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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,810
57,790
259
#72.

तभी दूर कहीं समुंदर में एक काला धब्बा सा दिखाई दिया। रोजर ने धीरे से पायलेट को हैलीकाप्टर को उस दिशा की ओर मोड़ने का इशारा करते हुए कहा- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।"

पायलेट ने हैलीकाप्टर अब उस दिशा में मोड़ लिया।

थोड़ी देर रुककर रोजर ने फिर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं, बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है।

इसके आसपास हल्कि सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज़्यादा ही गरम है।

क्यों की इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकराकर, धुंध के रुप में आस पास फैल रही है, जो कोहरे के रुप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही है।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है। दूर से देखने पर यह कोई ताज पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है.. ..... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्धा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो...........!

अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफ़ी सुंदर लग रहा है सर।

ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति के लिए हुए दिखाई दे रहा है। पर यह क्या सर?....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?....."

तभी द्वीप के चारो तरफ फैली धुंध धीरे-धीरे हैलीकाप्टर को घेरने लगी और आसमान में एक गहरे लाल रंग के बादलों की टुकड़ी उड़कर उस धुंध में समाहित हो गयी।

उस धुंध का अक्स पानी में पड़कर एक अजीब सा रंग उत्पन्न कर रहा था।

यह देख रोजर की आवाज अत्यन्त विस्मय से भर गई। इतना विचित्र नजारा देख रोजर की आँखो में खौफ साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?" वॉकी-टॉकी पर सुयश की घबरायी आवाज आयी।

“मैं समझ .....नहीं पा ......रहा हूं सर की मैं......आपको कैसे बताऊं? .......... मैं इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसूस कर रहा हु। ऐसा लगता है जैसे धुंध.......बड़ी तेजी से बढ़ गई है।

आसमान का रंग........समझ में ....नहीं आ ....रहा है।......पानी भी......जैसा दिखना चाहिए....... वैसा नहीं दिख रहा है....और ये क्या?......ये....ये .....यहां ये..... मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम.......।"

अभी रोजर इतना ही बोल पाया था कि तभी द्वीप से निकली एक रहस्मयी तरंग ने हैलीकाप्टर के मैकेनिजम को खराब कर दिया।

“खट् ....खट्..... खटाक।" और इसी के साथ रोजर का संपर्क सुयश से टूट गया।

“सर, हैलीकाप्टर के सारे कण्ट्रोलस एकाएक खराब हो गये हैं। शायद इस क्षेत्र में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे हैं।" पायलेट ने चीख कर रोजर को खतरे से आगाह किया।

हैलीकाप्टर अब किसी परकटी चिड़िया की तरह हवा में लहराने लगा। रोजर समझ गया कि अब हैलीकाप्टर को दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता।

रोजर की नजर अब द्वीप में फैले जंगल पर गयी।

घने जंगल के आगे कुछ दूरी पर रोजर को एक रेगिस्तान जैसा क्षेत्र नजर आया।

“उस तरफ ..... हैलीकाप्टर को कैसे भी उस रेगिस्तान में लैन्ड कराने की कोशिश करो।"

रोजर ने पायलेट को द्वीप के रेतीले हिस्से की तरफ इशारा करते हुए कहा- “अगर हमारा हैलीकाप्टर उधर गिरा तो जिंदा बचने की संभावनाएं ज़्यादा है।"

“मैं कोशिश कर रहा हुं सर।" पायलेट ने चीख कर कहा और हैलीकाप्टर को तेजी से नीचे करने लगा।

तभी एक धुंध ने हैलीकाप्टर के पंखे को अपने घेरे में ले लिया और पंखा नाचते-नाचते रुक गया। हैलीकाप्टर सीधे नीचे गिरने लगा। पायलेट और रोजर दोनों के ही पास अपने को बचाने के लिये बिल्कुल भी समय नहीं था।

रोजर की निगाहे अब सिर्फ और सिर्फ जमीन की ओर थी जो कि धीरे-धीरे उसके पास आती जा रही थी। तभी हैलीकाप्टर द्वीप के ऊपर मौजूद किसी अदृस्य दीवार से टकराया।

हैलीकाप्टर से बहुत तेज़ चिंगारी निकली और इससे पहले कि रोजर कुछ समझ पाता, हैलीकाप्टर घने पेडों से टकराता हुआ जमीन पर आ गया।

रोजर सीट सहित हैलीकाप्टर से निकलकर दूर जा गिरा। आवाज इतनी भयानक थी कि थोड़ी देर तक तो रोजर को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह कहां गिरा?

