Sunny_power0456
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Shaandar jabardast Romanchak Update#70.
चैपटर-5 (शलाका मंदिर)
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 12:30, मायावन, अराका द्वीप)
सूर्य अब सिर पर चढ़ आया था। पर कोई रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। सभी विचित्र से पेड़-पौधो को देखते हुए आगे बढ़ रहे थे। पीठ पर लदे बैग को सभी आदमी बारी-बारी से उठा रहे थे।
सुबह से दोपहर होने को आ गयी थी मगर कोई भी विचित्र घटना नहीं घटी थी।
“लगता है इस जंगल का कहीं अंत नहीं है?" जॉनी ने अपने होंठ पर जीभ फिराते हुए कहा- “कहीं चलते-चलते ही ना मर जाएं।"
“मर जा!" जैक ने मजा लेते हुए कहा- “वैसे भी अब तेरी जिंदगी में रखा क्या है?"
“खोपड़ी मत चाट।" जॉनी अब थोड़ा झुंझला कर बोला- “एक तो वैसे ही शराब ना मिलने से मेरे तो सिर में दर्द भी होने लगा है, जी चाहता है किसी पत्थर पर अपना सिर मार लूं।"
“ये आइिडया भी बुरा नहीं है। जा पत्थर मार कर फोड़ ले अपना सिर।" जैक तो जैसे जॉनी के पीछे ही पड़ गया था- “थोड़ा खून निकलते ही तुझे शांति मिल जायेगी।"
यह सुनते ही जॉनी ने सच में रास्ते में पड़ा एक पत्थर उठा लिया।
“अरे-अरे, क्या कर रहा है नशेड़ी?" जैक ने जॉनी को पत्थर उठाते देख चीख कर कहा- “मैं तो मजाक कर रहा था। तू इसे सच समझ बैठा क्या?"
“मैं कौन सा सीरियस हुं।" जॉनी ने भी ‘ही-ही’ करते हुए अपने दाँत चमकाये।
यह कहकर जॉनी ने पत्थर को पास के एक पेड़ पर जोर से मार दिया। पेड़ पर जहां पत्थर लगा था अचानक एलेक्स की निगाह उधर गई।
“यह तीर का निशान कैसा?" एलेक्स ने सबका ध्यान पेड़ पर उस निशान की ओर ले जाते हुए कहा।
एलेक्स के शब्द सुन अब सबकी निगाह उस पेड़ पर गयी। पेड़ पर सफेद रंग से एक तीर का निशान बना दिखाई दे रहा था। यह देख सभी पेड़ के पास पहुंच गये।
वह सफेद तीर का निशान बांयी तरफ जाने का इशारा कर रहा था। उस तीर के निशान के नीचे कुछ ना समझ में आने वाली कूट भाषा में लिखा भी था।
कूट भाषा को देख सभी की निगाहें स्वतः शैफाली की ओर चली गयी।
“क्या तुम इन निशानो को भी जानती हो शैफाली?" सुयश ने शैफाली की ओर देखते हुए पूछा।
“हां कैप्टन अंकल। मैं तीर के नीचे लिखी भाषा को पढ़ सकती हुं।" शैफाली ने पेड़ की ओर देखते हुए कहा- “इस पर लिखा है- “शलाका मंदिर!“
“शलाका मंदिर!“ सभी ने मन ही मन बुदबुदाया।
“लगता है इस द्वीप पर रहने वाले लोगों की देवी का नाम शलाका है।“ क्रिस्टी ने कहा- “और यह तीर बताता है की अवश्य ही आगे कहीं पर देवी शलाका का मंदिर है।“
“फ़िर तो हमें अवश्य ही उस दिशा में चलना चाहिए।“ अल्बर्ट ने कहा- “शायद वहां पर कोई इंसान भी हमें मिल जाए? और उसे इस द्वीप से निकलने का कोई रास्ता भी पता हो?“
अल्बर्ट की बात सभी को सही लगी अतः वह सभी उस तीर की दिशा में चल दिये।
सभी सावधानीपूर्वक इधर-उधर देखते हुए अपने कदम बढ़ा रहे थे।
“वो देखो सामने।“ जेनिथ ने सभी को एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा- “वहां पर एक और तीर बना है। वह तीर भी पिछले वाले तीर के जैसा ही है।"
जेनिथ की बात सुनकर सभी की निगाहें सामने बने तीर की ओर गयी। सभी लोग दूसरे बने तीर के हिसाब से फ़िर से मुड़ गये।
ये सभी इस बात से बेखबर थे की एक रहस्यमय साया काफ़ी देर से इनका पीछा कर रहा था जो निश्चय ही युगाका का था।
युगाका के चलने से, उसके पैरों से बिल्कुल भी आवाज नही हो रही थी।
रास्ते में कई और तीर के निशान मिले जिसका पीछा करते हुए सभी लोग एक विशालकाय मंदिर के पास पहुंच गये।
मंदिर इतना विशालकाय था कि उसे पूरा घूमने में 4 से 5 घंटे का समय लग जाता। मंदिर सुनहरे पत्थर और धातु से बना था।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी विशालकाय पहाड़ को काटकर वह मंदिर बनाया गया था।
दूर से देखने पर मंदिर की बनावट लगभग किसी हि..दू मंदिर के जैसी लग रही थी।
मंदिर के मुख्य मंडप के शीर्ष पर नटराज का एक चित्र उकेरा था। मुख्य मंडप के अगल-बगल 2 विशाल आदमकद मूर्तियाँ लगी थी।
मंदिर के पिछले हिस्से में 2 धातुओं के विशालकाय खंभे बने थे, जिन पर विचित्र सी आकृतियां बनी थी
और अजीब सी भाषा में कुछ लिखा हुआ था।
मंदिर के मुख्य मंडप में जाने के लिये लगभग 25 सीढ़ियाँ बनी हुई थी।
“यह तो कोई हि..दू मंदिर लग रहा है?" सुयश ने मंदिर को देखते हुए कहा- “और इसकी बनावट से लग रहा है की यह सैकडो साल पुराना है। इतना प्राचीन और भव्य मंदिर किसने इस जंगल में बनवाया होगा?"
