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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया#56.
फिर तो जैसे एक सिलसिला शुरू हो गया। एटलस और उनके भाई हर साल नए योद्धाओं का चुनाव करते और उन्हें तिलिस्म को तोड़ने के लिए भेज देते थे, पर कोई सफल नहीं हो पा रहा था।
आख़िरकार एटलस ने 'एरियन आकाशगंगा' के महान 'टाइटन योद्धाओ' उस तिलिस्म को तोड़ने के लिए अमंत्रित किया।
जिससे गुस्सा होकर पोसाइडन ने यह श्राप दिया कि अब इस तिलिस्म में मनुष्यो के अलावा कोई भी अटलान्तियन, टाइटन, देवता या देवपुत्र प्रवेश नहीं कर सकता। और काले मोती को भी अब कोई देवपुत्री ही धारण कर सकती है।
पोसाइडन को पता था कि एटलस की अगली सात पीढ़ियो में अभी कोई नहीं पुत्री जन्म नहीं लेने वाली और रही बात मनुष्यो की, तो उसे पता था की मनुष्यो के पास इतनी शक्ति और बुद्धि नहीं है कि वह तिलिस्म को तोड़ सके।
अब एटलस के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। अंततः क्रोधित होकर एटलस ने पोसाइडन के ही विरुद्ध ही युद्ध का ऐलान कर दिया।
चूंकी एरियन के टाइटन योद्धा के साथ अब एटलस के साथ थे इसिलए ये युद्ध बहुत ही भयानक हुआ।
इस युद्ध को 'देव युद्ध' के नाम से जाना गया। इस युद्ध में पोसाइडन की तरफ से कुछ ग्रीक देवताओं ने भी युद्ध किया।
जब पोसाइडन को लगा कि अब यह देवपुत्र धीरे-धीरे खतरनाक होते जा रहे हैं तो पोसाइडन ने अपनी सारी शक्तियो को एकत्रित कर अटलांटिस की पूरी धरती को हिलाकर प्रलय ला दिया।
अटलांटिस की धरती पर एक साथ हजारो ज्वालामुखी फटे, भूकंप आये और फिर अविसनीय सुनामी। इस प्रलय के कारण पृथ्वी का जल स्तर 800 मीटर से ऊपर हो गया।
अंततः पूरी अटलांटिस की भव्य धरती धीरे-धीरे समुद्र में समा गई।
एटलस साहित उसका सारे भाई इस युद्ध में मारे गए। बची थी तो केवल एटलस की पत्नी 'लिडिया', जो प्रेग्नेंट होने के कारण अपनी मां के घर 'एरियान' गैलेक्सी' पर मौजूद थी।
सब कुछ ख़तम होने के बाद जब लीडिया अटलान्टिस पहुची तो वहां सिर्फ सामरा और सीनोर जाति के कुछ योद्धा ही बचे थे और बचा था तो बस अराका द्वीप....! जो पानी पर तैरने की वजह से इस खतरनाक दुर्घटना से बच गया था।
लीडिया अब सामरा और सीनोर के साथ अराका पर रहने लगी। कुछ समय के बाद लीडिया ने एक पुत्र को जन्म दिया।
सामरा और सीनोर दोनो जातियां लीडिया को देवी की तरह पूजते थे। अब लीडिया को इंतजार था कि उसके परिवार में किसी लड़की का जन्म हो, जो उस तिलिस्मी अंगूठी को खोजकर, काला मोती को प्राप्त कर सके और अटलांटिस राज्य को दोबारा से स्थापित कर सके।
धीरे-धीरे हजारों वर्ष बीत गए, पर एटलस की अगली सात पीढ़ियो में एक भी लड़की का जन्म नहीं हुआ।