लगभग 5 मिनट के बाद रोजर थोड़ा चैतन्य हो गया।

रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चेक किया, पर ईश्वर की कृपा से रोजर को छोटी-मोटी खरौंच के सिवा ज़्यादा चोट नहीं आई थी। अब रोजर की निगाह अपने आसपास गयी।

“ये क्या? हैलीकाप्टर तो रेगिस्तान के क्षेत्र में गिरा था, पर यहां तो रेत का कहीं नामोनिशान तक नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है?" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।

तभी उसे द्वीप की अद्रस्य दीवार का ख्याल आया।

“वह अदृस्य दीवार कैसी थी? शायद उसी दीवार की वजह से यहां रेगिस्तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान की ओर देखते हुए, अपने मन में कहा।

तभी उसे हैलीकाप्टर का ख्याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई। रोजर को कुछ दूरी पर हैलीकाप्टर के अवशेष पड़े दिखायी दिये, जिनसे धुंआ निकल रहा था।

उसे तुरंत पायलेट का ख्याल आया और यह ख्याल आते ही रोजर ने हैलीकाप्टर की ओर दौड़ लगा दी।

हैलीकाप्टर पेडों के एक झुरमुट के बीच गिरा पड़ा था।

रोजर अभी हैलीकाप्टर से थोड़ा दूर ही था कि तभी उसे हैलीकाप्टर के पीछे किसी जानवर की पूंछ दिखायी दी। यह देख रोजर तुरंत रुक कर एक पेड़ की ओट में हो गया।

अब रोजर की निगाहें हैलीकाप्टर की ओर थी।

तभी उसे एक बड़ा सा शेर दिखाई दिया, जो अब हैलीकाप्टर के अंदर की ओर जा रहा था।

रोजर के पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे वह शेर से लड़ सकता। इसिलये वह चुपचाप पेड़ के पीछे खड़ा शेर को देख रहा था।

थोड़ी देर बाद शेर पायलेट को मुंह में पकड़ कर बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।

पायलेट का शरीर हवा में झूल रहा था। रोजर समझ गया कि पायलेट अब जीवित नहीं है।

शेर पायलेट के शरीर को मुंह में दबाए एक दिशा की ओर चल दिया।
शेर को पायलेट की लाश ले जाते देख रोजर को काफ़ी आश्चर्य हुआ इसिलये रोजर दबे पांव शेर के पीछे-पीछे चल दिया।

कुछ आगे जाने के बाद रोजर को पेडों के झुरमुट के पीछे एक इमारत दिखाई दी। जंगल में इमारत देख कर रोजर को हैरानी हुई।

शेर उस इमारत की तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ पीछे छूट गये।

अब वह इमारत बिल्कुल साफ नजर आने लगी थी।

वह पिरामिड थे और वह भी एक नहीं बल्की 4, वह पिरामिड भी किसी धातु के बने नजर आ रहे थे।

“ये जंगल में पिरामिड कहां से आ गये? और ये शेर....ये शेर उन पिरामिड की तरफ क्यों जा रहा है?" रोजर मन ही मन बुदबुदाया।

शेर अब पिरामिड की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था। रोजर के ये सब कुछ बहुत रहस्यमयी लग रहा था।

कुछ ही देर में शेर पिरामिड के दरवाजे तक पहुंच गया। शेर ने पायलेट की लाश वहीं दरवाजे पर रख दी।

इसके बाद शेर ने एक जोर की दहाड़ मारी, फ़िर पलट कर सीढ़ियों से उतरा और एक दिशा की ओर चल दिया।

रोजर कुछ देर तक सोचता रहा कि वह शेर के पीछे जाए या फ़िर पिरामिड के रहस्य को देखे।

पिरामिड तो अपनी जगह से हिलना नहीं था, इसिलये रोजर ने शेर के पीछे जाने का फैसला कर लिया।

तब तक शेर कुछ आगे तक जा चुका था। रोजर पेड़ के ओट लेते हुए शेर का पीछा करने लगा।

चलते-चलते जंगल का क्षेत्र खत्म होने लगा और पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो गया। मौसम में भी अब ठंडक का अहसास होने लगा था।

तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना गिरता हुआ दिखाई दिया। शेर उस झरने के पास जाकर रूक गया।

शेर ने रूकने के बाद एक नजर चारो ओर मारी और फ़िर ना जाने क्या किया, कि शेर का शरीर धीरे-धीरे इंसान में बदल गया।

अब शेर की जगह एक लंबा-चौड़ा इंसान खड़ा दिखाई देने लगा। रोजर यह देख कर पूरी तरह से घबरा गया। रोजर का दिल अब बहुत तेज ‘धक-धक’ करने लगा।

