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Aage story me bohot tension hai bcBahut khoob Raj_sharma bhai
Kya bat hai aaj Romantic mod me
Thoda bohot mood halka kar raha hu bandhu
Aage story me bohot tension hai bcBahut khoob Raj_sharma bhai
Kya bat hai aaj Romantic mod me
Qqge ka raasta to sirf niyati hi dikhayegi bandhu, wo shefali ke bhi bas ka nahi hai Tumhe aisa kyu laga?Safaili hi inhe ab aage ka rasta bata sakti h
Mene doper ko hi first update read kr liya hai, to read krna start ho gaya hai.DesiPriyaRai ye kahani bhi to mysterious Thriller hai prriye
Kab se start kar rahi ho?
Thats great dear, welcome to the storyMene doper ko hi first update read kr liya hai, to read krna start ho gaya hai.
Golden human ka concept nice!! Main Suyash se agree karta hoon ki koi Lauthar aur Lauren ki face mask laga kar ship ke sabhi vyaktiyon ko darana chahta hai, kyonki ve sab yadi aatma hote to unhe bhagne ki jarurat kyon pad gayi kyunki aata ko na mara ja sakta hai aur na hi nuksan pahuchaya ja sakta hai.# 41 .
“क्या मतलब? मैं समझा नहीं।“ जॉनी के चेहरे पर उलझन के भाव आ गये।
“मतलब बिल्कुल साफ है।“ सुयश ने अपनी बात को दोबारा रिपीट करते हुए कहा- “आप आत्माओं के बारे में क्या जानते हैं? यही की आत्माएं कैसी होती हैं? वह क्या कर सकती हैं? वगैरह-वगैरह।“
“आत्माएं........... जितना मैं जानता हूं और मैंने किताबों में पढ़ा है कि आत्माएं शरीर के अंदर होती हैं। वह एक सूक्ष्म ऊर्जा का रुप मात्र होती हैं। वह अपनी ऊर्जा के द्वारा किसी का भी रूप धारण कर सकती हैं। उसमें असीमित ताकत होती है। उन्हें दर्द का एहसास नहीं होता। वह किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर हवा में उड़ कर जा सकती हैं। और.....................।“
“और उनका कोई शरीर नहीं होता।“ सुयश ने जॉनी की बात को बीच से ही पकड़ कर अपने शब्दों में पूरा किया- “क्यों मैंने ठीक कहा ना ?“
“जी !“ जॉनी ने हां में सिर हिलाया।
“अगर आपको मेरी बात से इत्तेफाक है, तो वह लॉरेन और रोजर की आत्माएं तो हो ही नहीं सकती। क्यों कि आपके कहे अनुसार मिस्टर जॉनी, लॉरेन....लोथार का हाथ पकड़े हुए थी और फिर मैंने भी रोजर से हाथापाई की थी। इसका साफ मतलब है कि वह स-शरीर थे।“ सुयश ने लॉजिक देते हुए कहा।
“तो फिर आपका क्या कहना है कैप्टेन।“ ब्रैंडन ने सुयश की ओर देखते हुए पूछा- “कि वह लॉरेन और रोजर ही थे। वह अभी मरे नहीं हैं और जिंदा हैं।“
“नहीं.....मेरा यह कहने का भी मतलब नहीं है।“ सुयश ने फिर से तर्क दिया- “मैं तो सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि वह लॉरेन और रोजर का मेकअप किये हुए कोई अपराधी भी हो सकता है, जो लोगों के दिलों में आत्माओं के नाम पर दहशत फैलाना चाहता हो।“