सभी चमतकृत होकर इस भव्य मंदिर को निहार रहे थे।
“तो क्या देवी शलाका कोई हिं..दू देवी है?" जेनिथ ने सुयश की ओर देखते हुए पूछ लिया- “परंतु यह मंदिर तो भारत से हजारों किलोमीटर दूर है।"
“इंडिया की सभ्यता भी हजारो साल पुरानी है, हो सकता है इस द्वीप पर पहले कोई इंडियन रहता हो?" अल्बर्ट ने कहा।
सुयश ने अपने जूतों को सीढ़ियो के नीचे ही उतारा और नंगे पैर ही सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। सुयश को ऐसा करते देख सभी ने अपने जूते सीढ़ियो के नीचे ही उतार दिये और सुयश के पीछे-पीछे चल पड़े।
मंदिर का मुख्य मंडप काफ़ी ऊंचा बना था। मुख्य मंडप के बीच का भाग, एक 10 मीटर त्रिज्या के घेरे में, 7 ऊंचे-ऊंचे स्तंभो से घिरा था। उन सातों खंभो पर एक-एक योद्धा का चित्र बना था। हर योद्धा अपने हाथो में एक खतरनाक अस्त्र पकड़े हुए था।
उन खंभो के बीचोबीच में एक पत्थर का चबूतरा बना था, जिस पर एक 6 फुट ऊंची संगमरमर की किसी देवी की प्रतिमा लगी थी।
उस प्रतिमा के चारो तरफ 7 फुट ऊंचे गोलाकार आकृती में पेड़ लगे थे, जो चारो तरफ से प्रतिमा के ऊपर झुके हुए थे। पेड़ो के ऊपर झुके होने की वजह से उस प्रतिमा का चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा था।
शैफाली पहले घूम-घूम कर खंभे पर बने योद्धाओ को देखने लगी।
“ये कैसे योद्धा है ? और इन खंभो पर क्या लिखा है शैफाली?" अल्बर्ट ने शैफाली की ओर देखते हुए पूछा।
“देवी शलाका के 7 भाई है। हर एक खंभा एक भाई का प्रतीक है।" शैफाली ने खंभो की ओर देखते हुए कहा- “और हर एक भाई के पास एक तत्व की शक्ति है।"
“पर यह तो 7 है। हमने तो सिर्फ पंच-तत्व के बारे में सुन रखा है, यह बाकी के 2 तत्व क्या है?" सुयश ने शैफाली से पूछा।
“यह पहले भाई का खंभा है। इस भाई का नाम ‘इवान’ है, इसके पास ‘अग्नि’ की शक्तियां है।" शैफाली ने पहले खंभे की ओर देखते हुए कहा।
सभी की नजर उस खंभे की ओर गयी, जिस पर इवान कोई अग्नि का हथियार हाथ में पकड़े दिखाई दे रहा था। इसके बाद शैफाली दूसरे खंभे के पास जाकर खड़ी हो गयी और सबके पास आने का इंतजार करने लगी।
“यह देवी शलाका का दूसरा भाई ‘ओरियन’ है, इसके पास ‘वायु’ की शक्तियां है।" यह बोल शैफाली किसी गाइड की तरह तीसरे खंभे के पास पहुंच गयी।
सभी फ़िर से शैफाली के पास आ गये।
“यह तीसरा भाई ‘डोरिक्स’ है, इसके पास ‘जल’ की शक्तियां है, फ़िर चौथा भाई ‘कैलीक्स’ है, जिसके पास ‘पृथ्वी’ की शक्तियां है, फ़िर पांचवे भाई का नाम ‘नेरिस’ है, जिसके पास ‘आकाश’ की शक्तियां है, फ़िर छठा भाई ‘डेल्फी’ जिसके पास ‘ध्वनि’ की शक्तियां है और आख़िर में सातवां भाई ‘नियो’ जिसके पास ‘प्रकाश’ की शक्तियां है।"
सभी मंत्रमुग्ध से शैफाली के शब्द सुनते हुए खंभो को देख रहे थे।
उधर मंदिर के द्वार पर छिपा युगाका भी आश्चर्य से शैफाली को खंभो पर लिखी विवरण को पढ़ते हुए देख रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि शैफाली ‘एरकान’ भाषा को कैसे पढ़ सकती है? वो तो ‘अटलांटियन’ है ही नहीं।"
“अच्छा तो यहां पर ‘ध्वनि’ और ‘प्रकाश’ को 2 तत्व और माना गया है।" सुयश ने कहा।
“इसका मतलब सामने चबूतरे पर खड़ी प्रतिमा जरूर शलाका की होगी? जिसे सातो भाइयो ने अपने बीच सुरक्षित रखा है।" क्रिस्टी ने मंदिर के बीच में खड़ी प्रतिमा को देखते हुए कहा।
अब सभी का ध्यान उस प्रतिमा की ओर गया। जो आधा पेड़ से ढकी होने की वजह से नजर नहीं आ रही थी।
“कैप्टन, जरा ध्यान दीजिये।" ब्रेंडन ने कहा- “उस प्रतिमा तक जाने के रास्ते में जमीन पर 7 वर्गाकार
सफेद पत्थर है। कहीं ये भी सात भाइयो के प्रतीक तो नहीं है?"
सुयश ने ध्यान से उन पत्थरो को देखा और कुछ सोचने के बाद पहले पत्थर पर कदम रख दिया।
सुयश के पहले पत्थर पर पैर रखते ही पहला पत्थर बैंगनी रंग से चमकने लगा और इसी के साथ पहले भाई ‘इवान’ का खंभा भी बैंगनी रंग का हो गया।
इसी के साथ उस खंभे से एक बैंगनी रंग की किरण निकली और शलाका की प्रतिमा को घेरे एक पेड़ पर पड़ी। रोशनी के पड़ते ही प्रतिमा के पास लगा वह पेड़ सीधा हो गया। उस पेड़ पर अब बैंगनी रंग के फूल दिखाई देने लगे।
यह देखकर असलम चीख उठा- “रुक जाइये कैप्टन। मुझे यहां पर कोई खतरा दिख रहा है? अब आप आगे मत बढिये।"
“असलम सर सही कह रहे है कैप्टन।" ब्रेंडन ने भी असलम की बात में अपनी सहमित जताई-
“आप वापस आ जाइये।"
सबको चिल्लाते देख सुयश ने अपना कदम पीछे की तरफ करना चाहा, सुयश का पैर पत्थर से उठा तो पर वह पीछे की तरफ नहीं गया। यह देख सुयश ने थोड़ा और ताकत लगायी, पर नतीजा वही रहा। सुयश पीछे ना जा सका।
“प्रोफेसर, मैं पीछे नहीं आ पा रहा।" सुयश ने अल्बर्ट की ओर देखते हुए कहा- “शायद यहां कोई ऐसी अदृश्य ताकत है जो मुझे पीछे नहीं जाने दे रही है।"
जारी रहेगा________![]()
Awesome update#72.