रोजर के देखते ही देखते, वह इंसान झरने के अंदर प्रवेश कर गया। शायद झरने के अंदर कोई रास्ता था।

रोजर काफ़ी देर तक वहां खड़ा कुछ सोचता रहा। बहुत देर सोचने के बाद अब रोजर ने झरने के अंदर जाने का निर्णय कर लिया।

रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे-धीरे चलता हुआ झरने तक पहुंच गया। झरने के दूसरी तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अंदर डाला, उसे महसूस हुआ कि झरने के अंदर कोई रास्ता छिपा है। यह सोच रोजर झरने के अंदर प्रवेश कर गया।

झरने के दूसरी तरफ एक गुफा थी। गुफा प्रकाशमान थी। रोशनी गुफा में कहां से आ रही थी, यह पता
नहीं चल पा रहा था।

रोजर सधे कदमों से गुफा के अंदर की ओर चल दिया। गुफा अंदर से काफ़ी चौड़ी थी।

कुछ आगे जाने के बाद रोजर को गुफा में सामने की ओर 3 रास्ते दिखायी दिये।

रोजर को समझ नहीं आया कि वह सिंह मानव किस दिशा में गया था। अतः वह अंदाजे से बीच वाले रास्ते की ओर चल दिया। बीच वाला रास्ता आगे जाकर संकरा हो गया।

5 मिनट तक उस रास्ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ में एक दरवाजा बना दिखाई दिया।

रोजर ने सतर्कता के साथ उस दरवाजे के अंदर कदम रखा। वह रास्ता एक विशालकाय कमरे में खुल रहा था।

यह कमरा अत्यन्त विशालकाय और खूबसूरत था। दीवार पर सुनहरी धातु की परत चढ़ी थी और उस परत पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न सजे थे। कमरे के बीच में एक सुनहरी धातु का शानदार पलंग रखा था। एक नजर में यह किसी रानी का शयनकक्ष नजर आ रहा था।

रोजर ये सब देखकर हत्तप्रभ रह गया।

तभी रोजर को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही रोजर एक बड़े से लकड़ी के संदूक में छिप गया। संदूक में एक छोटा सा सुराख था, जिससे रोजर को बाहर का सब कुछ दिखाई दे रहा था।

कमरे में आने वाले 2 लोग थे। पहली एक खूबसूरत सी लड़की थी, जिसने रानियों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। उसके हाथ में जादूगरों की तरह एक लकड़ी का दंड था। उस दंड के ऊपरी कोने पर एक नीले रंग का कोई रत्न लगा था।

दूसरा इंसान ऊपर से नीचे तक काले वस्त्र पहने हुए था। उसके सिर पर एक भी बाल नहीं था। उसने भी अपने हाथ में एक सर्प के समान मुड़ी हुई, लंबी सी छड़ी ले रखी थी।

“तुम्हें अब सामरा राज्य में जाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए ‘आकृति’, मेरी ज्योतिषी गणना के अनुसार ‘तिलिस्मा’ को टूटने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं। तब तक तुम्हें सामरा वासियौ को अपने अधिकार में लेना ही होगा।" मकोटा ने कहा।




जारी
रहेगा_______✍️
 

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#72.

तभी दूर कहीं समुंदर में एक काला धब्बा सा दिखाई दिया। रोजर ने धीरे से पायलेट को हैलीकाप्टर को उस दिशा की ओर मोड़ने का इशारा करते हुए कहा- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।"

पायलेट ने हैलीकाप्टर अब उस दिशा में मोड़ लिया।

थोड़ी देर रुककर रोजर ने फिर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं, बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है।

इसके आसपास हल्कि सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज़्यादा ही गरम है।

क्यों की इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकराकर, धुंध के रुप में आस पास फैल रही है, जो कोहरे के रुप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही है।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है। दूर से देखने पर यह कोई ताज पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है.. ..... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्धा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो...........!

अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफ़ी सुंदर लग रहा है सर।

ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति के लिए हुए दिखाई दे रहा है। पर यह क्या सर?....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?....."