आख़िरकार वह शुभ बेला आ ही गयी। 13070 साल बाद एटलस के परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ। जिसका नाम 'ऐलेना' रखा गया। बड़ी होने पर ऐलेना की शादी 'एरियन आकाशगंगा' के एक महान योद्धा 'आर्गस' के साथ हुई।
अब फिर शुरू हुआ सिलसिला तिलिस्मी अंगूठी को खोजने और काले मोती को प्राप्त करने का। समय धीरे-धीरे बीतता गया पर ऐलेना को तिलिस्मी रिंग नहीं मिली।
कुछ समय बाद ऐलेना ने भी एक-एक कर 8 बच्चों को जन्म दिया। जिनमे 7 लड़के थे और एक आखिरी सबसे छोटी लड़की थी। लड़की का नाम 'शलाका' रखा गया।
'शलाका' बचपन से ही बहुत तेज थी। दूसरे समय के साथ-साथ सामरा और सीनोर जातियो ने भी आपसी मतभेद शुरू कर दिया था। पर शलाका ने अपनी सूझ-बूझ से दोनों को अच्छे से नियंत्रण कर लिया और अराका द्वीप के आधे-आधे हिस्से को दोनो में बांट दिया।
शलाका और उसके 7 भाइयो ने कई आकाशगंगाओ से ज्ञान अर्जित किया, ऐलेना को यह विश्वास था कि शलाका हर हाल में तिलिस्मी अंगूठी ढूंढ लेगी और अटलान्टिस की सभ्यता की फिर से रचना करेगी।"
इतना पढ़कर वेगा रुक गया और वीनस की ओर देखने लगा।
“क्या हुआ चुप क्यों हो गए?” वीनस ने वेगा से पूछा।
“बस अटलांटिस का इतिहास यहीं तक था।” इसके आगे देवी शलाका और उनके 7 योद्धा भाइयो की शक्तियाँ और एरियान गैलेक्सी का जिक्र है बस. और उसको पढ़ने का कोई फायदा नहीं है क्यों की मुझे उस पर आर्टिकल थोड़े ही लिखना है।" वेगा ने वीनस को समझाते हुए कहा।
“पर जो भी कहो, अटलांटिस का इतिहास बहुत शानदार है।” वीनस ने कहानी की तारीफ करते हुए कहा- “पर काश ये सब सच होता ?”
“मतलब????” वेगा के चेहरे पर उलझन के भाव आये।
“मतलब...ये तो एक काल्पनिक फिक्शन या काल्पनिक किताब है ना।”...?"
वीनस ने कहा- ''आज के समय में तो लोग पोसाइडन पर ही विश्वास नहीं करते, फिर देवी शलाका पर कैसे विश्वास कर लेंगे। हां...पर जो भी हो, लेखक की कल्पनाओ की उड़ान बहुत अच्छी है।" यह कहकर वीनस खड़ी हो गयी।
"तुम मुख्य द्वार की ओर चलो, मैं अभी आता हूं।" यह कहकर वेगा लाइब्रेरियन की तरफ मुड़ गया।
वीनस ने एक नजर वेगा पर डाली और फिर मुख्य दरवाजे की ओर चल दी, लाइब्रेरियन वेगा को अपनी तरफ आते देख खड़ा हो गया।
“मुझे यह किताब इश्यू करवानी है।” वेगा ने लाइब्रेरियन की आंखो में आँख डालते हुए कहा।
“पर सर……मैं आपको तो पहले ही कह चुका हूँ की…….” वेगा कि आँखों में देखते हुए लाइब्रेरियन अचानक चुप हो गया।
“क्या कह चुके हो आप?" वेगा ने पूछा।
"आप यह किताब ले जा सकते हैं।" अचानक लाइब्रेरियन का सुर बदल गया- “रुकिए मैं आपको यह किताब पैकेट में डाल कर देता हूं, जिससे आपको कोई समस्या नहीं होगी।''
यह कहकर लाइब्रेरियन ने किताब को वेगा से लेकर 1 लिफाफे में डाल दिया। और पैकेट को सील कर, वेगा को पैकेट थमा दिया।
वेगा वह पैकेट लेकर तेजी से वीनस की ओर चल दिया। वीनस ने वेगा के हाथ में थमा पैकेट तो देखी पर उससे कुछ पूछा नहीं !