तभी दूर कहीं समुंदर में एक काला धब्बा सा दिखाई दिया। रोजर ने धीरे से पायलेट को हैलीकाप्टर को उस दिशा की ओर मोड़ने का इशारा करते हुए कहा- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।"
पायलेट ने हैलीकाप्टर अब उस दिशा में मोड़ लिया।
थोड़ी देर रुककर रोजर ने फिर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं, बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है।
इसके आसपास हल्कि सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज़्यादा ही गरम है।
क्यों की इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकराकर, धुंध के रुप में आस पास फैल रही है, जो कोहरे के रुप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही है।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है। दूर से देखने पर यह कोई ताज पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है.. ..... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्धा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो...........!
अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफ़ी सुंदर लग रहा है सर।
ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति के लिए हुए दिखाई दे रहा है। पर यह क्या सर?....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?....."
तभी द्वीप के चारो तरफ फैली धुंध धीरे-धीरे हैलीकाप्टर को घेरने लगी और आसमान में एक गहरे लाल रंग के बादलों की टुकड़ी उड़कर उस धुंध में समाहित हो गयी।
उस धुंध का अक्स पानी में पड़कर एक अजीब सा रंग उत्पन्न कर रहा था।
यह देख रोजर की आवाज अत्यन्त विस्मय से भर गई। इतना विचित्र नजारा देख रोजर की आँखो में खौफ साफ नजर आने लगा।
“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?" वॉकी-टॉकी पर सुयश की घबरायी आवाज आयी।
“मैं समझ .....नहीं पा ......रहा हूं सर की मैं......आपको कैसे बताऊं? .......... मैं इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसूस कर रहा हु। ऐसा लगता है जैसे धुंध.......बड़ी तेजी से बढ़ गई है।
आसमान का रंग........समझ में ....नहीं आ ....रहा है।......पानी भी......जैसा दिखना चाहिए....... वैसा नहीं दिख रहा है....और ये क्या?......ये....ये .....यहां ये..... मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम.......।"
अभी रोजर इतना ही बोल पाया था कि तभी द्वीप से निकली एक रहस्मयी तरंग ने हैलीकाप्टर के मैकेनिजम को खराब कर दिया।
“खट् ....खट्..... खटाक।" और इसी के साथ रोजर का संपर्क सुयश से टूट गया।
“सर, हैलीकाप्टर के सारे कण्ट्रोलस एकाएक खराब हो गये हैं। शायद इस क्षेत्र में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे हैं।" पायलेट ने चीख कर रोजर को खतरे से आगाह किया।
हैलीकाप्टर अब किसी परकटी चिड़िया की तरह हवा में लहराने लगा। रोजर समझ गया कि अब हैलीकाप्टर को दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता।
रोजर की नजर अब द्वीप में फैले जंगल पर गयी।
घने जंगल के आगे कुछ दूरी पर रोजर को एक रेगिस्तान जैसा क्षेत्र नजर आया।
“उस तरफ ..... हैलीकाप्टर को कैसे भी उस रेगिस्तान में लैन्ड कराने की कोशिश करो।"
रोजर ने पायलेट को द्वीप के रेतीले हिस्से की तरफ इशारा करते हुए कहा- “अगर हमारा हैलीकाप्टर उधर गिरा तो जिंदा बचने की संभावनाएं ज़्यादा है।"
“मैं कोशिश कर रहा हुं सर।" पायलेट ने चीख कर कहा और हैलीकाप्टर को तेजी से नीचे करने लगा।
तभी एक धुंध ने हैलीकाप्टर के पंखे को अपने घेरे में ले लिया और पंखा नाचते-नाचते रुक गया। हैलीकाप्टर सीधे नीचे गिरने लगा। पायलेट और रोजर दोनों के ही पास अपने को बचाने के लिये बिल्कुल भी समय नहीं था।
रोजर की निगाहे अब सिर्फ और सिर्फ जमीन की ओर थी जो कि धीरे-धीरे उसके पास आती जा रही थी। तभी हैलीकाप्टर द्वीप के ऊपर मौजूद किसी अदृस्य दीवार से टकराया।
हैलीकाप्टर से बहुत तेज़ चिंगारी निकली और इससे पहले कि रोजर कुछ समझ पाता, हैलीकाप्टर घने पेडों से टकराता हुआ जमीन पर आ गया।
रोजर सीट सहित हैलीकाप्टर से निकलकर दूर जा गिरा। आवाज इतनी भयानक थी कि थोड़ी देर तक तो रोजर को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह कहां गिरा?
लगभग 5 मिनट के बाद रोजर थोड़ा चैतन्य हो गया।
रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चेक किया, पर ईश्वर की कृपा से रोजर को छोटी-मोटी खरौंच के सिवा ज़्यादा चोट नहीं आई थी। अब रोजर की निगाह अपने आसपास गयी।
“ये क्या? हैलीकाप्टर तो रेगिस्तान के क्षेत्र में गिरा था, पर यहां तो रेत का कहीं नामोनिशान तक नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है?" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी उसे द्वीप की अद्रस्य दीवार का ख्याल आया।
“वह अदृस्य दीवार कैसी थी? शायद उसी दीवार की वजह से यहां रेगिस्तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान की ओर देखते हुए, अपने मन में कहा।
तभी उसे हैलीकाप्टर का ख्याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई। रोजर को कुछ दूरी पर हैलीकाप्टर के अवशेष पड़े दिखायी दिये, जिनसे धुंआ निकल रहा था।
उसे तुरंत पायलेट का ख्याल आया और यह ख्याल आते ही रोजर ने हैलीकाप्टर की ओर दौड़ लगा दी।
हैलीकाप्टर पेडों के एक झुरमुट के बीच गिरा पड़ा था।
रोजर अभी हैलीकाप्टर से थोड़ा दूर ही था कि तभी उसे हैलीकाप्टर के पीछे किसी जानवर की पूंछ दिखायी दी। यह देख रोजर तुरंत रुक कर एक पेड़ की ओट में हो गया।
अब रोजर की निगाहें हैलीकाप्टर की ओर थी।
तभी उसे एक बड़ा सा शेर दिखाई दिया, जो अब हैलीकाप्टर के अंदर की ओर जा रहा था।
रोजर के पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे वह शेर से लड़ सकता। इसिलये वह चुपचाप पेड़ के पीछे खड़ा शेर को देख रहा था।
थोड़ी देर बाद शेर पायलेट को मुंह में पकड़ कर बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।
पायलेट का शरीर हवा में झूल रहा था। रोजर समझ गया कि पायलेट अब जीवित नहीं है।