तभी द्वीप के चारो तरफ फैली धुंध धीरे-धीरे हैलीकाप्टर को घेरने लगी और आसमान में एक गहरे लाल रंग के बादलों की टुकड़ी उड़कर उस धुंध में समाहित हो गयी।

उस धुंध का अक्स पानी में पड़कर एक अजीब सा रंग उत्पन्न कर रहा था।

यह देख रोजर की आवाज अत्यन्त विस्मय से भर गई। इतना विचित्र नजारा देख रोजर की आँखो में खौफ साफ नजर आने लगा।

“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?" वॉकी-टॉकी पर सुयश की घबरायी आवाज आयी।

“मैं समझ .....नहीं पा ......रहा हूं सर की मैं......आपको कैसे बताऊं? .......... मैं इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसूस कर रहा हु। ऐसा लगता है जैसे धुंध.......बड़ी तेजी से बढ़ गई है।

आसमान का रंग........समझ में ....नहीं आ ....रहा है।......पानी भी......जैसा दिखना चाहिए....... वैसा नहीं दिख रहा है....और ये क्या?......ये....ये .....यहां ये..... मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम.......।"

अभी रोजर इतना ही बोल पाया था कि तभी द्वीप से निकली एक रहस्मयी तरंग ने हैलीकाप्टर के मैकेनिजम को खराब कर दिया।

“खट् ....खट्..... खटाक।" और इसी के साथ रोजर का संपर्क सुयश से टूट गया।

“सर, हैलीकाप्टर के सारे कण्ट्रोलस एकाएक खराब हो गये हैं। शायद इस क्षेत्र में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे हैं।" पायलेट ने चीख कर रोजर को खतरे से आगाह किया।

हैलीकाप्टर अब किसी परकटी चिड़िया की तरह हवा में लहराने लगा। रोजर समझ गया कि अब हैलीकाप्टर को दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता।

रोजर की नजर अब द्वीप में फैले जंगल पर गयी।

घने जंगल के आगे कुछ दूरी पर रोजर को एक रेगिस्तान जैसा क्षेत्र नजर आया।

“उस तरफ ..... हैलीकाप्टर को कैसे भी उस रेगिस्तान में लैन्ड कराने की कोशिश करो।"

रोजर ने पायलेट को द्वीप के रेतीले हिस्से की तरफ इशारा करते हुए कहा- “अगर हमारा हैलीकाप्टर उधर गिरा तो जिंदा बचने की संभावनाएं ज़्यादा है।"

“मैं कोशिश कर रहा हुं सर।" पायलेट ने चीख कर कहा और हैलीकाप्टर को तेजी से नीचे करने लगा।

तभी एक धुंध ने हैलीकाप्टर के पंखे को अपने घेरे में ले लिया और पंखा नाचते-नाचते रुक गया। हैलीकाप्टर सीधे नीचे गिरने लगा। पायलेट और रोजर दोनों के ही पास अपने को बचाने के लिये बिल्कुल भी समय नहीं था।

रोजर की निगाहे अब सिर्फ और सिर्फ जमीन की ओर थी जो कि धीरे-धीरे उसके पास आती जा रही थी। तभी हैलीकाप्टर द्वीप के ऊपर मौजूद किसी अदृस्य दीवार से टकराया।

हैलीकाप्टर से बहुत तेज़ चिंगारी निकली और इससे पहले कि रोजर कुछ समझ पाता, हैलीकाप्टर घने पेडों से टकराता हुआ जमीन पर आ गया।

रोजर सीट सहित हैलीकाप्टर से निकलकर दूर जा गिरा। आवाज इतनी भयानक थी कि थोड़ी देर तक तो रोजर को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह कहां गिरा?

लगभग 5 मिनट के बाद रोजर थोड़ा चैतन्य हो गया।

रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चेक किया, पर ईश्वर की कृपा से रोजर को छोटी-मोटी खरौंच के सिवा ज़्यादा चोट नहीं आई थी। अब रोजर की निगाह अपने आसपास गयी।

“ये क्या? हैलीकाप्टर तो रेगिस्तान के क्षेत्र में गिरा था, पर यहां तो रेत का कहीं नामोनिशान तक नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है?" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।

तभी उसे द्वीप की अद्रस्य दीवार का ख्याल आया।

“वह अदृस्य दीवार कैसी थी? शायद उसी दीवार की वजह से यहां रेगिस्तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान की ओर देखते हुए, अपने मन में कहा।

तभी उसे हैलीकाप्टर का ख्याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई। रोजर को कुछ दूरी पर हैलीकाप्टर के अवशेष पड़े दिखायी दिये, जिनसे धुंआ निकल रहा था।

उसे तुरंत पायलेट का ख्याल आया और यह ख्याल आते ही रोजर ने हैलीकाप्टर की ओर दौड़ लगा दी।

हैलीकाप्टर पेडों के एक झुरमुट के बीच गिरा पड़ा था।

रोजर अभी हैलीकाप्टर से थोड़ा दूर ही था कि तभी उसे हैलीकाप्टर के पीछे किसी जानवर की पूंछ दिखायी दी। यह देख रोजर तुरंत रुक कर एक पेड़ की ओट में हो गया।