सुयश ने अपनी बातें कह तो दीं लेकिन सभी के दिमाग अब शक का ऐसा कीड़ा बैठ गया था कि शायद अब उसे निकालना संभव ना था।
कुछ देर के लिए वहां पर सन्नाटा छा गया।
5 जनवरी 2002, शनिवार 21:10;
सभी के दिमाग में उथल-पुथल मच रही थी लेकिन उन्हें पता था कि उनके सवालों का सही जवाब अब किसी के पास नहीं है। इसलिए वह सभी चुप थे।
अभी ये सारे लोग डेक से जाने की बात सोच ही रहे थे कि तभी सबको असलम की आवाज ने हैरान कर दिया-
“कैप्टेन वो समुद्र में क्या है?“ सभी असलम के एका एक इस तरह से बोलने से आश्चर्य से उस दिशा में देखने लगे, जिधर असलम इशारा कर रहा था। समुद्र में बहुत दूर कहीं रोशनी से देख रही थी।
“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ ब्रैंडन ने रोशनी की ओर देखते हुए कहा- “क्या ये हमारी तरह भटका हुआ कोई शिप है? या फिर कोई और अंजानी मुसीबत जो हमारी तरफ बढ़ रही है?“
अब डेक पर खड़े सभी यात्रियों का ध्यान उस रोशनी की तरफ गया। जहां एक तरफ सभी के दिल अंजानी आशंका से धड़क रहे थे, वहीं उनके मन में रोशनी के प्रति एक उत्सुकता भी थी।
“अभी वह इतनी दूर है कि कुछ कहा नहीं जा सकता।“ सुयश ने ध्यान से उस तरफ देखते हुए कहा- “असलम, शिप से तुरंत सिग्नल फ्लेयर आसमान की ओर फिंकवाओ। शायद वह कोई छोटा शिप हो। क्यों कि वह रोशनी चलती हुई सी लग रही है।“
असलम ने तुरंत वॉकी-टॉकी सेट पर ऑर्डर दनदना दिया। मुश्किल से अभी 5 मिनट भी ना बीते होंगे कि आसमान में सिग्नल फ्लेयर फेंके जाने लगे। वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली ‘ या ‘बैस्ताइल डे‘ मनाया जा रहा हो।
अब वह रोशनी थोड़ा स्पष्ट दिखना शुरू हो गई थी। बड़ी अजीब सी सुनहरी रोशनी थी, जो हर पल पास आती जा रही थी।
“यह तो कोई छोटी मोटर बोट जैसी चीज प्रतीत हो रही है।“ ऐलेक्स बोल उठा।
“हाँ ! और अब लगता है कि उसने हमें देख लिया है, क्यों कि अब वो हमारी ही तरफ आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।
तब तक वह अजीब सी रोशनी थोड़ा और पास आ गई।
“कैप्टेन, ये क्या हो सकता है?“ असलम आंखें फाड़-फाड़ कर उस रोशनी को देख रहा था- “यह तो मोटर बोट जैसी नहीं लग रही है। यह तो ऐसा लगता है जैसे कोई चीज पानी पर दौड़ रही हो।“
अब धीरे-धीरे सभी को यह विश्वास होने लगा था कि यह कोई नई मुसीबत है। अब वह रोशनी शिप से कुछ ही दूरी पर थी। सभी उस रोशनी को भौचक्के से देख रहे थे, क्यों कि वह रोशनी का प्रकाश पुंज अब एक मानव आकृति ले रहा था।
“यह क्या......? यह तो पानी पर दौड़ता हुआ कोई सुनहरा मानव लग रहा है।“ तौफीक के शब्दों में इस समय पूरी दुनिया जहान का आश्चर्य दिखने लगा।
“सुनहरा मानव!“ सुयश के दिमाग में यह शब्द लगातार किसी घंटे के समान चोट कर रहा था। उसे रह-रहकर शैफाली के सपने की याद आ रही थी-
“मैंने देखा एक सुनहरा मानव, जो हमें किसी दिशा में जाने के लिए इशारा कर रहा था “