शेर पायलेट के शरीर को मुंह में दबाए एक दिशा की ओर चल दिया।
शेर को पायलेट की लाश ले जाते देख रोजर को काफ़ी आश्चर्य हुआ इसिलये रोजर दबे पांव शेर के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को पेडों के झुरमुट के पीछे एक इमारत दिखाई दी। जंगल में इमारत देख कर रोजर को हैरानी हुई।
शेर उस इमारत की तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ पीछे छूट गये।
अब वह इमारत बिल्कुल साफ नजर आने लगी थी।
वह पिरामिड थे और वह भी एक नहीं बल्की 4, वह पिरामिड भी किसी धातु के बने नजर आ रहे थे।
“ये जंगल में पिरामिड कहां से आ गये? और ये शेर....ये शेर उन पिरामिड की तरफ क्यों जा रहा है?" रोजर मन ही मन बुदबुदाया।
शेर अब पिरामिड की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था। रोजर के ये सब कुछ बहुत रहस्यमयी लग रहा था।
कुछ ही देर में शेर पिरामिड के दरवाजे तक पहुंच गया। शेर ने पायलेट की लाश वहीं दरवाजे पर रख दी।
इसके बाद शेर ने एक जोर की दहाड़ मारी, फ़िर पलट कर सीढ़ियों से उतरा और एक दिशा की ओर चल दिया।
रोजर कुछ देर तक सोचता रहा कि वह शेर के पीछे जाए या फ़िर पिरामिड के रहस्य को देखे।
पिरामिड तो अपनी जगह से हिलना नहीं था, इसिलये रोजर ने शेर के पीछे जाने का फैसला कर लिया।
तब तक शेर कुछ आगे तक जा चुका था। रोजर पेड़ के ओट लेते हुए शेर का पीछा करने लगा।
चलते-चलते जंगल का क्षेत्र खत्म होने लगा और पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो गया। मौसम में भी अब ठंडक का अहसास होने लगा था।
तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना गिरता हुआ दिखाई दिया। शेर उस झरने के पास जाकर रूक गया।
शेर ने रूकने के बाद एक नजर चारो ओर मारी और फ़िर ना जाने क्या किया, कि शेर का शरीर धीरे-धीरे इंसान में बदल गया।
अब शेर की जगह एक लंबा-चौड़ा इंसान खड़ा दिखाई देने लगा। रोजर यह देख कर पूरी तरह से घबरा गया। रोजर का दिल अब बहुत तेज ‘धक-धक’ करने लगा।
रोजर के देखते ही देखते, वह इंसान झरने के अंदर प्रवेश कर गया। शायद झरने के अंदर कोई रास्ता था।
रोजर काफ़ी देर तक वहां खड़ा कुछ सोचता रहा। बहुत देर सोचने के बाद अब रोजर ने झरने के अंदर जाने का निर्णय कर लिया।
रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे-धीरे चलता हुआ झरने तक पहुंच गया। झरने के दूसरी तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अंदर डाला, उसे महसूस हुआ कि झरने के अंदर कोई रास्ता छिपा है। यह सोच रोजर झरने के अंदर प्रवेश कर गया।
झरने के दूसरी तरफ एक गुफा थी। गुफा प्रकाशमान थी। रोशनी गुफा में कहां से आ रही थी, यह पता
नहीं चल पा रहा था।
रोजर सधे कदमों से गुफा के अंदर की ओर चल दिया। गुफा अंदर से काफ़ी चौड़ी थी।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को गुफा में सामने की ओर 3 रास्ते दिखायी दिये।
रोजर को समझ नहीं आया कि वह सिंह मानव किस दिशा में गया था। अतः वह अंदाजे से बीच वाले रास्ते की ओर चल दिया। बीच वाला रास्ता आगे जाकर संकरा हो गया।
5 मिनट तक उस रास्ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ में एक दरवाजा बना दिखाई दिया।
रोजर ने सतर्कता के साथ उस दरवाजे के अंदर कदम रखा। वह रास्ता एक विशालकाय कमरे में खुल रहा था।
यह कमरा अत्यन्त विशालकाय और खूबसूरत था। दीवार पर सुनहरी धातु की परत चढ़ी थी और उस परत पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न सजे थे। कमरे के बीच में एक सुनहरी धातु का शानदार पलंग रखा था। एक नजर में यह किसी रानी का शयनकक्ष नजर आ रहा था।
रोजर ये सब देखकर हत्तप्रभ रह गया।
तभी रोजर को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही रोजर एक बड़े से लकड़ी के संदूक में छिप गया। संदूक में एक छोटा सा सुराख था, जिससे रोजर को बाहर का सब कुछ दिखाई दे रहा था।
कमरे में आने वाले 2 लोग थे। पहली एक खूबसूरत सी लड़की थी, जिसने रानियों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। उसके हाथ में जादूगरों की तरह एक लकड़ी का दंड था। उस दंड के ऊपरी कोने पर एक नीले रंग का कोई रत्न लगा था।
दूसरा इंसान ऊपर से नीचे तक काले वस्त्र पहने हुए था। उसके सिर पर एक भी बाल नहीं था। उसने भी अपने हाथ में एक सर्प के समान मुड़ी हुई, लंबी सी छड़ी ले रखी थी।
“तुम्हें अब सामरा राज्य में जाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए ‘आकृति’, मेरी ज्योतिषी गणना के अनुसार ‘तिलिस्मा’ को टूटने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं। तब तक तुम्हें सामरा वासियौ को अपने अधिकार में लेना ही होगा।" मकोटा ने कहा।
जारी रहेगा_______![]()
Nice update....#72.
तभी दूर कहीं समुंदर में एक काला धब्बा सा दिखाई दिया। रोजर ने धीरे से पायलेट को हैलीकाप्टर को उस दिशा की ओर मोड़ने का इशारा करते हुए कहा- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।"
पायलेट ने हैलीकाप्टर अब उस दिशा में मोड़ लिया।
थोड़ी देर रुककर रोजर ने फिर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं, बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है।
इसके आसपास हल्कि सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज़्यादा ही गरम है।
क्यों की इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकराकर, धुंध के रुप में आस पास फैल रही है, जो कोहरे के रुप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही है।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है। दूर से देखने पर यह कोई ताज पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है.. ..... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्धा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो...........!
अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफ़ी सुंदर लग रहा है सर।
ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति के लिए हुए दिखाई दे रहा है। पर यह क्या सर?....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?....."