अब रोजर की निगाहें हैलीकाप्टर की ओर थी।

तभी उसे एक बड़ा सा शेर दिखाई दिया, जो अब हैलीकाप्टर के अंदर की ओर जा रहा था।

रोजर के पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे वह शेर से लड़ सकता। इसिलये वह चुपचाप पेड़ के पीछे खड़ा शेर को देख रहा था।

थोड़ी देर बाद शेर पायलेट को मुंह में पकड़ कर बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।

पायलेट का शरीर हवा में झूल रहा था। रोजर समझ गया कि पायलेट अब जीवित नहीं है।

शेर पायलेट के शरीर को मुंह में दबाए एक दिशा की ओर चल दिया।
शेर को पायलेट की लाश ले जाते देख रोजर को काफ़ी आश्चर्य हुआ इसिलये रोजर दबे पांव शेर के पीछे-पीछे चल दिया।

कुछ आगे जाने के बाद रोजर को पेडों के झुरमुट के पीछे एक इमारत दिखाई दी। जंगल में इमारत देख कर रोजर को हैरानी हुई।

शेर उस इमारत की तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ पीछे छूट गये।

अब वह इमारत बिल्कुल साफ नजर आने लगी थी।

वह पिरामिड थे और वह भी एक नहीं बल्की 4, वह पिरामिड भी किसी धातु के बने नजर आ रहे थे।

“ये जंगल में पिरामिड कहां से आ गये? और ये शेर....ये शेर उन पिरामिड की तरफ क्यों जा रहा है?" रोजर मन ही मन बुदबुदाया।

शेर अब पिरामिड की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था। रोजर के ये सब कुछ बहुत रहस्यमयी लग रहा था।

कुछ ही देर में शेर पिरामिड के दरवाजे तक पहुंच गया। शेर ने पायलेट की लाश वहीं दरवाजे पर रख दी।

इसके बाद शेर ने एक जोर की दहाड़ मारी, फ़िर पलट कर सीढ़ियों से उतरा और एक दिशा की ओर चल दिया।

रोजर कुछ देर तक सोचता रहा कि वह शेर के पीछे जाए या फ़िर पिरामिड के रहस्य को देखे।

पिरामिड तो अपनी जगह से हिलना नहीं था, इसिलये रोजर ने शेर के पीछे जाने का फैसला कर लिया।

तब तक शेर कुछ आगे तक जा चुका था। रोजर पेड़ के ओट लेते हुए शेर का पीछा करने लगा।

चलते-चलते जंगल का क्षेत्र खत्म होने लगा और पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो गया। मौसम में भी अब ठंडक का अहसास होने लगा था।

तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना गिरता हुआ दिखाई दिया। शेर उस झरने के पास जाकर रूक गया।

शेर ने रूकने के बाद एक नजर चारो ओर मारी और फ़िर ना जाने क्या किया, कि शेर का शरीर धीरे-धीरे इंसान में बदल गया।

अब शेर की जगह एक लंबा-चौड़ा इंसान खड़ा दिखाई देने लगा। रोजर यह देख कर पूरी तरह से घबरा गया। रोजर का दिल अब बहुत तेज ‘धक-धक’ करने लगा।

रोजर के देखते ही देखते, वह इंसान झरने के अंदर प्रवेश कर गया। शायद झरने के अंदर कोई रास्ता था।

रोजर काफ़ी देर तक वहां खड़ा कुछ सोचता रहा। बहुत देर सोचने के बाद अब रोजर ने झरने के अंदर जाने का निर्णय कर लिया।

रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे-धीरे चलता हुआ झरने तक पहुंच गया। झरने के दूसरी तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अंदर डाला, उसे महसूस हुआ कि झरने के अंदर कोई रास्ता छिपा है। यह सोच रोजर झरने के अंदर प्रवेश कर गया।

झरने के दूसरी तरफ एक गुफा थी। गुफा प्रकाशमान थी। रोशनी गुफा में कहां से आ रही थी, यह पता
नहीं चल पा रहा था।

रोजर सधे कदमों से गुफा के अंदर की ओर चल दिया। गुफा अंदर से काफ़ी चौड़ी थी।

कुछ आगे जाने के बाद रोजर को गुफा में सामने की ओर 3 रास्ते दिखायी दिये।

रोजर को समझ नहीं आया कि वह सिंह मानव किस दिशा में गया था। अतः वह अंदाजे से बीच वाले रास्ते की ओर चल दिया। बीच वाला रास्ता आगे जाकर संकरा हो गया।

5 मिनट तक उस रास्ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ में एक दरवाजा बना दिखाई दिया।

रोजर ने सतर्कता के साथ उस दरवाजे के अंदर कदम रखा। वह रास्ता एक विशालकाय कमरे में खुल रहा था।