दोनो मुख्य द्वार से निकलकर पार्किंग की ओर चल दिये। उधर लाइब्रेरी में एक दूसरा व्यक्ति लाइब्रेरियन के पास एक किताब लेकर पहुचा।
“हैलो सर, मुझे यह किताब इशू करवानी है।” उस इंसान ने लाइब्रेरियन से कहा।
लाइब्रेरियन पर अभी भी कुछ हवा में देख रहा था। यह देख उस इंसान ने लाइब्रेरियन को धीरे-धीरे हिला दिया। उस आदमी के झकझोरते ही लाइब्रेरियन ऐसे हड़बड़ाया, मानो सोते से जगा हो।
लाइब्रेरियन ने एक झटके से इधर-उधर देखा, उस पर वेगा कही नजर नहीं आया। लाइब्रेरियन ने अपने सिर को एक हलका सा झटका दिया और पुनः अपने काम पर लग गया। ----------------------------------------------------------------------------- दोस्तो, यह थोड़ा सा फ्लैश बैक था, जिस से आपको कहानी समझ में आ सके और मुझे यकीन है कि काफी महानुभावों को आ भी गई होगी !!
अब उससे आगे....................
चमत्कारी पेड़ 7जनवरी2002, सोमवार, 10:30, रहस्यमय द्वीप- अराका
एक नई सुबह हो चुकी थी। सभी की आंखों की लाली बता रही थी कि कोई भी रात में ठीक से सो नहीं पाया था!
सागर की लहरो की आवाज और पंछियो के चहचहाट कानो में मीठा रस घोल रही थी। हवा भी खुशबू लिए हुई थी। मौसम काफी सुहाना था, पर फिर भी सभी के चेहरे पर उदासी की एक रेखा दिखयी दे रही थी और इसका कारण था ‘सुप्रीम’ के डूब जाने का। सभी नित्य कर्मों से फरिग होकर सुयश के पास एकत्रित हो गये।
सुयश ने एक नजर वहां खड़े सभी लोगों पर डाली और फिर बोलना शुरू कर दिया- “दोस्तो सुप्रीम का डूबना हमारी सबसे बड़ी।” बदकिस्मती थी। पर हम सबका बच जाना भी किसी चमत्कार से कम नहीं है, इसिलए हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए।
हमें अभी भी लड़ते रहना होगा... इस जंगल से, अपनी परिस्थियों से, अपने अकेलेपन से और सबसे बढ़कर आने वाली मुसीबतों से। वैसे तो यहां मौजूद हर इंसान का अपना व्यक्तित्व है जिससे वह अपनी क्षमता के हिसाब से अपनी जिंदगी के डिसीजन सवयं लेता है, पर मैं चाहता हूं कि अब हम यहां अपने सारे फैसले खुद ना ले बल्कि एक टीम की तरह काम करें क्योकी आप जानते हैं इस द्वीप पर कितने खतरे हो सकते हैं और हम एक बनकर ही इन खतरों से लड़ेंगे।"
“मैं आपकी बातों से इत्तेफाक रखता हूं कैप्टन।” अल्बर्ट ने आगे बढ़कर अपनी बात कही- “वैसे भी मैं पीछे घटी किसी घटना के लिए यहां किसी को भी जिम्मेदार नहीं मानता, यहां तक कि आपको भी नहीं।
आपने जो कुछ भी किया, हम सभी लोगो कि भलाई के लिए ही किया। वह सब समय का एक खराब चक्र था जो कि बीत गया। हमको आपकी काबिलियत पर कोई शक नहीं है, इसिलए मैं यह चाहता हूं कि अब भी आप ही हमारी टीम का नेतृत्व करें।''
अल्बर्ट कि बात सुन वहां खड़े बाकि सभी लोगो ने भी हाँ मै सर हिलाकर अल्बर्ट कि बात का समर्थन किया। यह देख पहले तो सुयश थोड़ा भावुक हो गया, इस घटना ने उसमें एक नई शक्ति का संचार कर दिया।
वह शक्ति थी उन सभी लोगों के विश्वास की। सुयश ने एक नजर द्वीप के अंदर मारी और फिर सबको देखते हुए अपनी मुट्ठी को बांधकर सबकी तरफ जोश से लहराया।
सभी ने सुयश का अनुशरण कर मुट्ठी बांधकर जोर से हुंकार भरी।
अब सभी द्वीप के अंदर कि ओर जाने को तैयार दिख रहे थे।
“तो सबसे पहले हम अपने पास मौजूद सभी चीज़ों को एक बार चेक कर लेना चाहिए, जिस से सही समय पर हम उस चीज का उपयोग कर पाये।'' यह कहकर सुयश मोटरबोट की ओर बढ़ गया।
जारी रहेगा_________
Awesome update# 13.