“तो क्या शैफाली ने जो सपने देखे थे, वह सारे सच होंगे...... क्यों कि उसने अपने सपने में भविष्य में घटने वाले सारे दृश्य देखे थे?“ सुयश होंठो ही होंठो में बड़बड़ाया।
तब तक वह सुनहरा मानव शिप के बिल्कुल पास आ चुका था। उसके शरीर से इतनी तेज सुनहरी रोशनी निकल रही थी कि उसका चेहरा तक नहीं दिख पा रहा था।
वह पानी पर खड़ा होकर एकटक शिप के यात्रियों को घूरने लगा। असलम ने धीरे से एक गार्ड से रिवाल्वर ले ली। ब्रैंडन भी किसी खतरे से निपटने के लिए तैयार हो गया।
लेकिन सुयश ने हाथ के इशारे से सबको रोका। वह सुनहरे मानव के अगले कदम का इंतजार करने लगा। एक क्षण के लिए मानो समय रुक सा गया। डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे।
किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था। सुनहरे मानव की निगाह अब लगातार सुयश पर थीं। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।
अच्छा ही हुआ कि सुनहरे मानव के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी शक्ल देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश हो कर गिर जाते और सबसे ज्यादा अचंभा तो सुयश को होता।
अचानक जैसे सुनहरे मानव को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फिर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया। और इससे पहले की कोई कुछ और समझ पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिए सबकी आंखें बंद हो गईं।
जब सबकी आंखें खुलीं तो दूर-दूर तक वही अंधकार नजर आया। वह रहस्यमय सुनहरा मानव अपनी जगह से गायब था।
“कहां गया..? कहां गया वह सुनहरा मानव?“ जॉनी ने डरते-डरते कहा।
“जहां से आया था, वहीं चला गया।“ सुयश ने जॉनी के डरे हुए चेहरे को देखते हुए जवाब दिया।
“कैप्टन यह क्या चीज थी ?“ तौफीक ने आश्चर्य भरे स्वर में सुयश से पूछा ।
“पता नहीं, देखने से तो कोई ऊर्जा मानव लग रहा था। पर यह समझ में नहीं आया कि वह उस दिशा में इशारा क्यों कर रहा था ?“ सुयश ने उस दिशा की ओर उंगली उठायी, जिधर अभी वह सुनहरा मानव इशारा कर रहा था।
“यह भी तो हो सकता है कि वह हमें भटका हुआ जानकर सही दिशा दिखा रहा हो। या फिर हमें किसी रहस्य की तह तक ले जाना चाहता हो।“ ब्रैंडन ने कहा।
“अब हमें क्या पता कि वह हमें सही दिशा दिखा रहा था या फिर से हमें भटका कर कहीं और ले जाना चाहता था ?“ ऐलेक्स के विचार सुन, सभी दहशत से भर उठे।
“मुझे तो वह कोई शैतानी आत्मा जैसा लग रहा था।“ जॉनी के विचार सबसे अलग थे- “और वह हम सब को मौत के मुंह में ले जाना चाहता था।“
“आप तो कम से कम अपने विचार अपने ही पास रखें।“ जेनिथ ने जॉनी की बात सुनकर फिर बुरा सा मुंह बनाया- “आत्मा के सिवा अब दिखता ही क्या है आपको ?“
जॉनी ने सुनकर एक गहरी सांस ली- “मत मानो मेरी बात, पर देखना एक दिन सब मरोगे।“
“आप बताइए कैप्टेन, कि हम क्या करें?“ ब्रैंडन ने सुयश को सोचते देख पूछ लिया- “क्या हमें शिप को सुनहरे मानव के कहने वाली दिशा में मुड़वाना चाहिए? या फिर हम जिस दिशा में चल रहे हैं, उसी दिशा में चलते रहना चाहिए।“