यह कमरा अत्यन्त विशालकाय और खूबसूरत था। दीवार पर सुनहरी धातु की परत चढ़ी थी और उस परत पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न सजे थे। कमरे के बीच में एक सुनहरी धातु का शानदार पलंग रखा था। एक नजर में यह किसी रानी का शयनकक्ष नजर आ रहा था।

रोजर ये सब देखकर हत्तप्रभ रह गया।

तभी रोजर को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही रोजर एक बड़े से लकड़ी के संदूक में छिप गया। संदूक में एक छोटा सा सुराख था, जिससे रोजर को बाहर का सब कुछ दिखाई दे रहा था।

कमरे में आने वाले 2 लोग थे। पहली एक खूबसूरत सी लड़की थी, जिसने रानियों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। उसके हाथ में जादूगरों की तरह एक लकड़ी का दंड था। उस दंड के ऊपरी कोने पर एक नीले रंग का कोई रत्न लगा था।

दूसरा इंसान ऊपर से नीचे तक काले वस्त्र पहने हुए था। उसके सिर पर एक भी बाल नहीं था। उसने भी अपने हाथ में एक सर्प के समान मुड़ी हुई, लंबी सी छड़ी ले रखी थी।

“तुम्हें अब सामरा राज्य में जाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए ‘आकृति’, मेरी ज्योतिषी गणना के अनुसार ‘तिलिस्मा’ को टूटने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं। तब तक तुम्हें सामरा वासियौ को अपने अधिकार में लेना ही होगा।" मकोटा ने कहा।




जारी
रहेगा_______✍️
Shandar bhai aage dekhte h kya hota h
 
  • Love
Reactions: Raj_sharma

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
21,810
57,790
259
Behtreen update Bhai

Nice start

बिल्कुल


U r welcome dear❤.Ab mene padh kr modify kr diya apna reply. Kitne poetic aur attentive ho aap. ❤

भाई मेरी तबीयत ठीक नहीं है और दवाई के असर से मैं ज्यादातर अजीब सी हालत मे रहता हूं, स्टोरी पर अपडेट भी इसी वजह से नहीं पोस्ट हो पाया. इस अजीब देरी के लिए मैं माफी मांग रहा हू

Bahut hi shandar update

बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है हमें तो लगता था कि हेलीकॉप्टर से कुछ मदद मिलेगी लेकिन वो भी पूरी सूचना देने से पहले ही एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है सुयश ने जहाज को दूसरी तरफ मोड लिया है सुयश के पीठ पर टैटू का कोई रहस्य है या शौक??

Nice update....

शेफाली का पांचवीं इंद्री वापस आने वाली है। बधाई हो गाइस 🙏🏼

Bilkul bhai aisi suspense story pade kafi time ho gya hai v4ju bhai or yugpursh jaise writer he likhte the or bhi hai writer kafi jo boht achi story likhte the ab to bs kuch he story continue hai hope ki sb apni story complete kre kyuki adhi story dimag mai ghomti rehti hai or tension deti hai ki end kya hogi

Itminaan se update read kro itna time nahi mil paa raha tha bhai

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

Jaisa socha tha, vaisa hi hua........

Shaifali ki aankho ki roshni wapis aa gayai Nayantara ki madad se..........

Vega ko Yugaka ke dwara bheji gayi zodiac watch mil gayi..........

Abhi to vo use sirf ek common smart watch samajh raha...........lekin aane wale samay me vo iske bahut hi kaam ane wali he..........

Keep rocking Bro

कामदेव भाई ,
टल्ली होने का टाइम शाम सात बजे के बाद होता है जब कि मेरा यह पोस्ट दिन मे ही हुआ था ।
वैसे भी दो घूंट पीने के बाद कुछ ज्यादा ही होश मे आ जाता हूं मै । :D

" निगाहें " फिल्म के जिस गीत की बात कर रहा हूं वह मेरे सोच के हिसाब से शैफाली पर सही बैठता है । आखिर वह अपने घर ही तो आई है । झाड़ और जंगल उसे अपने आगोश मे लेते हैं और उसकी आंखे ठीक हो जाती है ।
( इस गीत को सुनिएगा ):?:

नयनतारा , नो डाऊट हंसी-मजाक मे कहा था , क्योंकि
हर वक्त सीरियस नही हुआ जाता । वैसे यह अभिनेत्री न सिर्फ खुबसूरत है बल्कि इनकी एक्टिंग भी अद्भुत है ।
फिल्मों का रसिया रहा हूं मै ।:approve:

पंडित जी की यह कहानी , वास्तव मे उन दिनों की याद दिला रही है जब मै अपने दादा जी , पिता जी और चाचा जी के गोद मे लेटकर सुना करता था ।