तभी द्वीप के चारो तरफ फैली धुंध धीरे-धीरे हैलीकाप्टर को घेरने लगी और आसमान में एक गहरे लाल रंग के बादलों की टुकड़ी उड़कर उस धुंध में समाहित हो गयी।
उस धुंध का अक्स पानी में पड़कर एक अजीब सा रंग उत्पन्न कर रहा था।
यह देख रोजर की आवाज अत्यन्त विस्मय से भर गई। इतना विचित्र नजारा देख रोजर की आँखो में खौफ साफ नजर आने लगा।
“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?" वॉकी-टॉकी पर सुयश की घबरायी आवाज आयी।
“मैं समझ .....नहीं पा ......रहा हूं सर की मैं......आपको कैसे बताऊं? .......... मैं इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसूस कर रहा हु। ऐसा लगता है जैसे धुंध.......बड़ी तेजी से बढ़ गई है।
आसमान का रंग........समझ में ....नहीं आ ....रहा है।......पानी भी......जैसा दिखना चाहिए....... वैसा नहीं दिख रहा है....और ये क्या?......ये....ये .....यहां ये..... मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम.......।"
अभी रोजर इतना ही बोल पाया था कि तभी द्वीप से निकली एक रहस्मयी तरंग ने हैलीकाप्टर के मैकेनिजम को खराब कर दिया।
“खट् ....खट्..... खटाक।" और इसी के साथ रोजर का संपर्क सुयश से टूट गया।
“सर, हैलीकाप्टर के सारे कण्ट्रोलस एकाएक खराब हो गये हैं। शायद इस क्षेत्र में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे हैं।" पायलेट ने चीख कर रोजर को खतरे से आगाह किया।
हैलीकाप्टर अब किसी परकटी चिड़िया की तरह हवा में लहराने लगा। रोजर समझ गया कि अब हैलीकाप्टर को दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता।
रोजर की नजर अब द्वीप में फैले जंगल पर गयी।
घने जंगल के आगे कुछ दूरी पर रोजर को एक रेगिस्तान जैसा क्षेत्र नजर आया।
“उस तरफ ..... हैलीकाप्टर को कैसे भी उस रेगिस्तान में लैन्ड कराने की कोशिश करो।"
रोजर ने पायलेट को द्वीप के रेतीले हिस्से की तरफ इशारा करते हुए कहा- “अगर हमारा हैलीकाप्टर उधर गिरा तो जिंदा बचने की संभावनाएं ज़्यादा है।"
“मैं कोशिश कर रहा हुं सर।" पायलेट ने चीख कर कहा और हैलीकाप्टर को तेजी से नीचे करने लगा।
तभी एक धुंध ने हैलीकाप्टर के पंखे को अपने घेरे में ले लिया और पंखा नाचते-नाचते रुक गया। हैलीकाप्टर सीधे नीचे गिरने लगा। पायलेट और रोजर दोनों के ही पास अपने को बचाने के लिये बिल्कुल भी समय नहीं था।
रोजर की निगाहे अब सिर्फ और सिर्फ जमीन की ओर थी जो कि धीरे-धीरे उसके पास आती जा रही थी। तभी हैलीकाप्टर द्वीप के ऊपर मौजूद किसी अदृस्य दीवार से टकराया।
हैलीकाप्टर से बहुत तेज़ चिंगारी निकली और इससे पहले कि रोजर कुछ समझ पाता, हैलीकाप्टर घने पेडों से टकराता हुआ जमीन पर आ गया।
रोजर सीट सहित हैलीकाप्टर से निकलकर दूर जा गिरा। आवाज इतनी भयानक थी कि थोड़ी देर तक तो रोजर को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह कहां गिरा?
लगभग 5 मिनट के बाद रोजर थोड़ा चैतन्य हो गया।
रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चेक किया, पर ईश्वर की कृपा से रोजर को छोटी-मोटी खरौंच के सिवा ज़्यादा चोट नहीं आई थी। अब रोजर की निगाह अपने आसपास गयी।
“ये क्या? हैलीकाप्टर तो रेगिस्तान के क्षेत्र में गिरा था, पर यहां तो रेत का कहीं नामोनिशान तक नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है?" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी उसे द्वीप की अद्रस्य दीवार का ख्याल आया।
“वह अदृस्य दीवार कैसी थी? शायद उसी दीवार की वजह से यहां रेगिस्तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान की ओर देखते हुए, अपने मन में कहा।
तभी उसे हैलीकाप्टर का ख्याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई। रोजर को कुछ दूरी पर हैलीकाप्टर के अवशेष पड़े दिखायी दिये, जिनसे धुंआ निकल रहा था।
उसे तुरंत पायलेट का ख्याल आया और यह ख्याल आते ही रोजर ने हैलीकाप्टर की ओर दौड़ लगा दी।
हैलीकाप्टर पेडों के एक झुरमुट के बीच गिरा पड़ा था।
रोजर अभी हैलीकाप्टर से थोड़ा दूर ही था कि तभी उसे हैलीकाप्टर के पीछे किसी जानवर की पूंछ दिखायी दी। यह देख रोजर तुरंत रुक कर एक पेड़ की ओट में हो गया।
अब रोजर की निगाहें हैलीकाप्टर की ओर थी।
तभी उसे एक बड़ा सा शेर दिखाई दिया, जो अब हैलीकाप्टर के अंदर की ओर जा रहा था।
रोजर के पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे वह शेर से लड़ सकता। इसिलये वह चुपचाप पेड़ के पीछे खड़ा शेर को देख रहा था।
थोड़ी देर बाद शेर पायलेट को मुंह में पकड़ कर बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।
पायलेट का शरीर हवा में झूल रहा था। रोजर समझ गया कि पायलेट अब जीवित नहीं है।
शेर पायलेट के शरीर को मुंह में दबाए एक दिशा की ओर चल दिया।
शेर को पायलेट की लाश ले जाते देख रोजर को काफ़ी आश्चर्य हुआ इसिलये रोजर दबे पांव शेर के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को पेडों के झुरमुट के पीछे एक इमारत दिखाई दी। जंगल में इमारत देख कर रोजर को हैरानी हुई।
शेर उस इमारत की तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ पीछे छूट गये।
अब वह इमारत बिल्कुल साफ नजर आने लगी थी।
वह पिरामिड थे और वह भी एक नहीं बल्की 4, वह पिरामिड भी किसी धातु के बने नजर आ रहे थे।
“ये जंगल में पिरामिड कहां से आ गये? और ये शेर....ये शेर उन पिरामिड की तरफ क्यों जा रहा है?" रोजर मन ही मन बुदबुदाया।
शेर अब पिरामिड की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था। रोजर के ये सब कुछ बहुत रहस्यमयी लग रहा था।