“मेरे ख्याल से वह सुनहरा मानव हमें सही दिशा में जाने के लिए कह रहा था, क्यों कि उसे अगर हमें किसी मुसीबत में ही फंसाना होता तो वह यहां भी ऐसा कर सकता था। और वैसे भी हम पूरी तरह रास्ता भटक चुके हैं। बार-बार उस रहस्यमय द्वीप का हमारे रास्ते में पड़ना, यह बात साबित करता है। तो फिर क्यों ना एक बार उस सुनहरे मानव के कहने के हिसाब से भी चल कर देख लिया जाए, शायद हम सही रास्ते पर आ ही जाएं।“
सुयश का यह तर्क सभी को सही लगा। और अब शिप को पुनः स्टार्ट कर उस दिशा में मोड़ लिया गया, जिधर उस सुनहरे मानव ने इशारा किया था।
धीरे-धीरे डेक पर खड़े सभी लोग अपने-अपने दिल में घूम रहे सैकड़ों प्रश्नों में से कुछ और प्रश्नों का इजाफा कर के अपने-अपने कमरों की ओर चल दिए। जब डेक पर सिर्फ स्टाफ के आदमी बचे तो सुयश ने ब्रैंडन की ओर घूमकर कहा-
“हां तो ब्रैंडन, मुझे लग रहा है कि आप बड़ी देर से मुझसे शायद कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, पर पूछ नहीं पा रहे हो। क्या बात है? आप क्या पूछना चाहते हो ?“ अब बताओ।“
ब्रैंडन ने तारीफ भरी नजरों से सुयश को देखा। कितनी आसानी से सुयश ने उसके मन की बात जान ली थी।
“आप बिल्कुल ठीक समझे कैप्टन, मैं वास्तव में बहुत देर से आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता था। पर यात्रियों की वजह से पूछ नहीं पा रहा था। आप यह बताइए कि शैफाली के सपने के बारे में आपका क्या ख्याल है? क्यों कि अब हम अगर उसके सपने को एक साधारण सपना समझें, तो यह हमारी भूल होगी। क्यों कि उसके द्वारा बताई गई एक-एक बात अब सच हो रही है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए कहा।
ब्रैंडन ने एक क्षण रुककर वहां खड़े सभी के चेहरे को देखा और फिर पुनः बोलना शुरू कर दिया-
“तो क्या उसके द्वारा कही गई अब बाकी सारी बातें भी सच होंगी ?“
“कुछ कह नहीं सकते पर फिलहाल जो घटनाएं घट रही हैं उसको देखकर तो यही लगता है कि अब उसके द्वारा कही गई बाकी सारी बातें भी सच होंगी।“ सुयश ने एक गहरी साँस छोड़ते हुए कहा।
“वैसे कैप्टेन, शैफाली की बातों से एक पॉजिटिव प्वाइंट भी निकल कर सामने आता है।“ असलम ने कहा।
“वो क्या ?“ सुयश ने ना समझने वाले भाव से पूछा।
जारी रहेगा_________
Wo dono aatma to bilkul nahi thi bhaiYe to pakka hai, i agree with you, Sath bane rahiye, aage bohot kuch haiThanks brother for your valuable review and supportGolden human ka concept nice!! Main Suyash se agree karta hoon ki koi Lauthar aur Lauren ki face mask laga kar ship ke sabhi vyaktiyon ko darana chahta hai, kyonki ve sab yadi aatma hote to unhe bhagne ki jarurat kyon pad gayi kyunki aata ko na mara ja sakta hai aur na hi nuksan pahuchaya ja sakta hai.
Nice update brother.
Shaandar jabardast update# 30 .