पंडित जी की इस कहानी मे कोई सेक्सुअल पहलू नही है और जब कोई सेक्सुअल पहलू नही है तो समीक्षा मे सेक्सुअल रिव्यू कैसे आ सकता ! :D

यह मायावी नगरी जिस तरह से शेफाली पर मेहरबान है, उसको देख कर युगाका का चकित होना यह दर्शाता है कि कम से कम उसने तो शेफाली / सुप्रीम को यहाँ नहीं बुलाया।
शायद कलाट ने बुलाया हो? या किसी अन्य ने? लेकिन इतना तो है कि शेफाली इस द्वीप और सभ्यता से कनेक्टेड है। वो क्या माइकल और मार्था वाक़ई उसके असली माँ बाप हैं?
अच्छी बात यह है कि उसको दृष्टि मिल गई है अब। विलक्षण प्रतिभा की धनी वो पहले से ही थी, लिहाज़ा, यह नई शक्ति पा कर वो अब न जाने क्या क्या करेगी! शायद युगाका ने ही उसको यहाँ लाया हुआ हो, क्योंकि वो एक वैज्ञानिक और आविष्कारक है। अपने किसी आविष्कार का इस्तेमाल कर के वो शेफाली से बात करता होगा… उसको उकसाता होगा कि अब ये करो। देखा नहीं, कि कैसे वो स्वतः ही उस नयनतारा वृक्ष के निकट चली गई!
लेकिन उसका कोई ख़ास लाभ नहीं हुआ - सुयश अब ख़तरे में पड़ा हुआ लग रहा है। शलाका देवी का ‘भाई’ इस सुयश की माँ बहन करने ही वाला है। अगर उसको कोई बचा सकता है तो या तो युगाका या फिर शेफ़ाली। वैसे, इवान के पास तो अग्नि की शक्ति है… तो ये चुम्बकीय शक्ति का मुज़ाहिरा क्यों हो रहा है?
उधर वेगा को ज़ोडिएक घड़ी मिल गई है। उसका और वीनस का क्या लफड़ा है, समझ में नहीं आ रहा है। वैसे भी इस कहानी में जिस तरह से थोक के भाव लोगों की बलि चढ़ रही है, उसके हिसाब से बता पाना मुश्किल ही है कि किस किरदार में मन लगाया जाए! अब देखिये न, अपने पुरुष ‘मिस मार्पल’ की बत्ती लगने ही वाली है, इवान भैया के हाथों, या जो भी वो इस्तेमाल करते हैं…
आश्चर्य इस बात को जान कर भी हुआ कि शलाका का मंदिर है वहाँ, क्लिटो का नहीं। नई देवी के मिलते ही लोग पुरानी देवी को भूल गए।
बहुत ही रोमाँचक चल रही है कहानी भाई Raj_sharma. Keep it up! :)

Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌

Badhiya update bhai

Ye to lagta ha punarjanm wala concept lagta ha Suyesh Shalaka ka Aryan nikla lagta ha sari ghatnayen Suyesh ko idhar lane ke liye hi hui thi fir shefali ka kya role ha lekin ye aryan kon ha iska to jikra hi nahi hua ha abhi tak kahani me shayd

Or ye murti ha mandir me football ke akar ke moti ko pakde hue wo to lidia ki honi chahiye thi na kyonki usne moti ko bina ring ke pakda tha jisse wo pathar ki ban gayi thi to ise shalaka ki murti kyon kaha ja raha ha

Or posiden ko shak ho gaya tha na lidia per lagta ha aryan lidia ka lover tha shalaka lidia ka punarjanm or suyesh aryan ka punarjanm jisse ye tilism tut jaye fir bhi dekhte han age kya hota ha

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update.....

बहुत ही शानदार और रोमांचकारी अपडेट है भाई मजा आ गया
सुयश और उसकी टोली शलाका मंदिर पहुंच गयी वहा सात स्तंभो का महत्व भी शेफाली के व्दारा सभी को पता चला वही एक पत्थर पर पाव रखने से एक बैंगनी रोशनी निकल कर एक पेड पर पडी पेड तो सिधा हो गया लेकीन सुयश वहा लटक गया वो पिछे नहीं आ सका
वैसे ये शेफाली एरकान भाषा कैसे समझ रहीं हैं और पढ रहीं हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है

Suyash toh Shalaka ka 'Aaryan' nikla! 👩‍❤️‍👨

Aisa lagta hai ki 'Supreme' 🛳️ par sawaar logo ki taqdeer pehle se hi tay thi. Waha aaye har ek insaan ka koi na koi zaruri kirdaar hai. Khas kar Suryavanshi Suyash 🌞ka aur a Mystery girl Shefali 🧝🏻‍♀️ ka. Abhi tak Aslam 🕵🏽‍♂️ ka asli maqsad samjh nahi aaya!