कुछ ही देर में शेर पिरामिड के दरवाजे तक पहुंच गया। शेर ने पायलेट की लाश वहीं दरवाजे पर रख दी।
इसके बाद शेर ने एक जोर की दहाड़ मारी, फ़िर पलट कर सीढ़ियों से उतरा और एक दिशा की ओर चल दिया।
रोजर कुछ देर तक सोचता रहा कि वह शेर के पीछे जाए या फ़िर पिरामिड के रहस्य को देखे।
पिरामिड तो अपनी जगह से हिलना नहीं था, इसिलये रोजर ने शेर के पीछे जाने का फैसला कर लिया।
तब तक शेर कुछ आगे तक जा चुका था। रोजर पेड़ के ओट लेते हुए शेर का पीछा करने लगा।
चलते-चलते जंगल का क्षेत्र खत्म होने लगा और पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो गया। मौसम में भी अब ठंडक का अहसास होने लगा था।
तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना गिरता हुआ दिखाई दिया। शेर उस झरने के पास जाकर रूक गया।
शेर ने रूकने के बाद एक नजर चारो ओर मारी और फ़िर ना जाने क्या किया, कि शेर का शरीर धीरे-धीरे इंसान में बदल गया।
अब शेर की जगह एक लंबा-चौड़ा इंसान खड़ा दिखाई देने लगा। रोजर यह देख कर पूरी तरह से घबरा गया। रोजर का दिल अब बहुत तेज ‘धक-धक’ करने लगा।
रोजर के देखते ही देखते, वह इंसान झरने के अंदर प्रवेश कर गया। शायद झरने के अंदर कोई रास्ता था।
रोजर काफ़ी देर तक वहां खड़ा कुछ सोचता रहा। बहुत देर सोचने के बाद अब रोजर ने झरने के अंदर जाने का निर्णय कर लिया।
रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे-धीरे चलता हुआ झरने तक पहुंच गया। झरने के दूसरी तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अंदर डाला, उसे महसूस हुआ कि झरने के अंदर कोई रास्ता छिपा है। यह सोच रोजर झरने के अंदर प्रवेश कर गया।
झरने के दूसरी तरफ एक गुफा थी। गुफा प्रकाशमान थी। रोशनी गुफा में कहां से आ रही थी, यह पता
नहीं चल पा रहा था।
रोजर सधे कदमों से गुफा के अंदर की ओर चल दिया। गुफा अंदर से काफ़ी चौड़ी थी।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को गुफा में सामने की ओर 3 रास्ते दिखायी दिये।
रोजर को समझ नहीं आया कि वह सिंह मानव किस दिशा में गया था। अतः वह अंदाजे से बीच वाले रास्ते की ओर चल दिया। बीच वाला रास्ता आगे जाकर संकरा हो गया।
5 मिनट तक उस रास्ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ में एक दरवाजा बना दिखाई दिया।
रोजर ने सतर्कता के साथ उस दरवाजे के अंदर कदम रखा। वह रास्ता एक विशालकाय कमरे में खुल रहा था।
यह कमरा अत्यन्त विशालकाय और खूबसूरत था। दीवार पर सुनहरी धातु की परत चढ़ी थी और उस परत पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न सजे थे। कमरे के बीच में एक सुनहरी धातु का शानदार पलंग रखा था। एक नजर में यह किसी रानी का शयनकक्ष नजर आ रहा था।
रोजर ये सब देखकर हत्तप्रभ रह गया।
तभी रोजर को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही रोजर एक बड़े से लकड़ी के संदूक में छिप गया। संदूक में एक छोटा सा सुराख था, जिससे रोजर को बाहर का सब कुछ दिखाई दे रहा था।
कमरे में आने वाले 2 लोग थे। पहली एक खूबसूरत सी लड़की थी, जिसने रानियों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। उसके हाथ में जादूगरों की तरह एक लकड़ी का दंड था। उस दंड के ऊपरी कोने पर एक नीले रंग का कोई रत्न लगा था।
दूसरा इंसान ऊपर से नीचे तक काले वस्त्र पहने हुए था। उसके सिर पर एक भी बाल नहीं था। उसने भी अपने हाथ में एक सर्प के समान मुड़ी हुई, लंबी सी छड़ी ले रखी थी।
“तुम्हें अब सामरा राज्य में जाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए ‘आकृति’, मेरी ज्योतिषी गणना के अनुसार ‘तिलिस्मा’ को टूटने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं। तब तक तुम्हें सामरा वासियौ को अपने अधिकार में लेना ही होगा।" मकोटा ने कहा।
जारी रहेगा_______![]()
Wonderful update brother.#72.
तभी दूर कहीं समुंदर में एक काला धब्बा सा दिखाई दिया। रोजर ने धीरे से पायलेट को हैलीकाप्टर को उस दिशा की ओर मोड़ने का इशारा करते हुए कहा- “सर हमें बहुत दूर एक काला धब्बा सा दिखाई दे रहा है। हम लोग अब उस दिशा में बढ़ रहे हैं। शायद वह कोई पानी का जहाज हो।"
पायलेट ने हैलीकाप्टर अब उस दिशा में मोड़ लिया।
थोड़ी देर रुककर रोजर ने फिर कहा- “हम लोग गलत थे सर। वह कोई जहाज नहीं, बल्कि कोई द्वीप है। अब हम लोग धीरे-धीरे उसके और पास जा रहे हैं। यह कोई छोटा सा, परंतु हरा-भरा द्वीप है।
इसके आसपास हल्कि सी धुंध दिखाई दे रही है।.................अब हम द्वीप के और पास पहुंच गए हैं सर। अचानक कुछ गर्मी बढ़ सी गई है। शायद यह द्वीप कुछ ज़्यादा ही गरम है।
क्यों की इस द्वीप से, समुद्र की ठंडी लहरें टकराकर, धुंध के रुप में आस पास फैल रही है, जो कोहरे के रुप में मुझे दूर से ही दिखाई दे रही है।................. यहां एक विचित्र सी पहाड़ी भी है। दूर से देखने पर यह कोई ताज पहने हुए मानव आकृति के समान प्रतीत हो रही है.. ..... ऐसा लग रहा है जैसे कोई योद्धा इस द्वीप की रखवाली कर रहा हो...........!
अब हम इस द्वीप के ऊपर उड़ान भर रहे हैं सर। ....... यहां किसी भी प्रकार के जीवन का कोई निशान नहीं है। हर तरफ एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। द्वीप के बीच में, एक साफ पानी की झील भी दिख रही है। देखने में यह द्वीप काफ़ी सुंदर लग रहा है सर।
ऊंचाई से देखने पर यह द्वीप एक त्रिभुज की आकृति के लिए हुए दिखाई दे रहा है। पर यह क्या सर?....ओऽऽऽ नोऽऽऽ ...... यह कैसे संभव है?....."