लोथार के इस जवाब पर सुयश को उससे कुछ कहते ना बना अतः वह पुनः जेनिथ की तरफ मुड़कर बोला-
“क्या आप या लॉरेन सिगरेट पीती थीं ?“
“जी नहीं ।“ जेनिथ ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया।
“फिर तो यह सिगरेट का टुकड़ा जरुर उसी व्यक्ति का होगा, जिसने छिपकर रुम की तलाशी ली है।“ ब्रैंडन ने सुयश को देखते हुए धीमे स्वर में कहा।
सुयश ने ब्रैंडन की बात सुन धीरे से हाँ मे अपना सिर हिलाया और सिगरेट का वह टुकड़ा ब्रैंडन के हवाले करता हुआ ब ला-
“इसे भी लैब में भिजवा दो और इस पर से फिंगर प्रिंट उठाने की कोशिश करो। हो सकता है कि कातिल का को ई सुराग इस पर से भी मिल जाए।“ ब्रैंडन ने सिगरेट का वह टुकड़ा टिश्यू पेपर सहित ले लिया और अपनी जेब के हवाले कर दिया। अब सभी जेनिथ के रुम से बाहर आ गये।
“एक बात बताइये कैप्टेन कि लॉरेन की लाश तो चलिए उसके बॉयफ्रेंड या कातिल जो भी हो, वह ले गया। लेकिन जो गार्ड की लाश अभी तुरंत रखी गई थी, वह कहां चली गई? और इतनी जल्दी उसे कौन ले गया ?“ तौफीक ने सुयश से सवाल किया।
तौफीक की बातों में दम था। सुयश सहित अब सभी सस्पेंस के झूले में झूलने लगे।
“लगता है एक बार फिर स्टोर रूम में चलना पड़ेगा।“ सुयश ने जवाब दिया। एक बार फिर सभी स्टोर रूम की तरफ चल दिए।
“गार्ड की लाश कहां रखी थी ?“ सुयश ने स्टोर रुम में प्रवेश करते हुए, दोनों गार्डों से मुखातिब होते हुए कहा।
दोनों गार्डों ने डरते-डरते एक दिशा की ओर इशारा कर दिया। सुयश पहले तो उस स्थान को ध्यान से देखता रहा फिर उसने ब्रूनो को वहां सूंघने का इशारा किया। ब्रूनो धीरे-धीरे आगे बढ़ा और उस जगह को सूंघने लगा, जहां सुयश ने इशारा किया था। ब्रूनो ने कई बार जमीन को सूंघा और फिर अपनी नाक को हवा में उठा कर कुछ सूंघने की कोशिश की। पर ऐसा लग रहा था, जैसे वह कुछ समझ ना पा रहा हो।
काफी देर सूंघने के बाद ब्रूनो धीरे-धीरे एक दिशा की ओर बढ़ा और स्टोर रुम में मौजूद लगभग 4 फुट ऊंचे लगी, एक खिड़की की ओर मुंह करके भौंकने लगा।
“इसका क्या मतलब हुआ?“ सुयश ने ना समझ में आने वाले लहजे में कहा- “यह खिड़की तो समुद्र की ओर खुलती है।“
“शायद किसी ने गार्ड की लाश इस खिड़की से समुद्र की ओर फेंकी है?“ असलम ने जवाब दिया।
सुयश ने धीरे से उस खिड़की के दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया। दरवाजा बिना आवाज किए समुद्र की ओर खुल गया। एकदम से आदमी को गला देने वाली ठंडी हवा का झोंका तेजी से अंदर आया। एक पल के लिए सभी सिहर से गये।
सुयश ने खिड़की के बाहर झांक कर देखा, लेकिन लहरों के सिवा उसे दूर-दूर तक कुछ ना दिखाई दिया। हाँ, ‘सुप्रीम’ के चलने से छिटक कर दूर होता हुआ, समुद्र का पानी जरूर आवाज कर रहा था। हर तरफ मौत की काली चादर के समान दहशत बिछी थी। कुछ देर तक देखते रहने के बाद सुयश उस खिड़की से दूर हट गया।
“कैप्टेन, यह खिड़की के नीचे पानी कैसा है?“ ऐलेक्स ने खिड़की के नीचे फर्श पर पड़े पानी की ओर इशारा करते हुए कहा। अब सभी का ध्यान नीचे पड़े पानी पर था।