“ये था तुम्हारे सवाल का जवाब।“ सुयश ने लारा के सामने लॉकेट को लहराते हुए कहा-
“इस लॉकेट में रेडियम लगा हुआ है, जिसकी वजह से कातिल ने अंधेरे में भी इतना सटीक निशाना लगा लिया। और इससे एक बात यह भी साफ हो गई, कि कातिल का निशाना कोई और नहीं लॉरेन ही थी।“
“लेकिन इससे एक बात और समझ में आयी सर।“ ब्रैंडेन ने लॉकेट को देखते हुए कहा-
“कि कातिल लॉरेन से अच्छी तरह परिचित था और हो ना हो यह लॉकेट भी उसी ने लॉरेन को गिफ्ट किया होगा। क्यों कि लॉरेन किसी अंजान से लिया गया लॉकेट अपने गले में भला क्यों डालेगी “
“अब इसके बारे में तो हमें जेनिथ ही बता सकती है।“ सुयश ने कहा-
“क्यों कि वह लॉरेन की रुम पार्टनर थी।“
सुयश यह कहकर पुनः ध्यान से उस लॉकेट को देखने लगा कि शायद उसे, उसमें कोई और क्लू मिल जाए । लेकिन रेडियम पॉलिश के अलावा उस लॉकेट में और कुछ भी खास नहीं था। काफी देर तक देखने के बाद, सुयश ने उसे अपनी जेब में डाल लिया।
“लारा, अब तुम जरा 3-4 आदमी बुलवालो। जो इस लाश को कोल्ड स्टोर रूम में रख सकें। अगले स्टापेज पर सोचेंगे कि इसका क्या करना है?“ सुयश ने कहा।
लारा ने तुरंत फोन करके चार आदमी बुलवा लिए। वह सभी लॉरेन की लाश को, एक बड़ी सी पॉलीथिन में पैक करने लगे। लॉरेन की लाश को पैक हो जाने के बाद, सुयश ने लारा को लाश ले जाने का इशारा किया। हॉल से निकलते हुए लारा ने ब्रैंडन को भी साथ आने का इशारा किया। सबके जाने के बाद सुयश ने भी पहले एक नजर स्टेज की ओर दौड़ाई और फिर सिर को झटक कर थके कदमों से अपने केबिन की ओर चल दिया।
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:00;
सुयश इस समय अपने केबिन में था। रात के लगभग 2:00 बज रहे थे। लेकिन सुप्रीम पर मर्डर हो जाने के कारण, किसी की भी आंख में नींद का नामो निशान नहीं था। सुयश के सामने, वह सभी सिक्योरिटी के आदमी लाइन से खड़े थे, जिन्हें लारा ने, निशानेबाजी के सभी 28 प्रतियोगियों के रूम चेक करने के लिए भेजा था।
“क्या अब सभी लोग यहां पर आ चुके हैं?“ सुयश ने लारा से पूछा- “या फिर अभी कोई आना बाकी है?“
“यस सर!“ लारा ने तसल्ली से सभी को देखते हुए जवाब दिया- “अब कोई भी आना बाकी नहीं है।“
“हां ! तो अब आप लोग बताइए।“ सुयश ने इस बार सभी को देखते हुए पूछा- “क्या किसी को तलाशी में कोई गड़बड़ चीज दिखाई दी ? ये ध्यान रहे कि छोटी से छोटी चीज भी, अगर तुम्हें विचित्र लगी हो, तो उसके भी बारे में बता देना।“
“नहीं !“ सभी का समवेत स्वर गूंजा- “हमें तलाशी में कोई भी ऐसी चीज नहीं दिखी, जिससे हमें किसी पर शक हो।“
“1 मिनट कैप्टन!“ सिक्योरिटी के एक आदमी ने लाइन से बाहर निकलते हुए सुयश से कहा-
“मुझे जैक का रुम चेक करने के लिए भेजा गया था। मैं उसका रूम चेक कर रहा था लेकिन अभी मैं आधा रूम ही चेक कर पाया था कि तभी मुझे बगल वाले रूम से कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दीं । मुझे मालूम था कि इस समय सारे यात्री हॉल में है। इसलिए मैं उन अजीब सी आवाजों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया। मैंने कान लगा कर, दूसरे रूम से आती हुई आवाजों को सुनने की कोशिश की। पर मैं यह नहीं समझ पाया की ये आवाजें कैसी हैं?“