तभी द्वीप के चारो तरफ फैली धुंध धीरे-धीरे हैलीकाप्टर को घेरने लगी और आसमान में एक गहरे लाल रंग के बादलों की टुकड़ी उड़कर उस धुंध में समाहित हो गयी।
उस धुंध का अक्स पानी में पड़कर एक अजीब सा रंग उत्पन्न कर रहा था।
यह देख रोजर की आवाज अत्यन्त विस्मय से भर गई। इतना विचित्र नजारा देख रोजर की आँखो में खौफ साफ नजर आने लगा।
“क्या हुआ रोजर? क्या दिख रहा है तुम्हें?" वॉकी-टॉकी पर सुयश की घबरायी आवाज आयी।
“मैं समझ .....नहीं पा ......रहा हूं सर की मैं......आपको कैसे बताऊं? .......... मैं इस समय .....बड़ा अजीब सा ....महसूस कर रहा हु। ऐसा लगता है जैसे धुंध.......बड़ी तेजी से बढ़ गई है।
आसमान का रंग........समझ में ....नहीं आ ....रहा है।......पानी भी......जैसा दिखना चाहिए....... वैसा नहीं दिख रहा है....और ये क्या?......ये....ये .....यहां ये..... मुझे क्या दिख रहा है.....सर ऐसा लग रहा है .....जैसे कि हम.......।"
अभी रोजर इतना ही बोल पाया था कि तभी द्वीप से निकली एक रहस्मयी तरंग ने हैलीकाप्टर के मैकेनिजम को खराब कर दिया।
“खट् ....खट्..... खटाक।" और इसी के साथ रोजर का संपर्क सुयश से टूट गया।
“सर, हैलीकाप्टर के सारे कण्ट्रोलस एकाएक खराब हो गये हैं। शायद इस क्षेत्र में भी विद्युत चुम्बकीय तरंगे हैं।" पायलेट ने चीख कर रोजर को खतरे से आगाह किया।
हैलीकाप्टर अब किसी परकटी चिड़िया की तरह हवा में लहराने लगा। रोजर समझ गया कि अब हैलीकाप्टर को दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता।
रोजर की नजर अब द्वीप में फैले जंगल पर गयी।
घने जंगल के आगे कुछ दूरी पर रोजर को एक रेगिस्तान जैसा क्षेत्र नजर आया।
“उस तरफ ..... हैलीकाप्टर को कैसे भी उस रेगिस्तान में लैन्ड कराने की कोशिश करो।"
रोजर ने पायलेट को द्वीप के रेतीले हिस्से की तरफ इशारा करते हुए कहा- “अगर हमारा हैलीकाप्टर उधर गिरा तो जिंदा बचने की संभावनाएं ज़्यादा है।"
“मैं कोशिश कर रहा हुं सर।" पायलेट ने चीख कर कहा और हैलीकाप्टर को तेजी से नीचे करने लगा।
तभी एक धुंध ने हैलीकाप्टर के पंखे को अपने घेरे में ले लिया और पंखा नाचते-नाचते रुक गया। हैलीकाप्टर सीधे नीचे गिरने लगा। पायलेट और रोजर दोनों के ही पास अपने को बचाने के लिये बिल्कुल भी समय नहीं था।
रोजर की निगाहे अब सिर्फ और सिर्फ जमीन की ओर थी जो कि धीरे-धीरे उसके पास आती जा रही थी। तभी हैलीकाप्टर द्वीप के ऊपर मौजूद किसी अदृस्य दीवार से टकराया।
हैलीकाप्टर से बहुत तेज़ चिंगारी निकली और इससे पहले कि रोजर कुछ समझ पाता, हैलीकाप्टर घने पेडों से टकराता हुआ जमीन पर आ गया।
रोजर सीट सहित हैलीकाप्टर से निकलकर दूर जा गिरा। आवाज इतनी भयानक थी कि थोड़ी देर तक तो रोजर को कुछ समझ ही नहीं आया कि वह कहां गिरा?
लगभग 5 मिनट के बाद रोजर थोड़ा चैतन्य हो गया।
रोजर ने सबसे पहले उठकर अपने शरीर को चेक किया, पर ईश्वर की कृपा से रोजर को छोटी-मोटी खरौंच के सिवा ज़्यादा चोट नहीं आई थी। अब रोजर की निगाह अपने आसपास गयी।
“ये क्या? हैलीकाप्टर तो रेगिस्तान के क्षेत्र में गिरा था, पर यहां तो रेत का कहीं नामोनिशान तक नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है?" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।
तभी उसे द्वीप की अद्रस्य दीवार का ख्याल आया।
“वह अदृस्य दीवार कैसी थी? शायद उसी दीवार की वजह से यहां रेगिस्तान नजर आ रहा था।" रोजर ने आसमान की ओर देखते हुए, अपने मन में कहा।
तभी उसे हैलीकाप्टर का ख्याल आया। रोजर ने अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई। रोजर को कुछ दूरी पर हैलीकाप्टर के अवशेष पड़े दिखायी दिये, जिनसे धुंआ निकल रहा था।
उसे तुरंत पायलेट का ख्याल आया और यह ख्याल आते ही रोजर ने हैलीकाप्टर की ओर दौड़ लगा दी।
हैलीकाप्टर पेडों के एक झुरमुट के बीच गिरा पड़ा था।
रोजर अभी हैलीकाप्टर से थोड़ा दूर ही था कि तभी उसे हैलीकाप्टर के पीछे किसी जानवर की पूंछ दिखायी दी। यह देख रोजर तुरंत रुक कर एक पेड़ की ओट में हो गया।
अब रोजर की निगाहें हैलीकाप्टर की ओर थी।
तभी उसे एक बड़ा सा शेर दिखाई दिया, जो अब हैलीकाप्टर के अंदर की ओर जा रहा था।
रोजर के पास ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे वह शेर से लड़ सकता। इसिलये वह चुपचाप पेड़ के पीछे खड़ा शेर को देख रहा था।
थोड़ी देर बाद शेर पायलेट को मुंह में पकड़ कर बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।
पायलेट का शरीर हवा में झूल रहा था। रोजर समझ गया कि पायलेट अब जीवित नहीं है।
शेर पायलेट के शरीर को मुंह में दबाए एक दिशा की ओर चल दिया।
शेर को पायलेट की लाश ले जाते देख रोजर को काफ़ी आश्चर्य हुआ इसिलये रोजर दबे पांव शेर के पीछे-पीछे चल दिया।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को पेडों के झुरमुट के पीछे एक इमारत दिखाई दी। जंगल में इमारत देख कर रोजर को हैरानी हुई।
शेर उस इमारत की तरफ ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ पीछे छूट गये।
अब वह इमारत बिल्कुल साफ नजर आने लगी थी।
