?? Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Shandar update Bhai
Lagta hai kahani ka rukh ab wapas shaifali ki or mudne wala hai
Modna hi padega:D Warna yaha se niklenge kaise? Thanks brother for your valuable review :thanx:
 
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