“कैसी आवाजें थीं वह?“ सुयश ने लगभग आतुर स्वर में पूछा।
“ठीक से तो नहीं कह सकता सर, पर वो आवाजें ऐसी लग रही थीं, जैसे कोई किसी चीज को खुरच रहा हो।“ सिक्योरिटी मैन ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा।
“तुरंत मेरे साथ चलो।“ सुयश ने बाहर निकलते हुए कहा। अब उसकी आंखों में ठीक वैसी ही चमक थी, जैसी एक इनामी अपराधी को पकड़ते समय इंस्पेक्टर के चेहरे पर होती है। लारा , ब्रैंडन सहित सभी लोग तेजी से सुयश के पीछे-पीछे बाहर निकल गए।
1 जनवरी 2002, मंगलवार, 02:30;
“मॉम-डैड, अब मेरा अगला सवाल सुनिये।“ शैफाली ने चहकते हुए कहा।
“अरे बेटा ! अब सो जाओ, रात के 2:30 बज रहे हैं।“ माइकल ने प्यार से शैफाली को समझाते हुए कहा।
“बस डैड! ये अंतिम प्रश्न है। उसके बाद और नहीं पूछूंगी।“ और फिर शैफाली ने बिना उनकी हां इंतजार किए, अपने सवाल का गोला दाग दिया –
“एक मेज पर, एक प्लेट में, तीन अंडे रखे हैं, जबकि खाने वाले चार हैं। बताइए वह इसे कैसे खायेंगे? जबकि शर्त यह है, कि अंडों को काटना नहीं है। और सभी को एक-एक खाना है।“
“यह कैसे संभव है?“ मारथा ने अपना सिर खुजाते हुए, माइकल की ओर देखते हुए कहा-
“अंडे तीन हैं और खाने वाले चार हैं। फिर वह पूरा-पूरा कैसे खा पाएंगे।“ माइकल ने भी ना समझ में आने वाले अंदाज में सिर हिला दिया।
“यह संभव है। अगर आप लोग अपनी हार मानें और मेरे लिए चॉकलेट का पैकेट व ब्रूनो के लिए बिस्किट लाने का वादा करें। तो मैं इसका उत्तर आपको बता सकती हूं।“ शैफाली ने दोनों को अपने गले से लगाते हुए, शरारत भरे स्वर में कहा। माइकल ने पहले मारथा को देखा और फिर हारे हुए स्वर में कहा-
“अच्छा मेरी माँ ! चॉकलेट लाना तो मंजूर। पर ब्रूनो का फेवरेट बिस्किट तो जितना स्टॉक में है। अभी उसी से काम चलाना पड़ेगा। क्यों कि वह इस शिप पर नहीं मिलता .......अब तो उत्तर बता दो।“
“मैं यह कहां कह रही हूं, कि अंडे 3 हैं, अंडे तो चार हैं।“ शैफाली ने अपनी नीली-नीली आंखें, गोल-गोल नचाते हुए कहा-
“एक मेज पर है और बाकी के तीन प्लेट में। तो फिर आप ही बताइए चारों लोग एक-एक अंडा खा सकते हैं या नहीं।“ माइकल ने शैफाली के प्रश्न को एक बार फिर अपने दिमाग में दोहराया और शैफाली का आशय समझ उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। मारथा भी अब मुस्कुराने लगी थी।
“अच्छा ! अब तो सो जाओ। अब तो तुम्हारे सारे प्रश्न कम्प्लीट हो गए।“ माइकल ने प्यार से शैफाली के गालों पर थपकी देते हुए कहा।
लेकिन इससे पहले कि माइकल, शैफाली को और कुछ कह पाता। बाहर लगी डोर बेल, मधुर संगीत बिखेरती हुई बज उठी।
“यह इतनी रात गए, दरवाजे पर कौन हो सकता है?“ माइकल के चेहरे पर असमंजस के भाव आ गये। माइकल ने तुरंत शैफाली को, ब्रूनो को अंदर ले जाने के लिए कहा।
“कौन?“ माइकल ने दरवाजे के पास पहुंचकर तेज आवाज में पूछा।