“यह पानी तो समुद्र का है।“ अलबर्ट ने आगे बढ़कर पानी की एक बूंद को हाथों में लेकर देखते हुए कहा।
“आप क्या कहना चाहते हैं प्रोफेसर? कि कोई समुद्र से निकलकर इस खिड़की को खोल कर आया था और लाश को लेकर वापस समुद्र में चला गया ?“ असलम ने कहा।
“क्या बेवकूफी है? समुद्र की सतह यहां से लगभग 48 मीटर नीचे है। भला इतनी ऊंचाई तक बिना सहारे के कोई कैसे ऊपर आ सकता है?“ सुयश ने अजीब सी नजरों से असलम को देखते हुए कहा।
“तो फिर समुद्र का पानी यहां पर कैसे आया ?“ लारा ने कहा। लेकिन अब इसका जवाब किसी के पास नहीं था।
तभी अलबर्ट आगे बढ़ा और खिड़की के पास जा कर दूसरी ओर देखने लगा। थोड़ी देर देखने के बाद अलबर्ट ने अपने हाथ से, समुद्र की ओर से, खिड़की के कुछ नीचे हाथ लगाया और फिर अपना हाथ अंदर कर लिया। किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कर रहा है? पर सभी की निगाहें अब अलबर्ट पर ही थीं। अंदर आकर अलबर्ट ने अपने अंगूठे से, अपनी दोनों उंगलियों को रगड़ा। अब उसके हाथ में पानी की बूंदों के समान कुछ नमी थी। सभी का ध्यान अब कुछ इस तरह से अलबर्ट की ओर था, जैसे वो किसी रहस्य को खोलने जा रहा हो। और आखिरकार अलबर्ट ने अपना मुंह खोला-
“बात कुछ समझ में नहीं आती, पर मेरे हाथों में लगी नमी यह साबित करती है कि कोई ना कोई समुद्र के अंदर से होकर खिड़की के रास्ते अवश्य आया था।“
“पर गार्ड की लाश को छोड़कर और दोबारा स्टोर रूम में आने में बामुश्किल 5 मिनट का समय लगा था। इस 5 मिनट में कौन इतनी तेजी से 48 मीटर चढ़कर लाश ले जा सकता है। ऐसा तो कोई जानवर भी नहीं कर सकता और वह भी तब, जबकि शिप अपनी पूरी स्पीड से चल रहा है।“ सुयश ने अपने दिमाग की सारी नसों पर जोर डालते हुए कहा।
कुछ देर किसी के मुंह से कुछ नहीं निकला। स्टोर रुम में एक सन्नाटा सा छा गया।
“यह भी तो हो सकता है कि जब गार्ड यहां लाश छोड़ने आये, उस समय कोई स्टोर रूम में पहले से ही रहा हो। और जब ये घबरा कर यहां से भागे हों तो उसने गार्ड की लाश खिड़की से पानी में फेंक दी हो या फिर स्वयं लेकर पानी में कूद गया हो।“ लोथार जो कि बहुत देर से चुप था, बोल उठा।
“हो सकता है कि कुछ ऐसा ही हुआ हो ?“ सुयश ने सिर पर पहनी कैप को उतार, बालों में हाथ से कंघी करते हुए कहा- “लेकिन फिर यह समुद्र का पानी खिड़की के नीचे कैसे आ गया और गार्ड की लाश का भला किसी को क्या काम?“
“यह भी हो सकता है कि लॉरेन का कातिल इस पूरे घटना क्रम को सुपरनेचुरल प्रॉब्लम शो करना चाहता हो, इसलिए उसने पहले जानबूझकर समुद्र का पानी खिड़की के नीचे बिखेर दिया हो। जिससे हमारा ध्यान गलत दिशा में लग जाए। और जानबूझकर गार्ड की लाश गायब की हो। जिससे हम लोग इसे सीरियल किलर या किसी जानवर का कारनामा समझें।“ अलबर्ट ने एक नया तथ्य पेश किया।