वह पिरामिड थे और वह भी एक नहीं बल्की 4, वह पिरामिड भी किसी धातु के बने नजर आ रहे थे।
“ये जंगल में पिरामिड कहां से आ गये? और ये शेर....ये शेर उन पिरामिड की तरफ क्यों जा रहा है?" रोजर मन ही मन बुदबुदाया।
शेर अब पिरामिड की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा था। रोजर के ये सब कुछ बहुत रहस्यमयी लग रहा था।
कुछ ही देर में शेर पिरामिड के दरवाजे तक पहुंच गया। शेर ने पायलेट की लाश वहीं दरवाजे पर रख दी।
इसके बाद शेर ने एक जोर की दहाड़ मारी, फ़िर पलट कर सीढ़ियों से उतरा और एक दिशा की ओर चल दिया।
रोजर कुछ देर तक सोचता रहा कि वह शेर के पीछे जाए या फ़िर पिरामिड के रहस्य को देखे।
पिरामिड तो अपनी जगह से हिलना नहीं था, इसिलये रोजर ने शेर के पीछे जाने का फैसला कर लिया।
तब तक शेर कुछ आगे तक जा चुका था। रोजर पेड़ के ओट लेते हुए शेर का पीछा करने लगा।
चलते-चलते जंगल का क्षेत्र खत्म होने लगा और पहाड़ी क्षेत्र शुरू हो गया। मौसम में भी अब ठंडक का अहसास होने लगा था।
तभी रोजर को एक पहाड़ से झरना गिरता हुआ दिखाई दिया। शेर उस झरने के पास जाकर रूक गया।
शेर ने रूकने के बाद एक नजर चारो ओर मारी और फ़िर ना जाने क्या किया, कि शेर का शरीर धीरे-धीरे इंसान में बदल गया।
अब शेर की जगह एक लंबा-चौड़ा इंसान खड़ा दिखाई देने लगा। रोजर यह देख कर पूरी तरह से घबरा गया। रोजर का दिल अब बहुत तेज ‘धक-धक’ करने लगा।
रोजर के देखते ही देखते, वह इंसान झरने के अंदर प्रवेश कर गया। शायद झरने के अंदर कोई रास्ता था।
रोजर काफ़ी देर तक वहां खड़ा कुछ सोचता रहा। बहुत देर सोचने के बाद अब रोजर ने झरने के अंदर जाने का निर्णय कर लिया।
रोजर ने एक नजर चारो ओर मारी और धीरे-धीरे चलता हुआ झरने तक पहुंच गया। झरने के दूसरी तरफ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
रोजर ने अपना एक हाथ झरने के अंदर डाला, उसे महसूस हुआ कि झरने के अंदर कोई रास्ता छिपा है। यह सोच रोजर झरने के अंदर प्रवेश कर गया।
झरने के दूसरी तरफ एक गुफा थी। गुफा प्रकाशमान थी। रोशनी गुफा में कहां से आ रही थी, यह पता
नहीं चल पा रहा था।
रोजर सधे कदमों से गुफा के अंदर की ओर चल दिया। गुफा अंदर से काफ़ी चौड़ी थी।
कुछ आगे जाने के बाद रोजर को गुफा में सामने की ओर 3 रास्ते दिखायी दिये।
रोजर को समझ नहीं आया कि वह सिंह मानव किस दिशा में गया था। अतः वह अंदाजे से बीच वाले रास्ते की ओर चल दिया। बीच वाला रास्ता आगे जाकर संकरा हो गया।
5 मिनट तक उस रास्ते पर चलने के बाद रोजर को पहाड़ में एक दरवाजा बना दिखाई दिया।
रोजर ने सतर्कता के साथ उस दरवाजे के अंदर कदम रखा। वह रास्ता एक विशालकाय कमरे में खुल रहा था।
यह कमरा अत्यन्त विशालकाय और खूबसूरत था। दीवार पर सुनहरी धातु की परत चढ़ी थी और उस परत पर भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न सजे थे। कमरे के बीच में एक सुनहरी धातु का शानदार पलंग रखा था। एक नजर में यह किसी रानी का शयनकक्ष नजर आ रहा था।
रोजर ये सब देखकर हत्तप्रभ रह गया।
तभी रोजर को किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही रोजर एक बड़े से लकड़ी के संदूक में छिप गया। संदूक में एक छोटा सा सुराख था, जिससे रोजर को बाहर का सब कुछ दिखाई दे रहा था।
कमरे में आने वाले 2 लोग थे। पहली एक खूबसूरत सी लड़की थी, जिसने रानियों की वेशभूषा धारण कर रखी थी। उसके हाथ में जादूगरों की तरह एक लकड़ी का दंड था। उस दंड के ऊपरी कोने पर एक नीले रंग का कोई रत्न लगा था।
दूसरा इंसान ऊपर से नीचे तक काले वस्त्र पहने हुए था। उसके सिर पर एक भी बाल नहीं था। उसने भी अपने हाथ में एक सर्प के समान मुड़ी हुई, लंबी सी छड़ी ले रखी थी।
“तुम्हें अब सामरा राज्य में जाने की तैयारी शुरू करनी चाहिए ‘आकृति’, मेरी ज्योतिषी गणना के अनुसार ‘तिलिस्मा’ को टूटने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं। तब तक तुम्हें सामरा वासियौ को अपने अधिकार में लेना ही होगा।" मकोटा ने कहा।
जारी रहेगा_______![]()
Bilkul, kuch aisa hi huwa hai Roger ke saathRoger..bach gaya.. ya fas gaya... ??
Helicoptercrash se toh bach gaya.. lekin ye Aakruti
aur Matoka
se bach payega?
Ichchadhari-sherke peeche peeche jaakar faas gaya woh.. Aasmaan
se gire..sandook
mei atke.. he he he...
Abb kya kare mera to mann hi aisa hai,Pandit Ji... aap itne saare characters introduce karwa diye hai ki ab yaad rakhna muskil ho gaya hai... Updates palat palat ke padhne pad rahe hai..ki kaun kiss location mei hai...
multi location per padhne je jyada likhna aur bhi muskil hota hai sarkaarKahani kai locations pe saath badh rahi hai lekin sab ka connection Arka dweep se hai..
Jawaab kum, sawal aur badh rahe hai..
Lekin kahani aur bhi exciting ho rahi hai.. Us Arka dweep par koi mahayudh ki tarayi shuru hote lag rahi hai..
Agle updates ka besabri se intezaar rahega...
Thank you very much for your valuable review and support bhaiShaandar jabardast Romanchak Update![]()