“सिक्योरिटी मैन!......हमें आपसे कुछ काम है? दरवाजा खोलिए।“
बाहर से आवाज आई। माइकल ने धीरे से एक नजर पीछे मारने के बाद, आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया। बाहर सुयश, ब्रैंडन व लारा सहित, कई सिक्योरिटी के आदमी खड़े नजर आये। दरवाजा खोलते ही सभी तेजी से अंदर आ गए।
“क्या बात है कैप्टन? आप इतनी रात गए। हमारे केबिन में क्या करने आए हैं?“ माइकल के चेहरे पर, अभी तक सोच के भाव थे। सुयश भी माइकल को देख हैरान हो गया।
“यह आपका कमरा है मिस्टर माइकल? सुयश ने आश्चर्य से कहा। उधर ब्रैंडन, सुयश को इस तरह बात करते देख, यह जान गया था, कि सुयश, माइकल से पहले से ही परिचित है।
“क्या बात है कैप्टन कोई परेशानी है? माइकल ने अपने शब्दों को दोबारा से दोहराया-“इतनी रात गए, आप हमारे रूम का दरवाजा क्यों नॉक कर रहे हैं?“
“सॉरी, मिस्टर माइकल, एक्चुली हमारे सिक्योरिटी के कुछ आदमि यों को, आपके रूम से, कुछ अजीब सी आवाज आती हुई सुनाई दी थीं। जिसकी वजह से उन्हें कुछ कनफ्यूजन हो गया था। इसलिए हम सभी आपके कमरे तक आए थे।“ सुयश ने अपनी बात क्लीयर करते हुए कहा।
“कैसी आवाजें?“ माइकल ने पूछा।
“ऐसा लग रहा था जैसे को ई कुछ खुरच रहा हो।“ अपनी बात कहते-कहते अचानक सुयश को कुछ याद आया-
"ब्रूनो कहां है मिस्टर माइकल?“ तभी शैफाली दूसरे रूम से, ब्रूनो को लिए हुए, उस कमरे में दाखिल हुई-
“यह रहा ब्रूनो, कैप्टेन अंकल। यह दूसरे कमरे में मेरे साथ था।“
“अब मैं समझ गया।“ सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा- “शायद मेरे सिक्योरिटी वाले लोगों को ब्रूनो की ही आवाज सुनाई दी होगी।“
“हो सकता है।“ माइकल ने जवाब दिया - “क्यों कि हममें से जब कोई भी ब्रूनो के साथ नहीं रहता है, तो वह अकेला कभी-कभी दरवाजे पर खरोंच मारता है। हो सकता है, वही आवाज सिक्योरिटी के लोगों ने सुनी हो और आपको जा कर बता दी हो।“ बैंडन, आश्चर्य से ब्रूनो को देख रहा था।
“सॉरी मिस्टर माइकल ! इतनी रात में आपको डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी।“ सुयश ने माइकल से माफी मांगते हुए कहा-
“मैं चलता हूं। आप ब्रूनो को कमरे में ही रखिएगा। नहीं तो बाकी के यात्री इसे देखकर डर जाएंगे।“
“ब्रूनो ! कैप्टन अंकल को थैंक यू बोलो।“ शैफाली ने ब्रूनो को इशारा करते हुए कहा- “इन्होंने तुम्हारे लिए इस शिप पर विशेष व्यवस्था की है।“
“भौं-भौं !“ इतना सुनते ही ब्रूनो ने, कि सी सर्कस के जानवर की तरह, दो पैरों पर खड़े हो कर, सुयश को अपनी भाषा में थैंक्यू कहा। उसकी यह हरकत देख, एक बार तो सुयश सहित सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई। सुयश ने एक बार फिर सब पर नजर डाली, और पलटकर दरवाजे की ओर बढ़ने लगा।
“1 मिनट रुकिये कैप्टेन अंकल।“ शैफाली की आवाज ने एकाएक ही सुयश के कदमों पर ब्रेक लगा दिया। वह रुककर पुनः शैफा ली की तरफ देखने लगा ।
“कैप्टेन अंकल! मैं आपको हॉल में हुए मर्डर के बारे में कुछ बताना चाहती हूं।“ शैफाली ने कहा।