Roger 👨🏼‍✈️ ki adhuri kahani bhi abhi aage badhegi. Umeed hai ki woh bhi zinda ho aur paltan mei fir se shamil ho jaaye.
:cool3:

nice update

Nice update....

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
ये देवी शलाका का सौंदर्य अद्भुत मनमोहक हैं तभी तो सुयश मोहित हो कर उस रुप सौंदर्य में खो गया लेकीन ये क्या सुयश को देवी का स्पर्श एकदम सजीव लगा और खंबे से निकली रोशनी भी वो झेल गया वही अंटार्क्टिका में देवी शलाका के मुस्कान के साथ कहना मैं हजारो साल से तुम्हारा इंतजार कर रही हु तो क्या तिलस्म सुयश के हाथों भंग होने वाला हैं
ये सुयश तो सुपरमॅन निकला
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bhut hi badhiya update
Lagta hai suyash ka ye punarjanam hai pichle janam me vah devi shalaka ka aaryan tha isiliye to use vah murti jeevit partit huyi or vah khambe se nikali roshani se bhi Bach Gaya
Dekte hai ab suyash is tilism ko kese todra hai

Awesome update

अब आयी असली बात सामने
ये शलाका और आर्यन (सुयश) की प्रेम कहानी है और ये जोड़ी ही तिलिस्म तोड़ेगी
लेकिन शायद आर्यन की मौत ने उसके दूसरे जन्म तक इसे खींच दिया
वैसे कोई जानकारी यश की जिन्दगी के बारे में भी नहीं दी गई तो‌ शायद आर्यन ही‌ सुयश‌ के नकली नाम से शैफाली को इस टापू तक लाने के लिए जहाज का कैप्टन बना हो
शैफाली और अराका एक दूसरे से बहुत गहरे जुड़े हैं या यूं कहो कि दोनों एक ही हैं
शलाका आर्य संस्कृति के अनुरूप साड़ी पहने हैं नाम भी संस्कृत भाषा का है एक स्त्री और एक नगरी के रुप में पहले भी प्रयोग का उल्लेख मिलता है ग्रन्थों में

अंग्रेजी में पोसाइडन या संस्कृत में 'वरूण'... जलाधिपति, समुद्र के स्वामी या महासागर को कहते हैं....

Raj_sharma bhai sabhi update mast h
Aage dekhna ki cristy ka roop kyo aur kisne liya
Ab se mai aapki update regular padhuga jitna ho ske

Ye toh pata tha ki Suyash yahan ka wasi hai jaisa ki Shefali ne sapne mein yahan par Suyash ki statue dekhi thi.
Suyash pahle Aryan tha matlab Shalaka ka premi matlab Suyash bhi ek devta jaisa hai.

Phir Shefali kaun hogi ye janne ke liye aur bhi excitement badh rahi hai.

Brother par bich mein ye Roger aur helicopter kahan se aa gaya, lagta hai pahle wala update yahan aa gaya hai. Roger toh bahut pahle hi mar chuka hai.

Nice and beautiful update.
sunoanuj
DesiPriyaRai


UPDATE POSTED FRIENDS :declare:
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Shandar bhai aage dekhte h kya hota h
Thank you very much for your valuable review bhai :thanx: Aage aur bhi jabardast dhamaake honge bhai:shhhh:
 
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krish1152

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nice update
 
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Baawri Raani

👑 Born to Rule the World 🌏
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Roger 🧑‍✈️ ..bach gaya.. ya fas gaya... ??

Helicopter 🚁 crash se toh bach gaya.. lekin ye Aakruti 👸aur Matoka 👩‍🦲se bach payega?

Ichchadhari-sher 🦁 ke peeche peeche jaakar faas gaya woh.. Aasmaan 🌌 se gire..sandook 🧰 mei atke.. he he he...

Pandit Ji... aap itne saare characters introduce karwa diye hai ki ab yaad rakhna muskil ho gaya hai... Updates palat palat ke padhne pad rahe hai.. :reading: ki kaun kiss location mei hai...

Kahani kai locations pe saath badh rahi hai lekin sab ka connection Arka dweep se hai..

Jawaab kum, sawal aur badh rahe hai..

Lekin kahani aur bhi exciting ho rahi hai.. Us Arka dweep par koi mahayudh ki tarayi shuru hote lag rahi hai.. :fight3:

Agle updates ka besabri se intezaar rahega... :cool3:
 
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