“हूं.......ऐसा हो सकता है।“ सुयश ने सिर हिलाते हुए कहा - “इसका मतलब है, कि हो सकता है कि वह हरा कीड़ा भी कोई अपने साथ दहशत फैलाने के लिए लाया हो। .. ........अब हम लोगों को आगे घटने वाली किसी भी घटना को सुपरनेचुरल ना मानकर एक मानवीय घटना माननी चाहिए और उसी हिसाब से समस्या को देखना चाहिए।“
किसी के पास अब बहस करने के लिए कुछ ना बचा था। पूरी रात बहस और सुराग ढूंढने में चली गई थी। इस समय सुबह का लगभग 9:00 बज चुका था। सभी रात भर के थके थे इसलिए अब सुयश ने सभी को अपने-अपने कमरों में जाने के लिए कह दिया।
जाते-जाते सबको हिदायत दे दी गई कि वह लोग तब तक सावधान रहें, जब तक कि उन्हें कोई किनारा ना मिल जाए।
3 जनवरी 2002, गुरुवार, 11:00; सूर्य की किरणें धीरे-धीरे सागर की लहरों पर तैरती हुई आगे बढीं और
“सुप्रीम” का एक हल्का सा चुंबन ले उसे अपने आगोश में समेट लिया ।।
एक सुबह हो गयी थी। जो रात भर के सोए थे, वह सभी जाग गये थे और जो रात भर के जागे थे, वह नींद के आगोश में चले गये थे।
‘सुप्रीम’ अपनी अंजानी डगर पर हौले-हौले चला जा रहा था। ना तो अब उसे मंजिल का पता था और ना ही दूरी का।
धीरे-धीरे अब शिप के सभी लोगों को पता चल गया था कि इस रहस्यमय क्षेत्र से बचकर निकलना मुश्किल है। सभी आपस में अटकलें लगा रहे थे कि अगली मुसीबत किस पर आयेगी ? और किस तरह की होगी ? सुप्रीम की भांति सूर्य भी अपने सफर पर चला जा रहा था, फर्क था तो सिर्फ इतना कि सूर्य को अपनी मंजिल का पता था जबकि सुप्रीम को अपनी मंजिल का कोई पता नहीं था।
सुप्रीम बिल्कुल एक अन्जाने सफर पर था। सुबह अब दोपहर में बदल चुकी थी। सुबह के सोए हुए लोग भी उठ चुके थे।
“तौफीक! तुम्हारा क्या ख्याल है? जेनिथ ने तौफीक की ओर देखते हुए कहा- “इन सब मुसीबतों के पीछे क्या कारण हो सकता है?“
“कुछ पक्के तौर पर कह नहीं सकता।“ तौफीक भी सोफे पर जेनिथ के बगल में बैठता हुआ बोला- “वैसे भी इस बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में जो ना हो जाए वह कम है।“
“तुम तो आर्मी में रह चुके हो और पापा कहते हैं कि आर्मी के लोग बहुत ही कठिन परिस्थितियों का भी बहादुरी से डटकर सामना करते हैं। क्या तुम्हें कभी ऐसा एहसास हुआ कि अगले किसी भी क्षण में हम लोगों की मौत भी हो सकती है?“ जेनिथ ने अपना चेहरा, तौफीक के चेहरे के पास लाते हुए कहा।
“मौत और हमारा तो चोली दामन का साथ है। पर यहां पर अफसोस यही है कि हमें दुश्मन का पता नहीं है। यानि कि हम मर तो सकते हैं, पर दुश्मन को मार नहीं सकते।“ तौफीक के शब्दों में निराशा के भाव झलके।
“वैसे तुम्हें क्या लगता है कि हम बचकर अपनी सभ्यता तक वापस पहुंच पायेंगे? क्या हमारे प्यार को दुनिया वाले नहीं देख पाएंगे?“ इस बार जेनिथ के शब्दों में हसरत की एक झलक साफ दिखाई दी।
“पता नहीं, पर मौत से पहले जो जिंदगी से हार गया, उसे डरपोक कहा जाता है। हम अंतिम दम तक इस ना दिखने वाली मौत से लड़ेंगे और वैसे भी मैं अपना काम खत्म किए बिना, इस दुनिया से नहीं जाने वाला।“ तौफीक ने रोष में आते हुए कहा।
जारी रहेगा……......