“मर्डर के बारे में.......!“ सुयश के चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभर आए- “मर्डर के बारे में तुम क्या बताना चाहती हो। तुम तो अंधी हो, फिर तुम मर्डर के बारे में क्या बता सकती हो।“
“अंकल! मैं बचपन से अंधी जरूर हूं। पर मेरी सुनने की शक्ति बहुत तेज है। हॉल में जिस समय मर्डर हुआ, उस समय लाइट ऑफ थी। इसलिए कोई कुछ नहीं देख पाया कि मर्डर किसने किया ? पर मैंने अपने कानों से जो कुछ सुना। मैं आपको वह बताना चाहती हूं।“
अब सुयश, शैफाली की बात सुनकर वापस कमरे में आ गया और उत्सुकता से शैफाली की ओर देखने लगा।
“सबसे पहले मैं आपको यह बता दूं कि हॉल में गोली एक नहीं, बल्कि दो चली थीं।“ शैफाली ने बिल्कुल गंभीर स्वर में कहा।
“व्हाट!“ सुयश आश्चर्य से भर उठा। सुयश सहित सभी के लिए यह शब्द किसी धमाके से कम नहीं थे।
“यह तुम क्या कह रही हो ? गोली तो एक ही चली थी, जो कि लॉरेन के लगी।“ सुयश के शब्दों में आश्चर्य के भाव थे।
“आप लोग नहीं जानते। गोली एक नहीं दो चलीं थीं, और दोनों ही अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा चलाई गई थीं। लेकिन दोनों गोलियां एक ही समय चलने के कारण, और हॉल में अधिक शोर-शराबा होने के कारण, आप लोग यह बात जान नहीं पाए।“ शैफाली बड़े ही निश्चिंत भाव से रुक-रुक कर बोल रही थी-
“अगर आपको मेरी बात का विश्वास ना हो तो हॉल में आप लोग ध्यान से देखिए। कहीं ना कहीं दूसरी गोली लकड़ी में धंसी हुई आपको जरूर मिल जाएगी।“
शैफाली की बात सुनकर, अब सुयश के चेहरे पर उलझन के भाव थे। क्यों कि वह अभी एक ही गोली का रहस्य सुलझा नहीं पाया था। अब दूसरी गोली की बात सुनकर वह और भी परेशान हो गया।
“हम लोगों से गलती हो गई लारा।“ सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा- “यदि शैफाली सही कह रही है, तो हमें उस समय तलाशी के दौरान सबके रिवाल्वर भी चेक करने चाहिए थे। लेकिन हम समझे कि गोली एक ही चली है और एक रिवाल्वर हमें मिल भी गई। इसलिए तलाशी में हमने रिवाल्वर की ओर तो ध्यान ही नहीं दिया। अब तो हमें विश्वास हो रहा है, कि जो रिवाल्वर हमें मिली, उससे लॉरेन का मर्डर नहीं हुआ है। अपराधी हद से ज्यादा चालाक निकला। उसने योजना बना कर यह मर्डर किया और हम लोग मिली हुई रिवाल्वर में ही उलझे रहे। लेकिन इससे एक बात तो कंफर्म हो गई कि अपराधी एक नहीं कई हैं। और वह सभी अलग-अलग रह रहे हैं।“ इतना कहकर सुयश पुनः शैफाली की तरफ घूमा -
“तुम कुछ और बताना चाहती हो ?“
“जी हाँ अंकल!“ शैफाली ने अंदाजे से सुयश की ओर मुंह करते हुए कहा-
“पहली गोली मैं जहां खड़ी थी, उसके 6 मीटर पीछे से किसी ने चलाई थी और दूसरी गोली, मेरे बांए तरफ से 8.5 मीटर की दूरी से किसी ने चलाई थी। अब यह सोचना आपका काम है। कि मेरे 6 मीटर पीछे और 8.5 मीटर बाएं कौन खड़ा था ?” शैफाली की बात सुनकर, माइकल व मारथा को छोड़कर, वहां खड़े सभी लोग हक्का-बक्का रह गए। लारा तो शैफाली को ऐसे देख रहा था, मानो विश्व का आठवां आश्चर्य उसके सामने खड़ा हो।
“लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि तुम कहां खड़ी थी ? क्यों कि बिना तुम्हारी स्थिति जाने हुए, हम अगल-बगल खड़े लोगों का अंदाजा कैसे लगाएंगे?“ सुयश ने दिमाग लगाते हुए कहा।
“कैप्टेन अंकल, आप जब स्टेज पर खड़े होकर अनाउंसमेंट कर रहे थे, तो आपकी आवाज एक ही जगह से आ रही थी। इसका साफ मतलब निकलता है कि स्टेज पर जो माइक लगा है, वह एक ही जगह पर फिक्स है। मैं आपकी आवाज उस समय ध्यान से सुन रही थी। अतः आप अगर वापस स्टेज पर जाकर बोलना शुरू करेंगे, तो मैं जिस जगह खड़ी थी, उस जगह पर वापस जा कर खड़ी हो सकती हूं। जिससे आप मेरी जगह के बारे में जान सकते हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा। क्यों कि अपराधी ने फायर के तुरंत बाद, अपनी वास्तविक स्थिति से जगह चेंज कर दी होगी ।“ सुयश भी शैफाली के तर्कों को सुन, उसके दिमाग का लोहा मान गया।
“बेटे, अगर ये सारी बातें, तुमने उसी समय बता दी होतीं, तो शायद कातिल अब तक हमारे शिकंजे में होता।“ ब्रैंडन ने आगे बढ़ते हुए कहा।
“आप क्या मुझे इतना बेवकूफ समझते हैं?“ शैफाली के शब्दों में इस बार थोड़ी तल्खी उभर आई-
“जो मैं इतनी भीड़ में, सबके सामने कातिल का नाम बताती। और वैसे भी असली कातिल के पास उस समय तक रिवाल्वर थी। क्या पता उसका अगला निशाना मैं ही बन जाती ? और उसका निशाना तो आप लोग देख ही चुके हैं।“ ब्रैंडन ने भी हालात को समझ कर सिर हिलाया।
“वैसे आप उस समय कहां थे?“ शैफाली का इशारा, इस बार सीधे ब्रैंडन की ओर था।
“मैं......मैं......तो उस समय सिक्योरिटी के आदमियों के साथ था।“ एकाएक पूछे गए प्रश्न से ब्रैंडन एकदम हड़बड़ा सा गया उसकी हालत का अंदाजा लगाकर, शैफाली के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।
“उसको छोड़ो।“ सुयश किसी मचलते बच्चे की तरह बोला – “तुम मुझे यह बताओ, कि क्या तुम मुझे कातिल के बारे में भी कुछ बता सकती हो ?“
जारी रहेगा.....….
Besabari se intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....To dosto agla update aaj raat ko
Update abhi aaraha hai bhaiRaj_sharma bhai next update kab tak aayega?
Thank you very much for your wonderful review and support bhai Atlantis jagah hi itni khatarnaak hai bhai, dekhte jaaoVega aakhir hai kon? Iska bhi to pata lagna baaki hai, suyash hi baaki ke logon ko jod kar rakh sakta hai, dweep per abhi to bohot kuch hona baaki hai Agla update bas kuch hi der meबहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
अटलांटिस की कहानी बडी खतरनाक हैं
लगता है ये वेगा ने लायब्रेरीयन को संमोहित करके वो प्राचीन किताब अपने नाम इश्शू कर ली
सुप्रीम से बचे लोगों ने सुयश को अपना कॅप्टन चुन कर सही किया और सभी लोग उस अनजान व्दीप की तहकिकात में लग गये
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Abhi lo bhaiBesabari se intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....
Thank you very much bhaiAwesome update